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Adultery भाभियों का रहस्य

Aakash.

ᴇᴍʙʀᴀᴄᴇ ᴛʜᴇ ꜰᴇᴀʀ
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Bilkul sahi kaha aapne jab man me hawas ki bhaavna khatm ho jaati hai tab hi pyaar ki bhaavna ka janm hota hai, jabtak shaktiya kuvar par haavi thi tab tak use ehsaas nahi hua or ab ho raha hai. Maa bete ka pyaar to adbhut hi hota hai iske baare me jitna bhi kahe hum kam hi hai fir chahe wo dil se juda ho ya jism se pyaar to pyaar hota hai. Itne karm kaand karne ke baad nishant kaisa bhola ban raha hai :buttkick: are use bhi pata hai or hum bhi samjh gaye hai aage kya hone waala hai :D
 

Darkk Soul

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अध्याय 33

जीवन की लीला अजीब है , अगर कोई कहे की आपके पास दुनिया भर की सुख सुविधाए हो , ताकत हो पैसा हो , एक प्यारा परिवार हो , एक बहुत प्यार करने वाली लड़की हो , एक गर्लफ्रेंड हो और उसके साथ आप रोज जितने चाहे उतनी नयी लडकियो के साथ सम्भोग का सुख उठा सकते हो तो कैसा रहेगा …
शायद कोई सोचेगा की ये तो जन्नत वाली जिंदगी है …
लेकिन क्या सच में ???
मेरी जिंदगी कुछ ऐसी ही चल रही थी और मैं इससे बेहद ही बोर हो गया था, लग रहा था जैसे जीवन का कोई मकसद ही नही बचा हो , रोज सुबह मैं उठता कोकू और अन्नू का प्यार मेरे लिए हमेशा से रहा , मुझे तैयार होकर सुबह एक दोपहर एक ,शाम एक और फिर रात में दो ओरतो से सम्भोग करना होता , कुल 5 महिलाओ से सम्भोग रोज का काम हो गया था , उस जादुई शक्ति का असर था की इसके बाद भी मेरे अंदर कोई कमजोरी नहीं आती बल्कि मैं खुद को और भी ज्यादा ताकतवर महसूस करने लगा था , 6 महीने हो गए थे , गांव की अधिकतर महिलाये अब प्रेग्नेंट थी , मेरा काम हो चूका था , चुदैल चुड़ैल बनने के बाद से अम्मा गुंजन और रामिका का जीवन भी सामान्य हो गया था , ना मैंने कभी उन्हें अपना गुलाम बनाने की कोशिस की ना ही उन्होंने कभी मुझसे कुछ कहा …
जीवन में सब कुछ था लेकिन जीवन नीरस हो गया था , और सबसे बड़ी बात थी मेरे अंदर का हवस, दिन रात बस सेक्स और सेक्स करना और उसी के बारे में सोचना मुझे अंदर से कमजोर कर रहा था , शारीरिक रूप से तो नहीं लेकिन मानसिक रूप से मैं खुद को बीमार महसूस कर रहा था ..
सामान्य जीवन की इतनी आश मुझे कभी नहीं रही , मैं हमेशा सोचता की अगर मैं एक सामान्य जीवन जी रहा होता तो क्या होता ,
आज वो तारीख थी जब मैं लिस्ट में शामिल आखरी महिला से सम्भोग कर उसे गर्भवती करने वाला था , जिस जिम्मेदारी के लिए ये शक्तिया मिली थी वो अब ख़त्म हो गयी थी …
रात का समय था और अब लिस्ट पूरी ख़त्म हो चुकी थी , मुझे ऐसा लगा जैसे एक बोझ मेरे सर से उतर गया हो , मैं आराम से अपने कमरे में था और साथ कोकू और अन्नू थे , हम तीनो से नग्न बिस्तर में लेटे हुए थे अभी अभी मैंने दोनों के साथ जमकर सम्भोग किया था , उनके साथ सम्भोग का मौका मुझे बहुत दिनों के बाद मिला था क्योकि मैं अभी लिस्ट को पूरा करने में ही पूरी ताकत लगा रहा था …
“कुवर आज तो मजा ही आ गया “
अन्नू थककर मेरे सीने में सोई थी वही दूसरी ओर कोकू भी , कोकू के चहरे में भी तृप्ति के भाव थे …
“अन्नू अब बहुत हुआ , मैं इन शक्तियों से आजाद होना चाहता हु , मेरी जिम्म्मेदारी अब ख़त्म हुई मैं अब मैं एक सामान्य इंसानों जैसा जीवन जीना चाहता हु , तुम्हे प्यार करना चाहता हु वो भी बिना किसी शक्ति का उपयोग किये , तुमसे शादी करना चाहता हु अपने बच्चो के साथ खेलना चाहता हु , आखिर मेरे बच्चो को मैं क्या सिखाऊंगा …. “
कोकू ने मेरे बालो में हाथ फेरा
“कुवर ये ताकत आपके लिए वरदान है , इनके बिना आप खुद को बहुत ही कमजोर पाएंगे “
मैं कोकू को देखकर मुस्कुराया
“मैं पहले भी वैसा ही था , और आदते छुट जाती है , आज मेरे पास ताकत है लेकिन मैं इससे परेशान हो चूका हु , जब तक मैं 2-३ महिलाओ के साथ सम्भोग ना करू मुझे तृप्ति नहीं मिलती , अब तो लिस्ट भी ख़त्म हो चुकी है “
कोकू हँसी
“आप भूलो मत की आपकी ३ चुड़ैले है और मुझे मिलाकर 4 और हम चुड़ैल किसी सामान्य महिला से ज्यादा सम्भोग का सुख आपको दे सकते है , आपको पूरा संतुष्ट करने के लिए एक ही चुड़ैल काफी है और आपके पास तो 4 है “
कोकू की बात सुनकर मैं मुस्कुराया
“यही तो मुझे नहीं चाहिए , जिस्म के हवस के लिए जीना भी कोई जीना है , इसका आखिर क्या मतलब होगा , मुझे जिस्मानी सुख मिल जायेगा लेकिन क्या यही जीवन है ???
नही कोकू ये जीवन नही है , लिंग की तृप्ति के लिए ही जीवन जीना निरर्थक है , मुझे अपनी वासना से मुक्त होना है , मुझे प्रेम से भरकर जीवन जीना है ना की केवल अपनी हवास की पूर्ति के लिए , क्या जीवन भर मैं सम्भोग ही करता रहूँगा , आखिर मेरे जीवन का अर्थ ही क्या रह जायेगा …
अभी तक मैं ये करता रहा क्योकि इसका कोई अर्थ था , बहुत महिलाओ की प्यासी गर्भ को मुझे भरना था , किसी की ख़ुशी इसमें जुडी हुई थी लेकिन अब … अब नहीं मुझे एक सामान्य जीवन जीना है बस “
कोकू और अन्नू दोनों ही मुझे बिना कुछ बोले ही देखती रही , अचानक अन्नू ने मेरे गालो में एक जोरदार किस कर लिया
