अध्याय ६
टॉम ने मुझसे पूछा, " क्या मैं आपको एक सिगरेट और थोड़ी सी रेड वाइन ऑफर कर सकता हूं, मिस?"
मैंने गौर किया कि उसकी बोली में एक एंग्लो असर है|
मैंने स्वीकृति में सर हिलाया| जिस टेबल पर पहिया लगा हुआ था उसी के नीचे से टॉम ने एक रेड वाइन की बोतल निकाली और साथ में दो गिलास और फिर वहीं से 1 डनहिल सिगरेट का पैकेट निकाल कर उसे खोलकर मेरी तरफ बढ़ाया| मैंने उसमें से एक सिगरेट निकाल कर अपने होठों से लगाई और तुरंत टॉम ने एक लाइटर निकालकर मुझे सिगरेट को सुलगने में मेरी मदद की|
कॉलेज के जमाने में मैं कभी कभार सिगरेट दिया कर लेती थी- यह दोस्तों की संगति का असर था और हां कभी कबार बियर व्हिस्की और वाइन भी पी लिया करती थी| यहां तक कि जब मैं कॉल सेंटर में काम करती थी; तब भी एक आध बार पार्टी में जा कर के मैंने सिगरेट और शराब पी थी| इसलिए मुझे कोई दिक्कत नहीं हुई|
मैंने सिगरेट का एक लंबा सा कश लिया और सीधे नाक से धुआं छोड़ा|
इतने में टॉम गिलास में वाइन डालते हुए मुझसे बोला, " मिस हमारे पैकेज के अनुसार मैं आपके पूरे शरीर की मालिश करूंगा... यह एक हर्बल मालिश है और फिर मैं आपको अच्छी तरह से नहलाऊंगा और उसके बाद आपका हेयर स्पा..." और फिर कुछ देर रुक कर उसने एक शरारत भरी मुस्कान लेकर मेरी तरफ देखा और फिर वह बोला, "और इसी बीच मिस मैं आपको प्यार दुलार करके आपके साथ शारीरिक संबंध भी बनाऊंगा..."
यह सुनकर मेरे दिल की धड़कन एक बार रुक सी गई- लेकिन साथ में मेरे पेट के निचले हिस्से में थोड़ी गूदगुदी सी भी होने लगी और फिर मैंने सोचा अब जब लेकिन अब जब ओखली में सर दे ही दिया है तो मूसल का क्या डर?
एक तो पहले ही मैंने नशीले पदार्थ वाली शरबत पी रखी थी उसके बाद थोड़ा सा रेड वाइन पीते ही मेरा नशा और चढ़ गया... मैं अनजाने में ही टॉम को निहार रही थी- और न जाने कब मैंने अनजाने में ही उससे कह दिया, "टॉम क्या तुम्हें अपने बालों को इस तरह से पोनीटेल में बांध कर रखने की जरूरत है?"
टॉम मुस्कुराया और फिर बोला, "कोई बात नहीं, मिस- अगर आप चाहती हैं तो मैं अपने बालों को खोल देता हूं"
मैंने कहा, "नहीं रुको" यह कहकर मैंने मैंने सिगरेट को ऐशट्रे में रखा और उसके सामने से अपनी दोनों बाहें उसके गले में डालकर धीरे-धीरे उसका हेयर बैंड खोल दिया| टॉम के बाल लंबे और घने थे करीब-करीब कंधे से थोड़े से नीचे तक| खुले बालों में वह और आकर्षक लगने लगा था...
