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Adultery भाभियों का रहस्य

parkas

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अध्याय 36
एक निमंत्रण का कार्ड मेरे सामने था , अब्दुल और रामिका की शादी फिक्स हो चुकी थी , पता नहीं क्यों लेकिन कोकू और अन्नू मुझे गुस्से से घुर रहे थे …
“अरे तुम लोग क्यों गुस्से में हो ??? हमारे दोस्त की शादी हो रही है हमें तो खुश होना चाहिए “
“ख़ुशी ??? हा होना तो चाहिए लेकिन क्या तुम्हे नहीं लगता की तुमने रामिका को अपने जिद के कारण ऐसे लड़के के साथ भेज दिया जिससे वो प्यार नहीं करती “
कोकू के सवाल का मेरे पास कोई खास जवाब तो नहीं था …
“अब्दुल एक अच्छा लड़का है कोकू , वो सच में रामिका से प्यार करता है मैंने उसकी आँखों में देखा है , वो रामिका को खुश रखेगा “
“हा बिलकुल रखेगा , लेकिन क्या वो खुश रहेगी ???”
इस बार बोलने वाली अन्नू थी
“वो भी खुश रहेगी जब उसे प्यार का मतलब समझ आने लगेगा , प्यार सिर्फ जिस्म का मिलन नहीं है , वो तो भावनाओ का मिलन है , एक दुसरे को समझना है , एक दुसरे की इज्जत करना है “
मेरे इतना बोलने पर भी वो वही खड़ी हुई मुझे घुर रही थी …
“चाहते क्या हो तुम लोग ??”
इस बार कोकू मुस्कुराई
“दुल्हन को भागा लेते है “
उसकी बात सुनकर मैं हडबडा उठा
“पागल हो गई हो क्या , किसी का घर बस रहा है बसने दो , वो खुश रहेगी आज नहीं तो कल उसे समझ आएगा की अब्दुल उससे प्यार करता है , पहले भी तो वो अब्दुल के साथ खुश थी , कोई भी ऐसी वैसी हरकत मत करना “
मैंने उन्हें चेतावनी के लहजे में कहा …
उन्होंने एक दुसरे को देखा और मुह बनाते हुए वंहा से चली गई …
रामिका की शादी के 2 महीने बाद ही मेरी और अन्नू की शादी भी हो गई ..
गांव में खुशियों का मौसम फिर से आ गया था , कई गर्भवती महिलाओ ने बच्चो को जन्म दिया और जन्म का सिलसिला शुरू हो चूका था , गांव का श्राप भी कट चूका था ..
अम्मा, मैं और अन्नू मिलकर पूरा कामकाज देख रहे थे , हमारा साथ देने के लिए कोकू और अंकित भी मौजूद थे …
राजनितिक उठापटक चालू थी , लेकिन हार और जीत के बीच मेरे और बलवंत के परिवार के रिश्ते भी सुधरने लगे …
बलवंत के बाद उनकी राजनितिक धरोहर को सम्हालने का काम रामिका को ही मिला , अब्दुल भी एक आईएएस के रूप में स्थापित हो चूका था …
************************************
समाप्त

इस कहानी को इस मोड़ में ख़त्म करना बहुत अजीब लग रहा है , अभी बहुत कुछ लिखा जा सकता है लेकिन काम की अधिकता ने दिमाग की दही कर रखी है , और कुछ नया सूझ नहीं रहा है ..
इसलिए सोचा की जी निशांत अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो गया वैसे ही मैं भी इस स्टोरी की जिम्मेदारी से मुक्त हो जाता हु , जब नयापन ख़त्म होने लगे तो स्टोरी को समाप्त कर देना ही मुझे सही लगता है , अगली स्टोरी अब तभी लाऊंगा जब पूरी स्टोरी लिख कर रेडी कर लू वरना ये परेशानी फिर से उठेगी की एक समय के बाद समय की कमी के कारन कुछ लिख नहीं पा रहा और नया कुछ दिमाग में आ नहीं रहा …
अपने गलतियों से मैं सीखता रहता हु , इस स्टोरी को भी जल्दबाजी में शुरू किया था ये एक गलती थी , पूरा प्लाट दिमाग में नहीं था ये भी एक गलती थी , इसका खामियाजा आपकी उम्मीदों के टूटने से भरा गया इस बात का मुझे दुःख रहेगा , लेकिन अब माफ़ कीजिये , बीच में छोड़ देने से अच्छा है की एक मोड़ पर लाकर स्टोरी को समाप्त कर देना और इसी कारन मैं ये कर रहा हु …
आशा है की आप सब इस बात को समझेगे और मुझे माफ़ कर देंगे , आपके मनोरंजन की पूरी कोशिस मैंने की है अपने तरफ से कोई कमी नहीं रखी लेकिन अब नहीं हो पा रहा है …
इस स्टोरी को पढने और प्यार देने के लिए धन्यवाद् दोस्तों
आशा है की भविष्य में अपने कमजोरियों से बाहर निकलकर आपके सामने कुछ नया और अच्छा पेश कर पाउँगा और एक मुकम्मल रूप से समाप्त की गई स्टोरी दे पाउँगा …. :)
धन्यवाद ………..
Bahut hi badhiya update diya hai Chutiyadr bhai....
Nice and awesome update....
 

Aakash.

