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Incest बैलगाड़ी,,,,,

Sanju@

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देखते ही देखते कई दिन गुजर गए थे श्याम अब राजू से उसकी मर्दानगी के बारे में मजाक नहीं गाया करता था बल्कि उसकी मर्दानगी भरे अंग को देखकर मन ही मन में जल उठता था क्योंकि वह जानता था कि औरतों को लंबा और मोटा लंड ही पसंद होता है,,,,,, इस बात को वहां भली भांति जानता था कि कमला चाची को लेकर जिस तरह से उस पर कब किया कर रहा था अगर वह कमला चाची के पास चला गया तो कमला चाची उसे लेकर मस्त हो जाएगी कि वह तो राजू की गुलाम ही बन जाएगी इसलिए वह नहीं चाहता था की कमला चाची राजू के साथ संभोग करें,,,,,,
श्याम के साथ-साथ दूसरे लड़के भी राजू के लंड को देखकर अचंभित हो चुके थे,,,,, वह लोग तो मजाक मजाक में श्याम को कह भी देते थे कि,,,।

श्याम उसकी तो तो उसकी बात पर पहुंचता है ना अगर सोच अगर ऐसा हो गया कि सच में उसे मौका मिले तेरी मां को चोदने का तो तेरी मां उसकी दीवानी हो जाएगी,,,
(और अपनी मां के बारे में अपनी ही दोस्तों से इस तरह की गंदी बात सुनकर भड़क ऊठता था और झगड़ा करने लगता था,,,,,,दूसरी तरफ सोने की भी हालत खराब थी दिन-रात ना उसके ख्यालों में केवल राजू के लंड की ही छवि घूमती रहती थी सोनी जल्द से जल्द राजू से मुलाकात करना चाहती थी,,, क्योंकि सोनी अभी पूरी तरह से जवान थी गदराई जवानी की मालकिन थी हरी भरी जवानी में ही उसका पति उसे छोड़कर स्वर्ग सिधार गया था अपनी जवानी की आग और अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए उसे अपने भाई की शरण लेना पड़ा था जहां से उसकी सारी जरूरतें पूरी भी हो रही थी,,,, पेट की भी और तन की भी लाला भी कोई कसर नहीं छोड़ता था सोनी को चोदने का,,,ऐसा नहीं था कि लाना से उसे संतुष्टि नहीं मिलती थी ,,, लाला चुदाई में उसे संपूर्ण संतुष्टि का अहसास कराता था,,,, लेकिन फिर भी सोने की उम्र में एक जवान लंड की जरूरत होती है राजू के लंबे तगड़े मोटे लंबे लंड को देखकर सोनी की इच्छा कुछ ज्यादा ही प्रज्वलित हो चुकी थी,,, जो कि राजू से मिलने के बाद ही मुझे सकती थी लेकिन उससे कैसे मिला जाए सोनी को समझ में नहीं आ रहा था,,, तभी उसे ख्याल आया कि वैसे भी वह समय व्यतीत करने के लिए गांव के लड़के और लड़कियों को पढ़ाया करती थी,,,।अपने मन में सोचने लगी कि क्यों ना राजू को भी पढ़ने के लिए अपने पास बुलाया जाए,,,अगर ऐसा हो गया तो उसके मन की इच्छा पूरी हो जाएगी,,,। लेकिन ऐसा होगा कैसे क्या वह पढ़ने आएगा यह बात उसके मन में आते ही वह परेशान हो गई थी,,,, लेकिन कुछ तो उपाय सोचना पड़ेगा और अपने मन में एक दिन जरूर राजू के घर जाकर उसे पढ़ने के लिए अपने घर बुलाएगी,,, यह बात मन में सोचते ही उसके खूबसूरत होठों पर मादक मुस्कान तैरने लगी,,,

दूसरी तरफ हरिया और उसका साथी बेरोकटोक स्टेशन के अंदर घुसकर सवारी ढो रहे थे जिससे उसकी आमदनी अच्छी खासी बढ़ गई थी,,,,, लेकिन दिन रात उसके जेहन में एक ही सवाल उठता रहता था कि लाला के घर में लाला के साथ नंगी होकर चुदवाने वाली औरत कौन थी,,,।,,, यही सवाल सोच सोच कर वह बीड़ी पर बीड़ी फुंकता जा रहा था जिससे उसकी खांसी भी बढने लगी थी,,,,,,,

मधु की जिंदगी बड़े अच्छे से कट रही थी,,, अपनी घरेलू और संस्कारी जीवन में अभी तक उसने आकर्षण और वासना की गंदगी आने नहीं दी थी इसीलिए तो वह अपने पति के साथ बहुत खुश थी,,,,,,,,,


ऐसे ही एक दिन राजू दोपहर के समय गांव में इधर उधर भटक रहा था कि तभी कमला चाची के घर से गुजरने को हुआ तो उसे ख्याल आया कि क्यों नहीं पर कमला चाची से मिल लिया जाए,,,क्योंकि वैसे भी कमला चाची उसे एक बार मिलने के लिए बोली ही थी,,,,,, राजू कमला चाची के घर के दरवाजे के पास पहुंच कर दरवाजे के बाहर से आवाज लगाता हुआ बोला,,,,।


कमला चाची,,,,,ओ,,,, कमला चाची घर पर हो कि नहीं,,,,,।
(राजू की आवाज सुनते ही कमला चाची के तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी,,,, वह घर के आंगन में नहा रही थी,,,,कमला चाची के घर का आंगन बड़ा था और खुला हुआ था और चारों तरफ से दीवार से घिरा हुआ था जिससे घर के आंगन में हेड पंप लगा था जहां पर वह नहा रही थी,,,, और वैसे भी गांव में इक्का-दुक्का लोगों के पास ही हैंडपंप था बाकी सभी लोग नदी पर ही नहाया करते थे ,,,वह अभी नहाते समय अजीब कशमकश में थी कि तभी बाहर से फिर आवाज आई,,,।)


