गुलाबी अपनी सबसे अच्छी सहेली मीना की हरकत की वजह से पूरी तरह से उत्तेजित हो गई थी वो कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि बिना इस तरह की हरकत करेगी लेकिन उसकी यह हरकत उसके तन बदन में आग लगा रही थी पहली बार किसी औरत ने उसके बदन को इस तरह से स्पर्श की थी इसलिए यह एहसास कुछ अजीब,,, था,,, और गुलाबी इस अजीब और अद्भुत अहसास में पूरी तरह से खोती चली जा रही थी,,,, एक औरत औरतों के प्रति इस तरह से आकर्षित होगी इसका गुलाबी को बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था,,,,।
Gulabi or meena
गुलाबी अपनी मस्ती में घर के कोने में बैठ कर पेशाब कर रही थी उसे क्या मालूम था कि उसकी सहेली उसे प्यासी नजरों से देख रही होगी,,,,, मीनागुलाबी की गोरी गोरी गांड से पूरी तरह से आकर्षित हो गई थी उसे इस तरह से पेशाब करता हुआ देख कर वह अपना आपा खो बैठी थी उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी थी,,,,, अपनी भावनाओं पर बिल्कुल भी काबू न कर सकने के कारण मीना अपनी जगह से उठकर ठीक कुलाती के बगल में आकर बैठ गई थी और उसकी गोरी गोरी गांड को सहलाते हुए अपनी हरकत को और ज्यादा बढ़ाते हुएअपनी बीच वाली उंगली को गुलाबी की गुलाबी छेद में डालकर अंदर बाहर करना शुरू कर दी थी,,,। यह ना जाने कैसी कशिश और खुमारी थी किगुलाबी मीना को बिल्कुल भी रोक नहीं पा रही थी या यूं कह लो कि कल घर में ही मीना ने उस पर पूरी तरह से काबू पा ली थी,,,, गुलाबी के लिए भी यह पहला अनुभव था जब कोई औरत पेशाब करते हुए उसकी बुर में उंगली डालकर अंदर बाहर कर रही हूं इससे गुलाबी की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ गई थी और उसके पेशाब की धार बड़ी तेजी से बाहर निकल रही थी जिसे देखकर मीना के मुंह में पानी आ रहा था,,,,,,मीना से रहा नहीं जा रहा था और बाहर अपनी उंगली को गुलाबी की बुर में अंदर-बाहर करते हुए बोली,,,।
free file hosting
ओहहहह गुलाबी क्या मुतती है रे तु,,, एकदम मस्त कर दे रही है,,,,
बड़े जोरों की लगी हुई थी,,,।
सहहहहह गुलाबी तुझे मूतता हुआ अगर कोई मर्द देख ले तो सच में तेरी बुर में लंड डाले बिना नहीं रह पाएगा,,,,,।
Gulabi ki gol gol gaand se khelti huyi meena
धत्,,,, यह कैसी बातें कर रही है,,,
मैं सच कह रही हूं मेरी रानी,,,, तेरी बुर बहुत खूबसूरत है अनछुई,,, सहहहहहहहरह,,,,आहहहहहहहहह,,,(मीना की आंखों में खुमारी छाने लगी थी,,, पल भर में ही उसे गुलाबी की मदमस्त जवानी की मदहोशी का नशा छाने लगा,,,, वह बड़ी तेजी से गुलाबी की बुर में उंगली को अंदर बाहर कर रही थी गुलाबी उसे रोक सकने में अब बिल्कुल भी असमर्थ साबित हो रही थी क्योंकि उसे मजा आने लगा था एक औरत के हाथों से उसे पहली बार इस तरह का सुख प्राप्त हो रहा था,,,,।
