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बहुत ही जल्द दोनों के बीच कुछ कुछ होने वाला हैराजू के मन में अपनी माँ को चोदने की लालसा बढ़ती जा रही है .......
राजू की माँ के मन में भी ये चिंगारी भड़की है ..... लेखक महाशय आपसे विनती है .... की उस चिंगारी को जरा और हवा दीजिये
बहुत ही जल्द दोनों के बीच कुछ कुछ होने वाला हैराजू के मन में अपनी माँ को चोदने की लालसा बढ़ती जा रही है .......
राजू की माँ के मन में भी ये चिंगारी भड़की है ..... लेखक महाशय आपसे विनती है .... की उस चिंगारी को जरा और हवा दीजिये
उसका बेसब्री से इन्तजार रहेगा ......बहुत ही जल्द दोनों के बीच कुछ कुछ होने वाला है
लगता है अब थ्रीसम होने वाला है ........ सोनी को बहुत मजा आएगा ....बातचीत करने और हंसने वाली दिशा की ओर राजू चोर कदमों से आगे बढ़ने लगा,,, कमरे से आ रही आवाज कुछ ज्यादा साफ नहीं थी इसलिए राजू समझ नहीं पा रहा था की आवाज किसकी है इसलिए धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था,,, लेकिन जैसे-जैसे राजू उस कमरे की ओर आगे बढ़ रहा था वैसे वैसे अंदर से आने वाली आवाज एकदम साफ सुनाई दे रही थी औरत की आवाज से वह समझ गया था कि वह आवाज सोनी की ही थी,,,,,, और वह बात करते हुए खिलखिला कर हंस रही थी,,,, और दूसरी आवाज कोई मर्दाना थी लेकिन वह ज्यादा बोल नहीं रहा था इसलिए राजू समझ नहीं पा रहा था कि आवाज किसकी है,,,।
लेकिन उस मर्दाना आवाज और सोनी की आवाज को सुनकर राजू के मन में शंका की सुई चुभने लगी उसे शंका होने लगा कि कहीं उसकी ही तरह सोनी ने आज भी तो नहीं किसी और मर्द को अपने कमरे में लेकर गई हो और उसके साथ चुदाई का सुख भोग रही हो,,,,, यह बात अपने मन में सोच कर ही राजू का दिल जोरो से धड़कने लगा उसे ऐसा लग रहा था कि सोने की चुदाई करने वाला हुआ है एक ही मर्द हैं गांव में,,,, लेकिन आज उसका यह भ्रम टूटता हुआ नजर आ रहा था वह अपनी शंका को दूर करना चाहता था अपने मन में फैले भ्रम के जाल को तोड़कर बाहर निकलना चाहता था इसलिए राजू धीरे-धीरे उस कमरे की ओर आगे बढ़ रहा था और अपने चारों तरफ नजर घुमाकर देख भी ले रहा था कि कहीं कोई आ तो नहीं रहा है,,,, जैसे-जैसे राजू कमरे के करीब जा रहा था वैसे वैसे अंदर से आने वाली आवाज एकदम साफ होते जा रही थी,,, तभी उसके कानों ने जो सुना उसे सुनते ही उसे समझ में आ गया कि कमरे के अंदर सोनी जरूर रंगरेलियां मना रही है,,,।
ऊममम क्या करते हो जोर से मत दबाओ मुझे दर्द होता है,,,,
(इतना सुनते ही राजू हैरान हो गया और से समझते देर नहीं लगी कि कोई उसके नाजुक अंगों को दबा रहा है इस बात के हिसाब से उसके पजामे में हलचल भी होने लगी,,, सोने की इस तरह की बातें सुनकर राजू के तन बदन में दुविधा भरी प्रक्रिया हो रही थी एक तो वह हैरान भी था और दूसरी तरफ उसे उत्तेजना भी महसूस हो रही थी,,,,)
आहहहहर धीरे से यह कोई खजूर का दाना नहीं है जिसे मसलकर रस निकालना चाहते हैं,,,,
मेरे लिए तो यह किसमिस का दाना है मेरी जान,,,,
(सोने की आवाज राजू को एकदम साफ सुनाई दे रही थी लेकिन मर्दाना आवाज लड़खड़ा रही थी ऐसा लग रहा था कि जैसे वह शराब के नशे में हो,,, लेकिन उन दोनों की बातचीत इसे राजू समझ गया था कि अंदर जो कोई भी है वह सोनी की चूची से खेल रहा है राजू अपने मन में ही सोचने लगा क्या सोनी अंदर बिना कपड़ों के है,,,, क्या वह कमरे में एकदम नंगी है या वह मर्द धीरे-धीरे उसके कपड़े उतार रहा है,,,,,, इस बात को सोचकर राजू के भी तन बदन में आग लग रही थी वह गुस्सा भी हो रहा था और अंदर की तीली से को देखना भी चाहता था,,,, गांव की अगर कोई औरत होती तो शायद वह इतनी दिलचस्पी बिल्कुल भी नहीं लेता,,, लेकिन अंदर कमरे में कोई सामान्य औरत नहीं बल्कि हवेली में रहने वाली एक राजकुमारी थी जिसके साथ राजू संभोग सुख प्राप्त करता था और उसे लगता था कि सोनी सिर्फ उसकी ही है लेकिन आज उसका यह भ्रम टूटता हुआ नजर आ रहा था और वह यही देखना चाहता था कि आखिरकार बिस्तर पर सोने के साथ उसकी जगह दूसरा कौन ले रहा है,,,,, तभी उसके कानों में मर्दाना आवाज सुनाई दे,,,)
मेरी जान मेरा तो पूरा खड़ा हो गया है क्या तुम तैयार हो अंदर लेने के लिए,,,,
अभी नहीं मेरे राजा थोड़ी देर मुझे प्यार करके गरम तो करो,,,,
तू बहुत देर में गर्म होती है,,,
तो क्या हुआ मजा भी तो ज्यादा देती हूं,,,,
हां मेरी रानी यह तो है,,,, तु मुझे मजा बहुत देती है,,,।
इस तरह की बातों को सुनकर राजू का दिल जोरो से धड़कने लगा अब उसकी उत्सुकता और ज्यादा पढ़ने लगेगी बिस्तर पर सोने के साथ दूसरा मर्द कौन है इसलिए देखते ही देखते वह धीरे-धीरे कमरे के दरवाजे तक पहुंच गया लेकिन अंदर देखने का जुगाड़ उसे मिल नहीं रहा था इसलिए थोड़ा और आगे जाकर वह खिड़की के करीब जाकर खड़ा हो गया और उसकी किस्मत इतनी अच्छी थी कि खिड़की अंदर से खुली हुई थी बस हल्का सा उसे धक्का देकर खोलना था क्योंकि अंदर की रोशनी उसे साफ नजर आ रही थी,,,, कमरे में ज्यादा रोशनी थी इस बात का अंदाजा राजू ने लगा लिया था कमरे में,,, जगह जगह पर लालटेन लगी हुई थी जिसकी वजह से कमरे में बेतहाशा रोशनी थी इस बात से राजू और ज्यादा खुश हो गया कि वह दोनों को साफ तौर पर देख लेगा,,,,।
राजू का दिल जोरों से धड़क रहा था वह जानता था कि हल्का सा खिड़की खोलने पर उसे सब कुछ नजर आ जाएगा लेकिन उसे इस बात का डर था कि कोई उसे देख लेगा तो क्या होगा लेकिन इस बात की उत्सुकता भी थी कि अंदर कमरे में सोने के साथ आखिरकार है कौन जो की पूरी तरह से नशे में है और यही देखने के लिए वह हिम्मत जुटाकर,,, हाथ आगे बढ़ाकर धीरे से खिड़की को हल्के से धक्का देकर केवल थोड़ा सा खोल दिया और खिड़की के थोड़े से ही खुलते ही राजू की आंखें चौंधिया गई,,,, जिस तरह का कमरे का नजारा अपनी आंखों से देख रहा था उसे अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था उसकी आंखें फटी की फटी रह गई थी और आश्चर्य से उसका मुंह खुला का खुला रह गया था,,,,, पहली बार ऐसा हो रहा था कि राजू किसी दृश्य को देखकर आश्चर्य चकित हुआ था,,,, आश्चर्यचकित होता भी कैसे नहीं आखिरकार कमरे का दृश्य ही कुछ ऐसा अनसुलझा हुआ था,,,,।
राज को अपनी आंखों से साफ देख रहा था कि कमरे के बिस्तर पर सोनी पूरी तरह से नंगी थी,,,, और वह एक मर्दाना चौड़ी छाती को अपनी उंगलियों से सहला रही थी और वह मर्दाना चौड़ी छाती किसी गैर मर्द की नहीं बल्कि सोनी के बड़े भाई मतलब की लाला की थी राजू को तो अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था इसलिए बार-बार वह अपनी आंखों को मलकर अंदर के दृश्य को देख रहा था,,,, लाला बिस्तर पर पूरी तरह से नंगा पीठ के बल लेटा हुआ था और बिस्तर के किनारे तकिया रखकर अपने सर को आराम से रखकर अपनी बहन की नंगी जवानी से खेल रहा था सोनी अपनी भाई की चौड़ी छाती पर उंगलियां घुमा रही थी तो लाला अपनी बहन की चूची को हाथ में लेकर दबा रहा था जिससे सोनी रह-रहकर दर्द से कराह उठती थी,,, राजू का समझ में नहीं आ रहा था कि वह अपनी आंखों से यह क्या देख रहा है एक भाई-बहन के बीच इस तरह का रिश्ता यह कैसे संभव है,,,,।
