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Incest बेटे को दुल्हन मिल गई

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Yogibaba00007

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Update 01



" भावेश ! ओ भावेश तू तैयार हुआ की नही ? "

भावेश तैयार बैठा था । लेकिन बिस्तर पर बैठ कर मुंह लटका कर बैठा था नजाने किस सोच में इतना खोया हुआ था उसे पुकारे जाने का जारा भी उसे सुनाई नही दे रहा था ।


कमरे के दरवाजे पे खट खट हुई फिर किसी की आने की आवाज हुई लेकिन भावेश को भनक भी नहीं लगा । जब किसी ने उसके कंधे पर हाथ रख कर हिला के पुकारा भावेश ।

तब जा के उसकी तंद्रा टूटी और नजर उठा कर उसने देखा कि सामने उसकी बुआ नीलम खड़ी हे जो उसे देख कर कर कुछ समझने की कशिश कर रही हे ।

" भावेश क्या हुआ आज के दिन तू ऐसे मुंह लटका के बैठा हे । क्या हुआ तुझे कोई परेशानी है क्या ? "

" हूं ! नही नहीं कोई परेशानी नही हे । मुझे क्या परेशानी होगी । आप लोग तैयार हुऐ ? " भावेश ने फिकी मुस्कान दे कर बोला और उठ खड़ा हुआ ।


" नही मुझसे झूठ मत बोल बुआ हूं तेरी सब समझती हूं । बोल क्या बात हे क्या परेशानी है तुझे बोल "


" अरे नही बुआ ऐसी कोई बात नही है । में बस काम की बातों में कुछ सोच रहा था । चलिए आप लोग तैयार हुए तो । "

भावेश अपनी बुआ की बातों से बचने के लिए जल्दबाजी में कमरे से निकल गया । उसकी बुआ समझ गई थी भावेश किस बात से परेशान है लेकिन वक्त की नजाकत देख कर उसने भी ताल दिया और भावेश के पीछे पीछे चल दी ।

कूची वक्त में भावेश के परिवार वाले घर के बहार खड़ी इनोवा कार में खासा खस बैठ कर कही चले गए । कुछ आधे पौने घंटे भर में वो लोग गंतव्य स्थान पर पोहोच गए ।



भावेश और उनके परिवार वाले कार से उतरे सामने एक खूबसूरत सा घर था जिसमे फूलों बागिसा सौन्दर्य को बढ़ा रही थी । और घर के द्वार में ही एक अधेड़ उम्र की आदमी और एक अधेड़ उम्र की औरत खड़ी थी जिनके चेहरे पे अभ्यर्थना मुस्कान थी ।


" आईए आईए हम लोग आप लोगो का ही राह देख रहे थे ।" आदमी ने हाथ जोड़ कर नमस्कार देते हुऐ बोला ।

" भाई साहब बुरा मत मानिएगा हम भी आने में जल्दबाजी कर दी काल रात को ऐसे ही फोन पर सुसना दे के चले आए " भावेश की मां उमा ने नमस्कार देती हुई मुस्कुराते हुए बोली ।


" आरे बहन जी इसमें बुरा मानने वाली क्या बात है आप हमारे मेहमान है । आईए ना अंदर । " सामने खड़ी औरत ने कहा



उन दोनो ने अंदर जाने का रास्ता दिया और भावेश के परिवार वाले अंदर चले गए फिर अनलोगो को एक रूम में तसरीफ जमाने को दिया गया । भावेश को एक सुगंध आया सायेद रूम फ्रेशनार की मेहेक थी जो उसे भा गया ।



शुरुवात हुई परिशय से । जिसमे दोनो परिवारो की औरते बातों बातों में बातों खींचते हुए बक बक शुरू कर दिए । तभी एक औरत सबके लिए पानी पी कर आई ।


" जी आप लोग पानी लीजिए " उसने पानी का ट्रे टेबल पर रख कर बोली । और पास ही के काऊस पर बैठ गई ।

" ये मेरी छोटी बहन है कामिनी । " आदमी ने परिशय करवाया गया ।

और ऐसे ही बातें शुरू हुई । कुछ देर बाद भावेश की भी सथिक से परिशय करवा दिया गया सामने वाले परिवार से । और कुछ देर बाद कामिनी अंदर चली गई ।


