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Adultery ब्लू मून क्लब (BMC)

यह कहानी आपको कैसी लगी?


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naag.champa

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ब्लू मून क्लब (BMC)
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अनुक्रमाणिका


अध्याय १ // अध्याय २ // अध्याय ३ // अध्याय ४ // अध्याय ५
अध्याय ६ // अध्याय ७ // अध्याय ८ // अध्याय ९ // अध्याय १०
अध्याय ११ // अध्याय १२ // अध्याय १३ // अध्याय १४ (समाप्ति)

बाबा ठाकुर (ब्लू मून क्लब- भाग 2)


यह कहानी पूर्णतः काल्पनिक घटनाओं पर आधारित है और इसका जीवित और मृत किसी भी शख्स से कोई वास्ता नहीं। इस कहानी में सभी स्थान और पात्र पूरी तरह से काल्पनिक है, अगर किसी की कहानी इससे मिलती है, तो वो बस एक संयोग मात्र है| इस कहानी को लिखने का उद्देश्य सिर्फ पाठकों का मनोरंजन मात्र है|

~ चंपा नाग
 
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naag.champa

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Congratulations for new story madam.
Starting kafi acchi ki hai aapne. Ladki ka naam , place ka naam aur ladies ke private part ka naam pure Bengali hai 😅

Dekhte hai Piyali Das ka full body massage kis tarah se hota hai. Hope Erotic hi hona chahiye.
आदरणीय SANJU ( V. R. ) जी

सबसे पहले मेरी कहानी पढ़ने के लिए मैं आपका धन्यवाद करना चाहूंगी|

मुझे उम्मीद है कि आपको मेरी कहानी आगे भी पसंद आएगी, और बाकी अपडेट्स से आपका मनोरंजन भी होगा|

जी हां आपने बिल्कुल सही फरमाया, मैंने इस कहानी में कुछ बंगाली शब्दों का प्रयोग जरूर किया है- क्योंकि मुख्यतः कहानी की नायिका एक बंगालन है| और दूसरी बात मैंने यह एक राइटर्स लाइसेंस की तरह इस्तेमाल किया है|

उम्मीद है कि इससे पाठकों के मनोरंजन पर कोई असर नहीं होगा|

मेरी कहानी आप आगे भी पढ़ें, और मुझे आपकी मूल्यवान मंतव्य का इंतजार रहेगा|
 

naag.champa

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काफी दिन पहले आपकी एक स्टोरी आई थी। इसी ग्रुप पर। लेचारी के ऊपर। जो आपने बीच में छोड़ दी थी। दो औरते मंत्री जी के फार्म हाउस पर जाति है। इस टाइप की। वो पूरी करो ना। प्लीज
आदरणीय Sanjay dham जी,

मैंने बड़ी कोशिश की उस कहानी को पूरी करने की| लेकिन मैंने देखा कि मैं लिखते लिखते बीच-बीच में अटक जा रही हूं| शायद उस कहानी को लिखने का या फिर पूरी करने का भी वक्त नहीं आया है| इसलिए मैं सही वक्त का इंतजार कर रही हूं|

लेकिन इस कहानी को मैं अधूरी नहीं छोड़ने वाली, क्योंकि इस कहानी को मैंने सबसे पहले पूरा का पूरा लिख लिया है और एक-एक करके आप लोगों के मनोरंजन के लिए मैं नियमित रूप से अपडेट देती रहूंगी|
 
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naag.champa

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अध्याय ५



ब्लू मून क्लब की मालकिन मैरी डिसूजा के ऑफिस रूम में दो दरवाजे थे एक बाहर रिसेप्शन की तरफ खुलता था और दूसरा दरवाजा अंदर कहीं जाता था|

मैरी डिसूजा ने बड़े प्यार से मेरी कमर पर अपनी बाहें डालकर मुझे दूसरे दरवाजे की तरफ ले गई| दूसरा दरवाजा एक गलियारे मैं खुलता था, जिसके दूसरे छोर पर एक लिफ्ट थी|

वैसे तो ब्लू मून क्लब जैसी बिल्डिंग में बाहर की तरफ एक बड़ी सी लिफ्ट भी होगी, लेकिन यह लिफ्ट शायद प्राइवेट थी| उसी प्राइवेट लिफ्ट में से मैं और मैरी डिसूजा बेसमेंट में पहुंचे| यह एक बड़ा सा लॉकर रूम जैसा था|

मैंने देखा कि वहां वही अधेड़ उम्र की परिचारिका जो हमारे लिए शरबत लेकर आई थी खड़ी होकर शायद हमारा ही इंतजार कर रही थी|

उन्होंने मेरा पर्स और मोबाइल फोन एक लॉकर के अंदर रखवा दिया और फिर उस लॉकर रूम के एक छोर पर एक लकड़ी का करीब साढ़े चार फुट ऊंचा लकड़ी का पार्टीशन था| वह अधेड़ उम्र की परिचारिका मुझे उसके पीछे ले गई और बोली, "आइए मिस, मैं कपड़े बदलने में आपकी मदद करती हूं"

