• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest बैलगाड़ी,,,,,

rohnny4545

Well-Known Member
13,342
34,856
259
आह .... आज तो बड़ा जानलेवा दिन है उधर unique bhaiya ने टैटू में धमाल मचा रखा है, इधर आपने गलाबी में अलग ही मादकता पैदा कर दी है। लगता है तूफान आने वाला है 💦💦
Dhanyawad vinita ji
 

Sanju@

Well-Known Member
4,836
19,524
158
जाते जाते कमला चाची की बहू ने जो बात कह दी थी उस बात को सुनकर राजू विचार में पड़ गया था क्योंकि जो कुछ भी वह कह कर गई थी उसमे उसे सच्चाई नजर आ रही थी,,, क्योंकि इतना तो वह समझ ही गया था कि उसके पास मर्दाना ताकत सबसे ज्यादा थी तभी तो औरते पहली बार में ही उसके बस में हो जाती थी,,,,इसलिए राजू अपने मन में सोचने लगा कि अगर किसी भी तरह से वह अपना मोटा कला लैंड अपनी मां को दिखा दे तो शायद उसके लिए बात बन सकती है क्योंकि अब तक यहां छोटे से छेद में से अपनी मां की चुदाई और उसकी प्यास को देखता रहा था रात को वह हर तरीके से चुदाई का मजा लूटती थी,,, राजू ने एक भी दिन अपनी मां को चुदाई के मामले में अलसाते हुए नहीं देखा,,, हर रात वह नए जोश के साथ चुदाई का सुख भोग रही थी इसलिए राजू को अपना काम बनता हुआ नजर आ रहा था क्योंकि हर हाल में उसका मोटा तगड़ा लंबा लंड उसके पिताजी से बेहद तगड़ा था,,,, और अब तक की जितनी भी औरतों के साथ उसने चुदाई किया था वह सभी औरतें उसकी दीवानी हो चुकी थी इसलिए उसे पक्का यकीन था कि अगर जिस दिन उसकी मां उसकी लैंड के दर्शन करने की तो वास्तव में वह भी उन्हीं औरतों की तरह उसके मर्दाना ताकत की दीवानी हो जाएगी यही सोचकर राजू उत्तेजना से गदगद हो गया था,,,,।


wind emojis

अपनी मां और पिताजी के गांड मराई के कार्यक्रम को देखकर वह आज की रात अपनी बुआ की गांड मारना चाहता था जिसके लिए अपने बुआ को मना भी दिया था और उसे रात होने का इंतजार था,,,, गुलाबी भी एक नए अनुभव के लिए उत्सुक थीलेकिन वह एक बार पूरी तरह से तसल्ली कर लेना चाहती थी कि वास्तव में यह काम करने में मजा आता है या दर्द होता है इसलिए वह अपनी शादी शुदा सहेलियों के पास दोपहर में उनसे बात करने के लिए निकल गई,,,,,,,वैसे तो उसे अपनी सहेलियों से मिलने का बिल्कुल भी मन नहीं करता था क्योंकि सभी सहेलियां उसकी हम उम्र थी लेकिन सब की शादी हो चुकी थी और सब लोग एक एक दो दो बच्चों की मां भी बन चुकी थी लेकिन अभी तक गुलाबी को हल्दी तक नहीं लगी थी इसलिए गुलाबी को अपनी सहेलियों को देखकर थोड़ा दुख होता था लेकिन आज बात कुछ और थी आज वह उनका अनुभव जानना चाहती थी,,, इसलिए अपनी सबसे अच्छी सहेली मीना के घर पहुंच गई क्योंकि कुछ दिनों पहले ही वह अपने ससुराल से वापस लौटी थी,,,।



मीना अरे ओ मीना घर पर है कि नहीं,,,(दरवाजे पर दस्तक देते हुए गुलाबी बोली,,,,मीना घर के आंगन में ही बैठी हुई थी गुलाबी की आवाज को पहचानती थी इसलिए झट से खटिया पर से उठ कर तुरंत दरवाजा खोलने चली गई और दरवाजा खोलते ही गुलाबी को द्वार पर देख कर मुस्कुराते हुए बोली)


