Sanju@
Well-Known Member
- 4,853
- 19,597
- 158
बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है
R
Incest मजबूरी या जरूरत
- Thread starterrohnny4545
- Start dateMay 21, 2022
- Hindi
REPLYWATCH
Kumarshiva
Kumarshiva
Active Member
585932
Maa bete ke bich emotional scene bhi lao yaar
Kya ekdum se lust bna diye ho
LIKE QUOTE REPLY
REPORT
Reactions:Sanju@ and Raj_sharma
Alok
Well-Known Member
7,99422,180
Intejaar...
Never Regret anything that made you smile
LIKE QUOTE REPLY
REPORT
Reactions:Sanju@ and Raj_sharma
Raj_sharma
Raj_sharma
Supreme Power
2,31710,994
Rony bhai Waiting For more funnn
कसूर तो था ही इन निगाहों का, जो चुपके से दीदार कर बैठी, हमने तो खामोश रहने की ठानी थी, कम्बखत ये जुबान इजहार कर बैठी।
LIKE QUOTE REPLY
REPORT
Reactions:Sanju@
Alok
Well-Known Member
7,99422,180
Intejaar ...
Never Regret anything that made you smile
LIKE QUOTE REPLY
REPORT
Reactions:Raj_sharma
ashik awara
ashik awara
Member
267383
दोस्त कहानी के २०० पेज पुरे होने पर बधाई , आपकी कहानी जिस तरह से चल रही हे वो काबिले तारीफ हे , सबसे बड़ी बात आपके रेखाचित्र जो कहानी को सही रूप से दिखाते हें वरना तो कई लेखक कहानी गाँव की लिखते हें और चित्र विदेशियों के डालते हें आप कम से कम इस सबसे बचे हुए हें , बाकि आपकी कहानी एक बार शुरू से पढने का मन हे वो तो अपने फोल्डर में सेव की कहानियों से ही सम्भव हे , वरना यहाँ तो पेज पलटने में बाकि समय लग जाता हे , आपकी कहानी एक खुबसुरत उपन्यास का रूप लेती जा रही हे , धन्यवाद
LIKE QUOTE REPLY
REPORT
Reactions:You, Sanju@ and Raj_sharma
Mking
Mking
Active Member
9341,141
Update kab ayega Bhai?
LIKE QUOTE REPLY
REPORT
rohnny4545
rohnny4545
Well-Known Member
6,64517,978
कड़ी धूप में भी घने पेड़ के छांव के नीचे बैठकर ठंडक का एहसास हो रहा था,,,, मंद मंद बह रही शीतल हवा बदन में ठंडक का एहसास दिला रही थी,,, कुछ देर पहले ही राजू अपनी बुआ की जबरदस्त चुदाई करके आया था और उसके बुर के काम रस में अपनी रोटी को डूबा डूबा कर खा कर पेट भर कर आया था,,,,,,, अपनी मां के साथ बैठकर भी वह अपने आपको शांत किए हुए था,,,,,,, लेकिन अब उसके बदन की गर्मी बढ़ने लगी थी वातावरण की गर्मी से तो वह किसी तरह से काबू पा चुका था लेकिन बदन की गर्मी पर काबू पाना उसके बस में भी नहीं था,,, लेकिन राजू कर भी क्या सकता था उसकी आंखों के सामने नजारा ही कुछ ऐसा था कि एकदम से मदहोश होने लगा,,,,,।
खटिया से उठकर उसकी मां झोपड़ी के पीछे की तरफ जा रही थी तो राजू को यही लग रहा था कि उसकी मां पेशाब करने जा रही है और वैसे भी वह अपनी मां को बहुत बार पेशाब करते हुए देख चुका था अब तो उसे भोग भी चुका था इसलिए वह अपने आप को शांत कर के वहां बैठा रहे क्या लेकिन ज्यादा समय हो जाने की वजह से वह सोचने लगा कि उसकी मां इतनी देर से कर क्या रही है और इसीलिए वह अपनी खटिया पर से उठ कर दूसरी तरफ नजर घुमाया तो वहां के नजारे को देखकर उसकी आंखें फटी की फटी रह गई थी सबसे पहले उसकी नजर,,, अपनी मां के पैर के घुटनों के नीचे गई थी जो कि एक पैर वह ट्यूबवेल के लिए बनी टंकी में डालकर दूसरे पैर को उस में डालने जा रही थी और राजू की नजर अपनी मां की घुटनों के ऊपर की तरफ पड़ी तो उसके होश उड़ गए,,, वह साफ तौर पर देख पा रहा था कि उसकी मां के बदन पर कपड़े का एक रेसा तक नहीं था वह पूरी तरह से नंगी थी,,,,,, अपनी मां को नंगी देखते ही उसका लंड खड़ा हो गया था,,,,,, कुछ देर पहले ही वह अपनी बुआ की जबरदस्त चुदाई करके अपने बदन की गर्मी को बाहर निकाल चुका था लेकिन अपनी मां के तराशे हुए नंगे यौवन को देखते ही उसके लंड में हरकत होना शुरू हो गई और वह तुरंत अपनी औकात में आ गया,,,,,,,, राजू की आंखों के सामने उसकी मां पूरी तरह से नंगी थी,,,, राजू को समझते देर नहीं लगी कि उसकी मां झोपड़ी के पीछे जाकर पेशाब की होगी और उसके बाद धीरे-धीरे करके अपने बदन से सारे कपड़े उतार कर नंगी हो गई होगी नहाने के लिए लेकिन राजू अपनी मां को अपनी आंखों के सामने नंगी होकर नहाने के मतलब को अच्छी तरह से समझ रहा था इसलिए वह उत्तेजित अवस्था में पूरी तरह से मदहोश हो चुका था,,,,,।
Raju or uski ma pani me
मधु इस तरह से खुली विचारों वाली बिल्कुल भी नहीं थी लेकिन अपने ही बेटे की संगत में आकर वह पूरी तरह से अपने बेटे के साथ रंडी पन पर उतर आती थी,,,, और इस समय अपने कपड़े उतार कर नंगी होकर टंकी में उतरने का उसका रंडी पन का एक नमूना था,,,,,,, राजू की आंखों के सामने ही मधु अपनी दूसरी टांग भी टंकी के अंदर डालकर टंकी में पूरी तरह से उतरने को तैयार हो गई उसकी गदराई हुई जांघों के बीच उसकी पतली दरार बेहद खूबसूरत नजर आ रही थी,,,, जिसे देखकर राजू के मुंह में पानी आ रहा था,,, मधु का पूरा वजूद बेहद आकर्षक था इस उम्र में भी वह किसी भी उम्र के मर्दों का पानी निकालने में पूरी तरह से सक्षम थी उसकी खूबसूरत जवानी और उसकी नंगी बुर को देखते ही किसी के भी लंड से पानी निकल जाए,,, किस तरह से उसका खूबसूरत बदन तराशा हुआ था,,,,,