“आई ऍम प्राउड ऑफ़ यू मेरे निक्कू , शायद ही कोई मर्द हो जो ऐसी ताकत को छोड़ना चाहे जिसमे जीवन भर मजे हो , इतनी ताकत हो की कोई आँखे उठाकर भी नहीं देख सकता , मुझे और किसी का नहीं पता लेकिन मैं तुम्हारे साथ हु , और मैं मानती हु की त्तुम्हारा हक़ बनता है इस चीज पर , तुम्हारा हक़ है की तुम एक सामान्य जीवन जियो , तुम्हारा हक़ है की तुम खुश रहो “
अन्नू की बात मेरे लिए दिल को सुकून पहुचाने वाली थी , मैं बड़े ही प्यार से उसे मुस्कुराते हुए देखता रहा …
तभी कोकू बोल उठी
“लेकिन कैसे ?? आखिर कैसे तुम अपनी शक्तियों को छोड़ पाओगे ???”
मैंने एक गहरी साँस ली
“मुझे नहीं पता की ये कैसे होगा लेकिन करना तो है ही “
“हम्म्म शायद डॉ कोई राह दिखाए ??”
अन्नू ने डॉ का नाम लिया था , वही इन्सान थे जिसने मुझे इसमें धकेला था शायद अब वही मुझे इस दलदल से बाहर निकाल सकते थे ……….
*********************
सुबह से तैयार होकर मैं अन्नू के साथ डॉ के पास पहुच गया
डॉ मेरी बात सुनकर गंभीर हो गए , पहले तो उन्होंने मुझे बहुत समझाया की ऐसा करना ठीक नहीं है , ये एक वरदान है लेकिन मैंने तो ठान ली थी
“कुवर बात को समझो यंहा भेडिये और वेम्पायर लोगो का खतरा मंडरा रहा है , ठाकुर और अब्दुल तुम्हारे जान के दुश्मन बने घूम रहे है और तुम शक्तियों को छोड़ने की बात कर रहे हो …अभी तो सब चुप बैठे है क्योकि उन्हें पता की तुमसे जितना नामुमकिन है लेकिन तुम्हारे शक्तियों को छोड़ते ही वो तुम्हारे उपर टूट पड़ेंगे “
डॉ की बात पर मैं महज मुस्कुराया
“भेडिये और वेम्पायर का मुझे कोई टेंशन नहीं है , आखिर वो लोग यंहा शांति से जी रहे है और उनका उत्पात मचाने का भी कोई इरादा नहीं है , उन्हें जो चाहिए वो उन्हें आसानी से मिल रहा है , तो वो हमारे लिए कोई खतरा नहीं है ,रही बात ठाकुर की तो उससे निपटने के लिए मुझे शैतानी शक्तियों की कोई जरुरत नहीं है , हमने पिछले दिनों में अपना बहुबल बढ़ा लिया है , राजनीती में भी हमारी पकड़ मजबूर हुई है , तो मुझे नहीं लगता की वो मेरे लिए कोई दिक्कत है .. मैं उससे बिना इन शक्तियों के भी लड़ सकता हु “
डॉ सोच में पड़ गया
“ठीक है मैं कुछ तरकीब सोचता हु , लेकिन तुम्हारे साथ और भी लोग जुड़े हुए है , तुम्हारी शक्तिया जाएगी तो समझो उनकी भी जाएगी “
“मतलब ?? “
“मतलब तुम्हारी चुदैल चुड़ैल , इतनी मेहनत से हमने उन्हें बनाया था और उनका कोई उपयोग भी नहीं हुआ , तुम्हारी शक्तियों के जाने से उनकी ताकते भी चली जाएँगी ,, लेकिन वो रहेंगी हमेशा चुदैल ही बस चुड़ैल नहीं रहेंगी , तो समझो उन्हें तो किसी मुस्टंडे की जरुरत पड़ेगी लेकिन तुम ना होगे … बड़ी नाइंसाफी है , और वो कभी तुम्हारी गुलाम नहीं बनेगी , तुम्हारी गुलामी से उन्हें आजादी भी मिल जाएगी , अभी तो वो तुम्हारी गुलाम है और इसलिए उनकी वासना भी दबी हुई है लेकिन तुम्हारे से आजाद होने के बाद उनकी वासना भड़केगी “
मैं कुछ देर तक सोच में पड़ा रहा
“कोई बात नहीं मुझे किसी को गुलाम रखना भी नहीं है , मैं भी आजाद होना चाहता हु और साथ में सभी आजाद रहे यही कामना करता हु “
डॉ ने सर हिला दिया
“ऐसी बात है तो फिर ठीक है , मैं चमन से बात करके कोई रास्ता निकालता हु “
*********************************
एक सप्ताह के बाद डॉ का फोन आया
“खुशखबरी है रास्ता मिल गया , क्या तुम अब भी इन ताकतों को छोड़ना चाहते हो ?? मैं फिर से कह रहा हु ये वरदान है “
मैंने डॉ को सहमती दे दी की मुझे ताकतों को हर हाल में छोड़ना है , डॉ ने मुझे उसी झरने के पास में बुला लिया जन्हा से इसकी शुरुवात हुई थी …
ये मेरे जीवन का एक अहम् फैसला होने वाला था मैं इतनी ताकतों का आदि हो चूका था अब इनसे आजाद होना मेरे लिए कोई आसन बात नहीं थी , लेकिन मुझे ये करना ही था ..
कोकू और अन्नू मेरे साथ थे , ये बात मैंने अम्मा को भी बताई वो भी मेरे साथ खड़ी थी , अंकित भी मेरे साथ था और उसने भी मुझे होसला दिलाया की सब ठीक होगा …
मेरा प्यार मेरा परिवार और मेरे दोस्त मेरे साथ थे , मुझे अब दुनिया की क्या ही फिक्र थी …
चांदनी रात में मैं अन्नू, कोकू और अंकित झरने के पास पहुचे , वंहा पहले से ही डॉ और चमन चुतिया मौजूद थे ..
डॉ ने मुझे आखरी बार समझाया , मैं अपने फैसले में अडिग था , डॉ ने मन मारकर प्रोसेस शुरू किया
उन्होंने मुझे उस पत्थर में नग्न लेटने को कहा ..
“इस पत्थर से ही तुम्हे शैतानी ताकते मिली थी और अब फिर से ये ताकते इस पत्थर में चली जाएँगी “
चमन बोल उठा , उसने बाकि सभी को वंहा से दूर जाने को कह दिया , और फिर मंत्रो का उच्चारण शुरू किया गया , चमन मेरे पास आया और उसने चाकू से मेरे गले में एक छोटा सा घाव किया , मेरे रक्त को लेकर वो पत्थर में चढाने लगा …
और उसके बाद उसने मेरे उपर कुछ डाला
मुझे नशा सा होने लगा था , मेरी आँखे बंद होने लगी तभी अचानक मुझे ऐसा लगा जैसे उस पत्थर ने मुझे जकड़ लिया है और मेरे अंदर की सारी उर्जा वो मुझसे चूस रहा है …
मैं दर्द और डर के मारे चिल्लाया लेकिन मेरे मुह से कोई भी आवाज नहीं आई ..
मेरा ये फैसला सही था या की गलत ??
मैं धीरे धीरे बेहोश होने लगा , शरीर जैसे शुन्य हो रहा था मेरी आँखे बंद होने लगी थी , और सब कुछ जैसे खोने लगा ……………