अरे गुलाबी तू आज बड़े दिनों बाद तुझे मेरी याद आई है,,,


चल रहने दे तुझे भी मेरी याद कहां आती है पहले तो रोज मेरे घर पर मुझसे मिलने आया करती थी लेकिन जब से शादी हुई है तब से तो आती ही नहीं,, है,,।


अच्छा बाबा मुझे माफ कर दे लेकिन अंदर तो आ की दरवाजे पर खड़ी खड़ी ही बात करती रहेगी,,,

(मीना और गुलाबी दोनों अंदर आ गए और मीना ने दरवाजा बंद कर दि,,, अंदर आते ही इधर उधर देखते हुए,,, गुलाबी बोली,,)

घर पर कोई नहीं है क्या चाची कहां गई,,,


सब खेत पर गए हैं,, मां ने छोटी और मुन्नी दोनों को भी खेत पर ले गई है,,,


छोटी और मुन्नी,,,(गुलाबी आश्चर्य से बोली)


अरे मेरी लड़कियां,,,,




बाप रे 2 साल में दो बच्चे हर साल एक बच्चा,,, तू तो कमाल कर रही है,,,


क्या कमाल कर रही है गुलाबी,,,, वह तो एकदम प्यासे रहते हैं जब देखो तब चढ जाते हैं,,,,,, अब रोज-रोज थोड़ी ना मन करता है लेकिन वह मानते कहां है,,,


अरे बुद्धू मजा तो रोज मिल रहा है ना,,,, रोज तेरी चुदाई हो रही है और तुझे क्या चाहिए,,,


तू ही चुदवा ले,,,,इस बार ऐसा करती हूं कि मेरी जगह तुझे ही भेज देती हो तब तुझे पता चलेगा कि चुदाने में मजा आता है या सजा,,,, अरे तीन-चार दिन में कभी-कभी हो तो मजा भी बहुत आता है लेकिन रोज-रोज सर दर्द बन जाता है,,,।


तो क्या जीजा तेरी रोज लेते हैं,,,।

रोज,,, अरे बुद्धू दिन भर लगे रहते हैं काम ना काज बस एक ही काम है साड़ी उठाकर चढ जाओ,,,,।
(गुलाबी को उसकी बातों से ऐसा ही लग रहा था कि शायद उसे अब इस काम में मजा नहीं आ रहा है या तो फिर वह बातें बना रही है इसलिए गुलाबी बोली,,,)


मुझे तो लगा था कि तुझे बहुत मजा आ रहा होगा वैसे भी तो तुझे इस काम में बहुत मजा आता था गांव के कई लड़के तेरे पीछे पड़े थे और वह,,,पड़ोस वाली गांव का लड़का उसका तो नाम भी नहीं मालूम है पता है ना रोज रात को तेरे से मिलने आता था,,, और सिर्फ बातें करने का वादा नहीं था मुझे पूरा यकीन है कि तेरी रोज लेने आता था तेरे पिताजी तुम दोनों को पकड़ लिए थे तभी तो तेरी जल्दी शादी हुई,,,।
(गुलाबी की बातों को सुनकर मीना के चेहरे पर मुस्कान आ गई,,, क्योंकि मीना और गुलाबी दोनों एकदम पक्की शहेलियां थी दोनों को एक दूसरे की बातों का बिल्कुल भी बुरा नहीं लगता था,,, इसलिए शादीशुदा होने के बावजूद भी गुलाबी की बातों का उसे बिल्कुल भी बुरा नहीं लग रहा था बल्कि उसके होठों पर मुस्कान आ जा रही थी क्योंकि जो कुछ भी गुलाबी कह रही थी उसमें सच्चाई थी ,,रोज रात कोपड़ोस के गांव वाला लड़का उसे सिर्फ बातचीत करना नहीं आता था पर कि रोज उसकी लेने भी आता था,,,)


हां कह तो तु सच ही रही है,,, वह लड़का रोज रात को मेरी लेने के लिए याद आता तो सच कहूं तो उस समय चोरी-छिपे मजा भी बहुत आता था वह रोज आता था रोज लेता था लेकिन कभी भी मुझे ऐसा नहीं लगा कि उस काम में मुझे मजा नहीं आ रहा है लेकिन शादी के बाद तो उनका रोज का हो गया और उनके रोज में तो मुझे बिल्कुल भी मजा नहीं आ रहा है,,,।


