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Incest बैलगाड़ी,,,,,

hariom1936

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Ohh my god 😃

क्या था ये, विश्वास ही नहीं हो पा रहा कि ऐसा भी फाड़ू, भयानक अपडेट भी कोई लिख सकता है।

"घन घमंड घनघट्ट है घोररा,आज लन्ड फड़कत है मोरा"

तुमसे सबकी फाड़ के रख दी।
 

sunoanuj

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Adhbhut jabardast updates… 👏🏻👏🏻👏🏻
 

sexyswati

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असली तूफानी बारिश का मजा मधु को आज पहली बार मिल रहा था और राजू भी इससे पहली बार अवगत हो रहा था राजू धीरे-धीरे अपनी कमर को आगे पीछे करते हुए अपनी मां के मुंह को चोद रहा था जलती हुई आप की रोशनी में सब कुछ साफ नजर आ रहा था उसकी मां का नंगा बदन संगमरमर की तरह चमक रहा था अपनी मां की मदमस्त कर देने वाली जवानी में राजू पूरी तरह से हो चुका था वह एक तरफ लंड चुदाई का मजा लूट रहा था तो दूसरी तरफ अपने दोनों हाथों से अपनी मां की पपाया जैसी चूची को जोर जोर से दबा रहा था जिससे मधु भी अंदर ही अंदर से लौट रही थी उसकी बुर में आग लगी हुई थी वह जल्द से जल्द अपने बेटे के लंड को अपनी बुर की गहराई में देखना चाहती थी,,,,।


बाहर बारिश अपना चोर दिखा रही थी और अंदर राजू अपना जोर दिखा रहा था दोनों मां बेटों का जोश बढ़ता चला जा रहा था दोनों को विश खंडहर में स्वर्ग का सुख प्राप्त हो रहा था ऐसा लग रहा था कि जैसे यह खंडहर उन्हें दोनों के लिए बना हो,,,, दोनों शायद अपने घर में इस तरह का सुख प्राप्त नहीं कर सकते थे जितना आनंद उन्हें इस तूफानी बारिश में इस डरावने खंडहर में मिल रहा था,,,, मधु अपने मन में यही सोच रही थी कि बाप रे उसके बेटे का लंड कितना मोटा और लंबा है अगर उसकी बुर में जाएगा तो उसकी बुर फाड़ देगा,,,, कुछ देर तक राजू इसी तरह से मजा लेता रहा और बार-बार अपनी हथेली को नीचे की तरफ झुक कर अपनी मां की बुर पर रखकर उसे जोर से मसल दे रहा था जिससे मधु खुद अपने बेटे के लंड को लेने के लिए तड़प‌ उठ रही थी,,, राजू समझ गया था कि अब उसकी मां को लंड की जरूरत है इसलिए वह हीरे से अपने लंड को अपनी मां के मुंह से बाहर निकाल लिया,,,, मधु की पूरी तरह से अपनी बेटी को आगे बढ़ने के लिए मौन स्वीकृति दे दी थी,,,।

राजू गहरी गहरी सांस ले रहा था मधु पीठ के बल लेटकर अपनी बेटी के लंड को देख रही थी जो कि उसके थूक और लार से पूरी तरह से सना हुआ था,, जलती हुई आग की रोशनी में उसके बेटे का लंड एकदम चमक रहा था जिसकी चमक में वह पूरी तरह से अपनी जवानी अपने बेटे के कदमों में निछावर करने के लिए तैयार हो चुकी थी,,, राजू अपने लंड को हाथ में पकड़ कर उसे हिलाते हुए बोला,,।

बोलो तो मां मै ईसे तुम्हारी बुर में डाल दुंं,,
(अपने बेटे की बात सुनकर मुझे कुछ बोले नहीं बस शर्मा कर अपनी पलके झुका कर दूसरी तरफ मुंह फेर ली,,, यह मधु की तरफ से मौन स्वीकृति थी लेकिन राजू अपनी मां के मुंह से सुनना चाहता था इसलिए वह बोला,,,)


ऐसे नहीं मां तुम अपने मुंह से बोलो तभी मैं आगे बढ़ुंगा,, मैं तुम्हारी बुर में लंड डाल दूं,,,

इसमें पूछने वाली कौन सी बात है तु मुझे इतना तड़पा रहा है,,, अब जब तक तू अपने लंड को मेरी बुर में डालेगा नहीं तब तक मुझे भी चैन नहीं मिलेगा,,,

ओहहहह मां यह हुई ना बात इसे कहते हैं औरत वाली बात अब देखना मैं तुम्हारी कैसे चुदाई करता हूं पिताजी को तो तुम भूल ही जाओगी मेरा लंड एक बार अपनी बुर में लोगी तुम मस्त हो जाओगी तुम्हें ऐसा मजा दूंगा कि तुम जिंदगी भर याद रखोगी,,,
(इतना कहने के साथ ही राजू अपनी मां की दोनों टांगों के बीच आगे और मधु खुद अपनी दोनों टांगों को थोड़ा सा फैला दी राजू अपने दोनों हाथों को अपनी मां की कमर के नीचे से ले गया और उसकी कमर थाम कर उसे अपनी जांगू पर चढ़ा लिया उसकी यादें गाना राजू की जांघों पर टिकी हुई थी राजू पूरी तरह से तैयार था अपनी मां की बुर में समाने के लिए मधु की बुर पूरी तरह से चिपचिपी हो चुकी थी जिससे मोटा लंड अंदर जाने में किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं आती और मधु की यह देखना चाहती थी कितना मोटा लंड उसकी बुर में जाने के बाद कैसा दिखता है इसलिए वह अपने हाथ की कोनी का सहारा लेकर अपनी नजरों को अपनी दोनों टांगों के बीच स्थिर कर चुकी थी राजू बेशर्मी की हद पार करते हुए अपने मोटे लंड को अपने हाथ से पकड़ कर लंड के हथौड़े को अपनी मां की गुलाबी बुर पर पटकने लगा मानो कि जैसे लोहे की पाटी को अपने हथौड़े से पीट रहा है,,, लेकिन अपने बेटे की इस हरकत से मधु पूरी तरह से मस्त हुए जा रही थी एक बार तो वहां बुर में लंड डालने से पहले अपने लंड को उसके नीचे ले जड़ से पकड़ कर उसे पूरा का पूरा बुर के ऊपर रखकर लंबाई नापने लगा जो कि पेट तक आ रहा था यह देखकर मधु थोड़ा सा घबरा गई और राजू चुटकी लेता हुआ बोला,,।

देखना मैं मैं तुम्हारी बुर से डालूंगा और गांड से निकाल लूंगा,,,

चल देखती हूं तेरी मर्दानगी,,,

यह बात है तो यह लो,,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू ढेर सारा थूक अपने मुंह में लिए हुए ही उसे अपनी मां की बुर पर गिराने लगा जिससे उसकी बुर और ज्यादा गिरी हो गई और राजू अपने मोटे लंड के सुपाडे को अपनी मां की गुलाबी छेद पर रख कर उसे धीरे धीरे अंदर की तरफ सरकारने लगा,,, मधु को एकदम साफ नजर आ रहा था जलती हुई लकड़ी की रोशनी में मधु अपने बेटे के लंड को जो की बहुत मोटा था अपनी बुर के अंदर घुसता हुआ देख रही थी उसे धीरे-धीरे दर्द महसूस हो रहा था क्योंकि इतना मोटा लंड उसने आज तक अपनी बुर में नहीं ली थी इसलिए उसे थोड़ा दिक्कत आ रहा था लेकिन राजू पूरी तरह से अनुभव से भरा हुआ था वह जानता था कि औरत को कैसे काबू में किया जाता है,,, राजू के लंड का सुपाड़ा अभी आधा ही घुसा था और मधु को थोड़ा दर्द महसूस होने लगा जो कि उसके चेहरे से लग रहा था इसलिए राजू अपना दोनों हाथ आगे बढ़ा कर अपनी मां की चूची को पकड़ लिया था और हल्के से अपनी कमर को आगे खेल दिया जिससे, भक से लंड का सुपाड़ा बुर की गुलाबी पत्तियाो को चीरता हुआ अंदर सरक गया,,,, मधु की सबसे बड़ी तेजी से चलने लगी राजू के लंड का मोटा से बड़ा बुर के अंदर घुस जाने के बाद राजू के लिए आगे का कार्य एकदम आसान हो चुका था वह देखते ही देखते अपने लंड को और अंदर की तरफ डालना शुरू कर दिया लंड की मोटाई इतनी ज्यादा थी कि मधु को अपनी बुर की अंदरूनी दीवारों पर अपने बेटे के लंड की रगड़ एकदम साफ महसूस हो रही थी जिससे उसका मजा दुगना होता जा रहा था हालांकि थोड़ा बहुत दर्द का भी उसे महसूस हो रहा था लेकिन इस दर्द के आगे जो सुख मिल रहा था उसके आगे दर्द कोई मायने नहीं रख रहा था,,,,, राजू का लंड आधा उसकी मां की बुर में घुस चुका था और राजू अपने हाथ की हरकत को आगे बढ़ाते हुए कभी चूची को पकड़ ले रहा था तो कभी कमर को कस के पकड़ ले रहा था वह अपनी मां के नंगे चिकने पेट पर अपनी हथेली को सहला रहा था यह मधु को सांत्वना भी दे रहा था कि थोड़ी देर में मजा आने वाला है और देखते ही देखते राजू का पूरा लंड मधु की आंखों के सामने उसकी बुर के अंदर समा गया मधु पूरी तरह से हैरान हो चुकी थी कितना मोटा लंबा लंड जिसे वह देखकर कुछ पल के लिए घबरा गई थी कि वह अंदर कैसे ले पाएगी और वह देखते ही देखते उसकी बुर की गहराई में खो चुका था इससे मधु को खुशी भी हो रही थी और जिस तरह का सुख से प्राप्त हो रहा था इस तरह का सुख उसने अपने साथी के संपूर्ण जीवन में कभी प्राप्त नहीं कर पाई थी,,, पूरे लंड को अपनी मां की गहराई में डाल देने के बाद राजू मुस्कुराता हुआ अपनी मां की तरफ देखा और बोला,,,।
Raju or Madhu


देखा मां कितने आराम से तुमने मेरे लंड को अपने बुर में ले ली,,,,

डाल तो दिया है राजू अब कुछ कर मुझसे रहा नहीं जा रहा है,,,,।
(राजू अपनी मां के कहने के मतलब को अच्छी तरह से समझ रहा था उसकी मां सीधे-सीधे उसे चोदने के लिए बोल रही थी इसलिए राजू एक पल की भी देरी किए बिना अपनी मां से बोला)

तुम बेफिक्र हो जाओ मां आज तुम्हें ऐसा सुख दूंगा ऐसी चुदाई करूंगा कि तुम जिंदगी भर याद रखोगी,,,

कुछ भी करना बेटा लेकिन मेरी बुर मत फाड़ देना वरना घर जाकर तेरे पिताजी को कैसे अपना बुर दिखाऊंगी मुंह देखकर तो ऐसे भी उन्हें पता नहीं चलेगा लेकिन वह देखकर तो पता ही चल जाएगा कि रात भर किसी से चुदवा कर आई है,,,।



तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो ऐसा कुछ भी नहीं होगा ,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू अपनी मां की कमर को दोनों हाथों से थाम लिया और अपने लंड को अंदर बाहर करके अपनी मां को चोदना शुरु कर दिया शुरू शुरू में मोटे लंड की वजह से अंदर बाहर होने में थोड़ी बहुत दिक्कत पेश आ रही थी लेकिन उत्तेजना के मारे मधु की बुर अंदर से पानी छोड़ रही थी जिसकी वजह से अंदर चिपचिपाहट सी हो गई थी और थोड़ी ही देर में राजू का लंड बड़े आराम से सटासट बुर के अंदर बाहर हो रहा था मधु पूरी तरह से मस्त हुए जा रहे थे इतना मोटा लंड जिंदगी में पहली बार वह अपनी बुर के अंदर ले रही थी इसलिए चुदाई का उसे परम आनंद प्राप्त हो रहा,,, राजू का सपना था अपनी मां को चोदना गांव भर की सारी औरतों को वह रोज चोदता रहा था लेकिन उसका सबसे बड़ा ख्वाब यही था कि वह कब अपनी मां की बुर में लंड डाले क्योंकि उसकी नजर में उसकी मां दुनिया की सबसे खूबसूरत औरत ही और ऐसा था कि गांव भर में उसकी मां जैसी खूबसूरत औरत दूसरी और कोई नहीं थी उसके बदन की बनावट अभी भी जवान लड़कियों की तरह ही थी बस थोड़ा सा बदन भर गया था जिसकी वजह से वह और ज्यादा कामुक लगने लगी थी,, दो दो बच्चों की मां होने के बावजूद भी चुदवाने पर ऐसा सुख प्राप्त करती थी और देती थी जिसे महसूस करके राजू पूरी तरह से मस्त हुआ जा रहा था ऐसा सुख तो लाला की बहन को चोदने में भी उसे नहीं आया था जैसा सुख उसे अपनी मां को चोदने में आ रहा था,,,।

