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भाई डॉ जी काजल को वापिस लाओ वो लाख दगाबाज़ हो बेवफा हो उसके बिना मज़ा भी कोई नही है
आप का यही व्यवहार तो हमारे दिल को छू लेता है डॉ साहब ।aise to mere har story ka yahi haal rahta hai ek samay ke baad mujhe sujhna band ho jaata hai , lekin pahle ise menege kar leta tha kyoki khali time bahut hota tha lekin ab time ki hi kami ho jaati hai ...
ab jab bhi nayi story launga to is chij ki taiyari karke rakhunga ki ho sakte to pura hi complte kar lu pahle fir hi shuru karu ...
dikkat ye hai ki main ek sath 7-8 story likhta rahta hu , jab koi naya idea aaya to story shuru kar deta hu , jis din jyada pi lu us din koi story jo likh raha hota hu use post karna shuru kar deta hu aur yanhi fans bhi jaata hu , kyoki aage ki koi samjh nahi hoti
ab thoda dhang se planing ke sath kaam karna hai
Limit me to main bhi pita hu dost ,bas pine ke baad limitless ho jata huआप का यही व्यवहार तो हमारे दिल को छू लेता है डॉ साहब ।
हम इंतजार करेंगे । इस बार वायुमंडल में उड़ उड़ कर होने वाला सेक्स मत दिखाइएगा ।
कुछ ऐसा लिखिए जो रियलिटी जैसा लगे । भले ही वो फैंटेसी ही क्यों न हो ।
वैसे शराब पीना अच्छी चीज है ..... गुटखा , तम्बाकू , खैनी , सिगरेट , गांजा एवं ड्रग्स के तुलना में ।
लेकिन एक लिमिट में । लिमिट के पार तो सबकुछ नुकसान करता है । मैं भी पीता हूं... पच्चीस साल से भी ज्यादा हो गए लेकिन लिमिट में । काफी सुकून देता है यह , जब शरीर और दिमाग अस्थिर होता है ।
बहुत ही शानदार अपडेट है निशांत ने शक्ति छोड़ कर अपने आप को शांत कर लिया है लेकिन रामिका कि बैचेनी बढ़ गई है और वह निशांत से प्यार करने लगी है लेकिन निशांत ने उससे अब्दुल से शादी करने के लिए कहा और वादा भी कर दिया लगता है वापिस से वही घूम फिर कर वही होगा देखते हैं क्या होगा???अध्याय 35मेरे शक्ति छोड़ने से जन्हा कई लोग खुश थे तो कुछ दुखी थे , लेकिन कुछ को समझ नहीं आ रहा था की आखिर वो अब करे तो करे क्या ??
इनमे ही मेरे जाती दुश्मन बलवंत ठाकुर और अब्दुल थे ,..
ठाकुर की हवेली में बैठे हुए वो चिंता से इधर उधर भटक रहे थे ..
