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Incest बैलगाड़ी,,,,,

Ek number

Well-Known Member
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कमला चाची का दिल जोरों से धड़क रहा था उन्हें इस बात का डर था कि कहीं उसकी बहू ने सब कुछ देख तो नहीं लिया लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था करना चाहती की बहू रमा उसे ढूंढते हुए खेतों के बीच पहुंच तो गई थी लेकिन वह अपनी आंखों से ऐसा कुछ भी नहीं देखी थी जिससे उसके मन में शंका हो,,,,, अपनी बहू रमा की आवाज सुनते ही कमला चाची अपनी शाडी को तुरंत नीचे गिरा कर खुद भी काम करने लग गई थी और राजू को भी काम करने के लिए बोल दी थी राजू भाई मौके की नजाकत को समझते हुए तुरंत उसी तरह से काम करने लगा था जैसा कि एक इंसान खेतों में काम करता है हालांकि जिस तरह का दृश्य अपनी आंखों से देखा था उसके चलते उसके लंड की हालत बिल्कुल खराब हो रही थी,,, राजू को अपने लंड में दर्द महसूस हो रहा था। राजू अक्सर खेतों में काम करने के लिए जाया करता था लेकिन जिंदगी में पहली बार खेतों में काम करते हुए राजू ने अपनी आंखों से इतने सुहावने दृश्य को अपनी आंखों से देखा था,,,। राजू के साथ-साथ कमला चाची की भी सांसे बड़ी तेजी से चल रही थी उसे अपनी बहू रामा पर गुस्सा आ रहा था कि ऐन मौके पर वह आ गई वरना आज वह राजू के साथ अपने मन की कर लेती कमला चाची उसी तरह से नीचे झुककर घास उखाडते हुए बोली,,,।

तू क्यों इधर आ गई बहु,,,,?


आपके लिए खाना लेकर आई थी माजी,,,


अरे मैं वापस घर आ कर खा लेती यहां लेकर आने की क्या जरूरत थी,,,


मुझे लगा कि आप नाराज हो कर चली गई हो इसलिए मैं लेकर आ गई,,,


नहीं रे ऐसी कोई बात नहीं है बस थोड़ा सा काम था इसलिए आ गई,,,,( कमला चाची उसी तरह से अपना काम करते हुए बोली दूसरी तरफ रमा भले ही अपने सांसों से बात कर रहे थे लेकिन उसकी नजर राजू की तरफ थी,,, राजू का भोलापन उसे एकदम भा गया था,,, एक तरह से वह उसे मन ही मन में पसंद करने लगी थी,,,)


अच्छा छोड़िए माजी यह सब पहले खाना खा लीजिए,,,


नहीं अभी नहीं खाऊंगी तू रख कर जा यहां से खेतों का काम पूरा होते ही मैं खाना खा लूंगी,,,( कमला चाची किसी भी तरह से अपनी बाबू को वहां से भगाना चाहती थी क्योंकि रंग में भंग वह पहले ही डाल चुकी थी अगर आज का मौका उसके हाथ से निकल गया तो ना जाने कब ऐसा मौका हाथ लगेगा इसलिए वह अपनी बहू को वहां से चले जाने के लिए बोल रही थी ताकि उसके जाते ही वह अपनी रासलीला को एक बार फिर से शुरू कर सकें,,,)


नही माजी पहले आप खाना खा लीजिए तो मैं चली जाती हूं वरना मुझे ऐसा ही लगा कि आप नाराज हैं,,,( रमा बात तो अपनी सास से कर रही थी लेकिन वह देख राजु को रही थी क्योंकि उसे इस तरह से देखना भी उसे अच्छा लग रहा था,,)


नहीं नहीं तू जा यहां से,,, धूप तेज होने वाली है और तू घर खुला छोड़ कर आई है,,,,,,, घर इस तरह से छोड़कर नहीं आना चाहिए था जा जल्दी चोरों उचक्कों का भरोसा नहीं होता वह.लोग ऐसे ही मौके की तलाश में लगे रहते हैं,,,,। जा अब यहां रुक मत,,,