तूफानी बारिश में मधु की सिसकारियां पूरे खंडहर में गूंज रही थी वह पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी इस तरह से खुलकर चुदाई का मजा उसने आज तक नहीं रही थी भले ही रोज वह अपने पति से चुदवाती थी लेकिन ऐसा सुख उसे आज तक प्राप्त नहीं हुआ था राजू से पूरी तरह से मस्त कर दे रहा था कभी चूचियों को दबाता तो कभी कमर को लपक लेता तो कभी नीचे की तरफ झुक कर उसके होठों को चूसने लगता यह सब बेहद अद्भुत था मधु जैसी संस्कारी औरत के लिए तो यह सब अविस्मरणीय था वह पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी मस्ती के सागर में वह पूरी तरह से डूब ना शुरू कर दी थी उसे यकीन नहीं हो रहा था कि इस तरह की भी जुदाई होती है इस तरह का भी आनंद औरत को प्राप्त होता है लेकिन उसे इस बात का एहसास हो गया था कि मर्द दमदार होना चाहिए जो की औरत को पूरी तरह से नहीं छोड़ कर रख दे और वही कार्य समय उसका बेटा राजू कर रहा था वह पूरी तरह से अपनी मां को अपनी आगोश में लिए हुए था और अपने तेज धक्कों से उसे तृप्त कर रहा था मधु बार-बार अपने बेटे के लंड की ठोकर को अपने बच्चेदानी पर महसूस करके धन्य हो जा रही थी आज तक उसके बच्चेदानी तक उसके पति का लंड नहीं पहुंच पाया था लेकिन उसके बेटे के लंड का हर एक ठोकर उसे अपने बच्चेदानी पर महसूस हो रहा था जिससे उसका मजा दोगुना होता जा रहा था,,,,।

ओहहहह मां तुम्हारी जैसी खूबसूरत औरत मैंने आज तक नहीं देखा चोदने में इतना मजा आता है मैंने आज तक कभी सपने में भी नहीं सोचा था लेकिन आज जो सुख मुझे मिल रहा है वैसे जिंदगी में नहीं भूल पाऊंगा मेरी जिंदगी की है रात सबसे हसीन रात है या यूं समझ लो कि आज की रात मेरी सुहागरात है,,,।
(अपने बेटे के मुंह से सुहागरात वाली बात सुनते ही मधु एकदम से शर्मा कर लाल हो गई और पानी छोड़ने लगी यह देखकर राजू अपनी मां से बोला)

क्यों मैं शरमा गई क्या,,,?

तो और क्या तुझे पता है सुहागरात किसके साथ मनाई जाती है,,,

मुझे पता है अपनी पत्नी के साथ है जिसको रात भर चोदते हैं और आज की रात में तुम्हें चोद रहा हूं तो एक तरह से तुम मेरी बीवी हुई,,,

धत् पागल इस तरह की बातें कर रहा है मैं तेरे पिताजी की हूं समझा,,,

मुझे पता है,,(जोर-जोर से अपनी कमर हिलाते हुए) लेकिन आज तुम्हारी बुर में मेरा लंड गया है तुम्हें जो सुख में दे रहा हूं इस तरह से पिताजी ने भी कभी नहीं दिया होगा इसलिए अब तुम पर सबसे पहला हक मेरा है,,,.
(कोई और समय होता तो शायद अपने बेटे की इस बात पर वह उसके गाल पर थप्पड़ लगा दी होती लेकिन मौका और दस्तूर दोनों राजू के साथ था और मधु के साथ भी इसलिए राजू कि इस तरह की गंदी बातें भी मधु को अच्छी लग रही थी वह और कस के अपनी कमर को ऊपर की तरफ उठाकर अपने बेटे को चोदने के लिए मजबूर कर दी थी राजू पागलों की तरह अपनी मां को चोद रहा था उसकी बुर की चुदाई करके उसे तहस-नहस कर दे रहा था,,,, फुचच फुचच की आवाज लगातार मधु की बुर से आ रही थी और जांघ से जांघ टकराने से एक मधुर आवाज पैदा हो रही थी,, जो की दोनों की मदहोशी बढा रहा था,,, राजू अपने लंड को अपनी मां की बुर में पेलता हुआ बोला,,,।

सच-सच बताना मत मेरे लंड से तुम्हें ज्यादा मजा मिल रहा है ना,,,।

हारे बहुत मजा आ रहा है,,,


तुम्हारी बुर के अंदर पिताजी के लंड से ज्यादा रगड़ नहीं मिल रही हो कि कितना रगड़ मेरे लंड से मिल रही है,,,, है ना,,,,,


हा रे तु मुझे रगड़ रगड़ कर चोद रहा है,,,, मैं आज मान गई कि मैंने एक मर्द को जन्म दिया है,,,


अब तो तुम्हें डर नहीं लग रहा है ना इस खंडहर में,,,


सच कहूं तो आप तो मुझे बहुत मजा आ रहा है इस खंडरर में मैं कभी सोची भी नहीं थी कि इस तरह से किसी जंगल में खंडहर में रात बितानी पड़ेगी,,,

यह जान लो आज की रात हम दोनों की सुहागरात है और अब तो मैं रोज तुम्हारी जुदाई करूंगा मौका मिलते ही,,

अब तो मैं खुद तेरे बिना नहीं रह पाऊंगी लेकिन यह बात किसी को पता नहीं चलना चाहिए,,,

इस बात की किसी को कानों कान भनक तक नहीं पड़ेगी,,,,

(मधु अपने बेटे की हरकत और उसकी संगत में पूरी तरह से बेशर्म बन चुकी थी एक रंडी की तरह सवाल जवाब करते हुए अपने बेटे से चुदाई का मजा ले रही थी इस तरह का सुख उसने आज तक नहीं प्राप्त की थी जो सुख उसे उसका बेटा दे रहा था अपने बेटे के लंड की मोटाई और लंबाई से वह पूरी तरह से भाव विभोर हो चुकी थी अपने बेटे का साथ देते हुए वह खुद अपनी कमर ऊपर की तरफ उछाल उछाल कर अपनी बेटी के लंड को अपनी बुर में ले रही थी,,,,, तूफानी बारिश और तेज हवाओं के स्वर में मधु की कामुकता भरी मादकता भरी गरमा-गरम सिसकारी की आवाज खंडहर में ही दबकर रह जा रही थी। राजू के हर एक धक्के के साथ मधु खंडार के जमीन पर आगे की तरफ सरक जा रही थी वह तो राजू उसकी कमर को कस के थामें हुए था,,,, राजू का हर एक जबरदस्त प्रहार मधु को अंदर तक सिहरन भर दे रहा था उसकी हर एक धक्के पर उसकी गोल-गोल खरबूजे जैसी चूचियां पानी भरे गुब्बारे की तरह छतियो पर लहराने लग जा रही थी,,,। देखते ही देखते मधु का बदन अकड़ने लगा राजू समझ गया कि उसकी मां का पानी निकलने वाला है और वह भी चरम सुख के बेहद करीब पहुंच चुका था इसलिए नीचे की तरफ झुक कर अपनी मां को अपनी बाहों में कस कर उसकी चूची को मुंह में भर कर पीना शुरू कर दिया और अपनी कमर को जोर जोर से हिला रहा शुरू कर दिया लगभग 20-25 धक्के के बाद दोनों की सांसें एकदम से तेज चलने लगी और दोनों एक दूसरे की बाहों में एकदम से समा गए और देखते ही देखते दोनों झड़ना शुरू कर दिए,,,
आअह्ह्ह्हह्हह ...... उम्मम्मम्मम... लेखक महोदय ........ ये अपडेटपढ़ने के बाद तो मेरे निचे बाढ़ सी आ गयी है ....... स्स्स्सस्स .....
जीतना सोचा था उससे भी बेहद कामुक वर्णन किया है माँ बेटे के पहले मिलान का .....
 

rohnny4545

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राजू की बैलगाड़ी घर की तरफ निकल पड़ी,,, राजू आज बहुत खुश था क्योंकि आज उसे वह मिल गया था जिसके बारे में सिर्फ कल्पना किया करता था ,,, राजू कैसा महसूस हो रहा था कि जैसे आज उसे दुनिया का सबसे बेशकीमती खजाना हाथ लग गया हो और अब वह उसका मालिक बन गया हो लेकिन मधु की हालत खराब थी रात भर की जमकर चुदाई करने के बाद उसे अपनी दोनों टांगों के बीच बुर में दर्द महसूस हो रहा था,,, ऐसा तो उसे अपनी सुहागरात पर भी दर्द नहीं हुआ था अपने बेटे की मर्दानगी को वहां रात भर में ही अच्छी तरह से देख चुकी थी और उसे अपने बेटे पर गर्व भी हो रहा था,,, जहां एक बार में ही उसका पति ध्वस्त हो जाता था वही उसका बेटा लगातार रात भर खुद भी जाता रहा और उसे भी जगह तरह ना खुद सोया ना उसे सोने दिया,,,,,,,, सुबह हो चुकी थी चारों तरफ सूर्य की रोशनी अपना उजाला फैला रही थी खेतों में पानी भरा हुआ था लेकिन कच्ची सड़क पर पानी नहीं था जिससे बेल गाड़ी आराम से आगे बढ़ रही थी ऐसी गजब की बारिश ना तो मधु ही देखी थी और ना ही राजू ही ऐसा लग रहा था कि यह बारिश शायद उन दोनों के मिलन के लिए ही बरस रही थी,,,, बेल गाड़ी चलाते समय भी रह-रहकर राजू अपनी मां की खूबसूरती में खो जाता था उसकी आंखों के सामने कभी उसकी मां का नंगा बदन उसकी नंगी चूचियां उसकी बड़ी बड़ी गांड तो उसकी बुर में घुसता हुआ अपना लैंड नजर आता था,,,, राजू इस बात से हैरान था कि दो दो जवान बच्चों की मां होने के बावजूद भी अभी भी उसकी मां की पूरे तुम कैसी हुई थी मानो कि जैसे जवान औरत इसीलिए तो वह रात भर अपनी मां को जमकर चोदे बिना नहीं रह पाया था और अपनी मां की मदमस्त जवानी देख कर बार-बार उसका लंड खड़ा भी हो जा रहा था,,,, अपनी मां के बारे में सोचते हुए अभी भी उसका लंड खड़ा हो गया था अगर उसकी मां इजाजत देती तो बैलगाड़ी में ही वह अपनी मां की अभी भी चुदाई कर देता क्योंकि राजू का मन अपनी मां के मादक सौंदर्य से भरा नहीं था और ना ही कभी भरने वाला था,,,, मधु के अंग अंग से मधुर रस टपकता था जिसका रस वह रात भर कभी अपने होठों से तो कभी अपने लंड से पीता रहा,,,,,