“मदरचोद ये साला निशांत भी अखंड चुतिया निकला , आखिर कोई ऐसी ताकत को छोड़ता है क्या , उसपर पता नहीं मेरी प्यारी सी बेटी पर उसने क्या जादू डाल दिया है वो उसके पास चली गई “
बलवंत परेशान था क्योकि रामिका मेरे पास पहुच गई थी , वही अब्दुल की परेशानी कुछ अलग थी …
“ठाकुर साहब आपने वादा किया था की रामिका और मेरी शादी करवाएंगे अभी तक हमारी मंगनी तक नहीं हुई है , रामिका कोई मैं जब से जानता हु वो मुझे पसंद करती है अब तो कम से कम बात आगे बढाइये , अब तो निशांत की भी ताकत ख़त्म हो गई है “
अब्दुल की बात सुनकर एक बार बलवंत ने उसे घुरा
“होने वाली बीवी किसी दुसरे के घर में जाकर रह रही है और तुझे शादी करनी है “
बलवंत की बात सुनकर अब्दुल थोडा असहज हुआ लेकिन फिर उसने कहना शुरू किया
“ठाकुर साहब वो दोनों कालेज के समय के दोस्त है , जब आपने निशांत की जान लेनी चाही थी वो रामिका ने उसकी जान बचाई थी ….और मुझे अपनी होने वाली बीवी पर पूरा भार्रोसा है , भरोसा ही नहीं मैं उससे प्यार भी करता हु …”
अब्दुल की बात सुनकर बलवंत मुस्कुराने लगा
“चलो कम से कम मैंने अपनी बेटी के लिए गलत लड़का तो नहीं चुना , बस मेरी बेटी कोई गलत लड़का ना चुन ले “
बलवंत ने अपने हाथ में रखा शराब का पेक खत्म किया और सोफे में आकार बैठ गया , अब्दुल उसके कंधे में हाथ रखकर उसे हिम्मत बाँधने लगा
“रामिका एक मजबूत लड़की है और मुझे उसपर पूरा भरोसा है , अब हमे निशांत के बारे में कुछ सोचना पड़ेगा “
बलवंत को दिल से ख़ुशी थी की उसका होने वाला दामाद इतना समझदार है , लेकिन निशांत उसके आँखों का कांटा बना हुआ था
“मुझे लगता है की अब सही समय है की हमें निशांत पर हमला करना चाहिए , उसे पूरी ताकत से ख़त्म कर देना ही हमारे लिए सही रहेगा “
बलवंत की बात सुनकर अब्दुल बेचैनी से उसके सामने जाकर बैठ गया ,
“नहीं ठाकुर साहब , निशांत ने इतनी बड़ी ताकत को ठुकराया है , हमें लगता है की वो एक चुतिय्या है लेकिन फिर भी ये करना एक ताकतवर इंसान के ही बस की बात है ,मैं मानता हु की वो एक कंफ्यूज आदमी है लेकिन उसे वही मात दी जानी चाहिए जन्हा वो अभी भी सबसे कमजोर है ना की वंहा जन्हा वो कभी ताकतवर रह चूका है “
बलवंत अब्दुल को देखने लगा
“आखिर कहना क्या चाहते हो ???”
अब्दुल ने एक गहरी साँस ली
“ठाकुर साहब जो शक्ति खोई जा सकती है वो पाई भी तो जा सकती है , हम क्यों उसे उस चीजो पर उंगली करे , निशांत की सबसे बड़ी कमजोरी ये है की उसे ताकत की समझ नहीं है उसे ये समझ दिला कर हम खुद के पैर में क्यों कुल्हाड़ी मारे ??? अच्छा ये है की उसे हम ना ही छेड़े बल्कि ऐसा कुछ करे की वो धीरे धीरे गिरता जाए और इतना गिर जाए की जब उसे होश आये तो वो खुद को जमीन में पाए “
बलवंत ने अपना सर खुजाया
“मतलब ???“
“मतलब ये की उसे राजनीती में घसीट कर लाओ , उसे एक साथ इतना दुःख मत दो की वो फिर से शैतानी ताकतों की शरण में चला जाए , अगर वो गया तो समझो की हमारी बिना बोले मार देगा , वो इतना ताकतवर हो सकता है की आपके पुरे गांव को एक घंटे में ख़त्म कर दे , आपकी इज्जत को कुछ सेकण्ड में नीलाम कर दे , उसने ये सभी ताकत खुद से छोड़ी है अब उसे ये फिर से नहीं मिलनी चाहिए इसलिय जरुरी है की उसे हम जबरदस्ती की उंगली ना करे , उसे आराम से मरेंगे धीरे धीरे , और सही चीज हो सकती है राजनीती , दिमाग से बड़े से बड़े दुश्मन को ख़त्म किया जा सकता है , हां समय जरुर लगेगा लेकिन मैं तैयार हु … क्या आप हो ???”