यहां लोग बाग मुझे ‘मिस-मिस’ कहकर बुला रहे हैं मुझे ध्यान आया कि नहाते वक्त जब मैंने शैंपू किया था तो मेरा सिंदूर बिल्कुल धुल गया था और बावजूद इसके कि मैं बंगालन हूं पर मैं पारंपरिक औरतों की तरह फैशन के चलते हाथ में शांखा और पौला नहीं पहनती... शायद यह सोच रहे है- कि मैं अविवाहित हूं| चेहरे में फर्क पड़ने वाली कोई बात नहीं है... क्योंकि यहां मैं श्रीमती शीला चौधरी नहीं बल्कि मिस पीयाली दास हूं|

मैं एक बाध्य लड़की की तरह पार्टीशन के पीछे जाकरपने सैंडल उतार कर उसके सामने खड़ी हो गई|

सबसे पहले उस औरत में मेरी जींस की बेल्ट उतारी और उसके बाद उसने जींस का बटन खोल कर जी नीचे खींच कर धीरे-धीरे मेरी जींस नीचे सरका कर उसने मेरे बदन से जींस उतार ली है और उसके बाद उसने मेरी टी-शर्ट उतारी|

अब मैं उसके सामने सिर्फ ब्रा और पेंटी में खड़ी थी| इतने में उसने पेट के निचले हिस्से में हाथ रखकर उसने मुझसे कहा, "मिस आप एक बहुत ही खूबसूरत लड़की है और मुझे यकीन है कि अब तक किसी न किसी मर्द कि प्यार और दुलार का सड़का (वीर्य) आपकी योनि के अंदर स्खलित जरूर हुआ होगा... क्या आपको यकीन है कि आप फिलहाल गर्भवती नहीं है?"

मैंने कहा, "हां, मुझे पक्का यकीन है कि मैं गर्भवती नहीं हूं..."

"और मैं उम्मीद करती हूं कि आप फिलहाल मासिक से भी नहीं है"

"जी नहीं... मेरे मासिक का चक्कर तो पिछले हफ्ते ही खत्म हो गया था अब तो अगले महीने तक की छुट्टी है..."

"तो ठीक है. मिस अब मैं आपकी पेंटी और ब्रा उतार दूंगी और फिर आप यह हमारा दिया हुआ गाउन पहन लेना और आप बुरा मत मानिएगा, आप एक लड़की हैं और यहां हमें इतना तो पूछना ही पड़ता है"

मैंने एक गहरी सी सांस ली और आंखें बंद करके अपने आप को बिल्कुल डीलर छोड़कर बिल्कुल चुपचाप खड़ी हो गई... अब तक मुझे यकीन हो गया था कि उस शरबत में कुछ ना कुछ नशीला पदार्थ जरूर मिलाया गया था- लेकिन मुझे इस बात की बिल्कुल भी फिक्र नहीं थी क्योंकि मैं हर पल का लुफ्त उठा रही थी- यह मेरे लिए बहुत ही रोमांचक और उत्तेजक कुछ पल थे|

और पहले की ही तरह उस औरत में सबसे पहले मेरी पेंटी उतरी और उसके बाद मेरे पीछे जाकर मेरे ब्रा के हुक को खोलकर उसने मेरा ब्रा भी उतार दिया|

अब मैं उस औरत के सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी|

इतने में ब्लू मून क्लब की मालकिन, मैरी डिसूजाजो कि पार्टीशन के दूसरी तरफ खड़ी थी अब वह बिल्कुल मेरे सामने आ गई| मैंने चौक कर अपने एक हाथ से अपने स्तनों और दूसरे हाथ से अपने यौनांग को ढकने का एक असफल प्रयास किया लेकिन मैरी डिसूजा मुस्कुराती हुई बोली, "शरमाओ मत अब जब तुम ब्लू मून क्लब की सदस्य बनने वाली हो तो एक बात को खास पर याद रखना- यहां शर्म हया और संकोच को अपने मन से पूरी तरह निकाल दो- ब्लू मून क्लब एक सेक्सुअली ओरिएंटेड एंटरटेनमेंट (यौन उन्मुख मनोरंजन क्लब) क्लब है- यहां लोग बाग मनोरंजन के लिए आते हैं... और हां मैं खुद तुमको एक बार बिल्कुल नंगी देखना चाहती थी... ठीक है, अब तुम बिल्कुल सीधे घड़ी हो जाओ, पीयाली... हां, ठीक है... पेट अंदर, छाती बाहर और अपने पैरों को थोड़ा फैला दो... शर्माने की जरूरत नहीं है अपने दोनों हाथ ऊपर करो"

मैरी डिसूजा मुझे ऊपर से नीचे तक निहार रही थी और मैं उनकी निगाहों को अपने शरीर के इंच इंच पड़ता हुआ महसूस कर रही थी|

मैरी डिसूजाने मानो एक चैन की गहरी सांस छोड़ी और उसके बाद उसने मुझसे मुस्कुराते हुए कहा, "तुमने जल्दी-जल्दी तो अपने बगलो में रेजर मार लिया था और मैं देख सकती हूं एक दो जगह तुम्हें खरोचें भी आ गई है... पर तुम अपने यौनंग के आसपास के बालों के बारे में तो भूल ही गई... खैर कोई बात नहीं है मैं जद्दनबाई से बोल देती हूं वह तुम्हारे यौनंग के आसपास के बालों की सफाई कर देगी"