ठीक है माजी मैं जा रही हूं लेकिन खाना खा लेना और राजू तुम भी खाना खा लेना,,,,


ठीक है भाभी मैं भी खा लूंगा,,,,

( राजू भी काम रोक कर उसकी तरफ देख कर मुस्कुराते हुए बोला जवाब में वह भी राजू को देख कर मुस्कुरा दी और वहां से चलती बनी,,, कमला चाची वहीं खड़ी होकर उसे जाते हुए देखती रही और जब तक वह आंखों से ओझल नहीं हो गई तब तक वह उसे ही देखती रही जैसे ही वह आंखों से ओझल हुई तो उसकी जान में जान आई,,,)

बाप रे आज तो बाल बाल बचे अगर उसकी नजर पड़ जाती तो न जाने क्या हो जाता,,,


सही कह रही हो चाची,,,,( राजू की कमला चाची के सुर में सुर मिलाते हुए बोला वैसे रमा के आ जाने से उसे भी अच्छा नहीं लगा था क्योंकि बेहद खूबसूरत नजारा जो उसके सामने चल रहा था वह कमला चाची की तरफ देखते हुए बोला)


अब तो ठीक है ना चाची,,,,?


तुझे क्या लगता है ठीक हो गया है अभी भी वैसे ही तकलीफ है मेरी बुर में जलन हो रही है,,, ऐसा लगता है कि जैसे एकदम अंदर घुस गई है और वहां काट रही है,,,,( कमला चाची जानबूझकर साड़ी के ऊपर से अपनी बुर को खुजाते हुए बोली,,, कमला चाची की हरकत को देखकर राजू के पजामे में फिर से हरकत होने लगी,,,,)

तो क्या करोगी चाची मुझे तो नहीं लगता कि मेरी उंगली से काम बन पाएगा,,,


हां तु सच कह रहा है मेरी बुर के अंदर तेरी उंगली छोटी पड़ रही है,,,( कमला चाची मादकता भरी गहरी सांस लेते हुए बोली,,, और राजू कमला चाची के मुंह से बार-बार बुर शब्द सुनकर मदहोश हुआ जा रहा था,,, राजू फिर से कमला चाची की बुर में अपनी उंगली पेलना चाहता था क्योंकि उसे ऐसा करने में बहुत मजा आ रहा था,,, लेकिन अपने मन से खुले शब्दों में कहने में उसे शर्म आ रही थी कमला चाची की बात सुनकर राजू बोला,,,)

तो फिर अब क्या करोगी चाची,,,,,( राजू कुतूहल भरी नजरों से कमला चाची की तरफ देखते हूए बोला,,, कमला चाची का भी दिल जोरों से धड़क रहा था एक बार फिर से उनके तन बदन में उमंग जागने लगी क्योंकि राजु के लंड से ना सही उसकी ऊंगली से उसकी बुर पानी पानी हो गई थी,,।)

आहहहहह,,, मुझे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करु,,, मेरी बुर में बहुत ज्यादा जलन हो रही है,,,( कमला चाची उसी तरह से अपनी बुर को साड़ी के ऊपर से मसलते हुज बोली,,,)

एक काम करो चाची पेशाब कर लो हो सकता है पेशाब की धार के साथ चींटी भी बाहर निकल जाए,,,( राजू कुछ देर तक सोचते हुए बोला,,,, राजु की बात सुनते ही कमला चाची का दिल जोरो से धड़कने लगा क्योंकि जो वह बात कह रहा था उसके बारे में कमला चाची भी नहीं सोची थी और ऐसा करने में शायद उसका काम बन सकता था एक अनजान जवान लड़के के सामने पेशाब करने में उसके तन बदन में कैसी हलचल होती है यह भी कमला चाची देखना चाहती थी उसे पूरा यकीन था कि उसे पेशाब करता हुआ देख कर राजू के तन बदन में आग लग जाएगी और वह चुदवासा हो जाएगा,,,)

