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Adultery ब्लू मून क्लब (BMC)

यह कहानी आपको कैसी लगी?


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naag.champa

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ब्लू मून क्लब (BMC)
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अनुक्रमाणिका


अध्याय १ // अध्याय २ // अध्याय ३ // अध्याय ४ // अध्याय ५
अध्याय ६ // अध्याय ७ // अध्याय ८ // अध्याय ९ // अध्याय १०
अध्याय ११ // अध्याय १२ // अध्याय १३ // अध्याय १४ (समाप्ति)

बाबा ठाकुर (ब्लू मून क्लब- भाग 2)


यह कहानी पूर्णतः काल्पनिक घटनाओं पर आधारित है और इसका जीवित और मृत किसी भी शख्स से कोई वास्ता नहीं। इस कहानी में सभी स्थान और पात्र पूरी तरह से काल्पनिक है, अगर किसी की कहानी इससे मिलती है, तो वो बस एक संयोग मात्र है| इस कहानी को लिखने का उद्देश्य सिर्फ पाठकों का मनोरंजन मात्र है|

~ चंपा नाग
 
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अध्याय ८


टॉम ने दोबारा वाइन गिलासों में थोड़ी-थोड़ी वाइन डाली और मैं भी उठकर वाइन की चुस्कियां लेने लगी| इतने में दो दो बार संभोग करने के बाद मैं भी थोड़ा बहुत थक गई थी और मुझे ऐसा महसूस हो रहा था कि मेरी योनि के अधर शायद थोड़े से खुले हुए से लग रहे थे; अब यह कहना मुश्किल है कि क्या यह टॉम के साथ जोरदार संभोग का नतीजा है या फिर मेरा यौनांग टॉम को फिर से सहवास के लिए आमंत्रित कर रहा है|

जब तक मैं वाइन पी रही थी टॉम मुझे बड़े ही प्यार से देख रहा था- न जाने उसके दिमाग में क्या चल रहा था? जैसे ही मैंने वाइन का गिलास खत्म किया टॉम ने मुझे चूमा और फिर कमरे में लगे अटैच बाथरूम के अंदर चला गया और वहां मुझे नल से पानी भरने की आवाज सुनाई दी|

मैंने पूछा, " तुम क्या कर रहे हो, टॉम?"

टॉम ने बाथरूम के अंदर से ही आवाज लगाई, "कम ऑन पीयाली- आकर कर खुद ही देख लो..."

मैं बिस्तर पर बिल्कुल नंगी पड़ी हुई थी यहां तक की टॉम के साथ वाइन पीते वक्त भी मैंने अपने बदन पर कपड़े का एक भी कतरा चढ़ाने की जरूरत नहीं है समझी थी| इसलिए मैं वैसे ही बाथरूम के अंदर गई और मैंने देखा कि बाथरूम काफी बड़ा था और उसमें एक बाथटब में टॉम पानी भर रहा था और कोई लिक्विड साबुन पानी में मिलाकर खंगाल रहा था|

आज तक ना तो मेरे पिता के घर के बाथरूम में कोई बाथटब था और फिलहाल मैं और मेरे पति जिस फ्लैट में रहते हैं, वहां के बाथरूम में भी कोई बाथटब नहीं है| लेकिन बचपन से ही फिल्में देखने के बाद मुझे बाथरूम में बाथटब में डूब कर नहाने की इच्छा हुआ करती थी- और आज मेरी यह तमन्ना पूरी होने वाली थी|

मुझे मालूम था कि टॉम मुझे नहलाने वाला है इसलिए जैसे ही पानी भर गया- मैं खुद ब खुद बाथरूम में जाकर टांगे फैलाकर बैठ गई|

टॉम ने दोबारा मुझे प्यार से देखा और फिर मुस्कुराया|

" तो क्या तुम मुझे अभी नहलाने वाले हो, टॉम?"

"पैकेज के अनुसार- तुमको नहलाना सर्विस में शामिल है, पीयाली"

मैंने जी भर के टॉम को ऊपर से नीचे एक बार देखा| पहली बार उसे देखकर ही मुझे एहसास हो गया था कि उम्र मेंटॉम मुझसे कम से कम 10 या 15 साल बड़ा होगा... लेकिन इस वक्त वह पराया मर्द था... और मेरे सामने बिल्कुल नंगा खड़ा था... और मैं भी उसके सामने एक पराई औरत... शर्मों - हया और परदे के बिना बिल्कुल नंगी पानी से भरे बाथटब में अध -लेटी हुई थी...

कुछ देर के लिए बाथरूम के अंदर बिल्कुल सन्नाटा सा छा गया...

शायद यह वाइन का असर था या फिर मेरे दिमाग का फितूर- पता नहीं लेकिन मैंने टॉम से कहा, "मुझसे तुम्हारी हालत देखी नहीं जा रही, टॉम"

इस बात पर टॉम थोड़ा हैरान सा हुआ, उसने कहा, "मैंने तुम्हारा मतलब नहीं समझा, पीयाली"

"जरा मेरे पास आओ"

टॉम भी बाथटब में आ गया|

और इससे पहले कि वह कुछ समझ पाता मैंने खप से अपनी मुट्ठी में उसके शिथिल पढ़े हुए लिंग को पकड़ लिया और फिर मैं उसे आंखें मूंद कर जी भर कर चूसने लगी... अपने हाथों से पकड़ कर आज से पहले मैंने कभी भी किसी भी पुरुष के अंग को इस तरह से नहीं चूसा था... लेकिन आज मुझे इस बात का तजुर्बा भी हो गया था इसलिए मन ही मन मुझे ऐसा लग रहा था कि जब हाथ में मौका है तो उसे गवाना नहीं चाहिए|

टॉम ने एक लंबी सी मस्ती भरी सांस ली... मैंने अपनी नजरों को उठा कर उसके चेहरे की तरफ देखा और फिर मैं बोली, "तुम तो मुझे नहला कर मेरे बदन को छू कर मजे लेने वाले हो पर मेरा क्या होगा, टॉम?"

"मैं समझा नहीं, पीयाली- जब मैं तुम्हें नहलाऊंगा- तो क्या तुम्हें अच्छा नहीं लगेगा? क्या तुम्हें मजा नहीं आएगा?"

"मजा तो आएगा तो आएगा, टॉम... पर मैं दोबारा प्यार मस्ती और वासना के समुंदरों में दोबारा से गोते खाना चाहती हूं"

टॉम को उम्मीद नहीं थी कि मैं उससे कुछ ऐसा कहने वाली हूं; इसलिए उसे हैरानी तो हुई लेकिन मैंने गौर किया कि जैसे टॉम की आंखों में दोबारा से जैसे एक आदिम यौन भूख का रंग भरने लगा है|

फिर टॉम थोड़ा मुस्कुराया और फिर बोला, " वैसे तो अतिरिक्त शॉट (सहवास) के लिए हमारे यहां एक्स्ट्रा चार्जेस लगते हैं... और फिर वैसे भी पानी के अंदर अगर कंडोम भीग गया तो फट सकता है"

मैंने मन ही मन सोचा, अब तक ब्लू मून क्लब में मैंने कोई भी पैसा नहीं दिया था और मेरे पर्स में करीब करीब चालीस हजार रुपए पड़े हुए थे|

मैंने भी शरारत से मुस्कुराते हुए कहा, "तो ठीक है... तुम्हें कुछ करने की जरूरत नहीं है मुझे जो करना है वह मैं तुम्हारे साथ कर लूंगी..."

"लेकिन, पीयाली?"

"हा हा हा... चिंता मत करो टॉम... अबकी बार तुम्हें कुछ करने की जरूरत नहीं है; इस बार जो करना है वह मैं करूंगी... तुम तो दो-दो बार मेरे ऊपर चढ़कर मुझे चोद चुके हो... अब मेरी बारी है... मैं भी तो देखूं कि मैं क्या कर सकती हूं..."

मेरे अंदर वाइन का नशा चढ़ चुका था लेकिन फिलहाल मेरे अंदर वासना का भूत सवार था|

"लेकिन पीयाली, कंडोम...?"

"मैं बहुत दिनों से बहुत प्यासी हूं टॉम... जरा मैं भी तो देखूं आज जब मौका लगा है तो मैं अपनी प्यास किस हद तक मिटा सकती हूं" इतना कहकर मेट्रोम के लिंग को आइसक्रीम की तरह चूसने लगी- टॉम को मेरी इस हरकत की है शायद जरा भी उम्मीद नहीं थी- लेकिन मैं जानती थी कि उसे अच्छा लग रहा है| मैंने सुना है कि मर्दों को बिना कंडोम के सेक्स करना अच्छा लगता है... क्योंकि इनके लिए यह एक अधिक सुखद एहसास होता है... खैर, उन्हें कैसा लगता होगा यह तो मैं नहीं जानती... मैं तो एक औरत हूं... पानी से भरे बाथटब के अंदर होने के बावजूद मेरे पूरे बदन में वासना की आग लगी हुई थी|

शायद टॉम के मन के अंदर कोई पिंजरे में बंद जानवर शायद आजाद हो चुका था| टॉम ने आव देखा ना ताव, उसने मेरे बालों को पकड़कर मुझे सीधा खड़ा कर दिया मैंने देखा कि अब तक उसका लिंग एक लोहे के सरिए की तरह खड़ा और सख्त हो चुका है... मेरी सांसे भी लंबी गहरी होती जा रही थी जिसकी वजह से मेरे सुडौल स्तनों का जोड़ा मेरी सांसों के साथ ऊपर नीचे हो रहा था|

टॉम ने बाथटब के ऊपर लगे हुए शावर को चलाया और फिर मुझे पूरा का पूरा भिगो दिया| मेरे बदन में पानी में पढ़ते ही है मेरा पूरा बदन कांप उठा- मुझे ऐसा लग रहा था जैसे गर्म तवे पर किसी ने पानी के छींटे मार दिए हो|

शायद मेरे पूरे बदन से कामोत्तेजना की ऊष्मा निकल रही थी... मेरी उफनती जवानी की यह गर्मी शायद टॉम फालतू में गवाना नहीं चाहता था इसलिए- इससे पहले कि मैं कुछ समझ पाती वह मेरे पूरे बदन को अपनी जीभ से किसी जानवर की तरह चाटने लगा... मेरे होंठ ... स्तन ... निपल्स ... कांख.. कंधा... टॉम योनि और योनि और गुदा के बीच के बीच के हिस्से पर विशेष ध्यान दे रहा था और उसके बाद उसने मेरे गीले बालों को इकट्ठा करके सर के ऊपर एक जुड़े में बांध दीया| मेरे पूरे बदन में साबुन लगाने लगा...

