• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Adultery भाभियों का रहस्य

Studxyz

Well-Known Member
2,933
16,289
158
वाह भाई डॉ साब डॉ चूतिया कभी नहीं सुधरेगा ठरकी ने क्या फाडू श्राप का चुदाई जाल रचा है की इस के प्रकोप से बेचारी अम्मा उर्फ़ बुआ भी ना बचेगी और हद तो तब होगी की चुदवाना भी अपने बेटे जैसे भतीजे से पड़ेगा | और भी ना जाने ये डॉ चूतिया देव की पर्वती वाले कुंवर से किस किस को चुदवायेगा और शर्तिया ये डॉ चूतिया खुद भी कई चुतों पर लंड साफ़ करेगा :vhappy1:
 

Darkk Soul

Active Member
1,088
3,666
144
तुम्हे नैतिकता की पड़ी है और यंहा सभी नैतिकता की माँ चुदी पड़ी है
:lol1::lol1::lol1::lol1:

मस्त अपडेट था!

मज़ा आ गया. और रहस्य के बारे में जान कर दिमाग भी चकराया.
:)

पर पता नहीं क्यों ऐसा लग रहा है की इस रहस्य में कुछ और भी है जो सबके सामने आना बाकी है. देखते हैं आगे क्या होता है. :readnews:

Nice writing, doctor.
 

Darkk Soul

Active Member
1,088
3,666
144
वाह भाई डॉ साब डॉ चूतिया कभी नहीं सुधरेगा ठरकी ने क्या फाडू श्राप का चुदाई जाल रचा है की इस के प्रकोप से बेचारी अम्मा उर्फ़ बुआ भी ना बचेगी और हद तो तब होगी की चुदवाना भी अपने बेटे जैसे भतीजे से पड़ेगा | और भी ना जाने ये डॉ चूतिया देव की पर्वती वाले कुंवर से किस किस को चुदवायेगा और शर्तिया ये डॉ चूतिया खुद भी कई चुतों पर लंड साफ़ करेगा :vhappy1:
:lol1::lol1::lol1::lol1:
 

brego4

Well-Known Member
2,850
11,098
158
वाह भाई डॉ साब डॉ चूतिया कभी नहीं सुधरेगा ठरकी ने क्या फाडू श्राप का चुदाई जाल रचा है की इस के प्रकोप से बेचारी अम्मा उर्फ़ बुआ भी ना बचेगी और हद तो तब होगी की चुदवाना भी अपने बेटे जैसे भतीजे से पड़ेगा | और भी ना जाने ये डॉ चूतिया देव की पर्वती वाले कुंवर से किस किस को चुदवायेगा और शर्तिया ये डॉ चूतिया खुद भी कई चुतों पर लंड साफ़ करेगा :vhappy1:

:lotpot:
 

