बहुत ही बढिया और मनमोहक अपडेट हैं भाई मजा आ गयाश्याम राजू के होठों पर आई मुस्कान को अच्छी तरह से देख रहा था और उसके मुस्कान के मतलब को भी अच्छी तरह से समझ रहा था,,,,, श्याम कुछ कर सकने की स्थिति में बिल्कुल भी नहीं था सारी बाजी उसके हाथ से निकल चुकी थी ,, उसकी एक गलती उसे राजू के सामने घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था,,,। राजू आज अपने आप को ऊंचाई पर खड़ा महसूस कर रहा था,,,, यह सब श्याम की गलती का नतीजा था जो कि अब भुगतने जा रहा था अगर वह जल्दबाजी में दिखाता तो शायद राजू कभी भी उन दोनों को चुदाई करते हुए ना देखा होता,,,,,,
लेकिन अब होनी को कौन टाल सकता है जो होना था वह हो चुका था बस शयाम को उसका हर्जाना भरना बाकी था,,, श्याम धीरे धीरे चलता हुआ राजू के पास पहुंच गया था राजु नीचे बैठा हुआ श्याम की तरफ देख कर हंस रहा था राजू की हंसी श्याम के दिल पर छुरियां चला रही थी,,,। श्याम अपने आप को निशहाय महसूस कर रहा था,,,,,,उसके मन में इस बात का डर था कि अगर राजू गांव वालों को बता दिया तब क्या होगा,,,,,,,श्याम के मुंह से शब्द नहीं फूट रहे थे वह कुछ भी बोल सकने की स्थिति में बिल्कुल भी नहीं था इसलिए,,, राजू ही बात की शुरुआत करते हुए ,,,,
जोर जोर से हंसने लगा उसकी हंसी श्याम को कांटे की तरह चुभ रही थी कोई और स्थिति होती तो ,, राजू को मां बहन की गाली सुना दिया होता,,,, लेकिन इस समय खामोश रहना ही उसके लिए उचित था,,,।
यार तू तो छुपा रुस्तम निकला,,,(जोर जोर से हंसते हुए)मुझे तो यकीन नहीं हो रहा है कि जो कुछ भी मैंने देखा वह सच है साला मुझे तो अभी तक सब कुछ सपना जैसा लग रहा है,,,,,, जिस तरह से तू अपनी बड़ाई हांकता था मुझे तो ऐसा ही लगता था कि तू गांव की कोई खूबसूरत लड़कियां खूबसूरत भाभी को पटाया होगा और रोज जमकर चुदाई करता होगा,,, तभी इतना बढ़ चढ़कर बोलता था,,,, लेकिन तू तो घर में ही जुगाड़ बना लिया है अपनी ही मां की चुदाई करता है,,,, मैं तो दंग रह गया यार देख कर,,, और तेरी मां भी कैसे घोड़ी बनकर चुदवा रही थी,,,।
मैं तेरे हाथ जोड़ता हूं,,,(दोनों हाथ जोड़ते हुए) यह बात किसी को मत बताना वरना मैं कहीं का नहीं रह जाऊंगा,,,
डरता क्यों है इतनी बहादुरी वाला काम किया है फिर भी घबरा रहा है,,,,
नहीं नहीं राजू तो समझ नहीं रहा है यह बात अगर किसी को पता चल गई तो मेरी तो नाक कट जाएगी इज्जत चली जाएगी,,
मुझे तो पता चल गया ना,,,
तभी तो तेरे हाथ जोड़ता हूं तेरे पांव पडता हूं,,,(श्याम राजू के पैर पकड़ते हुए बोला,,,) यह बात तु किसी को मत बताना,,,,,,, तो तू मेरा पक्का दोस्त है ना,,,
हां वह तो हूं,,,, लेकिन तूने जो काम किया है उसे तो सबको पता चलना चाहिए,,,,,
नहीं-नहीं राजू ऐसा गजब ना करना,,,,