राजू तो आंखें फाड़े अपनी मां की खूबसूरती को ही देख रहा था और ऐसा लग रहा था कि जैसे वह पहली बार अपनी मां को इस रूप में देख रहा है जबकि वह कई बार अपनी मां को नग्न अवस्था में देख चुका था और उसकी जुदाई भी कर चुका था और उसे चोदता आ रहा था लेकिन उसका देह लालित्य उसकी खूबसूरती उसके नंगे बदन उसके गोरेपन का इतना गजब का आकर्षण था कि चाहे जितनी बार भी राजू उसे नंगी होते हुए देखता था उसे ऐसा ही लग रहा था कि जैसे वह पहली बार इस नजारे को देख रहा है,,,, देखते ही देखते मधु ट्यूबवेल के पाइप में से निकल रहे पानी से भरी टंकी में उतर चुकी थी,,,,,, टंकी का पानी उसकी छाती तक आ रहा था,,,, जिसमें उसकी आधी चूचियां डूब जा रही थी पानी की टंकी में उतरने के बाद वह राजू की तरफ देख कर मुस्कुराने रखें उसका इस तरह से मुस्कुराना अपने बेटे के लिए एक आमंत्रण था जो कि उसे अपनी तरफ बुला रहा था टंकी में उतरने को मजबूर कर रहा था और राजू भी पूरी तरह से मदहोश होकर अपनी मां की तरफ आकर्षित हुआ चला जा रहा था देखते ही देखते वह भी टंकी के बेहद करीब पहुंच गया और,,,, अपनी मां के खूबसूरत चेहरे को देखने लगा ,,, जिस पर मदहोशी उत्तेजना शर्म की लालिमा पूरी तरह से छाई हुई थी और उसका खूबसूरत गोरा चेहरा शर्म के मारे लाल टमाटर की तरह हो गया था दोनों के बीच ,,,, किसी भी तरह की वार्तालाप नहीं हो रही थी लेकिन दोनों एक दूसरे के चेहरे के भाव को अच्छी तरह से समझ रहे थे और राजू अच्छी तरह से समझ रहा था कि उसकी मां उसे अपनी तरफ बुला रही है उसे भी टंकी में उतरने के लिए बोल रही है और इसीलिए वह भी अपने सारे कपड़े उतार कर नंगा हो गया और नंगा ही पानी की टंकी में उतरने लगा यह देख कर मधु के तन बदन में मदहोशी पूरी तरह से जाने लगी और देखते ही देखते राजू भी अपनी मां के साथ टंकी में उतर गया,,,,
Raju apni ma se maja lete huye
मधु दोपहर में खेतों के वातावरण से अच्छी तरह से वाकिफ थी खेतों के माहौल को वह अच्छी तरह से जानती थी वह जानती थी कि कड़ी धूप में इस समय खेत में आने वाला कोई नहीं था सब अपने-अपने घर में आराम करते हैं और वह यह भी अच्छी तरह से जानती थी कि अगर इस समय उसके खेत में कोई आ सकता है तो वह गुलाबी है और गुलाबी से तो अब किसी भी प्रकार का पर्दा रह नहीं गया था इसीलिए तो वह बेफिक्र हो कर,,, खड़ी दोपहरी में अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी हो गई थी और ट्यूबवेल की टंकी में नहाने के लिए नंगी ही उतर गई थी और साथ में अपने बेटे को आमंत्रण देकर उसे भी टंकी में उतार दी थी,,,।
माहौल पूरी तरह से गर्म होने लगा था दोनों मां बेटों के बीच पहले ही से शारीरिक संबंध स्थापित हो चुके थे इसलिए इस रिश्ते को आगे बढ़ाने में किसी भी प्रकार की अड़चन नजर नहीं आ रही थी बस दोनों अब मौके और दोस्तों और का इंतजार करते थे और जैसे ही मौका दोनों के हाथ लगता था दोनों मौके का फायदा उठाते हुए एक दूसरे में समा जाते थे,,,, टंकी का पानी दोनों की छाती तक आ रहा था राजू की लंबाई थोड़ी सी ज्यादा थी और ट्यूबवेल का पानी दोनों की छाती पर गिर रहा था खास करके यह नजारा और भी ज्यादा दिलचस्प और मदहोश कर देने वाला तब बन जा रहा था जब ट्यूबवेल के पाइप में से पानी सीधे मधु की मदमस्त कर देने वाली दोनों चुचियों पर गिर रहा था संगमरमर की तरह मधु की चूचियां चमक रही थी और उस पर पानी गिरकर कंचे की तरह बिखर जा रहा था,,,,,,, दोनों टंकी में उतरकर आमने सामने खड़े थे दोनों के बीच केवल 1 फीट की दूरी थी क्योंकि टंकी की चौड़ाई कुछ ज्यादा नहीं थी इसलिए दोनों एक तरह से एकदम पास में ही थे और पानी से भरी हुई टंकी में मधु की खरबूजे जैसी चूचियां पानी भरे गुब्बारे की तरह ऊपर की तरफ उभर रही थी जिसको प्यासी नजरों से देखते हुए राजू बोला,,,।
Madhu apne bete se maja lete huye
url=https://imgbb.com/][/url]
तुम्हारी [ अदा तो मेरा लंड खड़ा कर देती है मुझे तो लगा कि तुम मुतने गई हो,,, लेकिन तुम तो अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी होकर टंकी में उतर गई,,,,।
(अपने बेटे की खुली बातों को सुनकर मधु मंद मंद मुस्कुरा रही थी और मुस्कुराते हुए बोली)
मैं मुतने हीं गई थी लेकिन फिर मुझे ख्याल आया कि गर्मी इतनी है क्यों ना नहा लिया जाए और वैसे भी हम दोनों को मौका बहुत कम ही मिलता है लेकिन अब तो जब से गुलाबी के सामने तुझ से चुदवाई तब से मुझे अब किसी का भी डर नहीं लगता लेकिन खेतों के बीच इस तरह का मौका मिलते ही मुझसे रहा नहीं गया और मैं अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी हो गई क्यों तुझे अच्छा नहीं लगा क्या,,,?