बलवंत ने सर हिलाया
“तो पहला काम मेरी शादी करवाओ , मैं जाकर रामिका को घर लाता हु “
अब्दुल की बात सुनकर बलवंत ने फिर से सर हिलाया ,
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इधर हवेली में
मैं रामिका से मिलने गया था , मेरा स्वस्थ अब पूरी तरह से ठीक था , रामिका आज ही यंहा आई थी और कई घंटो से अपने कमरे से नहीं निकली थी उसे अन्नू ने भी समझाया था लेकिन वो अभी भी मुझसे गुस्से में थी …
मैं उसके कमरे में गया , वो बिस्तर में बैठी हुई कुछ सोच रही थी …
मैं बिना कुछ बोले उसके बाजु में जाकर बैठ गया , एक बार उसने मुझे देखा लेकिन वो दूसरी तरफ मुह करके सो गई …
“मुझसे इतना गुस्सा ??? क्यों रामिका ??”
मेरे पूछने पर भी वो कुछ ना बोली मैंने उसके कंधे पर अपने हाथ रख दिए
“तुम मेरी दोस्त हो और मन तुम्हे किसी भी तरह से कोई दुःख नहीं देना चाहता , हमारे बीच जो भी हुआ था वो महज एक कर्मकांड था जो की उस समय जरुरी था लेकिन अब तो तुम आजाद हो “
वो पलटी और मुझे देखने लगी उसके आँखों में आंसू थे
“क्या तुम्हारे लिए ये महज एक खेल था, मैंने तुम्हे अपना दिल दिला है “
मैंने उंगलियों से उसके आंसू को पोछा मेरे होठो में एक मुस्कान थी
“जानता हु .. लेकिन तुम ही सोचो की क्या मैंने कभी तुम्हे कहा था की तुम एक चुड़ैल बन जाओ ?? ये तुम्हारा प्यार था जिसके बारे में मुझे कुछ भी नहीं पता था , तुम अब भी मेरी सबसे अच्छी दोस्त हो तुम्हे मैं तकलीफ में नहीं देख सकता , तुमने मेरी जान बचाई है और मैं तुम्हारा हमेशा ही कर्जदार रहूँगा लेकिन …
लेकिन क्या कभी मैंने तुमसे प्यार का कोई वादा किया था जो तुम मुझसे उस प्रेम की उम्मीद कर रही हो “
मेरी बात सुनकर उसका सर झुक गया
“मैं जानती हु निशांत की ये प्रेम एक तरफा था और चुड़ैल बनना भी मेरे खुद का फैसला था .. लेकिन अब इस दिल का क्या करू जो तुम्हारे लिए ही धडकता है ??”
उसकी बात सुनकर मैं मुस्कराया और प्यार से उसके माथे पर अपना हाथ फेरा
“ये दिल तो कभी अब्दुल के लिए भी धड़का था “
“नहीं … हां धड़का था “ उसने बेचैनी से कहा और फिर आगे कहने लगी
“हा धड़का था .. लेकिन वो एक समझौता था , मुझे लगा था की तुम मेरे नहीं हो सकते इसलिए मैंने वो समझौता किया , लेकिन अब बात अलग है , हमारे बीच तो वो भी हो चूका है जो फिर एक पति पत्नी के बीच होना चाहिए “
“सेक्स ???”