अरे यार तू डरता क्यों है हटा कटा मर्दाना जवान है और वैसे भी तो मर्दों का काम ही होता है चोदना तो तूने कौन सा पाप किया है तूने भी तो चुदाई किया है,,,,(राजू व्यंग कसते हुए बोला,,,,,,, राजू की बात सुनकर श्याम की नजरे नीचे झुक गई,,, राजू अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,,) बोलना श्याम तूने भी तो वही किया है ना जो दूसरे मर्द करते हैं चुदाई,,,, लेकिन किसकी किया है,,,, बोलना श्याम चुप क्यों है देख तुझे इतना खामोश रहेगा उतनी और मुसीबत में पडता जाएगायह बात तो भी अच्छी तरह से जानता है कि जो तूने काम किया है अगर गांव वालों को पता चल गया तो क्या होगा तेरे बारे में लोग क्या सोचेंगे तेरा घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाएगा,,,, और तो और तेरी मां भी बदनाम हो जाएगी,,,, इसलिए बोल तूने किस की चुदाई किया है,,,।
(राजू यह सब जानते हुए भी कि श्याम ने क्या किया है फिर भी वह श्याम के मुंह से सुनना चाहता था उसके मुंह से सुनकर वह एहसास करना चाहता था कि उसे कैसा महसूस होता है,,,, श्याम के पास राजू की बात मानने के सिवा दूसरा कोई चारा नहीं था क्योंकि वह पूरी तरह से राजू के शिकंजे में फंसा हुआ था जिससे छूट पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन था,,,। इसलिए अपनी लड़खड़ाती जबान मे बोला,)
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अ,,,,अ,,, अपनी मां की,,,
तब तो श्याम तुझे बहुत मजा आता होगा आता है कि नहीं,,,
बहुत मजा आता है,,,(श्याम अपनी नजरों को नीचे झुकाए हुए ही बोला,,,)
क्या तेरी मां को भी उतना मजा आता है जितना कि तुझे,,,
हां,,,,
(राजू यह बात अच्छी तरह से जानता था कि उसकी मां को उतना ज्यादा मजा नहीं आता जितना कि उसे आना चाहिए था लेकिन फिर भी वह इस समय शाम की बात पर सहमति दर्शा दिया,,,)
तब तो तुम दोनों कभी भी घर में ही जुगाड़ बना कर चुदाई कर लेते होगे,,,
हां,,,(शर्मिंदगी भरे एहसास से श्याम बोला)
यार मैंने भी देखा था पीछे से जब तू अपनी मां की बुर में डाल रहा था कि उसकी बड़ी बड़ी गांड देखकर मेरा भी लंड खड़ा हो गया था,,,, सच कहूं तो मुझे तो तेरी मां की बड़ी बड़ी गांड बहुत खूबसूरत लगी,,,,।
(राजू की बात सुनकर श्याम अंदर ही अंदर बहुत क्रोधित हो रहा था लेकिन कुछ कर नहीं सकता था इसलिए खामोश होकर सुनता रहा खाकर और कोई वक्त होता तो इसी बात पर वह उसकी मां बहन की गाली देते हुए राजू की मां के बारे में गंदी गंदी बातें करना शुरू कर देता किया करता था लेकिन आज भी जानता था कि वह कुछ बोलने वाला नहीं है इसलिए वह अब तक की सारी कसर निकाल लेना चाहता था,,,)
मुझे तो तेरी मां की गांड अच्छी लगने लगी है लेकिन तुझे अपनी मां के बदन में कौन सा अंग सबसे ज्यादा खूबसूरत लगता है सच सच बताना,,,,(राजू की बात सुनकर शयाम को शर्म महसूस हो रही थीहालांकि इस तरह की गंदी गंदी बातें करने में वह उस्ताद था लेकिन आज खुद इसकी मां की बात चल रही थी इसलिए उसे शर्म महसूस हो रही थी और राजू पर गुस्सा भी आ रहा था श्याम को खामोश देखकर राजू फिर से बोला)
बोल ना यार शर्मा क्यों रहा है अब मुझसे शर्म करने की जरूरत नहीं है और वैसे भी तो सबसे बड़ा बेशर्म है तो शर्म कैसी बता दे मुझे भी तुझे क्या अच्छा लगता है,,,?