रात को जो कुछ भी हुआ था उससे मधु एकदम शर्मिंदा हो चुकी थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि रात को जो कुछ भी उन दोनों के बीच हुआ वह सही था या गलत इसका फैसला करने में वह बिल्कुल भी सक्षम नजर नहीं आ रही थी क्योंकि रात को जो कुछ भी हुआ था समाज की नजर में वह एक अपराध था रिश्तो को कलंकित कर देने वाला था लेकिन एक औरत के नजरिए से रात को जो कुछ भी हुआ था वह उन दोनों की अपनी अपनी जरूरत थी जिसमें दोनों अपनी जरूरत को पूरा करते हुए एक दूसरे को संपूर्ण संतुष्टि का अहसास दिला चुके थे और आज तक मधु ने इस तरह का सुख नहीं भोग पाई थी,,,, और इस अद्भुत सुख की प्राप्ति के एवज में उसे समझ में नहीं आ रहा था कि अपने बेटे से घृणा करें या उसके इस उपकार के बदले अपना अस्तित्व पूरी तरह से उसके कदमों में रख दें ऐसे भी रात को वह अपने संपूर्ण अस्तित्व को अपनी जवानी को अपने बेटे के कदमों में निछावर कर चुकी थी जिसके बदले में उसके बेटे ने उसकी मादक अद्भुत खूबसूरती को अपनी बाहों में लेकर उसका रसपान किया था,,,,,,, मधु बीते हुए रात के बारे में सोच कर एक-एक पल के बारे में सोच कर पूरी तरह से फिर से मस्त हुए जा रही थी उसे सब कुछ सपना सा लग रहा था उसे लग रहा था कि वह एक बेहद खूबसूरत सपना देख रही थी लेकिन उसने सपने जैसी जिंदगी को जी चुकी थी अपने बेटे के लंड की लंबाई और मोटाई को अपनी बुर की गहराई में महसूस कर चुकी थी उसका हर एक धक्का वह अपने बच्चेदानी पर अच्छी तरह से महसूस कर चुकी थी,,,, अपने बेटे की मजबूत बाहों में आकर उसका संपूर्ण वजूद एक गुड़िया की तरह ही लग रहा था जिसे उसके बेटे ने जी भर कर प्यार किया था,,,। मधु कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वह अपने बेटे के साथ शारीरिक संबंध बनाएगी,,, लेकिन कभी-कभी सोच से विपरीत और भी ज्यादा खूबसूरत होता है जैसा कि उसके साथ हुआ था,,,,, रात को अपने बेटे की आंखों के सामने बैठकर पेशाब करना उसकी आंखों के सामने अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी हो जाना यह सब मधु के लिए बिल्कुल नया था लेकिन बेहद अद्भुत सुख प्रदान करने वाला था किसी जवान लड़के के सामने कपड़े उतार कर देंगी होने में भी एक अपना मजा होता है जिसे वह अच्छी तरह से महसूस कर पाई थी वरना यह सुख उससे पूरी तरह से अधूरा ही था,,,,,, अपने बेटे की बाहों में नग्न अवस्था में सोना उसके बदन की गर्मी से वातावरण की ठंडक को दूर करना यह सब सोचकर मधु पूरी तरह से गर्म हुई जा रही थी,,,, रात भर चोदने के बाद जिस तरह से सुबह में दोनों खंडार के पीछे जाकर नहाए थे वह पल मधु के लिए बहुत खास था क्योंकि आज तक उसने खुले में कभी इस तरह से सारे कपड़े उतार कर नंगी होकर नहीं आई थी और वह भी अपने बेटे के साथ मधु को अपनी खूबसूरत बदन पर अपनी जवानी पर गर्व होने लगा था कि इस उम्र के दौर में भी वह अपने जवान बेटे को अपनी तरफ आकर्षित करने में पूरी तरह से कामयाब हो चुकी थी और उसकी गर्म जवानी से उसके बेटे की प्यास बुझ ही नहीं रही थी जोकि रात भर उसे पेलता रहा,,, उस पल को याद करके मधु की आंखों में एक बार फिर से शर्म उतार आई जब वह खंडार के पीछे नंगी होकर नहा रही थी और उसका बेटा भी उसका साथ देने के लिए आ गया था अपने बेटे के खड़े लंड को अपनी गांड पर अपनी बुर पर महसूस करके वह खुद इतना ज्यादा उत्तेजित हो गई थी कि वह अपने आप पर काबू नहीं कर पाई थी और अपने बेटे के लंड को खुद ही पकड़ ली थी और घुटनों के बल बैठकर अपने बेटे के लंड को मुंह में लेकर उसे अद्भुत सुख प्रदान की थी,,, अपनी हरकत से अपने बेटे को एक बार फिर से गर्म करके वह अपने बेटे को खुद को चोदने पर मजबूर कर देते और उसका बेटा भी अपनी मर्दानगी की सारी ताकत दिखाता हुआ एक बार फिर से उसकी बुर में समा गया था,,,

यह सब ख्याल मधु को एक बार फिर से गर्म कर दिया था उसे समझ में नहीं आ रहा था कि अपनी बेटी के साथ शारीरिक संबंध के इस रिश्ते को आगे बढ़ाए यहीं खत्म कर दे क्योंकि यह बात वह भी अच्छी तरह से जानती थी कि जिस तरह का सुख उसके बेटे ने उसे दिया था उस तरह का सुख उसे अब कभी नहीं मिलने वाला है बिना उसके बेटे का क्योंकि वह अपने पति की ताकत को अच्छी तरह से जानती थी क्योंकि बरसो उन्हीं से चुदवाती आ रही थी,,,, समाज का डर उसके मन में भी था उसे भी इस बात का डर था कि अगर घर में किसी को इस बात की भनक लग गई तो क्या होगा उसकी इज्जत का क्या होगा उसके सम्मान का क्या होगा और अगर गांव में किसी को पता चल गया तब क्या होगा वह तो गांव में किसी को मुंह दिखाने के काबिल ही नहीं रह जाएगी यही सब सोचकर व थोड़ा परेशान भी हो रही थी कि तभी राजू बोला,.

रात को कैसा लगा मां,,,
(अपने बेटे के सवाल का जवाब देने के लिए वह तैयार नहीं थी आखिर वह अपने बेटे से क्या कहती कि उसे मजा आया उसके लंड से चोदने में उसे बहुत आनंद मिला ऐसा कहने में उसे शर्म भी महसूस हो रही थी इसीलिए वह खामोश रही उसकी ख़ामोशी को देखकर राजू फिर बोला)

बोलो ना बा कैसा लगा,,,, मुझे तो बहुत मजा आया क्योंकि दुनिया की सबसे खूबसूरत औरत की चुदाई जो मैंने किया है सच कहूं तो तुम्हें चोदने की सिर्फ कल्पना ही कर सकता था मुझे नहीं मालूम था कि यह हकीकत में हो जाएगा अच्छा हुआ कि पिताजी ने दवा दिलाने के लिए तुम्हें मेरे साथ भेज दिए और यह तूफानी बारिश का तुम्हें अपने दिल से लाख-लाख बार शुक्रिया अदा करूंगा क्योंकि यह बारिश ना होती तो शायद हम दोनों एक ना होते,,,

बस राजू जो हो गया सो हो गया अब आगे बिल्कुल भी नहीं होगा,,,

ऐसे कैसे नहीं होगा मेरा लंड तो तुम्हारी एक बुर में जाने के लिए अभी भी तड़प रहा है तुम्हारी खूबसूरत जवानी का रस रात भर पीता रहा हूं लेकिन यह प्यास है कि बुझने का नाम नहीं ले रही है,,, कसम से मां इस उम्र में भी तुम्हारी बुर एकदम कसी हुई है मेरा तो लंड दर्द करने लगा,,,

तू भी तो तू कहां मान रहा था जब मन कर रहा था तब डाल दे रहा था यह भी नहीं सोचता था कि मुझे कैसा लग रहा है,,,


क्यों तुम्हें मजा नहीं आया क्या कसम से बताओ तुम्हें मेरी कसम,,,


अब क्या बताऊं,,,, मुझे भी बहुत मजा आया लेकिन डर लगता है कि किसी को यह बात पता चल गई तो क्या होगा,,,

क्या मां तुम भी पागलों जैसी बात करती हो हम दोनों के बीच की इस बात को भला कैसे लोगों को पता चलेगा यह तो तुम जानती हो और मैं जानता हूं और इस रात को घने जंगल में इस खंडार में अपने इस बेल के सिवा और कोई नहीं जानता और यह बेल है कि बोल नहीं पाएगा और ना जरूरी अपने मालिक को बता देता कि मालिक मालिक रात भर तुम्हारी बीवी की चुदाई तुम्हारा बेटा किया है,,,,।
(इतना सुनते ही मधु की हंसी छूट गई और वह खिलखिला कर हंसने लगी अपनी मां को इस तरह से हंसता हुआ देखकर राजू बोला)

देखना मां हंसते हुए तुम और ज्यादा खूबसूरत लगती हो,, तुम्हें हंसता हुआ देखकर मेरा लंड फिर खड़ा हो गया है,,, अगर इजाजत हो तो इसी समय बैलगाड़ी में तुम्हारी बुर में डाल दुं,,,,

चल चल रहने दे अब तेरा मुझे नहीं डलवाना है रात भर डाल डाल कर पूरा सुजा दिया है,,,,

क्या सुजा दिया है,,,,?(राजू सब कुछ जानते हुए भी जानबूझकर बोला क्योंकि वह अपनी मां के मुंह से सुनना चाहता था)

अरे वही जिसमें तू डाल रहा था,,,(मधु शर्माते हुए पूरी उसे मालूम था कि उसका बेटा उसके साथ शरारत कर रहा है और उसके शरारत में उसे भी मजा आ रहा था)

क्या मां ठीक ठीक से बोलो ना क्या सूज गया और मैं क्या डाल रहा था,,,

चल तुझे सब कुछ मालूम है,,,


हां वह तो है मुझे सब कुछ मालूम है लेकिन तुम्हारे मुंह से सुनने में मुझे बहुत मजा आएगा,,,

क्यों रात भर जो मजा लिया वह कम था क्या,,,


अरे पूछो मत वह मजा तो मेरी जिंदगी का सबसे अनमोल तोहफा था तुम्हारी तरफ से लेकिन अपने मुंह से अगर साफ साफ शब्दों में कहोगी तो मुझे और मजा आएगा,,,

क्या,,,?


वही कि क्या सोच गया और मैं क्या डाल रहा था,,,
(अपनी बेटे की बात सुनकर मधु को शर्म महसूस हो रही थी उसे शर्म भी आ रही थी और मजा भी आ रहा था वह भी अपने बेटे के सामने खुले शब्दों में बोलने में लाल आई तो थी और वैसे भी रात भर में उसके बेटे ने उसे खुद अपने हाथों से नंगी करके उसकी चुदाई भी किया था और उसे मजा भी दिया था तो ऐसे में अपने बेटे से शर्म करने का कोई मतलब नहीं था इसलिए वह शरमाते हुए बोली)

तू अपना लंड मेरी बुर में डाल डाल कर सुजा दिया है,,,

आहहह आहहरह‌ क्या बात है कितनी मधुर आवाज है देखी तुम्हारे मुंह से यह शब्द कितने अच्छे लगते हैं बुर और लंड,,,


तुम मुझे सच में बेशर्म बनाता जा रहा है,,,

लेकिन बेशर्म बनने में कितना मजा है ना मां अगर तुम बेशर्म ना बनती तो मेरी आंखों के सामने अपने कपड़े उतार कर नंगी ना होती मेरे सामने बैठकर पेशाब ना करती मेरे लंड को अपने मुंह में ले लेती और ना ही मुझे अपनी चूची पीने देती ना अपनी बुर का रस पिलाती और ना ही मेरे लंड को अपनी बुर में लेकर चुदवाने का अद्भुत सुख प्राप्त कर पाती,,,

(अपने बेटे की इन बातों को सुनकर मधु के तन बदन में फिर से आग लगने लगी थी अपने बेटे के लैंड की रबड़ को अभी भी अपनी बुर की अंदरूनी दीवारों में महसूस कर पा रही थी)

बहुत बेशर्म हो चुका है तू,,,

क्या मा फिर से अभी-अभी तो तुम्हें बेशर्म होने का फायदा बताया हूं कहो तो थोड़ी और बेशर्मी दिखा दु,,,।

अब इससे ज्यादा बेशर्मी तू और क्या दिखाएगा,,,

अरे पूछो मत इससे भी ज्यादा बेशर्म बन्ना मुझे आता है अगर इससे भी ज्यादा बेशर्म बन गया ना तो कसम से यह सड़क पर इसी बैलगाड़ी में तुम्हें नंगी करके चोदना शुरू कर दूंगा,,,

हाय दैया,,, इतना हरामि हो गया है तू तेरे में जरा भी शर्म नहीं रह गई है,,,


तुम्हारी जैसी खूबसूरत औरत हो वीरान सड़क हो तो ऐसे में कोई भी मेरी तरह बेशर्म बन जाएगा कसम से तुम्हारे बदन की खुशबू मुझे और ज्यादा मस्त कर देती है,,,


चल अब रहने दे बैलगाड़ी को जल्दी आगे बढ़ा,,,,


देखो ना मां ,,,दूर दूर तक कोई नजर नहीं आ रहा है और अभी भी गांव बहुत दूर है कहो तो यहीं पर एक बार और तुम्हारी चुदाई कर दुंं मेरा लंड पूरी तरह से तैयार है,,,,


लेकिन मेरी बुर बिल्कुल भी तैयार नहीं है,,,,(मधु हल्की सी मुस्कुराहट के साथ शरमाते हुए बोली)

ऐसा हो ही नहीं सकता तुम्हारी बुर भी एकदम तैयार है मुझे मालूम है तुम्हारी बुर पानी छोड़ रही होगी यकीन ना आए तो हाथ लगा कर देख लो,,,


चल अब रहने दे बदतमीज इस तरह की बातें करेगा तो किसी की भी बुर पानी छोड़ने लगेगी,,,, तू बकवास बंद कर और जल्दी जल्दी चल,,,,,


सोच लो मां यहां पर जिस तरह का मौका मिल रहा है घर पर पता नहीं मौका मिलेगा कि नहीं वहां मेरे लंड के लिए तरस जाओगी अपनी बुर में लेने के लिए क्योंकि मुझे पूरा यकीन है कि अब तुम्हें पिताजी के लंड से बिल्कुल भी मजा नहीं आएगा,,,,


कोई बात नहीं तू अब अपना मुंह बंद रख,,,,,
(मधु फिर से शरमाते हुए बोली दोनों मां बेटे पूरी तरह से आपस में खुल चुके थे मधु बहुत खुश नजर आ रही थी बस उसे इस बात का डर था कि दोनों के बीच के संबंध के बारे में किसी को भनक ना लग जाए,,,, और राजू के इस बात पर भी वह गौर कर रही थी कि वास्तव में घर पर इधर की तरह उसे मौका नहीं मिल पाएगा अगर उसका मन बहक गया और उसे अपने बेटे का लैंड लेने की तड़प जाग गई तो वह क्या करेगी,,,, किसी तरह से वह अपने मन को समझा रही थी,,,,,,, घर पर पहुंचते-पहुंचते दोपहर हो चुकी थी रात को जिस तरह की तूफानी बारिश हो रही थी उसे देखते हुए मधु को ऐसा ही लग रहा था कि आज भी बारिश होगी लेकिन आसमान पूरी तरह से साफ हो चुका था धूप पूरी तरह से गर्मी भी खेल रही थी घर पर पहुंचकर राजू बैलगाड़ी को घर के सामने खड़ी कर दिया और वहीं पेड़ के सहारे बेल को बांध दिया,,,, राजू तुरंत बेल गाड़ी के पीछे आकर अपनी मां को उतरने में मदद किया और दोनों दरवाजे पर पहुंचे तो दरवाजा बंद था,,,,)

