झुमरी की मद मस्त नंगी जवानी को देखकर राजू पूरी तरह से गर्म हो गया था,,,, पहले भी उसकी चुनरी से मुलाकात हो चुकी थी लेकिन तब वह कपड़ों में देखा था और उसके देखने का नजरिया भी बदला नहीं था लेकिन आज जब उसे नहाते हुए पूरी तरह से नंगी अपनी आंखों से देखा तो जाकर पता चला कि झुमरी कितनी खूबसूरत है,,,, छोरी पूरी तरह से अनछुई लड़की थी,,,,अभी तक गांव के किसी लड़के ने उसके अंगों को उसके बदन को स्पर्श तक नहीं किया था और ना ही वह किसी को करने दी थी,,,वह तो राज्य की किस्मत बहुत तेज थी कि उसने झुमरी को एकदम नग्नावस्था में देख लिया था और जो मेरी उसे जानबूझकर अपने नंगे बदन का दर्शन करा रही थी,,, अगर राजू की जगह कोई और होता तो शायद वह डंडा लेकर उसे खूब पीटती,,,, लेकिन राजू का आकर्षण उसे बहुत पहले से ही था,,, इसलिए वह भी मौके का फायदा उठाते हुए अपने नंगे बदन का दर्शन उसे करा दी,,, और अपनी इस हरकत पर झुमरी को किसी भी तरह का पछतावा या गलत नहीं लगा वह पूरी तरह से खुश थी क्योंकि यह बात अभी अच्छी तरह से जानती थी कि लड़कों को कैसे अपने काबू में किया जाता है भले ही वह इस तरह की हरकत और पैंतरेबाजी अभी तक किसी पर आजमाई नहीं थी लेकिन एक जवान लड़की होने के नाते उसे इतना तो ज्ञान था ही,,,,।
राजू झुमरी के नंगे बदन का दर्शन करके पूरी तरह से गनगना गया था,,,, उसे यकीन नहीं हो रहा था कि कपड़ों में बिल्कुल सामान्य सी लगने वाली लड़की बिना कपड़ों के इतनी खूबसूरत और लाजवाब लगती होगी उसका अंग-अंग खरा सोना नजर आ रहा था,,,,औरतों के बदन की भूगोल को पूरी तरह से समझ सकने के कारण राजू को इतना तो ज्ञान हुई गया था कि झुमरी के बदन का हर एक कोना एकदम तराशा हुआ था उसके गुलाबी और उसके गोरे गोरे गाल रेशमी बाल हिरनी जैसी गर्दन के साथ-साथ मदमस्त कर देने वाली दोनों नारंगिया वाकई में उसकी छातियों की शोभा बढ़ा रही थी,,,, चिकना सपाट पेट जिस पर पानी की बूंद बिल्कुल भी ठहर नहीं रही थी और चिकनी पीठ की शोभा बढ़ा रही गहरी नाभि शायद बुर से भी ज्यादा खूबसूरत नजर आ रही थी,,,, पतली कमर के नीचे का कसा हुआ उभार गांड की सर्वोत्तम परिभाषा को,,, परिभाषित कर रहा था,,,, राजू की आंखों ने अब तक जितने भी ने तंबू के दर्शन किए थे शायद उनमें से एक खूबसूरत नितंबों में से एक नितंब झुमरी की थी,,,, जिसे जीभ लगाकर चाटने का मन कर रहा था,,,,,, राजू नेझुमरी के दोनों टांगों के बीच किस पत्नी करार के भी दर्शन कर लिए थे और धन्य हो गया हल्के हल्के रेशमी बालों से घिरी हुई उसकी पतली दरार किसी जंगल की गहरी घाटी में बहती हुई नदी की तरह लग रही थी,,, जिस में राजू का डूब कर तैरने का मन कर रहा था,,,,,,, संपूर्ण रूप से नंगी होकर नहाते हुए वह एकदम कामदेवी लग रही थी,,,,
