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Adultery भाभियों का रहस्य

vickyrock

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ये शैतान जो मनीष के अंदर समा गया है इसे पक्का नायक से खलनायक बना के ही बाज़ आएगा अब यहीं ले लो एक चुड़ैल को चोदने के कसर बाकि थी इस शैतान ने वो भी पूरी करवा दी वैसे चुड़ैलनी की रानी का नाम बहुत अच्छा है कोकु :vhappy:
निशांत या मनीष
 

Napster

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अध्याय 16
शाम का वक्त था जब डॉ अपने एक साथी के साथ मेरे कमरे में आये ,
वो मुझसे अकेले में मिलना चाहते थे , उनके हाथो में कुछ सामान थे जो की मेडिकल रिपोर्ट लग रहे थे ..
“निशांत तुम जानना चाहते थे ना की तुम्हारे साथ क्या हुआ है ..?”
मैंने हां में सर हिलाया ..
उन्होंने सभी रिपोर्ट्स को एक एक कर मुझे दिखाया ..
“तुम्हे लोहे की रॉड से मारा गया था जिससे तुम्हारी कई हड्डिया टूट गई थी , और गोलीयो तुम्हारे वाइटल ऑर्गन को डेमेज कर दिया था , लेकिन सबसे ज्यादा नुक्सान उस गर्म सरिये से हुआ जिसे तुम्हारे पेट में घुसाया गया था , वो सीधे तुम्हारे स्पाइन को डेमेज करते हुए बाहर निकली थी जिससे कई नर्व डेमेज हो गए … तुम जिन्दा हो वो ही एक चमत्कार है ,लेकिन जो अभी तुम्हारी हालत है , दुनिया का कोई भी डॉ तुम्हे अपने पैरो में खड़ा नहीं कर सकता , तुम हमेशा हु ही रहोगे , ना कभी चल पाओगे ना कभी अपने शरीर को हिला पाओगे ,,,वो शैतानी ताकत ही थी जिसके कारन आज तुम जिन्दा बच गए और वही है जो तुम्हे फिर से तुम्हारी पुरानी जिंदगी दे सकता है , जो कोई नहीं कर सकता वो ये कर सकते है …”
उन्होंने अपने साथ आये एक आदमी की ओर इशारा किया …
“इनसे मिलो ये है चमन चुतिया , आत्याचारी लंड नामक संस्था के फाउनडर है “
मैंने उस आदमी को अजीब निगाहों से देखा , एक अजीब सा इंसान था , बड़े बड़े बाल और बड़ी बड़ी दाढ़ी लिए वो इंसान कोई 40-45 वर्ष का होगा , पुरे बाल बिखरे हुए और हलके घुंघराले थे , उसके कपडे मटमैले थे किसी जादूगर जैसा अजीब सी शेरवानी पहन रखी थी , बहुत सारी मानिक की मालाये डाल कर रखी थी , और सबसे अजीब तो उसका और उसके संगठन का नाम था , साला ऐसा नाम कौन रखता है , लेकिन जब डॉ का नाम चुतिया हो सकता है तो इसका नाम चमन चुतिया क्यों नहीं हो सकता …
“आप के साथ रहने वाले लोग इतने अजीब क्यों होते है “
मैंने डॉ से कहा
“बेटा ये अजीब से लोग ही तुझे तेरे पैर में खड़े करने वाले है , तो इनसे थोड़ी इज्जत से बात करो … ये कोई आम इन्सान नहीं है एक बहुत बड़े जादूगर है और जादू टोना एक्सपर्ट है , और शैतानी ताकतों को सम्हालने और उसके इस्तमाल में इसने कालाकंडी युनिवर्सिटी से पीएचडी की हुई है , समझा “
“अब ये युनिवर्सिटी कहा है ???”
“बच्चे यंहा आम पढाई नहीं होती , ना ही आम लोग वंहा पढने जाते है , तुम ये सब छोडो और अब मेरी बात सुनो ..” वो आदमी पहली बार बोला था अब वो मेरे पास आ गया
मैंने हां में सर हिलाया , उसने बोलना शुरू किया
“एक ही ताकत तुम्हे बचा सकती है जो तुम्हारे अंदर है , लेकिन इस हादसे से वो सो चुकी है , उसे फिर से जगाना होगा , आज अमावस की रात है , आज शैतानी ताकते अपने सबसे ज्यादा प्रभाव में होती है , लेकिन इसे जगाने के लिए कई जतन करने होंगे, साथ ही कई महिलाओ का साथ चाहिये होगा , यंहा की कई ओरते साथ देने को तैयार है , क्योकि वो तुम्हे बहुत चाहती है, हमने उनमे से 10 कोई चुन लिया है , लेकिन सबसे जरुरी ये है की तुम इसकी इजाजत दो “
“आखिर मेरे इजाजत देने से क्या होगा ??”
“तुम्हारे अंदर जो ताकत आएगी वो कोई आम ताकत नहीं है , शैतान की शक्ति का एक अंश जो तुम्हारे पहले से था , तुमने उसकी शक्ति का आभास किया है , लेकिन अब जो होगा वो उससे कई गुना ज्यादा ताकतवर होगा , तुम उसे काबू नहीं कर पाओगे , और तुम्हे ये जिंदगी शैतान के नाम करनी होगी , उसका कहा मानना होगा , हा इसके बदले तुम्हे इतनी अदम्य शक्तिया मिलेगी जिसके कोई इंसान सपने ही देख सकता है …”
मैं गंभीर सोच में पड़ गया … अपने पास शैतानी शक्तियों को रखना मतलब खुद का और दूसरो का भी बुरा करना था , लेकिन मेरी जो हालत थी वैसे जीना भी तो मुमकिन नहीं था ..
“मैं नहीं चाहता की मेरे कारण किसी का बुरा हो , ऐसे भी मैंने कई लोगो का बुरा कर दिया है , अब और नहीं …”
“तो क्या जीवन भर तुम ऐसे ही बिस्तर में पड़े रहना चाहते हो …”
चमन ने गुस्से में कहा
मैं चुप हो गया … तभी डॉ ने कहा
“निशांत किसी का बुरा या अच्छा करना तो तुम्हारे हाथो में है , शक्ति का स्वरुप हमेशा से ही उदासीन रहा है , उसके ऊपर किये कर्म बताते है की वो अच्छा है या बुरा ,कोई भी शक्ति अच्छी या बुरी नहीं होती , अच्छे या बुरे तो केवल कर्म ही होते है , और लोगो की प्रकृति होती है की वो आदतन ही अच्छे या बुरे कर्म करते है , तुम्हारे पास पहले भी शैतानी शक्ति रह चुकी है लेकिन तुमने अपने प्रकृति की अनुरूप इसका उपयोग किया ,कभी इसी पर जबरदस्ती नहीं की , तुम चाहते तो पुरे गांव की स्त्रियों को अपने काबू में कर सकते थे लेकिन तुमने ऐसा नहीं किया , ये तुम्हारा प्रकृति दर्शाता है , और इसीलिए उस शक्ति ने तुम्हे चुना था, इस गांव का भाग्य भी तुम्हारे हाथो में ही है , अगर तुम ये काम नहीं करोगे तो शायद इस काम के लिए तो वो पत्थर कही दुसरे को ना चुन ले , जिसकी प्रकृति दुष्ट हो और फिर वो क्या आतंक मचाएगा वो तुम सोच सकते हो , और ये मत बुलो की तुम्हारी अम्मा और अन्नू भी इसी गांव में रहते है अगर पथ्थर ने फिर से किसी दुसरे को चुन लिया तो वो सबसे पहले इस गांव की सबसे प्रभावशाली महिला को अपने कब्जे में करेगा , तुम इस हालत में बैठे हुए अपनी घर को सिर्फ लुटते हुए देख पाओगे …. क्या तुम यही चाहते हो …”
डॉ ने जो कहा था उससे मैं पूरी तरह से हिल गया था और सोचने में मजबूर हो गया था …
मैं इस शक्ति के प्रभाव को समझता था ये शक्ति अगर किसी बुरे व्यक्ति के हाथ में पड़े तो वो तबाही मचा सकता था , मुझे ये करना पड़ेगा …. मैंने अपना मन मजबूत किया ..
“ठीक है डॉ मैं तैयार हु …”
“बहुत बढ़िया , चमन तयारी शुरू करो “
चमन मेरे ओर देखा उसका चहरा खिला हुआ था ..
