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Incest बैलगाड़ी,,,,,

Ek number

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अंधेरी रात गहराई हुई थी चारों तरफ सिर्फ अंधेरा ही अंधेरा नजर आ रहा था रात का तीसरा पहर चल रहा था इसलिए इस शहर में गांव के सभी लोग गहरी नींद में सो रहे थे लेकिन राजू उसकी बड़ी दीदी और उसकी बुआ की आंखों में नींद बिल्कुल भी नहीं थी बल्कि रात भर जागने का नशा छाया हुआ था,,, और यह नशा था अपनी वासना की प्यास बुझाने का इसीलिए तो राजू की बात मानते हुए उसकी बुआ और उसकी बड़ी दीदी,,, संपूर्ण रुप से ले बस अवस्था में एकदम नंगी होकर घर से बाहर निकल आई थी राजू दोनों के कारण पर अपनी हथेली रखते हुए घर के पीछे लेकर चले जा रहा था,,,,अंधेरी रात में इस तरह से नग्नावस्था में भ्रमण करने में तीनों को अद्भुत आनंद की प्राप्ति हो रही थी,,, तीनों के बदन पर कपड़े का रेशा तक नहीं था,,,, अपनी बहन और अपनी बुआ की गांड पर हाथ रखने पर राजू के लंड में जान आ गई थी,,,, कुछ देर पहले ही अपनी बुआ औरअपनी बड़ी दीदी की बुर में लंड डालकर अपनी गर्मी को शांत कर चुका था लेकिन अपनी बहन और अपनी बुआ की गर्म जवानी से एक बार फिर से और गर्म हो चुका था,,,।

देखते ही देखते दोनों घर के पीछे पहुंच चुके थे घर के पीछे वाला भाग हरिया का ही था जहां पर गाय भैंस बकरियां बांधी जाती थी और इस जगह को चारों तरफ से लकड़ियों से और जंगली झाड़ियों से गहरा बनाया हुआ था इसलिए यहां पर किसी के देखे जाने की बिल्कुल भी संभावना नहीं थी इसलिए तीनों निश्चिंत थे,,,।

अब मुतना शुरू करो मेरी रंडियो,,,(दोनों की गांड पर एक साथ चपत लगाते हुए बोला,,, लेकिन अपने छोटे भाई की बात सुनकर महुआ शर्म से पानी-पानी होने लगी,,,,,,उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें गुलाबी महुआ की हालत को अच्छी तरह से समझ रही थी,,,, इसलिए गुलाबी मुस्कुराते हुए मुतने के लिए सबसे पहले बैठ गईक्योंकि उतारने के लिए कपड़े तो उसने पहने ही नहीं थे इसलिए बड़े आराम से वह बैठ गई थी,,,, अभी उसने अपनी गुलामी पुर से पेशाब की धार मारना शुरू नहीं की थी और वह महुआ से बोली,,,।

अब क्यों शर्मा रही है मेरी रानी शर्म करने का अब कोई फायदा नहीं है शर्म का पर्दा हम तीनों के बीच से हट चुका है बैठ जा मेरी तरह वरना खड़े-खड़े मुतने लगेगी,,,,(इतना कहने के साथ ही गुलाबी अपनी गुलाबी छूत में से पेशाब की धार मारना शुरू कर दी और उसमें से मधुर संगीत फूट पड़ी जोकि राजू और महुवा दोनों के कानों में साफ सुनाई दे रही थी राजू तो पूरी तरह से मदहोश हो गया अपनी बुआ की पेशाब की मधुर धुन सुनकर और यही हाल महुआ का भी हो रहा था,,,, यह सब उसके साथ पहली बार हो रहा था उसकी बुआ उसकी आंखों के सामने एकदम नंगी बैठकर पेशाब कर रही थी राजू से बिल्कुल भी शर्म आ नहीं रही थी इतने सही होगा समझ गई थी कि दोनों के बीच कितना गहरा रिश्ता है,,,, गुलाबी अपना हाथ ऊपर की तरफ करके राजू के लंड को पकड़ ली और बोली,,,।

तू भी शुरू कर तू क्यों रुका है,,,,, मैं पकड़कर तुझे मुताती हुं,,,,

मैं तो कर लूंगा बुआ लेकिन दीदी तो शुरू ही नहीं कर रही है,,,, और देख नहीं रही हो इनको कितनी जोर की लगी हुई है,,,,


क्या महुआ तु शर्माती बहुत है,,,।

मुझसे नहीं होगा बुआ,,,,


क्या यार नंगी होकर अपने भाई से चुदवा ली लेकिन उसके सामने मुतने में शर्म आ रही है,,,

चुदवाने की बात कुछ और थी लेकिन पेशाब करने में मुझे शर्म आ रही है,,,।


यार लगता यह काम भी मुझे ही करना होगा,,,(इतना कहने के साथ ही राजू अपने घुटनों के बल बैठ गया ना तो यह बात गुलाबी को समझ में आई और ना ही महुवा को,, राजू तुरंत अपना दोनों हाथ अपनी बहन की गांड पर रखकर उसे अपनी तरफ खींच लिया,,,, इतने से ही महुआ को समझ में आ गया था कि उसका भाई क्या करने वाला है और इस बात के एहसास से ही उसके तन बदन में कंपन सा होने लगा उसके घुटनों में ऐसा लग रहा था कि बिल्कुल भी दम नहीं है पल भर में ही महुआ की सांसे तेज चलने लगी,,, वह राजू को रोकना चाहती थी लेकिन उसके कुछ कहने से पहले ही रांजु अपने प्यासे होठों को तुरंत अपनी बहन की बुर पर रख दिया,,, राजू की इस हरकत पर महुआ उत्तेजना से तिलमिला उठी और ना चाहते हुए भी तुरंत ही उसके दोनों हाथ राजू के सर पर आ गए और वह कसके राजू के होठों को अपनी बुर से चिपकाते हुए अपनी कमर को आगे की तरफ ठेल दी ,,,,, महुआ पूरी तरह से उत्तेजना से भर चुकी थी यह देख कर गुलाबी भी हैरान थी कि राजू यह क्या कर रहा है,,,,,।

राजू अपनी बहन की बुर में से उठ रही मादक खुशबू के नशे में पूरी तरह से खोने लगा था,,, उसकी बुर से बेहद मदहोश कर देने वाली खुशबू उठ रही थी जिसमें वह अपने आप को बेहद उत्तेजना का अनुभव करते हुए मदहोश हुआ जा रहा था राजू तुरंत अपनी जी बाहर निकाल कर अपनी बहन की बुर में डाल कर चाटना शुरू कर दिया था,,,, जिसमें कुछ देर कल रहेगी उसका ही लंड गदर मचा आया हुआ था और अपना पूरा गरम लावा महुआ की गुलाबी छेद में उड़ेल दिया था,,,। गुलाबी राजू को इस तरह से अपनी बहन की बुर चाटते हुआ देखकर हैरान रह गई थी क्योंकि गुलाबी समझ गई थी कि जिस तरह से उसे बड़े जोरों की पेशाब लगी हुई है,,, वह राजू की हरकत की वजह से जरूर उसके मुंह में ही पेशाब करना शुरू कर देंगे इस बात को सोच कर ही गुलाबी पूरी तरह से दंग रह गई थी उसकी आंखें उन दोनों पर जम चुकी थी अपना तो वह खुद ही अपने गुलाबी छेद से पेशाब की धार दूर तक फेंक रही थी लेकिन उसके लिए यह देखना बेहद दिलचस्प हुआ जा रहा था कि अब आगे क्या होने वाला है,,,,,,

राजू एकदम मजे लेकर अपनी बहन की बुर में जीभ डालकर चाट रहा था उसे भी इस बात का एहसास था ,, महुआ तो पूरी तरह मदहोशी में डूबी जा रही थी इस तरह का आनंद उसने जिंदगी में कभी नहीं ले पाई थी भले ही चोरी-छिपे गांव के लड़कों के साथ सारी संबंध बनाई थी लेकिन किसी भी लड़के ने इस तरह का मजा उसे कभी नहीं दिया था लड़कों को तो बस उसकी गुलाबी बुर से मतलब रहता था बस उस में लंड डाला मिलाया और निकाल दिया लेकिन राजू सबसे अलग था वह औरतों को खुश करने का संतुष्ट करने का हुनर अच्छी तरह से जानता था इसीलिए तो उसकी बात मानते हो उसकी बड़ी दीदी इस समय घर के पीछे संपूर्ण रूप से नंगी होकर खड़ी थी और राजू उसे आनंद के सागर में गोते लगवाने पर मजबूर किए जा रहा था राजू अपने दोनों हथेली को अपनी बहन की बड़ी बड़ी गांड पर रखकर से जोर से दबाते हुए उसकी गुलाबी छेद में अपनी जीभ को अंदर बाहर कर रहा था,,, महुआ को भी इस बात का एहसास हो चुका था किया वह ज्यादा देर तक थार नहीं पाई थी और ना होने का हो जाएगा वह कभी सपने भी नहीं सोची थी कि वह अपने भाई के साथ इस तरह की हरकत करेगी लेकिन आज वह हालात के आगे मजबूर हो चुकी थी उसके भाई ने उसे जो आनंद की परिभाषा का व्याख्यान अपनी हरकतों से दिया था उससे वह पूरी तरह से संतुष्ट हुए जा रहे थे इसलिए पीछे हटने का अब सवाल ही नहीं था लेकिन फिर भी अपने भाई को एक बार चेताते हुए,,, वह अपने भाई के बालों को पकड़ कर उसे पीछे करने की कोशिश करने लगे लेकिन ऐसा करने पर भी उसके बदन में जिस तरह की कंपन हो रही थी उससे उसकी कमर आगे की तरफ ही दबाव दे रही थी,,,, जिससे राजू की हरकत और ज्यादा बढ़ती जा रही थी गुलाबी की सांसे ऊपर नीचे हो रही थी उसे यह नजारा देखा नहीं जा रहा था,,, उससे रहा नहीं गया और वह बोली,,,।

