• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest भोलू और सुमित्रा देवी

Napster

Well-Known Member
5,204
14,192
188
नमस्कार दोस्तों पिछले भाग में आपने लोगों ने पढ़ा ही था किस तरह से भोलू अपनी सगी मां सुमित्रा देवी के बड़े-बड़े और कामुक कूल्हों को निहारता था और उसने पूजा वाली रात अपनी ही मां के बड़े और चौड़े नितंबों को पेटीकोट में ऊपर से ही अपना लिंग सटाकर महसूस कर लिया था इसलिए अब भोलू अपनी मां सुमित्रा देवी को घोड़ी बनाकर बड़े-बड़े नितंबों को चोदना चाहता था इसलिए भोलू रोजाना कुछ ना कुछ सोचता रहता था शायद अपनी वासना को पूरा करने के लिए कोई योजना बना रहा था कुछ दिनों से मैंने नोटिस किया की भोलू अपनी मम्मी सुमित्रा देवी से पिछले कुछ दिनों से बहुत ही ज्यादा आत्मीयता आदर व ख्याल रखने वाला व्यवहार कर रहा था भोलू के इस व्यवहार से उसके माता-पिता बहुत खुश थे भोलू के माता-पिता अब भोलू पर बहुत ही ज्यादा विश्वास करने लगे थे और साथ ही साथ भोलू भी निरंतर पढ़ाई में सही होता जा रहा था इसकी वजह से एवं मेरे कहने पर उसके पिताजी ने भोलू को स्मार्टफोन दिलवा दिया था मोबाइल आ जाने से गोलू का काम आसान हो गया था अब भोलू दिनभर अपनी योन वासना को शांत करने के लिए स्मार्टफोन पर अश्लील साहित्य और अश्लील फिल्में देखता था परंतु भोलू उम्मीदों से भी ज्यादा शातिर था अब भोलू स्मार्टफोन की मदद से अपनी मम्मी सुमित्रा देवी के बड़े-बड़े कूल्हों को नीचे झुका होने की स्थिति में यानी कि जब भी सुमित्रा देवी नीचे झुक कर घोड़ी बनी हुई कोई भी कार्य कर रही होती तो भोलू चुपचाप पीछे से स्मार्टफोन से वीडियो और फोटो ले लेता था और शायद रात को अकेले में अपनी ही मम्मी के कूल्हों को देखकर हस्तमैथुन करता था कुछ दिनों बाद भोलू के पिताजी का ट्रांसफर शहर की फैक्ट्री में हो गया इस वजह से भोलू और उसकी मां सुमित्रा देवी एवं किराएदार यानी कि मैं हम तीन लोग ही उस मकान में रहते थे और भोलू का काम आसान होने लगा था भोलू अपनी मां के साथ ही सोता था रात में गहरी नींद में सोते समय सुमित्रा देवी के कपड़े यानी कि पेटीकोट और साड़ी कभी-कभी जांघों से ऊपर हो जाते थे तो भोलू इस मौके का फायदा उठाने में माहिर था भोलू अपनी मम्मी सुमित्रा के बड़े-बड़े एवं चौड़े नंगे कूल्हों देखकर खूब प्रसन्न होता था और कामुकता और वासना के वशीभूत होकर उन्माद में अपना लिंग सटाकर आनंद लेने लगा था परंतु सुमित्रा देवी अभी भी अपने बेटे की इन हरकतों से अनजान थी और भोलू अपनी ही मां को चोदने का प्रयास कर रहा था
बहुत ही मस्त और शानदार अपडेट है भाई मजा आ गया
 

