varunsingh1990
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Kya zabardast update hai bro maza aa gaya agar story me pics or gif bhi add karo to story padne ka maza doguna ho jayega plzअब्बास तो ख़ुशी के मरे उछल ही पड़ा.
वो ख़ुशी से हकलाता हुआ सा बोला. "मेरी प्यारी बेटी ज़ैनब. क्या सच में आज तक उस्मान ने कभी भी तुम्हारी गांड नहीं मरी. क्या सच में तुम गांड के तरफ से कुंवारी हो. क्या तुम मुझे अपनी गांड मार कर अपनी गांड की सील तोड़ने का मौका दोगी.? कया मैं तुम्हारी गांड का उद्धघाटन करने वाला पहला शख्स होऊंगा.?"
ज़ैनब अपने बाप को प्यार से चूम कर बोली. "हाँ अब्बाजान , आज तक उस्मान ने मुझे पिछले छेद में कभी ऊँगली तक नहीं डाली है. पीछे तो मैं बिलकुल कुंवारी हूँ. हे अल्लाह तू कितना रेहमत वाला है, कि मेरी गांड आज तक मेरे अपने अब्बा के लिए तूने बचा कर रखी है. आज मैं अपने अब्बा को अपनी पिछली सील तुड़वाने का मौका दे रही हूँ. "
अब्बास का लण्ड तो ख़ुशी के मरे फटने को आ रहा था. ज़ैनब ने उसे हाथ में पकड़ लिया. वो समझ गयी कि उसके बाप का लण्ड उसकी गांड मारने की आशा के कारण इतना उछाल रहा है. वो प्यार से अपने अब्बा का लण्ड सहलाती हुई बोली.
"अब्बाजान। मैं आज बहुत खुश हूँ की मैं अपने अब्बू को अपनी गांड का उद्धघाटन करने का मौका दे सकी. पर आप तो जानते ही है कि आपका लण्ड कितना बड़ा और मोटा है. मैं तो अपनी इतनी खुल चुकी और इतनी बार चुद चुकी चूत मैं भी इसे बड़ी दिक्कत और मुश्किल से ले पायी थी. तो आप समझ सकते है कि मुझे इस को पिछले छेद में, जिसमे आज तक किसी की एक ऊँगली भी नहीं घुसी है, लेना मुश्किल होगा. इसलिए मेरी आप से बस एक ही गुजारिश है की इसे जरा धीरे धीरे से और तेल लगा कर डालना , मैं आपका साथ देने की पूरी कोशिश करुँगी. "
अब्बास ने भी ज़ैनब की गांड की दरार में अपनी ऊँगली सहलाते हुए कहा।
"ज़ैनब चाहे मेरा तुमसे हलाला निकाह हुआ है पर फिर भी तुम मेरी बेटी हो. एक बाप कैसे अपनी प्यारी बेटी को तकलीफ दे सकता है. तुम बिलकुल भी चिंता न करो. मैं खूब सारा तेल लगा कर ही तुम्हारी गांड का उद्धघाटन करूँगा और सील तोडूंगा. अगर तुम्हे जरा भी ज्यादा तकलीफ हुई जिसे तुम सहन न कर पायी तो मुझे बता देना मैं तुरंत अपना लण्ड तुम्हारी गांड से निकल लूँगा. ठीक है न ?"
जैनब ने ख़ुशी से हां में सर हिलाया.
ज़ैनब- आप जितना देर चाहें मेरी गांड मार लीजिये मैं उफ़ तक नहीं करुँगी. लेकिन मुझे अपनी गांड मे आपका मोटा लंड चाहिए।
अब्बास- अच्छा ठीक है और ज़ैनब की गदराई गान्ड को दबोचते हुए, लेकिन बेटी तुम्हारी गान्ड मे ज़्यादा दर्द ना हो इसके लिए मुझे तेल लगा कर तुम्हारी गान्ड को चिकना बनाना पड़ेगा।
अब्बास अपनी बेटी की नंगी गदराई जवानी उसके मोटे-मोटे कसे हुए दूध और फूली हुई चूत को देख कर मस्त हो जाता है।
और खुद भी अपने सारे कपड़े उतार कर पूरा नंगा हो जाता है उसका मोटा लंड सर उठाए खड़ा रहता है और वह अपनी बेटी के पास जाकर उसकी नंगी गदराई जवानी को अपनी बाँहो मे भर कर पागलो की तरह चूमने लगता है।
दोनो बाप बेटी एक दूसरे से पूरे नंगे खड़े होकर चिपके हुए एक दूसरे की गान्ड और पीठ को सहलाते हुए एक दूसरे के मुँह, होंठ को चूमने लगते है।
अब्बास- बेटी चलो ड्रेसिंग टेबल के शीशे मे एक दूसरे को नंगा देख कर मज़ा लेते है।
ज़ैनब-अपने अब्बा के लंड को अपने हाथो से पकड़ कर अपनी गान्ड मटकाती हुई धीरे-धीरे अब्बास के लंड को अपने हाथो से खिचते हुए ड्रेसिंग टेबल की ओर जाने लगती है और अब्बास अपनी बेटी के गदराए चुतडो की मस्तानी थिरकन को देखता हुआ चल देता है।
ड्रेसिंग टेबल के शीशे के सामने जाकर दोनो एक दूसरे से नंगे ही चिपक जाते है और शीशे मे एक दूसरे का चेहरा देख कर मुस्कुराते हुए एक दूसरे के नंगे बदन को सहलाने लगते है।
ज़ैनब अपनी मोटी गदराई गान्ड को शीशे के सामने करके थोड़ा अपनी गान्ड को बाहर निकाल कर अपने अब्बा को दिखाती है और अब्बास अपनी बेटी की मस्तानी गान्ड को शीशे मे देखते हुए उसकी गदराई गान्ड के मोटे-मोटे पाटो को सहलाता हुआ अपनी बेटी की गहरी गुदा मे अपने हाथ की उंगलिया फेर-फेर कर सहलाने लगता है और ज़ैनब अपने अब्बा के मोटे लंड के टोपे को खोल कर उसके टोपे को सहलाने लगती है।
तभी अब्बास ड्रेसिंग टेबल के उपर रखी ऑमंड ड्रॉप्स की शीशी को उठा कर उससे तेल निकाल कर अपनी बेटी की मोटी गान्ड की दरार मे तेल लगा कर उसकी गदराई मोटी गान्ड के छेद मे अपनी उंगली घुसा-घुसा कर तेल लगाने लगता है तभी ज़ैनब अपनी हथेली को आगे करके अब्बास को अपने हाथ मे तेल डालने का इशारा करती है और अब्बास उसके हाथो मे तेल डाल देता है और ज़ैनब अपने हाथो मे तेल लेकर अपने अब्बा के मोटे लंड मे तेल लगा-लगा कर उसे सहलाने लगती है।
अब्बास अपनी बेटी के मोटे गदराए चुतडो को पूरा तेल से भिगो देता है और खूब कस-कस कर अपनी बेटी के मस्ताने चुतडो की मालिश करने लगता है।
वह जितनी ज़ोर से अपनी उंगलियो को अपनी बेटी की गान्ड की छेद मे भरता है ज़ैनब भी उतनी ही तेज तरीके से अपने हाथो को अपने अब्बा के लंड पर कस-कस कर तेल मलने लगती है।
करीब 10 मिनिट तक दोनो एक दूसरे की गान्ड और लंड मे तेल लगा-लगा कर पूरी तरह चिकना कर देते है उसके बाद अब्बास अपनी बेटी को बेड से सटा कर पेट के बल बेड के नीचे टाँगे झुला कर लिटा देता है और फिर अपनी बेटी की मोटी गान्ड के छेद को अपने हाथो से फैलाता है तो ज़ैनब अपने अब्बा के हाथ को हटाते हुए अपने हाथो से अपनी गदराई मोटी गान्ड को खूब कस कर फैलाती है और अपने अब्बा को अपनी गान्ड का कसा हुआ छेद दिखा कर बोलती है।
अब्बास- बस बेटी अब सही पोज़ में आ जाओ.. मुझसे सबर नहीं हो रहा.. तेरी मक्खन जैसी गाण्ड मुझे पागल बना रही है।
ज़ैनब ठीक से घोड़ी बन गई और अपनी गांड को पीछे कर दी।
अब्बास- हाँ बस ऐसे ही रहना बेटी.. आज तेरी गाण्ड में लौड़ा घुसा कर मैं धन्य हो जाऊँगा।
अब्बास ने ऊँगली में खूब सारा तेल लगाकर ज़ैनब की गाण्ड के सुराख पे रख दी और धीरे-धीरे उसमें घुसाने लगा।
ज़ैनब- आ आ आह्ह.. पापा.. आईईइ आह्ह.. आराम से.. कुँवारी गाण्ड है मेरी…
अब्बास- अरे बेटी अभी तो ऊँगली से तेल तेरी गाण्ड में भर रहा हूँ ताकि लौड़ा आराम से अन्दर चला जाए।
ज़ैनब- ऊँगली से ही हल्का दर्द हो रहा है.. लौड़ा डालोगे तो मेरी जान ही निकल जाएगी।
अब्बास-अरे कुछ नहीं होगा बेटी।मैं आराम आराम से पेलूँगा।
अब्बास ऊँगली से ज़ैनब की गाण्ड को चोदने लगा.. उसको मज़ा देने के लिए दूसरे हाथ से उसकी चूत में भी ऊँगली करने लगा।
अब ज़ैनब को बड़ा मज़ा आ रहा था..