हाय मेरी महुआ रानी अपने भाई के मुंह में मुत देगी क्या रे,,,
( गुलाबी का इतना कहना था कि महुआ से अपनी उत्तेजना और अपने पेशाब का दबाव बिल्कुल भी काबू में नहीं रहा और उसकी गुलाबी छेद से पेशाब की धार फूट पड़ी,,,छर्र्ररर,, की आवाज के साथ ही राजू के मुंह में उसकी बड़ी बहन की पेशाब की धार पिचकारी की तरह पड़ने लगी लेकिन राजू पूरी तरह से उत्तेजना के सागर में मदहोश हुआ जा रहा था यह जानते हुए भी कि उसकी बहन की पेशाब उसके मुंह में गिर रही है वह अपने मुंह को बिल्कुल भी नहीं हटाया,,,, महुआ शर्म से लाल हो जा रही थी वह पूरी तरह से शर्मिंदगी के एहसास में पानी पानी हुए जा रही थी और यह पानी उसके गुलाबी चैन से निकल रहा था वह अपने पेशाब पर पूरी तरह से काबू करने की लाख कोशिश कर रही थी लेकिन पेशाब की धार थी कि मयान से निकली तलवार थी जो कि अपने लक्ष्य को प्राप्त किए बिना वापस जाने वाली बिल्कुल भी नहीं थी और यह देखकर गुलाबी के तन बदन में आग लग गई और वह तुरंत अपनी दो उंगली एक साथ अपनी गुलाबी छेद में घुसा दी,,,,

यह कामुकता भरा नजारा बेशर्मी की सारी हदों को पार कर चुका था इस नजारे को देखकर किसी भी औरत या मर्द का पानी छोड़ जाए ,, आधी रात से ज्यादा समय हो रहा था पूरा गांव चैन की नींद सो रहा था लेकिन तीनों की आंखों में नींद बिल्कुल भी नहीं थी,,,,, राजू छल छल करता हुआ अपनी जीत का सहारा लेकर अपनी बहन की पेशाब की धार को अपने गले में दटक रहा था पैसाब का खारा पानी उसे और ज्यादा मदहोश कर रहा था,,,, महुआ की सांसे बड़ी तेजी से चल रही थी क्योंकि अपने भाई की हरकत की वजह से ना चाहते हुए भी उसकी गुलाबी छेद से पेशाब की धार तो फूट पड़ी थी लेकिन वह इतनी ज्यादा उत्तेजित हो चुकी थी की उसका पानी निकलने वाला था और देखते ही देखते वह अपने भाई के सर को बड़े जोरों से पकड़ लिया और उसे अपने गुरु पर जोर से दबाते हुए गरमा गरम सिसकारी लेने लगी,,,

ससससहहह आहहररहह ,,,,,राजु,,,,ऊममममममम,आहहह,,,,।

राजू समझ गया था कि उसकी बहन का पानी भी निकल रहा है इसी के चलते वह अपना एक हाथ अपने लंड पर पकड़ कर उसे हिलाना शुरू कर दिया था लेकिन वह जानता था कि बिना उसकी बहन की बुर में लंड डाले वह शांत होने वाला नहीं है अभी भी उसकी बहन की बुर से पेशाब की धार निकल रही थी और वह तुरंत खड़ा हुआ और अपनी बहन को आगे से अपनी बाहों में भरते हुए,,,
उसकी एक टांग को पकड़ कर ऊपर की तरफ उठाया और अपनी कमर पर लपेट दिया और एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर अंधेरे में ही अपनी बहन की गुलाबी बुर के छेद को टटोलना शुरू कर दिया,,, अपनी बहन के गुलाबी छेद को ढूंढने में उसे परेशानी हो रही थी इसलिए अपने भाई की मदद करते हुए महुआ ही एक हाथ नीचे की तरफ लाकर अपने भाई के लंड को पकड़ लिया और उसे अपनी गुलाबी बुरके छेद पर रख दी,,,,

एक भटके हुए राही को उसकी मंजिल मिल गई थी और वह अपनी बहन की गांड को दोनों हाथों से पकड़कर अपनी तरफ खींचा और अपने कमर को आगे की तरफ ठेला ऐसा करने से,,, उसका मोटा तगड़ा लंबा लंड बुर का गीलापन पाते ही एक झटके में ही अंदर घुस गया और पहली बार में ही बहुवा की बच्चेदानी से जा टकराया,,,, बच्चेदानी पर ठोकर लगते ही महुआ के मुंह से हल्की सी चीख निकल गई लेकिन जो आनंद उसे प्राप्त हुआ उसके आगे यह दर्द कुछ भी नहीं था उसे हैरानी हो रही थी कि उसके भाई का लंड बड़े आराम से उसके बच्चेदानी तक पहुंच जा रहा था और देखते ही देखते राजू एक बार फिर से अपनी बहन को चोदना शुरू कर दिया था राजू की अद्भुत ताकत को देखकर महुआ हैरान थी उसकी मर्दाना ताकत के आगे वह घुटने टेक चुकी थी अब तक गांव के कई लड़कों ने उसके साथ शारीरिक संबंध बना चुका था लेकिन उसे इस तरह की तृप्ति का एहसास किसी ने नहींकराया था इसलिए महुआ अपनी भाई की दीवानी हो गई थी राजू अपनी बहन को चोदना शुरू कर दिया था और रह-रहकर उसकी बुर।से पेशाब की धार निकल जा रही थी यह एहसास ही बेहद अद्भुत था,,,, महुआ इस मदहोशी भरे दृश्य को देखकर आश्चर्यचकित हुए जा रही थी महीनों से राजू उसकी चुदाई करता आ रहा था लेकिन इस तरह से कभी नहीं चोदा था,,, गुलाबी की उंगली अभी भी उसकी बुर में थी और वह बैठी हुई थी वह अपनी बुर में उंगली डाले हुए ही खड़ी हो गई और अंदर बाहर करते हुए महुआ के ठीक पीछे आकर खड़ी हो गई और अपनी बुर को उसकी गद्देदार गांड पर रखकर रगड़ना शुरू कर दी,,,, महुआ के तन बदन में आग लगी जा रही थी आगे से राजू और पीछे से उसकी होगा दोनों के बीच में वह पीस रही थी लेकिन,, इस तरह से पिसाने में भी मजा आ रहा था,,,।

ओह राजू लगता है कि तुम आज अपनी बहन की बुर फाड़ डालेगा उसकी बुर का भोसड़ा बना देगा,

हां बुआ मेरा भी ईरादा कुछ ऐसा ही है,, क्या करूं दीदी की बुर इतनी कसी हुई है कि इस में लंड डालने में बहुत मजा आ रहा है,,,,

( दोनों की बातें सुनकर महुआ की हालत खराब हो रही थी अपने भाई की बेशर्मी भरी बातें उसे और ज्यादा आनंदित कर रही थी सचमुच में वह समझ गई थी कि उसका भाई पूरी तरह से जवान हो गया है और पूरा मर्द बन चुका है,,, अपनी बहन के लाल-लाल होठों पर अपने होंठ रखते हुए वह उसके होठों का रसपान करने लगा यह महुआ के लिए और भी ज्यादा शर्मिंदगी का अहसास दिला रहा था बड़ी-बड़ी चूचियां राजू की छाती से रगड़ खा रही थी जिससे दोनों का मजा दुगना हुआ जा रहा था पीछे से महुआ की गद्देदार गांड पर गुलाबी अपनी गुलाबी बुर को रगड़ रही थी वह भी गरम सिसकारी के साथ,,,,)

कैसा लग रहा है दीदी ,,?राजू अपने होठों को अपनी बहन के होठों से अलग करते हुए बोला,,, अपने भाई के द्वारा पूछे जाने वाला यह सवाल महुआ के तन बदन में आग लगा रहा था क्योंकि महुआ के लिए उसका भाई अभी भी छोटा था वही राजू था जिसे वह गोद में लेकर खिलाया करती थी इसीलिए उसके मुंह से इस तरह की अश्लील बातें सुनकर उसे आनंद तो आ रहा था लेकिन शर्म से उसका मुखड़ा लाल हुआ जा रहा था अपनी बहन की तरफ से चुप्पी को देखकर राजू फिर से बोला,,)

क्या हुआ दीदी मेरा मोटा लंड तुम्हारी बुर में मजा तो दे रहा है ना कहीं ऐसा ना हो कि मैं भी जीजा की तरह तुम्हारी प्यास बुझाने में नाकामयाब हो जाऊं,,,।

आहहहहर ,,,, नहीं रे राजू तू बहुत मजा दे रहा है मैं तो कभी सोची भी नहीं थी कि किसी का लंड ईतना मोटा और लंबा होता है,,,

क्यों दीदी जीजाजी का कैसा है,,?

