• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest भोलू और सुमित्रा देवी

Damdardost

New Member
48
136
34
नमस्कार दोस्तों पिछले भाग में आपने लोगों ने पढ़ा ही था किस तरह से भोलू अपनी सगी मां सुमित्रा देवी के बड़े-बड़े और कामुक कूल्हों को निहारता था और उसने पूजा वाली रात अपनी ही मां के बड़े और चौड़े नितंबों को पेटीकोट में ऊपर से ही अपना लिंग सटाकर महसूस कर लिया था इसलिए अब भोलू अपनी मां सुमित्रा देवी को घोड़ी बनाकर बड़े-बड़े नितंबों को चोदना चाहता था इसलिए भोलू रोजाना कुछ ना कुछ सोचता रहता था शायद अपनी वासना को पूरा करने के लिए कोई योजना बना रहा था कुछ दिनों से मैंने नोटिस किया की भोलू अपनी मम्मी सुमित्रा देवी से पिछले कुछ दिनों से बहुत ही ज्यादा आत्मीयता आदर व ख्याल रखने वाला व्यवहार कर रहा था भोलू के इस व्यवहार से उसके माता-पिता बहुत खुश थे भोलू के माता-पिता अब भोलू पर बहुत ही ज्यादा विश्वास करने लगे थे और साथ ही साथ भोलू भी निरंतर पढ़ाई में सही होता जा रहा था इसकी वजह से एवं मेरे कहने पर उसके पिताजी ने भोलू को स्मार्टफोन दिलवा दिया था मोबाइल आ जाने से गोलू का काम आसान हो गया था अब भोलू दिनभर अपनी योन वासना को शांत करने के लिए स्मार्टफोन पर अश्लील साहित्य और अश्लील फिल्में देखता था परंतु भोलू उम्मीदों से भी ज्यादा शातिर था अब भोलू स्मार्टफोन की मदद से अपनी मम्मी सुमित्रा देवी के बड़े-बड़े कूल्हों को नीचे झुका होने की स्थिति में यानी कि जब भी सुमित्रा देवी नीचे झुक कर घोड़ी बनी हुई कोई भी कार्य कर रही होती तो भोलू चुपचाप पीछे से स्मार्टफोन से वीडियो और फोटो ले लेता था और शायद रात को अकेले में अपनी ही मम्मी के कूल्हों को देखकर हस्तमैथुन करता था कुछ दिनों बाद भोलू के पिताजी का ट्रांसफर शहर की फैक्ट्री में हो गया इस वजह से भोलू और उसकी मां सुमित्रा देवी एवं किराएदार यानी कि मैं हम तीन लोग ही उस मकान में रहते थे और भोलू का काम आसान होने लगा था भोलू अपनी मां के साथ ही सोता था रात में गहरी नींद में सोते समय सुमित्रा देवी के कपड़े यानी कि पेटीकोट और साड़ी कभी-कभी जांघों से ऊपर हो जाते थे तो भोलू इस मौके का फायदा उठाने में माहिर था भोलू अपनी मम्मी सुमित्रा के बड़े-बड़े एवं चौड़े नंगे कूल्हों देखकर खूब प्रसन्न होता था और कामुकता और वासना के वशीभूत होकर उन्माद में अपना लिंग सटाकर आनंद लेने लगा था परंतु सुमित्रा देवी अभी भी अपने बेटे की इन हरकतों से अनजान थी और भोलू अपनी ही मां को चोदने का प्रयास कर रहा था
 