अब्बास ने तेल ज़ैनब की गाण्ड में अच्छे से लगा दिया था।
अब उसका लौड़ा झटके खाने लगा था।
उसने ज़ैनब की गाण्ड पर एक चुम्बन किया और लौड़े पर अच्छे से तेल लगा लिया।
अब अब्बास ने लौड़ा अपनी बेटी की गाण्ड के सुराख पे रखा.. दोनों हाथों से उसको थोड़ा खोला और टोपी को उसमें फँसा दिया।
ज़ैनब दर्द के मारे सिहर उठी..
अब्बास ने उसकी कमर को कस कर पकड़ा और जोरदार धक्का मारा.. आधा लंड गाण्ड में घुस गया।
यह तो तेल का कमाल था.. वरना गाण्ड इतनी टाइट थी की टोपी भी नहीं घुसती।
ज़ैनब- आआआअ आआआ उूउउ…माँ
अब्बास का लौड़ा एकदम फँस सा गया था.. इतना चिकना होने के बाद भी अब आगे नहीं जा रहा था।
अब्बास- आह उफ़फ्फ़.. बेटी यह तेरी गाण्ड है या आग की भट्टी.. कैसी गर्म हो रही है.. उफ़फ्फ़ लौड़ा जलने लगा है और टाइट भी बहुत है.. साला लौड़ा तो एकदम फँस गया है।
अब्बास आधे लौड़े को ही अन्दर-बाहर करने लगा.. उसको बड़ा मज़ा आ रहा था…
अब गाण्ड में आधा लौड़ा ‘फॅक..फॅक.. फॅक’ की आवाज़ से अन्दर-बाहर होने लगा।
तभी अब्बास ने पूरा लौड़ा टोपी तक बाहर निकाला और ज़ोर से झटका मारा पूरा लौड़ा गाण्ड में जड़ तक घुस गया।
इसी के साथ ज़ैनब झटके के साथ ही बिस्तर पर गिर गई।अब्बास भी उसकी पीठ के ऊपर उसके साथ ही नीचे गिर गया। ज़ैनब अब दर्द से चीखने लगी थी।
अब्बास वैसे ही पड़ा-पड़ा लौड़े को आगे-पीछे करता रहा। दो मिनट में ही उसने ना जाने कितने शॉट मार दिए थे। थोड़ी ही देर में ज़ैनब का दर्द थोड़ा काम होने लगा था।
ज़ैनब- “लो अब्बा अब डालो अपने लंड को अपनी प्यारी बेटी की गदराई गान्ड मे”
अब्बास ज़ैनब की बात सुन कर अपने लंड को अपनी बेटी की गान्ड के छेद मे लगा कर एक तगड़ा धक्का मारता है और उसका लंड अपनी बेटी की टाइट गान्ड के छेद को फैलाता हुआ लगभग आधा अंदर घुस जाता है और ज़ैनब की गान्ड फॅट जाती है और वह ज़ोर से सीसियाते हुए ओह अब्बा बहुत मोटा है आपका लंड।
ज़ैनब-ओह अब्बा प्लीज़ मे मर जाऊंगी, अब्बा रुक जाइये अब्बा प्लीज।
अपने आधे लंड को फसाए हुए अब्बास अपनी बेटी की गान्ड के मोटे-मोटे पाटो को दबोच-दबोच कर सहलाते हुए अपने लंड को धीरे-धीरे अपनी बेटी की मोटी गान्ड मे पेलने लगता है।
ज़ैनब- आह-आह करती हुई अपनी गान्ड के छेद को कभी सिकोडती है कभी फैलाती है, अब्बास लगातार अपनी बेटी की गान्ड के मोटे- मोटे पाटो को मसल-मसल कर सहलाता रहता है जब ज़ैनब कुछ शांत दिखाई देती है तो अब्बास अपने लंड को एकदम से कस कर अपनी बेटी की मोटी गान्ड मे पूरा पेल देता है ।
उसका मोटा लंड उसकी बेटी की मोटी गान्ड को फाड़ता हुआ पूरा अंदर जड़ तक घुस जाता है और ज़ैनब की गान्ड फॅट जाती है और वह ज़ोर-ज़ोर से सीसियाते हुए अपनी गान्ड के छेद को सिकोड़ने लगती है।
अब्बास अपनी बेटी की गान्ड को बड़े प्यार से सहलाता हुआ धीरे-धीरे अपने लंड को अंदर बाहर करने लगता है और ज़ैनब आह-आह अब्बा सी आह-आह ओह अब्बा बहुत दर्द हो रहा है। प्लीज़ रुक जाइए। आह-आह।
अब्बास अपनी बेटी के मोटे चुतडो को कस-कस कर अपने हाथो से भिचता हुआ उसकी गान्ड मारने लगता है और ज़ैनब अपने हाथो के पंजो से चादर को पकड़े हुए अपने अब्बा का मोटा लंड अपनी गदराई गान्ड मे लेने लगती है।
ज़ैनब को बहुत दर्द हो रहा था. अब्बास को डर था की कहीं ज़ैनब दर्द के कारण गांड मरवाने से मना न कर दे तो इस बार अब्बास ने ज़ैनब की कमर को अच्छे से पकड़ा हुआ था ताकि वो आगे ना जा पाए।
एक ही वार में लौड़ा गाण्ड के अन्दर और ज़ैनब की चीख बाहर।
ज़ैनब- आह आआह्ह..अब्बा प्लीज़ आराम से करो ना.. आह अब्बा आप बहुत गंदे हो आह्ह.. आपने एक ही झटके में मेरी गांड फाड़ डाला। उईईइ आह…
अब्बास- अरे कुछ नहीं होगा.. जब चूत का दर्द नहीं रहा.. तो ये भी ठीक हो जाएगा और इसमें भी मज़ा आने लगेगा। अब्बास पागलों की तरह अपनी बेटी ज़ैनब की गाण्ड में दे-दनादन लौड़ा पेल रहा था। ज़ैनब दर्द के साथ साथ मज़े से कराह रही थी।
ज़ैनब- अई आह मार लो आह्ह.. अगर आपका मन गाण्ड मारने का हुआ है.. तो ठीक है आह्ह.. मगर मेरी गांड में बड़ी खुजली और दर्द हो रही है आह्ह..
अब्बास- आह्ह.. आह.. मज़ा आ रहा है बेटी क्या चिकनी गाण्ड है तेरी.. आह्ह.. लौड़ा खुश हो गया आह्ह.. आज तो.. हाँ जान.. रुक थोड़ी देर और गाण्ड का मज़ा लेने दे.. आह्ह.. उसके बाद तेरी चूत को भी शान्त कर दूँगा।
दस मिनट तक गाण्ड मारने के बाद अब्बास और रफ़्तार से चोदने लगा। और अपना लंड ज़ैनब की गांड में पेलने लगा।
ज़ैनब - आह पापा।। मेरी गांड बहुत कसी है। आप तो मेरी गांड फाड़ देंगे। (ज़ैनब घुटनो पे हो कर डॉगी स्टाइल में अब्बास से चुदवाने लगती है)
अब्बास ज़ैनब की कमर को पकडे कस के उसकी गांड मारने लगता है।
ज़ैनब- आह पापा, और अंदर डालिये। चोदिये मुझे
अब्बास अपने लंड को अंदर ढकेल कर ज़ैनब को चोदता है। जब जब उसकी कमर ज़ैनब की बड़ी गांड से टकराती है तब-तब ज़ैनब के मांसल गांड से फ्लैप-फ्लैप के अव्वाज़ आती है।
अब्बास जोश में ज़ैनब को चोद रहा होता है, चोदते हुए ज़ैनब की लटकी चूचियां हवा में झूल रही होती है। अब्बास ज़ैनब की चूचियां पकड़ दबाने लगता है। ज़ैनब जोर से चिल्लाने लगती है।
अब्बास - बेटी इतना मत चिल्लाओ, मोहल्ले वालों को पता चल जाएगा।
ज़ैनब - आह अब्बा , क्या आपको मेरी गांड मारने में ज्यादा मजा आ रहा है?
अब्बास - हाँ बेटी बहुत ज्यादा मजा आ रहा है।
ज़ैनब - ओह अब्बा जब आपको मेरी गांड मारने में इतना मजा आ रहा है तो सोचिये जब जब आप अपनी बेटी के साथ मजा करेंगे तो कितना मजा आएगा आपको?
अब्बास - ओह ज़ैनब बेटी।
ज़ैनब - सच तो कह रही हूँ पापा। क्या आपको बार बार अपनी बेटी को चोदने का मन नहीं करता? बोलिये।
अब्बास - हाँ करता है बेटी, जी करता है कि तुम्हे मैं हर रोज चोदुं।
ज़ैनब- आह अब्बा मुझे चोदिये।। चोदिये न पापा।। मुझे ज़ैनब बेटी कह कर बुलाइये।
अब्बास - आह ज़ैनब आ , आज अपने अब्बा के लंड को अपने गांड में ले ले। मेरी प्यारी बेटी मुझसे चुदेगी न?