“बहुत बढ़िया निशांत , तुमने सही फैसला किया , अब तुम भी एक अत्याचारी लंड बन जाओगे … तो बोलो होउस द जोश …”
“क्या …” मैंने आश्चर्य से उसे देखा
“कुछ नही बस तुम इस रात के बाद से मेरे संगठन के सदस्यों में से एक हो जाओगे , तो खुश हो ना …”
डॉ ने उसके कंधे पर हाथ रखा
“भाई चम्मन चूतिये , तुम अपना काम करो ना यार क्यों बच्चे को डरा रहे हो “
वो ख़ुशी ख़ुशी वंहा से चला गया ..
“ठीक है कुवर अब हम कल ही मिलेंगे , एक चीज याद रखना की तुम्हे फिर से अच्छा करने के लिए गांव की कई स्त्रियाँ अपना जीवन और अपना योवन समर्पित करने को तैयार है , ठीक होने के बाद उनका ख्याल रखना , उनके अहसानों को भूल मत जाना …“
डॉ भी वंहा से चले गए थे ……….

रात हो चुकी थी लगभग 11 बजने वाले थे , मुझे एक गाडी से ले जाने का पूरा बंदोबस्त हो चूका था , साथ ही और भी कई गाड़िया तैयार थी , मुझे गाडी में बिठाया गया , मेरे साथ ना अन्नू थी ना ही अम्मा , मेरे बाजु में चमन बैठा था , वो आंखे मूंदे कुछ मंत्र जप रहा था ..
कुछ देर में हम उस जगह पर पहुच चुके थे , कुछ लोग मुझे झील के किनारे ले कर गए , वहा मुझे उठाकर उसी पत्थर पर रख दिया गया था , झील का कलरव मेरे कानो में गूंज रहा था , उन्होंने मुझे निर्वस्त्र कर दिया , चमन के अलावा सभी मर्द वंहा से चले गए थे ..
“आधी रात होने पर हमे शैतान का आह्वाहन शरू करना है ..” चमन मेरे कानो में बोला और कुछ इशारा किया
“तुम्हे शांत रहना होगा .. और जो हो खुद को समर्पित कर देना है , अपना दिमाग लगाना बंद कर दो , खुद को ढीला छोड़ दो ..” उसने मेरे कानो में कहा ..
मैं भी चुप चाप अपने को ढीला छोड़कर वंहा लेटा रहा ..
कुछ देर बाद ही पायलो की झंकार हुई , मैंने देखा की वंहा कई स्त्रिया इकट्ठी हुई है , वो सभी झील की ओर जाने लगी , मेरे पास ही आग जलाई गई थी , सभी स्त्रियाँ निर्वस्त्र थी और वो झील में जाकर डुबकी मारने लगी …
थोड़े देर बाद सभी मेरे चारो ओर आकर खड़े हो गए , एक नजर मैंने सभी को देखा , कई पहचान के चहरे थे , गुंजन भाभी और कामिनी भाभी भी उसमे खड़े थे , सभी गिले थे , ढोल बजने की आवाज शुरू हो गई , सभी बाल बिखरा कर नाचने लगे , मैंने ऐसा नृत्य पहले भी सपने में देखा था , लेकिन इस बार वो मेर चारो ओर नाच रहे थे , तभी सबके बीच से महिला सामने आई उन्हें देख कर मेरे रोंगटे ही खड़े हो गए , उन्हें हाथो में एक बड़ा सा चाकू था और वो कोई और नहीं बल्कि मेरी अम्मा थी ..
हम दोनों की नजरे मिली लेकिन उनके आँखों में कोई भाव ना था , चमन लगातार मन्र पढ़कर आग में आहुति दे रहा था , स्त्रियाँ मेरे चारो ओर नाच रही थी , अम्मा पूरी तरह से निर्वस्त्र थी वो मेरे चहरे के पास आई और अपनी हथेली काट कर मेरे चेहरे के कुछ उपर रख दिया , रक्त बहने लगा था जो सीधे मेरे चहरे पर पड़ रहा था …
मेरा चहरा उनके खून से सन रहा था , वो अपने हथेली को मेरे चहरे से लेकर पैरो तक ले गई , उनका रक्त मेरे नग्न शरीर को भिगोने लगा , वो एक जगह रुकी , और मेरे शरीर में अचानक से जैसे संवेदना का संचार हो गया , मेरे निर्जीव शरीर का हर अंग जैसे जीवित हो गया था , मुझे अपने पुरे शरीर का भान होने लगा , लेकिन जिस जगह अम्मा अभी खून की धार टपका रही थी उसका आभास पाते ही मैं चुह्क उठा ..
“आह …” मेरे मुह से निकला ..
अम्मा मेरे लिंग पर खून से मालिस कर रही थी और उन्होंने झुककर अपने मुह से मेरे लिंग को भर लिया ..
इतने सालो के बाद मैंने अपने शरीर को महसूस किया था वो भी ऐसे , मेरा लिंग तनने लगा , मैं आश्चर्य से भर गया था ये सच में एक चमत्कार था , अम्मा के नाजुक मुख चोदन से मैं उत्तेजना के शिखर तक पहुचने लगा , सभी दूसरी महिलाये भी मेरे आस पास आने लगी , सभी के हाथो में चाकू थे सभी ने अपनी कलाई काटी और मेरे शरीर में रक्त गिराने लगी , वो सभी कुल 10 महिलाये थी जिनके रक्त से मेरा पूरा शरीर नहाने लगा , , वो अपने हाथो को मेरे शरीर में चलाने लगी , उन सभी की आँखे बंद होने लगी थी , सभी अपने ही मस्ती में आ रही थी , सभी मुझे यत्र तत्र छू रही थी और अपने खून को मेरे शरीर में फ़ैलाने लगी …
वो मस्ती में आकर मेरे शरीर के विभिन्न हिस्सों को चूमने चाटने लगी थी ,मुझे हर एक जीभ की संवेदना महसूस हो रही थी , एक अलग सा खुमार मेरे शरीर में चढ़ने लगा था …सभी महिलाये मुझपर बुरी तरह से टूट पड़ी थी , मेरे शरीर में संवेदनाये तो वापस आ गई लेकिन मैं अभी भी अपने शरीर को नहीं हिला पा रहा था , थोड़ी ही देर बाद मुझे चमन दिखाई दिया , उसके हाथो में एक बड़ा सा प्याला था , उसने उसे मेरे मुह में लगा दिया ,
“ये इन सभी स्त्रियों का पेशाब है , इसे पि लो “
मैं अपनी ही मस्ती में खोया था , मुझे कुछ सूझ नही रहा था , एक तो शरीर पर इतनी स्त्रियों का स्पर्श और मेरे लिंग में अभी भी अम्मा मुह चलना , मैं बुरी तरह से कांपने लगा , मजे और उत्तेजना में मैं बेहाल हो रहा था लेकिन मेरा शरीर बिलकुल भी हिल नहीं पा रहा था , उसी स्तिथि में मैंने वो प्याला पि लिया , मुझे उसके स्वाद का जरा भी आभास नहीं हुआ , लेकिन जैसे ही वो मेरे गले से उतरा , शरीर में एक अजीब सी ताकत का संचार मैंने महसूस किया , मेरी आँखे बंद होने लगी …. और अचानक से खुली …
“आह … साला मजा आ गया , कितने देर से सोया था मैं ???? वाह क्या माहोल है , मुझे इतनी ताकत कैसे महसूस हो रही है , तुम तो शैतानी साधना कर रहे हो , मजा ही आ गया , सही किया तुमने पाट्नर “
मेरे अंदर से एक आवज आई ,
“लौडू तू .. तू जाग गया “ मैंने उसे देखकर बहुत ही खुश हो गया था ऐसा लगा जैसे कोई बिछड़ा दोस्त मिल गया हो ..
“हा जाग गया , तेरे कारन मैं भी मर गया था , खैर ये बात करने का समय नहीं है , अभी तो मस्ती कर … वह क्या रांड है जो लिंग चूस रही है , भाई आज तो मजा ही आ गया ..”
“मादरचोद वो अम्मा है ..”