खेतों की तरफ जाते हुए भी राजू के दिलों दिमाग पर झुमरी छाई हुई थी,,, उसकी हरकत उसकी नजाकत और एकदम निडर होकर यह कहना कि सब कुछ देख लिया ना अब जा इस पर राजू पूरी तरह से फिदा हो चुका था,,,, राजू को लगने लगा था कि झुमरी उसे जानबूझकर अपने नंगे बदन का दर्शन करा रही थी,,,, वरना उसे कब का भगा दी होती और अपने अंगों को छुपाने की भरपूर कोशिश करती लेकिन ऐसा कुछ नहीं झुमरी बिल्कुल भी नहीं कर रही थी ना तो राजू को अपनी आंखों के सामने खड़ा देखकर घबरा गई थी और ना ही अपने सुकोमल बेशकीमती खजाने को छुपाने की कोशिश की थी,,,,,,,,राजू अपने मन में यही सोचता हुआ चला जा रहा हूं ताकि काश झुमरी को भी चोदने का मौका मिल जाता तो वह अपने आप को सबसे भाग्यशाली समझता,,,,,,,
देखते ही देखते राजू श्याम के खेतों पर पहुंच चुका था चारों तरफ हरे हरे खेत लहलहा रहे थे लेकिन श्याम उसे कहीं भी नजर नहीं आ रहा था राजू कुछ देर तक इधर-उधर घूम कर उसे ढूंढता रहा वैसे तो राजू के लिए उसे ढूंढना इतना जरूरी नहीं थालेकिन वह नहीं चाहता था कि किसी भी तरह से उन लोगों को उसके और सोनी के बीच क्या चल रहा है उसके बारे में शक हो,,,, इसीलिए वह जानबूझकर शयाम को बुलाता था ताकि उन लोगों को बिल्कुल भी शक ना हो और वह दोनों साथ में पढ़ते वक्त इसी तरह से इनकार करते थे जैसा कि सोनी दूसरे लड़कों के साथ करती थी बिल्कुल भी लगाव या अपनापन राजू से नहीं दिखाती थी और इसीलिए श्याम भी उस पर बिल्कुल भी शक नहीं करता था,,,।
खेत के चारों तरफ घूम घूम कर राजू ने मुआयना कर लिया था लेकिन कहीं कोई भी नजर नहीं आ रहा था तब वह सोचा कि हो सकता है इसे हम खेतों के बीच में हो जहां पर वह अपने लिए छोटी सी झोपड़ी बनाया था ताकि खेतों पर काम करने आए तो उसमें आराम कर सके,,,,,,, इसलिए हरिया रे खेतों के बीच में से वह झाड़ियों को हटाता हुआ धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगा,,,।
दूसरी तरफ झोपड़ी के अंदर श्याम अपने लंड को बड़ी तेजी से बुर के अंदर बाहर करते हुए,,,,
आहहहहहह,,,,, सच में तेरी बुर बहुत मस्त है तुझे रंडी बनाकर चोदने बहुत मजा आता है,,,आहहहह मेरी रानी ऐसे ही रोज मुझे दिया कर मैं तुझे मस्त कर दूंगा,,,,ऊफफ इस उमर में भी तेरी बुर कितनी गरम है,,,,ओहहहहह बहुत मजा आ रहा है मेरी रानी तुझे मैं रानी बनाकर रखूंगा,,,,( चुचियों को जोर-जोर से दबाते हुए,,) हाय तेरी चूची कितनी बड़ी बड़ी है लगता है कि जैसे मेरे लिए संभाल कर रखी थी,,,, इसे तो मैं पी जाऊंगा,,,(और इतना कहने के साथ ही बना दोनों चुचियों को बारी-बारी से मुंह में लेकर पीना शुरू कर दिया और अपनी कमर को जोर-जोर से हीलाना जारी रखा,,,,
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सहहहह आहहहहह ,,, मेरे लाल तेरे लिए ही तो है मेरी चूचियां,,,, जब तू छोटा था तो इसी तरह से मुंह लगाकर पीता था लेकिन अब अपने पेट की भूख मिटाने के लिए पीता था लेकिन आज अपने जिस्म की भूख मिटाने के लिए पी रहा है,,,,ऊममममम धीरे से बेटा इस तरह से तो तेरे बाबूजी भी नहीं काटते,,,,,आहहहहहह जरा धीरे धक्के मार,,, मैं भागी नहीं जा रही हूं तुझ से चुदवाने के लिए तो नहीं खेत में काम करने का बहाना देकर तुझे यहां लेकर आई हूं,,,, नही तो झुमरी कहां खेतों पर आने दे रही थी,,,,