Napster

Well-Known Member
5,204
14,192
188
साथियों नमस्कार कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा था की भोलू मेरी उम्मीदों से भी ज्यादा शातिर तो था ही परंतु अब वो चालाकी और चतुराई के साथ परिस्थिति उत्पन्न करने में भी सक्षम होता जा रहा था क्योंकि गोलू अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा था इस बात का पता मुझे तब चला जब गोलू ने मेरे पूजा करने वाले मित्र को फोन पर दोबारा पूजा करने का आग्रह किया और मेरे मित्र से गहरी नींद आने की दवाई के बारे में पूछा तो मैंने अपने मित्र को पूरा हाल बताया और उसे कहां की वह भोलू को आयुर्वेदिक औषधि के बारे में बताएं मैं भी यही चाहता हूं मेरे मित्र ने हमारे प्लान के अनुसार भोलू को मेरी बताई हुई आयुर्वेदिक औषधि की गोलियां उपलब्ध करवा दी एवं उपयोग की विधि भी बता दी भोलू अब निश्चित हो चुका था की अब वो अपनी मम्मी सुमित्रा देवी की बड़ी व चौड़ी गांड को साक्षात नग्न देखकर रात भर यौन सुख का आनंद ले सकता है और भोलू अपनी आगामी तैयारियों में लग गया शनिवार की रात थी अगले दिन रविवार था तो भोलू सुबह देर तक सो सकता था और सुमित्रा देवी भी आराम से सुबह तक उठ सकती थी गोलू ने इसी रात का फायदा उठाया उसने अपनी मां सुमित्रा देवी के खाने में वह आयुर्वेदिक औषधि की 2 गोलियां मिला दी थी और रोजाना की तरह सुमित्रा देवी और भोलू ने 7:30 बजे तक खाना खा लिया था करीबन आधा घंटे बाद भोलू ने अपनी मां सुमित्रा देवी को दूध का गिलास पीने को दिया तब तक औषधि का हल्का-हल्का असर होना शुरू हो चुका था और फिर मीठे दूध के सेवन से औषधि ने अपना पूरा असर दिखाना शुरू कर दिया था रात के 9:00 बजने वाले थे हमारा मकान ग्रामीण इलाके में होने के कारण 8:00 बजे तक सभी लोग खाना खा पीकर सो जाते हैं और 9 बजते बजते पूरा इलाका सुनसान हो जाता है भोलू की मम्मी सुमित्रा देवी भी रोजाना की तरह अपनी साड़ी उतार कर ब्लाउज और पेटीकोट में अपने दोनों घुटनों को मोड़कर छाती से चिपकाए हुए दूसरी तरफ करवट लिए गहरी नींद में बेसुधी में सो रही थी और भोलू अपनी मम्मी सुमित्रा देवी को अपनी सपनों की रानी के रूप में देख रहा था परंतु भोलू अभी तक इस बात से अनजान था की वह जो भी हरकतें कर रहा है मैं सकरी गली के उस कोने से देख रहा था अब भोलू ने अपना कच्छे का नाड़ा खोल कर कच्छा उतार दिया था और बनियान पहना हुआ था अब उसने अपने पिताजी वाली लूंगी बांध ली और सामने पलंग पर गहरी नींद में बेहोशी की हालत में सो रही अपनी मम्मी सुमित्रा देवी के नजदीक जाकर अपनी मम्मी के बड़े और चौड़े कूल्हों को घूर घूर कर देखने लगा अब भोलू ने अपना एक हाथ अपने मम्मी सुमित्रा देवी के कंधों पर रखकर उसे हिला कर चेक किया परंतु गोलू की मम्मी सुमित्रा देवी तो औषधि के प्रभाव से गहरी निद्रा में जा चुकी थी अब भोलू एकदम निश्चिंत होते हुए अपना हाथ अपनी मम्मी सुमित्रा देवी के कूल्हों पर रखकर उन्हें सहलाने लगा और कामवासना से उत्तेजित होने लगा भोलू ने लूंगी का पर्दा खोलते हुए अपने तने हुए लिंग का सुपाड़ा पेटीकोट के ऊपर से ही कूल्हों के बीच दरार में सटा लिया और दोनों हाथ अपनी मम्मी सुमित्रा की कमर में डालकर उसके कान में धीरे-धीरे कुछ कहने लगा मैंने ध्यान से सुना तो सुनाई दिया की वह अपने आपको अपनी मां सुमित्रा देवी का पति यानी कि स्वयं पिताजी का रोल अदा कर रहा था अपनी ही मां को अपनी पत्नी समझकर अश्लील कामुक और उत्तेजक संबोधन से बुला रहा था कह रहा था आओ सुमित्रा बहुत दिनों से तुम्हारे कूल्हों की मालिश नहीं हुई है आज मैं कर देता हूं जरा पेटिकोट उठा कर अपनी गांड तो दिखाओ मैं तो शुरु से ही तुम्हारे बड़े-बड़े कूल्हों का दीवाना हूं और उत्तेजना में भोलू ने अपने ही हाथों से अपनी मम्मी सुमित्रा देवी का पेटीकोट ऊपर कमर तक सरका दिया मैं भी अपनी मकान मालकिन और गोलू की मम्मी सुमित्रा देवी की बड़ी व चौड़ी नग्न गांड को देखकर उत्तेजित होने लगा था भोलू अपनी मम्मी सुमित्रा को इस तरह से नंगी देखकर पूरी तरह से वासना में भर चुका था अब उसने भी अपनी लुगी हटाकर दूर कर दी और अपने दोनों हाथों से अपनी मम्मी सुमित्रा देवी के बड़े और चौड़े कूल्हों को फैलाते हुए अपनी जीभ से गांड के छेद को चाटने लगा और अपनी मम्मी सूत्रा की मस्त योनि को अपनी जीभ से चाटने लगा करीबन 15 मिनट तक भोलू अपनी मम्मी सुमित्रा देवी के नंगे कूल्हों और योनि को पीछे से बैठकर खूब चाटा और सहलाया अब गोलू ने अपने तने हुए लिंग का सुपाड़ा अपनी मम्मी सुमित्रा की गांड के छेद से चिपका कर लेट गया और अपने दाएं हाथ से सुमित्रा देवी के स्तनों को सहलाने लगा करीब 15:20 मिनट तक वह इसी तरीके से अपनी मम्मी सुमित्रा देवी के कुलवा से चिपका रहा और अंत में भोलू के लिंग से अपनी मम्मी सुमित्रा देवी की बड़ी और चौड़ी गांड में वीर्य की धार छूट गई शायद पहली बार भोलू ने किसी अधेड़ महिला के नितंबों से अपना लिंग घर्षण किया था 5 मिनट बाद भोलू ने एक कपड़े से अपनी मम्मी सुमित्रा देवी की गांड और चुत को अच्छी तरह से साफ कर दिया और वापस पहले की तरह पेटीकोट को नीचे पांव तक सरका कर सामान्य कर दिया ताकि सुबह जब सुमित्रा देवी उठे तो उन्हें जरा सा भी शक ना हो​
बहुत ही शानदार और मदमस्त अपडेट है भाई मजा आ गया
 