मुझे मालूम था कि टॉम मेरे साथ जो भी कर रहा है- उसे उसका भरपूर मजा मिल रहा है

मुझसे भी रहा नहीं गया... मैं भी तुमको जी भर के चूमने और चाटने लगी... और मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था... किसी अनजाने आदमी की छुअन और उसकी त्वचा के स्वाद की बात ही कुछ और है...

***

हमने एक-दूसरे को नहला दिया|

लेकिन टॉम ने मेरा बदन नहीं पोछा| उसने दोनों हाथों से मेरे स्तनों को पकड़ा और फिर मुझे दीवार की तरफ धकेल दिया... बाथरूम की ठंडी दीवार को छूते ही होते ही मेरे पूरे बदन में बिजली की एक लहर फिर से दौड़ रही है... और मुझे बाहर बादलों की गड़गड़ाहट सुनाई दी... टॉम ने बिलकुल वक्त जाहिर नहीं किया उसने अपने लोहे के सरिए जैसे खड़े और सख्त लिंग को मेरी कोमल योनी में दोबारा से घोंप दिया...

इस बार भी मुझे दर्द हुआ--- वही प्यार भरा मीठा सा दर्द, लेकिन इस बार इसकी तीव्रता थोड़ी ज्यादा थी--- मेरे मुंह से दोबारा हल्की सी चीख निकली "आ... आ... आ... आह - आई"

तुमने उसी हालत में मुझे मेरी जांघों को पकड़कर लगभग मुझे गोद में ही उठा लिया... और फिर घूम कर बात करके बाथटब के किनारे बैठ गया... हमारे यौनांग आपस में संलग्न थे... मेरी दोनों टांगे फैली हुई थी और उसके बीच टॉम की जांघें और मैं उसके ऊपर बैठी हुई थी... टॉम ने मेरे चेहरे से मेरी उलझी उलझी लटों को हटाया और फिर एक अजीब सी नजर से मेरी तरफ देखने लगा... मैंने उससे कहा था कि 'मैं भी तो देखूं,,, आज जब मौका लगा है तो मैं अपनी प्यास किस हद तक मिटा सकती हूं...'

मैंने अपने पैरों के तलवों पर जोर डालकर थोड़ा सा ऊपर उठने की कोशिश की और फिर दोबारा बैठ गई... और फिर मन ही मन मैंने सोचा… हां ऐसा मैंने पहले कभी नहीं किया था लेकिन मैं यह कर सकती हूं... मैंने दोबारा वैसे ही किया... मैंने अपनी कमर को थोड़ा सा वैसे ही उचकाया और फिर बैठ गई... ऐसा तीन चार बार करने के बाद जैसे मुझे ताल में ताल मिल गया... मैं टॉम की गोद में वासना की मस्ती में ऊपर नीचे फुदकने लगी... मेरे स्तनों का जोड़ा भी मानो जीवित हो उठा था... वह भी नाच रहे थे और टॉम की छाती से रगड़ खा रहे थे...

अनजाने में ही हम दोनों के मुंह से ""उउउह...आआह" की आवाजें निकलने लगी|

और बाथटब के पानी में मानो कामदेव भी मारे खुशी के उछल रहे थे...

छपाक! छपाक! छपाक! छपाक! छपाक! छपाक! छपाक!

अंततः मैंने अपने शरीर मन और अंतरात्मा के अंदर दोबारा से कामोत्तेजना का विस्फोट महसूस किया... और इससे पहले कि मैं टॉम के ऊपर निढाल होकर लुढ़क गई मैंने महसूस किया कि मेरी योनि के अंदर टॉम के गरम गरम वीर्य की बाढ़ आ गई है...

हां, मेरा अंदाजा बिल्कुल सही था| जब मैंने पहली बार टॉम को नंगा देखा था तो मैंने गौर किया था कि उसकी यौनांग जैसे कि लिंग और अंडकोष काफी विकसित और बड़े थे... इसलिए जाहिर सी बात है कि टॉम के वीर्य की मात्रा मेरे अनुमान से काफी ज्यादा थी...

मैं टॉम के ऊपर निढाल होकर पड़ी हुई सुस्ता रही थी और तुमने भी मुझे बड़े प्यार से अपने सीने से लगा रखा था| उसका लिंग मेरे अंदर धीरे-धीरे शिथिल सा पढ़ रहा था लेकिन उसने उसे निकालने की कोई जल्दी नहीं की|

वह हर पल का आनंद लेना चाहता था...

यह तो मुझे भी अच्छा लग रहा था लेकिन अचानक कमरे का डोर बेल बजा; शायद बाहर कोई आया हुआ था|

टॉम को ना चाहते हुए भी मेरे बदन से अलग होना पड़ा...

क्रमशः
 

naag.champa

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अध्याय ९


टॉम अपनी त्यौरीयां चढ़ाकर अपनी कमर में एक तौलिया लपेटकर कमरे का दरवाजा खोला| यह जाहिर सी बात है कि टॉम ऐन मौके पर खलल की वजह से बहुत छिड़ गया था|

मैंने भी सुस्ताने के लिए अपने बदन को बाथटब के पानी में अपने बदन को गर्दन तक डुबोया- मैंने जिंदगी में पहले कभी इतने कम समय के अंतराल में इतनी बार और इस तरह से कभी भी संभोग नहीं किया था इसलिए अब मेरी कोमल योनि में हल्का हल्का दर्द हो रहा था| पर मन ही मन मेरे अंदर एक अजीब सी खुशी और हल्का पन महसूस हो रहा था… खासकर यह सोच सोच कर की टॉम जैसे लेडी किलर जैसे दिखने वाले आदमी का वीर्य फिलहाल मेरे शरीर के अंदर है… और वास्तव में मुझे बहुत अच्छा लग रहा था, मुझे ऐसा लग रहा था कि एक लंबे अरसे के बाद किसी अनजान आदमी ने मेरी स्त्रीत्व के असली सार को खोज कर उसे खुद महसूस करने में मेरी मदद की।

बाहर से मुझे टॉम और एक औरत की दबी दबी है आवाजें सुनाई दे रही थी और मुझे ऐसा लग रहा था कि उस औरत की आवाज शायद जानी पहचानी है- हां यह वही औरत है जिसने मुझे लॉकर रूम में मेरे कपड़े बदलने में मेरी मदद की थी और मुझे ब्लू मून क्लब की मालकिन मैरी डिसूजा के सामने पूरी तरह से नंगी कर दिया था; यानी कि वह औरत जद्दनबाई ही थी|

न जाने वह लोग किस बारे में बात कर रहे हैं... क्या मेरे सर्विस का वक्त खत्म हो गया है? टॉम और मैं न जाने कितनी देर से एक दूसरे के साथ हैं... अगर सर्विस के लिए एक्स्ट्रा चार्ज लगता है; तो मैं उसे देने के लिए तैयार हूं... मेरे पास तो मेरे पर्स में क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड भी है... और उससे भी बढ़कर मेरे पास तो नकद पैसे भी पढ़े हुए हैं…

मैं यह सब सोच ही रही थी कितने में टॉम ने बाथरूम के अंदर झांका और फिर उसने मुझसे कहा, "पीयाली, तुम वेज हो कि नॉनवेज?"

मुझे कुछ समझ में नहीं आया, "क्या मतलब"?

टॉम ने मुस्कुराते हुए कहा, "बाहर बहुत तेज बारिश हो रही है... जगह-जगह पानी भर गया है... और इस बीच तो लंच का समय भी हो चुका है... तो बताओ; ब्लू मून क्लब का रंग दे बसंती ढाबा तुम्हारे लिए क्या पेश कर सकता है?"

मेरे मुंह से निकला, "मैं पक्की नॉनवेजिटेरियन हूं- एकदम शुद्ध मांसाहारी- मैंने रंग दे बसंती ढाबा की तर मटन बिरयानी के बारे में बहुत सुना है; लेकिन कभी शौक फरमाने का मौका नहीं मिला... अगर हो सके तो उसी का इंतजाम करो"

टॉम ने मेरा फरमान जद्दनबाई को सुना दिया| वह चली गई और मैंने दरवाजा बंद होने की आवाज सुनी|

टॉम वापस बाथरूम में आकर मेरे बदन को पोंछने लगा... और मुझे ऐसा लग रहा था कि शायद वह मुझसे कुछ कहना चाहता है लेकिन वह कहने से झिझक रहा है|

इसलिए मैंने खुद ही उससे पूछा, "क्या बात है, टॉम?"

टॉम ने आखिरकार बोल ही दिया कि उसके मन में क्या था, "पीयाली, बाथरूम से निकलने के बाद प्लीज तुम अपनी डबल- ब्रेस्टेड (double-breasted) गाउन मत पहनना... ईश्वर ने तुम्हें बहुत फुर्सत से तराशा है... मैं तुम्हें जब तक हो सके इसी तरह नंगी हालत में देखना चाहता हूं"

"ठीक है टॉम, तुम्हें अगर मैं नंगी इतनी अच्छी लगती हूं, तो यही सही... मैं जब तक तुम्हारे साथ हूं मैं नंगी ही रहूंगी..."

मेरे बाल के गीले थे, इसलिए टॉम ने मेरे सर पर सिर्फ एक तौलिया लपेट रखा था|

मैंने दोबारा टॉम से यह नहीं कहा कि मेरे अंदर अभी भी यह इच्छा जाग रही है कि टॉम दोबारा मेरे साथ सहवास करें| क्योंकि मैं जानती हूं वैसा करने में पूरी तरह से सक्षम है और जब भी मौका मिले वह मुझे छोड़ेगा नहीं|

शायद उसे ऐसा लग रहा था कि मेरे साथ सहवास करने के बाद जान गया था कि आज तक मेरी स्त्री सुलभता पूरी तरह से आज तक किसी ने भी नहीं भोगा...

