राजू कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उसकी जिंदगी में इस तरह से बहार आएगी,,, कमला चाची इस तरह से तन और मन से आत्मसमर्पण कर देगी इस बारे में उसे कभी अंदाजा नहीं था वह अपने मन में यह सोच रहा था कि उसके दोस्त लोग सही कह रहे थे कि कमला चाची उसका लेना चाहती है,,, तभी तो उसे से हंस हंस कर बात करती रहती है और दूसरों को भाव भी नहीं देती थी,,, राजू बहुत खुश था इतना तो उसे मालूम ही था कि जो कुछ भी वह कमला चाची के साथ किया था उसे सरल भाषा में चुदाई कहते हैं जो कि वह बड़े अच्छे से संतुष्टि प्राप्त कर चुका था,,,। तेरी मां चोद दूंगा तेरी बहन चोद दूंगा इन शब्दों कोइनकेंती भाषाओं को राजू अपने दोस्तों के मुंह से कई बार सुन चुका था एक दूसरे को गाली देते हुए लेकिन इसके असली मतलब और मकसद को आज जाकर समझ पाया था और उस पल को जिया था जिसके एहसास से वह अभी भी पूरी तरह से गदगद हुए जा रहा था,,,,, राजू ने कभी अपने इस उम्र में भी औरतों के खूबसूरत अंगों के बारे में कभी कल्पना भी नहीं किया था,,, औरतों का खूबसूरत है उनकी बनावट उनका खूबसूरत बदन उसकी कल्पना से परे था,,,,,
पहली बार उसे औरतों के खूबसूरत हमको की झलक कमला चाची के नहाने की वजह से ही प्राप्त हुई थी और दूसरी बात रही सही कसर वह अपनी बुआ की बुर देखकर पूरा कर लिया था लेकिन उसे यह नहीं मालूम था कि बुर के अंदर लंड डालने में ईतना मजा आता है,,,,,, राजू को अपने आप पर इतना विश्वास बिल्कुल भी नहीं था कि कमला चाची के दिए गए कार्य को वह सिद्ध कर पाएगा,,, कमला चाची अपनी सारी युक्ति लगा चुकी थी,,, राजू के साथ संभोग करने के लिए,,,,,,, जो कुछ भी संभव हो पाया था वह कमला चाची के निर्देश की वजह से ही संभव हो पाया था वरना राजू तो इस खेल में खिलाड़ी नहीं बल्कि अनाड़ी था लेकिन अब उसे खिलाड़ी बनाने की पहली सीढ़ी को कमला चाची खुद पार करा चुकी थी,,, ,, ऐसा लग रहा था कि मानो कमला चाची एक शिक्षिका के रूप में अपने विद्यार्थी राजू को संभोग का प्रकरण सिखा रही हैं,,, और राजू धीरे-धीरे उसमे खरा उतरता जा रहा था,,,,,
कमला चाची की चुदाई करते समय राजू का मन बहुत मजा आ रहा है कमला चाची की चूचियों को अपने हाथ में पकड़ कर दबाने के लिए लेकिन राजू को यह बिल्कुल भी नहीं मालूम था कि संभोग करते समय किसी औरत को चोदते समय और ज्यादा मस्ती और सुख प्राप्ति के लिए ऐसा ही किया जाता है लेकिन उसके दिमाग में यह बात संभोग की पराकाष्ठा और उन्मादकता की वजह से उत्पन्न हो रही थी बार-बार उसका मन गुरुत्वाकर्षण बल के चलते कमला चाची की बड़ी बड़ी चूचीयो पर खींची चली जा रही थी,,, लेकिन ऐसा करने से वह डर भी रहा था वह केवल कमला चाची के दिशा निर्देश अनुसार अपनी कमर को जोर जोर से हिला रहा था लेकिन ऐसा करने में जो सुख उसे प्राप्त हो रहा था ऐसा तो कभी उसने कल्पना भी नहीं किया था,,,