,,, कोई बात नहीं मैं फिर कभी कमला चाची से मिल लुंगा,,, लेकिन बता जरुर देना कि मैं आया था वरना कमला चाची नाराज होंगी,,,(राजू को लगा कि कमला चाची घर पर नहीं है और उनकी बहू घर पर है जो कि जवाब नहीं दे रही है इसलिए वह ऐसा बोलकर जाने ही वाला था कि तभी अंदर से आवाज आई,,,।)


आजा दरवाजा खुला ही है,,,,,,,

(अंदर से कमला चाची की आवाज सुनते ही राजू को इत्मीनान हुआ और वह दरवाजे को हल्का सा धक्का देकर अंदर प्रवेश कर गया लेकिन अंदर प्रवेश करते ही आंगन में बने हेड पंप चला रही कमला चाची पर नजर पड़ते ही राजू के तो होश उड़ गए,,,,,, क्या करें आंखों के सामने का नजारा ही कुछ ऐसा था कमला चाची की पीठ राजू की तरफ से जो कि वह जानबूझकर खड़ी हो गई थी राजू के आने के पहले वह बैठकर ही ना रहे थे और इसलिए खड़ी हुई थी कि राजू को उसकी बड़ी-बड़ी कारण बराबर दिखाई दे जो कि इस समय पानी में भीगने की वजह से उसका पेटीकोट जो कि वह सारे कपड़े उतार कर केवल पेटीकोट को अपनी दोनों चुचियों पर लपेट कर उसकी डोरी से बात करते हुए थी और पानी में भीगने की वजह से वह पूरी तरह से उसके गोरे बदन पर चिपक गया था और इसीलिए पानी में भीगी पेटीकोट बदन पर चिपकने की वजह से उसकी भारी-भरकम गांड एकदम साफ तौर पर अपना भूगोल लिए हुए नजर आ रही थी,,,। राजू तो बस देखता ही रह गया,,,, और कमला चाची जानबूझकर उसी अंदाज में हेडपंप चलाते हुए अपनी भारी-भरकम गांड को थिरका रही थी जिसकी थीरकन पर राजू के तन बदन में अजीब सी हलचल हो रही थी,,,,,,

कमला चाची अच्छी तरह से जान रही थी कि जिस तरह से मारपीट दरवाजे की तरफ की है खड़ी हो कर काम चला रही थी ऐसे में राजू की नजर उस की भारी-भरकम खान पर जरूर करेगी और यही निश्चित करने के लिए वह अपनी नजर पीछे घुमा कर देखी तो उसके होठों पर काम अब मुस्कान तैरने लगी वाकई में राजू की नजर अपनी गांड पर घूमती हुई पाकर वह उत्तेजित हुए जा रही थी,,, अपनी चूचियों पर पेटीकोट चढ़ाकर बांधने की वजह से पेटिकोट उसकी मोटी मोटी जांघों को बिल्कुल भी ढक पाने पर असमर्थ थी जिसकी वजह से राजू को,, कमला चाची की मोटी मोटी गोरी जाम है एकदम साफ नजर आ रही थी और यह राजू के लिए पहला मौका था जब औरत को इस अवस्था में देख रहा था,,,,पहली बार राजु ने एक औरत की मोटी जांघों को देख रहा था और पहली बार यह एहसास हुआ कि औरत की जांघें कितनी खूबसूरत होती है,,,,,,, जिस पर पानी की बूंदे मोती के दाने की तरह फिसल रही थी,,,,,,,,।


दूसरी तरफ अपने अर्ध नग्न शरीर का प्रदर्शन करते समय खेली खाई कमला चाची जो की बहू वाली हो गई थी फिर राजू के सामने इस अवस्था में उसके तन बदन में अजीब सी हलचल हो रही थी,,, एक अजीब सा सुख उसे प्राप्त हो रहा था,,, राजू कोवह इस समय मौके को देखते हुए अपना सब कुछ दिखा देना चाहती थी लेकिन वो जानती थी कि उसकी बहू घर में मौजूद है और ऐसा करना ठीक नहीं है लेकिन फिर भी वह अपनी खूबसूरती बदन के आकर्षण के केंद्र बिंदु को राजू को दिखाकर उसे धराशाई कर देना चाहती थी ताकि वह जब उसे बुलाए तो वह खींचा चला आए इसीलिए वह,,,,कुछ ऐसा कर देना चाहती थी जिसकी शायद राजू को उम्मीद भी नहीं थी लेकिन कैसे वह भी पहुंच कशमकश में थी बाल्टी भर जाने के बावजूद भी वह नल चला रही थी,, और राजू जैसे कि सब कुछ भूल चुका हूं उस तरह से दरवाजे पर ठिठक कर खड़ा रह गया था वह भी काफी देर से कमला चाची के बदन के खूबसूरत भूगोल को अपनी आंखों से नाप रहा था,,,,।

