Is kahani ko bhul gaye ho kya Bhai ya fir kahani ko aesi bana rhe ho jaise koi tufan lane Wale ho agr esi bat hai to hum logo ke lund ki kher nahi
Nice updateखेतों में पानी देने के बहाने मधु अपनी बुर में पानी डलवा रही थी राजू अपनी मां को चोद कर पूरी तरह समझ तो चुका था पानी के टंकी में चुदाई करने का अनुभव कुछ और ही था जिससे मां बेटे दोनों पूरी तरह से मस्त हो चुके थे मधु पूरी तरह से अपने बेटे की मर्दानगी में खो चुकी थी अब उसे कुछ भी अच्छा नहीं लगता था और जब तक अपने बेटे का लंड अपनी बुर में ले ना ले तब तक उसे चैन नहीं मिलता था,,,,,,,
राजीव और मत दोनों जबरजस्त अद्भुत संभोग क्रीडा करके घर वापस आ चुके थे,,,, गुलाबी इस बात से अच्छी तरह से वाकिफ थी कि ईतनी देर से उसकी भाभी खेत में काम कर रही थी और राजू भी वही गया था तो जरूर दोनों के बीच घमासान चुदाई हुई होगी इसलिए वह राजू की गैर हाजरी में अपनी भाभी को छेड़ते हुए बोली,,,,।
क्या भाभी बहुत मजा ली ना अपने बेटे के लंड का,,,,
नहीं तो पागल हो गई है क्या मैं तो खेत में काम कर रही थी,,,,(सूखे हुए कपड़ों को दुरुस्त करते हुए बोली)
चलो झूठ मत बोलो भाभी तुम्हारे चेहरे की लाली साफ बता रही है कि खेत में घमासान चुदाई करके आई हो और मुझे पूरा यकीन है कि एक बार अपने बेटे का लंड अपनी बुर में ले लेने के बाद तुम शांत रहने वाली नहीं हो,,,
(अपनी ननद की बात सुनकर मधु मंद मंद मुस्कुरा रही थी क्योंकि वह जानती थी कि अब गुलाबी से पर्दा करने का कोई फायदा नहीं था इस राज की वह भी राजदार थी इसलिए उससे कुछ भी छुपा नहीं रह सकता था और वैसे भी वह एक औरत थी और औरत के मन की बात को अच्छी तरह से समझ सकती थी मधु को मुस्कुराता हुआ देखकर गुलाबी अपने बात पर एकदम दृढ़ निश्चय करके बोली,,,) हा हां देखी ना भाभी आखिर सच होठों से बयां हो ही गया भले ही शब्दों से नहीं लेकिन मुस्कुराहट ने सब कुछ बता ही दिया,,,,
चल हट मुझे अपना काम करने दे,,,
तो काम करो ना भाभी तुम्हें रोका किसने है लेकिन खेत में जो कुछ भी हुआ मुझे भी तो बताओ,,,,
कुछ भी नहीं हुआ तू अपना काम कर,,,,
क्या भाभी मुझसे शर्माती हो मुझसे शर्म कैसी आखिरकार में भी तो सब कुछ जानती हूं जैसा कि तुम सब कुछ जानती हो एक दूसरे को एक दूसरे का अनुभव बताएंगे तभी तो और भी ज्यादा मजा आएगा,,,,।
(गुलाबी की बात सुनकर मधु की आंखों के सामने पानी की टंकी के अंदर उसके बेटे का लंड उसकी बुर में घुसता हुआ नजर आने लगा वह उस पल को कभी भूल नहीं सकती थी पानी के अंदर चुदवाने का उसका पहला अनुभव था और वह भी बेहद जबरदस्त था,,,,, उस बात को याद करके मधु मुस्कुरा रही थी यह देखकर गुलाबी बोली)
बोलो ना भाभी क्या हुआ था,,,, राजू खेत पर पहुंचते ही कहीं तुम्हारी चुदाई करना तो नहीं शुरु कर दिया था,,,,
धत्,,,,,,,,(मधु शर्मा कर बोली,,,)
नहीं भाभी सच में राजू वैसा ही है उसका लंड खराब था तो वह कोई ठिकाना नहीं सकता और फिर उसके लंड का एक ही ठिकाना नहीं जाता है बुर और किसी भी हालत में वह अपने लंड को बुर में डाल कर ही रहता है,,,,
नहीं ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था,,,
तो क्या हुआ था भाभी बोलो ना,,,,