वह अधेड़ उम्र की परिचारिका- जद्दनबाई मनो तैयार थी| वह तुरंत कहीं से एक ट्यूब और एक लेपनी लेकर आई और बड़े ही माहिर तरीके से उसने वह किया जो उसे करना था और मिनटों में मेरा जघन क्षेत्र बिल्कुल साफ हो गया|

इतने में मैरी डिसूजा का फोन बज उठा| शायद कोई व्हाट्सएप का मैसेज या फिर एसएमएस आया होगा|

मैरी डिसूजा ने फोन देख कर मुस्कुराकर मेरी तरफ देखा और फिर जद्दनबाई से बोली, "जद्दनबाई, हमारी मेहमान को गाउन पहना कर कमरा नंबर 415 में लेकर जाओ वहां इनका प्रोफाइल इनका इंतजार कर रहा है"

***

जो गाउन उन्होंने मुझे पहनने को दिया था वह स्लीवलैस था और केवल मेरे घुटनों तक ही लंबा था और बहुत ही महीन कपड़े का बना हुआ लगभग पारदर्शी था| मुझे गोपा मौसी की बातें याद आ रही थी- अगर वह मुझे इस हालत में देख ली थी तो यह जरूर कहती कि इन कपड़ों में से भी मेरे स्तनों की चूचियां साफ उभरकर आ रही हैं|

प्राइवेट लिफ्ट से होते हुए मैं और जद्दनबाई चौथी मंजिल के गलियारे में पहुंचे| वहां वह मुझे बड़े प्यार से कमरा नंबर 415 में लेकर गई|

कमरे का दरवाजा खुला और मैंने देखा कि कमरा बड़ा और दिखने में काफी साफ सुथरा और सुव्यवस्थित सा लग रहा था| कमरे की खिड़कियों के सभी पर्दे खींचे हुए थे|

कमरे में एक अजीब तरह की मादक खुशबू भरी हुई थी और मंद रोशनी से ऐसा लग रहा था कि कमरे को सेक्स और रोमांस के लिए अच्छी तरह से तैयार किया गया है|

कमरे के अंदर एक सिंगल बेड था, ड्रेसिंग टेबल उसके सामने एक बड़ा सा आईना और एक पहिए वाला टेबल जिसमें तरह तरह कि तेल वगैरह रखे हुए थे|

इतने में अटैच बाथरूम का दरवाजा खुला और मैंने अपनी प्रोफाइल को जिंदगी में पहली बार देखा- वह करीब 6 फुट लंबा उसकी उम्र करीब 35 या 40 साल की होगी| वह सिर्फ हाफ पेंट पहने हुए था और उसमें कोई अंडर वियर नहीं पहन रखा था इसलिए उसके शिथिल यौनांग का आकार साफ झलक रहा था।

उसके बाल कंधों तक लंबे थे और उसने बड़े सलीके से अपने बालों को पीछे पोनीटेल में बाद रखा था|

उसका बदन गठीला और मजबूत लग रहा था और उसकी छाती में बिल्कुल भी बाल नहीं थे| दिखने में वह भी एंग्लो इंडियन ही लग रहा था|

वह मुस्कुराता हुआ मेरे पास आया और मेरी बाहों को अपनी बाहों में लेकर बोला, "हैलो मिस, माय नेम इज टॉम (मेरा नाम टॉम है)... मुझे यह जानकर खुशी हुई कि आप जैसी खूबसूरत लड़की को सर्विस देने का मौका मुझे मिला है", टॉम ने मेरे हाथ को चूमते हुए कहा।

टॉम की पहली छुअन और उसकी बातों से ही मानो उसने मेरा मन मोह लिया|

इतने में मैंने गौर किया कि जद्दनबाई की बांछें खिल गई थी| उसमें टॉमसे कहा, " टॉम भैया, यह लड़की हमारे यहां पहली बार आई है- और मेरी डिसूजा मैडम ने इसकी जिम्मेदारी आपको दी है- और मुझे इस बात की बड़ी खुशी है... इसकी अच्छी तरह से सेवा करिएगा"

यह कहकर अपने पीछे दरवाजा बंद करती हुई जद्दन बाई चली गई|

अब मैं और टॉम कमरे में अकेले थे और मेरा दिल जोर-जोर से धड़कने लगा था|

क्रमशः
 

naag.champa

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अध्याय ६


टॉम ने मुझसे पूछा, " क्या मैं आपको एक सिगरेट और थोड़ी सी रेड वाइन ऑफर कर सकता हूं, मिस?"

