Bitiya koli chudai bap se bhi dikhAoराजू का लंड दिखाने वाली बात आई गई हो गई थी राजू इस बात को भूल चुका था,,,,,, वह फिर से अपनी मस्ती में मस्त हो गया था और हरिया उसी तरह से रोज बैलगाड़ी को रेलवे स्टेशन ले जाता है और वहां से सवारी ढोकर अपना जीवन निर्वाह कर रहा था,,,,,,,
गुलाबी अपनी जवानी के एक-एक पल को बड़ी मुश्किल से बिता रही थी उसके तन बदन में जवानी की लहर चिकोटीयां काट रही थी,,, इसमें उसका दोस्त बिल्कुल भी नहीं था एक तो उसकी उम्र शादी लायक हो चुकी थी और अभी तक उसकी शादी नहीं हुई थी ऐसे में जवानी की उफान उसके बदन में हर तरफ से बाहर की तरफ झांक रहा था और ऊपर से अपने भैया और भाभी के कमरे में से आ रही मादक चुदाई की सिसकारीयो की आवाज से वह पूरी तरह से मस्त हो जाती थी,,,,,, उसके बदन में जवानी किसी बाढ़ के पानी की तरह थी जो कि सब्र के बांध से बंधी हुई थी जिस दिन अगर यह सब्र का बांध टूट गया तो उसकी जवानी पिघल कर ना जाने कितनों को डुबा ले जाएगी,,,,,, वैसे गुलाबी इस उफान मारती उम्र में भी अपनी जवानी को किसी की नजर लगने नहीं दी थी ऐसा नहीं था कि किसी की नजर उस पर पडती नहीं थी गांव के सभी जवान लड़कों की नजर उस पर हमेशा बनी रहती थी वैसे उसकी भाभी कीमत मस्त जवानी का आकर्षण गुलाबी से एक कदम आगे ही था लेकिन फिर भी गुलाबी किसी से कम नहीं थी गोरा रंग तीखे नैन नक्श ऊपर से जवानी की दस्तखत रूपी उसके दोनों अमरूद जान लेवा थे हालांकि अब तक यह दोनों अमरुद किसी के हाथों मैं नहीं आए थे इसलिए उसके उभार कुछ ज्यादा नहीं था लेकिन आकर्षण का केंद्र बिंदु जरूर था,,,, पतली कमर कमर के नीचे का उन्नत नितंबों का उभार ज्यादा घेरा उधार नहीं था लेकिन सीमित रूप से उसका भौगोलिक आकार बेहद आकर्षक और मस्त कर देने वाला था जिसकी लचक पगडंडियों पर चलते हुए पानी भरे गुब्बारे की तरह इधर उधर लुढकती रहती थी जैसे अपने दोनों हाथों में लेकर संभालने के लिए गांव के बूढ़े और जवान दोनों मचलते रहते थे,,, लेकिन गुलाबी ना किसी को आज तक ऐसा मौका नहीं दी थी,,,,,
उसके साथ के सहेलियों कि धीरे-धीरे एक-एक करके शादी होती जा रही थी,,। उसकी खुद की भतीजी जो कि उसे छोटी थी उसकी भी शादी हो चुकी थी लेकिन वह अभी तक कुंवारी थी,,, मन से भी और तन से भी,,,,,,।
धीरे-धीरे जैसे समय गुजरता चाह रहा था वैसे वैसे गुलाबी से अपनी जवानी संभाले संभल नहीं रही थी,,,,, अपनी भाभी की कसम से शिकारियों की आवाज से उसका तन बदन मचल उठता था पहचानती थी कि बगल वाले कमरे में उसका बड़ा भाई उसकी भाभी के साथ क्या कर रहा है,,,। हालांकि अभी तक उसने अपनी आंखों से अपने भैया भाभी की चुदाई देखी नहीं थी और अभी तक कोशिश भी नहीं की थी,,,,।
लेकिन आज उससे रहा नहीं जा रहा था,,, उसकी भाभी की मादक सिसकारियां उसके कानों में मधुर रस खोल रही थी साथ ही उसके तन बदन को मदहोश कर रही थी एक अजीब सा नशा उसके तन बदन को अपनी गिरफ्त में लिया जा रहा था आंखों में खुमारी छा रही थी,,,,,,,,
आहहहह आआआआहहहह,,,ऊईईईई, मां ,,,,मर गई रे आहहहह,,,आपका तो बहुत मोटा है,,,,(यह शब्द जैसे ही गुलाबी के कानों में पड़े उसके कान एकदम से खड़े हो गए और उसका रोम-रोम पुलकित हो गया,,,,वह एक नजर लालटेन की रोशनी में राजू के ऊपर डाली वह पूरी तरह से गहरी नींद में सो रहा था और यही उसकी खासियत भी थी जब होता था तो घोड़े बेच कर सोता था उसे बिल्कुल भी फर्क नहीं पड़ता था कि क्या हो रहा है कहां से आवाज आ रही है या उसके साथ क्या किया जा रहा है वापस सोने में मस्त रहता था इसलिए उसके जागने की बिल्कुल भी चिंता नहीं थी,,,, वह धीरे से खटिया पर से ऊठी ओर बगल वाले कमरे में देखा जा सके ऐसी जगह ढुंढने लगी,,,, आज तक उसने इस तरह की हिम्मत और हिमाकत नहीं की थी वह अपने भैया भाभी की बहुत इज्जत करती थी और इसीलिए उन्हें इस हाल में देखना उसके लिए पांच था लेकिन आज वह मजबूर हो गई थी जवानी से भरपूर है उम्र से ऐसा करने पर मजबूर कर रही थी अपने संस्कार अपनी मर्यादा को एक तरफ रख कर वह अपने बदन की जरूरत पर ध्यान देते हुए बड़ी शिद्दत से बगल वाले कमरे में देखा जा सके ऐसा कोई छेंद देखने लगी,,,,दोनों कमरों के बीच एक पतली कच्ची दीवार थी जो जगह-जगह से उसकी इंटे खिसक चुकी थी जिसमें थोड़ा-थोड़ा दरार पड़ चुका था इन दरारों पर कभी भी गुलाबी का ध्यान नहीं गया था लेकिन आज उसकी किस्मत कुछ और खेल खेलना चाहती थी,,,, इसलिए जल्दी उसे ईटों के बीच की एक पतली दरार नजर आ गई जिसमें से उसे बगल वाले कमरे की लालटेन की रोशनी नजर आ रही थी,,,, लालटेन की रोशनी नजर आते ही उसके दिल जोरो से धड़कने लगा क्योंकि आज तक उसने किसी भी औरत मर्द की चुदाई को अपनी आंखों से नहीं देखी थी बस कल्पना भर की थी लेकिन आज वह जो करने जा रही थी अगर उसकी किस्मत अच्छी रही तो उसे हुआ नजारा भी देखने को मिल जाएगा इसके बारे में सिर्फ वह कल्पना करके अपनी जवानी को सुलगा रही थी,,,।
ईटों के बीच की पत्नी दरार के बीच मिटटी भरी हुई थी,,, जिससे अंदर का दृश्य साफ नजर नहीं आ रहा था,,,इसलिए वह अपने कमरे में लालटेन की रोशनी में एक छोटी सी पतली लकड़ी ढूंढ कर ले आई और उसे से कुरेद कुरेद कर वह मिट्टी को नीचे गिराने लगे वजह से ही पतली दरार में फंसी हुई मिट्टी नीचे गिर गई,,,,,, और मिट्टी के गिरते ही कमरे का दृश्य एकदम साफ नजर आने लगा,,,,,,, उसका दिल जोरों से धड़क रहा था,,,, वह अपनी प्यासी आंखों को उस दरार से सटा दी जैसे,, एक खगोल शास्त्री नक्षत्रों का मुआयना करने के लिए टेलिस्कोप से अपनी आंखें सटा देता है,,,,,, और अगले ही पल उसे जो दृश्य नजर आया,,, उसे देखते ही उसकी प्यासी बुर कुल बुलाने लगी,,, उसकी आंखें फटी की फटी रह गई,,।
उसकी आंखें जिंदगी में पहली बार ईस तरह का दृश्य देख रही थी,,,यह दृश्य देखने के बावजूद उसे अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था उसे लग रहा था कि कहीं वो सपना तो नहीं देख रही है,,,।लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं था उसकी आंखें जो कुछ भी देख रही थी वह सनातन सत्य था,,। उसे साफ दिखाई दे रहा था कि उसके भैया और भाभी बिना कपड़ों के थी उसकी भाभी 1 दिन की खटिया पर पीठ के बल लेटी हुई थी,,, उसकी साड़ी साया और ब्लाउज खटीए के नीचे बिखरे हुए थे उसके भैया भी बिना कपड़ों के एकदम नंगे थे,,,,,,, शायद एक बार वह उसकी भाभी की चुदाई कर चुके थे और दोबारा प्रदान करने की तैयारी कर रहे थे ऐसा गुलाबी सोच रही थी और जो कि सच भी था क्योंकि कुछ देर पहले उसकी भाभी की गरम सिसकारियां और आहहह आहहहह की आवाज उसके कानों में पड रही थी लेकिन इस समय उसके भैया खटिया पर नहीं थे बल्कि खटिया के पास खड़े होकर सरसों के तेल को कटोरी में से अपने खड़े लंड पर गिरा रहे थे,,,, और जैसे ही गुलाबी की आंखें अपने बड़े भैया के लंड पर पड़ी तो उसके होश उड़ गए,,,, एकदम काला लंड एकदम किसी काले नाग की तरह हवा में लहरा रहा था जिस पर सरसों का तेल गिलाकर उसका भाई अपने लंड की मालिश कर रहा था,,,, यह दृश्य गुलाबी के लिए उत्तेजना की संपूर्ण पराकाष्ठा थी इसलिए तो उसकी बुर तुरंत गीली हो गई,,, उसकी सांसे बड़ी तेजी से चल रही थी वह कभी सोची नहीं थी कि मर्दों के पास इस तरह का लंड होता है,,,,। एक बार तो वह सचमुच में घबरा गई थी अपने भाई के लंड को देख करके इतना मोटा लंबा लंड छोटे से छेद में जाता कैसे होगा,,,,। वह सांसो को बांधकर अंदर के नजारे का लुफ्त उठाने लगी,,,, उसकी भाभी प्यासी नजरों से उसके भैया के लंड को देख रही थीऔर साथ में अपनी बड़ी बड़ी चूचियों को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर मसल भी रही थी,,,।
मैं हु ना मेरी रानी तुम अपने हाथों को क्यों तकलीफ देती हो मैं अपने हाथों से तुम्हारी चूची दबा दबा कर लाल कर दूंगा,,,(हरिया अपने लंड पर तेल की मालिश करते हुए बोला और अपने भाई की इतनी गंदी बात को सुनकर गुलाबी का गुलाबी गाल शर्म से लाल हो गया,,,वह कभी सोची नहीं थी किसके भैया इस तरह से गंदी बात करते होंगे लेकिन आज सब कुछ उसकी आंखों के सामने था,,,,)
आप बहुत शैतान है जी एक बार चोद चुके हो फिर भी आपका मन नहीं भर रहा है,,,,