ᴇᴍʙʀᴀᴄᴇ ᴛʜᴇ ꜰᴇᴀʀ
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Moderator
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अध्याय 36
एक निमंत्रण का कार्ड मेरे सामने था , अब्दुल और रामिका की शादी फिक्स हो चुकी थी , पता नहीं क्यों लेकिन कोकू और अन्नू मुझे गुस्से से घुर रहे थे …
“अरे तुम लोग क्यों गुस्से में हो ??? हमारे दोस्त की शादी हो रही है हमें तो खुश होना चाहिए “
“ख़ुशी ??? हा होना तो चाहिए लेकिन क्या तुम्हे नहीं लगता की तुमने रामिका को अपने जिद के कारण ऐसे लड़के के साथ भेज दिया जिससे वो प्यार नहीं करती “
कोकू के सवाल का मेरे पास कोई खास जवाब तो नहीं था …
“अब्दुल एक अच्छा लड़का है कोकू , वो सच में रामिका से प्यार करता है मैंने उसकी आँखों में देखा है , वो रामिका को खुश रखेगा “
“हा बिलकुल रखेगा , लेकिन क्या वो खुश रहेगी ???”
इस बार बोलने वाली अन्नू थी
“वो भी खुश रहेगी जब उसे प्यार का मतलब समझ आने लगेगा , प्यार सिर्फ जिस्म का मिलन नहीं है , वो तो भावनाओ का मिलन है , एक दुसरे को समझना है , एक दुसरे की इज्जत करना है “
मेरे इतना बोलने पर भी वो वही खड़ी हुई मुझे घुर रही थी …
“चाहते क्या हो तुम लोग ??”
इस बार कोकू मुस्कुराई
“दुल्हन को भागा लेते है “
उसकी बात सुनकर मैं हडबडा उठा
“पागल हो गई हो क्या , किसी का घर बस रहा है बसने दो , वो खुश रहेगी आज नहीं तो कल उसे समझ आएगा की अब्दुल उससे प्यार करता है , पहले भी तो वो अब्दुल के साथ खुश थी , कोई भी ऐसी वैसी हरकत मत करना “
मैंने उन्हें चेतावनी के लहजे में कहा …
उन्होंने एक दुसरे को देखा और मुह बनाते हुए वंहा से चली गई …
रामिका की शादी के 2 महीने बाद ही मेरी और अन्नू की शादी भी हो गई ..
गांव में खुशियों का मौसम फिर से आ गया था , कई गर्भवती महिलाओ ने बच्चो को जन्म दिया और जन्म का सिलसिला शुरू हो चूका था , गांव का श्राप भी कट चूका था ..
अम्मा, मैं और अन्नू मिलकर पूरा कामकाज देख रहे थे , हमारा साथ देने के लिए कोकू और अंकित भी मौजूद थे …
राजनितिक उठापटक चालू थी , लेकिन हार और जीत के बीच मेरे और बलवंत के परिवार के रिश्ते भी सुधरने लगे …
बलवंत के बाद उनकी राजनितिक धरोहर को सम्हालने का काम रामिका को ही मिला , अब्दुल भी एक आईएएस के रूप में स्थापित हो चूका था …
************************************
समाप्त

इस कहानी को इस मोड़ में ख़त्म करना बहुत अजीब लग रहा है , अभी बहुत कुछ लिखा जा सकता है लेकिन काम की अधिकता ने दिमाग की दही कर रखी है , और कुछ नया सूझ नहीं रहा है ..
इसलिए सोचा की जी निशांत अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो गया वैसे ही मैं भी इस स्टोरी की जिम्मेदारी से मुक्त हो जाता हु , जब नयापन ख़त्म होने लगे तो स्टोरी को समाप्त कर देना ही मुझे सही लगता है , अगली स्टोरी अब तभी लाऊंगा जब पूरी स्टोरी लिख कर रेडी कर लू वरना ये परेशानी फिर से उठेगी की एक समय के बाद समय की कमी के कारन कुछ लिख नहीं पा रहा और नया कुछ दिमाग में आ नहीं रहा …
अपने गलतियों से मैं सीखता रहता हु , इस स्टोरी को भी जल्दबाजी में शुरू किया था ये एक गलती थी , पूरा प्लाट दिमाग में नहीं था ये भी एक गलती थी , इसका खामियाजा आपकी उम्मीदों के टूटने से भरा गया इस बात का मुझे दुःख रहेगा , लेकिन अब माफ़ कीजिये , बीच में छोड़ देने से अच्छा है की एक मोड़ पर लाकर स्टोरी को समाप्त कर देना और इसी कारन मैं ये कर रहा हु …
आशा है की आप सब इस बात को समझेगे और मुझे माफ़ कर देंगे , आपके मनोरंजन की पूरी कोशिस मैंने की है अपने तरफ से कोई कमी नहीं रखी लेकिन अब नहीं हो पा रहा है …
इस स्टोरी को पढने और प्यार देने के लिए धन्यवाद् दोस्तों
आशा है की भविष्य में अपने कमजोरियों से बाहर निकलकर आपके सामने कुछ नया और अच्छा पेश कर पाउँगा और एक मुकम्मल रूप से समाप्त की गई स्टोरी दे पाउँगा …. :)
धन्यवाद ………..
Dr sahab ab kya hi bole hum aapko aap hamare jasbaat samjhte ho bas samjh jaao :sigh2:
Milege fir kabhi kisi mod par...
 

ASR

I don't just read books, wanna to climb & live in
Divine
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Chutiyadr डाक्टर साहेब आप ही रचियता आप ही निर्णय करेगे कहानी के लिए 🤔
वैसे तो बहुत कुछ आपने कहानी में ट्विस्ट ला दिए थे कई करेकटर आ गए थे बहुत बहुत आपके मन में भी चल ही रहा होगा 😀 😀 खैर जो भी है आप सर्वे सर्वा है 😍.....
अगली नई रचना के इंतजार में 😊 💕 🙏
 

Rajesh

Well-Known Member
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158
अध्याय 33