“वाह तब तो और भी मजा आएगा , अब मुझे मजे लुटने दे मैं तो चला “
अचानक से जैसे लौडू गायब हो गया , वो सभी महिलाये अपने ही धुन में डूबी हुई है , मैंने अपने हाथ पैर हिलाए और मैं खुश के साथ साथ अचम्ब्भित भी था , मुझे यकीं नही हो पा रहा था की मैं इतना स्वस्थ हु , अभी अम्मा का चहरा मेरे सामने आया , उन्होंने मेरे आँखों में देखा , वो मेरे उपर लेटी हुई थी , मेरे आँखों में देखते हुए ही उन्होंने मेरे लिंग को हाथो में लेकर सीधे अपने योनी द्वार में रगड़ दिया ..
हम दोनों ही उत्तेजना से मरे जा रहे थे , मेरे मन में नैतिकता का बोध तो था लेकिन अभी तो उत्तेजना ही हावी थी , उन्होंने मेरे लिंग को दिशा दिखाई और सीधे अपनी योनी में उसे प्रवेश करवा दिया …
“आह …” दोनों के ही मुह से एक साथ निकला , अभी भी हम एक दुसरे के आँखों में ही देख रहे थे , सभी महिलाये एक साथ चिल्लाने लगी , वो हु हु की आवाज निकाल रही थी ,
अम्मा भी मेरे लिंग में अपनी कमर घुमाने लगी थी और मुह उठा कर वो भी भेडियो की तरह हु हु की आवाज कर रही थी ..
लम्बी लम्बी हूऊऊउ की आवाज के साथ वो मेरे तेजी से मेरे लिंग पर कूद रही थी , कोई जोरो से ढोल बजा रहा था , शायद वो चमन ही था , सभी जोरो से ढोल की धुन में ही हु हु की आवाज कर रहे थे , अम्मा और भी जोरो मेरे उपर खुद रही थी , मजे और उत्तेजना से मेरा बुरा हाल हुआ पड़ा था , अचानक से मुझे लगा जैसे पत्थर से कोई करेंट निकल कर मेरे पुरे शरीर में छा रहा है , मैं कांपने लगा साथ ही वो करेंट अम्मा के शरीर में भी दौड़ने लगा था , वो भी मेरे साथ कापने लगी थी , सभी और जोरो से हु हु की आवाजे निकाल रहे थे , अम्मा भी और तेजी से कूदने लगी थी , अपनी कमर को वो पूरी ताकत से मेरे लिंग पर रगड कर मेरे लिंग को अंदर बाहर कर रही थी , वो करेंट मेरे और अम्मा के पुरे शरीर में फ़ैल रहा था और अचानक से ऐसा लगा जैसे मेरी पूरी शक्ति उस करेंट के साथ सिमटते हुए मेरे लिंग में आ गई और दो तीन जोरदार धक्को के साथ वो वीर्य के साथ अम्मा के गर्भ में समां गई …
मुझे लगा जैसे मैं खुद ही उनकी योनी में समां गया हु , मेरी पूरी चेतना ही खो गई थी , मैं बेहोश सा हो गया , फिर से मेरे शरीर में कोई ताकत नही बची , मैं जाग जरुर रहा था लेकिन पूरी तरह से निर्जिब , वीर्य के साथ ही मेरा जीवन अम्मा के योनी के जरिये उनकी कोख में समा गया था … एक सेकण्ड में ही मुझे ऐसा लगा जैसे मेरी पूरी ताकत फिर से योनी से निकल कर मेरे लिंग के जरिये मेरे पुरे शरीर में फ़ैल गई …
“आआआअ “ मैं चिल्ला उठा , एक अजीब सी उत्तेजना मेरे अंदर भर गई थी , जिसे मैं सम्हाल नहीं पा रहा था , मुझे लगा जैसे एक शक्ति का पूरा द्वार ही खुल गया हो और मेरे उपर छोड़ दिया गया हो , मैं अपने हाथ पैर पत्थर में पटक रहा था , और वो शक्ति अभी भी मेरे लिंग के जरिये मेरे पुरे शरीर में फ़ैल रही थी , वीर्य की धार छोड़ने पर जो मजा आता है वैसा ही मजा मुझे लगातार आ रहा था , मैं परेशान हो चूका था, लेकिन वो शक्ति मेरे अंदर प्रवेश कर ही रही थी ,मेरे एक एक मसल्स फडफडा रहे थे , जैसे उनमे कोई ताकत भरी जा रही हो , अम्मा का आँख और मुह खुला हुआ था वो असमान को देख रही थी जैसे वो बेसुध हो , वो बस एक तक असमान की ओर निहारे जा रही थी , कुछ सेकण्ड में ही मेरी हालत खराब हो चुकी थी और अचानक ये ख़त्म हो गया , अम्मा निढल होकर गिर गई , कुछ महिलाओ ने उन्हें सम्हाला , तब मुझे पता चला की नंग नाचने वाली महिलाओ के अलवा भी कुछ महिलाये आई हुई है जो दूर खड़ी थी अम्मा के गिरने के बाद उन्होंने तुरंत उन्हें उठा लिया …
अम्मा के जाते ही एक दूसरी महिला मेरे उपर चढ़ गई , उसने अपने कलाई का खून मेरे चहरे में डाला और अपनी नश को मेरे मुख पर रख दिया , मैंने अपने होठ खोले ..
“इसका खून चुसो “ चमन वहां से चिल्लाया
मैंने उसका खून चूसा और सभी फिर से हु हु चिल्लाने लगे , फिर से नंगाड़े बजने शुरू हो गए थे ..
मुझे यकीन नहीं हो पा रहा था की मेरा लिंग अभी भी इतना कड़ा है , वो भी अम्मा के जैसे मेरे लिंग पर कूद रही थी वो भी हु हु की आवाज निकाल रही थी , मैं फिर से मजे में खो रहा था , इस बार भी वैसा ही हुआ , पहले जब मेरा वीर्य उसकी योनी में गया तो मैं पूरी तरह से निढल हो गया और फिर एक उर्जा वापस से लिंग के जरिये मेरे शरीर में प्रवेश करने लगी , मैं वैसे ही कांपने लगा लेकिन इस बार मुझे इसका कुछ मजा आने लगा था ,थोड़ी आदत सी हो गई थी और उर्जा के वापस आने पर मैं खुद को और भी ताकतवर महसूस करता … और उर्जा पूरी तरह से मेरे अंदर आने के बाद वो महिला बेसुध होकर गिर पड़ी और दूसरी महिलाये उसे उठा कर वंहा से ले जाती …
ये सिलसिला पुरे 10 बार चला , गुंजन भाभी और कामिनी भाभी ने भी यही किया सभी बेसुध होकर गिर गई , लेकिन हर बार मैं खुद को और भी ताकतवर महसूस कर रहा था …
आखिरी महिला के गिरने के बाद मैं खुद से खड़ा हो गया , मेरा पूरा शरीर खून से भीगा हुआ था , लेकिन मैं पहले से कई ज्यादा ताकतवर महसूस कर रहा था , मैंने अपने मसल्स को देखा , अपने शरीर को छूने लगा , मुझे विस्वास ही नहीं हो पा रहा था , मैं जीवन में कभी जिम नहीं गया था लेकिन मेरे मसल्स इतने मजबूत लग रहे थे जैसे मैं कोई प्रोफेशनल बॉडी बिल्डर हु , सारे घाव के निशान मिट चुके थे और शरीर में गजब की फुर्ती का आभास हो रहा था , मैंने अपने लिंग को अपने हाथो से छुवा वो बिलकुल ताजा मोटे केले की तरह दिखाई पड़ रहा था , उपर की ओर थोडा कर्व लिए हुए बिलकुल कड़ा और उन्नत …
मैंने एक नजर उन सभी महिलाओ को देखा जिनके साथ मैंने सम्भोग किया था , वो सभी बेसुध पड़ी थी ,उनके लिए मेरे मन में एक सम्मान और आदर का भाव आया , उनके लिए प्रेम उमड़ पड़ा , इनके कारन मैं स्वस्थ हुआ था , और स्वस्थ कहना भी गलत था और पहले से कही ज्यादा बेहतर और ताकतवर था , मेरे रगों में रक्त ऐसे फुदक रहा था की मैं अभी कोई पहाड़ तोड़ दू , आदर और सम्मान से मेरा सर झुका मैं उन महिलाओ के सामने दंडवत हो गया , मैंने लेट कर उन्हें प्रणाम किया ..
