Sanju@
Well-Known Member
- 4,826
- 19,456
- 158
Amazing updateअध्याय 12जब सुबह नींद खुली तो लगा जैसे मैं किसी सपने से जागा हु , कल जो भी हुआ वो कुछ दिनों पहले तक तो मैं सोच भी नहीं सकता था , मैंने ये क्या कर दिया था …
सुबह नाश्ते के टेबल में पहुचने पर माहोल ही कुछ अलग था …
“मालकिन कुवर जी ने तो कल गजब ही कर दिया , सच में अब ये निदालपुर वाले हमशे टकराने से पहले 10 बार सोचेंगे …”
कालू वही अम्मा के पास खड़ा था
“हा बस बहुत हो गया , कल से बस यही रट लगाये हुए है …और तुम वंहा से सीधे घर क्यों नहीं आये कहा रुक गए थे …”
उन्होंने मेरी ओर देखा
“वो अम्मा मैं … बारिश बहुत तेज हो गई थी वो अब्दुल के ही टपरी में रुका हुआ था …”
उन्होंने मुझसे कुछ नहीं कहा और कालू की ओर देखने लगी ..
“अब से कुवर को ही अपना मालिक मानो , मैं और कब तक ये सब देखूंगी , भूरेलाल ..”
उन्होंने आवाज दी ,
“जी मालकिन “ भूरेलाल प्रगट हुआ , भूरेलाल एक 50 साल की उम्र के आसपास का व्यक्ति था , समझ लो की इस हवेली का मुंशी था , अब्दुल अभी इसी के साथ काम कर रहा था ..
“भूरेलाल कुवर को हमारे सारे जमीन और कारोबार के बारे में समझा दो और हमारी पार्टी के मुख्य लोगो से भी इन्हें मिलाओ , अब सब इन्हें ही सम्हालना है “
“जी मालकिन “ भूरेलाल वही खड़ा हो गया था
“अम्मा कुछ जल्दी नही हो रहा … मतलब अभी तो मैं बच्चा ही हु “
मेरी बात सुनकर उन्होंने मुझे घुरा …
“तुम्हे अभी भी लगता है की तुम बच्चे हो ..??? कब तक आराम की जिंदगी जियोगे , ये सब तुम्हे ही देखना है , अभी से सीखना शुरू करो, फैसले लेने के लिए चीजो को समझाना भी तो पड़ता है , अब कल इतना मार काट करके आ गए , पुलिस को कौन सम्हालेगा सोचा है … जाओ भूरेलाल के साथ और काम देखो “
अम्मा इतना बोलकर फिर से नाश्ता करने लगी
वही मेरे पास बैठी अन्नू ये देख कर मुस्कुरा रही थी ..
“वाह कुवर जी आपके तो जलबे है “
उसने धीरे से कहा , और मैंने उसके पेट में चिमटी काट दी
“आउच “
“क्या हुआ ..??” अम्मा चौक गई
“कुछ नहीं लगता है चीटी है …”
“ओह अन्नू तुम्हारे पिता जी का फोन आया था तुम्हे बुलावा भेजा है , कल जब निशांत पार्टी ऑफिस जायेगा तो तुम्हे भी छोड़ देगा …”
अम्मा की बात सुनकर अन्नू का चहरा उतर गया
“आप मुझसे इतना जल्दी पीछा छुड़ाना चाहती है …”
उसकी आँखे गीली हो गई थी … अम्मा उसे देख कर मुस्कुराई और अपने पास बुला लिया , उन्होंने बड़े ही प्यार से उसके बालो में हाथ फेरा ..
“अरे बेटा , माता पिता से अगर ओलाद दूर हो जाए तो क्या उन्हें ख़ुशी मिलती है ?? तुम्हे भेज रही हु ताकि जल्दी से तुम्हे वापस यंहा ले आऊ और इस बार हमेशा के लिए “
अम्मा की बात सुनकर हम दोनों ही चोक गए थे …
“मेरी बहु बनेगी ना “ अम्मा ने बड़े प्यार से अन्नू से पूछा , अन्नू आश्चर्य से कभी मुझे कभी अम्मा को देखती रही और फिर लजा कर वंहा से भाग गई ..
लेकिन वंहा खड़े खड़े मेरी हालत ख़राब हो रही थी ..
“अम्मा हम बस अच्छे दोस्त है ..”