parkas

Well-Known Member
26,892
60,044
303
अध्याय 7

मेरी आँखे डॉ पर जमी हुई थी , मन में बेचैनी बढ़ने लगी थी
“अब क्या आप मुझे भी सम्मोहित करने वाले है डॉ “
आखिर ख़ामोशी को तोड़ते हुए मैंने कहा
“नहीं जो जवाब अन्नू ने दिया है तुम भी वही दोगे “
“आप इतने विस्वास के साथ कैसे कह सकते है ??”
“क्योकि तुम पहले नहीं हो जो इस श्राप के शिकार हुए हो “
मेरी आँखे खुल गई , मैं चौकन्ना हो गया था
“मतलब …???”
“मतलब ये की ये श्राप सदियों पुराना है ,हमने मिलकर इसे ख़त्म कर दिया लेकिन इसका कुछ असर अब भी बाकी है , और तुम इसके शिकार हो गए “
“आखिर ये श्राप है क्या …???”
मेरी उत्त्सुकता बढ़ने लगी थी
डॉ ने एक गहरी साँस ली
“ये एक राज है जिसे कई लोग जानते है , अब तुम सोचोगे की ये कैसा राज हुआ जिसे कई लोग जानते है .. यही इस राज की खासियत है की ये जितना जाहिर है उतना ही छुपा हुआ है , हर आदमी इसे अपने नजरिये से जानता है ,लेकिन इसकी असलियत मैं आज तुम्हे बताता हु , मैं इसे तुम्हे इसलिए बता रहा हु क्योकि अगर तुमने इसे नहीं समझा तो समझ लो की तुम बुरी तरह से फंस जाओगे , वासना और हवास के दलदल में फंसकर तुम अपना और दूसरो का भी नुकसान कर सकते हो …क्या तुम तैयार हो “
मैं डॉ की बात सुनकर हैरान परेशान था , ये आदमी इतना बिल्डअप किये बिना भी तो बता सकता है , साला दिल की धड़कने बढ़ा रहा है , मैंने भी एक गहरी साँस ली सोचा देखते है की आखिर क्या ऐसा राज है जो जाहिर भी है और छुपा हुआ भी है ..
“जी डॉ बोलिए मैं तैयार हु “
“सुनो बात कई साल पहले की है बादलपुर गांव को एक तांत्रिक ने श्राप दिया था ,वो तात्रिक गांव के ही प्रधान का भाई था , लेकिन गांव के नियमो का ना मानने वाला एक विद्रोही , बादलपुर गाँव कभी आसपास में सबसे समृद्ध और खुशहाल हुआ करता था , वंहा की परंपरा में प्रेम और आपसी भाईचारा घुला मिला था , लोग रिश्तो का आदर करते और प्रेम से रहते , कोई भी पाप कहे जाने वाला कृत्या वंहा बर्दास्त नही किया जाता , लेकिन प्रधान का भाई इन सबके खिलाफ था , वो कहता की जिस्म की जरूरतों के लिए किसी का भी भोग नाजायज नहीं है , प्रधान उससे परेशान हो चूका था लेकिन वो सब सह लेता अगर उसके भाई ने वो कृत्य ना किया होता …”
मैं डॉ की बात ध्यान से सुन रहा था , मेरी उत्सुकता और भी बढ़ने लगी
“कौन सा कृत्य ???”
डॉ मुस्कुराए
“एक ऐसा कृत्य जिसे दुनिया पाप मानती है और बादलपुर के लोगो के लिए तो वो परम पाप था … खून के रिश्ते में जिस्मानी सम्बन्ध बनाना , प्रधान के भाई ने अपनी सगी बहन से प्रेम करने का जुर्म कर दिया , दोनों ही एक दुसरे के प्रेम में थे और दोनों के बीच जिस्मानी संबध स्थापित हो गए … ये बात गांव वालो को पता चली तो चारो तरफ हल्ला मच गया , प्रधान का भाई उस समय वंहा नहीं था , गांव वालो ने उसकी बहन को जिन्दा जला दिया … “
हम दोनों ही खामोश थे
डॉ ने आगे बोलना जारी रखा
