Rohnny Bhai, update kaa intezaar hain..thanks.
Hlo MeenaNice
niceऐसे ही धीरे-धीरे दिन गुजरने लगे थे,,,,,, हरिया का जीवन बड़े अच्छे से व्यतीत हो रहा था जिंदगी रेलवे स्टेशन और घर की दूरी पर सिमट कर रह गई थी लेकिन फिर भी हरिया को बेहद सुकून मिलता था दिन भर की थकान भरा चेहरा लेकर जब वह घर पहुंचा था तो अपनी बीवी केखूबसूरत चेहरे को देखकर फिर से हरा भरा हो जाता था अपनी सारी थकान रात को सोते समय बिस्तर पर निकाल देता था,,,,।
गर्मी का मौसम अपने जोरों पर था,,, वातावरण में चिलकती धूप अपना पूरा असर दिखा रही थी,,,, गांव में, कुछ लोग खेतों में काम कर रहे थे और कुछ लोग घरों पर आराम कर रहे थे,,, बच्चे बड़े-बड़े पेड़ों के बगीचे में खेल का मजा ले रहे थे,,,,,,, गांव में घना आम का बगीचा भी था जिस के छांव के नीचे गर्मी में अक्सर गांव के लोग आराम किया करते थे,,,,
ऐसे ही नौजवानों का एक झुंड गिल्ली डंडा खेलने में लगा हुआ था,,,,,,,, और तबीयत नौजवान डंडे की चोट से गिल्ली को हवा में उछाला और डंडे से उसे फटकारा और गिलली,, आठ से 10 लड़कों के ऊपर से उड़ते हुए जाकर एक मटके से टकरा गई और मटकी फूट गई,,,,,,, और मटका ली हुई औरत एकदम से झेंप गई और जैसे ही उसे इस बात का अहसास हुआ कि उसकी मटकी गिल्ली लगने के कारण फूट गई है, वह जोर-जोर से गाली देने लगी,,,।
कौन है रे,,,, हरामी , साला कुत्ता,,, हरामजादा,,,,(सर पर मटकी ले जाने के कारण उसके फूटते ही उसका पानी उसके पूरे बदन पर गिर गया था जिसकी वजह से वह पूरी तरह से भीग गई थी,,,उस औरत की टूटी हुई मटकी और उसकी हालत को देखकर उनमें से एक लड़का थोड़ा घबराते हुए बोला,,)
बाप रे कमला चाची,,,,, राजू आज तो तु गया,,,,
अरे,,,,, मैंने कोई जानबूझकर थोड़ी ना मटकी फोड़ा हुं,,, वो तो गलती से लग गई,,,,(राजू उससे घबराते हुए बोला,,)
कुछ भी हो राजु मटकी तो,,, तेरे से ही फुटी है,,,, और गिल्ली भी तुझे ही मांग कर लानी होगी,,,,,,
नहीं नहीं ये मुझसे नहीं होगा,,,, वह मुझे अजीब सी नजरों से देखती है,,,,,,,,
(उसका इतना कहना था कि दूसरा लड़का तुरंत वहां पहुंच गया और कमला चाची से गिल्ली मांगने लगा,,,)
चाची गिल्ली दे दो ना,,,, भूल से लग गई,,,,
तो तू था रे मादरचोद तूने मेरी मटकी फोड़ी हराम के जने,,,, कुत्ता साले हरामी,,,,(उस लड़की को देखते ही कमला चाची एकदम से उस पर भड़कते हुए बोली,,, क्योंकि वह जानती थी उस लड़के का नाम श्याम था,,, और उसकी नजर गांव की हर औरत पर खराब ही रहती थी,,,)
नहीं नहीं चाची मैं गिल्ली थोड़ी मारा,(वह लड़का,,, कमला चाची की भरी हुई छातियों की तरफ जो कि पानी के गिरने के कारण पूरी तरह से भीग चुकी थी और उसकी तनी हुई निप्पल साफ झलक रही थी,।,,,)
तो कौन मारा रे,,,,,(गुस्से में उस लड़के की तरफ देख कर बोली,,,)
वो,,,,वो,,,, राजू ने मारा ,,,,,(उंगली से राजू की तरफ ,,, इशारा करते हुए वह बोला,,,)
अच्छा तो यह राजू की करनी भरनी है कहां है राजू,,,,, इधर आ तो,,,,(राजू की तरफ हाथ का इशारा करके उसे अपने पास बुलाते हुए वह बोले श्याम वहीं खड़ा था शाम को अच्छी तरह से मालूम था कि कमला चाची का झुकाव राजू की तरफ ज्यादा था,,, और इसी बात से श्याम को जलन भी होती थीश्याम को अभी भी वहीं खड़ा देखकर कमला गुस्साते हुए बोली,,,)
तु अभी तक यहीं खडा है,जा उसे भेज और यह गिल्ली उसे ही मिलेगी दूसरा कोई आएगा तो उसे नहीं मिलने वाली,,, समझा जा जाकर जल्दी भेज उसे ,,,,