तो बुला लेना उसी को,,, आ जाएगा,,,,

सोच तो रही हूं लेकिन इस बार तेरे लिए बुला लु,,, तू अभी बिल्कुल कुंवारी है,,, मुझे पूरा यकीन होगा कि तेरी तो अभी सील भी नहीं टूटी होगी,,,।

धत कैसी बातें करती है,,,,।


तु सच में गुलाबी सबसे अलग है,,, इतनी खूबसूरत जवान होने के बावजूद भी कभी भी किसी लड़के को अपने पास भटकने भी नहीं दी और अभी तक शादी भी नहीं की है क्या तेरा मन नहीं करता,,,,,,


सच कहूं तो मीना इस बारे में मैं कभी सोचती भी नहीं हूं दिन भर काम काज में लगी रहती हूं और सबसे ज्यादा ख्याल मुझे अपनी भैया की इज्जत का होता है मैं उनकी इज्जत पर दाग नहीं लगने देना चाहती,,,, समय आएगा तो शादी हो जाएगी और फिर जो तू कह रही है वह काम भी तो होना ही है,,,,।
(मीना के सामने गुलाबी सती सावित्री बनी हुई थी क्योंकि यह बात पूरा गांव जानता था कि गुलाबी जैसी सीधी-सादी लड़की गांव में दूसरी कोई नहीं की लेकिन गांव वाले यह नहीं जानते थे कि गुलाबी सिर्फ बाहर वालों के लिए सीधी सादी थी हमें तो वह पूरी तरह से एक रंडी थी जो अपने ही भतीजे के साथ रोज रंगरेलियां मनाती थी और अपने बड़े भाई का भी बिस्तर गर्म करने लगी थी,,,,)

चल कोई बात नहीं अगर मेरे से किसी भी प्रकार की मदद की जरूरत हो तो बेझिझक कहना तेरी सील तुडवाने में मैं तेरी पूरी मदद करूंगी,,,।


तू कैसे मदद करेगी,,,


अरे बुद्धू गांव में आशिकों की कमी है क्या वहीं पड़ोस के गांव वाले लड़के को बुला लूंगी नहीं तो तेरे जीजा जी ने ना किसी बहाने से उनको ही बुला लूंगी और फिर तू भी मजे ले लेना,,,।



ना बाबा ना यह सब तुझको ही मुबारक हो,,,,
(इतना कहकर दोनों हंसने लगे और मीना कमरे में चली गई,,, और थोड़ी ही देर बाद लौटी तो उसके हाथ में कटोरी थी जिसमें मीठा गुड़ रखा हुआ था और गिलास पानी था,,, और मीना गुलाबी को थमाते हुए बोली,,,)

ले गुड़ खाकर पानी पी ले,,,


तेरे ससुराल का है क्या,,,(गुड़ का टुकड़ा उठाते हुए बोली)


हारे ससुराल का ही है तेरे जीजा जी अपने हाथों से पैर कर बनाए हैं,,,,


तभी बहुत मीठा है,,,।

(कुछ देर तक दोनों में इसी तरह से बातचीत चलती रही गुलाबी अपने मन की बात मीना से पूछना चाहती थी लेकिन उसे समझ में नहीं आ रहा था कि कैसे पूछे इसलिए एक युक्ति उसके मन में आई वह जानबूझकर हंसने लगी,,, उसे हंसती हुई देखकर मीना बोली,,,)


बेवजह हंस क्यों रही है,,,


कुछ नहीं कुछ याद आ गया,,,


अरे क्या याद आ गया मुझे बताएगी भी,,,


अरे क्या बताऊं मुझे तो समझ में नहीं आ रहा है कि आजकल के बच्चे कितने हरामि हो गए हैं,,,


क्यों क्या हुआ,,,?