Napster

Well-Known Member
5,204
14,192
188
नमस्कार साथियों कहानी के पिछले भाग में आप लोगों ने पढ़ा था की भोलू ने अपनी मां सुमित्रा देवी की बड़ी गांड को पेटिकोट उठाकर नंगा कर दिया था और गांड के छेद से अपना लिंग सटाकर वीर्य छोड़ दिया था और फिर अगले दिन रोजाना की तरह सामान्य दिनचर्या व्यतीत हो जाने पर मैंने गोलू की मम्मी सुमित्रा देवी से बात करना चाहा उस वक्त भोलू भी स्कूल गया हुआ था और सुमित्रा देवी वही अपने पुराने ब्लाउज और पेटिकोट पहने हुए घर में झाड़ू लगा रही थी तो मैंने उनसे कहा की
आंटी जी शायद आपके पेटिकोट पर पीछे कुछ लगा हुआ है तो सुमित्रा देवी पीछे अपने हाथ से साफ करते हुए बोली शायद भैया जी मिट्टी वगैरह लग गई है और मैं भी अपने काम में लग गया परंतु सुमित्रा देवी को शक तो हो ही गया था और उनके शक की पुष्टि मैं कर चुका था अब सुमित्रा देवी सीधे ही बाथरूम में नहाने के लिए घुस गई और जैसा मैंने सोचा था शायद उसी के अनुसार फटाफट अपना पेटीकोट उतार कर उसे पीछे से कूल्हों की तरफ से ध्यान से देखने लगी कुछ ही देर में सुमित्रा देवी को अपनी उंगलियों पर कुछ चिपचिपाहट महसूस हुई उसे जब सुमित्रा देवी ने सूंघकर कर देखा तो वह समझ गई कि किसी ने उनके पेटीकोट पर अपना वीर्य गिराया है लेकिन तभी सुमित्रा देवी ने सोचा शायद 3 दिन पहले जब वो शाम को लगने वाले हॉट बाजार में सामान लेने गई थी तब अत्यधिक भीड़ होने के कारण और अपनी आदत के अनुसार नीचे झुककर सामान लेते वक्त किसी मनचले ने किया है क्योंकि उस दिन सुमित्रा देवी को भीड़ में किसी अनजान ने अपने लंण्ड का स्वाद चखाया था उस अनजान ने करीब दो-तीन मिनट तक पीछे से सुमित्रा देवी के कूल्हो मैं अपना नंगा लिंग सटाया था और शायद उसी का वीर्य पेटीकोट में लगा था अभी तक सुमित्रा देवी को अपने सगे बेटे भोलू पर जरा भी इस कारनामे का शक नहीं था​
बहुत ही मस्त और लाजवाब अपडेट है भाई मजा आ गया
 