मैं तुझसे झूठ नहीं बोलूंगी गुलाबी क्योंकि तूने ही मुझे राजू का हाथ थमा कर मुझे असली सुख दी है,,,,, राजू खेत पर आया तो था लेकिन देर में तब तक में काम कर चुकी थी इसके बाद हम दोनों पेड़ के नीचे छांव में आराम करने लगे तराजू तो ऐसा कुछ भी नहीं कर रहा था लेकिन मेरी पुर में आग लगी हुई थी मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था और मैं घर के पीछे गई,,,, राजू को ऐसा ही लगा कि मैं पेशाब करने जा रही हूं,,,,, ट्यूबवेल राजू ने चालू कर दिया था पानी गिर रहा था मैं घर के पीछे गई और अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी हो गई मैं अच्छी तरह से जानती थी कि मुझे नंगी देखा कर राजू से रहा नहीं जाएगा और वह मुझे जरूर चोदेगा,,,,
ओहहहह भाभी तुम तो मुझसे भी एक कदम आगे निकल गई,,,
अरे सुन तो,,,, मैं एकदम नंगी होकर पानी की टंकी में अपना एक पैर डालकर उसने जाने लगी तो राजू की नजर मुझ पर पड़ गई और सच कहूं तो गुलाबी राजू तो एकदम पागल हो गया उसकी आंखें फटी की फटी रह गई मुझे देख कर,,,, मैं कभी सोच ही नहीं थी कि मेरा बेटा अपनी मां को इस तरह से गंदी नजर से देखेगा और वो एकदम पागल हो जाएगा उसकी आंखों में नशा छाने लगा था मुझे साफ दिख रहा था मैं मुस्कुरा रही थी मैं अपना एक पैर पानी में डाली हुई थी और दूसरा पर डालकर उसमें प्रवेश कर रही थी राजू से रहा नहीं गया और वह मेरी आंखों के सामने ही अपना सारा कपड़ा उतारकर नंगा हो गया,,,
हाय दैया तुम्हारा बेटा तो बहुत चालू है भाभी,,,
हरामजादी तूने ही उसे ऐसा बनाई है,,,
मैं नहीं भाभी तुम,,,, भूल गई दीवार के छेद में से वह तुमको नंगी देखकर ही चुदवासा हुआ था और उसके बाद यह सिलसिला शुरू हो गया तुम्हारी खूबसूरत बदन में ही वह आकर्षण है जिसे देखकर तुम्हारा खुद का बेटा तुम्हें चोदने पर मजबूर हो गया,,,,
चल अच्छा अब ज्ञान मत सिखा आगे सुन उसके बाद वह भी पानी की टंकी में आ गया और उसके बाद मुझे कुछ करने की जरूरत नहीं पड़ी वह पानी मैं उधर कर सीधा मेरे दिल में उतर गया और फिर क्या किया पता है तुझे,,,
क्या किया भाभी,,,?
राजू की भुजाओं में बहुत दम है गुलाबी वह मुझे एक झटके से उठाकर पानी की टंकी की दीवार पर बैठा दीया और फिर मेरी दोनों टांगे फैलाकर मेरी बुर को चाटना शुरू कर दिया,,,,
दैया रे दैया कितना मजा आया होगा पानी की टंकी में,,,
मजा तो इतना आया गुलाबी कि पूछ मत,,,, उस मूए ने मेरी बुर चाट चाट कर ही मेरा पानी निकाल दिया और उसके बाद जैसा मुझे पानी की टंकी की दीवाल पर बैठाया था ठीक उसी तरह से वापी पानी की टंकी की दीवार पर बैठ गया और मुझे अपने पास बुला कर,,,, मुझे अपना लंड मुंह में लेने के लिए बोला,,,
हाय दइया क्या सच में भाभी,,,
तो क्या रे राजू पूरा मादरचोद हो गया लेकिन तू तो जानती है कि उसकी लंबाई मुझसे ज्यादा है इसलिए मैं उसके लंड तक पहुंच नहीं पा रही थी इसलिए वह खुद ही दीवार का सहारा लेकर थोड़ा नीचे आया और मेरे मुंह में डाल कर अपनी कमर हीलाना शुरू कर दिया गुलाबी सच कह रही हूं इतना मजा आया कि पूछो मत टंकी में पानी हम दोनों की छाती तक था फिर भी वह मुझसे मजा ले रहा था मुझे पूरी तरह से मस्त कर देखा था इसके बाद वह पानी में नीचे आया और पानी के अंदर ही मेरी बुर में लंड डालकर ऐसा चोदा ऐसा चोदा कि पानी के अंदर भी मेरी बुर एकदम गरम हो गई,,,, सच में गुलाबी मुझे बहुत मजा आया,,,,,
