राजू को बड़ी बेसब्री से दूसरे दिन का इंतजार था दूसरे दिन ही वह अपने फतेह का झंडा गाड़ देना चाहता था,,, बार-बार उसकी आंखों के सामने श्याम की मां की बड़ी-बड़ी गांड नाच उठती थी,,, क्योंकि ईस बात का उसे अच्छी तरह से एहसास था कि जब जब वहश्याम की मां की बुर में तेज तक का मारेगा तब तक उसकी बड़ी-बड़ी गांड नदी के पानी की तरह लहरा उठेगी,,,,, और यही नजारा देखने के लिए वहां मचल रहा था,,,,
Jhumri ki mummy nahate huye
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जैसे तैसे करके वह अपनी बुआ के साथ रात बिताया क्योंकि गांड मारने की चाहत पर उसकी बुआ ने पूर्ण विराम लगा दिया था,,,,, गांड मारने का सुख उसे कौन स्त्री देगी अब उसे इस बात का अंदाजा भी नहीं था ,,,,,,,,राजू को अपनी मर्दाना ताकत पर पूरा विश्वास था कि वह अपनी मर्दाना ताकत के बलबूते पर श्याम की मां को अपने वश में कर लेगा और वहीं दूसरी तरफ श्याम की आंखों में नींद नहीं थी वह करवट बदल बदल कर रात बिताया था वैसे तो उसे अपनी मां पर पूरा विश्वास था वह जानता था कि वह किसी गैर मर्द के साथ जिस्मानी ताल्लुकात बिल्कुल भी नहीं बनाएगी क्योंकि उसे अपनी इज्जत की बहुत ज्यादा परवाह थी लेकिनइस बात से सबका भी थी कि उसकी मां को लंबा और मोटा लंड ज्यादा पसंद है जो कि अभी तक उसने अपनी बुर मे ले नहीं पाई थी अगर किसी भी तरह से राजू ने उसे अपना लंड दिखा दिया तो उसकी मां क्या करेगी,,,, यही सोच कर वह परेशान हुआ जा रहा था,,, क्योंकि आज का दिन उसके लिए बहुत ही ज्यादा निर्णायक था आज एक साथ दो काम होने वाले थे अगर आज उसकी मां राजू को इनकार कर देती है तो श्याम के लिए उसकी मां की इज्जत और ज्यादा बढ़ जाएगी और अगर ऐसा ना हुआ उसकी मां राजू के लंड पर फिदा हो गई तो श्याम का दिल टूट जाएगा वह समझ जाएगा कि उसकी मां किसी के भी साथ शारीरिक संबंध बना सकती है,,,, इसीलिए वह भी बड़ी बेसब्री से दोपहर का इंतजार कर रहा था,,,।
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जैसे तैसे करके रात गुजर गई,,, ,,, दोपहर का समय हो चुका था राजू का दिल जोरों से धड़क रहा था क्योंकि वह श्याम के घर पर जाने वाला था शयाम की मां को चोदने,,,, उसे यह नहीं मालूम था कि उस समय से हम वहां मौजूद रहेगा या नहीं लेकिन वह अपने मन में सोच रहा था कि अगर शयाम उस समय मौजूद रहेगा तो और भी ज्यादा मजा आएगा क्योंकि वह श्याम की चुदाई को देख चुका था कैसे हो अपनी मां को चोद रहा था,,,,उसका मर्दाना ताकत उसका दमखम सब कुछ देख चुका था और इसीलिए राजू श्याम की मौजूदगी में श्याम को दिखाना चाहता था कि एक औरत को किस तरह से संतुष्ट किया जाता है,,,।
दोनों फिर से आम के बगीचे में मिले और श्याम उसे समय होने पर उसे अपने घर पर ले जाने लगा श्याम के लिए बड़ा अजीब कल था क्योंकि वह अपने दोस्त को अपने घर ले जा रहा था और बाकी अपनी ही मां की चुदाई करने के लिए,,,श्याम ने इस बारे में कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उसके जीवन में ऐसा पल आएगा कि जब वह खुद अपने दोस्त को गांव के जवान लड़के को अपने घर पर ले जाएगा सब कुछ जानते हुए भी वह मजबूर था,,,, श्याम की मां को तो इसकी भनक तक नहीं थी कि दोपहर में क्या होने वाला है,,,, वॉइस बारे में अपनी मां से बात भी नहीं करना चाहता था कि वह पकड़ा गया है और जिसके एवज में उसका दोस्त उसको चोदना चाहता है अगर ऐसा उसकी मां जान जाती तो क्या सोचती,,,, क्योंकि हमेशा उसकी मां कहा करती थी कि जुदाई करने से पहले सारे एहतियात बरत लेना चाहिए ताकि पकड़े ना जाए लेकिन यहां पर श्याम से बहुत बड़ी चूक हो गई थी जिसकी कीमत वह चुकाने जा रहा था,,,,,, उसके मन में ढेर सारे सवाल चल रहे थे लेकिन उसका जवाब उसके पास बिल्कुल भी नहीं था वह मूकदर्शक बना राजू को अपने घर लिए जा रहा था,,, और तिरछी नजरों से वह राजू के पजामे के आगे वाले भाग को देख ले रहा था जो कि उठा हुआ थाजिसको देखकर अंदाजा लगा रहा था कि उसकी मां को चोदने के लिए राजु कितना मचल रहा है,,,, श्याम को अपने ऊपर बहुत गुस्सा आ रहा था कि उसकी थोड़ी सी गलती की उसे इतनी बड़ी सजा मिल रही है अपनी आंखों के सामने वह अपनी मां को चुदता हुआ देखेगा और उस शख्स से जिससे वह नफरत करता था,,,।
Jhumri ki ma ki chuchiyo ko dehkar raju uttejit hone laga
सूरज सर पर चढ़ आया था गर्मी का महीना होने की वजह से गांव में सब लोग अपने अपने घर में दुबके हुए थे और श्याम भी अच्छी तरह से जानता था कि इस समय उसकी मां घर पर अकेले होती है और दिन भर का काम करने के बाद वह इस समय नहाती है और यही मौका सबसे बेहतर भी था उन दोनों को मिलाने का,,,, किसी को शक भी नहीं होता कि श्याम ने उसे अपने घर पर लाया है खास करके उसकी मां को क्योंकि अक्सर राजू शाम को ढूंढता हुआ उसके घर पहुंच जाया करता था उसकी मां को ऐसा ही लगेगा कि इस समय भी वह श्याम को ही ढूंढता हुआ यहां पर आया है,,,,।
रास्ते में चलते समय श्याम राजू को उसका वादा याद दिलाते हुए बोला,,,।
राजू तुझे याद है ना कल तूने क्या जवाब दिया था अगर मेरी मां नहीं मानी तो तू कुछ भी नहीं करेगा और इस राज को राज ही रखेगा,,,
तो फिर कोई चिंता मत कर श्याम जैसा तू कह रहा है अगर ऐसा हुआ तो मैं तेरे घर की तरफ कदम उठाकर नहीं देख लूंगा और तुम दोनों का राज राज ही रहेगा यह मर्द की जुबान है,,,,
(राजू की बात सुनकर श्याम को थोड़ी बहुत तसल्ली होती थी लेकिन उसकी नियत का उसे भरोसा नहीं था देखते ही देखते दोनों घर पर पहुंच गए,,,, घर के बाहर का दरवाजा इस समय हल्का सा खुला ही रहता था बाहर चुनरी की चप्पल नहीं थी जिससे से हमने अंदाजा लगा लिया था कि उसकी बहन घर पर नहीं है इसलिए वह राजु को अंदर जाने के लिए इशारा किया,,, तो राजू उससे बोला,,,)
तेरी मां इस समय अंदर तो होगी ना,,,
हां इस समय वह नहाती है नहा रही होगी,,,,।