हालाँकि सिवाय चुदाई के वे शक्तियाँ निशांत के कुछ विशेष काम में नहीं आ रही थी; लेकिन यूँ इन शक्तियों को छोड़ देना भी कोई अक्लमंदी वाली बात बिल्कुल नहीं है. इन्हीं शक्तियों ने २-३ बार लगभग मौत के मुँह में पहुँच चुके निशांत को बचाया था.

कोकू और डॉक्टर की सहायता से निशांत इन शक्तियों के सदुपयोग व दुरूपयोग के बीच एक सामंजस्य बैठा सकता था... पर अब....

निशांत गलती से हीरो बन गया इस कहानी का... क्योंकि दिमागी रूप से कमाल का कन्फ्यूज्ड बन्दा है ये.


श्री कालीन भैया के शब्दों में.....

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Darkk Soul

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अध्याय 34

शरीर में जैसे ताकत ही ना हो , मैंने हलके से आँखे खोली तो खुद को अपने कमरे में लेटा हुआ पाया , सामने बैठी अम्मा मुझे मुस्कुरा कर देख रही ही , बाहर खिड़की से देखने पर मालूम हो रहा था की ये दोपहर का समय है ..
मैंने उठ कर बैठने की कोशिस की और अम्मा ने मुझे सहारा देते हुए बैठाया
“अब कैसे हो बेटे लो जूस पियो “
मैंने जूस का ग्लास थाम लिया , अम्मा के दमकते हुए चहरे में एक उदासी साफ़ दिखाई दे रही थी वही आँखों में आंसू और होठो में मुस्कराहट थी …
“क्या हुआ अम्मा मेरा फैसला आपको पसंद नहीं आया ?? आप इतनी उदास क्यों लग रही हो “
अम्मा हलके से मुस्कुराई
“तुम्हे ऐसा क्यों लगता है , नहीं मैं उदास नहीं हु बल्कि मुझे तो तुमपर फक्र है की तुमने ये फैसला लिया “
मैंने कुछ देर तक अम्मा को ही देखता रहा , मुझे यु घूरता हुआ देख कर वो थोड़ी असहज हुई
“क्या हुआ बेटे ऐसे क्यों देख रहे हो “
मैं मुस्कुराया
“देख रहा हु इस ममता की मूरत को जिसने अपने परिवार और गांव वालो के लिए इतने बलिदान किये और मैं …. शायद मेरे कृत्य के लिए मुझे नरक में भी जगह नहीं मिलेगी , मैंने आपके साथ जो किया … दुनिया के सामने आपकी इज्जत उछाली “
मैं ये सब सोचते हुए कब भावुक हो गया मुझे पता ही नहीं चला , ऐसा नहीं था की ये बाते मैंने पहले नहीं सोची थी लेकिन तब मैं हवस की ऐसी अंधी दौड़ में था की रिश्ते नाते और सामाजिक मर्यादा को हमेशा ही ताक में रखकर काम करता था ..
आज उस शक्ति के जाने के बाद मेरे अंदर की मानवीय संवेदनाये फिर से उठ खड़ी हुई थी …
अम्मा ने आगे बढ़कर मुझे अपने सीने से लगा लिया ….
मैं रो रहा था किसी बच्चे की तरह उनके सीने से लगा हुआ था वही वो मेरे बालो को सहला रही थी …
“अपने अंदर ये ग्लानी का भाव कभी मत आने देना निशांत , जो तुमने किया वो उस शक्ति के वसीभूत होकर किया , इसमें तुम्हारी कोई भी गलती नहीं है , और मैंने जो किया वो अपनी ममता के वसीभूत होकर किया मैं एक चुड़ैल बनने को राजी हो गई ताकि मेरे बेटे की शक्तियों को कोई और गलत इस्तमाल ना करे , और हां इस बात से मुझे कोई भी इनकार नहीं है की उन संभोगो को दौरान मुझे भी अपने जवानी का सुख मिला , मैंने भी उसका खूब आनंद उठाया और देखो हमारे सम्भोग का परिणाम “
उन्होंने मेरा हाथ अपने पेट में रख दिया ..
मैंने आश्चर्य से उन्हें देखा
“ये कब हुआ मुझे तो किसी ने बताया भी नहीं “
वो मुस्कुराई
“दो महीने पहले ही मुझे भी पता चला , इस गांव में अब जितने भी बच्चे होने वाले है तुम सबके पिता होगे , सामाजिक नहीं बल्कि जैविक पिता , मैं ये तो नहीं कह सकती की मेरे पेट में तुम्हारे प्यार की निशानी है , क्योकि जो भी हमारे बीच हुआ था वो प्यार नहीं था , लेकिन ये तुम्हारे बलिदान की निशानी है , तुम हमेशा से ऐसे थे , भावुक , प्रेम से भरे हुए किसी का बुरा न चाहने वाले , लेकिन तुमने गांव के हित के लिए खुद की मासूमियत को कुर्बान किया , मुझे तुमपर गर्व है और साथ ही इस बात पर भी मुझे बहुत ख़ुशी है की मेरे पेट में मेरे खुद के बेटे का बीज है जो की जल्दी ही फल में बदल जायेगा “