ठीक है चाची में उसे अभी भेजता हूं,,,,(इतना कहने के साथ ही श्याम भागते हुए राजू के पास गया और जाकर बोला,,,)
जा ओ रंडी तुझे बुला रही है उसे तेरा पसंद आ गया है,,,
नहीं यार मुझे डर लगता है,,,, तू जाकर मांग ले,,,( राजू घबराते हुए बोला)
भोसड़ी के मुझे देती तो मैं मांग कर नहीं लाया होता,,,,,, वो तुझे ही अपना देगी,,, अब जल्दी से जा और मांग कर ला खेल रुक गया है,,,,।
(इतना सुनकर राजू धीरे-धीरे कमला चाची की तरफ बढ़नेलगा राजू कमला चाची से बहुत डरता था क्योंकि वह बहुत गालियां देती थी और उसकी हरकतें राजू को अजीब लगती थी,,,। राजू को अपनी तरफ आता देखकर कमला चाची मन ही मन में मुस्कुराने लगी कमला चाची का व्यक्तित्व थोड़ा कामुक था,,,। बहू वाली हो गई थी लेकिन अभी भी उसमें जवानी का रस पूरी तरह से भरा हुआ था,,, पति मैं अब इतना दम नहीं बचा था जितना कि उसकी जवानी का हक था,,,इसलिए अपने बदन की प्यास बुझाने के लिए पर राजू पर डोरे डाल रही थी मैं कितना सुधार एकदम नादान कमला चाची की हरकतों को वह समझ नहीं पाता था और उनसे डरा डरा रहता था हालांकि कमला चाची उसे अपने अंगों के उभार को पूरी तरह से उसे दिखाने की कोशिश करती थी लेकिन वह नजर उठाकर उसके अंगों के ऊभार को देखने की हिम्मत नहीं कर पाता था और वहा से किसी भी तरह का बहाना करके भाग जाया करता था,,,। धीरे-धीरे राजू कमला चाची के करीब पहुंच गया और कमला चाची जानबूझकर गुस्सा दिखाते हुए बोली,,,।)
क्यों रो तूने फोड़ी मेरी मटकी,,,,
मममम,,,मै ,,,,नहीं चाची जानबूझकर नहीं फोड़ी, गिल्ली गलती से लग गई,,,,,,,( राजू घबराते हुए बोला,,,)
अच्छा गलती से लग गई यह देख तूने मेरी क्या हालत किया है,,,,(अपने दोनों हाथों को अपने गीलें ब्लाउज के ऊपर से अपनी चुचियों पर रखते हुए बोली,,,,कमला चाची की अदा बेहद कामुक थी वह जानबूझकर राजू के सामने इस तरह की हरकत कर रही थी,,,, राजू कमला चाची की हरकत देखकर थुक को गले से नीचे निगलते हुए बोला,,,)
अनजाने में हो गया चाची अब ऐसा कभी नहीं होगा,,,,,,,(राजू अपनी गलती मानते हुए बोला,)
ऐसे केसे अनजाने में हो गया आजकल तेरी गिल्ली बहुत इधर उधर भागती है,,,,(ऐसा कहते हुए कमला चाची अपनी हथेली को बार-बार जानबूझकर ब्लाउज के ऊपर से अपनी चुचियों पर रख दे रही थी यह देखकर राजू के तन बदन में अजीब सी हलचल हो रही थी जिसे खुद वह समझ नहीं पा रहा था,,,।)
अब ऐसा नहीं होगा चाची,,,
नहीं-नहीं,,, अब ऐसा ही होगा क्योंकि अब तो पूरी तरह से जवान हो गया है,,,,,, इसलिए तो तेरी गुल्ली कुछ ज्यादा उछल रही है,,,,(कमला चाची राजू के पजामे की तरफ देखते हुए बोली जिस में अब थोड़ा थोड़ा सा उभार आना शुरू हो गया था,,, कमला चाची अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली,,,) वैसे तेरी गुल्ली है कितनी बड़ी मैं भी तो देखूं जरा ,,,
अरे चाची आपके हाथ में ही तो है मुझे दे दो,,,,(राजू कमला चाची के हाथ में पकड़ी हुई गिल्ली की तरफ इशारा करते हुए बोला,,,)
यह ,,,, क्या सच में इतनी बड़ी है तेरी गिल्ली,,,,( कमला चाची हाथ में ली हुई गिल्ली को अपने दोनों हाथों में लेकर गोल-गोल इधर-उधर घुमाते देखने लगी जो कि वाकई में कुछ ज्यादा ही बड़ी थी और मोटी थी,,,,)
बाप रे यह तो कुछ ज्यादा ही बड़ी है,,, तू कैसे संभाल लेता है,,,
यह तो हमारे रोज का काम है,,,,
लेकिन तेरी गुल्ली देखकर मेरी हालत खराब हो जाती है,,,
ऐसा क्यों,,,?