मैंने गौर किया कि उसकी बोली में एक एंग्लो असर है|

मैंने स्वीकृति में सर हिलाया| जिस टेबल पर पहिया लगा हुआ था उसी के नीचे से टॉम ने एक रेड वाइन की बोतल निकाली और साथ में दो गिलास और फिर वहीं से 1 डनहिल सिगरेट का पैकेट निकाल कर उसे खोलकर मेरी तरफ बढ़ाया| मैंने उसमें से एक सिगरेट निकाल कर अपने होठों से लगाई और तुरंत टॉम ने एक लाइटर निकालकर मुझे सिगरेट को सुलगने में मेरी मदद की|

कॉलेज के जमाने में मैं कभी कभार सिगरेट दिया कर लेती थी- यह दोस्तों की संगति का असर था और हां कभी कबार बियर व्हिस्की और वाइन भी पी लिया करती थी| यहां तक कि जब मैं कॉल सेंटर में काम करती थी; तब भी एक आध बार पार्टी में जा कर के मैंने सिगरेट और शराब पी थी| इसलिए मुझे कोई दिक्कत नहीं हुई|

मैंने सिगरेट का एक लंबा सा कश लिया और सीधे नाक से धुआं छोड़ा|

इतने में टॉम गिलास में वाइन डालते हुए मुझसे बोला, " मिस हमारे पैकेज के अनुसार मैं आपके पूरे शरीर की मालिश करूंगा... यह एक हर्बल मालिश है और फिर मैं आपको अच्छी तरह से नहलाऊंगा और उसके बाद आपका हेयर स्पा..." और फिर कुछ देर रुक कर उसने एक शरारत भरी मुस्कान लेकर मेरी तरफ देखा और फिर वह बोला, "और इसी बीच मिस मैं आपको प्यार दुलार करके आपके साथ शारीरिक संबंध भी बनाऊंगा..."

यह सुनकर मेरे दिल की धड़कन एक बार रुक सी गई- लेकिन साथ में मेरे पेट के निचले हिस्से में थोड़ी गूदगुदी सी भी होने लगी और फिर मैंने सोचा अब जब लेकिन अब जब ओखली में सर दे ही दिया है तो मूसल का क्या डर?

एक तो पहले ही मैंने नशीले पदार्थ वाली शरबत पी रखी थी उसके बाद थोड़ा सा रेड वाइन पीते ही मेरा नशा और चढ़ गया... मैं अनजाने में ही टॉम को निहार रही थी- और न जाने कब मैंने अनजाने में ही उससे कह दिया, "टॉम क्या तुम्हें अपने बालों को इस तरह से पोनीटेल में बांध कर रखने की जरूरत है?"

टॉम मुस्कुराया और फिर बोला, "कोई बात नहीं, मिस- अगर आप चाहती हैं तो मैं अपने बालों को खोल देता हूं"

मैंने कहा, "नहीं रुको" यह कहकर मैंने मैंने सिगरेट को ऐशट्रे में रखा और उसके सामने से अपनी दोनों बाहें उसके गले में डालकर धीरे-धीरे उसका हेयर बैंड खोल दिया| टॉम के बाल लंबे और घने थे करीब-करीब कंधे से थोड़े से नीचे तक| खुले बालों में वह और आकर्षक लगने लगा था...

हम दोनों एक दूसरे की आंखों में देख रहे थे| टॉम की गहरी नीली आंखें मानो मुझे मदहोश कर रही थी| इतने में टॉम न जाने कब अपना चेहरा मेरे चेहरे के बिल्कुल पास लेकर आया था और फिर गहरी सांस खींचते हुए उसने कहा, "मिस. आपके बालों से और बदन से बहुत अच्छी खुशबू आ रही है- मुझे तो आप अभी से ही अपना दीवाना बना रही हैं"

यह सुनकर में एक दम सचेत हो गई और तब मुझे समझ में आया कि इतने में टॉम ने भी मुझे अपनी बाहों में ले रखा था|

मैं एकदम से उसके आगोश से छूटकर दीवार पर टंगे आईने की तरफ शर्मा कर भागी|

टॉम मुस्कुराया और फिर वह बोला, "आइए मिस, हम आप की मालिश शुरू करते हैं- आप प्लीज अपना गाउन उतार दीजिए"

सुबह सुबह जब मैं सैर के लिए निकली थी, तभी मेरे पैर से नोटों से भरा हुआ वह पैकेट कराया था| और उसी वक्त से न जाने मेरे दिमाग में क्या भूत सवार हुआ कि मैंने सोचा कि मैं कुछ ऐसा करूं जो मैंने आज तक नहीं किया और संयोग की बात है कि मुझे ब्लू मून क्लब का विज्ञापन दिख गया|

और एक अनजाने आवेश में आकर आज मैं यहां तक पहुंच गई हूं| पर अब मुझे थोड़ी बहुत झिझक महसूस हो रही थी| टॉम ने मेरी हिचकिचाहट को भांप लिया और वह मेरे पास आकर मेरी नाइटी की बेल्ट को खोलते हुए बोला, " आपको शर्माने की कोई जरूरत नहीं है, मिस| ईश्वर ने आपको बड़ी फुर्सत से तराशा है--- जरा मेरी नजरों से आप खुद अपने आप को भी देख लीजिए"

यह कहकर पलक झपकते ही टॉम ने मेरी नाइटी उतार कर आईने के सामने मुझे पूरी तरह से नंगी कर दिया|

मैंने आईने में अपनी नंगी प्रतिबिंब दिखी और ना जाने क्यों मुझे एक अजीब सा गुरूर महसूस होने लगा और मन ही मन में यह सोचने लगी कि मेरे पति को तो मालूम ही नहीं वह अपनी जिंदगी में क्या गवां रहा है|