तू सच में कितनी अच्छी है मां,,,, तभी तो तुझे चोदने में इतना मजा आता है मन करता है कि झुमरी की चुदाई कर दु तक हम दोनों को किसी का डर नहीं रहेगा,,,,
हां कह तो तू ठीक ही रहा है लेकिन तू जानता है झुमरी मानने वाली नहीं है अगर उसे हम दोनों के बारे में पता चल गया था शायद हम दोनों का भी बुरा हाल कर देगी,,,
जब करेगी तब देखा जाएगा अभी तो मुझे अपनी मां को चोदने में बहुत मजा आ रहा है,,,(इतना कहने के साथ श्याम अपनी मां के होठों को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया,,,ऊममममम,,,,,ऊमममममम,,,)
तेरे होठों में बहुत रस है,,,, बाबूजी को भी पिलाती है कि नहीं,,,,
ओ मुआ अब किसी काम का नहीं है,,, हरामि का खडा ही नहीं होता,,,, अगर किसी तरह से खड़ा कर दूं तो दो ही झटके में पानी फेंक देता है,,, इसलिए तो मुझे तेरा सहारा लेना पड़ रहा है,,,,
ओहहह मां,,, तो बहुत अच्छे हैं अच्छा हुआ कि बाबूजी का खड़ा नहीं होता वह तुझे चोद नहीं पाते वरना मुझे इतना मजा कभी नहीं मिल पाता औरत को कैसे चोदा जाता है या मैं कभी नहीं सीख पाता,,,,तूने मुझे चुदाई सिखा कर मुझ पर बहुत बड़ा एहसान की है और इसीलिए मैं एहसान का बदला चुका रहा हूं,,,(जोर से धक्का लगाते हुए जिसकी वजह से श्याम की मां के मुंह से आह निकल गई जब जब उसकी आह निकल रही थी तब तब श्याम का मजा दोगुना होता जा रहा था,,, अपनी मां के कराने की आवाज को सुनकर श्याम बोला,,,)
क्या हुआ मां एकदम अंदर तक चला जा रहा है क्या,,,,
नहीं रे तेरा ज्यादा लंबा नहीं है,,,, थोड़ा सा और बड़ा होता तो मेरे बच्चेदानी तक पहुंच जाता लेकिन फिर भी बहुत मजा देता है,,,,(अपनी मां के मुंह से अपने लंड के बारे में सुनकर बहुत थोड़ा उदास हो गया क्योंकि उसकी मां ने कही थी कि ज्यादा लंबा नहीं है लेकिन फिर भी इस बात की तसल्ली थी कि उसके लंड से उसकी मां को बहुत मजा आ रहा था,,,, ज्यादा लंबा शब्द सुनकर अनायास ही श्याम के दिमाग में उस दिन वाला दृश्य नजर आने लगा जब राजू उससे गुस्सा करके अपना पजामा नीचे करके अपना लंड दिखा रहा था और उसके लंड को देख कर खुद श्याम की हालत खराब हो गई थी क्योंकि उसके नंबर के सामने श्याम का आधा भी नहीं था और इसीलिए से हम सोचने लगा कि अगर उसकी जगह राजू होता तो शायद उसकी मां पूरी तरह से पागल हो जाती उसके लंड को अपनी बुर में लेकर क्योंकि उसका लन्डउसके लंड से ज्यादा लंबा था और मोटा भी वह बड़े आराम से उसकी मां के बच्चेदानी तक पहुंच जाता,,,, अनायास ही राजू के लंड का ख्याल आते ही श्याम थोड़ा सा गुस्सा हो गया किस तरह का ख्याल उसके मन में आया कैसे और वह इसी गुस्से को उतारने के लिए जोर जोर से अपना कमर हिलाना शुरू कर दिया झोपड़ी में रखी हुई चारपाई चरमरा रही थी,,,।
अरे धीरे बेटा तू तो खटिया ही तोड़ डालेगा,,,,,