टॉम के सामने मैंने नंगी होकर रहने के लिए राजी हो गई| इस बात से टॉम बहुत खुश था|

फिर उसने कहा, "पीयाली, अभी तो तुम्हारा हेयर ट्रीटमेंट बाकी है"

इतने में कमरे का डोर बेल फिर से बजा- रंग दे बसंती ढाबा की तर मटन बिरयानी, रूम सर्विस के द्वारा डिलीवर हो चुकी थी|

***

ब्लू मून क्लब के रंग दे बसंती ढाबा की है तर मटन बिरयानी वाकई में काफी लाजवाब और लजीज थी... मैंने बेशर्मों की तरह चाट चाट कर चूस चूस कर एक- एक मटन का पीस खाया...

खाना खाने के बाद तुमने मुझे कमरे में लगे बड़े से आईने के सामने एक कुर्सी पर बिठाया और फिर उसने मेरे सर लिपटे हुए तौलिए को एक तरफ रखा और मेरे अकेले बालों को मेरी पीठ पर फैला दिए|

और उसके बाद उस पहिए लगे टेबल के नीचे से उसने एक इलेक्ट्रिक हेयर ड्रायर निकाला और फिर ड्रायर चलाकर मेरे बालों को सिखाते हुए मेरे बालों के अंदर वह अपनी उंगलियां बड़ी कुशलता से चलाने लगा...

मुझे बड़ा सुकून महसूस हो रहा था... इसलिए मैंने न जाने कब अपनी आंखें बंद कर ली थी|

"जरा देखना तो पीयाली, क्या तुम्हें यह हेयर स्टाइल पसंद आ रहा है?"

अब जाकर मैंने अपनी आंखें खोली और मैंने आईने में अपनी प्रति छवि को देखकर दंग रह गई है|

टॉम ने मेरे बालों में बिल्कुल भी कंगी नहीं की थी... बालों का हेयर स्टाइल सुलझा और अनसुलझा था... लेकिन यह भी एक स्टाइल था| मैंने अपनी कि सज्जा देखकर मन ही मन टॉम की तारीफ करने लगी थी... हेयर स्टाइलिंग में भी टॉम पक्का उस्ताद है... और मुझे ऐसा लग रहा था कि आईने के अंदर से मैं नहीं शायद कोई और बहुत ही खूबसूरत लड़की मुझे निहार रही है... और वह बहुत ही खूबसूरत लड़की है और कोई नहीं मैं खुद हूं|

टॉम मेरे पीछे खड़ा था, अब उसने हल्के से अपने दोनों हाथों से मेरे स्तनों को बड़े प्यार से दबाया और फिर बोला, "पीयाली तुमने बताया नहीं- कि यह हेयर स्टाइल तुमको कैसा लग रहा है"

मैंने गर्दन घुमा कर टॉम की आंखों में देखा और बड़ी ही हैरानी के साथ मैंने उससे कहा, " ना तो तुमने कोई तेल लगाया... और ना तो कोई सप्रे... यहां तक की है तुमने मेरे बालों में कंघी तक नहीं लगाई... यह सिर्फ तुम्हारे हाथों का जादू है?"

"हां, पीयाली... यह सब मैंने सीखा है और बहुत मेहनत भी की है... तो बताओ कैसा लगा मेरा बनाया हुआ यह हेयर स्टाइल?"

मेरे से कुछ बोला नहीं गया मैंने सीधे उठकर टॉम के होठों का एक चुंबन लिया|

टॉम बहुत खुश हुआ!

उसने दोबारा गिलासों में वाइन भरी और एक सिगरेट सुलगा कर उसने मेरी तरफ बढ़ाई|

वहीं पीते-पीते और सिगरेट का कश लेते लेते आखिरकार मैंने टॉम पूछा, "इससे पहले तुमने कितनी लड़कियों को अपनी सर्विस दी है?"

"बहुत सी लड़कियों को... औरतों को... लेकिन यह मेरा ट्रेड सीक्रेट है... वैसे एक बात मैं तुम्हें बताना चाहता हूं... मैं यहां का कोई स्टाफ या कर्मचारी नहीं हो... मैं भी ब्लू मून क्लब का एक मेंबर हूं... लेकिन एक बात मैं जरूर कबूल करूंगा, कि आज से पहले तुम्हारे जैसी सुंदर और जवानी से भरपूर नारी की सेवा करने का मौका मुझे आज तक नहीं मिला... अब तक हमारे बीच जो भी हुआ... सच मानो मुझे बहुत अच्छा लगा"

"हा हा हा”, मैं खुशी और गुरूर के मारे हंस पड़ी और फिर मैंने पूछा, "क्या तुम शादीशुदा हो, टॉम?"

टॉम ने कहा, "नहीं... मैं अपने आपको शादी विवाह के बंधन में बांधना नहीं चाहता था... मुझे अपनी आजादी मेरी जान से भी प्यारी है... तुम अपने बारे में बताओ क्या तुम शादीशुदा हो... दिखने में और तुम्हारी बोली में जो झलक है उससे तो लगता है तुम बंगालन हो"

मैंने गहरी सी सांस छोड़ी और उसके बाद मैंने कहा, "हां शादी तो मेरी हो चुकी है... लेकिन पारिवारिक कारणों के कारण हम लोग ससुराल में नहीं रहते... मेरे पति ने यहां एक रिहायशी इलाके में एक बहुत ही महंगा थ्री बैडरूम फ्लैट खरीद रखा है... लेकिन वह फ्लैट एक खाली खाली बर्तन ही है... मेरे पति मर्चेंट नेवी में है... और साल में ज्यादातर वह बाहर ही बाहर रहा करते हैं"

टॉम ने मुझसे अपनी नजरें हटा कर न जाने किस गहराई में देखने लगा और मन ही मन उसने दो और दो से बाईस का हिसाब लगा लिया|

"क्या सोच रहे हो, टॉम?"

"मैं यही सोच रहा था तुम्हारे जैसी जवान लड़की जिसके आगे पूरी जिंदगी पड़ी हुई है... और अभी तुम्हारी उम्र ही क्या है ज्यादा से ज्यादा बीस या बाईस साल... तुम्हें कभी कबार बहुत अकेला महसूस होता होगा... क्योंकि यह तो तुम्हारे खेलने कूदने की उम्र है"

अचानक मेरे चेहरे पर एक अजीब सी मायूसी छा गई... और टॉम ने बात को बदलने के लिए मुझे अपनी बाहों में भरकर फिर से कहा, "पीयाली, फिलहाल हम दोनों साथ साथ हैं- मैं तुम्हारे साथ दोबारा एक होना चाहता हूं और हां इस बार भी मैं तुम्हारे अंदर अपना प्यार भर देना चाहता हूं"

मैं समझ गई के टॉम को कच्चे मांस का स्वाद मिल गया है इसलिए वह फिर से मेरे साथ बिना कंडोम के सहवास करना चाहता है. मैंने मुस्कुरा करआंखें मूंदकर बिस्तर पर लेट गई और अपनी दोनों टांगों को जितना फैला सकती थी मैंने फैला दिए...

क्रमशः
 

Rajizexy

Punjabi Doc
Supreme
45,474
47,185
304

अध्याय ८


टॉम ने दोबारा वाइन गिलासों में थोड़ी-थोड़ी वाइन डाली और मैं भी उठकर वाइन की चुस्कियां लेने लगी| इतने में दो दो बार संभोग करने के बाद मैं भी थोड़ा बहुत थक गई थी और मुझे ऐसा महसूस हो रहा था कि मेरी योनि के अधर शायद थोड़े से खुले हुए से लग रहे थे; अब यह कहना मुश्किल है कि क्या यह टॉम के साथ जोरदार संभोग का नतीजा है या फिर मेरा यौनांग टॉम को फिर से सहवास के लिए आमंत्रित कर रहा है|

जब तक मैं वाइन पी रही थी टॉम मुझे बड़े ही प्यार से देख रहा था- न जाने उसके दिमाग में क्या चल रहा था? जैसे ही मैंने वाइन का गिलास खत्म किया टॉम ने मुझे चूमा और फिर कमरे में लगे अटैच बाथरूम के अंदर चला गया और वहां मुझे नल से पानी भरने की आवाज सुनाई दी|

मैंने पूछा, " तुम क्या कर रहे हो, टॉम?"

टॉम ने बाथरूम के अंदर से ही आवाज लगाई, "कम ऑन पीयाली- आकर कर खुद ही देख लो..."

मैं बिस्तर पर बिल्कुल नंगी पड़ी हुई थी यहां तक की टॉम के साथ वाइन पीते वक्त भी मैंने अपने बदन पर कपड़े का एक भी कतरा चढ़ाने की जरूरत नहीं है समझी थी| इसलिए मैं वैसे ही बाथरूम के अंदर गई और मैंने देखा कि बाथरूम काफी बड़ा था और उसमें एक बाथटब में टॉम पानी भर रहा था और कोई लिक्विड साबुन पानी में मिलाकर खंगाल रहा था|

आज तक ना तो मेरे पिता के घर के बाथरूम में कोई बाथटब था और फिलहाल मैं और मेरे पति जिस फ्लैट में रहते हैं, वहां के बाथरूम में भी कोई बाथटब नहीं है| लेकिन बचपन से ही फिल्में देखने के बाद मुझे बाथरूम में बाथटब में डूब कर नहाने की इच्छा हुआ करती थी- और आज मेरी यह तमन्ना पूरी होने वाली थी|

मुझे मालूम था कि टॉम मुझे नहलाने वाला है इसलिए जैसे ही पानी भर गया- मैं खुद ब खुद बाथरूम में जाकर टांगे फैलाकर बैठ गई|

टॉम ने दोबारा मुझे प्यार से देखा और फिर मुस्कुराया|

" तो क्या तुम मुझे अभी नहलाने वाले हो, टॉम?"

"पैकेज के अनुसार- तुमको नहलाना सर्विस में शामिल है, पीयाली"

मैंने जी भर के टॉम को ऊपर से नीचे एक बार देखा| पहली बार उसे देखकर ही मुझे एहसास हो गया था कि उम्र मेंटॉम मुझसे कम से कम 10 या 15 साल बड़ा होगा... लेकिन इस वक्त वह पराया मर्द था... और मेरे सामने बिल्कुल नंगा खड़ा था... और मैं भी उसके सामने एक पराई औरत... शर्मों - हया और परदे के बिना बिल्कुल नंगी पानी से भरे बाथटब में अध -लेटी हुई थी...