भावना के अतिरेक से मेरा शरीर कांपने लगा था , मैंने अम्मा को जोरो से जकड लिया , वो हँस पड़ी ..
“त्तुम अब भी बच्चे ही हो “ उन्होंने प्यार से मेरे माथे में चुम्मन किया
स्नेह और प्रेम की धार बह रही थी की मुझे डॉ की कही बात याद आई
“अम्मा क्या मेरे शक्ति छोड़ने के बाद से आपको कुछ अजीब लग रहा है “
“नहीं तो लेकिन क्यों ???”
मैंने डॉ की बात उन्हें बता दी की मेरे शक्ति छोड़ने से मेरी चुड़ैले भी आजाद हो जाएँगी लेकिन उनके अंदर वासना की तीव्र लहर मौजूद रहेगी ..
अम्मा मुस्कुराते हुए मेरे बालो को सहलाने लगी …
“हा वासना की लहर तो मेरे अंदर हिलोरे मरते ही रहती है , अब मैं आजाद भी हु ये बात भी मुझे समझ आने लगी है , लेकिन तू इसकी फिक्र मत करो महिलाये खुद को सम्हालना जानती है , जीवन भर तो सम्हाला है खुद को अब भी सम्हाल लुंगी “
बोलते हुए वो रुक गई फिर आँखों का पानी साफ करते हुए मुझे देखने लगी और बोली
“अगर ना सम्हाल पाई तो बस मुझे माफ़ कर देना ,हो सके तो मुझे खुद ही वो प्रेम दे देना ‘
इतना बोलकर वो उठने लगी मैंने उनका हाथ थाम लिया
“आप ऐसा क्यों बोल रही हो , मैं हु ना आपके साथ “
वो मुस्कुराई
“हा तू तो है ना मेरे साथ , अब तू आराम कर “
उन्होंने जाते हुए मुझसे कहा ………..
*******************
मेरे शक्ति को छोड़ने की बात जंगल में आग की तरह फ़ैल रही थी , मेरे दुश्मन सचेत हो गए थे ..
गुंजन और रामिका का हाल भी बुरा था , मेरे शक्ति को छोड़ते ही वो वासना की आग में जलने लगे थे , किसी तरह दोनों ने खुद को सम्हाल रखा था , गुंजन तो अभी अंकित के बच्चे को जन्म देने ही वाली थी इसलिए उसका बहकना तो मुश्किल था लेकिन रामिका …
वो बेचारी पागलो की तरह हालत में मेरे पास पहुची और आते ही उसने एक खींचकर जोरदार तमाचा मेरे गालो में मार दिया …
मैं अभी अभी उठकर बैठा था कमरे में कोकू और अन्नू भी मौजूद थे , शरीर में थोड़ी ताकत आई थी मैं चलने फिरने लगा था , रामिका के ऐसा करने से सभी थोड़े देर के लिए आश्चर्य में डूब गए थे
“कमीने तुम्हारी जान बचाई , तुम्हारे कारण अपने पिता और होने वाले पति से गद्दारी करके खुद के आत्मसम्मान को छोड़कर चुड़ैल बन गई लेकिन तुमने मेरे साथ क्या किया , खुद उस शक्ति को छोड़ दिया और मुझे यु बेचैनी से तड़फने के लिए छोड़ दिया , शक्ति को छोड़ दिया , अब मेरा क्या होगा ,मेरी ये बेचैनी कैसे दूर होगी “
वो रोते हुए मेरे गले से लग गई , मैं अब जानता था की वो मुझसे कितना प्यार करती है , मैं उसकी पीठ सहला रहा था …
“तुम्हे अब शादी कर लेनी चाहिए रामिका “
मेरी बात सुनकर वो गुस्से से मुझे देखने लगी
“अच्छा … ????? इस जिस्म को मैंने पहले ही तुम्हारे हवाले कर दिया था , अब तुम चाहते हो की मैं फिर से किसी और के साथ सो जाऊ , नहीं निशांत तुम्हारे लिए ये एक खेल हो सकता है लेकिन मेरे लिए नहीं , मेरे लिए ये प्रेम का समर्पण था और अब मैं पीछे नहीं हट सकती , तुम्हे ही … हा तुम्हे ही मुझे अपनाना होगा “
उसकी बात सुनकर मैं उसके लिए प्रेम से भर गया था , लेकिन मैं जानता था की जो वो बोल रही है वो होना मुश्किल है ….
मैं अभी उसे नहीं समझाना चाहता था इसलिए मैंने उससे कुछ भी नहीं कहा , और अन्नू को इशारा किया …
“त्तुम अभी थकी हुई लग रही हो आराम करो , कुछ दिन यही रहो हमारे साथ “
उसने मुझे घुर कर देखा और उठकर अन्नू के साथ चले गई ……….