ज़ैनब - हाँ अब्बा और चोदीये मुझे।
अब्बास - आह बेटी, मेरे लंड से पानी निकलने वाला है।
ज़ैनब - निकलने दिजिये पापा, गिरा दिजिये मुट्ठ मेरी गांड में।
अब्बास - आह बेटी।। मैं छूट रहा हूँ।।। ।आआआ हहह आआह्ह आआआह्ह्ह्हह।।।
अब्बास ने अपना सारा मुठ ज़ैनब के गांड के अंदर ही गिरा दिया।
ज़ैनब - ओह पापा, आपका गरम-गरम मूठ मेरी गांड के अंदर बहुत अच्छा लग रहा है। मैं तो आपके लंड की गुलाम हो गई पापा।
अब्बास - सच बेटी? (अब्बास ने अपना लंड ज़ैनबकी गांड से बाहर निकाल लिया)
ज़ैनब - हाँ पापा, मैं क्या कोई भी लड़की आपके लंड की गुलाम हो जाएगी। कितना बड़ा और मोटा है आपका लंड़।
अब्बास बेड पे बैठ जाता है,
ज़ैनब अधमरी सी गहरी-गहरी साँसे लेती हुई पड़ी रहती है और अब्बास उसकी गोरी-गोरी पीठ को सहलाता रहता है करीब 2 मिनिट तक अब्बास उसके उपर लेटा रहता है उसके बाद उठ कर अपनी बेटी की गान्ड मे एक थप्पड़ मारते हुए।
अब्बास- अब उठो भी बेटी कब तक पड़ी रहोगी।
ज़ैनब- पलट कर पीठ के बल लेटती हुई,अब्बा कितने ज़ोर से चोद रहे थे आप।
अब्बास- लो कर लो बात खुद ही तो कह रही थी कि अब्बा और ज़ोर से चोद खूब कस कर चोदिए और अब कह रही हो कितना ज़ोर से चोद रहा था।
ज़ैनब- मुस्कुरकर अरे अब्बा उस समय होश रहता है क्या, पर आपको तो सोचना चाहिए था कि आपकी बेटी की क्या हालत होगी, मेरा तो सारा बदन दर्द करने लगा है अब मुझसे उठा भी नही जा रहा है।
अब्बास- अरे बेटी तुम फिकर क्यो करती हो मैं तुम्हे अपनी गोद मे उठा लेता हू और अब्बास अपनी बेटी को अपनी गोद मे उठा लेता है और ज़ैनब उसके सीने से चिपक जाती है, अब्बास अपनी बेटी के होंठो को चूमता हुआ।
अब्बास- बेटी तुम्हारी गान्ड बहुत मस्त है।
ज़ैनब-( मुस्कुरा कर)अब्बा अपनी बेटी को नंगी करके अपनी गोद मे उठाते हुए आपको शरम नही आती है।
अब्बास- तुम्हारे जैसी बेटी को पूरी नंगी करके गोद मे उठाने और अपने लंड मे चढाने मे बहुत मज़ा आता है और (अपनी बेटी की चूत की फांको को फैलाकर देखते हुए )देखो तो बेटी तुम्हारी चूत कितना पानी छोड़ रही है, जानती हो यह क्या कह रही है।
ज़ैनब- मुस्कुरा कर क्या कह रही है।
अब्बास- बेटी यह कह रही है की अब्बा अपने मोटे लंड को मेरे अंदर फसा कर खूब कर कर मेरी चूत मार दीजिये।
ज़ैनब- तो फिर देख क्या रहे है अब्बा जैसा वह कह रही है वैसा आप करते क्यो नही।
अब्बास -" ज़ैनब बेटी. मैं तुम्हारा बहुत ही शुक्रगुजार हूँ की तुमने मेरी सालों की दबी हुई इच्छा पूरी कर दी और मुझे अपनी गांड मार कर उसका उद्धघाटन करने का मौका दिया. मुझे बहुत ही ख़ुशी है की मैने तुम्हारी गांड की सील तोड़ी और मैं पहला शख्स बना जिसने तुम्हारी गांड मारी है. तुमसे हलाला करके मेरा तो जनम ही सफल हो गया. हे अल्लाह तुम्हारा लाख लाख शुक्रिया है कि तुमने मुझे अपनी बेटी को चोदने का मौका दिया. पर बेटी देखो ८ बजने वाले हैं. थोड़ी ही देर में उस्मान आता ही होगा. हमें यह नहीं भूलना चाहिए की अब मुझे तुम्हे तलाक देना होगा और फिर तुम उससे निकाह करके दोबारा उसकी बीवी बन जाओगी. तो चलो अब उठो और नहा धो कर कपडे पहन लो और तैयार हो जाओ. "
ज़ैनब ने अब्बास को कस कर पकड़ लिया और बोली. - " अब्बा. आप बहुत खराब है. कल जब से उस्मान मेरी निकाह आपसे कर के गया है. आप ने मुझे कपडे पहनने का मौका तक नहीं दिया और मुझे तभी से नंगी रखा है और खुद भी नंगे ही हो. अब आप कह रहे हो कि मैं कपडे पहन लूँ. अब्बा मेरा आप से दूर जाने का बिलकुल भी मन नहीं है. आप उस्मान को आने से मना कर दीजिये और हम दोनों ऐसे ही रहेंगे. मेरा आप से दूर जाने का मन नहीं है."
अब्बास बोलै " बेटी ज़ैनब. मैं भी चाहता हूँ की मैं उस्मान को तलाक से मना कर दूँ और तुम्हे सदा के लिए अपनी बीवी बना कर रख लूँ. पर हम दोनों दुनिया की नजरों में बाप बेटी ही हैं , और अभी किसी को हमारी हलाला का पता नहीं है. यदि मैंने तलाक से मना कर दिया तो जरा सोचो की कितना बड़ा स्कैंडल और गड़बड़ हो जाएगी. इसलिए मुझे उस्मान से किया वादा निभाना ही होगा. शायद हमारी किस्मत में एक रात का ही मिलान लिखा था."
ज़ैनब ने अब्बास को जोर से अपने आलिंगन में पकड़ लिया और बोली.
"अब्बा। देखिये दुनिया चाहे कुछ भी कहे पर मैंने मन से आपको अपना शोहर मान लिया है. अब आप उस्मान को मना कर दीजिये वरना जब वो यहाँ आएगा तो मैं खुद उसे निकाह से मना कर दूंगी. कुछ भी हो जाये पर मैं आपके साथ बिताई इस रात को भूल नहीं सकती। और न ही मैं आपको छोड़ कर जाउंगी. आप अम्मी की मौत के बाद से सिर्फ मुठ मार कर ही टाइम पास कर रहे थे. पर अब मेरे तीनो छेद अब आपकी अमानत हैं अब आपको अपनी बेटी की याद में तड़पना नहीं पड़ेगा. मैं इस तलाक और उस्मान से निकाह के लिए सिर्फ एक शर्त पर तैयार हो सकती हूँ. कि चाहे दुनिया और उस्मान की नजरों मैं हम बाप बेटी होंगे पर असल में आप और मेरा यह शरीर का सम्भन्ध सदा रहेगा. मैं आप के पास आती रहूंगी और आज के बाद आप मुठ नहीं मारेंगे और मुझसे ही अपनी जरुरत पूरी करेंगे. मैं आपके साथ गुजारी यह रात को भूल नहीं सकती और इस को सदा चालू रखूंगी. बोलिये मंजूर है?"
बहुत जबरजस्त अपडेट दिया है आज जैनब और अब्बास दोनों एक दूसरे के सामने खुले है।अब्बास तो ख़ुशी के मरे उछल ही पड़ा.
वो ख़ुशी से हकलाता हुआ सा बोला. "मेरी प्यारी बेटी ज़ैनब. क्या सच में आज तक उस्मान ने कभी भी तुम्हारी गांड नहीं मरी. क्या सच में तुम गांड के तरफ से कुंवारी हो. क्या तुम मुझे अपनी गांड मार कर अपनी गांड की सील तोड़ने का मौका दोगी.? कया मैं तुम्हारी गांड का उद्धघाटन करने वाला पहला शख्स होऊंगा.?"
ज़ैनब अपने बाप को प्यार से चूम कर बोली. "हाँ अब्बाजान , आज तक उस्मान ने मुझे पिछले छेद में कभी ऊँगली तक नहीं डाली है. पीछे तो मैं बिलकुल कुंवारी हूँ. हे अल्लाह तू कितना रेहमत वाला है, कि मेरी गांड आज तक मेरे अपने अब्बा के लिए तूने बचा कर रखी है. आज मैं अपने अब्बा को अपनी पिछली सील तुड़वाने का मौका दे रही हूँ. "
अब्बास का लण्ड तो ख़ुशी के मरे फटने को आ रहा था. ज़ैनब ने उसे हाथ में पकड़ लिया. वो समझ गयी कि उसके बाप का लण्ड उसकी गांड मारने की आशा के कारण इतना उछाल रहा है. वो प्यार से अपने अब्बा का लण्ड सहलाती हुई बोली.
"अब्बाजान। मैं आज बहुत खुश हूँ की मैं अपने अब्बू को अपनी गांड का उद्धघाटन करने का मौका दे सकी. पर आप तो जानते ही है कि आपका लण्ड कितना बड़ा और मोटा है. मैं तो अपनी इतनी खुल चुकी और इतनी बार चुद चुकी चूत मैं भी इसे बड़ी दिक्कत और मुश्किल से ले पायी थी. तो आप समझ सकते है कि मुझे इस को पिछले छेद में, जिसमे आज तक किसी की एक ऊँगली भी नहीं घुसी है, लेना मुश्किल होगा. इसलिए मेरी आप से बस एक ही गुजारिश है की इसे जरा धीरे धीरे से और तेल लगा कर डालना , मैं आपका साथ देने की पूरी कोशिश करुँगी. "
अब्बास ने भी ज़ैनब की गांड की दरार में अपनी ऊँगली सहलाते हुए कहा।
"ज़ैनब चाहे मेरा तुमसे हलाला निकाह हुआ है पर फिर भी तुम मेरी बेटी हो. एक बाप कैसे अपनी प्यारी बेटी को तकलीफ दे सकता है. तुम बिलकुल भी चिंता न करो. मैं खूब सारा तेल लगा कर ही तुम्हारी गांड का उद्धघाटन करूँगा और सील तोडूंगा. अगर तुम्हे जरा भी ज्यादा तकलीफ हुई जिसे तुम सहन न कर पायी तो मुझे बता देना मैं तुरंत अपना लण्ड तुम्हारी गांड से निकल लूँगा. ठीक है न ?"