उन्होंने मुझे घुरा
“तो अच्छा ही है ना , ऐसे भी कहते है की पति पत्नी को दोस्तों की तरह रहना चाहिए .. तुम्हे कोई आपत्ति हो तो बता की अन्नू में क्या कमी है , और अगर नहीं बता सकता तो चुप ही रहा , मैं सुवालाल जी से बात आगे बढ़ाऊ ..”
अब मैं क्या कहता , मैं चुप ही रहा ..
“बधाई हो कुवर ..” कालू चहक उठा था साथ ही भूरेलाल भी …
***********************************
दिन भर मैं काम में ही व्यस्त रहा , शाम होते होते अब्दुल दिखाई पड़ा , मायूस चहरा लिए वो अपना काम कर रहा था ..
“तुम ठीक हो …” अब्दुल ने एक बार मुझे देखा और फिर से अपना सर झुका लिया
“अब्दुल कल हो भी हुआ वो …”
“मुझे आपसे कोई बात नहीं करनी है कुवर , मुझे अकेला छोड़ दीजिए .. मैं एक गरीब सामान्य का लड़का हु और आप इतने ताकतवर , आखिर मेरे बोलने से आपको फर्क भी क्या ही पड़ेगा “
वो अपने काम में व्यस्त हो गया …
मैं उसकी भावना समझ सकता था ,मैंने उसे कुछ भी और बोलना सही नहीं समझा और अपने काम में व्यस्त हो गया …
रात मैं अन्नू के कमरे में गया ..
“अम्मा ने जो भी बोला … क्या तुम भी इसके लिए तैयार हो ..”
अन्नू पहली बार मुझसे ऐसे शर्मा रही थी
“अरे यार तुम मेरे बचपन की दोस्त हो , और हमारे बीच वो भी हो चूका है जो एक पति पत्नी के बीच होता है , अब ऐसे क्यों शर्मा रही हो ..??”
वो कूदकर मेरे गले से लग गई , जिससे मैं बिस्तर में गिर पड़ा था , उसने बिना कुछ कहे मेरे होठो में होठ रख दिए …
“आई लव यु कुवर …. अम्मा की बात सुनकर दिल गार्डन गार्डन हो गया … मैं तो इसी डर में थी की मैं तुमसे जुदा हो जाउंगी लेकिन अब … अब तो तुम्हे मुझे जीवन भर झेलना होगा “
उसने फिर से मेरे होठो में होठ रख दिया और हम एक दूजे में समाते चले गए ….
*************************************
सुबह से हम शहर के लिए निकल पड़े , भूरेलाल और कालू भी मेरे साथ थे , उसके साथ ही कुछ और भी लोग थे अन्नू को उसके घर छोड़ने के बाद हम पार्टी ऑफिस में पहुचे , वंहा भूरेलाल ने कई लोगो से मेरा परिचय करवाया , यंहा मुझे पता चला की अम्मा कितनी पावरफुल है , वंहा से निकल कर हम फिर से गांव की ओर जा रहे थे , शाम होने को आई थी , मैं भी दिन भर के भागदौड से थक चूका था , और कार में बैठे बैठे ही झपकी ले रहा था ….तभी …
अचानक से सारी गाड़िया रुकी …
मेरी नीद टूट गई ..
“क्या हुआ भूरे …”
“मालिक सामने एक पेट टुटा पड़ा है , आप कार में ही रहिये …”
दूसरी कार से कुछ लोग उतर कर इधर उधर देखने लगे और तभी चारो ओर से गोलिया चलने लगी …
“कुवर झुक जाओ “
कालू ने मुझे पकड़ कर झुका दिया , चारो से कुछ देर तक गोलिया चलती रही …
कुछ लोग आये और मेरे कार का दरवाजा तोड़ने लगे कालू ने अपनी बन्दुक थाम ली लेकिन मैंने उसे शांत रहने का इशारा किया और कूद ही दरवाजा खोलकर बाहर निकल गया …
मैं अपने हाथ उपर करके खड़ा हो गया ..
“तुम ही कांति देवी के भतीजे हो ..”
सामने से एक आदमी बोला , मैंने हां में सर हिलाया
“पकड़ो इसे ..” दो लोग आकर मेरे पास खड़े हो गए ..
“कुवर …” कालू कुछ बोलने ही वाला था की मैंने उसे शांत रहने का इशारा किया
“फिक्र मत करो मुझे कुछ नहीं होगा .. मैं कल तक वापस आ जाऊंगा “
उन्होंने मुझे पकड़ कर अपनी गाड़ी में बिठा दिया था …………….
अब तो सब कुछ अम्मा के कहने पर अपने हीरो को ही समालना है अन्नू को उसके घर भेज दिया है