हम्म.. तो अम्मा अब सच में ‘अम्मा’ बनने की राह पर चल दी. बढ़िया है. पर एक दिक्कत है. निशांत अगर पूरे गाँव के बच्चों का अकेला जैविक बाप बन जाएगा तो फिर एक दिन बड़े हो कर यही लोग अपने बाप “निशांत” की सम्पत्ति में अपना अधिकार माँगेगे. 😉


लास्ट वाला सीन, मतलब रामिका का निशांत को थप्पड़ मारना और फिर आगे जो हुआ... कुछ ज़्यादा ही मेलोड्रामा हो गया; जोकि यहाँ इस परिस्थिति में नहीं होना चाहिए.

रामिका का अगला कदम क्या होगा ये देखना ज़्यादा दिलचस्प होगा क्योंकि लड़की अगर किसी से प्यार करती है और अगर उसके साथ शारीरिक सम्बन्ध भी बना चुकी है तो फिर किसी और को अपना पति न बनाती है और न मानती है. (आज की स्पेशल जनरेशन को छोड़ कर देखा जाए, तो आमतौर पर यही होता है.)
 

Zoro x

🌹🌹
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अध्याय 34

शरीर में जैसे ताकत ही ना हो , मैंने हलके से आँखे खोली तो खुद को अपने कमरे में लेटा हुआ पाया , सामने बैठी अम्मा मुझे मुस्कुरा कर देख रही ही , बाहर खिड़की से देखने पर मालूम हो रहा था की ये दोपहर का समय है ..
मैंने उठ कर बैठने की कोशिस की और अम्मा ने मुझे सहारा देते हुए बैठाया
“अब कैसे हो बेटे लो जूस पियो “
मैंने जूस का ग्लास थाम लिया , अम्मा के दमकते हुए चहरे में एक उदासी साफ़ दिखाई दे रही थी वही आँखों में आंसू और होठो में मुस्कराहट थी …
“क्या हुआ अम्मा मेरा फैसला आपको पसंद नहीं आया ?? आप इतनी उदास क्यों लग रही हो “
अम्मा हलके से मुस्कुराई
“तुम्हे ऐसा क्यों लगता है , नहीं मैं उदास नहीं हु बल्कि मुझे तो तुमपर फक्र है की तुमने ये फैसला लिया “
मैंने कुछ देर तक अम्मा को ही देखता रहा , मुझे यु घूरता हुआ देख कर वो थोड़ी असहज हुई
“क्या हुआ बेटे ऐसे क्यों देख रहे हो “
मैं मुस्कुराया
“देख रहा हु इस ममता की मूरत को जिसने अपने परिवार और गांव वालो के लिए इतने बलिदान किये और मैं …. शायद मेरे कृत्य के लिए मुझे नरक में भी जगह नहीं मिलेगी , मैंने आपके साथ जो किया … दुनिया के सामने आपकी इज्जत उछाली “
मैं ये सब सोचते हुए कब भावुक हो गया मुझे पता ही नहीं चला , ऐसा नहीं था की ये बाते मैंने पहले नहीं सोची थी लेकिन तब मैं हवस की ऐसी अंधी दौड़ में था की रिश्ते नाते और सामाजिक मर्यादा को हमेशा ही ताक में रखकर काम करता था ..
आज उस शक्ति के जाने के बाद मेरे अंदर की मानवीय संवेदनाये फिर से उठ खड़ी हुई थी …
अम्मा ने आगे बढ़कर मुझे अपने सीने से लगा लिया ….
मैं रो रहा था किसी बच्चे की तरह उनके सीने से लगा हुआ था वही वो मेरे बालो को सहला रही थी …
“अपने अंदर ये ग्लानी का भाव कभी मत आने देना निशांत , जो तुमने किया वो उस शक्ति के वसीभूत होकर किया , इसमें तुम्हारी कोई भी गलती नहीं है , और मैंने जो किया वो अपनी ममता के वसीभूत होकर किया मैं एक चुड़ैल बनने को राजी हो गई ताकि मेरे बेटे की शक्तियों को कोई और गलत इस्तमाल ना करे , और हां इस बात से मुझे कोई भी इनकार नहीं है की उन संभोगो को दौरान मुझे भी अपने जवानी का सुख मिला , मैंने भी उसका खूब आनंद उठाया और देखो हमारे सम्भोग का परिणाम “
उन्होंने मेरा हाथ अपने पेट में रख दिया ..
मैंने आश्चर्य से उन्हें देखा
“ये कब हुआ मुझे तो किसी ने बताया भी नहीं “
वो मुस्कुराई
“दो महीने पहले ही मुझे भी पता चला , इस गांव में अब जितने भी बच्चे होने वाले है तुम सबके पिता होगे , सामाजिक नहीं बल्कि जैविक पिता , मैं ये तो नहीं कह सकती की मेरे पेट में तुम्हारे प्यार की निशानी है , क्योकि जो भी हमारे बीच हुआ था वो प्यार नहीं था , लेकिन ये तुम्हारे बलिदान की निशानी है , तुम हमेशा से ऐसे थे , भावुक , प्रेम से भरे हुए किसी का बुरा न चाहने वाले , लेकिन तुमने गांव के हित के लिए खुद की मासूमियत को कुर्बान किया , मुझे तुमपर गर्व है और साथ ही इस बात पर भी मुझे बहुत ख़ुशी है की मेरे पेट में मेरे खुद के बेटे का बीज है जो की जल्दी ही फल में बदल जायेगा “