मैंने नजरें झुका कर एक गर्व भरी मुस्कान से टॉम से कहा, "एक बात कहूं टॉम? तुम मुझे मिस-मिस ना कह कर दो मुझे मेरे नाम से पुकार सकते हो- मेरा नाम है पीयाली- पीयाली दास"

ब्लू मून क्लब की मालकिन मैरी डिसूजा ने कहा था 'तुमने यहां अपना नाम पीयाली दास बताया था...आज के बाद मैं तुम्हें इसी नाम से पुकारऊंगी'

इसलिए मैंने भी यह सोच लिया कि ब्लू मून क्लब में आज के बाद मैं पीयाली दास के नाम से ही जानी जाऊंगी|

तुमने कहा. "ठीक है, पीयाली- चलो मैं तुम्हें मसाज टेबल पर ले जाता हूं"

यह कहकर टॉम ने अपने बलिष्ठ हाथों से मुझे एक खिलौने की गुड़िया की तरह अपनी बाहों में उठा लिया और फिर धीरे-धीरे मुझे मसाज टेबल पर लिटा दिया और फिर बड़े ध्यान से मेरे बालों को तकिए के ऊपर की तरफ फैला दिए| उसके बाद उसने मेरी दोनों टांगे फैला दी- मैं सोच रही थी कि शायद अभी के अभी टॉम मेरी योनि के अंदर अपना लिंग घुसा देगा लेकिन नहीं वह पहिए वाली टेबल अपने पास खींचकर लाया और उसमें से एक स्प्रे वाली बोतल निकाल कर उसने मेरे यौनांग और गुदा के ऊपर किसी तरल पदार्थ का छिड़काव किया| जैसे ही वह ठंडी-ठंडी स्प्रे मेरी त्वचा पर पड़ी मैं एक तरह से सिहर सी उठी, तो टॉम ने मुस्कुरा कर कहा, "यह एक तरह का क्लीनर है पीयाली---" मुझे ठंडी ठंडी गूदगुदी सी भी महसूस हुई इसलिए मैं हल्का-हल्का हंसने लगी|

और फिर उसने कहा, "पीयाली, अपने बदन को इतना अकड़ कर मत रखो जरा ढीला छोड़ कर रिलैक्स हो जाओ"

मेरे यौनांग और गुदा टिशू पेपर से साफ करने के बाद टॉम ने मुझे उल्टा- मेरी छाती के बल- मुझे लिटा दिया और मेरी बाहों को मसाज टेबल की दोनों तरफ फैला दिए और उसने मेरी टांगों को भी काफी फैला दिया मैं सोच रही थी यह क्या? क्या तुम मेरे साथ गुदामैथुन करने की सोच रहा है?

"क्या तुम्हें अच्छा लग रहा है पीयाली?"

मैंने कहा, "हां टॉम"

टॉम ने मेरी मालिश शुरू की सबसे पहले उसने मेरे बाएं पैर की उंगलियों को धीरे धीरे मसलना शुरू किया... और उसके बाद मेरे दाएं पैर की... उसके इसी अंदाज से ही मेरे पूरे बदन में मानो एक अजीब सी सनसनी सी फैलने लगी... और फिर एक कुशल मसाजर की तरह उसने मेरे घुटनों को मोड़कर मेरे पैर की मांसपेशियों को सहलाने लगा और बीच-बीच में वह मेरे पैरों की उंगलियों को चटकने भी लगा|

मेरा पूरा बदन एक अजीब से मीठे दर्द और एक अनजाने मजे में डूबता चला गया|

फिर उसने अपनी हथेली पर एक सुगंधित तेल डालकर दोनों हाथों में मिलकर मेरे पूरे शरीर पर तेल लगाने लगा... और मैंने गौर किया कि टॉम की कुशलता पर कोई शक नहीं है| वह मेरे हाथों और पैरों की मांसपेशियों को... कुछ इस तरह से निचोड़ने लगा जैसे गीले कपड़े को निचोड़ कर उसमें से पानी निकालते हैं... और मुझे ऐसा लग रहा था कि मानो टॉम मेरे शरीर से बरसों से जमी हुई जड़ता को निचोड़- निचोड़ कर बाहर निकाल रहा है|

उसके बाद टॉम के हाथ मेरे कूल्हों, कमर और पीठ पर अपना जादू चलाने लगे| और उसके बाद जब उसने मेरे कंधों और गर्दन की मालिश करना शुरू किया तो मैं मानो सुखसागर के समुद्र में गोते खाने लगी... उसके बाद तुमने मुझे सीधा लिटा दिया और फिर उसने दोबारा से मेरे पैरों से लेकर, घुटनों, जांघों पीठ छाती पसलियों की मालिश करने लगा... और जब उसने मेरे सुडौल स्तनों को मसाला शुरू किया तो मैंने गौर किया कि वह बड़े ही ध्यान से कुछ इस तरह से मेरी मालिश कर रहा है ताकि मुझे मजा भी आए|

अब तक तो मैं उसकी पूरी तरह दीवानी हो चुकी थी.... पर टॉम के लिए मेरा पूरा बदन एक खेल का मैदान था|

मेरा पूरा का पूरा शरीर टॉम के लगाए हुए तेल से सराबोर था...