कमला चाची जानती थी कि किसी भी वक्त कमरे से बाहर उसकी बहू आ जाएगी और उसकी मौजूदगी में वह ऐसा कुछ कर नहीं सकती थी इसीलिए जल्द से जल्द अपने वतन की झलक राखी को दिखा देना चाहती थी हालांकि आधा नंगा बदन पीछे से उसका नजर आ ही रहा था और पेटीकोट पानी में पूरी तरह से गीली होने की वजह से बदन का कटाव भी साफ तौर पर नजर आ रहा था लेकिन कपड़ों में और नंगे पर में जमीन आसमान का फर्क होता है वह जानती थी कि राजू अगर उसके नंगे बदन को देखेगा तो और ज्यादा उत्तेजित और उत्सुक हो जाएगा और वह खुद काफी उत्सुक थी अपनी हरकत को अंजाम देने के लिए,,,,, इसलिए वह पेटिकोट को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर हल्के से उसे झाड़ने के बहाने कमर तक उठा‌दी और तुरंत उसे नीचे करते हुए बोली,,,।,,

आ गया तू दरवाजा तो बंद कर दे ,,,,(और ऐसा कहते हुए नीचे बैठ गई,,, लेकिन इतने से ही राजू के होश उड़ गए थे राजू को कमला चाची की गोरी गोरी बड़ी गांड के दर्शन हो चुके थे,, पल भर के लिए ही एक झलक भर थी लेकिन राजू के लिए इतना काफी है जवान हो रहा राजू कमला चाची की नंगी गांड को देखकर पूरी तरह से उत्तेजित हो चुका था और उसकी उत्तेजना उसकी दोनों टांगों के बीच पजामे में साफ झलक रही थी,,,,,,, कमला चाची की गांड को नजर भर कर देखना चाहता था,,। लेकिन ऐसा हो नहीं पाया बस झलक भर देख पाया था लेकिन फिर भी यह राजू के लिए बहुत था उसके कोमल मन पर कमला चाची की नंगी गांड भारी पड़ रही थी,,,। राजू अभी भी पूरी तरह से मदहोशी में था होश उसे बिल्कुल भी नहीं था,,,,,, किसी भी प्रकार का जवाब ना आता देखकर कमला चाची पीछे नजर घुमाकर देखी तो अभी भी राजू आश्चर्य से आंखें फाड़े उसे देख रहा था तो यह देखकर कमला चाची के होठों पर मुस्कान तैरने लगी,,,।)

अरे राजू ऐसे क्या देख रहा है दरवाजा तो बंद कर दे,,,
(कमला चाची की आवाज सुनकर जैसे वह होश में आया हो इस तरह से लड़खड़ा दरवाजा बंद किया और वापस उसी जगह पर खड़ा होकर कमला चाची को देखने लगा,,, तो फिर कमला चाची बोली,,)


अरे मेरे पीछे मत खड़ा रे,,,, सामने जो लोटा पड़ा है ना लाकर मुझे दे,,, नहाना है,,,,
(कमला चाची जानबूझकर उसे लौटा लाने के लिए बोली थी क्योंकि कमला चाची उसे अपना बदन आगे से दिखाना चाहती थी,,,पीछे से जलवा दिख कर उसे पूरी तरह से मंत्रमुग्ध कर चुकी थी अब आगे का जलवा दिखा कर उसे पूरी तरह से धराशाई करना चाहती थी,,,,,, पानी में भीग कर भी कमला चाची की बुर राजू को अपने बदन का जलवा दिखाते हुए गीली हो रही थी,,,,,, राजू तुरंत आगे की तरफ जा कर लौटा उठा लिया और कमला चाची को थमाने लगा,,, लेकिन कमला चाची के पास पहुंचते ही राजू का दिल और जोरो से धड़कने लगा,,, क्योंकि राजू को लोटा लेकर आने से पहले ही कमला चाची अपने पेटिकोट की दूरी को छातियों पर से थोड़ी ढीली कर चुकी थी जिससे उसकी खरबूजे जैसी बड़ी-बड़ी चूचियां आधे से ज्यादा पेटिकोट के बीच से नजर आ रही थी और उस पर नजर पड़ते ही राजू के होश उड़ गए,,,, राजू कमला चाची को लौटा उसके हाथ में थमाते हुए उसकी भारी-भरकम गोलाकार चुचीयों को ही देख रहा था और यह बात कमला चाची से छिपी नहीं रह सकी वह राजू की नजरों को देखकर समझ गई थी कि उसकी नजर उसकी चुचियों पर है और अपनी युक्ति काम आते ही उसका मन हर्षोल्लास से भर उठा,,,,,,, और कमला चाची की नजर उसके पजामे पर पड़ी तो उसकी बुर फुदकने लगी,,,,,,,, उसके पजामे में अच्छा खासा तंबू बना हुआ था जिसे देखकर कमला चाची समझ गई थी कि पजामे के अंदर घमासान मचाने वाला औजार हैं,,,,। राजू पूरी तरह से मंत्रमुग्ध और मदहोश हो चुका था पेटिकोट की डोरी के बीच वाली खुली जगह के बीचो बीच में से ऐसा लग रहा था कि मानो एक साथ दो दो चंद्रमा अपनी अर्ध कला दिखा रहे हो,,, हालांकि चुचियों के निप्पल पेटिकोट की आड़ में छुपी हुई थी लेकिन फिर भी उसकी नुकीली नोक पेटीकोट के भीगे होने की वजह से साफ उपसी हुई नजर आ रही थी,,,,।