तेरे से आधा भी नहीं होगा राजू,,, और तो और 2 धक्के में तो उनका काम हो जाता है,,, लेकिन मैं बिस्तर पर तड़पती रह जाती हूं,,,( राजू के धागों का मजा लेते हुए) और इसीलिए मैं तुझे मामा नहीं बना पा रही हूं,,
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हाय मेरी दीदी तू बिल्कुल भी चिंता मत करो मैं देखना अब दुनिया की नजर में मामा भी बनूंगा और तेरे बच्चे का बाप ही बनूंगा,,,
( अपनी भाई की यह बात सुनकर महुआ शर्म से पानी पानी हो गई लेकिन राजू की यही बातें उसे सांत्वना भी दे रही थी और मजा भी राजू अपने धक्के को तेज करने लगा उसकी कमर बड़ी तेजी से आगे पीछे हो रही थी महुआ की बुर में से फच्च फच्च की आवाज आना शुरू हो गई थी जिससे अंधेरी रात में और भी ज्यादा आनंद का एहसास हो रहा था गुलाबी जो क्रिया मर्द अपना लंड औरत की बुर में डालकर करता है वही क्रिया गुलाबी महुआ की गद्देदार गांड पर अपनी कमर हिला कर कर रहे थे गुलाबी के बुर बहुत पानी छोड़ रही थी इसलिए गुलाबी के धागों की वजह से भी फच्च फच्च की आवाज आ रही थी,,,,, देखते ही देखते एक बार फिर से महुआ की सांसें उखड़ने लगी और राजू उसे कस के आगे से अपनी बाहों में जकड़ कर अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया और देखते ही देखते दोनों एक साथ अपना गर्म लावा छोड़ दिए,,,, राजू झटके खाता हुआ अपना पानी छोड़ रहा था और यही हाल महुआ का भी था,,,।

थोड़ी देर बाद राजू अपनी बहन को अपने से अलग किया और अपने लंड को झटक कर उस पर लगा पानी गिराने लगा,,, और अपनी बहन की आंखों के सामने ही पेशाब करता हुआ बोला,,,।

क्यों दीदी कैसा लगा अब तो तुम्हें कोई चिंता नहीं है ना,,,


किस बात की,,,

अरे मां बनने की,,, मुझ पर तो भरोसा है ना,,,

धत् कैसी बातें कर रहा है,,,

अरे सच कह रहा हूं,,,( ऐसा कहते हुए राजू अपने लंड को पकड़ कर पेशाब की धार दूर तक मार रहा था और यह देखकर गुलाबी और महुआ दोनों की हालत खराब हो रही थी महुआ पहली बार किसी मर्द को अपने इतना करीब खड़े होकर पेशाब करते हुए देख रही थी,, महुआ तो शर्मा भी नहीं थे लेकिन गुलाबी बिल्कुल भी शर्म नहीं कर रही थी,,, वह राजू के पास आई और वह अपना हाथ आगे बढ़ाकर राजू के लंड को पकड़ लि और बोली,,,।)

आज तू अपनी दीदी की सेवा करता रहेगा या मुझ पर भी रहम करेगा तुम दोनों की गरमा गरम चुदाई देखकर मेरी बुर में आग लगी हुई है,,,

तुम आओ बुआ तुम्हारी भी आग बुझा दु,,,,

यहां नहीं कमरे में चलकर,,,,

ठीक है मेरी रानी,,( पेशाब की बाकी बची हुई बहुत तो अपना लंड को झटका देकर गिराते हुए राजू बोला और फिर आगे बढ़कर गुलाबी को अपनी गोद में उठा लिया,,)

अरे अरे यह क्या कर रहा है बुआ गिर जाएगी,,,।

तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो दीदी बुआ को मैं आराम से कमरे तक ले जाऊंगा आखिर इनकी सेवा कर कर मुझे भी तो मजा आएगा इसलिए थोड़ी बहुत तो मेहनत तो करनी ही पड़ेगी ना,,,,
( और इतना कहने के साथ ही राजू रात के अंधेरे में अपनी बुआ को अपनी गोद में उठाए हुए आगे आगे चले लगा और पीछे पीछे महुआ महुआ अपने चारों तरफ नजर घुमा कर देख रही थी कि कहीं कोई देख तो नहीं रहा है क्योंकि अगर कोई देख लेगा तो गजब हो जाएगा लेकिन इतनी रात को कौन हूं वहां आने वाला था लेकिन मैं राजू की ताकत पर पूरी तरह से फिदा हो चुकी थी अपने भाई के मर्दाना अंग और उसकी ताकत के आगे उसकी जवानी पानी भरते हुए नजर आ रही थी,,, देखते ही देखते तीनो वापस अपने कमरे में आ गए और राजू,, अपनी बुआ को चटाई पर बैठा कर अपने लंड को हिलाता हुआ उसकी आंखों के सामने कर दिया,,, महुआ यह देखकर हैरान थी कि दो दो बार चुदाई करने के बावजूद भी उसके भाई का लंड खड़ा था बस थोड़ा सा ढीला पड़ चुका था जिसे उसकी बुआ अपने हाथ में लेकर चलाते हुए उसे मुंह में लेकर चूसने शुरू कर दी थी और देखते ही देखते एक बार फिर से उसके भाई का लंड घुड़सवारी करने के लिए तैयार हो चुका था,,,,

राजू एक बार फिर से अपनी बहन की आंखों के सामने बेशर्मी दिखाते हुए अपनी बुआ की दोनों टांगों को अपने हाथों से फैलाते हुए अपने लिए बीच में जगह बना लिया और देखते ही देखते अपने मोटे तगड़े लंड को अपनी बुआ की बुर में डालकर अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया राजू की खबर बड़ी रफ्तार से खेल रही थी पहली बार सही राजू अपनी बुआ की जमकर चुदाई कर रहा था और उसकी बुआ मस्त होकर गरमा गरम सिसकारी ले रही थी,,,,

यह सिलसिला एक बार शुरू हुआ तो जब तक महुआ अपने घर वापस नहीं चली गई तब तक यह सिलसिला चलता रहा लेकिन इस कामुकता भरे सफर मैं उन तीनों को छोड़कर कोई चौथा राहगीर नहीं मिला और महुआ को किसी दूसरे की जरूरत ही नहीं पड़ी क्योंकि उसका भाई ही उसे पूरी तरह से मस्त कर देता था उसे पूरी तरह से थका देता था,,,,,, महुआ 15 दिन जैसा अपने मायके में थी फिर उसका देवर उसे लेने आ गया और मन ना होने के बावजूद भी उसे जाना पड़ा,,। लेकिन इतने दिनों में राजू ने अपनी बहन को एक भी बात छोड़ा नहीं था रोज उसकी चुदाई करता था जितना मौका मिलता था उतना क्योंकि उसके सर पर उसे मां बनाने की जिम्मेदारी भी थी,,,,

राजू फिर से अपने पिताजी के साथ बैलगाड़ी लेकर जाने लगा था कभी-कभी तो वह खुद है अकेला ही चला जाता था,,,,,, शाम को लौटते समय आज उसे लाला के ब्याज के पैसे देने थे वह सोचा कि लाला के घर जाकर उसके बाद के पैसे भी दे देगा और सोनी से मुलाकात भी हो जाएगी क्योंकि काफी दिन हो गए थे सोनी को उसने गांव में देखा नहीं था और ना ही उससे मिला था,,, इसलिए राजू बेल गाड़ी लेकर लाला के घर की तरफ चल दिया अंधेरा हो चुका था वह ऊंचे नीचे रास्तों पर से बैलगाड़ी लेकर चला जा रहा था और अपने दोनों में ही गाना गुनगुनाता हुआ अपनी मस्ती में आगे बढ़ता चला जा रहा था,,
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Annade123321

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अंधेरी रात गहराई हुई थी चारों तरफ सिर्फ अंधेरा ही अंधेरा नजर आ रहा था रात का तीसरा पहर चल रहा था इसलिए इस शहर में गांव के सभी लोग गहरी नींद में सो रहे थे लेकिन राजू उसकी बड़ी दीदी और उसकी बुआ की आंखों में नींद बिल्कुल भी नहीं थी बल्कि रात भर जागने का नशा छाया हुआ था,,, और यह नशा था अपनी वासना की प्यास बुझाने का इसीलिए तो राजू की बात मानते हुए उसकी बुआ और उसकी बड़ी दीदी,,, संपूर्ण रुप से ले बस अवस्था में एकदम नंगी होकर घर से बाहर निकल आई थी राजू दोनों के कारण पर अपनी हथेली रखते हुए घर के पीछे लेकर चले जा रहा था,,,,अंधेरी रात में इस तरह से नग्नावस्था में भ्रमण करने में तीनों को अद्भुत आनंद की प्राप्ति हो रही थी,,, तीनों के बदन पर कपड़े का रेशा तक नहीं था,,,, अपनी बहन और अपनी बुआ की गांड पर हाथ रखने पर राजू के लंड में जान आ गई थी,,,, कुछ देर पहले ही अपनी बुआ औरअपनी बड़ी दीदी की बुर में लंड डालकर अपनी गर्मी को शांत कर चुका था लेकिन अपनी बहन और अपनी बुआ की गर्म जवानी से एक बार फिर से और गर्म हो चुका था,,,।

देखते ही देखते दोनों घर के पीछे पहुंच चुके थे घर के पीछे वाला भाग हरिया का ही था जहां पर गाय भैंस बकरियां बांधी जाती थी और इस जगह को चारों तरफ से लकड़ियों से और जंगली झाड़ियों से गहरा बनाया हुआ था इसलिए यहां पर किसी के देखे जाने की बिल्कुल भी संभावना नहीं थी इसलिए तीनों निश्चिंत थे,,,।

अब मुतना शुरू करो मेरी रंडियो,,,(दोनों की गांड पर एक साथ चपत लगाते हुए बोला,,, लेकिन अपने छोटे भाई की बात सुनकर महुआ शर्म से पानी-पानी होने लगी,,,,,,उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें गुलाबी महुआ की हालत को अच्छी तरह से समझ रही थी,,,, इसलिए गुलाबी मुस्कुराते हुए मुतने के लिए सबसे पहले बैठ गईक्योंकि उतारने के लिए कपड़े तो उसने पहने ही नहीं थे इसलिए बड़े आराम से वह बैठ गई थी,,,, अभी उसने अपनी गुलामी पुर से पेशाब की धार मारना शुरू नहीं की थी और वह महुआ से बोली,,,।

अब क्यों शर्मा रही है मेरी रानी शर्म करने का अब कोई फायदा नहीं है शर्म का पर्दा हम तीनों के बीच से हट चुका है बैठ जा मेरी तरह वरना खड़े-खड़े मुतने लगेगी,,,,(इतना कहने के साथ ही गुलाबी अपनी गुलाबी छूत में से पेशाब की धार मारना शुरू कर दी और उसमें से मधुर संगीत फूट पड़ी जोकि राजू और महुवा दोनों के कानों में साफ सुनाई दे रही थी राजू तो पूरी तरह से मदहोश हो गया अपनी बुआ की पेशाब की मधुर धुन सुनकर और यही हाल महुआ का भी हो रहा था,,,, यह सब उसके साथ पहली बार हो रहा था उसकी बुआ उसकी आंखों के सामने एकदम नंगी बैठकर पेशाब कर रही थी राजू से बिल्कुल भी शर्म आ नहीं रही थी इतने सही होगा समझ गई थी कि दोनों के बीच कितना गहरा रिश्ता है,,,, गुलाबी अपना हाथ ऊपर की तरफ करके राजू के लंड को पकड़ ली और बोली,,,।