उसके बाद टॉम ने कुछ ऐसा किया जिसकी मुझे उम्मीद नहीं थी उसने मेरी जांघों को थोड़ा और फैलाया और उसके बाद अपनी दो उंगलियों से मेरे यौनांग अधरों को थोड़ा फैलाया और फिर सीधे अपना सर मेरी दोनों जांघों के बीच में डालकर अपनी जीभ से मेरे यौनांग अंदरूनी हिस्से को चाट चाट कर मेरे नारीत्व की गुप्त स्वाद के मजे लेने लगा| इससे पहले मेरे नारीत्व का इस तरह से किसी ने भी उल्लंघन नहीं किया था...

मैं मारे उत्साह और मदहोशी के चिल्ला उठी- लेकिन टॉम ने उस पर कोई ध्यान नहीं दिया... टॉम लड़कियों की कामोत्तेजना को भड़काने में बहुत ही माहिर था- पता नहीं आज से पहले उसने कितनी लड़कियों के साथ ऐसा किया होगा- और खुश नसीब है वह लड़कियां और औरतें जिन्हें टॉम ने सर्विस दी होगी|

टॉम के खुले बाल मेरी जांघों के भीतरी हिस्सों में छु छु कर मानो मेरे अंदर की वासना को और भड़का रहे थे... मैं बस कभी कबार अपना सर उठा कर देखती और फिर धम से अपना सर तकिए पर पटक कर सिर्फ इधर-उधर हिलाती... मुझे सिर्फ चूमने चाटने की आवाजें सुनाई दे रही थी... टॉम मानो किसी कुंवारी लड़की की योनि को चूस चूस कर उसके यौवन का रस पी रहा था|

इसी बीच कभी कबार वह मेरी योनि और गुदा के बीच के हिस्से को भी चाट रहा था... मेरे अंदर की वासना अब मानो जमीन के अंदर दबी हुई मैग्मा की तरह उबल रही थी और मैं मारे कामोत्तेजना के अब थरथर कांपने लगी...

इतने में टॉम ने अपना सर उठाया और बोला, "पीयाली, तुम तो बहुत ताजी और रसीली हो... तुम्हारा रस पीकर मुझे तो नशा सा सड़ गया है"

मेरे अंदर की वासना अब मानो जमीन के अंदर दबी हुई मैग्मा की तरह उबल रही थी और मैं मारे कामोत्तेजना के अब थरथर कांपने लगी...

टॉम अब मसाज टेबल से उतर कर मेरे सर के पास आकर खड़ा हो गया| और उसने दोबारा मेरे सुडौल स्तनों और पसलियों की मालिश करना शुरू किया| मैंने नजर उठा कर देखा उसने जो हाफ पैंट पहन रखी थी, उसके अंदर से उसका लिंग खड़ा होकर उसके हाफ पैंट के अंदर एक है तंबू सा बना रहा था... और वह तंबू बार-बार मेरे माथे से छू रहा था... मुझे इस बात का अंदाजा हो गया था कि टॉम का यौनांग बड़े आकार का है... लेकिन वह एक तंबू के अंदर छिपा हुआ है... आखिर इस तंबू के अंदर है क्या? मेरे अंदर यह जानने की उत्सुकता बढ़ने लगी...

क्रमशः
 

naag.champa

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Bahut badhiya update aur 🔥 bhi.
Keep posting madam.
आदरणीय SANJU ( V. R. ) जी,

आपका बहुत-बहुत धन्यवाद| उम्मीद है कि आने वाले अपडेट्स भी आपको अच्छे लगेंगे| कृपया कहानी के साथ बने रहिएगा|

 

naag.champa

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Bahut hi badhiya story he...............aur topic bhi achcha he........

Keep posting naag.champa
आदरणीय Ajju Landwalia जी,

आपका बहुत-बहुत धन्यवाद| आपने बिल्कुल सही फरमाया, कहानी का टॉपिक दूसरी कहानियों से थोड़ी अलग है- आशा है कि मैं अपने पाठकों का इस कहानी से मनोरंजन कर पाऊंगी|

 

naag.champa

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अध्याय ७


लगता है टॉम ने मेरी मनःस्थिति को भाँप लिया होगा| इसलिए उसने मेरी जिज्ञासा शांत करने के लिए मुस्कुराकर अपनी हाफ पेंट उतार दी| मैंने देखा कि उसके जननांगों के आसपास जरा भी बाल नहीं थे सब कुछ साफ सुथरा और मुंडा हुआ था| उसका लिंग मानो छलांग मार के मेरे सामने बाहर आया... जिसे देखकर मैं एकदम हैरान रह गई| टॉम का लिंग एकदम सीधा सपाट, लंबा और काफी मोटा था| उसके लिंग का सुपाड़ा बहुत ही अच्छी तरह से सुगठित था| और उसके अंडकोष विकसित और बड़े से थे... इस बात में कोई शक नहीं कि वे भरपूर मात्रा में वीर्य का उत्पादन करने में सक्षम थे| मैंने मन ही मन सोचा कि ऐसे लिंग के मैथुन के माध्यम से स्खलित वीर्य मेरी योनि को पूरी तरह से भरने के लिए पर्याप्त होगा|