(इतना सुनकर राजू के तन बदन में उत्तेजना की चिंगारी फूटने लगी और धीरे से घर के अंदर कदम रखा और धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगा वह भी आवाज नहीं करना चाहता था क्योंकि मैं जानता था कि अगर शाम को बुलाने के लिए वहां शोर करेगा तो उसकी मां जान जाएगी और अपने हाथ को व्यवस्थित कर लेगी जैसा कि वह बिल्कुल भी नहीं चाहता था वह चाहता था कि वह उसकी मां को एकदम देखें,,, यही सोचता हुआ वह घर के अंतिम पड़ाव पर पहुंच गया जहां पर गुसलखाना था और वहीं पर हेडपंप था जहां पर नहाया जाता था और जहां पर राजू ने खुद झुमरी को एकदम नग्न अवस्था में नहाते हुए देखा था,,,, देखते ही देखते राजू उस जगह पर पहुंच गया था जहां पर खड़े होकर व झुमरी के नंगे बदन का दर्शन किया था और आज भी उसका नसीब बड़े जोरों पर था वहां पर पहुंचते ही उसे साफ दिखाई दे रहा था कि इस समय भी श्याम की मां नहा रही थी और अभी अपने सारे कपड़े उतार कर एकदम नंगी होकर उसकी पीठ राजू की तरफ से नंगी चिकनी पीठ देखकर राजू का लंड टन टनाने लगा,,,,वह अपनी बड़ी बड़ी गांड लकड़ी के बने पीढ़े पर रखकर नहा रही थी जिससे उसकी गांड और ज्यादा फेली हुई नजर आ रही थी,,,, राजू के तन बदन में उत्तेजना की चिंगारी फूटने लगी उसकी नसों में लहू का दौरा बड़ी तेजी से होने लगा,,, इस उमर में श्याम की मां का बदन एकदम कसा हुआ था,, जिसको देखकर राजू के मुंह में पानी आ रहा था,,,,श्याम की मां को नंगी नहाते हुए देखकर राजु के मन में यही हो रहा था कि आज वह उसकी जवानी का सारा रस अपने लंड से निचोड लेगा,,,। राजू जहां पर खड़ा था वहां से एक कमरा पीछे श्याम खड़ा था वह जानता था कि समय उसकी मां एकदम नंगी होकर नहा रही होगी क्योंकि उसकी आदत थी अपने सारे कपड़े उतार कर नहाने की और यही सोच कर वह हैरान और परेशान हो रहा था कि उस समय राजू उसकी मां को एकदम नंगी देख रहा होगा और उसे नंगी देखकर अपने मन में कैसी-कैसी कल्पना कर रहा होगा यहां आने से पहले वर्क इतना उतावला और तड़प रहा था उसकी तरफ उसने राजू के पजामे में देख लिया था,,, राजू उसकी मां को चोदने का पूरा मन बना कर आया था,,,,लेकिन यह समझ में नहीं आ रहा था कि राजू में इतनी हिम्मत आ रही तो आई कैसे क्योंकि औरतों से तो वह हमेशा घबराता रहता था,, उनसे ठीक से बात तक नहीं करता था,,, और आज वाह उसके घर पर मौजूद था उसकी मां को चोदने के लिए,,,,,,
श्याम को अभी भी लग रहा था कि उसकी मां राजू को वहां से भगा देगी उसे अपने बदन को हाथ तक लगाने नहीं देगी,,, श्याम से देखा नहीं जा रहा था लेकिन फिर भी वह राजू की तरफ देख ले रहा था कि वह क्या कर रहा है और उसकी हालत को देखकर श्याम को गुस्सा आ रहा था क्योंकि राजु बार-बार अपने पजामे के ऊपर से ही अपने लंड को दबा रहा था उसकी हालत को देखकर अंदाजा लगा रहा था कि राजू इस समय उसकी मां को पूरी तरह से नंगी देख रहा होगा,,, लेकिन क्या देख रहा होगा या उसे पूरी तरह से मालूम नहीं था लेकिन इतना तो एहसास था कि उस समय उसकी मैं पूरी तरह से नंगी ना आ रही होगी और जरूर आज उसकी बड़ी-बड़ी गांड यां उसकी चुचियों कोको देख रहा होगा,,,, यह ख्याल उसके मन में आते ही उसके भी तन बदन में अजीब सी हलचल हो रही थी,,,,।
राजू के दिल की धड़कन बढ़ती जा रही थी बार-बार श्याम की मां बाल्टी में से लोटा भर भर कर पानी को अपने ऊपर डाल कर अपनी जवानी की गर्मी को पानी की शीतलता से दबाने की कोशिश कर रही थी,,,, श्याम की मां की पीठ राजू की तरफ होने की वजह से उसे उसकी चूचियों को देखने की लालसा अधूरी नजर आ रही थीलेकिन राजू की उत्तेजना उस समय और ज्यादा पड़ जा रही थी जब उसकी मां अपनी दोनों टांगों को फैला कर अपने हाथ को अपने काम के बीच ले जाकर रगड़ रही थी और उसकी हाथ की रकड़ देखकर राजू अंदाजा लगा लिया था कि इस समय उसकी मां अपनी पुर को रगड़ रही है और यही समय उसके लिए बिल्कुल ठीक भी था इसलिए बिना कुछ सोचे समझे ही वह श्याम का नाम लेते हुए बोला,,,।
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चाची श्याम है क्या,,,,?
(इतना सुनते ही श्याम की मां के तो होश उड़ गए क्योंकिआवाज बड़ी नजदीक से आई थी जिससे अंदाजा लगा ली थी कि उसके ठीक पीछे खड़ा होकर राजू पूछ रहा है और वह तुरंत पीछे मुड़ कर देगी तो राजू वहीं खड़ा होकर से ही देख रहा था श्याम की मां की हालत खराब हो गई क्योंकि समय वह पूरी तरह से नंगी थी और एक जवान लड़का उसके नंगे बदन को देख रहा था,,,, अपने बदन पर सूखे कपड़े डालने के लिए उसके पास कुछ भी नहीं था तो वह अपनी गिली साड़ी को ही अपनी नंगे पर डालकर अपने नंगे बदन को ढंकने की नाकाम कोशिश करते हुए बोली,,,,।
हाय दइया तू इधर आ गया तू देख नहीं रहा है कि मैं नहा रही हूं,,,,
मुझे मालूम नहीं था चाची कि तुम इस समय नहा रही हो इसलिए मैं यहां तक आ गया मुझसे गलती हो गई,,,, लेकिन तुम एकदम नंगी होकर क्यों नहाती हो,, कपड़े पहन कर नहाया करो,,,(राजू जानबूझकर नंगी शब्द का प्रयोग कर रहा था क्योंकि वह भी जल्द से जल्द श्याम की मां को उत्तेजित करना चाहता था,,, जिसका असर श्याम की मां पर भी हुआ था उसे बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि राजू उससे इस तरह के शब्दों में बात करेगा,,, फिर भी वह गुस्सा दिखाते हुए बोली,,)
मैं चाहे जैसे भी नहाउ तुझे क्या,,,, तू चला जा यहां से तुझे जरा भी शर्म नहीं आती मुझे नंगी नहाते हुए देखने में,,,( गीली साड़ी से अपने नंगे वबदन को ढकने की नाकाम कोशिश करते हुए बोली,,,,, इतना वह कह ही रही थी कि राजू जानबूझकर श्याम की मां की आंखों के सामने ही पजामे में तने हुए लंड को पकड़ कर दबाने लगा जो कि यह हरकत श्याम की मां की नजरों से भी बच नहीं पाई,,,राजू की यह हरकत देखकर शयाम की मां इतना तो समझ गई थी कि उसे नंगी नहाते हुए देख कर राजु का लंड खड़ा हो गया है,,,, जहां इस हरकत से श्याम की मां को हैरानी हो रही थी वहीं दूसरी तरफ उसे इस बात से ना जाने क्यों खुशी भी थी कि इस उम्र में भी उसे जवान लड़का देख कर उत्तेजित हुआ जा रहा है,,,, राजू के पांच कदम पीछे खड़ा श्याम दोनों की बातों को सुन रहा था और अभी तक अपनी मां की बात को सुनकर उसे ऐसा ही लग रहा था कि उसकी मां उसे वहां से भगा देगी,,, )
कितना हरामी है तू अभी भी यही खड़ा है चला जा यहां से नहीं तो मैं तेरी मां को सब कुछ बता दूंगी,,,,,,
क्या बता दो की चाची यही कि मैं तुम्हें नंगी नहाते हुए देख रहा था,,,,मैं किसी से नहीं डरता अगर तुम्हें बताना है तो बता देना लेकिन इस समय जो कुछ भी मैं देख रहा हूं उसे देखकर मेरी हालत खराब हो रही है,,,(राजू जानबूझकर श्याम की मां को दिखाने के लिए पजामे में तने हुए तंबू को जोर-जोर से अपने हाथ से दबाते हुए बोला राजू की हरकत को देखकर श्याम की मां को घबराहट होने लगी क्योंकि उसकी हरकत श्याम की मां को कुछ ठीक नहीं लग रही थी,,,,)
देख राजु यह अच्छी बात नहीं है ,,,तु मेरे बेटे का दोस्त हैं,,, अगर तेरे दोस्त को पता चल गया कि तू उसकी मां को नंगी नहाते हुए देख रहा था तो वह तुझे छोड़ेगा नहीं,,,,।
कुछ नहीं होगा चाची उसे कानों कान पता ही नहीं चलेगा,,,,,,
यह कैसी बहकी बहकी बातें कर रहा है तू चला जा यहां से नहीं तो मैं तुझे मारुंगी,,,,
(अपनी मां की बातों को सुनकर श्याम बहुत खुश हो रहा था उसे यकीन हो गया था कि उसकी मां राजू को कुछ भी करने नहीं देती और आज से राजू से पीछा भी छूट जाएगा क्योंकि उसने वादा जो किया था लेकिन राजू कहां मानने वाला था वह अच्छी तरह से विचार-विमर्श कर के ईधर आया था पहचानता था कि अगरश्याम की मां इनकार भी कर देगी तो भी वह उसे मना लेगा क्योंकि दोनों का राज जो जानता है,,, जैसे श्याम मान गया वैसे उसकी मां भी मान जाएगी लेकिन श्याम की मां के इस तरह की नानकुर में राजू को भी बहुत मजा आ रहा था,,,)