भावना के अतिरेक से मेरा शरीर कांपने लगा था , मैंने अम्मा को जोरो से जकड लिया , वो हँस पड़ी ..
“त्तुम अब भी बच्चे ही हो “ उन्होंने प्यार से मेरे माथे में चुम्मन किया
स्नेह और प्रेम की धार बह रही थी की मुझे डॉ की कही बात याद आई
“अम्मा क्या मेरे शक्ति छोड़ने के बाद से आपको कुछ अजीब लग रहा है “
“नहीं तो लेकिन क्यों ???”
मैंने डॉ की बात उन्हें बता दी की मेरे शक्ति छोड़ने से मेरी चुड़ैले भी आजाद हो जाएँगी लेकिन उनके अंदर वासना की तीव्र लहर मौजूद रहेगी ..
अम्मा मुस्कुराते हुए मेरे बालो को सहलाने लगी …
“हा वासना की लहर तो मेरे अंदर हिलोरे मरते ही रहती है , अब मैं आजाद भी हु ये बात भी मुझे समझ आने लगी है , लेकिन तू इसकी फिक्र मत करो महिलाये खुद को सम्हालना जानती है , जीवन भर तो सम्हाला है खुद को अब भी सम्हाल लुंगी “
बोलते हुए वो रुक गई फिर आँखों का पानी साफ करते हुए मुझे देखने लगी और बोली
“अगर ना सम्हाल पाई तो बस मुझे माफ़ कर देना ,हो सके तो मुझे खुद ही वो प्रेम दे देना ‘
इतना बोलकर वो उठने लगी मैंने उनका हाथ थाम लिया
“आप ऐसा क्यों बोल रही हो , मैं हु ना आपके साथ “
वो मुस्कुराई
“हा तू तो है ना मेरे साथ , अब तू आराम कर “
उन्होंने जाते हुए मुझसे कहा ………..
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मेरे शक्ति को छोड़ने की बात जंगल में आग की तरह फ़ैल रही थी , मेरे दुश्मन सचेत हो गए थे ..
गुंजन और रामिका का हाल भी बुरा था , मेरे शक्ति को छोड़ते ही वो वासना की आग में जलने लगे थे , किसी तरह दोनों ने खुद को सम्हाल रखा था , गुंजन तो अभी अंकित के बच्चे को जन्म देने ही वाली थी इसलिए उसका बहकना तो मुश्किल था लेकिन रामिका …
वो बेचारी पागलो की तरह हालत में मेरे पास पहुची और आते ही उसने एक खींचकर जोरदार तमाचा मेरे गालो में मार दिया …
मैं अभी अभी उठकर बैठा था कमरे में कोकू और अन्नू भी मौजूद थे , शरीर में थोड़ी ताकत आई थी मैं चलने फिरने लगा था , रामिका के ऐसा करने से सभी थोड़े देर के लिए आश्चर्य में डूब गए थे
“कमीने तुम्हारी जान बचाई , तुम्हारे कारण अपने पिता और होने वाले पति से गद्दारी करके खुद के आत्मसम्मान को छोड़कर चुड़ैल बन गई लेकिन तुमने मेरे साथ क्या किया , खुद उस शक्ति को छोड़ दिया और मुझे यु बेचैनी से तड़फने के लिए छोड़ दिया , शक्ति को छोड़ दिया , अब मेरा क्या होगा ,मेरी ये बेचैनी कैसे दूर होगी “
वो रोते हुए मेरे गले से लग गई , मैं अब जानता था की वो मुझसे कितना प्यार करती है , मैं उसकी पीठ सहला रहा था …
“तुम्हे अब शादी कर लेनी चाहिए रामिका “
मेरी बात सुनकर वो गुस्से से मुझे देखने लगी
“अच्छा … ????? इस जिस्म को मैंने पहले ही तुम्हारे हवाले कर दिया था , अब तुम चाहते हो की मैं फिर से किसी और के साथ सो जाऊ , नहीं निशांत तुम्हारे लिए ये एक खेल हो सकता है लेकिन मेरे लिए नहीं , मेरे लिए ये प्रेम का समर्पण था और अब मैं पीछे नहीं हट सकती , तुम्हे ही … हा तुम्हे ही मुझे अपनाना होगा “
उसकी बात सुनकर मैं उसके लिए प्रेम से भर गया था , लेकिन मैं जानता था की जो वो बोल रही है वो होना मुश्किल है ….
मैं अभी उसे नहीं समझाना चाहता था इसलिए मैंने उससे कुछ भी नहीं कहा , और अन्नू को इशारा किया …
“त्तुम अभी थकी हुई लग रही हो आराम करो , कुछ दिन यही रहो हमारे साथ “
उसने मुझे घुर कर देखा और उठकर अन्नू के साथ चले गई ……….
बहुत ही शानदार लाजवाब अपडेट भाई
लेकिन सच में अब रामिका का क्या होगा भाई