कुछ देर के लिए बाथरूम के अंदर बिल्कुल सन्नाटा सा छा गया...

शायद यह वाइन का असर था या फिर मेरे दिमाग का फितूर- पता नहीं लेकिन मैंने टॉम से कहा, "मुझसे तुम्हारी हालत देखी नहीं जा रही, टॉम"

इस बात पर टॉम थोड़ा हैरान सा हुआ, उसने कहा, "मैंने तुम्हारा मतलब नहीं समझा, पीयाली"

"जरा मेरे पास आओ"

टॉम भी बाथटब में आ गया|

और इससे पहले कि वह कुछ समझ पाता मैंने खप से अपनी मुट्ठी में उसके शिथिल पढ़े हुए लिंग को पकड़ लिया और फिर मैं उसे आंखें मूंद कर जी भर कर चूसने लगी... अपने हाथों से पकड़ कर आज से पहले मैंने कभी भी किसी भी पुरुष के अंग को इस तरह से नहीं चूसा था... लेकिन आज मुझे इस बात का तजुर्बा भी हो गया था इसलिए मन ही मन मुझे ऐसा लग रहा था कि जब हाथ में मौका है तो उसे गवाना नहीं चाहिए|

टॉम ने एक लंबी सी मस्ती भरी सांस ली... मैंने अपनी नजरों को उठा कर उसके चेहरे की तरफ देखा और फिर मैं बोली, "तुम तो मुझे नहला कर मेरे बदन को छू कर मजे लेने वाले हो पर मेरा क्या होगा, टॉम?"

"मैं समझा नहीं, पीयाली- जब मैं तुम्हें नहलाऊंगा- तो क्या तुम्हें अच्छा नहीं लगेगा? क्या तुम्हें मजा नहीं आएगा?"

"मजा तो आएगा तो आएगा, टॉम... पर मैं दोबारा प्यार मस्ती और वासना के समुंदरों में दोबारा से गोते खाना चाहती हूं"

टॉम को उम्मीद नहीं थी कि मैं उससे कुछ ऐसा कहने वाली हूं; इसलिए उसे हैरानी तो हुई लेकिन मैंने गौर किया कि जैसे टॉम की आंखों में दोबारा से जैसे एक आदिम यौन भूख का रंग भरने लगा है|

फिर टॉम थोड़ा मुस्कुराया और फिर बोला, " वैसे तो अतिरिक्त शॉट (सहवास) के लिए हमारे यहां एक्स्ट्रा चार्जेस लगते हैं... और फिर वैसे भी पानी के अंदर अगर कंडोम भीग गया तो फट सकता है"

मैंने मन ही मन सोचा, अब तक ब्लू मून क्लब में मैंने कोई भी पैसा नहीं दिया था और मेरे पर्स में करीब करीब चालीस हजार रुपए पड़े हुए थे|

मैंने भी शरारत से मुस्कुराते हुए कहा, "तो ठीक है... तुम्हें कुछ करने की जरूरत नहीं है मुझे जो करना है वह मैं तुम्हारे साथ कर लूंगी..."

"लेकिन, पीयाली?"

"हा हा हा... चिंता मत करो टॉम... अबकी बार तुम्हें कुछ करने की जरूरत नहीं है; इस बार जो करना है वह मैं करूंगी... तुम तो दो-दो बार मेरे ऊपर चढ़कर मुझे चोद चुके हो... अब मेरी बारी है... मैं भी तो देखूं कि मैं क्या कर सकती हूं..."

मेरे अंदर वाइन का नशा चढ़ चुका था लेकिन फिलहाल मेरे अंदर वासना का भूत सवार था|

"लेकिन पीयाली, कंडोम...?"

"मैं बहुत दिनों से बहुत प्यासी हूं टॉम... जरा मैं भी तो देखूं आज जब मौका लगा है तो मैं अपनी प्यास किस हद तक मिटा सकती हूं" इतना कहकर मेट्रोम के लिंग को आइसक्रीम की तरह चूसने लगी- टॉम को मेरी इस हरकत की है शायद जरा भी उम्मीद नहीं थी- लेकिन मैं जानती थी कि उसे अच्छा लग रहा है| मैंने सुना है कि मर्दों को बिना कंडोम के सेक्स करना अच्छा लगता है... क्योंकि इनके लिए यह एक अधिक सुखद एहसास होता है... खैर, उन्हें कैसा लगता होगा यह तो मैं नहीं जानती... मैं तो एक औरत हूं... पानी से भरे बाथटब के अंदर होने के बावजूद मेरे पूरे बदन में वासना की आग लगी हुई थी|

शायद टॉम के मन के अंदर कोई पिंजरे में बंद जानवर शायद आजाद हो चुका था| टॉम ने आव देखा ना ताव, उसने मेरे बालों को पकड़कर मुझे सीधा खड़ा कर दिया मैंने देखा कि अब तक उसका लिंग एक लोहे के सरिए की तरह खड़ा और सख्त हो चुका है... मेरी सांसे भी लंबी गहरी होती जा रही थी जिसकी वजह से मेरे सुडौल स्तनों का जोड़ा मेरी सांसों के साथ ऊपर नीचे हो रहा था|

टॉम ने बाथटब के ऊपर लगे हुए शावर को चलाया और फिर मुझे पूरा का पूरा भिगो दिया| मेरे बदन में पानी में पढ़ते ही है मेरा पूरा बदन कांप उठा- मुझे ऐसा लग रहा था जैसे गर्म तवे पर किसी ने पानी के छींटे मार दिए हो|

शायद मेरे पूरे बदन से कामोत्तेजना की ऊष्मा निकल रही थी... मेरी उफनती जवानी की यह गर्मी शायद टॉम फालतू में गवाना नहीं चाहता था इसलिए- इससे पहले कि मैं कुछ समझ पाती वह मेरे पूरे बदन को अपनी जीभ से किसी जानवर की तरह चाटने लगा... मेरे होंठ ... स्तन ... निपल्स ... कांख.. कंधा... टॉम योनि और योनि और गुदा के बीच के बीच के हिस्से पर विशेष ध्यान दे रहा था और उसके बाद उसने मेरे गीले बालों को इकट्ठा करके सर के ऊपर एक जुड़े में बांध दीया| मेरे पूरे बदन में साबुन लगाने लगा...

मुझे मालूम था कि टॉम मेरे साथ जो भी कर रहा है- उसे उसका भरपूर मजा मिल रहा है

मुझसे भी रहा नहीं गया... मैं भी तुमको जी भर के चूमने और चाटने लगी... और मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था... किसी अनजाने आदमी की छुअन और उसकी त्वचा के स्वाद की बात ही कुछ और है...

***

हमने एक-दूसरे को नहला दिया|

लेकिन टॉम ने मेरा बदन नहीं पोछा| उसने दोनों हाथों से मेरे स्तनों को पकड़ा और फिर मुझे दीवार की तरफ धकेल दिया... बाथरूम की ठंडी दीवार को छूते ही होते ही मेरे पूरे बदन में बिजली की एक लहर फिर से दौड़ रही है... और मुझे बाहर बादलों की गड़गड़ाहट सुनाई दी... टॉम ने बिलकुल वक्त जाहिर नहीं किया उसने अपने लोहे के सरिए जैसे खड़े और सख्त लिंग को मेरी कोमल योनी में दोबारा से घोंप दिया...

इस बार भी मुझे दर्द हुआ--- वही प्यार भरा मीठा सा दर्द, लेकिन इस बार इसकी तीव्रता थोड़ी ज्यादा थी--- मेरे मुंह से दोबारा हल्की सी चीख निकली "आ... आ... आ... आह - आई"

तुमने उसी हालत में मुझे मेरी जांघों को पकड़कर लगभग मुझे गोद में ही उठा लिया... और फिर घूम कर बात करके बाथटब के किनारे बैठ गया... हमारे यौनांग आपस में संलग्न थे... मेरी दोनों टांगे फैली हुई थी और उसके बीच टॉम की जांघें और मैं उसके ऊपर बैठी हुई थी... टॉम ने मेरे चेहरे से मेरी उलझी उलझी लटों को हटाया और फिर एक अजीब सी नजर से मेरी तरफ देखने लगा... मैंने उससे कहा था कि 'मैं भी तो देखूं,,, आज जब मौका लगा है तो मैं अपनी प्यास किस हद तक मिटा सकती हूं...'

मैंने अपने पैरों के तलवों पर जोर डालकर थोड़ा सा ऊपर उठने की कोशिश की और फिर दोबारा बैठ गई... और फिर मन ही मन मैंने सोचा… हां ऐसा मैंने पहले कभी नहीं किया था लेकिन मैं यह कर सकती हूं... मैंने दोबारा वैसे ही किया... मैंने अपनी कमर को थोड़ा सा वैसे ही उचकाया और फिर बैठ गई... ऐसा तीन चार बार करने के बाद जैसे मुझे ताल में ताल मिल गया... मैं टॉम की गोद में वासना की मस्ती में ऊपर नीचे फुदकने लगी... मेरे स्तनों का जोड़ा भी मानो जीवित हो उठा था... वह भी नाच रहे थे और टॉम की छाती से रगड़ खा रहे थे...

अनजाने में ही हम दोनों के मुंह से ""उउउह...आआह" की आवाजें निकलने लगी|

और बाथटब के पानी में मानो कामदेव भी मारे खुशी के उछल रहे थे...

छपाक! छपाक! छपाक! छपाक! छपाक! छपाक! छपाक!

अंततः मैंने अपने शरीर मन और अंतरात्मा के अंदर दोबारा से कामोत्तेजना का विस्फोट महसूस किया... और इससे पहले कि मैं टॉम के ऊपर निढाल होकर लुढ़क गई मैंने महसूस किया कि मेरी योनि के अंदर टॉम के गरम गरम वीर्य की बाढ़ आ गई है...

हां, मेरा अंदाजा बिल्कुल सही था| जब मैंने पहली बार टॉम को नंगा देखा था तो मैंने गौर किया था कि उसकी यौनांग जैसे कि लिंग और अंडकोष काफी विकसित और बड़े थे... इसलिए जाहिर सी बात है कि टॉम के वीर्य की मात्रा मेरे अनुमान से काफी ज्यादा थी...