मीना गुलाबी के चेहरे के बदलते भाव को बड़े गौर से पढ़ रही थी,,,, गुलाबी का सुर्ख लाल चेहरा साफ बयां कर रहा था कि मीना की हरकत का उस पर बेहद उन मादक असर पड़ रहा है,,, उसे मजा आ रहा है,,, गुलाबी की बुर से काम रस का बहाव होना शुरू हो गया था,,,, धीरे धीरे गुलाबी की दूर के छेद से निकल रही नमकीन पानी की धारा कम पड़ने लगी और देखते ही देखते वह बूंदों में बदल गई,,, गुलाबी पेशाब कर चुकी थी लेकिन उसका उठने का बिल्कुल भी मन नहीं कर रहा था,,,, वह उसी तरह से बैठी रह गई थी और इसी बात का मेला गौर भी कर रही थी मीना की हरकतें उसे अत्यधिक उत्तेजित कर रही थी,,,,।
Meena Gulabi ki boor se khelte huye
बहुत संकरी है तेरी बुर गुलाबी,,,,
क्यों खुश हो जाएगा वह तो सबके पास होती है,,,।
सहहहहह होती तो है मेरी रानी लेकिन तेरी जैसी नहीं होती ना देख कितनी मक्खन जैसी चिकनी है तेरी हल्के हल्के बाल से सुशोभित और भी ज्यादा खूबसूरत लग रही है और सबसे बड़ी बात यह है कि अभी तक तेरी बुर में लंड नहीं गया है एकदम कुवारी है,,,,,,। और मर्दों को कुंवारी बुर ही सब से ज्यादा पसंद आती है जिसमें एक भी लंड गया ना हो,,,।
क्या तू सच कह रही है मीना,,,!(आंखों को बंद किए हुए मस्ती भरे स्वर में बोली)
एकदम सही कह रही हो मेरी गुलाबी रानी,,,,।
लेकिन शादी के पहले तो तू तो कई बार लंड ले चुकी थी तेरे पति ने कुछ कहा नहीं,,,।
Meena or Gulabi ki masti
सहहहहह ,,,,आहहहहहह गुलाबी,,,(बुर में उंगली डालते हुए) मुझे मालूम था कि मेरी बुर तेरी जैसी संकरी नहीं है,,,और मुझे यह भी पता था कि अगर मेरा पति अनुभव वाला होगा तो उसे पहली रात में ही सब पता चल जाएगा इसलिए मैं भी एक तरकीब की थी जिसकी बदौलत मेरे पति को आज तक शक ही नहीं हुआ,,,,।
(इतना सुनते ही गुलाबी की उत्सुकता उसके तरकीब के बारे में जानने की और ज्यादा बढ़ गई क्योंकि उसकी तरकीब उसे भी काम आ सकती थीक्योंकि वह तो घर में ही दो दो मर्द का आनंद ले रही थी एक तो सबसे ज्यादा मोटा तगड़ा और लंबा था जिसके कारण उसकी बुर की गोलाई कुछ हद तक फैल गई थी अगर मीना उसे सही हिदायत दे देगी तो उसका भी काम बन जाएगा वरना शादी के बाद उसका भी भांडा फूट जाने का डर बना रहेगा इसलिए वह उत्सुकता दिखाते हुए बोली)
ऐसी क्या तरकीब लगाई की जीजा जी को शक नहीं हुआ,,,
बहुत मस्त करके फिर गुलाबी तू अगर शादी से पहले चुदवाती रहती तो तेरे भी वह तरकीब बहुत काम आती ,,,,
Gulabi ki boor me ungli karte huye
फिर भी बताना पता तो चले,,,,(पेशाब कर लेने के बावजूद भी गुलाबी उसी तरह से बैठी रह गई थी यह मीना की कामुक हरकतों का ही नतीजा था जोकि गुलाबी उठ नहीं रही थी,,,,)
अरे सुहागरात की जैसे ही तेरे जैसा मतलब मेरे पतिअपना लंड डालने की कोशिश करने लगे वैसे ही मै जोर-जोर से चिल्लाना शुरू कर दी,,,।
ऐसा क्यों,,?
