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Incest बैलगाड़ी,,,,,

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गुलाबी का मन अब काम में बिल्कुल भी नहीं लग रहा था,,, उसकी जवानी चुदास की मदहोशी छाती चली जा रही थी,,,
अब तक जो भी वह अपने कानों से सुनती आ रही थी और देखते आ रही थी,,, और अब रात को अपने हाथों से अपने भतीजे के मदमस्त मोटे तगड़े लंबे,,लंड को अपने हाथ से पकड़ कर उसकी गर्माहट को अपनी हथेली में महसूस कर के चित्र की उत्तेजना का अनुभव उसने की थी इस तरह का अनुभव से अब तक नहीं ले पाई थी उसके लिए पहला मौका था जब वह इतने पास से अपने ही भतीजे के लंड के दर्शन कर रहे थे उस पल का अनुभव उसके लिए बेहद अनमोल और मदहोशी भरा था और पूरी तरह से मदहोश होकर अपनी प्यासी बुर में उंगली का सहारा लेकर अपना पानी निकाल दी थी,,,,,

राजू ने कभी अपने हाथ से अपने लंड को पकड़ कर मुठीआया नहीं था,,, जो कि उसके उम्र के लड़के हमेशा ही करते हैं लेकिन वह इस ज्ञान से पूरी तरह से अज्ञान था लेकिन,,, उसकी बुआ ने यह शुभ काम अपने हाथों से की थी लेकिन इस बात का एहसास और भान राजू को बिल्कुल भी नहीं था उसके लिए यह सब ना होने के बराबर था जो कि उसके साथ हो चुका था,,,,,, राजू गहरी नींद में सोता है यह बात तो गुलाबी अच्छी तरह से जानती थीलेकिन इतनी गहरी नींद में सोता है यह उसे रात को ही पता चला था कि उसके साथ कुछ भी कर लो तो उसे पता नहीं चलता,,,,,
गुलाबी को पहली बार इस बात का आभास हुआ कि बरसों के लंड से इतनी तेज पिचकारी निकलती है,,, जिसे देखकर गुलाबी का पूरा वजूद हिल गया था उसकी बुर में जिस तरह की सुरसुराहट अपने भतीजे के लंड से निकलती पिचकारी को देखकर हुई थी उस तरह की सुरसुराहट अपने भैया और भाभी की चुदाई देख कर भी नहीं हुई थी,,,,,,,लंड से निकले लावा को वह अपने हाथों से साफ की थी उसकी गर्माहट उसे अभी तक महसूस हो रही थी,,,,उसकी चिकनाहट को महसूस करके उसे इस बात का आभास हो चुका था कि जब कभी भी वहां अपने भतीजे के पजामे को साफ करती थी तो उसमें कभी-कभी इस तरह की चिकनाहट महसूस होती थी,,,,,,

गुलाबी का मन अब चुदवाने के लिए पूरी तरह से बहकने लगा था,,, उससे बिल्कुल भी रहा नहीं जाता था,,, जिस तरह से वह रात को गरमा गरम दृश्य देखी थी जिसमेंउसकी भाभी गहरी नींद में होने के बावजूद भी उसके भैया उसे चोदने के लिए लालायित नजर आ रहे थे यह देखकर गुलाबी अपने मन में यही सोच रही थी कि उसके भैया एक नंबर के चुडक्कड़ इंसान है,,,, दिन भर एकदम एकदम सीधे साधे इंसान बने रहते हैं और रात होते ही उन्हें सिर्फ भाभी की बुर नजर आती है,,,, गुलाबी अपने मन में ही यह बातें सोच कर एकदम गरम हो रही थी,,,,,,,,

रात वाली बात को सोचकर वह खाना बना रही थी तवे पर रोटी रखी हुई थी जो कि ख्यालों में खोने की वजह से उसकी रोटी जल रही थी जिस पर उसका बिल्कुल भी ध्यान नहीं था तभी बाहर से पानी की बाल्टी भर कर लाती हुई मधु की नजर से तौर पर पड़ी तो वह जोर से चिल्लाई,,,।


अरे महारानी कहां खोई हुई हो,,,, देख नहीं रही हो रोटी जल रही है,,,,(इतना कहते हुए मधु बाल्टी नीचे जमीन पर रख दी और कमर पर मुट्ठी बांधकर हाथ रखकर खड़ी हो गई इस रुप में मधु एकदम काम देवी लग रही थी,,, जिस तरह से गाना कमर पर मुट्ठी बांध कर खड़ी हुई थी,, उसकी भरावदार उठी हुई गांड और ज्यादा बड़ी लग रही थी उसकी बड़ी-बड़ी चूचियां पपाया की तरह तनी हुई थी,,।अपनी भाभी की बात सुनते ही जैसे वह नींद से जागी हो इस तरह से चोंकते हुए तवे पर देखने लगी तो वाकई में रोटि जलकर काली हो गई थी,,,।)

बाप रे,,,(और ईतना कहने के साथ ही वह जली हुई रोटी उतार कर नीचे रख दी,,)


ध्यान कहां है तुम्हारा,,,,(मधु अपनी साड़ी को कमर में खोंसते हुए बोली,,,)

अरे भाभी आंख लग गई थी,,,,



आंखें ही लगी है ना कहीं किसी से दिल तो नहीं लगा ली,,,


धत्,,, भाभी कैसी बातें करती हो,,,,



चलो अच्छा उठो,, तुम रहने दो तुम दूसरा काम कर लो मैं रोटियां बना देती हुं,,,,


ठीक है भाभी,,,,( इतना कहकर गुलाबी वहां से खड़ी हो गई और मधु उसकी जगह बैठकर रोटियां बनाने लगी और गुलाबी दूसरे काम करने लगी,,,,,,,, हर पल मधु की खूबसूरती में चार चांद लगा रहता था,,, बनाने वाले ने मधु को बड़ी फुर्सत से बनाया था,,,, थोड़ी ही देर में दोनों का काम पूरा हो गया था,,,,।
दोपहर का समय हो रहा था और राजू अपने दोस्तों के साथ तालाब पर खेल रहा था,,,,,, श्याम भी वहां मौजूद था,,, राजू को देखते ही वह उस पर फब्तियां कसने लगता था,,, ऐसे ही वह राजु का मजाक उड़ाते हुए बोला,,,)


क्यों राजू गया कि नहीं कमला चाची के पास,,,, तुझे बहुत याद करती है,,,। (कपड़े के बने गेंद से खेलने के बाद थक कर सभी लोग घने पेड़ के नीचे बैठे हुए थे,,, श्याम की बात सुनकर राजू बोला)


मैं क्यों जाऊं कमला चाची के पास,,,, मुझे भला उनसे क्या काम है,,,,


अरे कमला चाची तू से चुदवाना चाहती है तुझे इतना भी समझ नहीं आता,,,,(श्याम के मुंह से चुदवाना शब्द सुनते ही राजू के तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी,,,, वह कुछ बोला नहीं फिर भी शयाम अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,)

तेरा पसंद आ गया है कमला चाची को,,,,, तेरे लंड को अपनी बुर में लेना चाहती है,,,,लेकिन मुझे तो लगता है तो से कुछ होने वाला नहीं है इसीलिए तो कमला चाची के पास जा नहीं रहा है कसम से मुझे अगर ऐसा मौका मिला होता ना तो तुमने चाची की बड़ी बड़ी गांड को अपने लंड डालकर फाड दिया होता,,,, लेकिन साली को तेरा पसंद आ गया है जिसके पास कुछ है ही नहीं,,,,(श्याम की बातों को सुनकर सभी हंसने लगे राजू को बुरा बहुत लग रहा था लेकिन आज आने की उसकी बातों को सुनकर उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ रही थी जिससे धीरे-धीरे उसका लंड खड़ा होना था और पास में ही खड़ा राजू का दोस्त मिलना उसे इशारा करके उस आ रहा था कि वह अपना पजामा उतार कर अपना लंड उसे दिखा दे लेकिन उसे शर्म आ रही थी,,,, श्याम अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला)


यार राजू तुझे तो मौका मिल रहा है औरत चोदने का हम लोगों को तो मौका ही नहीं मिलता ,,,, वरना अपने लंड की ताकत कब का दिखा दिए होते,,, और एक तू है पकवान से भरी हुई थाली को ठुकरा दे रहा है,,,,