क्या मां कैसी बातें करती हो मैं तो चाहता हूं कि तुम बिना कपड़ों के ही मेरे सामने इधर-उधर घूमती रहो बिना कपड़ों के तुम बहुत खूबसूरत लगती हो तुम्हारी बड़ी-बड़ी चूचियां,,,(टंकी के पानी में आधी टूटी हुई चूचियों को अपने हाथ में लेकर दबाते हुए) मुझे बहुत अच्छी लगती है मन करता है कि बस इन्हीं में खो जाऊं,,,,
तो खोजा रोका किसने है,,,,
हाय मेरी रानी,,,(इतना कहने के साथ ही अपनी मां की चूचियों पर से हाथ हटाकर अपने हाथ को पानी के अंदर नीचे ले जाकर उसकी कमर पर हाथ रखकर उसे अपनी तरफ खींच कर बांहों में भरते हुए) तेरी यही अदा तो मेरी जान ले लेती है कसम से तेरे में जो मजा है वह किसी में नहीं,,,,(ऐसा कहते हुए राजू अपनी मां को पूरी तरह से अपनी बाहों में भर लिया था जिसकी वजह से पानी के अंदर भी टनटनाया हुआ लंड मधु की दोनों टांगों के बीच अपने लिए जगह बनाने लगा पानी के अंदर भी मोटे तक के लंड की चुभन को अपनी दोनों टांगों के बीच महसूस करके मधु एकदम से कामविभोर हो गई और एकदम से अपने हाथ को नीचे ले जाकर अपने बेटे के लंड को पकड़ते हुए बोली,,,,)
Pani me raju chudai karta hua
north cobb christian
हाय दैया पानी में भी कैसा चुभ रहा है,,,
यह अपना बिल खोज रहा है मेरी जान,,,,
बड़ा आया बिल खोजने वाला,,,,, इसने बनाया है क्या यह बिल जो इतना हक जमाता है,,,,(अपने बेटे के लंड को कस के पकड़े हुए मधु बोली,,,)
बिल बनाया नहीं है लेकिन अपने लिए अंदर जगह तो बना लिया है ना,,,
हा तो अंदर जाकर बैठेगा क्या,,,?
क्या करूं मेरी रानी इसे अंदर जाकर बैठने में ही सुकून मिलता है,,,,(इतना कहते हुए राजू अपनी मां के होठों पर अपने होंठ रख कर उसके होठों का रसपान करने लगा दोनों एकदम उत्तेजित बजा रहे थे दोनों के बदन में उत्तेजना अपना असर दिखा रही थी दोनों कामवासना में पूरी तरह से लिप्त हो चुके थे,,,, राजू पानी से भरी टंकी के अंदर अपनी मां को अपनी बाहों में लेकर उसके होठों का रसपान कर रहा था और पानी के अंदर अपनी मां के साथ ऐसा करने नहीं उसे बेहद आनंद की प्राप्ति हो रही थी दोनों के बदन पर कपड़े का रेशा तक नहीं था,,,, दोनों बिल्कुल नंगे ही थी और दोनों टंकी के अंदर पहली बार इस तरह का मजा ले रहे थे कड़ी धूप में ट्यूबवेल का ठंडा पानी दोनों के बदन की गर्मी को शांत करने की पूरी कोशिश कर रहा था लेकिन दोनों की मदहोश कर देने वाली जवानी दोनों की गर्मी को शांत नहीं होने दे रही थी,,,,,
Raju or madhu ki chudai
राजू अपनी मां के लाल लाल होठों का रस पागलों की तरह चूस रहा था और मधु भी एकदम मस्त होकर अपने बेटे के लंड को जोर जोर से हिला रही थी पानी के अंदर भी उसे अपने बेटे के लंड की गर्मी साफ अपनी हथेली में महसूस हो रही थी,,,, और लंड की गर्मी का असर मधु को अपनी दोनों टांगों के बीच की पतली दरार में महसूस हो रहा था जिसमें से काम रस झर रहा था और पानी के टंकी में घुल जा रहा था,,,,, पानी से पूरी टंकी भरी हुई थी जिससे दोनों के अंदर होने से उन दोनों के बदन के हिलोरे से पानी में छपछपाहट हो रही थी,,,, राजू अपनी मां की नंगी जवानी से मजा लेते हुए पागल हो जा रहा था वह कभी अपनी मां की चूची को जोर से पकड़ कर दबा देता तो कभी उसकी बड़ी-बड़ी गांड को दोनों हथेली में लेकर दबा देगा वह जितना हो सकता था उतना अपनी मां के बदन से मजा लेने की कोशिश कर रहा था और उसे मजा दे भी रहा था,,,, मधु भी कुछ कम नहीं थी वह अपने बेटे से पूरी तरह से खुल चुकी थी और एक तरह से अपने बेटे के सामने रंडी पन का पूरा क्रियाकलाप कर रही थी वह अपने बेटे के लंड को पकड़ कर बार-बार उसे अपनी बुर पर घिस रही थी मानो जल्द से जल्द वह अपने बेटे के लंड को अपनी बुर में ले लेना चाहती हो लेकिन दोनों को किसी भी तरह की जल्दबाजी बिल्कुल भी नहीं थी क्योंकि वह दोनों जानते थे कि उन दोनों के पास काफी समय है,,,,।