कमरे के अंदर के दृश्य को देखकर और बिस्तर पर एक मर्द और औरत के नंगे बदन को देख कर हैरान वह नहीं था बल्कि इस बात से हैरान था कि कमरे के अंदर बिस्तर पर जो मर्द और औरत है वह दोनों के बीच भाई बहन का रिश्ता था इसलिए राजू की आंखें फटी जा रही थी,,,, राजू साफ तौर पर देख पा रहा था कि सोनी एकदम बेशर्म होकर अपने भाई की आंखों के सामने एकदम नंगी उसके बदन पर अपनी उंगलियां घुमा रही थी और अपने भाई के हाथ में अपनी चूची थमा कर उसे खेलने की इजाजत भी दे दी थी,,,, लाला अपनी बहन की गदराई जवानी से पूरी तरह से मदहोश हुआ जा रहा था एक तो शराब का नशा और ऊपर से सोने के मदमस्त नंगे बदन का अद्भुत नशा दोनों लाला पर अपना असर जमाए हुए थे,,,।
बहुत दिन हो गए हैं सोनी तुम्हारा दूध पिए तुम अब मुझे दूध नहीं पिलाती किसी और को तो नहीं पिला रही हो,,,
नहीं भैया यह कैसी बातें कर रहे हो तुम्हारे सिवा मेरी चूचियों पर किसी और का हक कैसे हो सकता है,,,
हाय मेरी बहना तेरी यही बातें तो मुझे पागल कर देती है ना अपनी चूचियां मेरे मुंह में डाल दे मेरी प्यास बुझा दे मेरी जान,,,,।
(भाई-बहन की गरमा गरम बातें सुनकर राजू पूरी तरह से हैरान था और उन दोनों की बातें उसे भी गर्म कर रही थी एक भाई अपनी बहन से इस तरह से कैसे बातें कर सकता है और बहन भी बेशर्म होकर अपने भाई का साथ दे रही थी आखिर सोनी की ऐसी कौन सी मजबूरी हो गई थी कि वह अपने भाई के साथ ही शारीरिक संबंध बना रही हैं,,,,,, क्या सच में सोनी की जवानी हमेशा पानी मांगती है,,, क्या वह एकदम प्यासी औरत है,,, जो किसी भी मर्द के साथ सोने के लिए तैयार हो जाती है यहां तक कि अपने भाई के साथ भी,,,,,, एक भाई-बहन के बीच इस तरह का रिश्ता आखिरकार कैसे,,,, राजू की आंखों के सामने ही सोनी अपने भाई की बात मानते हुए अपनी दोनों चुचियों को हाथ में लेकर अपने भाई के सीने पर बैठ गई और नीचे की तरफ झुक कर अपनी एक चूची को दशहरी आम की तरह अपने भाई के मुंह में डाल दी ताकि वह उसका रस चूस सके,, और ऐसा ही हुआ जैसे छोटा बच्चा दूध पीने के लिए अपने मुंह को इधर-उधर मारता है उसी तरह से,,, लाला भी अपनी बहन की चूची को मुंह में लेने के लिए अपना मुंह इधर-उधर कर रहा था,,, और उसकी बहन ही उसकी उत्सुकता को खत्म करते हुए खुद ही अपने हाथ से पकड़ कर अपनी चूची को उसके मुंह में डाल दी और लाला भी अपनी बहन की चूची को बड़े चाव से दशहरी आम समझ कर पीना शुरू कर दिया,,,,,,, राजू अपनी आंखों से यह सब देखकर एकदम हैरान था कि भाई बहन के बीच इस तरह का रिश्ता कैसा तभी उसे इस बात का एहसास हुआ कि यही रिश्ता तो उसका और उसकी बहन का भी था यही रिश्ता तो उसका और उसकी बुआ का भी था,,, वह कैसे भूल गया कि वो खुद शुरुआत रिश्तो के बीच अपने बुआ से ही किया था और अपनी बड़ी दीदी की भी जमकर चमकर कर चुका था यहां तक कि उसे गर्भवती करने का भी जिम्मा उठा लिया था और उसमें लगभग लगभग सफल भी हो चुका था,,,, इस बात का ख्याल राजू के मन में आते ही उसे अपनी आंखों के सामने के दृश्य पर हैरानी बिल्कुल भी नहीं हो रही थी लेकिन इस बात से हैरान वह अभी भी था कि उसका रिश्ता जो उसकी बुआ और उसकी बहन के साथ था क्या इस तरह का रिश्ता दूसरे के घरों में भी होता है लाला और सोनी को देखकर वह समझ गया था कि इस तरह के रिश्ता लगभग लगभग हर एक घर में होता है बस बात बाहर नहीं आती,,,, इस तरह से 2 लोग अपनी जरूरतों को पूरा करते हैं जैसे वह अपनी बुआ और अपनी बहन के साथ कर चुका था और श्याम अपनी मां के साथ धीरे-धीरे उसके जेहन में एक एक दृश्य के साथ-साथ उन लोगों का चेहरा भी नजर आने लगा जो कि परिवार में इस तरह के संबंध रखते हैं श्याम श्याम की मां वह खुद उसकी बुआ और उसकी बहन और अब लाला और उसकी छोटी बहन,,,,,,,।
लाला और सोनी के बीच के रिश्तो को देखकर जिस तरह का ख्याल राजू के मन में आ रहा था अब वह पूरी तरह से निश्चित हो चुका था शायद कमरे के अंदर के मादकता भरी दृश्य को देखकर वह खुद पर नजर डालना भूल गया था इसलिए उसे कमरे के अंदर का रिश्ता कुछ अजीब लग रहा था,,,, लेकिन अब उसे हैरानी नहीं हो रही थी बल्कि अब वह उस दृश्य का मजा ले भी रहा था और कुछ सोच भी रहा था उसके जेहन में बहुत सारे बातें चल रही थी जिस पर उसे अमल करने का मन हो रहा था,,,,।
राजू साफ तौर पर देख रहा था कि ढेर सारी लालटेन की रोशनी में पूरा कमरा जगमग आ रहा था और कमरे के बीच में पड़े से पलंग पर दोनों भाई बहन नंगे होकर मजा ले रहे थे लाला अपनी बहन की सूचियों को कस कस कर दबा रहा था और उसे मुंह में लेकर पी रहा था,,, यह देख कर राजू के तन बदन में भी झुर्झुरी से फैलने लगी थी क्योंकि वह सोने की गदर आई जवानी से अच्छी तरह से वाकिफ था उसके बदन के हर एक कौने पर वह अपनी जीप लगाकर उसके नमकीन स्वाद को चख चुका था इसलिए राजू का भी मन कर रहा था किसी समय वह भी कमरे में घुस जाए और सोनी की चुदाई कर दे,,,,,।
लाला बेतहाशा,, अपनी बहन की नंगी कमर को अपने दोनों हथेली में दबाकर उसकी चुचियों का रसपान कर रहा था सोनी अपने भाई के बदन पर लेटी हुई थी,,, लाला कभी कमर को दबाता तो कभी अपने दोनों हाथों को अपनी बहन की गोल-गोल गांड पर रखकर दबाना शुरू कर देता,,, ऐसा करने से लाला की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी,,,, सोनी को भी मजा आ रहा था क्योंकि राजू को सोने की गरमा गरम सिसकारी की आवाज साफ सुनाई दे रही थी,,,।
ओहहहह सोनी अब मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा है मेरे लंड पर चढ़ जाओ,,,,,
भैया मेरे पहले मेरी बुर तो चाटों,,,,,,, तभी तो तुमको ज्यादा मजा दूंगी,,,,
आजा मेरी बहना अपनी बुर मेरे मुंह पर रख दे,,,,
(इतना सुनते ही सोनिक अपने घुटनों के बल खड़ी हुई और घुटनों के बल आगे बढ़ते हुए अपने भाई के सर को अपने दोनों हाथों से पकड़ती हो उसे अपनी तरफ खींचते हुए अपनी बुर से सटा दी,,,, यह देख कर राजू का लंड पूरी तरह से टनटना गया,,,, पल भर में ही सोनी के साथ गुजारे गए हर एक पल को वग याद करने लगा,,, उसे ज्यादा रहा था कि सोनी कैसे उसे गांव की औरतों से कहीं ज्यादा और अद्भुत प्रकार का आनंद देती थी,,,, अंदर के दृश्य को देखकर राजू अपने मन में यह कल्पना कर रहा था कि काश उस बिस्तर पर वह होता तो कितना मजा आता जो कि वह कुछ दिन पहले ही सोने के कमरे में सोने के साथ संभोग सुख प्राप्त कर चुका था,,,,, लेकिन फिर भी उसकी प्यास बढ़ती जा रही थी सोनी गरमा गरम सिसकारी के साथ अपने भाई को अपनी बुर चटा रही थी,,,, देखते ही देखते दोनों पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी सोनी अब पूरी तैयारी कर चुकी थी अपने भाई के लंड की सवारी करने के लिए,,,।