कभी मिलना फुर्सत में तो सब कुछ बताऊंगी,,,,( कमला चाची राजू के पजामे की तरफ देखते हुए बोली जोकी उसका उभार धीरे-धीरे बढ़ रहा था,,,। उसे देख कर मुस्कुराते हुए वह बोली,,)
पजामे में देख कर तेरी गुल्ली खड़ी होने लगी है,,,,
(इतना सुनते ही राजू नजर नीचे करके अपने को जाने की तरफ देखने लगा जो कि वाकई में पजामे के आगे वाला भाग पूरी तरह से तंबू बन चुका था,,, यह देखकर राजू पूरी तरह से शर्मा गया और राजू को शर्माता हुआ देखकर कमला चाची मुस्कुराने लगी और गिल्ली को उसके हाथों में देते हुए बोली,,,)
ले संभाल तेरी गुल्ली,,,लेकिन मुझसे मिलना जरूर वरना मैं तेरी हरकत के बारे में तेरे पिताजी और तेरी मां को बता दूंगी तो समझ लेना तेरी खेर नहीं,,,,
नहीं नहीं चाची ऐसा मत करना मैं जरूर मिलने आऊंगा,,,,,(इतना कहकर वह कमला चाची को जाते हुए देखता रहा,,, न जाने क्यों आज उसकी नजर कमला चाची के कमर के नीचे उसके नितंबों के उभार पर चली गई थी जिसे देख कर उसके तन बदन में अजीब सी हलचल हो रही थी,,,,)
अरे अब इधर आएगा भी या वही मां चुदवाता रहेगा,,,(राजू को अभी भी वहां खड़ा देखकर श्याम चिल्लाता हुआ बोला,,, राजू को श्याम की गाली अच्छी नहीं लगी और वह गिलली लेकर उसके पास जाते हुए बोला,,,)
देख श्याम तू गाली मत दिया कर मुझे यह सब अच्छा नहीं लगता है,,,,
तो वहां खड़ा खड़ा क्या कर रहा था,,, गिल्ली लेकर आना चाहिए था ना कि कमला चाची की,,,बुर में घुसने का इरादा था,,,,।
यार श्याम तु कैसी गंदी गंदी बातें करता है कमला चाची है वो,,, इस तरह की गंदी बातें नहीं करना चाहिए ,,,,
अरे कमला चाची नहीं कमला रंडी है वह उसे अच्छी तरह से जानता हूं,,,,,,शाली मुझसे बात करके से मैं उसकी मां मरी जा रही थी कैसे गुस्से में बातें कर रहे थे और कैसे-कैसे हंस हंस के बातें कर रही थी ऐसा लग रहा था कि अभी अपनी साड़ी उठाकर तुझे अपनी बुर में डाल लेगी,,।
(श्याम गुस्से में बोले जा रहा था,,, और राजू,,उसके मुंह से गंदी गंदी बातें सुनकर और खास करके उसके मुंह से बुर शब्द सुनकर एकदम से मचल उठा था,,,। उससे कुछ भी कहा नहीं जा रहा था जैसे तैसे करके खेल फिर शुरू किया गया लेकिन राजू ज्यादा देर तक टिक नहीं पाया और आउट हो गया क्योंकि उसके दिमाग में अजीब सी हलचल मची हुई थी,,,)
Niceऐसे ही धीरे-धीरे दिन गुजरने लगे थे,,,,,, हरिया का जीवन बड़े अच्छे से व्यतीत हो रहा था जिंदगी रेलवे स्टेशन और घर की दूरी पर सिमट कर रह गई थी लेकिन फिर भी हरिया को बेहद सुकून मिलता था दिन भर की थकान भरा चेहरा लेकर जब वह घर पहुंचा था तो अपनी बीवी केखूबसूरत चेहरे को देखकर फिर से हरा भरा हो जाता था अपनी सारी थकान रात को सोते समय बिस्तर पर निकाल देता था,,,,।
गर्मी का मौसम अपने जोरों पर था,,, वातावरण में चिलकती धूप अपना पूरा असर दिखा रही थी,,,, गांव में, कुछ लोग खेतों में काम कर रहे थे और कुछ लोग घरों पर आराम कर रहे थे,,, बच्चे बड़े-बड़े पेड़ों के बगीचे में खेल का मजा ले रहे थे,,,,,,, गांव में घना आम का बगीचा भी था जिस के छांव के नीचे गर्मी में अक्सर गांव के लोग आराम किया करते थे,,,,
ऐसे ही नौजवानों का एक झुंड गिल्ली डंडा खेलने में लगा हुआ था,,,,,,,, और तबीयत नौजवान डंडे की चोट से गिल्ली को हवा में उछाला और डंडे से उसे फटकारा और गिलली,, आठ से 10 लड़कों के ऊपर से उड़ते हुए जाकर एक मटके से टकरा गई और मटकी फूट गई,,,,,,, और मटका ली हुई औरत एकदम से झेंप गई और जैसे ही उसे इस बात का अहसास हुआ कि उसकी मटकी गिल्ली लगने के कारण फूट गई है, वह जोर-जोर से गाली देने लगी,,,।