मां की बड़ी-बड़ी गांड और उसकी चूचियां,,,,(श्याम उसी तरह से नजरे झुकाए हुए ही बोला)
आहहहह आहहहहह,,, तूने सच कहा वैसे भी मर्दों को औरतों की चूचियां और गांड सबसे पहले आकर्षित करती है लेकिन मेरी सबसे बड़ी कमजोरी है औरतों की आंख और बाकी बड़ी-बड़ी जो कि तेरी मां के पास है मैं तो पागल हो गया हूं तेरी मां को नंगी देखकर,,,,
(राजू जानबूझकर श्याम के सामने श्याम की मां के बारे में गंदी गंदी बातें करता था क्योंकि इस तरह की बातें खुद श्याम राजू की मां के बारे में बोला करता था उसकी बुआ के बारे में बोला करता था लेकिन तब राजू श्याम का कुछ कर नहीं पाता था लेकिन आज पासा पलट गया था आज बाजी राजू के हाथों में थी,,, किसका वह पूरी तरह से फायदा उठा रहा था राजू की बातें और वह भी अपनी मां के बारे में सुनकर श्याम अंदर ही अंदर गुस्से से तिलमिला जा रहा था अगर ऐसे हालात ना होते तो शायद राजू को यही पटक कर उसकी धुलाई करना शुरू कर देता क्योंकि शरीर में वह राजू से बीस ही था,,,,)
श्याम तेरी मां नंगी होने के बाद स्वर्ग से उतरी अप्सरा की तरह नजर आती है,,,,,, लेकिन एक बात मैं जानना चाहता हूं कि तेरी मां को चोदने से पहले उसके कपड़े कौन उतारता है तू या खुद तेरी मां,,,,।(राजू को श्याम से इस तरह की गंदी बातें करने में बहुत मजा आ रहा था और उत्तेजना का अनुभव हो रहा था क्योंकि श्याम की मां के बारे में बात करके वह अपनी मां के बारे में कल्पना करता था कि अगर श्याम की तरह उसे भी मौका मिल जाता तो कितना मजा आता है और इसी सोच के कारण पजामे में उसका लंड पूरी तरह से खड़ा होकर तंबू बनाया हुआ था,,, जिसे वह बार-बार अपने हाथों से ही दबा रहा था और उस पर श्याम की भी नजर पड़ जा रही थी और अपनी मां के बारे में गंदी बातें सुनकर जिस तरह से राजू का लंड खड़ा हो जा रहा था शयाम को बहुत गुस्सा आ रहा था इस बात से कि राजु उसकी मां के बारे गंदी बाते करके चुदवासा हो रहा है,,, लेकिन कुछ भी कर सकने की स्थिति में नहीं था राजू के सवाल का जवाब देना भी जरूरी था इसलिए बोला,,,)
कभी-कभी मैं कभी-कभी मां,,,,
(श्याम का जवाब सुनकर राजू के होठों पर मुस्कुराहट आ गई और वह मुस्कुराते हुए बोला)
मतलब की तेरा जब मन करता है तो तू अपनी मां के कपड़े उतारता है और जब तेरी मां का मन करता है तो वह तेरे कपड़े और साथ ही अपने कपड़े भी उतारती है,,, सही कहा ना,,,।
(इस सवाल के एवज में श्याम हां में सिर हिला दिया)
वाह भाई वाह मुझे तो बहुत मजा आ रहा है तेरी मां के बारे में सारी बातें करके और यही सोच रहा हूं कि तुझे कितना मजा आता होगा मैं तो सिर्फ बात करके ही इतना उत्तेजित हुआ जा रहा हूं देख मेरा लंड कैसे खड़ा हो गया है और तुम तो अपनी मां को चोदता है तुझे कितना मजा आता होगा,,,, लेकिन यह सब कब से चल रहा है?
