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Incest बैलगाड़ी,,,,,

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बुआ और दीदी को बाप से चुद्दवाओ,
और अकेले में मां बेटे को छोर दो।।
 

Ben Tennyson

Its Hero Time !!
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rohnny4545

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गुलाबी की बेबसी को मधु अच्छी तरह से समझ रही थी वह जानती थी कि गुलाबी इस घर को छोड़कर क्यों नहीं जाना चाहती है,,, और यह भी वह अच्छी तरह से जानती थी उसके सिवा घर में इस शादी को लेकर खुशी ना तो राजू को थी और ना ही उसके पति हरिया को थी क्योंकि वह दोनों गुलाबी को इस घर में रख कर अपना उल्लू सीधा करना चाहते थे लेकिन मधु यह चाहती थी कि वह शादी करके अपने ससुराल चली जाए ताकि वह राजू से खुलकर मजा ले सकें,,,,


गुलाबी की आंखों में आंसू थे और से चुप कराने के लिए मधु उसके करीब बैठ कर उसे सीने से लगाकर उसे सांत्वना देते हुए चुप करा रही थी लेकिन अकेले ही पल जो एहसास उसके तन बदन में हुआ उस एहसास के चलते वह पूरी तरह से मदहोश हो गई जिंदगी में पहली बार उसे इस तरह का एहसास हुआ था गुलाबी की संतरे जैसे चूचियों उसके खरबूजे जैसी चूची पर रगड़ खाने लगी थी और यह एहसास मधु के लिए तो पहली बार था पहली बार किसी औरत की चूची उसकी चूची से रगड़ खा रही थी वरना उसकी खुद की चूची मर्दाना छातियों से रगड़ रगड़ कर खरबूजा बन गई थी,,,,, गुलाबी की आंखों से आंसू थमने के नाम नहीं ले रहे थे और मधु थी कि उसके तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी थी एक बार जैसे ही उसकी चूची गुलाबी की चूची से रगड़ खाई वह तुरंत अपनी छाती को थोड़ा सा पीछे ले ली लेकिन वह एहसास उसके तन बदन में अजीब सी हलचल पैदा कर गया और इसी हलचल को फिर से महसूस करने के लिए वह गुलाबी को एक बार फिर से अपनी तरफ कसकर खींच ली और उसे चुप कराने की कोशिश करने लगी और इस बार उसकी बड़ी बड़ी चूची उसे गुलाबी की छाती पूरी तरह से चिपक गई और मधु के तन बदन में अजीब सा एहसास होने लगा वह मदहोश होने लगी,,, अपनी ननद को चुप कराते कराते उसके बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी,,,, मधु की सांसे गहरी चलने लगी वह मदहोश हो रही थी जिसका एहसास आंख से आंसू बहा रही गुलाबी को भी होने लगा था क्योंकि उसे अपनी छातियों पर भी अपनी भाभी की बड़ी-बड़ी छातियां महसूस हो रही थी जिसके चलते उसे भी अजीब सा एहसास हो रहा था,,,, मधु अपनी भावनाओं पर काबू करने की पूरी कोशिश कर रही थी इसलिए वह गुलाबी को अपने बदन से अलग करते हुए उसकी बाहों को दोनों हाथों से पकड़ कर उसे चुप कराते हुए बोली,,,,


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गुलाबी समझने की कोशिश कर विवाह का उम्र हो चुका है तेरा अगर तेरी शादी समय पर ना की गई तो गांव वाले तो यही कहेंगे कि बिना मां बाप की बेटी है इसलिए इसके भैया और भाभी भी उसकी शादी नहीं करा रहे हैं,,,,