देख श्याम मुझे यह सब बिल्कुल भी पसंद नहीं है उस दिन की तारा तू आज फिर शुरू हो गया,,,,


शुरू क्यों ना होऊं,,,,आखिरकार तो मेरा दोस्त जो है और दोस्त की इतनी बड़ी बेइज्जती में बर्दाश्त कैसे कर पाऊंगा कल को अगर तेरे पिताजी को पता चला कि उनका बेटा मार दे ही नहीं है तो वह गांव वालों को क्या मुंह दिखाएंगे अपने पोते पोते को कैसे खिला पाएंगे,,, और अब तो मुझे लगने लगा है कि तेरी शादी भी नहीं होगी और अगर हो भी कहीं तो तेरी औरत मेरे पास जरूर आएगी,,,,।


श्याम जबान संभाल कर बात कर,,,,( राजु एकदम से क्रोधित स्वर में बोला,,,,)


बीवी के बारे में बोलते ही कैसा गुस्सा हो गया,,,,,,, लेकिन उस समय क्या करेगा जब सुहागरात को तेरी बीवी अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी हो जाएगी और इसे बाजार में अपनी दोनों टांगे फैला देगी की मेरा पति अपना खड़ा लंड मेरी बुर में डालकर मेरे साथ सुहागरात मनाएगा,,,,, और सोच जब तेरा खड़ा ही नहीं होगा तब तेरी औरत सुहागरात कैसे मनाएगी तु उसे संतुष्ट कैसे कर पाएगा,,,, और तू शायद नहीं जानता की बुर की प्यास कैसी होती है जब तेरी बीवी को बड़े बड़े लंड की आवश्यकता पड़ेगी तब तेरा ना पाकर वह कहां जाएगी हम जैसे नौजवान लड़कों के पास ही आएगी,,,,,,,,(श्याम को इस तरह की गद्दीपति करने में बहुत मजा आता था और उसका मजा दूसरे लड़के भी उठा रहे थे वह भी जोर जोर से हंस रहे थे,,,, मुन्ना बार-बार उसे उकसा रहा था कि कुछ बोले लेकिन वह कुछ भी बोल नहीं रहा था वह बस गुस्सा किया जा रहा था,,,, गंदे शब्दों में जवाब ना देने का कारण यह भी था कि उसने आज तक इन शब्दों का कभी प्रयोग नहीं किया था और ना ही इस तरह की गंदी बातों ने कभी रुचि दिया था लेकिन वक्त के साथ धीरे-धीरे बड़ा होने लगा था जो कि इस तरह की बातों को सुनकर उसके तन बदन में उत्तेजना कि नहीं पाती थी और उसके बाद कभी भी इस तरह की बातें करने की मंजूरी नहीं दी क्योंकि बचपन में ही किसी को गाली दे दिया उसकी गाली सुनकर उसकी मां और उसके बाबुजी उसे बहुत मारे थे,,,,तब से लेकर आज तक वह कभी गद्दे शब्दों का प्रयोग नहीं किया था लेकिन श्याम उसे बार-बार उकसा रहा था उसकी मर्दानगी पर सवाल उठा रहा था जो कि यह बात मुन्ना भीअच्छी तरह से जानता था कि राजू वरदान की से भरा हुआ था और उसके जैसी मर्दाना ताकत शायद ही गांव में किसी के पास हो,,,। लेकिन फिर भी मुन्ना हैरान था कि इतना कुछ सुनने के बाद भी राजू अपना दिखाता क्यों नहीं,,, श्याम की बातों को सुनकर राजू गुस्से में बोला,,,)

कोई अगर तेरी मां के बारे में गंदी गंदी बातें बोले तो तुझे कैसा लगेगा,,,,


यहां किसी की हिम्मत ही नहीं है कि मुझे कोई भला बुरा बोलें,,,,,


अगर मैं तेरी मां के बारे में गंदी गंदी बातें बोलु तो,,,,(राजू गुस्से में बोला और उसकी बातें सुनकर श्याम कुछ देर तक शांत रहने के बाद और कुछ सोचने के बाद वह हंसते हुए बोला,,,)


तू बोल कर भी क्या कर पाएगा,,,,, तेरे से कुछ होने वाला भी नहीं है अगर होने वाला होता तो अब तक कमला चाची की बुर में लंड डाल दिया होता,,,,



देख श्याम मैं कहता हूं शांत हो जा अगर मैं बोलना शुरू किया तो सुनकर तु शर्म से मर जाएगा,,,,,,,,



देख रहा हूं जैसा मैं बोलता हूं वैसा तू भी बोलेगा जैसे कि मैं तेरी मां को चोदना चाहता हूं,,,, और अगर मौका मिला तो मैं तेरी खूबसूरत मां को चोद भी लुंगा और मेरी चुदाई से तेरी मां खुश भी हो जाएगी लेकिन सोच तू अगर मेरी मां को चोदना चाहेंगा तो भी नहीं चोद पाएगा,,, पता है क्यों क्योंकि तेरे पास है ही नहीं,,,,, और मेरे पास देख,,,,(इतना कहने के साथ ही श्याम अपना पजामा नीचे करके अपने लंड को पिलाना शुरू कर दिया,,,,,श्याम की बेशर्मी भरी हरकत पर बाकी के लड़के जोर जोर से हंस रहे थे उन्हें मजा आ रहा था लेकिन राजू को गुस्सा आ रहा था,,,, गांव के लड़कों की आवारागर्दी और गंदी बातों को दूर झाड़ियों के पीछे छुप कर सोनी और उसकी सहेलियां देख रही थी,,,, लाला की बहन दोपहर के समय सौच करने आई थी और सोच करने के बाद वह अपनी सहेली के साथ घर जाने को हुई थी कि लड़कों की बातें सुनते ही बाहर खड़ी हो गई थी और झाड़ियों के पीछे सोनी और उसकी सहेलियां छुपकर उन लड़कों की बातें सुन रही थी और उनकी गंदी गंदी बातें सुनकर मुस्कुरा रही थी और उन्हें मजा भी आ रहा था,,,, लेकिन इस समय सोनी और उसकी सहेलियों की नजर श्याम के लंड पर थी जो कि ज्यादा बड़ा तो नहीं था लेकिन पूरी तरह से सख्त हो चुका था,,,जिसे देखकर सोनी और उसकी सहेलियों के तन बदन में भी उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी थी,,,, सोनी जोकी पति के देहांत के बाद से बेहद प्यासी थी और अपनी प्यास अपने बड़े भाई के लंड से बुझाती आ रही थी लेकिन उसे भी एक जवान लंड की जरूरत थी,,,, इसीलिए तो उसकी नजर श्याम के लंड पर एकदम से चिपक गई थी,,,, जिसे श्याम जोर जोर से हिला रहा था,,,,,)

देखा राजू तेरी मां की प्यास में अपने लंड से बुझा सकता हूं,,, और मुझे बहुत मजा आएगा जब तेरी मां अपनी दोनों टांगें फैलाकर मेरे लंड को अपनी बुर में लेगी,,,, लेकिन तुझ से कुछ नहीं हो पाएगा,,,,,,,

(राजू का गुस्सा बढ़ता जा रहा था आज पहली बार एक लड़के के मुंह से अपनी ही मां के बारे में गंदी बातें सुन रहा था और उसकी गंदी बातें सुनकर उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर बढ़ती जा रही थी और लंड का आकार बढ़ता जा रहा था,,,,,, अभी तक राजू एक दूसरे की मां के बारे में गाली गलौज सुनता आ रहा था लेकिन आज शाम के मुंह से उसकी मां के बारे में गंदी बात को सुनकर राजू के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी थी और उसका लंड कुछ ज्यादा उछाल मारने लगा था,,,इस बार उससे रहा नहीं गया क्योंकि वह सारी हदों को पार कर चुका था उसकी मां के बारे में बेहद गंदी बातें बोल चुका था इसलिए अब उसके सब्र का बांध टूट चुका था और उसे अपनी मर्दानगी दिखाना बेहद जरूरी हो चुका था ताकि वह हमेशा के लिए उसका मुंह बंद कर सके,,,राजू को अपनी मर्दानगी दिखाना ही नहीं था बल्कि उसकी मां के बारे में गंदी गंदी बातों को बोल कर अपनी सारी भड़ास निकाल लेना चाहता था इसलिए वह बोला,,,)