मैं टॉम के ऊपर निढाल होकर पड़ी हुई सुस्ता रही थी और तुमने भी मुझे बड़े प्यार से अपने सीने से लगा रखा था| उसका लिंग मेरे अंदर धीरे-धीरे शिथिल सा पढ़ रहा था लेकिन उसने उसे निकालने की कोई जल्दी नहीं की|

वह हर पल का आनंद लेना चाहता था...

यह तो मुझे भी अच्छा लग रहा था लेकिन अचानक कमरे का डोर बेल बजा; शायद बाहर कोई आया हुआ था|

टॉम को ना चाहते हुए भी मेरे बदन से अलग होना पड़ा...

क्रमशः
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अध्याय ९


टॉम अपनी त्यौरीयां चढ़ाकर अपनी कमर में एक तौलिया लपेटकर कमरे का दरवाजा खोला| यह जाहिर सी बात है कि टॉम ऐन मौके पर खलल की वजह से बहुत छिड़ गया था|

मैंने भी सुस्ताने के लिए अपने बदन को बाथटब के पानी में अपने बदन को गर्दन तक डुबोया- मैंने जिंदगी में पहले कभी इतने कम समय के अंतराल में इतनी बार और इस तरह से कभी भी संभोग नहीं किया था इसलिए अब मेरी कोमल योनि में हल्का हल्का दर्द हो रहा था| पर मन ही मन मेरे अंदर एक अजीब सी खुशी और हल्का पन महसूस हो रहा था… खासकर यह सोच सोच कर की टॉम जैसे लेडी किलर जैसे दिखने वाले आदमी का वीर्य फिलहाल मेरे शरीर के अंदर है… और वास्तव में मुझे बहुत अच्छा लग रहा था, मुझे ऐसा लग रहा था कि एक लंबे अरसे के बाद किसी अनजान आदमी ने मेरी स्त्रीत्व के असली सार को खोज कर उसे खुद महसूस करने में मेरी मदद की।

बाहर से मुझे टॉम और एक औरत की दबी दबी है आवाजें सुनाई दे रही थी और मुझे ऐसा लग रहा था कि उस औरत की आवाज शायद जानी पहचानी है- हां यह वही औरत है जिसने मुझे लॉकर रूम में मेरे कपड़े बदलने में मेरी मदद की थी और मुझे ब्लू मून क्लब की मालकिन मैरी डिसूजा के सामने पूरी तरह से नंगी कर दिया था; यानी कि वह औरत जद्दनबाई ही थी|

न जाने वह लोग किस बारे में बात कर रहे हैं... क्या मेरे सर्विस का वक्त खत्म हो गया है? टॉम और मैं न जाने कितनी देर से एक दूसरे के साथ हैं... अगर सर्विस के लिए एक्स्ट्रा चार्ज लगता है; तो मैं उसे देने के लिए तैयार हूं... मेरे पास तो मेरे पर्स में क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड भी है... और उससे भी बढ़कर मेरे पास तो नकद पैसे भी पढ़े हुए हैं…

मैं यह सब सोच ही रही थी कितने में टॉम ने बाथरूम के अंदर झांका और फिर उसने मुझसे कहा, "पीयाली, तुम वेज हो कि नॉनवेज?"

मुझे कुछ समझ में नहीं आया, "क्या मतलब"?

टॉम ने मुस्कुराते हुए कहा, "बाहर बहुत तेज बारिश हो रही है... जगह-जगह पानी भर गया है... और इस बीच तो लंच का समय भी हो चुका है... तो बताओ; ब्लू मून क्लब का रंग दे बसंती ढाबा तुम्हारे लिए क्या पेश कर सकता है?"

मेरे मुंह से निकला, "मैं पक्की नॉनवेजिटेरियन हूं- एकदम शुद्ध मांसाहारी- मैंने रंग दे बसंती ढाबा की तर मटन बिरयानी के बारे में बहुत सुना है; लेकिन कभी शौक फरमाने का मौका नहीं मिला... अगर हो सके तो उसी का इंतजाम करो"

टॉम ने मेरा फरमान जद्दनबाई को सुना दिया| वह चली गई और मैंने दरवाजा बंद होने की आवाज सुनी|

टॉम वापस बाथरूम में आकर मेरे बदन को पोंछने लगा... और मुझे ऐसा लग रहा था कि शायद वह मुझसे कुछ कहना चाहता है लेकिन वह कहने से झिझक रहा है|

इसलिए मैंने खुद ही उससे पूछा, "क्या बात है, टॉम?"

टॉम ने आखिरकार बोल ही दिया कि उसके मन में क्या था, "पीयाली, बाथरूम से निकलने के बाद प्लीज तुम अपनी डबल- ब्रेस्टेड (double-breasted) गाउन मत पहनना... ईश्वर ने तुम्हें बहुत फुर्सत से तराशा है... मैं तुम्हें जब तक हो सके इसी तरह नंगी हालत में देखना चाहता हूं"

"ठीक है टॉम, तुम्हें अगर मैं नंगी इतनी अच्छी लगती हूं, तो यही सही... मैं जब तक तुम्हारे साथ हूं मैं नंगी ही रहूंगी..."

मेरे बाल के गीले थे, इसलिए टॉम ने मेरे सर पर सिर्फ एक तौलिया लपेट रखा था|

मैंने दोबारा टॉम से यह नहीं कहा कि मेरे अंदर अभी भी यह इच्छा जाग रही है कि टॉम दोबारा मेरे साथ सहवास करें| क्योंकि मैं जानती हूं वैसा करने में पूरी तरह से सक्षम है और जब भी मौका मिले वह मुझे छोड़ेगा नहीं|

शायद उसे ऐसा लग रहा था कि मेरे साथ सहवास करने के बाद जान गया था कि आज तक मेरी स्त्री सुलभता पूरी तरह से आज तक किसी ने भी नहीं भोगा...

टॉम के सामने मैंने नंगी होकर रहने के लिए राजी हो गई| इस बात से टॉम बहुत खुश था|

फिर उसने कहा, "पीयाली, अभी तो तुम्हारा हेयर ट्रीटमेंट बाकी है"

इतने में कमरे का डोर बेल फिर से बजा- रंग दे बसंती ढाबा की तर मटन बिरयानी, रूम सर्विस के द्वारा डिलीवर हो चुकी थी|

***

ब्लू मून क्लब के रंग दे बसंती ढाबा की है तर मटन बिरयानी वाकई में काफी लाजवाब और लजीज थी... मैंने बेशर्मों की तरह चाट चाट कर चूस चूस कर एक- एक मटन का पीस खाया...

खाना खाने के बाद तुमने मुझे कमरे में लगे बड़े से आईने के सामने एक कुर्सी पर बिठाया और फिर उसने मेरे सर लिपटे हुए तौलिए को एक तरफ रखा और मेरे अकेले बालों को मेरी पीठ पर फैला दिए|

और उसके बाद उस पहिए लगे टेबल के नीचे से उसने एक इलेक्ट्रिक हेयर ड्रायर निकाला और फिर ड्रायर चलाकर मेरे बालों को सिखाते हुए मेरे बालों के अंदर वह अपनी उंगलियां बड़ी कुशलता से चलाने लगा...

मुझे बड़ा सुकून महसूस हो रहा था... इसलिए मैंने न जाने कब अपनी आंखें बंद कर ली थी|

"जरा देखना तो पीयाली, क्या तुम्हें यह हेयर स्टाइल पसंद आ रहा है?"

अब जाकर मैंने अपनी आंखें खोली और मैंने आईने में अपनी प्रति छवि को देखकर दंग रह गई है|

टॉम ने मेरे बालों में बिल्कुल भी कंगी नहीं की थी... बालों का हेयर स्टाइल सुलझा और अनसुलझा था... लेकिन यह भी एक स्टाइल था| मैंने अपनी कि सज्जा देखकर मन ही मन टॉम की तारीफ करने लगी थी... हेयर स्टाइलिंग में भी टॉम पक्का उस्ताद है... और मुझे ऐसा लग रहा था कि आईने के अंदर से मैं नहीं शायद कोई और बहुत ही खूबसूरत लड़की मुझे निहार रही है... और वह बहुत ही खूबसूरत लड़की है और कोई नहीं मैं खुद हूं|

टॉम मेरे पीछे खड़ा था, अब उसने हल्के से अपने दोनों हाथों से मेरे स्तनों को बड़े प्यार से दबाया और फिर बोला, "पीयाली तुमने बताया नहीं- कि यह हेयर स्टाइल तुमको कैसा लग रहा है"

मैंने गर्दन घुमा कर टॉम की आंखों में देखा और बड़ी ही हैरानी के साथ मैंने उससे कहा, " ना तो तुमने कोई तेल लगाया... और ना तो कोई सप्रे... यहां तक की है तुमने मेरे बालों में कंघी तक नहीं लगाई... यह सिर्फ तुम्हारे हाथों का जादू है?"

"हां, पीयाली... यह सब मैंने सीखा है और बहुत मेहनत भी की है... तो बताओ कैसा लगा मेरा बनाया हुआ यह हेयर स्टाइल?"

मेरे से कुछ बोला नहीं गया मैंने सीधे उठकर टॉम के होठों का एक चुंबन लिया|

टॉम बहुत खुश हुआ!

उसने दोबारा गिलासों में वाइन भरी और एक सिगरेट सुलगा कर उसने मेरी तरफ बढ़ाई|

वहीं पीते-पीते और सिगरेट का कश लेते लेते आखिरकार मैंने टॉम पूछा, "इससे पहले तुमने कितनी लड़कियों को अपनी सर्विस दी है?"

"बहुत सी लड़कियों को... औरतों को... लेकिन यह मेरा ट्रेड सीक्रेट है... वैसे एक बात मैं तुम्हें बताना चाहता हूं... मैं यहां का कोई स्टाफ या कर्मचारी नहीं हो... मैं भी ब्लू मून क्लब का एक मेंबर हूं... लेकिन एक बात मैं जरूर कबूल करूंगा, कि आज से पहले तुम्हारे जैसी सुंदर और जवानी से भरपूर नारी की सेवा करने का मौका मुझे आज तक नहीं मिला... अब तक हमारे बीच जो भी हुआ... सच मानो मुझे बहुत अच्छा लगा"

"हा हा हा”, मैं खुशी और गुरूर के मारे हंस पड़ी और फिर मैंने पूछा, "क्या तुम शादीशुदा हो, टॉम?"