कुछ देर तक अपनी मां के लाल लाल होठों का रसपान करने के बाद वह अपनी मां के लाल लाल होंठों को अपने होंठों से जुदा किया तो गहरी गहरी सांस लेते हुए उसे ही देख रहा था,,,, दोनों मां बेटे एक दूसरे को देख कर मुस्कुरा रहे थे दोनों की मुस्कुराहट में कामुकता छुपी हुई थी दोनों की आंखों में वासना साफ दिखाई दे रही थी दोनों मां बेटे के पवित्र रिश्ते में बंधे हुए थे लेकिन दोनों के बीच यह पवित्र रिश्ता तार-तार हो चुका था दोनों के बीच शारीरिक आकर्षण और एक दूसरे के अंगों से पूरी तरह से तृप्त होने की कामना साफ दिखाई दे रही थी,,,,, घने पेड़ की छांव में ट्यूबवेल के पानी में नहाते हुए दोनों मां बेटे संभोग का अद्भुत सुख प्राप्त करना चाहते थे पानी के अंदर चुदाई करने का अनुभव राजू में बिल्कुल भी नहीं था और ना ही पानी के अंदर चुदवाने का अनुभव मधु मे था,,, इसलिए दोनों इस अनुभव का आनंद लेना चाहते थे,,,, राजू पानी में उछल रही अपनी मां की खरबूजे जैसी चूची को दोनों हाथ में पकड़ कर जोर से दबाते हुए बोला,,,।
तुम्हारी चूचियां खरबूजे से कम नहीं है,,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू अपना मुंह आगे बढ़ा कर अपनी मां की एक चूची को मुंह में भर गया और उसे पीना शुरु कर दिया मधु एकदम से मचल उठी और अपना हाथ अपने बेटे के सर पर रख कर उसे दबाने लगी और राजू अपनी मां का इशारा पाकर जितना हो सकता था उतना अपनी मां की चूची को मुंह में लेकर पीना शुरू कर दिया और दूसरे हाथ से दूसरी चूची को दबाना शुरू कर दिया पानी के अंदर मधु पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी,,,।)
सहहहह आहहहहह मेरे लाल आहहहरहह ,,,, और अंदर लेकर पी,,,आहहहहह ऊमममममम,,,,ओहहहहहह राजु तु तो मुझे पागल कर देगा ,,,,, राजू मेरे लाल मेरे बेटे मेरे राजा आहहहहहहह ,,,(आंखों को बंद करके मधु पूरी तरह से मदहोश और मस्त होकर अपनी गर्दन को पीछे की तरफ टंकी की दीवार पर टीका कर अपने बेटे की हरकत का मजा ले रही थी,,,,। लेकिन इस बीच वह पल भर के लिए अपने बेटे के लंड को छोड़ी नहीं थी उसे उसी सख्ती से पकड़े हुए थी मानो कि कहीं छूट कर भाग जाएगा,,,,, राजू को भी अपनी मां की हथेली में अपना मोटा तगड़ा लंबा लंड कुछ ज्यादा ही मजा दे रहा था,,,,, दोनों की सांसो की गति बड़ी तेजी से चल रही थी,,,, एकदम खड़ी दुपहरी में जब पूरा गांव अपने घर में आराम कर रहा था तब दोनों मां-बेटे खेत में काम करने के बाद काम क्रीड़ा में लगे हुए थे,,,,, खेतों के बीच बने इस झोपड़ी के इर्द-गिर्द और इस जगह पर किसी के भी आने की आशंका बिल्कुल भी नहीं थी और वैसे भी चारों तरफ बड़े-बड़े झाड़ियां और खेत लहलहा रहे थे दूर दूर तक कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था और वैसे भी देखने की कोशिश करने पर भी ज्यादा दूर तक देखा भी नहीं जा सकता था क्योंकि चारों तरफ खेत ही खेत थे और इसी अवसर का लाभ लेते हुए दोनों मां-बेटे एक दूसरे में समाने की पूरी कोशिश कर रहे थे,,,, रह रह कर राजू अपनी मां की चुची पर से अपना मुंह हटा कर गरमा गरम वार्तालाप भी कर ले रहा था,,,,,)
अब तो तुझे पिताजी का लंड छोटा पड़ता होगा ना,,,, पिताजी का लंड मेरे से भी आधा ही है और तेरी बुर की गहराई कुछ ज्यादा है,,,(इतना कहने के बाद फिर से दूसरी चूची को मुंह में लेकर पीना शुरू कर दिया और अपने बेटे की बात का जवाब देते हुए मधु बोली,,)
हां तु बिल्कुल सच कह रहा है इतना समझ ले कि तेरे पिताजी का लंड कभी भी मेरे बच्चेदानी तक नहीं पहुंच पाया,,,
इसका मतलब है मां कि तूने आज तक पिताजी के साथ चुदाई का असली मजा नहीं ले पाई,,,(और इतना कह कर फिर से चूची को मुंह में भर लिया)
मुझे तो पहले पता ही नहीं था लेकिन तेरे साथ चुदवाने के बाद ही मुझे पता चला कि लंड बच्चेदानी तक भी पहुंचता है,,,
कैसा लगता है मां जब मेरे लंड का सुपाड़ा तुम्हारे बच्चेदानी पर जाकर टकराता है,,,