मादरचोद श्याम,,,, तेरी मां की चुदाई मैं ही अच्छे से करूंगा देखना चाहिए अपना लंड डालूंगा तेरी मां की बुर में पर जोर जोर से चिल्ला उठेगी और मुझे अपना लंड बाहर निकालने के लिए मिन्नतें करेगी फिर भी मैं अपना लगा नहीं निकालुंगा और तेरी मां की बुर में धकाधक पेलता रहूंगा,,,,
(सोनी राजू की बातों को सुनकर पूरी तरह से उत्तेजित हो चुकी थी लड़कों के मुंह से एक दूसरे की मां के बारे में गंदी से गंदी बातों को सुनकर उसकी बुर कुल बुलाने लगी थी,,,, वह देखना चाहती थी कि वह क्या करता है,,,इसलिए झाड़ियों के पीछे छुप कर अपनी सहेलियों के साथ होना अपने कान खड़े करके उन लोगों की बातों को सुन रही थी लेकिन राजू की बातों को सुनकर श्याम जोर जोर से हंस रहा था उसे ऐसा ही लग रहा था कि वास्तव में राजु के पास मर्दाना ताकत से भरा हुआ लंड है ही नहीं,,,)

तेरी बातों का मुझे बुरा नहीं लग रहा है राजू बल्कि मुझे तो तुझ पर तरस आ रहा है,,,।





तरस तो तुझे अपनी मां पर आएगा,,, जब मैं अपना मोटा और लंबा लंड तेरी मां की बुर में धीरे-धीरे डालूंगा,,, तेरी मां जोर-जोर से चिल्लाना शुरू कर देगी,,,, मेरा मोटा लंड पाकर तेरी मां एकदम मस्त हो जाएगी देखना,,,
(श्याम राजू की कही बातों को हल्के में ले रहा था जोर जोर से हंस रहा था लेकिन मुन्ना को पूरा यकीन था क्योंकि इसलिए कह रहा था अगर ऐसा हो सकता तो एक-एक कही हुई बात सच निकलती जोर जोर से हंसते हुए श्याम बोला)


पर डालेगा क्या मेरी मां की बुर में,,, लंड तो तेरे पास है नहीं,,,, बैगन डालेगा,,,,,
(राजू और श्याम की बातों को सुनकर सोनीकी बुर गीली हो रही थी गांव के लड़कों को इस तरह से गंदी बातें करते हुए देखकर उनकी बातों को सुनकर उसके होश उड़ गए थे,,,श्याम का इस तरह से जोर जोर से हंसना उसकी बातों को सुनकर राजू एकदम से तैश में आ गया और बोला,,,)


तेरी मां की बुर में पैदा नहीं डालूंगा डालूंगा तुम्हें इतना मोटा तगड़ा लंबा लंड ही,,, पर देखना चाहेगा रुक दिखाता हुं तुझे मादरचोद,,,(इतना कहने के साथ ही राजू एकदम से जोश से भर गया था और तुरंत अपने दोनों हाथ सपने पजामे को पकड़ करएक झटके से नीचे कर दिया और जैसे ही पहचाना उसके कुछ बताया वैसे ही होगा उसका लंबा मोटा लंबा लंड लहरा उठा जिस पर नजर पड़ते ही सबके होश उड़ गए श्याम तो देखता ही रह गया यकीन नहीं हो रहा था कि पजामे के अन्दर राजू इतना दमदार लंड छुपाया हुआ था,,,। सोनी की तो आंखें फटी की फटी रह गई सोनी ने अभी तक इस तरह का दमदार मोटा लंबा लंड कभी नहीं देखी थी,,,, पल भर में ही राजू के लंड के दीदार से ही उसकी बुर कुलबुलाने लगी थी,,,, उसकी सहेली अभी आश्चर्य से देखे जा रही थी और राजू एक आंख से अपने लंड को पकड़ कर ऊपर नीचे करके ही जाना शुरू कर दिया था यह पहला मौका था उसके लिए जब वह अपने ही हाथ में लंड पकड़ कर हीला रहा था,,,। श्याम के पास बोलने लायक कुछ नहीं था,,, वह बस आंकड़े राजू के लंड को देखे जा रहा था,,,,)


क्यों क्या हुआ हरामी मादरचोद देख ले यही डालूंगा और तेरी मां की बुर फट जाएगी,,,,

(श्याम क्या बोलता है श्याम के पास बोलने के लिए शब्द नहीं थे उसका खड़ा लंड राजू कितने के सामने नुनु साबित हो रहा था,,,,, बहुत शर्मिंदा हो गया था वह तुरंत अपने पजामे को ऊपर करके वहां से चलता बना,,,, लेकिन सोनी के दोनों टांगों के बीच हलचल मच गई थी,,,, अजीब सी हालत हो गई थी उसकी अपनी सहेली से उस लड़के के बारे में पूछा तो पता चला कि बेल गाड़ी चलाने वाले हरिया का लड़का था उसे तुरंत याद आ गया कि यह उसी हरिया का लड़का है जो उस दिन ब्याज के पैसे देने घर पर आया था और उसे चुदवाते हुए पकड़ लिया था लेकिन वह पहचान नहीं पाया था,,,,,,,क्योंकि उस समय सोने के घने बाल उसके चेहरे को ढके हुए थे और कोई नंगे बदन को देख कर चेहरा पहचान ले ऐसा हो नहीं सकता था और वैसे भी हरिया ने उसे पहले कभी देखा भी नहीं था,,, अपने मन में ठान ली थी कि राजू से मुलाकात करनी ही पड़ेगी,,,।

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देखते ही देखते कई दिन गुजर गए थे श्याम अब राजू से उसकी मर्दानगी के बारे में मजाक नहीं गाया करता था बल्कि उसकी मर्दानगी भरे अंग को देखकर मन ही मन में जल उठता था क्योंकि वह जानता था कि औरतों को लंबा और मोटा लंड ही पसंद होता है,,,,,, इस बात को वहां भली भांति जानता था कि कमला चाची को लेकर जिस तरह से उस पर कब किया कर रहा था अगर वह कमला चाची के पास चला गया तो कमला चाची उसे लेकर मस्त हो जाएगी कि वह तो राजू की गुलाम ही बन जाएगी इसलिए वह नहीं चाहता था की कमला चाची राजू के साथ संभोग करें,,,,,,
श्याम के साथ-साथ दूसरे लड़के भी राजू के लंड को देखकर अचंभित हो चुके थे,,,,, वह लोग तो मजाक मजाक में श्याम को कह भी देते थे कि,,,।

श्याम उसकी तो तो उसकी बात पर पहुंचता है ना अगर सोच अगर ऐसा हो गया कि सच में उसे मौका मिले तेरी मां को चोदने का तो तेरी मां उसकी दीवानी हो जाएगी,,,
(और अपनी मां के बारे में अपनी ही दोस्तों से इस तरह की गंदी बात सुनकर भड़क ऊठता था और झगड़ा करने लगता था,,,,,,दूसरी तरफ सोने की भी हालत खराब थी दिन-रात ना उसके ख्यालों में केवल राजू के लंड की ही छवि घूमती रहती थी सोनी जल्द से जल्द राजू से मुलाकात करना चाहती थी,,, क्योंकि सोनी अभी पूरी तरह से जवान थी गदराई जवानी की मालकिन थी हरी भरी जवानी में ही उसका पति उसे छोड़कर स्वर्ग सिधार गया था अपनी जवानी की आग और अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए उसे अपने भाई की शरण लेना पड़ा था जहां से उसकी सारी जरूरतें पूरी भी हो रही थी,,,, पेट की भी और तन की भी लाला भी कोई कसर नहीं छोड़ता था सोनी को चोदने का,,,ऐसा नहीं था कि लाना से उसे संतुष्टि नहीं मिलती थी ,,, लाला चुदाई में उसे संपूर्ण संतुष्टि का अहसास कराता था,,,, लेकिन फिर भी सोने की उम्र में एक जवान लंड की जरूरत होती है राजू के लंबे तगड़े मोटे लंबे लंड को देखकर सोनी की इच्छा कुछ ज्यादा ही प्रज्वलित हो चुकी थी,,, जो कि राजू से मिलने के बाद ही मुझे सकती थी लेकिन उससे कैसे मिला जाए सोनी को समझ में नहीं आ रहा था,,, तभी उसे ख्याल आया कि वैसे भी वह समय व्यतीत करने के लिए गांव के लड़के और लड़कियों को पढ़ाया करती थी,,,।अपने मन में सोचने लगी कि क्यों ना राजू को भी पढ़ने के लिए अपने पास बुलाया जाए,,,अगर ऐसा हो गया तो उसके मन की इच्छा पूरी हो जाएगी,,,। लेकिन ऐसा होगा कैसे क्या वह पढ़ने आएगा यह बात उसके मन में आते ही वह परेशान हो गई थी,,,, लेकिन कुछ तो उपाय सोचना पड़ेगा और अपने मन में एक दिन जरूर राजू के घर जाकर उसे पढ़ने के लिए अपने घर बुलाएगी,,, यह बात मन में सोचते ही उसके खूबसूरत होठों पर मादक मुस्कान तैरने लगी,,,