कौन है रे,,,, हरामी , साला कुत्ता,,, हरामजादा,,,,(सर पर मटकी ले जाने के कारण उसके फूटते ही उसका पानी उसके पूरे बदन पर गिर गया था जिसकी वजह से वह पूरी तरह से भीग गई थी,,,उस औरत की टूटी हुई मटकी और उसकी हालत को देखकर उनमें से एक लड़का थोड़ा घबराते हुए बोला,,)
बाप रे कमला चाची,,,,, राजू आज तो तु गया,,,,
अरे,,,,, मैंने कोई जानबूझकर थोड़ी ना मटकी फोड़ा हुं,,, वो तो गलती से लग गई,,,,(राजू उससे घबराते हुए बोला,,)
कुछ भी हो राजु मटकी तो,,, तेरे से ही फुटी है,,,, और गिल्ली भी तुझे ही मांग कर लानी होगी,,,,,,
नहीं नहीं ये मुझसे नहीं होगा,,,, वह मुझे अजीब सी नजरों से देखती है,,,,,,,,
(उसका इतना कहना था कि दूसरा लड़का तुरंत वहां पहुंच गया और कमला चाची से गिल्ली मांगने लगा,,,)
चाची गिल्ली दे दो ना,,,, भूल से लग गई,,,,
तो तू था रे मादरचोद तूने मेरी मटकी फोड़ी हराम के जने,,,, कुत्ता साले हरामी,,,,(उस लड़की को देखते ही कमला चाची एकदम से उस पर भड़कते हुए बोली,,, क्योंकि वह जानती थी उस लड़के का नाम श्याम था,,, और उसकी नजर गांव की हर औरत पर खराब ही रहती थी,,,)
नहीं नहीं चाची मैं गिल्ली थोड़ी मारा,(वह लड़का,,, कमला चाची की भरी हुई छातियों की तरफ जो कि पानी के गिरने के कारण पूरी तरह से भीग चुकी थी और उसकी तनी हुई निप्पल साफ झलक रही थी,।,,,)
तो कौन मारा रे,,,,,(गुस्से में उस लड़के की तरफ देख कर बोली,,,)
वो,,,,वो,,,, राजू ने मारा ,,,,,(उंगली से राजू की तरफ ,,, इशारा करते हुए वह बोला,,,)
अच्छा तो यह राजू की करनी भरनी है कहां है राजू,,,,, इधर आ तो,,,,(राजू की तरफ हाथ का इशारा करके उसे अपने पास बुलाते हुए वह बोले श्याम वहीं खड़ा था शाम को अच्छी तरह से मालूम था कि कमला चाची का झुकाव राजू की तरफ ज्यादा था,,, और इसी बात से श्याम को जलन भी होती थीश्याम को अभी भी वहीं खड़ा देखकर कमला गुस्साते हुए बोली,,,)
तु अभी तक यहीं खडा है,जा उसे भेज और यह गिल्ली उसे ही मिलेगी दूसरा कोई आएगा तो उसे नहीं मिलने वाली,,, समझा जा जाकर जल्दी भेज उसे ,,,,
ठीक है चाची में उसे अभी भेजता हूं,,,,(इतना कहने के साथ ही श्याम भागते हुए राजू के पास गया और जाकर बोला,,,)
जा ओ रंडी तुझे बुला रही है उसे तेरा पसंद आ गया है,,,
नहीं यार मुझे डर लगता है,,,, तू जाकर मांग ले,,,( राजू घबराते हुए बोला)
भोसड़ी के मुझे देती तो मैं मांग कर नहीं लाया होता,,,,,, वो तुझे ही अपना देगी,,, अब जल्दी से जा और मांग कर ला खेल रुक गया है,,,,।
(इतना सुनकर राजू धीरे-धीरे कमला चाची की तरफ बढ़नेलगा राजू कमला चाची से बहुत डरता था क्योंकि वह बहुत गालियां देती थी और उसकी हरकतें राजू को अजीब लगती थी,,,। राजू को अपनी तरफ आता देखकर कमला चाची मन ही मन में मुस्कुराने लगी कमला चाची का व्यक्तित्व थोड़ा कामुक था,,,। बहू वाली हो गई थी लेकिन अभी भी उसमें जवानी का रस पूरी तरह से भरा हुआ था,,, पति मैं अब इतना दम नहीं बचा था जितना कि उसकी जवानी का हक था,,,इसलिए अपने बदन की प्यास बुझाने के लिए पर राजू पर डोरे डाल रही थी मैं कितना सुधार एकदम नादान कमला चाची की हरकतों को वह समझ नहीं पाता था और उनसे डरा डरा रहता था हालांकि कमला चाची उसे अपने अंगों के उभार को पूरी तरह से उसे दिखाने की कोशिश करती थी लेकिन वह नजर उठाकर उसके अंगों के ऊभार को देखने की हिम्मत नहीं कर पाता था और वहा से किसी भी तरह का बहाना करके भाग जाया करता था,,,। धीरे-धीरे राजू कमला चाची के करीब पहुंच गया और कमला चाची जानबूझकर गुस्सा दिखाते हुए बोली,,,।)