वो बेचैन हो गई
“ऐसा मत कहो निशांत … वो महज जिस्मो का मिलन नहीं था वो मेरी जिन्दगी थी “
रामिका के आँखों में आंसू थे और मुझे समझ नहीं आ रहा था की आखिर मैं इसे कैसे समझाऊ
“रामिका … तुम जानती हो की मेरा प्यार अन्नू है “
रामिका फिर से मचल गई वो बेचैनी से करवट बदल रही थी , वो जानती थी की सच्चाई क्या है लेकिन वो मानने को तैयार नहीं थी
“हां जानती हु … लेकिन … लेकिन मेरे लिए तो … नहीं निशांत तुम्हारे सिवा अब कोई मेरे जिस्म का मालिक नहीं हो सकता .. इस जिस्म में बेचैनी है , मैं तुम्हे अपना बनाना चाहती हु और तुम ही … हा तुम ही अब इस जिस्म के मालिक हो “
उसने लगभग रोते हुए ये कहा था , मन का अंतरद्वन्द सामने था वो बेचैन थी और उसकी ये बेचैनी मुझे भी बेचैन कर रही थी …
“रामिका … समझो बात को अब मैं वो नहीं रहा जिसने तुम्हारे साथ सम्भोग किया था “
रामिका सम्भोग का सुनकर शर्म से लाल हो गई लेकिन उसका जिस्म कुछ और ही कहानी कह रहा था , वो मेरे पास आकर मुझसे लिपट गई , उसने अपनी कमीज खोल का फेक दिया,उसने उपर केवल एक ब्रा पहनी थी …
“एक बार .. एक बार मुझे नंगा देख लो फिर फैसला करना , ये जिस्म तुम्हारा है निशांत सिर्फ तुम्हारा , इसे ऐसे ना छोडो “
कहते हुए उसने अपनी ब्रा निकाल कर फेक दी और अपने सलवार का नाडा खोलकर उसे भी निकाल दिया , उसके जिस्म में केवल एक पेंटी बची थी जिसे भी उसने खोल दिया था , वो बिलकुल नंग होकर मुझसे लिपट गई थी
“इस जिस्म को भोग लो निशांत ये तुम्हारा ही है , प्लीज इसे भोग लो , “
वो मुझसे लिपट कर रो रही थी लेकिन मेरे मन में अब भी उसके लिए केवल मित्रता थी केवल प्रेम था …
“रामिका जागो .. मैं तुम्हारा नहीं हु , समझो मेरी बात को ..तुम्हारी शादी अब्दुल से होने वाली है “
मैंने उसे खुद से दूर किया , वो जोरो से रो पड़ी
मैंने प्यार से उसके गालो में एक किस किया ..
“खुद को सम्हालो , इस जिस्म की हवस में मैंने कई पाप कर दिए लेकिन अब नहीं … हवस शैतानो का काम है लेकिन प्रेम … प्रेम में देवत्व है रामिका , तुम्हारे प्रेम की कीमत मुझे मालूम है लेकिन इस प्रेम को हवस के तराजू में तोलकर इसे कलंकित मत करो “
रामिका मेरी बात सुन रही थी लेकिन अब भी सिसक रही थी , उसने मेरा हाथ अपने वक्षो पर रख दिया
“क्या ये आकर्षक नहीं है निशांत ???”
अब मैं उससे कहता भी तो क्या , मैंने 100 से अधिक महिलाओ के साथ सम्भोग किया था , जिस्म तो सबका एक सा ही होता है , और सम्भोग का मजा भी , उससे क्या ही कहता की असली चीज तो प्रेम है अगर प्रेम न हो तो सम्भोग केवल सम्भोग ही रह जाता है उसमे प्रेम की गहराई कभी नहीं आ सकती ..
मैंने महिलाओ के जिस्म को देखकर ही ये समझा था की सम्भोग और प्रेम में क्या अंतर है …
“रामिका ऐसा मत करो , मैंने तुमसे प्रेम करता हु , एक दोस्त की तरह ना की एक प्रेमी की तरह , जो हमारे बीच हुआ उसे भूल जाओ , तुम्हारी जिंदगी बहुत ही हसीन है , एक प्रेम करने वाला पति तुम्हारे इन्तजार में है उसे मत ठुकराओ , वो भी उसके लिए जिसके साथ प्रेम केवल एक तरफा है “
रामिका ने अपने हाथ ढीले छोड़ दिए उसने अपने आंसू पोछे और हलके से मुस्कुराई , उस मुस्कान में भी दर्द था ..
“ठीक है .. मैं अब्दुल से शादी करुँगी लेकिन वादा करो अगर मेरे जिस्म या मन को तुम्हारी जरुरत होगी तो तुम मुझे मना नहीं करोगे “
उसकी बात सुनकर मैं चौक गया , मैं उसे क्या ही उत्तर देता , क्या वो अपने पति से बेवफाई की बात कर रही थी ???