दूसरी तरफ हरिया और उसका साथी बेरोकटोक स्टेशन के अंदर घुसकर सवारी ढो रहे थे जिससे उसकी आमदनी अच्छी खासी बढ़ गई थी,,,,, लेकिन दिन रात उसके जेहन में एक ही सवाल उठता रहता था कि लाला के घर में लाला के साथ नंगी होकर चुदवाने वाली औरत कौन थी,,,।,,, यही सवाल सोच सोच कर वह बीड़ी पर बीड़ी फुंकता जा रहा था जिससे उसकी खांसी भी बढने लगी थी,,,,,,,

मधु की जिंदगी बड़े अच्छे से कट रही थी,,, अपनी घरेलू और संस्कारी जीवन में अभी तक उसने आकर्षण और वासना की गंदगी आने नहीं दी थी इसीलिए तो वह अपने पति के साथ बहुत खुश थी,,,,,,,,,


ऐसे ही एक दिन राजू दोपहर के समय गांव में इधर उधर भटक रहा था कि तभी कमला चाची के घर से गुजरने को हुआ तो उसे ख्याल आया कि क्यों नहीं पर कमला चाची से मिल लिया जाए,,,क्योंकि वैसे भी कमला चाची उसे एक बार मिलने के लिए बोली ही थी,,,,,, राजू कमला चाची के घर के दरवाजे के पास पहुंच कर दरवाजे के बाहर से आवाज लगाता हुआ बोला,,,,।


कमला चाची,,,,,ओ,,,, कमला चाची घर पर हो कि नहीं,,,,,।
(राजू की आवाज सुनते ही कमला चाची के तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी,,,, वह घर के आंगन में नहा रही थी,,,,कमला चाची के घर का आंगन बड़ा था और खुला हुआ था और चारों तरफ से दीवार से घिरा हुआ था जिससे घर के आंगन में हेड पंप लगा था जहां पर वह नहा रही थी,,,, और वैसे भी गांव में इक्का-दुक्का लोगों के पास ही हैंडपंप था बाकी सभी लोग नदी पर ही नहाया करते थे ,,,वह अभी नहाते समय अजीब कशमकश में थी कि तभी बाहर से फिर आवाज आई,,,।)


,,, कोई बात नहीं मैं फिर कभी कमला चाची से मिल लुंगा,,, लेकिन बता जरुर देना कि मैं आया था वरना कमला चाची नाराज होंगी,,,(राजू को लगा कि कमला चाची घर पर नहीं है और उनकी बहू घर पर है जो कि जवाब नहीं दे रही है इसलिए वह ऐसा बोलकर जाने ही वाला था कि तभी अंदर से आवाज आई,,,।)


आजा दरवाजा खुला ही है,,,,,,,

(अंदर से कमला चाची की आवाज सुनते ही राजू को इत्मीनान हुआ और वह दरवाजे को हल्का सा धक्का देकर अंदर प्रवेश कर गया लेकिन अंदर प्रवेश करते ही आंगन में बने हेड पंप चला रही कमला चाची पर नजर पड़ते ही राजू के तो होश उड़ गए,,,,,, क्या करें आंखों के सामने का नजारा ही कुछ ऐसा था कमला चाची की पीठ राजू की तरफ से जो कि वह जानबूझकर खड़ी हो गई थी राजू के आने के पहले वह बैठकर ही ना रहे थे और इसलिए खड़ी हुई थी कि राजू को उसकी बड़ी-बड़ी कारण बराबर दिखाई दे जो कि इस समय पानी में भीगने की वजह से उसका पेटीकोट जो कि वह सारे कपड़े उतार कर केवल पेटीकोट को अपनी दोनों चुचियों पर लपेट कर उसकी डोरी से बात करते हुए थी और पानी में भीगने की वजह से वह पूरी तरह से उसके गोरे बदन पर चिपक गया था और इसीलिए पानी में भीगी पेटीकोट बदन पर चिपकने की वजह से उसकी भारी-भरकम गांड एकदम साफ तौर पर अपना भूगोल लिए हुए नजर आ रही थी,,,। राजू तो बस देखता ही रह गया,,,, और कमला चाची जानबूझकर उसी अंदाज में हेडपंप चलाते हुए अपनी भारी-भरकम गांड को थिरका रही थी जिसकी थीरकन पर राजू के तन बदन में अजीब सी हलचल हो रही थी,,,,,,

कमला चाची अच्छी तरह से जान रही थी कि जिस तरह से मारपीट दरवाजे की तरफ की है खड़ी हो कर काम चला रही थी ऐसे में राजू की नजर उस की भारी-भरकम खान पर जरूर करेगी और यही निश्चित करने के लिए वह अपनी नजर पीछे घुमा कर देखी तो उसके होठों पर काम अब मुस्कान तैरने लगी वाकई में राजू की नजर अपनी गांड पर घूमती हुई पाकर वह उत्तेजित हुए जा रही थी,,, अपनी चूचियों पर पेटीकोट चढ़ाकर बांधने की वजह से पेटिकोट उसकी मोटी मोटी जांघों को बिल्कुल भी ढक पाने पर असमर्थ थी जिसकी वजह से राजू को,, कमला चाची की मोटी मोटी गोरी जाम है एकदम साफ नजर आ रही थी और यह राजू के लिए पहला मौका था जब औरत को इस अवस्था में देख रहा था,,,,पहली बार राजु ने एक औरत की मोटी जांघों को देख रहा था और पहली बार यह एहसास हुआ कि औरत की जांघें कितनी खूबसूरत होती है,,,,,,, जिस पर पानी की बूंदे मोती के दाने की तरह फिसल रही थी,,,,,,,,।


दूसरी तरफ अपने अर्ध नग्न शरीर का प्रदर्शन करते समय खेली खाई कमला चाची जो की बहू वाली हो गई थी फिर राजू के सामने इस अवस्था में उसके तन बदन में अजीब सी हलचल हो रही थी,,, एक अजीब सा सुख उसे प्राप्त हो रहा था,,, राजू कोवह इस समय मौके को देखते हुए अपना सब कुछ दिखा देना चाहती थी लेकिन वो जानती थी कि उसकी बहू घर में मौजूद है और ऐसा करना ठीक नहीं है लेकिन फिर भी वह अपनी खूबसूरती बदन के आकर्षण के केंद्र बिंदु को राजू को दिखाकर उसे धराशाई कर देना चाहती थी ताकि वह जब उसे बुलाए तो वह खींचा चला आए इसीलिए वह,,,,कुछ ऐसा कर देना चाहती थी जिसकी शायद राजू को उम्मीद भी नहीं थी लेकिन कैसे वह भी पहुंच कशमकश में थी बाल्टी भर जाने के बावजूद भी वह नल चला रही थी,, और राजू जैसे कि सब कुछ भूल चुका हूं उस तरह से दरवाजे पर ठिठक कर खड़ा रह गया था वह भी काफी देर से कमला चाची के बदन के खूबसूरत भूगोल को अपनी आंखों से नाप रहा था,,,,।