Napster

Well-Known Member
5,204
14,192
188
नमस्कार साथियों सर्वप्रथम आपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं मैं उम्मीद करता हूं कि मेरे सभी मित्रों को इस वर्ष मनचाही सफलताएं मिले मित्रों कहानी में आपने पिछले भाग में पढ़ा था भोलू अब तक अपनी योजना के अनुसार सफल होता जा रहा था क्योंकि इसमें मेरा भी सहयोग था हालांकि भोलू की मां सुमित्रा देवी को इस बात का जरा भी शक नहीं था की उनका सगा बेटा ही रात में सुमित्रा देवी के बड़े-बड़े और चौड़े कूल्हो मैं लंण्ड सटाकर मूतता है मैं देख रहा था कि पिछले कुछ दिनों से भोलू आराम से जीवन व्यतीत कर रहा था पहले की तरह अब उसे कोई जल्दबाजी नहीं थी और उधर सुमित्रा देवी भी अपने पड़ोस में रहने वाली महिलाओं से बातचीत कर रही थी तो शायद उन्हीं महिलाओं में से किसी एक ने भोलू की मां सुमित्रा देवी को पेटीकोट के अंदर चड्डी पहनने की सलाह दी थी उसी का परिणाम आज सुबह जब भोलू की मां सुमित्रा देवी नीचे झुक कर झाड़ू लगा रही थी तो मैंने देखा कि आज पेटीकोट में पीछे से चड्डी की दोनों लाइन वी शेप में उभर रही थी और उस चड्डी में कसी हुई सुमित्रा देवी की बड़ी व चौड़ी गांड बड़ी ही कामुक और उत्तेजक लग रही थी सुमित्रा देवी जितना ज्यादा नीचे झुका करती पीछे से उनकी गांड उतनी ही ज्यादा चौड़ाई में फेल जाया करती थी और भोलू भी अपनी हरकतों पर नियंत्रण रखते हुए समय व्यतीत कर रहा था मुझे पता चला कि आज भोलू के पिता जी आने वाले हैं और शाम को गोलू के पिताजी घर आ चुके थे भोलू और उसकी मम्मी सुमित्रा देवी बहुत ही प्रसन्न थे रोजाना की तरह खाना खा पीकर वह लोग सो चुके थे और फिर अगले दिन सुबह मेरी बातचीत भोलू के पिताजी से हुई भोलू के पिताजी ने मुझे धन्यवाद दिया और कहां भैया जी आप इनका ध्यान रखा कीजिए और उसके बाद भोलू अपने पिताजी को बस स्टैंड तक छोड़ने चला गया और मैं भी अपने कॉलेज चला गया शाम को मैंने अपने खबरी से भोलू की मम्मी सुमित्रा देवी और अन्य महिलाओं के बीच हुई बातचीत के बारे में जाना तो पता चला कि भोलू के पिताजी रात में भोलू की मम्मी के साथ तीन बार चुदाई कर चुके थे जिसकी वजह से सुमित्रा देवी अब बहुत अच्छा महसूस कर रही थी परंतु उधर सुमित्रा देवी के सगे बेटे भोलू का लंण्ड मचल रहा था हर बार की तरह इस भी बार भोलू ने शाम के खाने में आयुर्वेदिक औषधि मिला दी थी और वही निर्धारित समय पर सुमित्रा देवी को एक गिलास दूध भी पिला दिया था रात के 10:30 बज रहे थे चारों ओर सन्नाटा था परंतु मैं जाग रहा था और निर्धारित जगह से सारा कार्यक्रम देखने वाला था सुमित्रा देवी हर बार की तरह अपने कमरे में पलंग पर ब्लाउज और पतले से पेटीकोट में दूसरी तरफ करवट लिए अपने घुटनों को मोडकर औषधि के प्रभाव से बेहोशी की हालत में बेसुध होकर सो रही थी परंतु भोलू कहीं नजर नहीं आ रहा था आज शायद भोलू ने कुछ नया ही विचार बनाया था अब मैंने देखा की गोलू कमरे में अंदर आ गया उसने बनियान और अपने पिताजी की लूंगी लपेट रखी थी अब गोलू अपनी मां सुमित्रा देवी के नजदीक आया और धीरे से आवाज दी और हिलाया परंतु सुमित्रा देवी तो संपूर्ण रुप से बेहोशी की हालत में सो रही थी अब गोलू निश्चिंत हो चुका था गोलू ने अपना हाथ अपनी मां सुमित्रा के कूल्हों पर रखा और आनंदित होने लगा गोलू अपनी ही मम्मी सुमित्रा देवी के बड़े और चौड़े कूल्हो को अपने दोनों हाथों से सहलाने लगा अब गोलू ने अपना तना हुआ गधे जैसा लंण्ड में ऊपर से ही अपनी मम्मी सुमित्रा की बड़ी व चौड़ी गांड में सटा दिया और अपनी मम्मी सुमित्रा को आलिंगन करने लगा अब गोलू ने अपने हाथों से अपनी मम्मी सुमित्रा देवी के पेटिकोट को कमर तक सरका दिया और चड्डी में कसी हुई सुमित्रा की बड़ी और चौड़ी गांड को सहलाने लगा और गोलू ने अब अपनी मम्मी सुमित्रा की पहनी हुई चड्डी को नीचे घुटनों तक सरकाते हुए अपनी मां सुमित्रा को नंगा कर दिया था अब वह सुमित्रा के दोनों कूल्हो को चौड़ा करते हुए सुमित्रा की गांड के छेद को मस्ती में अपनी जीभ से चाटने लगा और सुमित्रा की योनि को भी चाटने लगा गोलू मस्ती में आकर अपनी मम्मी सुमित्रा की बड़ी गांड और योनि को चाट चाट कर खूब आनंदित हो रहा था अब गोलू अपनी मम्मी सुमित्रा के बगल में लेट गया और सोती हुई अपनी मम्मी सुमित्रा देवी की कानों में कुछ कहने लगा मैंने ध्यान से सुना तो पाया की गोलू स्वयं को सुमित्रा देवी का पति यानी अपने आप को पिताजी समझ रहा था और कह रहा था सुमित्रा आओ मेरे लंण्ड की रानी आजकल तो तुम पेटिकोट के नीचे चड्डी भी पहनने लग गई मेरी जान आखिर कब तक मेरे लंण्ड से अपनी बड़ी और चोडी गांड को बचाओगी तुम्हारी इस गांड में पिचकारी तो मैं ही छोडूंगा आखिर तुम्हारी गांड को तो मैं कब से चोदना चाहता हूं सुमित्रा मेरी रानी तुम्हारी कांड की गोलाई और चौड़ाई मेरे लंण्ड को मचला देती है