बाप रे भाभी तुम्हारी बात सुनकर तो ऐसा लग रहा है कि सब कुछ मेरी आंखों के सामने हो रहा है मुझे साफ दिखाई दे रहा है कि पानी की गहराई में कैसे राजू का लंड तुम्हारी बुर में अंदर बाहर हो रहा होगा तुम्हारी बात सुनकर तो मेरी बुर पानी छोड़ रही है,,,
तो तू भी ले लेना रात को उसका वैसे भी तो तेरा बहुत अच्छा है रात को तो उसे अपने साथ लेकर सोती है रात भर चुदवाएगी,,,,
तो तुम भी तो भैया के साथ रहती हो रात भर उनका अपनी बुर में लेकर सो जाया करो,,,
तूने ली है ना अपने भैया का तुझे फर्क नहीं लगता राजू में और तेरे भैया में राजू का ले लेने के बाद किसी और का बुर में अंदर तक जाने पर भी पता नहीं चलता कि अंदर कुछ गया है,,,
हां भाभी यह तो तुम सच कह रही हो राजू का लंड एक बार बुर में चला जाए तो बुर की गुलाबी पत्तियां खुल जाती है,,, उसके बाद भैया का अंदर जाता है तो पता ही नहीं चलता लेकिन क्या करें एक दूसरे के राज को राज रखने के लिए घर में इस तरह का क्रीडा करना बेहद जरूरी है ताकि आगे चलकर दिक्कत ना हो,,,,
हां गुलाबी तो सच कह रही है चल अब छोड़िए सब बात जल्दी से काम में मेरा हाथ बंटा,,,,।
इसके बाद दोनों ननद और भाभी घर का काम करने लगे,,,, ऐसे ही कुछ दिन चलता रहा,,,,,, झुमरी से मिले कुछ दिन गुजर गए थे लेकिन यह कुछ दिन वर्षों की तरह लग रहा था तो इसलिए राजू ने श्याम के हाथों खबर भिजवा कर झुमरी को आम के बगीचे में मिलने के लिए बुलाया,,,,।
दोपहर का समय था शीतल हवा बह रही थी राजू एक बड़े से पेड़ के नीचे झुमरी का इंतजार कर रहा था वह अच्छी तरह से जानता था कि झुमरी जरूर आएगी और थोड़ी ही देर में उसे झुमरी आती भी नजर आने लगी झुमरी को देखकर ही उसके होठों पर मुस्कान और उसके लंड में अकड़ आने लगी क्योंकि वह झुमरी को चोदने के लिए बुलाया था,,,,,,, झुमरी मुस्कुराते हुए राजु के करीब आ गई और उसके पास में आकर बैठ गई और बोली,,,।
बोलो किस लिए बुलाए हो,,,, श्याम ने जैसे ही मुझे बोला कि तुमने मुझे बुलाए हो आम के बगीचे में तो सब कुछ काम छोड़कर मैं आ गई,,,,
तुम्हें देखने के लिए बुलाया हुं,,,,(राजू झुमरी की आंखों में मुस्कुराता हुआ देखकर बोला,,,)
अच्छा तो यह बात है बोल तो ऐसे रहे हो जैसे कभी मुझे देखे नहीं हो,,,,
5 दिन गुजर गए हैं झुमरी तुम्हारे दर्शन नहीं हुए तुम तो अच्छी तरह से जानती हो कि जब तक तुम्हें देख ना लु तब तक मुझे चैन नहीं मिलता,,,,
तो कहती तो हूं शादी करके ले चलो मुझे अपने घर तुम हो कि तुम्हारी हिम्मत ही नहीं होती मां से बात करने की,,,,
क्या कह रही हो जो मेरी क्या चाची ने तुम्हें बताई नहीं,,,,
क्या,,,?(झुमरी आश्चर्य जताते हुए बोली)
तुम तो ऐसे कह रही हो जैसे तुम्हें कुछ मालूम ही नहीं है,,,
मैं सच कह रही हूं राजू मुझे कुछ नहीं पता,,,,
मुझे भी समझ में नहीं आया कि श्याम ने तुम्हें यह कहकर यहां भेजा कि मैंने तुम्हें बुलाया हूं इसका मतलब भी तुम नहीं समझी,,,
पहेलियां क्यों बुझा रहे हो राजू साफ-साफ कहते क्यों नहीं,,,!