लेकिन भाभी मुझे इतनी जल्दी जिस घर से नहीं जाना है मुझे अच्छा नहीं लग रहा है,,,

अच्छा लगे कि ना लगे शादी करके तो ससुराल जाना ही पड़ता है और फिर धीरे-धीरे ससुराल ही अपना घर लगने लगता है तो समझने की कोशिश कर गुलाबी,,,,
(गुलाबी रो रही थी लेकिन मधु की नजर उसके फफकते हुए होठों पर थी उसके फोटो में कंपन हो रहा था उसके लाल लाल होंठ को देखकर मधु कि तन बदन में ना जाने कैसी हलचल हो रही थी वह अपने आप को रोकने की कोशिश कर रही थी लेकिन उसे से अपने आप को रोका नहीं जा रहा था गुलाबी की खूबसूरती आज उसे मदहोश कर रही थी आज वह पहली बार किसी स्त्री के प्रति आकर्षित हुए जा रही थी यह बात अच्छी तरह से मधु जानती थी कि उससे ज्यादा खूबसूरत पूरे गांव में कोई और औरत नहीं थी लेकिन आज ना जाने क्यों उसका बदन उसका साथ नहीं दे रहा था उसका सोच विपरीत दिशा में भाग रहा था वह अपने आप पर काबू नहीं कर पा रही थी आज गुलाबी मैं उसे 4 बोतलों का नशा महसूस हो रहा था उसके लाल-लाल होठों से अपनी तरफ आकर्षित कर रहे थे मधु से रहा नहीं गया और वह अगले ही पल गुलाबी को चुप कराने के बहाने अपने प्यासे होठों को उसके लाल-लाल होठों पर रखती और जैसे ही मधु ने अपने लाल-लाल होठों को गुलाबी के होठों पर रखी गुलाबी के तन बदन में अजीब सी हलचल हो गई वह पूरी तरह से मदहोश हो गई पल भर के लिए तो उसे अपनी आंखों पर भरोसा ही नहीं हुआ उसे झटका सा लगा लेकिन अगले ही पल जैसे ही मधु के होठों के बीच अपने होठों को पाकर और अपने भाभी के द्वारा अपने होंठों का रसपान करता हुआ महसूस कर के गुलाबी मदहोश होने लगी,,,, अपनी भाभी का चुंबन गुलाबी को उत्तेजित कर रहा था वह अपने होठों को अपनी भाभी के होठों से अलग नहीं कर पाई और देखते ही देखते वह अपने आप को अपने लाल-लाल होठों को अपने भाभी के होठों के बीच समर्पित कर दी,,,, मधु के लिए पहली बार था वह मदहोश होकर अपनी ननद के होठों का रसपान कर रही थी और ऐसा करने में उसे आनंद प्राप्त हो रहा था लेकिन गुलाबी को दुगना मजा मिल रहा था गुलाबी इस अनुभव से गुजर चुकी थी अपनी सहेली के साथ वह इस तरह के रिश्ते को बना चुकी थी और महीनों बाद आज उसकी भाभी ने एक बार फिर से उसके बदन में वही फुहार पैदा कर दी थी जैसा कि उसकी सहेली ने उसके बदन में आग लगाई थी देखते ही देखते गुलाबी भी अपनी भाभी का साथ देने लगी और एक दूसरे के होंठों का रसपान करने लगे,,,,

मधु के होठों का रसपान आज तक केवल राजू और उसके पति हरिया ने ही किया था लेकिन आज उसकी ननद भी उसके होठों का मजा ले रही थी और खुद मधु भी अपनी ननद के होठों का आनंद ले रही थी,,,,,,, मधु उत्तेजित हुए जा रही थी एक औरत के साथ वह एक मर्द की हरकत को महसूस करके जिस तरह से उत्तेजित होती थी उससे भी कहीं ज्यादा उत्तेजना उसके तन बदन में अपना असर दिखा रही थी उससे रहा नहीं जा रहा था वह अपनी ननद के होठों का रस पीते हुए अपने हाथ को सीधे गुलाबी की चूची पर रख दी जो की कुर्ती के ऊपर से भी काफी उभरी हुई थी,,,, और उसे दबाना शुरू कर दी देखते ही देखते मधु अपने दोनों हाथों से अपनी ननद की दोनों चूची को कुर्सी के ऊपर से दबाना शुरू कर दी,,,, अपनी भाभी की यह हरकत गुलाबी को बड़ी अजीब लग रही थी क्योंकि आज तक उसकी भाभी ने इस तरह की हरकत इस तरह की छेड़खानी उससे नहीं की थी हां इतना वह जरूर करती थी कि आते जाते गुलाबी की गांड पर चपत लगा देती थी लेकिन आज पूरी तरह से वो मदहोश हो चुकी थी एक औरत के साथ जिस्मानी ताल्लुकात का अनुभव ले चुकी गुलाबी अपने भाभी की हरकत का मजा लेते हुए समझ गई थी कि उसकी भाभी भी उसकी सहेली की तरह मजा लेना चाहती है इसलिए वह अपने आप को पूरी तरह से उसके हाथों में छोड़ दी थी क्योंकि मधु की हथेलियों का मजा उसे अच्छा लग रहा था,,,,,