भला औरत की बुर से कभी मन भरता है,,, अगर मर्दों का मन भर जाए तो औरत और मर्द के बीच प्यार का रिश्ता ही खत्म हो जाए,,,,,,, यही प्यास है जो हम दोनों के बीच अभी भी प्यार को बरकरार रखा हुआ है,,,,।
लेकिन आपका बहुत मोटा है दर्द करता है,,,
मोटा है तभी तो मजा आता है मेरी रानी और तभी तो तुम अभी तक जाग रही हो तुम्हें भी दुबारा लेने का मन कर रहा है तभी तो तुम्हारी बुर कितना पानी छोड़ रही है,,,
(अंदर का गरमा गरम दृश्य और साथ ही गरमा गरम वार्तालाप गुलाबी के तन बदन में मदहोशी भर रहा था,,, वह कभी सपने में नहीं सोचा थी कि वह अपनी आंखों से इस तरह का दृश्य देखेगी सब कुछ अद्भुत था,,,,गुलाबी की सांसे सिर्फ अंदर के नजारे को देखकर उनकी बातों को सुनकर बड़ी तेजी से चल रही थी,,,,)
अब देखना रानी एक बार पानी छोड़ दिया हूं अब देखना कितनी देर तक तुम्हारी चुदाई करता हूं,,,,
जोर जोर से मत करना दर्द करने लगता है,,,,(इस बार इतना कहते हुए गुलाबी की भाभी अपनी हथेली को अपनी दोनों टांगों के बीच लाकर अपनी बुर को मसलते हुए बोली तो इस नजारे को देख कर गुलाबी एकदम से मचल उठी और अपने आप ही उसका हाथ सलवार के ऊपर से ही बुर पर चला गया जिसे वह मसलना शुरू कर दी,,,,,)
जोर जोर से चोदने में ही मजा आता है धीरे धीरे से तो बिल्कुल भी मजा नहीं आता और तुम ही तो कहती हो और जोर से और जोर से मेरे राजा और जोर से,,,,
(इस बात पर गुलाबी की भाभी एकदम से शर्मा गई और बोली)
अच्छा अब जल्दी से आ जाओ मुझसे भी रहा नहीं जा रहा है,,,,
ओहहहह ,,,,, मेरी रानी मैं जानता हूं मेरे लंड को देखकर तुम्हारी बुर में पानी आ जा रहा है,,,, लो अभी तुम्हारी इच्छा पूरी कर देता हूं,,,,(और इतना कहते ही हरिया और गुलाबी की भाभी खुद अपनी दोनों टांगों को फैला दी गुलाबी को अंदर का दृश्य साफ नजर आ रहा था अपनी भाभी का गोरा बदन उसकी गुदाज पन को देखकर खुद गुलाबी के मुंह में और बुर में पानी आ रहा था,,, उसकी मोटी मोटी चिकनी जांघों को देखकर गुलाबी का होश खो रहा था देखते-देखते उसका भाई उसकी भाभी के दोनों टांगों के बीच आ गया और अपने लंड को हाथ में पकड़ कर उसकी गुलाबी बुर के गुलाबी छेद पर रख दिया,,,,, सब कुछ भुला भी कोई तुम साफ नजर आ रहा था उसका सब्र अब टूटता हुआ नजर आ रहा था उसने भी आनंद खाना मैं अपनी सलवार की डोरी खोल कर अपनी सलवार को नीचे कदमों में गिरा दी और अपनी नंगी बुर पर अपनी हथेली को रगड़ना शुरु कर दी,,,,और दूसरी तरफ उसका भाई अपने लंड को धीरे-धीरे उसकी भाभी की बुर में डालना शुरू कर दिया इसे देखकर गुलाबी से रहा नहीं गया और वह अपनी उंगली को अपनी बुर में डाल दी,,,,गुलाबी के लिए पहला मौका था जब वह अपनी उंगली को बुर में डाल रही थी इससे पहले वह बुर को अपनी हथेली से मसलती भर थी,,,। लेकिन आज उसे बहुत मजा आ रहा था मसलने से ज्यादा अपनी बुर में उंगली डालने में उसे आनंद की अनुभूति हो रही थी,,, दूसरी तरफ उसका भाई अपना पूरा लंड उसकी भाभी की बुर में डाल चुका था,,,।
अंदर कमरे में लालटेन की रोशनी में से साफ नजर आ रहा था जिसका कारण था कि लालटेन की रोशनी कि लोग कुछ ज्यादा ही की गई थी जिसका मतलब साफ था कि हरिया को रात के अंधेरे में नहीं बल्कि रात के उजाले में चुदाई करने में ज्यादा आनंद आता था,,,,लेकिन गांव में ऐसा होता नहीं था क्योंकि गांव की औरतों को शर्म के मारे अंधेरे में ही चुदवाने में मजा आता था और अंधेरे में चुदवाती भी थी,,,,,लेकिन गुलाबी अपने मन में सोचने लगी कि अच्छा हुआ कि उसके भाई और भाभी को ऊजाले में चुदाई करने का शौक है जिसकी बदौलत वह अपनी आंखों से सब कुछ साफ-साफ देख पा रही थी,,,।
क्या जबरदस्त और मादकता से भर देने वाला नजारा था,,, बगल के कमरे में गुलाबी के भैया और भाभी चुदाई में पूरी तरह से तल्लईन हो चुके थे और बगल के कमरे में गुलाबी खुद अपनी सलवार को खोलकर अपनी बुर में उंगली पेल रही थी,,, जिसमें उसे बहुत मजा आ रहा था और दूसरी तरफ राजू घोड़े बेच कर सो रहा था अगर ऐसे में कोई और लड़का होता तो उसकी आंख खुल गई होती और अब तक तो वह अपनी बुआ की बुर में लंड भी डाल दिया होता और जो कि उस समय उसकी बुआ को भी यही पसंद भी होता,,,।
धक्कों की गति बड़ी तेजी से खटिया को चरमरा रही थी जिससे उसकी भाभी की दोनों चूचियां पानी भरे गुब्बारे की तरह चल रही थी जो कि इस समय उसके भाई के दोनों हाथों में उसकी शोभा बढ़ा रही थी,,,।
गुलाबी के गाल शर्म के मारे और उत्तेजना से लाल हो चुके थे,,, वह साफ तौर पर देख पा रही थी कि उसके भैया बड़ी तेजी से अपनी कमर हिला रहे थे और उसकी भाभी मस्ती भरी सिसकारी ले रही थी उसे बहुत मजा आ रहा था जो कि उसके चेहरे से बंया हो रहा था,,,। देखते ही देखते गुलाबी का बड़ा भाई उसकी भाभी पर ढेर हो गया इसका मतलब साफ था कि दोनों का काम हो चुका था और इधर गुलाबी जोर जोर से अपनी बुर में उंगली डालकर पानी निकाल चुकी थी,,,, गुलाबी का भी गर्म लावा ठंडा हो चुका था,,,इसलिए वह नीचे झुक कर अपनी सलवार को ऊपर की ओर डोरी बांधकर वापस खटिया पर आकर सो गई,,।
Hot updateराजू का लंड दिखाने वाली बात आई गई हो गई थी राजू इस बात को भूल चुका था,,,,,, वह फिर से अपनी मस्ती में मस्त हो गया था और हरिया उसी तरह से रोज बैलगाड़ी को रेलवे स्टेशन ले जाता है और वहां से सवारी ढोकर अपना जीवन निर्वाह कर रहा था,,,,,,,
गुलाबी अपनी जवानी के एक-एक पल को बड़ी मुश्किल से बिता रही थी उसके तन बदन में जवानी की लहर चिकोटीयां काट रही थी,,, इसमें उसका दोस्त बिल्कुल भी नहीं था एक तो उसकी उम्र शादी लायक हो चुकी थी और अभी तक उसकी शादी नहीं हुई थी ऐसे में जवानी की उफान उसके बदन में हर तरफ से बाहर की तरफ झांक रहा था और ऊपर से अपने भैया और भाभी के कमरे में से आ रही मादक चुदाई की सिसकारीयो की आवाज से वह पूरी तरह से मस्त हो जाती थी,,,,,, उसके बदन में जवानी किसी बाढ़ के पानी की तरह थी जो कि सब्र के बांध से बंधी हुई थी जिस दिन अगर यह सब्र का बांध टूट गया तो उसकी जवानी पिघल कर ना जाने कितनों को डुबा ले जाएगी,,,,,, वैसे गुलाबी इस उफान मारती उम्र में भी अपनी जवानी को किसी की नजर लगने नहीं दी थी ऐसा नहीं था कि किसी की नजर उस पर पडती नहीं थी गांव के सभी जवान लड़कों की नजर उस पर हमेशा बनी रहती थी वैसे उसकी भाभी कीमत मस्त जवानी का आकर्षण गुलाबी से एक कदम आगे ही था लेकिन फिर भी गुलाबी किसी से कम नहीं थी गोरा रंग तीखे नैन नक्श ऊपर से जवानी की दस्तखत रूपी उसके दोनों अमरूद जान लेवा थे हालांकि अब तक यह दोनों अमरुद किसी के हाथों मैं नहीं आए थे इसलिए उसके उभार कुछ ज्यादा नहीं था लेकिन आकर्षण का केंद्र बिंदु जरूर था,,,, पतली कमर कमर के नीचे का उन्नत नितंबों का उभार ज्यादा घेरा उधार नहीं था लेकिन सीमित रूप से उसका भौगोलिक आकार बेहद आकर्षक और मस्त कर देने वाला था जिसकी लचक पगडंडियों पर चलते हुए पानी भरे गुब्बारे की तरह इधर उधर लुढकती रहती थी जैसे अपने दोनों हाथों में लेकर संभालने के लिए गांव के बूढ़े और जवान दोनों मचलते रहते थे,,, लेकिन गुलाबी ना किसी को आज तक ऐसा मौका नहीं दी थी,,,,,
उसके साथ के सहेलियों कि धीरे-धीरे एक-एक करके शादी होती जा रही थी,,। उसकी खुद की भतीजी जो कि उसे छोटी थी उसकी भी शादी हो चुकी थी लेकिन वह अभी तक कुंवारी थी,,, मन से भी और तन से भी,,,,,,।
धीरे-धीरे जैसे समय गुजरता चाह रहा था वैसे वैसे गुलाबी से अपनी जवानी संभाले संभल नहीं रही थी,,,,, अपनी भाभी की कसम से शिकारियों की आवाज से उसका तन बदन मचल उठता था पहचानती थी कि बगल वाले कमरे में उसका बड़ा भाई उसकी भाभी के साथ क्या कर रहा है,,,। हालांकि अभी तक उसने अपनी आंखों से अपने भैया भाभी की चुदाई देखी नहीं थी और अभी तक कोशिश भी नहीं की थी,,,,।
लेकिन आज उससे रहा नहीं जा रहा था,,, उसकी भाभी की मादक सिसकारियां उसके कानों में मधुर रस खोल रही थी साथ ही उसके तन बदन को मदहोश कर रही थी एक अजीब सा नशा उसके तन बदन को अपनी गिरफ्त में लिया जा रहा था आंखों में खुमारी छा रही थी,,,,,,,,