अरे मतलब क्यों नहीं पता चले कि मुझे दर्द हो रहा है,,,,
इसके बाद क्या हुआ,,,,?(मीना की बातों में गुलाबी अपनी उत्सुकता दिखा रही थी और गुलाबी कि बुर में मीना अपनी उंगली को अंदर बाहर करके उसकी उत्तेजना और मजा दोनों को बढ़ा रही थी,,,,)
मैं इतनी जोर से चिल्लाना शुरू की थी कि उन्होंने जोर से मेरा मुंह दबा दिया और पता है तुझे वह क्या बोले,,,,।
चिंता मत करो मेरी रानी शुरू शुरू में थोड़ा दर्द होता है उसके बाद बहुत मजा आएगा बस थोड़ा सा संभाल लो,,,।
(इतना कहकर मीना हंसने लगी और उसकी बात सुनकर गुलाबी भी हंसने लगी क्योंकि वह दोनों अच्छी तरह से जानते थे कि उसका पति बेवकूफ बन रहा था आगे की बात जाने के लिए गुलाबी बोली)
इसके बाद,,,,
इसके बाद में थोड़ा संभल गई और दर्द का बहाना करती रही उन्हें रह-रहकर रोक देती थी,,,,, और रुक जाते थे उन्हें लगता था कि मुझे बहुत दर्द हो रहा है,,,, जैसे ही उनका पूरा अंदर गया मैं धीरे-धीरे दर्द को भूलने का नाटक करते हुए मस्ती भरी आवाज निकालने लगी,,, और फिर मेरे दामन में लगा दाग भी भूल गया मेरे पति को बिल्कुल भी शक नहीं हुआ सुबह जल्दी उठकर मैं जानबूझकर अपने बिस्तर को धो डाले ताकि सबको यही लगेगी बिस्तर पर खून का धब्बा लगा हुआ होगा,,,
Meena Gulabi ki boor chat te huye
बाप रे तू तो कितनी चालाक है,,,,(गुलाबी आश्चर्य जताते हुए गोरी जो कुछ भी मीना ने उसे बताई थी वह उसकी जिंदगी में भी आगे चलकर काम आने वाला था इसलिए उसे इस बात की खुशी थी कि वह भी मीना की तरह बहाना करके अपने पति को बिल्कुल भी शक नहीं होने देगी,,,,।धीरे-धीरे गुलाबी की सांसो की गति तेज होने लगी क्योंकि दोनों टांगों के बीच मीना की हरकत बढ़ने लगी थी,,,।)
सहहहहह आहहहहहह,,,, गुलाबी तेरी जैसी गुलाबी और खूबसूरत बुर अगर मेरी होती तो मैं तक ना जाने कितने मर्दों को अपना गुलाम बना कर रखती,,,।
धत्,,, मेरे पास भी तो वैसे ही है जैसी तेरे पास है,,, मेरे में नया क्या है,,,,।
अरे पागल हीरे की परख केवल जोहरी ही जान पाता है और तेरी दोनों टांगों के बीच एक बेशकीमती हीरा है,,, जिसकी चमक और दाम सिर्फ मैं ही बता सकती हुं,,,(मीणा उत्तेजित होते हुए अपनी हथेली में मुट्ठी बनाकर गुलाबी की छोटी सी बुर को दबोच ली,,, जिससे गुलाबी के मुंह से आह निकल गई,,,,।
आहहह,,, क्या कर रही है,,,।
तेरी बुर से प्यार कर रही हु,,, कसम से मेरा मन तो कर रहा है कि तेरी बुर को जीभ से चाट लु,,,(मीना एकदम से मदहोश स्वर में बोली,,, उसकी यह बात सुनकर गुलाबी पूरी तरह से मदहोशी से भर गई उसे यकीन नहीं हो रहा था कि एक औरत एक औरत की बुर चाटने की बात कर रही थी,,, इस अनुभव को लेने के लिए गुलाबी का भी मन मचल उठा अब तक उसकी बुर पर उसके बड़े भैया और उसके भतीजे का ही होठ लगा था जिसका का भरपूर आनंद लुटी थी,, लेकिन अब वहां एक औरत के होठों को अपनी बुर का चुंबन देना चाहती थी और उसके एहसास में पूरी तरह से