दोनों के बीच किसी भी प्रकार का वार्तालाप नहीं हो रहा था दोनों आंखों को बंद किए एक दूसरों के हमरो से मजा ले रहे थे अभी तक मधु अपनी ननद की चूची दबा रही थी लेकिन उत्तेजित हो चुकी गुलाबी भी अपना हाथ आगे बढ़ाकर ब्लाउज के ऊपर से अपनी भाभी के घर पहुंचे जैसे चुचियों को थाम ली और उसे दबाना शुरू कर दी,,,,, क्योंकि गुलाबी भी इस आनंद को बढ़ाना चाहती थी ना कि रोक देना चाहती थी इसलिए वह अपनी हरकत से अपनी भाभी के बदन में आग लगा देना चाहती थी,,,,,,, इसलिए गुलाबी अपनी भाभी के ब्लाउज का बटन खोलने लगी इस बात का एहसास होते ही मधु के तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी वह मस्त होने लगी मदहोश होने लगी उसकी बुर से मदन रस चुने लगी,, मधु की बुर पूरी तरह से रीश रही थी उसमें रिसाव हो रहा था,,,, देखते ही देखते गुलाबी अपनी भाभी के ब्लाउज के सारे बटन को खोल दी थी,,,,

गुलाबी एक औरत होने के बावजूद भी अपनी भाभी की सूचियों के प्रति पहले से ही आकर्षित थी क्योंकि उसे अपनी भाभी की चूचियां बहुत ही खूबसूरत और आकर्षित कर देने वाली लगती थी क्योंकि दो-दो जवान बच्चों की मां होने के बावजूद भी उसकी चुचियों का कसाव बेहद खूबसूरत था,,,, खरबूजे जैसी बड़ी-बड़ी होने के बावजूद भी एकदम तनी हुई थी,,,, पहले तो वह अपनी भाभी की चूचियों को देखकर केवल ललचाती थी लेकिन आज उसे पूरा मौका मिला था अपनी भाभी की चुचियों से खेलने के लिए,,,, इसलिए गुलाबी आज अपने हाथ से इस मौके को जाने नहीं देना चाहती थी,,,,, वह अपनी भाभी को बिना कुछ बोले अपनी भाभी की नंगी चूचियों को दोनों हाथों से पकड़ लिया और उसे दबाना शुरू कर दी मधु की चूची है इतनी बड़ी थी कि उसके दोनों हाथ में ठीक से समा नहीं पा रही थी लेकिन उसकी खुद की चूची संतरे की तरह थी इसलिए उसकी भाभी की हथेली में बड़े आराम से समा जा रही थी,,,,


दोनों के हो तभी भी आपस में भिड़े हुए थे लेकिन दोनों की हथेली अपनी हरकत को अंजाम देते हुए एक दूसरे की चूची को मसल मसल कर उनका रस निचोड़ने में लगे हुए थे,,,, गुलाबी तो फिर भी अपनी भाभी की नंगी चूचियों का मजा ले रही थी लेकिन अभी भी मधु अपनी ननद की चूची का मजा कुर्ती के ऊपर से रही थी लेकिन आप वह भी अपनी मेहनत की चूची को नंगी कर देना चाहती थी उसकी छातियों की शोभा बढ़ा रही उसकी चूची के आकार को देखना चाहती थी उसकी लालिमा को देखना चाहती थी उसकी खूबसूरती को अपनी आंखों से पीना चाहती थी इसलिए वह तुरंत उसकी कुर्ती को पकड़कर ऊपर उठाने लगी और अगले ही पल गुलाबी भी अपनी भाभी का साथ देते हुए अपने हाथ को ऊपर उठा दी और मधु अपने ननद की कुर्ती को उतार कर नीचे फेंक दी कमर के ऊपर वह पूरी तरह से नंगी हो गई अपनी गुलाबी की गुलाबी छातियों को देखकर मधु के मुंह में पानी आ गया यह पहली बार था जब वह एक स्त्री की छाती को देखकर पूरी तरह से सम्मोहित हो जा रही थी आज ना जाने क्यों कैसी कुमारी मधु की आंखों में छाई हुई थी कि वह एक औरत से मजा ले रही थी और वह भी जी भर के,,,,,


वाह गुलाबी तेरी चूचीया तो कितनी खूबसूरत है एकदम संतरे की तरह,,,,(जवाब में गुलाबी कुछ बोली नहीं बस उत्तेजना से गहरी सांस लेने लगी और अगले ही पल मधु अपनी दोनों हथेली में उसके दोनों संतरो को थाम ली और उसे जोर जोर से दबाना शुरू कर दी,,,, अगले ही पल अपनी भाभी की हथेली के कसाव को अपनी चुचियों पर महसूस करते ही गुलाबी से रहा नहीं गया और उसके मुंह से सिसकारी फूट पड़ी,,,।

