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शाम लगभग ढलने को थी। मेघा की अपस्यु से मिलने की रुचि जो सुबह थी, वो कहीं ना कहीं ठंडी पर चुकी थी। वैसे भी मेघा अब अपस्यु से मिलकर करती भी क्या, जो कभी भी शिकार हो सकता था। इन्हीं सब बातों का आकलन करती हुई मेघा पब के लिए निकल गई।
7 बजे के करीब वो एक आलीशान पब में पहुंची। जैसे ही वो पहुंची, एक वेटर उसे ड्रिंक सर्व करने पहुंच गया। मेघा उस वेटर को देखकर कहने लगी… "जाकर ये ड्रिंक उसके मुंह पर मार आओ, जिसने भी भेजा है।"..
वेटर:- सर ने बताया था आप का जवाब ऐसा ही कुछ होगा, इसलिए साथ में एक पत्र भी दिया है।
मेघा उस पत्र को देखी, उसपर बड़े अक्षरों में "अपस्यु" लिखा था। मेघा उसकी अदा पर मुस्कुराती हुई ड्रिंक उठाई और अपने कदम बढ़ाती बार काउंटर तक पहुंची…. "हेय हीरो ! कोई उम्मीद नहीं थी कि तुम यहां मिलोगे।"..
अपस्यु:- हाय ये झूठ बोलने की अदा। मुझे ऐसा क्यूं लग रहा है आंटी की आप मेरा पीछा कर रही है।
मेघा, आंखें गुर्राती :- सिर्फ 31 साल का होना से आंटी की श्रेणी में आता है। बहुत ही भद्दा था ये…
अपस्यु:- अच्छा तो फिर मैं अपने से 9-10 साल बड़ी लेडी को क्या कहूं?
मेघा:- चलो कहीं अकेले में चलकर सब समझाती हूं कि क्या कहना चाहिए और क्या करना चाहिए मुझ जैसी हॉट, टॉप क्लास मॉडल के साथ।
अपस्यु:- हम्मम ! तुम्हारी अदा और तुम्हारी बातें आज कुछ मैच नहीं हो रही मेघा। लगता है तुम्हे जो मुझ से उम्मीदें थीं वो कोई और पुरा कर रहा है।
मेघा:- तुम कहना क्या चाहते हो…
अपस्यु अपने राउंड टेबल को घुमाया और उसके होंठो को अपने होंठ से छूकर खड़ा हो गया और चलते-चलते…. "सॉरी स्वीट हार्ट, तुम मुझे शाम को मिलने का वादा करके अपना कार्यक्रम बदल ली। फिर कभी मुलाकात होगी।" … इतना कहकर, अपस्यु फिर माईक लेकर जोड़ से कहने लगा…. "श्रेया तुम केवल बेवकूफ हो, इस से ज्यादा कुछ नहीं। मेरा पीछा करने से अच्छा, मुझ से सामने से बात करती तो तुम्हारे लिए मै ज्यादा फायदेमंद होता। मै ज़रा अकेले घूमना चाहता हूं इसलिए प्लीज मेरे पीछे मत आना।"…
मेघा को अपने लिए कही बात तो समझ में आ गई, लेकिन बीच में ये श्रेया कौन आ गई, इसपर वो सोचती रह गई। तभी मेघा ने देखा पब के कोने से एक लड़की उठकर अपस्यु के पीछे भागी। मामला थोड़ा पेंचीदा था, इसलिए मेघा भी उसके पीछे जाने लगी, और इन दोनों के पीछे लोकेश का एक शातिर आदमी, जो सुबह से अपस्यु के पीछे था, पब के पीछे सुनसान से जगह को सुनिश्चित करने के बाद…. उसने तुरंत लोकेश से संपर्क किया…
"सर आप का शक सही निकला। शायद इस लड़के को आपके बारे में सब पता है।"… इतना कहने के बाद लोकेश से वो आज सुबह से लेकर अब तक की घटनाओं का ब्योरा देने लगा, जिसमें एक क्लोज डोर मीटिंग की बात बताया, जो इतना हाई टेक जगह था कि जितने भी जतन उसने किए, लेकिन अपस्यु के साथ किसकी बात हुई और क्या बात हुई, वो सुन नहीं सका। अपस्यु, मेघा को उलझाने के लिए कैसे उस पब में पहले से पहुंचा और साथ में यह भी उसपर एक लड़की पहले से नजर बनाए हुई थी जिसके बारे में अपस्यु को पहले से पता था। ..