जीवन की लीला अजीब है , अगर कोई कहे की आपके पास दुनिया भर की सुख सुविधाए हो , ताकत हो पैसा हो , एक प्यारा परिवार हो , एक बहुत प्यार करने वाली लड़की हो , एक गर्लफ्रेंड हो और उसके साथ आप रोज जितने चाहे उतनी नयी लडकियो के साथ सम्भोग का सुख उठा सकते हो तो कैसा रहेगा …
शायद कोई सोचेगा की ये तो जन्नत वाली जिंदगी है …
लेकिन क्या सच में ???
मेरी जिंदगी कुछ ऐसी ही चल रही थी और मैं इससे बेहद ही बोर हो गया था, लग रहा था जैसे जीवन का कोई मकसद ही नही बचा हो , रोज सुबह मैं उठता कोकू और अन्नू का प्यार मेरे लिए हमेशा से रहा , मुझे तैयार होकर सुबह एक दोपहर एक ,शाम एक और फिर रात में दो ओरतो से सम्भोग करना होता , कुल 5 महिलाओ से सम्भोग रोज का काम हो गया था , उस जादुई शक्ति का असर था की इसके बाद भी मेरे अंदर कोई कमजोरी नहीं आती बल्कि मैं खुद को और भी ज्यादा ताकतवर महसूस करने लगा था , 6 महीने हो गए थे , गांव की अधिकतर महिलाये अब प्रेग्नेंट थी , मेरा काम हो चूका था , चुदैल चुड़ैल बनने के बाद से अम्मा गुंजन और रामिका का जीवन भी सामान्य हो गया था , ना मैंने कभी उन्हें अपना गुलाम बनाने की कोशिस की ना ही उन्होंने कभी मुझसे कुछ कहा …
जीवन में सब कुछ था लेकिन जीवन नीरस हो गया था , और सबसे बड़ी बात थी मेरे अंदर का हवस, दिन रात बस सेक्स और सेक्स करना और उसी के बारे में सोचना मुझे अंदर से कमजोर कर रहा था , शारीरिक रूप से तो नहीं लेकिन मानसिक रूप से मैं खुद को बीमार महसूस कर रहा था ..
सामान्य जीवन की इतनी आश मुझे कभी नहीं रही , मैं हमेशा सोचता की अगर मैं एक सामान्य जीवन जी रहा होता तो क्या होता ,
आज वो तारीख थी जब मैं लिस्ट में शामिल आखरी महिला से सम्भोग कर उसे गर्भवती करने वाला था , जिस जिम्मेदारी के लिए ये शक्तिया मिली थी वो अब ख़त्म हो गयी थी …
रात का समय था और अब लिस्ट पूरी ख़त्म हो चुकी थी , मुझे ऐसा लगा जैसे एक बोझ मेरे सर से उतर गया हो , मैं आराम से अपने कमरे में था और साथ कोकू और अन्नू थे , हम तीनो से नग्न बिस्तर में लेटे हुए थे अभी अभी मैंने दोनों के साथ जमकर सम्भोग किया था , उनके साथ सम्भोग का मौका मुझे बहुत दिनों के बाद मिला था क्योकि मैं अभी लिस्ट को पूरा करने में ही पूरी ताकत लगा रहा था …
“कुवर आज तो मजा ही आ गया “
अन्नू थककर मेरे सीने में सोई थी वही दूसरी ओर कोकू भी , कोकू के चहरे में भी तृप्ति के भाव थे …
“अन्नू अब बहुत हुआ , मैं इन शक्तियों से आजाद होना चाहता हु , मेरी जिम्म्मेदारी अब ख़त्म हुई मैं अब मैं एक सामान्य इंसानों जैसा जीवन जीना चाहता हु , तुम्हे प्यार करना चाहता हु वो भी बिना किसी शक्ति का उपयोग किये , तुमसे शादी करना चाहता हु अपने बच्चो के साथ खेलना चाहता हु , आखिर मेरे बच्चो को मैं क्या सिखाऊंगा …. “
कोकू ने मेरे बालो में हाथ फेरा
“कुवर ये ताकत आपके लिए वरदान है , इनके बिना आप खुद को बहुत ही कमजोर पाएंगे “
मैं कोकू को देखकर मुस्कुराया
“मैं पहले भी वैसा ही था , और आदते छुट जाती है , आज मेरे पास ताकत है लेकिन मैं इससे परेशान हो चूका हु , जब तक मैं 2-३ महिलाओ के साथ सम्भोग ना करू मुझे तृप्ति नहीं मिलती , अब तो लिस्ट भी ख़त्म हो चुकी है “
कोकू हँसी
“आप भूलो मत की आपकी ३ चुड़ैले है और मुझे मिलाकर 4 और हम चुड़ैल किसी सामान्य महिला से ज्यादा सम्भोग का सुख आपको दे सकते है , आपको पूरा संतुष्ट करने के लिए एक ही चुड़ैल काफी है और आपके पास तो 4 है “
कोकू की बात सुनकर मैं मुस्कुराया
“यही तो मुझे नहीं चाहिए , जिस्म के हवस के लिए जीना भी कोई जीना है , इसका आखिर क्या मतलब होगा , मुझे जिस्मानी सुख मिल जायेगा लेकिन क्या यही जीवन है ???
नही कोकू ये जीवन नही है , लिंग की तृप्ति के लिए ही जीवन जीना निरर्थक है , मुझे अपनी वासना से मुक्त होना है , मुझे प्रेम से भरकर जीवन जीना है ना की केवल अपनी हवास की पूर्ति के लिए , क्या जीवन भर मैं सम्भोग ही करता रहूँगा , आखिर मेरे जीवन का अर्थ ही क्या रह जायेगा …
अभी तक मैं ये करता रहा क्योकि इसका कोई अर्थ था , बहुत महिलाओ की प्यासी गर्भ को मुझे भरना था , किसी की ख़ुशी इसमें जुडी हुई थी लेकिन अब … अब नहीं मुझे एक सामान्य जीवन जीना है बस “
कोकू और अन्नू दोनों ही मुझे बिना कुछ बोले ही देखती रही , अचानक अन्नू ने मेरे गालो में एक जोरदार किस कर लिया
“आई ऍम प्राउड ऑफ़ यू मेरे निक्कू , शायद ही कोई मर्द हो जो ऐसी ताकत को छोड़ना चाहे जिसमे जीवन भर मजे हो , इतनी ताकत हो की कोई आँखे उठाकर भी नहीं देख सकता , मुझे और किसी का नहीं पता लेकिन मैं तुम्हारे साथ हु , और मैं मानती हु की त्तुम्हारा हक़ बनता है इस चीज पर , तुम्हारा हक़ है की तुम एक सामान्य जीवन जियो , तुम्हारा हक़ है की तुम खुश रहो “
अन्नू की बात मेरे लिए दिल को सुकून पहुचाने वाली थी , मैं बड़े ही प्यार से उसे मुस्कुराते हुए देखता रहा …
तभी कोकू बोल उठी
“लेकिन कैसे ?? आखिर कैसे तुम अपनी शक्तियों को छोड़ पाओगे ???”
मैंने एक गहरी साँस ली
“मुझे नहीं पता की ये कैसे होगा लेकिन करना तो है ही “
“हम्म्म शायद डॉ कोई राह दिखाए ??”
अन्नू ने डॉ का नाम लिया था , वही इन्सान थे जिसने मुझे इसमें धकेला था शायद अब वही मुझे इस दलदल से बाहर निकाल सकते थे ……….
*********************
सुबह से तैयार होकर मैं अन्नू के साथ डॉ के पास पहुच गया
डॉ मेरी बात सुनकर गंभीर हो गए , पहले तो उन्होंने मुझे बहुत समझाया की ऐसा करना ठीक नहीं है , ये एक वरदान है लेकिन मैंने तो ठान ली थी
“कुवर बात को समझो यंहा भेडिये और वेम्पायर लोगो का खतरा मंडरा रहा है , ठाकुर और अब्दुल तुम्हारे जान के दुश्मन बने घूम रहे है और तुम शक्तियों को छोड़ने की बात कर रहे हो …अभी तो सब चुप बैठे है क्योकि उन्हें पता की तुमसे जितना नामुमकिन है लेकिन तुम्हारे शक्तियों को छोड़ते ही वो तुम्हारे उपर टूट पड़ेंगे “
डॉ की बात पर मैं महज मुस्कुराया
“भेडिये और वेम्पायर का मुझे कोई टेंशन नहीं है , आखिर वो लोग यंहा शांति से जी रहे है और उनका उत्पात मचाने का भी कोई इरादा नहीं है , उन्हें जो चाहिए वो उन्हें आसानी से मिल रहा है , तो वो हमारे लिए कोई खतरा नहीं है ,रही बात ठाकुर की तो उससे निपटने के लिए मुझे शैतानी शक्तियों की कोई जरुरत नहीं है , हमने पिछले दिनों में अपना बहुबल बढ़ा लिया है , राजनीती में भी हमारी पकड़ मजबूर हुई है , तो मुझे नहीं लगता की वो मेरे लिए कोई दिक्कत है .. मैं उससे बिना इन शक्तियों के भी लड़ सकता हु “
डॉ सोच में पड़ गया
“ठीक है मैं कुछ तरकीब सोचता हु , लेकिन तुम्हारे साथ और भी लोग जुड़े हुए है , तुम्हारी शक्तिया जाएगी तो समझो उनकी भी जाएगी “
“मतलब ?? “
“मतलब तुम्हारी चुदैल चुड़ैल , इतनी मेहनत से हमने उन्हें बनाया था और उनका कोई उपयोग भी नहीं हुआ , तुम्हारी शक्तियों के जाने से उनकी ताकते भी चली जाएँगी ,, लेकिन वो रहेंगी हमेशा चुदैल ही बस चुड़ैल नहीं रहेंगी , तो समझो उन्हें तो किसी मुस्टंडे की जरुरत पड़ेगी लेकिन तुम ना होगे … बड़ी नाइंसाफी है , और वो कभी तुम्हारी गुलाम नहीं बनेगी , तुम्हारी गुलामी से उन्हें आजादी भी मिल जाएगी , अभी तो वो तुम्हारी गुलाम है और इसलिए उनकी वासना भी दबी हुई है लेकिन तुम्हारे से आजाद होने के बाद उनकी वासना भड़केगी “
मैं कुछ देर तक सोच में पड़ा रहा
“कोई बात नहीं मुझे किसी को गुलाम रखना भी नहीं है , मैं भी आजाद होना चाहता हु और साथ में सभी आजाद रहे यही कामना करता हु “
डॉ ने सर हिला दिया
“ऐसी बात है तो फिर ठीक है , मैं चमन से बात करके कोई रास्ता निकालता हु “
*********************************
एक सप्ताह के बाद डॉ का फोन आया
“खुशखबरी है रास्ता मिल गया , क्या तुम अब भी इन ताकतों को छोड़ना चाहते हो ?? मैं फिर से कह रहा हु ये वरदान है “
मैंने डॉ को सहमती दे दी की मुझे ताकतों को हर हाल में छोड़ना है , डॉ ने मुझे उसी झरने के पास में बुला लिया जन्हा से इसकी शुरुवात हुई थी …
ये मेरे जीवन का एक अहम् फैसला होने वाला था मैं इतनी ताकतों का आदि हो चूका था अब इनसे आजाद होना मेरे लिए कोई आसन बात नहीं थी , लेकिन मुझे ये करना ही था ..
कोकू और अन्नू मेरे साथ थे , ये बात मैंने अम्मा को भी बताई वो भी मेरे साथ खड़ी थी , अंकित भी मेरे साथ था और उसने भी मुझे होसला दिलाया की सब ठीक होगा …
मेरा प्यार मेरा परिवार और मेरे दोस्त मेरे साथ थे , मुझे अब दुनिया की क्या ही फिक्र थी …
चांदनी रात में मैं अन्नू, कोकू और अंकित झरने के पास पहुचे , वंहा पहले से ही डॉ और चमन चुतिया मौजूद थे ..
डॉ ने मुझे आखरी बार समझाया , मैं अपने फैसले में अडिग था , डॉ ने मन मारकर प्रोसेस शुरू किया
उन्होंने मुझे उस पत्थर में नग्न लेटने को कहा ..
“इस पत्थर से ही तुम्हे शैतानी ताकते मिली थी और अब फिर से ये ताकते इस पत्थर में चली जाएँगी “
चमन बोल उठा , उसने बाकि सभी को वंहा से दूर जाने को कह दिया , और फिर मंत्रो का उच्चारण शुरू किया गया , चमन मेरे पास आया और उसने चाकू से मेरे गले में एक छोटा सा घाव किया , मेरे रक्त को लेकर वो पत्थर में चढाने लगा …
और उसके बाद उसने मेरे उपर कुछ डाला
मुझे नशा सा होने लगा था , मेरी आँखे बंद होने लगी तभी अचानक मुझे ऐसा लगा जैसे उस पत्थर ने मुझे जकड़ लिया है और मेरे अंदर की सारी उर्जा वो मुझसे चूस रहा है …
मैं दर्द और डर के मारे चिल्लाया लेकिन मेरे मुह से कोई भी आवाज नहीं आई ..
मेरा ये फैसला सही था या की गलत ??
मैं धीरे धीरे बेहोश होने लगा , शरीर जैसे शुन्य हो रहा था मेरी आँखे बंद होने लगी थी , और सब कुछ जैसे खोने लगा ……………
Superb update bro
 