लेकिन उसे अभी शांत करने के लिए ये जरुरी लगा
‘मैं वादा करता हु , तुम्हारी इस बेचैनी का कारण मैं हु तो मेरा वादा है कि जब भी ये तुम्हारे अंदर आये तो मैं इसे शांत करूँगा , लेकिन तुम्हे अपनी जिंदगी अच्छे से और खुश होकर जीनी होगी , तुम्हे अपने पति से प्यार करना होगा बोलो मंजूर है “
इस बार वो मुस्कुराई
“तुम्हारे लिए तो सब मंजूर है मेरे मालिक “
उसने इतना ही कहा था की कमरे का दरवाजा खुला सामने खड़ी अन्नू हम दोनों को घुर रही थी , वो ना तो खुश थी ना ही दुखी , रामिका के नग्नता को वो निहार रही थी लेकिन हम दोनों की दुरी को भी वो समझ रही थी …
“अब्दुल आया है , रामिका को ले जाने “
उसने तुरंत ही कहा और एक बार हमें देख कर बिना कुछ बोले ही दरवाजा बंद कर लिया …
मैं रामिका को देखने लगा
“तैयार हो जाओ …”
इतना ही बोलकर मैं कमरे से बाहर आ गया
डॉक्टर साहब ब्रेक ले लेते इससे अच्छा तो कम से कम उम्मीद तो रहती की आगे अपडेट आयेगे लेकिन आपने तो स्टोरी को ही पूरी कर दी है कोई नही आपने शुरुआत बहुत ही शानदार तरीके की है और डाक्टर होते हुए भी आप कमाल के राइटर भी है इंतजार रहेगा आपकी अगली कहानी का जब तक आप रेस्ट करेअध्याय 36एक निमंत्रण का कार्ड मेरे सामने था , अब्दुल और रामिका की शादी फिक्स हो चुकी थी , पता नहीं क्यों लेकिन कोकू और अन्नू मुझे गुस्से से घुर रहे थे …
“अरे तुम लोग क्यों गुस्से में हो ??? हमारे दोस्त की शादी हो रही है हमें तो खुश होना चाहिए “
“ख़ुशी ??? हा होना तो चाहिए लेकिन क्या तुम्हे नहीं लगता की तुमने रामिका को अपने जिद के कारण ऐसे लड़के के साथ भेज दिया जिससे वो प्यार नहीं करती “
कोकू के सवाल का मेरे पास कोई खास जवाब तो नहीं था …
“अब्दुल एक अच्छा लड़का है कोकू , वो सच में रामिका से प्यार करता है मैंने उसकी आँखों में देखा है , वो रामिका को खुश रखेगा “
“हा बिलकुल रखेगा , लेकिन क्या वो खुश रहेगी ???”
इस बार बोलने वाली अन्नू थी
“वो भी खुश रहेगी जब उसे प्यार का मतलब समझ आने लगेगा , प्यार सिर्फ जिस्म का मिलन नहीं है , वो तो भावनाओ का मिलन है , एक दुसरे को समझना है , एक दुसरे की इज्जत करना है “
मेरे इतना बोलने पर भी वो वही खड़ी हुई मुझे घुर रही थी …
“चाहते क्या हो तुम लोग ??”
इस बार कोकू मुस्कुराई
“दुल्हन को भागा लेते है “
उसकी बात सुनकर मैं हडबडा उठा
“पागल हो गई हो क्या , किसी का घर बस रहा है बसने दो , वो खुश रहेगी आज नहीं तो कल उसे समझ आएगा की अब्दुल उससे प्यार करता है , पहले भी तो वो अब्दुल के साथ खुश थी , कोई भी ऐसी वैसी हरकत मत करना “
मैंने उन्हें चेतावनी के लहजे में कहा …
उन्होंने एक दुसरे को देखा और मुह बनाते हुए वंहा से चली गई …
रामिका की शादी के 2 महीने बाद ही मेरी और अन्नू की शादी भी हो गई ..
गांव में खुशियों का मौसम फिर से आ गया था , कई गर्भवती महिलाओ ने बच्चो को जन्म दिया और जन्म का सिलसिला शुरू हो चूका था , गांव का श्राप भी कट चूका था ..