अपने लंड को छोड़ दी और सीखना चाची की बुर के अंदर बाहर करते हुए राजू कमला चाची के चेहरे पर बदलते भाव छोटे बड़े अच्छे से देख रहा था,,,और उसके मुख से निकल रही गरमा-गरम से इस कार्य की आवाज को सुनकर भी वह कुछ ज्यादा ही मस्ती में आ जा रहा था,,,,,, खेतों में काम करने के बहाने आकर जो कुछ भी राजू ने पाया था उससे वह बेहद खुश था,,,। राजू यह बात भी अच्छी तरह से जानता था कि कमला चाची की चुदाई के बारे में अगर उसके दोस्तों को पता चलेगा तो वह जल भूल जाएंगे इसलिए वह मन ही मन में प्रसन्न भी हो रहा था,,,,। राजू के हाव भाव को देखकर ऐसा ही लग रहा था कि जैसे कि मां कमला चाची के साथ प्रथम संभोग के बाद से ही बड़ा और समझदार होने लगा है,,,,
कमला चाची और राजू दोनों खाना खा रहे थे,,, कमला चाची राजू के साथ चुदवा कर बेहद खुश थी,,,वह बहुत पहले से ही राजू के साथ शारीरिक संबंध बनाना चाहती थी लेकिन उसे कभी मौका नहीं मिल रहा था और राजू की नादानी को देखते हुए अपना कदम आगे बढ़ाने में उसे डर भी लग रहा था लेकिन सब कुछ बड़े आराम से हो चुका था जिसकी उसे तसल्ली थी,,,। लेकिन कमला चाची राजू के साथ खुलकर चुदाई का मजा लेना चाहती थी और ऐसा हो नहीं पाया था,,, चींटी काटने वाली युक्ति उसकी कामयाब हो चुकी थी,,,,,, राजू के साथ उसकी उंगलियों से छेड़खानी में ही उसे बेहद आनंद की प्राप्ति हो रही थी लेकिन जिस तरह से उसकी बहू रमा खेतों पर पहुंच चुकी थी उसे देखते हुए कमला चाची के मन में इस बात का डर बैठ गया था कि अगर आगे मौका हाथ से चला जाएगा तो ऐसा मौका न जाने कब मिलेगा ,,,,,, वह पहले से ही पेशाब करते हुए राजू के मोटे तगड़े लंबे लंड के दर्शन करके पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी कमला चाची राजू की तरह बवाल मचा देने वाला लंड नहीं देखी थी,,,, इसीलिए तो पेशाब करते समय राजू के लंड के दर्शन करते हुए उसकी बुर पानी फेंक दी थी,,,।राजू के साथ खुलकर मस्ती करना चाहती थी उसके मोटे तगड़े लंड को अपने मुंह में लेकर चूसना चाहती थी और उसे अपना दूध पिलाना चाहती थी और साथ में अपनी मस्त रसीली बुर के अंदर उसकी जीभ को महसूस करना चाहती थी,,, और हर आसन में संभोग का भरपूर मजा लेना चाहती थी लेकिन शायद इस समय उसके पास समय बिल्कुल भी नहीं था और वहां राजू के मोटे तगड़े लंड को अपनी बुर की गहराई में महसूस करना चाहती थी और इसी लालच के कुछ और ना करके बस आनंद को लेकर संतुष्ट हो चुकी थी उसका काम बन चुका था वह जानती थी कि एक बार चुदाई कर देने के बाद राजू का आकर्षण उसकी तरफ और ज्यादा बढ़ जाएगा एक तरह से वह उसका गुलाम बन जाएगा और वह जब चाहे तब राजू के साथ चुदाई का भरपूर आनंद लूट सकेगी और कमला चाची अपनी तरफ से सारी चालें चल चुकी थी और पूरी बाजी कमला चाची के हाथ में आ चुकी थी,,,।
देख राजू जो कुछ भी यहां पर हम दोनों ने किया इस बारे में किसी को भी मत बताना मैं फिर तुझ से कह देती हूं,,,(रोटी के टुकड़े को मुंह में डालते हुए कमला चाची बोली)
नहीं नहीं चाची ऐसा कभी नहीं होगा,,,, लेकिन तुम्हें अब तो आराम हो गया ना,,,
अरे आराम कैसे नहीं होगा,,, तेरा इतना लंबा मोटा लंड है और मेरी बुर में जाकर सारी कसर निकाल दिया है,, सारी परेशानियां दूर हो गई है,,,(खाना खाते खाते ही इतना कहने के साथ ही वह एक हाथ से बैठे हुए अपनी साड़ी के ऊपर उठा कर अपने बालों से भरी हुई बुर दिखाते हुए बोली,,)
