अध्याय 36
एक निमंत्रण का कार्ड मेरे सामने था , अब्दुल और रामिका की शादी फिक्स हो चुकी थी , पता नहीं क्यों लेकिन कोकू और अन्नू मुझे गुस्से से घुर रहे थे …
“अरे तुम लोग क्यों गुस्से में हो ??? हमारे दोस्त की शादी हो रही है हमें तो खुश होना चाहिए “
“ख़ुशी ??? हा होना तो चाहिए लेकिन क्या तुम्हे नहीं लगता की तुमने रामिका को अपने जिद के कारण ऐसे लड़के के साथ भेज दिया जिससे वो प्यार नहीं करती “
कोकू के सवाल का मेरे पास कोई खास जवाब तो नहीं था …
“अब्दुल एक अच्छा लड़का है कोकू , वो सच में रामिका से प्यार करता है मैंने उसकी आँखों में देखा है , वो रामिका को खुश रखेगा “
“हा बिलकुल रखेगा , लेकिन क्या वो खुश रहेगी ???”
इस बार बोलने वाली अन्नू थी
“वो भी खुश रहेगी जब उसे प्यार का मतलब समझ आने लगेगा , प्यार सिर्फ जिस्म का मिलन नहीं है , वो तो भावनाओ का मिलन है , एक दुसरे को समझना है , एक दुसरे की इज्जत करना है “
मेरे इतना बोलने पर भी वो वही खड़ी हुई मुझे घुर रही थी …
“चाहते क्या हो तुम लोग ??”
इस बार कोकू मुस्कुराई
“दुल्हन को भागा लेते है “
उसकी बात सुनकर मैं हडबडा उठा
“पागल हो गई हो क्या , किसी का घर बस रहा है बसने दो , वो खुश रहेगी आज नहीं तो कल उसे समझ आएगा की अब्दुल उससे प्यार करता है , पहले भी तो वो अब्दुल के साथ खुश थी , कोई भी ऐसी वैसी हरकत मत करना “
मैंने उन्हें चेतावनी के लहजे में कहा …
उन्होंने एक दुसरे को देखा और मुह बनाते हुए वंहा से चली गई …
रामिका की शादी के 2 महीने बाद ही मेरी और अन्नू की शादी भी हो गई ..
गांव में खुशियों का मौसम फिर से आ गया था , कई गर्भवती महिलाओ ने बच्चो को जन्म दिया और जन्म का सिलसिला शुरू हो चूका था , गांव का श्राप भी कट चूका था ..
अम्मा, मैं और अन्नू मिलकर पूरा कामकाज देख रहे थे , हमारा साथ देने के लिए कोकू और अंकित भी मौजूद थे …
राजनितिक उठापटक चालू थी , लेकिन हार और जीत के बीच मेरे और बलवंत के परिवार के रिश्ते भी सुधरने लगे …
बलवंत के बाद उनकी राजनितिक धरोहर को सम्हालने का काम रामिका को ही मिला , अब्दुल भी एक आईएएस के रूप में स्थापित हो चूका था …
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समाप्त
इस कहानी को इस मोड़ में ख़त्म करना बहुत अजीब लग रहा है , अभी बहुत कुछ लिखा जा सकता है लेकिन काम की अधिकता ने दिमाग की दही कर रखी है , और कुछ नया सूझ नहीं रहा है ..
इसलिए सोचा की जी निशांत अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो गया वैसे ही मैं भी इस स्टोरी की जिम्मेदारी से मुक्त हो जाता हु , जब नयापन ख़त्म होने लगे तो स्टोरी को समाप्त कर देना ही मुझे सही लगता है , अगली स्टोरी अब तभी लाऊंगा जब पूरी स्टोरी लिख कर रेडी कर लू वरना ये परेशानी फिर से उठेगी की एक समय के बाद समय की कमी के कारन कुछ लिख नहीं पा रहा और नया कुछ दिमाग में आ नहीं रहा …
अपने गलतियों से मैं सीखता रहता हु , इस स्टोरी को भी जल्दबाजी में शुरू किया था ये एक गलती थी , पूरा प्लाट दिमाग में नहीं था ये भी एक गलती थी , इसका खामियाजा आपकी उम्मीदों के टूटने से भरा गया इस बात का मुझे दुःख रहेगा , लेकिन अब माफ़ कीजिये , बीच में छोड़ देने से अच्छा है की एक मोड़ पर लाकर स्टोरी को समाप्त कर देना और इसी कारन मैं ये कर रहा हु …
आशा है की आप सब इस बात को समझेगे और मुझे माफ़ कर देंगे , आपके मनोरंजन की पूरी कोशिस मैंने की है अपने तरफ से कोई कमी नहीं रखी लेकिन अब नहीं हो पा रहा है …
इस स्टोरी को पढने और प्यार देने के लिए धन्यवाद् दोस्तों
आशा है की भविष्य में अपने कमजोरियों से बाहर निकलकर आपके सामने कुछ नया और अच्छा पेश कर पाउँगा और एक मुकम्मल रूप से समाप्त की गई स्टोरी दे पाउँगा ….
धन्यवाद ………..
Koi baat nahi Doctor Sahab,
Ek story ka end aisa bhi dekhna tha, so dekh liya.............
Har insaan ki apni apni mazburiya hoti he....... private aur professional life bhi hoti he is virtual world ke alawa, unko bhi balance rakhna padta he.......
Aapke faisle ka samman karte he ham sab.........
Jald hi milenge ek nayi dhamakedar story me.....
All the best