कमला चाची अंदर ही अंदर बेहद खुश और उत्तेजित हुए जा रही थी कमला चाची मन ही मन यह चाह रही थी कि राजू की नजर से दोनों के पीछे की तरफ जाए जहां पर वह खुद अपने हाथों से पेटीकोट उठाकर अपनी बुर को नंगी छोड़ रखी थी ताकि राजू को उसकी बुर अच्छे से नजर आए,,,,,,, और वह बाल्टी में से लोटा भर भर कर अपने ऊपर डालने लगी,,,, लेकिन राजू अभी भी उसकी चूचियों की तरफ देख रहा था,,, और अपने ऊपर पानी डालते हुए कमला चाची अपने मन में ही बड़बड़ा रही थी कि,,,, ऊपर क्या देखता है हरामजादे नीचे देख तुझे और मजा आएगा,,,,,,,, लेकिन जब कमला चाची की खुद की नजर अपनी दोनों टांगों के बीच गई तो वहनिराश हो गई पानी डालने की वजह से उसका पेटीकोट वापस सरक कर उसकी दोनों टांगो के बीच की उस पतली दरार वाली जगह को छुपा दिया था,,,,, जिसे दिखाने के लिए कमला चाची इतना तर कट रची थी,,,, लेकिन जो कुछ भी दिख रहा था राजू के लिए उत्तेजना से भरपूर था वह रह रह कर अपनी नजर को कमला चाची के दोनों टांगों के बीच भी डाल देता था जहां पर दोनों टांगों के बीच उसे पेटीकोट का कपड़ा ढका हुआ नजर आ रहा था जो निराशा कमला चाची को हाथ लगी थी वही निराशा राजू को भी महसूस हो रही थी क्योंकि एक लड़का और वह भी जवान होने के नाते उसे इतना तो पता ही था कि औरत की दोनों टांगों के बीच खास चीज होती है जिसके लिए लड़के पागल रहते हैं,,,,,

कमला चाची वापस किसी बहाने से अपने पेटिकोट को उठाकर अपनी बुर दिखाना चाहती थी और इसके लिए वह अपनी पूरी तैयारी भी कर चुकी थी,,,, और राजू को एक बहाने से नल चलाने के लिए बोल भी दी थी,, और राजू भी नल चलाने लगा था,,,लेकिन कमला चाची अपनी हरकत को अंजाम देती है इससे पहले ही अंदर कमरे में से उसकी करो बाहर निकल कर और कमला चाची के साड़ी को हाथों में लिए बाहर आई और बोली,,,)


माजी आप जल्दी से नहा लो कपड़ों को वैसे ही छोड़ देना मैं धो दूंगी,,,,,(ऐसा कहते हुए कमला चाची की बहू खटिया पर साड़ी रख दी,,, और खड़ी हो गई और राजू की तरफ देखने लगी जो कि नल चला रहा था,,, और वह बोली,,)


यह कौन है मा जी,,,?


अरे रमा बहु अपने हरिया का लड़का है राजू बहुत ही सीधा साधा है,,, जा जाकर इसके लिए,,,,, गुड़ और पानी ले आ,,,।


नहीं नहीं चाची इसकी क्या जरूरत है,,,, नमस्ते भाभी (कमला चाची की बहू रमा को हाथ जोड़ते हुए) आप रहने दीजिए भाभी इसकी जरूरत नहीं है,,,,)


अरे कैसी बात कर रहे हो पहली बार इधर आए हो,,,, बैठो मैं पानी लेकर आती हूं,,,(इतना कहकर कमला चाची की बहू अंदर कमरे में पानी और गुड़ लेने चली गई लेकिन कमला चाची का मन उदास हो क्या आज वह राजू को अपनी बुर दिखा देना चाहती थी लेकिन ऐसा हो नहीं पाया लेकिन इस बात की तसल्ली उसे अच्छी तरह से थी कि राजू अब उसके नंगे बदन को देख कर मदहोश हो चुका था,,, इस उमर में उसके लिए यही काफी था,,,, राजू खटिया पर जाकर बैठ गया था लेकिन फिर भी वह कमला चाची को चोर नजरों से देख ले रहा था और यह देखकर कमला चाची को भी अच्छा लग रहा था,,,,, औरत की खूबसूरत नंगे बदन को देख कर पहली बार उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर जागरूक हुई थी,,,, इसलिए उसे अपने तन बदन में उत्तेजना की लहर की यह हलचल बहुत ही सुखदाई लग रही थी,,,। कमला चाची के पास अपना बदन दिखाने का मौका बिल्कुल भी नहीं था थोड़ी ही देर में रामा एक कटोरी में गुड़ का टुकड़ा और हाथ में गिलास दिए हुए बाहर आ गई और राजू तो हम आने लगी राजू गुड़ का एक टुकड़ा खाकर रमा के हाथों से पानी का गिलास लेने लगा तो अनजाने में ही उसकी उंगली रमा की नाजुक उंगलियों से रगड़ खा गई,,, और यह रगड़ राजू के तन बदन में उत्तेजना की लहर पैदा कर गई और यह हलचल रमा को भी अपने बदन में महसूस हुई,,रामु का भोलापन और उसका मासूम चेहरा रमा को भा गया था,,,।


अब ज्यादा देर तक वहां बैठे रहना राजू के लिए उचित नहीं था इसलिए वह कमला चाची की और उसकी बहू को नमस्ते कहकर घर से बाहर आ गया,,,,लेकिन जो नजारा उसने अपनी आंखों से देखा था उसे तेरी कसम उसकी दोनों टांगों के बीच की हल-चल अभी भी शांत नहीं हुई थी,,,

गांव में इधर-उधर घूम कर वह अपने मन को शांत करने की कोशिश करने लगा और थोड़ी ही देर में खेलकूद के चक्कर में वह कुछ देर पहले की बात को भूल चुका था,,,।
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
सोनी राजू के लन्ड की दीवानी हो गई है और उसे लेने के लिए प्लान बना रही है दूसरी ओर राजू कमला काकी के घर गया और अंदर का नजारा देख कर शौक हो गया काकी ने अपने बूब्स तो दिखा दिया लेकिन अपना असली खजाना नहीं दिखा पाई
अब आगे क्या होता है देखते हैं अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट में प्रतिक्षा रहेगी
 