मार लेना चाची लेकिन यह खूबसूरत नजारा तो देखने दो,,, मैंने आज तक किसी औरत को पूरी तरह से नंगी होकर नहाते नहीं देखा हुं,,,।
(राजू की इस तरह की बातें सुनकर श्याम की मां के मन में घबराहट होने लगी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें फिर भी अपने नंगे बदन को ढकने की कोशिश करते हुए बोली)
तू चला जा राजू इस तरह की बातें मत कर तेरी मां को बता दूंगी तो वह तुझे छोड़ेगी नहीं,,,,
मैं मार खाने के लिए तैयार हूं लेकिन इस तरह के खूबसूरत नजारे को अपनी आंखों से ओझल नहीं होने देना चाहता तुम बहुत खूबसूरत है चाची आज पहली बार मुझे पता चल रहा है,,,,नंगी होने के बाद तो लिख भी ज्यादा खूबसूरत लगती होगी यह तो मुझे अंदाजा भी नहीं था,,,,।
(श्याम की मां के मन में घबराहट भी हो रही थी लेकिन राजू की बातों से अब उसे अपने तन बदन में उत्तेजना का अनुभव हो रहा थाक्योंकि राजू उसकी खूबसूरती की तारीफ कर रहा था इस उम्र में भी कोई जवान लड़का एक औरत की तारीफ करें तो औरत का हाल वैसा ही होता है जैसा कि इस समय श्याम की मां का हो रहा था,,,)
राजू तू पागल हो गया है मेरे दो बच्चे हैं दोनों जवान हैं इस उमर में भला मैं कैसे खूबसूरत लगुंगी,,,, तू चला जा यहां से अगर कोई आ गया तो गजब हो जाएगा,,,,
कोई नहीं आएगा चाची और मुझसे डरने की जरूरत नहीं है मैं से खड़ा हो कर देख रहा हूं कुछ करूंगा नहीं,,,,
लेकिन तू चला जा मुझे शर्म आ रही है,,,
शर्माती हुई तुम और भी ज्यादा खूबसूरत लगती हो चाची,,, लेकिन तुम हमेशा इसी तरह से नंगी मानती हो या आज नहा रही हो,,,,
मुझसे तो इस तरह की बातें मत कर मुझे शर्म आ रही है,,,, यह श्याम भी ना एकदम निकम्मा है दरवाजे की कुंडी भी नहीं लगाया है,,,,
अच्छा हुआ ना चाची जो उसने कुंडी नहीं लगाया नहीं तो इतना खूबसूरत नजारा कहां देखने को मिलता,,,( अभी तक राजू पजामे के ऊपर से अपने लंड को दबा रहा था श्याम की मां पजामे में बना हुआ उसका तंबू देख नहीं पा रही थीजिससे श्याम की मां को उसकी मर्दाना ताकत का अंदाजा नहीं हो पा रहा था इसलिए जानबूझकर,,, राजू अपना हाथ अपने पजामे के आगे वाले भाग से हटा दियाजिससे पहचानने में तना हुआ उसका खूंटा श्याम की मां की आंखों के सामने आ गया और उस पर नजर पड़ते हैं आश्चर्य से श्याम की मां का मुंह खुला का खुला रह गया,,,, जिस तरह का खूंटा राजू के पजामे में बना हुआ था इस तरह का दृश्य श्याम की मां अपने जीवन में कभी नहीं देखी थी पहली नजर में ही देखकर वह राजू की मर्दाना ताकत को भाप ले गई थी ऐसा लग रहा था कि जैसे गाय भैंस को बांधने वाला खूंटा राजू ने अपने पजामे में डाल दिया हो,,, श्याम की मां की प्यासी नजरों को राजू अच्छी तरह से समझ गया था,,, कुछ देर के लिए श्याम की मां की आंखें राजू के पजामी पर ही गड़ी रह गई जिससे राजू समझ गया था कि यह घोड़ी उसके नीचे आने वाली है,,,, अपने खूंटे को उसी तरह से तना हुआ छोड़कर राजू अपने दोनों हाथों को ऊपर उठाकर अंगड़ाई लेता हुआ बोला,,,।)
चाची इस उम्र में भी तुम इतनी खूबसूरत हो मैंने आज तक तुम्हारे जैसी खूबसूरत औरत नहीं देखा,,,, कसम से तुम्हारे पर मेरा दिल आ गया है,,,,
(राजू की इस तरह की बातें सुनकर श्याम की मां की सांसे ऊपर नीचे हो रही थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि राजू के मन में क्या चल रहा है वहां क्या सोचकर इधर आया है थोड़ी बहुत घबराहट हो रही थी लेकिन राज्य की बातें उसके तन बदन में उत्तेजना की चिंगारी भड़का रही थी,,, पहली बार कोई जवान लड़का और वह भी उसके बेटे की उम्र का उसकी खूबसूरती की तारीफ कर रहा था उसके नंगे बदन को अपनी आंखों से देख रहा था और मजे भी ले रहा था यह एहसास श्याम की मां के लिए बिल्कुल अनोखा था,,,, श्याम की मां शर्मा कर अपनी नजरों को नीचे झुका ले रही थी जोकि राजू श्याम की मां की झुकी हुई नजरों को देखकर अंदाजा लगा ले रहा था कि बहुत ही जल्द उसकी बुर में उसका लंड जाने वाला है,,,,)
तू चला जा राजू यहां से नहीं तो गजब हो जाएगा,,,,,
मेरा जाने का बिल्कुल भी मन नहीं कर रहा है,,,
तू तो श्याम को ढूंढता हुआ यहां आया था ना जा श्याम तुझे गांव में मिल ही जाएगा चला जा यहां से,,,
अब शयाम को ढूंढ कर क्या करूंगा चाची जब मेरी आंखों के सामने श्याम की मां एकदम नंगी होकर नहा रही है भला ऐसे में कोई श्याम को ढूंढेगा या श्याम की मां के पीछे पड़ा रहेगा,,,।
तू तो ऐसा लड़का बिल्कुल भी नहीं था यह सब कहां से सीख गया तुझे तुम्हें इतना सीधा समझती थी तु इतना बिगड़ा हुआ कब से हो गया,,,
तुम्हारी खूबसूरती देखकर चाची,,,, मैं क्या मेरी जगह कोई भी होता तो वह भी बिगड़ जाता,,,,
(राजू की बातों को सुनकर श्याम का खून खोल रहा था,,,अपने मन में सोच रहा था कि इतना इंकार करने के बावजूद भी अब तक वह वहीं पर खड़ा है उसे चला जाना चाहिए था लेकिन श्याम भी क्या कर सकता था,,, उसके भी हाथ बंधे हुए थे वह कुछ कर नहीं सकता था,,,)
तू चला जा रहा है यहां से नहीं तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा,,,,
क्या कर लोगी चाची,,,, तूम कुछ नहीं कर पाओगी,,, मैं जानता हूं तुम्हें क्या चाहिए तुम्हारी आंखों में मुझे साफ नजर आ रहा है,,,।
(राजू की यह बात सुनकर श्याम की मां एकदम से सबको का कहीं और शर्मा कर अपनी नजरों को नीचे करते हुए बोली)
क्या नजर आ रहा है तुझे,,, मुझसे बातें मत बना चला जा यहां से,,,,, हरामजादे तेरी नियत बिगड़ रही है,,,
तुम्हें नंगी देखकर किस कि नियत ना बिगड़ जाए जाए चाची,,,,,
कैसी बातें कर रहा है तु,,, तुझे एक बार मे समझ में नहीं आता,,,,,, कि तू मार ही खा कर मानेगा,,,,।
(श्याम की मां अजीब से हालात में फंसी हुई थी उसके तन बदन में अजीब सी कसमसाहट अपनी बाहों में घेरे हुए थी,,,, राजू के पजामे में बने हुए खूंटे को देखकर उसके दोनों टांगों के बीच की पतली गुलाबी छेद में कुलबुलाहट हो रही थी एक तरफ उसका मन ललचा रहा था दूसरी तरफ जमाने की सोच कर वह आगे बढ़ना नहीं चाहती थी वह किसी भी तरह से बदनामी का दाग अपने दामन में लगने नहीं देना चाहती थी भले ही वह अपने ही बेटे के साथ शारीरिक संबंध बना करअपने जिस्म की प्यास बुझा रही हो लेकिन बाहर वालों के लिए तो वह अभी भी वह वह संस्कारी औरत थी,,, राजू पूरी तरह से उसे रिझाने की कोशिश कर रहा था लेकिन श्याम की मां चाह कर भी आगे बढ़ने को तैयार नहीं कि वो किसी भी तरह से राजू को यहां से भगा देना चाहती थी लेकिन राजू कहां मानने वाला था,,, क्योंकि वहां यहां पर पूरी तरह से अनुमान की गणित लगा कर आया था कि अगर ऐसा होगा तो क्या करना है अगर ऐसा होगा तो क्या करना है चारों तरफ से खेल की बाजी राजू के हाथों में ही थे इसीलिए तो वह ढका हुआ था,,,)