पूछ मत मेरे राजा उस समय तो ऐसा होता है कि जैसे मैं हवा में उड़ रही हूं इतना आनंद इतना आनंद की कभी कल्पना भी नहीं की थी बहुत मजा आता है और तेरा तो हर बार हर एक धक्के में मेरे बच्चेदानी पर तेरा लंड चोट करता है ,,,, तू सोच भी नहीं सकता इतना ज्यादा मुझे मजा आता है,,
हाय मेरी जान तभी तो मैं तुझे चोदना शुरू किया तुझे असली सुख देने के लिए चुदाई क्या होती है यह दिखाने के लिए,,,, अब तैयार हो जा मेरी रानी तेरी बुर चाटने का समय आ गया है,,,।
(इतना सुनकर मधु एकदम हैरान रह गई,,, क्योंकि उसे समझ में नहीं आ रहा है कल के पानी के अंदर उसका बेटा उसकी बुर कैसे चाटेगा,,, इसलिए उसके मुंह से आश्चर्यजनक तरीके से निकला,,,)
लेकिन कैसे,,,?
(मधु का इतना कहना था कि राजू बिल्कुल भी देर किए बिना ही अपने दोनों हाथ को अपनी मां की कमर पर लेकर आओ दोनों हाथों की सहायता से उसकी कमर पर अपना पूरा पकड़ बनाते हुए उसे उठा लिया और तुरंत उसे पानी की टंकी के ऊपरी दीवाल पर बिठा दिया जहां पर मधु कुछ सोच पाती इससे पहले ही पानी की टंकी की दीवाल पर गांड रखकर बैठ गई वह एकदम से चौक गई थी इसलिए पीछे की तरफ गिरने ही वाली थी कि संजू उसका हाथ भी पकड़ लिया,,,,, और वह एकदम से संभल गई,,,,)
दैयारे अभी तो तुम मुझे गिराया होता,,,,
मेरी रानी मैं तुझे गिरने नहीं दूंगा बस अब थोड़ी सी टांगो को खोल दें ताकि मैं तेरी खूबसूरत खजाने को देख सकूं,,,,
(राजू की बात सुनकर मधु मुस्कुराने लगी और मुस्कुराते हुए बोली)
अब देखने जैसा क्या बचा है,,,,
हाय मेरी जान इसे तुम्हें जिंदगी भर देखता रहूं फिर भी मेरा मन ना भरे,,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू अपनी मां की दोनों टांगों पर हाथ रखकर उसे हल्के से खुलने लगा तो उसकी मां भी उसका सहकार करते हुए अपनी टांगों को खोल दिया और अगले ही पल राजू को अपनी मां की दोनों टांगों के बीच वह गुलाबी पत्तियों से सजी हुई खूबसूरत रस से भरी हुई बुर नजर आने लगी जो कि उत्तेजना के मारे कचोरी की तरफ फूल गई थी,,,, और अपनी मां की फुली हुई बुर को देखकर राजू की आंखों में एकदम से चमक आ गई और वह अपना हाथ आगे बढ़ाकर अपनी हथेली को अपनी मां की बुर पर रखकर दबाते हुए बोला,,,)
हाय मेरी रानी कितनी मस्त फुलवारी है तेरी,,,, अब तेरे इस खूबसूरत फूल का रस अपने होठों से नीचोडूंगा,,,,,।
(और इतना कहने के साथ ही राजू अपने प्यासे होठों को अपनी मां की खुली हुई बुर पर रख दिया और उसके गुलाबी पत्तियों के बीच अपने जीभ को डालकर उसके रस को पीने की कोशिश करने लगा ठंडे पानी में पूरी तरह से डूबी हुई मधु की बुर इस समय भी एकदम गरम लग रही थी,,,,, और जैसे ही मधु अपने बेटे के होठों को अपनी लस लसी बुर पर महसूस की वैसे ही वह एकदम से तरंगित हो गई उसके बदन में सनसनाहट से दौड़ने लगी और वह कसके अपने दोनों हाथों को अपने बेटे के कंधे पर रखकर दबाने लगी और राजू अकेले यह पल अपनी जीभ की नोक से अपनी मां की बुर की गुलाबी पत्तियों को भेंदता हुआ अंदर की तरफ डालकर उसकी मलाई को चाटना शुरू कर दिया और मधु पूरी तरह से मस्त हो गई और उसके मुख से गरमा गरम सिसकारी फूट पड़ी,,,,।
सहहहह आहहहहह,,,ऊमममममम ओहहहहहह मेरे राजा पूरी जीभ अंदर डालकर चाट ,,,,इस तरह से तो तेरे पिताजी ने भी नहीं चाटे कभी,,,,आहहहहहहह मेरे राजा मेरे लाल तूने तो मुझे पागल कर दिया है,,, ऊफफ,,,,,
(राजू की जीभ लगातार उसकी मां की बुर में हरकत कर रही थी कभी दाएं कभी बाएं कभी सीधे तो कभी एक ही जगह पर राजू रगड़ रगड़ के उसकी लाल लाल बुर को चाट रहा था मधु तब और ज्यादा मदहोश हो जाती जब वह अपनी मां के बुर के अंदर मटर के दाने वाले हिस्से को जीभ से दबा दबा कर चाटता,,,, मधु अपने बेटे की हरकत और उसके लाजवाब तरीके पर पूरी तरह से निछावर हो चुकी थी उसे जिंदगी में चुदाई का असली सुख प्राप्त हो रहा था वह अपने मन में सोच रही थी कि अच्छा ही हुआ कि वह अपने बेटे के साथ इतना खुल गई वरना जिंदगी में असली मजा वह लूट ही नहीं पाती,,,, इसीलिए तो इस समय वह अपने बेटे से भरपूर मजा ले रही थी,,,,, राजू अपनी हरकतों से अपनी मां को पूरी तरह से पागल कर दिया था ,,, उसकी गरम सिसकारियां और उसकी गरम आंहे सुनकर राजू समझ गया था कि उसकी मां को लंड की जरूरत है उसकी बुर में लंड डालने की आवश्यकता आन पड़ी है इसलिए वह अपनी मां की कमर को पकड़ कर उसे वापस टंकी की दीवार पर से नीचे पानी के अंदर उतार दिया ट्यूबवेल में से लगातार पानी गिर रहा था जो कभी-कभी दोनों के बदन पर गिरने लगता था,,,,,,।