जैनब ने ख़ुशी से हां में सर हिलाया.
ज़ैनब- आप जितना देर चाहें मेरी गांड मार लीजिये मैं उफ़ तक नहीं करुँगी. लेकिन मुझे अपनी गांड मे आपका मोटा लंड चाहिए।
अब्बास- अच्छा ठीक है और ज़ैनब की गदराई गान्ड को दबोचते हुए, लेकिन बेटी तुम्हारी गान्ड मे ज़्यादा दर्द ना हो इसके लिए मुझे तेल लगा कर तुम्हारी गान्ड को चिकना बनाना पड़ेगा।
अब्बास अपनी बेटी की नंगी गदराई जवानी उसके मोटे-मोटे कसे हुए दूध और फूली हुई चूत को देख कर मस्त हो जाता है।
और खुद भी अपने सारे कपड़े उतार कर पूरा नंगा हो जाता है उसका मोटा लंड सर उठाए खड़ा रहता है और वह अपनी बेटी के पास जाकर उसकी नंगी गदराई जवानी को अपनी बाँहो मे भर कर पागलो की तरह चूमने लगता है।
दोनो बाप बेटी एक दूसरे से पूरे नंगे खड़े होकर चिपके हुए एक दूसरे की गान्ड और पीठ को सहलाते हुए एक दूसरे के मुँह, होंठ को चूमने लगते है।
अब्बास- बेटी चलो ड्रेसिंग टेबल के शीशे मे एक दूसरे को नंगा देख कर मज़ा लेते है।
ज़ैनब-अपने अब्बा के लंड को अपने हाथो से पकड़ कर अपनी गान्ड मटकाती हुई धीरे-धीरे अब्बास के लंड को अपने हाथो से खिचते हुए ड्रेसिंग टेबल की ओर जाने लगती है और अब्बास अपनी बेटी के गदराए चुतडो की मस्तानी थिरकन को देखता हुआ चल देता है।
ड्रेसिंग टेबल के शीशे के सामने जाकर दोनो एक दूसरे से नंगे ही चिपक जाते है और शीशे मे एक दूसरे का चेहरा देख कर मुस्कुराते हुए एक दूसरे के नंगे बदन को सहलाने लगते है।
ज़ैनब अपनी मोटी गदराई गान्ड को शीशे के सामने करके थोड़ा अपनी गान्ड को बाहर निकाल कर अपने अब्बा को दिखाती है और अब्बास अपनी बेटी की मस्तानी गान्ड को शीशे मे देखते हुए उसकी गदराई गान्ड के मोटे-मोटे पाटो को सहलाता हुआ अपनी बेटी की गहरी गुदा मे अपने हाथ की उंगलिया फेर-फेर कर सहलाने लगता है और ज़ैनब अपने अब्बा के मोटे लंड के टोपे को खोल कर उसके टोपे को सहलाने लगती है।
तभी अब्बास ड्रेसिंग टेबल के उपर रखी ऑमंड ड्रॉप्स की शीशी को उठा कर उससे तेल निकाल कर अपनी बेटी की मोटी गान्ड की दरार मे तेल लगा कर उसकी गदराई मोटी गान्ड के छेद मे अपनी उंगली घुसा-घुसा कर तेल लगाने लगता है तभी ज़ैनब अपनी हथेली को आगे करके अब्बास को अपने हाथ मे तेल डालने का इशारा करती है और अब्बास उसके हाथो मे तेल डाल देता है और ज़ैनब अपने हाथो मे तेल लेकर अपने अब्बा के मोटे लंड मे तेल लगा-लगा कर उसे सहलाने लगती है।
अब्बास अपनी बेटी के मोटे गदराए चुतडो को पूरा तेल से भिगो देता है और खूब कस-कस कर अपनी बेटी के मस्ताने चुतडो की मालिश करने लगता है।
वह जितनी ज़ोर से अपनी उंगलियो को अपनी बेटी की गान्ड की छेद मे भरता है ज़ैनब भी उतनी ही तेज तरीके से अपने हाथो को अपने अब्बा के लंड पर कस-कस कर तेल मलने लगती है।
करीब 10 मिनिट तक दोनो एक दूसरे की गान्ड और लंड मे तेल लगा-लगा कर पूरी तरह चिकना कर देते है उसके बाद अब्बास अपनी बेटी को बेड से सटा कर पेट के बल बेड के नीचे टाँगे झुला कर लिटा देता है और फिर अपनी बेटी की मोटी गान्ड के छेद को अपने हाथो से फैलाता है तो ज़ैनब अपने अब्बा के हाथ को हटाते हुए अपने हाथो से अपनी गदराई मोटी गान्ड को खूब कस कर फैलाती है और अपने अब्बा को अपनी गान्ड का कसा हुआ छेद दिखा कर बोलती है।
अब्बास- बस बेटी अब सही पोज़ में आ जाओ.. मुझसे सबर नहीं हो रहा.. तेरी मक्खन जैसी गाण्ड मुझे पागल बना रही है।
ज़ैनब ठीक से घोड़ी बन गई और अपनी गांड को पीछे कर दी।
अब्बास- हाँ बस ऐसे ही रहना बेटी.. आज तेरी गाण्ड में लौड़ा घुसा कर मैं धन्य हो जाऊँगा।
अब्बास ने ऊँगली में खूब सारा तेल लगाकर ज़ैनब की गाण्ड के सुराख पे रख दी और धीरे-धीरे उसमें घुसाने लगा।
ज़ैनब- आ आ आह्ह.. पापा.. आईईइ आह्ह.. आराम से.. कुँवारी गाण्ड है मेरी…
अब्बास- अरे बेटी अभी तो ऊँगली से तेल तेरी गाण्ड में भर रहा हूँ ताकि लौड़ा आराम से अन्दर चला जाए।
ज़ैनब- ऊँगली से ही हल्का दर्द हो रहा है.. लौड़ा डालोगे तो मेरी जान ही निकल जाएगी।
अब्बास-अरे कुछ नहीं होगा बेटी।मैं आराम आराम से पेलूँगा।
अब्बास ऊँगली से ज़ैनब की गाण्ड को चोदने लगा.. उसको मज़ा देने के लिए दूसरे हाथ से उसकी चूत में भी ऊँगली करने लगा।
अब ज़ैनब को बड़ा मज़ा आ रहा था..
अब्बास ने तेल ज़ैनब की गाण्ड में अच्छे से लगा दिया था।
अब उसका लौड़ा झटके खाने लगा था।
उसने ज़ैनब की गाण्ड पर एक चुम्बन किया और लौड़े पर अच्छे से तेल लगा लिया।
अब अब्बास ने लौड़ा अपनी बेटी की गाण्ड के सुराख पे रखा.. दोनों हाथों से उसको थोड़ा खोला और टोपी को उसमें फँसा दिया।
ज़ैनब दर्द के मारे सिहर उठी..
अब्बास ने उसकी कमर को कस कर पकड़ा और जोरदार धक्का मारा.. आधा लंड गाण्ड में घुस गया।
यह तो तेल का कमाल था.. वरना गाण्ड इतनी टाइट थी की टोपी भी नहीं घुसती।
ज़ैनब- आआआअ आआआ उूउउ…माँ
अब्बास का लौड़ा एकदम फँस सा गया था.. इतना चिकना होने के बाद भी अब आगे नहीं जा रहा था।
अब्बास- आह उफ़फ्फ़.. बेटी यह तेरी गाण्ड है या आग की भट्टी.. कैसी गर्म हो रही है.. उफ़फ्फ़ लौड़ा जलने लगा है और टाइट भी बहुत है.. साला लौड़ा तो एकदम फँस गया है।
अब्बास आधे लौड़े को ही अन्दर-बाहर करने लगा.. उसको बड़ा मज़ा आ रहा था…
अब गाण्ड में आधा लौड़ा ‘फॅक..फॅक.. फॅक’ की आवाज़ से अन्दर-बाहर होने लगा।
तभी अब्बास ने पूरा लौड़ा टोपी तक बाहर निकाला और ज़ोर से झटका मारा पूरा लौड़ा गाण्ड में जड़ तक घुस गया।
इसी के साथ ज़ैनब झटके के साथ ही बिस्तर पर गिर गई।अब्बास भी उसकी पीठ के ऊपर उसके साथ ही नीचे गिर गया। ज़ैनब अब दर्द से चीखने लगी थी।
अब्बास वैसे ही पड़ा-पड़ा लौड़े को आगे-पीछे करता रहा। दो मिनट में ही उसने ना जाने कितने शॉट मार दिए थे। थोड़ी ही देर में ज़ैनब का दर्द थोड़ा काम होने लगा था।
ज़ैनब- “लो अब्बा अब डालो अपने लंड को अपनी प्यारी बेटी की गदराई गान्ड मे”
अब्बास ज़ैनब की बात सुन कर अपने लंड को अपनी बेटी की गान्ड के छेद मे लगा कर एक तगड़ा धक्का मारता है और उसका लंड अपनी बेटी की टाइट गान्ड के छेद को फैलाता हुआ लगभग आधा अंदर घुस जाता है और ज़ैनब की गान्ड फॅट जाती है और वह ज़ोर से सीसियाते हुए ओह अब्बा बहुत मोटा है आपका लंड।
ज़ैनब-ओह अब्बा प्लीज़ मे मर जाऊंगी, अब्बा रुक जाइये अब्बा प्लीज।
अपने आधे लंड को फसाए हुए अब्बास अपनी बेटी की गान्ड के मोटे-मोटे पाटो को दबोच-दबोच कर सहलाते हुए अपने लंड को धीरे-धीरे अपनी बेटी की मोटी गान्ड मे पेलने लगता है।
ज़ैनब- आह-आह करती हुई अपनी गान्ड के छेद को कभी सिकोडती है कभी फैलाती है, अब्बास लगातार अपनी बेटी की गान्ड के मोटे- मोटे पाटो को मसल-मसल कर सहलाता रहता है जब ज़ैनब कुछ शांत दिखाई देती है तो अब्बास अपने लंड को एकदम से कस कर अपनी बेटी की मोटी गान्ड मे पूरा पेल देता है ।
उसका मोटा लंड उसकी बेटी की मोटी गान्ड को फाड़ता हुआ पूरा अंदर जड़ तक घुस जाता है और ज़ैनब की गान्ड फॅट जाती है और वह ज़ोर-ज़ोर से सीसियाते हुए अपनी गान्ड के छेद को सिकोड़ने लगती है।
अब्बास अपनी बेटी की गान्ड को बड़े प्यार से सहलाता हुआ धीरे-धीरे अपने लंड को अंदर बाहर करने लगता है और ज़ैनब आह-आह अब्बा सी आह-आह ओह अब्बा बहुत दर्द हो रहा है। प्लीज़ रुक जाइए। आह-आह।
अब्बास अपनी बेटी के मोटे चुतडो को कस-कस कर अपने हाथो से भिचता हुआ उसकी गान्ड मारने लगता है और ज़ैनब अपने हाथो के पंजो से चादर को पकड़े हुए अपने अब्बा का मोटा लंड अपनी गदराई गान्ड मे लेने लगती है।
ज़ैनब को बहुत दर्द हो रहा था. अब्बास को डर था की कहीं ज़ैनब दर्द के कारण गांड मरवाने से मना न कर दे तो इस बार अब्बास ने ज़ैनब की कमर को अच्छे से पकड़ा हुआ था ताकि वो आगे ना जा पाए।
एक ही वार में लौड़ा गाण्ड के अन्दर और ज़ैनब की चीख बाहर।
ज़ैनब- आह आआह्ह..अब्बा प्लीज़ आराम से करो ना.. आह अब्बा आप बहुत गंदे हो आह्ह.. आपने एक ही झटके में मेरी गांड फाड़ डाला। उईईइ आह…
अब्बास- अरे कुछ नहीं होगा.. जब चूत का दर्द नहीं रहा.. तो ये भी ठीक हो जाएगा और इसमें भी मज़ा आने लगेगा। अब्बास पागलों की तरह अपनी बेटी ज़ैनब की गाण्ड में दे-दनादन लौड़ा पेल रहा था। ज़ैनब दर्द के साथ साथ मज़े से कराह रही थी।
ज़ैनब- अई आह मार लो आह्ह.. अगर आपका मन गाण्ड मारने का हुआ है.. तो ठीक है आह्ह.. मगर मेरी गांड में बड़ी खुजली और दर्द हो रही है आह्ह..