टूट जाने दो मां हम दोनों की चुदाई की निशानी होगी कि मैं तुम्हारी चुदाई करते करते खटिया भी तोड़ डाला था,,,
नाना ऐसा मत करना हम का खर्चा बढ़ जाएगा इसे बनाना पड़ेगा मेहनत करनी पड़ेगी तो आराम से ही कर,,,, लेकिन जल्दी पानी मत निकालना बहुत मजा आ रहा है,,,
मुझे भी बहुत मजा आ रहा है ना मैं भी चाहता हूं कि मेरा पानी जल्दी लाने के लिए दिन रात तुम्हारी बुर में लंड डालकर पडा रहु,,,, लेकिन क्या करूं तुम्हारी बुरा अंदर से इतना ज्यादा गर्म हो जाती है कि ऐसा लगता है कि सब कुछ बिगड़ जाएगा और तुम्हारी बुर की गर्माहट पाते हैं मेरी मोमबत्ती पिघलने लगती है,,,,।
लेकिन आज ऐसा मत होने देना बेटामैं हमेशा प्यासी रह जाती हूं और तू अपना पानी निकाल कर चला जाता है,,,
आज नहीं जाऊंगा आज मैं अपनी रानी की पूरी सेवा करूंगा,,,
ओ मेरा राजा बेटा,,,( और इतना कहने के साथ ही श्याम की मां उसका बाल पकड़कर उसके होठों को अपनी चूची पर रख दी और उसे पिलाने लगी श्याम भी मन लगाकर अपनी मां की सूचियों की सेवा कर रहा था और उसकी बुर की खातिरदारी भी,,,,, झुमरी को तो इस बात का आभास तक नहीं था कि खेतों में काम करने के बहाने उसकी मां और उसके भाई आपस में चुदाई का गंदआ खेल खेलते हैं,,,, इससे पहले दोनों के बीच ऐसा कुछ भी नहीं था दोनों के बीच मां-बेटे का पवित्र रिश्ता बना हुआ था लेकिन श्याम की मां अपने पति से पूरी तरह से संतुष्ट नहीं थी और उसके बदन में जवानी की आग लगी हुई थी वह अपने बदन की तपिश को बुझाना चाहती थी उसे जवान लंड की आवश्यकता थी,,, और ऐसे में ही 1 दिन वह खेत में अपने बेटे को मुठ मारते हुए देख ली थी,,अपने बेटे की इस हरकत पर श्याम की मां पूरी तरह से मदहोश हो गई थी उसे अपने बेटे पर गुस्सा नहीं आया था बल्कि अपने लिए एक उम्मीद की किरण नजर आने लगी थी वह समझ गई थी कि उसका बेटा भी पूरी तरह से जवान हो गया है और जवानी की गर्मी शांत करने का बहाना ढूंढ रहा है ऐसे में उसका काम जरूर बन जाएगा और उसे मौका मिल गया एक दिन वह अपने ही खेत पर बने हेडपंप पर नहा कर छोटी सी झोपड़ी में जाकर कपड़े बदल रही थी और उसी समय उसका बेटा भी झोपड़ी में प्रवेश कर गया था उस समय तो श्याम की मां के बदन पर पानी से भीगी हुई साड़ी थी जिसे वह अपने बेटे को झोपड़ी के अंदर देखते ही 1 बहाने से उतार फेंकी और उसके सामने पूरी तरह से नंगी हो गई श्याम के लिए पहला मौका था जब किसी नंगी औरत को देखना था और वह भी खुद की अपनी सगी मां को वह पूरी तरह से मदहोश हो गया अपनी मां की बड़ी बड़ी चूचियों को देख कर उसके मुंह में पानी आ गया,,,, अपनी मां की पानी से गीली बुर देखकर उसका लंड खड़ा होने लगा,,, जोकि पजामे में उठता हुआ श्याम की मां को साफ नजर आ रहा था,,, श्याम से रहा नहीं जा रहा था और श्याम की मां की भी हालत खराब हो रही थी,,,, मौका और दस्तूर दोनों श्याम की मां के पक्ष में था और वह बोली,,,,
श्याम की मां
श्याम मुझे नंगी देखकर तेरा तो खड़ा हो गया है कुछ करने का मन है क्या,,,?