(राजू को पूरा विश्वास हो गया था कि शादी की बात सामने और श्याम की मां ने झुमरी को नहीं बताया है इसलिए वह मुस्कुराने लगा उसे मुस्कुराता हुआ देखकर झुमरी बोली,,,)
मुस्कुरा क्यों रहे हो देखो तुम मेरे दिल की धड़कन बढ़ा रहे हो मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि तुम क्या बोले जा रहे हो,,,,
अरे पगली मैंने चाची से तेरा हाथ मांग लिया है तभी तो सामने भेज जब तुझे मेरे पास भेज दिया क्योंकि वह जानता है कि मैं उसका जीजा बन गया हूं मेरा मतलब है कि बनने वाला हूं तभी तो अपनी बहन को मेरे पास भेजा है नहीं तो कौन सा ऐसा भाई होगा जो अपनी बहन को एक अंजाम जवान लड़के के पास भेजेगा,,,
क्या कह रहे हो राजू,,,(झुमरी तो एकदम खुश होते हुए बोली,,,)
मैं सच कह रहा हूं झुमरी मुझे तो लग रहा था कि चाची ने तुम्हें सब कुछ बता दूंगी मैं श्याम और चाची दोनों से तुम्हारा हाथ मांग कर आया हूं और वह दोनों तैयार भी है आखिर कौन मना करने वाला है एक कमाने वाले दामाद को,,,
ओहहहह राजू मैं बहुत खुश हूं,,,(इतना कहने के साथ ही झुमरी आकर बढ़कर राजू को अपने गले लगा ले और राजू भी मौके की नजाकत को देखते हुए गुलाबी को अपनी बाहों में लेकर तुरंत अपने दोनों हाथ एली को उसकी गोल गोल गांड पर रखकर दबाने लगा,,,, राजू की हथेली को अपनी गांड पर महसूस करते ही झुमरी जानबूझ का गुस्सा दिखाते हुए राजू की आंखों में देखने लगी तो राजू मुस्कुराता हुआ बोला,,,)
अब तो मेरा हक बनता है तुम मेरी होने वाली बीवी हो अब तो मैं तुम्हें नंगी करके चोद सकता हूं,,,
है हिम्मत तुम्हारे में,,,,(झुमरी जानबूझकर राजू का जोश बढ़ाते हुए बोली)
देखना चाहती हो मेरी हिम्मत,,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू उसे तुरंत अपनी गोद में उठा लिया और एक बड़े से पेड़ के नीचे ले गया राजू अच्छी तरह से जानता था कि खड़ी दुपहरी में आम के बगीचे में इस तरफ कोई आता नहीं था इसलिए वह पूरी तरह से निश्चित था वह तुरंत झुमरी के लाल-लाल होठों पर अपने होंठ रख कर उसका चुंबन करने लगा राजू अब उसका होने वाला पति था इसलिए जो मेरे को भी बिल्कुल भी एतराज नहीं था,,,, वह भी उसका साथ देने लगी देखते ही देखते रह जा उसकी कुर्ती को उतार फेंका और उसकी नंगी चूची को मुंह में लेकर पीना शुरु कर दिया,,,,, दोनों बड़े से पेड़ के पीछे खड़े होकर यह क्रिया कर रहे थे और उसके अगल बगल बड़ी-बड़ी घास उगी हुई थी जिसकी आड़ में दोनों पूरी तरह से सुरक्षित है देखते ही देखते राजू पूरी तरह से झुमरी की गर्म जवानी पर छाने लगा झुमरी को मज़ा आने लगा वह पूरी तरह से मदहोश होकर गहरी गहरी सांस लेने लगी,, राजू उसकी दोनों चूचियों से खेल रहा था जो कि अब तो उसका हक बन चुका था दोनों संतरो को दबा दबा कर दशहरी आम बनाने पर तुला हुआ था,,,,।
सहहह आहहहहह राजू मेरे राजा बहुत मजा आ रहा है,,,
अब तो खुला दौर मिल गया है मेरी रानी अब तो रोज तुम्हें मजा दूंगा,,,,,
आहहहह अब जल्दी से मुझे दुल्हन बना कर अपने घर ले चलो राजू,,,
ले चलूंगा मेरी रानी बुआ की शादी जैसे हो जाएगी मैं तुरंत तुम्हें दुल्हन बनाकर अपने घर लेकर आऊंगा फिर दिन रात को तुम्हारी बुर में लंड डालकर पड़ा रहूंगा,,,