बताऊंगी तो तू भी हंस पड़ेगी,,,


अरे वाह ऐसी कैसी बात है जिसे सुनते ही में हंस पडुंगी तब तो तु मुझे बता,,,।(मीना उत्सुकता दिखाते हुए बोली,,)




अरे यार ऐसा कुछ भी नहीं परसों में अपने खेतों में से वापस लौट रही थी तो कुछ बच्चे झगड़ा कर रहे थे और ऐसी ऐसी गाली दे रहे थे कि मैं तो सुनकर ही एकदम दंग रह गई कि ईतने छोटे छोटे बच्चे ऐसी गाली कैसे देते हैं और मुझे उनकी गाली कुछ अजीब भी लगी,,,


अजीब क्यों लगी,,?


अरे यार एक लड़का बोल रहा था कि तेरी मां की गांड मार लूंगा,,,,(इतना कहते ही गुलाबी हंसने लगी और अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली,,) बुर चोदने वाली बात तक तो ठीक थी गांड मारने वाली बात मुझे कुछ समझ में नहीं आ रही है,,,।

(गुलाबी की बात सुनकर मीना हंसने लगी और हंसते हुए बोली,,)


अरे बुद्धू तो सच में एकदम पागल है तुझे इन सब चीजों के बारे में कुछ भी नहीं पता,,,


क्या मतलब,,,?


अरे मेरा मतलब है कि वह लड़का जो गाली दे रहा था ठीक ही दे रहा था,,,


मैं तेरा मतलब नहीं समझी,,,,


मेरा मतलब है कि औरतों की गांड भी मारी जाती है,,,


क्या,,,?(गुलाबी एकदम से चौंक ने का नाटक करते हुए बोली)


Meena or uska pati



हां मैं सच कह रही हूं जिस तरह से औरतों की बुर में लंड डाला जाता है वैसे ही औरतों की गांड में भी डाला जाता है,,,(मीना एकदम खुले शब्दों में बोल रही थी)


बाप रे मुझे तो यकीन नहीं हो रहा है,,,


मुझे भी यकीन नहीं हो रहा था लेकिन शादी के बाद कुछ दिन तक तो मेरे पति ने मुझे खूब चोदा,,,, उसके बाद गांड में लंड डालने लगे,,,।


और तू डलवा ली,,,


नहीं पहले तो मुझे बहुत डर लग रहा था,,,, लेकिन जब भी वह मेरी गांड के छेद को छुते थे तो बदन में अजीब सी हलचल होने लगती थी,,,,,, लेकिन मैं उन्हें गांड में डालने नहीं देती थी वह मेरी रोज मिन्नतें करते थे मुझे मनाते थे समोसा चाट सब कुछ खिलाते थे एक बार मैं उन पर तरस खाकर उन्हें गांड में डालने की इजाजत दे दी और यही मेरी सबसे बड़ी गलती थी,,, पहले तो घुस नहीं रहा था जैसे तैसे घुसा तो मै सच बताऊं दिन में तारे नजर आने लगे 3 दिन तक मैं ठीक से चल नहीं पाई,,,, मुझसे तो यह काम बिल्कुल भी नहीं हुआ और ना कभी होने दूंगी,,,


क्या बहुत दर्द होता है,,,




हां यार दूसरी औरतों का तो पता नहीं मुझे तो बहुत दर्द हुआ था मेरे पति कहते रहते थे कि,,, तुझे ही नखरा आता है,,, बाकी औरतें तो खुशी खुशी गांड मरवाती है,,,


मैंने भी कह दि जाकर उन्हीं औरतों की गांड मारो,,, मैं तो गांड को हाथ भी नहीं लगाने दुंगी,,,,। जब तेरी शादी होगी ना तब तुझे पता चल जाएगा,,,।


ना बाबा ना तु‌जब बता रही है तब मुझे इतना डर लग रहा है,,,, मेरा तो सोचकर ही पसीना छूट रहा है,,,,।


तू है ही ऐसी दूसरी लड़कियों का तो इस तरह की बातें सुनकर पानी छुट जाता है और तेरा पसीना छूट रहा है,,, तू तो मुझे लगता है कि अपने पति से ठीक से चुदवा भी नहीं पाएगी,,,, तुझे कुछ आता ही नहीं है,,,।