आहहहह आआआआहहहह,,,ऊईईईई, मां ,,,,मर गई रे आहहहह,,,आपका तो बहुत मोटा है,,,,(यह शब्द जैसे ही गुलाबी के कानों में पड़े उसके कान एकदम से खड़े हो गए और उसका रोम-रोम पुलकित हो गया,,,,वह एक नजर लालटेन की रोशनी में राजू के ऊपर डाली वह पूरी तरह से गहरी नींद में सो रहा था और यही उसकी खासियत भी थी जब होता था तो घोड़े बेच कर सोता था उसे बिल्कुल भी फर्क नहीं पड़ता था कि क्या हो रहा है कहां से आवाज आ रही है या उसके साथ क्या किया जा रहा है वापस सोने में मस्त रहता था इसलिए उसके जागने की बिल्कुल भी चिंता नहीं थी,,,, वह धीरे से खटिया पर से ऊठी ओर बगल वाले कमरे में देखा जा सके ऐसी जगह ढुंढने लगी,,,, आज तक उसने इस तरह की हिम्मत और हिमाकत नहीं की थी वह अपने भैया भाभी की बहुत इज्जत करती थी और इसीलिए उन्हें इस हाल में देखना उसके लिए पांच था लेकिन आज वह मजबूर हो गई थी जवानी से भरपूर है उम्र से ऐसा करने पर मजबूर कर रही थी अपने संस्कार अपनी मर्यादा को एक तरफ रख कर वह अपने बदन की जरूरत पर ध्यान देते हुए बड़ी शिद्दत से बगल वाले कमरे में देखा जा सके ऐसा कोई छेंद देखने लगी,,,,दोनों कमरों के बीच एक पतली कच्ची दीवार थी जो जगह-जगह से उसकी इंटे खिसक चुकी थी जिसमें थोड़ा-थोड़ा दरार पड़ चुका था इन दरारों पर कभी भी गुलाबी का ध्यान नहीं गया था लेकिन आज उसकी किस्मत कुछ और खेल खेलना चाहती थी,,,, इसलिए जल्दी उसे ईटों के बीच की एक पतली दरार नजर आ गई जिसमें से उसे बगल वाले कमरे की लालटेन की रोशनी नजर आ रही थी,,,, लालटेन की रोशनी नजर आते ही उसके दिल जोरो से धड़कने लगा क्योंकि आज तक उसने किसी भी औरत मर्द की चुदाई को अपनी आंखों से नहीं देखी थी बस कल्पना भर की थी लेकिन आज वह जो करने जा रही थी अगर उसकी किस्मत अच्छी रही तो उसे हुआ नजारा भी देखने को मिल जाएगा इसके बारे में सिर्फ वह कल्पना करके अपनी जवानी को सुलगा रही थी,,,।
ईटों के बीच की पत्नी दरार के बीच मिटटी भरी हुई थी,,, जिससे अंदर का दृश्य साफ नजर नहीं आ रहा था,,,इसलिए वह अपने कमरे में लालटेन की रोशनी में एक छोटी सी पतली लकड़ी ढूंढ कर ले आई और उसे से कुरेद कुरेद कर वह मिट्टी को नीचे गिराने लगे वजह से ही पतली दरार में फंसी हुई मिट्टी नीचे गिर गई,,,,,, और मिट्टी के गिरते ही कमरे का दृश्य एकदम साफ नजर आने लगा,,,,,,, उसका दिल जोरों से धड़क रहा था,,,, वह अपनी प्यासी आंखों को उस दरार से सटा दी जैसे,, एक खगोल शास्त्री नक्षत्रों का मुआयना करने के लिए टेलिस्कोप से अपनी आंखें सटा देता है,,,,,, और अगले ही पल उसे जो दृश्य नजर आया,,, उसे देखते ही उसकी प्यासी बुर कुल बुलाने लगी,,, उसकी आंखें फटी की फटी रह गई,,।
उसकी आंखें जिंदगी में पहली बार ईस तरह का दृश्य देख रही थी,,,यह दृश्य देखने के बावजूद उसे अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था उसे लग रहा था कि कहीं वो सपना तो नहीं देख रही है,,,।लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं था उसकी आंखें जो कुछ भी देख रही थी वह सनातन सत्य था,,। उसे साफ दिखाई दे रहा था कि उसके भैया और भाभी बिना कपड़ों के थी उसकी भाभी 1 दिन की खटिया पर पीठ के बल लेटी हुई थी,,, उसकी साड़ी साया और ब्लाउज खटीए के नीचे बिखरे हुए थे उसके भैया भी बिना कपड़ों के एकदम नंगे थे,,,,,,, शायद एक बार वह उसकी भाभी की चुदाई कर चुके थे और दोबारा प्रदान करने की तैयारी कर रहे थे ऐसा गुलाबी सोच रही थी और जो कि सच भी था क्योंकि कुछ देर पहले उसकी भाभी की गरम सिसकारियां और आहहह आहहहह की आवाज उसके कानों में पड रही थी लेकिन इस समय उसके भैया खटिया पर नहीं थे बल्कि खटिया के पास खड़े होकर सरसों के तेल को कटोरी में से अपने खड़े लंड पर गिरा रहे थे,,,, और जैसे ही गुलाबी की आंखें अपने बड़े भैया के लंड पर पड़ी तो उसके होश उड़ गए,,,, एकदम काला लंड एकदम किसी काले नाग की तरह हवा में लहरा रहा था जिस पर सरसों का तेल गिलाकर उसका भाई अपने लंड की मालिश कर रहा था,,,, यह दृश्य गुलाबी के लिए उत्तेजना की संपूर्ण पराकाष्ठा थी इसलिए तो उसकी बुर तुरंत गीली हो गई,,, उसकी सांसे बड़ी तेजी से चल रही थी वह कभी सोची नहीं थी कि मर्दों के पास इस तरह का लंड होता है,,,,। एक बार तो वह सचमुच में घबरा गई थी अपने भाई के लंड को देख करके इतना मोटा लंबा लंड छोटे से छेद में जाता कैसे होगा,,,,। वह सांसो को बांधकर अंदर के नजारे का लुफ्त उठाने लगी,,,, उसकी भाभी प्यासी नजरों से उसके भैया के लंड को देख रही थीऔर साथ में अपनी बड़ी बड़ी चूचियों को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर मसल भी रही थी,,,।
मैं हु ना मेरी रानी तुम अपने हाथों को क्यों तकलीफ देती हो मैं अपने हाथों से तुम्हारी चूची दबा दबा कर लाल कर दूंगा,,,(हरिया अपने लंड पर तेल की मालिश करते हुए बोला और अपने भाई की इतनी गंदी बात को सुनकर गुलाबी का गुलाबी गाल शर्म से लाल हो गया,,,वह कभी सोची नहीं थी किसके भैया इस तरह से गंदी बात करते होंगे लेकिन आज सब कुछ उसकी आंखों के सामने था,,,,)
आप बहुत शैतान है जी एक बार चोद चुके हो फिर भी आपका मन नहीं भर रहा है,,,,
भला औरत की बुर से कभी मन भरता है,,, अगर मर्दों का मन भर जाए तो औरत और मर्द के बीच प्यार का रिश्ता ही खत्म हो जाए,,,,,,, यही प्यास है जो हम दोनों के बीच अभी भी प्यार को बरकरार रखा हुआ है,,,,।
लेकिन आपका बहुत मोटा है दर्द करता है,,,
मोटा है तभी तो मजा आता है मेरी रानी और तभी तो तुम अभी तक जाग रही हो तुम्हें भी दुबारा लेने का मन कर रहा है तभी तो तुम्हारी बुर कितना पानी छोड़ रही है,,,
(अंदर का गरमा गरम दृश्य और साथ ही गरमा गरम वार्तालाप गुलाबी के तन बदन में मदहोशी भर रहा था,,, वह कभी सपने में नहीं सोचा थी कि वह अपनी आंखों से इस तरह का दृश्य देखेगी सब कुछ अद्भुत था,,,,गुलाबी की सांसे सिर्फ अंदर के नजारे को देखकर उनकी बातों को सुनकर बड़ी तेजी से चल रही थी,,,,)
अब देखना रानी एक बार पानी छोड़ दिया हूं अब देखना कितनी देर तक तुम्हारी चुदाई करता हूं,,,,
जोर जोर से मत करना दर्द करने लगता है,,,,(इस बार इतना कहते हुए गुलाबी की भाभी अपनी हथेली को अपनी दोनों टांगों के बीच लाकर अपनी बुर को मसलते हुए बोली तो इस नजारे को देख कर गुलाबी एकदम से मचल उठी और अपने आप ही उसका हाथ सलवार के ऊपर से ही बुर पर चला गया जिसे वह मसलना शुरू कर दी,,,,,)
जोर जोर से चोदने में ही मजा आता है धीरे धीरे से तो बिल्कुल भी मजा नहीं आता और तुम ही तो कहती हो और जोर से और जोर से मेरे राजा और जोर से,,,,
(इस बात पर गुलाबी की भाभी एकदम से शर्मा गई और बोली)
अच्छा अब जल्दी से आ जाओ मुझसे भी रहा नहीं जा रहा है,,,,
ओहहहह ,,,,, मेरी रानी मैं जानता हूं मेरे लंड को देखकर तुम्हारी बुर में पानी आ जा रहा है,,,, लो अभी तुम्हारी इच्छा पूरी कर देता हूं,,,,(और इतना कहते ही हरिया और गुलाबी की भाभी खुद अपनी दोनों टांगों को फैला दी गुलाबी को अंदर का दृश्य साफ नजर आ रहा था अपनी भाभी का गोरा बदन उसकी गुदाज पन को देखकर खुद गुलाबी के मुंह में और बुर में पानी आ रहा था,,, उसकी मोटी मोटी चिकनी जांघों को देखकर गुलाबी का होश खो रहा था देखते-देखते उसका भाई उसकी भाभी के दोनों टांगों के बीच आ गया और अपने लंड को हाथ में पकड़ कर उसकी गुलाबी बुर के गुलाबी छेद पर रख दिया,,,,, सब कुछ भुला भी कोई तुम साफ नजर आ रहा था उसका सब्र अब टूटता हुआ नजर आ रहा था उसने भी आनंद खाना मैं अपनी सलवार की डोरी खोल कर अपनी सलवार को नीचे कदमों में गिरा दी और अपनी नंगी बुर पर अपनी हथेली को रगड़ना शुरु कर दी,,,,और दूसरी तरफ उसका भाई अपने लंड को धीरे-धीरे उसकी भाभी की बुर में डालना शुरू कर दिया इसे देखकर गुलाबी से रहा नहीं गया और वह अपनी उंगली को अपनी बुर में डाल दी,,,,गुलाबी के लिए पहला मौका था जब वह अपनी उंगली को बुर में डाल रही थी इससे पहले वह बुर को अपनी हथेली से मसलती भर थी,,,। लेकिन आज उसे बहुत मजा आ रहा था मसलने से ज्यादा अपनी बुर में उंगली डालने में उसे आनंद की अनुभूति हो रही थी,,, दूसरी तरफ उसका भाई अपना पूरा लंड उसकी भाभी की बुर में डाल चुका था,,,।
अंदर कमरे में लालटेन की रोशनी में से साफ नजर आ रहा था जिसका कारण था कि लालटेन की रोशनी कि लोग कुछ ज्यादा ही की गई थी जिसका मतलब साफ था कि हरिया को रात के अंधेरे में नहीं बल्कि रात के उजाले में चुदाई करने में ज्यादा आनंद आता था,,,,लेकिन गांव में ऐसा होता नहीं था क्योंकि गांव की औरतों को शर्म के मारे अंधेरे में ही चुदवाने में मजा आता था और अंधेरे में चुदवाती भी थी,,,,,लेकिन गुलाबी अपने मन में सोचने लगी कि अच्छा हुआ कि उसके भाई और भाभी को ऊजाले में चुदाई करने का शौक है जिसकी बदौलत वह अपनी आंखों से सब कुछ साफ-साफ देख पा रही थी,,,।