दिन-रात मेरी बुर में लंड डालकर पड़े रहोगे तो काम कौन करेगा,,,, तब तो मेरी सांस भी मुझे ताने मारेगी गाली देगी की शादी करके आते ही मेरे लड़के को बिगाड़ दी अब वह नाकाम कांच पर ध्यान देता है ना घर गृहस्ती पर बस बुर में घुसा हुआ है,,,,
तो क्या हुआ मेरी जान किसी और की बुर में तो नहीं घुसा हुआ हूं ना मैं तो अपनी बीवी के बुर में घुसा हुआ हूं,,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू सलवार की डोरी को एक झटके से पकड़ कर खींच दिया और सलवार एकदम से ढीली हो गई जो कि खुद मदहोशी के आलम में झूमरी ही अपनी सलवार को अपने हाथों से अपनी चिकनी टांग वैसे उतार फेंकी और वह पूरी तरह से नंगी हो गई राजू कि अपना भेजा में उतार कर नंगा हो गया था उसका लंड पूरी तरह से अपनी औकात में आकर खड़ा था जिसे देखकर झुमरी के तन बदन में आग लग रही थी,,,, यह सोचकर वह और ज्यादा गर्व का अनुभव कर रही थी कि उसके होने वाले पति का लंड कुछ ज्यादा ही दमदार और मजबूत है इस बार राजू को झुमरी को दिशानिर्देश बताने की जरूरत नहीं पड़ी और झुमरी खुद ही अपने घुटनों के बल बैठकर अपने होने वाले पति का लंड पकड़ कर चूसना शुरू कर दी यह देखकर राजू के तन बदन में आग लग गई वह पूरी तरह से मदहोश होने लगा और अगले ही पल उसके मुंह में अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया कुछ देर तक दोनों इसी तरह से मजा लेते रहे लेकिन आप राजू का मन झुमरी की बुर में डालने का कर रहा था इसलिए राजु अपने लंड को उसके मुंह में से बाहर निकाल लिया और उसकी बांह पकड़कर उसे खड़ी किया झुमरी अच्छी तरह से जानती थी कि उसे क्या करना है इसलिए पेड़ का सहारा लेकर वह अपनी गोरी गोरी गोल गोल गांड को अपने होने वाले पति के सामने परोस दी,,,।
राजू के लिए खुला दौर मिल चुका था वह झुमरी की कमर दोनों हाथों से पकड़कर उसे अपनी तरफ खींचा और उसकी गोल-गोल गांड को थोड़ा ऊपर की तरफ उठाकर अपने लंड के सिधान पर लेने लगा,,,, अगले ही पल वह अपने होने वाली बीवी की गुलाबी छेद में जो की पूरी तरह से गीली हो चुकी थी उसमें अपना लंड डालकर उसे चोदना शुरू कर दिया राजू को आज बहुत मजा आ रहा था आज वह झुमरी को अपनी प्रेमिका नहीं बल्कि अपनी बीवी समझ कर चोद रहा था जिस पर उसका पूरा हक था,,,, झुमरी की गर्म सिसकारियां पूरे बगीचे में गूंज रही थी और वह बेझिझक होकर गरमा गरम सिसकारियां ले रही थी क्योंकि वह जानती थी कि इस बगीचे में कोई आने वाला नहीं है इसलिए बात ही राजू के चुदाई का भरपूर आनंद ले रही थी,,,,,
दोनों प्रेमी प्रेमिका थे लेकिन बहुत ही जल्दी दोनों पति पत्नी बनने वाले थे और इसी के चलते वह दोनों चुदाई में पूरी तरह से खो चुके थे उन दोनों को यही लग रहा था कि इस बगीचे में कोई उन्हें देखने वाला नहीं है लेकिन एक बड़ी ही तीखी आप उन दोनों की इस काम क्रीड़ा को देख रही थी और अंदर ही अंदर झुलस रही थी,,,,, और वह आंखें थी रंजीत सिंह की जिसे कुछ दिन पहले राजू जी भर कर पीटा था और वह भी उसी के लिए जिसकी वह चुदाई कर रहा है उस समय तो रंजीत