चमन ने मेरे पास आकर मुझे उठाया , मैं उनके चरणों में भी गिर पड़ा , लेकिन उन्होंने मुझे सम्हला , मेरे आँखों में कृतज्ञता के आंसू थे .. उसने उसे अपने हाथो से पोंछा
“सही कहा था डॉ ने की तुम इस शक्ति के असली हक़दार हो , कोई और होता तो उसके अंदर ताकत का अभिमान आ जाता , कभी कृतज्ञता का भाव उसके अंदर नहीं उमड़ता , लेकिन तुम्हारे अंदर ये भाव उमड़ा , सच में शक्ति सही या गलत नहीं होती व्यक्ति के कर्म मायने रखते है …. तुम बहुत आगे जाओगे , तुम इस गांव का ही नहीं बल्कि बहुत लोगो का कल्याण करने वाले होगे ,मुझे पूरा यकीन है की इस शक्ति का तुम सही प्रयोग करोगे , भले ही ये शैतानी शक्ति हो …”
मैंने हां में सर हिलाया ..
“अब इन सभी को झील में ले जाकर डुबाओ जिससे इनको होश आ जाये , इन्होने अपना जीवन तुम्हारे नाम कर दिया , अब तुम जब चाहो जितना चाहो इन्हें भोग सकते हो , ये सभी तुम्हारी गुलाम की तरह होंगी , “
मैंने आश्चर्य से चमन की ओर देखा
‘मैं जानता हु की तुम इन्हें अपने भोग की वस्तु नहीं बनाओगे लेकिन अगर तुम इन्हें भोगोगे तो इन्हें भी परम सुख मिलेगा , अब जाओ और इन्हें झील में स्नान करवाओ “
मैं उनके पास गया और एक साथ दो महिलाओ को मैंने एक एक हाथ में उठा लिया , मेरे अंदर सच में गजब की ताकत आ गई थी , मैं उन्हें एक एक करके झील के अंदर छोड़ता गया पानी पड़ने से सभी होश में आने लगी और खुद को मल मल कर खून को धोने लगी , चमन ने फिर से नंगाडा बजाना शुरू कर दिया था , और भी जो महिलाये वंहा आई थी वो चुप चाप एक कोने में बैठी हुई तमाशा देख रही थी और झील के अंदर सभी महिलाये झूम रही थी वो मेरे ही शरीर को घुर रही थी , सभी निर्वस्त्र थी और पानी में अटखेलिया कर रही थी , वो वंहा मस्ती करने लगी थी , सभी बिलकुल ठीक लग रही थी , अब मैं भी उनके साथ पानी में आया , सभी मुझसे लिपटने लगी , वो मेरे अलग अलग जगहों को चूम रही थी , सामने अम्मा भी मुस्कुराते हुए देख रही थी …
“आप सभी का मैं जीवन भर आभारी रहूँगा “
मैंने सभी के सामने हाथ जोड़ लिए
“अरे कुवर जी हम तो अब आपकी दासी है , और हम आभारी है की आपने हमें अपनी दासी के रूप में सेवा का मौका दिया “
कामिनी भाभी अपने स्तन मेरे सीने में रगड़ने लगी , मैंने उनको बालो से पकड़ा और उनके चहरे को अपने पास लाकर उनके मुह में अपना मुह घुसा दिया , तभी कोई पाने के अंदर डूबकर मेरे लिंग को अपने मुह में ले चूका था , मस्ती फिर से मेरे शरीर में छाने लगी थी , मैं कामिनी भाभी के होठो को चूस रहा था वही एक हाथ से उस महिला के सर को पकड कर अपने लिंग में जोरो से दबा रहा था , बाकि की महिलाओ के हिस्से में मेरे शरीर का जो भी हिस्सा आया वो उसे ही चूमने में लगी थी , ,, रात पूरी तरह से अँधेरी थी , और नंगाड़े की आवाज दूर दूर तक फ़ैल रही थी , छोटी सी आग जरुर जल रही थी जिससे यंहा थोड़ी रौशनी फैली हुई थी …
लेकिन अचानक हमारे उपर टार्च की लाईट मारी गई …
वो झील के उस पार से मारी जा रही थी , मैं गुस्से में उस ओर मुड़ा तो मुझे कोई 10 लोग वंहा दिखे ..
“मादरचोद वंहा क्या हो रहा है “ कोई वंहा से बोला और बंदूख तान कर खड़ा हो गया , मेरे रक्त का प्रवाह जैसे तेज हो गया मैं सभी को छोडकर उस ओर बढ़ गया ,मेरी रफ़्तार बहुत तेज हो गई थी
“अबे इतनी ओरते वो भी नंगी , कही चुडैल तो नहीं “
“क्या पता चुड़ैल है या चुदैल हा हा हा “
एक आदमी बोला तभी मैं उनके सामने जा कर खड़ा हो गया , सभी ने टार्च की लाइट मेरे उपर कर दी …
“मादरचोद ये तो वही …” उनमे से एक बोला लेकिन उसके बोलने से पहले ही मैं फुर्ती से घुमा और सीधे उसके गले में एक लकड़ी का टुकड़ा घुसा दिया , वो सभी हडबडा गए और उन्होंने बन्दुक की नोक मेरे उपर तान दी एक न गोली चलाई लेकिन मैंने बंदूख की नोक पकड़ कर दूसरी ओर कर दिया , मैंने एक ही झटके में उससे बंदूख छीन ली थी और उल्टे उसके उपर तान कर गोलिया चला दी , उनके अंदर बुरी तरह से हडबडाहट फ़ैल गई थी वो बेतहाशा गोलिया चलाने लगे थे लेकिन मैं हर बार बच जाता , एक एक करके मैं उन्हें मारने लगा था ,तभी मेरे सामने बस एक आदमी बचा था . वो मुझे देख कर काँप रहा था लेकिन अपने हाथो में बंदूख को बड़े जोरो से जकड़ा हुआ मेरे ओर ही ताने था …
“आगे मत आना वरना गोली मार दूंगा “
वो डर से काँप रहा था , मैंने टार्च से उठने वाली रौशनी में उसका चहरा देखा …
“तू ही है ना जिसने मेरे पेट में वो सरिया घुसाया था …”
मैं उसे पहचान गया था ..
“तू… तुम .. तुम ठीक कैसे वो गए “ उसकी आवाज अभी भी काँप रही थी ,
“मादरचोद आज तो तू गया .. मैं उसके उपर झपटा , उसने लगातार गोलिया चलाई लेकिन बचते हुए मैंने उसके हाथो को पकड लिया और मरोड़कर सीधा उसका हाथ ही तोड़ दिया …
“बचाओ ..” वो बुरी तरह से चिल्लाया
मैंने दोनों हाथो से उसके मुह को पकड लिया ,एक हाथ से मैंने उसके निचे के जबड़े को पकड़ा और दुसरे से उपर के जबड़े को , मैंने जोर लगाया , वो दर्द से छटपटाने लगा , लेकिन मैंने और जोर लगाया , उसका मुह बाजुओ से फटने लगा था , मुह से खून की धार बहने लगी , और पूरी ताकत लगा ली और उसके मुह को दो हिस्सों में चिर दिया …
मैं उसके खून से सन चूका था …
मैंने चारो ओर देखा , मैं ऐसा खुनी खेल खेल चूका था , मैंने जानवरों की तरह उन लोगो को मारा था … सामने चमन अभी भी नगाड़ा बजा रहा था , दया जैसे मेरे अंदर से गायब थी , मैंने खुद को देखा , सच में मैं एक शैतान बन चूका था , लेकिन जैसा डॉ ने कहा था की शक्ति अच्छी या बुरी नहीं होती ..
मुझे इस शक्ति से लोगो की भलाई करनी थी ………..
बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत रमणिय अपडेट है भाई मजा आ गया
तंत्र मंत्र का प्रयोग करके निशांत को शैतानी शक्ती से भरे चोदरे पत्थर पर लिटाकर और अम्मा सहीत गाँव की महिला का समर्पण से निशांत के अंदर सोई हुए शैतान को जगाने मे डॉ चुन्नीलाल ऊर्फ चुतिया और चमन चुतिया सफल हो गये
अब आगे देखते हैं क्या क्या धमाचौकडी होती है
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 

@09vk

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अध्याय 17
जैसे एक तूफ़ान थम चूका हो , चारो ओर बस शांति थी …
चमन ने मेरे कंधे पर हाथ रखा …
“तुम्हे इन शक्तियों का उपयोग करना सीखना होगा , मेरे ख्याल से तुम्हे कुछ दिनों के लिए घर से दूर रहना चाहिए “
बाकि सभी लोगो को भेजने के बाद मैं और चमन वही रुक गए , सुबह होते ही वही पास पहाड़ी के नीचे मेरे लिए एक झोपडी बनवा दी गई , अभी मुझे कुछ दिनों तक वही रुकना था ..