लगता है कोई घर पर नहीं है,,,,( मधु चारों तरफ नजर दौड़ा कर देखते हुए बोली)

लगता है खेत में गए होंगे,,,,,
(घर पर कोई नहीं है इस बात का ख्याल आते ही राजू का शैतानी दिमाग फिर से दौड़ना शुरू कर दिया राजू के पजामे में हरकत होना शुरू हो गया मधु दरवाजा खोल कर घर में प्रवेश की और पीछे पीछे राजू भी आ गया जिस तरह से हाथ में आई मौके का फायदा राजू और मधु पूरी तरह से उठाकर रात भर मस्ती किए थे उसी तरह से उन दोनों के घर से जाते ही हरिया और उसकी छोटी बहन आपस में जुदाई का अद्भुत खेल खेल रहे थे और वह खेल लगातार जारी था रात भर और दिनभर की चुदाई के बाद हरिया और गुलाबी दोनों खेत में थोड़ा काम करने के लिए चले गए थे और घर पर कोई नहीं था घर में प्रवेश करते ही राजू ने तुरंत दरवाजा बंद करके कड़ी लगा दिया था और अपनी मां को तुरंत वह कुछ समझ पाती उससे पहले अपनी गोद में उठा लिया था और गोद में उठाए हुए ही वह उसे उसके कमरे की तरफ ले जा रहा था,,,,)

अरे अरे राजू यह क्या कर रहा है छोड़ मुझे मैं गिर जाऊंगी नीचे उतार,,, अरे पागल हो गया क्या कोई देख लिया तो,,,

अरे यहां कोई देखने वाला नहीं है ना पिताजी और बुआ दोनों खेत पर काम करने गए हैं क्यों ना इस मौके का फायदा उठा लिया जाए,,,।
(अपने बेटे की बात सुनकर मधु का दिल जोरो से धड़कने लगा उसकी दोनों टांगों के बीच हलचल होने लगी उसे समझते देर नहीं लगी कि राजू फिर से उसके साथ मनमानी करने पर उतारू हो चुका है लेकिन मधु उसे ऐसा करने से रोकती नहीं लेकिन वह माना नहीं हो अपनी गोद में उठाए हुए राजू अपनी मां को उसके ही कमरे में ले गया और खटिया पर ले जाकर पटक दिया,,,,)

अरे नहीं राजू पागल हो गया क्या तू तेरे पिताजी आ गए तो गजब हो जाएगा,,,

अरे जब तक वो लोग आएंगे तब तक अपना काम पूरा हो जाएगा और वैसे भी दरवाजा बंद है आने से पहले हमें भी पता चल जाएगा,,,,(इतना कहने के साथ ही राजू अपनी मां के साथ मनमानी करते हैं उसके ब्लाउज के बटन खोलने लगा मधु से रोकने की पूरी कोशिश करती रही लेकिन राजू नहीं माना और देखते ही देखते अपनी मां के ब्लाउज का सारा बटन खोल कर उसकी नंगी चूची को आजाद कर दिया,,,,)

नहीं पागल ऐसा मत कर अगर किसी ने देख लिया तो हम दोनों बदनाम हो जाएंगे,,,


कोई नहीं देखने वाला है मां,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू अपनी मां की दोनों चूची को अपने हाथ में लेकर जोर-जोर से दबाता हुआ अपने प्यासे होठों को अपनी मां के लाल लाल होठों पर रखकर चुंबन करने लगा आखिरकार रात भर की जबरदस्त चुदाई के बाद एक बार फिर से मधु की बुर पानी छोड़ना शुरू कर दी थी,,, उसे अपनी बुर में दर्द महसूस हो रहा था लेकिन फिर भी राजू की हरकत ने उसे फिर से उत्तेजित कर दिया था देखते ही देखते राजू पूरी तरह से अपनी मां के होठों को अपने मुंह में लेकर चूसने शुरू कर दिया था और मधु की भी हालत खराब हो रही थी,,, राजू अपने मुंह को तुरंत अपनी मां के होठों से हटाकर उसकी चूची पर रख दिया और उसे पीना शुरू कर दिया राजू की हरकतें मधु के तन बदन में जवानी का जोश भर रही थी,,, राजू पर पूरी तरह से वासना का भूत सवार हो चुका था घर में किसी की मौजूदगी ना होने पर हुआ इस मौके का पूरी तरह से फायदा उठा लेना चाहता था और वह अपनी मां की नंगी जवानी पर पूरी तरह से टूट चुका था उसकी दोनों चूचियों को पकड़ पकड़ कर दबाते हुए उसे मुंह में लेकर पी रहा था आखिरकार मधु कब तक अपने सब्र को काबू में कर पाती वह भी अपने बेटे की हरकत से पूरी तरह से मदहोश होने लगी,,, उससे भी रहा नहीं गया और वह अपना हाथ आगे बढ़ाकर पजामे के ऊपर से यह अपने बेटे के खड़े लंड को टटोलने लगी वाकई में राजू का लैंड पूरी तरह से लोहे की छड़ की तरह हो गया था,,, जिसे अपनी हथेली में महसूस करके उसकी गुरबाणी फेंक रही थी,,,, पजामे के ऊपर से ही अपने बेटे के लंड को पकड़कर जोर-जोर से दबाते हुए मधु बोली,,)

हाय दैया तेरा तो पूरा खड़ा हो गया है,,,


तुम्हारी बुर में जाने के लिए मचल रहा है,,,(इतना कहते ही राजू अपनी मां की साड़ी की गिठान को खोलने लगा उसकी साड़ी उतारने लगा तो उसे रोकते हुए मधु बोली)

नहीं साड़ी मत उतार कोई आ गया तो पहनने में दिक्कत हो जाएगी,,,

कुछ नहीं होगा वैसे भी चोदने का मजा पूरी तरह से नंगी करने के बाद ही आता है,,,
(मधु अच्छी तरह से जानती थी कि उसके बेटे की आगे अब उसकी एक भी चलने वाली नहीं है और राजू देखते ही देखते अपनी मां की साड़ी उतार कर पेटीकोट की डोरी खोल कर उसे नीचे की तरफ एक झटके में ही खींच दिया और मधु भी अपने बेटे का साथ देते हुए अपनी भारी-भरकम गांव को ऊपर की तरफ उठाती थी ताकि उसका बेटा आराम से उसके पेटीकोट को उतार सके देखते-देखते मधु खटिया में एकदम नंगी हो गई राजू अपनी मां की नंगी जवानी को दिन के उजाले में देखकर और भी ज्यादा मस्त हो गया और तुरंत अपने कपड़े उतार कर नंगा हो गया अपने बेटे के खड़े लंड पर नजर पड़ते ही मधु के होश उड़ गए वह भी अपने बेटे के लंड को दिन के उजाले में देख रही थी और अंदर ही अंदर मचल रही थी,,, राजू इस बार अपनी मां की दोनों टांगों को फैलाने की जगह एक साथ पकड़ कर ऊपर की तरफ उठाया और साथ में पकड़े हुए ही जाकर उसकी छाती से उसके घुटने लगा दिया जिससे कमर के नीचे मधु की गोल गोल गाना मटके की तरह नजर आने लगी और राजू तुरंत अपने लंड को उसके गुलाबी छेद में डालकर चोदना शुरू कर दिया,,,, मधु पूरी तरह से मदहोश में जा रही थी मस्ती उसकी आंखों में साफ झलक रही थी इस तरह से दोनों टांगों को सता कर चोदने में राजू को और भी ज्यादा मजा आ रहा था क्योंकि इस तरह करने से पहले से ही मधु की बुर कसी हुई थी लेकिन इस स्थिति में उसकी बुर और ज्यादा सख्त और कसी हुई नजर आ रही थी जिससे राजू का लंड उसकी मां की बुर में थोड़ी दिक्कत के साथ लेकिन पूरा आनंद देते हुए अंदर बाहर हो रहा था,,,,।
मधु कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि उसका बेटा उसके ही कमरे में उसके ही खटिया पर उसकी चुदाई करेगा दोनों पूरी तरह से नंगे थे दोनों के बदन की गर्मी दोनों के लावा को पिघलाने के लिए तैयार थी,,, तकरीबन इस अवस्था में 20-25 मिनट के घमासान चुदाई के बाद मधु की सांसें तेज चलने लगी और यही स्थिति राजू की भी थी राजू तुरंत अपने दोनों हाथों को नीचे की तरफ ले जाकर अपनी मां को अपनी बांहों में कस लिया और जोर जोर से धक्का लगाने लगा खटिया से चरर चरर की आवाज आ रही थी मधु को इस बात का डर था कि कहीं राजू के तेज झटकों की वजह से खटिया ना टूट जाए लेकिन राजू पूरी तरह से मस्ती में चूर था वह धक्के पर धक्के लगा रहा था देखते ही देखते दोनों की सांसे बड़ी तेजी से चलने लगी और दोनों एक साथ झड़ गए एक बार फिर से राजू ने अपनी मां की मदमस्त जवानी पर काबू पा लिया था मधु भी अपने बेटे की इस अफरा तफरी भरी चुदाई से पूरी तरह से संतुष्ट हो चुकी थी,,,
राजू तुरंत खटिया पर से उठा और अपने कपड़े पहन लिया मधु भी धीरे से खटिया पर से उठी और अपने कपड़ों को ढूंढने लगी उसे अपनी बुर में दर्द महसूस हो रहा था वह अपनी दोनों टांगों के बीच अपनी बुर की स्थिति को देखी तो थोड़ा सा घबरा गई क्योंकि बुर सुजी हुई थी,,, जैसे तैसे करके वह अपने कपड़े पहन कर दुरुस्त हो गई थोड़ी ही देर में हरी और गुलाबी भी घर पर आ गए और उन दोनों को देखकर दोनों खुश हो गए हालांकि यह खुशी ऊपर से ही थी क्योंकि वह लोग और मजा करना चाहते थे वैसे तो गुलाबी को अपने भाई से ज्यादा राजू के साथ मजा आता था लेकिन क्या करें वह अपने भाई को भी पूरा मस्ती देना चाहती थी ताकि दोनों की चोरी पकडे जाने पर दोनों एक दूसरे पर उंगली ना उठा सके,,,,।

रात को सोते समय मधु हल्दी वाला दूध एक गिलास गट गटाकर पी गई क्योंकि वह जानती थी कि इससे उसके दर्द में राहत मिलेगी,,,, रात को जब हरिया ने मधु के कपड़े उतार कर लेंगी करने की कोशिश किया तो मधु ने उसे इंकार कर दी क्योंकि मैं तू जानती थी की सूजी हुई बुर अगर उसका पति देखेगा तो जरूर मन में शंका करेगा,,, थके होने और तबीयत खराब होने का बहाना करके मधु अपने पति को समझा कर सो गई और राजू भी पूरी तरह से थक चुका था इसलिए खटिया पर पडते ही सो गया,,,।
 

sexyswati

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अद्भुत अविस्मरणीय अकल्पनीय अतुलनीय संभोग की पराकाष्ठा को प्राप्त करके मधुर गहरी गहरी सांस ले रही थी इस अद्भुत सुख से वह पूरी तरह से भाव विभोर हो चुकी थी,,, मधु ने कभी भी इस तरह के संभोग की कल्पना भी नहीं की थी राजू उसके ऊपर पूरी तरह से डर चुका था और गहरी गहरी सांस लेता हुआ हांफ रहा था,,,, राजू का लंड अभी भी उसकी मां की बुर की गहराई में समाया हुआ था,,,, मधु की गहरी सांसे और उसका लाल-लाल तम तमाता हुआ चेहरा साफ बयां कर रहा था कि वह संपूर्ण रूप से तृप्ति को महसूस कर पाई थी,,, चुदाई के असली सुख से मधु आज जाकर वाकिफ हुई थी,,,,, मधु अपनी मां के नंगे जिस्म पर लेटा हुआ था उसकी बड़ी बड़ी चूचीयो पर सर टिकाएं गहरी गहरी सांस ले रहा था ,,,,,,,। मधु अपने बेटे की नंगी पीठ को सहला रही थी,,,, ,,, बाहर अभी भी बड़े जोरों की बारिश हो रही थी,,,,,, बाहर का तूफान अभी भी जारी था लेकिन अंदर का तूफान कुछ देर के लिए शांत हो गया था,,,, खंडहर के अंदर अब किसी भी प्रकार की मादकता और मदहोशी भरी आवाज सुनाई नहीं दे रही थी बस केवल तेज हवाओ और तेज बारिश का शोर सुनाई दे रहा था,,,, बेल के गले में बंधी घंटी बार-बार बज‌ उठती थी।
मधु लव लगाकर अपना पानी छोड़ी थी और राजू भी अपनी गर्म लावा से अपनी मां की बुर को पूरी तरह से भर दिया था और धीरे-धीरे वह बुर से बाहर भी निकल रहा था,,,, झड़ने के बावजूद भी राजू का लंड पहले ही की तरह एकदम टनटनाकर खड़ा था,,,। उसकी मां अभी भी हैरान थी कि पानी निकल जाने के बाद भी उसके बेटे का लंड पूरी तरह से खड़ा था और उसकी बुर के अंदर अभी भी अपनी मोटाई और लंबाई के साथ-साथ रगड़ महसूस करवा रहा था,,,, जो कि रह-रहकर अभी भी झटके खा रहा था,,,,,,।