क्या जबरदस्त और मादकता से भर देने वाला नजारा था,,, बगल के कमरे में गुलाबी के भैया और भाभी चुदाई में पूरी तरह से तल्लईन हो चुके थे और बगल के कमरे में गुलाबी खुद अपनी सलवार को खोलकर अपनी बुर में उंगली पेल रही थी,,, जिसमें उसे बहुत मजा आ रहा था और दूसरी तरफ राजू घोड़े बेच कर सो रहा था अगर ऐसे में कोई और लड़का होता तो उसकी आंख खुल गई होती और अब तक तो वह अपनी बुआ की बुर में लंड भी डाल दिया होता और जो कि उस समय उसकी बुआ को भी यही पसंद भी होता,,,।
धक्कों की गति बड़ी तेजी से खटिया को चरमरा रही थी जिससे उसकी भाभी की दोनों चूचियां पानी भरे गुब्बारे की तरह चल रही थी जो कि इस समय उसके भाई के दोनों हाथों में उसकी शोभा बढ़ा रही थी,,,।
गुलाबी के गाल शर्म के मारे और उत्तेजना से लाल हो चुके थे,,, वह साफ तौर पर देख पा रही थी कि उसके भैया बड़ी तेजी से अपनी कमर हिला रहे थे और उसकी भाभी मस्ती भरी सिसकारी ले रही थी उसे बहुत मजा आ रहा था जो कि उसके चेहरे से बंया हो रहा था,,,। देखते ही देखते गुलाबी का बड़ा भाई उसकी भाभी पर ढेर हो गया इसका मतलब साफ था कि दोनों का काम हो चुका था और इधर गुलाबी जोर जोर से अपनी बुर में उंगली डालकर पानी निकाल चुकी थी,,,, गुलाबी का भी गर्म लावा ठंडा हो चुका था,,,इसलिए वह नीचे झुक कर अपनी सलवार को ऊपर की ओर डोरी बांधकर वापस खटिया पर आकर सो गई,,।
Mast update bhaiराजू का लंड दिखाने वाली बात आई गई हो गई थी राजू इस बात को भूल चुका था,,,,,, वह फिर से अपनी मस्ती में मस्त हो गया था और हरिया उसी तरह से रोज बैलगाड़ी को रेलवे स्टेशन ले जाता है और वहां से सवारी ढोकर अपना जीवन निर्वाह कर रहा था,,,,,,,
गुलाबी अपनी जवानी के एक-एक पल को बड़ी मुश्किल से बिता रही थी उसके तन बदन में जवानी की लहर चिकोटीयां काट रही थी,,, इसमें उसका दोस्त बिल्कुल भी नहीं था एक तो उसकी उम्र शादी लायक हो चुकी थी और अभी तक उसकी शादी नहीं हुई थी ऐसे में जवानी की उफान उसके बदन में हर तरफ से बाहर की तरफ झांक रहा था और ऊपर से अपने भैया और भाभी के कमरे में से आ रही मादक चुदाई की सिसकारीयो की आवाज से वह पूरी तरह से मस्त हो जाती थी,,,,,, उसके बदन में जवानी किसी बाढ़ के पानी की तरह थी जो कि सब्र के बांध से बंधी हुई थी जिस दिन अगर यह सब्र का बांध टूट गया तो उसकी जवानी पिघल कर ना जाने कितनों को डुबा ले जाएगी,,,,,, वैसे गुलाबी इस उफान मारती उम्र में भी अपनी जवानी को किसी की नजर लगने नहीं दी थी ऐसा नहीं था कि किसी की नजर उस पर पडती नहीं थी गांव के सभी जवान लड़कों की नजर उस पर हमेशा बनी रहती थी वैसे उसकी भाभी कीमत मस्त जवानी का आकर्षण गुलाबी से एक कदम आगे ही था लेकिन फिर भी गुलाबी किसी से कम नहीं थी गोरा रंग तीखे नैन नक्श ऊपर से जवानी की दस्तखत रूपी उसके दोनों अमरूद जान लेवा थे हालांकि अब तक यह दोनों अमरुद किसी के हाथों मैं नहीं आए थे इसलिए उसके उभार कुछ ज्यादा नहीं था लेकिन आकर्षण का केंद्र बिंदु जरूर था,,,, पतली कमर कमर के नीचे का उन्नत नितंबों का उभार ज्यादा घेरा उधार नहीं था लेकिन सीमित रूप से उसका भौगोलिक आकार बेहद आकर्षक और मस्त कर देने वाला था जिसकी लचक पगडंडियों पर चलते हुए पानी भरे गुब्बारे की तरह इधर उधर लुढकती रहती थी जैसे अपने दोनों हाथों में लेकर संभालने के लिए गांव के बूढ़े और जवान दोनों मचलते रहते थे,,, लेकिन गुलाबी ना किसी को आज तक ऐसा मौका नहीं दी थी,,,,,
उसके साथ के सहेलियों कि धीरे-धीरे एक-एक करके शादी होती जा रही थी,,। उसकी खुद की भतीजी जो कि उसे छोटी थी उसकी भी शादी हो चुकी थी लेकिन वह अभी तक कुंवारी थी,,, मन से भी और तन से भी,,,,,,।
धीरे-धीरे जैसे समय गुजरता चाह रहा था वैसे वैसे गुलाबी से अपनी जवानी संभाले संभल नहीं रही थी,,,,, अपनी भाभी की कसम से शिकारियों की आवाज से उसका तन बदन मचल उठता था पहचानती थी कि बगल वाले कमरे में उसका बड़ा भाई उसकी भाभी के साथ क्या कर रहा है,,,। हालांकि अभी तक उसने अपनी आंखों से अपने भैया भाभी की चुदाई देखी नहीं थी और अभी तक कोशिश भी नहीं की थी,,,,।
लेकिन आज उससे रहा नहीं जा रहा था,,, उसकी भाभी की मादक सिसकारियां उसके कानों में मधुर रस खोल रही थी साथ ही उसके तन बदन को मदहोश कर रही थी एक अजीब सा नशा उसके तन बदन को अपनी गिरफ्त में लिया जा रहा था आंखों में खुमारी छा रही थी,,,,,,,,
आहहहह आआआआहहहह,,,ऊईईईई, मां ,,,,मर गई रे आहहहह,,,आपका तो बहुत मोटा है,,,,(यह शब्द जैसे ही गुलाबी के कानों में पड़े उसके कान एकदम से खड़े हो गए और उसका रोम-रोम पुलकित हो गया,,,,वह एक नजर लालटेन की रोशनी में राजू के ऊपर डाली वह पूरी तरह से गहरी नींद में सो रहा था और यही उसकी खासियत भी थी जब होता था तो घोड़े बेच कर सोता था उसे बिल्कुल भी फर्क नहीं पड़ता था कि क्या हो रहा है कहां से आवाज आ रही है या उसके साथ क्या किया जा रहा है वापस सोने में मस्त रहता था इसलिए उसके जागने की बिल्कुल भी चिंता नहीं थी,,,, वह धीरे से खटिया पर से ऊठी ओर बगल वाले कमरे में देखा जा सके ऐसी जगह ढुंढने लगी,,,, आज तक उसने इस तरह की हिम्मत और हिमाकत नहीं की थी वह अपने भैया भाभी की बहुत इज्जत करती थी और इसीलिए उन्हें इस हाल में देखना उसके लिए पांच था लेकिन आज वह मजबूर हो गई थी जवानी से भरपूर है उम्र से ऐसा करने पर मजबूर कर रही थी अपने संस्कार अपनी मर्यादा को एक तरफ रख कर वह अपने बदन की जरूरत पर ध्यान देते हुए बड़ी शिद्दत से बगल वाले कमरे में देखा जा सके ऐसा कोई छेंद देखने लगी,,,,दोनों कमरों के बीच एक पतली कच्ची दीवार थी जो जगह-जगह से उसकी इंटे खिसक चुकी थी जिसमें थोड़ा-थोड़ा दरार पड़ चुका था इन दरारों पर कभी भी गुलाबी का ध्यान नहीं गया था लेकिन आज उसकी किस्मत कुछ और खेल खेलना चाहती थी,,,, इसलिए जल्दी उसे ईटों के बीच की एक पतली दरार नजर आ गई जिसमें से उसे बगल वाले कमरे की लालटेन की रोशनी नजर आ रही थी,,,, लालटेन की रोशनी नजर आते ही उसके दिल जोरो से धड़कने लगा क्योंकि आज तक उसने किसी भी औरत मर्द की चुदाई को अपनी आंखों से नहीं देखी थी बस कल्पना भर की थी लेकिन आज वह जो करने जा रही थी अगर उसकी किस्मत अच्छी रही तो उसे हुआ नजारा भी देखने को मिल जाएगा इसके बारे में सिर्फ वह कल्पना करके अपनी जवानी को सुलगा रही थी,,,।
ईटों के बीच की पत्नी दरार के बीच मिटटी भरी हुई थी,,, जिससे अंदर का दृश्य साफ नजर नहीं आ रहा था,,,इसलिए वह अपने कमरे में लालटेन की रोशनी में एक छोटी सी पतली लकड़ी ढूंढ कर ले आई और उसे से कुरेद कुरेद कर वह मिट्टी को नीचे गिराने लगे वजह से ही पतली दरार में फंसी हुई मिट्टी नीचे गिर गई,,,,,, और मिट्टी के गिरते ही कमरे का दृश्य एकदम साफ नजर आने लगा,,,,,,, उसका दिल जोरों से धड़क रहा था,,,, वह अपनी प्यासी आंखों को उस दरार से सटा दी जैसे,, एक खगोल शास्त्री नक्षत्रों का मुआयना करने के लिए टेलिस्कोप से अपनी आंखें सटा देता है,,,,,, और अगले ही पल उसे जो दृश्य नजर आया,,, उसे देखते ही उसकी प्यासी बुर कुल बुलाने लगी,,, उसकी आंखें फटी की फटी रह गई,,।