अम्मा, मैं और अन्नू मिलकर पूरा कामकाज देख रहे थे , हमारा साथ देने के लिए कोकू और अंकित भी मौजूद थे …
राजनितिक उठापटक चालू थी , लेकिन हार और जीत के बीच मेरे और बलवंत के परिवार के रिश्ते भी सुधरने लगे …
बलवंत के बाद उनकी राजनितिक धरोहर को सम्हालने का काम रामिका को ही मिला , अब्दुल भी एक आईएएस के रूप में स्थापित हो चूका था …
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समाप्त
इस कहानी को इस मोड़ में ख़त्म करना बहुत अजीब लग रहा है , अभी बहुत कुछ लिखा जा सकता है लेकिन काम की अधिकता ने दिमाग की दही कर रखी है , और कुछ नया सूझ नहीं रहा है ..
इसलिए सोचा की जी निशांत अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो गया वैसे ही मैं भी इस स्टोरी की जिम्मेदारी से मुक्त हो जाता हु , जब नयापन ख़त्म होने लगे तो स्टोरी को समाप्त कर देना ही मुझे सही लगता है , अगली स्टोरी अब तभी लाऊंगा जब पूरी स्टोरी लिख कर रेडी कर लू वरना ये परेशानी फिर से उठेगी की एक समय के बाद समय की कमी के कारन कुछ लिख नहीं पा रहा और नया कुछ दिमाग में आ नहीं रहा …
अपने गलतियों से मैं सीखता रहता हु , इस स्टोरी को भी जल्दबाजी में शुरू किया था ये एक गलती थी , पूरा प्लाट दिमाग में नहीं था ये भी एक गलती थी , इसका खामियाजा आपकी उम्मीदों के टूटने से भरा गया इस बात का मुझे दुःख रहेगा , लेकिन अब माफ़ कीजिये , बीच में छोड़ देने से अच्छा है की एक मोड़ पर लाकर स्टोरी को समाप्त कर देना और इसी कारन मैं ये कर रहा हु …
आशा है की आप सब इस बात को समझेगे और मुझे माफ़ कर देंगे , आपके मनोरंजन की पूरी कोशिस मैंने की है अपने तरफ से कोई कमी नहीं रखी लेकिन अब नहीं हो पा रहा है …
इस स्टोरी को पढने और प्यार देने के लिए धन्यवाद् दोस्तों
आशा है की भविष्य में अपने कमजोरियों से बाहर निकलकर आपके सामने कुछ नया और अच्छा पेश कर पाउँगा और एक मुकम्मल रूप से समाप्त की गई स्टोरी दे पाउँगा ….
धन्यवाद ………..
Dr Sahab kabhi kabhi limitless hona bhi jayaz hai..aur apko ese forum par dekhna sakoon deta hai....apki har story na jane kitni baar padhi hai aur har bar nayi hi lagi...kabhi bor mahsus nahi kiya...Lazbwaab ho aap aur apki story aur har story me ek naya fantacy level hota hai...SIRLimit me to main bhi pita hu dost ,bas pine ke baad limitless ho jata hu
अध्याय 36एक निमंत्रण का कार्ड मेरे सामने था , अब्दुल और रामिका की शादी फिक्स हो चुकी थी , पता नहीं क्यों लेकिन कोकू और अन्नू मुझे गुस्से से घुर रहे थे …
“अरे तुम लोग क्यों गुस्से में हो ??? हमारे दोस्त की शादी हो रही है हमें तो खुश होना चाहिए “
“ख़ुशी ??? हा होना तो चाहिए लेकिन क्या तुम्हे नहीं लगता की तुमने रामिका को अपने जिद के कारण ऐसे लड़के के साथ भेज दिया जिससे वो प्यार नहीं करती “
कोकू के सवाल का मेरे पास कोई खास जवाब तो नहीं था …
“अब्दुल एक अच्छा लड़का है कोकू , वो सच में रामिका से प्यार करता है मैंने उसकी आँखों में देखा है , वो रामिका को खुश रखेगा “
“हा बिलकुल रखेगा , लेकिन क्या वो खुश रहेगी ???”