लोकेश ने जब उसके आखरी के कुछ बातें सुनी, फिर वो समझ चुका था कि जितना छोटा उसने अपने इस नए दुश्मन को समझा था वो उतना भी छोटा नहीं। अपने जासूस कि बात पर वो तेज हसने लगा। फोन लाइन के दूसरे ओर उसके अट्टहास भरि हंसी वो जासूस सुन रहा था, तभी एक चींख निकली और वो जासूस सदा के लिए ख़ामोश हो गया।
दूसरे फोन लाइन से लोकेश को आवाज़ आयी… "काम हो गया।"… लोकेश उसे फिर आज रात अपस्यु को खत्म करने का हुक्म देकर लाइन कट किया, और दूसरे लाइन से मेघा को सुनने लगा।…
इधर पब से निकलकर अपस्यु पार्किंग के ओर बढ़ा, श्रेया दौड़ती हुई उसके पीछे पहुंची और उसके कपड़े को पकड़ कर खींचने लगी… अपस्यु पीछे मुड़कर उसे देखते ही हसने लगा।…. "मै अभी एक काम निपटा रहा हूं, इसलिए अभी कुछ भी समझा नहीं पाऊंगा। तुम सीधा अपने फ्लैट चली जाओ, मै आज रात तुमसे मिलता हूं।".. श्रेया इससे पहले कुछ कहती सामने से मेघा भी उसी के ओर आने लगी। उसे देखते ही अपस्यु एक बार फिर बोला…. "अब जाओ यहां से और हमारे बारे में अपने टीम से भी डिस्कस मत करना। वरना अपनी बेवकूफी का एक परिणाम तुम पहले भी देख चुकी हो। अब जाओ।"…
श्रेया अनगिनत सवाल अपने मन में लिए वहां से चली गई। इधर जबतक अपने इठलाते क़दमों को आगे बढ़ती हुई मेघा अपस्यु के पास पहुंची…. "ओह तो ये श्रेया है।"
अपस्यु:- हां जबसे मेरा और ऐमी का रिश्ता सामने आया है, बेचारी का दिल टूट गया और मुझे रिझाने के लिए ये मेरे आस पास ही मिल जाती है।
मेघा:- ओह ! मतलब तुम्हे बस संका थी और उसी आधार पर तुमने एक तीर मारा था।
अपस्यु:- हां हर होशियार इस अंधेरे के तीर का शिकार हो ही जाता है। हम तो कुछ नहीं जानते, लेकिन जैसे ही उसे आभाष करा दो हमे उसके बारे में सब पता है फिर हड़बड़ी में गड़बड़ी कर ही जाते है। खैर छोड़ो, आज तो मै शिकार पर निकला हूं, खाली हाथ थोड़े ना अपनी रात बिताऊंगा..