Damdardost

New Member
48
136
34
साथियों नमस्कार कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा था की भोलू मेरी उम्मीदों से भी ज्यादा शातिर तो था ही परंतु अब वो चालाकी और चतुराई के साथ परिस्थिति उत्पन्न करने में भी सक्षम होता जा रहा था क्योंकि गोलू अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा था इस बात का पता मुझे तब चला जब गोलू ने मेरे पूजा करने वाले मित्र को फोन पर दोबारा पूजा करने का आग्रह किया और मेरे मित्र से गहरी नींद आने की दवाई के बारे में पूछा तो मैंने अपने मित्र को पूरा हाल बताया और उसे कहां की वह भोलू को आयुर्वेदिक औषधि के बारे में बताएं मैं भी यही चाहता हूं मेरे मित्र ने हमारे प्लान के अनुसार भोलू को मेरी बताई हुई आयुर्वेदिक औषधि की गोलियां उपलब्ध करवा दी एवं उपयोग की विधि भी बता दी भोलू अब निश्चित हो चुका था की अब वो अपनी मम्मी सुमित्रा देवी की बड़ी व चौड़ी गांड को साक्षात नग्न देखकर रात भर यौन सुख का आनंद ले सकता है और भोलू अपनी आगामी तैयारियों में लग गया शनिवार की रात थी अगले दिन रविवार था तो भोलू सुबह देर तक सो सकता था और सुमित्रा देवी भी आराम से सुबह तक उठ सकती थी गोलू ने इसी रात का फायदा उठाया उसने अपनी मां सुमित्रा देवी के खाने में वह आयुर्वेदिक औषधि की 2 गोलियां मिला दी थी और रोजाना की तरह सुमित्रा देवी और भोलू ने 7:30 बजे तक खाना खा लिया था करीबन आधा घंटे बाद भोलू ने अपनी मां सुमित्रा देवी को दूध का गिलास पीने को दिया तब तक औषधि का हल्का-हल्का असर होना शुरू हो चुका था और फिर मीठे दूध के सेवन से औषधि ने अपना पूरा असर दिखाना शुरू कर दिया था रात के 9:00 बजने वाले थे हमारा मकान ग्रामीण इलाके में होने के कारण 8:00 बजे तक सभी लोग खाना खा पीकर सो जाते हैं और 9 बजते बजते पूरा इलाका सुनसान हो जाता है भोलू की मम्मी सुमित्रा देवी भी रोजाना की तरह अपनी साड़ी उतार कर ब्लाउज और पेटीकोट में अपने दोनों घुटनों को मोड़कर छाती से चिपकाए हुए दूसरी तरफ करवट लिए गहरी नींद में बेसुधी में सो रही थी और भोलू अपनी मम्मी सुमित्रा देवी को अपनी सपनों की रानी के रूप में देख रहा था परंतु भोलू अभी तक इस बात से अनजान था की वह जो भी हरकतें कर रहा है मैं सकरी गली के उस कोने से देख रहा था अब भोलू ने अपना कच्छे का नाड़ा खोल कर कच्छा उतार दिया था और बनियान पहना हुआ था अब उसने अपने पिताजी वाली लूंगी बांध ली और सामने पलंग पर गहरी नींद में बेहोशी की हालत में सो रही अपनी मम्मी सुमित्रा देवी के नजदीक जाकर अपनी मम्मी के बड़े और चौड़े कूल्हों को घूर घूर कर देखने लगा अब भोलू ने अपना एक हाथ अपने मम्मी सुमित्रा देवी के कंधों पर रखकर उसे हिला कर चेक किया परंतु गोलू की मम्मी सुमित्रा देवी तो औषधि के प्रभाव से गहरी निद्रा में जा चुकी थी अब भोलू एकदम निश्चिंत होते हुए अपना हाथ अपनी मम्मी सुमित्रा देवी के कूल्हों पर रखकर उन्हें सहलाने लगा और कामवासना से उत्तेजित होने लगा भोलू ने लूंगी का पर्दा खोलते हुए अपने तने हुए लिंग का सुपाड़ा पेटीकोट के ऊपर से ही कूल्हों के बीच दरार में सटा लिया और दोनों हाथ अपनी मम्मी सुमित्रा की कमर में डालकर उसके कान में धीरे-धीरे कुछ कहने लगा मैंने ध्यान से सुना तो सुनाई दिया की वह अपने आपको अपनी मां सुमित्रा देवी का पति यानी कि स्वयं पिताजी का रोल अदा कर रहा था अपनी ही मां को अपनी पत्नी समझकर अश्लील कामुक और उत्तेजक संबोधन से बुला रहा था कह रहा था आओ सुमित्रा बहुत दिनों से तुम्हारे कूल्हों की मालिश नहीं हुई है आज मैं कर देता हूं जरा पेटिकोट उठा कर अपनी गांड तो दिखाओ मैं तो शुरु से ही तुम्हारे बड़े-बड़े कूल्हों का दीवाना हूं और उत्तेजना में भोलू ने अपने ही हाथों से अपनी मम्मी सुमित्रा देवी का पेटीकोट ऊपर कमर तक सरका दिया मैं भी अपनी मकान मालकिन और गोलू की मम्मी सुमित्रा देवी की बड़ी व चौड़ी नग्न गांड को देखकर उत्तेजित होने लगा था भोलू अपनी मम्मी सुमित्रा को इस तरह से नंगी देखकर पूरी तरह से वासना में भर चुका था अब उसने भी अपनी लुगी हटाकर दूर कर दी और अपने दोनों हाथों से अपनी मम्मी सुमित्रा देवी के बड़े और चौड़े कूल्हों को फैलाते हुए अपनी जीभ से गांड के छेद को चाटने लगा और अपनी मम्मी सूत्रा की मस्त योनि को अपनी जीभ से चाटने लगा करीबन 15 मिनट तक भोलू अपनी मम्मी सुमित्रा देवी के नंगे कूल्हों और योनि को पीछे से बैठकर खूब चाटा और सहलाया अब गोलू ने अपने तने हुए लिंग का सुपाड़ा अपनी मम्मी सुमित्रा की गांड के छेद से चिपका कर लेट गया और अपने दाएं हाथ से सुमित्रा देवी के स्तनों को सहलाने लगा करीब 15:20 मिनट तक वह इसी तरीके से अपनी मम्मी सुमित्रा देवी के कुलवा से चिपका रहा और अंत में भोलू के लिंग से अपनी मम्मी सुमित्रा देवी की बड़ी और चौड़ी गांड में वीर्य की धार छूट गई शायद पहली बार भोलू ने किसी अधेड़ महिला के नितंबों से अपना लिंग घर्षण किया था 5 मिनट बाद भोलू ने एक कपड़े से अपनी मम्मी सुमित्रा देवी की गांड और चुत को अच्छी तरह से साफ कर दिया और वापस पहले की तरह पेटीकोट को नीचे पांव तक सरका कर सामान्य कर दिया ताकि सुबह जब सुमित्रा देवी उठे तो उन्हें जरा सा भी शक ना हो​
 