कमला चाची जानती थी कि किसी भी वक्त कमरे से बाहर उसकी बहू आ जाएगी और उसकी मौजूदगी में वह ऐसा कुछ कर नहीं सकती थी इसीलिए जल्द से जल्द अपने वतन की झलक राखी को दिखा देना चाहती थी हालांकि आधा नंगा बदन पीछे से उसका नजर आ ही रहा था और पेटीकोट पानी में पूरी तरह से गीली होने की वजह से बदन का कटाव भी साफ तौर पर नजर आ रहा था लेकिन कपड़ों में और नंगे पर में जमीन आसमान का फर्क होता है वह जानती थी कि राजू अगर उसके नंगे बदन को देखेगा तो और ज्यादा उत्तेजित और उत्सुक हो जाएगा और वह खुद काफी उत्सुक थी अपनी हरकत को अंजाम देने के लिए,,,,, इसलिए वह पेटिकोट को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर हल्के से उसे झाड़ने के बहाने कमर तक उठा‌दी और तुरंत उसे नीचे करते हुए बोली,,,।,,

आ गया तू दरवाजा तो बंद कर दे ,,,,(और ऐसा कहते हुए नीचे बैठ गई,,, लेकिन इतने से ही राजू के होश उड़ गए थे राजू को कमला चाची की गोरी गोरी बड़ी गांड के दर्शन हो चुके थे,, पल भर के लिए ही एक झलक भर थी लेकिन राजू के लिए इतना काफी है जवान हो रहा राजू कमला चाची की नंगी गांड को देखकर पूरी तरह से उत्तेजित हो चुका था और उसकी उत्तेजना उसकी दोनों टांगों के बीच पजामे में साफ झलक रही थी,,,,,,, कमला चाची की गांड को नजर भर कर देखना चाहता था,,। लेकिन ऐसा हो नहीं पाया बस झलक भर देख पाया था लेकिन फिर भी यह राजू के लिए बहुत था उसके कोमल मन पर कमला चाची की नंगी गांड भारी पड़ रही थी,,,। राजू अभी भी पूरी तरह से मदहोशी में था होश उसे बिल्कुल भी नहीं था,,,,,, किसी भी प्रकार का जवाब ना आता देखकर कमला चाची पीछे नजर घुमाकर देखी तो अभी भी राजू आश्चर्य से आंखें फाड़े उसे देख रहा था तो यह देखकर कमला चाची के होठों पर मुस्कान तैरने लगी,,,।)

अरे राजू ऐसे क्या देख रहा है दरवाजा तो बंद कर दे,,,
(कमला चाची की आवाज सुनकर जैसे वह होश में आया हो इस तरह से लड़खड़ा दरवाजा बंद किया और वापस उसी जगह पर खड़ा होकर कमला चाची को देखने लगा,,, तो फिर कमला चाची बोली,,)


अरे मेरे पीछे मत खड़ा रे,,,, सामने जो लोटा पड़ा है ना लाकर मुझे दे,,, नहाना है,,,,
(कमला चाची जानबूझकर उसे लौटा लाने के लिए बोली थी क्योंकि कमला चाची उसे अपना बदन आगे से दिखाना चाहती थी,,,पीछे से जलवा दिख कर उसे पूरी तरह से मंत्रमुग्ध कर चुकी थी अब आगे का जलवा दिखा कर उसे पूरी तरह से धराशाई करना चाहती थी,,,,,, पानी में भीग कर भी कमला चाची की बुर राजू को अपने बदन का जलवा दिखाते हुए गीली हो रही थी,,,,,, राजू तुरंत आगे की तरफ जा कर लौटा उठा लिया और कमला चाची को थमाने लगा,,, लेकिन कमला चाची के पास पहुंचते ही राजू का दिल और जोरो से धड़कने लगा,,, क्योंकि राजू को लोटा लेकर आने से पहले ही कमला चाची अपने पेटिकोट की दूरी को छातियों पर से थोड़ी ढीली कर चुकी थी जिससे उसकी खरबूजे जैसी बड़ी-बड़ी चूचियां आधे से ज्यादा पेटिकोट के बीच से नजर आ रही थी और उस पर नजर पड़ते ही राजू के होश उड़ गए,,,, राजू कमला चाची को लौटा उसके हाथ में थमाते हुए उसकी भारी-भरकम गोलाकार चुचीयों को ही देख रहा था और यह बात कमला चाची से छिपी नहीं रह सकी वह राजू की नजरों को देखकर समझ गई थी कि उसकी नजर उसकी चुचियों पर है और अपनी युक्ति काम आते ही उसका मन हर्षोल्लास से भर उठा,,,,,,, और कमला चाची की नजर उसके पजामे पर पड़ी तो उसकी बुर फुदकने लगी,,,,,,,, उसके पजामे में अच्छा खासा तंबू बना हुआ था जिसे देखकर कमला चाची समझ गई थी कि पजामे के अंदर घमासान मचाने वाला औजार हैं,,,,। राजू पूरी तरह से मंत्रमुग्ध और मदहोश हो चुका था पेटिकोट की डोरी के बीच वाली खुली जगह के बीचो बीच में से ऐसा लग रहा था कि मानो एक साथ दो दो चंद्रमा अपनी अर्ध कला दिखा रहे हो,,, हालांकि चुचियों के निप्पल पेटिकोट की आड़ में छुपी हुई थी लेकिन फिर भी उसकी नुकीली नोक पेटीकोट के भीगे होने की वजह से साफ उपसी हुई नजर आ रही थी,,,,।

कमला चाची अंदर ही अंदर बेहद खुश और उत्तेजित हुए जा रही थी कमला चाची मन ही मन यह चाह रही थी कि राजू की नजर से दोनों के पीछे की तरफ जाए जहां पर वह खुद अपने हाथों से पेटीकोट उठाकर अपनी बुर को नंगी छोड़ रखी थी ताकि राजू को उसकी बुर अच्छे से नजर आए,,,,,,, और वह बाल्टी में से लोटा भर भर कर अपने ऊपर डालने लगी,,,, लेकिन राजू अभी भी उसकी चूचियों की तरफ देख रहा था,,, और अपने ऊपर पानी डालते हुए कमला चाची अपने मन में ही बड़बड़ा रही थी कि,,,, ऊपर क्या देखता है हरामजादे नीचे देख तुझे और मजा आएगा,,,,,,,, लेकिन जब कमला चाची की खुद की नजर अपनी दोनों टांगों के बीच गई तो वहनिराश हो गई पानी डालने की वजह से उसका पेटीकोट वापस सरक कर उसकी दोनों टांगो के बीच की उस पतली दरार वाली जगह को छुपा दिया था,,,,, जिसे दिखाने के लिए कमला चाची इतना तर कट रची थी,,,, लेकिन जो कुछ भी दिख रहा था राजू के लिए उत्तेजना से भरपूर था वह रह रह कर अपनी नजर को कमला चाची के दोनों टांगों के बीच भी डाल देता था जहां पर दोनों टांगों के बीच उसे पेटीकोट का कपड़ा ढका हुआ नजर आ रहा था जो निराशा कमला चाची को हाथ लगी थी वही निराशा राजू को भी महसूस हो रही थी क्योंकि एक लड़का और वह भी जवान होने के नाते उसे इतना तो पता ही था कि औरत की दोनों टांगों के बीच खास चीज होती है जिसके लिए लड़के पागल रहते हैं,,,,,

कमला चाची वापस किसी बहाने से अपने पेटिकोट को उठाकर अपनी बुर दिखाना चाहती थी और इसके लिए वह अपनी पूरी तैयारी भी कर चुकी थी,,,, और राजू को एक बहाने से नल चलाने के लिए बोल भी दी थी,, और राजू भी नल चलाने लगा था,,,लेकिन कमला चाची अपनी हरकत को अंजाम देती है इससे पहले ही अंदर कमरे में से उसकी करो बाहर निकल कर और कमला चाची के साड़ी को हाथों में लिए बाहर आई और बोली,,,)


माजी आप जल्दी से नहा लो कपड़ों को वैसे ही छोड़ देना मैं धो दूंगी,,,,,(ऐसा कहते हुए कमला चाची की बहू खटिया पर साड़ी रख दी,,, और खड़ी हो गई और राजू की तरफ देखने लगी जो कि नल चला रहा था,,, और वह बोली,,)


यह कौन है मा जी,,,?