क्यों रो तूने फोड़ी मेरी मटकी,,,,
मममम,,,मै ,,,,नहीं चाची जानबूझकर नहीं फोड़ी, गिल्ली गलती से लग गई,,,,,,,( राजू घबराते हुए बोला,,,)
अच्छा गलती से लग गई यह देख तूने मेरी क्या हालत किया है,,,,(अपने दोनों हाथों को अपने गीलें ब्लाउज के ऊपर से अपनी चुचियों पर रखते हुए बोली,,,,कमला चाची की अदा बेहद कामुक थी वह जानबूझकर राजू के सामने इस तरह की हरकत कर रही थी,,,, राजू कमला चाची की हरकत देखकर थुक को गले से नीचे निगलते हुए बोला,,,)
अनजाने में हो गया चाची अब ऐसा कभी नहीं होगा,,,,,,,(राजू अपनी गलती मानते हुए बोला,)
ऐसे केसे अनजाने में हो गया आजकल तेरी गिल्ली बहुत इधर उधर भागती है,,,,(ऐसा कहते हुए कमला चाची अपनी हथेली को बार-बार जानबूझकर ब्लाउज के ऊपर से अपनी चुचियों पर रख दे रही थी यह देखकर राजू के तन बदन में अजीब सी हलचल हो रही थी जिसे खुद वह समझ नहीं पा रहा था,,,।)
अब ऐसा नहीं होगा चाची,,,
नहीं-नहीं,,, अब ऐसा ही होगा क्योंकि अब तो पूरी तरह से जवान हो गया है,,,,,, इसलिए तो तेरी गुल्ली कुछ ज्यादा उछल रही है,,,,(कमला चाची राजू के पजामे की तरफ देखते हुए बोली जिस में अब थोड़ा थोड़ा सा उभार आना शुरू हो गया था,,, कमला चाची अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली,,,) वैसे तेरी गुल्ली है कितनी बड़ी मैं भी तो देखूं जरा ,,,
अरे चाची आपके हाथ में ही तो है मुझे दे दो,,,,(राजू कमला चाची के हाथ में पकड़ी हुई गिल्ली की तरफ इशारा करते हुए बोला,,,)
यह ,,,, क्या सच में इतनी बड़ी है तेरी गिल्ली,,,,( कमला चाची हाथ में ली हुई गिल्ली को अपने दोनों हाथों में लेकर गोल-गोल इधर-उधर घुमाते देखने लगी जो कि वाकई में कुछ ज्यादा ही बड़ी थी और मोटी थी,,,,)
बाप रे यह तो कुछ ज्यादा ही बड़ी है,,, तू कैसे संभाल लेता है,,,
यह तो हमारे रोज का काम है,,,,
लेकिन तेरी गुल्ली देखकर मेरी हालत खराब हो जाती है,,,
ऐसा क्यों,,,?
कभी मिलना फुर्सत में तो सब कुछ बताऊंगी,,,,( कमला चाची राजू के पजामे की तरफ देखते हुए बोली जोकी उसका उभार धीरे-धीरे बढ़ रहा था,,,। उसे देख कर मुस्कुराते हुए वह बोली,,)
पजामे में देख कर तेरी गुल्ली खड़ी होने लगी है,,,,
(इतना सुनते ही राजू नजर नीचे करके अपने को जाने की तरफ देखने लगा जो कि वाकई में पजामे के आगे वाला भाग पूरी तरह से तंबू बन चुका था,,, यह देखकर राजू पूरी तरह से शर्मा गया और राजू को शर्माता हुआ देखकर कमला चाची मुस्कुराने लगी और गिल्ली को उसके हाथों में देते हुए बोली,,,)
ले संभाल तेरी गुल्ली,,,लेकिन मुझसे मिलना जरूर वरना मैं तेरी हरकत के बारे में तेरे पिताजी और तेरी मां को बता दूंगी तो समझ लेना तेरी खेर नहीं,,,,
नहीं नहीं चाची ऐसा मत करना मैं जरूर मिलने आऊंगा,,,,,(इतना कहकर वह कमला चाची को जाते हुए देखता रहा,,, न जाने क्यों आज उसकी नजर कमला चाची के कमर के नीचे उसके नितंबों के उभार पर चली गई थी जिसे देख कर उसके तन बदन में अजीब सी हलचल हो रही थी,,,,)
