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Incest बूढ़ी घोड़ी लाल लगाम

Siraj Patel

The name is enough
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Hello everyone.

We are Happy to present to you The annual story contest of XForum


"The Ultimate Story Contest" (USC).


"Chance to win cash prize up to Rs 8000"
Jaisa ki aap sabko maloom hai abhi pichhle hafte hi humne USC ki announcement ki hai or abhi kuch time pehle Rules and Queries thread bhi open kiya hai or Chit Chat thread toh pehle se hi Hindi section mein khula hai.

Well iske baare mein thoda aapko bata dun ye ek short story contest hai jisme aap kisi bhi prefix ki short story post kar sakte ho, jo minimum 700 words and maximum 7000 words ke bich honi chahiye (Story ke words count karne ke liye is tool ka use kare — Characters Tool) . Isliye main aapko invitation deta hun ki aap is contest mein apne khayaalon ko shabdon kaa roop dekar isme apni stories daalein jisko poora XForum dekhega, Ye ek bahot accha kadam hoga aapke or aapki stories ke liye kyunki USC ki stories ko poore XForum ke readers read karte hain.. Aap XForum ke sarvashreshth lekhakon mein se ek hain. aur aapki kahani bhi bahut acchi chal rahi hai. Isliye hum aapse USC ke liye ek chhoti kahani likhne ka anurodh karte hain. hum jaante hain ki aapke paas samay ki kami hai lekin iske bawajood hum ye bhi jaante hain ki aapke liye kuch bhi asambhav nahi hai.

Aur jo readers likhna nahi chahte woh bhi is contest mein participate kar sakte hain "Best Readers Award" ke liye. Aapko bas karna ye hoga ki contest mein posted stories ko read karke unke upar apne views dene honge.

Winning Writer's ko well deserved Cash Awards milenge, uske alawa aapko apna thread apne section mein sticky karne ka mouka bhi milega taaki aapka thread top par rahe uss dauraan. Isliye aapsab ke liye ye ek behtareen mouka hai XForum ke sabhi readers ke upar apni chhaap chhodne ka or apni reach badhaane kaa.. Ye aap sabhi ke liye ek bahut hi sunehra avsar hai apni kalpanao ko shabdon ka raasta dikha ke yahan pesh karne ka. Isliye aage badhe aur apni kalpanao ko shabdon mein likhkar duniya ko dikha de.

Entry thread 15th February ko open ho chuka matlab aap apni story daalna shuru kar sakte hain or woh thread 5th March 2024 tak open rahega is dauraan aap apni story post kar sakte hain. Isliye aap abhi se apni Kahaani likhna shuru kardein toh aapke liye better rahega.

Aur haan! Kahani ko sirf ek hi post mein post kiya jaana chahiye. Kyunki ye ek short story contest hai jiska matlab hai ki hum kewal chhoti kahaniyon ki ummeed kar rahe hain. Isliye apni kahani ko kayi post / bhaagon mein post karne ki anumati nahi hai. Agar koi bhi issue ho toh aap kisi bhi staff member ko Message kar sakte hain.



Story se related koi doubt hai to iske liye is thread ka use kare — Chit Chat Thread

Kisi bhi story par apna review post karne ke liye is thread ka use kare — Review Thread

Rules check karne ke liye is thread ko dekho — Rules & Queries Thread

Apni story post karne ke liye is thread ka use kare — Entry Thread

Prizes
Position Benifits
Winner 4000 Rupees + Award + 5000 Likes + 30 days sticky Thread (Stories)
1st Runner-Up 1500 Rupees + Award + 3500 Likes + 15 day Sticky thread (Stories)
2nd Runner-UP 1000 Rupees + 2000 Likes + 7 Days Sticky Thread (Stories)
3rd Runner-UP 750 Rupees + 1000 Likes
Best Supporting Reader 750 Rupees + Award + 1000 Likes
Members reporting CnP Stories with Valid Proof 200 Likes for each report



Regards :- XForum Staff
 

Raghuraka

Member
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Yr Jo bhi
सुधिया अपने चौडे चूतर फैलाकर अपने बेटे के सामने छल छल मूते जा रही थी और कल्लू नजरें बचाकर अपनी अम्मा के भारी भरकम गुदाज़ गांड को निहारता जा रहा था .....मीना ये सब देख रही थी कि कैसे उसकी मुह बोली नन्द का बेटा अपनी ही माॅ की गांड देख रहा है

मीना -अच्छी है ना बेटा ?

कल्लू- क्कक क्या मामी ?