मार लेना चाहती लेकिन मेरी हालत पर भी जरा गौर करो,,, तुमने मेरी क्या हालत कर दी है देखो तो मुझसे रहा नहीं जा रहा है,,,( इतना कहने के साथ ही राजू अपने पजामे को पकड़कर नीचे कर दिया और अपने टनटनाए हुए लंड को खुली हवा में सांस लेने के लिए छोड़ दिया,,,, राजू का लंड भी मानो जैसेपजामे के अंदर ठीक से सांस नहीं ले पा रहा था उसका दम घुट रहा था वह भी खुली हवा में आते ही अपना पूरा दमखम दिखाने लगा और बड़े ही मादक अंदाज में ऊपर नीचे होकर हिलना शुरू कर दिया शयाम की मां की नजर अभी उसके खुले नंगे लंड पर नहीं पड़ी थी,,,,वह शरमा कर अपनी नजरों को नीचे किए हुए थे और राजू चाहता था कि बस एक बार श्याम की मां उसके लंड को नजर भर कर देख ले फिर उसका काम तो अपने आप ही हो जाएगा ऐसा उसे पूरा विश्वास था इसलिए राजू अपने लंड की जड़ को पकड़कर उसे हवा में ऊपर नीचे करके हीलाते हुए बोला,,,,)
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देखोगी नहीं चाची कि तुमने मेरा क्या हाल कर दिया है,,,
नहीं मैं कुछ नहीं जानती तू चला जा यहां से,,,
चला जाऊंगा बस एक बार देख तो लो,,,,।
(श्याम की मां कोसमझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या दिखाना चाहता है उसे अंदाजा नहीं था कि वह क्या दिखाएगा इसलिए शर्म से मरी हुई नजरों को ऊपर करके राजू की तरफ देखी तो उसकी नजर सीधे उसकी दोनों टांगों के बीच लहराते हुए उसके मर्दाना ताकत से भरे हुए हथियार पर चली गई जिसे देखते ही आश्चर्य से उसका मुंह खुला का खुला रह गया,,,, उसकी सांसे पल भर के लिए थम सी गई उसे एकदम साफ नजर आ रहा था राजू के हाथ में उसका लड़का था जिसे वो धीरे-धीरे ही लाकर उसकी ताकत को श्याम की मां की आंखों के सामने नुमाइश कर रहा था,,,,श्याम की मां ने अपने जीवन में इस तरह के मर्दाना ताकत से भरे हुए लंड के दर्शन कभी नहीं की थी इसलिए पहली नजर में उसे देखते ही वह पूरी तरह से मंत्रमुग्ध हो गई,,, एक अद्भुत आकर्षण में बंध सी गई,,,, कुछ देर के लिए वह राजू की लंड को निहारती रह गई,,,, उसकी सांसे ऊपर नीचे हो रही थी अजीब से हालात पैदा कर दिया था राजू ने जिसकी समझ श्याम की मां को भी नहीं था अपने बेटे के उम्र के लड़के की इस तरह की हरकत को देखकर श्याम की मां शर्म से पानी पानी हुए जा रही थी और उसके आकर्षण में पूरी तरह से खुद ही चली जा रही थी अब तक वह अपनी जवानी को गांव वालों से बचा कर रखी थी,,, लेकिन आज उसे ऐसा महसूस हो रहा था कि आज वह ना चाहते हुए भी राजू के लिए अपनी दोनों टांगे खोल देगी,,,, श्याम जोकी राजू के पीछे खड़ा था राजू की हरकत को देखकर वह समझ गया था कि जिसका डर था वही हो रहा है श्याम अच्छी तरह से जानता था कि राजू उसकी मां को अपना लंड दिखा रहा है और वह अच्छी तरह से जानता था किअगर एक बार उसकी मां ने राजू के लंड के दर्शन कर लिए तो वह पूरी तरह से मस्ती के सागर में गोते लगाने को तैयार हो जाएगी क्योंकि जो संतुष्टि भरा एहसास उसे चाहिए था शायद उसे राजू के लंड से ही प्राप्त होने वाला था,,,,,,, श्याम को अपनी मां पर पूरा भरोसा था लेकिन राजू के लंड पर बिल्कुल भी नहीं था,,, श्याम 2 साल से अपनी मां की चुदाई करता रहा था इसलिए उसे अच्छी तरह से मालूम था कि उसकी मां को कैसा लंड चाहिए था संपूर्ण संतुष्टि की प्राप्ति के लिए और ठीक है वैसा ही लंड मर्दाना ताकत से भरा हुआ राजू के पास था और भला ऐसी कौन सी औरत होगी कि जिसकी कल्पना दिन रात अपने जेहन में करती हो और वही उसका पसंदीदा उसकी आंखों के सामने आ जाए तो इंकार कर देगी,,,, और इस समय यही हो भी रहा था,,, राजू के टनटनाए हुए लंड को देखकर श्याम की मां की बुर पिघल रही थी,। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करेंवह पूरी तरह से राजू की दोनों टांगों के बीच के लटकते हथियार की तरफ आकर्षित हुए चली जा रही थी,,,, उसकी सांसों की गति धीरे-धीरे तेज हो रही थी,,,,अपने बदन में इस तरह की उत्तेजना वह काफी समय के बाद महसूस कर रही थी कुछ देर तक दोनों के बीच किसी भी प्रकार की वार्तालाप नहीं भी दोनों के बीच खामोशी छाई रही,,, इस खामोशी को राजू अच्छी तरह से समझ रहा था यह एक तरह से श्याम की मां की तरफ से ईसारा था आगे बढ़ने का,,,,,, पीछे खड़ा श्याम यह सब देख रहा था उसका खून खोल रहा था लेकिन कुछ भी कर सकने की स्थिति में नहीं था,,,, उसकी मां अब कुछ भी नहीं बोल रही थी इसलिए उसे अपनी मां पर गुस्सा आ रहा था,,,। राजू अपने लंड को हिलाते हुए एक नजर पीछे की तरफ डाल दे रहा था श्याम की हालत को अच्छी तरह से समझ रहा था,,, श्याम की हालत बिल्कुल खराब थी लेकिन उसे मजा आ रहा था,,,,,,
Shyam ki ma is tarah se nahate huye
श्याम की मां की चुप्पी को उसकी हामी समझकर राजू अपना लंड खिलाता हुआ श्याम की मां की करीब जाने लगा यह देखकर श्याम की मां के तन बदन में कसमसाहट बढ़ने लगी वह समझ नहीं पा रही थी कि उसे क्या करना है वह आगे भी बढ़ना चाहती थी और इस तरह का कार्य करने में झिझक भी रही थी,,,,,, देखते ही देखते राजू श्याम की मां के बेहद करीब पहुंच गया,,,, राजू के बेहद करीब आज आने की वजह से श्याम की मां के बदन में उत्तेजना भरी कंपन होने लगी,,, वह कुछ बोल नहीं पा रही थी इसलिए बात की शुरुआत राजू ही करते हुए बोला,,,।
लाओ चाची तुम्हारी पीठ पर साबुन लगा दूं तुम्हारा हाथ ठीक से पहुंच नहीं पाता,,,,(वो कुछ बोल पाती इससे पहले ही राजू खुद साबुन उठाकर श्याम की मां की नंगी पीठ पर साबुन लगाने लगा एक अनजान जवान लड़की का स्पर्श अपनी नंगी चिकनी पीठ पर पाते ही श्याम की उत्तेजना के मारे सिहर उठी,,, उसकी हालत खराब होती जा रही थी वह पूरी तरह से नंगी थी बदन पर कपड़े का रेशा तक नहीं था बस केवल गीले कपड़े से अपने बदन को छुपाने की कोशिश कर रही थी जो कि वह भी ज्यों का त्यों था,,,, साबुन लगाते समय खुद राजू ही उसके हाथों से कपड़े को लेकर अलग करते हुए बोला,,,।)
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इसकी क्या जरूरत है साथ में तुम नंगी ही बहुत खूबसूरत लगती हो,,,(राजू बेझिझक श्याम की मां से गंदी बातें कर रहा था श्याम की मां उसकी हिम्मत को देखकर हैरान थी लेकिन कुछ भी बोल नहीं पा रही थी और दूसरी तरफ श्याम यह देखने के लिए कि राजू क्या करता है और उसकी मां का व्यवहार कैसा होता है वह धीरे-धीरे जहां पर पहले राजू खड़ा था वहीं पर आकर खड़ा हो गया लेकिन अपने आप को दीवार की ओट में छुपाए हुए था,,,, क्योंकि वह चाहता था कि उसकी मां को जरा भी भनक नहीं लगनी चाहिए कि जो कुछ भी हो रहा है इसके बारे में उसे पता था वह ऐसा ही जताना चाहता था कि जो कुछ भी हुआ है सब कुछ अनजाने में हुआ है,,,,श्याम की मां की नंगी चिकनी पीठ पर साबुन लगाते हुए राजू बोला,,,)
तुम्हारी चिकनी पीठ एकदम मखमल की तरह मुलायम है चाची,,, कोई लेप लगाती हो क्या,,,,?