मुझे उसके दो टांगों के बीच के हिस्से से उसी क्लीनर की सुगंध आ रही थी|

मुझे ध्यान नहीं कि कब मैं उल्टा लेट कर टॉम के यौनांग को निहार रही थी... कि इतने में टॉम ने मुस्कुराते हुए अपने लिंग की चमड़ी को पीछे खींच कर अपने लिंग का सुपाड़ा मेरे सामने उन्मुक्त किया और उसके चिकने चिकने गुलाबी सिरे को सीधे मेरे मुंह के सामने लाकर कर रख दिया.... और मुझसे रहा नहीं गया मैंने अपनी मुट्ठी में उसका लिंग पकड़ा, पुरुष का लिंग काफी बड़ा था और वह मेरी मुट्ठी के काफी बाहर भी निकला हुआ था... टॉम ने मेरे बालों को समेट कर अपनी मुट्ठी में एक पोनीटेल जैसे मेरे सर के पीछे पकड़ा तब तक मैं मन ही मन समझ गई कि वह क्या चाहता है... उसके लिंग के चिकने चिकने गुलाबी सुपाड़े अपने जीभ के सिरे से हल्के हल्के चाटने लगी... और फिर थोड़ी ही देर में मैंने उसका लिंग अपने मुंह में लेकर उसे चूसने लगी|

टॉम मेरे बालों को पकड़कर मेरे सिर को धीरे-धीरे आगे पीछे करने लगा| पर इस बात का मुझे कोई एतराज नहीं था| क्योंकि मैं जानती थी उसे मजा आ रहा है और मैं भी इस पल का लुफ्त उठा रही थी|

थोड़ी ही देर बाद मैंने महसूस किया कि टॉम के लिंग में कंपन से शुरु हो गई है... और तब तुमने अपना लिंग मेरे मुंह से निकाल लिया.. और फिर मुझे मसाज टेबल से दोबारा किसी खिलौने की गुड़िया की तरह अपनी बाहों में उठा कर उसने मुझे कमरे पर लगे बिस्तर पर लेटा दिया| फिर उसमें गद्दे के नीचे से एक कंडोम के पैकेट निकालकर और उसका कवर फाड़ कर अपने तने हुए सुगठित लिंग पर उसे चढ़ाया और फिर वह मेरी जांघों को पकड़कर मेरी कमर को बिल्कुल बिस्तर के किनारे तक ले आया... अब मेरी टांगे बिस्तर के नीचे लटक रही थी और मेरे पैर के तलवे जमीन को छू रहे थे और फिर वह मुस्कुराता हुआ बोला, "पीयाली, अब मैं अपना लिंग तुम्हारी योनि में डालने जा रहा हूं, क्या तुम तैयार हो?"

मेरे अंदर कामवासना भड़क रही थी मुझे समझ में नहीं आ रहा था मैं क्या जवाब दूं लेकिन मैंने पाया कि मेरा शरीर और मेरा मन दोनों अलग-अलग प्रक्रियाएं कर रहे हैं| आप मैंने अनजाने में ही अपनी कमर उचका दी|

तुमने दोबारा अपनी उंगलियों से मेरे योनि के अधरों को हल्का सा खोला और अपने खड़े लिंग को उसने मेरी योनि के अंदर मानो एक तलवार की तरह घोंप दिया... उसकी तीव्रता और दर्द के मारे मैं हल्का सा करा उठी... थोड़ी देर के लिए टॉम बिल्कुल स्थिर सा हो गया... वह मुझे संभालने का मौका देना चाहता था|

पर अनजाने में ही मैंने उसके शरीर के निचले हिस्से को अपनी दोनों टांगों से जकड़ कर रखा था|

मैं थोड़ा छटपटा रही थी... और अपना सर इधर उधर कर रही थी, क्योंकि जिंदगी में पहली बार किसी का इतना बड़ा लिंग मेरी योनि में घुसा था... लेकिन मुझे क्या मालूम तुमने तो अभी अपना पूरा लिंग मेरे अंदर डाला ही नहीं था... और जब मैं थोड़ा सा शांत हुई तब टॉम ने धीरे-धीरे जितना हो सके अपना लिंग उतना मेरी योनि के अंदर घुसा दिया|


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मैंने मारे दर्द के अपने होठों को जोर से काटा|

"तुम बहुत ही फ्रेश और टाइट हो पीयाली" टॉम से रहा नहीं गया| और फिर उसने अपनी कमर को धीरे धीरे आगे पीछे हिलाना शुरू किया... धीरे-धीरे उसके मैथुन की गति बढ़ती गई... मेरा पूरा शरीर उसके मैथुन के धक्कों से डोलने लगा था... और मेरे सुडोल स्थास्तनों के जोड़े में मानो जान आ गई थी वह भी धक्कों के कारणके कारण बिल्कुल उछलते गेंदों की तरह हिलने लगे|

टॉम के मैथुन के धक्कों को संभालना शुरू शुरू में मेरे लिए थोड़ा मुश्किल हो रहा था... लेकिन कुछ देर बाद मानो सब कुछ ठीक हो गया... और मुझे काफी मजा आने लगा... अब पूरी कमरे में बिल्कुल सन्नाटा छाया हुआ था... टॉम का पूरा ध्यान मेरे साथ सहवास करने में लगा हुआ था... कमरे में बस दो बदनों की घर्षण और मिथुन की वजह से थपकियों आवाज ही आ रही थी- मानो हमारी यह कामलीला देख कर स्वयं गामदेवी ताली बजा रहे हैं-

थप! थप! थप! थप! थप! थप! थप! थप! थप!