उसकी आंखें जिंदगी में पहली बार ईस तरह का दृश्य देख रही थी,,,यह दृश्य देखने के बावजूद उसे अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था उसे लग रहा था कि कहीं वो सपना तो नहीं देख रही है,,,।लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं था उसकी आंखें जो कुछ भी देख रही थी वह सनातन सत्य था,,। उसे साफ दिखाई दे रहा था कि उसके भैया और भाभी बिना कपड़ों के थी उसकी भाभी 1 दिन की खटिया पर पीठ के बल लेटी हुई थी,,, उसकी साड़ी साया और ब्लाउज खटीए के नीचे बिखरे हुए थे उसके भैया भी बिना कपड़ों के एकदम नंगे थे,,,,,,, शायद एक बार वह उसकी भाभी की चुदाई कर चुके थे और दोबारा प्रदान करने की तैयारी कर रहे थे ऐसा गुलाबी सोच रही थी और जो कि सच भी था क्योंकि कुछ देर पहले उसकी भाभी की गरम सिसकारियां और आहहह आहहहह की आवाज उसके कानों में पड रही थी लेकिन इस समय उसके भैया खटिया पर नहीं थे बल्कि खटिया के पास खड़े होकर सरसों के तेल को कटोरी में से अपने खड़े लंड पर गिरा रहे थे,,,, और जैसे ही गुलाबी की आंखें अपने बड़े भैया के लंड पर पड़ी तो उसके होश उड़ गए,,,, एकदम काला लंड एकदम किसी काले नाग की तरह हवा में लहरा रहा था जिस पर सरसों का तेल गिलाकर उसका भाई अपने लंड की मालिश कर रहा था,,,, यह दृश्य गुलाबी के लिए उत्तेजना की संपूर्ण पराकाष्ठा थी इसलिए तो उसकी बुर तुरंत गीली हो गई,,, उसकी सांसे बड़ी तेजी से चल रही थी वह कभी सोची नहीं थी कि मर्दों के पास इस तरह का लंड होता है,,,,। एक बार तो वह सचमुच में घबरा गई थी अपने भाई के लंड को देख करके इतना मोटा लंबा लंड छोटे से छेद में जाता कैसे होगा,,,,। वह सांसो को बांधकर अंदर के नजारे का लुफ्त उठाने लगी,,,, उसकी भाभी प्यासी नजरों से उसके भैया के लंड को देख रही थीऔर साथ में अपनी बड़ी बड़ी चूचियों को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर मसल भी रही थी,,,।
मैं हु ना मेरी रानी तुम अपने हाथों को क्यों तकलीफ देती हो मैं अपने हाथों से तुम्हारी चूची दबा दबा कर लाल कर दूंगा,,,(हरिया अपने लंड पर तेल की मालिश करते हुए बोला और अपने भाई की इतनी गंदी बात को सुनकर गुलाबी का गुलाबी गाल शर्म से लाल हो गया,,,वह कभी सोची नहीं थी किसके भैया इस तरह से गंदी बात करते होंगे लेकिन आज सब कुछ उसकी आंखों के सामने था,,,,)
आप बहुत शैतान है जी एक बार चोद चुके हो फिर भी आपका मन नहीं भर रहा है,,,,
भला औरत की बुर से कभी मन भरता है,,, अगर मर्दों का मन भर जाए तो औरत और मर्द के बीच प्यार का रिश्ता ही खत्म हो जाए,,,,,,, यही प्यास है जो हम दोनों के बीच अभी भी प्यार को बरकरार रखा हुआ है,,,,।
लेकिन आपका बहुत मोटा है दर्द करता है,,,
मोटा है तभी तो मजा आता है मेरी रानी और तभी तो तुम अभी तक जाग रही हो तुम्हें भी दुबारा लेने का मन कर रहा है तभी तो तुम्हारी बुर कितना पानी छोड़ रही है,,,
(अंदर का गरमा गरम दृश्य और साथ ही गरमा गरम वार्तालाप गुलाबी के तन बदन में मदहोशी भर रहा था,,, वह कभी सपने में नहीं सोचा थी कि वह अपनी आंखों से इस तरह का दृश्य देखेगी सब कुछ अद्भुत था,,,,गुलाबी की सांसे सिर्फ अंदर के नजारे को देखकर उनकी बातों को सुनकर बड़ी तेजी से चल रही थी,,,,)
अब देखना रानी एक बार पानी छोड़ दिया हूं अब देखना कितनी देर तक तुम्हारी चुदाई करता हूं,,,,
जोर जोर से मत करना दर्द करने लगता है,,,,(इस बार इतना कहते हुए गुलाबी की भाभी अपनी हथेली को अपनी दोनों टांगों के बीच लाकर अपनी बुर को मसलते हुए बोली तो इस नजारे को देख कर गुलाबी एकदम से मचल उठी और अपने आप ही उसका हाथ सलवार के ऊपर से ही बुर पर चला गया जिसे वह मसलना शुरू कर दी,,,,,)
जोर जोर से चोदने में ही मजा आता है धीरे धीरे से तो बिल्कुल भी मजा नहीं आता और तुम ही तो कहती हो और जोर से और जोर से मेरे राजा और जोर से,,,,
(इस बात पर गुलाबी की भाभी एकदम से शर्मा गई और बोली)
अच्छा अब जल्दी से आ जाओ मुझसे भी रहा नहीं जा रहा है,,,,
ओहहहह ,,,,, मेरी रानी मैं जानता हूं मेरे लंड को देखकर तुम्हारी बुर में पानी आ जा रहा है,,,, लो अभी तुम्हारी इच्छा पूरी कर देता हूं,,,,(और इतना कहते ही हरिया और गुलाबी की भाभी खुद अपनी दोनों टांगों को फैला दी गुलाबी को अंदर का दृश्य साफ नजर आ रहा था अपनी भाभी का गोरा बदन उसकी गुदाज पन को देखकर खुद गुलाबी के मुंह में और बुर में पानी आ रहा था,,, उसकी मोटी मोटी चिकनी जांघों को देखकर गुलाबी का होश खो रहा था देखते-देखते उसका भाई उसकी भाभी के दोनों टांगों के बीच आ गया और अपने लंड को हाथ में पकड़ कर उसकी गुलाबी बुर के गुलाबी छेद पर रख दिया,,,,, सब कुछ भुला भी कोई तुम साफ नजर आ रहा था उसका सब्र अब टूटता हुआ नजर आ रहा था उसने भी आनंद खाना मैं अपनी सलवार की डोरी खोल कर अपनी सलवार को नीचे कदमों में गिरा दी और अपनी नंगी बुर पर अपनी हथेली को रगड़ना शुरु कर दी,,,,और दूसरी तरफ उसका भाई अपने लंड को धीरे-धीरे उसकी भाभी की बुर में डालना शुरू कर दिया इसे देखकर गुलाबी से रहा नहीं गया और वह अपनी उंगली को अपनी बुर में डाल दी,,,,गुलाबी के लिए पहला मौका था जब वह अपनी उंगली को बुर में डाल रही थी इससे पहले वह बुर को अपनी हथेली से मसलती भर थी,,,। लेकिन आज उसे बहुत मजा आ रहा था मसलने से ज्यादा अपनी बुर में उंगली डालने में उसे आनंद की अनुभूति हो रही थी,,, दूसरी तरफ उसका भाई अपना पूरा लंड उसकी भाभी की बुर में डाल चुका था,,,।
अंदर कमरे में लालटेन की रोशनी में से साफ नजर आ रहा था जिसका कारण था कि लालटेन की रोशनी कि लोग कुछ ज्यादा ही की गई थी जिसका मतलब साफ था कि हरिया को रात के अंधेरे में नहीं बल्कि रात के उजाले में चुदाई करने में ज्यादा आनंद आता था,,,,लेकिन गांव में ऐसा होता नहीं था क्योंकि गांव की औरतों को शर्म के मारे अंधेरे में ही चुदवाने में मजा आता था और अंधेरे में चुदवाती भी थी,,,,,लेकिन गुलाबी अपने मन में सोचने लगी कि अच्छा हुआ कि उसके भाई और भाभी को ऊजाले में चुदाई करने का शौक है जिसकी बदौलत वह अपनी आंखों से सब कुछ साफ-साफ देख पा रही थी,,,।
क्या जबरदस्त और मादकता से भर देने वाला नजारा था,,, बगल के कमरे में गुलाबी के भैया और भाभी चुदाई में पूरी तरह से तल्लईन हो चुके थे और बगल के कमरे में गुलाबी खुद अपनी सलवार को खोलकर अपनी बुर में उंगली पेल रही थी,,, जिसमें उसे बहुत मजा आ रहा था और दूसरी तरफ राजू घोड़े बेच कर सो रहा था अगर ऐसे में कोई और लड़का होता तो उसकी आंख खुल गई होती और अब तक तो वह अपनी बुआ की बुर में लंड भी डाल दिया होता और जो कि उस समय उसकी बुआ को भी यही पसंद भी होता,,,।
धक्कों की गति बड़ी तेजी से खटिया को चरमरा रही थी जिससे उसकी भाभी की दोनों चूचियां पानी भरे गुब्बारे की तरह चल रही थी जो कि इस समय उसके भाई के दोनों हाथों में उसकी शोभा बढ़ा रही थी,,,।
गुलाबी के गाल शर्म के मारे और उत्तेजना से लाल हो चुके थे,,, वह साफ तौर पर देख पा रही थी कि उसके भैया बड़ी तेजी से अपनी कमर हिला रहे थे और उसकी भाभी मस्ती भरी सिसकारी ले रही थी उसे बहुत मजा आ रहा था जो कि उसके चेहरे से बंया हो रहा था,,,। देखते ही देखते गुलाबी का बड़ा भाई उसकी भाभी पर ढेर हो गया इसका मतलब साफ था कि दोनों का काम हो चुका था और इधर गुलाबी जोर जोर से अपनी बुर में उंगली डालकर पानी निकाल चुकी थी,,,, गुलाबी का भी गर्म लावा ठंडा हो चुका था,,,इसलिए वह नीचे झुक कर अपनी सलवार को ऊपर की ओर डोरी बांधकर वापस खटिया पर आकर सो गई,,।
अदभुतराजू का लंड दिखाने वाली बात आई गई हो गई थी राजू इस बात को भूल चुका था,,,,,, वह फिर से अपनी मस्ती में मस्त हो गया था और हरिया उसी तरह से रोज बैलगाड़ी को रेलवे स्टेशन ले जाता है और वहां से सवारी ढोकर अपना जीवन निर्वाह कर रहा था,,,,,,,
गुलाबी अपनी जवानी के एक-एक पल को बड़ी मुश्किल से बिता रही थी उसके तन बदन में जवानी की लहर चिकोटीयां काट रही थी,,, इसमें उसका दोस्त बिल्कुल भी नहीं था एक तो उसकी उम्र शादी लायक हो चुकी थी और अभी तक उसकी शादी नहीं हुई थी ऐसे में जवानी की उफान उसके बदन में हर तरफ से बाहर की तरफ झांक रहा था और ऊपर से अपने भैया और भाभी के कमरे में से आ रही मादक चुदाई की सिसकारीयो की आवाज से वह पूरी तरह से मस्त हो जाती थी,,,,,, उसके बदन में जवानी किसी बाढ़ के पानी की तरह थी जो कि सब्र के बांध से बंधी हुई थी जिस दिन अगर यह सब्र का बांध टूट गया तो उसकी जवानी पिघल कर ना जाने कितनों को डुबा ले जाएगी,,,,,, वैसे गुलाबी इस उफान मारती उम्र में भी अपनी जवानी को किसी की नजर लगने नहीं दी थी ऐसा नहीं था कि किसी की नजर उस पर पडती नहीं थी गांव के सभी जवान लड़कों की नजर उस पर हमेशा बनी रहती थी वैसे उसकी भाभी कीमत मस्त जवानी का आकर्षण गुलाबी से एक कदम आगे ही था लेकिन फिर भी गुलाबी किसी से कम नहीं थी गोरा रंग तीखे नैन नक्श ऊपर से जवानी की दस्तखत रूपी उसके दोनों अमरूद जान लेवा थे हालांकि अब तक यह दोनों अमरुद किसी के हाथों मैं नहीं आए थे इसलिए उसके उभार कुछ ज्यादा नहीं था लेकिन आकर्षण का केंद्र बिंदु जरूर था,,,, पतली कमर कमर के नीचे का उन्नत नितंबों का उभार ज्यादा घेरा उधार नहीं था लेकिन सीमित रूप से उसका भौगोलिक आकार बेहद आकर्षक और मस्त कर देने वाला था जिसकी लचक पगडंडियों पर चलते हुए पानी भरे गुब्बारे की तरह इधर उधर लुढकती रहती थी जैसे अपने दोनों हाथों में लेकर संभालने के लिए गांव के बूढ़े और जवान दोनों मचलते रहते थे,,, लेकिन गुलाबी ना किसी को आज तक ऐसा मौका नहीं दी थी,,,,,