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देखते ही देखते कई दिन गुजर गए थे श्याम अब राजू से उसकी मर्दानगी के बारे में मजाक नहीं गाया करता था बल्कि उसकी मर्दानगी भरे अंग को देखकर मन ही मन में जल उठता था क्योंकि वह जानता था कि औरतों को लंबा और मोटा लंड ही पसंद होता है,,,,,, इस बात को वहां भली भांति जानता था कि कमला चाची को लेकर जिस तरह से उस पर कब किया कर रहा था अगर वह कमला चाची के पास चला गया तो कमला चाची उसे लेकर मस्त हो जाएगी कि वह तो राजू की गुलाम ही बन जाएगी इसलिए वह नहीं चाहता था की कमला चाची राजू के साथ संभोग करें,,,,,,
श्याम के साथ-साथ दूसरे लड़के भी राजू के लंड को देखकर अचंभित हो चुके थे,,,,, वह लोग तो मजाक मजाक में श्याम को कह भी देते थे कि,,,।

श्याम उसकी तो तो उसकी बात पर पहुंचता है ना अगर सोच अगर ऐसा हो गया कि सच में उसे मौका मिले तेरी मां को चोदने का तो तेरी मां उसकी दीवानी हो जाएगी,,,
(और अपनी मां के बारे में अपनी ही दोस्तों से इस तरह की गंदी बात सुनकर भड़क ऊठता था और झगड़ा करने लगता था,,,,,,दूसरी तरफ सोने की भी हालत खराब थी दिन-रात ना उसके ख्यालों में केवल राजू के लंड की ही छवि घूमती रहती थी सोनी जल्द से जल्द राजू से मुलाकात करना चाहती थी,,, क्योंकि सोनी अभी पूरी तरह से जवान थी गदराई जवानी की मालकिन थी हरी भरी जवानी में ही उसका पति उसे छोड़कर स्वर्ग सिधार गया था अपनी जवानी की आग और अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए उसे अपने भाई की शरण लेना पड़ा था जहां से उसकी सारी जरूरतें पूरी भी हो रही थी,,,, पेट की भी और तन की भी लाला भी कोई कसर नहीं छोड़ता था सोनी को चोदने का,,,ऐसा नहीं था कि लाना से उसे संतुष्टि नहीं मिलती थी ,,, लाला चुदाई में उसे संपूर्ण संतुष्टि का अहसास कराता था,,,, लेकिन फिर भी सोने की उम्र में एक जवान लंड की जरूरत होती है राजू के लंबे तगड़े मोटे लंबे लंड को देखकर सोनी की इच्छा कुछ ज्यादा ही प्रज्वलित हो चुकी थी,,, जो कि राजू से मिलने के बाद ही मुझे सकती थी लेकिन उससे कैसे मिला जाए सोनी को समझ में नहीं आ रहा था,,, तभी उसे ख्याल आया कि वैसे भी वह समय व्यतीत करने के लिए गांव के लड़के और लड़कियों को पढ़ाया करती थी,,,।अपने मन में सोचने लगी कि क्यों ना राजू को भी पढ़ने के लिए अपने पास बुलाया जाए,,,अगर ऐसा हो गया तो उसके मन की इच्छा पूरी हो जाएगी,,,। लेकिन ऐसा होगा कैसे क्या वह पढ़ने आएगा यह बात उसके मन में आते ही वह परेशान हो गई थी,,,, लेकिन कुछ तो उपाय सोचना पड़ेगा और अपने मन में एक दिन जरूर राजू के घर जाकर उसे पढ़ने के लिए अपने घर बुलाएगी,,, यह बात मन में सोचते ही उसके खूबसूरत होठों पर मादक मुस्कान तैरने लगी,,,

दूसरी तरफ हरिया और उसका साथी बेरोकटोक स्टेशन के अंदर घुसकर सवारी ढो रहे थे जिससे उसकी आमदनी अच्छी खासी बढ़ गई थी,,,,, लेकिन दिन रात उसके जेहन में एक ही सवाल उठता रहता था कि लाला के घर में लाला के साथ नंगी होकर चुदवाने वाली औरत कौन थी,,,।,,, यही सवाल सोच सोच कर वह बीड़ी पर बीड़ी फुंकता जा रहा था जिससे उसकी खांसी भी बढने लगी थी,,,,,,,

मधु की जिंदगी बड़े अच्छे से कट रही थी,,, अपनी घरेलू और संस्कारी जीवन में अभी तक उसने आकर्षण और वासना की गंदगी आने नहीं दी थी इसीलिए तो वह अपने पति के साथ बहुत खुश थी,,,,,,,,,


ऐसे ही एक दिन राजू दोपहर के समय गांव में इधर उधर भटक रहा था कि तभी कमला चाची के घर से गुजरने को हुआ तो उसे ख्याल आया कि क्यों नहीं पर कमला चाची से मिल लिया जाए,,,क्योंकि वैसे भी कमला चाची उसे एक बार मिलने के लिए बोली ही थी,,,,,, राजू कमला चाची के घर के दरवाजे के पास पहुंच कर दरवाजे के बाहर से आवाज लगाता हुआ बोला,,,,।