टॉम रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था| मेरे अंदर एक नहीं करीब दो दो बार कामोत्तेजना का परम विस्फोट हुआ... लेकिन टॉम फिर भी लगा हुआ था...

मेरे साथ सहवास करना शायद टॉम का काम था लेकिन मैं जानती थी कि वह फिलहाल इस चीज का बहुत ही आनंद उठा रहा है... आखिरकार मुझे लगा कि टॉम को भी ऑर्गेजम हो गया है|

जैसे फुल स्पीड पर चलती हुई ट्रेन धीरे-धीरे अपनी गति को कम करती हुई स्टेशन पर आकर रूकती है ठीक वैसे ही टॉम ने अपनी मैथुन की गति को रोका और फिर धीरे-धीरे अपने शिथिल पढ़ते हुए लिंग को उसने मेरी योनि के अंदर से बाहर निकाला|

मैंने अनजाने में ही तब भी टॉम के शरीर के निचले हिस्से को अपने पैरों से जकड़ कर रखा था... टॉम बड़े प्यार से मेरे आलिंगन से मुक्त हुआ और फिर मुस्कुराता हुआ बाथरूम में जाकर अपने लिंग से उसने कंडोम उतारी और उसको कमोड में फल्श कर दिया और शायद उसके बाद उसने अपने लिंग को अच्छी तरह से धोया|

और जब वह वापस आया तब उसकी नजरें मुझ पर पड़ी और वह आश्चर्य से बोल उठा, "ओह नो! (अरे नहीं)"

एक बहुत ही रोमांचक और संतोषजनक अनुभव के बाद मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैंने किसी ऊंचे पहाड़ की चोटी पर विजय प्राप्त कर ली है इसलिए मैं अपनी सारी शर्मा या भूल कर.. एक अजीब सी मदहोशी में डूबी हुई थी और अपने हाथ पैर फैलाकर यूं ही लेटी पड़ी हुई थी|

लेकिन टॉम के विस्मय ने मुझे हकीकत में उतारा|

मैंने पूछा, "क्या हुआ, टॉम?"

उसने जवाब दिया, "पीयाली, तुम्हारा तो खून बह रहा है"

मैंने झट से सर उठा कर अपने दो टांगों के बीच के हिस्से को देखा... हां सही में मेरी योनि के अधर खून से भीगे हुए थे और खून की 8-10 बूंदे बिस्तर के सफेद चद्दर पर भी अपना दाग बना चुकी थी|

मुझे समझते देर नहीं लगी कि इस रक्तस्राव का कारण टॉम के तगड़े लिंग के द्वारा मेरी योनि का उल्लंघन करना ही है| मैंने अपनी योनि के अंदर इतना बड़ा लिंग पहले कभी नहीं लिया था|

टॉम में देर नहीं की... उसने दोबारा वह क्लीनर वाला स्प्रे निकाला और स्प्रे करने के बाद दोबारा टिशू पेपर से उसने मेरे यौनांग को अच्छी तरह साफ किया|

लेकिन इस तरह से खून निकलने की वजह से मुझे ज्यादा चिंता नहीं हुई- क्योंकि न जाने कहां मैंने पढ़ रखा था की औरतों की योनि काई से ढकी तालाब के पानी की तरह होती है... अगर कोई पत्थर मारे तो उसमें दरार आ जाती है|

और लिंग चाहे कितना ही बड़ा और मोटा क्यों ना हो हर योनि का यह धर्म है कि उसे अपने अंदर आश्रय दें|

टॉम ने एक और सिगरेट सुलगा कर मुझे थमा दी और फिर दोबारा टेबल पर रखे गिलासों मैं वाइन डालने लगा|

और फिर मुझसे बिल्कुल चिपक कर बैठ कर मेरे कंधे पर हाथ रखकर, मेरी आंखों में आंखें डाल कर बड़े ही प्यार वह मेरे बालों के अंदर अपनी उंगलियां चलाने लगा|

मैं आधा गिलास वाइन पी चुकी थी| फिर तुमने मेरे से कहा, "पीयाली, मैं तुम्हारे साथ दोबारा सेक्स करने जा रहा हूं... लेकिन इस बार में तुम्हारे साथ मिशनरी पोजीशन में सेक्स करूंगा... क्योंकि मेरा मानना है कि यह और ही ज्यादा अंतरंग और प्यार भरा तरीका है| मुझे उम्मीद है कि तुम बुरा नहीं मानोगी| इस बार मैं तुम्हारे ऊपर लेटऊंगा... और तुम्हें जी भर के चूमुंगा और दुलारऊंगा... मुझे उम्मीद है कि तुम बुरा नहीं मानोगी"

मैं शरमा गई पर मुस्कुराकर मैंने स्वीकृति में अपना सर हिलाया|

टॉम ने मेरे होंठों को चूमते हुए कहा,"सचमुच तुम एक बहुत ही सुंदर लड़की हो, पीयाली"

क्रमशः
 
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