भावेश का दिल जोरो से धड़कने लगा । वो समझ गया वो लम्हा आखिर आ ही गया । उसके मन में व्हाटचैप पर देखी फोटो की खयाल आने लगा और एक दर भी जो हमेशा से होते आया है । और जैसे जैसे वक्त गुजरता गया उसकी दिल की धड़कन बढ़ते गया ।
Superb ..... Achchi shuruwat ki he dost
 
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Yogibaba00007

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Update 02



कमरे की पर्दा हटा और एक सुंदर सी गोरी चिट्ठी पतली कमर वाली सारी पहनी हुई नजरे झुकती हुई हाथों में शाय की ट्रे ले कर धीमे कदमों में चलती आई । और उसके पीछे पीछे कामिनी भी हाथों में ट्रे ले कर आई उसके ट्रे में कुछ स्नैक्स थे ।


लड़की ने ज़रा सा झुकते हुए टेबल पर शाय का ट्रे रख दिया नजाकत से और शरमाते हुए सबको को नमस्कार दिया और लज्जा भरी स्वर में बोली " आप लोग शाय लीजिए "



जब लड़की झुक कर शाय की ट्रे रख रही थी तब भावेश उसकी सुंदर सी मुखरे को देखते हुए उसकी नजर थोड़ा नीचे चली गई थी लेकिन लड़की पल्लू इस तरह से कस रखा था की उसकी जरा भी छाती की दरार नही दिखाई दी । अनायास ही भावेश के मन में आया कि लड़की बड़ी संस्कारी है ।



" ये हैं हमारी बिटिया रेवा । हाल ही में b.com किया है " रेवा की मां ने गर्व से कहा

" ये तो फोटो से भी ज्यादा सुंदर दिखती है बहन जी । आओ बेटी यहां बैठो " भावेश की मां ने उसे अपने पास ही बैठने को कहा


रेवा शर्माती हुई उमा की बगल में बैठ गई । भावेश का दिल जोरो से धड़क रहा था । उसे तो ऐसा लगा कि उसकी ये आखरी प्यार हो जायेगा । दिन में ही सपने सजोने लगे उसने की ये हा कर दे तो उसे एक परी मिल जायेगी पत्नी के रूप में । लेकिन आखिर में एक दर उसके दिल पर हावी हो ही जाता है ।



रेवा से कुछ बाते पूछने लगे उमा और रेवा शर्मीली मुस्कान से हर बात का जवाब दे रही थी । तभी भावेश की बुआ नीलम बोली " आप लोगो को दिक्कत ना हो तो लड़का लड़की को अकेले में बाते करने दे "


कुछ समय ले कर रेवा मां बोली " जी जी हमे क्या दिक्कत होगी दोनो एक दूसरे को जान लेंगे पसंद करने से पहले तो अच्छा होगा । कामिनी जा इन दोनो को घर के पीछे ले कर जा "


कामिनी रेवा की हाथ पकड़ कर ले जाने लगी । भावेश के पास बैठा उसका चचेरा भाई कुंदन उसको खड़ा कर के बोला " जा भाई "

भावेश भी शर्मीले अंदाज से चल कर उनके पीछे पीछे गए । कामिनी ने घर के पीछे बरामदे में दोनो को अकेला छोड़ कर चली गई ।



दोनो खड़े खड़े ही इधर उधर देखने लगे दोनो में हिम्मत नेही हो रही थी पहल करने में । आखिर कार लड़की शिष्टाचार दिखाते हुए बोली " बैठिए ना "


वाहा सिर्फ एक बेंच थी जिस पर भावेश बैठ कर बोला ।" जी आप भी बैठिए ना "

रेवा भी शरमाते हुए बेंच की दूसरे कोने में बैठ गई । भावेश उसकी तरफ एक नजर देख कर नजर हटाने लगा कही उसकी ये हरकत रेवा पकड़ ना ले । कुछ पल फिर निशब्द ही बीत गए । भावेश ने सोचा कि इस तरह चुप रहूंगा तो ये मुझे भोंदू समझ लेगी । जमाने की हिसाब से इतना भी शर्मिला नही दिखाना चाहिए ।


" आपने b.com किया है ?" भावेश ने हिम्मत कर के बोला


" जी " रेवा ने छोटा सा हा में जवाब दिया

भावेश ने सोचा कि बदले में रेवा भी उसके पढ़ाई के बारे में पूछेगी लेकिन ना पूछने पर अब वो फिर असेहेज हो गया की अगली बात क्या करे ।