हम दोनों एक दूसरे की आंखों में देख रहे थे| टॉम की गहरी नीली आंखें मानो मुझे मदहोश कर रही थी| इतने में टॉम न जाने कब अपना चेहरा मेरे चेहरे के बिल्कुल पास लेकर आया था और फिर गहरी सांस खींचते हुए उसने कहा, "मिस. आपके बालों से और बदन से बहुत अच्छी खुशबू आ रही है- मुझे तो आप अभी से ही अपना दीवाना बना रही हैं"
यह सुनकर में एक दम सचेत हो गई और तब मुझे समझ में आया कि इतने में टॉम ने भी मुझे अपनी बाहों में ले रखा था|
मैं एकदम से उसके आगोश से छूटकर दीवार पर टंगे आईने की तरफ शर्मा कर भागी|
टॉम मुस्कुराया और फिर वह बोला, "आइए मिस, हम आप की मालिश शुरू करते हैं- आप प्लीज अपना गाउन उतार दीजिए"
सुबह सुबह जब मैं सैर के लिए निकली थी, तभी मेरे पैर से नोटों से भरा हुआ वह पैकेट कराया था| और उसी वक्त से न जाने मेरे दिमाग में क्या भूत सवार हुआ कि मैंने सोचा कि मैं कुछ ऐसा करूं जो मैंने आज तक नहीं किया और संयोग की बात है कि मुझे ब्लू मून क्लब का विज्ञापन दिख गया|
और एक अनजाने आवेश में आकर आज मैं यहां तक पहुंच गई हूं| पर अब मुझे थोड़ी बहुत झिझक महसूस हो रही थी| टॉम ने मेरी हिचकिचाहट को भांप लिया और वह मेरे पास आकर मेरी नाइटी की बेल्ट को खोलते हुए बोला, " आपको शर्माने की कोई जरूरत नहीं है, मिस| ईश्वर ने आपको बड़ी फुर्सत से तराशा है--- जरा मेरी नजरों से आप खुद अपने आप को भी देख लीजिए"
यह कहकर पलक झपकते ही टॉम ने मेरी नाइटी उतार कर आईने के सामने मुझे पूरी तरह से नंगी कर दिया|
मैंने आईने में अपनी नंगी प्रतिबिंब दिखी और ना जाने क्यों मुझे एक अजीब सा गुरूर महसूस होने लगा और मन ही मन में यह सोचने लगी कि मेरे पति को तो मालूम ही नहीं वह अपनी जिंदगी में क्या गवां रहा है|
मैंने नजरें झुका कर एक गर्व भरी मुस्कान से टॉम से कहा, "एक बात कहूं टॉम? तुम मुझे मिस-मिस ना कह कर दो मुझे मेरे नाम से पुकार सकते हो- मेरा नाम है पीयाली- पीयाली दास"
ब्लू मून क्लब की मालकिन मैरी डिसूजा ने कहा था 'तुमने यहां अपना नाम पीयाली दास बताया था...आज के बाद मैं तुम्हें इसी नाम से पुकारऊंगी'
इसलिए मैंने भी यह सोच लिया कि ब्लू मून क्लब में आज के बाद मैं पीयाली दास के नाम से ही जानी जाऊंगी|
तुमने कहा. "ठीक है, पीयाली- चलो मैं तुम्हें मसाज टेबल पर ले जाता हूं"
यह कहकर टॉम ने अपने बलिष्ठ हाथों से मुझे एक खिलौने की गुड़िया की तरह अपनी बाहों में उठा लिया और फिर धीरे-धीरे मुझे मसाज टेबल पर लिटा दिया और फिर बड़े ध्यान से मेरे बालों को तकिए के ऊपर की तरफ फैला दिए| उसके बाद उसने मेरी दोनों टांगे फैला दी- मैं सोच रही थी कि शायद अभी के अभी टॉम मेरी योनि के अंदर अपना लिंग घुसा देगा लेकिन नहीं वह पहिए वाली टेबल अपने पास खींचकर लाया और उसमें से एक स्प्रे वाली बोतल निकाल कर उसने मेरे यौनांग और गुदा के ऊपर किसी तरल पदार्थ का छिड़काव किया| जैसे ही वह ठंडी-ठंडी स्प्रे मेरी त्वचा पर पड़ी मैं एक तरह से सिहर सी उठी, तो टॉम ने मुस्कुरा कर कहा, "यह एक तरह का क्लीनर है पीयाली---" मुझे ठंडी ठंडी गूदगुदी सी भी महसूस हुई इसलिए मैं हल्का-हल्का हंसने लगी|
और फिर उसने कहा, "पीयाली, अपने बदन को इतना अकड़ कर मत रखो जरा ढीला छोड़ कर रिलैक्स हो जाओ"
मेरे यौनांग और गुदा टिशू पेपर से साफ करने के बाद टॉम ने मुझे उल्टा- मेरी छाती के बल- मुझे लिटा दिया और मेरी बाहों को मसाज टेबल की दोनों तरफ फैला दिए और उसने मेरी टांगों को भी काफी फैला दिया मैं सोच रही थी यह क्या? क्या तुम मेरे साथ गुदामैथुन करने की सोच रहा है?
"क्या तुम्हें अच्छा लग रहा है पीयाली?"