उन दोनों को इस बात का आभास तक नहीं था कि खिड़की पर खड़ा होकर राजू उन दोनों की कामलीला को अपनी आंखों से देख रहा है,,,, अपनी मस्ती में पूरी तरह से मस्त हो चुके थे सोनी अपनी गोरी गोरी मोटी मोटी जांघों को फैलाते हुए अपने भाई की कमर के इर्द-गिर्द घुटना रखती और नीचे हाथ ले जाकर अपने भाई के लंड को अपने हाथ से पकड़ कर उसे अपनी गुलाबी बुर का रास्ता दिखाने लगी,,, देखते ही देखते सोनी धीरे-धीरे करके अपने भाई के लंड पर पूरी तरह से विराजमान हो गई,,,, और आगे की तरफ को छोड़कर अपने भाई के ऊपर अपनी दशहरी आम को झुलाते हुए उसे पकड़ने का इशारा करने लगी,,,, लाला भी फुर्ती दिखाता हुआ अपना हाथ आगे बढ़ा कर अपनी बहन की चूची को पकड़ लिया और जोर-जोर से दबाते हुए मजा लेने लगा सोनी अपनी कमर को ऊपर उठाने और बैठाने लगी ऐसा करने से लाला को अद्भुत सुख की प्राप्ति हो रही थी और बाहर खड़े राजू के तन बदन में आग लग रही थी उसके दिमाग में कुछ और चल रहा था वह कुछ देर तक खड़ा होकर इंतजार कर रहा था दोनों अपनी मस्ती में पूरी तरह से चूर हो चुके थे और राजू खिड़की से हटकर दरवाजे की तरफ जा कर खड़ा हो गया उसे खोलने की कोशिश करने लगा,,,, दरवाजा हल्का सा ही बंद था पर उस पर कड़ी लगी हुई थी जो कि जोर से हिलाने पर खुल सकती थी इस बात का अंदाजा लगते ही राजू जोर से दरवाजे पर लात मारा और दरवाजा भड़ाक की आवाज के साथ खुल गया,,,, और राजू दरवाजे पर अपनी कमर पर हाथ रखकर खड़े होकर बिस्तर पर भाई-बहन की कामलीला को अपनी आंखों से देखने लगा दरवाजे के इस तरह से खुलते ही सोनी और लाला दोनों एकदम से घबरा गए और दरवाजे की तरफ देख कर उन दोनों के तो होश उड़ गए,,,।
बातचीत करने और हंसने वाली दिशा की ओर राजू चोर कदमों से आगे बढ़ने लगा,,, कमरे से आ रही आवाज कुछ ज्यादा साफ नहीं थी इसलिए राजू समझ नहीं पा रहा था की आवाज किसकी है इसलिए धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था,,, लेकिन जैसे-जैसे राजू उस कमरे की ओर आगे बढ़ रहा था वैसे वैसे अंदर से आने वाली आवाज एकदम साफ सुनाई दे रही थी औरत की आवाज से वह समझ गया था कि वह आवाज सोनी की ही थी,,,,,, और वह बात करते हुए खिलखिला कर हंस रही थी,,,, और दूसरी आवाज कोई मर्दाना थी लेकिन वह ज्यादा बोल नहीं रहा था इसलिए राजू समझ नहीं पा रहा था कि आवाज किसकी है,,,।
लेकिन उस मर्दाना आवाज और सोनी की आवाज को सुनकर राजू के मन में शंका की सुई चुभने लगी उसे शंका होने लगा कि कहीं उसकी ही तरह सोनी ने आज भी तो नहीं किसी और मर्द को अपने कमरे में लेकर गई हो और उसके साथ चुदाई का सुख भोग रही हो,,,,, यह बात अपने मन में सोच कर ही राजू का दिल जोरो से धड़कने लगा उसे ऐसा लग रहा था कि सोने की चुदाई करने वाला हुआ है एक ही मर्द हैं गांव में,,,, लेकिन आज उसका यह भ्रम टूटता हुआ नजर आ रहा था वह अपनी शंका को दूर करना चाहता था अपने मन में फैले भ्रम के जाल को तोड़कर बाहर निकलना चाहता था इसलिए राजू धीरे-धीरे उस कमरे की ओर आगे बढ़ रहा था और अपने चारों तरफ नजर घुमाकर देख भी ले रहा था कि कहीं कोई आ तो नहीं रहा है,,,, जैसे-जैसे राजू कमरे के करीब जा रहा था वैसे वैसे अंदर से आने वाली आवाज एकदम साफ होते जा रही थी,,, तभी उसके कानों ने जो सुना उसे सुनते ही उसे समझ में आ गया कि कमरे के अंदर सोनी जरूर रंगरेलियां मना रही है,,,।
ऊममम क्या करते हो जोर से मत दबाओ मुझे दर्द होता है,,,,
(इतना सुनते ही राजू हैरान हो गया और से समझते देर नहीं लगी कि कोई उसके नाजुक अंगों को दबा रहा है इस बात के हिसाब से उसके पजामे में हलचल भी होने लगी,,, सोने की इस तरह की बातें सुनकर राजू के तन बदन में दुविधा भरी प्रक्रिया हो रही थी एक तो वह हैरान भी था और दूसरी तरफ उसे उत्तेजना भी महसूस हो रही थी,,,,)
आहहहहर धीरे से यह कोई खजूर का दाना नहीं है जिसे मसलकर रस निकालना चाहते हैं,,,,
मेरे लिए तो यह किसमिस का दाना है मेरी जान,,,,
(सोने की आवाज राजू को एकदम साफ सुनाई दे रही थी लेकिन मर्दाना आवाज लड़खड़ा रही थी ऐसा लग रहा था कि जैसे वह शराब के नशे में हो,,, लेकिन उन दोनों की बातचीत इसे राजू समझ गया था कि अंदर जो कोई भी है वह सोनी की चूची से खेल रहा है राजू अपने मन में ही सोचने लगा क्या सोनी अंदर बिना कपड़ों के है,,,, क्या वह कमरे में एकदम नंगी है या वह मर्द धीरे-धीरे उसके कपड़े उतार रहा है,,,,,, इस बात को सोचकर राजू के भी तन बदन में आग लग रही थी वह गुस्सा भी हो रहा था और अंदर की तीली से को देखना भी चाहता था,,,, गांव की अगर कोई औरत होती तो शायद वह इतनी दिलचस्पी बिल्कुल भी नहीं लेता,,, लेकिन अंदर कमरे में कोई सामान्य औरत नहीं बल्कि हवेली में रहने वाली एक राजकुमारी थी जिसके साथ राजू संभोग सुख प्राप्त करता था और उसे लगता था कि सोनी सिर्फ उसकी ही है लेकिन आज उसका यह भ्रम टूटता हुआ नजर आ रहा था और वह यही देखना चाहता था कि आखिरकार बिस्तर पर सोने के साथ उसकी जगह दूसरा कौन ले रहा है,,,,, तभी उसके कानों में मर्दाना आवाज सुनाई दे,,,)
मेरी जान मेरा तो पूरा खड़ा हो गया है क्या तुम तैयार हो अंदर लेने के लिए,,,,
अभी नहीं मेरे राजा थोड़ी देर मुझे प्यार करके गरम तो करो,,,,
तू बहुत देर में गर्म होती है,,,
तो क्या हुआ मजा भी तो ज्यादा देती हूं,,,,
हां मेरी रानी यह तो है,,,, तु मुझे मजा बहुत देती है,,,।
इस तरह की बातों को सुनकर राजू का दिल जोरो से धड़कने लगा अब उसकी उत्सुकता और ज्यादा पढ़ने लगेगी बिस्तर पर सोने के साथ दूसरा मर्द कौन है इसलिए देखते ही देखते वह धीरे-धीरे कमरे के दरवाजे तक पहुंच गया लेकिन अंदर देखने का जुगाड़ उसे मिल नहीं रहा था इसलिए थोड़ा और आगे जाकर वह खिड़की के करीब जाकर खड़ा हो गया और उसकी किस्मत इतनी अच्छी थी कि खिड़की अंदर से खुली हुई थी बस हल्का सा उसे धक्का देकर खोलना था क्योंकि अंदर की रोशनी उसे साफ नजर आ रही थी,,,, कमरे में ज्यादा रोशनी थी इस बात का अंदाजा राजू ने लगा लिया था कमरे में,,, जगह जगह पर लालटेन लगी हुई थी जिसकी वजह से कमरे में बेतहाशा रोशनी थी इस बात से राजू और ज्यादा खुश हो गया कि वह दोनों को साफ तौर पर देख लेगा,,,,।
राजू का दिल जोरों से धड़क रहा था वह जानता था कि हल्का सा खिड़की खोलने पर उसे सब कुछ नजर आ जाएगा लेकिन उसे इस बात का डर था कि कोई उसे देख लेगा तो क्या होगा लेकिन इस बात की उत्सुकता भी थी कि अंदर कमरे में सोने के साथ आखिरकार है कौन जो की पूरी तरह से नशे में है और यही देखने के लिए वह हिम्मत जुटाकर,,, हाथ आगे बढ़ाकर धीरे से खिड़की को हल्के से धक्का देकर केवल थोड़ा सा खोल दिया और खिड़की के थोड़े से ही खुलते ही राजू की आंखें चौंधिया गई,,,, जिस तरह का कमरे का नजारा अपनी आंखों से देख रहा था उसे अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था उसकी आंखें फटी की फटी रह गई थी और आश्चर्य से उसका मुंह खुला का खुला रह गया था,,,,, पहली बार ऐसा हो रहा था कि राजू किसी दृश्य को देखकर आश्चर्य चकित हुआ था,,,, आश्चर्यचकित होता भी कैसे नहीं आखिरकार कमरे का दृश्य ही कुछ ऐसा अनसुलझा हुआ था,,,,।
राज को अपनी आंखों से साफ देख रहा था कि कमरे के बिस्तर पर सोनी पूरी तरह से नंगी थी,,,, और वह एक मर्दाना चौड़ी छाती को अपनी उंगलियों से सहला रही थी और वह मर्दाना चौड़ी छाती किसी गैर मर्द की नहीं बल्कि सोनी के बड़े भाई मतलब की लाला की थी राजू को तो अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था इसलिए बार-बार वह अपनी आंखों को मलकर अंदर के दृश्य को देख रहा था,,,, लाला बिस्तर पर पूरी तरह से नंगा पीठ के बल लेटा हुआ था और बिस्तर के किनारे तकिया रखकर अपने सर को आराम से रखकर अपनी बहन की नंगी जवानी से खेल रहा था सोनी अपनी भाई की चौड़ी छाती पर उंगलियां घुमा रही थी तो लाला अपनी बहन की चूची को हाथ में लेकर दबा रहा था जिससे सोनी रह-रहकर दर्द से कराह उठती थी,,, राजू का समझ में नहीं आ रहा था कि वह अपनी आंखों से यह क्या देख रहा है एक भाई-बहन के बीच इस तरह का रिश्ता यह कैसे संभव है,,,,।