चमन दिन भर मुझे ज्ञान दे रहा था जिसमे मुझे बिलकुल भी इंटरेस्ट नहीं था लेकिन मैं उसे सुनता रहा , आखिर कार शाम होने को आई …
“यंहा से तुम्हारा सफ़र अकेले ही रहेगा निशांत , याद रखना की शायद पूरी दुनिया तुम्हारे साथ चले लेकिन तुम रहोगे अकेले ही , यही इस शक्ति का अभिश्राप है “
मैंने उसकी बात सुन ली लेकिन मुझे वो बात समझ नहीं आई ..
शाम होते ही मुझे कुछ विधिया बताकर वो वंहा से चला गया , मेरे मन में अन्नू को देखने की उससे मिलनी की इक्छा बलवती हो रही थी , लेकिन चमन ने कह रखा था की 15 दिनों तक मुझसे कोई भी शाम को मिलने ना आये , हो सके तो कोई मिलने ही ना आये और आना हो तो सुबह भोर के समय से दोपहर ढलने से पहले तक मिलकर चला जाए , मुझे अपना खाना भी खुद ही बनाना था , ये सब सिर्फ इसलिए की मैं इन शक्तियों को अच्छे से समझ पाऊ …
शाम हो चली थी और मैं अकेले बैठे बैठे बोर हो रहा था तो मैं झील के पास पंहुचा , दूसरी ओर मुझे बहुत भीड़ दिखाई दी , स्वाभाविक था की वंहा हुए हत्याकांड के बाद लोगो को लाश मिल गई होगी , मुझे वंहा पुलिस वाले भी दिखाई दे रहे थे , किसी ने मुझे वंहा देख लिया और पुलिस वाले मुझतक पहुचे …
“कौन हो तुम और यंहा क्या कर रहे हो …”एक पुलिस वाले ने कडक आवाज में पूछा , उसके कंधे पर बने स्टार से लग रहा था की वो एक इंस्पेक्टर है
मैं इस समय एक उसी पत्थर में बैठा हुआ था …
“मैं कुवर पुर का रहने वाला हु ,निशांत ठाकुर , अम्मा का भतीजा हु , मैं यंहा अक्सर घुमने आता हु “
मेरी बात सुनकर वो थोडा सकपकाया
“ओह कुवर आप …मैंने तो सुना था की आप कोमा में है “
“हा कोमा में ही था , कुछ दिनों पहले ही होश आया , यंहा क्या हुआ है “
“कुछ लोग जंगल की ओर आये हुए थे , वापस नहीं पहुचे , सर्च के लिए गांव वाले आये तो कई लाशे मिली , कुछ को तो बहुत बुरी तरह से मारा गया है , ऐसा लगता है की किसी दरिन्दे का काम है “
मैं थोड़े देर तक खामोश रहा
“आज कल माहोल सही नहीं चल रहा , मुझे तो लगता है की कोई अपराधी गिरोह इन जंगलो में घूम रहा है “
मैंने हलके स्वर में कहा , इंस्पेक्टर ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी फिर अचानक बोला
“कुवर मेरी मानिये तो आप भी अकेले इधर मत आया कीजिये , सभी को पता है आप पर हमला किसने करवाया था , लेकिन कोई पुलिस कम्प्लेंट नहीं की गई , अब ये क्या पता की आपके ही गांव के लोगो का काम हो “
मैं हँसने लगा और इंस्पेक्टर के कंधे पर हाथ धर दिया …
“इनमे से कुछ लोग वही थे जिन्होंने मुझपर हमला किया था , लेकिन अभी बदला बराबर नहीं हुआ है , और इन लोगो को मेरे गांव वालो ने नही बल्कि मैंने मारा है , वो भी अकेले “
इंस्पेक्टर मुझे देखने लगा फिर मुस्कुराया
“क्यों मजाक करते हो कुवर , अम्मा के बहुत अहसान है मुझपर किसी और के सामने ये मत कहियेगा, एक भी सबुत अगर आपके खिलाफ मिल गया तो बलवंत आपको जेल पहुचाने के लिए पूरा जोर लगा देगा , अभी उसकी ही सरकार है… आप अभी अभी तो कोमा से उठे हो , आराम कीजिये … हो सकते हो इस इलाके में मत आया कीजिये बहुत खतरा है ,बाकि मुझे सम्हालने दो …”
मैंने उसके बेच को देखा नाम था वीरेंदर प्रताप , 30 साल का युवा था , दिखने में अच्छा खासा लग रहा था ..
मैंने उसकी बात पर सहमती दी और वो वंहा से वापस चला गया ..
मुझे भी अपनी गलती का अहसास हुआ , मुझे यु होशियारी नहीं दिखानी चाहिए अभी बलवंत सच में ताकतवर है ,पहले उसे कमजोर करना जरुरी था …

रात हो चुकी थी मैं झील के किनारे उसी पत्थर में बैठा हुआ सामने बह रही झील की आवाज में खोया था , पास ही मैंने थोड़ी आग जलाई थी , ये अजीब परीक्षा थी इतने दिन आखिर मुझे अकेले रहने क्यों कह दिया गया था , अकेलापन भी बहुत बेचैन करता है , मैं भी बेचैन हो रहा था ..
अचानक कही से छम छम की आवाजे आनी शुरू हो गयी , मैंने चारो ओर देखा लेकिन कही कोई नहीं दिखाई दे रहा था , ऐसा लग रहा था जैसे कई ओरते एक साथ मेरे तरफ ही आ रही है ,,,चारो ओर देखने पर भी कही कोई नहीं दिखा , मुझे लगा की शायद ये कोई वहम होगा , मैंने आँखे बंद कर ली उस मनोरम जगह के सुकून में कुछ देर मैं खुद को भर लेना चाहता था ..
“कुवर ..”
एक प्यारी आवाज मेरे कानो में पड़ी ..
“कौन है …” मैंने झटके से आँखे खोली , इधर उधर देखा लेकिन कही कोई भी नहीं था
क्या ये वहम था ???
लेकिन कैसे वो मधुर आवाज , वो भी इतना स्पष्ट ??
मैंने फिर से आँखे बंद की इस बार किसी ने मेरे कानो को कांट लिया ..
“आऊ ..” मैं झटके से उठ कर बैठ गया , कही कोई नहीं था ..
डर की एक हलकी सी अनुभूति मेरे अंदर आई ,हलकी हवाओ ने जिस्म को सहलाया और एक झुरझुरी सी उठी …
“क्या हो रहा है ये , कौन है …???”
मैं डर तो रहा था लेकिन फिर भी मेरे अंदर उत्तेजना ज्यादा थी डर कम
“कुवर जी….”
फिर से एक हवा का झोका मुझे छू के निकला
“अबे लौडू उठ ये क्या हो रहा है , मैं पागल हो रहा हु या मैं नींद में हु “
मैंने लौडू को आवाज दी
“ओ साला , बिना लडकियों के मुझे मत जगाया कर , मुझे भुत नहीं मुझे चूत चाहिए … आई वांट पुसीस बेबी “
“अबे भोसड़ीके अंग्रेज , चूत तब मिलेगी ना जब मैं जिन्दा रहूँगा , बता ये सब क्या हो रहा है “
“कुवर जी …” एक हवा का झोका फिर से मुझे छूता हुआ निकला
‘ओ माय गॉड , इतनी सेक्सी आवाज , आवाज इतनी सेक्सी है तो ये कितनी होगी “ लौडू बोल उठा
“मतलब ये सही है ये आवाजे सही में आ रही है “
“बिलकूल मेरे दोस्त लगता है इस वीराने में भी फुल खिलने वाला है “
लौडू की बात सुनकर मैं थोडा चौकन्ना हुआ
“कौन है सामने आओ …”
मैंने जोरो से चिल्लाया
तभी झील के पानी में कुछ हलचल हुई ऐसा लगा जैसे वंहा से कोई बाहर निकल रहा है ..
मैं बिलकुल चौकन्ना हो गया , तभी ऐसा लगा जैसे कोई पीछे है ..