अब्बास- आह्ह.. आह.. मज़ा आ रहा है बेटी क्या चिकनी गाण्ड है तेरी.. आह्ह.. लौड़ा खुश हो गया आह्ह.. आज तो.. हाँ जान.. रुक थोड़ी देर और गाण्ड का मज़ा लेने दे.. आह्ह.. उसके बाद तेरी चूत को भी शान्त कर दूँगा।
दस मिनट तक गाण्ड मारने के बाद अब्बास और रफ़्तार से चोदने लगा। और अपना लंड ज़ैनब की गांड में पेलने लगा।
ज़ैनब - आह पापा।। मेरी गांड बहुत कसी है। आप तो मेरी गांड फाड़ देंगे। (ज़ैनब घुटनो पे हो कर डॉगी स्टाइल में अब्बास से चुदवाने लगती है)
अब्बास ज़ैनब की कमर को पकडे कस के उसकी गांड मारने लगता है।
ज़ैनब- आह पापा, और अंदर डालिये। चोदिये मुझे
अब्बास अपने लंड को अंदर ढकेल कर ज़ैनब को चोदता है। जब जब उसकी कमर ज़ैनब की बड़ी गांड से टकराती है तब-तब ज़ैनब के मांसल गांड से फ्लैप-फ्लैप के अव्वाज़ आती है।
अब्बास जोश में ज़ैनब को चोद रहा होता है, चोदते हुए ज़ैनब की लटकी चूचियां हवा में झूल रही होती है। अब्बास ज़ैनब की चूचियां पकड़ दबाने लगता है। ज़ैनब जोर से चिल्लाने लगती है।
अब्बास - बेटी इतना मत चिल्लाओ, मोहल्ले वालों को पता चल जाएगा।
ज़ैनब - आह अब्बा , क्या आपको मेरी गांड मारने में ज्यादा मजा आ रहा है?
अब्बास - हाँ बेटी बहुत ज्यादा मजा आ रहा है।
ज़ैनब - ओह अब्बा जब आपको मेरी गांड मारने में इतना मजा आ रहा है तो सोचिये जब जब आप अपनी बेटी के साथ मजा करेंगे तो कितना मजा आएगा आपको?
अब्बास - ओह ज़ैनब बेटी।
ज़ैनब - सच तो कह रही हूँ पापा। क्या आपको बार बार अपनी बेटी को चोदने का मन नहीं करता? बोलिये।
अब्बास - हाँ करता है बेटी, जी करता है कि तुम्हे मैं हर रोज चोदुं।
ज़ैनब- आह अब्बा मुझे चोदिये।। चोदिये न पापा।। मुझे ज़ैनब बेटी कह कर बुलाइये।
अब्बास - आह ज़ैनब आ , आज अपने अब्बा के लंड को अपने गांड में ले ले। मेरी प्यारी बेटी मुझसे चुदेगी न?
ज़ैनब - हाँ अब्बा और चोदीये मुझे।
अब्बास - आह बेटी, मेरे लंड से पानी निकलने वाला है।
ज़ैनब - निकलने दिजिये पापा, गिरा दिजिये मुट्ठ मेरी गांड में।
अब्बास - आह बेटी।। मैं छूट रहा हूँ।।। ।आआआ हहह आआह्ह आआआह्ह्ह्हह।।।
अब्बास ने अपना सारा मुठ ज़ैनब के गांड के अंदर ही गिरा दिया।
ज़ैनब - ओह पापा, आपका गरम-गरम मूठ मेरी गांड के अंदर बहुत अच्छा लग रहा है। मैं तो आपके लंड की गुलाम हो गई पापा।
अब्बास - सच बेटी? (अब्बास ने अपना लंड ज़ैनबकी गांड से बाहर निकाल लिया)
ज़ैनब - हाँ पापा, मैं क्या कोई भी लड़की आपके लंड की गुलाम हो जाएगी। कितना बड़ा और मोटा है आपका लंड़।
अब्बास बेड पे बैठ जाता है,
ज़ैनब अधमरी सी गहरी-गहरी साँसे लेती हुई पड़ी रहती है और अब्बास उसकी गोरी-गोरी पीठ को सहलाता रहता है करीब 2 मिनिट तक अब्बास उसके उपर लेटा रहता है उसके बाद उठ कर अपनी बेटी की गान्ड मे एक थप्पड़ मारते हुए।
अब्बास- अब उठो भी बेटी कब तक पड़ी रहोगी।
ज़ैनब- पलट कर पीठ के बल लेटती हुई,अब्बा कितने ज़ोर से चोद रहे थे आप।
अब्बास- लो कर लो बात खुद ही तो कह रही थी कि अब्बा और ज़ोर से चोद खूब कस कर चोदिए और अब कह रही हो कितना ज़ोर से चोद रहा था।
ज़ैनब- मुस्कुरकर अरे अब्बा उस समय होश रहता है क्या, पर आपको तो सोचना चाहिए था कि आपकी बेटी की क्या हालत होगी, मेरा तो सारा बदन दर्द करने लगा है अब मुझसे उठा भी नही जा रहा है।
अब्बास- अरे बेटी तुम फिकर क्यो करती हो मैं तुम्हे अपनी गोद मे उठा लेता हू और अब्बास अपनी बेटी को अपनी गोद मे उठा लेता है और ज़ैनब उसके सीने से चिपक जाती है, अब्बास अपनी बेटी के होंठो को चूमता हुआ।
अब्बास- बेटी तुम्हारी गान्ड बहुत मस्त है।
ज़ैनब-( मुस्कुरा कर)अब्बा अपनी बेटी को नंगी करके अपनी गोद मे उठाते हुए आपको शरम नही आती है।
अब्बास- तुम्हारे जैसी बेटी को पूरी नंगी करके गोद मे उठाने और अपने लंड मे चढाने मे बहुत मज़ा आता है और (अपनी बेटी की चूत की फांको को फैलाकर देखते हुए )देखो तो बेटी तुम्हारी चूत कितना पानी छोड़ रही है, जानती हो यह क्या कह रही है।
ज़ैनब- मुस्कुरा कर क्या कह रही है।
अब्बास- बेटी यह कह रही है की अब्बा अपने मोटे लंड को मेरे अंदर फसा कर खूब कर कर मेरी चूत मार दीजिये।
ज़ैनब- तो फिर देख क्या रहे है अब्बा जैसा वह कह रही है वैसा आप करते क्यो नही।
अब्बास -" ज़ैनब बेटी. मैं तुम्हारा बहुत ही शुक्रगुजार हूँ की तुमने मेरी सालों की दबी हुई इच्छा पूरी कर दी और मुझे अपनी गांड मार कर उसका उद्धघाटन करने का मौका दिया. मुझे बहुत ही ख़ुशी है की मैने तुम्हारी गांड की सील तोड़ी और मैं पहला शख्स बना जिसने तुम्हारी गांड मारी है. तुमसे हलाला करके मेरा तो जनम ही सफल हो गया. हे अल्लाह तुम्हारा लाख लाख शुक्रिया है कि तुमने मुझे अपनी बेटी को चोदने का मौका दिया. पर बेटी देखो ८ बजने वाले हैं. थोड़ी ही देर में उस्मान आता ही होगा. हमें यह नहीं भूलना चाहिए की अब मुझे तुम्हे तलाक देना होगा और फिर तुम उससे निकाह करके दोबारा उसकी बीवी बन जाओगी. तो चलो अब उठो और नहा धो कर कपडे पहन लो और तैयार हो जाओ. "
ज़ैनब ने अब्बास को कस कर पकड़ लिया और बोली. - " अब्बा. आप बहुत खराब है. कल जब से उस्मान मेरी निकाह आपसे कर के गया है. आप ने मुझे कपडे पहनने का मौका तक नहीं दिया और मुझे तभी से नंगी रखा है और खुद भी नंगे ही हो. अब आप कह रहे हो कि मैं कपडे पहन लूँ. अब्बा मेरा आप से दूर जाने का बिलकुल भी मन नहीं है. आप उस्मान को आने से मना कर दीजिये और हम दोनों ऐसे ही रहेंगे. मेरा आप से दूर जाने का मन नहीं है."