कमरे के अंदर के दृश्य को देखकर और बिस्तर पर एक मर्द और औरत के नंगे बदन को देख कर हैरान वह नहीं था बल्कि इस बात से हैरान था कि कमरे के अंदर बिस्तर पर जो मर्द और औरत है वह दोनों के बीच भाई बहन का रिश्ता था इसलिए राजू की आंखें फटी जा रही थी,,,, राजू साफ तौर पर देख पा रहा था कि सोनी एकदम बेशर्म होकर अपने भाई की आंखों के सामने एकदम नंगी उसके बदन पर अपनी उंगलियां घुमा रही थी और अपने भाई के हाथ में अपनी चूची थमा कर उसे खेलने की इजाजत भी दे दी थी,,,, लाला अपनी बहन की गदराई जवानी से पूरी तरह से मदहोश हुआ जा रहा था एक तो शराब का नशा और ऊपर से सोने के मदमस्त नंगे बदन का अद्भुत नशा दोनों लाला पर अपना असर जमाए हुए थे,,,।
बहुत दिन हो गए हैं सोनी तुम्हारा दूध पिए तुम अब मुझे दूध नहीं पिलाती किसी और को तो नहीं पिला रही हो,,,
नहीं भैया यह कैसी बातें कर रहे हो तुम्हारे सिवा मेरी चूचियों पर किसी और का हक कैसे हो सकता है,,,
हाय मेरी बहना तेरी यही बातें तो मुझे पागल कर देती है ना अपनी चूचियां मेरे मुंह में डाल दे मेरी प्यास बुझा दे मेरी जान,,,,।
(भाई-बहन की गरमा गरम बातें सुनकर राजू पूरी तरह से हैरान था और उन दोनों की बातें उसे भी गर्म कर रही थी एक भाई अपनी बहन से इस तरह से कैसे बातें कर सकता है और बहन भी बेशर्म होकर अपने भाई का साथ दे रही थी आखिर सोनी की ऐसी कौन सी मजबूरी हो गई थी कि वह अपने भाई के साथ ही शारीरिक संबंध बना रही हैं,,,,,, क्या सच में सोनी की जवानी हमेशा पानी मांगती है,,, क्या वह एकदम प्यासी औरत है,,, जो किसी भी मर्द के साथ सोने के लिए तैयार हो जाती है यहां तक कि अपने भाई के साथ भी,,,,,, एक भाई-बहन के बीच इस तरह का रिश्ता आखिरकार कैसे,,,, राजू की आंखों के सामने ही सोनी अपने भाई की बात मानते हुए अपनी दोनों चुचियों को हाथ में लेकर अपने भाई के सीने पर बैठ गई और नीचे की तरफ झुक कर अपनी एक चूची को दशहरी आम की तरह अपने भाई के मुंह में डाल दी ताकि वह उसका रस चूस सके,, और ऐसा ही हुआ जैसे छोटा बच्चा दूध पीने के लिए अपने मुंह को इधर-उधर मारता है उसी तरह से,,, लाला भी अपनी बहन की चूची को मुंह में लेने के लिए अपना मुंह इधर-उधर कर रहा था,,, और उसकी बहन ही उसकी उत्सुकता को खत्म करते हुए खुद ही अपने हाथ से पकड़ कर अपनी चूची को उसके मुंह में डाल दी और लाला भी अपनी बहन की चूची को बड़े चाव से दशहरी आम समझ कर पीना शुरू कर दिया,,,,,,, राजू अपनी आंखों से यह सब देखकर एकदम हैरान था कि भाई बहन के बीच इस तरह का रिश्ता कैसा तभी उसे इस बात का एहसास हुआ कि यही रिश्ता तो उसका और उसकी बहन का भी था यही रिश्ता तो उसका और उसकी बुआ का भी था,,, वह कैसे भूल गया कि वो खुद शुरुआत रिश्तो के बीच अपने बुआ से ही किया था और अपनी बड़ी दीदी की भी जमकर चमकर कर चुका था यहां तक कि उसे गर्भवती करने का भी जिम्मा उठा लिया था और उसमें लगभग लगभग सफल भी हो चुका था,,,, इस बात का ख्याल राजू के मन में आते ही उसे अपनी आंखों के सामने के दृश्य पर हैरानी बिल्कुल भी नहीं हो रही थी लेकिन इस बात से हैरान वह अभी भी था कि उसका रिश्ता जो उसकी बुआ और उसकी बहन के साथ था क्या इस तरह का रिश्ता दूसरे के घरों में भी होता है लाला और सोनी को देखकर वह समझ गया था कि इस तरह के रिश्ता लगभग लगभग हर एक घर में होता है बस बात बाहर नहीं आती,,,, इस तरह से 2 लोग अपनी जरूरतों को पूरा करते हैं जैसे वह अपनी बुआ और अपनी बहन के साथ कर चुका था और श्याम अपनी मां के साथ धीरे-धीरे उसके जेहन में एक एक दृश्य के साथ-साथ उन लोगों का चेहरा भी नजर आने लगा जो कि परिवार में इस तरह के संबंध रखते हैं श्याम श्याम की मां वह खुद उसकी बुआ और उसकी बहन और अब लाला और उसकी छोटी बहन,,,,,,,।
लाला और सोनी के बीच के रिश्तो को देखकर जिस तरह का ख्याल राजू के मन में आ रहा था अब वह पूरी तरह से निश्चित हो चुका था शायद कमरे के अंदर के मादकता भरी दृश्य को देखकर वह खुद पर नजर डालना भूल गया था इसलिए उसे कमरे के अंदर का रिश्ता कुछ अजीब लग रहा था,,,, लेकिन अब उसे हैरानी नहीं हो रही थी बल्कि अब वह उस दृश्य का मजा ले भी रहा था और कुछ सोच भी रहा था उसके जेहन में बहुत सारे बातें चल रही थी जिस पर उसे अमल करने का मन हो रहा था,,,,।
राजू साफ तौर पर देख रहा था कि ढेर सारी लालटेन की रोशनी में पूरा कमरा जगमग आ रहा था और कमरे के बीच में पड़े से पलंग पर दोनों भाई बहन नंगे होकर मजा ले रहे थे लाला अपनी बहन की सूचियों को कस कस कर दबा रहा था और उसे मुंह में लेकर पी रहा था,,, यह देख कर राजू के तन बदन में भी झुर्झुरी से फैलने लगी थी क्योंकि वह सोने की गदर आई जवानी से अच्छी तरह से वाकिफ था उसके बदन के हर एक कौने पर वह अपनी जीप लगाकर उसके नमकीन स्वाद को चख चुका था इसलिए राजू का भी मन कर रहा था किसी समय वह भी कमरे में घुस जाए और सोनी की चुदाई कर दे,,,,,।
लाला बेतहाशा,, अपनी बहन की नंगी कमर को अपने दोनों हथेली में दबाकर उसकी चुचियों का रसपान कर रहा था सोनी अपने भाई के बदन पर लेटी हुई थी,,, लाला कभी कमर को दबाता तो कभी अपने दोनों हाथों को अपनी बहन की गोल-गोल गांड पर रखकर दबाना शुरू कर देता,,, ऐसा करने से लाला की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी,,,, सोनी को भी मजा आ रहा था क्योंकि राजू को सोने की गरमा गरम सिसकारी की आवाज साफ सुनाई दे रही थी,,,।
ओहहहह सोनी अब मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा है मेरे लंड पर चढ़ जाओ,,,,,
भैया मेरे पहले मेरी बुर तो चाटों,,,,,,, तभी तो तुमको ज्यादा मजा दूंगी,,,,
आजा मेरी बहना अपनी बुर मेरे मुंह पर रख दे,,,,
(इतना सुनते ही सोनिक अपने घुटनों के बल खड़ी हुई और घुटनों के बल आगे बढ़ते हुए अपने भाई के सर को अपने दोनों हाथों से पकड़ती हो उसे अपनी तरफ खींचते हुए अपनी बुर से सटा दी,,,, यह देख कर राजू का लंड पूरी तरह से टनटना गया,,,, पल भर में ही सोनी के साथ गुजारे गए हर एक पल को वग याद करने लगा,,, उसे ज्यादा रहा था कि सोनी कैसे उसे गांव की औरतों से कहीं ज्यादा और अद्भुत प्रकार का आनंद देती थी,,,, अंदर के दृश्य को देखकर राजू अपने मन में यह कल्पना कर रहा था कि काश उस बिस्तर पर वह होता तो कितना मजा आता जो कि वह कुछ दिन पहले ही सोने के कमरे में सोने के साथ संभोग सुख प्राप्त कर चुका था,,,,, लेकिन फिर भी उसकी प्यास बढ़ती जा रही थी सोनी गरमा गरम सिसकारी के साथ अपने भाई को अपनी बुर चटा रही थी,,,, देखते ही देखते दोनों पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी सोनी अब पूरी तैयारी कर चुकी थी अपने भाई के लंड की सवारी करने के लिए,,,।