बहुत ही गरमागरम और मदमस्त अपडेट है भाई मजा आ गया
 

Napster

Well-Known Member
5,204
14,192
188
फूफा फौज में बुआ मौज में


नमस्कार साथियों मैं आपका मित्र आज आपको हमारे मोहल्ले में रहने वाले बुआ और भतीजे की योन आनंद से भरपूर कामुक और उत्तेजना से भरी हुई मस्त कर देने वाली कहानी बताने जा रहा हूं उम्मीद है आप लोगों को पसंद आएगी अभी कुछ ही दिन पहले हम सभी ने होली का त्योहार बड़े ही आनंद से मनाया था
और उसी होली के त्यौहार पर हमारे मोहल्ले में रहने वाले बुआ और भतीजे ने होली के रंगों का भांग के नशे में बड़ा ही अनोखा आनंद लिया हुआ यूं कि हमारे मकान से पीछे वाले मकान में सात आठ कमरे बने हुए हैं जिनमें गरीब एवं मजदूरी करने वाले लोग किराए पर रहते हैं सभी कम पढ़े लिखे व ज्यादातर अनपढ़ है और शाम को शराब पीने वाले मजदूर है उन्हीं में से एक परिवार जिसमें रामलाल जो कि खुद 55 वर्ष का है उसकी पत्नी कांता देवी जो कि 50 वर्षीय ग्रामीण पर भरे हुए शरीर की महिला है एवं रामलाल की बहन सुमित्रा जोकि 52 वर्ष की गोरे रंग की अनपढ़ और अंधविश्वास में यकीन रखने वाली औरत है होली के अगले दिन जब सब रंग गुलाल खेलते हैं उस दिन रामलाल वाले मकान में भी सभी लोग गुलाल लगाकर होली खेल रहे थे ज्यादातर पुरुष शराब पीकर टूल थे और महिलाएं उनमें से कुछ औरतों ने भी देसी शराब पी रखी थी जिसकी वजह से सब उन्मादी होकर होली का आनंद ले रहे थे इधर रामलाल की पत्नी और बहन सुमित्रा भी घर का कामकाज पूरा करके होली खेल रही थी परंतु रामलाल का 14 वर्षीय लड़का राजू जोकि नवी क्लास का छात्र था और पास के ही सरकारी स्कूल में पढ़ने जाता था कहने को तो पढ़ने जाता था परंतु आवारागर्दी करना बीड़ी पीना कभी-कभी अपने पिता की दारू की बोतल में से 1 2 पैक पी लेना और पानी मिलाकर रख देना आदि गुणों से भरपूर था दूसरी तरफ राजू के बाकी दोस्त जो कि मजदूरी किया करते थे शहर में देसी वेश्याओं के पास जाया करते थे और संभोग का आनंद लिया करते थे अपने दोस्तों की बातें सुन सुनकर राजू ने भी किसी औरत को चोदने का मन बना लिया था राजू के दोस्तों ने राजू को हस्तमैथुन करना भी सिखा दिया था जिसकी वजह से राजू में भी किसी औरत को चोदने की इच्छा प्रबल होती जा रही थी और कुछ दिनों बाद राजू का दोस्त सलीम जोकि मकानों पर रंग पेंट का काम करता है शहर से एक नग्न चित्र वाली अश्लील किताब लेकर आया राजू ने सलीम से वह किताब ली और अपने स्कूल बैग में रखकर घर ले आया और उस किताब में छपे हुए चित्रों को देखकर राजू के मन में औरतों को नंगा देखने की और औरतों के अंगों को अर्थात औरत की योनि औरत के नितंब एवं औरतों के स्तनों को देखने की इच्छा और भी ज्यादा प्रबल होने लगी थी उस मकान में रहने वाले अन्य पुरुषों की तुलना में राजू में तेज दिमाग और स्थिति उत्पन्न करने की कला थी इससे पहले ही राजू का दोस्त सलीम राजू को छोटे-छोटे तरीके बता चुका था जिसकी मदद से राजू औरतों के अंगों को छू सकता था और सलीम ने राजू को एक दो बार अपने साथ शहर ले जाकर इसका नमूना भी दिखाया शहरों में आमतौर पर हटवाड़ा लगा करते हैं जिसमें ज्यादातर सामान नीचे सड़क पर रखकर ही बेचा जाता है हटवाड़ा में ज्यादातर शाम के समय घरों की महिलाएं सब्जियां व जरूरत से जुड़ा सामान लेने के लिए आती हैं इनमें सभी प्रकार की महिलाएं पैसे वाली, गरीब मजदूर आती है ऐसे ही एक हटवाड़ा मैं सलीम अपने साथ राजू को शहर लेकर गया जहां सलीम ने राजू को दिखाया किस तरीके से सलीम भीड में अपने हाथ से औरतों की योनि को एवं मोटी व भारी शरीर वाली महिलाओं के नितंबों को अर्थात कूल्हो को छू रहा था और आनंद ले रहा था जब भीड़ में कोई भरे हुए शरीर की महिला नीचे झुक कर सामान ले रही होती थी तो सलीम अंडरवियर में से अपना लिंग बाहर निकाल कर भीड़ में उस महिला के पीछे खड़ा होकर अपना लिंग उस महिला के बड़े व चौड़े कूल्हों में पीछे से चिपका देता और आनंद लेता जैसे ही वह महिला विरोध स्वरूप खड़ी होती उससे पहले ही बड़ी ही चालाकी से सलीम साइड में हो कर अनजान बनकर खड़ा हो जाता और वह महिला सलीम को पहचान ही नहीं पाती और वहां से चली जाती है ऐसा सलीम ने चार पांच महिलाओं के साथ किया इस तरीके से राजू को भी बड़ा आनंद आने लगा राजू ने भी सोच लिया की अब वह भी औरतों के कूल्हों में अपना लिंग चिपका कर आनंद लेगा फिर एक दिन सलीम किसी काम से राजू के घर आया तो उस वक्त राजू की बुआ सुमित्रा अपने घर के बाहर झाड़ू निकाल रही थी उस वक्त सुमित्रा ने घाघरा लुगड़ी पहन रखी थी नीचे झुकी होने के कारण सुमित्रा के बड़े-बड़े व चौड़े कूल्हे सलीम को बड़े ही आनंदित कर रहे थे फिर कुछ देर बाद सलीम और राजू बाजार की तरफ चले गए सलीम ने राजू को बताया कि तेरे घर में ही बहुत अच्छा माल है तेरी बुआ सुमित्रा क्यों ना तू उससे ही सबसे पहले आनंद लें पहले तो राजू नाराज हो गया और घर आ गया परंतु कुछ दिनों बाद ही
बहुत ही मस्त और शानदार अपडेट है भाई मजा आ गया
 