" मैंने पॉलीटेक्निक का कोर्स किया है " भावेश ने खुद ही बोल दिया ।

रेवा उसकी तरफ देख कर नजरे झुका ली और बोली ।" आप जॉब करते है "

" जी हा । एक कम्पनी में cnc मशीनों का ऑपरेटर का जॉब करता हूं "

" जी अच्छा है । कैसी चल रही है आपकी जॉब " रेवा ने सवाल किया पहली बार


रेवा की मुस्कान देख के तो भावेश फिदा हो गया । उसने मुस्कुराते हुऐ बोले " अच्छी चल रही है । और आप आगे क्या करना चाहती है आप भी जॉब करने की सोच रही है "

" जी । पता नही । सोच रही हूं आगे और पढ़ाई करु ।"

" में आपसे एक बात खुल कर करना चाहता हूं अगर आप बुरा ना माने तो "

" कहिए । आप जो भी बात करना चाहते है कर सकते है "

" शुक्रिया । दरासल में ये पूछना चाहता हूं की शादी के लिए आप तैयार है ये ना नही किसी प्रकार की जबरदस्ती तो नही है ना आपको "


रेवा शर्म से पानी पानी हो गई । भावेश को भी अपनी कही हुई बात पर थोड़ा पछतावा हो गया की अभी तो पसंद ना पसंद की भी बाते नही हुई और सीधा शादी बात कर दी उसने और काफी शर्मिंदगी मेहसूस किया उसने ।


" जी ऐसी कोई बात नही है " रेवा मुस्कुराते हुए बोली ।




तभी कामिनी वाहा आ गई और भावेश कुछ बोलना चाहता था मगर उसकी बात मुंह में ही रह गया । कामिनी ने दोनो को बापच ले गई ।



भावेश की मां ने कह दिया की अनलोगो को रेवा पसंद है । लेकिन रेवा की परिवार ने कुछ समय मांगा । फिर भावेश की परिवार वाले विदा ले कर चल दिए
Badhiya likhte ho ..... Shandaar updated
 
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Update 02



कमरे की पर्दा हटा और एक सुंदर सी गोरी चिट्ठी पतली कमर वाली सारी पहनी हुई नजरे झुकती हुई हाथों में शाय की ट्रे ले कर धीमे कदमों में चलती आई । और उसके पीछे पीछे कामिनी भी हाथों में ट्रे ले कर आई उसके ट्रे में कुछ स्नैक्स थे ।


लड़की ने ज़रा सा झुकते हुए टेबल पर शाय का ट्रे रख दिया नजाकत से और शरमाते हुए सबको को नमस्कार दिया और लज्जा भरी स्वर में बोली " आप लोग शाय लीजिए "



जब लड़की झुक कर शाय की ट्रे रख रही थी तब भावेश उसकी सुंदर सी मुखरे को देखते हुए उसकी नजर थोड़ा नीचे चली गई थी लेकिन लड़की पल्लू इस तरह से कस रखा था की उसकी जरा भी छाती की दरार नही दिखाई दी । अनायास ही भावेश के मन में आया कि लड़की बड़ी संस्कारी है ।



" ये हैं हमारी बिटिया रेवा । हाल ही में b.com किया है " रेवा की मां ने गर्व से कहा

" ये तो फोटो से भी ज्यादा सुंदर दिखती है बहन जी । आओ बेटी यहां बैठो " भावेश की मां ने उसे अपने पास ही बैठने को कहा


रेवा शर्माती हुई उमा की बगल में बैठ गई । भावेश का दिल जोरो से धड़क रहा था । उसे तो ऐसा लगा कि उसकी ये आखरी प्यार हो जायेगा । दिन में ही सपने सजोने लगे उसने की ये हा कर दे तो उसे एक परी मिल जायेगी पत्नी के रूप में । लेकिन आखिर में एक दर उसके दिल पर हावी हो ही जाता है ।



रेवा से कुछ बाते पूछने लगे उमा और रेवा शर्मीली मुस्कान से हर बात का जवाब दे रही थी । तभी भावेश की बुआ नीलम बोली " आप लोगो को दिक्कत ना हो तो लड़का लड़की को अकेले में बाते करने दे "


कुछ समय ले कर रेवा मां बोली " जी जी हमे क्या दिक्कत होगी दोनो एक दूसरे को जान लेंगे पसंद करने से पहले तो अच्छा होगा । कामिनी जा इन दोनो को घर के पीछे ले कर जा "