डूब जाना चाहती थी,,,, वह देखना चाहती थी कि जब एक औरत की जीत औरत की बुर पर लगता है तो औरत को कैसा एहसास होता है,,,, वह अगले पल के लिए बेहद उत्सुक थी लेकिन अपने मुंह से बोलने में उसे शर्म महसूस हो रही थी क्योंकि मीना के सामने वह एक सीधी-सादी लड़की थी जिसने अभी तक अपने बदन पर किसी भी मर्द का हाथ रखने ही नहीं दी थी,,, और अगर ऐसे में वह खुद आगे चलकर उसे अपनी बुर चाटने का न्योता देती है तो मीना के मन में शंका जाग सकती है इसलिए वह ऐसी कोई भी हरकत नहीं करना चाहती थी कि मीना को किसी भी प्रकार का शक हो,,,, इसलिए वह बोली,,,)
धत्,,,, कैसी बातें करती है तू,,,, सुनकर ही कितना गंदा लगता है,,,,
अरे बुद्धू शुरू शुरू में ऐसा ही लगता है कि यह बहुत गंदा काम है लेकिन एक बार बुर में जीभ घुस गई ना तब तू ही मेरा मुंह पकड़ कर और सटा देगी,,, लेना चाहती है अनुभव,,,, धीरे-धीरे तुझे भी सीखना चाहिए मजा लेना चाहिए वरना जिंदगी में क्या है,,,,(मीना गुलाबी की बुर को अपनी हथेली से सहलाते हुए उसे मना रही थी,,, और गुलाबी भी मचल रही थी इस नए अनुभव के लिए,,,,,, मीना तड़प रही थी गुलाबी कि बुर उनको चाटने के लिए,,, गुलाबी कुछ बोल नहीं रही थी वह उसी तरह से गांड खोल कर बैठी हुई थी ,,, जैसा की पेशाब करने के लिए बैठी थी,,,मीना भी उसका साथ देते उसके बगल में बैठी थी लेकिन पेशाब नहीं कर रही थी,,,, वह पूरे कपड़ों में थी और गुलाबी अपनी सलवार खोल कर बैठी थी,,।उसकी नंगी गांड की तरफ आकर्षित होते हुए मीना उसकी नंगी गांड और उसकी बुर से खेल रही थी,,,मीना को किसी भी प्रकार का साथ ना हो जाए इसलिए अपने शब्दों को संभाल कर बोलते हुए बोली,,,)
मीना रहने दे तेरी हरकत से मुझे ना जाने क्या हो रहा है,,,
Gulabi ki Gulabi khubsurat chut
मैं जानती हूं मेरी जान तुझे मजा आ रहा है इससे भी ज्यादा मजा आएगा बस मुझे अपनी मनमानी करने दे तो खुश हो जाएगी,,,,।
धत मुझे शर्म आती है,,,,।
अरे इसमें कैसी शर्म,,,,।
Gulabi or meena 69 position me
alien animated pictures
नहीं रहने दे,,, मुझे शर्म आ रही है मुझे सलवार पहनने दे,,,।(और इतना कहने के साथ ही वो एक बहाने से खड़ी हो गई,,, वह जानबूझकर खड़ी हुई थी क्योंकि वह जानती थी कि मीना उसकी बुर चाट ना चाहती है और बिना खड़े हुए मिला उसकी बुर चाट नहीं पाएगी जिसके लिए वह खुद उत्सुक थी,,,और दिखावे के लिए वह सलवार को ऊपर की तरफ उठाने लगी तो मीना तुरंत उसे रोक दी,,,,,, और सलवार को और नीचे की तरफ सरका दी,,, उसकी हरकत को देखकर दिखावे का गुस्सा करते हुए गुलाबी बोली,,,।
यह क्या है मीना,,,, यह ठीक नहीं है कोई देख लेगा तो क्या होगा,,,