Ek number

Well-Known Member
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अध्याय 36
एक निमंत्रण का कार्ड मेरे सामने था , अब्दुल और रामिका की शादी फिक्स हो चुकी थी , पता नहीं क्यों लेकिन कोकू और अन्नू मुझे गुस्से से घुर रहे थे …
“अरे तुम लोग क्यों गुस्से में हो ??? हमारे दोस्त की शादी हो रही है हमें तो खुश होना चाहिए “
“ख़ुशी ??? हा होना तो चाहिए लेकिन क्या तुम्हे नहीं लगता की तुमने रामिका को अपने जिद के कारण ऐसे लड़के के साथ भेज दिया जिससे वो प्यार नहीं करती “
कोकू के सवाल का मेरे पास कोई खास जवाब तो नहीं था …
“अब्दुल एक अच्छा लड़का है कोकू , वो सच में रामिका से प्यार करता है मैंने उसकी आँखों में देखा है , वो रामिका को खुश रखेगा “
“हा बिलकुल रखेगा , लेकिन क्या वो खुश रहेगी ???”
इस बार बोलने वाली अन्नू थी
“वो भी खुश रहेगी जब उसे प्यार का मतलब समझ आने लगेगा , प्यार सिर्फ जिस्म का मिलन नहीं है , वो तो भावनाओ का मिलन है , एक दुसरे को समझना है , एक दुसरे की इज्जत करना है “
मेरे इतना बोलने पर भी वो वही खड़ी हुई मुझे घुर रही थी …
“चाहते क्या हो तुम लोग ??”
इस बार कोकू मुस्कुराई
“दुल्हन को भागा लेते है “
उसकी बात सुनकर मैं हडबडा उठा
“पागल हो गई हो क्या , किसी का घर बस रहा है बसने दो , वो खुश रहेगी आज नहीं तो कल उसे समझ आएगा की अब्दुल उससे प्यार करता है , पहले भी तो वो अब्दुल के साथ खुश थी , कोई भी ऐसी वैसी हरकत मत करना “
मैंने उन्हें चेतावनी के लहजे में कहा …
उन्होंने एक दुसरे को देखा और मुह बनाते हुए वंहा से चली गई …
रामिका की शादी के 2 महीने बाद ही मेरी और अन्नू की शादी भी हो गई ..
गांव में खुशियों का मौसम फिर से आ गया था , कई गर्भवती महिलाओ ने बच्चो को जन्म दिया और जन्म का सिलसिला शुरू हो चूका था , गांव का श्राप भी कट चूका था ..
अम्मा, मैं और अन्नू मिलकर पूरा कामकाज देख रहे थे , हमारा साथ देने के लिए कोकू और अंकित भी मौजूद थे …
राजनितिक उठापटक चालू थी , लेकिन हार और जीत के बीच मेरे और बलवंत के परिवार के रिश्ते भी सुधरने लगे …
बलवंत के बाद उनकी राजनितिक धरोहर को सम्हालने का काम रामिका को ही मिला , अब्दुल भी एक आईएएस के रूप में स्थापित हो चूका था …
************************************
समाप्त