देख नहीं रहा है तेरा उपचार पाकर कैसा पानी छोड़ रही है,,, लेकिन तू जानता भी है कि जो हम दोनों ने किया है इसे क्या कहते हैं,,,।
(कमला चाची के कहने का मतलब पूरा जो अच्छी तरह से जानता था जवान लड़का होने के नाते और जमाल लड़कों के संगत में उसे गाली गलौज करते हुए और अपने दोस्तों की बातों को सुनकर इतना तो मालूम ही था कि एक औरत के साथ एक लड़का जब उसकी बुर में लंड डालता है तो उसे क्या कहते हैं लेकिन फिर भी अनजान बनते हुए बोला)
नहीं तो,,,, क्या कहते हैं चाची,,,?( सब्जी को रोटी में लगाकर मुंह में डालते हुए बोला)
सच में तु एकदम बुद्धू है,,,, अरे बुद्धू हम दोनों ने जो किया उसे चुदाई कहते हैं,,,,।
वो ,,,,, अब समझा,,,, इसीलिए सब गाली गलौज करते हुए कहते हैं तेरी मां चोद दूंगा तेरी बहन चोद दूंगा,,,,।
हां अब जाकर तू समझा,,,,
लेकिन चाची ऐसा करने में मुझे ना जाने क्यों बहुत मजा आ रहा था बहुत अजीब सा लग रहा था,,,,(राजू एकदम से अनजान बनते हुए बोला,,हालांकि यह बात सच ही था कि संभोग के सुख के अनुभव सेवा बिल्कुल अज्ञान था,,, और राजू की यह बात सुनकर कमला चाची मुस्कुराते हुए बोली)
अरे ऐसा ही होता है इस खेल में इतना मजा आता है कि पूछो मत तभी तो सब खेलने के लिए बेकरार रहते हैं,,,,, मैं अच्छी तरह से जानती हूं कि तेरे दोस्त लोग भी मेरे बारे में न जाने कैसी कैसी बातें करते रहते हैं,,।
हां चाची तुम सही कह रही हो जब भी तुम मुझसे बातें करती हो ना तो मेरे दोस्त लोग ना जाने क्यों मुझसे जलते रहते हैं,,,
क्या कहते हैं,,, तेरे दोस्त लोग,,,
अरे बहुत कुछ कहते हैं गंदी गंदी बातें करते हैं,,,
अरे बताएगा भी की कैसी कैसी बातें करते हैं,,,,
अरे चाची पूछो मत जब भी तुम मुझसे बातें करती हो तो वह लोग यही कहते हैं कि लगता है चाची को तेरा पसंद आ गया है,,, चाची तेरे से चुदवाना चाहती है,,,
(राजू की यह बात सुनकर कमला चाची मुस्कुराने लगी और मुस्कुराते हुए बोली)
सच ही तो कहते हैं तेरे दोस्त मुझे तु शुरु से बहुत अच्छा लगता है और अब तो तु मुझे और ज्यादा अच्छा लगने लगा है,,,
ऐसा क्यों चाची,,,
तेरे लंड की वजह से,,,, हां राजू मैं सच कह रही हूं तेरे जैसा मोटा तगड़ा लंड शायद गांव में किसी के पास नहीं है,,,तभी तो तू अपने लंड को मेरी बुर में डालकर आज मुझे एकदम मस्त कर दिया,,,,,,
(कमला चाची की बात सुनकर राजू मन ही मन में बहुत खुश हो रहा था क्योंकि कमला चाची उसके लंड की बडाई कर रही थी,,,, कमला चाची की बात सुनकर राजु तपाक से बोला,,,)
लेकिन चाची मेरे दोस्त तो मेरा मजाक उड़ाते हैं कि तेरे पास है ही नहीं तभी तो कमला चाची के साथ कुछ कर नहीं पाता अगर तेरी जगह हम होते तो कब से कमला चाची को मस्त कर देते,,,
तो दिखा देना चाहिए था ना खोल कर एक दिन सबका मुंह बंद हो जाता तेरा लंड देखकर,,,,,,,
जाने दो ना चाची वह लोग अच्छे लोग नहीं है उन लोगों के साथ मुझे बहस में नहीं उतरना है,,,और वैसे भी अगर यह बात मेरे पिताजी को पता चल गई तो मेरी खैर नहीं,,,,,,।
हां सच कह रहा है तू,,, इस बात की किसी को कानों कान खबर नहीं होनी चाहिए अगर ऐसा हुआ तो आकर भी हम दोनों ऐसे ही मजा करते रहेंगे और पकड़े गए तो सब कुछ खत्म,,,,