सहहहह आहहहहह,,भाभी,,,,,,


मजा आ रहा है ना मेरी गुलाबी,,,,,,(और इतना कहने के साथ ही खटिया पर ही मधु अपनी ननद की चुचियों को पकड़े हुए उसे खटिया पर लेटाने लगी और देखते ही देखते गुलाबी खटिया पर पीठ के बल लेट गई और मधु‌ गुलाबी की आंखों में देखते हुए उसकी चूची को मुंह में भर ली,,,,,, और अगले ही पल एक अद्भुत एहसास से पूरी तरह से वह भर गई उसे अब जाकर इस बात का एहसास हुआ कि मर्दों को औरतों की चूची पीने में क्यों इतना मजा आता है क्योंकि आज पहली बार वह इस अनुभव से गुजर रही थी पहली बार वह किसी स्त्री की चूची को मुंह में भरकर उसे पीने का सुख भोग रही थी और वास्तव में उसे बेहद आनंद की प्राप्ति हो रही थी वह पागल हुए जा रही थी अब जाकर उसे इस बात का अहसास हुआ कि क्यों उसका पति हरिया और उसका बेटा राजू उसकी चूची को दोनों हाथों से पकड़ पकड़ कर बारी-बारी से मुंह में लेकर पीते हैं,,,,


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और अब मधु उसी अनुभव को पूरी तरह से अपने एहसास में डुबो लेना चाहती थी,,,,, मधु की सांसे ऊपर नीचे हो रही थी वह एक औरत के जिस्म से खेल रही थी उसकी संतरे जैसी चूची को बारी-बारी से मुंह में लेकर पीना शुरु कर दी,,, वह अपने बेटे के अनुभव को अपनी ननद पर उतार रही थी जिस तरह से राजू उसकी चुचियों को दबाते हुए मुंह में लेकर उसकी छुहारे को पीता था उसी तरह से वह भी अपनी ननद की चूची को बारी-बारी से मुंह में लेकर उसके छुआरे को पी रही थी,,,, और इस सुख को प्राप्त करते हुए गुलाबी के मुंह से गरमा गरम सिसकारियां फुट रही थी,,,।


सहहहह आहहह भाभी,,,आहहहहह ऊमममम ,,,ऊहहहहह,,,(अपनी भाभी की हरकत की वजह से खटिया पर गुलाबी कसमसा रही थी,,,, अंगड़ाई ले रही थी,,,, उसके बदन में हलचल मच रही थी मधु पूरी तरह से अपनी ललित की जवानी पर छा चुकी थी,,,, एक औरत के अंगों से कैसा सुख मिलता है आज मधु को अच्छी तरह से एहसास हो रहा था,,,, औरत की नरम नरम चुचियां मर्दों को कितना ज्यादा उत्तेजित करती है आज मधु को भी अच्छी तरह से एहसास हो रहा था,,, मधु अपनी ननद की चुचियों को चाट चाट कर मुंह में लेकर पी पीकर उसे टमाटर की तरह लाल कर दी थी और गुलाबी उसके नीचे दबी सिर्फ गरम आहें भर रही थी दोनों की बुर से पानी टपक रहा था दोनों पूरी तरह से चुदवासी हो चुकी थी,,, कुछ देर तक मध इसी तरह से मजा लेती रही,,, लेकिन वह भी चाहती थी कि गुलाबी भी उसकी चूची को मुंह में लेकर पीए,,, इसलिए वह गुलाबी के ऊपर से उठी और अपने ब्लाउज को उतारने लगी जो कि पहले से ही गुलाबी ने अपने हाथों से उसके ब्लाउज के बटन खोल दी थी,,,, देखते ही देखते मधु अपने ब्लाउज को उतार कर खटिया के नीचे फेंक दे कमर के ऊपर भाभी नंगी हो गई उसके खरबूजे जैसी बड़ी बड़ी चूचियों को देखकर,,, गुलाबी के मुंह में पानी आने लगा वह भी अपनी भाभी की बड़ी बड़ी चूची को मुंह में लेकर पीने के लिए ललचाने लगी,,,, हालांकि वह एक औरत की चूची को पीने के सुख से वंचित बिल्कुल भी नहीं थी,,,, लेकिन,,,, जिसकी चूची पीने का मजा हुआ है ले चुकी थी उसकी चूची उसकी ही तरह संतरे की तरह थी उसकी भाभी की तरह खरबूजे की तरह नहीं थी इसलिए वह अपनी भाभी की बड़ी बड़ी चूची का मजा लेना चाहती थी उसे पीने का उसे दबाने का उसके घर में एहसास में खो जाने का पूरी तरह से आनंद लेना चाहती थी इसलिए इस बार वह उठी और अपनी भाभी की दोनों चूची को दोनों हाथों से पकड़ कर उसे खटिया पर लेटाने लगी,,,, देखते ही देखते मधु की पीठ के बल लेट गई और गुलाबी पूरी तरह से इस खेल को अपने हाथों में लेते हुए उसकी खरबूजे जैसी चूची को दोनों हाथों में पकड़ कर दबाते हुए उसके छुहारे को मुंह में लेकर पीना शुरू कर दी,,,,