तू भी शुरू कर तू क्यों रुका है,,,,, मैं पकड़कर तुझे मुताती हुं,,,,

मैं तो कर लूंगा बुआ लेकिन दीदी तो शुरू ही नहीं कर रही है,,,, और देख नहीं रही हो इनको कितनी जोर की लगी हुई है,,,,


क्या महुआ तु शर्माती बहुत है,,,।

मुझसे नहीं होगा बुआ,,,,


क्या यार नंगी होकर अपने भाई से चुदवा ली लेकिन उसके सामने मुतने में शर्म आ रही है,,,

चुदवाने की बात कुछ और थी लेकिन पेशाब करने में मुझे शर्म आ रही है,,,।


यार लगता यह काम भी मुझे ही करना होगा,,,(इतना कहने के साथ ही राजू अपने घुटनों के बल बैठ गया ना तो यह बात गुलाबी को समझ में आई और ना ही महुवा को,, राजू तुरंत अपना दोनों हाथ अपनी बहन की गांड पर रखकर उसे अपनी तरफ खींच लिया,,,, इतने से ही महुआ को समझ में आ गया था कि उसका भाई क्या करने वाला है और इस बात के एहसास से ही उसके तन बदन में कंपन सा होने लगा उसके घुटनों में ऐसा लग रहा था कि बिल्कुल भी दम नहीं है पल भर में ही महुआ की सांसे तेज चलने लगी,,, वह राजू को रोकना चाहती थी लेकिन उसके कुछ कहने से पहले ही रांजु अपने प्यासे होठों को तुरंत अपनी बहन की बुर पर रख दिया,,, राजू की इस हरकत पर महुआ उत्तेजना से तिलमिला उठी और ना चाहते हुए भी तुरंत ही उसके दोनों हाथ राजू के सर पर आ गए और वह कसके राजू के होठों को अपनी बुर से चिपकाते हुए अपनी कमर को आगे की तरफ ठेल दी ,,,,, महुआ पूरी तरह से उत्तेजना से भर चुकी थी यह देख कर गुलाबी भी हैरान थी कि राजू यह क्या कर रहा है,,,,,।

राजू अपनी बहन की बुर में से उठ रही मादक खुशबू के नशे में पूरी तरह से खोने लगा था,,, उसकी बुर से बेहद मदहोश कर देने वाली खुशबू उठ रही थी जिसमें वह अपने आप को बेहद उत्तेजना का अनुभव करते हुए मदहोश हुआ जा रहा था राजू तुरंत अपनी जी बाहर निकाल कर अपनी बहन की बुर में डाल कर चाटना शुरू कर दिया था,,,, जिसमें कुछ देर कल रहेगी उसका ही लंड गदर मचा आया हुआ था और अपना पूरा गरम लावा महुआ की गुलाबी छेद में उड़ेल दिया था,,,। गुलाबी राजू को इस तरह से अपनी बहन की बुर चाटते हुआ देखकर हैरान रह गई थी क्योंकि गुलाबी समझ गई थी कि जिस तरह से उसे बड़े जोरों की पेशाब लगी हुई है,,, वह राजू की हरकत की वजह से जरूर उसके मुंह में ही पेशाब करना शुरू कर देंगे इस बात को सोच कर ही गुलाबी पूरी तरह से दंग रह गई थी उसकी आंखें उन दोनों पर जम चुकी थी अपना तो वह खुद ही अपने गुलाबी छेद से पेशाब की धार दूर तक फेंक रही थी लेकिन उसके लिए यह देखना बेहद दिलचस्प हुआ जा रहा था कि अब आगे क्या होने वाला है,,,,,,

राजू एकदम मजे लेकर अपनी बहन की बुर में जीभ डालकर चाट रहा था उसे भी इस बात का एहसास था ,, महुआ तो पूरी तरह मदहोशी में डूबी जा रही थी इस तरह का आनंद उसने जिंदगी में कभी नहीं ले पाई थी भले ही चोरी-छिपे गांव के लड़कों के साथ सारी संबंध बनाई थी लेकिन किसी भी लड़के ने इस तरह का मजा उसे कभी नहीं दिया था लड़कों को तो बस उसकी गुलाबी बुर से मतलब रहता था बस उस में लंड डाला मिलाया और निकाल दिया लेकिन राजू सबसे अलग था वह औरतों को खुश करने का संतुष्ट करने का हुनर अच्छी तरह से जानता था इसीलिए तो उसकी बात मानते हो उसकी बड़ी दीदी इस समय घर के पीछे संपूर्ण रूप से नंगी होकर खड़ी थी और राजू उसे आनंद के सागर में गोते लगवाने पर मजबूर किए जा रहा था राजू अपने दोनों हथेली को अपनी बहन की बड़ी बड़ी गांड पर रखकर से जोर से दबाते हुए उसकी गुलाबी छेद में अपनी जीभ को अंदर बाहर कर रहा था,,, महुआ को भी इस बात का एहसास हो चुका था किया वह ज्यादा देर तक थार नहीं पाई थी और ना होने का हो जाएगा वह कभी सपने भी नहीं सोची थी कि वह अपने भाई के साथ इस तरह की हरकत करेगी लेकिन आज वह हालात के आगे मजबूर हो चुकी थी उसके भाई ने उसे जो आनंद की परिभाषा का व्याख्यान अपनी हरकतों से दिया था उससे वह पूरी तरह से संतुष्ट हुए जा रहे थे इसलिए पीछे हटने का अब सवाल ही नहीं था लेकिन फिर भी अपने भाई को एक बार चेताते हुए,,, वह अपने भाई के बालों को पकड़ कर उसे पीछे करने की कोशिश करने लगे लेकिन ऐसा करने पर भी उसके बदन में जिस तरह की कंपन हो रही थी उससे उसकी कमर आगे की तरफ ही दबाव दे रही थी,,,, जिससे राजू की हरकत और ज्यादा बढ़ती जा रही थी गुलाबी की सांसे ऊपर नीचे हो रही थी उसे यह नजारा देखा नहीं जा रहा था,,, उससे रहा नहीं गया और वह बोली,,,।

हाय मेरी महुआ रानी अपने भाई के मुंह में मुत देगी क्या रे,,,
( गुलाबी का इतना कहना था कि महुआ से अपनी उत्तेजना और अपने पेशाब का दबाव बिल्कुल भी काबू में नहीं रहा और उसकी गुलाबी छेद से पेशाब की धार फूट पड़ी,,,छर्र्ररर,, की आवाज के साथ ही राजू के मुंह में उसकी बड़ी बहन की पेशाब की धार पिचकारी की तरह पड़ने लगी लेकिन राजू पूरी तरह से उत्तेजना के सागर में मदहोश हुआ जा रहा था यह जानते हुए भी कि उसकी बहन की पेशाब उसके मुंह में गिर रही है वह अपने मुंह को बिल्कुल भी नहीं हटाया,,,, महुआ शर्म से लाल हो जा रही थी वह पूरी तरह से शर्मिंदगी के एहसास में पानी पानी हुए जा रही थी और यह पानी उसके गुलाबी चैन से निकल रहा था वह अपने पेशाब पर पूरी तरह से काबू करने की लाख कोशिश कर रही थी लेकिन पेशाब की धार थी कि मयान से निकली तलवार थी जो कि अपने लक्ष्य को प्राप्त किए बिना वापस जाने वाली बिल्कुल भी नहीं थी और यह देखकर गुलाबी के तन बदन में आग लग गई और वह तुरंत अपनी दो उंगली एक साथ अपनी गुलाबी छेद में घुसा दी,,,,

यह कामुकता भरा नजारा बेशर्मी की सारी हदों को पार कर चुका था इस नजारे को देखकर किसी भी औरत या मर्द का पानी छोड़ जाए ,, आधी रात से ज्यादा समय हो रहा था पूरा गांव चैन की नींद सो रहा था लेकिन तीनों की आंखों में नींद बिल्कुल भी नहीं थी,,,,, राजू छल छल करता हुआ अपनी जीत का सहारा लेकर अपनी बहन की पेशाब की धार को अपने गले में दटक रहा था पैसाब का खारा पानी उसे और ज्यादा मदहोश कर रहा था,,,, महुआ की सांसे बड़ी तेजी से चल रही थी क्योंकि अपने भाई की हरकत की वजह से ना चाहते हुए भी उसकी गुलाबी छेद से पेशाब की धार तो फूट पड़ी थी लेकिन वह इतनी ज्यादा उत्तेजित हो चुकी थी की उसका पानी निकलने वाला था और देखते ही देखते वह अपने भाई के सर को बड़े जोरों से पकड़ लिया और उसे अपने गुरु पर जोर से दबाते हुए गरमा गरम सिसकारी लेने लगी,,,

ससससहहह आहहररहह ,,,,,राजु,,,,ऊममममममम,आहहह,,,,।

राजू समझ गया था कि उसकी बहन का पानी भी निकल रहा है इसी के चलते वह अपना एक हाथ अपने लंड पर पकड़ कर उसे हिलाना शुरू कर दिया था लेकिन वह जानता था कि बिना उसकी बहन की बुर में लंड डाले वह शांत होने वाला नहीं है अभी भी उसकी बहन की बुर से पेशाब की धार निकल रही थी और वह तुरंत खड़ा हुआ और अपनी बहन को आगे से अपनी बाहों में भरते हुए,,,
उसकी एक टांग को पकड़ कर ऊपर की तरफ उठाया और अपनी कमर पर लपेट दिया और एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर अंधेरे में ही अपनी बहन की गुलाबी बुर के छेद को टटोलना शुरू कर दिया,,, अपनी बहन के गुलाबी छेद को ढूंढने में उसे परेशानी हो रही थी इसलिए अपने भाई की मदद करते हुए महुआ ही एक हाथ नीचे की तरफ लाकर अपने भाई के लंड को पकड़ लिया और उसे अपनी गुलाबी बुरके छेद पर रख दी,,,,