कामिनी रेवा की हाथ पकड़ कर ले जाने लगी । भावेश के पास बैठा उसका चचेरा भाई कुंदन उसको खड़ा कर के बोला " जा भाई "

भावेश भी शर्मीले अंदाज से चल कर उनके पीछे पीछे गए । कामिनी ने घर के पीछे बरामदे में दोनो को अकेला छोड़ कर चली गई ।



दोनो खड़े खड़े ही इधर उधर देखने लगे दोनो में हिम्मत नेही हो रही थी पहल करने में । आखिर कार लड़की शिष्टाचार दिखाते हुए बोली " बैठिए ना "


वाहा सिर्फ एक बेंच थी जिस पर भावेश बैठ कर बोला ।" जी आप भी बैठिए ना "

रेवा भी शरमाते हुए बेंच की दूसरे कोने में बैठ गई । भावेश उसकी तरफ एक नजर देख कर नजर हटाने लगा कही उसकी ये हरकत रेवा पकड़ ना ले । कुछ पल फिर निशब्द ही बीत गए । भावेश ने सोचा कि इस तरह चुप रहूंगा तो ये मुझे भोंदू समझ लेगी । जमाने की हिसाब से इतना भी शर्मिला नही दिखाना चाहिए ।


" आपने b.com किया है ?" भावेश ने हिम्मत कर के बोला


" जी " रेवा ने छोटा सा हा में जवाब दिया

भावेश ने सोचा कि बदले में रेवा भी उसके पढ़ाई के बारे में पूछेगी लेकिन ना पूछने पर अब वो फिर असेहेज हो गया की अगली बात क्या करे ।


" मैंने पॉलीटेक्निक का कोर्स किया है " भावेश ने खुद ही बोल दिया ।

रेवा उसकी तरफ देख कर नजरे झुका ली और बोली ।" आप जॉब करते है "

" जी हा । एक कम्पनी में cnc मशीनों का ऑपरेटर का जॉब करता हूं "

" जी अच्छा है । कैसी चल रही है आपकी जॉब " रेवा ने सवाल किया पहली बार


रेवा की मुस्कान देख के तो भावेश फिदा हो गया । उसने मुस्कुराते हुऐ बोले " अच्छी चल रही है । और आप आगे क्या करना चाहती है आप भी जॉब करने की सोच रही है "

" जी । पता नही । सोच रही हूं आगे और पढ़ाई करु ।"

" में आपसे एक बात खुल कर करना चाहता हूं अगर आप बुरा ना माने तो "

" कहिए । आप जो भी बात करना चाहते है कर सकते है "

" शुक्रिया । दरासल में ये पूछना चाहता हूं की शादी के लिए आप तैयार है ये ना नही किसी प्रकार की जबरदस्ती तो नही है ना आपको "


रेवा शर्म से पानी पानी हो गई । भावेश को भी अपनी कही हुई बात पर थोड़ा पछतावा हो गया की अभी तो पसंद ना पसंद की भी बाते नही हुई और सीधा शादी बात कर दी उसने और काफी शर्मिंदगी मेहसूस किया उसने ।


" जी ऐसी कोई बात नही है " रेवा मुस्कुराते हुए बोली ।




तभी कामिनी वाहा आ गई और भावेश कुछ बोलना चाहता था मगर उसकी बात मुंह में ही रह गया । कामिनी ने दोनो को बापच ले गई ।



भावेश की मां ने कह दिया की अनलोगो को रेवा पसंद है । लेकिन रेवा की परिवार ने कुछ समय मांगा । फिर भावेश की परिवार वाले विदा ले कर चल दिए
कहानी की शुरुआत तो बहुत ही अच्छी हुई है,

अगले अपडेट का इंतज़ार रहेगा।
 
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Update 03









भावेश घर आ के रेवा की खयालों में खोया रहा । परिवार वाले भावेश से पूछ रहे की लड़की कैसी लगी क्या क्या बाते की लड़की किस तरह से बातें करती है अच्छी है कि नेहि सवालों से घेर लिया गया भावेश को लेकिन भावेश शर्माते हुए बस इतना ही कहा कि उसे पसंद है और सब से बच कर अपने कमरे में गया । फिर एक बार रेवा की खयालों में खो गया और सपने देखने लगे की रेवा ही उसकी बीवी बनेगी ।