इस बार बोलने वाली अन्नू थी
“वो भी खुश रहेगी जब उसे प्यार का मतलब समझ आने लगेगा , प्यार सिर्फ जिस्म का मिलन नहीं है , वो तो भावनाओ का मिलन है , एक दुसरे को समझना है , एक दुसरे की इज्जत करना है “
मेरे इतना बोलने पर भी वो वही खड़ी हुई मुझे घुर रही थी …
“चाहते क्या हो तुम लोग ??”
इस बार कोकू मुस्कुराई
“दुल्हन को भागा लेते है “
उसकी बात सुनकर मैं हडबडा उठा
“पागल हो गई हो क्या , किसी का घर बस रहा है बसने दो , वो खुश रहेगी आज नहीं तो कल उसे समझ आएगा की अब्दुल उससे प्यार करता है , पहले भी तो वो अब्दुल के साथ खुश थी , कोई भी ऐसी वैसी हरकत मत करना “
मैंने उन्हें चेतावनी के लहजे में कहा …
उन्होंने एक दुसरे को देखा और मुह बनाते हुए वंहा से चली गई …
रामिका की शादी के 2 महीने बाद ही मेरी और अन्नू की शादी भी हो गई ..
गांव में खुशियों का मौसम फिर से आ गया था , कई गर्भवती महिलाओ ने बच्चो को जन्म दिया और जन्म का सिलसिला शुरू हो चूका था , गांव का श्राप भी कट चूका था ..
अम्मा, मैं और अन्नू मिलकर पूरा कामकाज देख रहे थे , हमारा साथ देने के लिए कोकू और अंकित भी मौजूद थे …
राजनितिक उठापटक चालू थी , लेकिन हार और जीत के बीच मेरे और बलवंत के परिवार के रिश्ते भी सुधरने लगे …
बलवंत के बाद उनकी राजनितिक धरोहर को सम्हालने का काम रामिका को ही मिला , अब्दुल भी एक आईएएस के रूप में स्थापित हो चूका था …
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समाप्त
इस कहानी को इस मोड़ में ख़त्म करना बहुत अजीब लग रहा है , अभी बहुत कुछ लिखा जा सकता है लेकिन काम की अधिकता ने दिमाग की दही कर रखी है , और कुछ नया सूझ नहीं रहा है ..
इसलिए सोचा की जी निशांत अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो गया वैसे ही मैं भी इस स्टोरी की जिम्मेदारी से मुक्त हो जाता हु , जब नयापन ख़त्म होने लगे तो स्टोरी को समाप्त कर देना ही मुझे सही लगता है , अगली स्टोरी अब तभी लाऊंगा जब पूरी स्टोरी लिख कर रेडी कर लू वरना ये परेशानी फिर से उठेगी की एक समय के बाद समय की कमी के कारन कुछ लिख नहीं पा रहा और नया कुछ दिमाग में आ नहीं रहा …
अपने गलतियों से मैं सीखता रहता हु , इस स्टोरी को भी जल्दबाजी में शुरू किया था ये एक गलती थी , पूरा प्लाट दिमाग में नहीं था ये भी एक गलती थी , इसका खामियाजा आपकी उम्मीदों के टूटने से भरा गया इस बात का मुझे दुःख रहेगा , लेकिन अब माफ़ कीजिये , बीच में छोड़ देने से अच्छा है की एक मोड़ पर लाकर स्टोरी को समाप्त कर देना और इसी कारन मैं ये कर रहा हु …
आशा है की आप सब इस बात को समझेगे और मुझे माफ़ कर देंगे , आपके मनोरंजन की पूरी कोशिस मैंने की है अपने तरफ से कोई कमी नहीं रखी लेकिन अब नहीं हो पा रहा है …
इस स्टोरी को पढने और प्यार देने के लिए धन्यवाद् दोस्तों
आशा है की भविष्य में अपने कमजोरियों से बाहर निकलकर आपके सामने कुछ नया और अच्छा पेश कर पाउँगा और एक मुकम्मल रूप से समाप्त की गई स्टोरी दे पाउँगा ….
धन्यवाद ………..