“गांव वालो ने जो जगह चुनी थी वो वही जगह थी जन्हा प्रधान का भाई साधना किया करता , वो काले जादू की साधना करता , जब वो वापस आया तो वो पागल सा हो गया , गांव वालो को श्राप दे दिया की तुम सब पापी हो जाओगे , होशो हवास खोकर वासना में अंधे होकर किसी से भी जिस्मानी सम्बन्ध बनाने लगोगे , उसने इसके लिए खुद की बलि दे दी , इससे पहले की वो श्राप गांव में फैलता प्रधान और गांव के पंडित ने उस श्राप को उसी जगह कैद कर दिया , गांव का पंडित बहुत ही पंहुचा हुआ जानकार था , उसने एक पत्थर के निचे तांत्रिक की आत्मा को कैद कर दिया था और उस जगह में किसी को जाने की अनुमति नहीं थी, खासकर स्त्री और पुरुष को एक साथ वंहा जाने की मनाही थी , चाहे वो कोई भी हो , सालो तक तंत्रिका का श्राप और उसकी आत्मा वही कैद रही , गांव का कोई भी इंसान वंहा नहीं जाता , वो जगह भी खंडहर हो चुकी थी , लेकिन कुछ सालो पहले तांत्रिक की आत्मा जाग उठी और बादलपुर में हाहाकार मचा दिया , रिश्तो की मान मरियादा ख़त्म हो गई , आखिर गांव के प्रधान ने मुझे बुलाया और हमने मिलकर ये सब शांत किया , तात्रिक की आत्मा को मुक्त किया और सब सामान्य हो गया ….(बादलपुर की पूरी कहानी डिटेल में जानने के लीये पढ़िए मेरी स्टोरी “ तांत्रिक का श्राप “ … जो अभी तक लिखना शुरू नहीं हुआ है :lol1: जब लिखूंगा तब पढियेगा )
लेकिन जिस पत्थर में तांत्रिक की आत्मा को कैद किया गया था उसमे उसकी शक्ति का अंश बाकी था , इसलिए एक निर्जन जगह में छोड़ दिया गया … ये वही पत्थर है जिसपर बैठ कर तुम लोग शराब पिया करते थे , उसी दौरान पत्थर ने तुमको चुन लिया …”
मैं बुरी तरह से चौक गया
“मुझे चुन लिया मतलब ..और इसका गांव और हमारे सपने से क्या रिलेशन है ??”
डॉ हँसने लगा ,
“एक घटना बादलपुर की थी , और दूसरी घटना तुम्हारे गांव में घटी ….वो ही एक तांत्रिक से ही जुडी हुई है , कुछ सालो पहले ही की बात है जब एक तांत्रिक तुम्हारे गांव में आया था , गांव के तालाब के पास पीपल पेड़ के नीचे उसने अपना डेरा जमाया , इधर बादलपुर में हाहाकार मचा था , ऐसे तो वंहा से बाहर किसी को इस बात की खबर नहीं थी लेकिन कुछ कानाफूसी जरुर चल रही थी की बादलपुर में किसी तांत्रिक का प्रकोप छाया हुआ है ,जब तुम्हारे गांव में वो तांत्रिक आया तो तुम्हारी गांव की महिलाये जोकि तालाब में नहाने जाया करती थी उन्होंने ठकुराइन यानि तुम्हारी अम्मा की सास से उसकी चुगली कर दी ,और सब ने मिलकर उस तांत्रिक को वंहा से भागा दिया , तांत्रिक ने गुस्से में ये श्राप दे डाला की जिस योवन के घमंड में डूब कर ये ओरते अपने पति को नाचा रही है वो यौवन ही उनका दुश्मन बनेगा , वो काम सुख को तरसेंगी और कभी पुत्र का सुख नहीं पाएंगी … उस समय तो किसी ने उसे सीरियस ही नहीं लिया लेकिन जब ये श्राप सच होने लगा तो लोगो में बेचैनी बढ़ी , गांव के मर्दों को इस बात की भनक ना लगे इस बात की जतन की गई , हा उन्हें ये तो समझ आ रहा था की गांव में पुत्र पैदा होना बंद हो चूका है , और औरते भी खोयी खोई सी रहती है , तब तुम्हारी अम्मा की नयी नयी शादी हुई थी ,और तुम्हारे फूफा जी बीमार