नहीं तो मैं कुछ नहीं लगाती,,,(उत्तेजना के मारे कांपते स्वर में बोली,,,)
मुझे तो लगा कुछ लगा दी होगी वरना इतनी चिकनी मखमली पीठ नहीं होती,,,,(साबुन लगाते समय राजू की नजर कमर के नीचे वाले भाग पर थी जो कि पीढे पर बैठी हुई थी और बेठी होने की वजह से उसकी बड़ी-बड़ी कांड और ज्यादा चौड़ी नजर आ रही थी,,, राजू श्याम की मां की गांड को अपने दोनों हाथों में पकड़ कर दबाना चाहता था और इससे अच्छा मौका और कोई नहीं था वह साबुन लगाते मेरे लिए अपना हाथ नीचे की तरफ ले गया और वही उसके ठीक पीछे बैठ गया और उसकी बड़ी बड़ी गांड को हाथ में लेकर दबाते हुए उस पर साबुन लगाने लगा,,,,(गांड पर हाथ लगते ही श्याम की मां की हालत खराब होने लगी उसका बदन कसमसाने लगा और वह कांपते स्वर में बोली,,,)
चला जा राजू कोई देख लेगा तो गजब हो जाएगा,,,।
कोई नहीं आने वाला चाची मैं अंदर से कुंडी बंद कर दिया हूं,,,,,,, थोड़ा सा खड़ी हो जाओ तो मैं तुम्हारी गांड पर अच्छे से साबुन लगा दूं,,,,(राजू बिल्कुल भी शर्म नहीं कर रहा था वही उसका बेटा भी मौजूद किसी भी तरह की शर्मनाक दिखाते हुए एकदम बेशर्म की तरह बोल रहा था,,, श्याम की मां उसके मुंह से इस तरह की बातें सुनकर हैरान तो हो रही थी लेकिन ना जाने क्यों धीरे-धीरे उसे उसकी बातें उत्तेजित कर रही थी उसकी बातों में उसकी आवाज में एक जादू था जो कि उसकी बात मानते हुए बिना कुछ बोले श्याम की मां पीढे पर से अपनी गांड को थोड़ा ऊपर की तरफ उठा दी और घुटने के बल बैठ गई,,, राजू की आंखों के सामने श्याम की मां की बड़ी बड़ी गांड पानी से गीली हो चुकी थी राजू श्याम की मां की गांड को दोनों हाथों से पकड़कर उसकी बड़ी-बड़ी आंखों को शांत पानी की तरह लहराते हुए उसकी गदराई जवानी का नुमाई ना कर रहा था,, और पीछे खड़े श्याम की तरफ देख ले रहा था इससे आपकी आंखों में खुन्नस साफ नजर आ रहा था बड़े आराम से राजू की बात उसकी मां मान रही थी यह देखकर वह भी हैरान था लेकिन जिस बात की शंका उसके मन में चल रही थी वही हो रहा था राजू के लंड को देखकर उसके मां की मन की लालच बढ़ने लगी थी,,,,,राजू श्याम की मां की गांड को दोनों हाथों से पकड़कर हिलाते हुए बोला,,,।
वाह चाची तुम्हारी गांड कितनी खूबसूरत है,,,, कितनी बड़ी बड़ी है ,,,, मुझे तो तुम्हारे जैसी ही बड़ी बड़ी गांड पसंद है,,,।
(राजू के मुंह से अपनी गांड की तारीफ सुनकर श्याम की मां अंदर ही अंदर प्रसन्न हो रही थी और अपने बेटे की उम्र के लड़के के मुंह से अपनी गांड की बात सुनकर वह शर्म से पानी पानी हुई जा रही थी,,,, राजू दोनों हाथों से साबुन का झाग उसकी गांड पर जोर जोर से रगड़ रगड़ कर लगा रहा था उसकी उत्तेजना बढ़ती जा रही थी एक साथ राजू का दोनों काम हो रहा था एक तो वह श्याम की मां की गांड पर साबुन भी लगा रहा था और दूसरी तरफ एक औरत की गांड को पकड़कर उत्तेजित भी हुआ जा रहा था ,,,,,,, श्याम की मां के जीवन में यह पहली बार था जब कोईजवान लड़का या मर्द उसके बदन पर साबुन लगा रहा था ऐसा तो आज तक उसके ना तो पति ने किया था और ना ही उसके बेटे ने जो कि 2 साल से उसकी चुदाई करते आ रहा था इसलिए राजू का यह अंदाज उसे भी अच्छा लग रहा था राजू धीरे-धीरे अपनी हरकत बढ़ा रहा था श्याम की मां की गांड की दोनों टांगों के बीच वह अपनी उंगली रगड़ कर उस पर साबुन लगा रहा था और देखते ही देखते उसका हाथ श्याम की मां की बुर पर पहुंच गया उस पर राजू की हथेली पहुंचते ही श्याम की मां के बदन में सनसनी सी दौड़ने लगी उसका हाथ खुद-ब-खुद राजू के हाथ पर आ गया और उसे रोकने लगी,,,।
इधर नहीं राजु,,, मैं लगा लुंगी,,,
क्यों क्या हुआ लगाने दो ना चाची,,,
नहीं रे मुझे शर्म आ रही है,,,,
इसमें शर्माने वाली कौन सी बात है साबुन ही तो लगा रहा हूं कौन सा तुम्हारी बुर में लंड डाल रहा हूं,,,।
(राजू के मुंह से इतनी गंदी बात सुनकर श्याम की मां एकदम से चौक गई उसे उम्मीद नहीं थी कि वहां इतने खुले शब्दों में लंड और बुर बोल देगा)
हाय दइया यह क्या कह रहा है,,,
सच ही तो कह रहा हूं चाची तुम्हारी बुर की अच्छे से साबुन लगाकर सफाई कर रहा हूं फिर भी तुम्हें एतराज हो रहा है,,,
(राजू की बात को सुनकर उसका हाथ खुद-ब-खुद राजू के हाथ से हट गया था और राजू मनमानी तौर पर उसकी बुर पर साबुन लगा रहा था ऐसा करने में उसके उतेजना अत्यधिक बढ़ रही थी उसके लंड में तनाव बढ़ता ही जा रहा था,,,, राजू की बातों को सुनकर श्याम की मां की सांस ऊपर नीचे हो रही थी,,, क्योंकि आज तक 2 साल से उसकी चुदाई कर रहा उसका बेटा भी ईतने खुले शब्दों में नहीं बोला था,,, एक जवान लड़के की हथेली को अपनी बुर पर महसूस करके श्याम की मां उत्तेजित में जा रही थी उसके तन बदन में आग लग रही थी वो कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि एक अनजान जवान लड़का उसके साथ इस कदर मनमानी करेगा कि वह उसे रोक भी नहीं पाएगी,,,, हालात बिगड़ते जा रहे थे श्याम की मां के हाथों से उसका अधिकार छूटता जा रहा था ऐसा लग रहा था कि सब कुछ वह राजू को सौंप चुकी है,,,,, राजू भी थोड़ी-थोड़ी देर पर श्याम की तरफ देख ले रहा था श्याम की आंखें आश्चर्य से फटी जा रही थी वह नहीं जानता था कि उसकी मां इतनी जल्दी मान जाएगी उसे गुस्सा भी आ रहा था लेकिन ना जाने कि उसे अपनी मां को अपने दोस्त के साथ इस हालत में देख कर उसे अच्छा भी लग रहा था,,,,,,, राजू किसी भी तरह से जल्दबाजी नहीं दिखाना चाहता था वह पूरी तरह से श्याम की मां को मस्त कर देना चाहता था और वह भी इस कदर कि वह खुद उसके लंड पर अपनी बुर रख कर बैठ जाए ताकि यह देखकर श्याम को भी पता चले कि असली मर्द क्या होता है,,,,।
अद्भुत नजारा बना हुआ था राजू श्याम की आंखों के सामने ही उसकी मां के नंगे बदन से खेल रहा था उसकी बुर पर साबुन लगा रहा थालेकिन उसे रोकने वाला कोई नहीं था ना तो श्याम और ना ही श्याम की मां दोनों मूकदर्शक बनकर सिर्फ देख रहे थे और श्याम की मां तो मजा ले रही थी देखते ही देखते राजू अपनी हरकत को बढाते हुए अपनी बीच वाली उंगली को धीरे धीरे श्याम की मां की बुर में डालना शुरू कर दिया,,,,श्याम की मां के बदन में इस कदर मदहोशी छाई हुई थी कि वह राजू को बिल्कुल भी रोक नहीं पाई,,, और पूरी तरह से मस्त होकर आगे की तरफ झुकती चली गई और राजू की आंखों के सामने ही श्याम की मा एक दम घोड़ी की मुद्रा में आ गई राजू ठीक है उसके पीछे घोड़ा बनने के लिए तैयार था लेकिन अभी वह घोड़ी पर चढ़ा नहीं चाहता था क्योंकि वह पूरी तरह से उसे मस्त कर देना चाहता था ताकि जब एक बार लंड बोर में जाए तो बिना संतुष्ट किए बाहर ना आए,,,, इसलिए राजू उसकी उत्तेजना को और ज्यादा बढ़ाते हुए अपनी उंगली को धीरे धीरे बुर के अंदर बाहर करके उसे चोदना शुरू कर दिया था यह देखकर श्याम की भी हालत खराब होने लगी थी अपनी आंखों के सामने अपनी मां को एकदम नंगी एक अपने ही दोस्त के साथ मजा लेते देखकर श्याम भी उत्तेजित हुआ जा रहा था उसे गुस्सा करना चाहिए था लेकिन गुस्सा करके भी वो क्या कर लेता फिर राजू भी वही करता जो कि वह नहीं चाहता था इसीलिए मूकदर्शक बनकर इस नजारे का वह भी लुफ्त उठाने लगा और राजू से सीखने भी लगा कि एक औरत को कैसे खुश किया जाता है,,,,
धीरे धीरे राजू की उंगली की रफ्तार श्याम की मां की बुर में बढ़ने लगी और एक उंगली की जगह राजु ने अपनी दूसरी ऊंगली भी श्याम की मां की बुर में डाल दिया जिससे उसकी उत्तेजना को ज्यादा पड़ने लगी देखते ही देखते श्याम की मां की मुंह से गर्म सिसकारी की आवाज उठने लगी और इसी मौके का इंतजार भी राजू कर रहा था वो समझ गया था कि लोहा पूरी तरह से गर्म हो चुका है बस हथोड़ा मारने की देरी है,,, लेकिन राजू दूसरे मर्दों की तरह नहीं था की औरत के साथ जल्दबाजी दिखाएं वह औरत के साथ बिस्तर पर बड़े धैर्य से काम लेता था और उसका यह धैर्य ही औरत को संतुष्टि का अहसास दिलाता था,,,, राजू श्याम की मां को और ज्यादा गर्म करना चाहता था,,,,श्याम की मां राजू की आंखों के सामने पूरी तरह से नंगी होकर घोड़ी बनी हुई थी,,,।