मैंने कहा, "हां टॉम"
टॉम ने मेरी मालिश शुरू की सबसे पहले उसने मेरे बाएं पैर की उंगलियों को धीरे धीरे मसलना शुरू किया... और उसके बाद मेरे दाएं पैर की... उसके इसी अंदाज से ही मेरे पूरे बदन में मानो एक अजीब सी सनसनी सी फैलने लगी... और फिर एक कुशल मसाजर की तरह उसने मेरे घुटनों को मोड़कर मेरे पैर की मांसपेशियों को सहलाने लगा और बीच-बीच में वह मेरे पैरों की उंगलियों को चटकने भी लगा|
मेरा पूरा बदन एक अजीब से मीठे दर्द और एक अनजाने मजे में डूबता चला गया|
फिर उसने अपनी हथेली पर एक सुगंधित तेल डालकर दोनों हाथों में मिलकर मेरे पूरे शरीर पर तेल लगाने लगा... और मैंने गौर किया कि टॉम की कुशलता पर कोई शक नहीं है| वह मेरे हाथों और पैरों की मांसपेशियों को... कुछ इस तरह से निचोड़ने लगा जैसे गीले कपड़े को निचोड़ कर उसमें से पानी निकालते हैं... और मुझे ऐसा लग रहा था कि मानो टॉम मेरे शरीर से बरसों से जमी हुई जड़ता को निचोड़- निचोड़ कर बाहर निकाल रहा है|
उसके बाद टॉम के हाथ मेरे कूल्हों, कमर और पीठ पर अपना जादू चलाने लगे| और उसके बाद जब उसने मेरे कंधों और गर्दन की मालिश करना शुरू किया तो मैं मानो सुखसागर के समुद्र में गोते खाने लगी... उसके बाद तुमने मुझे सीधा लिटा दिया और फिर उसने दोबारा से मेरे पैरों से लेकर, घुटनों, जांघों पीठ छाती पसलियों की मालिश करने लगा... और जब उसने मेरे सुडौल स्तनों को मसाला शुरू किया तो मैंने गौर किया कि वह बड़े ही ध्यान से कुछ इस तरह से मेरी मालिश कर रहा है ताकि मुझे मजा भी आए|
अब तक तो मैं उसकी पूरी तरह दीवानी हो चुकी थी.... पर टॉम के लिए मेरा पूरा बदन एक खेल का मैदान था|
मेरा पूरा का पूरा शरीर टॉम के लगाए हुए तेल से सराबोर था...
उसके बाद टॉम ने कुछ ऐसा किया जिसकी मुझे उम्मीद नहीं थी उसने मेरी जांघों को थोड़ा और फैलाया और उसके बाद अपनी दो उंगलियों से मेरे यौनांग अधरों को थोड़ा फैलाया और फिर सीधे अपना सर मेरी दोनों जांघों के बीच में डालकर अपनी जीभ से मेरे यौनांग अंदरूनी हिस्से को चाट चाट कर मेरे नारीत्व की गुप्त स्वाद के मजे लेने लगा| इससे पहले मेरे नारीत्व का इस तरह से किसी ने भी उल्लंघन नहीं किया था...
मैं मारे उत्साह और मदहोशी के चिल्ला उठी- लेकिन टॉम ने उस पर कोई ध्यान नहीं दिया... टॉम लड़कियों की कामोत्तेजना को भड़काने में बहुत ही माहिर था- पता नहीं आज से पहले उसने कितनी लड़कियों के साथ ऐसा किया होगा- और खुश नसीब है वह लड़कियां और औरतें जिन्हें टॉम ने सर्विस दी होगी|
टॉम के खुले बाल मेरी जांघों के भीतरी हिस्सों में छु छु कर मानो मेरे अंदर की वासना को और भड़का रहे थे... मैं बस कभी कबार अपना सर उठा कर देखती और फिर धम से अपना सर तकिए पर पटक कर सिर्फ इधर-उधर हिलाती... मुझे सिर्फ चूमने चाटने की आवाजें सुनाई दे रही थी... टॉम मानो किसी कुंवारी लड़की की योनि को चूस चूस कर उसके यौवन का रस पी रहा था|
इसी बीच कभी कबार वह मेरी योनि और गुदा के बीच के हिस्से को भी चाट रहा था... मेरे अंदर की वासना अब मानो जमीन के अंदर दबी हुई मैग्मा की तरह उबल रही थी और मैं मारे कामोत्तेजना के अब थरथर कांपने लगी...
इतने में टॉम ने अपना सर उठाया और बोला, "पीयाली, तुम तो बहुत ताजी और रसीली हो... तुम्हारा रस पीकर मुझे तो नशा सा सड़ गया है"
मेरे अंदर की वासना अब मानो जमीन के अंदर दबी हुई मैग्मा की तरह उबल रही थी और मैं मारे कामोत्तेजना के अब थरथर कांपने लगी...
टॉम अब मसाज टेबल से उतर कर मेरे सर के पास आकर खड़ा हो गया| और उसने दोबारा मेरे सुडौल स्तनों और पसलियों की मालिश करना शुरू किया| मैंने नजर उठा कर देखा उसने जो हाफ पैंट पहन रखी थी, उसके अंदर से उसका लिंग खड़ा होकर उसके हाफ पैंट के अंदर एक है तंबू सा बना रहा था... और वह तंबू बार-बार मेरे माथे से छू रहा था... मुझे इस बात का अंदाजा हो गया था कि टॉम का यौनांग बड़े आकार का है... लेकिन वह एक तंबू के अंदर छिपा हुआ है... आखिर इस तंबू के अंदर है क्या? मेरे अंदर यह जानने की उत्सुकता बढ़ने लगी...
क्रमशः