उसके साथ के सहेलियों कि धीरे-धीरे एक-एक करके शादी होती जा रही थी,,। उसकी खुद की भतीजी जो कि उसे छोटी थी उसकी भी शादी हो चुकी थी लेकिन वह अभी तक कुंवारी थी,,, मन से भी और तन से भी,,,,,,।
धीरे-धीरे जैसे समय गुजरता चाह रहा था वैसे वैसे गुलाबी से अपनी जवानी संभाले संभल नहीं रही थी,,,,, अपनी भाभी की कसम से शिकारियों की आवाज से उसका तन बदन मचल उठता था पहचानती थी कि बगल वाले कमरे में उसका बड़ा भाई उसकी भाभी के साथ क्या कर रहा है,,,। हालांकि अभी तक उसने अपनी आंखों से अपने भैया भाभी की चुदाई देखी नहीं थी और अभी तक कोशिश भी नहीं की थी,,,,।
लेकिन आज उससे रहा नहीं जा रहा था,,, उसकी भाभी की मादक सिसकारियां उसके कानों में मधुर रस खोल रही थी साथ ही उसके तन बदन को मदहोश कर रही थी एक अजीब सा नशा उसके तन बदन को अपनी गिरफ्त में लिया जा रहा था आंखों में खुमारी छा रही थी,,,,,,,,
आहहहह आआआआहहहह,,,ऊईईईई, मां ,,,,मर गई रे आहहहह,,,आपका तो बहुत मोटा है,,,,(यह शब्द जैसे ही गुलाबी के कानों में पड़े उसके कान एकदम से खड़े हो गए और उसका रोम-रोम पुलकित हो गया,,,,वह एक नजर लालटेन की रोशनी में राजू के ऊपर डाली वह पूरी तरह से गहरी नींद में सो रहा था और यही उसकी खासियत भी थी जब होता था तो घोड़े बेच कर सोता था उसे बिल्कुल भी फर्क नहीं पड़ता था कि क्या हो रहा है कहां से आवाज आ रही है या उसके साथ क्या किया जा रहा है वापस सोने में मस्त रहता था इसलिए उसके जागने की बिल्कुल भी चिंता नहीं थी,,,, वह धीरे से खटिया पर से ऊठी ओर बगल वाले कमरे में देखा जा सके ऐसी जगह ढुंढने लगी,,,, आज तक उसने इस तरह की हिम्मत और हिमाकत नहीं की थी वह अपने भैया भाभी की बहुत इज्जत करती थी और इसीलिए उन्हें इस हाल में देखना उसके लिए पांच था लेकिन आज वह मजबूर हो गई थी जवानी से भरपूर है उम्र से ऐसा करने पर मजबूर कर रही थी अपने संस्कार अपनी मर्यादा को एक तरफ रख कर वह अपने बदन की जरूरत पर ध्यान देते हुए बड़ी शिद्दत से बगल वाले कमरे में देखा जा सके ऐसा कोई छेंद देखने लगी,,,,दोनों कमरों के बीच एक पतली कच्ची दीवार थी जो जगह-जगह से उसकी इंटे खिसक चुकी थी जिसमें थोड़ा-थोड़ा दरार पड़ चुका था इन दरारों पर कभी भी गुलाबी का ध्यान नहीं गया था लेकिन आज उसकी किस्मत कुछ और खेल खेलना चाहती थी,,,, इसलिए जल्दी उसे ईटों के बीच की एक पतली दरार नजर आ गई जिसमें से उसे बगल वाले कमरे की लालटेन की रोशनी नजर आ रही थी,,,, लालटेन की रोशनी नजर आते ही उसके दिल जोरो से धड़कने लगा क्योंकि आज तक उसने किसी भी औरत मर्द की चुदाई को अपनी आंखों से नहीं देखी थी बस कल्पना भर की थी लेकिन आज वह जो करने जा रही थी अगर उसकी किस्मत अच्छी रही तो उसे हुआ नजारा भी देखने को मिल जाएगा इसके बारे में सिर्फ वह कल्पना करके अपनी जवानी को सुलगा रही थी,,,।
ईटों के बीच की पत्नी दरार के बीच मिटटी भरी हुई थी,,, जिससे अंदर का दृश्य साफ नजर नहीं आ रहा था,,,इसलिए वह अपने कमरे में लालटेन की रोशनी में एक छोटी सी पतली लकड़ी ढूंढ कर ले आई और उसे से कुरेद कुरेद कर वह मिट्टी को नीचे गिराने लगे वजह से ही पतली दरार में फंसी हुई मिट्टी नीचे गिर गई,,,,,, और मिट्टी के गिरते ही कमरे का दृश्य एकदम साफ नजर आने लगा,,,,,,, उसका दिल जोरों से धड़क रहा था,,,, वह अपनी प्यासी आंखों को उस दरार से सटा दी जैसे,, एक खगोल शास्त्री नक्षत्रों का मुआयना करने के लिए टेलिस्कोप से अपनी आंखें सटा देता है,,,,,, और अगले ही पल उसे जो दृश्य नजर आया,,, उसे देखते ही उसकी प्यासी बुर कुल बुलाने लगी,,, उसकी आंखें फटी की फटी रह गई,,।
उसकी आंखें जिंदगी में पहली बार ईस तरह का दृश्य देख रही थी,,,यह दृश्य देखने के बावजूद उसे अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था उसे लग रहा था कि कहीं वो सपना तो नहीं देख रही है,,,।लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं था उसकी आंखें जो कुछ भी देख रही थी वह सनातन सत्य था,,। उसे साफ दिखाई दे रहा था कि उसके भैया और भाभी बिना कपड़ों के थी उसकी भाभी 1 दिन की खटिया पर पीठ के बल लेटी हुई थी,,, उसकी साड़ी साया और ब्लाउज खटीए के नीचे बिखरे हुए थे उसके भैया भी बिना कपड़ों के एकदम नंगे थे,,,,,,, शायद एक बार वह उसकी भाभी की चुदाई कर चुके थे और दोबारा प्रदान करने की तैयारी कर रहे थे ऐसा गुलाबी सोच रही थी और जो कि सच भी था क्योंकि कुछ देर पहले उसकी भाभी की गरम सिसकारियां और आहहह आहहहह की आवाज उसके कानों में पड रही थी लेकिन इस समय उसके भैया खटिया पर नहीं थे बल्कि खटिया के पास खड़े होकर सरसों के तेल को कटोरी में से अपने खड़े लंड पर गिरा रहे थे,,,, और जैसे ही गुलाबी की आंखें अपने बड़े भैया के लंड पर पड़ी तो उसके होश उड़ गए,,,, एकदम काला लंड एकदम किसी काले नाग की तरह हवा में लहरा रहा था जिस पर सरसों का तेल गिलाकर उसका भाई अपने लंड की मालिश कर रहा था,,,, यह दृश्य गुलाबी के लिए उत्तेजना की संपूर्ण पराकाष्ठा थी इसलिए तो उसकी बुर तुरंत गीली हो गई,,, उसकी सांसे बड़ी तेजी से चल रही थी वह कभी सोची नहीं थी कि मर्दों के पास इस तरह का लंड होता है,,,,। एक बार तो वह सचमुच में घबरा गई थी अपने भाई के लंड को देख करके इतना मोटा लंबा लंड छोटे से छेद में जाता कैसे होगा,,,,। वह सांसो को बांधकर अंदर के नजारे का लुफ्त उठाने लगी,,,, उसकी भाभी प्यासी नजरों से उसके भैया के लंड को देख रही थीऔर साथ में अपनी बड़ी बड़ी चूचियों को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर मसल भी रही थी,,,।
मैं हु ना मेरी रानी तुम अपने हाथों को क्यों तकलीफ देती हो मैं अपने हाथों से तुम्हारी चूची दबा दबा कर लाल कर दूंगा,,,(हरिया अपने लंड पर तेल की मालिश करते हुए बोला और अपने भाई की इतनी गंदी बात को सुनकर गुलाबी का गुलाबी गाल शर्म से लाल हो गया,,,वह कभी सोची नहीं थी किसके भैया इस तरह से गंदी बात करते होंगे लेकिन आज सब कुछ उसकी आंखों के सामने था,,,,)
आप बहुत शैतान है जी एक बार चोद चुके हो फिर भी आपका मन नहीं भर रहा है,,,,
भला औरत की बुर से कभी मन भरता है,,, अगर मर्दों का मन भर जाए तो औरत और मर्द के बीच प्यार का रिश्ता ही खत्म हो जाए,,,,,,, यही प्यास है जो हम दोनों के बीच अभी भी प्यार को बरकरार रखा हुआ है,,,,।
लेकिन आपका बहुत मोटा है दर्द करता है,,,
मोटा है तभी तो मजा आता है मेरी रानी और तभी तो तुम अभी तक जाग रही हो तुम्हें भी दुबारा लेने का मन कर रहा है तभी तो तुम्हारी बुर कितना पानी छोड़ रही है,,,
(अंदर का गरमा गरम दृश्य और साथ ही गरमा गरम वार्तालाप गुलाबी के तन बदन में मदहोशी भर रहा था,,, वह कभी सपने में नहीं सोचा थी कि वह अपनी आंखों से इस तरह का दृश्य देखेगी सब कुछ अद्भुत था,,,,गुलाबी की सांसे सिर्फ अंदर के नजारे को देखकर उनकी बातों को सुनकर बड़ी तेजी से चल रही थी,,,,)
अब देखना रानी एक बार पानी छोड़ दिया हूं अब देखना कितनी देर तक तुम्हारी चुदाई करता हूं,,,,
जोर जोर से मत करना दर्द करने लगता है,,,,(इस बार इतना कहते हुए गुलाबी की भाभी अपनी हथेली को अपनी दोनों टांगों के बीच लाकर अपनी बुर को मसलते हुए बोली तो इस नजारे को देख कर गुलाबी एकदम से मचल उठी और अपने आप ही उसका हाथ सलवार के ऊपर से ही बुर पर चला गया जिसे वह मसलना शुरू कर दी,,,,,)
जोर जोर से चोदने में ही मजा आता है धीरे धीरे से तो बिल्कुल भी मजा नहीं आता और तुम ही तो कहती हो और जोर से और जोर से मेरे राजा और जोर से,,,,
(इस बात पर गुलाबी की भाभी एकदम से शर्मा गई और बोली)
अच्छा अब जल्दी से आ जाओ मुझसे भी रहा नहीं जा रहा है,,,,