वो तो कुंवर को बचाने के चक्कर में खुद हीं फंस गई
 

Ek number

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18,121
173
अध्याय 34

शरीर में जैसे ताकत ही ना हो , मैंने हलके से आँखे खोली तो खुद को अपने कमरे में लेटा हुआ पाया , सामने बैठी अम्मा मुझे मुस्कुरा कर देख रही ही , बाहर खिड़की से देखने पर मालूम हो रहा था की ये दोपहर का समय है ..
मैंने उठ कर बैठने की कोशिस की और अम्मा ने मुझे सहारा देते हुए बैठाया
“अब कैसे हो बेटे लो जूस पियो “
मैंने जूस का ग्लास थाम लिया , अम्मा के दमकते हुए चहरे में एक उदासी साफ़ दिखाई दे रही थी वही आँखों में आंसू और होठो में मुस्कराहट थी …
“क्या हुआ अम्मा मेरा फैसला आपको पसंद नहीं आया ?? आप इतनी उदास क्यों लग रही हो “
अम्मा हलके से मुस्कुराई
“तुम्हे ऐसा क्यों लगता है , नहीं मैं उदास नहीं हु बल्कि मुझे तो तुमपर फक्र है की तुमने ये फैसला लिया “
मैंने कुछ देर तक अम्मा को ही देखता रहा , मुझे यु घूरता हुआ देख कर वो थोड़ी असहज हुई
“क्या हुआ बेटे ऐसे क्यों देख रहे हो “
मैं मुस्कुराया
“देख रहा हु इस ममता की मूरत को जिसने अपने परिवार और गांव वालो के लिए इतने बलिदान किये और मैं …. शायद मेरे कृत्य के लिए मुझे नरक में भी जगह नहीं मिलेगी , मैंने आपके साथ जो किया … दुनिया के सामने आपकी इज्जत उछाली “
मैं ये सब सोचते हुए कब भावुक हो गया मुझे पता ही नहीं चला , ऐसा नहीं था की ये बाते मैंने पहले नहीं सोची थी लेकिन तब मैं हवस की ऐसी अंधी दौड़ में था की रिश्ते नाते और सामाजिक मर्यादा को हमेशा ही ताक में रखकर काम करता था ..
आज उस शक्ति के जाने के बाद मेरे अंदर की मानवीय संवेदनाये फिर से उठ खड़ी हुई थी …
अम्मा ने आगे बढ़कर मुझे अपने सीने से लगा लिया ….
मैं रो रहा था किसी बच्चे की तरह उनके सीने से लगा हुआ था वही वो मेरे बालो को सहला रही थी …
“अपने अंदर ये ग्लानी का भाव कभी मत आने देना निशांत , जो तुमने किया वो उस शक्ति के वसीभूत होकर किया , इसमें तुम्हारी कोई भी गलती नहीं है , और मैंने जो किया वो अपनी ममता के वसीभूत होकर किया मैं एक चुड़ैल बनने को राजी हो गई ताकि मेरे बेटे की शक्तियों को कोई और गलत इस्तमाल ना करे , और हां इस बात से मुझे कोई भी इनकार नहीं है की उन संभोगो को दौरान मुझे भी अपने जवानी का सुख मिला , मैंने भी उसका खूब आनंद उठाया और देखो हमारे सम्भोग का परिणाम “
उन्होंने मेरा हाथ अपने पेट में रख दिया ..
मैंने आश्चर्य से उन्हें देखा
“ये कब हुआ मुझे तो किसी ने बताया भी नहीं “
वो मुस्कुराई
“दो महीने पहले ही मुझे भी पता चला , इस गांव में अब जितने भी बच्चे होने वाले है तुम सबके पिता होगे , सामाजिक नहीं बल्कि जैविक पिता , मैं ये तो नहीं कह सकती की मेरे पेट में तुम्हारे प्यार की निशानी है , क्योकि जो भी हमारे बीच हुआ था वो प्यार नहीं था , लेकिन ये तुम्हारे बलिदान की निशानी है , तुम हमेशा से ऐसे थे , भावुक , प्रेम से भरे हुए किसी का बुरा न चाहने वाले , लेकिन तुमने गांव के हित के लिए खुद की मासूमियत को कुर्बान किया , मुझे तुमपर गर्व है और साथ ही इस बात पर भी मुझे बहुत ख़ुशी है की मेरे पेट में मेरे खुद के बेटे का बीज है जो की जल्दी ही फल में बदल जायेगा “
भावना के अतिरेक से मेरा शरीर कांपने लगा था , मैंने अम्मा को जोरो से जकड लिया , वो हँस पड़ी ..