उन दोनों को इस बात का आभास तक नहीं था कि खिड़की पर खड़ा होकर राजू उन दोनों की कामलीला को अपनी आंखों से देख रहा है,,,, अपनी मस्ती में पूरी तरह से मस्त हो चुके थे सोनी अपनी गोरी गोरी मोटी मोटी जांघों को फैलाते हुए अपने भाई की कमर के इर्द-गिर्द घुटना रखती और नीचे हाथ ले जाकर अपने भाई के लंड को अपने हाथ से पकड़ कर उसे अपनी गुलाबी बुर का रास्ता दिखाने लगी,,, देखते ही देखते सोनी धीरे-धीरे करके अपने भाई के लंड पर पूरी तरह से विराजमान हो गई,,,, और आगे की तरफ को छोड़कर अपने भाई के ऊपर अपनी दशहरी आम को झुलाते हुए उसे पकड़ने का इशारा करने लगी,,,, लाला भी फुर्ती दिखाता हुआ अपना हाथ आगे बढ़ा कर अपनी बहन की चूची को पकड़ लिया और जोर-जोर से दबाते हुए मजा लेने लगा सोनी अपनी कमर को ऊपर उठाने और बैठाने लगी ऐसा करने से लाला को अद्भुत सुख की प्राप्ति हो रही थी और बाहर खड़े राजू के तन बदन में आग लग रही थी उसके दिमाग में कुछ और चल रहा था वह कुछ देर तक खड़ा होकर इंतजार कर रहा था दोनों अपनी मस्ती में पूरी तरह से चूर हो चुके थे और राजू खिड़की से हटकर दरवाजे की तरफ जा कर खड़ा हो गया उसे खोलने की कोशिश करने लगा,,,, दरवाजा हल्का सा ही बंद था पर उस पर कड़ी लगी हुई थी जो कि जोर से हिलाने पर खुल सकती थी इस बात का अंदाजा लगते ही राजू जोर से दरवाजे पर लात मारा और दरवाजा भड़ाक की आवाज के साथ खुल गया,,,, और राजू दरवाजे पर अपनी कमर पर हाथ रखकर खड़े होकर बिस्तर पर भाई-बहन की कामलीला को अपनी आंखों से देखने लगा दरवाजे के इस तरह से खुलते ही सोनी और लाला दोनों एकदम से घबरा गए और दरवाजे की तरफ देख कर उन दोनों के तो होश उड़ गए,,,।
Awesome update ruhan bhaiबातचीत करने और हंसने वाली दिशा की ओर राजू चोर कदमों से आगे बढ़ने लगा,,, कमरे से आ रही आवाज कुछ ज्यादा साफ नहीं थी इसलिए राजू समझ नहीं पा रहा था की आवाज किसकी है इसलिए धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था,,, लेकिन जैसे-जैसे राजू उस कमरे की ओर आगे बढ़ रहा था वैसे वैसे अंदर से आने वाली आवाज एकदम साफ सुनाई दे रही थी औरत की आवाज से वह समझ गया था कि वह आवाज सोनी की ही थी,,,,,, और वह बात करते हुए खिलखिला कर हंस रही थी,,,, और दूसरी आवाज कोई मर्दाना थी लेकिन वह ज्यादा बोल नहीं रहा था इसलिए राजू समझ नहीं पा रहा था कि आवाज किसकी है,,,।
लेकिन उस मर्दाना आवाज और सोनी की आवाज को सुनकर राजू के मन में शंका की सुई चुभने लगी उसे शंका होने लगा कि कहीं उसकी ही तरह सोनी ने आज भी तो नहीं किसी और मर्द को अपने कमरे में लेकर गई हो और उसके साथ चुदाई का सुख भोग रही हो,,,,, यह बात अपने मन में सोच कर ही राजू का दिल जोरो से धड़कने लगा उसे ऐसा लग रहा था कि सोने की चुदाई करने वाला हुआ है एक ही मर्द हैं गांव में,,,, लेकिन आज उसका यह भ्रम टूटता हुआ नजर आ रहा था वह अपनी शंका को दूर करना चाहता था अपने मन में फैले भ्रम के जाल को तोड़कर बाहर निकलना चाहता था इसलिए राजू धीरे-धीरे उस कमरे की ओर आगे बढ़ रहा था और अपने चारों तरफ नजर घुमाकर देख भी ले रहा था कि कहीं कोई आ तो नहीं रहा है,,,, जैसे-जैसे राजू कमरे के करीब जा रहा था वैसे वैसे अंदर से आने वाली आवाज एकदम साफ होते जा रही थी,,, तभी उसके कानों ने जो सुना उसे सुनते ही उसे समझ में आ गया कि कमरे के अंदर सोनी जरूर रंगरेलियां मना रही है,,,।
ऊममम क्या करते हो जोर से मत दबाओ मुझे दर्द होता है,,,,
(इतना सुनते ही राजू हैरान हो गया और से समझते देर नहीं लगी कि कोई उसके नाजुक अंगों को दबा रहा है इस बात के हिसाब से उसके पजामे में हलचल भी होने लगी,,, सोने की इस तरह की बातें सुनकर राजू के तन बदन में दुविधा भरी प्रक्रिया हो रही थी एक तो वह हैरान भी था और दूसरी तरफ उसे उत्तेजना भी महसूस हो रही थी,,,,)
आहहहहर धीरे से यह कोई खजूर का दाना नहीं है जिसे मसलकर रस निकालना चाहते हैं,,,,
मेरे लिए तो यह किसमिस का दाना है मेरी जान,,,,
(सोने की आवाज राजू को एकदम साफ सुनाई दे रही थी लेकिन मर्दाना आवाज लड़खड़ा रही थी ऐसा लग रहा था कि जैसे वह शराब के नशे में हो,,, लेकिन उन दोनों की बातचीत इसे राजू समझ गया था कि अंदर जो कोई भी है वह सोनी की चूची से खेल रहा है राजू अपने मन में ही सोचने लगा क्या सोनी अंदर बिना कपड़ों के है,,,, क्या वह कमरे में एकदम नंगी है या वह मर्द धीरे-धीरे उसके कपड़े उतार रहा है,,,,,, इस बात को सोचकर राजू के भी तन बदन में आग लग रही थी वह गुस्सा भी हो रहा था और अंदर की तीली से को देखना भी चाहता था,,,, गांव की अगर कोई औरत होती तो शायद वह इतनी दिलचस्पी बिल्कुल भी नहीं लेता,,, लेकिन अंदर कमरे में कोई सामान्य औरत नहीं बल्कि हवेली में रहने वाली एक राजकुमारी थी जिसके साथ राजू संभोग सुख प्राप्त करता था और उसे लगता था कि सोनी सिर्फ उसकी ही है लेकिन आज उसका यह भ्रम टूटता हुआ नजर आ रहा था और वह यही देखना चाहता था कि आखिरकार बिस्तर पर सोने के साथ उसकी जगह दूसरा कौन ले रहा है,,,,, तभी उसके कानों में मर्दाना आवाज सुनाई दे,,,)
मेरी जान मेरा तो पूरा खड़ा हो गया है क्या तुम तैयार हो अंदर लेने के लिए,,,,
अभी नहीं मेरे राजा थोड़ी देर मुझे प्यार करके गरम तो करो,,,,
तू बहुत देर में गर्म होती है,,,
तो क्या हुआ मजा भी तो ज्यादा देती हूं,,,,
हां मेरी रानी यह तो है,,,, तु मुझे मजा बहुत देती है,,,।
इस तरह की बातों को सुनकर राजू का दिल जोरो से धड़कने लगा अब उसकी उत्सुकता और ज्यादा पढ़ने लगेगी बिस्तर पर सोने के साथ दूसरा मर्द कौन है इसलिए देखते ही देखते वह धीरे-धीरे कमरे के दरवाजे तक पहुंच गया लेकिन अंदर देखने का जुगाड़ उसे मिल नहीं रहा था इसलिए थोड़ा और आगे जाकर वह खिड़की के करीब जाकर खड़ा हो गया और उसकी किस्मत इतनी अच्छी थी कि खिड़की अंदर से खुली हुई थी बस हल्का सा उसे धक्का देकर खोलना था क्योंकि अंदर की रोशनी उसे साफ नजर आ रही थी,,,, कमरे में ज्यादा रोशनी थी इस बात का अंदाजा राजू ने लगा लिया था कमरे में,,, जगह जगह पर लालटेन लगी हुई थी जिसकी वजह से कमरे में बेतहाशा रोशनी थी इस बात से राजू और ज्यादा खुश हो गया कि वह दोनों को साफ तौर पर देख लेगा,,,,।
राजू का दिल जोरों से धड़क रहा था वह जानता था कि हल्का सा खिड़की खोलने पर उसे सब कुछ नजर आ जाएगा लेकिन उसे इस बात का डर था कि कोई उसे देख लेगा तो क्या होगा लेकिन इस बात की उत्सुकता भी थी कि अंदर कमरे में सोने के साथ आखिरकार है कौन जो की पूरी तरह से नशे में है और यही देखने के लिए वह हिम्मत जुटाकर,,, हाथ आगे बढ़ाकर धीरे से खिड़की को हल्के से धक्का देकर केवल थोड़ा सा खोल दिया और खिड़की के थोड़े से ही खुलते ही राजू की आंखें चौंधिया गई,,,, जिस तरह का कमरे का नजारा अपनी आंखों से देख रहा था उसे अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था उसकी आंखें फटी की फटी रह गई थी और आश्चर्य से उसका मुंह खुला का खुला रह गया था,,,,, पहली बार ऐसा हो रहा था कि राजू किसी दृश्य को देखकर आश्चर्य चकित हुआ था,,,, आश्चर्यचकित होता भी कैसे नहीं आखिरकार कमरे का दृश्य ही कुछ ऐसा अनसुलझा हुआ था,,,,।
राज को अपनी आंखों से साफ देख रहा था कि कमरे के बिस्तर पर सोनी पूरी तरह से नंगी थी,,,, और वह एक मर्दाना चौड़ी छाती को अपनी उंगलियों से सहला रही थी और वह मर्दाना चौड़ी छाती किसी गैर मर्द की नहीं बल्कि सोनी के बड़े भाई मतलब की लाला की थी राजू को तो अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था इसलिए बार-बार वह अपनी आंखों को मलकर अंदर के दृश्य को देख रहा था,,,, लाला बिस्तर पर पूरी तरह से नंगा पीठ के बल लेटा हुआ था और बिस्तर के किनारे तकिया रखकर अपने सर को आराम से रखकर अपनी बहन की नंगी जवानी से खेल रहा था सोनी अपनी भाई की चौड़ी छाती पर उंगलियां घुमा रही थी तो लाला अपनी बहन की चूची को हाथ में लेकर दबा रहा था जिससे सोनी रह-रहकर दर्द से कराह उठती थी,,, राजू का समझ में नहीं आ रहा था कि वह अपनी आंखों से यह क्या देख रहा है एक भाई-बहन के बीच इस तरह का रिश्ता यह कैसे संभव है,,,,।