एक भटके हुए राही को उसकी मंजिल मिल गई थी और वह अपनी बहन की गांड को दोनों हाथों से पकड़कर अपनी तरफ खींचा और अपने कमर को आगे की तरफ ठेला ऐसा करने से,,, उसका मोटा तगड़ा लंबा लंड बुर का गीलापन पाते ही एक झटके में ही अंदर घुस गया और पहली बार में ही बहुवा की बच्चेदानी से जा टकराया,,,, बच्चेदानी पर ठोकर लगते ही महुआ के मुंह से हल्की सी चीख निकल गई लेकिन जो आनंद उसे प्राप्त हुआ उसके आगे यह दर्द कुछ भी नहीं था उसे हैरानी हो रही थी कि उसके भाई का लंड बड़े आराम से उसके बच्चेदानी तक पहुंच जा रहा था और देखते ही देखते राजू एक बार फिर से अपनी बहन को चोदना शुरू कर दिया था राजू की अद्भुत ताकत को देखकर महुआ हैरान थी उसकी मर्दाना ताकत के आगे वह घुटने टेक चुकी थी अब तक गांव के कई लड़कों ने उसके साथ शारीरिक संबंध बना चुका था लेकिन उसे इस तरह की तृप्ति का एहसास किसी ने नहींकराया था इसलिए महुआ अपनी भाई की दीवानी हो गई थी राजू अपनी बहन को चोदना शुरू कर दिया था और रह-रहकर उसकी बुर।से पेशाब की धार निकल जा रही थी यह एहसास ही बेहद अद्भुत था,,,, महुआ इस मदहोशी भरे दृश्य को देखकर आश्चर्यचकित हुए जा रही थी महीनों से राजू उसकी चुदाई करता आ रहा था लेकिन इस तरह से कभी नहीं चोदा था,,, गुलाबी की उंगली अभी भी उसकी बुर में थी और वह बैठी हुई थी वह अपनी बुर में उंगली डाले हुए ही खड़ी हो गई और अंदर बाहर करते हुए महुआ के ठीक पीछे आकर खड़ी हो गई और अपनी बुर को उसकी गद्देदार गांड पर रखकर रगड़ना शुरू कर दी,,,, महुआ के तन बदन में आग लगी जा रही थी आगे से राजू और पीछे से उसकी होगा दोनों के बीच में वह पीस रही थी लेकिन,, इस तरह से पिसाने में भी मजा आ रहा था,,,।

ओह राजू लगता है कि तुम आज अपनी बहन की बुर फाड़ डालेगा उसकी बुर का भोसड़ा बना देगा,

हां बुआ मेरा भी ईरादा कुछ ऐसा ही है,, क्या करूं दीदी की बुर इतनी कसी हुई है कि इस में लंड डालने में बहुत मजा आ रहा है,,,,

( दोनों की बातें सुनकर महुआ की हालत खराब हो रही थी अपने भाई की बेशर्मी भरी बातें उसे और ज्यादा आनंदित कर रही थी सचमुच में वह समझ गई थी कि उसका भाई पूरी तरह से जवान हो गया है और पूरा मर्द बन चुका है,,, अपनी बहन के लाल-लाल होठों पर अपने होंठ रखते हुए वह उसके होठों का रसपान करने लगा यह महुआ के लिए और भी ज्यादा शर्मिंदगी का अहसास दिला रहा था बड़ी-बड़ी चूचियां राजू की छाती से रगड़ खा रही थी जिससे दोनों का मजा दुगना हुआ जा रहा था पीछे से महुआ की गद्देदार गांड पर गुलाबी अपनी गुलाबी बुर को रगड़ रही थी वह भी गरम सिसकारी के साथ,,,,)

कैसा लग रहा है दीदी ,,?राजू अपने होठों को अपनी बहन के होठों से अलग करते हुए बोला,,, अपने भाई के द्वारा पूछे जाने वाला यह सवाल महुआ के तन बदन में आग लगा रहा था क्योंकि महुआ के लिए उसका भाई अभी भी छोटा था वही राजू था जिसे वह गोद में लेकर खिलाया करती थी इसीलिए उसके मुंह से इस तरह की अश्लील बातें सुनकर उसे आनंद तो आ रहा था लेकिन शर्म से उसका मुखड़ा लाल हुआ जा रहा था अपनी बहन की तरफ से चुप्पी को देखकर राजू फिर से बोला,,)

क्या हुआ दीदी मेरा मोटा लंड तुम्हारी बुर में मजा तो दे रहा है ना कहीं ऐसा ना हो कि मैं भी जीजा की तरह तुम्हारी प्यास बुझाने में नाकामयाब हो जाऊं,,,।

आहहहहर ,,,, नहीं रे राजू तू बहुत मजा दे रहा है मैं तो कभी सोची भी नहीं थी कि किसी का लंड ईतना मोटा और लंबा होता है,,,

क्यों दीदी जीजाजी का कैसा है,,?

तेरे से आधा भी नहीं होगा राजू,,, और तो और 2 धक्के में तो उनका काम हो जाता है,,, लेकिन मैं बिस्तर पर तड़पती रह जाती हूं,,,( राजू के धागों का मजा लेते हुए) और इसीलिए मैं तुझे मामा नहीं बना पा रही हूं,,
l

हाय मेरी दीदी तू बिल्कुल भी चिंता मत करो मैं देखना अब दुनिया की नजर में मामा भी बनूंगा और तेरे बच्चे का बाप ही बनूंगा,,,
( अपनी भाई की यह बात सुनकर महुआ शर्म से पानी पानी हो गई लेकिन राजू की यही बातें उसे सांत्वना भी दे रही थी और मजा भी राजू अपने धक्के को तेज करने लगा उसकी कमर बड़ी तेजी से आगे पीछे हो रही थी महुआ की बुर में से फच्च फच्च की आवाज आना शुरू हो गई थी जिससे अंधेरी रात में और भी ज्यादा आनंद का एहसास हो रहा था गुलाबी जो क्रिया मर्द अपना लंड औरत की बुर में डालकर करता है वही क्रिया गुलाबी महुआ की गद्देदार गांड पर अपनी कमर हिला कर कर रहे थे गुलाबी के बुर बहुत पानी छोड़ रही थी इसलिए गुलाबी के धागों की वजह से भी फच्च फच्च की आवाज आ रही थी,,,,, देखते ही देखते एक बार फिर से महुआ की सांसें उखड़ने लगी और राजू उसे कस के आगे से अपनी बाहों में जकड़ कर अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया और देखते ही देखते दोनों एक साथ अपना गर्म लावा छोड़ दिए,,,, राजू झटके खाता हुआ अपना पानी छोड़ रहा था और यही हाल महुआ का भी था,,,।

थोड़ी देर बाद राजू अपनी बहन को अपने से अलग किया और अपने लंड को झटक कर उस पर लगा पानी गिराने लगा,,, और अपनी बहन की आंखों के सामने ही पेशाब करता हुआ बोला,,,।

क्यों दीदी कैसा लगा अब तो तुम्हें कोई चिंता नहीं है ना,,,


किस बात की,,,

अरे मां बनने की,,, मुझ पर तो भरोसा है ना,,,

धत् कैसी बातें कर रहा है,,,

अरे सच कह रहा हूं,,,( ऐसा कहते हुए राजू अपने लंड को पकड़ कर पेशाब की धार दूर तक मार रहा था और यह देखकर गुलाबी और महुआ दोनों की हालत खराब हो रही थी महुआ पहली बार किसी मर्द को अपने इतना करीब खड़े होकर पेशाब करते हुए देख रही थी,, महुआ तो शर्मा भी नहीं थे लेकिन गुलाबी बिल्कुल भी शर्म नहीं कर रही थी,,, वह राजू के पास आई और वह अपना हाथ आगे बढ़ाकर राजू के लंड को पकड़ लि और बोली,,,।)

आज तू अपनी दीदी की सेवा करता रहेगा या मुझ पर भी रहम करेगा तुम दोनों की गरमा गरम चुदाई देखकर मेरी बुर में आग लगी हुई है,,,

तुम आओ बुआ तुम्हारी भी आग बुझा दु,,,,

यहां नहीं कमरे में चलकर,,,,

ठीक है मेरी रानी,,( पेशाब की बाकी बची हुई बहुत तो अपना लंड को झटका देकर गिराते हुए राजू बोला और फिर आगे बढ़कर गुलाबी को अपनी गोद में उठा लिया,,)

अरे अरे यह क्या कर रहा है बुआ गिर जाएगी,,,।

तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो दीदी बुआ को मैं आराम से कमरे तक ले जाऊंगा आखिर इनकी सेवा कर कर मुझे भी तो मजा आएगा इसलिए थोड़ी बहुत तो मेहनत तो करनी ही पड़ेगी ना,,,,
( और इतना कहने के साथ ही राजू रात के अंधेरे में अपनी बुआ को अपनी गोद में उठाए हुए आगे आगे चले लगा और पीछे पीछे महुआ महुआ अपने चारों तरफ नजर घुमा कर देख रही थी कि कहीं कोई देख तो नहीं रहा है क्योंकि अगर कोई देख लेगा तो गजब हो जाएगा लेकिन इतनी रात को कौन हूं वहां आने वाला था लेकिन मैं राजू की ताकत पर पूरी तरह से फिदा हो चुकी थी अपने भाई के मर्दाना अंग और उसकी ताकत के आगे उसकी जवानी पानी भरते हुए नजर आ रही थी,,, देखते ही देखते तीनो वापस अपने कमरे में आ गए और राजू,, अपनी बुआ को चटाई पर बैठा कर अपने लंड को हिलाता हुआ उसकी आंखों के सामने कर दिया,,, महुआ यह देखकर हैरान थी कि दो दो बार चुदाई करने के बावजूद भी उसके भाई का लंड खड़ा था बस थोड़ा सा ढीला पड़ चुका था जिसे उसकी बुआ अपने हाथ में लेकर चलाते हुए उसे मुंह में लेकर चूसने शुरू कर दी थी और देखते ही देखते एक बार फिर से उसके भाई का लंड घुड़सवारी करने के लिए तैयार हो चुका था,,,,