2 साल से,,,
बाप रे 2 साल से तूने कितना मजा लिया होगा,,,, मेरा तो सोचकर ही कहीं पानी ना निकल जाए,,,,,,, लेकिन मेरे दोस्त शुरुआत कैसे हुई यह तो बता तूने शुरूआत किया जा तेरी मां ने यह हो कैसे गया,,,,
(इस बात से शयाम खामोश रहा कुछ बोल नहीं रहा था,,, तो राजू बोला,,,)
बता ना यार शर्मा क्यों रहे हैं अगर तू चाहता है कि यह राज राज नहीं तो तुझे बताना होगा कि शुरुआत कैसे हुई,,,।
(श्याम के पास इस राज को राज रखने के लिए राजू जैसा बोल रहा था वैसा जवाब उसे देना ही था उसके पास दूसरा कोई रास्ता भी नहीं था इसलिए वह बोला)
तू तो जानता ही है राजू पिताजी का देहांत बहुत पहले हो चुका था मैं अकेले ही थी ,,,, हो सकता है उसका मन करता होगा ऐसे ही घर गया तो मां नहा रही थी एकदम नंगी होकर वह अपनी बुर को जोर-जोर से रगड़ रही थी मैं वही दरवाजे के पीछे छोड़कर सब कुछ देख रहा था लेकिन इस बात का पता मां को हो गया था कि मैं उसे चोरी-छिपे देख रहा हूं और वह जानबूझकर अपनी बुर को जोर-जोर से रगड़ने लगी ,,,(श्याम की बातों को सुनकर राजू का लंड पूरी तरह से अपनी औकात में आ गया था जिसे वह पजामे के ऊपर से दबा रहा था,,, और बड़े ध्यान से श्याम की बातों को सुन रहा था,,,) मेरी हालत खराब होती जा रही थी मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं क्या करूं तभी मां की आवाज आई,,,।
क्या आवाज आई,,( राजू उत्सुकता दिखाते हुए बोली)
वह बोली चुप कर मत देख देखना है तो सामने आजा मेरे पास,,,,।
तब तू क्या किया?
मैं पहली बार अपनी मां को बिना कपड़ों के देख रहा था इसलिए मुझे ना जाने क्या हो रहा था मैं अपनी मां की बात सुनकर ठीक उसके सामने जाकर खड़ा हो गया,,, पजामे में मेरा लंड खड़ा हो गया था मेरी मां की नजर उसी पर थी और वह हाथ आगे बढ़ाकर पजामे के ऊपर से मेरे लंड को पकड़ गई और बोली,,,
क्या बोली,,?
यही की ईसमे क्या छुपा कर रखा है दिखा तो मुझे,,, इतना कहने के साथ ही वह मेरा पैजामा उतार दी,,,,, और मेरे लंड को पकड़ ली,,,,
फिर क्या हुआ,,,?
फिर माने मेरे खड़े लंड को पकड़ कर अपनी बुर पर रख दी और मुझे धक्का मारने के लिए गोली,,,मुझे कुछ आता नहीं था लेकिन जिस तरह से मां कह रही थी मैं उसी तरह से कर रहा था मुझे मजा आ रहा था,,,
तेरा लंड तेरी मां की बुर में घुसा,,,?