अब्बास बोलै " बेटी ज़ैनब. मैं भी चाहता हूँ की मैं उस्मान को तलाक से मना कर दूँ और तुम्हे सदा के लिए अपनी बीवी बना कर रख लूँ. पर हम दोनों दुनिया की नजरों में बाप बेटी ही हैं , और अभी किसी को हमारी हलाला का पता नहीं है. यदि मैंने तलाक से मना कर दिया तो जरा सोचो की कितना बड़ा स्कैंडल और गड़बड़ हो जाएगी. इसलिए मुझे उस्मान से किया वादा निभाना ही होगा. शायद हमारी किस्मत में एक रात का ही मिलान लिखा था."
ज़ैनब ने अब्बास को जोर से अपने आलिंगन में पकड़ लिया और बोली.
"अब्बा। देखिये दुनिया चाहे कुछ भी कहे पर मैंने मन से आपको अपना शोहर मान लिया है. अब आप उस्मान को मना कर दीजिये वरना जब वो यहाँ आएगा तो मैं खुद उसे निकाह से मना कर दूंगी. कुछ भी हो जाये पर मैं आपके साथ बिताई इस रात को भूल नहीं सकती। और न ही मैं आपको छोड़ कर जाउंगी. आप अम्मी की मौत के बाद से सिर्फ मुठ मार कर ही टाइम पास कर रहे थे. पर अब मेरे तीनो छेद अब आपकी अमानत हैं अब आपको अपनी बेटी की याद में तड़पना नहीं पड़ेगा. मैं इस तलाक और उस्मान से निकाह के लिए सिर्फ एक शर्त पर तैयार हो सकती हूँ. कि चाहे दुनिया और उस्मान की नजरों मैं हम बाप बेटी होंगे पर असल में आप और मेरा यह शरीर का सम्भन्ध सदा रहेगा. मैं आप के पास आती रहूंगी और आज के बाद आप मुठ नहीं मारेंगे और मुझसे ही अपनी जरुरत पूरी करेंगे. मैं आपके साथ गुजारी यह रात को भूल नहीं सकती और इस को सदा चालू रखूंगी. बोलिये मंजूर है?"
अब्बास तो ख़ुशी के मरे उछल ही पड़ा.
वो ख़ुशी से हकलाता हुआ सा बोला. "मेरी प्यारी बेटी ज़ैनब. क्या सच में आज तक उस्मान ने कभी भी तुम्हारी गांड नहीं मरी. क्या सच में तुम गांड के तरफ से कुंवारी हो. क्या तुम मुझे अपनी गांड मार कर अपनी गांड की सील तोड़ने का मौका दोगी.? कया मैं तुम्हारी गांड का उद्धघाटन करने वाला पहला शख्स होऊंगा.?"
ज़ैनब अपने बाप को प्यार से चूम कर बोली. "हाँ अब्बाजान , आज तक उस्मान ने मुझे पिछले छेद में कभी ऊँगली तक नहीं डाली है. पीछे तो मैं बिलकुल कुंवारी हूँ. हे अल्लाह तू कितना रेहमत वाला है, कि मेरी गांड आज तक मेरे अपने अब्बा के लिए तूने बचा कर रखी है. आज मैं अपने अब्बा को अपनी पिछली सील तुड़वाने का मौका दे रही हूँ. "
अब्बास का लण्ड तो ख़ुशी के मरे फटने को आ रहा था. ज़ैनब ने उसे हाथ में पकड़ लिया. वो समझ गयी कि उसके बाप का लण्ड उसकी गांड मारने की आशा के कारण इतना उछाल रहा है. वो प्यार से अपने अब्बा का लण्ड सहलाती हुई बोली.
"अब्बाजान। मैं आज बहुत खुश हूँ की मैं अपने अब्बू को अपनी गांड का उद्धघाटन करने का मौका दे सकी. पर आप तो जानते ही है कि आपका लण्ड कितना बड़ा और मोटा है. मैं तो अपनी इतनी खुल चुकी और इतनी बार चुद चुकी चूत मैं भी इसे बड़ी दिक्कत और मुश्किल से ले पायी थी. तो आप समझ सकते है कि मुझे इस को पिछले छेद में, जिसमे आज तक किसी की एक ऊँगली भी नहीं घुसी है, लेना मुश्किल होगा. इसलिए मेरी आप से बस एक ही गुजारिश है की इसे जरा धीरे धीरे से और तेल लगा कर डालना , मैं आपका साथ देने की पूरी कोशिश करुँगी. "
अब्बास ने भी ज़ैनब की गांड की दरार में अपनी ऊँगली सहलाते हुए कहा।
"ज़ैनब चाहे मेरा तुमसे हलाला निकाह हुआ है पर फिर भी तुम मेरी बेटी हो. एक बाप कैसे अपनी प्यारी बेटी को तकलीफ दे सकता है. तुम बिलकुल भी चिंता न करो. मैं खूब सारा तेल लगा कर ही तुम्हारी गांड का उद्धघाटन करूँगा और सील तोडूंगा. अगर तुम्हे जरा भी ज्यादा तकलीफ हुई जिसे तुम सहन न कर पायी तो मुझे बता देना मैं तुरंत अपना लण्ड तुम्हारी गांड से निकल लूँगा. ठीक है न ?"
जैनब ने ख़ुशी से हां में सर हिलाया.
ज़ैनब- आप जितना देर चाहें मेरी गांड मार लीजिये मैं उफ़ तक नहीं करुँगी. लेकिन मुझे अपनी गांड मे आपका मोटा लंड चाहिए।
अब्बास- अच्छा ठीक है और ज़ैनब की गदराई गान्ड को दबोचते हुए, लेकिन बेटी तुम्हारी गान्ड मे ज़्यादा दर्द ना हो इसके लिए मुझे तेल लगा कर तुम्हारी गान्ड को चिकना बनाना पड़ेगा।
अब्बास अपनी बेटी की नंगी गदराई जवानी उसके मोटे-मोटे कसे हुए दूध और फूली हुई चूत को देख कर मस्त हो जाता है।
और खुद भी अपने सारे कपड़े उतार कर पूरा नंगा हो जाता है उसका मोटा लंड सर उठाए खड़ा रहता है और वह अपनी बेटी के पास जाकर उसकी नंगी गदराई जवानी को अपनी बाँहो मे भर कर पागलो की तरह चूमने लगता है।
दोनो बाप बेटी एक दूसरे से पूरे नंगे खड़े होकर चिपके हुए एक दूसरे की गान्ड और पीठ को सहलाते हुए एक दूसरे के मुँह, होंठ को चूमने लगते है।
अब्बास- बेटी चलो ड्रेसिंग टेबल के शीशे मे एक दूसरे को नंगा देख कर मज़ा लेते है।
ज़ैनब-अपने अब्बा के लंड को अपने हाथो से पकड़ कर अपनी गान्ड मटकाती हुई धीरे-धीरे अब्बास के लंड को अपने हाथो से खिचते हुए ड्रेसिंग टेबल की ओर जाने लगती है और अब्बास अपनी बेटी के गदराए चुतडो की मस्तानी थिरकन को देखता हुआ चल देता है।
ड्रेसिंग टेबल के शीशे के सामने जाकर दोनो एक दूसरे से नंगे ही चिपक जाते है और शीशे मे एक दूसरे का चेहरा देख कर मुस्कुराते हुए एक दूसरे के नंगे बदन को सहलाने लगते है।
ज़ैनब अपनी मोटी गदराई गान्ड को शीशे के सामने करके थोड़ा अपनी गान्ड को बाहर निकाल कर अपने अब्बा को दिखाती है और अब्बास अपनी बेटी की मस्तानी गान्ड को शीशे मे देखते हुए उसकी गदराई गान्ड के मोटे-मोटे पाटो को सहलाता हुआ अपनी बेटी की गहरी गुदा मे अपने हाथ की उंगलिया फेर-फेर कर सहलाने लगता है और ज़ैनब अपने अब्बा के मोटे लंड के टोपे को खोल कर उसके टोपे को सहलाने लगती है।
तभी अब्बास ड्रेसिंग टेबल के उपर रखी ऑमंड ड्रॉप्स की शीशी को उठा कर उससे तेल निकाल कर अपनी बेटी की मोटी गान्ड की दरार मे तेल लगा कर उसकी गदराई मोटी गान्ड के छेद मे अपनी उंगली घुसा-घुसा कर तेल लगाने लगता है तभी ज़ैनब अपनी हथेली को आगे करके अब्बास को अपने हाथ मे तेल डालने का इशारा करती है और अब्बास उसके हाथो मे तेल डाल देता है और ज़ैनब अपने हाथो मे तेल लेकर अपने अब्बा के मोटे लंड मे तेल लगा-लगा कर उसे सहलाने लगती है।