टॉम ने कहा, "नहीं... मैं अपने आपको शादी विवाह के बंधन में बांधना नहीं चाहता था... मुझे अपनी आजादी मेरी जान से भी प्यारी है... तुम अपने बारे में बताओ क्या तुम शादीशुदा हो... दिखने में और तुम्हारी बोली में जो झलक है उससे तो लगता है तुम बंगालन हो"

मैंने गहरी सी सांस छोड़ी और उसके बाद मैंने कहा, "हां शादी तो मेरी हो चुकी है... लेकिन पारिवारिक कारणों के कारण हम लोग ससुराल में नहीं रहते... मेरे पति ने यहां एक रिहायशी इलाके में एक बहुत ही महंगा थ्री बैडरूम फ्लैट खरीद रखा है... लेकिन वह फ्लैट एक खाली खाली बर्तन ही है... मेरे पति मर्चेंट नेवी में है... और साल में ज्यादातर वह बाहर ही बाहर रहा करते हैं"

टॉम ने मुझसे अपनी नजरें हटा कर न जाने किस गहराई में देखने लगा और मन ही मन उसने दो और दो से बाईस का हिसाब लगा लिया|

"क्या सोच रहे हो, टॉम?"

"मैं यही सोच रहा था तुम्हारे जैसी जवान लड़की जिसके आगे पूरी जिंदगी पड़ी हुई है... और अभी तुम्हारी उम्र ही क्या है ज्यादा से ज्यादा बीस या बाईस साल... तुम्हें कभी कबार बहुत अकेला महसूस होता होगा... क्योंकि यह तो तुम्हारे खेलने कूदने की उम्र है"

अचानक मेरे चेहरे पर एक अजीब सी मायूसी छा गई... और टॉम ने बात को बदलने के लिए मुझे अपनी बाहों में भरकर फिर से कहा, "पीयाली, फिलहाल हम दोनों साथ साथ हैं- मैं तुम्हारे साथ दोबारा एक होना चाहता हूं और हां इस बार भी मैं तुम्हारे अंदर अपना प्यार भर देना चाहता हूं"

मैं समझ गई के टॉम को कच्चे मांस का स्वाद मिल गया है इसलिए वह फिर से मेरे साथ बिना कंडोम के सहवास करना चाहता है. मैंने मुस्कुरा करआंखें मूंदकर बिस्तर पर लेट गई और अपनी दोनों टांगों को जितना फैला सकती थी मैंने फैला दिए...

क्रमशः
naag.champa ji kya hi kamuk kahani hai.... Maza aa gya padkr .... Apki writing skills bhi kamal ki hein... Bohot khoobsurati se likha hai.... Massage ka scene boht detail se likha hai.... shukriya aisi mast kahani ke liye.... Keep Rocking...keep posting
 

naag.champa

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आदरणीय Rajizexy जी.

आपका बहुत-बहुत धन्यवाद|

आशा है कि आने वाले अपडेट्स भी आपको पसंद आएंगे|
 

naag.champa

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ज़बरदस्त गुदगुदी भरी कहानी है कहानी परवाह भी बेहद सादा पर सटीक है एक प्यासी विवाहित औरत की दिलचस्प कहानी है
आदरणीय Studxyz जी,

मैंने नारी कामुकता और विलासिता को ध्यान में रखते हुए यह कहानी लिखी है। और हाँ, इस कहानी की नायिका अपने जीवन में अकेली है और उसे एक ऐसा अनूठा अवसर मिला है जिसके बारे में उसने कभी सोचा भी नहीं था और वह इसका अधिकतम लाभ उठाने की कोशिश कर रही है...

आपको मेरी यह कहानी अच्छी लग रही है यह जानकर मुझे बहुत खुशी हुई|

आपका बहुत-बहुत धन्यवाद- कृपया कहानी के साथ बने रहिए|
 
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naag.champa

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naag.champa ji kya hi kamuk kahani hai.... Maza aa gya padkr .... Apki writing skills bhi kamal ki hein... Bohot khoobsurati se likha hai.... Massage ka scene boht detail se likha hai.... shukriya aisi mast kahani ke liye.... Keep Rocking...keep posting

आदरणीय Scripted जी,

आपको मेरी यह कहानी अच्छी लग रही है यह जानकर मुझे बहुत खुशी हुई|

आपका बहुत-बहुत धन्यवाद- कृपया कहानी के साथ बने रहिए|

मैंने नारी कामुकता और विलासिता को ध्यान में रखते हुए यह कहानी लिखी है। इसलिए मैंने मसाज की सींस को बहुत ही बारीकी से लिखने की कोशिश की है ताकि मेरे पाठकों को ऐसा लगे सब कुछ उनकी आंखों के सामने घट रहा है... अगर मेरी यह कोशिश कामयाब हुई हो तुम्हें इसे अपनी सफलता समझूंगी|

वैसे आपका इस बारे में क्या कहना है?
 
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अध्याय १०


आज से पहले मैंने कभी भी इतने कम समय में और इतने कम अंतराल में कभी भी इतनी बार यौन संभोग का अनुभव नहीं किया था|

मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मैं अपनी अतृप्त आत्मा को संतुष्ट करने के लिए अपनी सारी शर्मो हया और पूर्ण भावनाओं को पीछे छोड़ कर एक अनजाने नशे में एक अनजान आदमी के साथ अपनी प्यास बुझा रही थी|

इसलिए मुझे मालूम नहीं मैं कब टॉम के आगोश में सीमेंट कर गहरी नींद में सो गई|

जब धीरे-धीरे मेरी नींद खुली, तब मुझे अपने स्तनों में एक अजीब सी सनसनी सी महसूस हो रही थी... हां, टॉम बड़े चाव से मेरे एक स्तन की चूची को दूसरा था और अपने दूसरे हाथ से दूसरे स्तन की चूची से अपनी उंगलियों से खेल रहा था|

मुझे बस इतना याद है- कि मैं काफी थकी हुई थी, और पहले की तरह टॉम ने मेरे साथ संभोग भी किया था- शायद वह जानता था कि मैं काफी थक चुकी हूं इसलिए उसने तो संभोग की शुरुआत बहुत ही धीरे-धीरे की थी... लेकिन आखिरकार वह एक मर्द है इसलिए... संभोग की चरम सीमा तक पहुंचते-पहुंचते उसकी मैथुन की गति पहले की तरह फिर से बढ़ गई थी... और अंततः उसने मेरी योनि के अंदर दोबारा अपने वीर्य का सैलाब बहा दिया... और उसके बाद न जाने कब मैं उस के आगोश में सिमट कर सो गई थी...

"टाइम क्या हो रहा है, टॉम" मेरी आवाज नींद के मारे अभी भी काफी भारी हो रखी थी|

"दिन ढल चुका है, पीयाली- अब शाम होने को आई है"

"हे भगवान! यहां तो काफी देर हो गई अब मुझे निकलना चाहिए" मेरी काम वाली गोपा मौसी शायद फ्लैट में ताला देखकर एक बार लौट गई होगी और फिर कल सवेरे आ कर उसके पास मेरे लिए कम से कम एक हजार एक सवाल होंगे... क्योंकि उसे मालूम था कि मेरी कॉल सेंटर की नौकरी छूट गई है|

मैं हड़बड़ी में उठने को हुई, लेकिन टॉम ने मुझे हल्के से रोका, "जैसी तुम्हारी मर्जी पीयाली, लेकिन अगर मेरी मानो तो हमारे पास एक और शॉट के लिए अभी वक्त है"

मैं मन ही मन मुस्कुराई, मुझे लग रहा था कि तुम शायद मुझमें कुछ ज्यादा ही दिलचस्पी ले रहा है... खैर मुझे कोई दिक्कत नहीं थी| मैं तो एक आलसी विलासी औरत की तरह उसके बिस्तर में नंगी पड़ी हुई थी अगर वह फिर से मेरे साथ सहवास करना चाहता है; तो इसमें हर्ज ही क्या है? और वैसे भी अगर मैं मना भी करूं तो क्या वह सुनने वाला है? और मन ही मन मैं यह चाहती थी कि अगर मैं मना भी करूं तो भी वह ना माने- वह सिर्फ अपनी मनमानी करें|

मैंने कहा, " ओके टॉम जस्ट फक मी"

टॉम बड़े उत्साह के साथ उठकर मेरी जांघों के ऊपर बैठ गया और उसने दो उंगलियों से मेरी योनि के अधरों को हल्का सा खोला और फिर दोबारा उसने अपना लिंग मेरी योनि के अंदर डाल दिया... और इस बार भी उसने कंडोम पहनने की जहमत नहीं उठाई|

मैं मन ही मन सोच रही थी... लगता है एक भूखे जानवर को ताजे कच्चे मांस का स्वाद मिल गया है... शायद इतनी देर तक वह मेरी नींद से उठने का इंतजार कर रहा था; और आखिरकार जब उससे रहा नहीं गया तब शायद वह मेरे स्तनों को चूसने लगा होगा ताकि मैं उठ जाऊं, इसलिए टॉम ने बिलकुल भी वक्त नहीं गंवाया, बस बैठकर जुड़ते ही हो जाते ही शुरू हो गया...

मैं भी उसके प्यार के धक्कों से हिलने लगी...

"उउउउह.... आआह.... ममममम.... मुझे बहुत अच्छा लग रहा है टॉम.... रुको नहीं बस करते रहो.... करते रहो....आहाहा...आहाहाहा..."

जब टॉम ने दोबारा मेरे अंदर अपना वीर्य स्खलन किया तो मैं फूट-फूट कर रोने लगी... लेकिन यह खुशी के आंसू थे...