Damdardost

New Member
48
136
34
साथियों नमस्कार कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा था की भोलू मेरी उम्मीदों से भी ज्यादा शातिर तो था ही परंतु अब वो चालाकी और चतुराई के साथ परिस्थिति उत्पन्न करने में भी सक्षम होता जा रहा था क्योंकि गोलू अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा था इस बात का पता मुझे तब चला जब गोलू ने मेरे पूजा करने वाले मित्र को फोन पर दोबारा पूजा करने का आग्रह किया और मेरे मित्र से गहरी नींद आने की दवाई के बारे में पूछा तो मैंने अपने मित्र को पूरा हाल बताया और उसे कहां की वह भोलू को आयुर्वेदिक औषधि के बारे में बताएं मैं भी यही चाहता हूं मेरे मित्र ने हमारे प्लान के अनुसार भोलू को मेरी बताई हुई आयुर्वेदिक औषधि की गोलियां उपलब्ध करवा दी एवं उपयोग की विधि भी बता दी भोलू अब निश्चित हो चुका था की अब वो अपनी मम्मी सुमित्रा देवी की बड़ी व चौड़ी गांड को साक्षात नग्न देखकर रात भर यौन सुख का आनंद ले सकता है और भोलू अपनी आगामी तैयारियों में लग गया शनिवार की रात थी अगले दिन रविवार था तो भोलू सुबह देर तक सो सकता था और सुमित्रा देवी भी आराम से सुबह तक उठ सकती थी गोलू ने इसी रात का फायदा उठाया उसने अपनी मां सुमित्रा देवी के खाने में वह आयुर्वेदिक औषधि की 2 गोलियां मिला दी थी और रोजाना की तरह सुमित्रा देवी और भोलू ने 7:30 बजे तक खाना खा लिया था करीबन आधा घंटे बाद भोलू ने अपनी मां सुमित्रा देवी को दूध का गिलास पीने को दिया तब तक औषधि का हल्का-हल्का असर होना शुरू हो चुका था और फिर मीठे दूध के सेवन से औषधि ने अपना पूरा असर दिखाना शुरू कर दिया था रात के 9:00 बजने वाले थे हमारा मकान ग्रामीण इलाके में होने के कारण 8:00 बजे तक सभी लोग खाना खा पीकर सो जाते हैं और 9 बजते बजते पूरा इलाका सुनसान हो जाता है भोलू की मम्मी सुमित्रा देवी भी रोजाना की तरह अपनी साड़ी उतार कर ब्लाउज और पेटीकोट में अपने दोनों घुटनों को मोड़कर छाती से चिपकाए हुए दूसरी तरफ करवट लिए गहरी नींद में बेसुधी में सो रही थी और भोलू अपनी मम्मी सुमित्रा देवी को अपनी सपनों की रानी के रूप में देख रहा था परंतु भोलू अभी तक इस बात से अनजान था की वह जो भी हरकतें कर रहा है मैं सकरी गली के उस कोने से देख रहा था अब भोलू ने अपना कच्छे का नाड़ा खोल कर कच्छा उतार दिया था और बनियान पहना हुआ था अब उसने अपने पिताजी वाली लूंगी बांध ली और सामने पलंग पर गहरी नींद में बेहोशी की हालत में सो रही अपनी मम्मी सुमित्रा देवी के नजदीक जाकर अपनी मम्मी के बड़े और चौड़े कूल्हों को घूर घूर कर देखने लगा अब भोलू ने अपना एक हाथ अपने मम्मी सुमित्रा देवी के कंधों पर रखकर उसे हिला कर चेक किया परंतु गोलू की मम्मी सुमित्रा