मेघा:- हीहीहीही… शिकार यहां खुद तैयार हैं। वैसे हां ये सही है कि अब काम को लेकर तुम में कोई रुचि नहीं रही। लेकिन फुरसत की एक रात के लिए तो हमेशा ही रुचि रहेगी… क्यों ना आज रात तुम मेरा शिकार कर लो…
अपस्यु, मेघा को आंख मारते… "आ जाओ बैठ जाओ फिर, आज रात फिर से एक बार सिना जोड़ी का खेल हो जाए।".. "नहीं प्लीज वो खेल नहीं।"…. "क्यों तुम्हे मज़ा नहीं आया था क्या।"…. "हीहीहीही… मज़ा था या साजा आज तक तय नहीं कर पा रही, लेकिन जो भी था, वो कातिलाना था।"…
दोनो की हॉट एरोटिक बातें शुरू हो गई। लोकेश उनकी बात सुन सुनकर विचित्र ही मनोदशा में चला गया था। कभी एक मन सोचता कि लड़के ने तुक्का मरा और मेरा एक एजेंट मरा गया, तो फिर दिमाग में ख्याल आता कि मेघा को कहीं कोई ऑफर देने से पहले उसे फसा तो नहीं रहा। कुल मिलकर लोकेश की भी वहीं हालत हो चुकी थी, जैसा कुछ दिन पहले श्रेया की थी। …
बिल्कुल भ्रमित करने वाला माहौल, जिसमे एक पल लगे कि ये लड़का अपस्यु सब कुछ जान रहा है और लंबी योजना पर काम कर रहा है, तो अगले पल लगता कि कुछ नहीं जानता केवल एक दिलफेंक आवारा है जो अपनी मर्जी का कर रहा।
इधर लोकेश उनकी आवाज़ साफ सुन रहा था.. दरवाजा खुलने से बंद होने तक की आवाज़। फिर उधर से को हंसी की किलकारियों के साथ कभी मादक आह तो कभी तेज जोड़ की चीखें। कभी मेघा की मिन्नतें तो कभी अट्टहास भरी हंसी। और इसी बीच एक तेज खटाक की आवाज़ और उस ओर से आने वाली सभी आवाज़ बंद…
लोकेश अपने ऑपरेटर से जवाब तलब करते… "क्या हुआ ये आवाज़ आना क्यों बंद हो गया।"
ऑपरेटर:- सर लगता है ब्रा पाऊं के नीचे आ गया होगा, डिवाइस बेकार हो गई है।
लोकेश चिल्लाते हुए…. "आखिर उसे पता कैसे चला की हमने माईक ब्रा में छिपा रखी थी।"
ऑपरेटर:- सर दोनो का जोश को देखकर लगता नहीं कि उन्हें कुछ पता भी होगा।
लोकेश:- कुछ भी करो लेकिन मुझे अभी उसकी बात सुननी है।
ऑपरेटर:- बस कुछ देर सर..
वो ऑपरेटर कंप्यूटर पर काफी तेज खिटीर पिटीर करते अपने हाथ चलाया और एक मिनट बाद लोकेश को इशारे से मेघा को कॉल लगाने के लिए कहने लगा। लोकेश ने मेघा को कॉल लगाया। पहली घंटी पूरी हो गई मेघा ने कॉल नहीं लिया। लोकेश ने दोबारा फोन लगाया.. कुछ देर के बाद मेघा कॉल पिक करती… "अभी .. आह्ह्हह्ह ! बाद में बात करो!" .. तेज चढ़ती श्वांस में मेघा ने जल्दी से अपनी बात कही और कॉल डिस्कनेक्ट कर दी।
इधर से ऑपरेटर जीत का अंगूठा दिखाते, फोन के माईक से आ रही आवाज़ को सुनाने लगा। अब भी मेघा की मादक सिसकारी आ रही थी। कभी तेज दो कभी धीमी। ऐसा लग रहा था जैसे वहां सब बिना वीडियो के पोर्न के ऑडियो का पूरा मज़ा ले रहे थे।
और कुछ देर बाद वहां बिल्कुल सन्नाटा पारा रहा, बस बीच-बीच में एक दो बार चूमने कि आवाज़ और लगभग 15 मिनिट… "कहां जा रही हो मुझे छोड़कर"
मेघा:- आह्ह ! क्या मज़ा दिया है तुमने… एक हॉट शॉवर लेकर वापस आती हूं।
अपस्यु:- तुम ऐसे नंगी खड़ी ना रहो मेरा खड़ा हो जाता है…
मेघा:- हीहीहीहीही… तुम्हारा क्या होता है और क्या नहीं ये मुझे क्यों बता रहे हो। मैं तो यहां जबतक हूं पूरी ओपन हूं।
तभी फिर कुछ क़दमों कि आवाज़ और फोन से बिल्कुल आवाज़ आना बंद हो गया। लोकेश वापस से चिल्लाया, ऑपरेटर अपना छोटा सा मुंह बनाते…. "सर अब दोनो बाथरूम के अन्दर रास लीला मना रहे, तो इसमें मै क्या कर सकता हूं। शूटर को भेजकर दोनो को खत्म ही कर दीजिए ना।
लोकेश:- नहीं, शूटर को वापस बुला लो। इसपर से सारे सर्विलेंस हटाओ, हम गलत जगह फोकस कर रहे है। इसे और इसके परिवार को हम जब चाहे तब मार सकते है, और जब मारना ही है तो इसपर इतना ध्यान क्यों। वैसे भी इसकी जो भी प्लांनिंग होगी वो उद्योगपति विक्रम राठौड़ और लोकेश राठौड़ के लिए होगी। इसकी तो रूह ही समझेगी की मै क्या हूं?