इस कहानी को इस मोड़ में ख़त्म करना बहुत अजीब लग रहा है , अभी बहुत कुछ लिखा जा सकता है लेकिन काम की अधिकता ने दिमाग की दही कर रखी है , और कुछ नया सूझ नहीं रहा है ..
इसलिए सोचा की जी निशांत अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो गया वैसे ही मैं भी इस स्टोरी की जिम्मेदारी से मुक्त हो जाता हु , जब नयापन ख़त्म होने लगे तो स्टोरी को समाप्त कर देना ही मुझे सही लगता है , अगली स्टोरी अब तभी लाऊंगा जब पूरी स्टोरी लिख कर रेडी कर लू वरना ये परेशानी फिर से उठेगी की एक समय के बाद समय की कमी के कारन कुछ लिख नहीं पा रहा और नया कुछ दिमाग में आ नहीं रहा …
अपने गलतियों से मैं सीखता रहता हु , इस स्टोरी को भी जल्दबाजी में शुरू किया था ये एक गलती थी , पूरा प्लाट दिमाग में नहीं था ये भी एक गलती थी , इसका खामियाजा आपकी उम्मीदों के टूटने से भरा गया इस बात का मुझे दुःख रहेगा , लेकिन अब माफ़ कीजिये , बीच में छोड़ देने से अच्छा है की एक मोड़ पर लाकर स्टोरी को समाप्त कर देना और इसी कारन मैं ये कर रहा हु …
आशा है की आप सब इस बात को समझेगे और मुझे माफ़ कर देंगे , आपके मनोरंजन की पूरी कोशिस मैंने की है अपने तरफ से कोई कमी नहीं रखी लेकिन अब नहीं हो पा रहा है …
इस स्टोरी को पढने और प्यार देने के लिए धन्यवाद् दोस्तों
आशा है की भविष्य में अपने कमजोरियों से बाहर निकलकर आपके सामने कुछ नया और अच्छा पेश कर पाउँगा और एक मुकम्मल रूप से समाप्त की गई स्टोरी दे पाउँगा …. :)
धन्यवाद ………..
Behtreen update
Nice ending
 

Rajesh

Well-Known Member
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158
अध्याय 34