ओहहहह ,,,,, मेरी रानी मैं जानता हूं मेरे लंड को देखकर तुम्हारी बुर में पानी आ जा रहा है,,,, लो अभी तुम्हारी इच्छा पूरी कर देता हूं,,,,(और इतना कहते ही हरिया और गुलाबी की भाभी खुद अपनी दोनों टांगों को फैला दी गुलाबी को अंदर का दृश्य साफ नजर आ रहा था अपनी भाभी का गोरा बदन उसकी गुदाज पन को देखकर खुद गुलाबी के मुंह में और बुर में पानी आ रहा था,,, उसकी मोटी मोटी चिकनी जांघों को देखकर गुलाबी का होश खो रहा था देखते-देखते उसका भाई उसकी भाभी के दोनों टांगों के बीच आ गया और अपने लंड को हाथ में पकड़ कर उसकी गुलाबी बुर के गुलाबी छेद पर रख दिया,,,,, सब कुछ भुला भी कोई तुम साफ नजर आ रहा था उसका सब्र अब टूटता हुआ नजर आ रहा था उसने भी आनंद खाना मैं अपनी सलवार की डोरी खोल कर अपनी सलवार को नीचे कदमों में गिरा दी और अपनी नंगी बुर पर अपनी हथेली को रगड़ना शुरु कर दी,,,,और दूसरी तरफ उसका भाई अपने लंड को धीरे-धीरे उसकी भाभी की बुर में डालना शुरू कर दिया इसे देखकर गुलाबी से रहा नहीं गया और वह अपनी उंगली को अपनी बुर में डाल दी,,,,गुलाबी के लिए पहला मौका था जब वह अपनी उंगली को बुर में डाल रही थी इससे पहले वह बुर को अपनी हथेली से मसलती भर थी,,,। लेकिन आज उसे बहुत मजा आ रहा था मसलने से ज्यादा अपनी बुर में उंगली डालने में उसे आनंद की अनुभूति हो रही थी,,, दूसरी तरफ उसका भाई अपना पूरा लंड उसकी भाभी की बुर में डाल चुका था,,,।
अंदर कमरे में लालटेन की रोशनी में से साफ नजर आ रहा था जिसका कारण था कि लालटेन की रोशनी कि लोग कुछ ज्यादा ही की गई थी जिसका मतलब साफ था कि हरिया को रात के अंधेरे में नहीं बल्कि रात के उजाले में चुदाई करने में ज्यादा आनंद आता था,,,,लेकिन गांव में ऐसा होता नहीं था क्योंकि गांव की औरतों को शर्म के मारे अंधेरे में ही चुदवाने में मजा आता था और अंधेरे में चुदवाती भी थी,,,,,लेकिन गुलाबी अपने मन में सोचने लगी कि अच्छा हुआ कि उसके भाई और भाभी को ऊजाले में चुदाई करने का शौक है जिसकी बदौलत वह अपनी आंखों से सब कुछ साफ-साफ देख पा रही थी,,,।
क्या जबरदस्त और मादकता से भर देने वाला नजारा था,,, बगल के कमरे में गुलाबी के भैया और भाभी चुदाई में पूरी तरह से तल्लईन हो चुके थे और बगल के कमरे में गुलाबी खुद अपनी सलवार को खोलकर अपनी बुर में उंगली पेल रही थी,,, जिसमें उसे बहुत मजा आ रहा था और दूसरी तरफ राजू घोड़े बेच कर सो रहा था अगर ऐसे में कोई और लड़का होता तो उसकी आंख खुल गई होती और अब तक तो वह अपनी बुआ की बुर में लंड भी डाल दिया होता और जो कि उस समय उसकी बुआ को भी यही पसंद भी होता,,,।
धक्कों की गति बड़ी तेजी से खटिया को चरमरा रही थी जिससे उसकी भाभी की दोनों चूचियां पानी भरे गुब्बारे की तरह चल रही थी जो कि इस समय उसके भाई के दोनों हाथों में उसकी शोभा बढ़ा रही थी,,,।
गुलाबी के गाल शर्म के मारे और उत्तेजना से लाल हो चुके थे,,, वह साफ तौर पर देख पा रही थी कि उसके भैया बड़ी तेजी से अपनी कमर हिला रहे थे और उसकी भाभी मस्ती भरी सिसकारी ले रही थी उसे बहुत मजा आ रहा था जो कि उसके चेहरे से बंया हो रहा था,,,। देखते ही देखते गुलाबी का बड़ा भाई उसकी भाभी पर ढेर हो गया इसका मतलब साफ था कि दोनों का काम हो चुका था और इधर गुलाबी जोर जोर से अपनी बुर में उंगली डालकर पानी निकाल चुकी थी,,,, गुलाबी का भी गर्म लावा ठंडा हो चुका था,,,इसलिए वह नीचे झुक कर अपनी सलवार को ऊपर की ओर डोरी बांधकर वापस खटिया पर आकर सो गई,,।
बहुत ही सुंदर लाजवाब और रमणिय अपडेट है भाई मजा आ गयाराजू का लंड दिखाने वाली बात आई गई हो गई थी राजू इस बात को भूल चुका था,,,,,, वह फिर से अपनी मस्ती में मस्त हो गया था और हरिया उसी तरह से रोज बैलगाड़ी को रेलवे स्टेशन ले जाता है और वहां से सवारी ढोकर अपना जीवन निर्वाह कर रहा था,,,,,,,
गुलाबी अपनी जवानी के एक-एक पल को बड़ी मुश्किल से बिता रही थी उसके तन बदन में जवानी की लहर चिकोटीयां काट रही थी,,, इसमें उसका दोस्त बिल्कुल भी नहीं था एक तो उसकी उम्र शादी लायक हो चुकी थी और अभी तक उसकी शादी नहीं हुई थी ऐसे में जवानी की उफान उसके बदन में हर तरफ से बाहर की तरफ झांक रहा था और ऊपर से अपने भैया और भाभी के कमरे में से आ रही मादक चुदाई की सिसकारीयो की आवाज से वह पूरी तरह से मस्त हो जाती थी,,,,,, उसके बदन में जवानी किसी बाढ़ के पानी की तरह थी जो कि सब्र के बांध से बंधी हुई थी जिस दिन अगर यह सब्र का बांध टूट गया तो उसकी जवानी पिघल कर ना जाने कितनों को डुबा ले जाएगी,,,,,, वैसे गुलाबी इस उफान मारती उम्र में भी अपनी जवानी को किसी की नजर लगने नहीं दी थी ऐसा नहीं था कि किसी की नजर उस पर पडती नहीं थी गांव के सभी जवान लड़कों की नजर उस पर हमेशा बनी रहती थी वैसे उसकी भाभी कीमत मस्त जवानी का आकर्षण गुलाबी से एक कदम आगे ही था लेकिन फिर भी गुलाबी किसी से कम नहीं थी गोरा रंग तीखे नैन नक्श ऊपर से जवानी की दस्तखत रूपी उसके दोनों अमरूद जान लेवा थे हालांकि अब तक यह दोनों अमरुद किसी के हाथों मैं नहीं आए थे इसलिए उसके उभार कुछ ज्यादा नहीं था लेकिन आकर्षण का केंद्र बिंदु जरूर था,,,, पतली कमर कमर के नीचे का उन्नत नितंबों का उभार ज्यादा घेरा उधार नहीं था लेकिन सीमित रूप से उसका भौगोलिक आकार बेहद आकर्षक और मस्त कर देने वाला था जिसकी लचक पगडंडियों पर चलते हुए पानी भरे गुब्बारे की तरह इधर उधर लुढकती रहती थी जैसे अपने दोनों हाथों में लेकर संभालने के लिए गांव के बूढ़े और जवान दोनों मचलते रहते थे,,, लेकिन गुलाबी ना किसी को आज तक ऐसा मौका नहीं दी थी,,,,,
उसके साथ के सहेलियों कि धीरे-धीरे एक-एक करके शादी होती जा रही थी,,। उसकी खुद की भतीजी जो कि उसे छोटी थी उसकी भी शादी हो चुकी थी लेकिन वह अभी तक कुंवारी थी,,, मन से भी और तन से भी,,,,,,।
धीरे-धीरे जैसे समय गुजरता चाह रहा था वैसे वैसे गुलाबी से अपनी जवानी संभाले संभल नहीं रही थी,,,,, अपनी भाभी की कसम से शिकारियों की आवाज से उसका तन बदन मचल उठता था पहचानती थी कि बगल वाले कमरे में उसका बड़ा भाई उसकी भाभी के साथ क्या कर रहा है,,,। हालांकि अभी तक उसने अपनी आंखों से अपने भैया भाभी की चुदाई देखी नहीं थी और अभी तक कोशिश भी नहीं की थी,,,,।
लेकिन आज उससे रहा नहीं जा रहा था,,, उसकी भाभी की मादक सिसकारियां उसके कानों में मधुर रस खोल रही थी साथ ही उसके तन बदन को मदहोश कर रही थी एक अजीब सा नशा उसके तन बदन को अपनी गिरफ्त में लिया जा रहा था आंखों में खुमारी छा रही थी,,,,,,,,
आहहहह आआआआहहहह,,,ऊईईईई, मां ,,,,मर गई रे आहहहह,,,आपका तो बहुत मोटा है,,,,(यह शब्द जैसे ही गुलाबी के कानों में पड़े उसके कान एकदम से खड़े हो गए और उसका रोम-रोम पुलकित हो गया,,,,वह एक नजर लालटेन की रोशनी में राजू के ऊपर डाली वह पूरी तरह से गहरी नींद में सो रहा था और यही उसकी खासियत भी थी जब होता था तो घोड़े बेच कर सोता था उसे बिल्कुल भी फर्क नहीं पड़ता था कि क्या हो रहा है कहां से आवाज आ रही है या उसके साथ क्या किया जा रहा है वापस सोने में मस्त रहता था इसलिए उसके जागने की बिल्कुल भी चिंता नहीं थी,,,, वह धीरे से खटिया पर से ऊठी ओर बगल वाले कमरे में देखा जा सके ऐसी जगह ढुंढने लगी,,,, आज तक उसने इस तरह की हिम्मत और हिमाकत नहीं की थी वह अपने भैया भाभी की बहुत इज्जत करती थी और इसीलिए उन्हें इस हाल में देखना उसके लिए पांच था लेकिन आज वह मजबूर हो गई थी जवानी से भरपूर है उम्र से ऐसा करने पर मजबूर कर रही थी अपने संस्कार अपनी मर्यादा को एक तरफ रख कर वह अपने बदन की जरूरत पर ध्यान देते हुए बड़ी शिद्दत से बगल वाले कमरे में देखा जा सके ऐसा कोई छेंद देखने लगी,,,,दोनों कमरों के बीच एक पतली कच्ची दीवार थी जो जगह-जगह से उसकी इंटे खिसक चुकी थी जिसमें थोड़ा-थोड़ा दरार पड़ चुका था इन दरारों पर कभी भी गुलाबी का ध्यान नहीं गया था लेकिन आज उसकी किस्मत कुछ और खेल खेलना चाहती थी,,,, इसलिए जल्दी उसे ईटों के बीच की एक पतली दरार नजर आ गई जिसमें से उसे बगल वाले कमरे की लालटेन की रोशनी नजर आ रही थी,,,, लालटेन की रोशनी नजर आते ही उसके दिल जोरो से धड़कने लगा क्योंकि आज तक उसने किसी भी औरत मर्द की चुदाई को अपनी आंखों से नहीं देखी थी बस कल्पना भर की थी लेकिन आज वह जो करने जा रही थी अगर उसकी किस्मत अच्छी रही तो उसे हुआ नजारा भी देखने को मिल जाएगा इसके बारे में सिर्फ वह कल्पना करके अपनी जवानी को सुलगा रही थी,,,।