सहहहहह आहहहहहह,,,,ऊमममममममम,,,,,
(श्याम की मां के मुंह से इस तरह की सिसकारी की आवाज निकल रही थी क्योंकि इस बात की पूरक थी कि उसे बहुत मजा आ रहा है,,,,श्याम भी अपनी मां के मुंह से निकल रही गर्म सिसकारी की आवाज को सुनकर पूरी तरह से उत्तेजित हुआ जा रहा था,,,,)
कैसा लग रहा है चाची,,,,
पूछ मत कोई आ गया तो गजब हो जाएगा,,,
कुछ नहीं होगा जी तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो मैं की बाड़ी की कुंडी लगा दिया हूं अगर कोई आएगा भी तो दरवाजे पर दस्तक देगा तब तक तो तुम अपनी हालत को सुधार लो गी,,,, इसलिए बेफिक्र होकर मजे लो,,, रुको में,,,(इतना कहने के साथ ही राजू अपनी जगह से खड़ा हो गया और खड़े होने के साथ ही अपना पजामा उतार कर नीचे फेंक दिया और एकदम नंगा हो गया,,,, कुर्ता पजामा उतारने के बाद राजू श्याम की मां के पीछे एकदम नंगा करना श्याम उसके नंगे बदन को देखकर एकदम हैरान रह गया तब गठीला बदन और मर्दाना ताकत से भरा हुआ उसका खड़ा लंड खुद श्याम के होश उड़ा रहा था,,,यह देखकर श्याम खुद अपने मन में सोचने लगा कि जब उसकी यह हालत है तो उसकी मां देखेगी तो उसकी क्या हालत होगी जो कि बस थोड़ी बहुत झलक देख पाई थी,,,,। राजू श्याम को दिखाते हुए अपने लंड को हिलाने लगा ओर इशारा करके शाम को उसकी मां की बड़ी-बड़ी गांड दिखाने लगा औरअपने हाथ की अंगूठी और उंगली को गोल करके दूसरे हाथ की उंगली को उस गोलाई में डालकर थोड़ी देर बाद उसकी मां की चुदाई करेगा यह इशारे में हीं बताने लगा,,,, राजू की हरकत देखकर श्याम को गुस्सा भी आ रहा था और शर्म भी महसूस हो रही थी,,,।
राजू पास में पड़ी बाल्टी उठाकर ठीकश्याम की मां के सामने आकर खड़ा हो गया और हेड पंप चला कर उस बाल्टी में पानी भरने लगावह जानता था कि श्याम की मां की नजर उसके लंड पर जरूर पड़ेगी और उसे पूरी तरह से नंगा देखकर वह मस्त हो जाएगी और ऐसा हुआ भी,,,अपनी आंखों के सामने उसे एकदम नंगा होकर हैंड पंप चलाते हुए देखकर श्याम की मां के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी,,, राजू के कसरती बदन को देखकर और साथ ही हवा में लहराते हुए उसके मुसल जैसे लंड को देखकर खुद ब खुद श्याम की मां की अमृत की बूंद चु गई,,,, वह हेडपंप चलाते हुए जानबूझकर अपने लंड को पकड़ कर हिलाते हुए श्याम की मां को दिखा रहा था और राजू की हरकत को देखकर श्याम की मां शर्म से पानी पानी हुए जा रही थी,,,, पानी से बाल्टी पूरी तरह से भर चुकी थी,,, बाल्टी को उठाते हुए राजू एक बार और अपने लंड को हिलाते हुए श्याम की मां से बोला,,।
चाची मेरा ज्यादा लंबा और मोटा है ना,,,।
(लेकिन राजू की यह बात सुनकर श्याम की मां से उनसे अपनी नजरों को नीचे झुका ली और बोली कुछ नहीं क्योंकि जो कुछ भी राजू बोल रहा था उसमें शत प्रतिशत सच्चाई थी आज तक श्याम की मां ने उम्र के इस दौर पर पहुंचने के बावजूद भी इस तरह का मोटा तगड़ा लंबा लंड नहीं देखी थी,,, इसीलिए तो राजू के लंड को अपनी बुर में लेने की उसकी इच्छा प्रज्वलित होने लगी,,,, श्याम की मां की झूकी हुई नजरों में राजू को अपने सवाल का जवाब मिल गया था और वह बाल्टी लेकर ठीकश्याम की मां के पीछे आकर खड़ा हो गया और लोटे से पानी लेकर उसकी गदर आई बड़ी बड़ी गांड पर डालने लगा जिस पर साबुन के झाग लगे हुए थे थोड़ी ही देर में पानी के पढ़ते हैं कमर के नीचे का भाग पूरी तरह से एकदम साफ हो गया एकदम चिकना जिसे देखकर ही राजु के लंड में हरकत हो रही थी,,,,।
राजू अपने घुटनों के बल बैठ गया और एक लोटा पानी लेकर एक हाथ से आपकी मां की कमर पर रखकर उसे नीचे की तरफ दबाते हुए बोला,,,।
थोड़ा सा गांड और ऊपर करो चाची,,,,
(एक अजीब सी कशिश थी राजू की बातों में जोकि बेझिझक श्याम की मां उसकी बात मानते हुए थोड़ा सा नीचे झुकी और अपनी गांड को दुश्मनों पर दागने वाली तोप की तरह उठा दी,,,,, श्याम की मां की यह हरकत राजू को पूरी तरह से ध्वस्त करने के लिए थी दूसरा कोई होता तो शायद श्याम की मां की इस हरकत की वजह से उसका लंड पानी फेंक दिया होता लेकिन इस खेल में राजू एकदम माहिर हो चुका था और एक दिक्कत खिलाड़ी के नाते उसका इस कदर मैदान छोड़कर भागना नामुमकिन था पर वह पूरी तरह से डटकर श्याम की मां की जवानी के तूफान में टिका हुआ था,,,, लोटा भर कर पानी को प्यार की मां की गांड की दरार के बीचोबीच डालने लगा लोटे से गिर रही पानी की धार ठीक उसकी गुलाबी पत्तियों पर गिर रही थी जिससे उसकी उत्तेजना और ज्यादा फुदक रही थी,,,, श्याम की मां को समझ में नहीं आ रहा था कि आखिरकार यह करके आ रहा है राजू अपनी हरकतों से उसे और ज्यादा तड़पा रहा था,,,,श्याम की मां भी काफी उत्तेजना महसूस कर रही थी वह जल्द से जल्द बिना कुछ बोले राजू के लंड को अपने बुर में लेना चाहती थी और शायद राजू की जगह दूसरा कोई होता तो अब तक उसकी बुर में डाल भी दिया होता लेकिन राजू की हरकत से उसके धैर्य का पता चल रहा था,,, जिसमें खुद श्याम की मां को ही मजा आ रहा था,,,,
पीछे खड़ा श्याम पे राजू की हर एक हरकत को बड़ी बारीकी से देख रहा था श्याम को भी समझ में नहीं आ रहा था राजू की हरकत क्योंकि श्याम को भी ऐसा ही लग रहा था कि मौका मिलते ही राजू उसकी मां की चुदाई करेगा और वहां से चला जाएगा लेकिन यहां तो राजु ना जाने कौन-कौन से क्रीडा कर रहा था,,,,,,
श्याम की मां की गांड पर लगी साबुन के जादू को पानी से धो लेने के बाद उसकी चिकनी गांड पर राजू दो च6 चपत लगा दिया जिससे श्याम की मां को थोड़ा तो दर्द हुआ लेकिन मजा उससे ज्यादा प्राप्त हुआ और देखते ही देखते राजू अपने घुटनों के बल बैठ कर अपने दोनों हाथों में श्याम की मां की गांड को पकड़कर थोड़ा सा और ऊपर की तरफ उठाया और एक नजर उसकी गुलाबी छेद पर डाला जिसमें से उसका नमकीन रस अमृत की धारा बनकर नीचे टपक रही थी,,, राजू से यह अमृत की बूंद नुकसान होता हुआ नहीं देखा जा रहा था और वह तुरंत अपने प्यार से होठों को श्याम की मां की अमृत छेद पर रख दिया और उस नमकीन रस को चाटना शुरू कर दिया,,,पल भर के लिए तो श्याम की मां को पता ही नहीं चला कि क्या हो रहा है वह छटपटाने लगी और पीछे नजर करके देखी तो उसके होश उड़ गए,,,,राजू उसकी दोनों टांगों के बीच अपना फंसाया हुआ था यह देखकर वह हैरान रह गई कि राजू उसकी बुर को अपनी जीभ से चाट रहा था जैसा कि उसने आज तक कभी कल्पना भी नहीं की थी,,, उसे यकीन नहीं हो रहा था कि जो कुछ भी वो देख रही है उसमें रत्ती भर भी सच्चाई है यही हाल श्याम का भी था श्याम के तो होश उड़ गए जब वह राजू को उसकी मां की बुर चाटते हुए देखा,,,।क्योंकि उसने आज तक ऐसा नहीं किया था और ना ही उसकी मां ने कभी ऐसा करने के लिए उसे बोली थी,, इसलिए इस बारे में शायद श्याम को पता ही नहीं था,,,,,,
श्याम की मां राजू को कुछ बोल पाती है उसे इस तरह की हरकत करने से रोक पाती इससे पहले ही राजू पूरी तरह से श्याम की मां पर छा चुका था बुर चाटने की अद्भुत क्रीडा का असर श्याम की मां पर पूरी तरह से छाने लगा था,,,, पल भर में उसके मुख से गरम सिसकारी की आवाज फूटने लगी,,,, वह कसमसाने लगी,,,अपनी बड़ी बड़ी गांड को गोल गोल घुमाने लगी,,,,उससे यह उत्तेजना बर्दाश्त नहीं हो रही थी और इस कदर वह कभी उत्तेजित भी नहीं हुई थी केवल अपनी जवानी के दिनों में इस तरह की उत्तेजना का अनुभव की थी लेकिन उम्र के इस पड़ाव पर आकर वाह इतनी अधिक उत्तेजना काम कर रही थी कि वह खुद हैरान थी,,, उसकी बुर बार-बार पानी फेंक रही थी जिसका स्वाद राजू अपनी जीभ से चाट कर ले रहा था,,,,।