अरे अब इधर आएगा भी या वही मां चुदवाता रहेगा,,,(राजू को अभी भी वहां खड़ा देखकर श्याम चिल्लाता हुआ बोला,,, राजू को श्याम की गाली अच्छी नहीं लगी और वह गिलली लेकर उसके पास जाते हुए बोला,,,)
देख श्याम तू गाली मत दिया कर मुझे यह सब अच्छा नहीं लगता है,,,,
तो वहां खड़ा खड़ा क्या कर रहा था,,, गिल्ली लेकर आना चाहिए था ना कि कमला चाची की,,,बुर में घुसने का इरादा था,,,,।
यार श्याम तु कैसी गंदी गंदी बातें करता है कमला चाची है वो,,, इस तरह की गंदी बातें नहीं करना चाहिए ,,,,
अरे कमला चाची नहीं कमला रंडी है वह उसे अच्छी तरह से जानता हूं,,,,,,शाली मुझसे बात करके से मैं उसकी मां मरी जा रही थी कैसे गुस्से में बातें कर रहे थे और कैसे-कैसे हंस हंस के बातें कर रही थी ऐसा लग रहा था कि अभी अपनी साड़ी उठाकर तुझे अपनी बुर में डाल लेगी,,।
(श्याम गुस्से में बोले जा रहा था,,, और राजू,,उसके मुंह से गंदी गंदी बातें सुनकर और खास करके उसके मुंह से बुर शब्द सुनकर एकदम से मचल उठा था,,,। उससे कुछ भी कहा नहीं जा रहा था जैसे तैसे करके खेल फिर शुरू किया गया लेकिन राजू ज्यादा देर तक टिक नहीं पाया और आउट हो गया क्योंकि उसके दिमाग में अजीब सी हलचल मची हुई थी,,,)
Nice updateऐसे ही धीरे-धीरे दिन गुजरने लगे थे,,,,,, हरिया का जीवन बड़े अच्छे से व्यतीत हो रहा था जिंदगी रेलवे स्टेशन और घर की दूरी पर सिमट कर रह गई थी लेकिन फिर भी हरिया को बेहद सुकून मिलता था दिन भर की थकान भरा चेहरा लेकर जब वह घर पहुंचा था तो अपनी बीवी केखूबसूरत चेहरे को देखकर फिर से हरा भरा हो जाता था अपनी सारी थकान रात को सोते समय बिस्तर पर निकाल देता था,,,,।
गर्मी का मौसम अपने जोरों पर था,,, वातावरण में चिलकती धूप अपना पूरा असर दिखा रही थी,,,, गांव में, कुछ लोग खेतों में काम कर रहे थे और कुछ लोग घरों पर आराम कर रहे थे,,, बच्चे बड़े-बड़े पेड़ों के बगीचे में खेल का मजा ले रहे थे,,,,,,, गांव में घना आम का बगीचा भी था जिस के छांव के नीचे गर्मी में अक्सर गांव के लोग आराम किया करते थे,,,,
ऐसे ही नौजवानों का एक झुंड गिल्ली डंडा खेलने में लगा हुआ था,,,,,,,, और तबीयत नौजवान डंडे की चोट से गिल्ली को हवा में उछाला और डंडे से उसे फटकारा और गिलली,, आठ से 10 लड़कों के ऊपर से उड़ते हुए जाकर एक मटके से टकरा गई और मटकी फूट गई,,,,,,, और मटका ली हुई औरत एकदम से झेंप गई और जैसे ही उसे इस बात का अहसास हुआ कि उसकी मटकी गिल्ली लगने के कारण फूट गई है, वह जोर-जोर से गाली देने लगी,,,।
कौन है रे,,,, हरामी , साला कुत्ता,,, हरामजादा,,,,(सर पर मटकी ले जाने के कारण उसके फूटते ही उसका पानी उसके पूरे बदन पर गिर गया था जिसकी वजह से वह पूरी तरह से भीग गई थी,,,उस औरत की टूटी हुई मटकी और उसकी हालत को देखकर उनमें से एक लड़का थोड़ा घबराते हुए बोला,,)
बाप रे कमला चाची,,,,, राजू आज तो तु गया,,,,
अरे,,,,, मैंने कोई जानबूझकर थोड़ी ना मटकी फोड़ा हुं,,, वो तो गलती से लग गई,,,,(राजू उससे घबराते हुए बोला,,)
कुछ भी हो राजु मटकी तो,,, तेरे से ही फुटी है,,,, और गिल्ली भी तुझे ही मांग कर लानी होगी,,,,,,
नहीं नहीं ये मुझसे नहीं होगा,,,, वह मुझे अजीब सी नजरों से देखती है,,,,,,,,
(उसका इतना कहना था कि दूसरा लड़का तुरंत वहां पहुंच गया और कमला चाची से गिल्ली मांगने लगा,,,)
चाची गिल्ली दे दो ना,,,, भूल से लग गई,,,,