मीना -वही जे तू देख रहो है

कल्लू- धत्त मामी (और शरमा कर दूसरी तरफ देखने लगता है तबतक सुधिया मूत चुकी थी और अपनी साडी नीचे करके खडी हो गयी )

कल्लू- चलिए भाभी....पता नही और कितनी देर चलना है

मीना- जादा दूर ना है बन्नो बस पहुचने ही वाले है
(तेजी से बंगाली बाबा और उनके बीच की दूरी कम हो रही थी अब देखना यह था कि बंगाली बाबा ऐसा क्या करनेवाले थे जिससे कल्लू एक शक्तिवान मर्द बन जाता)

चलिए थोडी नजर हरिया के अतीत मे डाल लेते है

अपनी अम्मा सूगना की चुत पीकर हरिया बेशुद्ध पडा था मानो चुत के रस को पीकर उसे मीठी निद्रा ने अपने वश मे कर लिया था यही हाल सूगना का था वह भी अपनी बूर चटवाने बाद मदहोश भरी नींद मे थी
धीरे धीरे दोपहर हो गयी और सुगना की नींद खुली , वह अब भी आनंद के सागर मे गोते लगा रही थी इस आनंद का अनुभव उसे पागल बना रहा था उसने ठान लिया था कि वह अपने बेटे हरिया को बूरचट्टा बनाएगी जो उसे वह सूख देगा जो उसे जवानी के दिनों मे अपने पति और लाला से मिलता था

हरिया जो कि गहरी नींद मे था उसका बमपिलाट लंड पैजामे से साफ झलक रहा था यह देखकर सूगना की बूर पसीजने लगी वह सोचने लगी कि ऐसा क्या करे कि उसका अपना बेटा हरिया उसकी बूर मे लंड डालकर उसकी चुदाई करे फिलहाल उसे कोई तरकीब नही सूझ रही थी इतने मे हरिया की नींद खुल जाती है अपनी माॅ को अपने करीबदेखकर हरिया मंद मंद मुस्कुराता है

हरिया - अम्मा, बताई नाही
सुगना -क्या बेटा
हरिया - वही अम्मा वो गाली का मतलब .....सब हमको माधरचोद काहे कहते है का मतलब होवत है इ गाली का
सूगना- अरे नासपिटे मतलब का करेगा जानकर (मन मे .....वक्त आने दे तोरी अम्मा तोका माधरचोद होवयका सौभाग्य देगी देखता नही कितनी तडपती हू )

हरिया -कुछ नाही अम्मा पर....वो .....
सूगना- कुछ मत बोल बेटवा बस अम्मा जो कहती है करता जा
हरिया- हा अम्मा जरूर करूंगा....वैसे आपका दूध बहुत स्वादिष्ट था
सूगना-हाय रे नासपिटे ......(आहे भरती है ) कौन सा वाला ऊपर का या नीचे का
हरिया - दोनो अम्मा लेकिन नीचे का हमको बहुत स्वादिष्ट लगा फिर कब पिलाओगी
सुगना - पिलाउंगी बेटे रात मे पी लेना.....(तूझे बहोत बडा माधरचोद बनाउंगी पूरे गाॅव मे तेरे चर्चे होंगे बेटवा ...मन मे कहती है )

हरिया -ठीक है अम्मा मै लाला जी के घर जाकर देखूं कवनो काम तो नाही आय गया है

सुगना-ठीक है बेटवा जा....और देखना मालकिन जो कहे वो कर देना आखिर उनकी ही कृपा से हमे दो जून की रोटी मिलती है

हरिया - ठीक है अम्मा ..कर दूंगा (इतना कहकर हरिया लाला के घर निकल जाता है )

हरिया - प्रनाम मालकिन ...मालिक आय गये शहर से
रजनी- नही हरिया अभी उन्हे कुछ दिनो का समय लगेगा
हरिया - ठीक है मालकिन कोई काम हो मेरे लायक तो बताय देना

(जबसे हरिया ने उसका दूध दुहा था रजनी बस हरिया से चुदवाना चाहती थी बस उसे यह समझ नही आ रहा था कि वह कैसे कहे हरिया से कि वह उसकी बूर की फाॅको को फैलाकर अपना लंड डाले )

रजनी -काम तो बहुत है रे माधरचोद ......बस यह शंका है वह काम तोसे हो पावेगा कि नाही
हरिया - काहे नाही हो पायेगा मालकिन .. ऐसा कोई काम ना है जो हरिया नही कर सकता
रजनी - रे माधरचोद इत्ता घमंड है तोके अपनेआप पर
हरिया - घमंड नाही मालकिन आतमविश्वास है

रजनी - तो ठीक है मै भी देखती हू .....जा बाहर दुवारे पे जितनी भी घास बढ गयी है सबको छिल दे .और सुन इ काम 15 मिनट मे हो जाना चाहिए....एक भी घास नही छुटनी चाहिए

हरिया- जो हुक्म मालकिन, अभी किए देता हू

(इतना कहकर हरिया घर के बाहर दुवारे जमी गाय को खुरपी से छिलने लगता है .....देखते ही देखते दस मिनट के अंदर ही हरिया सारी घास छिल देता है )