अरे रमा बहु अपने हरिया का लड़का है राजू बहुत ही सीधा साधा है,,, जा जाकर इसके लिए,,,,, गुड़ और पानी ले आ,,,।


नहीं नहीं चाची इसकी क्या जरूरत है,,,, नमस्ते भाभी (कमला चाची की बहू रमा को हाथ जोड़ते हुए) आप रहने दीजिए भाभी इसकी जरूरत नहीं है,,,,)


अरे कैसी बात कर रहे हो पहली बार इधर आए हो,,,, बैठो मैं पानी लेकर आती हूं,,,(इतना कहकर कमला चाची की बहू अंदर कमरे में पानी और गुड़ लेने चली गई लेकिन कमला चाची का मन उदास हो क्या आज वह राजू को अपनी बुर दिखा देना चाहती थी लेकिन ऐसा हो नहीं पाया लेकिन इस बात की तसल्ली उसे अच्छी तरह से थी कि राजू अब उसके नंगे बदन को देख कर मदहोश हो चुका था,,, इस उमर में उसके लिए यही काफी था,,,, राजू खटिया पर जाकर बैठ गया था लेकिन फिर भी वह कमला चाची को चोर नजरों से देख ले रहा था और यह देखकर कमला चाची को भी अच्छा लग रहा था,,,,, औरत की खूबसूरत नंगे बदन को देख कर पहली बार उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर जागरूक हुई थी,,,, इसलिए उसे अपने तन बदन में उत्तेजना की लहर की यह हलचल बहुत ही सुखदाई लग रही थी,,,। कमला चाची के पास अपना बदन दिखाने का मौका बिल्कुल भी नहीं था थोड़ी ही देर में रामा एक कटोरी में गुड़ का टुकड़ा और हाथ में गिलास दिए हुए बाहर आ गई और राजू तो हम आने लगी राजू गुड़ का एक टुकड़ा खाकर रमा के हाथों से पानी का गिलास लेने लगा तो अनजाने में ही उसकी उंगली रमा की नाजुक उंगलियों से रगड़ खा गई,,, और यह रगड़ राजू के तन बदन में उत्तेजना की लहर पैदा कर गई और यह हलचल रमा को भी अपने बदन में महसूस हुई,,रामु का भोलापन और उसका मासूम चेहरा रमा को भा गया था,,,।


अब ज्यादा देर तक वहां बैठे रहना राजू के लिए उचित नहीं था इसलिए वह कमला चाची की और उसकी बहू को नमस्ते कहकर घर से बाहर आ गया,,,,लेकिन जो नजारा उसने अपनी आंखों से देखा था उसे तेरी कसम उसकी दोनों टांगों के बीच की हल-चल अभी भी शांत नहीं हुई थी,,,

गांव में इधर-उधर घूम कर वह अपने मन को शांत करने की कोशिश करने लगा और थोड़ी ही देर में खेलकूद के चक्कर में वह कुछ देर पहले की बात को भूल चुका था,,,।
maja aa gaya keep it up
 
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Game888

Hum hai rahi pyar ke
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अपनी इस बैलगाड़ी को अपडेट से आंखों भाई, ताकि कहानी आगे बढ़ सके
 

hotshot

The things you own, end up owning you
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देखते ही देखते कई दिन गुजर गए थे श्याम अब राजू से उसकी मर्दानगी के बारे में मजाक नहीं गाया करता था बल्कि उसकी मर्दानगी भरे अंग को देखकर मन ही मन में जल उठता था क्योंकि वह जानता था कि औरतों को लंबा और मोटा लंड ही पसंद होता है,,,,,, इस बात को वहां भली भांति जानता था कि कमला चाची को लेकर जिस तरह से उस पर कब किया कर रहा था अगर वह कमला चाची के पास चला गया तो कमला चाची उसे लेकर मस्त हो जाएगी कि वह तो राजू की गुलाम ही बन जाएगी इसलिए वह नहीं चाहता था की कमला चाची राजू के साथ संभोग करें,,,,,,
श्याम के साथ-साथ दूसरे लड़के भी राजू के लंड को देखकर अचंभित हो चुके थे,,,,, वह लोग तो मजाक मजाक में श्याम को कह भी देते थे कि,,,।

श्याम उसकी तो तो उसकी बात पर पहुंचता है ना अगर सोच अगर ऐसा हो गया कि सच में उसे मौका मिले तेरी मां को चोदने का तो तेरी मां उसकी दीवानी हो जाएगी,,,
(और अपनी मां के बारे में अपनी ही दोस्तों से इस तरह की गंदी बात सुनकर भड़क ऊठता था और झगड़ा करने लगता था,,,,,,दूसरी तरफ सोने की भी हालत खराब थी दिन-रात ना उसके ख्यालों में केवल राजू के लंड की ही छवि घूमती रहती थी सोनी जल्द से जल्द राजू से मुलाकात करना चाहती थी,,, क्योंकि सोनी अभी पूरी तरह से जवान थी गदराई जवानी की मालकिन थी हरी भरी जवानी में ही उसका पति उसे छोड़कर स्वर्ग सिधार गया था अपनी जवानी की आग और अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए उसे अपने भाई की शरण लेना पड़ा था जहां से उसकी सारी जरूरतें पूरी भी हो रही थी,,,, पेट की भी और तन की भी लाला भी कोई कसर नहीं छोड़ता था सोनी को चोदने का,,,ऐसा नहीं था कि लाना से उसे संतुष्टि नहीं मिलती थी ,,, लाला चुदाई में उसे संपूर्ण संतुष्टि का अहसास कराता था,,,, लेकिन फिर भी सोने की उम्र में एक जवान लंड की जरूरत होती है राजू के लंबे तगड़े मोटे लंबे लंड को देखकर सोनी की इच्छा कुछ ज्यादा ही प्रज्वलित हो चुकी थी,,, जो कि राजू से मिलने के बाद ही मुझे सकती थी लेकिन उससे कैसे मिला जाए सोनी को समझ में नहीं आ रहा था,,, तभी उसे ख्याल आया कि वैसे भी वह समय व्यतीत करने के लिए गांव के लड़के और लड़कियों को पढ़ाया करती थी,,,।अपने मन में सोचने लगी कि क्यों ना राजू को भी पढ़ने के लिए अपने पास बुलाया जाए,,,अगर ऐसा हो गया तो उसके मन की इच्छा पूरी हो जाएगी,,,। लेकिन ऐसा होगा कैसे क्या वह पढ़ने आएगा यह बात उसके मन में आते ही वह परेशान हो गई थी,,,, लेकिन कुछ तो उपाय सोचना पड़ेगा और अपने मन में एक दिन जरूर राजू के घर जाकर उसे पढ़ने के लिए अपने घर बुलाएगी,,, यह बात मन में सोचते ही उसके खूबसूरत होठों पर मादक मुस्कान तैरने लगी,,,

दूसरी तरफ हरिया और उसका साथी बेरोकटोक स्टेशन के अंदर घुसकर सवारी ढो रहे थे जिससे उसकी आमदनी अच्छी खासी बढ़ गई थी,,,,, लेकिन दिन रात उसके जेहन में एक ही सवाल उठता रहता था कि लाला के घर में लाला के साथ नंगी होकर चुदवाने वाली औरत कौन थी,,,।,,, यही सवाल सोच सोच कर वह बीड़ी पर बीड़ी फुंकता जा रहा था जिससे उसकी खांसी भी बढने लगी थी,,,,,,,

मधु की जिंदगी बड़े अच्छे से कट रही थी,,, अपनी घरेलू और संस्कारी जीवन में अभी तक उसने आकर्षण और वासना की गंदगी आने नहीं दी थी इसीलिए तो वह अपने पति के साथ बहुत खुश थी,,,,,,,,,


ऐसे ही एक दिन राजू दोपहर के समय गांव में इधर उधर भटक रहा था कि तभी कमला चाची के घर से गुजरने को हुआ तो उसे ख्याल आया कि क्यों नहीं पर कमला चाची से मिल लिया जाए,,,क्योंकि वैसे भी कमला चाची उसे एक बार मिलने के लिए बोली ही थी,,,,,, राजू कमला चाची के घर के दरवाजे के पास पहुंच कर दरवाजे के बाहर से आवाज लगाता हुआ बोला,,,,।