तुम चिंता मत करो चाची किसी को कानों कान खबर नहीं होगी,,,,
बहुत अच्छा है तू,,,,(ऐसा कहते हुए कमला चाची अपना हाथ आगे बढ़ाकर राजू के सर पर हाथ फेरने लगी,,, राजू के लंड की मोटाई को वह अपने बुर के अंदरूनी हिस्सों पर बड़े अच्छे से उसकी रगड़ को महसूस कर पाई थी ऐसा अनुभव से अपनी जवानी के दिनों में ही प्राप्त हुआ था इस उम्र में किसी लड़के का उसकी बुर की दीवारों को रगड़ देगा इस बात का अंदाजा उसे भी बिल्कुल नहीं था कमला चाची अपने मन ही मन में यही सोच रही थी कि राजू ने अपने लंबे लंड से उसके बुर का भोसड़ा बना दिया था,,,,,, और कमला चाची इस बात से भी हैरान थे कि जिंदगी में पहली बार संभोग करते हुए राजु दूसरों की अपेक्षा जल्दी स्खलित नहीं हुआ था,,, तीन बार उसका पानी निकालने के बाद ही उसके खुद का पानी निकला था,,,, उसके लंड से निकली लावा की पिचकारी उसे अपने बच्चेदानी पर साफ महसूस हुई थी जिसके बदौलत वह तुरंत उसके साथ झड़ गई थी,,।
राजू और कमला चाची दोनों खाना खा चुके थे लेकिन एक बार फिर से कमला चाची की बुर पानी छोड़ने लगी उसकी पूर्व में खुजली होना शुरू हो गई वह एक बार फिर से राजू के लंड को अपनी बुर में लेना चाहती थी,,,, उसे इस बात की आशंका थी कि राजु दूसरी बार कर पाएगा कि नहीं,,,,,, और राजू के मन में भी यही चल रहा था कि एक बार फिर से चाची को चोदने को मिल जाता तो बहुतमजा आता क्योंकि एक बार फिर से पजामे में उसके मुसल ने हरकत करना शुरू कर दिया था,,,, लेकिन यह बात राजू अपने मुंह से नहीं कह सकता था इसलिए खामोश ही रहा लेकिन उसके मन की बात जैसे कमला जान गई हो इस तरह से बैठे बैठे ही,, अपनी साड़ी को ऊपर उठा कर एक बार फिर से राजू को अपनी बुर का दर्शन करते हुए बोली,,,)
देख राजू तेरे लंड ने ईसका क्या हाल किया है कैसे पानी छोड़ रही है,,,,
(कमला चाची की इस हरकत पर एक बार फिर से कमला चाची की बुर के दर्शन करके राजू पूरी तरह से उत्तेजित हो गया और उसे प्यासी नजरों से देखते हुए बोला,,,)
हां चाची अब क्या करना है,,,,
करना क्या है एक बार फिर से तेरे को डालना पड़ेगा लेकिन इस बार पीछे से,,,,
पीछे से मैं कुछ समझा नहीं,,,,
ऐसे तो नहीं समझेगा रुक मैं तुझे बताती हूं ,,(इतना कहते हुए कमला चाची अपनी जगह से खड़ी हो गई और पास में ही घनी झाड़ियों के पास जाकर खड़ी हो गई राजू वहीं खड़ा खड़ा कमला चाची को देख रहा था कमला चाची झाड़ियों के पास खड़ी होकर पीछे नजर घुमाकर राजु को देखी और मुस्कुराने लगी,,, राजू की नजर से खूबसूरत गोलाकार बड़ी बड़ी गांड पर ही टिकी हुई थी जिसे देख कर उसके मुंह के साथ उसके लंड में भी पानी आ रहा था,,,, कमला चाची राजू को देखते हुए अपनी सारी को पकड़कर एक बार फिर से ऊपर की तरफ उठाने लगी,,,, और देखते ही देखते राजू की आंखों के सामने कमला चाची अपनी साड़ी कमर तक उठा दी,,,राजू कमला चाची की भरपूर नंगी गांड को देखकर मचल उठा गांड की दोनों फांके बड़े-बड़े तरबूज की तरह थी जिसे पकड़ कर दबाने की इच्छा राजू की बहुत कर रही थी,,, कमला चाची उसी तरह से ही राज्यों की तरह मुस्कुराकर देखते हुए अपने दोनों हथेली को जोर से अपनी गांड पर मारते हुए बोली,,,।)
बोल राजू कैसी है मेरी गांड,,,?