कमला चाची,,,,,ओ,,,, कमला चाची घर पर हो कि नहीं,,,,,।
(राजू की आवाज सुनते ही कमला चाची के तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी,,,, वह घर के आंगन में नहा रही थी,,,,कमला चाची के घर का आंगन बड़ा था और खुला हुआ था और चारों तरफ से दीवार से घिरा हुआ था जिससे घर के आंगन में हेड पंप लगा था जहां पर वह नहा रही थी,,,, और वैसे भी गांव में इक्का-दुक्का लोगों के पास ही हैंडपंप था बाकी सभी लोग नदी पर ही नहाया करते थे ,,,वह अभी नहाते समय अजीब कशमकश में थी कि तभी बाहर से फिर आवाज आई,,,।)


,,, कोई बात नहीं मैं फिर कभी कमला चाची से मिल लुंगा,,, लेकिन बता जरुर देना कि मैं आया था वरना कमला चाची नाराज होंगी,,,(राजू को लगा कि कमला चाची घर पर नहीं है और उनकी बहू घर पर है जो कि जवाब नहीं दे रही है इसलिए वह ऐसा बोलकर जाने ही वाला था कि तभी अंदर से आवाज आई,,,।)


आजा दरवाजा खुला ही है,,,,,,,

(अंदर से कमला चाची की आवाज सुनते ही राजू को इत्मीनान हुआ और वह दरवाजे को हल्का सा धक्का देकर अंदर प्रवेश कर गया लेकिन अंदर प्रवेश करते ही आंगन में बने हेड पंप चला रही कमला चाची पर नजर पड़ते ही राजू के तो होश उड़ गए,,,,,, क्या करें आंखों के सामने का नजारा ही कुछ ऐसा था कमला चाची की पीठ राजू की तरफ से जो कि वह जानबूझकर खड़ी हो गई थी राजू के आने के पहले वह बैठकर ही ना रहे थे और इसलिए खड़ी हुई थी कि राजू को उसकी बड़ी-बड़ी कारण बराबर दिखाई दे जो कि इस समय पानी में भीगने की वजह से उसका पेटीकोट जो कि वह सारे कपड़े उतार कर केवल पेटीकोट को अपनी दोनों चुचियों पर लपेट कर उसकी डोरी से बात करते हुए थी और पानी में भीगने की वजह से वह पूरी तरह से उसके गोरे बदन पर चिपक गया था और इसीलिए पानी में भीगी पेटीकोट बदन पर चिपकने की वजह से उसकी भारी-भरकम गांड एकदम साफ तौर पर अपना भूगोल लिए हुए नजर आ रही थी,,,। राजू तो बस देखता ही रह गया,,,, और कमला चाची जानबूझकर उसी अंदाज में हेडपंप चलाते हुए अपनी भारी-भरकम गांड को थिरका रही थी जिसकी थीरकन पर राजू के तन बदन में अजीब सी हलचल हो रही थी,,,,,,

कमला चाची अच्छी तरह से जान रही थी कि जिस तरह से मारपीट दरवाजे की तरफ की है खड़ी हो कर काम चला रही थी ऐसे में राजू की नजर उस की भारी-भरकम खान पर जरूर करेगी और यही निश्चित करने के लिए वह अपनी नजर पीछे घुमा कर देखी तो उसके होठों पर काम अब मुस्कान तैरने लगी वाकई में राजू की नजर अपनी गांड पर घूमती हुई पाकर वह उत्तेजित हुए जा रही थी,,, अपनी चूचियों पर पेटीकोट चढ़ाकर बांधने की वजह से पेटिकोट उसकी मोटी मोटी जांघों को बिल्कुल भी ढक पाने पर असमर्थ थी जिसकी वजह से राजू को,, कमला चाची की मोटी मोटी गोरी जाम है एकदम साफ नजर आ रही थी और यह राजू के लिए पहला मौका था जब औरत को इस अवस्था में देख रहा था,,,,पहली बार राजु ने एक औरत की मोटी जांघों को देख रहा था और पहली बार यह एहसास हुआ कि औरत की जांघें कितनी खूबसूरत होती है,,,,,,, जिस पर पानी की बूंदे मोती के दाने की तरह फिसल रही थी,,,,,,,,।


दूसरी तरफ अपने अर्ध नग्न शरीर का प्रदर्शन करते समय खेली खाई कमला चाची जो की बहू वाली हो गई थी फिर राजू के सामने इस अवस्था में उसके तन बदन में अजीब सी हलचल हो रही थी,,, एक अजीब सा सुख उसे प्राप्त हो रहा था,,, राजू कोवह इस समय मौके को देखते हुए अपना सब कुछ दिखा देना चाहती थी लेकिन वो जानती थी कि उसकी बहू घर में मौजूद है और ऐसा करना ठीक नहीं है लेकिन फिर भी वह अपनी खूबसूरती बदन के आकर्षण के केंद्र बिंदु को राजू को दिखाकर उसे धराशाई कर देना चाहती थी ताकि वह जब उसे बुलाए तो वह खींचा चला आए इसीलिए वह,,,,कुछ ऐसा कर देना चाहती थी जिसकी शायद राजू को उम्मीद भी नहीं थी लेकिन कैसे वह भी पहुंच कशमकश में थी बाल्टी भर जाने के बावजूद भी वह नल चला रही थी,, और राजू जैसे कि सब कुछ भूल चुका हूं उस तरह से दरवाजे पर ठिठक कर खड़ा रह गया था वह भी काफी देर से कमला चाची के बदन के खूबसूरत भूगोल को अपनी आंखों से नाप रहा था,,,,।