तो तू था रे मादरचोद तूने मेरी मटकी फोड़ी हराम के जने,,,, कुत्ता साले हरामी,,,,(उस लड़की को देखते ही कमला चाची एकदम से उस पर भड़कते हुए बोली,,, क्योंकि वह जानती थी उस लड़के का नाम श्याम था,,, और उसकी नजर गांव की हर औरत पर खराब ही रहती थी,,,)
नहीं नहीं चाची मैं गिल्ली थोड़ी मारा,(वह लड़का,,, कमला चाची की भरी हुई छातियों की तरफ जो कि पानी के गिरने के कारण पूरी तरह से भीग चुकी थी और उसकी तनी हुई निप्पल साफ झलक रही थी,।,,,)
तो कौन मारा रे,,,,,(गुस्से में उस लड़के की तरफ देख कर बोली,,,)
वो,,,,वो,,,, राजू ने मारा ,,,,,(उंगली से राजू की तरफ ,,, इशारा करते हुए वह बोला,,,)
अच्छा तो यह राजू की करनी भरनी है कहां है राजू,,,,, इधर आ तो,,,,(राजू की तरफ हाथ का इशारा करके उसे अपने पास बुलाते हुए वह बोले श्याम वहीं खड़ा था शाम को अच्छी तरह से मालूम था कि कमला चाची का झुकाव राजू की तरफ ज्यादा था,,, और इसी बात से श्याम को जलन भी होती थीश्याम को अभी भी वहीं खड़ा देखकर कमला गुस्साते हुए बोली,,,)
तु अभी तक यहीं खडा है,जा उसे भेज और यह गिल्ली उसे ही मिलेगी दूसरा कोई आएगा तो उसे नहीं मिलने वाली,,, समझा जा जाकर जल्दी भेज उसे ,,,,
ठीक है चाची में उसे अभी भेजता हूं,,,,(इतना कहने के साथ ही श्याम भागते हुए राजू के पास गया और जाकर बोला,,,)
जा ओ रंडी तुझे बुला रही है उसे तेरा पसंद आ गया है,,,
नहीं यार मुझे डर लगता है,,,, तू जाकर मांग ले,,,( राजू घबराते हुए बोला)
भोसड़ी के मुझे देती तो मैं मांग कर नहीं लाया होता,,,,,, वो तुझे ही अपना देगी,,, अब जल्दी से जा और मांग कर ला खेल रुक गया है,,,,।
(इतना सुनकर राजू धीरे-धीरे कमला चाची की तरफ बढ़नेलगा राजू कमला चाची से बहुत डरता था क्योंकि वह बहुत गालियां देती थी और उसकी हरकतें राजू को अजीब लगती थी,,,। राजू को अपनी तरफ आता देखकर कमला चाची मन ही मन में मुस्कुराने लगी कमला चाची का व्यक्तित्व थोड़ा कामुक था,,,। बहू वाली हो गई थी लेकिन अभी भी उसमें जवानी का रस पूरी तरह से भरा हुआ था,,, पति मैं अब इतना दम नहीं बचा था जितना कि उसकी जवानी का हक था,,,इसलिए अपने बदन की प्यास बुझाने के लिए पर राजू पर डोरे डाल रही थी मैं कितना सुधार एकदम नादान कमला चाची की हरकतों को वह समझ नहीं पाता था और उनसे डरा डरा रहता था हालांकि कमला चाची उसे अपने अंगों के उभार को पूरी तरह से उसे दिखाने की कोशिश करती थी लेकिन वह नजर उठाकर उसके अंगों के ऊभार को देखने की हिम्मत नहीं कर पाता था और वहा से किसी भी तरह का बहाना करके भाग जाया करता था,,,। धीरे-धीरे राजू कमला चाची के करीब पहुंच गया और कमला चाची जानबूझकर गुस्सा दिखाते हुए बोली,,,।)
क्यों रो तूने फोड़ी मेरी मटकी,,,,
मममम,,,मै ,,,,नहीं चाची जानबूझकर नहीं फोड़ी, गिल्ली गलती से लग गई,,,,,,,( राजू घबराते हुए बोला,,,)
अच्छा गलती से लग गई यह देख तूने मेरी क्या हालत किया है,,,,(अपने दोनों हाथों को अपने गीलें ब्लाउज के ऊपर से अपनी चुचियों पर रखते हुए बोली,,,,कमला चाची की अदा बेहद कामुक थी वह जानबूझकर राजू के सामने इस तरह की हरकत कर रही थी,,,, राजू कमला चाची की हरकत देखकर थुक को गले से नीचे निगलते हुए बोला,,,)
अनजाने में हो गया चाची अब ऐसा कभी नहीं होगा,,,,,,,(राजू अपनी गलती मानते हुए बोला,)
ऐसे केसे अनजाने में हो गया आजकल तेरी गिल्ली बहुत इधर उधर भागती है,,,,(ऐसा कहते हुए कमला चाची अपनी हथेली को बार-बार जानबूझकर ब्लाउज के ऊपर से अपनी चुचियों पर रख दे रही थी यह देखकर राजू के तन बदन में अजीब सी हलचल हो रही थी जिसे खुद वह समझ नहीं पा रहा था,,,।)