चारो ओर से छम छम की आवजे आने लगी , और देखते ही देखते कई ओरतो का जिस्म मेरे सामने प्रगट होने लगा , सभी ने सफ़ेद रंग की साडी पहनी थी जो उनके जिस्म में बिलकुल ही फिट थी , मेरे चारो ओर ओरते थी , वो मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी वही मैं बिलकुल आवाक था ..
तभी सामने झील से एक ओरत निकल कर आई , वो पानी से निकल कर आ रही थी लेकिन उसके बाल गिले नहीं थे , चाल किसी साधे हुए मॉडल की तरह थी , उस कामिनी की काय को देखकर अच्छे अच्छो का जी मचल जाए , सुराहीदार कमर और उठे हुए कुल्हो वही वो अप्सरा मुझे किसी स्वप्न का भान करवा रही थी , पैरो के घुंघरू छम छम की आवाज कर रहे थे लेकिन इतने कोमल प्रतीत हो रहे थे की एक बार मेरी नजर उसके पैरो की ओर भी चली गई , और मैंने जो देखा वो देखकर मेरी सांसे एक पल के लिए थम ही गई …
वंहा कोई पैर नहीं था , मात्र पैरो का आभास था , वो हवा में थी , जब मैंने थोड़े ध्यान से देखा तो पाया की शायद उनके धड तक का ही अस्तित्व है , निचे साडी के कारण कुछ समझ नहीं आ रहा था लेकिन इतना तो मुझे पता था की ये लोग हवा में लटके है और इनके पैर गायब है …
वो मेरे पास आई , दुधिया रंग और खुले काले बाल , माथे में एक बड़ी सी बिंदिया लगाये हुए थी, वक्षो को सफ़ेद रंग के अन्तःवस्त्र ढके हुए थे लेकिन उभरे वक्षो सुडोलता में कोई कमी नहीं थी , वही कमर का भाग किसी कपडे से विहीन था जिससे उसकी दुधिया कमर चमक रही थी …
“कुवर ..”
वो मेरे पास आकर बोली , ऐसे लगा जैसे उसके शब्द हवा में घुलकर चारो ओर फ़ैल गए हो …
इन्हें देखकर जन्हा मैं सचेत होकर खड़ा हो गया था , वही लौडू ने अपना आतंक दिखाते हुए मेरा खड़ा कर दिया था,
“भोसड़ीवाले तुझे हॉरर और इरोटिक में अंतर समझ नहीं आता क्या , इतना क्यों खुश हो रहा है “ मैंने उसे डांटा
“भाई क्या मस्त माल है देख तो उनको , पकड़ कर बस …आ …मजा आ जायेगा “
“चुप कर भोसड़ीके पता नहीं ये है क्या , पहले समझ तो लेने दे की क्या हो रहा है ??”
मैंने लौडू को चुप करवाया और उनकी ओर देखने लगा
“कौन हो तुम लोग “
सभी किसी भुत की तरह हवा में उड़ते हुए मेरे बहुत पास आ चुके थे
“हम सभी चुड़ैले है कुवर , मैं इनकी मुखिया हु, मेरा नाम है कोकू “
“इतनी सुंदर चुड़ैले ??? मैंने तो सोचा था की चुड़ैले बदसूरत होती होंगी “
वो हलके से मुस्कुराई
“हम सालो से आपकी प्रतीक्षा कर रहे थे कुवर “
“मेरी प्रतीक्षा ???”
“जी , सालो पहले हमें एक जादूगर ने यंहा कैद कर रखा था , अपने उसे मारकर हमें आजाद कर दिया “
“क्या …???”
मैं बुरी तरह से चौका , मैंने कहा कोई जादूगर को मारा था
“जी कुवर गलती से ही सही लेकिन आपने जब कल गोलिया चलाई थी तो वो पेड़ के नीचे ध्यान कर रहे जादूगर को लगी , उसने सिद्धि हासिल की थी जिससे वो सिर्फ अमावास की रात में और वो भी किसी शैतान के अंश धरने वाले के हाथो से ही मर सकता था , कल ये दोनों चीजे एक साथ हो गई , इससे हम तो आजाद हो गए लेकिन इस झील में हम कैद है , रात में तो हम निकल सकते है लेकिन दिन में नहीं , जब तक जादूगर के शरीर को जलाया नहीं जायेगा तब तक हम पूर्ण तरह से मुक्त नहीं होंगे , आपसे निवेदन है की हमें मुक्त कीजिये और हमें अपना पूर्ण रूप प्रदान कीजिये …”
सभी मेरे सामने हाथ जोड़कर खड़ी हो गई …
“भाई कुछ लोचा मालूम हो रहा है , साला तू इन्हें मुक्त करेगा तो आखिर तुझे क्या मिलेगा “ लौडू बोल उठा …
जैसे कोकू ने मेरे मन की बात सुन ली हो वो बोल पड़ी
“अगर हम आजाद होकर अपने पूर्ण रूप में आ गई तो हम आपको हर चीज दे सकते है , छिपा हुआ खजाना , या पूर्ण यौवन से भरी सुंदर हुरे , या विश्वविजेता वाली ताकत , आप जो बोले हम वो आपको दिला सकते है ….”
मैं शांत था मैंने अपने जीवन को एक बार फिर से देखा , जीवन में किसी भी चीज का कोई मतलब नहीं रह जाता , हर चीज पुरानी हो जाती है , हवस और इक्षाए कभी पूरी नही होती , कोई चीज हमें हमेशा के लिए ख़ुशी नहीं देती , जो चिरस्थाई है वो केवल मैं का होना है , अपना अस्तित्व ही स्थाई है , शायद मरने के बाद , इस शरीर को छोड़ने के बाद भी जो बचेगा वो केवल अस्तित्व ही होगा , और सभी नश्वर ही है , और जो नश्वर ही है उसका मोह हमें डूबा देता है , ऐसे भी मैं कई मोह माया में पहले से ही पड़ा हुआ था मुझे और की चाह नहीं थी …
“मुझे कुछ नहीं चाहिए , मेरे वजह से आप बंधन से मुक्त हो आये इससे ज्यादा मुझे और क्या चाहिए …”
मेरी बात सुनकर वो जोरो से चिल्लान्ने लगी वो सभी किसी चमगादड़ो की तरह हवा में उड़ने लगी , मैं आश्चर्य से उन्हें देख रहा था , वो हवा में एक बवंडर की तरह एक साथ उड़ते हुए मेरे गोल घुमने लगी और अचानक से सब ख़त्म हो गया , वो सभी एक साथ हवा में उपर उठी और मेरे सामने ही सीधे जमीन में जा घुसी ..
मुझे लगने लगा था की शायद मैं कोई अजीब सा सपना देख रहा हु लेकिन तभी जिस जगह वो जमीन में समां गई थी वही से हवा के रूप में एक आकृति उभरी, वो एक नारी की आकृति थी और धीरे धीरे वो आकृति एक पूर्ण स्त्री में तब्दील हो गई … वो कोकू ही थी लेकिन इस बार वो पूर्ण नंग थी …
मैंने उसे उपर से निचे तक देखा , खुले हुए काले बाल , गोरा शरीर जो की कुंदन सा दमक रहा था , इस बार ना माथे पर बिंदिया थी ना ही और कुछ , बड़े बड़े और सुड़ोल वक्ष उसके छाती में उन्नत खड़े थे , पतली कमर के नीछे सुराही दार कुल्हे नंग थे और उनके बीचो बीच हलके बालो में ढकी हुई उसकी योनी मेरे सामने थी , उसके कोमल पैर मुझे अब साफ साफ दिखाई देने लगे थे , वो एक मरजात नंग और मुकम्मल स्त्री थी लेकिन सामान्य स्तिर्यो से कही ज्यादा मादक और आकर्षक , मादकता उसके अंग अंग से मानो टपक रही हो , लौडू को तो जिसे खजाना ही मिल गया हो , वो बेताब हो गया था , मेरा लिंग अपने पूर्ण आकार में खड़ा था , मैंने उसके चहरे की ओर देखा उसके होठो में मुस्कान थी और आँखों में हल्का पानी ….