रहने लगे थे , उस तांत्रिक को फिर से ढूंढा गया , ओरतो का एक झुण्ड उनसे मिलने गया और माफ़ी मांगी जिसमे तुम्हारी अम्मा और उनकी सास भी थी तांत्रिक भी थोडा नर्म पड़ा और उसने सुझाया की ये श्राप ख़त्म हो जायेगा जब कोई किसी शैतान की पूजा करने वाले तांत्रिक के मंत्रो से अभिमंत्रित किसी वस्तु के संपर्क में जायेगा , और वो वस्तु उसे लायक समझेगी ,और वो व्यक्ति उस वस्तु को जागृत कर दे तो उससे सम्भोग करने से हर स्त्री की तृप्ति भी होगी और पुत्र धन भी प्राप्त होगा …मजेदार बात ये थी किसी को कुछ समझ नहीं आया की वस्तु क्या होगी और कौन उसे जागृत करेगा और कैसे करेगा … तांत्रिक ने इतना ही कहा था की सब वक्त के साथ पता चल जायेगा … अब अच्छी और बुरी दोनों बाते ये है की तुम ही वो व्यक्ति हो जिसने ये सब किया है , तुमने उस पत्थर को जागृत भी कर दिया और उस पत्थर ने तुम्हे ही चुना है , ये बात किसी को पता तो नहीं लेकिन आभास सभी को हो चूका है …”
मैं अब और भी बुरी तरह से कंफ्यूज हो चूका था .. और एक सवाल मेरे जेहन में गूंजा
“आखिर ये सब आपको कैसे पता ..???”
डॉ मुस्कुराया
“उन ओरतो को तांत्रिक से मिलाने वाला व्यक्ति मैं ही था , बादलपुर के तांत्रिक की रूह को मुक्त करने के बाद मैं ही इस गाँव में उस पत्थर को ठिकाने लगाने आया था , उसी दौरान मेरी मुलाकात यंहा की ठकुराइन से हुई , मेरे बारे में जानकार उन्होंने मुझसे सभी बाते कही और मैंने उस तांत्रिक को खोज निकाला , तांत्रिक से मिलने के बाद सभी इसी पसोपेश में थे की आखिर वो वस्तु क्या होगी , और वो शैतान की पूजा करने वाले किसी तांत्रिक को कहा ढूंढें , इसका हल भी मैंने ही उन्हें दिया था क्योकि वैसा तांत्रिक खोज पाना लगभग असम्भव था , अगर कोई ऐसा करे भी तो वो दुनिया के सामने नहीं आता , लेकिन ऐसे एक तांत्रिक की एक वस्तु तुम्हारे गांव के बाहर मैंने ही रखवाई थी , वो चबूतरे जैसा पत्थर जिसके नीचे सालो तक एक दुष्ट तंत्रीक की आत्मा कैद में थी , उसमे शक्तिया तो अभी तक थी लेकिन उसे जागृत वैसे ही किया जा सकता था जैसे बादलपुर में किया गया था , उसके उपर अगर कोई सम्भोग करे … लेकिन उसकी शक्तियों का पूर्ण जागरण तभी हो पाता जब वो अनजाने में किया जाता , दूसरा की सम्भोग करने वाले के मन में वो पाप का भाव भी होता”
मुझे ये कुछ समझ नहीं आया
“मतलब कैसे सम्भोग के दौरान पाप का भाव आएगा और अगर आएगा तो वो सम्भोग ही कैसे कर पाएंगे “
डॉ फिर मुस्कुराया
“यही तो मुश्किल थी जिसके कारन इतना समय लग गया वरना अंकित ने तो ना जाने कितने बार वंहा सम्भोग किया , उससे पत्थर जाग्रत तो हुआ जिसके कारन अंकित को वंहा बहुत मजा आता था लेकिन पूर्ण जागरण नहीं हो पाया , ना ही उस पत्थर ने अंकित को उस काबिल समझा, क्योकि वो हवस से भरे हुए मन से लडकियों को वंहा लाता था , ना उनके बीच कोई खून का सम्बन्ध होता ना ही कोई घनिष्ट सम्बन्ध जिसमे प्रेम हो ना की हवस , तो पाप का बोध कैसे होगा …? लेकिन तुम्हारे और अन्नू के बीच ये था , प्रेम का घनिष्ट सम्बन्ध और एक दुसरे से जिस्मानी ताल्लुक रखने के सोच से ही ग्लानी का भाव , मतलब तुम दोनों ही इसे पाप समझते हो , तुम पत्थर के संपर्क में आये और पत्थर ने ये चीज समझ ली थी की तुम्हारे मन में प्रेम है ना की वासना , और उसने तुम्हे चुन लिया की तुम पाप करो और उसे उसकी पूर्ण शक्तियों में जागृत कर दो ..