चल जाने दे जैसी भी हूं ठीक हूं,,,


हाय मेरी गुलाबी रानी जैसा तू कह रही है ना पति के आगे एक नहीं चलने वाली,,, वह तो दिन रात ,, तेरी बुर और गांड दोनों में अपना लंड डालेगा,,,, देखना मेरी गुलाबी रानी गांड बचाकर कहीं जीजा जी फाड़ ना दे,,,।

ना बाबा ना मैं तो हाथ भी नहीं लगाने दूंगी,,,,।(मीना शादी के बाद की बात कर रही थी लेकिन गुलाबी को तो आज रात की चिंता थी क्योंकि आज रात को उसका भतीजा उसकी गांड मारने के चक्कर में था,,,यही सोचकर वह घबरा रही थी क्योंकि वह अच्छी तरह से जानती थी कि उसके भतीजे का लंड कुछ ज्यादा लंबा और मोटा है,,, इसलिए सोच कर ही गुलाबी सिहर उठी थी,,,। गुलाबी को इस तरह से सोच में डूबी हुई देखकर मीना बोली,,,)
Gulabi or meena



क्या सोचने लगी,,,, कही तेरा भी तो गांड मरवाने का इरादा तो नहीं है,,,,(मीना अपनी आंखों को नचाते हुए बोली,,,)

धत्,,,, तू भी ना ,,जब तू तो दो बच्चों की मां होने के बावजूद भी गांड मरवाने में डर रही है तब तो अभी तो मेरा उद्घाटन भी नहीं हुआ है,,,,।
(इतना कहते ही दोनों जोर-जोर से हंसने लगे,,,गुलाबी को इस दौरान बड़ी जोरों की पेशाब लगी हुई थी इसलिए वह मीना से बोली,,,)


यार मीना मुझे बड़े जोरों की पेशाब लगी है,,,


अरे तो इसमें क्या हुआ,,, यहीं बैठ कर कर ले,,(घर में ही कौन है ना बने छोटे से गुसल खाने की तरफ इशारा करते हुए वह बोली,,)

यहीं पर,,,(गुलाबी आश्चर्य जताते हुए बोली)


अरे तो क्या हम लोग भी तो यही करते हैं अब बाहर कौन जाए सिर्फ मुतने के लिए,,,, जा जा कर कर ले,,,।


ठीक है,,,(इतना कहने के साथ ही गुलाबी खटिया पर से उठ कर खड़ी हो गई और कोने की तरफ जाने लगी,,, मीना वही खटिया पर बेटी रह गई और गुलाबी को देखने लगी गुलाबी पुर मीना के सामने पेशाब करने में कोई दिक्कत नहीं थी क्योंकि दोनों पक्की सहेलियां थी और शादी के पहले भी दोनों उसी तरह से पूरे गांव में घूमा करती थी खेतों में नदी नहर सब जगह पर और साथ में ही शौच क्रिया और पेशाब भी किया करती थी,,,, इसलिए गुलाबी को बिल्कुल भी दिक्कत नहीं हुई,,,,देखते ही देखते गुलाबी कोने में पहुंच गई और अपनी सरकार की डोरी खोलने लगी खटिया पर बैठी हुई मीना बड़े गौर से गुलाबी को देख रही थी गुलाबी की खूबसूरती के तरफ मीना पहले से ही आकर्षित थी एक औरत होने के नाते उसे एक औरत की खूबसूरती से जलन भी होती थी जो कि औपचारिक थी लेकिन गुलाबी की खूबसूरती देखकर ना जाने कि उसके मुंह में पानी आ जाता था,,,,,।