हरिया - मालकिन...ओ मालकिन .....मालकिन
रजनी- का है मुए काहे गला फाड रहा है
हरिया - अरे मालकिन ! मैने दस मिनट मे ही सारी घास छिल दी
रजनी- सारी नही छिली है माधरचोद एक जगह की घास बाकी है
हरिया- सारी छिल दी है मालकिन आप खुदैय देख लो
रजनी- अरे! माॅ के लौडे एक जगह की घास बाकी है चल इधर भीतर आ और छिल
(रजनी हरिया को भीतर कमरे मे ले जाती है और उसे रेजर पकडा देती है )

हरिया- इ तो रेजर है ना मालकिन
रजनी- हा रे हरिया इ रेजर है और इससे तुझे मेरी घास छिलनी है
हरिया - आपकी घास ! आपकी कौन सी घास ?

(इतना सुनते ही रजनी अपनी साडी और पेटीकोट उपर उठा लेती है जिससे उसकी झाॅटो से भरी हुई योनि हरिया की ऑखों के सामने आ जाती है जिसे हरिया बडे गौर से देख रहा था )

रजनी - यही घास है रे हरिया मेरे बच्चे इसे ही छील दे चिकनी बना दे मेरी चिरइया को
हरिया-ठीक है मालकिन (इतना कहकर हरिया रजनी की बूर के पास घुटनों के बल बैठ जाता है और रेजर उसकी फूली हुई बूर पर लगा देता है )

रजनी- ठहर जा ! बिना गिली किए छिलेगा तो कट जाएगी गीली कर ले बचवा
हरिया-ठीक है मालकिन अभी पानी लाता हू
रजनी-रूक(इतना कहकर हरिया का सिर अपनी बूर पर लगा देती है ...हरिया जो की अभी कुछ देर पहले अपनी अम्मा की चुत चाटकर आया था उसे पता था उसे क्या करना है वह अपनी लपलपाती जिव्हा से रजनी की बूर को चाटने लगा )

रजनी तो जैसे सातवे आसमान पर थी

रजनी - आहहहहह चाट माधरचोद पी जा मेरी बूर को कर दे गीली झड जाने दे आहहहहहहह ऊईईईईईईईईई हरिया मेरे बलम चाट मेरे बचवा आहहहहहहह आहहहहह माॅआआआआआ ऐसे ही जीभ अंदर बाहर कर दे

हरिया - चाट रहा हू मालकिन बडा स्वाद आ रहा है मालकिन ऑहहहहह उममममममम मुआआआआआआहहहहह लपपपपपपपप सर्पर्पर्पर्पर्पर्प लप्प्प्प्प्प्प्प्प्प

रजनी अपनी कमर हरिया के मुह पर मारने लगती है

रजनी- आहहहहहहह बचवा मेरे लाल कभी नोकर नही समझा तुझे चाट मेरी बूर को आहहहहहहहहह उहहहहहहहहह उफ्फफफफफफफ मेरे छोटे बलम आहहहहहहहहह तोपे वारी जाऊ आहहहहहहहहहहहह चाट मेरे बेटे उफफफफफफफ
काश!......काश! तू मेरा बेटा होता आहहहहहहह उफ्पपपफफफफफफ (इतना कह कर रजनी झडने लगती है )

हरिया- मालकिन मै आपके बेटे जैसा ही तो हू (रजनी की बूर को चाटे जा रहा था )

रजनी- हा रे बचवा अब घास छिल दे

(हरिया तूरंत रजनी की बूर पर रेजर सेट करता है जो कि चुत चटाई से काफी गीली हो चुकी थी और उसकी झाॅटे (जो भूरे सुनहरे रंग की थी) छिलने लगता है और कुछ ही देर मे रजनी की बूर चिकनी हो जाती हैं
Jo bhi mst story hoti h use complete nhi krte ho aage bado yr update do
 
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Reactions: kamdev99008

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Bhai Gyan ji kahani phir se suru kare. Mast kahani ko bich mein naa chore.
 
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दोस्तों इस कहानी को न लिखने की वजह ये थी की मुझे कहानी अपने मर्जी से लिखना अच्छा लगता है लेकिन कुछ पाठक मैसेज मे गाली देने लगे क्यूकी उनके हिसाब से नही लिख रहा था । अगर मुझे कोई परेशान न करे तो ये कहानी धमाकेदार हो सकती है ।
 

Mass

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दोस्तों इस कहानी को न लिखने की वजह ये थी की मुझे कहानी अपने मर्जी से लिखना अच्छा लगता है लेकिन कुछ पाठक मैसेज मे गाली देने लगे क्यूकी उनके हिसाब से नही लिख रहा था । अगर मुझे कोई परेशान न करे तो ये कहानी धमाकेदार हो सकती है ।
Kahani apne hisaab se likho..jaise aapne socha hai..log to apne views dete rahenge..but you go as per your plan.

Gyanchod12345
 
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