सिंह ने झुमरी को नंगी नहीं देखा था लेकिन कपड़ों के ऊपर से ही उसके खूबसूरत बदन का जायजा लेकर उस पर लट्टू हो गया था लेकिन आज अपनी आंखों के सामने झुमरी को पूरी तरह से नंगी देखकर उसकी आंखों में वासना की चिंगारी फूट रही थी वह झुमरी की मदमस्त जवानी से पूरी तरह से प्रभावित हो चुका था,,, उसकी संतरे जैसी चूचियां उसके मन में बस गई थी जिसे वह मुंह में लेकर दबा दबा कर पीना चाहता था उसकी गोल-गोल सुडौल गांड उसके दिल पर छुरियां चला रही थी राजू के लंड को उसकी बुर में देखकर वह आग बबूला हुआ जा रहा था लेकिन इस समय वह कुछ कर भी नहीं सकता था क्योंकि राज्यों की ताकत का परिचय उसे उसी दिन लग गया था ऐसा नहीं था कि रंजीत पहली बार उस पर नजर रखे हुए था जिस दिन से वह अपमानित हुआ था उस दिन से ही वह झुमरी पर पूरी तरह से नजर रखें हुआ था झुमरी कहां जाती है कहां घूमती है खेत में कब जाती है सबकुछ उसे बारीकी से निरीक्षण करके पता चल रहा था और इस समय भी वह झुमरी की ही तलाश में यहां पर आया हुआ था उसके पीछे-पीछे उसे नहीं मालूम था कि झुमरी किसी से मिलने आई है इस सुनसान जगह पर रंजीत सिंह अपने अपमान का बदला लेना चाहता था झुमरी को चोदकर उसकी इज्जत लूट कर लेकिन राजू को देख कर उसके पैर जम गए थे राजू को अपने मन की रानी की चुदाई करता हुआ देखकर रंजीत गुस्से से लाल हो गया था लेकिन झुमरी के खूबसूरत नंगे बदन को देख कर उसकी आंखों में वासना 4 रही थी वह किसी भी कीमत पर झुमरी को हासिल करना चाहता था और अपने अपमान का बदला लेना चाहता था और यही दृढ़ निश्चय करके कि वह झुमरी से जरूर बदला लेगा और उसकी इज्जत से जी भर कर खेलेगा और यह सोचकर वह वहां से चला गया थोड़ी देर में राजू और झुमरी दोनों चरम सुख को प्राप्त कर के कपड़े पहनकर गांव की ओर चल दिए,,,,।
राजू शाम के वक्त घर पर पहुंचा तो देखा कि उसके मामा आए हुए थे वह अपने मामा को देखकर खुश हुआ और उनके पैर छूकर आशीर्वाद लिया,,,, साथ में मामा की बड़ी लड़की रीना भी आई हुई थी,,,, जिस पर नजर पड़ते ही राजू के तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी,,,
बात ही बात में मधु ने अपने बड़े भाई से बोली,,,
और भैया कैसा हाल है घर पर सब ठीक-ठाक तो है ना भाभी कैसी है,,,
सब कुछ ठीक है बहना घर में सब मजे में है,,,
बड़े दिनों बाद आज मेरी याद कैसे आ गई मुझे तो लग रहा था कि यहां का रास्ता ही भूल गए हैं,,,
नहीं नहीं ऐसा कुछ भी नहीं है बस कामकाज में उलझ गया था खेती-बाड़ी में समय ही नहीं मिलता वह तो मुझे बहुत अच्छा रास्ता मिल गया था अच्छा लड़का अच्छा खानदान तो मैं अपने आप को रोक नहीं पाया और इधर आ गया,,,
अच्छा रिश्ता अच्छा लड़का मैं कुछ समझी नहीं,,,
अरे अपनी गुलाबी के लिए,,,,
क्या भैया सच कह रहे हो,,,
हां इसीलिए तो मैं आया हूं,,,, वैसे जीजा कहां गए दिखाई नहीं दे रहे हैं,,,,
आते ही होंगे,,,,,
चलो ठीक है जीजा के आ जाने पर ही बात करूंगा,,,,
Nahi dostIs kahani ko bhul gaye ho kya Bhai ya fir kahani ko aesi bana rhe ho jaise koi tufan lane Wale ho agr esi bat hai to hum logo ke lund ki kher nahi