अब ऐसा नहीं होगा चाची,,,
नहीं-नहीं,,, अब ऐसा ही होगा क्योंकि अब तो पूरी तरह से जवान हो गया है,,,,,, इसलिए तो तेरी गुल्ली कुछ ज्यादा उछल रही है,,,,(कमला चाची राजू के पजामे की तरफ देखते हुए बोली जिस में अब थोड़ा थोड़ा सा उभार आना शुरू हो गया था,,, कमला चाची अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली,,,) वैसे तेरी गुल्ली है कितनी बड़ी मैं भी तो देखूं जरा ,,,
अरे चाची आपके हाथ में ही तो है मुझे दे दो,,,,(राजू कमला चाची के हाथ में पकड़ी हुई गिल्ली की तरफ इशारा करते हुए बोला,,,)
यह ,,,, क्या सच में इतनी बड़ी है तेरी गिल्ली,,,,( कमला चाची हाथ में ली हुई गिल्ली को अपने दोनों हाथों में लेकर गोल-गोल इधर-उधर घुमाते देखने लगी जो कि वाकई में कुछ ज्यादा ही बड़ी थी और मोटी थी,,,,)
बाप रे यह तो कुछ ज्यादा ही बड़ी है,,, तू कैसे संभाल लेता है,,,
यह तो हमारे रोज का काम है,,,,
लेकिन तेरी गुल्ली देखकर मेरी हालत खराब हो जाती है,,,
ऐसा क्यों,,,?
कभी मिलना फुर्सत में तो सब कुछ बताऊंगी,,,,( कमला चाची राजू के पजामे की तरफ देखते हुए बोली जोकी उसका उभार धीरे-धीरे बढ़ रहा था,,,। उसे देख कर मुस्कुराते हुए वह बोली,,)
पजामे में देख कर तेरी गुल्ली खड़ी होने लगी है,,,,
(इतना सुनते ही राजू नजर नीचे करके अपने को जाने की तरफ देखने लगा जो कि वाकई में पजामे के आगे वाला भाग पूरी तरह से तंबू बन चुका था,,, यह देखकर राजू पूरी तरह से शर्मा गया और राजू को शर्माता हुआ देखकर कमला चाची मुस्कुराने लगी और गिल्ली को उसके हाथों में देते हुए बोली,,,)
ले संभाल तेरी गुल्ली,,,लेकिन मुझसे मिलना जरूर वरना मैं तेरी हरकत के बारे में तेरे पिताजी और तेरी मां को बता दूंगी तो समझ लेना तेरी खेर नहीं,,,,
नहीं नहीं चाची ऐसा मत करना मैं जरूर मिलने आऊंगा,,,,,(इतना कहकर वह कमला चाची को जाते हुए देखता रहा,,, न जाने क्यों आज उसकी नजर कमला चाची के कमर के नीचे उसके नितंबों के उभार पर चली गई थी जिसे देख कर उसके तन बदन में अजीब सी हलचल हो रही थी,,,,)
अरे अब इधर आएगा भी या वही मां चुदवाता रहेगा,,,(राजू को अभी भी वहां खड़ा देखकर श्याम चिल्लाता हुआ बोला,,, राजू को श्याम की गाली अच्छी नहीं लगी और वह गिलली लेकर उसके पास जाते हुए बोला,,,)
देख श्याम तू गाली मत दिया कर मुझे यह सब अच्छा नहीं लगता है,,,,
तो वहां खड़ा खड़ा क्या कर रहा था,,, गिल्ली लेकर आना चाहिए था ना कि कमला चाची की,,,बुर में घुसने का इरादा था,,,,।
यार श्याम तु कैसी गंदी गंदी बातें करता है कमला चाची है वो,,, इस तरह की गंदी बातें नहीं करना चाहिए ,,,,
अरे कमला चाची नहीं कमला रंडी है वह उसे अच्छी तरह से जानता हूं,,,,,,शाली मुझसे बात करके से मैं उसकी मां मरी जा रही थी कैसे गुस्से में बातें कर रहे थे और कैसे-कैसे हंस हंस के बातें कर रही थी ऐसा लग रहा था कि अभी अपनी साड़ी उठाकर तुझे अपनी बुर में डाल लेगी,,।
(श्याम गुस्से में बोले जा रहा था,,, और राजू,,उसके मुंह से गंदी गंदी बातें सुनकर और खास करके उसके मुंह से बुर शब्द सुनकर एकदम से मचल उठा था,,,। उससे कुछ भी कहा नहीं जा रहा था जैसे तैसे करके खेल फिर शुरू किया गया लेकिन राजू ज्यादा देर तक टिक नहीं पाया और आउट हो गया क्योंकि उसके दिमाग में अजीब सी हलचल मची हुई थी,,,)