(अपनी मां के मुंह से इस तरह का सवाल सुनते ही श्याम अपने आप को रोक नहीं पाया और हां में सिर हिला दिया,,,, फिर क्या था उसी दिन दोनों के बीच मां बेटे का रिश्ता खत्म हो गया और एक मर्द और औरत का रिश्ता शुरू हो गया दोनों चुदाई में पूरी तरह से मस्त होते हैं और इसी तरह से रोज खेतों पर खेत में काम करने के बहाने चुदाई करना शुरू कर दिया,,,,और आज भी वह खेत में काम करने के बहाने घर से दोनों मां-बेटे आ गए थे और झूठी के अंदर चुदाई का गरमा गरम कार्यक्रम प्रस्तुत कर रहे थे जिसे देखने वाला कोई नहीं था दोनों आपस में पूरी तरह से लिप्त हो चुके थे श्याम का लंड उसकी मां की बुर की गहराई नाप रहा था,,, और श्याम की मां उसका हौसला बढ़ाते हुए खुद उसे अपना दूध पिला रही थी,,,।
श्याम के धक्के तेज चल रहे थे श्याम की मां मस्त हो रही थी,,,, यहां पर कोई आने वाला नहीं था इसलिए दोनों खुल कर मजा ले रहे थे,,,,
आज तेरी बुर का भोंसड़ा बना दूंगा,,,,
बना ना मादरचोद मैं तो तड़प रही हूं जोर जोर से चोद मुझे मस्त कर दे मुझे,,,
यह बात है देख आज तेरी कैसी हालत करता हूं,,,
(श्याम अपनी मां की बात सुनकर पूरी तरह से जोश में आ गया था औरजोर जोर से धक्के लगाने की तैयारी कर ही रहा था कि उसके कानों में उसका नाम सुनाई देते हैं वह बुरी तरह से चौक गया,,,)
श्याम,,,,ओ ,,,,,श्याम ,,,, कहां गया भोंसड़ी के पढ़ने नहीं चलना है क्या,,,,?
(इतना सुनते ही श्याम के तो होश उड़ गए उसकी आवाज बड़े करीब से आ रही थी उसकी मां भी एकदम सकते में आ गई,,,,,)
यह कौन आ रहा है बेटा,,,
राजू है ना मुझे बुलाने आया है पता नहीं कौन ईसे यहां भेज दिया,,,
हट बेटा मुझे उठने दे अगर वह देख लिया तो गजब हो जाएगा,,,,
(अपनी मां की बात को और मुसीबत को अच्छी तरह से समझता था इसलिए जल्दी से बे मन से अपने लंड को अपनी मां की पुर से बाहर निकालकर खडा हो गया और जल्दी से पजामा पहनने लगा,,,,श्याम की मां भी जल्दी से उठी और जल्दी-जल्दी अपने ब्लाउज का बटन बंद करके अपनी पेटीकोट की डोरी बांधने लगी,,,, अपनी साड़ी को दुरुस्त करने लगी तो श्याम उससे बोला,,,)
तुम कोने में खड़े हो जाओ मां अगर बाहर जाओगी तो वह देख लेगा और इतने सुनसान अकेले खेत में हम दोनों को देखकर खामखा शक करेगा,,,
तु ठीक कह रहा है बेटा,,,,लेकिन तू भी अंदर मत रहे बाहर निकल जा अगर अंदर आ गया तो हम दोनों को अंदर देखकर वाकई में शक करने लगेगा,,,
तुम ठीक कह रही हो,,,,(इतना कहकर जैसे ही श्याम झूठी से बाहर निकला वैसे ही सामने से राजू आ गया,,,अपनी मां की चुदाई करने में श्याम काफी मेहनत कर चुका था इसलिए पसीने से तरबतर था और उसे इस तरह से पसीने में भीगा हुआ देखकर राजू बोला,,,,)
श्याम खेतों में काम करने की जगह तो झोपड़ी में काम कर रहा था जो इतना पसीने में भीगा हुआ है,,,, और यह तेरा लंड खड़ा क्यों है,,,(इतना सुनकर श्याम की तो घिघ्घी बंध गई,,, अब क्या जवाब दे उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था,,)