क्या इससे काम बन जाएगा,,,


क्यों नहीं चाची जरूर बन जाएगा,,,,( पेशाब करने वाली बात कहकर राजू के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी थी जिससे एक बार फिर से उसके पजामे में तंबू बनना शुरू हो गया था और तंबु को देखकर कमला चाची की हालत खराब हो रही थी,,, दोनों तो तन बदन में उत्तेजना अपना असर दिखा रहा था कमला चाची राजू की बात सुनकर उत्सुक हो गई थी पेशाब करने के लिए इसलिए वह तुरंत,, खेत के किनारे आगे बढ़ते हुए बोली,,,)


तु कहता है तो यह भी कर के देख लेती हूं,,,( इतना कहते हुए कमला चाची खेत के किनारे पहुंच गई और राजू का दिल जोरो से धड़कने लगा कमला चाची राजू की तरफ देखते हुए धीरे-धीरे अपनी साड़ी को ऊपर की तरफ उठाने लगी कमला चाची अपनी चूची के साथ-साथ राजू को अपनी बुर के दर्शन करवा चुकी थी केवल अपनी नंगी गांड अभी तक पूरी तरह से नंगी नहीं दिखाई थी इसलिए वह इस बार राजू की तरफ अपनी पीठ करके खड़ी हो गई थी,,, धीरे-धीरे अपनी साड़ी को ऊपर उठा रही थी राजू का दिल जोरों से धड़क रहा था और देखते ही देखते कमला चाची अपनी साड़ी को कमर तक उठा दी और राजू की आंखों के सामने कमला चाची की बड़ी-बड़ी एकदम गोरी गांड चमक उठी,,,, सुनहरी धूप में कमला चाची की गोरी गांड सोने के आभूषण की तरह चमक रही थी जिसे देखकर राजू का लंड पूरी तरह से अकड़ गया,,,, कमला चाची की बड़ी-बड़ी गाड देख कर.राजु की.हालत खराब हो गई,,,, राजू पहली बार किसी औरत की नंगी गांड को देख रहा था हालांकि उसने औरतों की बुर को दो बार देख चुका था लेकिन अभी तक उनकी मदमस्त कर देने वाली गांड के दर्शन नहीं हुए थे और वह भी कमला चाची ने अपनी साड़ी कमर तक उठाकर अपनी गांड के दर्शन करवा दी थी,,,,, पल-पल राजू की हालत खराब हो रही थी और जिस तरह से कमला चाची अपनी पीठ राजू की तरफ करके अपनी साड़ी कमर तक उठा कर रखे हुए थी,,, उसे अच्छी तरह से मालूम था कि उसकी बड़ी बड़ी गांड राजू को साफ दिखाई दे रही होगी और वहां यही देखना चाहती थी कि उसकी नंगी गांड देखकर राज्यों के हाव-भाव पर क्या असर होता है,,, अभी देखने के लिए वह अपनी साड़ी कमर तक उठाए हुए पीछे नजर करके राजू की तरफ देखे तो वह मन ही मन प्रसन्न हो गई,,, पर जानबूझकर अपनी गांड को थोड़ा मटका कर नीचे की तरफ बैठ गई,,, उसे अपनी कामुक हरकतों पर पूरा यकीन था कि राजू पूरी तरह से उसके वश में होता चला जा रहा है,,। देखते ही देखते कमला चाची राजू की आंखों के सामने पेशाब करने के लिए नीचे बैठ गई थी लेकिन उसके मन में कुछ और सुझ रहा था,,,,। वह कुछ देर तक उसी तरह से बैठी रही और पीछे खड़ा राजू अपनी आंखों के सामने कमला चाची को इस तरह से बैठकर पेशाब करते हुए देख रहा था उसका दिल जोरों से धड़क रहा था उसके दिल की धड़कन किसी इंजन की तरह चल रही थी उसे अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था क्योंकि जिंदगी में पहली बार वह अपनी आंखों से किसी औरत को पेशाब करते हुए देखने जा रहा था और वह भी बिना किसी दिक्कत के,,,, उत्तेजना के मारे उसका गला सूखता जा रहा था,,, कमला चाची की गोरी गोरी गांड उसकी आंखों की चमक बढ़ा रही थी,,,,, तभी कमला चाची बोली,,,।