बहुत खूबसूरत है चाची,,,,(राजू प्यासी आंखों से कमला चाची की गांड को देखते हुए बोला,,)
कभी किसी औरत की गांड देखा है कि नहीं,,,
नहीं चाची पहली बार देख रहा हूं और वह भी आपकी,,,
तो दूर क्यों खड़ा है पास आना,,,
(कमला चाची की बात सुनकर राजू तुरंत उसके पास पहुंच गया और उसके बेहद करीब खड़ा हो गया कमला चाची की बेहद नजदीक जिसे वह प्यासी नजरों से देख रहा था)
पकड़ कर देख कैसा लगता हैं,,,,(चाची अपने अपने मुंह से अपने नितम्बों को पकड़ने का आमंत्रण देते हुए बोली,,, राजू का मन तो पहले से यही कह रहा था इसलिए हम ना चाहत की बात करते हैं वह अपने दोनों हाथ आगे बढ़ा दिया लेकिन कमला चाची की गांड पर पहुंचते-पहुंचते उसके हाथों में कंपन होने लगा लेकिन फिर भी वह कमला चाची की गांड पकड़ ही लिया ,,, कमला चाची की गांड को पकड़कर उसे बेहद आनंद की अनुभूति हो रही थी,,,, कमला चाची ने जिस तरह से अपने हाथों से अपनी गांड पर दो चपत लगाई थी उसी तरह से राजू भी कमला चाची की गांड पर चपत लगा दिया और उसे चपत लगाने में बहुत मजा आया क्योंकि चपत लगते ही कमला चाची के मुंह से सिसकारी फूट पड़ी,,,। कमला चाची को भी बहुत मजा आ रहा था लेकिन वह वक्त बर्बाद नहीं करना चाहती थी,,, इसलिए वह मुस्कुराते हुए झुक गई,,, झुकने के बाद अपनी गांड को थोड़ा और ऊपर उठाते हुए बोली,,,।
राजू तुझे मेरी बराबर दिख रही है कि नहीं,,,?
( कमला चाची की बातें सुनकर राजू तुरंत झुक कर कमला चाची की गांड के बीचो-बीच देखने लगा उसे कमला चाची के बड़े साफ तौर पर नजर आ रही थी,,)
हां चाची एकदम साफ नजर आ रही है,,,
बस राजू बेटा पीछे से तुझे अपने लंड को उसमें डालना है जैसा आगे से किया था वैसे पीछे से करना है कर तो लेगा ना,,
हां चाचा तुम बिल्कुल चिंता मत करो आराम से कर लुंगा,,,,
बस बेटा यही तेरे मुंह से सुनना था अब जल्दी से डाल दे,,,
(इतना सुनने के बाद ही राखी एक बार फिर से अपना पजामा उतार कर फेंक दिया और कमला चाची के पीछे खड़े होकर अपने लंड को कमला चाची की गुलाबी बुर पर रखते हुए जोरदार धक्का मारा कमला चाची की बुर पहले से गीली हो चुकी थी इसने एक बार फिर से गच के आवाज के साथ राजू का लंड कमला चाची के बुर में प्रवेश कर गया,,, कमला चाची के मन में आशंका थी कि राजू जिस तरह से आगे से कर पाया था क्या पीछे से कर पाएगा पर यही वह देखना चाहती थी क्योंकि कमला चाची जानती थी कि उसकी गांड बहुत बड़ी-बड़ी थी ऐसे में पीछे से कर पाना आसान नहीं होता था और इसका उसे खुद का अनुभव था जिन जिन के साथ उसने शारीरिक संबंध बनाई थी वह लोग पीछे से उसे संतुष्ट करने में नाकामयाब हो गए थे,,, लेकिन कमला चाची के चेहरे पर चमक पैदा होने लगी क्योंकि देखते ही देखते राजीव अपना पूरा लंड उसकी बुर में पीछे से डाल चुका था और उसकी बड़ी बड़ी गांड पकड़ कर अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया था एक अच्छी अध्यापिका का यही काम होता है कि वह जो काम भी अपने विद्यार्थी को सिखाए वह बड़े लगन से और अच्छे तरीके से