बताना अंदर क्या कर रहा था,,,,ओहहह अब समझा मुट्ठ मार रहा था,,, अरे हरामी इतनी मेहनत करने से अच्छा था कि अपनी मां को ले आया होता और उसकी चुदाई कर दिया होता तब तुझे मजा भी आ जाता,,,।(राजू की बात को अंदर खड़ी श्याम की मां सुन रही थी और इस बात पर वह पूरी तरह से गनगना गई क्योंकि उसका दोस्त श्याम को उसकी मां चोदने के लिए कह रहा था जो कि श्याम वही कर भी रहा था,,, राजू की बात सुनकर गुस्से में श्याम बोला,,)
तेरी मां साथ आने को तैयार होती तो मजा आ जाता,,,
पहले ठीक से अपनी मां की तो चुदाई कर ले मुझे लगता नहीं है कि तु अपनी मां को संतुष्ट कर पाएगा,,, तेरी मां की चूची देखा है कितनी बड़ी-बड़ी है,,, उसकी गांड कितनी बड़ी बड़ी है तेरी मां के लिए तो मोटा और लंबा लैंड चाहिए जो कि मेरे पास है एक ही बार में तेरी मां को मस्त कर दूंगा,,,,(राजू की बात सुनकर श्याम की मां की हालत खराब होने लगी,,, क्योंकि श्याम का दोस्त राजू सीधे-सीधे उसे चोदने की बात कर रहा था और श्याम की मां अपने मन में राजू की बात सुनकर ही सोचने लगी कि राजू जो कुछ भी कह रहा है वह सच कह रहा था उसके मन में भी मोटे लंबे लंड से चुदवाने की इच्छा बहुत समय से थी लेकिन उसकी इच्छा पूरी नहीं हो पा रही थी बस जरूरत पूरी हो रही थी,,,)
राजू जबान संभाल कर बात कर मेरी मां के बारे में उल्टा सीधा मत कहना,,,,
क्यों क्यों तुझे बुरा लग रहा है और जब तू मेरे परिवार वालों के बारे में यह सब चलता है तो मुझे क्या अच्छा लगता है,,,
Soni
जो भी है लेकिन में यह सब बातें नहीं सुनना चाहता,,,,(श्याम एक बहाने से उसे झोपड़ी से थोड़ा दूर ले जाना चाहता था ताकि वह झोपड़ी के अंदर प्रवेश न कर पाए,,, इसलिए वो धीरे-धीरे आगे की तरफ बढ़ रहा था वह अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,)
तुझे यहां भेजा किसने,,,
तेरी बहन ने और किसने तेरे घर गया तो पता चला कि तु यहा खेत पर है,,,,
(श्याम अपनी बहन को मन ही मन गाली देने लगा क्योंकि सारा मजा किरकिरा कर दी थी वह अपनी मां की चुदाई किए बिना ही कर खड़ा हो गया था उसकी मां भी संतुष्ट नहीं हो पाई थी दोनों चरम सुख पाते पाते रह गए थे इसलिए गुस्सा दोनों का जायज था लेकिन दोनों कर भी कुछ नहीं सकते थे क्योंकि जरा सा भी भनक लगने पर पूरे गांव में बदनामी होने का डर था इसलिए वह कुछ बोला नहीं और उसके साथ पढ़ने के लिए चल दिया,,, पर उन दोनों के जाते हैं श्याम की मां की जान में जान आई लेकिन राजू पर गुस्सा भी बहुत आया,,, क्योंकि इसकी वजह से उसका पानी निकलते निकलते रह गया था लेकिन वह खटिया पर एक टांग रखकर अपनी पेटीकोट को कमर तक उठाकर अपनी उंगली का सहारा लेकर अपना पानी निकाल कर ही बाहर निकली,,,।