इधर जैसे ही अपस्यु फ्लैट पहुंचा, उसका खेल शुरू हो चुका था। सेक्स के दौरान वो इतना हावी रहा की मेघा पागल हो गई उन उन्माद में। जैसे ही वो माईक टूटा अपस्यु को एक छोटा सा विंडो मिल गया। तुरंत ही उसने ब्रा की कारीगरी में छिपे माईक को दिखाते हुए, अपस्यु ने मेघा से कहा था कि ये बेकार हो गया है, अब लोकेश उसकी बात सुनने के लिए कोई नया हथकंडा अपनाएगा।
मेघा तो दंग थी, लेकिन अपस्यु ने उसके सारे आश्चर्य के भाव को पुनः एक कामुक उन्माद में परिवर्तित करते हुए बस अभी उसे फॉलो करने और एन्जॉय करने का सलाह दिया। फोन छोड़कर दोनो बाथरूम में जाने के बदले एक कमरे में गए…
मेघा, जैसे ही कमरे में पहुंची…. "तो वो तुम और तुम्हारी टीम थी जो लोकेश से बदला लेने के चक्कर में हमारे पैसों का नुकसान किया।"..
अपस्यु:- क्या बात है, मैंने एक माईक क्या दिखा दिया तुम तो जड़ से पकड़ना शुरू कर दी।
मेघा:- यह मेरे सवाल का जवाब नहीं..
अपस्यु:- जब बात बदले कि हो रही हो, तो सीधा सा गणित होता है मेघा, गेहूं के साथ घुन भी पिसता है। क्या ऑफर किया लोकेश ने अपने बेस पर, आज सुबह की मीटिंग में…
मेघा:- ओह तो तुम्हे उसके साम्राज्य और उसके ठिकाने का पूरा पता है और वो होशियार समझता है कि तुम्हारी प्लांनिंग दिल्ली के बॉडी गार्ड को देखते हुए होगी। खैर तुम्हे उसके साम्राज्य के बारे में पता होने से क्या होता है, तुम और तुम्हारी फैमिली वैसे भी मरोगे, क्योंकि उसके पाले सैतानो का मुकाबला करना किसी के बस की बात नहीं। तुम्हारे जाने का थोड़ा सा अफ़सोस तो होगा डार्लिंग, लेकिन खुशी इस बात की होगी की हमारे बीच रहकर जिस दुश्मन को पहचान ना पाए, वो मर जाएगा। चिंता मत करो, तुम्हारे इस राज के बारे में मै किसी को नहीं बताउंगी।
अपस्यु:- हाहाहाहाहा… जी शुक्रिया, वैसे एक बात बताओ, हवाला के पैसे जाने का शक तो पहले एक दूसरे पर ही किए होगे, फिर अब तुम दोनो मिल गए तो पुरा इल्ज़ाम किस गरीब के सर फोड़ दी?
मेघा:- अच्छा सवाल है। वैसे कमाल का गेम था वो भी वाकई, लेकिन ये क्यों भुल जाते हो, हम लंबे समय से पार्टनर्स है और बिना भरोसे धंधा नहीं होता। और कहते है ना जो गड्ढा खोदता है लोग उसी में फंसते है। बस तुम्हारे खेल का नतीजा भी वही होगा। तुम्हारा क्लोज वो होम मिनिस्टर और उसके साथ तुम्हारे प्यारे भाई का वो ससुर राजीव मिश्रा साथ में उसकी पत्नी, बेटी, बेटा सब मरेंगे। ये कतई नहीं सोचना कि मै तुम्हारी बातों में आकर ये राज खोल रही, बस तुमने मुझे एहसास करवाया की कोई मुझ पर लगातार नजर दिए है सो उसके बदले मैंने तुम्हे यह जानकारी दी।