तू बिल्कुल भी चिंता मत कर गुलाबी कोई नहीं देखने वाला दरवाजा बंद है और हम दोनों के सिवा यहां कोई नहीं है मैं तुझे ऐसा सुख दूंगी कि तू एकदम मस्त हो जाएगी और अपनी जवानी का सही उपयोग करने लगेगी,,,,(पर इतना कहते हुए बड़ा गुलाबी की चिकनी जांघों को पकड़कर अपने प्यासे होठों को उसकी दोनों टांगों के बीच की पतली दरार की तरफ बढ़ाने लगी उसकी नजरें ऊपर थी गुलाबी भी उसे ही देख रही थी दोनों कि मुझे आपस में टकरा रही थी जिससे गुलाबी को शर्म महसूस हो रही थी लेकिन अपनी नजरों को हटा नहीं रही थी,,,, जब मीना के प्यासे होठ गुलाबी की तपती हुई बुर के बेहद करीब आ गई तो मीना उसकी आंखों में देखते हुए बोली,,,)
देखना बहुत मजा आएगा गुलाबी,,,,(और इतना कहने के साथ ही मीना अपने प्यासी होठों को गुलाबी की बुर पर रख दी,,,, गुलाबी के लिए यह पहला अवसर था जब हुआ किसी औरत के होठों को अपनी दूर के ऊपर महसूस कर रही थी लेकिन मीना के लिए यह अनुभव कुछ ज्यादा ही था वह अपने ससुराल में,,, इस तरह के संबंध के बारे में सीखी थी और जानी थी क्योंकि उसके साथ उसकी ननद यह सब करती थी और उसी के वजह से उसके तन बदन में औरतों के लिए प्यास बढ़ने लगी थी गुलाबी की नंगी गांड को देखकर उसकी है प्यास एकदम से बढ़ गई थी और नतिजन इस समयउसके होंठ गुलाबी कीबोर्ड के ऊपर थी और अपनी जीभ बाहर निकाल कर उसकी गुलाबी छेद में डालकर उसकी मलाई को चाटना शुरू कर दी थी उत्तेजना के मारे गुलाबी की बुर से काम रस बहना शुरू हो गया था जिसका स्वाद मीना ले रही थी,,,,।
गुलाबी ने अपनी भैया और अपने भतीजे से से अपनी बुर खूब चटवाई थी,,,, औरत की जीभ का मजा लेते हुए गुलाबी के मुंह से सिसकारी की आवाज निकलने लगी जोकि मीना के लिए उत्तेजना बढ़ा देने वाला था क्योंकि इससे साफ जाहिर हो रहा था कि उसकी हरकत की वजह से गुलाबी को मजा आ रहा है और गुलाबी पहले से ही बुर चटवाने का अनुभव ले चुकी थी इसलिएतुरंत अपने दोनों हाथों को मीना के सर पर रख कर अपनी कमर को गोल गोल हीलाने लगी,,,जब उसे इस बात का एहसास हुआ कि उसकी हरकत अनुभव वाली है तो वहां तुरंत अपने हरकत को अपने बातों से संभालते हुए बोली,,,।
ओहहहह मीना मुझे क्या हो रहा है,,,आहहहहह,,,मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा मेरे तन बदन में कुछ हो रहा है,,,।
(गुलाबी की बातों को सुनकर मीना अंदर ही अंदर खुश होने लगीवह बुर चाटने में व्यस्त थी लेकिन बोल कुछ नहीं रही थी क्योंकि वह इस एहसास को अच्छी तरह से जानती थी वह समझ गई थी कि गुलाबी को बहुत मजा आ रहा है,,,। घर के कौन है शादीशुदा मीना और कुंवारी गुलाबी कामसूत्र के नए अध्याय की शुरुआत कर रहे थे,,, गुलाबी घर की कच्ची दीवार से सटकर खड़ी थी और उसकी चिकनी जामा को दोनों हाथों से थामे हुए मीना घुटनों के बल बैठकर उसकी बुर चाट रही थी बेहद कामोत्तेजना से भरा हुआ यह नजारा था,,,। कुछ देर तक मीना इसी तरह से गुलाबी की बुर को चाटती रही लेकिन वह उसे खटिया पर ले जाना चाहती थी,,, इसलिए उसकी बुर से अपने होठों को हटा कर खड़ी हो गई और उसका हाथ पकड़ कर उसे खटिया तक ले जाए और उसे खटिया पर पीठ के बल लेटा दि,,,,गुलाबी कुछ भी नहीं बोल रही थी बस उसके