***

ब्लू मून क्लब में इतना वक्त बिताने के बाद मुझे ऐसा लग रहा था कि बहुत दिनों बाद आज मैंने किसी अच्छे होटल का खाना खाया... और पेट की भूख मिटाने के साथ-साथ मैंने अपनी शरीर और अंतरात्मा की भूख भी मिटाई... और यह संयोग की बात है केक अनजान पराए मर्द के साथ मैंने इतनी देर बिताई; जिसका एक एक पल मेरे लिए जिंदगी के सबसे हसीन लम्हों थे... और ऐसी अनजान आदमी ने कुछ ही घंटों में मेरे अंदर के स्त्रीत्व और कामुकता जैसे जादू से जगा दिया हो... और मुझे ऐसा लग रहा था कि शायद मैं इस आदमी को न जाने कब से जानती हूं|

मैंने आईने में दोबारा अपनी शक्ल देखी.. मेरी हेयर स्टाइलिंग बिगड़ चुकी थी इसलिए मैंने तुमसे कहा, "टॉम, देखो तुमने मेरे बाल खराब कर दिए... जरा फिर से इनकी सेटिंग कर दो"

टॉम मुस्कुराया, मानो सारी की सारी गलती उसी की है...

उसने कहा, " ओके श्योर, व्हाय नॉट (Ok Sure, Why not)? लेकिन पीयाली मेरी तुमसे एक ही इल्तिजा है..."

"हां हां ठीक है, जब तक तो मेरी हेयर स्टाइलिंग करोगे मैं तुम्हारे साथ नंगी ही बैठी रहूंगी"

टॉम ने उत्साहपूर्वक, हेयर स्प्रे, ड्रायर और एक बड़ी दातों वाली कंघी उठाई और मेरे बालों में कंघी करना शुरू कर दिया... फिर से... बस उसके बाद हाथ और अपनी उँगलियों से अपने बालों को स्टाइल करते हुए, उन पर ब्लो ड्रायर और स्प्रे छिड़कते हुए, वह मेरा रूप निखारने लगा... मैं बस आईने में उसका हुनर देखती ही रह गई...और मैं जानती थी कि उस हुनर का नतीजा बहुत ही खूबसूरत होगा।

"देखो, पीयाली" मेरी स्टाइलिंग खत्म करने के बाद टॉम ने मेरे से कहा|

मैंने नजरें उठाकर अपनी छवि आईने में दोबारा देखी... और देख कर मेरी आंखें भर आई... मैं बहुत ही खुश थी क्योंकि मुझे ऐसा लग रहा था कि शायद में पहले से भी बहुत खूबसूरत लग रही हूं|

लेकिन अब जाने का वक्त आ गया था| टॉम ने मुझे ब्लू मून क्लब से दी हुई गाउन पकड़ाई... मैंने गाउन पहनी और टॉम ने अपनी हाफ पेंट और टीशर्ट|


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यह पहन कर हम लोग बाहों में बाहें डाल कर कमरे से बाहर निकले| हम लोग गलियारे में अभी दो या चार कदम चले ही थे कि मुझे वह अधेड़ उम्र का आदमी दिख गया जो कि सुबह रिजेक्शन में बैठा था... मेरा अंदाजा सही था| वह भी यहां सर्विस लेने के लिए ही आया था... उसकी बाहों में भी एक बहुत ही कम उम्र की जवान लड़की थी... उस लड़की की उम्र मुश्किल से 19 या 20 साल की ही होगी हालांकि वह थोड़ी सांवली थी लेकिन वह लड़की थी बहुत खूबसूरत| उसका फिगर भी बहुत अच्छा था और उसने भी मेरी तरह सिर्फ ब्लू मून क्लब की स्लीवलैस और घुटनों तक लंबी गाउन पहन रखी थी और मेरी ही तरह उसने भी कोई अंतर्वास नहीं पहन रखा था इसलिए हर कदम पर उसके स्तन भी मेरी तरह कामुकता से कांप रहे थे और यौवन का रस छलका रहे थे|

उस अधेड़ उम्र के आदमी ने भी मुझे देखते ही पहचान लिया... न जाने वह मेरे बारे में क्या सोच रहा था लेकिन... हर मर्द की तरह उसकी नजर पहले मेरे चेहरे पर पड़ी और उसके बाद मेरे स्तनों के ऊपर... मुझे मालूम था कि मेरी गाउन के अंदर से मेरे स्तनों की चूचियां साफ़ उभर कर आई थी...

लिफ्ट से होकर बेसमेंट जब हम पहुंचे तो वहां जद्दनबाई हमारा पहले से इंतजार कर रही थी| टॉम और उस अधेड़ उम्र के आदमी को आदमियों के लॉकर में जाकर कपड़े बदल कर जद्दनबाई ने ब्लू मून क्लब की मालकिन मैरी डिसूजा के ऑफिस में जाने को कहा और वह मुझे लड़कियों के लॉकर रूम तक ले गई और बोली कि मैं अपने कपड़े चेंज कर लूं और अपना सामान भी लॉकर से निकाल लूं|

और वह उस सांवली लड़की को अपने साथ लॉकर रूम में लगे बाथरूम में नहलाने के लिए ले गई| शायद यही उसका काम था| जो लड़कियां सर्विस देकर आती थी; जद्दनबाई उनको सर्विस के बाद नहला दिया करती थी|

मैं समझ गई कि शायद जद्दनबाई जानती थी की फुल पैकेज की बदौलत मेरा नहाना धोना यहां तक कि हेयर स्टाइलिंग भी हो चुका है इसलिए शायद उसने मुझे बाथरूम में आने के लिए नहीं कहा|

क्रमशः
 
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अध्याय ११


कपड़े बदलने में और अपना सामान समेटने में मुझे ज्यादा देर नहीं लगी|

अब मुझे समझ में नहीं आ रहा था मैं क्या करूं| मुझे वापस लौटना ही था; पर क्या मैं जाने से पहले ब्लू मून क्लब की मालकिन मैरी डिसूजा से मिलकर जाऊं या नहीं यह मेरी समझ में नहीं आ रहा था|

इसलिए मैं लॉकर रूम में रखे एक बेंच पर कुछ देर तक बैठी रही|

इतने में जद्दनबाई ने लॉकर रूम के बाथरूम का दरवाजा हल्का सा खोला और फिर मुस्कुराती हुई मुझसे बोली, "मिस, आप जाकर मैडम (मैरी डिसूजा) से एक बार मिल लीजिए... उनका ऑफिस ग्राउंड फ्लोर पर है... आप लिफ्ट से ऊपर जाइए लिफ्ट से निकलकर बाई तरफ का दूसरा कमरा उनका ऑफिस है"

"ठीक है"

जब मैं मैरी डिसूजा के ऑफिस में पहुंची तब वहां अकेली थी| वह अधेड़ उम्र का आदमी भी जा चुका था और टॉम भी... मेरा मन थोड़ा सा भारी हो गया... न जाने क्यों मुझे ऐसा लग रहा था कि टॉम को एक बार जाने से पहले मुझसे मिलकर जाना चाहिए था|

मैंने इतनी देर ब्लू मून क्लब में बिताया... पर बहुत ही ताज्जुब की बात है, मैरी डिसूजा अभी भी बिल्कुल वैसी ही तरोताजा और खूबसूरत लग रही थी जैसा कि मैंने उन्हें सुबह देखा था|

मैरी डिसूजा ने एक प्यार भरी मुस्कान के साथ मेरा स्वागत किया और अब मैं मन ही मन सोचने लगी... हमें एक ब्लू मून क्लब में आई हूं जोकि एक सेक्सुअली ओरिएंटेड एंटरटेनमेंट (यौन उन्मुख मनोरंजन क्लब) क्लब है...

मैंने यहां काफी देर तक वक्त बिताया... सर्विस के नाम पर मैंने अपना सब कुछ यहां न्योछावर कर दिया अब शायद मुझे पैसे भी देने पड़ेंगे... और यहां की फीस शायद बहुत ही मोटी तगड़ी होगी|

मैरी डिसूजा ने कहा, "तो पीयाली, तुम्हें यहां की सर्विस कैसी लगी?"

मैंने कहा, "जी बहुत ही अच्छी..."

"तुम्हें उम्मीद करती हूं कि तुम अपनी सहेलियों और दोस्तों को भी हमारी सर्विस के बारे में जरूर बताओगी?"

"जी, हां... जरूर"

"बड़ी अच्छी बात है, मैं तुम्हें यह भी बताना चाहती हूं कि हम लोग यहां ब्यूटी पार्लर का कोर्स भी करवाते हैं... और साथ में हम मसाज पार्लर का कोर्स भी करवाते हैं... और इसके अलावा हमारे यहां योगा के क्लासेज भी चलते हैं"

"बड़ी अच्छी बात है... तो आपके पास क्या कोई प्रचार पत्र या फ्लावर वगैरह कुछ है?"

मैरी डिसूजा मेरी तरफ इरादे भरी निगाह से देख कर मुस्कुराई और फिर बोली, "हां है"

यह कहकर उन्होंने मुझे एक ब्रोशर थमा दिया| मैंने देखा कि इसमें विभिन्न सौंदर्य पाठ्यक्रमों के बारे में लिखा है... प्रत्येक पाठ्यक्रम की फीस बहुत ही महंगी है।

पता नहीं क्यों मैं पर्चा पढ़ने में इतना मशगूल हो गया था कि पता ही नहीं चला कि कब मैडम मेरे बगल में खड़ी थी।

फिर मैरी डिसूजा ने मुझसे कहा, "तुमने कहा था कि तुम्हारे पति मर्चेंट नेवी में काम करते हैं... और ज्यादातर घर से बाहर ही रहते हैं"

"हाँ..."

"यानी तुम घर में ज्यादातर अकेली ही रहती हो? राइट?"

मैंने चुपचाप स्वीकृति में अपना सर हिलाया|

" तुम्हें तुमसे एक बात कहना चाहती हूं, हम लोगों के यहां एक और कैंपेन यानी कि अभियान भी चल रहा है"- यह कह कर उन्होंने मुझे एक दूसरा फ्लायर पकड़ाया|

उसमें लिखा हुआ था-

हमारा एक व्यापक अभियान चल रहा है जिसके लिए हमें उदार विचारधारा वाली युवतियों की है तत्काल आवश्यकता है| पूरी गोपनीयता संतुष्टि और उच्च प्रतिफल की गारंटी...

मैंने हैरान होकर पूछा, "इसका मतलब क्या है?"