धीरे-धीरे आधी रात समय हो चुका था ऐसे में राजू अपनी मां की बुर में लंड डाले उसके ऊपर लेटा हुआ था और उसकी मां अपने बेटे की मेहनत की सराहना के रूप में उसकी पीठ थपथपा रही थी क्योंकि मधु के लिए तो उसके बेटे द्वारा किया गया यह कार्य बेहद सराहनीय था क्योंकि आज तक उसने चुदाई का असली सुख महसूस नहीं कर पाई थी जो कि आज उसके बेटे ने तूफानी रात में इस खंडहर में अद्भुत चुदाई का प्रदर्शन करते हुए उसद पूरी तरह से तृप्त कर चुका था,,,,। धीरे-धीरे दोनों अपनी सांसो को दुरुस्त कर रहे थे राजू आज बहुत खुश नजर आ रहा था ऐसा लग रहा था कि वह पूरी दुनिया का सबसे खुशनसीब बेटा है जो इतनी खूबसूरत औरत की बुर में अपना लंड डालकर उसकी चुदाई कर रहा था,,,, जिसके बारे में सोच सोच कर और उत्तेजित होता था और अपने लंड को हिलाता था आज उसी को अपनी अद्भुत मर्दाना ताकत के साथ चुदाई करके तृप्त कर चुका था और वह खुद भी तृप्त हो चुका था लेकिन,,, राजू की प्यास इतनी जल्दी बुझने वाली नहीं थी,,,,, वह अपनी सांसों को दुरुस्त करके अपने लंड को अपनी मां की बुर में डाले हुए ही अपनी मां की आंखों में आंखें डाल कर बोला,,,।

कैसा लगा मा ‌सच सच बताना,,,,,,
(राजू के कहे गए एक एक शब्द में शरारत भरी हुई थी वह अपनी मां के मन की बात को जानना चाहता था लेकिन मालूम थी कि अपने बेटे के सवाल पर एकदम से शरमा गई और अपनी नजरों को नीचे झुका ली तो राजू खुद अपनी मां के प्यासे लाल-लाल होठों पर अपने होंठ रख दिया और उसके लाल-लाल होठों का रसपान करने लगा,,,, मधु शर्मा कर अपने चेहरे को इधर-उधर कर रही थी लेकिन राजू कहां मानने वाला था वह तुरंत दोनों हाथों से अपनी मां की खूबसूरत चेहरे को किसी फूल की भांति अपने दोनों हथेली में भर लिया और उसके लाल-लाल होठों का फिर से रसपान करना शुरू कर दिया राजू का अपनी मां के होठों पर यह पहला चुंबन था जो कि बेहद गहरा था पल भर में ही मधु पूरी तरह से मस्त होने लगी राजू अपनी मां के लाल लाल होठों का रस पी रहा था मानो कि जैसे उसमें से मध झड़ रहा हो,,,, मधु के लाल-लाल होठों का रस किसी मदिरा से कम नहीं था पल भर में ही उसका नशा राजू के तन बदन में अपना असर दिखाने लगा आंखो में खुमारी छाने लगी एक बार फिर से मधु को अपने बेटे का लंड अपनी बुर की गहराई के अंदर ही मोटा होता हुआ महसूस होने लगा,,,, मधु के लिए यह पल यह एहसास बिल्कुल नया था उसने आज तक ऐसा महसूस कभी नहीं की थी अपने पति से जब भी चुदवाती थी उसका पानी निकलने के बाद ही वह दूसरी तरफ करवट लेकर सो जाता था लेकिन राजू था कि रुकने का नाम नहीं ले रहा था मधु को लग रहा था एक बार फिर से उसका बेटा तैयार हो रहा है इस बात से मधु पूरी तरह से हैरान थी,,, क्योंकि उसे इस बात का एहसास था कि जब से वह खंडहर में आई थी तब से उसके बेटे का लंड टनटनाकर खड़ा हो चुका था और अभी भी चुदाई करने के बावजूद भी फिर से तैयार हो रहा था इतनी मर्दानगी उसने आज तक अपने पति में कभी नहीं देखी थी इसलिए वह पूरी तरह से आश्चर्यचकित ही थी और इस बात का उसे गर्व भी था कि उसने एक मर्द को जन्म दिया था,,,, राजू पूरी तरह से अपनी मां के लाल लाल होठों का रस पीने में मजबूर था और अपने दोनों हाथों से अपनी मां के खरबूजे जैसी चूची को पकड़कर दबाना शुरू कर दिया था यह सब मधु को फिर से उत्तेजित कर रहा था और राजू खुद उत्तेजित हो चुका था लेकिन मधु अभी तैयार नहीं थी वह थक चुकी थी और जिस तरह की चुदाई उसके बेटे ने अपने मोटे हथौड़े जैसे लंड से किया था उसकी थाप से उसकी पुर दर्द करने लगी थी लेकिन राजू की हरकत ने एक बार फिर से उसके तन बदन में मदहोशी भर दिया था अपनी नजरों को उसी अवस्था में खंडहर के बाहर की तरफ घुमाई तो अभी भी बाहर तेज बारिश हो रही थी और मन ही मन बोलने लगी कि यह बारिश कब बंद होगी ऐसी बारिश उसने आज तक नहीं देखी थी,,,, बादलों की गड़गड़ाहट तेज हवाओं का झोंका और शोर करती हुई बारिश की बूंदे सब कुछ भयानक सा माहौल पैदा कर रहे थे लेकिन इस खंडहर में उसके बेटे की वजह से जैसे कि बहार आ गई थी जंगल में पुरानी खंडहर में चुदवाने का मधु का यह पहला अवसर था जिसमें वह पूरी तरह से अपने आप को तृप्त कर चुकी थी,,,, मधु जानती थी कि उसका बेटा फिर से उसे चोदने के लिए अपने आपको तैयार कर चुका था लेकिन वह अभी इसके लिए तैयार नहीं थी वह काफी थक चुकी थी इसीलिए राजू को अपने ऊपर से हटाते हुए बोली,,,,।


हट मेरे ऊपर से दर्द कर रहा है,,,,(राजू चाहता तो अपनी मां के ऊपर से हटता नहीं और ना ही मधु उसे हटा सकती थी लेकिन फिर भी दर्द का नाम सुनकर राजू अपनी मां के ऊपर से हटने लगा और अपने लंड को अपनी मां की बुर से बाहर निकालने लगा जैसे ही लंड बुर से बाहर,, निकला,,उसम से लंड को निकलते समय पुच्च की आवाज आ गई ,,, जिसको सुनकर मधु एकदम से शर्मा गई,,, और उठ कर बैठ गई राजू भी आराम से उठ कर अपनी मां की तरह बैठ गया था,,,, धीरे-धीरे लकड़ी में आग कम हो रही थी लेकिन उसकी तपन अभी भी बरकरार थी लेकिन उससे ज्यादा तपन राजू को अपनी मां के बदन से प्राप्त हुआ था वह पूरी तरह से पसीने से तरबतर हो चुका था आखिरकार मेहनत जो इतना किया था,,,, मधु अपनी बुर की तरफ देखते हुए राजू से बोली,,,।

बाप रे पूरी कमर दर्द करने लगी,,,,(दोनों हाथों से अपनी कमर को पकड़ते हुए बोली तो राजू बोला,,,)

इतनी तेज धक्के जो लगाया हूं मैं यकीन से कह सकता हूं कि पिताजी इस तरह से तेज धक्के कभी नहीं लगाते होंगे,,,
(अपने बेटे की इस बात पर मधु फिर से शर्मा गई और राजू से बोली)

अच्छा जैसे तुझे मालूम है कि तेरे पिताजी कैसे धक्के लगाते हैं देखता था क्या,,,?
(राजू का मन तो कर रहा था कि बता दे कि अपने कमरे के छोटे से छेद से हर रोज तुम्हारी चुदाई देखता था लेकिन फिर भी वह इस बात को बताना ठीक नहीं समझा और बोला)
देखा तो नहीं हूं लेकिन पिताजी के शरीर को देखकर मुझे पता तो चलता है कि कितने तेज धक्के लगा सकते हैं पिताजी पास में तुम्हारी चुदाई देख पाता तो मजा आ जाता,,,,
(मधु कुछ बोली नहीं बस खामोश रहे और बाहर बारिश को देखती रही जो की पूरी तरह से रात को अपनी आगोश में लेकर जी भर के बरस रहा था जैसा कि अभी-अभी उसके बेटे ने बरसा था,,,, अपनी मां की नंगी पीठ पर हाथ रखकर उसकी चिकनी पीठ को सहला ते हुए राजू बोला,,,)

एक बात तो है मां दो दो जवान बच्चों की मां होने के बावजूद भी तुम्हारी बुर एकदम कसी हुई है ऐसा लगता है कोई जवान औरत की बुर हो और किसी का लंड बुर में ली ना हो,,,,,,
(अपने जवान बेटे की मुंह से अपनी कसी हुई बुर की तारीफ सुनकर मधुर एकदम से गदगद हो गई और शर्मा कर मुस्कुराते हुए बोली,,,)

जालिम है तू मार-मार के मेरी बुर को तहस-नहस कर दिया और बोलता है कि कसी हुई है,,,

दिखाओ तो कहां तहस-नहस कर दिया,,,(तुरंत अपनी मां की दोनों टांगों को पकड़कर खोलते हुए) क्या पागलों जैसी बात करती हो मां अभी भी कितनी खूबसूरत लग रही है,,,(अपनी हथेली को अपनी मां की बुर पर रखकर उसे रगडते हुए,,,) अभी तो रात भर चुदवाओगी तो भी तुम्हारी बुर‌ ज्यों की त्यों बरकरार रहेगी,,,,(मधु अपने बेटे की हिम्मत भरी बातें और उसकी हथेली की रगड़ को अपनी बुर के उपर महसूस करके एकदम मस्त हो गई और अपने बेटे का हाथ पकड़कर हटाते हुए बोली)

धत्,,,,, बेशर्म हो गया है तू,,, और रात भर चोदेगा कौन किस में इतना दम है,,,,!


अरे तुम्हें रात भर चोदने वाला तुम्हारे सामने ही तो बेटा है देखो, (अपने खड़े लंड को पकड़कर हीलाते हुए) कैसे खड़ा है तुम्हारी बुर में जाने के लिए अभी टांग फैला दो तो अभी डाल दुं,,,


हां तू तो डाल ही देगा और तुझे काम भी क्या है सिर्फ डालना और निकालना,,,


अरे मा तुम तो ऐसी बातें कर रही हो कि तुम्हें कुछ मजा नहीं मिलता,,, तुम्हारी बुर को चाट चाट कर कितना पानी निकाला हूं उसमें कितनी मेहनत लगती है पता है ना मुझे नहीं लगता कि पिताजी इस तरह से तुम्हारी बुर को चाटते होंगे,,,

चल अब रहने दे तू अपने पिताजी की बातों को,,,,

क्यों,,,? सच तो कह रहा हूं अगर पहले भी पिताजी से इस तरह से अपनी बुर चुसवाती तो आज ईतना पानी ना फेंकती,,,,
(मधु अपने बेटे की इस तरह की बातें से एकदम मदहोश हुए जा रही थी उसकी बातों के एक-एक शब्द उसकी कानों के साथ-साथ उसकी बुर में मिश्री घोल रहे थे,,,, उसे अपने बेटे की इस तरह की बातें बहुत अच्छी लग रही थी,,,, लेकिन फिर भी वह अपने बेटे का ध्यान दूसरी तरफ करते हुए बोली,,,)

वह सब रहने दे पहले यह देख आग बुझाने वाली है इसमें लकड़ी डाल,,,,,,

मां इस बुझी हुई आग में लकड़ी डाल दूंगा तो यह फिर से जल उठेगी लेकिन तुम्हारी बुर में अगर लंड नहीं डालूंगा तो वह जल्दी ही रहेगी वह ‌बुझेगी नहीं,,,,
(मधु अपने बेटे के लंड की तरफ देखकर और उसकी बातों को सुनकर एकदम से शर्मा गई और उसे थोड़ा सा गुस्सा दिखाते हुए बोली,,,)