भाभी और ननद दोनों मस्ती के सागर में गोते लगा रहे थें,, गुलाबी आज पूरी मस्ती से अपनी भाभी की चूची को पीने में लगी हुई थी अपनी सहेली के साथ इस तरह से मजा नहीं आया था जितना उसे अपनी भाभी के साथ आ रहा था उसकी बुर पानी फेंक रही थी कमर के ऊपर दोनों भाभी और ननद नंगी ही थी,,,, दूध पिलाने का मजा मधु अच्छी तरह से ले रही थी,,, अब तक मधु यह सुख केवल अपने पति और अपने बेटे को ही देती थी,,, लेकिन आज उसने यह शुभ अवसर अपनी ननद को दे रखी थी और उसकी ननद इस अवसर का पूरा फायदा उठाते हो अपनी भाभी को पूरी तरह से मस्त कर दे रही थी और खुद भी इसका मज़ा ले रही थी,,,, उत्तेजना के मारे गुलाबी रह रह कर अपनी भाभी की चूची की किसमिस के दाने को दांतों से काट ले रही थी जिससे मधु का उन्माद और ज्यादा बढ़ जाता था और वह गरमा गरम सिसकारी लेने लगती थी उसके मुख से लगातार गरमा गरम सिसकारी की आवाज आ रही थी जिसको इस समय खड़ी दुपहरी में गुलाबी के सिवा सुनने वाला और कोई नहीं था,,,, अपने भाभी की मादक सिसकारियां की आवाज को सुनकर वह पूरी तरह से मस्त हुए जा रही थी,,,,, हालांकि उसके हथेली में मधु की बड़ी-बड़ी चूचियां ठीक से समा नहीं पा रही थी लेकिन फिर भी वह पूरा प्रयास करके अपनी भाभी की खरबूजे जैसी चूची को हथेली में लेकर जोर-जोर से दबाते हुए उसे मुंह में लेकर पी रही थी,,,,, उत्तेजना के मारे मधु की बुर पूरी तरह से पानी-पानी हुए जा रही थी,,,,,,,,, गहरी गहरी सांस लेते हुए अपने दोनों हाथों को अपनी ननद के सर पर रख कर उसे अपनी चूची पर दबा रही थी और जितना हो सकता था उतना मुंह में लेकर गुलाबी अपनी भाभी की चूची को पी रही थी,,,

दोपहर का समय था ऐसे में सब लोग गर्मी के समय में अपने घर में समय व्यतीत कर रहे थे और भाभी और ननद दोनों घर में मस्ती कर रहे थे वह दोनों अच्छी तरह से जानते थे कि इस समय घर में कोई आने वाला नहीं है इसलिए आप बेफिक्र होकर एक दूसरे के अंगों से खेलते हुए एक अलग ही एहसास का मजा ले रहे थे,,,, मधु यह बात नहीं जानती थी कि गुलाबी औरत के साथ मजा ले चुकी है इसलिए उसे कुछ ज्यादा ही अनुभव है उसे ऐसा लग रहा था कि वह खुद इस खेल की शुरुआत की है इसलिए इस खेल में वह पूरी तरह से इस खेल का वर्चस्व अपने हाथों में लेकर जमे रहना चाहती थी लेकिन गुलाबी पहले से ही मदहोश होकर अपने आनंद को बढ़ाना चाहती थी इसलिए अपनी भाभी की चूची से कुछ देर तक खेलने के बाद वह उसकी चूची को छोड़कर उसकी साड़ी की गिठान खोलने लगी और जैसे ही मधु को इस बात का एहसास हुआ उसके बदन में हलचल सी होने लगी उसका वजन कसमस आने लगा,,,, देखते ही देखते गुलाबी अपनी भाभी की साड़ी की गठान को खोलकर उसे खोलना शुरू कर दी मधु अपनी ननद को बिल्कुल भी रोक नहीं रही थी वह जल्द से जल्द अपनी ननद के हाथो नंगी हो जाना चाहती थी,,,, देखते ही देखते गुलाबी जल्दबाजी दिखाते हुए अपनी भाभी की साड़ी को उतारकर खटिया के नीचे फेंक दी अब केवल वहां पेटीकोट में ही थी,,,,,