शरीर में जैसे ताकत ही ना हो , मैंने हलके से आँखे खोली तो खुद को अपने कमरे में लेटा हुआ पाया , सामने बैठी अम्मा मुझे मुस्कुरा कर देख रही ही , बाहर खिड़की से देखने पर मालूम हो रहा था की ये दोपहर का समय है ..
मैंने उठ कर बैठने की कोशिस की और अम्मा ने मुझे सहारा देते हुए बैठाया
“अब कैसे हो बेटे लो जूस पियो “
मैंने जूस का ग्लास थाम लिया , अम्मा के दमकते हुए चहरे में एक उदासी साफ़ दिखाई दे रही थी वही आँखों में आंसू और होठो में मुस्कराहट थी …
“क्या हुआ अम्मा मेरा फैसला आपको पसंद नहीं आया ?? आप इतनी उदास क्यों लग रही हो “
अम्मा हलके से मुस्कुराई
“तुम्हे ऐसा क्यों लगता है , नहीं मैं उदास नहीं हु बल्कि मुझे तो तुमपर फक्र है की तुमने ये फैसला लिया “
मैंने कुछ देर तक अम्मा को ही देखता रहा , मुझे यु घूरता हुआ देख कर वो थोड़ी असहज हुई
“क्या हुआ बेटे ऐसे क्यों देख रहे हो “
मैं मुस्कुराया
“देख रहा हु इस ममता की मूरत को जिसने अपने परिवार और गांव वालो के लिए इतने बलिदान किये और मैं …. शायद मेरे कृत्य के लिए मुझे नरक में भी जगह नहीं मिलेगी , मैंने आपके साथ जो किया … दुनिया के सामने आपकी इज्जत उछाली “
मैं ये सब सोचते हुए कब भावुक हो गया मुझे पता ही नहीं चला , ऐसा नहीं था की ये बाते मैंने पहले नहीं सोची थी लेकिन तब मैं हवस की ऐसी अंधी दौड़ में था की रिश्ते नाते और सामाजिक मर्यादा को हमेशा ही ताक में रखकर काम करता था ..
आज उस शक्ति के जाने के बाद मेरे अंदर की मानवीय संवेदनाये फिर से उठ खड़ी हुई थी …
अम्मा ने आगे बढ़कर मुझे अपने सीने से लगा लिया ….
मैं रो रहा था किसी बच्चे की तरह उनके सीने से लगा हुआ था वही वो मेरे बालो को सहला रही थी …
“अपने अंदर ये ग्लानी का भाव कभी मत आने देना निशांत , जो तुमने किया वो उस शक्ति के वसीभूत होकर किया , इसमें तुम्हारी कोई भी गलती नहीं है , और मैंने जो किया वो अपनी ममता के वसीभूत होकर किया मैं एक चुड़ैल बनने को राजी हो गई ताकि मेरे बेटे की शक्तियों को कोई और गलत इस्तमाल ना करे , और हां इस बात से मुझे कोई भी इनकार नहीं है की उन संभोगो को दौरान मुझे भी अपने जवानी का सुख मिला , मैंने भी उसका खूब आनंद उठाया और देखो हमारे सम्भोग का परिणाम “
उन्होंने मेरा हाथ अपने पेट में रख दिया ..
मैंने आश्चर्य से उन्हें देखा
“ये कब हुआ मुझे तो किसी ने बताया भी नहीं “
वो मुस्कुराई
“दो महीने पहले ही मुझे भी पता चला , इस गांव में अब जितने भी बच्चे होने वाले है तुम सबके पिता होगे , सामाजिक नहीं बल्कि जैविक पिता , मैं ये तो नहीं कह सकती की मेरे पेट में तुम्हारे प्यार की निशानी है , क्योकि जो भी हमारे बीच हुआ था वो प्यार नहीं था , लेकिन ये तुम्हारे बलिदान की निशानी है , तुम हमेशा से ऐसे थे , भावुक , प्रेम से भरे हुए किसी का बुरा न चाहने वाले , लेकिन तुमने गांव के हित के लिए खुद की मासूमियत को कुर्बान किया , मुझे तुमपर गर्व है और साथ ही इस बात पर भी मुझे बहुत ख़ुशी है की मेरे पेट में मेरे खुद के बेटे का बीज है जो की जल्दी ही फल में बदल जायेगा “
भावना के अतिरेक से मेरा शरीर कांपने लगा था , मैंने अम्मा को जोरो से जकड लिया , वो हँस पड़ी ..
“त्तुम अब भी बच्चे ही हो “ उन्होंने प्यार से मेरे माथे में चुम्मन किया
स्नेह और प्रेम की धार बह रही थी की मुझे डॉ की कही बात याद आई
“अम्मा क्या मेरे शक्ति छोड़ने के बाद से आपको कुछ अजीब लग रहा है “
“नहीं तो लेकिन क्यों ???”
मैंने डॉ की बात उन्हें बता दी की मेरे शक्ति छोड़ने से मेरी चुड़ैले भी आजाद हो जाएँगी लेकिन उनके अंदर वासना की तीव्र लहर मौजूद रहेगी ..
अम्मा मुस्कुराते हुए मेरे बालो को सहलाने लगी …
“हा वासना की लहर तो मेरे अंदर हिलोरे मरते ही रहती है , अब मैं आजाद भी हु ये बात भी मुझे समझ आने लगी है , लेकिन तू इसकी फिक्र मत करो महिलाये खुद को सम्हालना जानती है , जीवन भर तो सम्हाला है खुद को अब भी सम्हाल लुंगी “
बोलते हुए वो रुक गई फिर आँखों का पानी साफ करते हुए मुझे देखने लगी और बोली
“अगर ना सम्हाल पाई तो बस मुझे माफ़ कर देना ,हो सके तो मुझे खुद ही वो प्रेम दे देना ‘
इतना बोलकर वो उठने लगी मैंने उनका हाथ थाम लिया
“आप ऐसा क्यों बोल रही हो , मैं हु ना आपके साथ “
वो मुस्कुराई
“हा तू तो है ना मेरे साथ , अब तू आराम कर “
उन्होंने जाते हुए मुझसे कहा ………..
*******************
मेरे शक्ति को छोड़ने की बात जंगल में आग की तरह फ़ैल रही थी , मेरे दुश्मन सचेत हो गए थे ..
गुंजन और रामिका का हाल भी बुरा था , मेरे शक्ति को छोड़ते ही वो वासना की आग में जलने लगे थे , किसी तरह दोनों ने खुद को सम्हाल रखा था , गुंजन तो अभी अंकित के बच्चे को जन्म देने ही वाली थी इसलिए उसका बहकना तो मुश्किल था लेकिन रामिका …
वो बेचारी पागलो की तरह हालत में मेरे पास पहुची और आते ही उसने एक खींचकर जोरदार तमाचा मेरे गालो में मार दिया …
मैं अभी अभी उठकर बैठा था कमरे में कोकू और अन्नू भी मौजूद थे , शरीर में थोड़ी ताकत आई थी मैं चलने फिरने लगा था , रामिका के ऐसा करने से सभी थोड़े देर के लिए आश्चर्य में डूब गए थे
“कमीने तुम्हारी जान बचाई , तुम्हारे कारण अपने पिता और होने वाले पति से गद्दारी करके खुद के आत्मसम्मान को छोड़कर चुड़ैल बन गई लेकिन तुमने मेरे साथ क्या किया , खुद उस शक्ति को छोड़ दिया और मुझे यु बेचैनी से तड़फने के लिए छोड़ दिया , शक्ति को छोड़ दिया , अब मेरा क्या होगा ,मेरी ये बेचैनी कैसे दूर होगी “
वो रोते हुए मेरे गले से लग गई , मैं अब जानता था की वो मुझसे कितना प्यार करती है , मैं उसकी पीठ सहला रहा था …
“तुम्हे अब शादी कर लेनी चाहिए रामिका “
मेरी बात सुनकर वो गुस्से से मुझे देखने लगी
“अच्छा … ????? इस जिस्म को मैंने पहले ही तुम्हारे हवाले कर दिया था , अब तुम चाहते हो की मैं फिर से किसी और के साथ सो जाऊ , नहीं निशांत तुम्हारे लिए ये एक खेल हो सकता है लेकिन मेरे लिए नहीं , मेरे लिए ये प्रेम का समर्पण था और अब मैं पीछे नहीं हट सकती , तुम्हे ही … हा तुम्हे ही मुझे अपनाना होगा “
उसकी बात सुनकर मैं उसके लिए प्रेम से भर गया था , लेकिन मैं जानता था की जो वो बोल रही है वो होना मुश्किल है ….
मैं अभी उसे नहीं समझाना चाहता था इसलिए मैंने उससे कुछ भी नहीं कहा , और अन्नू को इशारा किया …
“त्तुम अभी थकी हुई लग रही हो आराम करो , कुछ दिन यही रहो हमारे साथ “
उसने मुझे घुर कर देखा और उठकर अन्नू के साथ चले गई ……….
Nice update bro
 