आदेश का पालन करते हुए जैसा वह कर रहे थे उसी तरह से व्यवस्थित आसन में आजा रही थी,,,,। मीना को उसकी आधी उतरी हुई सलवार को उसकी टांगों से बाहर खींच कर निकाल दी,,, और उसकी कुर्ती को उतारने लगी तो खुद गुलाबी उसकी सहायता करते हुए अपनी कुर्ती को भी उतार फेंकी इस समय गुलाबी पूरी तरह से नंगी थी और मीना अपने संपूर्ण वस्त्र में थी,,, लेकिन मैंने बात अच्छी तरह से जानती थी कि किस खेल को वो खेलने जा रही है उस खेल में वस्त्र बाधा रोग बन जाते हैं इसलिए वह भी,,, गुलाबी की आंखों के सामने ही बेशर्मी की खातिर अपने सारे कपड़े उतार कर एकदम से नंगी हो गई,,,,। मीना का रंग दबा हुआ था लेकिन उसके बदन का उभार विवाहित होने के नाते बहुत ही खूबसूरत सांचे में ढल गया था,,,।
मीना को नंगी देखकर गुलाबी मुस्कुरा रही थी और मीना बिना देर किए तुरंत खटिया पर चढ गई और उसकी दोनों टांगों को फैला कर फिर से उसकी बुर पर अपने होठों को रख कर चाटना शुरू कर दी अपने दोनों हाथों को ऊपर की तरफ लाकर उसकी दोनों चूचियों को पकड़ कर दबाना शुरू कर दी,,,,अब औरत वाली इस खेल में गुलाबी को बहुत मजा आ रहा था वह कभी सोचे नहीं थे कि औरत से भी उसे इतना सुख प्राप्त हो सकता है मीना पागलों की तरह उसके काम रस को जीभ से चाट रही थी,,,। और गुलाबी उत्तेजना के मारे खटिया पर कसमसा रही थी कुंवारी बुर चाटने के अनुभव को लेना चाहती थी,,, लेकिन गुलाबी मीना से यह बात कहने में शर्मा रही थी,,, लेकीन मीना ससुराल में जाकर अपनी ननद से सब कुछ सीख चुकी थी इससे ससुराल का अनुभव होगा गुलाबी के साथ बांट रही थी,,,,।
वह तुरंत अपने आसन को बदलते हुए,,, अपनी गांड से गुलाबी के मुंह पर रख दी और झुक कर उसकी दोनों टांगों के बीच अपना मुंह डाल दी,,,, गुलाबी समझ गई थी कि मीना क्या करवाना चाहती है इसलिए अपनी उत्सुकता को पूरी करते हुए गुलाबी अपनी जीभ बाहर निकाल कर,,,, मीना की बुर को चाटना शुरू कर दी,,, मीना के काम रस का स्वाद अपनी जीभ पर महसूस करते ही गुलाबी को बात का एहसास हुआ कि औरत की बुर से निकलने वाला काम रस कितना कसैला और नमकीन होता है फिर भी मर्द बड़े चाव से काम रस के गले के नीचे उतार लेते हैं,,,,।
गुलाबी भी पूरी तरह से उत्तेजित हो चुकी थी मीना की बड़ी बड़ी गांड को अपने हाथों में भरकर वह उसकी बुर को चाट रही थी और मीना अपनी जीभ से गुलाबी की बुर को कुरेद रही थी,,,दोनों को एक दूसरे के अंगों से खेलने में बहुत मजा आ रहा था,,,,दोनों के बीच किसी भी प्रकार की वार्तालाप नहीं हो रही थी दोनों अपने अपने ढंग से एक दूसरे के बदन से खेल रहे थे,,,, मीना गुलाबी की मस्ती को और ज्यादा बढ़ाते हुए,,, अपनी एक उंगली का गुलाबी की बुर में डालने लगी वैसे तो मीना अगर अपनी तीनों मिलेगी उसकी बुर में डाल देती तो भी उसे फर्क नहीं पड़ता क्योंकि अपने भतीजे के मोटे और लंबे लंड को वह रोज अपनी बुर के अंदर लेती थीलेकिन कहीं अपनी चोरी पकड़ी ना जाए मीना को किसी भी प्रकार का शक ना हो जाए इसलिए वह दर्द का बहाना करते हुए उसका हाथ पकड़कर उसे रोकने की कोशिश करने लगी,,, तो मीना उसे समझाते हुए बोली,,,।