कमला चाची जानती थी कि किसी भी वक्त कमरे से बाहर उसकी बहू आ जाएगी और उसकी मौजूदगी में वह ऐसा कुछ कर नहीं सकती थी इसीलिए जल्द से जल्द अपने वतन की झलक राखी को दिखा देना चाहती थी हालांकि आधा नंगा बदन पीछे से उसका नजर आ ही रहा था और पेटीकोट पानी में पूरी तरह से गीली होने की वजह से बदन का कटाव भी साफ तौर पर नजर आ रहा था लेकिन कपड़ों में और नंगे पर में जमीन आसमान का फर्क होता है वह जानती थी कि राजू अगर उसके नंगे बदन को देखेगा तो और ज्यादा उत्तेजित और उत्सुक हो जाएगा और वह खुद काफी उत्सुक थी अपनी हरकत को अंजाम देने के लिए,,,,, इसलिए वह पेटिकोट को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर हल्के से उसे झाड़ने के बहाने कमर तक उठा‌दी और तुरंत उसे नीचे करते हुए बोली,,,।,,

आ गया तू दरवाजा तो बंद कर दे ,,,,(और ऐसा कहते हुए नीचे बैठ गई,,, लेकिन इतने से ही राजू के होश उड़ गए थे राजू को कमला चाची की गोरी गोरी बड़ी गांड के दर्शन हो चुके थे,, पल भर के लिए ही एक झलक भर थी लेकिन राजू के लिए इतना काफी है जवान हो रहा राजू कमला चाची की नंगी गांड को देखकर पूरी तरह से उत्तेजित हो चुका था और उसकी उत्तेजना उसकी दोनों टांगों के बीच पजामे में साफ झलक रही थी,,,,,,, कमला चाची की गांड को नजर भर कर देखना चाहता था,,। लेकिन ऐसा हो नहीं पाया बस झलक भर देख पाया था लेकिन फिर भी यह राजू के लिए बहुत था उसके कोमल मन पर कमला चाची की नंगी गांड भारी पड़ रही थी,,,। राजू अभी भी पूरी तरह से मदहोशी में था होश उसे बिल्कुल भी नहीं था,,,,,, किसी भी प्रकार का जवाब ना आता देखकर कमला चाची पीछे नजर घुमाकर देखी तो अभी भी राजू आश्चर्य से आंखें फाड़े उसे देख रहा था तो यह देखकर कमला चाची के होठों पर मुस्कान तैरने लगी,,,।)

अरे राजू ऐसे क्या देख रहा है दरवाजा तो बंद कर दे,,,
(कमला चाची की आवाज सुनकर जैसे वह होश में आया हो इस तरह से लड़खड़ा दरवाजा बंद किया और वापस उसी जगह पर खड़ा होकर कमला चाची को देखने लगा,,, तो फिर कमला चाची बोली,,)


अरे मेरे पीछे मत खड़ा रे,,,, सामने जो लोटा पड़ा है ना लाकर मुझे दे,,, नहाना है,,,,
(कमला चाची जानबूझकर उसे लौटा लाने के लिए बोली थी क्योंकि कमला चाची उसे अपना बदन आगे से दिखाना चाहती थी,,,पीछे से जलवा दिख कर उसे पूरी तरह से मंत्रमुग्ध कर चुकी थी अब आगे का जलवा दिखा कर उसे पूरी तरह से धराशाई करना चाहती थी,,,,,, पानी में भीग कर भी कमला चाची की बुर राजू को अपने बदन का जलवा दिखाते हुए गीली हो रही थी,,,,,, राजू तुरंत आगे की तरफ जा कर लौटा उठा लिया और कमला चाची को थमाने लगा,,, लेकिन कमला चाची के पास पहुंचते ही राजू का दिल और जोरो से धड़कने लगा,,, क्योंकि राजू को लोटा लेकर आने से पहले ही कमला चाची अपने पेटिकोट की दूरी को छातियों पर से थोड़ी ढीली कर चुकी थी जिससे उसकी खरबूजे जैसी बड़ी-बड़ी चूचियां आधे से ज्यादा पेटिकोट के बीच से नजर आ रही थी और उस पर नजर पड़ते ही राजू के होश उड़ गए,,,, राजू कमला चाची को लौटा उसके हाथ में थमाते हुए उसकी भारी-भरकम गोलाकार चुचीयों को ही देख रहा था और यह बात कमला चाची से छिपी नहीं रह सकी वह राजू की नजरों को देखकर समझ गई थी कि उसकी नजर उसकी चुचियों पर है और अपनी युक्ति काम आते ही उसका मन हर्षोल्लास से भर उठा,,,,,,, और कमला चाची की नजर उसके पजामे पर पड़ी तो उसकी बुर फुदकने लगी,,,,,,,, उसके पजामे में अच्छा खासा तंबू बना हुआ था जिसे देखकर कमला चाची समझ गई थी कि पजामे के अंदर घमासान मचाने वाला औजार हैं,,,,। राजू पूरी तरह से मंत्रमुग्ध और मदहोश हो चुका था पेटिकोट की डोरी के बीच वाली खुली जगह के बीचो बीच में से ऐसा लग रहा था कि मानो एक साथ दो दो चंद्रमा अपनी अर्ध कला दिखा रहे हो,,, हालांकि चुचियों के निप्पल पेटिकोट की आड़ में छुपी हुई थी लेकिन फिर भी उसकी नुकीली नोक पेटीकोट के भीगे होने की वजह से साफ उपसी हुई नजर आ रही थी,,,,।