रात को जब सब लोग खाने को डाइनिंग टेबल पर बैठे तो भावेश भी आया लेकिन सबकी सकल उतरा हुआ देख कर वो समझ गया कि बात वोही है जो हमेशा से होता आया है । ऐसा लगा जैसे उसके दिल पर किसी ने चाकू से बार कर दिया हो ।





" क्या हुआ इतनी जल्दी जवाब आ गया " भावेश ने प्लेट उठा अपनी खींच लिया और रोटी उठाते हुए बोला ।



उसके बात का कोई जवाब नही दे रहा था । भावेश अपनी मां की तरफ देखता हे लेकिन उमा नज़रे नीचे कर लेती है जिससे भावेश का सक्क एकिन में बदल गया ।





" बूआ आप ही बोलो "



लेकिन भावेश के बूआ ने कोई जवाब नही दिया । तो भावेश अपने फूफा की तरफ देख कर पूछा " फूफा क्या जवाब आया । बोलो ना "





" बेटा । वो । वो लड़की आगे पढ़ना चाहती हे इसलिए अभी शादी नही कर चाहती है । " बेमन से फूफा ने जवाब दिया और फिर मुस्कुराते हुए हौसला अबजाई करते हुए बोला । " बेटा तू फिकर मत कर हमारे पास और भी रिश्ता है "





" शादी के बाद भी तो वो पढ़ाई कर सकती है ना " भावेश गुस्से में डाइनिंग टेबल पर हाथ मार कर बोला ।





सभी स्तब्ध रह गए उसका गुस्सा देख कर किसी के हाथ से निवाले गिर गया तो किसी गले में अटक गया तो किसी के मुंह में । भावेश गुस्से से उठ कर चला गया । पीछे से उसे उमा पुकारती रही लेकिन उसने ना चुना ।





" रहने दो भाभी अभी नहीं । अभी बोहोत गुस्से में है कुछ देर अकेले रहने दो शांत हो जायेगा फिर बात करेंगे उससे " फूफा उमा को रोकते हुए कहा ।





" रविंदर मुझसे और भावेश का ये हाल देखा नही जा रहा है " उमा परेशान हो कर बोली ।



" भाभी आप शिंता मत करो सब ठीक हो जायेगा । अभी और तीन रिश्ते हाथ में हमारे " बूआ ने कहा



" क्या फायदा सब ना ही करने वाला है । पता नही मेरे बेटे का शादी इस जन्म में होगी की भी नहीं " उमा ये कह कर माथे पे हाथ रख लिए ।





" मामी शिंता मत करो । में एक बाबा को जानता हूं बोहोत पोहुची हुई चीज है । उससे ऐसा मंत्र मार के लायेंगे भाई को की लड़की देख कर भाई से शादी करने को तड़प उठेगी " भावेश के चचेरे भाई ने कहा





" चुप कर तू " बुआ उसे गुस्से से दांत देती है ।









भावेश कमरे में पोहोच कर अपना तीशर्ट उतर कर आईने के सामने खड़ा हो जाता है । और अपने आपको देखने लगा । अपनी 44 की छाती पर हाथ रख देखने लगा फिर अपनी सिक्स पैक एब्स को छू कर देखने लगा । और फिर अपने चेहरे के दारी को छू कर देखने लगा । खुद ही अपने चेहरे को छू कर देखने लगा और खुद ही बाते करने लगा " क्या कमी है मुझमें गोरा हूं नाक भी लंबी है सकल सूरत इतनी अच्छी हे । अच्छी बॉडी भी बना ली फिर किस बात की कमी है । और फिर वो अपनी हाथ अपने शर पर रखता है फिर उसे समझ आ जाता है क्या कमी हे उसमे । शर के आगे के बाल गिर कर v शेप में बन चुका है जिसकी वजह से उसके अब तक के 12 वा रिश्ता ठुकरा चुकी हे उसके शर की आगे की बाल ना होने पर ।







ऐसा नही था की वो पूरी तरह से तकला हो गया था बस आगे से कुछ बाल गिर चुके है । दिखने में हैंडसम ही था गोरा था gym जा कर अच्छी खासी बॉडी भी बना लिया था उसने 6 फीट 2 इंच की हाइट है उसकी अंदाज भी ऐसा हीरो जैसा । 25 साल की उम्र में अच्छी कंपनी में नौकरी भी करता था अच्छी सैलरी भी मिलता था उसे पढ़ा लिखा था अच्छे खानदान से ताल्लुक रखता था बंदा । वैसे तो उसे लड़की मिलती थी शादी के लिए लेकिन उसके मनपसंद ना नेही मिलती थी सभी रिश्ते फोन पर ना जवाब देते थे ।