कड़ी धूप में लगातार शीतल हवा बह रही थी और पेड़ के नीचे पानी की टंकी के अंदर दोनो के बदन में ठंडक का एहसास हो रहा था लेकिन दोनों एक दूसरे की बदन की गर्मी से ठंडक का जमकर सामना कर रहे थे और इस लड़ाई में दोनों की गर्म जवानी साथ भी दे रही थी,,,,,, अपनी मां की बुर चटाई का मजा लूट कर राजू वापस अपनी मां को टंकी के अंदर उतार दिया था,,,, मधु पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थी उसे लग रहा था कि उसका बेटा अब अगले ही पल उसकी बुर में अपना लंड डाल देगा और वह इस पल के लिए पूरी तरह से तैयार भी थी लेकिन अगले ही पल राजू सहारा लेकर वापस जिस तरह से मधु पानी की टंकी की दीवार पर बैठी थी उसी तरह से राजू भी बैठ गया,,, और अपनी दोनों टांगों को खोल कर,,, अपने लंड को पकड़ कर हिलाने लगा मधु समझ गई थी कि उसे क्या करना है इसलिए पानी से भरी टंकी में दो कदम आगे चलकर वह अपने बेटे के करीब पहुंच गई थी वह भी अपने बेटे के लंड को मुंह में लेकर चूसने के लिए लालायित थी,, और अपने बेटे के करीब पहुंच करो अपना हाथ ऊपर की तरफ करके अपने बेटे का लंड को पकड़ ली लेकिन वह समझ गई थी कि वह अपने बेटे के लंड करीब अपना मुंह नहीं ले जा पाएगी क्योंकि दोनों की लंबाई में थोड़ा सा फर्क था और इस हालत में मधु का मुंह के बल राजू के लंड के नीचे लटकते हुए दोनों गोटे तक पहुंच रहे थे और ऐसे हालात में मधु पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थी इसलिए अपने बेटे के गोटे को ही अपने होंठों के बीच दबा कर चाटना शुरू कर दी,,, यह पहला मौका था जब मधु अपने बेटे के गोटे को चाट रही थी और यह राजू के लिए भी पहना अवसर था जब कोई उसके अंडकोष को चाट रहा था लेकिन इस खेल में दोनों को बहुत ज्यादा मजा आ रहा था,,,, देखते ही देखते मधु अपने बेटे के लंड के अंडकोष को उसके लंड को हाथ में पकड़ कर बराबर उस पर जीभ इधर से उधर घुमा रही थी,,,,,
मधु एक हाथ से अपने बेटे के लंड को पकड़ी हुई थी और उसके अंडकोष को चाट रही थी ऐसे ही उसकी निगाहें अपने बेटे की तरफ थी और राजू भी अपनी मां को ही देख रहा था दोनों की नजरें आपस में टकराई दोनों की नजरों में लंड को मुंह में लेने की ललक साफ नजर आ रही थी,,, इसलिए बीच का रास्ता निकालते हुए राजू तुरंत अपने दोनों हाथ की हथेली को पानी की टंकी की दीवार पर रखकर अपनी कमर के नीचे वाले भाग को नीचे पानी के अंदर उतारने लगा और देखते ही देखते,,, राजू का खड़ा लंड उसकी मां की आंखों के सामने उसके मुंह के सामने आ गया और बिल्कुल भी देर किए बिना मधु अपने लाल-लाल होठों को खोलकर अपने बेटे के लंड को अपने मुंह में अंदर आने का आमंत्रण दे दे और उसे अगले ही पल अपने मुंह के अंदर लेकर चूसना शुरु कर दी,,,,
राजू को अपनी मां के मुंह में लंड देने में बहुत मजा आ रहा था क्योंकि उसकी मां लंड चूसने में पूरी तरह से माहिर हो चुकी थी,,, वैसे भी मधु को अपने बेटे का लंड चूसने में कुछ ज्यादा ही मजा आता था क्योंकि राजू का लंड कुछ ज्यादा ही मोटा और लंबा था जो कि उसके गले तक आराम से पहुंचता था और उसे एक बार मुंह में लेने से उसके लाल लाल होंठ पूरी तरह से खुलकर छल्ला का आकार ले लेते थे,, ऐसा अपने पति का चूसने में बिल्कुल भी नहीं होता था ऐसा लगता था कि जैसे बस पतले से गन्ने को मुंह में लेकर चूस रही हो,,,, राजू को अपनी कमर आगे पीछे करके हिलाने में इस अवस्था में बहुत ज्यादा मजा आ रहा था कुछ देर तक राजू इसी तरह से अपनी मां को अद्भुत सुख देता रहा और प्राप्त करता रहा लेकिन अब समय आ गया था अपनी मां की बुर में लंड डालने का क्योंकि दोनों के बदन में गर्मी कुछ ज्यादा ही बढ़ गई थी दोनों की सांसे ऊपर नीचे हो रही थी और मधु की बुर में अद्भुत खुजली का संचार हो रहा था जो कि उसके बेटे के लंड के द्वारा ही है खुजली मिट सकती थी,,,,,,