गुलाबी अपनी भाभी की मदमस्त कर देने वाली जवानी को देखकर आंहे भर रही थी उसके मुंह में पानी आ रहा था वह जल्द से जल्द अपनी भाभी की रसीली बुर के दर्शन बेहद नजदीक से करना चाहती थी,,, इसलिए अपनी भाभी की आंखों में देखते हुए वह अपनी भाभी के पेटीकोट की डोरी को दोनों हाथों से पकड़ ली मधु अपनी नजरों को अपनी पेटीकोट की तरफ करके अपनी ननद की हरकत को बारीकी से देख रही थी वह भी चाहती थी कि जल्द से जल्द गुलाबी उसके पेटीकोट को उतारकर उसे नंगी कर दें और जैसे कि गुलाबी अपनी भाभी की आंखों में नंगी होने की जल्दबाजी को पढ़ ली थी और अगले ही पल वह एक झटके में अपनी भाभी की पेटीकोट की डोरी को खींचकर हल्दी और पेटीकोट कमर पर एकदम ढीली हो गई,,,,,, दोनों के बीच नाम मात्र का वार्तालाप हो रहा था दोनों एक दूसरे की आंखों में ही पढ़ ले रहे थे,,,,,।

अपनी भाभी को नंगी देखने की उत्सुकता गुलाबी की आंखों में साफ झलक रही थी इसलिए गुलाबी अपने दोनों हाथों का सहारा लेकर अपनी भाभी की पेटीकोट को पकड़कर नीचे की तरफ खींचने लगी और मौके की नजाकत को समझते हुए मधु अपनी भारी-भरकम गोल-गोल कहां को हल्कै से उठाकर अपनी ननद को पेटीकोट उतारने में मदद करने लगी,,, और अगले ही पल गुलाबी भी जल्दबाजी दिखाते भी अपनी भाभी की पेटीकोट को एक झटके से खींच कर उसके पैरों से निकाल कर अलग कर दी और पलक झपकते ही मधु खटिया के ऊपर एकदम नंगी हो गई,,,, अपनी भाभी की गोरी जवानी और वह भी एकदम नंगी यह नजारा देखकर गुलाबी की आंखें फटी की फटी रह गई थी वह आज बेहद करीब से अपनी भाभी के नंगे बदन को देख रही थी जो कि ऐसा लग रहा था कि बड़े फुर्सत से तराशा हुआ था,,,, अपनी भाभी के नंगे बदन को देखकर गुलाबी के मुंह के साथ-साथ उसकी बुर में भी पानी आ रहा था,,,,

मधु उत्तेजित अवस्था में गहरी गहरी सांसे ले रही थी और उसकी सांसों के साथ उसकी खरबूजे जैसी चूची ऊपर नीचे हो रही थी उसकी मोटी मोटी जांघें खटिया पर फैली हुई थी,,,, लेकिन अभी भी उसकी बुर उसकी दोनों जांघों के बीच छुपी हुई थी जिसे गुलाबी अपने हाथों से खोलते हुए उसके दर्शन करके एकदम धन्य होते हुए अपने होंठों पर जीभ फिराने लगी गुलाबी की हरकत को देखकर मधु के तन बदन में आग लग गई उसकी बुर में चीटियां रेंगने लगी उसे इस बात का एहसास हो गया कि,,, गुलाबी कुछ गजब करने वाली है इसलिए वह थोड़ा सा और अपनी दोनों टांगों को खोल दी,,, जिससे उसकी ननद को उसकी बुर एकदम साफ दिखाई दे यह पहला मौका था जब मधु एक औरत को अपनी बुर दिखा रही थी अपना नंगा बदन दिखा रही थी और ऐसा करने में उसे अद्भुत सुख प्राप्त हो रहा था उसको भूल से लगातार मदन रस का रिसाव हुआ था जिसे उसकी बुर पूरी तरह से गीली हो चुकी थी और मदन रस उसकी गांड के छेद को गीला कर रहा था,,,,,, और गुलाबी थी की आंखें फाड़े अपनी भाभी की नंगी बुर को देखी जा रही थी उससे यह उत्तेजना सहन नहीं हो रही थी और अगले ही पल वह अपनी भाभी की मोटी मोटी जांघों को दोनों हाथों से पकड़ कर उस पर अपने प्यासे होठ रख दी,,, अपनी ननद के लाल लाल होठों को अपने गुलाबी छेद पर महसूस करते ही मधु उत्तेजना के मारे सिहर उठी उसके बदन में कंपन होने लगा वह पूरी तरह से मस्त हो गई और अगले ही पर हो तुरंत अपना हाथ अपनी ननद के सर पर रख कर उसे दबा दी और गुलाबी पागलों की तरह अपनी भाभी की बुर को चाटना शुरू कर दी,,,,, अपनी भाभी की मदमस्त रसीली बुर चाटने का एहसास गुलाबी को पागल किए जा रहा था अपनी सहेली की बुर को चाटने का वह स्वाद चख चुकी थी लेकिन जो मजा उसे अपनी भाभी के साथ आ रहा था वह मजा उसे अपनी सहेली के साथ बिल्कुल भी प्राप्त नहीं हुआ था हालांकि मजा उस वक्त भी उसे बहुत आया था लेकिन आज की तुलना में उसे लग रहा था कि वह मजा आज की मजा के आगे फीका ही था,,,,,।