Napster

Well-Known Member
5,204
14,192
188
पहले आनंद लें पहले तो राजू नाराज हो गया और घर आ गया परंतु कुछ दिनों बाद ही राजू को सलीम की बात बिल्कुल सही लगी और सलीम और राजू वापस रोज नई-नई तरकीब से औरतों को नंगा देखने का प्रयास करते थे अब राजू का अपनी बुआ सुमित्रा के प्रति नजरिया बदल चुका था अब राजू अपनी बुआ सुमित्रा देवी को वासना की नजरों से देखने लगा था अब थोड़ा सुमित्रा के बारे में बता दूं सुमित्रा देवी गांव की अनपढ़ व अंधविश्वास में यकीन रखने और धार्मिक विचारों वाली 52 वर्षीय भरे हुए शरीर की गोरे रंग की औरत है सुमित्रा के पति यानी कि राजू के फूफा जी सेना में सिपाही हैं और कुछ ही सालों बाद रिटायर होने वाले हैं परंतु साल में 1 महीने की छुट्टी लेकर अवश्य घर आते हैं अभी 3 महीने पहले ही राजू के फूफा जी वापस गए हैं राजू की बुआ के दो लड़कियां और एक लड़का है जोकि तीनों विवाहित है और अपने अपने गांव में रहते हैं होली की वजह से राजू की बुआ सुमित्रा देवी कुछ दिनों के लिए यहां आई हुई है राजू की बुआ सुमित्रा देवी का बीपी का भी इलाज चल रहा है आंखों से कम दिखाई देता है यानी के पास एवं दूर की नजर कमजोर हो चुकी है और थोड़ा सुनाई भी कम ही देता है इन्हीं दो कारणों की वजह से राजू को अपनी बुआ के साथ रहने में बड़ा मजा आने लगा था राजू के माता पिता रामलाल और कांता दोनों ही मजदूरी पर चले जाते थे पीछे से घर पर उसकी बुआ सुमित्रा देवी और राजू ही रह जाया करते थे जब सब कामों पर तो चले जाया करते थे तो पूरे मकान में राजू और उसकी बुआ सुमित्रा देवी ही रह जाया करते थे आज राजू का पहला प्रयास था जैसा कि सलीम ने राजू को तरीका बताया था ठीक उसी तरीके से राजू अपनी योजना अंजाम देने की तैयारी में था राजू ने सबसे पहले खुद ने भांग की गोली खाई और चाय पी और वापस अपने घर आ गया देखा तो राजू की बुआ सुमित्रा देवी खाना बना रही थी राजू ने आते ही बुआ जी को आवाज दी पर कहा कि बुआ जी आप नहा लो फिर साथ में खाना खाएंगे राजू की सीधी साधी भोली भाली बुआ राजू की बातों में आ गई और नहाने जाने की तैयारी करने लगी उससे पहले राजू ने बुआ जी को चाय बनाने के लिए कहा बुआ जी ने चाय बनाई और राजू को आवाज दी राजू वहां आया और चुपके से बुआ की चाय में भांग मिला दी और फिर बुआ जी ने भी चाय पी ली और रसोई का काम समेटने लगी ताकि नहाने के लिए जा सके इधर राजू पूरी तैयारी में था करीबन 15 मिनट बीत चुके थे और भांग ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया था क्योंकि राजू की बुआ सुमित्रा देवी धीरे-धीरे भांग की मस्ती में आने लगी थी राजू ने अपनी बुआ से हल्की-फुल्की मजाक करना शुरू कर दिया जिसकी वजह से राजू की बुआ सुमित्रा देवी हंसने लगी अब राजू ने कहा बुआ जी पीछे बाथरूम के वहां पानी की नाली जो कि बाहर खाली होती है शायद उसमें कचरा फस गया है जिसकी वजह से बाथरूम के बाहर पानी इकट्ठा हो रहा है आप उस नाली को साफ कर दो तब तक मैं भी अपने गंदे कपड़े लेकर आता हूं जिन्हें पहले मैं धोउगा और बाद में नहा लूंगा तब तक राजू की बुआ सुमित्रा देवी अपनी साड़ी उतार कर साइड में रख चुकी थी और केवल ब्लाउज और पेटीकोट में पीछे गली में चली गई और उस इकट्ठे पानी को देखकर राजू को आवाज लगाते हुए बोली की एक झाड़ू और पानी फेकने का डिब्बा लेकर आ राजू भी यही चाहता था राजू बांस की झाड़ू एवं पानी फेकने का छोटा डिब्बा लेकर पीछे गली में पहुंचा पीछे गली में जैसे ही राजू की नजर उसकी बुआ सुमित्रा देवी पर पड़ी तो राजू एकदम से सन्न रह गया राजू ने देखा कि उसकी बुआ सुमित्रा देवी नाली के पास नीचे झुक कर उस पानी को बाहर निकालने की कोशिश कर रही थी उस वक्त नीचे झुके हुए होने के कारण राजू की बुआ सुमित्रा देवी के बड़े-बड़े एवं चौड़े कूल्हे गोलाई मैं फैले हुए थे और उस पतले से पेटीकोट में से राजू की बुआ के कूल्हे स्पष्ट नजर आ रहे थे अपनी सगी बुआ की बड़ी और चौड़ी गांड देखकर राजू का लंण्ड चुदाई के लिए फड़फड़ाने लगा
बहुत ही सुंदर और शानदार अपडेट है भाई मजा आ गया
 