चल अब रहने दे कह रही हु ना उसमें लकड़ी डाल,,,,
(राजू समझ गया था कि अब आग में लकड़ी डाले बिना काम चलने वाला नहीं है क्योंकि वाकई में लकड़ी की आग शांत हो रही थी और खंडहर में एक बार फिर से अंधेरा छाने लगा था इसलिए वह उठा और बोला,,,)

जैसी आपकी आज्ञा महारानी जी,,,,(अपने लिए महारानी की उपमा सुनकर मधु खिलखिला कर हंस दी और राजू फिर से सूखी हुई लकड़ियों को खंडार में से कट्ठा करके उसमें डालकर जलाने लगा और थोड़ी देर में फिर से पूरे खंडहर में जलती हुई आग का उजाला फैल गया मधु को जोड़ो की पेशाब लगी हुई थी इसलिए वह अपनी जगह से खड़ी हुई तो राजू बोला,,,)

अब क्या हुआ,,,

तु यही बैठ में आती हूं,,,

अरे नई-नई रुको मैं भी चलता हूं मैं जानता हूं तुम मुतने के लिए जा रही हो,, मुझे भी जोरों की पेशाब लगी हुई है ,,(और इतना कहकर राजू अपनी जगह से खड़ा हो गया और मधु एक बार फिर से शर्म से पानी पानी हो गई क्योंकि उसका बेटा एकदम खुले शब्दों में उसे मुतने के लिए बोल रहा था,,, मधु कुछ बोल पाती से पहले ही राजू उसके पास जाकर उसका हाथ पकड़ लिया था और उसे अपने साथ लेकर चलने लगा था मधु का दिल जोरों से धड़क रहा था उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें ज्यादा देर तक वो अपने पेशाब को रोक भी नहीं सकती थी,,, राजू का लंड एकदम हवा में लहरा रहा था जिसे देखकर मधु की कामना एक बार फिर से जागृत होने लगी थी,,,,,,, गणगौर बारिश के साथ घनघोर काली अंधेरे में भी जलती हुई आग की रोशनी में मधु अपने बेटे के लंड को एक बार फिर से ले रहा था वह देखकर मंत्रमुग्ध हो गई थी,,, उसकी जवानी अपने बेटे के सामने घुटने टेक रही थी मधु हैरान थी अपने बेटे की मर्दाना ताकत को देखकर उसे समझ में नहीं आ रहा था कि अभी भी उसके बेटे का लंड टन टना कर कैसे खड़ा है,,,,, मधु मंत्रमुग्ध के साथ-साथ आश्चर्यचकित हो गई थी वह राजू को कुछ भी नहीं बोल पा रही थी और राजू उसका हाथ पकड़कर उसी जगह पर ले जा रहा था जहां पर कुछ देर पहले वह बैठकर मुत रही थी देखते ही देखते राजू उसी जगह पर पहुंच गया और अपनी मां से बोला,,,।

अब मुतो,,,,, मैंने आज तक किसी औरत को पेशाब करते हुए नहीं देखा,,,।
(इतना सुनते ही मधु को बाजार वाला दृश्य में जरा आने लगा जब वह इसी तरह से चार समोसे की दुकान के पीछे जाकर झाड़ियों में बैठकर पेशाब कर रही थी वह ठीक उसके सामने उसका बेटा पेशाब कर रहा था जिस तरह से वह कह रहा था मधु को यकीन हो चला था कि उसके बेटे को उसके वहां होने की बिल्कुल भी आशंका नहीं थी लेकिन फिर भी अपने बेटे की बात सुनकर वह हैरान हो गई थी शर्म से पानी पानी हो रही थी आखिरकार कैसे अपनी बेटी के सामने बैठकर पेशाब करेगी यही सोचकर वह हैरान हो रही थी,,,, इसलिए राजू को समझाते हुए बोली,,,।)

क्या बेटा तू पागलों जैसी बात कर रहा है मैं तेरे सामने बैठकर कैसे पेशाब करूंगी,,,

अरे ठीक वैसे ही जैसे कुछ देर पहले कर रही थी,,,

तू देख रहा था क्या,,,,


अगर देख नहीं रहा होता तो पानी में आ रहा सांप कैसे नजर आता,,,
(इतना सुनते ही मधु का चेहरा शर्म से लाल हो गया लेकिन फिर भी वह बोली)

नहीं-नहीं राजू तेरे सामने मुझे शर्म आएगी,,,,,

क्या बात तुम भी,,,, अभी भी तुम्हें शर्म आएगी मेरे मोटे लंबे लंड को अपने बुर में लेकर मस्त हो गई और कहती हो कि शर्म आएगी,,, मैं नंगा खड़ा हूं तुम नंगी खड़ी हो मेरा लंड तुम साफ देख पा रही हो मैं तुम्हारी बुर देख रहा हूं तुम्हारी चूची तुम्हारी गांड सब कुछ देख रहा हूं और कहती हो शर्म आएगी,,,, मजा आएगा बस एक बार मेरा कहा मान लो,,,,
(अपने बेटे की बात सुनकर मधु का दिल जोरों से धड़क रहा था और बार-बार अपने बेटे के लंड की तरफ नजर चली जाने की वजह से उसके बदन में मदहोशी भी छा रही थी,,,,,, वह खुद अपने बेटे की बात मानने के लिए अंदर ही अंदर तैयार हो चुकी थी क्योंकि वह भी इस अनुभव का आनंद लेना चाहती थी,,,, लेकिन फिर भी अपने बेटे को ना नूकुर करते हुए बोली,,,।)

नहीं नहीं बेटा मेरी बात समझने की कोशिश कर आखिरकार मैं तेरी मां हूं और तेरे सामने में कैसे बैठकर मुत सकती हूं,,,,

क्या मां इतना समझाने के बाद भी तुम समझने को तैयार नहीं हो,,,,,, रुको अच्छा मैं ही तुम्हारे सामने मुत कर दिखाता हूं उसके बाद तुम्हें मुतना होगा,,,
(मधु का दिल जोरों से धड़क रहा था उसने इतने करीब से किसी भी इंसान को पेशाब करते हुए नहीं देखी थी हालांकि बाजार में वह अपने बेटे को देखी थी लेकिन उसे अपनी आंखों के सामने पेशाब करते हुए देखने का लुफ्त उठा नहीं पाई थी लेकिन इस पल वह सारी कसर उतार लेना चाहती थी,,,.,, फिर भी अपने बेटे को ऐसा करने से रोकते हुए वह बोली,,,।)

अरे नहीं रहने दे थोड़ा तो शर्म कर,,,,

अगर शर्म करता तो तुम्हारी बुर में लंड डालकर चोदा ना होता तुम्हें इतना मजा ना दिया होता थोड़ा और मजा देना चाहता हूं और लेना चाहता हूं,,,(इतना कहने के साथ ही राजू अपनी मां का हाथ पकड़ कर उसे अपने लंड पर रख दिया और बोला,,,,)

देखो मैं अब कैसे पेशाब करता हूं,,,,।
(अपने बेटे का लंड अपने हाथ में पकड़ते ही मधु की बुर एक बार फिर से पिघलने लगी,, थी,,, अपने बेटे के लंड को एक बार फिर से अपनी हथेली में महसूस करते ही उसकी गर्माहट में वह पूरे अपने वजूद को पिघलता हुआ महसूस कर रही थी और उत्तेजना के मारे अपनी हथेली को कस के दबा ली थी जिसमें उसके बेटे का लैंड और ज्यादा कड़क होने लगा था,,,, उसका दिल जोरों से धड़क रहा था आसमान में काले बादल अभी भी पूरी तरह से अपना जलवा बिखेर रहे थे तूफानी बारिश लगातार जारी थी हवाओं का तेज झोंका बदन में झनझनाहट पैदा कर दे रहा था दोनों मां-बेटे इस समय खंडार के किनारे एकदम नग्न अवस्था में खड़े होकर आनंद की पराकाष्ठा को पार करने की कोशिश कर रहे थे देखते ही देखते राजू अपनी मां के हाथ में लंड दिया मुतना शुरू कर दिया,,,, जलती हुई आग की लपटे कुछ ज्यादा ही तेज थी इसलिए यहां तक रोशनी आ रही थी जिसमें मधु अपने बेटे के लैंड को और उसमें से निकलती पेशाब की धार को एकदम साफ तौर पर देख पा रही थी वह पूरी तरह से मदहोशी के आलम में पिघलती जा रही थी उसे सहन नहीं हो रहा था और अनजाने में ही वह अपने बेटे के लंड को मुट्ठीयाना शुरू कर दी थी यह देख कर राजू के तन बदन में आग लगने लगे वह अपनी कमर आगे पीछे करके हिलाना शुरू कर दिया और उसकी मां अपने बेटे के लंड को मुट्ठीयाना शुरू कर दी,,,, अद्भुत नजारा बनता चला जा रहा था मधु कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि वह इस कदर अपने बेटे के साथ बेशर्म बन जाएगी पहली बार किसी मर्द के लंड को अपने हाथ में लेकर उसे पेशाब करवा रही थी,,,, राजू पूरी तरह से मस्त हो चुका था और एक हाथ अपनी मां की दोनों टांगों के बीच ले जाकर उसकी बुर को अपनी हथेली में दबोच लिया था उससे अपनी उत्तेजना काबू में नहीं हो पा रही थी राजू की इस हरकत पर मधु एकदम से सिहर उठी और उसके मुंह से गरमा गरम सिसकारी फूट पड़ी,,,,।

सहहहरह आहहहहहहह राजू,,,,,,ऊममममममम,,,,
(मधु पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी लेकिन अभी तक उसकी पूर्व से पेशाब की धार नहीं फूटी थी,,, इसलिए राजू अपनी उंगली को अपनी मां की गुलाबी पत्तियों के बीच रगड़ रहा था ताकि उसमें से गरमा गरम पेशाब की धार फूट पड़े लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा था मधु पूरी तरह से उत्तेजना के सागर में डूबती चली जा रही थी उसकी आंखें बंद हो गई थी और वह गहरी गहरी सांस ले रही थी राजू से अपनी मां की हालत देखी नहीं गई और वह आप पेशाब कर चुका था इसलिए तुरंत अपनी मां का हाथ अपने लंड पर से हटाकर घुटनों के बल बैठ गया और तुरंत अपने प्यासी होठों को अपनी मां की बुर से लगा कर उसने अपनी जीभ घुसा दिया मधु इस हमले के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थी इसलिए जैसे ही उसे अपने दूर पर अपने बेटे के होंठों का स्पर्श हुआ वह तुरंत एकदम से मचल उठी और उत्तेजना के मारे अपने आप ही उसकी कमर आगे की तरफ उचक गई और राजू तुरंत अपने दोनों हाथों को पीछे की तरफ लाकर अपनी मां की गांड को दोनों हाथों से दबोच लिया लाख कोशिश करने के बावजूद भी इस हालत में रखो अपने पेशाब की तीव्रता पर काबू नहीं कर पाई और बल बनाकर उसकी बुर से पेशाब की धार फूट पड़ी लेकिन राजू अपना मुंह बिल्कुल भी नहीं हटाया मधु हैरान थी वह मौत रही थी और उसकी बुर से उसका बेटा मुंह लगाए बैठा था,,, एक तरफ मधु को अत्यधिक उत्तेजना और मदहोशी छाई हुई थी और दूसरी तरफ वह शर्म से पानी पानी हुए जा रही थी क्योंकि वह अपने बेटे के मुंह में मुत रही थी अपने बेटे का बाल पकड़कर मधु उसे हटाने की लाख कोशिश करती नहीं लेकिन मधुर से ज्यादा ताकत राजू की भुजाओं में थी और वह कसके अपनी मां की गांड को पकड़े हुए था और उसकी बुर से निकल रही पेशाब की धार को अमृत धार समझकर अपने गले के नीचे घटक रहा था,,,,, मधु या देखकर हैरान थी अपने बेटे की आकांक्षा उसकी हरकतें उसे पूरी तरह से प्रभावित कर रही थी इस तरह का सुख आज तक उसके पति ने कभी भी उसे प्रदान नहीं किया था ना ही कभी इस तरह का जिक्र ही किया था जिस तरह की हरकत राजू कर रहा था राजू की हर एक हरकत मधु के लिए मदहोशी का कारण बन रही थी उसकी आंखों में खुमारी छा रही थी वह पूरी तरह से पागल हो जा रही थी उसके बदन में उत्तेजना की लहर बार-बार उसे झकझोर रही थी ,,,,, मधु का मुंह खुला का खुला रह गया था और वहां नाक से ज्यादा अपने मुंह से सांस ले रही थी उसकी गहरी चलती सांसो के साथ उसकी खरबूजे जैसी चूचियां ऊपर नीचे हो रही थी तेज हवाओं का झोंका बारिश की बूंदों को खंडहर के अंदर तक फेंक रहा था क्योंकि दोनों के नंगे तन को भिगो रहा था लेकिन अब भीगने का डर दोनों को बिल्कुल भी नहीं था बरसात का पानी जितना दोनों को नहीं भीगा रहा था उससे ज्यादा वासना का तूफान उन दोनों को अपने अंदर डुबाए लेकर चला जा रहा था,,,,

मधु की बुर से लगातार तीव्रता के साथ उसके पेशाब की धार फूट रही थी जोकि सीधा राजू के मुंह के अंदर गिर रही थी और उसके बदन को पूरी तरह से भिगो रही थी एक तरह से राजू अपनी मां के पेशाब में नहा रहा था और यह अनुभव से और ज्यादा उत्तेजित कर रहा था उसका लंड एकदम लोहे की रॉड की तरह खड़ा हो चुका था अपनी मां को गरमा गरम सिसकारी लेता देखकर राजू समझ गया कि वह पूरी तरह से मदहोश हो चुकी है राजू अपनी मदहोशी और उत्तेजना को काबू नहीं कर पा रहा था,,,, राजू का लंड एक बार फिर से अपनी मां की बुर में जाने के लिए तड़प रहा था मधु की बुर से लगातार पेशाब की धार निकल रही थी उसकी आंखें बंद हो चुकी थी वह मजा ले रही थी और पानी की बूंदे उसके पूरे तन को भिगो रही थी राजू भी भीग रहा था राजू अब एक पल भी गवाना उचित नहीं समझ रहा था इसलिए तुरंत अपनी मां की बुर पर से अपना मुंह हटा कर खड़ा हुआ और उसकी मां को समझ पाती इससे पहले ही अपनी मां की जान पकड़कर उसे ऊपर की तरफ उठाकर अपनी कमर से लपेट लिया और अपने लंड को अपने हाथ से पकड़ कर अपनी मां की गीली चपचपाती हुई बुर में लंड सटाकर हल्के से अपनी कमर को आगे की तरफ ठेल दिया,,, और पहले से ही राजू का लंड अपनी मां की बुर में अपने नाम का सांचा बना चुका था इसलिए फच्च की आवाज के साथ ही राजू का लंड एक झटके में उसकी मां की बुर में समा गया और जैसे ही मोटा तगड़ा लंड बहू की बोर में गिरा उसके मुंह से हल्की सी चीख निकल गई और वह अपनी आंखों को खोल दी और जब उसे पता चला कि उसके बेटे का लंड उसकी बुर में घुस गया है वह पूरी तरह से मस्त हो गई पानी में भीगने का मलाल उसे बिल्कुल भी नहीं था इस समय वह अपने बेटे के प्यार में उसकी वासना में डूब रही थी और भीग रही थी राजू अपनी मां की कमर पर हाथ रखकर उसकी एक टांग को अपनी कमर पर लपेटे हुए धीरे-धीरे खंडहर की बाहरी दीवार से उसे हटा दिया और अपनी कमर को हिला कर अपनी मां को चोदना शुरू कर दिया मधु कभी सोचा भी नहीं था कि उसका बेटा इतनी तीव्रता के साथ अपने लंड को उसकी बुर में डालेगा लेकिन अपने बेटे की हरकत से पूरी तरह से प्रभावित होते हुए उसकी मर्दानगी ताकत के आगे घुटने टेक दी थी ,,,,,

मधु की एक टांग ऊपर उठी हुई थी और राजू के कमर पर लिपटी हुई थी राजू एक हाथ उसकी कमर पर रखकर उसे सहारा दिए हुए था और वह अपनी पीठ को खंडार की दीवार से सटाकर अपने बेटे से चुदवाने का मजा ले रहे थे राजू पहले ही धक्के से रफ्तार को बड़ी तेजी से अंदर बाहर करते हुए अपने लंड का मजा अपनी मां को दे रहा था उसका हर एक धक्का मधु की चीख निकाल दे रहा था,,,, राजू अपनी मां की गर्दन पर अपने होंठ रख कर उसे चुंबन करते हुए अपनी कमर हिला रहा था तूफानी बारिश लगातार जारी थी जिस तरह से बारिश थमने का नाम नहीं ले रही थी उसी तरह से राजू भी रुकने का नाम नहीं ले रहा था राजू लगातार अपनी मां की चुदाई कर रहा था मधु की बुर में बड़े आराम से राजू का लंड अंदर बाहर हो रहा था जिसमें से फच्च फच्च की आवाज आ रही थी,,,,।

आहहहह राजू मेरे लाल‌ आराम से धक्के लगा तेरा लाल कुछ ज्यादा ही मोटा और लंबा है इतना मोटा लंड मैंने आज तक अपनी बुर में नहीं ली,,,


तभी तो मां मैं तुम्हें जुदाई का असली सुख दे रहा हूं मैं जानता हूं पिताजी का लंड मेरे से आधा भी नहीं है तुम्हें मजा नहीं आता होगा तुम्हारी जवानी का रस पिताजी बराबर जूस नहीं पाते हैं इसीलिए मैं तुम्हारी जवानी का रस पीने के लिए आया हूं देखो आज मैं तुम्हारे बुर को कैसे अपने लंड से चोद चोद कर सुजा देता हूं तुम भी आज की रात जिंदगी भर नहीं भूलोगी,,,

आहहहहह वह तो देख ही रही हूं तेरी बेशर्मी के साथ-साथ में भी बेशर्म बन गई हूं,,,,आहहररह आहहररहह ,,,,


चुदाई के मामले में बेशर्म बनने में ही ज्यादा मजा है शर्म करने से कुछ हासिल नहीं होता तो मगर बेशर्मी नहीं दिखाती तो आज मेरे लंड का मजा नहीं लेती,,, हाय कितनी कसी हुई बुर है,,,,ऊमम(अपनी मां की गर्दन को चुमते हुए राजू लगातार अपनी कमर हिला रहा था) देखो मां कितने आराम से मेरा लंड तुम्हारी बुर में जा रहा है,,,,ऊफफ तुम तो मुझे पागल कर दोगी,,,,।
(इतना कहते हुए राजू अपनी कमर को जोर-जोर से हिलाना शुरू कर दिया पानी में दोनों का बदन पूरी तरह से भीग रहा था दोनों एक बार फिर से बारिश के पानी में नहा चुके थे लेकिन बारिश का ठंडा पानी दोनों के बदन की अपन को शांत करने में असमर्थ साबित हो रहा था दोनों पूरी तरह से गर्म आ चुके थे मधु की गर्म जवानी में राजू पूरी तरह से गर्म हो चुका था,,,,, मधु की खरबूजे जैसी बड़ी-बड़ी चूचियां राजू की छाती के नीचे दबी हुई थी और राजू अपनी कमर को आगे पीछे करके अपनी मां को चोद रहा था कुछ देर तक राजू अपनी मां को इसी अवस्था में चोदता रहा वह जानता था कि उसकी मां की टांगे दर्द कर रही होगी इसलिए वह अपनी मां की टांग को अपनी कमर से हटाकर सीधी कर दिया और एक बार अपने लंड को अपनी मां की बुर से बाहर निकाल लिया मधु को लगा कि शायद उसका पानी निकल गया है लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं था मधु कुछ कह पाती को समझ पाती इससे पहले ही राजू अपनी मां की कमर को दोनों हाथों से पकड़ कर उसे खंडार की दीवार की तरफ घुमा दिया और उसकी कमर को अपनी तरफ खींच कर उसकी गोल-गोल गांड को अपने आगे परोश लिया मधु समझ गई थी कि अब उसका बेटा क्या करने वाला है वह भी मौके की नजाकत को समझते हुए अपनी गोल-गोल भारी भरकम गांड को थोड़ा सा और ऊपर की तरफ उठा दे ऐसा लग रहा था कि दुश्मनों को दोस्त करने के लिए सेनापति ने तोप लगा दी हो लेकिन सामने के दल का सेनापति और ज्यादा चला था दुश्मनों की तोप का जवाब अपनी बंदूक से देना जानता था इसलिए राजू तुरंत अपनी मां की उठी हुई तोप को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर अपनी बंदूक की नाल तोप के छेद में डाल दिया जिसमें से गर्म लावा उसे पिघलाने के लिए निकलने वाला था,,, एक बार फिर से राजू पूरा मोर्चा संभाल लिया था अपनी मां की कमर थाम कर वह फिर से अपने लंड को अपनी मां की गुलाबी छेद में डालकर हिलाना शुरू कर दिया था पीछे से चुदवाने में मधु को भी बहुत मजा आता था इसलिए उसकी गरमा गरम सिसकारी की आवाज और तेज हो गई थी राजू कभी अपनी मां की कमर थाम लेता तो कभी अपनी मां की चूची को दोनों हाथों से पकड़कर दबाते हुए अपनी कमर हिलाता,,, लेकिन उसका गरम लावा फूटने का नाम ही नहीं ले रहा था अपने बेटे की मर्दाना ताकत के आगे वह पूरी तरह से वशीभूत हो चुकी थी मंत्रमुग्ध थी वह उसी अवस्था में अपनी गांड को हवा में उठाएं अपने बेटे से चुदवाने का मजा लूट रही थी,,,,।

मधु अपने मन में सोचने लगी कि सच में उसका बेटा चुदाई की कला में पूरी तरह से महारत हासिल किया हुआ है तभी तो हर तरीके से उसे परमआनंद दे रहा है,,,, बरसात की बोल दे दोनों केतन को भी हो रही थी और मधु की चिकनी पीठ पर फिसलती हुई पानी की बूंदों को राजू अपना जीभ लगाकर चाट रहा था और अपनी कमर हिला कर लगातार अपनी मां की चुदाई कर रहा था,,,,

अब कैसा लग रहा है मेरी रानी,,,।
(अपने बेटे के मुंह से अपने लिए रानी शब्द सुनते ही मधु अपनी भावनाओं पर काबू नहीं कर पाई और भलभलाकर उसका पानी निकलना शुरू हो गया,,,, उसे अपने बेटे की बात पर बिल्कुल भी गुस्सा नहीं आ रहा था उसे तो इस तरह का संबोधन उसे और ज्यादा उत्तेजित कर रहा था अभी अपने बेटे के सुर में जवाब देते हुए बोली,,,)

बहुत मजा आ रहा है मेरे राजा तेरे जैसा लंड तो मैंने आज तक नहीं देखी तेरे लंड को अपनी बुर में लेकर मैं धन्य हो गई हूं,,,

ओहहहह मेरी रानी मेरा लंड तेरे लिए ही बना है अब देखना दिन रात तेरी बुर में डालकर मैं ऐसी चुदाई करूंगा तो मस्त हो जाएगी,,,

ओहहहहह मेरे राजा और जोर जोर से धक्के लगा,,,,

साले तू बहुत मस्त पेलवाती है,,, तेरी बुर को चोद‌चोद कर में भोसड़ा बना दुंगा भोसड़ाचोदी,,,,,
(राजू अपनी मां से प्यार की बातें करते करते गाली गलौज पर उतर आया था वह जानता था कि चुदाई करते समय गाली गलौज करने में और ज्यादा मजा आता है और इस बात को मधु भी अच्छी तरह से जानती थी वह तो पहले थोड़ा हैरान हुई अपने बेटे के मुंह से गाली सुनकर लेकिन ना जाने क्यों अपने बेटे के मुंह से इस समय गाली उसे बहुत अच्छी लग रही थी और वह भी अपने बेटे को जवाब देते हुए बोली)

अरे मादरचोद मैं भी देखना चाहती हूं तेरे में कितना दम है,,, मैं भी तो देखूं कैसे तुम्हारी बुर का भोसड़ा बनाता है मादरचोद,,,


अरे मेरी भोसड़ा चोदी मेरी रंडी तेरी बुर पर मेरा नाम लिख गया है,,,, अब तेरी बुर पर मेरा ही राज चलेगा देख अब कैसे तुझे मस्त करता हूं,,,।
(दोनों पूरी तरह से वासना की आग में लिप्त हो चुके थे दोनों को सही गलत का पहचान बिल्कुल भी नहीं था मां-बेटे का पवित्र रिश्ता टूट चुका था और दोनों में मर्दों और औरतों का रिश्ता पनप गया था इसलिए दोनों एक दूसरे से आनंद लेते हुए एक दूसरे को गाली गलौज कर रहे थे और मजा ले रहे मधु ने आज तक इस तरह की चुदाई की कभी कल्पना भी नहीं की थी जिस तरह की चुदाई राजू कर रहा था राजू बिना रुके बिना थके एक ही लए में अपने लंड को अपनी मां की बुर के अंदर बाहर कर रहा था देखते ही देखते हैं मधु दो बार और अपना पानी छोड़ चुकी थी और तीसरी बार की तैयारी थी लेकिन आंसू अभी एक भी बार अपना पानी नहीं निकाला था लेकिन इस बार वह भी पूरा चरम सुख के करीब पहुंच रहा था और ऐसे में उत्तेजित अवस्था में वह अपनी मां की चूची को दोनों हाथों से पकड़कर दशहरी आम की तरह जोर-जोर से दबाते हुए धक्के लगा रहा था और देखते ही देखते दोनों का एक साथ पानी निकल गया दोनों जोर जोर से हांफने लगे,,,, कुछ ही देर में दोनों एक दूसरे से अलग हुए दोनों पानी में पूरी तरह से भीग चुके थे,,,,।

मधु और राजू दोनों खंडार के किनारे खड़े थे जहां पर पानी की बूंदे उन दोनों को भिगो रही थी मधु तुरंत थोड़ा खंडार के अंदर आ गई और अपने बदन से पानी को अपनी हथेली से साफ करते हुए बोली,,।

तू बहुत हारामी है रे आखिर अपनी मनमानी कर ही लेता है मुझे पूरा भिगो दिया,,,

भी तो मैं भी गया हूं मैं लेकिन मजा कितना आया बहुत मजा आया ना,,,,(इतना कहते हुए राजू अपना कुर्ता लेने के लिए नीचे झुका और उसे लेकर अपनी मां के बदन से पानी को साफ करने लगा थोड़ी ही देर में दोनों अपने बदन से पानी सुखा कर आगे के आगे बैठे हुए थे मधु पूरी तरह से थक चुकी थी सुबह होने में भी अभी काफी देर थी लेकिन अब उसे नींद नहीं आ रही थी क्योंकि दमदार जुदाई के बाद अक्सर मर्द और औरत दोनों को नींद आ जाती है दिन भर सफ़र की थकान और रात को चुदाई की मेहनत से दोनों थक चुके थे इसलिए राजू अपनी मां की साड़ी को वही जलती हुई आग के किनारे बिछा कर अपनी मां को अपनी आगोश में लेकर सो गया,,,, सुबह जब राजू की नींद खुली तो धीरे-धीरे सुबह हो रही थी काले बादल छोड़ चुके थे धीरे-धीरे हल्का-हल्का उजाला हो रहा था लेकिन उसकी मां अभी भी पूरी तरह गहरी नींद में सोई हुई थी राजू अपनी मां को अपनी बाहों में लेकर सो रहा था उसकी पीट उसकी छाती से सटी हुई थी लेकिन लंड पर गौर किया तो उसका लंड मधु की गांड के छेद के एकदम करीब अपना डेरा डाला हुआ था जो की चेतना में आने की वजह से धीरे-धीरे खड़ा हो रहा था एक बार फिर से अपनी मां की नंगी गांड का स्पर्श पाते ही राजू के तन बदन में आग लग गई और वह अपनी मां को नींद से उठा के बिना ही धीरे से अपने हाथ को नीचे की तरफ ले गया और हाथों से ही टटोलकर अपनी मां की गीली बुर पर हाथ रखकर अपने लंडके सुपाड़े को उस पर टिका दिया और हल्के से अपनी कमर को आगे की तरफ सरका दिया जैसे कोई सांप बिल देखकर अपने आप अंदर की तरफ सरकने लगता है उसी तरह से राजू का लंड भी अपनी मां की गुलाबी बिल देखकर अंदर की तरफ सरकने लगा देखते ही देखते राजू ने निद्रा अवस्था में ही अपनी मां की बुर में अपना लंड डाल दिया और हल्के हल्के अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया मधु पूरी तरह से गहरी नींद में थी लेकिन उत्तेजना के मारे राजू के बदन में गर्मी और ताकत दोनों बढ़ती जा रही थी इसलिए वह अपना हाथ अपनी मां की चूची पर रख कर जोर से दबाना शुरू कर दिया और चूची को जोर से दबाने की वजह से मधु की नींद खुल गई और जब उसे एहसास हुआ कि उसकी बुर में पूरी तरह से उसके बेटे का लंड समाया हुआ है तो वह एकदम से गन गना गई वह भी पूरी तरह से मदहोश हो गई और अपने बेटे की तरफ देखे बिना ही बोली,,,।

क्या राजू रात भर तो चुदाई किया फिर से शुरू हो गया,,

क्या करूं मा तुम्हारी नंगी गांड देखकर मुझसे रहा नहीं जा रहा था,,,,

चल यहां इस जंगल में तो ठीक है लेकिन घर पर अपने आप पर काबू में रखना वहां पर ऐसा नहीं कि मेरी गांड देखकर सबके सामने शुरू पड़ जाए,,,


क्या करूं हो भी सकता है तुम्हें देखकर मुझ पर काबू नहीं रह जाता,,,।

(इतना सुनते ही हैरान होते हुए मधुर अपने बेटे की तरफ देखी तो राजू हंसते हुए बोला)

मजाक कर रहा था,,,,
(और इतना कहने के साथ ही अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया मधु एक बार फिर से हैरान थे कि इस तरह से लेटे लेटे वह उसे बड़े आराम से चोद रहा था जबकि उसके पति से इस तरह से होता ही नहीं था एक बार फिर से मधु के तन बदन में खुमारी छाने लगी आंखों में मदहोशी छाने लगी,,, राजू भाई आराम से पीछे से अपनी मां की चुदाई कर रहा था देखते ही देखते एक बार फिर से दोनों की सांसे तेज हो गई दोनों एक बार फिर से चरम सुख को प्राप्त कर लिए थोड़ी ही देर में उजाला होने लगा दोनों लग्न अवस्था में ही खंडार के किनारे खड़े होकर बाहर का नजारा देख रहे थे चारों तरफ पानी भरा हुआ था लेकिन अब पानी कम था जिसमें से आराम से दोनों बेल गाड़ी लेकर जा सकते थे,,,,, हल्के हल्के उजाले में राजू और उसकी मां दोनों नंगे ही खंडार के अंदर तेरा जो अपनी मां के नंगे बदन को देखकर मुस्कुराता हुआ बोला,,,।


तुम सच में आसमान से उतरी हुई परी लग रही हो,,,

चल अब रहने दे,,,(इतना कहने के साथ ही मधु नीचे बिछी हुई साड़ी को उठाकर शर्म के मारे अपने बदन को ढकने की कोशिश करने लगी तो राजू फिर से हंसते हुए बोला)

मेरे सामने अब इसकी कोई जरूरत नहीं है तुम्हारी हर एक अंग से मैं वाकिफ हो चुका हूं और सच कहूं तो तुम्हारे बदन का हर एक अंग खरा सोना है जिसकी आभा में मैं पूरी तरह से नहा चुका हूं,,,,,(इतना कहते हुए राजू अपनी मां के हाथ मैं पकड़ी हुई साड़ी को पकड़ लिया और उसे खींचने लगा तो राजू की मां बोली)

अब रहने दे मुझे पहन लेने दे अब चलना है सुबह हो रही है,,,

अभी नहीं,,,

क्यों,,,?(अपने बेटे की बात सुनकर आश्चर्य जताते हुए मधु बोली)

अपने बदन पर देखो कितनी धूल मिट्टी लगी हुई है ऐसे जाओगी तो सब क्या कहेंगे कि कहीं गिर गई थी क्या,,,
(इतना सुनकर मधुर अपने बदन की तरफ देखी तो वास्तव में धूल मिट्टी लगी हुई थी वह अपने हाथ से अपनी धूल मिट्टी साफ करने की कोशिश करने लगी तो राजू बोला,,,)

यह सब करने को रहने दो चलो नहा लेते हैं,,,

यहां कहां नहाएंगे,,,,?

चलो मैं बताता हूं,,,,(इतना कहते हुए वह अपनी मां का हाथ पकड़ लिया और उसे खंडहर के अंदर से ही पीछे की तरफ हाथ का इशारा करके दिखाते हुए बोला,,)

वह देखो खंडगर के छत से पानी गिर रहा है और वह एकदम साफ है,,, इसी के नीचे खड़ी होकर नहा लो मैं भी नहा लेता हूं,,,

यहां,,,? लेकिन यहां कोई आ गया तो,,,

क्या मां तुम भी इस जंगल में इस वीराने में इतनी सुबह कौन आएगा और वैसे भी यहां दिन में भी कोई नहीं भटकता चलो जल्दी से नहा लेते हैं,,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू अपनी मां का हाथ पकड़े हुए खंडार के पीछे छत से गिर रहे पानी के नीचे ले जाकर खड़ा कर दिया चारों तरफ घने घने पेड़ थे जंगली झाड़ियां थी यहां का दृश्य और भी ज्यादा मनोरम में लग रहा था मधु गिरते हुए पानी के नीचे एकदम नंगी खड़ी होकर नहा रही थी राजू अपनी मां को नहाते हुए देख रहा था जो कि बेहद खूबसूरत लग रही थी,,,,


इस तरह से खुले में कभी नंगी होकर नहाई हो,,,
Madhu khandhar k piche nangi nahati huyi

alphabet suédois

कभी नहीं आज पहली बार तेरे साथ इस वीराने में इस तरह से नहाने का मजा ले रही हुं,,,,(और इतना कह कर वो खिलखिला कर हंसने लगी और नहाने का मजा लेने लगी नंगी नहाते हुए मधु और भी ज्यादा खूबसूरत लग रही थी अपनी मां की नंगी गांड पर गिरता हुआ पानी देखकर राजू की उत्तेजना फिर से बढ़ने लगी थी और उसका लंड एक बार फिर से खड़ा होने लगा था वह भी अपनी मां के पास जाकर गिरते हुए पानी में नहाने का मजा लेने लगा लेकिन आपस में दोनों का बदन टकरा जा रहा था राजू का लंड कभी उसकी मां की बुर्सेट अगर आता तो कभी उभरी हुई गांड से रगड़ जा रहा था इस तरह से मधु के भी तन बदन में आग लग रही थी बार-बार अपनी गांड से अपने बदन से अपने बेटे का लैंड स्पर्श हो जाने की वजह से उसके बदन में गर्माहट आ गई थी और वह अपने आपको ज्यादा देर तक रोक नहीं पाई और तुरंत अपने बेटे के लंड को पकड़ कर उसकी आंख में देखने लगी,,,,



मधु इस रूप में पूरी तरह से बिस्तर में लग रही थी और पूरी तरह से उत्तेजना से भरी हुई,,, राजू अपनी मां की आंखों में वासना का तूफान देख रहा था मधु उसी तरह से अपने बेटे के लंड को पकड़े हुए उसकी आंखों में देखते हुए अपने लाल-लाल होठों को अपने दांत से हल्के से काटकर नीचे की तरफ झुकने लगी और देखते ही देखते घुटनों के बल बैठ गई और अपने बेटे के लंड को तुरंत मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दी राजू अपनी मां की इस हरकत से पूरी तरह से उत्तेजना से भर गया,,, और गहरी गहरी सांस लेते हुए अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया राजू पहली बार देख रहा था कि उसकी मां की आंखों में सर में बिल्कुल भी नहीं था वह पूरी तरह से बेशर्म बन चुकी थी और ऐसी औरतों के साथ राजू को और ज्यादा मजा आता था मधु‌ पूरी तरह से अपना अनुभव दिखाते हुए अपने बेटे का लंड चूस कर उसे मजा दे रही थी दोनों एक बार फिर से तैयार हो चुके थे राजू तुरंत अपनी मां की बांह पकड़कर उसे ऊपर की तरफ उठाया और देखते ही देखते अपनी मां को अपनी बाहों में भर कर उसे अपनी गोद में उठा लिया एक बार फिर से अपने बेटे की ताकत से मधु मंत्रमुग्ध हो गई अपनी गोद में उठाए हुए ही राजू अपना हाथ नीचे की तरफ लाकर अपने लंड को अपनी मां के गुलाबी छेद पर लगा दिया और हल्के से अपनी कमर को धक्का दिया और एक बार फिर से राजू का लंड उसकी मां की बुर में समा गया राजू अपनी मां को गोद में उठाए हुए उसे चोदना शुरू कर दिया ऊपर से पानी गिर रहा था और नीचे राजू पानी में भीगते हुए अपनी मां को चोद रहा था,,,, मधु अपने बेटे की चोदने की ताकत से पूरी तरह से मंत्रमुग्ध हो गई थी उसके आगे वहां घुटने टेक चुकी थी अपने बेटे की लंड की ताकत पर उसे गर्व होने लगा था,,,।

एक बार फिर से दोनों की सांसे तेज चलने लगी और दोनों एक साथ अपना पानी छोड़ कर गहरी सांस लेने लगे शांत होने के बाद राजू अपनी मां को अपनी गोद से नीचे उतारा दोनों लगातार गिरते हुए पानी में नहा रहे थे मधु पानी से अपनी पुर को साफ की और राजू अपने लंड को और थोड़ी ही देर में दोनों उसी जगह पर आ गए थे और अपने अपने कपड़े पहन चुके थे जो कि सूख चुके थे,,, अपने बेटे से असीम संभोग का सुख प्राप्त करके मधु अपनी साड़ी पहनकर शर्मा रहे थे साड़ी उतरने के बाद वह पूरी तरह से बेशर्म बन चुकी थी लेकिन साड़ी पहनने के बाद एक बार फिर से वह मां बन चुकी थी इसलिए उसे अपने बेटे के सामने शर्म महसूस हो रही थी राजू बिना कुछ बोले बेल को खंडार में से बाहर लाया और उसे फिर से बैलगाड़ी में जोड़ दिया और दोनों फिर से गांव की तरफ निकल गए,,,।
shandaar ..... behad kamuk ...... kitana paani bahaonge .....
 
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