ऐसा नहीं था की तुमसे पहले और लोगो वंहा नही आये , जब मैंने उस पत्थर और उसके नियमो के बारे में ठकुराइन को बताया था तब ही उस जगह को आने जाने के लायक बना दिया गया था , जरुरी ये था की सब को इस बारे में पता ना चले , क्योकि जो भी होना था वो अनजाने में होना जरुरी था , जानबूझ कर करने से तो पत्थर जागृत ही नहीं होता …..”
मैं डॉ की बातो पर भरोसा तो करना चाहता था लेकिन ये बिलकुल ही काल्पनिक लग रही थी , मैंने अपना तर्क दिया
“अगर ऐसी बात थी तो मैंने तो उस पत्थर में कुछ नहीं किया और वो सपना जो मुझे और अन्नू को आया वो क्या था …??”
डॉ ने गह्ररी साँस ली और बोलने लगा
“तुम कई बार उस पत्थर के संपर्क में आये थे , पत्थर ने तुम्हे चुन लिया था और तुम्हारे दिमाग को काबू करने लगी थी , दिक्कत ये थी की तुम यंहा रहते ही नही हो और ना ही तुम्हारी उम्र ही परिपक्व थी , लेकिन इस बार जब तुम आये तो तुम्हारे साथ अन्नू भी थी और तू उम्र के उस दौर में पहुच चुके थे जन्हा मन का बहकना बहुत ही आसन होता है , भावनाओ का वेग अपने चरम पर होता है , दूसरा की चांदनी रात भी थी , पत्थर ने तुम्हे आकर्षित किया , तुम्हारी नींद खुल गई और तुम बेचैन हो गए, तब तुम अन्नू के पास पहुचे , तुमने उसे कई बार उस जगह के बारे में बताया था , उस झील की सुन्दरता का वर्णन किया था , आज चांदनी रात में तुम्हे वंहा जाने की तीव्र इच्छा हुई वो भी अन्नू को लेकर , तुम उसे भी उस खुबसूरत नज़ारे को दिखाना चाहते थे .. अन्नू भी वंहा जाने को राजी हो गई , अगर ना जाती तो कुछ होता ही नहीं , लेकिन शायद किस्मत को यही मंजूर था , अन्नू किसी आकर्षण में नही थी लेकिन वो तुम्हारे विश्वास में थी , तुमपर उसे खुद से ज्यादा भरोसा था , वो तुम्हारे साथ चल दी , वंहा जाते तक तुम भी नार्मल ही थे , लेकिन जैसे ही तुम उस पत्थर के पास पहुचे तुमने अपना आपा खो दिया , पत्थर ने तुम दोनों को ही अपने वश में कर लिया था , वो जागृत होने को बेचैन थी उसने तुम दोनों के अंदर की हवस की आग को इतना भड़का दिया की तुम दोनों दुनिया भूल कर वो कर बैठे जो तुम्हे नहीं करना था , तुमने उस पत्थर को जागृत कर दिया और उसकी शक्ति तुम्हारे अंदर समां गई ….”
डॉ ये बोलकर खामोश हो गए और मैं अवाक … कुछ देर तक मैं उन्हें एकटक देखता रहा फिर जैसे मुझे होश आया हो ..
“नहीं ये सब फिजूल की बाते है , मैं ऐसा नहीं कर सकता वो भी अन्नू के साथ … नहीं ये नहीं हो सकता .. और अन्नू ने सम्मोहन में सब कुछ बताया था लेकिन पत्थर में पहुचने के बाद की बाते तो उसने भी नहीं बताई थी , फिर आप इस निष्कर्स में कैसे पहुच सकते है की हमारे बीच …. नहीं आप झूठ बोल रहे है ..”