Rajesh

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अध्याय 35
मेरे शक्ति छोड़ने से जन्हा कई लोग खुश थे तो कुछ दुखी थे , लेकिन कुछ को समझ नहीं आ रहा था की आखिर वो अब करे तो करे क्या ??
इनमे ही मेरे जाती दुश्मन बलवंत ठाकुर और अब्दुल थे ,..
ठाकुर की हवेली में बैठे हुए वो चिंता से इधर उधर भटक रहे थे ..
“मदरचोद ये साला निशांत भी अखंड चुतिया निकला , आखिर कोई ऐसी ताकत को छोड़ता है क्या , उसपर पता नहीं मेरी प्यारी सी बेटी पर उसने क्या जादू डाल दिया है वो उसके पास चली गई “
बलवंत परेशान था क्योकि रामिका मेरे पास पहुच गई थी , वही अब्दुल की परेशानी कुछ अलग थी …
“ठाकुर साहब आपने वादा किया था की रामिका और मेरी शादी करवाएंगे अभी तक हमारी मंगनी तक नहीं हुई है , रामिका कोई मैं जब से जानता हु वो मुझे पसंद करती है अब तो कम से कम बात आगे बढाइये , अब तो निशांत की भी ताकत ख़त्म हो गई है “
अब्दुल की बात सुनकर एक बार बलवंत ने उसे घुरा
“होने वाली बीवी किसी दुसरे के घर में जाकर रह रही है और तुझे शादी करनी है “
बलवंत की बात सुनकर अब्दुल थोडा असहज हुआ लेकिन फिर उसने कहना शुरू किया
“ठाकुर साहब वो दोनों कालेज के समय के दोस्त है , जब आपने निशांत की जान लेनी चाही थी वो रामिका ने उसकी जान बचाई थी ….और मुझे अपनी होने वाली बीवी पर पूरा भार्रोसा है , भरोसा ही नहीं मैं उससे प्यार भी करता हु …”
अब्दुल की बात सुनकर बलवंत मुस्कुराने लगा
“चलो कम से कम मैंने अपनी बेटी के लिए गलत लड़का तो नहीं चुना , बस मेरी बेटी कोई गलत लड़का ना चुन ले “
बलवंत ने अपने हाथ में रखा शराब का पेक खत्म किया और सोफे में आकार बैठ गया , अब्दुल उसके कंधे में हाथ रखकर उसे हिम्मत बाँधने लगा
“रामिका एक मजबूत लड़की है और मुझे उसपर पूरा भरोसा है , अब हमे निशांत के बारे में कुछ सोचना पड़ेगा “
बलवंत को दिल से ख़ुशी थी की उसका होने वाला दामाद इतना समझदार है , लेकिन निशांत उसके आँखों का कांटा बना हुआ था
“मुझे लगता है की अब सही समय है की हमें निशांत पर हमला करना चाहिए , उसे पूरी ताकत से ख़त्म कर देना ही हमारे लिए सही रहेगा “
बलवंत की बात सुनकर अब्दुल बेचैनी से उसके सामने जाकर बैठ गया ,
“नहीं ठाकुर साहब , निशांत ने इतनी बड़ी ताकत को ठुकराया है , हमें लगता है की वो एक चुतिय्या है लेकिन फिर भी ये करना एक ताकतवर इंसान के ही बस की बात है ,मैं मानता हु की वो एक कंफ्यूज आदमी है लेकिन उसे वही मात दी जानी चाहिए जन्हा वो अभी भी सबसे कमजोर है ना की वंहा जन्हा वो कभी ताकतवर रह चूका है “
बलवंत अब्दुल को देखने लगा
“आखिर कहना क्या चाहते हो ???”
अब्दुल ने एक गहरी साँस ली
“ठाकुर साहब जो शक्ति खोई जा सकती है वो पाई भी तो जा सकती है , हम क्यों उसे उस चीजो पर उंगली करे , निशांत की सबसे बड़ी कमजोरी ये है की उसे ताकत की समझ नहीं है उसे ये समझ दिला कर हम खुद के पैर में क्यों कुल्हाड़ी मारे ??? अच्छा ये है की उसे हम ना ही छेड़े बल्कि ऐसा कुछ करे की वो धीरे धीरे गिरता जाए और इतना गिर जाए की जब उसे होश आये तो वो खुद को जमीन में पाए “
बलवंत ने अपना सर खुजाया
“मतलब ???“
“मतलब ये की उसे राजनीती में घसीट कर लाओ , उसे एक साथ इतना दुःख मत दो की वो फिर से शैतानी ताकतों की शरण में चला जाए , अगर वो गया तो समझो की हमारी बिना बोले मार देगा , वो इतना ताकतवर हो सकता है की आपके पुरे गांव को एक घंटे में ख़त्म कर दे , आपकी इज्जत को कुछ सेकण्ड में नीलाम कर दे , उसने ये सभी ताकत खुद से छोड़ी है अब उसे ये फिर से नहीं मिलनी चाहिए इसलिय जरुरी है की उसे हम जबरदस्ती की उंगली ना करे , उसे आराम से मरेंगे धीरे धीरे , और सही चीज हो सकती है राजनीती , दिमाग से बड़े से बड़े दुश्मन को ख़त्म किया जा सकता है , हां समय जरुर लगेगा लेकिन मैं तैयार हु … क्या आप हो ???”
बलवंत ने सर हिलाया
“तो पहला काम मेरी शादी करवाओ , मैं जाकर रामिका को घर लाता हु “
अब्दुल की बात सुनकर बलवंत ने फिर से सर हिलाया ,
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इधर हवेली में
मैं रामिका से मिलने गया था , मेरा स्वस्थ अब पूरी तरह से ठीक था , रामिका आज ही यंहा आई थी और कई घंटो से अपने कमरे से नहीं निकली थी उसे अन्नू ने भी समझाया था लेकिन वो अभी भी मुझसे गुस्से में थी …
मैं उसके कमरे में गया , वो बिस्तर में बैठी हुई कुछ सोच रही थी …
मैं बिना कुछ बोले उसके बाजु में जाकर बैठ गया , एक बार उसने मुझे देखा लेकिन वो दूसरी तरफ मुह करके सो गई …
“मुझसे इतना गुस्सा ??? क्यों रामिका ??”
मेरे पूछने पर भी वो कुछ ना बोली मैंने उसके कंधे पर अपने हाथ रख दिए
“तुम मेरी दोस्त हो और मन तुम्हे किसी भी तरह से कोई दुःख नहीं देना चाहता , हमारे बीच जो भी हुआ था वो महज एक कर्मकांड था जो की उस समय जरुरी था लेकिन अब तो तुम आजाद हो “
वो पलटी और मुझे देखने लगी उसके आँखों में आंसू थे
“क्या तुम्हारे लिए ये महज एक खेल था, मैंने तुम्हे अपना दिल दिला है “
मैंने उंगलियों से उसके आंसू को पोछा मेरे होठो में एक मुस्कान थी
“जानता हु .. लेकिन तुम ही सोचो की क्या मैंने कभी तुम्हे कहा था की तुम एक चुड़ैल बन जाओ ?? ये तुम्हारा प्यार था जिसके बारे में मुझे कुछ भी नहीं पता था , तुम अब भी मेरी सबसे अच्छी दोस्त हो तुम्हे मैं तकलीफ में नहीं देख सकता , तुमने मेरी जान बचाई है और मैं तुम्हारा हमेशा ही कर्जदार रहूँगा लेकिन …