पहली बार मधु एक औरत से अपनी बुरटवां रही थी अपने बेटे और अपने पति के द्वारा तो वह यह सुख रोज ही प्राप्त कर रही थी लेकिन आज का दिन कुछ खास था आज एक औरत से बुर चटाई का पूरा आनंद ले रही थी और इसमें उसे बहुत मजा भी आ रहा था,,, उत्तेजना के मारे मधु अपनी दोनों टांगों को हवा में उठा ली थी जिससे उसके बड़ी बड़ी गांड कमर से ऊपर की तरफ उठ गई थी और गुलाबी भी उसकी दोनों मांसल पिंडलियों अकेला अपनी दोनों हथेली से पकड़कर उसे हवा में उठाई हुई थी और उसकी बुर को चाटने का मजा ले रही थी ,,,,।

सहहहह आहहह गुलाबी मेरी प्यारी ननद तू तो मुझे पागल कर देगी रे,,,आहररर मैं कभी सोच ही नहीं थी कि औरत औरत में इतना ज्यादा मजा आता है तूने तो मेरी बुर में आग लगा दी है,,,,आहहहह पूरी जीभ अंदर डालकर चाट,,,आहहहरह,,,


क्या भाभी पति और बेटे से ज्यादा मजा मिल रहा है क्या,,,,

हारे तो बहुत मजा दे रही है मैं तो कभी सोचा ही नहीं थी कि तू इतने काम की है,,,आहहहहहहहह,,,,(उन्मादीत स्वर में मधु मस्त होते हुए बोल रही थी,,,,, अपनी भाभी की बात सुनकर,,,, गुलाबी पूरे जोश के साथ अपनी भाभी की बुर चाट रही थी उसकी मलाई चाट रही थी और ऐसा करने में उसे भी बहुत मजा आ रहा था दोपहर के समय खटिया पर दोनों ननद और भाभी दंगल खेल रहे थे दोनों को भरपूर मजा आ रहा था गुलाबी अपनी जीभ की हरकत से अपनी भाभी को संपूर्ण सुख दे रही थी,,,, गुलाबी की जीभ कभी बोर के अंदर जा रही थी तो कभी बाहर आ रही थी और कभी बुर के चकोर उभरे हुए भाग पर घूम रही थी,,,, उत्तेजित अवस्था में मधु की बुर फुल कर कचोरी की तरह हो चुकी थी जिसका मजा गुलाबी बराबर ले रही थी,,,, लेकिन एक औरत की बुर चाटने का शौक मधु भी लेना चाहती थी उसके मन में भी उत्सुकता बढ़ती जा रही थी कि एक औरत की बुर चाटने का आनंद कैसा होता है क्योंकि आज तक यह सुखवा केवल देती आ रही थी लेकिन आज गुलाबी को देखकर उसकी बुर चाटने का मन हो गया था इसलिए कुछ देर तक अपनी दोनों टांगों को हवा में उठाए हुए यह सुख अपनी ननद को देती रही लेकिन थोड़ी देर बाद वह आसन बदलने लगी,,,,,, गुलाबी भी समझ गई थी कि उसकी भागी उसकी बुर चाटने चाहती है इसलिए वह खुद ही अपने हाथों से अपनी सलवार की डोरी खोल कर उसे उतारकर एकदम नंगी हो,,, गई,,,,,, और खटिया पर पीठ के बल लेट गई जो क्रिया गुलाबी कर रही थी उसी क्रिया को करने के लिए मधु तैयार हो चुकी थी अपने हाथों से अपनी मेहनत की दोनों टांगों को खोलते हुए वह उसकी बुर को देखने लगी और उसकी बुर को अपनी हथेली से दबाते हुए बोली,,,,।