“पत्थर में लेटने के बाद की घटना सम्मोहन से इसलिए पता नहीं चली क्योकि तब तुम दोनों ही पत्थर के वश में थे , इसलिए उस रात क्या हुआ तुम दोनों के चेतन मन को नहीं पता , तुम दोनों को बस इतना याद रहा की तुम दोनों सोने गए थे , जब उठे तब तुम थके हुए थे लेकिन रातं में तुमने क्या किया ये तुम्हारे चेतन दिमाग से मिट चूका था,लेकिन तुम्हारा अचेतन मन हर चीज को जानता है , सम्मोहन से अन्नू के अवचेतन ने वो बाते याद कर ली लेकिन पत्थर में लिटाये जाने के बाद से उसका मन उसका ना रहा था …तुम दोनों को वो सपने भी इसीलिए आये क्योकि तुम्हारे अवचेतन मन ने तुम्हे एक संकेत दिया की तुम्हारे साथ कुछ बुरा हुआ है , अवचेतन मन की शक्तियों का पता तो अभी विज्ञान भी नहीं लगा पाया है ,इसे ही काबू में कर लोग सिद्ध हो जाते है ,ये बहुत पॉवरफुल है ,इतना कि उन चीजों को भी जान ले जो जिसका हमसे कोई वास्ता नही ,अवचेतन मन की एक और विशेषता है कि वो तर्क नही करता चीजो को सीधे समझता है ,इसका प्रयोग साधक अपनी साधना में करते है और मनोविज्ञान में इसी खासियत का प्रयोग करके आत्मसमोहन द्वारा लोगो की पुरानी से पुरानी आदतों को बदला जाता है,जिस संकल्प और सम्मोहन की हम बात करते है सब अवचेतन से ही संभव हो पाता है,,यही सपने दिखता है कभी भूत का कभी वर्तमान का तो कभी भविष्य का भी ,इसने ही वो सपने बनाये थे ,समझ लो तुम्हारे मन ने तुम्हे आगाह किया था और शायद तुम्हारी जिम्मेदारी के बारे में संकेत किया था …"
डॉ की बात सुनकर मैं झल्ला गया था
"मेरी कोई जिम्मेदारी नही है " मैंने झल्लाते हुए कहा
डॉ हँसने लगा
"चाहो या ना चाहो अब ये तुम्हारी जिम्मेदारी है ,हो सके तो इसे खुश होकर निभाओ …"
डॉ की बात सुनकर मुझे सपने में देखी बात याद आ गयी उसमे भी औरतों ने मुझे पकड़ कर यही कहा था ,चाहो या न चाहो करना तो पड़ेगा …
मै अपना माथा पकड़ कर बैठ गया ,पता नही मेरा भविष्य क्या होने वाला था ,उस पत्थर ने मुझे क्यों चुना ,अंकित को चुन लेता तो वो मजे से ये सब करता
“मन से द्वन्द हटाओ निशांत अपनी किस्मत को स्वीकार करो , इसे खुशनशिबी बनाओ ना की बदनाशीबी “
डॉ ने फिर से कहा था , मेरे आँखों में आंसू गए थे , ये किस्मत मेरे साथ ऐसे खेल क्यों खेल रही थी
“मैंने अन्नू के साथ जो किया … मैं खुद को कभी माफ़ नहीं कर पाउँगा डॉ “
मैंने अपना चहरा निचे कर लिया था , डॉ ने मेरे बालो को सहलाया
“जो बिता गया उसे भूल जाओ , अब अन्नू के साथ तुम्हारा रिश्ता केवल दोस्ती का नहीं हो सकता , तुम दोनों को अब जानकर एक होना होगा ..”
मैंने डॉ को देखा
“मैं यंहा से भाग जाऊंगा “
मैंने उठते हुए कहा , लेकिन डॉ ने बड़े ही प्यार से मुझे फिर से बिठा दिया