कमरे के अंदर के दृश्य को देखकर और बिस्तर पर एक मर्द और औरत के नंगे बदन को देख कर हैरान वह नहीं था बल्कि इस बात से हैरान था कि कमरे के अंदर बिस्तर पर जो मर्द और औरत है वह दोनों के बीच भाई बहन का रिश्ता था इसलिए राजू की आंखें फटी जा रही थी,,,, राजू साफ तौर पर देख पा रहा था कि सोनी एकदम बेशर्म होकर अपने भाई की आंखों के सामने एकदम नंगी उसके बदन पर अपनी उंगलियां घुमा रही थी और अपने भाई के हाथ में अपनी चूची थमा कर उसे खेलने की इजाजत भी दे दी थी,,,, लाला अपनी बहन की गदराई जवानी से पूरी तरह से मदहोश हुआ जा रहा था एक तो शराब का नशा और ऊपर से सोने के मदमस्त नंगे बदन का अद्भुत नशा दोनों लाला पर अपना असर जमाए हुए थे,,,।
बहुत दिन हो गए हैं सोनी तुम्हारा दूध पिए तुम अब मुझे दूध नहीं पिलाती किसी और को तो नहीं पिला रही हो,,,
नहीं भैया यह कैसी बातें कर रहे हो तुम्हारे सिवा मेरी चूचियों पर किसी और का हक कैसे हो सकता है,,,
हाय मेरी बहना तेरी यही बातें तो मुझे पागल कर देती है ना अपनी चूचियां मेरे मुंह में डाल दे मेरी प्यास बुझा दे मेरी जान,,,,।
(भाई-बहन की गरमा गरम बातें सुनकर राजू पूरी तरह से हैरान था और उन दोनों की बातें उसे भी गर्म कर रही थी एक भाई अपनी बहन से इस तरह से कैसे बातें कर सकता है और बहन भी बेशर्म होकर अपने भाई का साथ दे रही थी आखिर सोनी की ऐसी कौन सी मजबूरी हो गई थी कि वह अपने भाई के साथ ही शारीरिक संबंध बना रही हैं,,,,,, क्या सच में सोनी की जवानी हमेशा पानी मांगती है,,, क्या वह एकदम प्यासी औरत है,,, जो किसी भी मर्द के साथ सोने के लिए तैयार हो जाती है यहां तक कि अपने भाई के साथ भी,,,,,, एक भाई-बहन के बीच इस तरह का रिश्ता आखिरकार कैसे,,,, राजू की आंखों के सामने ही सोनी अपने भाई की बात मानते हुए अपनी दोनों चुचियों को हाथ में लेकर अपने भाई के सीने पर बैठ गई और नीचे की तरफ झुक कर अपनी एक चूची को दशहरी आम की तरह अपने भाई के मुंह में डाल दी ताकि वह उसका रस चूस सके,, और ऐसा ही हुआ जैसे छोटा बच्चा दूध पीने के लिए अपने मुंह को इधर-उधर मारता है उसी तरह से,,, लाला भी अपनी बहन की चूची को मुंह में लेने के लिए अपना मुंह इधर-उधर कर रहा था,,, और उसकी बहन ही उसकी उत्सुकता को खत्म करते हुए खुद ही अपने हाथ से पकड़ कर अपनी चूची को उसके मुंह में डाल दी और लाला भी अपनी बहन की चूची को बड़े चाव से दशहरी आम समझ कर पीना शुरू कर दिया,,,,,,, राजू अपनी आंखों से यह सब देखकर एकदम हैरान था कि भाई बहन के बीच इस तरह का रिश्ता कैसा तभी उसे इस बात का एहसास हुआ कि यही रिश्ता तो उसका और उसकी बहन का भी था यही रिश्ता तो उसका और उसकी बुआ का भी था,,, वह कैसे भूल गया कि वो खुद शुरुआत रिश्तो के बीच अपने बुआ से ही किया था और अपनी बड़ी दीदी की भी जमकर चमकर कर चुका था यहां तक कि उसे गर्भवती करने का भी जिम्मा उठा लिया था और उसमें लगभग लगभग सफल भी हो चुका था,,,, इस बात का ख्याल राजू के मन में आते ही उसे अपनी आंखों के सामने के दृश्य पर हैरानी बिल्कुल भी नहीं हो रही थी लेकिन इस बात से हैरान वह अभी भी था कि उसका रिश्ता जो उसकी बुआ और उसकी बहन के साथ था क्या इस तरह का रिश्ता दूसरे के घरों में भी होता है लाला और सोनी को देखकर वह समझ गया था कि इस तरह के रिश्ता लगभग लगभग हर एक घर में होता है बस बात बाहर नहीं आती,,,, इस तरह से 2 लोग अपनी जरूरतों को पूरा करते हैं जैसे वह अपनी बुआ और अपनी बहन के साथ कर चुका था और श्याम अपनी मां के साथ धीरे-धीरे उसके जेहन में एक एक दृश्य के साथ-साथ उन लोगों का चेहरा भी नजर आने लगा जो कि परिवार में इस तरह के संबंध रखते हैं श्याम श्याम की मां वह खुद उसकी बुआ और उसकी बहन और अब लाला और उसकी छोटी बहन,,,,,,,।
लाला और सोनी के बीच के रिश्तो को देखकर जिस तरह का ख्याल राजू के मन में आ रहा था अब वह पूरी तरह से निश्चित हो चुका था शायद कमरे के अंदर के मादकता भरी दृश्य को देखकर वह खुद पर नजर डालना भूल गया था इसलिए उसे कमरे के अंदर का रिश्ता कुछ अजीब लग रहा था,,,, लेकिन अब उसे हैरानी नहीं हो रही थी बल्कि अब वह उस दृश्य का मजा ले भी रहा था और कुछ सोच भी रहा था उसके जेहन में बहुत सारे बातें चल रही थी जिस पर उसे अमल करने का मन हो रहा था,,,,।
राजू साफ तौर पर देख रहा था कि ढेर सारी लालटेन की रोशनी में पूरा कमरा जगमग आ रहा था और कमरे के बीच में पड़े से पलंग पर दोनों भाई बहन नंगे होकर मजा ले रहे थे लाला अपनी बहन की सूचियों को कस कस कर दबा रहा था और उसे मुंह में लेकर पी रहा था,,, यह देख कर राजू के तन बदन में भी झुर्झुरी से फैलने लगी थी क्योंकि वह सोने की गदर आई जवानी से अच्छी तरह से वाकिफ था उसके बदन के हर एक कौने पर वह अपनी जीप लगाकर उसके नमकीन स्वाद को चख चुका था इसलिए राजू का भी मन कर रहा था किसी समय वह भी कमरे में घुस जाए और सोनी की चुदाई कर दे,,,,,।
लाला बेतहाशा,, अपनी बहन की नंगी कमर को अपने दोनों हथेली में दबाकर उसकी चुचियों का रसपान कर रहा था सोनी अपने भाई के बदन पर लेटी हुई थी,,, लाला कभी कमर को दबाता तो कभी अपने दोनों हाथों को अपनी बहन की गोल-गोल गांड पर रखकर दबाना शुरू कर देता,,, ऐसा करने से लाला की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी,,,, सोनी को भी मजा आ रहा था क्योंकि राजू को सोने की गरमा गरम सिसकारी की आवाज साफ सुनाई दे रही थी,,,।
ओहहहह सोनी अब मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा है मेरे लंड पर चढ़ जाओ,,,,,
भैया मेरे पहले मेरी बुर तो चाटों,,,,,,, तभी तो तुमको ज्यादा मजा दूंगी,,,,
आजा मेरी बहना अपनी बुर मेरे मुंह पर रख दे,,,,
(इतना सुनते ही सोनिक अपने घुटनों के बल खड़ी हुई और घुटनों के बल आगे बढ़ते हुए अपने भाई के सर को अपने दोनों हाथों से पकड़ती हो उसे अपनी तरफ खींचते हुए अपनी बुर से सटा दी,,,, यह देख कर राजू का लंड पूरी तरह से टनटना गया,,,, पल भर में ही सोनी के साथ गुजारे गए हर एक पल को वग याद करने लगा,,, उसे ज्यादा रहा था कि सोनी कैसे उसे गांव की औरतों से कहीं ज्यादा और अद्भुत प्रकार का आनंद देती थी,,,, अंदर के दृश्य को देखकर राजू अपने मन में यह कल्पना कर रहा था कि काश उस बिस्तर पर वह होता तो कितना मजा आता जो कि वह कुछ दिन पहले ही सोने के कमरे में सोने के साथ संभोग सुख प्राप्त कर चुका था,,,,, लेकिन फिर भी उसकी प्यास बढ़ती जा रही थी सोनी गरमा गरम सिसकारी के साथ अपने भाई को अपनी बुर चटा रही थी,,,, देखते ही देखते दोनों पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी सोनी अब पूरी तैयारी कर चुकी थी अपने भाई के लंड की सवारी करने के लिए,,,।