आहहह राजू मुझसे पेशाब नहीं हो रहा है,,,,


क्यों चाची,,?( ऐसा कहते हुए राजू उसके करीब पहुंच गया,,,)

पता नहीं क्यों लेकिन मुझसे पेशाब नहीं हो रहा है,,,,

तो क्या होगा चाची,,,,

एक काम कर तू मेरी आंखों के सामने पेशाब कर शायद ऐसा हो सकता है कि तुझे पेशाब करता हुआ देखकर मेरी बुर से भी पेशाब निकलने लगे,,,
( कमला चाची की बातें सुनकर राजू के दिल की धड़कन बढ़ने लगी उसे समझ नहीं आता क्या करें,,)


क्या ऐसा हो सकता है चाची,,,,

हां बिल्कुल हो सकता है,,, तु जल्दी कर मेरे बुर की जलन बढ़ती जा रही है,,,,
( कमला चाची की इस तरह की बातें राजू के होश उड़ा रहे थे वह कमला चाची की बात मानने को तैयार हो गया था और उसके बगल में ही खड़ा होकर अपने पजामे को नीचे करने लगा,,, देखते ही देखते वह अपने पहचानी को नीचे करके अपना लंड बाहर निकाल दिया,,,, जिसे देखकर कमला चाची की सांस अटक गई कमला चाची ने अपनी पूरी जवानी में इस तरह का तगड़ा लंड कभी नहीं देखी थी,,, उत्तेजना के मारे और उत्सुकता के मारे उसकी बुर फूलने पिचकने लगी थी,,, कमला चाची से रहा नहीं गया और उसके मुंह से निकल गया,,,)


बाप रे इतना बड़ा लंबा और मोटा इतना तगड़ा तो मैंने आज तक नहीं देखी,,,( कमला चाची के मुंह से अपने लंड की तारीफ सुनकर राजू का सीना गदगद हुआ जा रहा था,,, कमला चाची प्यासी आंखों से उसके हथियार को देखे जा रही थी और उससे रहा नहीं गया और वह अपना हाथ आगे बढ़ाकर राजू के लंड़ को अपने हाथ में पकड़ ली,,,, एक औरत का हाथ अपने लंड पर महसुस करते ही राजू और ज्यादा उत्तेजित हो गया,,, राजू कुछ बोल पाता इससे पहले ही कमला चाची बोली,,,)

अब मुत राजू,,,
( बस इतना सुनना था कि राजू की पेशाब फूट पड़ी वह जोरों से मुतना शुरू कर दिया,,, और उसे देखकर कमला चाची से भी रहा नहीं गया और उसकी बुर से पेशाब की तेज धार फूट पड़ी,,, राजू की सासे बड़ी गहरी चल रही थी वह अपनी नजरों को कमला चाची की दोनों टांगों के बीच डालकर उसे पेशाब करता हुआ देख रहा था,,, यह नजारा राजू के लिए बेहद अद्भुत और अतुल्य था क्योंकि उसने आज तक इस तरह का नजारा नहीं देखा था इसलिए उसकी उत्तेजना परम शिखर पर थी,,, थोड़ी ही देर में राजू और कमला चाची दोनों ने ही मित्र विसर्जन का कार्यक्रम समाप्त कर दिया पेशाब करने के तुरंत बाद राजू बोला,,,)