सिखाएं,,, और यह काम कमला चाची बखूबी कर दिखाई थी और एक अच्छे विद्यार्थी का भी फर्ज होता है कि अपने अध्यापक के द्वारा सिखाए गए हरपाठ का वह अच्छी तरीके से कंठस्थ कर ले ताकि जरूरत पड़ने पर वह बेझिझक बोल सके या कर सके और वही काम राजू ने भी किया था बस एक बार ही कमला चाची ने उसे बताई थी कि बुर के अंदर लग जाने पर क्या करना हैऔर राजू वही अच्छे तरीके से कर भी रहा था आगे से भी पीछे से भी देखते ही देखते राजू के धक्के तीव्र गति से होने लगे कमला चाची की आंखों से आंसू टपकने लगे थे क्योंकि राजू लगातार अपनी कमर हिला रहा था इससे इस उम्र में भी कमला चाची को अपनी बुर में दर्द को महसूस हो रहा था लेकिन अद्भुत हो रही थी ऐसा सुख उसने आज तक नहीं भोगी थी,,,खेतों में उसकी गरम सिसकारियां गूंज रही थी लेकिन उसकी सिसकारियां को सुनने वाला कोई नहीं था,,,एक बार फिर राजू के तन बदन में अद्भुत ऊर्जा के साथ-साथ असीम सुख की अनुभूति होने लगी,,, राजू कमला चाची की बड़ी बड़ी गांड को दोनों हाथों से थामैं अपनी कमर हिला रहा था किसी औरत को चोदने में कितना मजा आता है यह बात राजू को पहली बार महसूस हो रहा था वरना वह इन सब बातों को बहुत ही खराब मानता था जब कभी भी उसके दोस्त उससे इस तरह की बातें करते थे,,,,लेकिन कमला चाची को चोदते हुए वहां अपने मन में यह सोचने लगा कि वह अब तक इस अद्भुत सुख से वंचित कैसे रह गया था,,,,।
और देखते ही देखते घमासान सिकाई करने के बाद एक साथ कमला चाची और राजू अपना लावा फेंकने लगे और संतुष्ट होने के बाद चुपचाप खेतों से वापस घर आ गए,,,,राजू को अब चुदाई की तलब लग चुकी थी औरतों के प्रति उसका आकर्षण बढ़ने लगा था,,,लेकिन कई दिनों से उसकी मुलाकात कमलआ चाची से नहीं हुई थी,,,, इसलिए उसकी तडप बढ़ती जा रही थी,,, ऐसे ही एक रात को गुलाबी गहरी नींद में सो रही थी और अचानक उसकी नींद खुल गई लालटेन की रोशनी पूरे कमरे में उजाला दे रहा था बहुत कर पानी पिया और वापस खटिया पर बैठकर सोने ही वाला था कि उसका ध्यान उस दिन की बात पर चला गया जब उसकी नींद ऐसे ही खुली थी और उसकी बुआ कोने में खड़ी होकर न जाने क्या देख रही थी राजू को कुतूहल हुआ और वह धीरे से खटिया पर से उठ कर खड़ा हो गया एक नजर अपनी बुआ पर डाला तो और करवट लेकर सो रही थी और उसकी मादक गांड उभरी हुई थी जिसे देख कर राजू का मन मचल उठा लेकिन वहां उसी जगह पर आ गया जहां से उसकी बुआ ना जाने क्या कर रही थी वहां पर पहुंचकर वह उसी जगह पर आग लगा कर इधर-उधर करने लगा उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि उसकी बुआ कर क्या रही थीलेकिन काफी देर तक मशक्कत करने के बाद उसे समझ में नहीं आया और बता छोड़ कर वापस खटिया पर आने की तैयारी कर रहा था कि तभी उसे हल्की सी रोशनी नजर आने लगी रोशनी का पीछा करते हुए उसे बहुत ही जल्द दीवार में बना हुआ वह छेद नजर आने लगा राजू बड़े गौर से उस क्षेंद में से अंदर देखने का प्रयास करने लगा तो अगले ही पल अंदर का नजारा देखकर उसके होश उड़ गए,,,।