कुछ नहीं होगा मेरी जान बहुत मजा आएगा धीरे धीरे तेरी बुर में लंड के लिए जगह बनाने दे वरना एक ही झटके में घुसेगा तब तू सह नहीं पाएगी,,,,।
(गुलाबी अच्छी तरह से जानती थी कि मीना की उंगली से उसे कुछ भी फर्क पड़ने वाला नहीं है इसलिए थोड़ी बहुत नानकुर करके उसे उसकी मनमानी करने दी,,,, धीरे-धीरे मीना अपनी एक उंगली को गुलाबी की बुर में डालना शुरू कर दी,,,, गुलाबी दर्द से कराहने का बस नाटक करती रही,,, और साथ में मीना की बुर को चाटने का मजा भी ले रही थी,,।
![](https://i.ibb.co/Hx6NPzf/1660646901-picsay.jpg)
।
धीरे-धीरे दोनो की हरकत बढ़ती जा रही थी गुलाबी समझ गई थी कि मीना को अब बिल्कुल भी शक होने वाला नहीं हैइसलिए इस मौके का गुलाबी पूरी तरह से फायदा उठाना चाहती थी इसलिए जोर-जोर से मिलना की गांड पर चपत लगाते हैं उसकी बुर को चाट रही थी और खुद भी अपनी उंगली को मीना कि बुर के अंदर बाहर करना शुरू कर दी थी,,,, दोनों एक एक बार एक दूसरे की हरकत से झड़ चुके थे,,,।
मीना अपने आसन के बदलते हुए खुद गुलाबी की दोनों टांगों के बीच आ गई और उसके ऊपर झुक कर उसकी दोनो चुचियों को दोनों हाथों से पकड़कर बारी-बारी से मुंह में लेकर पीना शुरु कर दी,,,, गुलाबी की उत्तेजना बढ़ने लगी,,,,
Gulabi or meena apas me chut ragadte huye
एक औरत के साथ इस तरह के संबंध में गुलाबी को भी मजा आ रहा था,,,, गुलाबी के मुंह से गर्म सिसकारी फूट रही थी,,,। मीना अपनी हरकत को बढ़ाते हुए अपनी बुर को उसके ऊपर लेट कर हल्के हल्के गुलाबी की बुर पर रगड रही थी,,,गुलाबी की सांसे ऊपर नीचे हो रही थी की बुर से बुर का घर्षण बेहद उन्माद पैदा कर रहा था,,, उत्तेजना के मारे धीरे धीरे गुलाबी भी अपनी कमर को ऊपर की तरफ फेंक दे रही थी,,, देखते ही देखते मीना अपनी बुर को जोर-जोर से गुलाबी की बुर पर रगड़ना शुरू कर दी,,,बुर से बुर रगड़ने की वजह से दोनों के बदन में अद्भुत गर्मी का संचार हो रहा था दोनों की जवानी पीघल कर बुर के रास्ते से बह रही थी,,,,देखते ही देखते दोनों एक दूसरे को अपनी बाहों में कस के झड़ने लगी,,,,।
कुछ देर तक दोनों इसी तरह से खटिया पर एकदम नंगी होकर एक दूसरे की बाहों में लेटी रह गई,,,। गुलाबी को आज एक नया अनुभव प्राप्त हुआ था,,, मीना और कला के कहने खटिया पर से नीचे उतर कर खड़ी हो गई और अपने अपने कपड़े पहनने लगी,,, गुलाबी जानबूझकर मीना के सामने शर्माने का नाटक कर रही थी,,, और मैंने उसे छेडते हुए बोली,,,।
हाय मेरी गुलाबी रानी मजा आया ना,,, अब ना मत कहना क्योंकि तेरी बुर से भी काम रस फूट पड़ा था यह तभी होता है जब मजा आता है समझी,,,,(इतना कहकर मीना मुस्कुराने लगी और गुलाबी भी मुस्कुराते हुए घर से बाहर निकल गई,,,।)