भावेश गुस्से से परफ्यूम की बॉटल उठाया और आईने में पटका जिससे आइना तूत कर बिखर गया और गुस्से से चिल्लाया " आन्नन्नन मेरे साथ ही ऐसा क्यूं हुआ क्यूं क्यूं क्यूं । "







भावेश बिस्तर पर बैठ कर रोने लगा । उसके परिवार उसका दुख दर्द समझते थे लेकिन कर भी क्या कर सोते थे उसके दुख में साथ देने के अलावा ।









कुछ पात्र के परिचय दिया जाय अभी ।







भावेश को तो जान ही चुके है । बचपन में ही उसकी पिता यकृत की बीमारी के कारण स्वर्गवास हो गए थे । उसके पिता बोहोत ज्यादा शराब पीते थे और भावेश को बचपन में अकेला छोड़ कर चल बचे । भावेश को अपने पिता के सकल भी याद नही है बस कभी फोटो में देख कर याद कर लेता है कि ये उसका पिता थे ऐसे दिखते थे उसका पिता ।





उमा मोहन । भावेश की मां । बचपन से भावेश बड़े लाड़ से पाला है कभी भावेश का पिता बन कर तो कभी मां बन कर एक आस नही आने दिया भावेश पर । अपनी बेवा होने पर कोई दुख नही इसे लेकिन अपने पति के ना होने पर जिंदगी कठिन जरूर हुई इसे लेकिन जब से भावेश की बुआ और फूफा को अपने घर पर रहने के लिए बुला लिया था और साथ रहने लगे तब आसान हुई ।





रविंदर बेचल । ये रेलवे विभाग पर ऊंची पद पर नौकरी करते है । भावेश के फूफाजी कम पिता समान है



नीलम बेचल । एक गृहिणी । भावेश की एक लौटी हुआ कम मां ज्यादा ।





कुंदन बेचल । रविंदर और नीलम की एक लौटा बेटा जो अभी कॉलेज जाता हे । भावेश से 4 साल छोटा हे ।




 

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04







रात यूंही बिट गई । भावेश के आखों में नींद नही था बेचारा भूखे पेट ही देर रात तक सो गया था । अपनी ज़िंदगी से परेशान थक हार कर एक आखरी उम्मीद छोड़ कर सो गया था बेचारा । ना उसे नई सुबह की अब परवा थी बस निराशा मन ले कर बैठ गया था ।









दूसरी सुबाह हुई ।







भावेश अभी भी कमरे से उठा कर बाहर नही आया था । उमा दरवाजा खटखटा कर दो बार आवाज भी दी लेकिन जवाब ना पर उसने सोचा कि बच्चा देर से सो गया होगा इसलिए उठा नही ।







" अच्छा में निकलता हूं । बर्मा साहब से बात करता हूं उनके दोस्त को बेटी शादी लायक हो गई है ऐसा वो कह रहा था " फूफा स्टेशन जाने के लिए तैयार था ।





" ठीक है । " उमा ने बेमन से जवाब दिया







" में भी चलता हूं मुझे देर हो रही है कॉलेज के लिए । " कुंदन बोलता है ।





दोनो बाप बेटे घर से निकल जाता है अपने अपने मंजिल पर ।









नीलम वॉल घड़ी को देख कर बोली ।" भावेश अभी तक नही उठा 9 बजने को आया है । कब उठेगा कब जाएगा काम पे "





उमा नीलम की तरफ देखती है और अचानक खौफजादा हो कर उखड़ी सासों को नियंत्रित कर के बोली " कही उसने कुछ कर तो नही लिया " और भावेश की कमरे की तरफ भागी





" सुभ सुभ बोलो क्या बेतुकी बातें करती हो भाभी " वो भी उसके पीछे भागी ।





तभी भावेश की कमरे का दरवाजा खुलता है । भावेश कमरे से बाहर निकलता है लेकिन आज वो फॉर्मल ड्रेस पर नही था स्टाइलिश जीन्स और टी शर्ट पहनी हुई और कंधे पर एक बैग ले कर खड़ा था ।