हाय मेरी ननद रानी इसी‌ बुर में मेरे बेटे का लंड लेती थी ना,,

हां भाभी तेरा बेटा बहुत मजा देता था अपना मोटा लंड इसी में डालकर चोदता था मेरी बुर पानी पानी कर देता था बहुत मजा देता था भाभी,,,,ओहहहहह भाभी,,,(अपनी ननद की बात सुनकर मधु अपनी हथेली में कसकर उसकी बुर को दबा दी मधु पूरी तरह से जोश में भर गई और अगले ही पल अपने दोनों हाथों से अपनी ननद की दोनों टांगों को खोलकर उसकी बुर पर अपने होंठ रख दी,,, यह पहला मौका था जब मधु एक औरत की बुर पर अपने होंठ रख दी थी ऐसा करने से बुर की मादक खुशबू उसके नथुनों में जा रही थी,,,, उस मादक खुशबू के कारण मधु पूरी तरह से मदहोश हो गई,,,, और पागलों की तरह उसकी गुलाबी बुर को चाटना शुरू कर दी,,,, उत्तेजना के मारे मधु पागल हो जा रही थी उसे बहुत मजा आ रहा था जो औरत की बुर चाटने में जो है ना दूसरे प्राप्त हो रहा था इस बात से उसे ज्ञात होगा कि वाकई में मर्दों को औरत की बुर चाटने में कितना मजा आता होगा,,,,, गहरी गहरी सांस लेते हुए मधु अपनी जीभ को,,, अपनी ननद की बुर के अंदर बाहर करना शुरू कर दी और थोड़ी ही देर में अपने बेटे की हरकत दिखाते हुए वहां अपनी एक उंगली को अपनी ननद की पूर्व में डालकर उसे अंदर बाहर करते हुए उसकी पूर्व को चाटने का आनंद लेने लगी देखते ही देखते दोनों को बहुत मजा आ रहा था लेकिन मधु का मन धक्के लगाने को कर रहा था जैसे कि मर्द औरत की बुर में लंड डालकर धक्के लगाते हैं उसी तरह से मधु भी अपनी ननद की बुर में धक्के लगाना चाहती थी लेकिन इस बात को अच्छी तरह से जानती थी कि धक्के लगाने के लिए लंड की आवश्यकता होती है जो कि उन दोनों के पास नहीं था हम दोनों के पास केवल मर्दों को गर्म करने वाली चीज थी और वह थी बुर,,, लेकिन मधुरी अभी जानती थी कि बुर से बुर को रगड़ने का भी एक अलग आनंद होता होगा और उसी सुख को प्राप्त करने के लिए थोड़ी ही देर में मधु मर्दों की तरह गुलाबी की दोनों टांगों को फैला कर उसके ऊपर इस तरह से चल गई जैसे एक मर्द औरत के ऊपर चढ़ता है और देखते ही देखते वह अपनी बुर अपनी ननद की बुर से रगड़ना शुरु कर दी,,,,

अपनी भाभी की हरकत से गुलाबी पूरी तरह से मस्त हो गई वह सोचे भी नहीं थे कि उसकी भाभी उसे इतना मस्त कर देखी अपनी बुर से उसकी बुर रगड़ कर पूरी तरह से दोनों गर्म हो चुके थे,,,, वह दोनों एक दूसरे में इतना मगन हो गए थे कि पूरी दुनिया को भूल गए थे और इस बात को भी भूल गए थे कि एक दूसरे के अंगों से मजा लेने के चक्कर में वह लोग दरवाजे को बंद करके कड़ी लगाना भूल गए थे और राजू दोपहर के समय घर पर आ चुका था वह धीरे से दरवाजा खोला तो अंदर से आ रही आवाज को सुनकर वह पूरी तरह से चौक गया वह इस आवाज को अच्छी तरह से जानता था इसलिए उसके दिल की धड़कन बढ़ने लगी और वो धीरे धीरे अंदर कमरे की ओर बढ़ने,,,, लगा और जैसे ही वह घर के अंदर पहुंचा तो सामने के नजारे को देखकर दंग रह गया उसकी आंखों के सामने उसकी मां और बुआ दोनों एकदम नंगी होकर मजे ले रहे थे उसकी मां उसकी बुआ पर चढ़ी हुई थी और मर्दों की तरह हरकत करते हुए अपनी बुर की ठोकर गुलाबी की बुर पर मार रही थी और दोनों पूरी तरह से मदहोश हो जाए थे,,,, यह देखकर राजू का लंड तुरंत खड़ा हो गया एक साथ दो दो मदमस्त कर देने वाली औरत को नंगी देख कर भला किसका लंड खड़ा ना हो जाए,,,,, अब तो ऐसा लग रहा था कि एक साथ राजू दोनों की चुदाई करके मस्त हो जाएगा और यही सोच कर उसके चेहरे पर मुस्कान तैरने लगी और वह पजामे के ऊपर से अपने लंड को मसलते हुए बोला,,,,।)

बाप रे तुम दोनों तो मेरी जान ले लोगी,,,,।


(इतना सुनते ही दोनों एकदम से चौंक गई,,, आवाज की दिशा में देखे तो वहां पर राजू खड़ा था और उसे देखकर दोनों एकदम से घबरा गए,,,,)
 
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