कमला चाची अंदर ही अंदर बेहद खुश और उत्तेजित हुए जा रही थी कमला चाची मन ही मन यह चाह रही थी कि राजू की नजर से दोनों के पीछे की तरफ जाए जहां पर वह खुद अपने हाथों से पेटीकोट उठाकर अपनी बुर को नंगी छोड़ रखी थी ताकि राजू को उसकी बुर अच्छे से नजर आए,,,,,,, और वह बाल्टी में से लोटा भर भर कर अपने ऊपर डालने लगी,,,, लेकिन राजू अभी भी उसकी चूचियों की तरफ देख रहा था,,, और अपने ऊपर पानी डालते हुए कमला चाची अपने मन में ही बड़बड़ा रही थी कि,,,, ऊपर क्या देखता है हरामजादे नीचे देख तुझे और मजा आएगा,,,,,,,, लेकिन जब कमला चाची की खुद की नजर अपनी दोनों टांगों के बीच गई तो वहनिराश हो गई पानी डालने की वजह से उसका पेटीकोट वापस सरक कर उसकी दोनों टांगो के बीच की उस पतली दरार वाली जगह को छुपा दिया था,,,,, जिसे दिखाने के लिए कमला चाची इतना तर कट रची थी,,,, लेकिन जो कुछ भी दिख रहा था राजू के लिए उत्तेजना से भरपूर था वह रह रह कर अपनी नजर को कमला चाची के दोनों टांगों के बीच भी डाल देता था जहां पर दोनों टांगों के बीच उसे पेटीकोट का कपड़ा ढका हुआ नजर आ रहा था जो निराशा कमला चाची को हाथ लगी थी वही निराशा राजू को भी महसूस हो रही थी क्योंकि एक लड़का और वह भी जवान होने के नाते उसे इतना तो पता ही था कि औरत की दोनों टांगों के बीच खास चीज होती है जिसके लिए लड़के पागल रहते हैं,,,,,

कमला चाची वापस किसी बहाने से अपने पेटिकोट को उठाकर अपनी बुर दिखाना चाहती थी और इसके लिए वह अपनी पूरी तैयारी भी कर चुकी थी,,,, और राजू को एक बहाने से नल चलाने के लिए बोल भी दी थी,, और राजू भी नल चलाने लगा था,,,लेकिन कमला चाची अपनी हरकत को अंजाम देती है इससे पहले ही अंदर कमरे में से उसकी करो बाहर निकल कर और कमला चाची के साड़ी को हाथों में लिए बाहर आई और बोली,,,)


माजी आप जल्दी से नहा लो कपड़ों को वैसे ही छोड़ देना मैं धो दूंगी,,,,,(ऐसा कहते हुए कमला चाची की बहू खटिया पर साड़ी रख दी,,, और खड़ी हो गई और राजू की तरफ देखने लगी जो कि नल चला रहा था,,, और वह बोली,,)


यह कौन है मा जी,,,?


अरे रमा बहु अपने हरिया का लड़का है राजू बहुत ही सीधा साधा है,,, जा जाकर इसके लिए,,,,, गुड़ और पानी ले आ,,,।


नहीं नहीं चाची इसकी क्या जरूरत है,,,, नमस्ते भाभी (कमला चाची की बहू रमा को हाथ जोड़ते हुए) आप रहने दीजिए भाभी इसकी जरूरत नहीं है,,,,)


अरे कैसी बात कर रहे हो पहली बार इधर आए हो,,,, बैठो मैं पानी लेकर आती हूं,,,(इतना कहकर कमला चाची की बहू अंदर कमरे में पानी और गुड़ लेने चली गई लेकिन कमला चाची का मन उदास हो क्या आज वह राजू को अपनी बुर दिखा देना चाहती थी लेकिन ऐसा हो नहीं पाया लेकिन इस बात की तसल्ली उसे अच्छी तरह से थी कि राजू अब उसके नंगे बदन को देख कर मदहोश हो चुका था,,, इस उमर में उसके लिए यही काफी था,,,, राजू खटिया पर जाकर बैठ गया था लेकिन फिर भी वह कमला चाची को चोर नजरों से देख ले रहा था और यह देखकर कमला चाची को भी अच्छा लग रहा था,,,,, औरत की खूबसूरत नंगे बदन को देख कर पहली बार उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर जागरूक हुई थी,,,, इसलिए उसे अपने तन बदन में उत्तेजना की लहर की यह हलचल बहुत ही सुखदाई लग रही थी,,,। कमला चाची के पास अपना बदन दिखाने का मौका बिल्कुल भी नहीं था थोड़ी ही देर में रामा एक कटोरी में गुड़ का टुकड़ा और हाथ में गिलास दिए हुए बाहर आ गई और राजू तो हम आने लगी राजू गुड़ का एक टुकड़ा खाकर रमा के हाथों से पानी का गिलास लेने लगा तो अनजाने में ही उसकी उंगली रमा की नाजुक उंगलियों से रगड़ खा गई,,, और यह रगड़ राजू के तन बदन में उत्तेजना की लहर पैदा कर गई और यह हलचल रमा को भी अपने बदन में महसूस हुई,,रामु का भोलापन और उसका मासूम चेहरा रमा को भा गया था,,,।


अब ज्यादा देर तक वहां बैठे रहना राजू के लिए उचित नहीं था इसलिए वह कमला चाची की और उसकी बहू को नमस्ते कहकर घर से बाहर आ गया,,,,लेकिन जो नजारा उसने अपनी आंखों से देखा था उसे तेरी कसम उसकी दोनों टांगों के बीच की हल-चल अभी भी शांत नहीं हुई थी,,,

गांव में इधर-उधर घूम कर वह अपने मन को शांत करने की कोशिश करने लगा और थोड़ी ही देर में खेलकूद के चक्कर में वह कुछ देर पहले की बात को भूल चुका था,,,।
Raju ko duniya mile aur hariya ko gulabi😅
 

sunoanuj

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Bahut barhiya update mitr … waiting for next update dhamakedar update..
 
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