ईटों के बीच की पत्नी दरार के बीच मिटटी भरी हुई थी,,, जिससे अंदर का दृश्य साफ नजर नहीं आ रहा था,,,इसलिए वह अपने कमरे में लालटेन की रोशनी में एक छोटी सी पतली लकड़ी ढूंढ कर ले आई और उसे से कुरेद कुरेद कर वह मिट्टी को नीचे गिराने लगे वजह से ही पतली दरार में फंसी हुई मिट्टी नीचे गिर गई,,,,,, और मिट्टी के गिरते ही कमरे का दृश्य एकदम साफ नजर आने लगा,,,,,,, उसका दिल जोरों से धड़क रहा था,,,, वह अपनी प्यासी आंखों को उस दरार से सटा दी जैसे,, एक खगोल शास्त्री नक्षत्रों का मुआयना करने के लिए टेलिस्कोप से अपनी आंखें सटा देता है,,,,,, और अगले ही पल उसे जो दृश्य नजर आया,,, उसे देखते ही उसकी प्यासी बुर कुल बुलाने लगी,,, उसकी आंखें फटी की फटी रह गई,,।
उसकी आंखें जिंदगी में पहली बार ईस तरह का दृश्य देख रही थी,,,यह दृश्य देखने के बावजूद उसे अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था उसे लग रहा था कि कहीं वो सपना तो नहीं देख रही है,,,।लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं था उसकी आंखें जो कुछ भी देख रही थी वह सनातन सत्य था,,। उसे साफ दिखाई दे रहा था कि उसके भैया और भाभी बिना कपड़ों के थी उसकी भाभी 1 दिन की खटिया पर पीठ के बल लेटी हुई थी,,, उसकी साड़ी साया और ब्लाउज खटीए के नीचे बिखरे हुए थे उसके भैया भी बिना कपड़ों के एकदम नंगे थे,,,,,,, शायद एक बार वह उसकी भाभी की चुदाई कर चुके थे और दोबारा प्रदान करने की तैयारी कर रहे थे ऐसा गुलाबी सोच रही थी और जो कि सच भी था क्योंकि कुछ देर पहले उसकी भाभी की गरम सिसकारियां और आहहह आहहहह की आवाज उसके कानों में पड रही थी लेकिन इस समय उसके भैया खटिया पर नहीं थे बल्कि खटिया के पास खड़े होकर सरसों के तेल को कटोरी में से अपने खड़े लंड पर गिरा रहे थे,,,, और जैसे ही गुलाबी की आंखें अपने बड़े भैया के लंड पर पड़ी तो उसके होश उड़ गए,,,, एकदम काला लंड एकदम किसी काले नाग की तरह हवा में लहरा रहा था जिस पर सरसों का तेल गिलाकर उसका भाई अपने लंड की मालिश कर रहा था,,,, यह दृश्य गुलाबी के लिए उत्तेजना की संपूर्ण पराकाष्ठा थी इसलिए तो उसकी बुर तुरंत गीली हो गई,,, उसकी सांसे बड़ी तेजी से चल रही थी वह कभी सोची नहीं थी कि मर्दों के पास इस तरह का लंड होता है,,,,। एक बार तो वह सचमुच में घबरा गई थी अपने भाई के लंड को देख करके इतना मोटा लंबा लंड छोटे से छेद में जाता कैसे होगा,,,,। वह सांसो को बांधकर अंदर के नजारे का लुफ्त उठाने लगी,,,, उसकी भाभी प्यासी नजरों से उसके भैया के लंड को देख रही थीऔर साथ में अपनी बड़ी बड़ी चूचियों को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर मसल भी रही थी,,,।
मैं हु ना मेरी रानी तुम अपने हाथों को क्यों तकलीफ देती हो मैं अपने हाथों से तुम्हारी चूची दबा दबा कर लाल कर दूंगा,,,(हरिया अपने लंड पर तेल की मालिश करते हुए बोला और अपने भाई की इतनी गंदी बात को सुनकर गुलाबी का गुलाबी गाल शर्म से लाल हो गया,,,वह कभी सोची नहीं थी किसके भैया इस तरह से गंदी बात करते होंगे लेकिन आज सब कुछ उसकी आंखों के सामने था,,,,)
आप बहुत शैतान है जी एक बार चोद चुके हो फिर भी आपका मन नहीं भर रहा है,,,,
भला औरत की बुर से कभी मन भरता है,,, अगर मर्दों का मन भर जाए तो औरत और मर्द के बीच प्यार का रिश्ता ही खत्म हो जाए,,,,,,, यही प्यास है जो हम दोनों के बीच अभी भी प्यार को बरकरार रखा हुआ है,,,,।
लेकिन आपका बहुत मोटा है दर्द करता है,,,
मोटा है तभी तो मजा आता है मेरी रानी और तभी तो तुम अभी तक जाग रही हो तुम्हें भी दुबारा लेने का मन कर रहा है तभी तो तुम्हारी बुर कितना पानी छोड़ रही है,,,
(अंदर का गरमा गरम दृश्य और साथ ही गरमा गरम वार्तालाप गुलाबी के तन बदन में मदहोशी भर रहा था,,, वह कभी सपने में नहीं सोचा थी कि वह अपनी आंखों से इस तरह का दृश्य देखेगी सब कुछ अद्भुत था,,,,गुलाबी की सांसे सिर्फ अंदर के नजारे को देखकर उनकी बातों को सुनकर बड़ी तेजी से चल रही थी,,,,)
अब देखना रानी एक बार पानी छोड़ दिया हूं अब देखना कितनी देर तक तुम्हारी चुदाई करता हूं,,,,
जोर जोर से मत करना दर्द करने लगता है,,,,(इस बार इतना कहते हुए गुलाबी की भाभी अपनी हथेली को अपनी दोनों टांगों के बीच लाकर अपनी बुर को मसलते हुए बोली तो इस नजारे को देख कर गुलाबी एकदम से मचल उठी और अपने आप ही उसका हाथ सलवार के ऊपर से ही बुर पर चला गया जिसे वह मसलना शुरू कर दी,,,,,)
जोर जोर से चोदने में ही मजा आता है धीरे धीरे से तो बिल्कुल भी मजा नहीं आता और तुम ही तो कहती हो और जोर से और जोर से मेरे राजा और जोर से,,,,
(इस बात पर गुलाबी की भाभी एकदम से शर्मा गई और बोली)
अच्छा अब जल्दी से आ जाओ मुझसे भी रहा नहीं जा रहा है,,,,
ओहहहह ,,,,, मेरी रानी मैं जानता हूं मेरे लंड को देखकर तुम्हारी बुर में पानी आ जा रहा है,,,, लो अभी तुम्हारी इच्छा पूरी कर देता हूं,,,,(और इतना कहते ही हरिया और गुलाबी की भाभी खुद अपनी दोनों टांगों को फैला दी गुलाबी को अंदर का दृश्य साफ नजर आ रहा था अपनी भाभी का गोरा बदन उसकी गुदाज पन को देखकर खुद गुलाबी के मुंह में और बुर में पानी आ रहा था,,, उसकी मोटी मोटी चिकनी जांघों को देखकर गुलाबी का होश खो रहा था देखते-देखते उसका भाई उसकी भाभी के दोनों टांगों के बीच आ गया और अपने लंड को हाथ में पकड़ कर उसकी गुलाबी बुर के गुलाबी छेद पर रख दिया,,,,, सब कुछ भुला भी कोई तुम साफ नजर आ रहा था उसका सब्र अब टूटता हुआ नजर आ रहा था उसने भी आनंद खाना मैं अपनी सलवार की डोरी खोल कर अपनी सलवार को नीचे कदमों में गिरा दी और अपनी नंगी बुर पर अपनी हथेली को रगड़ना शुरु कर दी,,,,और दूसरी तरफ उसका भाई अपने लंड को धीरे-धीरे उसकी भाभी की बुर में डालना शुरू कर दिया इसे देखकर गुलाबी से रहा नहीं गया और वह अपनी उंगली को अपनी बुर में डाल दी,,,,गुलाबी के लिए पहला मौका था जब वह अपनी उंगली को बुर में डाल रही थी इससे पहले वह बुर को अपनी हथेली से मसलती भर थी,,,। लेकिन आज उसे बहुत मजा आ रहा था मसलने से ज्यादा अपनी बुर में उंगली डालने में उसे आनंद की अनुभूति हो रही थी,,, दूसरी तरफ उसका भाई अपना पूरा लंड उसकी भाभी की बुर में डाल चुका था,,,।
अंदर कमरे में लालटेन की रोशनी में से साफ नजर आ रहा था जिसका कारण था कि लालटेन की रोशनी कि लोग कुछ ज्यादा ही की गई थी जिसका मतलब साफ था कि हरिया को रात के अंधेरे में नहीं बल्कि रात के उजाले में चुदाई करने में ज्यादा आनंद आता था,,,,लेकिन गांव में ऐसा होता नहीं था क्योंकि गांव की औरतों को शर्म के मारे अंधेरे में ही चुदवाने में मजा आता था और अंधेरे में चुदवाती भी थी,,,,,लेकिन गुलाबी अपने मन में सोचने लगी कि अच्छा हुआ कि उसके भाई और भाभी को ऊजाले में चुदाई करने का शौक है जिसकी बदौलत वह अपनी आंखों से सब कुछ साफ-साफ देख पा रही थी,,,।
क्या जबरदस्त और मादकता से भर देने वाला नजारा था,,, बगल के कमरे में गुलाबी के भैया और भाभी चुदाई में पूरी तरह से तल्लईन हो चुके थे और बगल के कमरे में गुलाबी खुद अपनी सलवार को खोलकर अपनी बुर में उंगली पेल रही थी,,, जिसमें उसे बहुत मजा आ रहा था और दूसरी तरफ राजू घोड़े बेच कर सो रहा था अगर ऐसे में कोई और लड़का होता तो उसकी आंख खुल गई होती और अब तक तो वह अपनी बुआ की बुर में लंड भी डाल दिया होता और जो कि उस समय उसकी बुआ को भी यही पसंद भी होता,,,।
धक्कों की गति बड़ी तेजी से खटिया को चरमरा रही थी जिससे उसकी भाभी की दोनों चूचियां पानी भरे गुब्बारे की तरह चल रही थी जो कि इस समय उसके भाई के दोनों हाथों में उसकी शोभा बढ़ा रही थी,,,।
गुलाबी के गाल शर्म के मारे और उत्तेजना से लाल हो चुके थे,,, वह साफ तौर पर देख पा रही थी कि उसके भैया बड़ी तेजी से अपनी कमर हिला रहे थे और उसकी भाभी मस्ती भरी सिसकारी ले रही थी उसे बहुत मजा आ रहा था जो कि उसके चेहरे से बंया हो रहा था,,,। देखते ही देखते गुलाबी का बड़ा भाई उसकी भाभी पर ढेर हो गया इसका मतलब साफ था कि दोनों का काम हो चुका था और इधर गुलाबी जोर जोर से अपनी बुर में उंगली डालकर पानी निकाल चुकी थी,,,, गुलाबी का भी गर्म लावा ठंडा हो चुका था,,,इसलिए वह नीचे झुक कर अपनी सलवार को ऊपर की ओर डोरी बांधकर वापस खटिया पर आकर सो गई,,।