राजू एक बार फिर से अपनी बहन की आंखों के सामने बेशर्मी दिखाते हुए अपनी बुआ की दोनों टांगों को अपने हाथों से फैलाते हुए अपने लिए बीच में जगह बना लिया और देखते ही देखते अपने मोटे तगड़े लंड को अपनी बुआ की बुर में डालकर अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया राजू की खबर बड़ी रफ्तार से खेल रही थी पहली बार सही राजू अपनी बुआ की जमकर चुदाई कर रहा था और उसकी बुआ मस्त होकर गरमा गरम सिसकारी ले रही थी,,,,

यह सिलसिला एक बार शुरू हुआ तो जब तक महुआ अपने घर वापस नहीं चली गई तब तक यह सिलसिला चलता रहा लेकिन इस कामुकता भरे सफर मैं उन तीनों को छोड़कर कोई चौथा राहगीर नहीं मिला और महुआ को किसी दूसरे की जरूरत ही नहीं पड़ी क्योंकि उसका भाई ही उसे पूरी तरह से मस्त कर देता था उसे पूरी तरह से थका देता था,,,,,, महुआ 15 दिन जैसा अपने मायके में थी फिर उसका देवर उसे लेने आ गया और मन ना होने के बावजूद भी उसे जाना पड़ा,,। लेकिन इतने दिनों में राजू ने अपनी बहन को एक भी बात छोड़ा नहीं था रोज उसकी चुदाई करता था जितना मौका मिलता था उतना क्योंकि उसके सर पर उसे मां बनाने की जिम्मेदारी भी थी,,,,

राजू फिर से अपने पिताजी के साथ बैलगाड़ी लेकर जाने लगा था कभी-कभी तो वह खुद है अकेला ही चला जाता था,,,,,, शाम को लौटते समय आज उसे लाला के ब्याज के पैसे देने थे वह सोचा कि लाला के घर जाकर उसके बाद के पैसे भी दे देगा और सोनी से मुलाकात भी हो जाएगी क्योंकि काफी दिन हो गए थे सोनी को उसने गांव में देखा नहीं था और ना ही उससे मिला था,,, इसलिए राजू बेल गाड़ी लेकर लाला के घर की तरफ चल दिया अंधेरा हो चुका था वह ऊंचे नीचे रास्तों पर से बैलगाड़ी लेकर चला जा रहा था और अपने दोनों में ही गाना गुनगुनाता हुआ अपनी मस्ती में आगे बढ़ता चला जा रहा था,,,
Badia vroo
 

Jenifar

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Most creative and erotic story... I love every single update
 

Raj malik

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अंधेरी रात गहराई हुई थी चारों तरफ सिर्फ अंधेरा ही अंधेरा नजर आ रहा था रात का तीसरा पहर चल रहा था इसलिए इस शहर में गांव के सभी लोग गहरी नींद में सो रहे थे लेकिन राजू उसकी बड़ी दीदी और उसकी बुआ की आंखों में नींद बिल्कुल भी नहीं थी बल्कि रात भर जागने का नशा छाया हुआ था,,, और यह नशा था अपनी वासना की प्यास बुझाने का इसीलिए तो राजू की बात मानते हुए उसकी बुआ और उसकी बड़ी दीदी,,, संपूर्ण रुप से ले बस अवस्था में एकदम नंगी होकर घर से बाहर निकल आई थी राजू दोनों के कारण पर अपनी हथेली रखते हुए घर के पीछे लेकर चले जा रहा था,,,,अंधेरी रात में इस तरह से नग्नावस्था में भ्रमण करने में तीनों को अद्भुत आनंद की प्राप्ति हो रही थी,,, तीनों के बदन पर कपड़े का रेशा तक नहीं था,,,, अपनी बहन और अपनी बुआ की गांड पर हाथ रखने पर राजू के लंड में जान आ गई थी,,,, कुछ देर पहले ही अपनी बुआ औरअपनी बड़ी दीदी की बुर में लंड डालकर अपनी गर्मी को शांत कर चुका था लेकिन अपनी बहन और अपनी बुआ की गर्म जवानी से एक बार फिर से और गर्म हो चुका था,,,।

देखते ही देखते दोनों घर के पीछे पहुंच चुके थे घर के पीछे वाला भाग हरिया का ही था जहां पर गाय भैंस बकरियां बांधी जाती थी और इस जगह को चारों तरफ से लकड़ियों से और जंगली झाड़ियों से गहरा बनाया हुआ था इसलिए यहां पर किसी के देखे जाने की बिल्कुल भी संभावना नहीं थी इसलिए तीनों निश्चिंत थे,,,।

अब मुतना शुरू करो मेरी रंडियो,,,(दोनों की गांड पर एक साथ चपत लगाते हुए बोला,,, लेकिन अपने छोटे भाई की बात सुनकर महुआ शर्म से पानी-पानी होने लगी,,,,,,उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें गुलाबी महुआ की हालत को अच्छी तरह से समझ रही थी,,,, इसलिए गुलाबी मुस्कुराते हुए मुतने के लिए सबसे पहले बैठ गईक्योंकि उतारने के लिए कपड़े तो उसने पहने ही नहीं थे इसलिए बड़े आराम से वह बैठ गई थी,,,, अभी उसने अपनी गुलामी पुर से पेशाब की धार मारना शुरू नहीं की थी और वह महुआ से बोली,,,।

अब क्यों शर्मा रही है मेरी रानी शर्म करने का अब कोई फायदा नहीं है शर्म का पर्दा हम तीनों के बीच से हट चुका है बैठ जा मेरी तरह वरना खड़े-खड़े मुतने लगेगी,,,,(इतना कहने के साथ ही गुलाबी अपनी गुलाबी छूत में से पेशाब की धार मारना शुरू कर दी और उसमें से मधुर संगीत फूट पड़ी जोकि राजू और महुवा दोनों के कानों में साफ सुनाई दे रही थी राजू तो पूरी तरह से मदहोश हो गया अपनी बुआ की पेशाब की मधुर धुन सुनकर और यही हाल महुआ का भी हो रहा था,,,, यह सब उसके साथ पहली बार हो रहा था उसकी बुआ उसकी आंखों के सामने एकदम नंगी बैठकर पेशाब कर रही थी राजू से बिल्कुल भी शर्म आ नहीं रही थी इतने सही होगा समझ गई थी कि दोनों के बीच कितना गहरा रिश्ता है,,,, गुलाबी अपना हाथ ऊपर की तरफ करके राजू के लंड को पकड़ ली और बोली,,,।

तू भी शुरू कर तू क्यों रुका है,,,,, मैं पकड़कर तुझे मुताती हुं,,,,

मैं तो कर लूंगा बुआ लेकिन दीदी तो शुरू ही नहीं कर रही है,,,, और देख नहीं रही हो इनको कितनी जोर की लगी हुई है,,,,


क्या महुआ तु शर्माती बहुत है,,,।

मुझसे नहीं होगा बुआ,,,,


क्या यार नंगी होकर अपने भाई से चुदवा ली लेकिन उसके सामने मुतने में शर्म आ रही है,,,

चुदवाने की बात कुछ और थी लेकिन पेशाब करने में मुझे शर्म आ रही है,,,।


यार लगता यह काम भी मुझे ही करना होगा,,,(इतना कहने के साथ ही राजू अपने घुटनों के बल बैठ गया ना तो यह बात गुलाबी को समझ में आई और ना ही महुवा को,, राजू तुरंत अपना दोनों हाथ अपनी बहन की गांड पर रखकर उसे अपनी तरफ खींच लिया,,,, इतने से ही महुआ को समझ में आ गया था कि उसका भाई क्या करने वाला है और इस बात के एहसास से ही उसके तन बदन में कंपन सा होने लगा उसके घुटनों में ऐसा लग रहा था कि बिल्कुल भी दम नहीं है पल भर में ही महुआ की सांसे तेज चलने लगी,,, वह राजू को रोकना चाहती थी लेकिन उसके कुछ कहने से पहले ही रांजु अपने प्यासे होठों को तुरंत अपनी बहन की बुर पर रख दिया,,, राजू की इस हरकत पर महुआ उत्तेजना से तिलमिला उठी और ना चाहते हुए भी तुरंत ही उसके दोनों हाथ राजू के सर पर आ गए और वह कसके राजू के होठों को अपनी बुर से चिपकाते हुए अपनी कमर को आगे की तरफ ठेल दी ,,,,, महुआ पूरी तरह से उत्तेजना से भर चुकी थी यह देख कर गुलाबी भी हैरान थी कि राजू यह क्या कर रहा है,,,,,।

राजू अपनी बहन की बुर में से उठ रही मादक खुशबू के नशे में पूरी तरह से खोने लगा था,,, उसकी बुर से बेहद मदहोश कर देने वाली खुशबू उठ रही थी जिसमें वह अपने आप को बेहद उत्तेजना का अनुभव करते हुए मदहोश हुआ जा रहा था राजू तुरंत अपनी जी बाहर निकाल कर अपनी बहन की बुर में डाल कर चाटना शुरू कर दिया था,,,, जिसमें कुछ देर कल रहेगी उसका ही लंड गदर मचा आया हुआ था और अपना पूरा गरम लावा महुआ की गुलाबी छेद में उड़ेल दिया था,,,। गुलाबी राजू को इस तरह से अपनी बहन की बुर चाटते हुआ देखकर हैरान रह गई थी क्योंकि गुलाबी समझ गई थी कि जिस तरह से उसे बड़े जोरों की पेशाब लगी हुई है,,, वह राजू की हरकत की वजह से जरूर उसके मुंह में ही पेशाब करना शुरू कर देंगे इस बात को सोच कर ही गुलाबी पूरी तरह से दंग रह गई थी उसकी आंखें उन दोनों पर जम चुकी थी अपना तो वह खुद ही अपने गुलाबी छेद से पेशाब की धार दूर तक फेंक रही थी लेकिन उसके लिए यह देखना बेहद दिलचस्प हुआ जा रहा था कि अब आगे क्या होने वाला है,,,,,,