लेकिन क्या कभी मैंने तुमसे प्यार का कोई वादा किया था जो तुम मुझसे उस प्रेम की उम्मीद कर रही हो “
मेरी बात सुनकर उसका सर झुक गया
“मैं जानती हु निशांत की ये प्रेम एक तरफा था और चुड़ैल बनना भी मेरे खुद का फैसला था .. लेकिन अब इस दिल का क्या करू जो तुम्हारे लिए ही धडकता है ??”
उसकी बात सुनकर मैं मुस्कराया और प्यार से उसके माथे पर अपना हाथ फेरा
“ये दिल तो कभी अब्दुल के लिए भी धड़का था “
“नहीं … हां धड़का था “ उसने बेचैनी से कहा और फिर आगे कहने लगी
“हा धड़का था .. लेकिन वो एक समझौता था , मुझे लगा था की तुम मेरे नहीं हो सकते इसलिए मैंने वो समझौता किया , लेकिन अब बात अलग है , हमारे बीच तो वो भी हो चूका है जो फिर एक पति पत्नी के बीच होना चाहिए “
“सेक्स ???”
वो बेचैन हो गई
“ऐसा मत कहो निशांत … वो महज जिस्मो का मिलन नहीं था वो मेरी जिन्दगी थी “
रामिका के आँखों में आंसू थे और मुझे समझ नहीं आ रहा था की आखिर मैं इसे कैसे समझाऊ
“रामिका … तुम जानती हो की मेरा प्यार अन्नू है “
रामिका फिर से मचल गई वो बेचैनी से करवट बदल रही थी , वो जानती थी की सच्चाई क्या है लेकिन वो मानने को तैयार नहीं थी
“हां जानती हु … लेकिन … लेकिन मेरे लिए तो … नहीं निशांत तुम्हारे सिवा अब कोई मेरे जिस्म का मालिक नहीं हो सकता .. इस जिस्म में बेचैनी है , मैं तुम्हे अपना बनाना चाहती हु और तुम ही … हा तुम ही अब इस जिस्म के मालिक हो “
उसने लगभग रोते हुए ये कहा था , मन का अंतरद्वन्द सामने था वो बेचैन थी और उसकी ये बेचैनी मुझे भी बेचैन कर रही थी …
“रामिका … समझो बात को अब मैं वो नहीं रहा जिसने तुम्हारे साथ सम्भोग किया था “
रामिका सम्भोग का सुनकर शर्म से लाल हो गई लेकिन उसका जिस्म कुछ और ही कहानी कह रहा था , वो मेरे पास आकर मुझसे लिपट गई , उसने अपनी कमीज खोल का फेक दिया,उसने उपर केवल एक ब्रा पहनी थी …
“एक बार .. एक बार मुझे नंगा देख लो फिर फैसला करना , ये जिस्म तुम्हारा है निशांत सिर्फ तुम्हारा , इसे ऐसे ना छोडो “
कहते हुए उसने अपनी ब्रा निकाल कर फेक दी और अपने सलवार का नाडा खोलकर उसे भी निकाल दिया , उसके जिस्म में केवल एक पेंटी बची थी जिसे भी उसने खोल दिया था , वो बिलकुल नंग होकर मुझसे लिपट गई थी
“इस जिस्म को भोग लो निशांत ये तुम्हारा ही है , प्लीज इसे भोग लो , “
वो मुझसे लिपट कर रो रही थी लेकिन मेरे मन में अब भी उसके लिए केवल मित्रता थी केवल प्रेम था …
“रामिका जागो .. मैं तुम्हारा नहीं हु , समझो मेरी बात को ..तुम्हारी शादी अब्दुल से होने वाली है “
मैंने उसे खुद से दूर किया , वो जोरो से रो पड़ी
मैंने प्यार से उसके गालो में एक किस किया ..
“खुद को सम्हालो , इस जिस्म की हवस में मैंने कई पाप कर दिए लेकिन अब नहीं … हवस शैतानो का काम है लेकिन प्रेम … प्रेम में देवत्व है रामिका , तुम्हारे प्रेम की कीमत मुझे मालूम है लेकिन इस प्रेम को हवस के तराजू में तोलकर इसे कलंकित मत करो “
रामिका मेरी बात सुन रही थी लेकिन अब भी सिसक रही थी , उसने मेरा हाथ अपने वक्षो पर रख दिया
“क्या ये आकर्षक नहीं है निशांत ???”
अब मैं उससे कहता भी तो क्या , मैंने 100 से अधिक महिलाओ के साथ सम्भोग किया था , जिस्म तो सबका एक सा ही होता है , और सम्भोग का मजा भी , उससे क्या ही कहता की असली चीज तो प्रेम है अगर प्रेम न हो तो सम्भोग केवल सम्भोग ही रह जाता है उसमे प्रेम की गहराई कभी नहीं आ सकती ..
मैंने महिलाओ के जिस्म को देखकर ही ये समझा था की सम्भोग और प्रेम में क्या अंतर है …
“रामिका ऐसा मत करो , मैंने तुमसे प्रेम करता हु , एक दोस्त की तरह ना की एक प्रेमी की तरह , जो हमारे बीच हुआ उसे भूल जाओ , तुम्हारी जिंदगी बहुत ही हसीन है , एक प्रेम करने वाला पति तुम्हारे इन्तजार में है उसे मत ठुकराओ , वो भी उसके लिए जिसके साथ प्रेम केवल एक तरफा है “
रामिका ने अपने हाथ ढीले छोड़ दिए उसने अपने आंसू पोछे और हलके से मुस्कुराई , उस मुस्कान में भी दर्द था ..
“ठीक है .. मैं अब्दुल से शादी करुँगी लेकिन वादा करो अगर मेरे जिस्म या मन को तुम्हारी जरुरत होगी तो तुम मुझे मना नहीं करोगे “
उसकी बात सुनकर मैं चौक गया , मैं उसे क्या ही उत्तर देता , क्या वो अपने पति से बेवफाई की बात कर रही थी ???
लेकिन उसे अभी शांत करने के लिए ये जरुरी लगा
‘मैं वादा करता हु , तुम्हारी इस बेचैनी का कारण मैं हु तो मेरा वादा है कि जब भी ये तुम्हारे अंदर आये तो मैं इसे शांत करूँगा , लेकिन तुम्हे अपनी जिंदगी अच्छे से और खुश होकर जीनी होगी , तुम्हे अपने पति से प्यार करना होगा बोलो मंजूर है “
इस बार वो मुस्कुराई
“तुम्हारे लिए तो सब मंजूर है मेरे मालिक “
उसने इतना ही कहा था की कमरे का दरवाजा खुला सामने खड़ी अन्नू हम दोनों को घुर रही थी , वो ना तो खुश थी ना ही दुखी , रामिका के नग्नता को वो निहार रही थी लेकिन हम दोनों की दुरी को भी वो समझ रही थी …
“अब्दुल आया है , रामिका को ले जाने “
उसने तुरंत ही कहा और एक बार हमें देख कर बिना कुछ बोले ही दरवाजा बंद कर लिया …
मैं रामिका को देखने लगा
“तैयार हो जाओ …”
इतना ही बोलकर मैं कमरे से बाहर आ गया
Awesome update bro
 
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