देवी तो औषधि के प्रभाव से गहरी निद्रा में जा चुकी थी अब भोलू एकदम निश्चिंत होते हुए अपना हाथ अपनी मम्मी सुमित्रा देवी के कूल्हों पर रखकर उन्हें सहलाने लगा और कामवासना से उत्तेजित होने लगा भोलू ने लूंगी का पर्दा खोलते हुए अपने तने हुए लिंग का सुपाड़ा पेटीकोट के ऊपर से ही कूल्हों के बीच दरार में सटा लिया और दोनों हाथ अपनी मम्मी सुमित्रा की कमर में डालकर उसके कान में धीरे-धीरे कुछ कहने लगा मैंने ध्यान से सुना तो सुनाई दिया की वह अपने आपको अपनी मां सुमित्रा देवी का पति यानी कि स्वयं पिताजी का रोल अदा कर रहा था अपनी ही मां को अपनी पत्नी समझकर अश्लील कामुक और उत्तेजक संबोधन से बुला रहा था कह रहा था आओ सुमित्रा बहुत दिनों से तुम्हारे कूल्हों की मालिश नहीं हुई है आज मैं कर देता हूं जरा पेटिकोट उठा कर अपनी गांड तो दिखाओ मैं तो शुरु से ही तुम्हारे बड़े-बड़े कूल्हों का दीवाना हूं और उत्तेजना में भोलू ने अपने ही हाथों से अपनी मम्मी सुमित्रा देवी का पेटीकोट ऊपर कमर तक सरका दिया मैं भी अपनी मकान मालकिन और गोलू की मम्मी सुमित्रा देवी की बड़ी व चौड़ी नग्न गांड को देखकर उत्तेजित होने लगा था भोलू अपनी मम्मी सुमित्रा को इस तरह से नंगी देखकर पूरी तरह से वासना में भर चुका था अब उसने भी अपनी लुगी हटाकर दूर कर दी और अपने दोनों हाथों से अपनी मम्मी सुमित्रा देवी के बड़े और चौड़े कूल्हों को फैलाते हुए अपनी जीभ से गांड के छेद को चाटने लगा और अपनी मम्मी सूत्रा की मस्त योनि को अपनी जीभ से चाटने लगा करीबन 15 मिनट तक भोलू अपनी मम्मी सुमित्रा देवी के नंगे कूल्हों और योनि को पीछे से बैठकर खूब चाटा और सहलाया अब गोलू ने अपने तने हुए लिंग का सुपाड़ा अपनी मम्मी सुमित्रा की गांड के छेद से चिपका कर लेट गया और अपने दाएं हाथ से सुमित्रा देवी के स्तनों को सहलाने लगा करीब 15:20 मिनट तक वह इसी तरीके से अपनी मम्मी सुमित्रा देवी के कुलवा से चिपका रहा और अंत में भोलू के लिंग से अपनी मम्मी सुमित्रा देवी की बड़ी और चौड़ी गांड में वीर्य की धार छूट गई शायद पहली बार भोलू ने किसी अधेड़ महिला के नितंबों से अपना लिंग घर्षण किया था 5 मिनट बाद भोलू ने एक कपड़े से अपनी मम्मी सुमित्रा देवी की गांड और चुत को अच्छी तरह से साफ कर दिया और वापस पहले की तरह पेटीकोट को नीचे पांव तक सरका कर सामान्य कर दिया ताकि सुबह जब सुमित्रा देवी उठे तो उन्हें जरा सा भी शक ना हो​
 

Damdardost

New Member
48
136
34
साथियों नमस्कार आपको मेरी कहानी भोलू और उसकी मां सुमित्रा देवी कैसी लगी कृपया कमेंट कर बताएं और आप कहानी को आगे किस तरीके से आयाम दिए जा सकें बताएं
 

crucer97

Active Member
1,496
1,270
143
Nice and hot story
 
  • Like
Reactions: Napster
Top