राजू एकदम मजे लेकर अपनी बहन की बुर में जीभ डालकर चाट रहा था उसे भी इस बात का एहसास था ,, महुआ तो पूरी तरह मदहोशी में डूबी जा रही थी इस तरह का आनंद उसने जिंदगी में कभी नहीं ले पाई थी भले ही चोरी-छिपे गांव के लड़कों के साथ सारी संबंध बनाई थी लेकिन किसी भी लड़के ने इस तरह का मजा उसे कभी नहीं दिया था लड़कों को तो बस उसकी गुलाबी बुर से मतलब रहता था बस उस में लंड डाला मिलाया और निकाल दिया लेकिन राजू सबसे अलग था वह औरतों को खुश करने का संतुष्ट करने का हुनर अच्छी तरह से जानता था इसीलिए तो उसकी बात मानते हो उसकी बड़ी दीदी इस समय घर के पीछे संपूर्ण रूप से नंगी होकर खड़ी थी और राजू उसे आनंद के सागर में गोते लगवाने पर मजबूर किए जा रहा था राजू अपने दोनों हथेली को अपनी बहन की बड़ी बड़ी गांड पर रखकर से जोर से दबाते हुए उसकी गुलाबी छेद में अपनी जीभ को अंदर बाहर कर रहा था,,, महुआ को भी इस बात का एहसास हो चुका था किया वह ज्यादा देर तक थार नहीं पाई थी और ना होने का हो जाएगा वह कभी सपने भी नहीं सोची थी कि वह अपने भाई के साथ इस तरह की हरकत करेगी लेकिन आज वह हालात के आगे मजबूर हो चुकी थी उसके भाई ने उसे जो आनंद की परिभाषा का व्याख्यान अपनी हरकतों से दिया था उससे वह पूरी तरह से संतुष्ट हुए जा रहे थे इसलिए पीछे हटने का अब सवाल ही नहीं था लेकिन फिर भी अपने भाई को एक बार चेताते हुए,,, वह अपने भाई के बालों को पकड़ कर उसे पीछे करने की कोशिश करने लगे लेकिन ऐसा करने पर भी उसके बदन में जिस तरह की कंपन हो रही थी उससे उसकी कमर आगे की तरफ ही दबाव दे रही थी,,,, जिससे राजू की हरकत और ज्यादा बढ़ती जा रही थी गुलाबी की सांसे ऊपर नीचे हो रही थी उसे यह नजारा देखा नहीं जा रहा था,,, उससे रहा नहीं गया और वह बोली,,,।

हाय मेरी महुआ रानी अपने भाई के मुंह में मुत देगी क्या रे,,,
( गुलाबी का इतना कहना था कि महुआ से अपनी उत्तेजना और अपने पेशाब का दबाव बिल्कुल भी काबू में नहीं रहा और उसकी गुलाबी छेद से पेशाब की धार फूट पड़ी,,,छर्र्ररर,, की आवाज के साथ ही राजू के मुंह में उसकी बड़ी बहन की पेशाब की धार पिचकारी की तरह पड़ने लगी लेकिन राजू पूरी तरह से उत्तेजना के सागर में मदहोश हुआ जा रहा था यह जानते हुए भी कि उसकी बहन की पेशाब उसके मुंह में गिर रही है वह अपने मुंह को बिल्कुल भी नहीं हटाया,,,, महुआ शर्म से लाल हो जा रही थी वह पूरी तरह से शर्मिंदगी के एहसास में पानी पानी हुए जा रही थी और यह पानी उसके गुलाबी चैन से निकल रहा था वह अपने पेशाब पर पूरी तरह से काबू करने की लाख कोशिश कर रही थी लेकिन पेशाब की धार थी कि मयान से निकली तलवार थी जो कि अपने लक्ष्य को प्राप्त किए बिना वापस जाने वाली बिल्कुल भी नहीं थी और यह देखकर गुलाबी के तन बदन में आग लग गई और वह तुरंत अपनी दो उंगली एक साथ अपनी गुलाबी छेद में घुसा दी,,,,

यह कामुकता भरा नजारा बेशर्मी की सारी हदों को पार कर चुका था इस नजारे को देखकर किसी भी औरत या मर्द का पानी छोड़ जाए ,, आधी रात से ज्यादा समय हो रहा था पूरा गांव चैन की नींद सो रहा था लेकिन तीनों की आंखों में नींद बिल्कुल भी नहीं थी,,,,, राजू छल छल करता हुआ अपनी जीत का सहारा लेकर अपनी बहन की पेशाब की धार को अपने गले में दटक रहा था पैसाब का खारा पानी उसे और ज्यादा मदहोश कर रहा था,,,, महुआ की सांसे बड़ी तेजी से चल रही थी क्योंकि अपने भाई की हरकत की वजह से ना चाहते हुए भी उसकी गुलाबी छेद से पेशाब की धार तो फूट पड़ी थी लेकिन वह इतनी ज्यादा उत्तेजित हो चुकी थी की उसका पानी निकलने वाला था और देखते ही देखते वह अपने भाई के सर को बड़े जोरों से पकड़ लिया और उसे अपने गुरु पर जोर से दबाते हुए गरमा गरम सिसकारी लेने लगी,,,

ससससहहह आहहररहह ,,,,,राजु,,,,ऊममममममम,आहहह,,,,।

राजू समझ गया था कि उसकी बहन का पानी भी निकल रहा है इसी के चलते वह अपना एक हाथ अपने लंड पर पकड़ कर उसे हिलाना शुरू कर दिया था लेकिन वह जानता था कि बिना उसकी बहन की बुर में लंड डाले वह शांत होने वाला नहीं है अभी भी उसकी बहन की बुर से पेशाब की धार निकल रही थी और वह तुरंत खड़ा हुआ और अपनी बहन को आगे से अपनी बाहों में भरते हुए,,,
उसकी एक टांग को पकड़ कर ऊपर की तरफ उठाया और अपनी कमर पर लपेट दिया और एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर अंधेरे में ही अपनी बहन की गुलाबी बुर के छेद को टटोलना शुरू कर दिया,,, अपनी बहन के गुलाबी छेद को ढूंढने में उसे परेशानी हो रही थी इसलिए अपने भाई की मदद करते हुए महुआ ही एक हाथ नीचे की तरफ लाकर अपने भाई के लंड को पकड़ लिया और उसे अपनी गुलाबी बुरके छेद पर रख दी,,,,

एक भटके हुए राही को उसकी मंजिल मिल गई थी और वह अपनी बहन की गांड को दोनों हाथों से पकड़कर अपनी तरफ खींचा और अपने कमर को आगे की तरफ ठेला ऐसा करने से,,, उसका मोटा तगड़ा लंबा लंड बुर का गीलापन पाते ही एक झटके में ही अंदर घुस गया और पहली बार में ही बहुवा की बच्चेदानी से जा टकराया,,,, बच्चेदानी पर ठोकर लगते ही महुआ के मुंह से हल्की सी चीख निकल गई लेकिन जो आनंद उसे प्राप्त हुआ उसके आगे यह दर्द कुछ भी नहीं था उसे हैरानी हो रही थी कि उसके भाई का लंड बड़े आराम से उसके बच्चेदानी तक पहुंच जा रहा था और देखते ही देखते राजू एक बार फिर से अपनी बहन को चोदना शुरू कर दिया था राजू की अद्भुत ताकत को देखकर महुआ हैरान थी उसकी मर्दाना ताकत के आगे वह घुटने टेक चुकी थी अब तक गांव के कई लड़कों ने उसके साथ शारीरिक संबंध बना चुका था लेकिन उसे इस तरह की तृप्ति का एहसास किसी ने नहींकराया था इसलिए महुआ अपनी भाई की दीवानी हो गई थी राजू अपनी बहन को चोदना शुरू कर दिया था और रह-रहकर उसकी बुर।से पेशाब की धार निकल जा रही थी यह एहसास ही बेहद अद्भुत था,,,, महुआ इस मदहोशी भरे दृश्य को देखकर आश्चर्यचकित हुए जा रही थी महीनों से राजू उसकी चुदाई करता आ रहा था लेकिन इस तरह से कभी नहीं चोदा था,,, गुलाबी की उंगली अभी भी उसकी बुर में थी और वह बैठी हुई थी वह अपनी बुर में उंगली डाले हुए ही खड़ी हो गई और अंदर बाहर करते हुए महुआ के ठीक पीछे आकर खड़ी हो गई और अपनी बुर को उसकी गद्देदार गांड पर रखकर रगड़ना शुरू कर दी,,,, महुआ के तन बदन में आग लगी जा रही थी आगे से राजू और पीछे से उसकी होगा दोनों के बीच में वह पीस रही थी लेकिन,, इस तरह से पिसाने में भी मजा आ रहा था,,,।

ओह राजू लगता है कि तुम आज अपनी बहन की बुर फाड़ डालेगा उसकी बुर का भोसड़ा बना देगा,

हां बुआ मेरा भी ईरादा कुछ ऐसा ही है,, क्या करूं दीदी की बुर इतनी कसी हुई है कि इस में लंड डालने में बहुत मजा आ रहा है,,,,