सहहह आहहहहह ,,,,आहहहहहह ,,,राजुउउउउ,,, यह क्या कर रहा है,,,,आहहहहहह,,, ऐसा तो आज तक किसी ने नहीं किया,,,,,ऊहहहहहहह,,,,,,सहहहहहहहरह,,,,
(राजू श्याम की मां के इस बात का जवाब देना नहीं चाहता था क्योंकि उसकी हरकत ही श्याम की मां के सवाल का जवाब था राजू डंटा रहा वह श्याम की मां की बुर मैं अपनी जीभ लपालप डाल कर उसका नमकीन पानी चाटता रहा,,,,।श्याम की मां की हालत खराब होती जा रही थी वह बड़ी देर से घोड़ी बनी हुई थी लेकिन बदन में इतनी ज्यादा उत्तेजना का संचार हो रहा था कि वह मदहोशी के सागर में डूबती चली जा रही थी इस तरह का एहसास उसने आज तक कभी महसूस नहीं की थी और ना ही किसी ने कराया था,,,, उसके जीवन में राजू पहला शख्स था जो उसे इस कदर पानी पानी कर दिया था,,,,,,,।
Shyam ki ma nahate huye
राजू श्याम की मां की बुर को चाटकर पूरी तरह से मदहोश कर दिया था,, उसे इस कदर मजबूर भी कर दिया था कि अब राजू उसे जो भी कहता वह बेझिझक करने लगती,,,,
राजु अपनी जगह से उठा और,,, श्याम की मां से बोला,,,।
खड़ी हो जाओ चाची मैं तुम्हें पूरी तरह से नंगी देखना चाहता हूं मैं तुम्हारी खूबसूरती को अपनी आंखों से पीना चाहता हूं,,,,।
(राजू की बातों को सुनकर श्याम की आंखों में खुन्नस तो आ ही रही थी लेकिन उसकी बातें उसे ना जाने क्यों उत्तेजित ही कर रही थी वह देखना चाहता था कि उसकी मां उसकी बात मानती है कि नहीं और उसकी ईरानी का कोई ठिकाना ना रहा जब उसकी मां उसकी बात मानते हुए एकदम से खड़ी हो गई,,,लेकिन उसे शर्मा भी महसूस हो रही थी एक जवान लड़की के सामने एकदम नंगी खड़ी थी और राजू उसके गोल गोल घूम कर उसके नंगे बदन का मुआयना कर रहा था और थोड़ी देर बाद उसके ठीक उसके सामने खड़ा होकर उसकी चुचियों पर अपने दोनों हाथ रख कर उसे जोर से दबाते हुए बोला,,,)
सहहहहह ,,, चाची तुम्हारे दशहरी आम तो एकदम मीठे रस से भरे हुए हैं इन्हें दबाने में कितना मजा आ रहा है,,,,,( और इतना कहने के साथ हीराजू बड़े जोर से श्याम की मां की चूची को दबाने लगा और श्याम की मां दर्द से कराहते हुए गरम सिसकारी लेने लगी)
आहहहहह,,,,,सहहहहहहहहह,,, सीईईईईईईई,,,आहहहहह राजू धीरे से,,,,,आहहहहहहह,,,
धीरे से कहां मजा आने वाला है चाची,,,,,ऊफफफ ,,,, तुम्हारी गदराई जवानी,,,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू उसकी एक चूची को मुंह में लेकर पीना शुरु कर दिया,,, राजू की हर एक हरकत श्याम की मां के भजन में आग लगा रही थी राजू का इस कदर उसके बदन से खेलना उसे अच्छा लग रहा था,,, जो कि आज तक उसके बेटे ने भी इस तरह से उससे प्यार नहीं किया था,,,,शर्म के मारे और उत्तेजना के मारे श्याम की मां का चेहरा सुर्ख लाल हो गया,,, उसके गाल पर शर्म की लालीमा छाने लगी,,,,
राजू उसे अपनी बाहों में लेकर उसके दोनों चुचियों को बारी-बारी से पी रहा था और ऐसा करने में श्याम की मां पर तू बिना बजा मिल रहा था क्योंकि उसकी दोनों टांगों के बीच बार-बार राजू का लंड ठोकर मार रहा था और अपनी बुर पर राजू के मोटे तगड़े लंड की ठोकर पाकर उसकी बुर मचल रही थी उसे अंदर लेने के लिए,,,,,,, और श्याम की है रानी का और आश्चर्य का कोई ठिकाना ना था जब उसकी मां अपना हाथ नीचे ले जाकर राजू के लंड को खुद अपने हाथ से पकड़ कर अपनी बुर की दरार पर रगड़ना शुरु कर दी,,,,यह देखकर श्याम के होश उड़ गए और अपने मन में सोचने लगा कि साली कितनी बड़ी रंडी है अभी तक तो ऐसा ही लग रहा था कि उसके सिवा और किसी का नहीं लेगी लेकिन मोटा तगड़ा लंड देखकर उसका ईमान फिसल गया,,,,,
श्याम की मां की हरकत को देखकर राजू को एहसास हो गया था कि अब लोहा पूरी तरह से गर्म हो चुका है अब हथोड़ा मारना बेहद जरूरी है,,,, इसलिए वह कुछ देर तक और श्याम की मां की चूचियों को पीता रहा,,, इसके बाद वह अपनी हरकत से श्याम की मां को और ज्यादा चौका देना चाहता था वह एक बार फिर से श्याम की मां को अपनी बाहों में कस लिया और झटके से उसे अपनी तरफ खींच लिया उसकी मां एकदम से उसके सीने से लग गई उसकी बड़ी-बड़ी चूचियां उसकी छातियों से दबने लगी,,,, राजू श्याम की मां की आंखों में देखते हुए बोला,,,।
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तुम बहुत खूबसूरत हो चाची,,,,(यह सुनते ही श्याम की मां की आंखें शर्म से नीचे झुक गई उसके चेहरे पर शर्म की लाली छाने लगी वह पूरी तरह से शर्मा गई थी क्योंकि उसके और राजु के बीच उम्र की जो खाई थी वह कुछ ज्यादा ही कह रही थी और अपने बेटे के उम्र के मुंह से अपनी जवानी की तारीफ सुनकर वह शर्म से पानी पानी हुई जा रही थी श्याम भी हैरान था राजू की हर एक हरकत को देख कर,,, उसकी हर एक हरकत ने श्याम के भी तन बदन में आग लगा रहा था उसका लंड भी खड़ा हो चुका था उसने इस तरह से आज तक अपनी मां से उसके बदन से खेला नहीं था,,,, सिर्फ चुदाई करके हट गया उसे नहीं मालूम था कि औरतों की चीज किस कैसे खेला जाता है कैसे उन्हें संतुष्ट किया जाता है आज वह अपनी आंखों से राजू की हर एक हरकत को देखकर सीख रहा था,,,,,।
श्याम की मां अभी भी राजू की बाहों में कसी हुई थी वह कसमसा रही थी वहां उसकी पकड़ से छूटना चाहती थी लेकिन तभी राजू अपने होठों को,,, उसके लाल-लाल होठों पर रखकर उसके फोटो का रसपान करने लगा राजू की यह हरकत भी उसके लिए जानलेवा साबित हो रही थी उसके तन बदन में अजीब सी हलचल पैदा होने लगी और वह एकदम से खुद अपना हाथ आगे बढ़ाकर राजू को अपनी बाहों में कस ली,,,,राजू की पूरी तरह से उत्तेजित हो चुका था अपना एक हाथ नीचे की तरफ बनाकर अपने लंड को पकड़ कर श्याम की मां के बुर के गुलाबी छेद को अपने लंड के सुपाड़े से टटोलने लगा,,,, और जल्द ही उसे कामयाबी भी मिल गई श्याम की मां की बुर का गुलाबी छेद उसे मिल गया था और वह अपने सुपाडे को उस में डालने की कोशिश करने लगा तो श्याम की मां भी उसका साथ देते हुए अपनी एक टांग को उठाकर पास में पड़ी बाल्टी पर रख दी जिससे धीरे धीरे राजू का लंड श्याम की मां की बुर में प्रवेश करने लगा,,,, जैसे-जैसे राजू का लंड बुर के अंदर घुस रहा था वैसे वैसे श्याम की मां की हालत खराब होती जा रही थी क्योंकि अब तक उसकी बुर में श्याम को पतला लंड ही घुसा था और राजू का लंड से ज्यादा ही मोटा था और वह अपनी पूरी असर दिखाता हुआ बुर की अंदरूनी दीवारों से रगड़ खाता हुआ अंदर की तरफ जा रहा था,,,, एहसास श्याम की मां के लिए बेहद अद्भुत था,,,, राजू श्याम की मां के लाल लाल होठों को चोदता हुआ अपने लंड को उसकी बुर की गहराई में उतार रहा था और जल्दी उसे कामयाबी प्राप्त हो गई धीरे-धीरे करके उसका पूरा लैंड श्याम की मां की प्यार की गहराई में प्रवेश कर चुका था लेकिन अभी भी घुसने के बावजूद भी 1 इंच जैसा रह गया था यही देखने के लिए श्याम की मां अपनी नजर को नीचे की तरफ की तो हैरान रह गई जो देखकर की पूरा घुस जाने के बावजूद भी 1 इंच लंड अभी भी बाहर है,,,,।
कैसा लग रहा है चाची,,,(अपने होठों को उसके होठों से अलग करता हुआ और अपने दोनों हाथों को पीछे की तरफ लाकर श्याम की मां की बड़ी बड़ी गांड को अपने दोनों हाथों से थाम कर अपने लंड को थोड़ा सा बाहर निकालकर फिर धक्का मारकर उसे अंदर कर दिया ऐसा करने से श्याम की मां के मुंह से आह निकल गई,,,, राजू रुकने वाला नहीं था इसी क्रिया को वह बार-बार दोहराने लगा वह धीरे-धीरे श्याम की मां को चोदना शुरू कर दिया था और वह भी खड़े खड़े उसकी बड़ी बड़ी गांड को पकड़कर उसका सहारा लेकर वाह अपने धक्कों को तेज करने लगा,,,,,