अब कैसा लग रहा है चाची चींटी निकल गई,,,

( राजू के मोटे तगड़े लंडको देखकर कमला चाची की हालत खराब हो गई थी और वह जल्द से जल्द उसे अपनी बुर.में लेकर चुदवाना चाहती थी,,,, इसलिए सीधे-सीधे अपने मतलब पर.आते हुए वह बोली,,)


नहीं रे मुझे तो बिल्कुल भी आराम नहीं हुआ,,,( ऐसा कहते हुए वह खड़ी हो गई लेकिन अपनी साड़ी पर कमर तक पकड़कर उठाए हुए थी और राजू प्यासी नजरों से कमला चाची की बुर को देख रहा था,,,) अब एक ही रास्ता रह गया है मुझे इस तकलीफ से निजात दिलाने का ,,,

वह क्या चाची,,,?

इस बार तू अपना मोटा तगड़ा लंड मेरी बुर में डाल,,,( इस बार बेझिझक कमला चाची अपने मन की बात राजू को बोल दी,,, राजू को समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें उसी तरह का कोई भी अनुभव नहीं था,, लेकिन जो कुछ भी कमला चाची बोल रही थी उसे करने के लिए वह पूरी तरह से तैयार था क्योंकि उसकी बात को ही सुनकर राजू के तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी थी,,,)


लेकिन कैसे चाची मुझे तो कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है

तू चिंता मत कर तुझे कुछ भी ज्यादा करने की जरूरत नहीं है जैसा मैं कहता हूं वैसा करते रहना मुझे अपने आप आराम मिल जाएगा,,,( ऐसा कहने के साथ ही कमला चाची अच्छी सी जगह ढूंढने लगी और घास के ढेर पर अच्छी जगह देखकर उसी तरह से अपनी साड़ी कमर तक उठाए हुए उसी पर लेट गई,,, उत्तेजना के मारे राजू का गला सूख रहा था,,, कमला चाची की घास के ढेर पर लेटी हुई थी और अपनी दोनों टांगों को फैला दी थी,,, इस तरह की हरकत करने की वजह से कमला चाची के भी तन बदन में अजीब सी हलचल हो रही थी वह अपने तन बदन में इस उम्र में भी अत्यधिक उत्तेजना का अनुभव कर रही थी,,,। कमला चाची की नजर राजू के हथियार पर थी जो की पूरी तरह से टनटनाकर खड़ा था,,,, कमला चाची इशारे से राजू को अपनी दोनों टांगों के बीच बुलाते हुए बोली,,,)

अब जल्दी से आजा मुझसे रहा नहीं जा रहा है,,
( इतना सुनते ही राजू तुरंत एक हाथ से अपना लंड पकड़ कर कमला चाची की दोनों टांगों के बीच पहुंच गया और बोला,,,)

अब क्या करूं चाची,,,?


बस अब घुटनों के बल बैठ जा मेरे बिल्कुल करीब आकर,,,
( इतना सुनते ही राजू अपने घुटनों के बल बैठने को चला तभी उसे कमला चाची पजामा उतारने के लिए बोली,, और राजू भी बिना देर किए हुए अपना पजामा उतार कर कमर के नीचे पूरी तरह से नंगा हो गया,,,)