उन दोनों को इस बात का आभास तक नहीं था कि खिड़की पर खड़ा होकर राजू उन दोनों की कामलीला को अपनी आंखों से देख रहा है,,,, अपनी मस्ती में पूरी तरह से मस्त हो चुके थे सोनी अपनी गोरी गोरी मोटी मोटी जांघों को फैलाते हुए अपने भाई की कमर के इर्द-गिर्द घुटना रखती और नीचे हाथ ले जाकर अपने भाई के लंड को अपने हाथ से पकड़ कर उसे अपनी गुलाबी बुर का रास्ता दिखाने लगी,,, देखते ही देखते सोनी धीरे-धीरे करके अपने भाई के लंड पर पूरी तरह से विराजमान हो गई,,,, और आगे की तरफ को छोड़कर अपने भाई के ऊपर अपनी दशहरी आम को झुलाते हुए उसे पकड़ने का इशारा करने लगी,,,, लाला भी फुर्ती दिखाता हुआ अपना हाथ आगे बढ़ा कर अपनी बहन की चूची को पकड़ लिया और जोर-जोर से दबाते हुए मजा लेने लगा सोनी अपनी कमर को ऊपर उठाने और बैठाने लगी ऐसा करने से लाला को अद्भुत सुख की प्राप्ति हो रही थी और बाहर खड़े राजू के तन बदन में आग लग रही थी उसके दिमाग में कुछ और चल रहा था वह कुछ देर तक खड़ा होकर इंतजार कर रहा था दोनों अपनी मस्ती में पूरी तरह से चूर हो चुके थे और राजू खिड़की से हटकर दरवाजे की तरफ जा कर खड़ा हो गया उसे खोलने की कोशिश करने लगा,,,, दरवाजा हल्का सा ही बंद था पर उस पर कड़ी लगी हुई थी जो कि जोर से हिलाने पर खुल सकती थी इस बात का अंदाजा लगते ही राजू जोर से दरवाजे पर लात मारा और दरवाजा भड़ाक की आवाज के साथ खुल गया,,,, और राजू दरवाजे पर अपनी कमर पर हाथ रखकर खड़े होकर बिस्तर पर भाई-बहन की कामलीला को अपनी आंखों से देखने लगा दरवाजे के इस तरह से खुलते ही सोनी और लाला दोनों एकदम से घबरा गए और दरवाजे की तरफ देख कर उन दोनों के तो होश उड़ गए,,,।
Fantastic updateबातचीत करने और हंसने वाली दिशा की ओर राजू चोर कदमों से आगे बढ़ने लगा,,, कमरे से आ रही आवाज कुछ ज्यादा साफ नहीं थी इसलिए राजू समझ नहीं पा रहा था की आवाज किसकी है इसलिए धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था,,, लेकिन जैसे-जैसे राजू उस कमरे की ओर आगे बढ़ रहा था वैसे वैसे अंदर से आने वाली आवाज एकदम साफ सुनाई दे रही थी औरत की आवाज से वह समझ गया था कि वह आवाज सोनी की ही थी,,,,,, और वह बात करते हुए खिलखिला कर हंस रही थी,,,, और दूसरी आवाज कोई मर्दाना थी लेकिन वह ज्यादा बोल नहीं रहा था इसलिए राजू समझ नहीं पा रहा था कि आवाज किसकी है,,,।
लेकिन उस मर्दाना आवाज और सोनी की आवाज को सुनकर राजू के मन में शंका की सुई चुभने लगी उसे शंका होने लगा कि कहीं उसकी ही तरह सोनी ने आज भी तो नहीं किसी और मर्द को अपने कमरे में लेकर गई हो और उसके साथ चुदाई का सुख भोग रही हो,,,,, यह बात अपने मन में सोच कर ही राजू का दिल जोरो से धड़कने लगा उसे ऐसा लग रहा था कि सोने की चुदाई करने वाला हुआ है एक ही मर्द हैं गांव में,,,, लेकिन आज उसका यह भ्रम टूटता हुआ नजर आ रहा था वह अपनी शंका को दूर करना चाहता था अपने मन में फैले भ्रम के जाल को तोड़कर बाहर निकलना चाहता था इसलिए राजू धीरे-धीरे उस कमरे की ओर आगे बढ़ रहा था और अपने चारों तरफ नजर घुमाकर देख भी ले रहा था कि कहीं कोई आ तो नहीं रहा है,,,, जैसे-जैसे राजू कमरे के करीब जा रहा था वैसे वैसे अंदर से आने वाली आवाज एकदम साफ होते जा रही थी,,, तभी उसके कानों ने जो सुना उसे सुनते ही उसे समझ में आ गया कि कमरे के अंदर सोनी जरूर रंगरेलियां मना रही है,,,।
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(सोने की आवाज राजू को एकदम साफ सुनाई दे रही थी लेकिन मर्दाना आवाज लड़खड़ा रही थी ऐसा लग रहा था कि जैसे वह शराब के नशे में हो,,, लेकिन उन दोनों की बातचीत इसे राजू समझ गया था कि अंदर जो कोई भी है वह सोनी की चूची से खेल रहा है राजू अपने मन में ही सोचने लगा क्या सोनी अंदर बिना कपड़ों के है,,,, क्या वह कमरे में एकदम नंगी है या वह मर्द धीरे-धीरे उसके कपड़े उतार रहा है,,,,,, इस बात को सोचकर राजू के भी तन बदन में आग लग रही थी वह गुस्सा भी हो रहा था और अंदर की तीली से को देखना भी चाहता था,,,, गांव की अगर कोई औरत होती तो शायद वह इतनी दिलचस्पी बिल्कुल भी नहीं लेता,,, लेकिन अंदर कमरे में कोई सामान्य औरत नहीं बल्कि हवेली में रहने वाली एक राजकुमारी थी जिसके साथ राजू संभोग सुख प्राप्त करता था और उसे लगता था कि सोनी सिर्फ उसकी ही है लेकिन आज उसका यह भ्रम टूटता हुआ नजर आ रहा था और वह यही देखना चाहता था कि आखिरकार बिस्तर पर सोने के साथ उसकी जगह दूसरा कौन ले रहा है,,,,, तभी उसके कानों में मर्दाना आवाज सुनाई दे,,,)
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राजू का दिल जोरों से धड़क रहा था वह जानता था कि हल्का सा खिड़की खोलने पर उसे सब कुछ नजर आ जाएगा लेकिन उसे इस बात का डर था कि कोई उसे देख लेगा तो क्या होगा लेकिन इस बात की उत्सुकता भी थी कि अंदर कमरे में सोने के साथ आखिरकार है कौन जो की पूरी तरह से नशे में है और यही देखने के लिए वह हिम्मत जुटाकर,,, हाथ आगे बढ़ाकर धीरे से खिड़की को हल्के से धक्का देकर केवल थोड़ा सा खोल दिया और खिड़की के थोड़े से ही खुलते ही राजू की आंखें चौंधिया गई,,,, जिस तरह का कमरे का नजारा अपनी आंखों से देख रहा था उसे अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था उसकी आंखें फटी की फटी रह गई थी और आश्चर्य से उसका मुंह खुला का खुला रह गया था,,,,, पहली बार ऐसा हो रहा था कि राजू किसी दृश्य को देखकर आश्चर्य चकित हुआ था,,,, आश्चर्यचकित होता भी कैसे नहीं आखिरकार कमरे का दृश्य ही कुछ ऐसा अनसुलझा हुआ था,,,,।
राज को अपनी आंखों से साफ देख रहा था कि कमरे के बिस्तर पर सोनी पूरी तरह से नंगी थी,,,, और वह एक मर्दाना चौड़ी छाती को अपनी उंगलियों से सहला रही थी और वह मर्दाना चौड़ी छाती किसी गैर मर्द की नहीं बल्कि सोनी के बड़े भाई मतलब की लाला की थी राजू को तो अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था इसलिए बार-बार वह अपनी आंखों को मलकर अंदर के दृश्य को देख रहा था,,,, लाला बिस्तर पर पूरी तरह से नंगा पीठ के बल लेटा हुआ था और बिस्तर के किनारे तकिया रखकर अपने सर को आराम से रखकर अपनी बहन की नंगी जवानी से खेल रहा था सोनी अपनी भाई की चौड़ी छाती पर उंगलियां घुमा रही थी तो लाला अपनी बहन की चूची को हाथ में लेकर दबा रहा था जिससे सोनी रह-रहकर दर्द से कराह उठती थी,,, राजू का समझ में नहीं आ रहा था कि वह अपनी आंखों से यह क्या देख रहा है एक भाई-बहन के बीच इस तरह का रिश्ता यह कैसे संभव है,,,,।
कमरे के अंदर के दृश्य को देखकर और बिस्तर पर एक मर्द और औरत के नंगे बदन को देख कर हैरान वह नहीं था बल्कि इस बात से हैरान था कि कमरे के अंदर बिस्तर पर जो मर्द और औरत है वह दोनों के बीच भाई बहन का रिश्ता था इसलिए राजू की आंखें फटी जा रही थी,,,, राजू साफ तौर पर देख पा रहा था कि सोनी एकदम बेशर्म होकर अपने भाई की आंखों के सामने एकदम नंगी उसके बदन पर अपनी उंगलियां घुमा रही थी और अपने भाई के हाथ में अपनी चूची थमा कर उसे खेलने की इजाजत भी दे दी थी,,,, लाला अपनी बहन की गदराई जवानी से पूरी तरह से मदहोश हुआ जा रहा था एक तो शराब का नशा और ऊपर से सोने के मदमस्त नंगे बदन का अद्भुत नशा दोनों लाला पर अपना असर जमाए हुए थे,,,।
बहुत दिन हो गए हैं सोनी तुम्हारा दूध पिए तुम अब मुझे दूध नहीं पिलाती किसी और को तो नहीं पिला रही हो,,,
नहीं भैया यह कैसी बातें कर रहे हो तुम्हारे सिवा मेरी चूचियों पर किसी और का हक कैसे हो सकता है,,,
हाय मेरी बहना तेरी यही बातें तो मुझे पागल कर देती है ना अपनी चूचियां मेरे मुंह में डाल दे मेरी प्यास बुझा दे मेरी जान,,,,।