मैरी डिसूजा ने कहा, "तुम एक बहुत ही खूबसूरत लड़की हो, पीयाली... तुम्हें देखकर ऐसा लगता है कि तुम 20 या 22 साल की ही हो- एकदम एक कॉलेज गर्ल-... तुम्हारे बाल लंबे घुंघराले और घने है... लेकिन इनकी थोड़ी देखभाल करने की जरूरत है... तुम्हारा फिगर भी अच्छा है... तुम्हारे स्तन बड़े-बड़े सुडौल और तने तने से हैं... तुम्हारे कूल्हे मांसल है और कमर पतली... जिन्हें देखकर कोई भी मर्द दीवाना हो सकता है... लेकिन तुम्हें अपने तन और बदन की देखभाल करने की बहुत जरूरत है, क्योंकि मैं देख रही हूं कि यहां वहां थोड़ी बहुत ना पसंदीदा चर्बी जम रही है… तुम यूं ही घर में पड़े पड़े सड़ने के बजाय हमारे क्लब की मेंबर क्यों नहीं बन जाती?... कुछ दिनों तक अगर तुम हमारे यहां योगा और जिम करोगी तो तुम्हारा फिगर और उभर कर आएगा और रूप ही निखर आएगा जिसकी वजह से तुम और भी खूबसूरत और सेक्सी दिखने लगोगी... और उसके बाद अगर तुम हमारे यहां की मेंबर बन गई, तो तुम्हें हर सर्विस के लिए अच्छे पैसे मिलेंगे... अधेड़ उम्र के लोग और विदेशी तो तुम्हारे जैसी लड़की की सर्विस के लिए और ज्यादा पैसे देंगे"

मैंने हैरानी से फटी फटी आंखों से मैरी डिसूजा की तरफ देखा और बोली, "मैडम यह आप क्या कह रही हैं?"

"मैं सच कह रही हूं.... फिलहाल तुम जवान हो, खूबसूरत हो... यौवन का रस तुम्हारे बदन से चू चू कर टपक रहा है... तुम्हारा खून गर्म है" यह कहते कहते मैडम मेरे बालों और गालों में हाथ फिरती हुई हल्के से मेरे एक स्तन को सहलाती बोली, " तुम्हारे बदन में अभी जवानी का कसर और कसाव बरकरार है... तुम्हारी आंखों और चेहरे में एक चमक है... लेकिन जैसे-जैसे तुम्हारी उम्र बढ़ेगी, तुम्हारी जवानी भी ढलेगी तुम्हारे बदन का कसाव और जवानी का रस धीरे-धीरे सूखता जाएगा... और तुम्हारी रौनक धीरे-धीरे फीकी पड़ने लगेगी... तुम्हारी योनि भी उम्र के साथ-साथ धीरे-धीरे सुस्त हो जाएगी... इस तरह अकेले घर में पड़े पड़े अपनी जवानी को बर्बाद मत करो पीयाली... घर में सिर्फ एक उपेक्षित गृहिणी बन कर रहने के बजाय तुम हमारे क्लब की मेंबर बन सकती हो और जीवन का आनंद उठा सकती हो"

"लेकिन” आज सुबह से लेकर अब तक जो घटनाएं मेरे साथ घट रही थी उन सबको समझने में और सुलझाने में मुझे थोड़ी दिक्कत आ रही थी और मैरी डिसूजा उस वक्त तक मेरे स्तनों को प्यार से सहला रही थी और पता नहीं क्यों मुझे यह अच्छा भी लग रहा था इसलिए मैंने कोई विरोध नहीं किया|

मेरी हिचकिचाहट को भाँप कर मैरी डिसूजा ने गहरी सांस ली और उसके बाद उन्होंने अपना आंचल हटा दिया और अपने ब्लाउज के बटन खोल कर अपने स्तनों को नंगा कर दिया और फिर उन्होंने मेरे चेहरे को अपने सीने से लगा लिया... मैं थोड़ा घबरा गई लेकिन उनके तन की छुअन और उनके बदन की खुशबू से मुझे न जाने क्यों एक अजीब तरह का सुकून महसूस हो रहा था|

"सुन मेरी बच्ची, आज तक मैंने अपनी जिंदगी में बहुत से उतार-चढ़ाव देखे हैं... एक वक्त ऐसा था जब मुझे एक वक्त का खाना नसीब होता था और दूसरे वक्त के लिए मैं सोच में पड़ जाती थी... लेकिन भाग्य ने मुझे एक मौका दिया और उसके बाद मैंने कभी भी अपने आप को और अपनी जरूरतों को नजरअंदाज नहीं किया... और मैंने खुद को बहुत अच्छी तरह से मेंटेन करके रखनी कोशिश हमेशा जारी रखें..."

जाहिर सी बात है| शायद इसीलिए ब्लू मून क्लब की मालकिन मैरी डिसूजा जो कि लगभग एक जवान लड़की की मां की उम्र की होंगी लेकिन उनकी खूबसूरती, फिगर और व्यक्तित्व के आकर्षणको देखकर अच्छे-अच्छे मर्द तो क्या जवान जवान लड़के भी लट्टू हो जाएं|

मैरी डिसूजा ने बोलना जारी रखा, "टॉम यह कह रहा था कि तेरे साथ सहवास करके उसे ऐसा लग रहा था कि वह किसी कुंवारी लड़की को भोग रहा है... उसने तो यहां तक भी कहा था कि तेरी थोड़ी बहुत ब्लीडिंग (रक्तपात) भी हुई थी... जब तेरा पति छुट्टी मनाने घर आता है तो क्या तेरे साथ सहवास नहीं करता?"

अब तो मेरी आंखों में आंसू आ गए और मैं अनजाने में ही मैरी डिसूजा से लिपट गई... वह 'तुम' से 'तू' पर आ गई थी... मुझे ऐसा लग रहा था कि शायद हम दोनों के बीच कोई रिश्ता कायम हो चुका है... और वैसे भी यह कुदरत का करिश्मा ही था कि हम दोनों की शक्ल में काफी हद तक मिलती-जुलती थी... यहां तक कि कोई अनजान आदमी अगर हम दोनों को एक साथ देख ले तो वह यही कहेगा कि शायद हम मां बेटी है|

अब मैंने खुलकर मैरी डिसूजा से पूछा, "तो क्या आप मुझे एक वेश्या बनने के लिए बोल रही है?"

"वेश्या?" मैरी डिसूजा ठहाका मारकर हंस पड़ी, "अरे पगली... हम जिन्हें वैश्या कह कर दुत्कारते हैं, दुनिया वालों को तो उनकी अहमियत का पता ही नहीं... उनकी आंगन की मिट्टी के बिना तो देवी की की मूर्ति बनेगी ही नहीं... और जो लोग इस लाइन में आते हैं ज्यादातर लोग तो मजबूरी में आते हैं... घर में छोटे भाई को कैंसर है... पिता जुआ खेलकर कर्ज में डूबा हुआ है... घर गिरवी पड़ा हुआ है... एक पैसा भी नहीं है... बहन को थैलेसीमिया है... वगैरा-वगैरा... यह सारी बातें कोई नहीं समझेगा लेकिन... जो लड़कियां इस लाइन पर आती है वह तो घर की पूरी की पूरी जिम्मेदारी है अपने कंधों पर उठा लेती है इस बात पर तो कोई और नहीं करता... और वैसे भी देवदासी प्रथा तो सैकड़ों सालों से चली आ रही है- यह कोई पाश्चात्य (Western) सभ्यता का असर नहीं है... मैं तो यही कहूंगी कि पश्चिमी देशों में जो भी सीखा है वह हम लोगों से सीखा है... क्योंकि हमारी सभ्यता बहुत ही प्राचीन है"

पता नहीं मुझे क्यों ऐसा लग रहा था कि शायद मैरी डिसूजा अपने अतीत के बारे में कुछ बता रही हो|

फिर उन्होंने कहा, "लेकिन तेरी हालत ऐसी नहीं है, तू एक अच्छे घर की लड़की है... तेरे पास पैसों की कमी नहीं है... पर तू बिल्कुल उपेक्षित है... और हमारा यह क्लब तेरे जैसी लड़कियों के लिए ही बना है... क्योंकि यह क्लब दोस्ती करने मेलजोल बढ़ाने का एक बहुत ही शानदार तरीका है"

अब मैं मन ही मन सोचने लगी, मेरी जड़े तो पाँक पाड़ा गांव तक जाती है...

वहां तो लेचारी प्रथा आम बात है…. इसकी बदौलत अच्छे-अच्छे घरों की लड़कियां, बहुएं या फिर औरतें अक्सर दूसरे मर्दो के साथ संबंध बना लेती हैं...

इससे उनका अकेलापन भी दूर हो जाता था और फिर घर खर्च या फिर इधर-उधर की जरूरतों के लिए मुझे पैसे या फिर उनकी जरूरतें मैं पूरी हो जाती थी|

है भले ही यह व्यभिचार हो लेकिन इस प्रथा को चुपके चुपके हमारे समाज में स्वीकृति भी दी गई है...

इसलिए लेचारी प्रथा और यहां की मेंबरशिप में मुझे कुछ खास फर्क तो दिखा नहीं|

लेकिन फिर भी मेरे अंदर थोड़ी बहुत हिचकिचाहट भरी हुई थी मैंने कहा, "लेकिन..."

"फिर से वही लेकिन वेकिन?" मैरी डिसूजा ने मानो एक प्यार भरे अंदाज में मुझे डांटते हुए कहा, "अगर अंग्रेजी के 'if' और 'but' फल और मेवे होते तो सोचो आने वाली क्रिसमस कितनी सुंदर होती... अब जरा ध्यान से सोच लड़की... रूप लावण्य और सुंदरता ज्यादा दिनों तक नहीं टिकती... हमारे यहां जो भी होता है वह सब कुछ जायज और उदार मानसिकता के अनुसार ही होता है... और हमारे यहां कोई पाबंदी नहीं है... हमारे पास हाई प्रोफाइल क्लाइंट्स है और तेरे जैसी हाई प्रोफाइल लड़कियां भी... अगर कोई अपॉइंटमेंट मिले तो मैं तुझे पहले से ही फोन पर बता दूंगी..."

पता नहीं क्यों बातों ही बातों में मैं खुद को मैरी डिसूजा की बहुत ही करीब महसूस कर रही थी|

उन्होंने मेरी जिंदगी के रास्ते में एक नया मोड़ दिखा दिया था... अब यह मुझ पर निर्भर कर रहा था कि मैं उस रास्ते चलूं कि नहीं...

मेरा मन एक अजीब से दोराहे पर खड़ा था....


क्रमशः
 
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