नीलम और उमा उसे देख कर हल्का वक्ता रह गई । लेकिन अपने बेटे को सही सलामत देख कर दिल पर चेन आई उमा को नही तो वो बोहोत डरी हुई थी ।





भावेश दोनो को ऐसे देख कर मुस्कुरा कर बोला ।" आप दोनो को क्या हुआ । भूत देख लिया क्या "





" तू काम पे नही जा रहा है क्या । " नीलम ने पूछा





" क्या बुआ । काम पे नही जा रहा है क्या । क्या बोलते हो । में क्या कही मजदूरी करता हूं क्या । अरे भाई बड़े बड़े ट्रिकी मशीनों का ऑपरेटर हूं और में हेड हूं मेरे नीचे 5 बंदे काम करते है । पहले नाश्ता दो फिर बोलता हूं कहा जा रहा हूं में "





उसकी बातों से नीलम और उमा हास पड़ती है । और दोनो भावेश के लिए नाश्ता लगा देती है ।





" वो में कुछ दिन के लिए नाना नानी के घर जा रहा हूं " भावेश खाते खाते बोला ।





" क्या । पर क्यू "





" आरे मां इसमें क्यू की क्या बात है । बस मन किया तो जा रहा हूं "





" लेकिन बेटा तुझे इतनी छुट्टी मिली कैसे । तेरी जॉब "





" बुआ आप लोग शिंता मत करो मैंने बॉस से कह कर छुट्टी ले ली है । और वैसे भी अगर छुट्टी नहीं भी देते तो भी में अपनी मर्जी से छुट्टी ले लेता चाहे मुझे नौकरी से निकाल क्यू ना दे " अपनी बुआ की बात को काट कर बोला





" और नौकरी से निकाल दिया तो "



" तो क्या बुआ । टेलेंटेट हूं 4 साल का अनुभव है दूसरी मिल जायेगी कोई गॉरमेंट जॉब थोड़ी है । "







उमा उसके बगल में चेयर पर बैठ जाती है और उसके कंधे पर हाथ रख फिकरमंद हो कर बोली ।" बेटा अभी तू ठीक नही है तू अकेला जाएगा । ठीक नही लग रहा है मुझे "





" मां में समझ सकता हूं आप दर रही है । पर मेरा विश्वास करो में नाना नानी के घर अपने मांइड फ्रेश करने के लिए जा रहा हूं । आप शिंता मत करो में दुखी हूं पर इतना भी नही की अपना खयाल ना रख पाऊं । में अपना ख्याल रख लूंगा । आप बेफिक्र रहो इतना परेशान होने की जरूरत नही है । "







" ठीक है बेटा तू कहता है तो में तुझे जाने दे रही हूं । लेकिन अपना खयाल रखना "





" बिल्कुल भी शिंता मत करो मां । बुआ मां का खयाल रखना । में जब बापच आऊंगा तब मां की चेहरे पर मुस्कान होनी चाहिए "





" और मेरा खयाल कौन रखेगा "



" क्यू फूफाजी आपका खयाल नहीं रखते हे क्या । " भावेश ने मजाकिया अंदाज से कहा





" चुप कर नालायक " नीलाम जूठा गुस्सा दिखाने लगी





भावेश ने अपना नाश्ता खतम किया और खड़े हो कर अपनी बुआ की गाल पर हाथ से चुम्मा बना कर चूम लिया । नीलम शर्मा गई " हट बंदर "





उमा और भावेश नीलम की शर्मीली अंदाज पर मुस्कुरा दिए ।





" अच्छा तो में चलता हूं 11 बजे मेरी ट्रेन है "





" ठीक है जा बेटा । पोहोच के फोन करना " उमा बोली





" हा जरूर । और आप इतना टेंशन मत लेना " इतना कह कर भावेश घर से निकल पड़ा ।













वो स्टेशन गया । ट्रेन 11 बजे था तो उसके पास काफी समय था तो सुने अपने नाना नानी के लिए शॉपिंग कर के और खा पी के समय पास किया फिर 11 बजे की ट्रेन पर बैठ गया सफर तीन घंटे की थी तो वो उसने हल्की जपकी लेते हुए सफर का मजा लेने लगा । बेचारा भले ही चेहरे पे मुस्कान लिए घूम रहा था लेकिन अंदर नकारे जाने की दर्द ले कर टूट गया था किसी तरह अपने अपनों के लिए खुद को मजबूत बना के रख रखा था ।
 
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