“त्तुम अब भी बच्चे ही हो “ उन्होंने प्यार से मेरे माथे में चुम्मन किया
स्नेह और प्रेम की धार बह रही थी की मुझे डॉ की कही बात याद आई
“अम्मा क्या मेरे शक्ति छोड़ने के बाद से आपको कुछ अजीब लग रहा है “
“नहीं तो लेकिन क्यों ???”
मैंने डॉ की बात उन्हें बता दी की मेरे शक्ति छोड़ने से मेरी चुड़ैले भी आजाद हो जाएँगी लेकिन उनके अंदर वासना की तीव्र लहर मौजूद रहेगी ..
अम्मा मुस्कुराते हुए मेरे बालो को सहलाने लगी …
“हा वासना की लहर तो मेरे अंदर हिलोरे मरते ही रहती है , अब मैं आजाद भी हु ये बात भी मुझे समझ आने लगी है , लेकिन तू इसकी फिक्र मत करो महिलाये खुद को सम्हालना जानती है , जीवन भर तो सम्हाला है खुद को अब भी सम्हाल लुंगी “
बोलते हुए वो रुक गई फिर आँखों का पानी साफ करते हुए मुझे देखने लगी और बोली
“अगर ना सम्हाल पाई तो बस मुझे माफ़ कर देना ,हो सके तो मुझे खुद ही वो प्रेम दे देना ‘
इतना बोलकर वो उठने लगी मैंने उनका हाथ थाम लिया
“आप ऐसा क्यों बोल रही हो , मैं हु ना आपके साथ “
वो मुस्कुराई
“हा तू तो है ना मेरे साथ , अब तू आराम कर “
उन्होंने जाते हुए मुझसे कहा ………..
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मेरे शक्ति को छोड़ने की बात जंगल में आग की तरह फ़ैल रही थी , मेरे दुश्मन सचेत हो गए थे ..
गुंजन और रामिका का हाल भी बुरा था , मेरे शक्ति को छोड़ते ही वो वासना की आग में जलने लगे थे , किसी तरह दोनों ने खुद को सम्हाल रखा था , गुंजन तो अभी अंकित के बच्चे को जन्म देने ही वाली थी इसलिए उसका बहकना तो मुश्किल था लेकिन रामिका …
वो बेचारी पागलो की तरह हालत में मेरे पास पहुची और आते ही उसने एक खींचकर जोरदार तमाचा मेरे गालो में मार दिया …
मैं अभी अभी उठकर बैठा था कमरे में कोकू और अन्नू भी मौजूद थे , शरीर में थोड़ी ताकत आई थी मैं चलने फिरने लगा था , रामिका के ऐसा करने से सभी थोड़े देर के लिए आश्चर्य में डूब गए थे
“कमीने तुम्हारी जान बचाई , तुम्हारे कारण अपने पिता और होने वाले पति से गद्दारी करके खुद के आत्मसम्मान को छोड़कर चुड़ैल बन गई लेकिन तुमने मेरे साथ क्या किया , खुद उस शक्ति को छोड़ दिया और मुझे यु बेचैनी से तड़फने के लिए छोड़ दिया , शक्ति को छोड़ दिया , अब मेरा क्या होगा ,मेरी ये बेचैनी कैसे दूर होगी “
वो रोते हुए मेरे गले से लग गई , मैं अब जानता था की वो मुझसे कितना प्यार करती है , मैं उसकी पीठ सहला रहा था …
“तुम्हे अब शादी कर लेनी चाहिए रामिका “
मेरी बात सुनकर वो गुस्से से मुझे देखने लगी
“अच्छा … ????? इस जिस्म को मैंने पहले ही तुम्हारे हवाले कर दिया था , अब तुम चाहते हो की मैं फिर से किसी और के साथ सो जाऊ , नहीं निशांत तुम्हारे लिए ये एक खेल हो सकता है लेकिन मेरे लिए नहीं , मेरे लिए ये प्रेम का समर्पण था और अब मैं पीछे नहीं हट सकती , तुम्हे ही … हा तुम्हे ही मुझे अपनाना होगा “
उसकी बात सुनकर मैं उसके लिए प्रेम से भर गया था , लेकिन मैं जानता था की जो वो बोल रही है वो होना मुश्किल है ….
मैं अभी उसे नहीं समझाना चाहता था इसलिए मैंने उससे कुछ भी नहीं कहा , और अन्नू को इशारा किया …
“त्तुम अभी थकी हुई लग रही हो आराम करो , कुछ दिन यही रहो हमारे साथ “
उसने मुझे घुर कर देखा और उठकर अन्नू के साथ चले गई ……….
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