हां अब ठीक है अब घुटनों के बल बैठ जा और जैसा मैं बताती हूं वैसा ही कर,,,
( कमला चाची की बात सुनकर राजू जैसा जैसा वह बता रही थी वैसा ही कर रहा था वह घुटनों के बल बैठ गया था और कमला चाची को आगे की तरफ सरक कर अपनी मोटी मोटी जांघो को उसकी जांघों पर चढ़ा दी ऐसा करने से उसकी बुर.ओर लंड की दूरी पूरी तरह से खत्म हो गई,,, कमला चाची का उत्तेजना के मारे गला सूख रहा था अपना हाथ आगे बढ़ाकर राजू के लंड को अपने हाथ से पकड़ कर उसे अपनीनी गुलाबी बुर के छेद पर रख दी और राजू को धक्का मारने के लिए बोली राजू की हालत बिल्कुल खराब थी उसके तन बदन में आग लग रही थी पहली बार उसका लंड* बुर * से स्पर्श हो रहा था,,,। राजू की सांसे बड़ी तेजी से चल रही थी चुदाई के ज्ञान से वह बिल्कुल अनजान था,,,। लेकिन कमला चाची ने उसे बताई थी कि कुछ भी हो उसे अपना पूरा लंड* उसकी बुर की गहराई में उतार देना है तभी उसे आराम मिलेगा और देखते ही देखते राजू पूरी तरह से ही उसकी बुर की गहराई में उतर गया,,,।

आहहहहहह,,( जैसे ही राजू का पूरा मुसल.उसकी गहराई में उतरा कमला चाची के मुंह से सिसकारी भरी आवाज निकल गई,,,।)



क्या हुआ चाची,,,,


कुछ नहीं हुआ राजू देखे बस तू अपना काम कर अपने घंटे को अंदर बाहर करना शुरू कर दें और जितना तेज हो सकता है उतनी जोर से अपनी कमर हिला तब जाकर मुझे आराम मिलेगा,,,

( राजू को कमला चाची का आदेश और दिशा निर्देश मिल चुका था इसलिए अब उसे पूछने की जरूरत नहीं थी,,, राजू उसी तरह से अपनी कमर हिलाते हुए अपने लंड को कमला चाची की बुर के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया,,, कमला चाची को उम्र के इस दौर में एक जवान लड़के से चुदवाने में बेहद आनंद की प्राप्ति हो रही थी और राजू की यह पहली चुदाई* थी जिसमें उसे बहुत मजा आ रहा था,,, वह बड़े जोर से अपनी कमर हिला रहा था कमला चाची राजू के ताकत को देखकर पूरी तरह से मचल उठी थी उसकी बुर पानी पानी हो रही थी,,। राजू की कमर किसी इंजन की तरह ऊपर नीचे हो रही थी ,,, फच फच. की आवाज खेतों में गूंज रही थी,,,,

तकरीबन आधे घंटे जैसी घमासान चुदाई के बाद राजु को अपने अंदर कुछ महसूस होने के लगा वह अपने अंदर की इस कशमकश को समझ पाता इससे पहले ही उसके लंड से पानी का फव्वारा फूट पड़ा,,,, और वह कमला चाची के ऊपर ढेर हो गया,,,, लेकिन देर होने के पहले वह कमला चाची को तीन बार झाड़ चुका था,,,, कुछ देर तक वह उसी के ऊपर पड़ा रहा और जब शांत हुआ तो वह कमला चाची के ऊपर से उठने लगा,,,, कमला चाची मुस्कुराते हुए बोली,,।

बाप रे गजब की ताकत है तेरे में,,,,



अब कैसा लग रहा है चाची,,,,


अब जाकर राहत महसूस हो रही है अब लगता है कि चींटी निकल गई,,,( ऐसा कहते हुए मुस्कुराने लगी और अपने कपड़ों को दुरुस्त करते हुए बोली,,)

देख इस बारे में किसी को भी कानो कान खबर नहीं होनी चाहिए,,, तुझे मजा आया ना,,,


हां चाची मुझे बहुत मजा आया,,,


अगर आगे भी इसी तरह का मजा लेना है तो किसी को बताना नहीं और सीधे मेरे पास चले आना जब भी मैं बुलाऊं तो चले ही आना तुझे ऐसा ही मजा दुंगी,,,


ठीक है चाची मैं किसी को भी नहीं बताऊंगा,,,


तू बहुत अच्छा लड़का है चल अब चल कर खाना खा लेते हैं
Behtreen update
 
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