Nice update 👍
 

Kratos

Anger can be a weapon if you can control it use it
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अध्याय 17
जैसे एक तूफ़ान थम चूका हो , चारो ओर बस शांति थी …
चमन ने मेरे कंधे पर हाथ रखा …
“तुम्हे इन शक्तियों का उपयोग करना सीखना होगा , मेरे ख्याल से तुम्हे कुछ दिनों के लिए घर से दूर रहना चाहिए “
बाकि सभी लोगो को भेजने के बाद मैं और चमन वही रुक गए , सुबह होते ही वही पास पहाड़ी के नीचे मेरे लिए एक झोपडी बनवा दी गई , अभी मुझे कुछ दिनों तक वही रुकना था ..
चमन दिन भर मुझे ज्ञान दे रहा था जिसमे मुझे बिलकुल भी इंटरेस्ट नहीं था लेकिन मैं उसे सुनता रहा , आखिर कार शाम होने को आई …
“यंहा से तुम्हारा सफ़र अकेले ही रहेगा निशांत , याद रखना की शायद पूरी दुनिया तुम्हारे साथ चले लेकिन तुम रहोगे अकेले ही , यही इस शक्ति का अभिश्राप है “
मैंने उसकी बात सुन ली लेकिन मुझे वो बात समझ नहीं आई ..
शाम होते ही मुझे कुछ विधिया बताकर वो वंहा से चला गया , मेरे मन में अन्नू को देखने की उससे मिलनी की इक्छा बलवती हो रही थी , लेकिन चमन ने कह रखा था की 15 दिनों तक मुझसे कोई भी शाम को मिलने ना आये , हो सके तो कोई मिलने ही ना आये और आना हो तो सुबह भोर के समय से दोपहर ढलने से पहले तक मिलकर चला जाए , मुझे अपना खाना भी खुद ही बनाना था , ये सब सिर्फ इसलिए की मैं इन शक्तियों को अच्छे से समझ पाऊ …
शाम हो चली थी और मैं अकेले बैठे बैठे बोर हो रहा था तो मैं झील के पास पंहुचा , दूसरी ओर मुझे बहुत भीड़ दिखाई दी , स्वाभाविक था की वंहा हुए हत्याकांड के बाद लोगो को लाश मिल गई होगी , मुझे वंहा पुलिस वाले भी दिखाई दे रहे थे , किसी ने मुझे वंहा देख लिया और पुलिस वाले मुझतक पहुचे …
“कौन हो तुम और यंहा क्या कर रहे हो …”एक पुलिस वाले ने कडक आवाज में पूछा , उसके कंधे पर बने स्टार से लग रहा था की वो एक इंस्पेक्टर है
मैं इस समय एक उसी पत्थर में बैठा हुआ था …
“मैं कुवर पुर का रहने वाला हु ,निशांत ठाकुर , अम्मा का भतीजा हु , मैं यंहा अक्सर घुमने आता हु “
मेरी बात सुनकर वो थोडा सकपकाया
“ओह कुवर आप …मैंने तो सुना था की आप कोमा में है “
“हा कोमा में ही था , कुछ दिनों पहले ही होश आया , यंहा क्या हुआ है “
“कुछ लोग जंगल की ओर आये हुए थे , वापस नहीं पहुचे , सर्च के लिए गांव वाले आये तो कई लाशे मिली , कुछ को तो बहुत बुरी तरह से मारा गया है , ऐसा लगता है की किसी दरिन्दे का काम है “
मैं थोड़े देर तक खामोश रहा
“आज कल माहोल सही नहीं चल रहा , मुझे तो लगता है की कोई अपराधी गिरोह इन जंगलो में घूम रहा है “
मैंने हलके स्वर में कहा , इंस्पेक्टर ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी फिर अचानक बोला
“कुवर मेरी मानिये तो आप भी अकेले इधर मत आया कीजिये , सभी को पता है आप पर हमला किसने करवाया था , लेकिन कोई पुलिस कम्प्लेंट नहीं की गई , अब ये क्या पता की आपके ही गांव के लोगो का काम हो “
मैं हँसने लगा और इंस्पेक्टर के कंधे पर हाथ धर दिया …
“इनमे से कुछ लोग वही थे जिन्होंने मुझपर हमला किया था , लेकिन अभी बदला बराबर नहीं हुआ है , और इन लोगो को मेरे गांव वालो ने नही बल्कि मैंने मारा है , वो भी अकेले “
इंस्पेक्टर मुझे देखने लगा फिर मुस्कुराया
“क्यों मजाक करते हो कुवर , अम्मा के बहुत अहसान है मुझपर किसी और के सामने ये मत कहियेगा, एक भी सबुत अगर आपके खिलाफ मिल गया तो बलवंत आपको जेल पहुचाने के लिए पूरा जोर लगा देगा , अभी उसकी ही सरकार है… आप अभी अभी तो कोमा से उठे हो , आराम कीजिये … हो सकते हो इस इलाके में मत आया कीजिये बहुत खतरा है ,बाकि मुझे सम्हालने दो …”
मैंने उसके बेच को देखा नाम था वीरेंदर प्रताप , 30 साल का युवा था , दिखने में अच्छा खासा लग रहा था ..
मैंने उसकी बात पर सहमती दी और वो वंहा से वापस चला गया ..
मुझे भी अपनी गलती का अहसास हुआ , मुझे यु होशियारी नहीं दिखानी चाहिए अभी बलवंत सच में ताकतवर है ,पहले उसे कमजोर करना जरुरी था …

रात हो चुकी थी मैं झील के किनारे उसी पत्थर में बैठा हुआ सामने बह रही झील की आवाज में खोया था , पास ही मैंने थोड़ी आग जलाई थी , ये अजीब परीक्षा थी इतने दिन आखिर मुझे अकेले रहने क्यों कह दिया गया था , अकेलापन भी बहुत बेचैन करता है , मैं भी बेचैन हो रहा था ..
अचानक कही से छम छम की आवाजे आनी शुरू हो गयी , मैंने चारो ओर देखा लेकिन कही कोई नहीं दिखाई दे रहा था , ऐसा लग रहा था जैसे कई ओरते एक साथ मेरे तरफ ही आ रही है ,,,चारो ओर देखने पर भी कही कोई नहीं दिखा , मुझे लगा की शायद ये कोई वहम होगा , मैंने आँखे बंद कर ली उस मनोरम जगह के सुकून में कुछ देर मैं खुद को भर लेना चाहता था ..
“कुवर ..”
एक प्यारी आवाज मेरे कानो में पड़ी ..
“कौन है …” मैंने झटके से आँखे खोली , इधर उधर देखा लेकिन कही कोई भी नहीं था
क्या ये वहम था ???
लेकिन कैसे वो मधुर आवाज , वो भी इतना स्पष्ट ??
मैंने फिर से आँखे बंद की इस बार किसी ने मेरे कानो को कांट लिया ..
“आऊ ..” मैं झटके से उठ कर बैठ गया , कही कोई नहीं था ..
डर की एक हलकी सी अनुभूति मेरे अंदर आई ,हलकी हवाओ ने जिस्म को सहलाया और एक झुरझुरी सी उठी …
“क्या हो रहा है ये , कौन है …???”
मैं डर तो रहा था लेकिन फिर भी मेरे अंदर उत्तेजना ज्यादा थी डर कम
“कुवर जी….”
फिर से एक हवा का झोका मुझे छू के निकला
“अबे लौडू उठ ये क्या हो रहा है , मैं पागल हो रहा हु या मैं नींद में हु “
मैंने लौडू को आवाज दी
“ओ साला , बिना लडकियों के मुझे मत जगाया कर , मुझे भुत नहीं मुझे चूत चाहिए … आई वांट पुसीस बेबी “
“अबे भोसड़ीके अंग्रेज , चूत तब मिलेगी ना जब मैं जिन्दा रहूँगा , बता ये सब क्या हो रहा है “
“कुवर जी …” एक हवा का झोका फिर से मुझे छूता हुआ निकला
‘ओ माय गॉड , इतनी सेक्सी आवाज , आवाज इतनी सेक्सी है तो ये कितनी होगी “ लौडू बोल उठा
“मतलब ये सही है ये आवाजे सही में आ रही है “
“बिलकूल मेरे दोस्त लगता है इस वीराने में भी फुल खिलने वाला है “
लौडू की बात सुनकर मैं थोडा चौकन्ना हुआ
“कौन है सामने आओ …”
मैंने जोरो से चिल्लाया
तभी झील के पानी में कुछ हलचल हुई ऐसा लगा जैसे वंहा से कोई बाहर निकल रहा है ..