“गलती से भी ये गलती मत करना , तुम अब गांव छोड़कर नहीं जा सकते , अगर बाहर गए तो हवास की आंधी में डूबकर ना जाने क्या कर जाओ , तुम्हे होश तब तक है जब तक तुम उन लोगो के बीच हो जो खुद इस श्राप का शिकार है , इनके बीच रहो जीवन के मजे करो , बाहर जाओगे तो पता नहीं किस लड़की के उपर चढ़ जाओ और रेप केस में अंदर कर दिए जाओगे … गांव की सभी बहुए श्राप से जूझ रही है , उन्हें संतुष्ट करो , उनके जीवन में खुशिया लाओ , अरे यार अब इतने भी स्वार्थी क्यों बन रहे हो , तुम्हे नैतिकता की पड़ी है और यंहा सभी नैतिकता की माँ चुदी पड़ी है ,उन ओरतो के बारे में सोचा है कभी जो सालो से तुम्हारा ही इन्तजार कर रही थी और अब तुम भागने की बात कर रहे हो … अभी अपनी अम्मा के बारे में सोचा है “
मैं अम्मा का जिक्र आते ही चौक पड़ा , मेरे पुरे शरीर में जैसे करेंट दौड़ गया हो
“नहीं ये पाप मुझसे नहीं होगा , इससे अच्छा तो मैं मर ही जाऊ “
डॉ ने मुझे शांत किया
“अभी अम्मा को छोड़ो लेकिन उस दर्द को महसूस करो जो वो भुगत रही है , अच्छा एक काम करो खुद से कुछ मत करो लेकिन जो होता है उसे रोको भी मत .. ये तो कर सकते हो ??”
मै कुछ देर सोच में पड़ा रहा और फिर हां में सर हिला दिया
“मैं अन्नू को गांव से भेज देता हु “
मैं अपनी किस्मत को भुगतने को तैयार था लेकिन अन्नू को यंहा रखना मतलब उसकी जिंदगी बेकार करना था ,
“अभी नहीं जब वक्त आएगा तो वो भी चली जाएगी , अभी उसे अपने साथ ही रखो उसका ख्याल रखो , जब तुम्हारी ये हालत है सोचो की उसकी क्या होगी , वो तुम्हे पाने को बेताब है उसकी बेताबी बुझाओ .. “
मैं फिर से सकते में आ गया था , डॉ ने अपना सर खुजलाया
“अरे भाई कुछ मत कर तू , बस जो होगा उसे होने देना .. साला पत्थर ने भी किस चुतिये को चुन लिया , मुझे चुन लेटा तो गांव में नंगा घूम रहा होता अभी …अब जा “
डॉ गुस्से में बोला , मैंने उनके सामने हाथ जोड़ लिए
“आप वादा करो की मुझे इस श्राप से मुक्ति दिलाओगे …”
“श्राप तुझे नहीं लगा है … तुझे तो एक शक्ति मिली है , लेकिन तू साले चुतिया है , अब दो मिनट भी और मेरे सामने रहा तो यही चप्पल उठा कर मरूँगा , भाग यहाँ से … समय आने पर मैं तुझसे मिलने आऊंगा , तू मुह उठा कर यंहा मत आ जाना “
डॉ का गुस्सा देख मुझे अजीब जरुर लगा , इतने देर से जो आदमी इतने प्यार से मुझे समझा रहा था वो अचानक ही गुस्से में आ गया था , लेकिन उन्होंने मेरे लिए जो किया था वो भी काफी था , उन्होंने मेरी दुविधा दूर कर दी थी , अब आगे क्या होगा ये तो मुझे नहीं पता था लेकिन जो भी होगा मैं तैयार था ….
अब सबसे पहले मुझे अन्नू का सामना करना था ….
Nice and beautiful update....
 

ASR

I don't just read books, wanna to climb & live in
Divine
564
3,767
123
Chutiyadr डाक्टर साहेब - आप की लेखनी में एक अलग ही रंग है, तांत्रिक मात्रिक काला जादू सब कुछ अविश्वसनीय होते हुए भी पाठकों को बांधे रखते हैं, अच्छी शुरूआत है, देखे अब ठाकुर क्या क्या गुल खिलाता है 😍
 

Ouseph

New Member
92
437
53
शानदार, रहस्यमई और रोमांचक एवं दिल की धड़कनों की रफ्तार को बढ़ा देने वाला अपडेट। आने वाले समय में इस रहस्यमई श्राप में और से जुड़े और कितने रहस्य खुलेंगे, उनके बारे में केवल अंदाजा ही लगाया जा सकता है।

ऐसे रोमांचक अपडेट के लिए धन्यवाद
 
Top