हां धीरे-धीरे मेरा पूरा लंड मां की बुर में घुस गया,,,
फिर,,,
फिर मैंने मुझे मेरी कमर को आगे पीछे करके ही लाने के लिए मुझे ऐसा करने मुझे बहुत मजा आने लगा और देखते ही देखते मैं अपनी रफ्तार बढ़ाने लगा मां को भी मजा आ रहा था बस ऊस दिन से यह सिलसिला शुरू हो गया,,,
बाप रे,,(गहरी सांस लेते हुए) तेरी कहानी सुनकर तो मेरी हालत खराब हो गई सच में तुझे बहुत मजा आया होगा,,, कुर्सी ले तू रोज अपनी मां की चुदाई करता है,,, झुमरी को यह बात मालूम है,,,
नहीं उसे यह सब नहीं मालुम है,,,
अगर सोच यह बात तेरी बहन को पता चल जाए तो क्या होगा,,,
नहीं नहीं राजू ऐसा मत करना मैं तेरे हाथ जोड़ता हूं जो होना था वह हो गया अब उसको बढा मत,,,मैं तेरे बारे में कभी भी उल्टा सीधा नहीं बोलूंगा तेरी मां और बुआ के बारे में भी कुछ नहीं बोलूंगा,,,,
(श्याम की बातों को सुनकर राजू मंद मंद मुस्कुरा रहा था क्योंकि बच्चे तरह से जानता था कि श्याम पूरी तरह से उस के शिकंजे में आ चुका है,,,, और वह यह बात भी अच्छी तरह से जानता था कि उसकी शर्त भी श्याम मानने को तैयार हो जाएगा,,,,)
चल ठीक है तू कहता है तो यह बात मैं किसी को नहीं बताऊंगा ना गांव वालों को नहीं तेरी बहन को लेकिन इसके बदले में मुझे क्या मिलेगा,,,।
(यह बात सुनते ही श्याम समझ गया कि वह क्या बोलने वाला है इसलिए मन में ही वह राजू को गाली देते हुए बोला)
तू जो कहेगा मैं वहां सब कुछ करने को तैयार हूं मैं तेरी गुलामी करने को तैयार हूं,,,
तेरी गुलामी पाकर मैं क्या करूंगा और वैसे भी मुझे गुलामों की जरूरत नहीं है,,,
कोई बात नहीं तु जो भी बोलेगा मैं वह करने को तैयार हूं,,,
कुछ भी,,,
हां मेरे दोस्त कुछ भी करने को तैयार,,, हु,,,
तो मुझे अपनी मां की दिला दे,,,
यह क्या कह रहा है तू,,,(श्याम जानबूझकर बनावटी गुस्सा करते हुए बोला क्योंकि वह पहले से ही जानता था कि राजू यही बात करेगा) भला यह कैसे हो सकता है,,,
क्यों नहीं हो सकता जब तक बेटा होकर अपनी मां की चुदाई का सकता है तब से मैं तेरा दोस्त हूं क्या मैं तेरी मां को चोद नहीं सकता,,,
नहीं नहीं ऐसा कैसे हो सकता है अगर तू मेरी जगह होता तो क्या मैं तुझसे यह बात बोलता तो क्या तू मान जाता,,,
तब की तब देखा जाता लेकिन इस समय मेरा पलड़ा भारी है अगर नहीं मानना है तो वह भी बोल दे फिर उसके आगे जो होगा मुझे मत कहना,,,,
(राजू की बातें सुनकर श्याम कुछ देर तक सोचने लगा अगर और कोई मौका होता तो वह उसे अपनी मां को हाथ लगाने भी नहीं देता लेकिन वह पूरी तरह से फंस चुका था जिसमें उसकी और उसके परिवार की ही बनाई थी इसलिए श्याम राजू को अपनी मां को चोदने की इजाजत देना ही था और इसलिए वह बोला)
देख मैं तो मान जाऊंगा लेकिन,,,,मैं तुझे अपनी मां के सामने ले जाकर यह नहीं बोलूंगा कि मा तु इससे चुदवा ले,,,, समझा,,,
कोई बात नहीं लेकिन तू,, रजामंदी तो दे रहा है ना,,,
हां,,,(श्याम एकदम से नजरें झुका कर शर्मिंदा होते तो बोला) लेकिन एक बात और अगर मेरी मां नहीं मानी तो फिर तू चला जाएगा और फिर उसके बाद इस बारे में कभी भी बात नहीं करेगा ना ही गांव वालों को कुछ बताएगा,,,