गुलाबी अपने सलवार की डोरी खोल कर सलवार को नीचे की तरफ सरकाने लगी और जैसे-जैसे गुलाबी अपने सलवार को नीचे की तरफ ले जा रही थी वैसे वैसे मीना की आंखों की चमक बढती जा रही थी और देखते ही देखते गुलाबी अपनी सलवार को घुटनों तक नीचे खींच दी गुलाबी गुलाबी गुलाबी गोल-गोल गांड एकदम नंगी नजर आने लगी,,, गुलाबी की गोल गोल गांड देखकर,,, मीना के तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी हालांकि यह औपचारिक था की एक औरत की खूबसूरत बदन को देख कर एक औरत के बदन में हलचल होना ठीक नहीं था और ऐसा होता भी नहीं था लेकिन मीना अपनी ही सहेली की गोरी गोरी गांड देखकर मस्त हुए जा रही थी,,,, मीना की आंखों के सामने ही सहज रूप से गुलाबी मुतने के लिए बैठ गई और अगले ही फल उसकी गुलाबी पुर के गुलाबी छेद में से सुमधुर आवाज आने लगी जो कि मीना के कानों में पहुंचते ही मीना एकदम से मस्त हो गई,,,,।



खटिया पर बैठे बैठे हैं बिना अपनी आंखों के सामने अपनी सहेली को पेशाब करते हुए देख रही थी उसकी गोरी गोरी कांड उसके होश उड़ा रही थी उसे रहा नहीं जाए और वह खटिया पर से उठ कर धीरे-धीरे ठीक गुलाबी के पीछे पहुंच गई और उसकी तरह ही बिना अपनी सलवार खोलें बगल में बैठ गई और अपने हाथ को आगे बढ़ा कर गुलाबी की गोरी गोरी गांड को सहलाने लगी,,,, अपनी गांड पर हथेली का स्पर्श पडते ही गुलाबी एकदम से चौक गई,,, उसे लगा कि किसी और का हाथ है कितनी जब देखी की मीना उसके पास में बैठ कर उसकी गांड को सहला रही है तो वह मुस्कुरा दी,,,, गुलाबी कुछ बोल पाती इससे पहले ही मीना बोली,,,।

ओहहहह गुलाबी तो बहुत खूबसूरत है तेरी गांड देखकर मुझसे रहा नहीं गया,,,,(एक औरत एक औरत की तारीफ कम ही करती है और इसीलिए मीना के मुंह से अपनी तारीफ सुनकर गुलाबी को अच्छा लगने लगा ना जाने क्यों मीना के द्वारा उसकी गांड सहलाना,,, गुलाबी को अच्छा भी लग रहा था और उसे उत्तेजित भी कर रहा था,,,,और मीना अपनी हरकत को आगे बढ़ाते हुए अपनी हथेली को उसकी गांड की दोनों फांकों के बीच में से नीचे की तरफ नहीं गई हो अपनी बीच वाली उंगली पर सीधे उसकी गुलाबी छेद पर रख कर अंदर की तरफ दबा दी जिससे उसकी पेशाब एकदम से रुक गई,,,,।

आहहहह मीना क्या कर रही है,,,,।


कुछ नहीं बोला भी बस मजा ले रही हुं,,(इतना मादक स्वर में कहने के साथ ही गुलाबी अपनी बीच वाली उंगली को सीधे उसकी गुलाबी छेद के अंदर सरका दी और धीरे से उत्तेजित स्वर में बोली,,,)

मुत गुलाबी,,, रुक क्यों गई,,,,(अपनी नशीली आंखों को नचाते हुए मीना बोली,,,, और ना जाने कैसी कशिश थी और ना जाने कैसी कशिश थी मीना की आंखों में उसकी बातों में की गुलाबी उसके प्रति एकदम आकर्षित हो गई उसकी बात को मानते हुए फिर से पेशाब करना शुरू कर दी लेकिन इस बार ना जाने क्यों उसे बहुत मजा आ रहा था मीना की एक उंगली गुलाबी की गुलाबी बुर में घुसी हुई थी वह भी मुतने के अंदाज में उसके बगल में बैठी हुई थी,,,, गुलाबी को बड़े नजदीक से पेशाब करते हुए देखकर मीना के तन बदन में उत्तेजना की लार दौड़ने लगी वह अपनी नजरों को गुलाबी की दोनों टांगों के बीच स्थिर कर दी थी और उसकी गुलाबी छेद में से नमकीन पानी की धार को निकलते हुए देखकर गनगना रही थीऔर धीरे-धीरे अपनी उंगली को उसकी बुर के अंदर बाहर कर रही थी,,, पल भर में ही मीना की कामुक हरकत की वजह से गुलाबी की सांसे भारी हो चली,,, खुद गुलाबी की आंखों में भी खुमारी का नशा छाने लगा,,, वह मदहोश होने लगी,,।
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर मदमस्त अपडेट है
गुलाबी अपनी सहेली मीना के पास गांड मराई का अनुभव पुछने गई लेकिन मीना ने उसे बताया कि बहुत दर्द होता है
मीना तो गुलाबी की गोरी गांड देखकर उसकी ओर आकर्षित हो गई और गुलाबी की गुलाबी बुर में अपनी उंगली डालकर गरम हो गई अब देखते है आगे क्या होता है
 