(भाई-बहन की गरमा गरम बातें सुनकर राजू पूरी तरह से हैरान था और उन दोनों की बातें उसे भी गर्म कर रही थी एक भाई अपनी बहन से इस तरह से कैसे बातें कर सकता है और बहन भी बेशर्म होकर अपने भाई का साथ दे रही थी आखिर सोनी की ऐसी कौन सी मजबूरी हो गई थी कि वह अपने भाई के साथ ही शारीरिक संबंध बना रही हैं,,,,,, क्या सच में सोनी की जवानी हमेशा पानी मांगती है,,, क्या वह एकदम प्यासी औरत है,,, जो किसी भी मर्द के साथ सोने के लिए तैयार हो जाती है यहां तक कि अपने भाई के साथ भी,,,,,, एक भाई-बहन के बीच इस तरह का रिश्ता आखिरकार कैसे,,,, राजू की आंखों के सामने ही सोनी अपने भाई की बात मानते हुए अपनी दोनों चुचियों को हाथ में लेकर अपने भाई के सीने पर बैठ गई और नीचे की तरफ झुक कर अपनी एक चूची को दशहरी आम की तरह अपने भाई के मुंह में डाल दी ताकि वह उसका रस चूस सके,, और ऐसा ही हुआ जैसे छोटा बच्चा दूध पीने के लिए अपने मुंह को इधर-उधर मारता है उसी तरह से,,, लाला भी अपनी बहन की चूची को मुंह में लेने के लिए अपना मुंह इधर-उधर कर रहा था,,, और उसकी बहन ही उसकी उत्सुकता को खत्म करते हुए खुद ही अपने हाथ से पकड़ कर अपनी चूची को उसके मुंह में डाल दी और लाला भी अपनी बहन की चूची को बड़े चाव से दशहरी आम समझ कर पीना शुरू कर दिया,,,,,,, राजू अपनी आंखों से यह सब देखकर एकदम हैरान था कि भाई बहन के बीच इस तरह का रिश्ता कैसा तभी उसे इस बात का एहसास हुआ कि यही रिश्ता तो उसका और उसकी बहन का भी था यही रिश्ता तो उसका और उसकी बुआ का भी था,,, वह कैसे भूल गया कि वो खुद शुरुआत रिश्तो के बीच अपने बुआ से ही किया था और अपनी बड़ी दीदी की भी जमकर चमकर कर चुका था यहां तक कि उसे गर्भवती करने का भी जिम्मा उठा लिया था और उसमें लगभग लगभग सफल भी हो चुका था,,,, इस बात का ख्याल राजू के मन में आते ही उसे अपनी आंखों के सामने के दृश्य पर हैरानी बिल्कुल भी नहीं हो रही थी लेकिन इस बात से हैरान वह अभी भी था कि उसका रिश्ता जो उसकी बुआ और उसकी बहन के साथ था क्या इस तरह का रिश्ता दूसरे के घरों में भी होता है लाला और सोनी को देखकर वह समझ गया था कि इस तरह के रिश्ता लगभग लगभग हर एक घर में होता है बस बात बाहर नहीं आती,,,, इस तरह से 2 लोग अपनी जरूरतों को पूरा करते हैं जैसे वह अपनी बुआ और अपनी बहन के साथ कर चुका था और श्याम अपनी मां के साथ धीरे-धीरे उसके जेहन में एक एक दृश्य के साथ-साथ उन लोगों का चेहरा भी नजर आने लगा जो कि परिवार में इस तरह के संबंध रखते हैं श्याम श्याम की मां वह खुद उसकी बुआ और उसकी बहन और अब लाला और उसकी छोटी बहन,,,,,,,।
लाला और सोनी के बीच के रिश्तो को देखकर जिस तरह का ख्याल राजू के मन में आ रहा था अब वह पूरी तरह से निश्चित हो चुका था शायद कमरे के अंदर के मादकता भरी दृश्य को देखकर वह खुद पर नजर डालना भूल गया था इसलिए उसे कमरे के अंदर का रिश्ता कुछ अजीब लग रहा था,,,, लेकिन अब उसे हैरानी नहीं हो रही थी बल्कि अब वह उस दृश्य का मजा ले भी रहा था और कुछ सोच भी रहा था उसके जेहन में बहुत सारे बातें चल रही थी जिस पर उसे अमल करने का मन हो रहा था,,,,।
राजू साफ तौर पर देख रहा था कि ढेर सारी लालटेन की रोशनी में पूरा कमरा जगमग आ रहा था और कमरे के बीच में पड़े से पलंग पर दोनों भाई बहन नंगे होकर मजा ले रहे थे लाला अपनी बहन की सूचियों को कस कस कर दबा रहा था और उसे मुंह में लेकर पी रहा था,,, यह देख कर राजू के तन बदन में भी झुर्झुरी से फैलने लगी थी क्योंकि वह सोने की गदर आई जवानी से अच्छी तरह से वाकिफ था उसके बदन के हर एक कौने पर वह अपनी जीप लगाकर उसके नमकीन स्वाद को चख चुका था इसलिए राजू का भी मन कर रहा था किसी समय वह भी कमरे में घुस जाए और सोनी की चुदाई कर दे,,,,,।
लाला बेतहाशा,, अपनी बहन की नंगी कमर को अपने दोनों हथेली में दबाकर उसकी चुचियों का रसपान कर रहा था सोनी अपने भाई के बदन पर लेटी हुई थी,,, लाला कभी कमर को दबाता तो कभी अपने दोनों हाथों को अपनी बहन की गोल-गोल गांड पर रखकर दबाना शुरू कर देता,,, ऐसा करने से लाला की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी,,,, सोनी को भी मजा आ रहा था क्योंकि राजू को सोने की गरमा गरम सिसकारी की आवाज साफ सुनाई दे रही थी,,,।
ओहहहह सोनी अब मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा है मेरे लंड पर चढ़ जाओ,,,,,
भैया मेरे पहले मेरी बुर तो चाटों,,,,,,, तभी तो तुमको ज्यादा मजा दूंगी,,,,
आजा मेरी बहना अपनी बुर मेरे मुंह पर रख दे,,,,
(इतना सुनते ही सोनिक अपने घुटनों के बल खड़ी हुई और घुटनों के बल आगे बढ़ते हुए अपने भाई के सर को अपने दोनों हाथों से पकड़ती हो उसे अपनी तरफ खींचते हुए अपनी बुर से सटा दी,,,, यह देख कर राजू का लंड पूरी तरह से टनटना गया,,,, पल भर में ही सोनी के साथ गुजारे गए हर एक पल को वग याद करने लगा,,, उसे ज्यादा रहा था कि सोनी कैसे उसे गांव की औरतों से कहीं ज्यादा और अद्भुत प्रकार का आनंद देती थी,,,, अंदर के दृश्य को देखकर राजू अपने मन में यह कल्पना कर रहा था कि काश उस बिस्तर पर वह होता तो कितना मजा आता जो कि वह कुछ दिन पहले ही सोने के कमरे में सोने के साथ संभोग सुख प्राप्त कर चुका था,,,,, लेकिन फिर भी उसकी प्यास बढ़ती जा रही थी सोनी गरमा गरम सिसकारी के साथ अपने भाई को अपनी बुर चटा रही थी,,,, देखते ही देखते दोनों पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी सोनी अब पूरी तैयारी कर चुकी थी अपने भाई के लंड की सवारी करने के लिए,,,।
उन दोनों को इस बात का आभास तक नहीं था कि खिड़की पर खड़ा होकर राजू उन दोनों की कामलीला को अपनी आंखों से देख रहा है,,,, अपनी मस्ती में पूरी तरह से मस्त हो चुके थे सोनी अपनी गोरी गोरी मोटी मोटी जांघों को फैलाते हुए अपने भाई की कमर के इर्द-गिर्द घुटना रखती और नीचे हाथ ले जाकर अपने भाई के लंड को अपने हाथ से पकड़ कर उसे अपनी गुलाबी बुर का रास्ता दिखाने लगी,,, देखते ही देखते सोनी धीरे-धीरे करके अपने भाई के लंड पर पूरी तरह से विराजमान हो गई,,,, और आगे की तरफ को छोड़कर अपने भाई के ऊपर अपनी दशहरी आम को झुलाते हुए उसे पकड़ने का इशारा करने लगी,,,, लाला भी फुर्ती दिखाता हुआ अपना हाथ आगे बढ़ा कर अपनी बहन की चूची को पकड़ लिया और जोर-जोर से दबाते हुए मजा लेने लगा सोनी अपनी कमर को ऊपर उठाने और बैठाने लगी ऐसा करने से लाला को अद्भुत सुख की प्राप्ति हो रही थी और बाहर खड़े राजू के तन बदन में आग लग रही थी उसके दिमाग में कुछ और चल रहा था वह कुछ देर तक खड़ा होकर इंतजार कर रहा था दोनों अपनी मस्ती में पूरी तरह से चूर हो चुके थे और राजू खिड़की से हटकर दरवाजे की तरफ जा कर खड़ा हो गया उसे खोलने की कोशिश करने लगा,,,, दरवाजा हल्का सा ही बंद था पर उस पर कड़ी लगी हुई थी जो कि जोर से हिलाने पर खुल सकती थी इस बात का अंदाजा लगते ही राजू जोर से दरवाजे पर लात मारा और दरवाजा भड़ाक की आवाज के साथ खुल गया,,,, और राजू दरवाजे पर अपनी कमर पर हाथ रखकर खड़े होकर बिस्तर पर भाई-बहन की कामलीला को अपनी आंखों से देखने लगा दरवाजे के इस तरह से खुलते ही सोनी और लाला दोनों एकदम से घबरा गए और दरवाजे की तरफ देख कर उन दोनों के तो होश उड़ गए,,,।