Napster

Well-Known Member
5,204
14,192
188
नमस्कार साथियों आप लोगों ने कहानी के पिछले भाग में पढ़ा था की किस तरीके से राजू सलीम की मदद से अपनी सगी बुआ सुमित्रा देवी की बड़ी और चौड़ी गांड को चोदना चाहता था फिर राज ने देखा कि उसकी बुआ सुमित्रा देवी उस पतले से पेटीकोट और ब्लाउज में नीचे झुककर घोड़ी वाली अवस्था में नाली साफ कर रही थी पीछे से उस पतले से पेटीकोट में से राजू की बुआ सुमित्रा देवी की बड़ी और चौड़ी गांड स्पष्ट नजर आ रही थी जिसे देखकर राजू का लिंग फड़फड़ा रहा था क्योंकि राजू ने भी भांग खा रखी थी और उसने अपनी बुआ को भी चाय में भांग पिला दी थी जिसकी वजह से राजू की बुआ सुमित्रा देवी अपनी मस्ती में मस्त नाली साफ कर रही थी परंतु उसके पीछे उसका भतीजा राजू सुमित्रा देवी की गांड को चोदना चाह रहा था जैसे-जैसे सुमित्रा देवी अपना काम कर रही थी पीछे से पेटीकोट में सुमित्रा देवी के बड़े-बड़े और चोडे कूल्हे गोलाई में फेल जाते जिनको देखकर राजू की स्थिति खराब हुई जा रही थी तो राजू ने भी अपना अंडरवियर उतार कर तोलिया लपेट लिया और अपने बुआ सुमित्रा देवी के पीछे खड़ा होकर उसकी बड़ी और चौड़ी गांड को निहारने लगा फिर राजू ने अपना तना हुआ लिंग हिलाना शुरू कर दिया आज राजू को पहली बार सलीम के बताए अनुसार आनंद आ रहा था अपनी सगी बुआ के कूल्हों के पीछे खड़ा होकर लिंग हिलाने में बहुत मजा आता है साक्षात अपने सामने अपनी मनपसंद रिश्तेदार औरत की बड़ी और चौड़ी गांड को देखकर लिंग में बहुत ही ज्यादा तनाव आ जाता है तो अपनी सखी बुआ सुमित्रा देवी की बड़ी और जोड़ी नंगी गांड को अपने लिंग से चोदने में कितना मजा आएगा ऐसा सोच कर राजू मस्ती में मस्त हुए जा रहा था और दूसरी तरफ उसकी बुआ सुमित्रा देवी राजू की हरकतों से बेखबर नीचे झुक कर घोड़ी वाली अवस्था में नाली की सफाई कर रही थी परंतु राजू अपनी बुआ सुमित्रा देवी के गुणों का बड़ा ही आनंद ले रहा था अब चुपके से सलीम के बताए अनुसार राजू ने अपनी सगी बुआ सुमित्रा देवी के उस पेटीकोट को आहिस्ता से बड़ी ही सफाई से और सावधानी से नीचे कौनो से पकड़कर ऊपर कमर तक कर दिया उधर सुमित्रा देवी भांग के नशे में मस्त हुई जा रही थी और इधर राजू के सामने अब अपनी बुआ सुमित्रा देवी की नग्न गांड साक्षात सामने थी तो राजू ने इस मौके का फायदा उठाया और अपने मोबाइल में वीडियो सेट कर दिया इधर राजू ने अपना गधे जैसा काला लंबा मोटा लिंग बिल्कुल अपनी बुआ की गोरी गांड की छेद के पास ले जाकर हिलाना शुरू कर दिया इधर राजू मस्ती में पागल हुए जा रहा था और उधर उसकी सखी बुआ सुमित्रा देवी उसकी इन हरकतों से बेखबर भांग की मस्ती में नाली साफ किए जा रही थी आज राजू पहली बार किसी औरत की नंगी गांड के सामने अपना लिंग हिला रहा था करीबन 10 मिनट तक राजू में इसी तरह अपनी सगी बुआ सुमित्रा देवी के पीछे खड़ा होकर उसकी नंगी गांड के नजदीक अपना लिंग हिलाया और मोबाइल में वीडियो की बनाया तथा कई तरीके से फोटो भी खींची फिर कुछ देर बाद अचानक राजू का हाथ रुकने लगा राजू की जांगे फड़फड़ाने लगी और राजू के तले हुए लिंग से दही जैसी गाडा वीर्य की धार उसकी बुआ सुमित्रा की नंगी गांड के छेद से टकराकर नीचे चूत की फाको तक बहने लगी और उसकी बहुत सुमित्रा की नंगी गांड का छेद पूरी तरीके से लबालब राजू के वीर्य से भर गया अब राजू है बड़ी ही चालाकी से अपनी सगी बुआ सुमित्रा के पेटीकोट को नीचे कर दिया और वहां से रफूचक्कर हो गया इधर उसकी बुआ सुमित्रा देवी घोड़ी बनी हुई अपनी गांड के छेद में राजू का वीर्य भरकर मस्ती से नाली साफ कर रही थी
बहुत ही कामुक और मदमस्त अपडेट है भाई मजा आ गया
 