अब्बास अपनी बेटी के मोटे गदराए चुतडो को पूरा तेल से भिगो देता है और खूब कस-कस कर अपनी बेटी के मस्ताने चुतडो की मालिश करने लगता है।
वह जितनी ज़ोर से अपनी उंगलियो को अपनी बेटी की गान्ड की छेद मे भरता है ज़ैनब भी उतनी ही तेज तरीके से अपने हाथो को अपने अब्बा के लंड पर कस-कस कर तेल मलने लगती है।
करीब 10 मिनिट तक दोनो एक दूसरे की गान्ड और लंड मे तेल लगा-लगा कर पूरी तरह चिकना कर देते है उसके बाद अब्बास अपनी बेटी को बेड से सटा कर पेट के बल बेड के नीचे टाँगे झुला कर लिटा देता है और फिर अपनी बेटी की मोटी गान्ड के छेद को अपने हाथो से फैलाता है तो ज़ैनब अपने अब्बा के हाथ को हटाते हुए अपने हाथो से अपनी गदराई मोटी गान्ड को खूब कस कर फैलाती है और अपने अब्बा को अपनी गान्ड का कसा हुआ छेद दिखा कर बोलती है।
अब्बास- बस बेटी अब सही पोज़ में आ जाओ.. मुझसे सबर नहीं हो रहा.. तेरी मक्खन जैसी गाण्ड मुझे पागल बना रही है।
ज़ैनब ठीक से घोड़ी बन गई और अपनी गांड को पीछे कर दी।
अब्बास- हाँ बस ऐसे ही रहना बेटी.. आज तेरी गाण्ड में लौड़ा घुसा कर मैं धन्य हो जाऊँगा।
अब्बास ने ऊँगली में खूब सारा तेल लगाकर ज़ैनब की गाण्ड के सुराख पे रख दी और धीरे-धीरे उसमें घुसाने लगा।
ज़ैनब- आ आ आह्ह.. पापा.. आईईइ आह्ह.. आराम से.. कुँवारी गाण्ड है मेरी…
अब्बास- अरे बेटी अभी तो ऊँगली से तेल तेरी गाण्ड में भर रहा हूँ ताकि लौड़ा आराम से अन्दर चला जाए।
ज़ैनब- ऊँगली से ही हल्का दर्द हो रहा है.. लौड़ा डालोगे तो मेरी जान ही निकल जाएगी।
अब्बास-अरे कुछ नहीं होगा बेटी।मैं आराम आराम से पेलूँगा।
अब्बास ऊँगली से ज़ैनब की गाण्ड को चोदने लगा.. उसको मज़ा देने के लिए दूसरे हाथ से उसकी चूत में भी ऊँगली करने लगा।
अब ज़ैनब को बड़ा मज़ा आ रहा था..
अब्बास ने तेल ज़ैनब की गाण्ड में अच्छे से लगा दिया था।
अब उसका लौड़ा झटके खाने लगा था।
उसने ज़ैनब की गाण्ड पर एक चुम्बन किया और लौड़े पर अच्छे से तेल लगा लिया।
अब अब्बास ने लौड़ा अपनी बेटी की गाण्ड के सुराख पे रखा.. दोनों हाथों से उसको थोड़ा खोला और टोपी को उसमें फँसा दिया।
ज़ैनब दर्द के मारे सिहर उठी..
अब्बास ने उसकी कमर को कस कर पकड़ा और जोरदार धक्का मारा.. आधा लंड गाण्ड में घुस गया।
यह तो तेल का कमाल था.. वरना गाण्ड इतनी टाइट थी की टोपी भी नहीं घुसती।
ज़ैनब- आआआअ आआआ उूउउ…माँ
अब्बास का लौड़ा एकदम फँस सा गया था.. इतना चिकना होने के बाद भी अब आगे नहीं जा रहा था।
अब्बास- आह उफ़फ्फ़.. बेटी यह तेरी गाण्ड है या आग की भट्टी.. कैसी गर्म हो रही है.. उफ़फ्फ़ लौड़ा जलने लगा है और टाइट भी बहुत है.. साला लौड़ा तो एकदम फँस गया है।
अब्बास आधे लौड़े को ही अन्दर-बाहर करने लगा.. उसको बड़ा मज़ा आ रहा था…
अब गाण्ड में आधा लौड़ा ‘फॅक..फॅक.. फॅक’ की आवाज़ से अन्दर-बाहर होने लगा।
तभी अब्बास ने पूरा लौड़ा टोपी तक बाहर निकाला और ज़ोर से झटका मारा पूरा लौड़ा गाण्ड में जड़ तक घुस गया।
इसी के साथ ज़ैनब झटके के साथ ही बिस्तर पर गिर गई।अब्बास भी उसकी पीठ के ऊपर उसके साथ ही नीचे गिर गया। ज़ैनब अब दर्द से चीखने लगी थी।
अब्बास वैसे ही पड़ा-पड़ा लौड़े को आगे-पीछे करता रहा। दो मिनट में ही उसने ना जाने कितने शॉट मार दिए थे। थोड़ी ही देर में ज़ैनब का दर्द थोड़ा काम होने लगा था।
ज़ैनब- “लो अब्बा अब डालो अपने लंड को अपनी प्यारी बेटी की गदराई गान्ड मे”
अब्बास ज़ैनब की बात सुन कर अपने लंड को अपनी बेटी की गान्ड के छेद मे लगा कर एक तगड़ा धक्का मारता है और उसका लंड अपनी बेटी की टाइट गान्ड के छेद को फैलाता हुआ लगभग आधा अंदर घुस जाता है और ज़ैनब की गान्ड फॅट जाती है और वह ज़ोर से सीसियाते हुए ओह अब्बा बहुत मोटा है आपका लंड।
ज़ैनब-ओह अब्बा प्लीज़ मे मर जाऊंगी, अब्बा रुक जाइये अब्बा प्लीज।
अपने आधे लंड को फसाए हुए अब्बास अपनी बेटी की गान्ड के मोटे-मोटे पाटो को दबोच-दबोच कर सहलाते हुए अपने लंड को धीरे-धीरे अपनी बेटी की मोटी गान्ड मे पेलने लगता है।
ज़ैनब- आह-आह करती हुई अपनी गान्ड के छेद को कभी सिकोडती है कभी फैलाती है, अब्बास लगातार अपनी बेटी की गान्ड के मोटे- मोटे पाटो को मसल-मसल कर सहलाता रहता है जब ज़ैनब कुछ शांत दिखाई देती है तो अब्बास अपने लंड को एकदम से कस कर अपनी बेटी की मोटी गान्ड मे पूरा पेल देता है ।
उसका मोटा लंड उसकी बेटी की मोटी गान्ड को फाड़ता हुआ पूरा अंदर जड़ तक घुस जाता है और ज़ैनब की गान्ड फॅट जाती है और वह ज़ोर-ज़ोर से सीसियाते हुए अपनी गान्ड के छेद को सिकोड़ने लगती है।
अब्बास अपनी बेटी की गान्ड को बड़े प्यार से सहलाता हुआ धीरे-धीरे अपने लंड को अंदर बाहर करने लगता है और ज़ैनब आह-आह अब्बा सी आह-आह ओह अब्बा बहुत दर्द हो रहा है। प्लीज़ रुक जाइए। आह-आह।
अब्बास अपनी बेटी के मोटे चुतडो को कस-कस कर अपने हाथो से भिचता हुआ उसकी गान्ड मारने लगता है और ज़ैनब अपने हाथो के पंजो से चादर को पकड़े हुए अपने अब्बा का मोटा लंड अपनी गदराई गान्ड मे लेने लगती है।
ज़ैनब को बहुत दर्द हो रहा था. अब्बास को डर था की कहीं ज़ैनब दर्द के कारण गांड मरवाने से मना न कर दे तो इस बार अब्बास ने ज़ैनब की कमर को अच्छे से पकड़ा हुआ था ताकि वो आगे ना जा पाए।
एक ही वार में लौड़ा गाण्ड के अन्दर और ज़ैनब की चीख बाहर।
ज़ैनब- आह आआह्ह..अब्बा प्लीज़ आराम से करो ना.. आह अब्बा आप बहुत गंदे हो आह्ह.. आपने एक ही झटके में मेरी गांड फाड़ डाला। उईईइ आह…
अब्बास- अरे कुछ नहीं होगा.. जब चूत का दर्द नहीं रहा.. तो ये भी ठीक हो जाएगा और इसमें भी मज़ा आने लगेगा। अब्बास पागलों की तरह अपनी बेटी ज़ैनब की गाण्ड में दे-दनादन लौड़ा पेल रहा था। ज़ैनब दर्द के साथ साथ मज़े से कराह रही थी।
ज़ैनब- अई आह मार लो आह्ह.. अगर आपका मन गाण्ड मारने का हुआ है.. तो ठीक है आह्ह.. मगर मेरी गांड में बड़ी खुजली और दर्द हो रही है आह्ह..