( दोनों की बातें सुनकर महुआ की हालत खराब हो रही थी अपने भाई की बेशर्मी भरी बातें उसे और ज्यादा आनंदित कर रही थी सचमुच में वह समझ गई थी कि उसका भाई पूरी तरह से जवान हो गया है और पूरा मर्द बन चुका है,,, अपनी बहन के लाल-लाल होठों पर अपने होंठ रखते हुए वह उसके होठों का रसपान करने लगा यह महुआ के लिए और भी ज्यादा शर्मिंदगी का अहसास दिला रहा था बड़ी-बड़ी चूचियां राजू की छाती से रगड़ खा रही थी जिससे दोनों का मजा दुगना हुआ जा रहा था पीछे से महुआ की गद्देदार गांड पर गुलाबी अपनी गुलाबी बुर को रगड़ रही थी वह भी गरम सिसकारी के साथ,,,,)

कैसा लग रहा है दीदी ,,?राजू अपने होठों को अपनी बहन के होठों से अलग करते हुए बोला,,, अपने भाई के द्वारा पूछे जाने वाला यह सवाल महुआ के तन बदन में आग लगा रहा था क्योंकि महुआ के लिए उसका भाई अभी भी छोटा था वही राजू था जिसे वह गोद में लेकर खिलाया करती थी इसीलिए उसके मुंह से इस तरह की अश्लील बातें सुनकर उसे आनंद तो आ रहा था लेकिन शर्म से उसका मुखड़ा लाल हुआ जा रहा था अपनी बहन की तरफ से चुप्पी को देखकर राजू फिर से बोला,,)

क्या हुआ दीदी मेरा मोटा लंड तुम्हारी बुर में मजा तो दे रहा है ना कहीं ऐसा ना हो कि मैं भी जीजा की तरह तुम्हारी प्यास बुझाने में नाकामयाब हो जाऊं,,,।

आहहहहर ,,,, नहीं रे राजू तू बहुत मजा दे रहा है मैं तो कभी सोची भी नहीं थी कि किसी का लंड ईतना मोटा और लंबा होता है,,,

क्यों दीदी जीजाजी का कैसा है,,?

तेरे से आधा भी नहीं होगा राजू,,, और तो और 2 धक्के में तो उनका काम हो जाता है,,, लेकिन मैं बिस्तर पर तड़पती रह जाती हूं,,,( राजू के धागों का मजा लेते हुए) और इसीलिए मैं तुझे मामा नहीं बना पा रही हूं,,
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हाय मेरी दीदी तू बिल्कुल भी चिंता मत करो मैं देखना अब दुनिया की नजर में मामा भी बनूंगा और तेरे बच्चे का बाप ही बनूंगा,,,
( अपनी भाई की यह बात सुनकर महुआ शर्म से पानी पानी हो गई लेकिन राजू की यही बातें उसे सांत्वना भी दे रही थी और मजा भी राजू अपने धक्के को तेज करने लगा उसकी कमर बड़ी तेजी से आगे पीछे हो रही थी महुआ की बुर में से फच्च फच्च की आवाज आना शुरू हो गई थी जिससे अंधेरी रात में और भी ज्यादा आनंद का एहसास हो रहा था गुलाबी जो क्रिया मर्द अपना लंड औरत की बुर में डालकर करता है वही क्रिया गुलाबी महुआ की गद्देदार गांड पर अपनी कमर हिला कर कर रहे थे गुलाबी के बुर बहुत पानी छोड़ रही थी इसलिए गुलाबी के धागों की वजह से भी फच्च फच्च की आवाज आ रही थी,,,,, देखते ही देखते एक बार फिर से महुआ की सांसें उखड़ने लगी और राजू उसे कस के आगे से अपनी बाहों में जकड़ कर अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया और देखते ही देखते दोनों एक साथ अपना गर्म लावा छोड़ दिए,,,, राजू झटके खाता हुआ अपना पानी छोड़ रहा था और यही हाल महुआ का भी था,,,।

थोड़ी देर बाद राजू अपनी बहन को अपने से अलग किया और अपने लंड को झटक कर उस पर लगा पानी गिराने लगा,,, और अपनी बहन की आंखों के सामने ही पेशाब करता हुआ बोला,,,।

क्यों दीदी कैसा लगा अब तो तुम्हें कोई चिंता नहीं है ना,,,


किस बात की,,,

अरे मां बनने की,,, मुझ पर तो भरोसा है ना,,,

धत् कैसी बातें कर रहा है,,,

अरे सच कह रहा हूं,,,( ऐसा कहते हुए राजू अपने लंड को पकड़ कर पेशाब की धार दूर तक मार रहा था और यह देखकर गुलाबी और महुआ दोनों की हालत खराब हो रही थी महुआ पहली बार किसी मर्द को अपने इतना करीब खड़े होकर पेशाब करते हुए देख रही थी,, महुआ तो शर्मा भी नहीं थे लेकिन गुलाबी बिल्कुल भी शर्म नहीं कर रही थी,,, वह राजू के पास आई और वह अपना हाथ आगे बढ़ाकर राजू के लंड को पकड़ लि और बोली,,,।)

आज तू अपनी दीदी की सेवा करता रहेगा या मुझ पर भी रहम करेगा तुम दोनों की गरमा गरम चुदाई देखकर मेरी बुर में आग लगी हुई है,,,

तुम आओ बुआ तुम्हारी भी आग बुझा दु,,,,

यहां नहीं कमरे में चलकर,,,,

ठीक है मेरी रानी,,( पेशाब की बाकी बची हुई बहुत तो अपना लंड को झटका देकर गिराते हुए राजू बोला और फिर आगे बढ़कर गुलाबी को अपनी गोद में उठा लिया,,)

अरे अरे यह क्या कर रहा है बुआ गिर जाएगी,,,।

तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो दीदी बुआ को मैं आराम से कमरे तक ले जाऊंगा आखिर इनकी सेवा कर कर मुझे भी तो मजा आएगा इसलिए थोड़ी बहुत तो मेहनत तो करनी ही पड़ेगी ना,,,,
( और इतना कहने के साथ ही राजू रात के अंधेरे में अपनी बुआ को अपनी गोद में उठाए हुए आगे आगे चले लगा और पीछे पीछे महुआ महुआ अपने चारों तरफ नजर घुमा कर देख रही थी कि कहीं कोई देख तो नहीं रहा है क्योंकि अगर कोई देख लेगा तो गजब हो जाएगा लेकिन इतनी रात को कौन हूं वहां आने वाला था लेकिन मैं राजू की ताकत पर पूरी तरह से फिदा हो चुकी थी अपने भाई के मर्दाना अंग और उसकी ताकत के आगे उसकी जवानी पानी भरते हुए नजर आ रही थी,,, देखते ही देखते तीनो वापस अपने कमरे में आ गए और राजू,, अपनी बुआ को चटाई पर बैठा कर अपने लंड को हिलाता हुआ उसकी आंखों के सामने कर दिया,,, महुआ यह देखकर हैरान थी कि दो दो बार चुदाई करने के बावजूद भी उसके भाई का लंड खड़ा था बस थोड़ा सा ढीला पड़ चुका था जिसे उसकी बुआ अपने हाथ में लेकर चलाते हुए उसे मुंह में लेकर चूसने शुरू कर दी थी और देखते ही देखते एक बार फिर से उसके भाई का लंड घुड़सवारी करने के लिए तैयार हो चुका था,,,,

राजू एक बार फिर से अपनी बहन की आंखों के सामने बेशर्मी दिखाते हुए अपनी बुआ की दोनों टांगों को अपने हाथों से फैलाते हुए अपने लिए बीच में जगह बना लिया और देखते ही देखते अपने मोटे तगड़े लंड को अपनी बुआ की बुर में डालकर अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया राजू की खबर बड़ी रफ्तार से खेल रही थी पहली बार सही राजू अपनी बुआ की जमकर चुदाई कर रहा था और उसकी बुआ मस्त होकर गरमा गरम सिसकारी ले रही थी,,,,

यह सिलसिला एक बार शुरू हुआ तो जब तक महुआ अपने घर वापस नहीं चली गई तब तक यह सिलसिला चलता रहा लेकिन इस कामुकता भरे सफर मैं उन तीनों को छोड़कर कोई चौथा राहगीर नहीं मिला और महुआ को किसी दूसरे की जरूरत ही नहीं पड़ी क्योंकि उसका भाई ही उसे पूरी तरह से मस्त कर देता था उसे पूरी तरह से थका देता था,,,,,, महुआ 15 दिन जैसा अपने मायके में थी फिर उसका देवर उसे लेने आ गया और मन ना होने के बावजूद भी उसे जाना पड़ा,,। लेकिन इतने दिनों में राजू ने अपनी बहन को एक भी बात छोड़ा नहीं था रोज उसकी चुदाई करता था जितना मौका मिलता था उतना क्योंकि उसके सर पर उसे मां बनाने की जिम्मेदारी भी थी,,,,

राजू फिर से अपने पिताजी के साथ बैलगाड़ी लेकर जाने लगा था कभी-कभी तो वह खुद है अकेला ही चला जाता था,,,,,, शाम को लौटते समय आज उसे लाला के ब्याज के पैसे देने थे वह सोचा कि लाला के घर जाकर उसके बाद के पैसे भी दे देगा और सोनी से मुलाकात भी हो जाएगी क्योंकि काफी दिन हो गए थे सोनी को उसने गांव में देखा नहीं था और ना ही उससे मिला था,,, इसलिए राजू बेल गाड़ी लेकर लाला के घर की तरफ चल दिया अंधेरा हो चुका था वह ऊंचे नीचे रास्तों पर से बैलगाड़ी लेकर चला जा रहा था और अपने दोनों में ही गाना गुनगुनाता हुआ अपनी मस्ती में आगे बढ़ता चला जा रहा था,,,
Hai re Mera to Pani nikal gaya
Cjhidai ka aisa gungaan sun k
 

Rishiii

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Raju aur uski behen kee chudai toh apney bahot jaldi khatam kar di , but plz raju aur maa ka plot lamba aur jyada der tak chalna chahiye . Plz ab raju aur maa ka plot add karo
 
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