कमला चाची,,,,,ओ,,,, कमला चाची घर पर हो कि नहीं,,,,,।
(राजू की आवाज सुनते ही कमला चाची के तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी,,,, वह घर के आंगन में नहा रही थी,,,,कमला चाची के घर का आंगन बड़ा था और खुला हुआ था और चारों तरफ से दीवार से घिरा हुआ था जिससे घर के आंगन में हेड पंप लगा था जहां पर वह नहा रही थी,,,, और वैसे भी गांव में इक्का-दुक्का लोगों के पास ही हैंडपंप था बाकी सभी लोग नदी पर ही नहाया करते थे ,,,वह अभी नहाते समय अजीब कशमकश में थी कि तभी बाहर से फिर आवाज आई,,,।)


,,, कोई बात नहीं मैं फिर कभी कमला चाची से मिल लुंगा,,, लेकिन बता जरुर देना कि मैं आया था वरना कमला चाची नाराज होंगी,,,(राजू को लगा कि कमला चाची घर पर नहीं है और उनकी बहू घर पर है जो कि जवाब नहीं दे रही है इसलिए वह ऐसा बोलकर जाने ही वाला था कि तभी अंदर से आवाज आई,,,।)


आजा दरवाजा खुला ही है,,,,,,,

(अंदर से कमला चाची की आवाज सुनते ही राजू को इत्मीनान हुआ और वह दरवाजे को हल्का सा धक्का देकर अंदर प्रवेश कर गया लेकिन अंदर प्रवेश करते ही आंगन में बने हेड पंप चला रही कमला चाची पर नजर पड़ते ही राजू के तो होश उड़ गए,,,,,, क्या करें आंखों के सामने का नजारा ही कुछ ऐसा था कमला चाची की पीठ राजू की तरफ से जो कि वह जानबूझकर खड़ी हो गई थी राजू के आने के पहले वह बैठकर ही ना रहे थे और इसलिए खड़ी हुई थी कि राजू को उसकी बड़ी-बड़ी कारण बराबर दिखाई दे जो कि इस समय पानी में भीगने की वजह से उसका पेटीकोट जो कि वह सारे कपड़े उतार कर केवल पेटीकोट को अपनी दोनों चुचियों पर लपेट कर उसकी डोरी से बात करते हुए थी और पानी में भीगने की वजह से वह पूरी तरह से उसके गोरे बदन पर चिपक गया था और इसीलिए पानी में भीगी पेटीकोट बदन पर चिपकने की वजह से उसकी भारी-भरकम गांड एकदम साफ तौर पर अपना भूगोल लिए हुए नजर आ रही थी,,,। राजू तो बस देखता ही रह गया,,,, और कमला चाची जानबूझकर उसी अंदाज में हेडपंप चलाते हुए अपनी भारी-भरकम गांड को थिरका रही थी जिसकी थीरकन पर राजू के तन बदन में अजीब सी हलचल हो रही थी,,,,,,

कमला चाची अच्छी तरह से जान रही थी कि जिस तरह से मारपीट दरवाजे की तरफ की है खड़ी हो कर काम चला रही थी ऐसे में राजू की नजर उस की भारी-भरकम खान पर जरूर करेगी और यही निश्चित करने के लिए वह अपनी नजर पीछे घुमा कर देखी तो उसके होठों पर काम अब मुस्कान तैरने लगी वाकई में राजू की नजर अपनी गांड पर घूमती हुई पाकर वह उत्तेजित हुए जा रही थी,,, अपनी चूचियों पर पेटीकोट चढ़ाकर बांधने की वजह से पेटिकोट उसकी मोटी मोटी जांघों को बिल्कुल भी ढक पाने पर असमर्थ थी जिसकी वजह से राजू को,, कमला चाची की मोटी मोटी गोरी जाम है एकदम साफ नजर आ रही थी और यह राजू के लिए पहला मौका था जब औरत को इस अवस्था में देख रहा था,,,,पहली बार राजु ने एक औरत की मोटी जांघों को देख रहा था और पहली बार यह एहसास हुआ कि औरत की जांघें कितनी खूबसूरत होती है,,,,,,, जिस पर पानी की बूंदे मोती के दाने की तरह फिसल रही थी,,,,,,,,।


दूसरी तरफ अपने अर्ध नग्न शरीर का प्रदर्शन करते समय खेली खाई कमला चाची जो की बहू वाली हो गई थी फिर राजू के सामने इस अवस्था में उसके तन बदन में अजीब सी हलचल हो रही थी,,, एक अजीब सा सुख उसे प्राप्त हो रहा था,,, राजू कोवह इस समय मौके को देखते हुए अपना सब कुछ दिखा देना चाहती थी लेकिन वो जानती थी कि उसकी बहू घर में मौजूद है और ऐसा करना ठीक नहीं है लेकिन फिर भी वह अपनी खूबसूरती बदन के आकर्षण के केंद्र बिंदु को राजू को दिखाकर उसे धराशाई कर देना चाहती थी ताकि वह जब उसे बुलाए तो वह खींचा चला आए इसीलिए वह,,,,कुछ ऐसा कर देना चाहती थी जिसकी शायद राजू को उम्मीद भी नहीं थी लेकिन कैसे वह भी पहुंच कशमकश में थी बाल्टी भर जाने के बावजूद भी वह नल चला रही थी,, और राजू जैसे कि सब कुछ भूल चुका हूं उस तरह से दरवाजे पर ठिठक कर खड़ा रह गया था वह भी काफी देर से कमला चाची के बदन के खूबसूरत भूगोल को अपनी आंखों से नाप रहा था,,,,।

कमला चाची जानती थी कि किसी भी वक्त कमरे से बाहर उसकी बहू आ जाएगी और उसकी मौजूदगी में वह ऐसा कुछ कर नहीं सकती थी इसीलिए जल्द से जल्द अपने वतन की झलक राखी को दिखा देना चाहती थी हालांकि आधा नंगा बदन पीछे से उसका नजर आ ही रहा था और पेटीकोट पानी में पूरी तरह से गीली होने की वजह से बदन का कटाव भी साफ तौर पर नजर आ रहा था लेकिन कपड़ों में और नंगे पर में जमीन आसमान का फर्क होता है वह जानती थी कि राजू अगर उसके नंगे बदन को देखेगा तो और ज्यादा उत्तेजित और उत्सुक हो जाएगा और वह खुद काफी उत्सुक थी अपनी हरकत को अंजाम देने के लिए,,,,, इसलिए वह पेटिकोट को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर हल्के से उसे झाड़ने के बहाने कमर तक उठा‌दी और तुरंत उसे नीचे करते हुए बोली,,,।,,

आ गया तू दरवाजा तो बंद कर दे ,,,,(और ऐसा कहते हुए नीचे बैठ गई,,, लेकिन इतने से ही राजू के होश उड़ गए थे राजू को कमला चाची की गोरी गोरी बड़ी गांड के दर्शन हो चुके थे,, पल भर के लिए ही एक झलक भर थी लेकिन राजू के लिए इतना काफी है जवान हो रहा राजू कमला चाची की नंगी गांड को देखकर पूरी तरह से उत्तेजित हो चुका था और उसकी उत्तेजना उसकी दोनों टांगों के बीच पजामे में साफ झलक रही थी,,,,,,, कमला चाची की गांड को नजर भर कर देखना चाहता था,,। लेकिन ऐसा हो नहीं पाया बस झलक भर देख पाया था लेकिन फिर भी यह राजू के लिए बहुत था उसके कोमल मन पर कमला चाची की नंगी गांड भारी पड़ रही थी,,,। राजू अभी भी पूरी तरह से मदहोशी में था होश उसे बिल्कुल भी नहीं था,,,,,, किसी भी प्रकार का जवाब ना आता देखकर कमला चाची पीछे नजर घुमाकर देखी तो अभी भी राजू आश्चर्य से आंखें फाड़े उसे देख रहा था तो यह देखकर कमला चाची के होठों पर मुस्कान तैरने लगी,,,।)

अरे राजू ऐसे क्या देख रहा है दरवाजा तो बंद कर दे,,,
(कमला चाची की आवाज सुनकर जैसे वह होश में आया हो इस तरह से लड़खड़ा दरवाजा बंद किया और वापस उसी जगह पर खड़ा होकर कमला चाची को देखने लगा,,, तो फिर कमला चाची बोली,,)