अब्बास- आह्ह.. आह.. मज़ा आ रहा है बेटी क्या चिकनी गाण्ड है तेरी.. आह्ह.. लौड़ा खुश हो गया आह्ह.. आज तो.. हाँ जान.. रुक थोड़ी देर और गाण्ड का मज़ा लेने दे.. आह्ह.. उसके बाद तेरी चूत को भी शान्त कर दूँगा।
दस मिनट तक गाण्ड मारने के बाद अब्बास और रफ़्तार से चोदने लगा। और अपना लंड ज़ैनब की गांड में पेलने लगा।
ज़ैनब - आह पापा।। मेरी गांड बहुत कसी है। आप तो मेरी गांड फाड़ देंगे। (ज़ैनब घुटनो पे हो कर डॉगी स्टाइल में अब्बास से चुदवाने लगती है)
अब्बास ज़ैनब की कमर को पकडे कस के उसकी गांड मारने लगता है।
ज़ैनब- आह पापा, और अंदर डालिये। चोदिये मुझे
अब्बास अपने लंड को अंदर ढकेल कर ज़ैनब को चोदता है। जब जब उसकी कमर ज़ैनब की बड़ी गांड से टकराती है तब-तब ज़ैनब के मांसल गांड से फ्लैप-फ्लैप के अव्वाज़ आती है।
अब्बास जोश में ज़ैनब को चोद रहा होता है, चोदते हुए ज़ैनब की लटकी चूचियां हवा में झूल रही होती है। अब्बास ज़ैनब की चूचियां पकड़ दबाने लगता है। ज़ैनब जोर से चिल्लाने लगती है।
अब्बास - बेटी इतना मत चिल्लाओ, मोहल्ले वालों को पता चल जाएगा।
ज़ैनब - आह अब्बा , क्या आपको मेरी गांड मारने में ज्यादा मजा आ रहा है?
अब्बास - हाँ बेटी बहुत ज्यादा मजा आ रहा है।
ज़ैनब - ओह अब्बा जब आपको मेरी गांड मारने में इतना मजा आ रहा है तो सोचिये जब जब आप अपनी बेटी के साथ मजा करेंगे तो कितना मजा आएगा आपको?
अब्बास - ओह ज़ैनब बेटी।
ज़ैनब - सच तो कह रही हूँ पापा। क्या आपको बार बार अपनी बेटी को चोदने का मन नहीं करता? बोलिये।
अब्बास - हाँ करता है बेटी, जी करता है कि तुम्हे मैं हर रोज चोदुं।
ज़ैनब- आह अब्बा मुझे चोदिये।। चोदिये न पापा।। मुझे ज़ैनब बेटी कह कर बुलाइये।
अब्बास - आह ज़ैनब आ , आज अपने अब्बा के लंड को अपने गांड में ले ले। मेरी प्यारी बेटी मुझसे चुदेगी न?
ज़ैनब - हाँ अब्बा और चोदीये मुझे।
अब्बास - आह बेटी, मेरे लंड से पानी निकलने वाला है।
ज़ैनब - निकलने दिजिये पापा, गिरा दिजिये मुट्ठ मेरी गांड में।
अब्बास - आह बेटी।। मैं छूट रहा हूँ।।। ।आआआ हहह आआह्ह आआआह्ह्ह्हह।।।
अब्बास ने अपना सारा मुठ ज़ैनब के गांड के अंदर ही गिरा दिया।
ज़ैनब - ओह पापा, आपका गरम-गरम मूठ मेरी गांड के अंदर बहुत अच्छा लग रहा है। मैं तो आपके लंड की गुलाम हो गई पापा।
अब्बास - सच बेटी? (अब्बास ने अपना लंड ज़ैनबकी गांड से बाहर निकाल लिया)
ज़ैनब - हाँ पापा, मैं क्या कोई भी लड़की आपके लंड की गुलाम हो जाएगी। कितना बड़ा और मोटा है आपका लंड़।
अब्बास बेड पे बैठ जाता है,
ज़ैनब अधमरी सी गहरी-गहरी साँसे लेती हुई पड़ी रहती है और अब्बास उसकी गोरी-गोरी पीठ को सहलाता रहता है करीब 2 मिनिट तक अब्बास उसके उपर लेटा रहता है उसके बाद उठ कर अपनी बेटी की गान्ड मे एक थप्पड़ मारते हुए।
अब्बास- अब उठो भी बेटी कब तक पड़ी रहोगी।
ज़ैनब- पलट कर पीठ के बल लेटती हुई,अब्बा कितने ज़ोर से चोद रहे थे आप।
अब्बास- लो कर लो बात खुद ही तो कह रही थी कि अब्बा और ज़ोर से चोद खूब कस कर चोदिए और अब कह रही हो कितना ज़ोर से चोद रहा था।
ज़ैनब- मुस्कुरकर अरे अब्बा उस समय होश रहता है क्या, पर आपको तो सोचना चाहिए था कि आपकी बेटी की क्या हालत होगी, मेरा तो सारा बदन दर्द करने लगा है अब मुझसे उठा भी नही जा रहा है।
अब्बास- अरे बेटी तुम फिकर क्यो करती हो मैं तुम्हे अपनी गोद मे उठा लेता हू और अब्बास अपनी बेटी को अपनी गोद मे उठा लेता है और ज़ैनब उसके सीने से चिपक जाती है, अब्बास अपनी बेटी के होंठो को चूमता हुआ।
अब्बास- बेटी तुम्हारी गान्ड बहुत मस्त है।
ज़ैनब-( मुस्कुरा कर)अब्बा अपनी बेटी को नंगी करके अपनी गोद मे उठाते हुए आपको शरम नही आती है।
अब्बास- तुम्हारे जैसी बेटी को पूरी नंगी करके गोद मे उठाने और अपने लंड मे चढाने मे बहुत मज़ा आता है और (अपनी बेटी की चूत की फांको को फैलाकर देखते हुए )देखो तो बेटी तुम्हारी चूत कितना पानी छोड़ रही है, जानती हो यह क्या कह रही है।
ज़ैनब- मुस्कुरा कर क्या कह रही है।
अब्बास- बेटी यह कह रही है की अब्बा अपने मोटे लंड को मेरे अंदर फसा कर खूब कर कर मेरी चूत मार दीजिये।
ज़ैनब- तो फिर देख क्या रहे है अब्बा जैसा वह कह रही है वैसा आप करते क्यो नही।
अब्बास -" ज़ैनब बेटी. मैं तुम्हारा बहुत ही शुक्रगुजार हूँ की तुमने मेरी सालों की दबी हुई इच्छा पूरी कर दी और मुझे अपनी गांड मार कर उसका उद्धघाटन करने का मौका दिया. मुझे बहुत ही ख़ुशी है की मैने तुम्हारी गांड की सील तोड़ी और मैं पहला शख्स बना जिसने तुम्हारी गांड मारी है. तुमसे हलाला करके मेरा तो जनम ही सफल हो गया. हे अल्लाह तुम्हारा लाख लाख शुक्रिया है कि तुमने मुझे अपनी बेटी को चोदने का मौका दिया. पर बेटी देखो ८ बजने वाले हैं. थोड़ी ही देर में उस्मान आता ही होगा. हमें यह नहीं भूलना चाहिए की अब मुझे तुम्हे तलाक देना होगा और फिर तुम उससे निकाह करके दोबारा उसकी बीवी बन जाओगी. तो चलो अब उठो और नहा धो कर कपडे पहन लो और तैयार हो जाओ. "
ज़ैनब ने अब्बास को कस कर पकड़ लिया और बोली. - " अब्बा. आप बहुत खराब है. कल जब से उस्मान मेरी निकाह आपसे कर के गया है. आप ने मुझे कपडे पहनने का मौका तक नहीं दिया और मुझे तभी से नंगी रखा है और खुद भी नंगे ही हो. अब आप कह रहे हो कि मैं कपडे पहन लूँ. अब्बा मेरा आप से दूर जाने का बिलकुल भी मन नहीं है. आप उस्मान को आने से मना कर दीजिये और हम दोनों ऐसे ही रहेंगे. मेरा आप से दूर जाने का मन नहीं है."
अब्बास बोलै " बेटी ज़ैनब. मैं भी चाहता हूँ की मैं उस्मान को तलाक से मना कर दूँ और तुम्हे सदा के लिए अपनी बीवी बना कर रख लूँ. पर हम दोनों दुनिया की नजरों में बाप बेटी ही हैं , और अभी किसी को हमारी हलाला का पता नहीं है. यदि मैंने तलाक से मना कर दिया तो जरा सोचो की कितना बड़ा स्कैंडल और गड़बड़ हो जाएगी. इसलिए मुझे उस्मान से किया वादा निभाना ही होगा. शायद हमारी किस्मत में एक रात का ही मिलान लिखा था."
ज़ैनब ने अब्बास को जोर से अपने आलिंगन में पकड़ लिया और बोली.
"अब्बा। देखिये दुनिया चाहे कुछ भी कहे पर मैंने मन से आपको अपना शोहर मान लिया है. अब आप उस्मान को मना कर दीजिये वरना जब वो यहाँ आएगा तो मैं खुद उसे निकाह से मना कर दूंगी. कुछ भी हो जाये पर मैं आपके साथ बिताई इस रात को भूल नहीं सकती। और न ही मैं आपको छोड़ कर जाउंगी. आप अम्मी की मौत के बाद से सिर्फ मुठ मार कर ही टाइम पास कर रहे थे. पर अब मेरे तीनो छेद अब आपकी अमानत हैं अब आपको अपनी बेटी की याद में तड़पना नहीं पड़ेगा. मैं इस तलाक और उस्मान से निकाह के लिए सिर्फ एक शर्त पर तैयार हो सकती हूँ. कि चाहे दुनिया और उस्मान की नजरों मैं हम बाप बेटी होंगे पर असल में आप और मेरा यह शरीर का सम्भन्ध सदा रहेगा. मैं आप के पास आती रहूंगी और आज के बाद आप मुठ नहीं मारेंगे और मुझसे ही अपनी जरुरत पूरी करेंगे. मैं आपके साथ गुजारी यह रात को भूल नहीं सकती और इस को सदा चालू रखूंगी. बोलिये मंजूर है?"