मैं बिलकुल चौकन्ना हो गया , तभी ऐसा लगा जैसे कोई पीछे है ..
चारो ओर से छम छम की आवजे आने लगी , और देखते ही देखते कई ओरतो का जिस्म मेरे सामने प्रगट होने लगा , सभी ने सफ़ेद रंग की साडी पहनी थी जो उनके जिस्म में बिलकुल ही फिट थी , मेरे चारो ओर ओरते थी , वो मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी वही मैं बिलकुल आवाक था ..
तभी सामने झील से एक ओरत निकल कर आई , वो पानी से निकल कर आ रही थी लेकिन उसके बाल गिले नहीं थे , चाल किसी साधे हुए मॉडल की तरह थी , उस कामिनी की काय को देखकर अच्छे अच्छो का जी मचल जाए , सुराहीदार कमर और उठे हुए कुल्हो वही वो अप्सरा मुझे किसी स्वप्न का भान करवा रही थी , पैरो के घुंघरू छम छम की आवाज कर रहे थे लेकिन इतने कोमल प्रतीत हो रहे थे की एक बार मेरी नजर उसके पैरो की ओर भी चली गई , और मैंने जो देखा वो देखकर मेरी सांसे एक पल के लिए थम ही गई …
वंहा कोई पैर नहीं था , मात्र पैरो का आभास था , वो हवा में थी , जब मैंने थोड़े ध्यान से देखा तो पाया की शायद उनके धड तक का ही अस्तित्व है , निचे साडी के कारण कुछ समझ नहीं आ रहा था लेकिन इतना तो मुझे पता था की ये लोग हवा में लटके है और इनके पैर गायब है …
वो मेरे पास आई , दुधिया रंग और खुले काले बाल , माथे में एक बड़ी सी बिंदिया लगाये हुए थी, वक्षो को सफ़ेद रंग के अन्तःवस्त्र ढके हुए थे लेकिन उभरे वक्षो सुडोलता में कोई कमी नहीं थी , वही कमर का भाग किसी कपडे से विहीन था जिससे उसकी दुधिया कमर चमक रही थी …
“कुवर ..”
वो मेरे पास आकर बोली , ऐसे लगा जैसे उसके शब्द हवा में घुलकर चारो ओर फ़ैल गए हो …
इन्हें देखकर जन्हा मैं सचेत होकर खड़ा हो गया था , वही लौडू ने अपना आतंक दिखाते हुए मेरा खड़ा कर दिया था,
“भोसड़ीवाले तुझे हॉरर और इरोटिक में अंतर समझ नहीं आता क्या , इतना क्यों खुश हो रहा है “ मैंने उसे डांटा
“भाई क्या मस्त माल है देख तो उनको , पकड़ कर बस …आ …मजा आ जायेगा “
“चुप कर भोसड़ीके पता नहीं ये है क्या , पहले समझ तो लेने दे की क्या हो रहा है ??”
मैंने लौडू को चुप करवाया और उनकी ओर देखने लगा
“कौन हो तुम लोग “
सभी किसी भुत की तरह हवा में उड़ते हुए मेरे बहुत पास आ चुके थे
“हम सभी चुड़ैले है कुवर , मैं इनकी मुखिया हु, मेरा नाम है कोकू “
“इतनी सुंदर चुड़ैले ??? मैंने तो सोचा था की चुड़ैले बदसूरत होती होंगी “
वो हलके से मुस्कुराई
“हम सालो से आपकी प्रतीक्षा कर रहे थे कुवर “
“मेरी प्रतीक्षा ???”
“जी , सालो पहले हमें एक जादूगर ने यंहा कैद कर रखा था , अपने उसे मारकर हमें आजाद कर दिया “
“क्या …???”
मैं बुरी तरह से चौका , मैंने कहा कोई जादूगर को मारा था
“जी कुवर गलती से ही सही लेकिन आपने जब कल गोलिया चलाई थी तो वो पेड़ के नीचे ध्यान कर रहे जादूगर को लगी , उसने सिद्धि हासिल की थी जिससे वो सिर्फ अमावास की रात में और वो भी किसी शैतान के अंश धरने वाले के हाथो से ही मर सकता था , कल ये दोनों चीजे एक साथ हो गई , इससे हम तो आजाद हो गए लेकिन इस झील में हम कैद है , रात में तो हम निकल सकते है लेकिन दिन में नहीं , जब तक जादूगर के शरीर को जलाया नहीं जायेगा तब तक हम पूर्ण तरह से मुक्त नहीं होंगे , आपसे निवेदन है की हमें मुक्त कीजिये और हमें अपना पूर्ण रूप प्रदान कीजिये …”
सभी मेरे सामने हाथ जोड़कर खड़ी हो गई …
“भाई कुछ लोचा मालूम हो रहा है , साला तू इन्हें मुक्त करेगा तो आखिर तुझे क्या मिलेगा “ लौडू बोल उठा …
जैसे कोकू ने मेरे मन की बात सुन ली हो वो बोल पड़ी
“अगर हम आजाद होकर अपने पूर्ण रूप में आ गई तो हम आपको हर चीज दे सकते है , छिपा हुआ खजाना , या पूर्ण यौवन से भरी सुंदर हुरे , या विश्वविजेता वाली ताकत , आप जो बोले हम वो आपको दिला सकते है ….”
मैं शांत था मैंने अपने जीवन को एक बार फिर से देखा , जीवन में किसी भी चीज का कोई मतलब नहीं रह जाता , हर चीज पुरानी हो जाती है , हवस और इक्षाए कभी पूरी नही होती , कोई चीज हमें हमेशा के लिए ख़ुशी नहीं देती , जो चिरस्थाई है वो केवल मैं का होना है , अपना अस्तित्व ही स्थाई है , शायद मरने के बाद , इस शरीर को छोड़ने के बाद भी जो बचेगा वो केवल अस्तित्व ही होगा , और सभी नश्वर ही है , और जो नश्वर ही है उसका मोह हमें डूबा देता है , ऐसे भी मैं कई मोह माया में पहले से ही पड़ा हुआ था मुझे और की चाह नहीं थी …
“मुझे कुछ नहीं चाहिए , मेरे वजह से आप बंधन से मुक्त हो आये इससे ज्यादा मुझे और क्या चाहिए …”
मेरी बात सुनकर वो जोरो से चिल्लान्ने लगी वो सभी किसी चमगादड़ो की तरह हवा में उड़ने लगी , मैं आश्चर्य से उन्हें देख रहा था , वो हवा में एक बवंडर की तरह एक साथ उड़ते हुए मेरे गोल घुमने लगी और अचानक से सब ख़त्म हो गया , वो सभी एक साथ हवा में उपर उठी और मेरे सामने ही सीधे जमीन में जा घुसी ..
मुझे लगने लगा था की शायद मैं कोई अजीब सा सपना देख रहा हु लेकिन तभी जिस जगह वो जमीन में समां गई थी वही से हवा के रूप में एक आकृति उभरी, वो एक नारी की आकृति थी और धीरे धीरे वो आकृति एक पूर्ण स्त्री में तब्दील हो गई … वो कोकू ही थी लेकिन इस बार वो पूर्ण नंग थी …
मैंने उसे उपर से निचे तक देखा , खुले हुए काले बाल , गोरा शरीर जो की कुंदन सा दमक रहा था , इस बार ना माथे पर बिंदिया थी ना ही और कुछ , बड़े बड़े और सुड़ोल वक्ष उसके छाती में उन्नत खड़े थे , पतली कमर के नीछे सुराही दार कुल्हे नंग थे और उनके बीचो बीच हलके बालो में ढकी हुई उसकी योनी मेरे सामने थी , उसके कोमल पैर मुझे अब साफ साफ दिखाई देने लगे थे , वो एक मरजात नंग और मुकम्मल स्त्री थी लेकिन सामान्य स्तिर्यो से कही ज्यादा मादक और आकर्षक , मादकता उसके अंग अंग से मानो टपक रही हो , लौडू को तो जिसे खजाना ही मिल गया हो , वो बेताब हो गया था , मेरा लिंग अपने पूर्ण आकार में खड़ा था , मैंने उसके चहरे की ओर देखा उसके होठो में मुस्कान थी और आँखों में हल्का पानी ….
ekdum gajab..chak bhannat update diyo ho be..ab ye dekhna hai ki balwant ke jo sulemani keede kate hai. Nishant usko kaise kamjor karega.
 
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