चल कोई बात नहीं पक्का,,,,एक मर्द की जुबान है तेरी मां इंकार कर देगी तो मैं वापस चला लूंगा और उसके बारे में कभी कोई बात नहीं करूंगा,,,,,,
(राजू की बात सुनकर श्याम के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई उसे इतना तो यकीन था कि उसकी मां सामने से कभी राजू को नहीं बोलेगी कि तु मुझे चोद,,, अगर ऐसा होता तो अब तक उसकी मां गांव में न जाने कितने से चुदवा ली होती इतना तो श्याम अच्छी तरह से जानता था कि उसकी मां को अपनी इज्जत की बहुत ज्यादा परवाह थी इस बात से उसे तसल्ली थी कि राजू का काम बनने वाला नहीं हैलेकिन एक बात से उसे शंका की थी कि अगर किसी भी तरह से उसकी मां मर गई है तो फिर उस दिन से वह राजू की गुलाम बन जाएगी क्योंकि राजू के मोटे तगड़े और लंबे लंड को श्याम अपनी आंखों से देख चुका था और वैसा ही लंड उसकी मां को भी चाहिए था,,,,,)
अपनी बात पर कायम रहना राजू देख तू बोला है कि मर्द की जुबान है,,,
मैं वादा करता हूं जैसा मैं बोला हूं वैसा ही करूंगा,,, लेकिन तेरी मां के पास जाने के लिए तुझे ही जुगाड़ करना पड़ेगा क्योंकि मुझे नहीं मालूम है कि तेरी मां किस वक्त घर में अकेली रहती है,,,
जिस समय तू आया था उसी समय मैं घर पर अकेली रहती है और उसी समय उसका नहाने का समय भी है,,,
झुमरी,,,
झुमरी दिन में घर पर नहीं रहती मैं अपनी सहेलियों के घर पर रहती है,,,
चल ठीक है लेकिन तुम मुझे लेकर चलेगा घर पर उसके बाद में सब कुछ संभाल लूंगा तुझे कुछ भी करने की जरूरत नहीं है और ना ही तेरी मां को बिल्कुल भी शक होगा कि इसमें तेरा हाथ है समझ गया ना,,,
(शर्मिंदगी भरी नजरों को नीचे झुका कर श्याम हां में सिर हिला दिया राजू बहुत खुश था कि उसके लिए एक बुर की और जुगाड़ हो गई थी,,,, श्याम की मां की चुदाई करके वाला बहुत आगे की सोच रहा था श्याम की मां को पूरी तरह से खुश करके वह पूरी तरह से उसे अपने वश में करना चाहता था ताकि वह जैसा कहें वैसा ही हो,,, शाम ढल चुकी थी अंधेरा होने लगा था,,,, राजू श्याम से बोला,,,)
अब तो निश्चिंत होकर घर पर जा मैं किसी को कुछ भी नहीं बताऊंगा तुम दोनों का राज मेरे सीने में दफन रहेगा काम मेरा हो गया तो अभी और नहीं हुआ तो भी यह एक मर्द की जुबान है,,,,(राजू यह कभी भी नहीं चाहता था कि झुमरी कि किसी भी तरह से बदनामी हो राजू श्याम की बात अगर गांव में बता देता तो इससे झुमरी के बारे में भी लोग उल्टा सीधा सोचने लगते और राजू ऐसा कभी नहीं चाहता था कि कि वह झुमरी से सच्चे दिल से प्यार करता था,,, राजू की बात सुनकर श्याम निश्चिंत तो नहीं लेकिन फिर भी राहत भरी सांस लेकर अपने घर की तरफ चल दिया और साथ में राजू भी मन में ढेर सारे भावनाए लेकर गांव की तरफ चल दिया,,,)
आखिर राजु ने श्याम से उसके और उसकी माँ की पहली चुदाई कैसे हुई ये पुछ कर अपनी शर्त रखी और वो शर्त पुरी कराने में श्याम ही मदत करेगा
अब देखते हैं आगे राजु श्याम की मदत से उसकी माँ की कैसे और कब चुदाई करता हैं