Napster

Well-Known Member
5,204
14,192
188
नमस्कार साथियों जैसा कि मैं आपको अपडेट दिया था की भोलू शहर में अपनी दसवीं की पढ़ाई करने गया हुआ था और मेरे ही कहने पर भोलू के पिताजी और उसकी मम्मी सुमित्रा देवी ने उसका एडमिशन शहर में करवाया था मैंने हीं उसे रूम दिलवाया और हर हफ्ते जाकर उसको चेक किया करता था और उसकी पढ़ाई में मदद किया करता था अब मुझे यकीन हो गया था कि भोलू दसवीं की परीक्षा प्रथम प्रयास में ही 60 से 65% अंकों के साथ पास कर लेगा इधर भोलू की मम्मी सुमित्रा देवी की तबीयत थोड़ी खराब हो गई थी जिसकी वजह से भोलू के पिताजी भी छुट्टियां लेकर यहीं पर थे फिर मेरे कहने पर मैं भोलू के पिताजी उसकी मम्मी सुमित्रा देवी को शहर के बड़े अस्पताल में डॉक्टर को दिखवाने गए वहां भोलू भी आया और डॉक्टर ने अच्छे से देखने के बाद सभी जांचें करवाने के बाद बताया कि भोलू की मम्मी सुमित्रा देवी को हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी है इसलिए इन्हें चिंता कम करने की और भरपूर नींद लेने की दवाइयां और सलाह दी और शाम वाली गाड़ी से हम सभी वापस गांव आ गए भोलू वहीं शहर में था करीब 15 दिन की दवाइयां डॉक्टर साहब ने लिखी थी जो हम खरीद कर लाए थे और 15 दिन बाद डॉक्टर साहब ने दोबारा बुलवाया था और फिर तय हुआ कि 15 दिन बाद भोलू की मम्मी सुमित्रा देवी को हम यहां से गाड़ी में बैठा देंगे और वहां शहर में भोलू अपनी मां सुमित्रा देवी को गाड़ी पर लेने आ जाएगा उधर साथियों आप जानते हो कि भोलू तो भोलू ही है वह वहां भी पूरी तैयारी में ही था क्योंकि अब भोलू शहर की चालाकियां को समझ गया था और उधर भोलू भी अपनी मकान मालकिन यानी की मेरी मुंह बोली ताई जी के बड़े-बड़े और चौड़े नितम्बों को वासना की नजर से देखकर आनन्द लेने लग गया था और साथ ही भोलू ने एक दोस्त भी बना लिया था जिसका नाम बाबूभाई था बाबूभाई ने भोलू को बड़ा ही आनंद देने वाला नुस्खा भी दिया था जिसकी वजह से भोलू आनंद भी लेता और नियंत्रण में भी रहता था यहां गांव से भोलू की मम्मी सुमित्रा
बडा ही मस्त और लाजवाब अपडेट है भाई मजा आ गया
 
Top