श्याम को हैरानी हो रही थी उसे अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था कि राजू खड़े-खड़े उसकी मां की चुदाई कर रहा था,, और मैं भी आगे से पीछे से तो ठीक था लेकिन आगे से उसने कभी किया नहीं था और उसे लगता ही नहीं था कि आगे से भी औरत की चुदाई कर सकता है और वह भी खड़े-खड़े लेकिन हैरान था फटी आंखों से राजू के लंड का प्रहार अपनी मां की बुर पर देख रहा था,,,,।
राजू भी पूरी मस्ती में आ चुका था,,, वह धकाधक अपना लंड पेल रहा था राजू के थक्के इतनी तेज थी कि वह ठीक से सांस नहीं ले पा रही थी,,,, लेकिन मजा उसे बहुत आ रहा था इस तरह से भी चुदाई की जाती है उसे पहली बार ऐसा हो रहा था राजू का लंड इतना मोटा था कि उसकी बुर की अंदरूनी दीवाे रगड़ रगड़ कर उसे और ज्यादा मस्त कर रही थी,,,,,।
ओहहहह चाची कैसा लग रहा है अब,,, तुम्हारी बुर तो अभी भी कसी हुई है,,,आहहहहहह,,,।
(राजू की बातें एकदम बेशर्मी भरी थी इसके जवाब देने में श्याम की मां को शर्म महसूस हो रही थी वो कुछ बोल नहीं रही थी बस अपनी नजरों को नीचे झुकाए हुए उसके हर एक धक्के का मजा ले रही थी वह यह बात अच्छी तरह से जानती थी कि उसकी बुर कसी हुई नहीं बल्कि राजू का लंड ही ज्यादा मोटा है,,,। राजू पूरी मस्ती में आ चुका था श्याम की मां की बड़ी बड़ी गांड को अपनी दोनों हथेली में जोर-जोर से दबाकर वह धक्के लगा रहा था,,,, और श्याम की मां उसके धक्के से कहीं गिर ना जाए इसलिए अपनी बाहों का हार राजू के गले में डालकर उसका सहारा लेकर खड़ी थी,,,, कुछ देर तक राजु इसी मुद्रा में श्याम की मां की चुदाई करता रहा,,, श्याम देखकर हैरान था कि अभी तक उसका पानी नहीं निकला था,,,, इसके बाद वह अपना लंड श्याम की मां की ओर से बाहर निकाल कर उसे दीवार का टेका लेकर झुकने के लिए बोला,,,,
श्याम की मां पर चुदाई की मस्ती पूरी तरह से सवार हो चुकी थी और वह इस मजे को खत्म नहीं होने देना चाहती इसलिए तुरंत दीवार का ठेका लेकर झुक गई और अपनी बड़ी बड़ी गांड को ऊपर की तरफ उठा दी,,,,हवा में लहराती हुई गांड को देखकर राजू फिर से दो चार चपत उस पर लगा दिया,,, पल भर में टमाटर की तरह श्याम की मां की गांड लाल हो गई और इसके बाद राजू पीछे से अपना मोटा तगड़ा लंड उसकी बुर में डालकर चोदना शुरू कर दिया पीछे से भी राजू का लैंड उसकी बुर की गहराई तक पहुंच रहा था,,, श्याम की मां राजू की ताकत को देखकर एकदम हैरान हो गई थी राजू अपने दोनों हाथ आगे जाकर उसकी बड़ी बड़ी चूचियों को पकड़ कर उसे चोद रहा था और बार-बार उसकी गांड पर थप्पड़ भी लगा दे रहा था ऐसा करने में दोनों को मजा आ रहा था लेकिन शयाम की गांड जल रही थीवह अपने मन में सोच रहा था कि राजू जैसा बोल रहा है वैसा ही उसकी मां कर रही है जबकि उसके साथ ऐसा नहीं करती थी शायद शयाम को ही अपनी मां को अपने बस में करने नहीं आता था,,,। और राजू खेल में शायद बहुत ज्यादा माहीर थातभी तो वह श्याम की मां को अपने इशारों पर नाच आ रहा था कुछ देर तक वह श्याम की मां को पीछे से चोदता रहा लेकिन श्याम की मां भी हैरान थी कि उसका पानी अभी तक नहीं निकला था और वह खुद दो बार झड़ चुकी थी,,,,,,,,,,राजू शाम की मां को पीछे से चोदता हुआ श्याम की तरफ देख रहा था और मुस्कुरा रहा था और श्याम की नजरें शर्म से नीचे झुकी जा रही थी लेकिन उसके बदन में भी उत्तेजना बरकरार थी क्योंकि उसका हाथ उसके लंड पर था,,,,यह देखकर राजू समझ गया कि अपनी मां को चुदवाते हुए देख कर उसे भी मजा आ रहा है,,, कुछ देर बाद राजू ने अपने लंड को बाहर निकाल लिया और नीचे जमीन पर लेट गया,,, श्याम की मां खड़ी-खड़ी बड़ी हैरत से राजू को ही देख रही थी तो राजू बोला,,,।
देख क्या रही हो चाचा आओ बैठो इस पर,,,( लंड को पकड़कर लंड की तरफ इशारा करता हुआ बोला,,, उसके इशारे को समझकर श्याम की मां बोली,,,)
मुझसे नहीं हो पाएगा राजू,,,
हो जाएगा चाची आओ तो सही,,,(राजू अपने लंड को हीलाता हुआ बोला,,,,( लंड पर चढ़ने की लालच को श्याम की मां की रोक नहीं पाई राजू के लंड को देखकर उसकी लालच बढ़ती जा रही थी लेकिन उसे शंका थी कि उसे हो पाएगा कि नहीं और यही शंका श्याम को भी थी,,,राजू जानबूझकर इस तरह से जमीन पर लेटा था कि अगर उसकी मां उसके लंड पर बैठेगी तो पीछे से उसकी मां की बड़ी बड़ी गांड शयाम को नजर आएगी,,,,इस आसन को आजमाने के लिए श्याम की मां की तैयार हो गई ,, यह आसन श्याम की मां के लिए भी एक दम नया था,,, वह अपनी एक टांग को राजू के कमर के एक तरफ रख कर दूसरे टांग को दूसरी तरफ रखते हुए और धीरे-धीरे घुटनों के बल बैठ गई,,, और सवालिया नजरों से राजू की तरफ देखने लगी राजू उसकी आंखों में उसके मन में उठ रहे सवाल को अच्छी तरह से समझ गया था इसलिए अपने हाथ को नीचे की तरफ लाकर अपने लंड को पकड़ कर श्याम की मां की बुर के छेद पर लगाने लगा,,,श्याम की मां को भी अब मंजिल नजर आने लगी थी उसे रास्ता दिखा दिया गया था वह धीरे-धीरे अपनी भारी भरकम गांड को , राजू के लंड पर रखकर बैठने लगी धीरे-धीरे राजू का लंड उसकी गुलाबी छेद हो सरकता हुआ अंदर की तरफ जाने लगा,,,, पीछे खड़ा श्याम यह देखकर जल भुन जा रहा था उसे अपनी आंखों पर यकीन नहीं हो रहा था,,, उसकी मांधीरे-धीरे राजू के मोटे तगड़े लंबे लंड को अपनी बुर की गहराई में छुपा ली,,, आगे क्या करना है यह वह अच्छी तरह से जानती थी धीरे धीरे राजू के लंड पर अपनी गांड पटकने लगीराजू उसकी मस्ती को बढ़ाता हुआ आगे से उसकी दोनों चूचियों को पकड़ कर दबाने लगा,,,, धीरे धीरे श्याम की मां राजू के लंड पर गांड पटकाना तेज कर दी,,, राजू के साथ-साथ श्याम की मां को भी मजा आ रहा था और पीछे खड़ा श्याम या देखकर जल तो रहा था लेकिन उसकी उत्तेजना भी बढ़ती जा रही थी,,,,। राजू भी नीचे से धक्के लगा रहा था,,,,
धीरे धीरे श्याम की मां एक ही चुदाई में तीसरी बार चढ़ने के कगार पर पहुंच गई और राजू भी अपने चरम सुख के करीब पहुंचने लगा तो वह जोर से श्याम की मां को अपनी बाहों में भरता हुआ उसे अपने सीने से लगा लिया उसकी गांड हवा में लहराने लगी और राजू अपनी कमर को ऊपर की तरफ उछाल कर धक्के पर धक्का लगाने लगा,,,, जांघो से जांघ के टकराने की आवाज से पूरा घर पहुंचने लगा और इस आवाज को सुनकर श्याम की मस्ती और ज्यादा बढ़ने लगी वह अपनी आंखों से राजू के मर्दाना ताकत को देख रहा था,, घंटा भर होने को आया था लेकिन वह थकने का नाम नहीं ले रहा था,,,,लेकिन अब दोनों चरमसुख के बेहद करीब थे क्योंकि श्याम की मां की सांसे बड़ी तेजी से चल रही थी उसकी सिसकारियां की आवाज तेज हो चुकी थी और साथ ही राजू के तक के भी तीव्र गति से पड रहे थे और देखते ही देखते राजू श्याम की मां को अपनी बांहों में लिए हुए ही अपना गरम लावा श्याम की मां की बुर में गिराने लगा लंड से निकली पिचकारी इतनी तीव्र गति से आगे बढ़ी कि सीधे श्याम की मां को अपने बच्चेदानी पर महसूस होने लगी वह हैरान थी राजू की मर्दाना ताकत को देखकर उसने आज तक ऐसा अनुभव नहीं की थी इसलिए वह भी भलभलाकर झड़ने लगी,,,,,
कुछ देर तक दोनों इसी तरह से एक दूसरे की बाहों में लेटे रह गए,,,,श्याम तक वहीं पर खड़ा था लेकिन अब उसके खड़े रहने का कोई मतलब नहीं था इसलिए बात हीरे से चोर कदमों से पीछे की तरफ गया और दरवाजा खोलकर बाहर निकल गया थोड़ी देर बाद राजू भी अपने कपड़ों को ठीक करके घर से बाहर निकल गया,,,, लेकिन श्याम की मां मस्ती के सागर में पूरी तरह से खो चुकी थी वह कुछ देर तक वही नंगी हालत में ही बैठी रह गई और अपनी किस्मत पर अपनी जवानी पर गर्व करने लगी वह पूरी तरह से तृप्त हो चुकी थी थोड़ी देर बाद वह भी ठंडे पानी से नहा कर कपड़े पहन कर तैयार हो गई,,,,।