अपनी मां के उत्तेजना के मारे लाल-लाल तमतमाते हुए चेहरे को देखकर राजू समझ गया था कि अब उसकी मां की बुर में लंड डालना बेहद जरूरी हो चुका है क्योंकि वह पूरी तरह से मदहोश हो रही है कहीं ऐसा ना हो कि चुदवाने से पहले ही उसकी बुर से पानी निकल जाए,,,, इसलिए राजू मौके की नजाकत को समझते हुए,,, अपने हथेली को अपनी मां के सर पर रख कर उसके रेशमी घने बालों को हल्के से अपनी मुट्ठी में पकड़ा और उसे पीछे की तरफ खींचते हुए उसके मुंह में से अपने लंड को बाहर निकाल लिया,,,,
मधु की सांसे गहरी चल रही थी वह समझ गई थी कि अब उसका बेटा उसे चोदने वाला है,,, इसलिए उसके बदन में सुरसुराहट दौड़ने लगी और पूरी तरह से मस्त हो गई वह जानती थी कि,,, पानी की टंकी के अंदर खड़े-खड़े उसका बेटा किस तरह से उसकी लेगा इसलिए पहले से ही वाद-विवाद की तरफ मुंह करके अपनी गोल-गोल गांव को पानी के अंदर ही ऊपर की तरफ उठा दी जो कि फिर भी पानी के अंदर डूबी हुई थी आज पानी के अंदर चुदवाने का मधु अनुभव लेना चाहती थी और वह भी अपने ही बेटे के द्वारा क्योंकि वह अच्छी तरह से जानती थी उसे अपने बेटे पर विश्वास था कि उसका बेटा अपने मोटे लंबे तगड़े लंड से पानी के अंदर भी उस की जबरदस्त चुदाई कर सकने में सक्षम है और इसी विश्वास को फलीभूत करते हुए राजू पानी के अंदर उतर गया,,, उसका लंड पूरी तरह से अपनी औकात मिला वह भी अपनी मां की कमर पकड़कर पानी के अंदर इतना हाथ डालकर अपनी मां की बुर के गुलाबी छेद को लंड से ही टटोलने लगा लेकिन पानी के अंदर कुछ भी नजर नहीं आ रहा था तो इस बार मधु को ही अपने बेटे की सहायता करते हुए अपने हाथ को नीचे की तरफ ले जाना पड़ा और अपने बेटे के लंड को पकड़ कर उसके सुपारी को अपनी बुर के गुलाबी छेद पर लगाना पड़ा,,,, मधु ने अपने बेटे को रास्ता दिखा दी थी मंजिल तक उसे ही पहुंचना था इसलिए वह अपने लंड को हाथ में पकड़ कर हल्के से अपनी कमर को आगे बढ़ाया और लंड का मोटा सुपाड़ा अगले ही पल मधु की बुर के अंदर घुस गया और यह पानी के अंदर चुदाई का पहला चरण था जो कि सफलतापूर्वक दोनों ने पार कर चुके थे,,,,,
एक बार रास्ते का पता चल जाए तो,,,, मंजिल तक पहुंचने में कोई दिक्कत नहीं आती और वही राजू के साथ भी हुआ अपनी मां के द्वारा रास्ता दिखाए जाने पर राजू पूरी तरह से उत्साहित हो चुका था,,, और वह अपनी मां की कमर पकड़ कर रखना धक्का इतनी जोर से लगाया कि पूरा का पूरा लंड एक बार में ही मधु के बच्चेदानी से जा टकराया वह एक ही बार में अपने लंड को अपनी मां की बुर की गहराई में गाड़ चुका था,,,, मधु अपने बेटे के तेज धक्कों को सहना अच्छी तरह से जानती थी लेकिन कितना भी अपने आप को संभालने की कोशिश करें अपने बेटे की जबरदस्त धक्के के साथ उसके मुंह से आह निकल ही जाती थी,,,,
पानी के अंदर भी राजू अपनी मां के ऊपर पूरी तरह से काबू पा चुका था,,, राजू का लंड मधु की बुर में एकदम सटासट जा रहा था पानी के अंदर भी राजू अपनी मां की जबरदस्त चुदाई कर रहा था,,, वैसे तो चुदाई के मामले में मधु को अपने बेटे पर किसी भी प्रकार की शंका करने की जरूरत नहीं थी लेकिन पानी के अंदर थोड़ा बहुत उसे शंका लग रहा था कि उसका बेटा पानी के अंदर ठीक से कर पाएगा कि नहीं लेकिन अद्भुत ताकत का प्रदर्शन करते हुए राजू अपनी मां की सोच के बिल्कुल विपरीत उस की जबरदस्त चुदाई करने में लगा हुआ था,,,,,।