Vinita

Member
252
996
93
सहहहहह आहहहहहह,,,, गुलाबी तेरी जैसी गुलाबी और खूबसूरत बुर अगर मेरी होती तो मैं तक ना जाने कितने मर्दों को अपना गुलाम बना कर रखती,,,।


धत्,,, मेरे पास भी तो वैसे ही है जैसी तेरे पास है,,, मेरे में नया क्या है,,,,।


अरे पागल हीरे की परख केवल जोहरी ही जान पाता है और तेरी दोनों टांगों के बीच एक बेशकीमती हीरा है,,, जिसकी चमक और दाम सिर्फ मैं ही बता सकती हुं,,,(मीणा उत्तेजित होते हुए अपनी हथेली में मुट्ठी बनाकर गुलाबी की छोटी सी बुर को दबोच ली,,, जिससे गुलाबी के मुंह से आह निकल गई,,,,।

आहहह,,, क्या कर रही है,,,।


तेरी बुर से प्यार कर रही हु,,, कसम से मेरा मन तो कर रहा है कि तेरी बुर को जीभ से चाट लु,,,(मीना एकदम से मदहोश स्वर में बोली,,, उसकी यह बात सुनकर गुलाबी पूरी तरह से मदहोशी से भर गई उसे यकीन नहीं हो रहा था कि एक औरत एक औरत की बुर चाटने की बात कर रही थी,,, इस अनुभव को लेने के लिए गुलाबी का भी मन मचल उठा अब तक उसकी बुर पर उसके बड़े भैया और उसके भतीजे का ही होठ लगा था जिसका का भरपूर आनंद लुटी थी,, लेकिन अब वहां एक औरत के होठों को अपनी बुर का चुंबन देना चाहती थी और उसके एहसास में पूरी तरह से डूब जाना चाहती थी,,,, वह देखना चाहती थी कि जब एक औरत की जीत औरत की बुर पर लगता है तो औरत को कैसा एहसास होता है,,,, वह अगले पल के लिए बेहद उत्सुक थी लेकिन अपने मुंह से बोलने में उसे शर्म महसूस हो रही थी क्योंकि मीना के सामने वह एक सीधी-सादी लड़की थी जिसने अभी तक अपने बदन पर किसी भी मर्द का हाथ रखने ही नहीं दी थी,,, और अगर ऐसे में वह खुद आगे चलकर उसे अपनी बुर चाटने का न्योता देती है तो मीना के मन में शंका जाग सकती है इसलिए वह ऐसी कोई भी हरकत नहीं करना चाहती थी कि मीना को किसी भी प्रकार का शक हो,,,, इसलिए वह बोली,,,)

धत्,,,, कैसी बातें करती है तू,,,, सुनकर ही कितना गंदा लगता है,,,,


अरे बुद्धू शुरू शुरू में ऐसा ही लगता है कि यह बहुत गंदा काम है लेकिन एक बार बुर में जीभ घुस गई ना तब तू ही मेरा मुंह पकड़ कर और सटा देगी,,, लेना चाहती है अनुभव,,,, धीरे-धीरे तुझे भी सीखना चाहिए मजा लेना चाहिए वरना जिंदगी में क्या है,,,,(मीना गुलाबी की बुर को अपनी हथेली से सहलाते हुए उसे मना रही थी,,, और गुलाबी भी मचल रही थी इस नए अनुभव के लिए,,,,,, मीना तड़प रही थी गुलाबी कि बुर उनको चाटने के लिए,,, गुलाबी कुछ बोल
बेहद कामुक 👌
 
Top