अरे मेरे पीछे मत खड़ा रे,,,, सामने जो लोटा पड़ा है ना लाकर मुझे दे,,, नहाना है,,,,
(कमला चाची जानबूझकर उसे लौटा लाने के लिए बोली थी क्योंकि कमला चाची उसे अपना बदन आगे से दिखाना चाहती थी,,,पीछे से जलवा दिख कर उसे पूरी तरह से मंत्रमुग्ध कर चुकी थी अब आगे का जलवा दिखा कर उसे पूरी तरह से धराशाई करना चाहती थी,,,,,, पानी में भीग कर भी कमला चाची की बुर राजू को अपने बदन का जलवा दिखाते हुए गीली हो रही थी,,,,,, राजू तुरंत आगे की तरफ जा कर लौटा उठा लिया और कमला चाची को थमाने लगा,,, लेकिन कमला चाची के पास पहुंचते ही राजू का दिल और जोरो से धड़कने लगा,,, क्योंकि राजू को लोटा लेकर आने से पहले ही कमला चाची अपने पेटिकोट की दूरी को छातियों पर से थोड़ी ढीली कर चुकी थी जिससे उसकी खरबूजे जैसी बड़ी-बड़ी चूचियां आधे से ज्यादा पेटिकोट के बीच से नजर आ रही थी और उस पर नजर पड़ते ही राजू के होश उड़ गए,,,, राजू कमला चाची को लौटा उसके हाथ में थमाते हुए उसकी भारी-भरकम गोलाकार चुचीयों को ही देख रहा था और यह बात कमला चाची से छिपी नहीं रह सकी वह राजू की नजरों को देखकर समझ गई थी कि उसकी नजर उसकी चुचियों पर है और अपनी युक्ति काम आते ही उसका मन हर्षोल्लास से भर उठा,,,,,,, और कमला चाची की नजर उसके पजामे पर पड़ी तो उसकी बुर फुदकने लगी,,,,,,,, उसके पजामे में अच्छा खासा तंबू बना हुआ था जिसे देखकर कमला चाची समझ गई थी कि पजामे के अंदर घमासान मचाने वाला औजार हैं,,,,। राजू पूरी तरह से मंत्रमुग्ध और मदहोश हो चुका था पेटिकोट की डोरी के बीच वाली खुली जगह के बीचो बीच में से ऐसा लग रहा था कि मानो एक साथ दो दो चंद्रमा अपनी अर्ध कला दिखा रहे हो,,, हालांकि चुचियों के निप्पल पेटिकोट की आड़ में छुपी हुई थी लेकिन फिर भी उसकी नुकीली नोक पेटीकोट के भीगे होने की वजह से साफ उपसी हुई नजर आ रही थी,,,,।

कमला चाची अंदर ही अंदर बेहद खुश और उत्तेजित हुए जा रही थी कमला चाची मन ही मन यह चाह रही थी कि राजू की नजर से दोनों के पीछे की तरफ जाए जहां पर वह खुद अपने हाथों से पेटीकोट उठाकर अपनी बुर को नंगी छोड़ रखी थी ताकि राजू को उसकी बुर अच्छे से नजर आए,,,,,,, और वह बाल्टी में से लोटा भर भर कर अपने ऊपर डालने लगी,,,, लेकिन राजू अभी भी उसकी चूचियों की तरफ देख रहा था,,, और अपने ऊपर पानी डालते हुए कमला चाची अपने मन में ही बड़बड़ा रही थी कि,,,, ऊपर क्या देखता है हरामजादे नीचे देख तुझे और मजा आएगा,,,,,,,, लेकिन जब कमला चाची की खुद की नजर अपनी दोनों टांगों के बीच गई तो वहनिराश हो गई पानी डालने की वजह से उसका पेटीकोट वापस सरक कर उसकी दोनों टांगो के बीच की उस पतली दरार वाली जगह को छुपा दिया था,,,,, जिसे दिखाने के लिए कमला चाची इतना तर कट रची थी,,,, लेकिन जो कुछ भी दिख रहा था राजू के लिए उत्तेजना से भरपूर था वह रह रह कर अपनी नजर को कमला चाची के दोनों टांगों के बीच भी डाल देता था जहां पर दोनों टांगों के बीच उसे पेटीकोट का कपड़ा ढका हुआ नजर आ रहा था जो निराशा कमला चाची को हाथ लगी थी वही निराशा राजू को भी महसूस हो रही थी क्योंकि एक लड़का और वह भी जवान होने के नाते उसे इतना तो पता ही था कि औरत की दोनों टांगों के बीच खास चीज होती है जिसके लिए लड़के पागल रहते हैं,,,,,

कमला चाची वापस किसी बहाने से अपने पेटिकोट को उठाकर अपनी बुर दिखाना चाहती थी और इसके लिए वह अपनी पूरी तैयारी भी कर चुकी थी,,,, और राजू को एक बहाने से नल चलाने के लिए बोल भी दी थी,, और राजू भी नल चलाने लगा था,,,लेकिन कमला चाची अपनी हरकत को अंजाम देती है इससे पहले ही अंदर कमरे में से उसकी करो बाहर निकल कर और कमला चाची के साड़ी को हाथों में लिए बाहर आई और बोली,,,)


माजी आप जल्दी से नहा लो कपड़ों को वैसे ही छोड़ देना मैं धो दूंगी,,,,,(ऐसा कहते हुए कमला चाची की बहू खटिया पर साड़ी रख दी,,, और खड़ी हो गई और राजू की तरफ देखने लगी जो कि नल चला रहा था,,, और वह बोली,,)


यह कौन है मा जी,,,?


अरे रमा बहु अपने हरिया का लड़का है राजू बहुत ही सीधा साधा है,,, जा जाकर इसके लिए,,,,, गुड़ और पानी ले आ,,,।


नहीं नहीं चाची इसकी क्या जरूरत है,,,, नमस्ते भाभी (कमला चाची की बहू रमा को हाथ जोड़ते हुए) आप रहने दीजिए भाभी इसकी जरूरत नहीं है,,,,)


अरे कैसी बात कर रहे हो पहली बार इधर आए हो,,,, बैठो मैं पानी लेकर आती हूं,,,(इतना कहकर कमला चाची की बहू अंदर कमरे में पानी और गुड़ लेने चली गई लेकिन कमला चाची का मन उदास हो क्या आज वह राजू को अपनी बुर दिखा देना चाहती थी लेकिन ऐसा हो नहीं पाया लेकिन इस बात की तसल्ली उसे अच्छी तरह से थी कि राजू अब उसके नंगे बदन को देख कर मदहोश हो चुका था,,, इस उमर में उसके लिए यही काफी था,,,, राजू खटिया पर जाकर बैठ गया था लेकिन फिर भी वह कमला चाची को चोर नजरों से देख ले रहा था और यह देखकर कमला चाची को भी अच्छा लग रहा था,,,,, औरत की खूबसूरत नंगे बदन को देख कर पहली बार उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर जागरूक हुई थी,,,, इसलिए उसे अपने तन बदन में उत्तेजना की लहर की यह हलचल बहुत ही सुखदाई लग रही थी,,,। कमला चाची के पास अपना बदन दिखाने का मौका बिल्कुल भी नहीं था थोड़ी ही देर में रामा एक कटोरी में गुड़ का टुकड़ा और हाथ में गिलास दिए हुए बाहर आ गई और राजू तो हम आने लगी राजू गुड़ का एक टुकड़ा खाकर रमा के हाथों से पानी का गिलास लेने लगा तो अनजाने में ही उसकी उंगली रमा की नाजुक उंगलियों से रगड़ खा गई,,, और यह रगड़ राजू के तन बदन में उत्तेजना की लहर पैदा कर गई और यह हलचल रमा को भी अपने बदन में महसूस हुई,,रामु का भोलापन और उसका मासूम चेहरा रमा को भा गया था,,,।


अब ज्यादा देर तक वहां बैठे रहना राजू के लिए उचित नहीं था इसलिए वह कमला चाची की और उसकी बहू को नमस्ते कहकर घर से बाहर आ गया,,,,लेकिन जो नजारा उसने अपनी आंखों से देखा था उसे तेरी कसम उसकी दोनों टांगों के बीच की हल-चल अभी भी शांत नहीं हुई थी,,,

गांव में इधर-उधर घूम कर वह अपने मन को शांत करने की कोशिश करने लगा और थोड़ी ही देर में खेलकूद के चक्कर में वह कुछ देर पहले की बात को भूल चुका था,,,।
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