ट्यूबवेल के पाइप में से पानी बड़ी तेजी से दोनों के ऊपर गिर रहा था और ऐसे में पानी के अंदर कुछ भी देखा जा सकता नामुमकिन था लेकिन दोनों को अद्भुत एहसास हो रहा था पानी के अंदर राजू का लंड को ज्यादा ही ताकतवर हो चुका था वह हर धक्के के साथ मधु के बच्चेदानी तक पहुंचा रहा था और मधु हर धक्के के साथ पानी की टंकी की दीवाल से एकदम से चिपक जा रही थी,,,। अपने बेटे के हर एक धक्के से मधु स्वर्ग का सुख भोग रही थी,,,, पानी के अंदर भी राजू अपनी मां की जबरदस्त चुदाई कर रहा था चारों तरफ लहलहाते खेतों के बीच ट्यूबवेल की पानी की टंकी में राजू पूरी तरह से काम क्रीड़ा में मस्त हो चुका था और राजू यह बात भी अच्छी तरह से जानता था कि उसकी मां से ज्यादा उसे कोई भी चुदाई का अद्भुत सुख नहीं दे सकता,,,।
ओहहह मेरे राजाआआआआहहह बहुत मस्त चोदता है रे तू,,, तेरा लंड है कि गधा का लंड बड़े आराम से मेरी बुर में घुस जा रहा है,,,,आहहहहह मेरे राजा ऐसे ही जोर-जोर से,,आहहहह आहहहह
हाय मेरी रानी,,,, मेरी भोसड़ा चोदी,,, तेरी बुर के लिए इंसान का नहीं गधा का लंड की जरूरत है इसीलिए तेरे लिए मुझे गधा बनना पड़ता है,,,,ओहहहह मेरी भोसड़ा चोदी,,,,आहहहह बहुत मजा देती है तू,,,, इतना मजा तो तेरे से पिताजी नहीं दे पाए होंगे जितना मैं ले रहा हूं,,,,आहहहह आहहहहह,,,
मादरचोद,,,,, तेरे लंड की वजह से तो मैं तेरे नीचे हूं वरना तुझे मैं पूछती तक नहीं,,, तेरा लंड मेरी बुर को एकदम भा गया है,,, तभी तो तेरे लंड को अंदर लेने के लिए तड़पती रहती हूं,,,,
हा तो लेना छिनार मेरा लंड की तेरी बुर के लिए ही बना है तभी तो पिताजी की जगह मैं तुझे चोद रहा हूं और तुझे चोदता ही रहूंगा,,,,,,आहहहह आहहहह,,,, मेरे मादरचोद बेटे,,,,आहहहहह
ले छिनार ले रंडी,,,, ले मेरी बुर की रानी बहुत खूबसूरत बुर है तेरा,,,, अपनी बुर को अब किसी और को मत देना तेरी बुर में किसी और का लंड जाना नहीं चाहिए वरना ऐसा पेलुगा,, की लंड बुर से डालूंगा गांड से निकाल लूंगा,,,
ओहहहह मेरे राजा मेरी बुर की अंदरूनी दीवारों पर तेरा ही नाम लिखा है तेरे लंड के लिए जगह बन गया है अब इसमें किसी और का लंड घुसेगा ही नहीं,,,,
आहहहह मेरी रानी,,,आहहहरहह,,
(दोनों मां-बेटे पूरी तरह से मदहोश हो चुके थे दोनों चर्मसुख के बेहद करीब पहुंच चुके थे दोनों अश्लील बातें करते हुए आनंद को और भी ज्यादा आनंदित कर रहे थे दोनों पूरी तरह से मदहोश होकर चुदाई का आनंद लूट रहे थे मधु पानी की टंकी की दीवार को दोनों हाथों से पकड़ कर अपने आप को संभाल कर रखी हुई थी और राजू अपनी मां को पूरी तरह से बाहों में भर कर पीछे से धक्के पर धक्का लगा रहा था दोनों की सांसो की गति तेज होने लगी राजू अपनी मां को कसके अपनी बाहों में दबोच लिया और अगले ही पल चार पांच जबरदस्त धक्के के साथ ही दोनों मां-बेटे झड़ गए,,,,, एक अद्भुत अविस्मरणीय अतुलनीय संभोग कथा संपूर्ण हो चुकी थी पानी की टंकी के अंदर पानी के अंदर रहकर राजू ने जिस तरह से अपनी मर्दाना ताकत का प्रदर्शन किया था उसे देखते हुए मधु पूरी तरह से चारों खाने चित हो चुकी थी वह पूरी तरह से अपने बेटे पर निहाल हो गई थी उस की अद्भुत चोदने की क्षमता को देखकर अपने इस नए रिश्ते पर वह पूरी तरह से बागबाग हो गई थी वह अच्छी तरह से जानती थी कि इस तरह का अद्भुत अशोक उसे अपने पति से कतई नहीं प्राप्त हो सकता था,,,,
राजू अपने लंड को धीरे से अपनी मां की बुर से बाहर निकाला और फिर दोनों एक एक करके पानी के टंकी से बाहर आ गए दोनों पानी के टंकी में चुदाई के साथ-साथ स्नान का भी मजा ले रहे थे इसके बाद दोनों नग्न अवस्था में ही झोपड़ी के पीछे की तरफ आगे जहां पर मधु अपने कपड़े उतार कर रखी हुई थी लेकिन अभी भी उसका पूरा बदन भीगा हुआ था इसलिए वह अपने कपड़ों को लेकर झोपड़ी के आगे आ गई और,,,, सूखे कपड़े से अपने गीले बदन को पोछने लगी,,, थोड़ी ही देर में दोनों अपने-अपने कपड़े पहन कर,,, थोड़ा खेतों का मुआयना करने लगे,,, और जब तक दोनों के काम क्रीड़ा चले तब तक खेतों में पानी सही मायने में पहुंच चुका था इसके बाद राजू ट्यूबवेल को बंद किया और दोनों मां-बेटे घर की तरफ निकल पड़े,,,।
राजू के लिए अब चूतो की लाइन लग गई है
Last edited: