मोहिनी ने आज फिर से अपना मन बना ली थी अपने भाई को अपनी चूत के दर्शन कराने के लिए क्योंकि किताब की दुकान पर जो किताब उसके हाथ लगी थी उसके बदलते हुए पन्नों पर लिखी दास्तान को पढ़कर उसके तन बदन में अजीबो गरीब खलबली मची हुई थी,,,पहली बार मोहिनी इसी किताबों पर इतने गंदे शब्दों का प्रयोग और भाभी भाई-बहन के बीच के रिश्ते के बारे में पढ़ रही थी और उसे पढ़कर उसका पूरा वजूद हिलसा गया था,,,, किताब मैं लिखी बातें हकीकत है या बनावटी यह तय कर पाना उसके बस में बिल्कुल भी नहीं था लेकिन जहां तक उसका मानना था किताब में लिखी बातें उसे सच ही लग रही थी क्योंकि वह खुद उस दौर से गुजर रही थी उसे अपने भाई का आकर्षण हो चुका था और उसके भाई को भी उसकी नंगी चूत का पूरी तरह से आकर्षक हो चुका था,,,,। किताब में लिखे एक-एक शब्द उसके जेहन में किसी फिल्म की भांति चल रही थी,,,, और इसीलिए वह किताब में लिखी बातों को सच करने का इरादा करके आज फ्रॉक पहनी थी और अंदर एंटीना पहनकर अपने भाई के दिलो-दिमाग पर बम गिराना चाहती थी,,,, उसे पूरा यकीन था कि आज भी उसका भाई उसकी नंगी चूत को देखकर पूरी तरह से काम विहंवल हो जाएगा,,,,,,,।
सलवार कमीज उतारकर फ्रॉक पहनते समय मोहिनी का दिल जोरों से धड़क रहा था उसके तन बदन में अजीब सी लहर उठ रही थी खास करके तब जब वह फ्रॉक पहनने के बाद अपनी पेंटी को नहीं पहनी हालांकि सलवार कमीज उतारते समय वहां सलवार कमीज के साथ-साथ अपनी पैंटी भी उतार चुकी थी लेकिन उसे दुबारा पहनना गवारा नहीं समझे थे क्योंकि आज वह अपनी मोह जाल अपने भाई पर फिर से बिछाना चाहती थी,,,।,,,कमरे में जाते हैं संजू की नजर जैसे ही मोहिनी पर पड़ी थी और उसके पहने फ्रॉक पर पड़ी थी तभी उसकी दोनों टांगों के बीच हलचल सी होने लगी थी उसे यकीन हो गया था कि आज की रात फिर से उसकी जिंदगी की याद गार रात बनने वाली है,,, बस और भगवान से प्रार्थना करता था कि उसकी बहन फ्रॉक के नीचे पेंटिं ना पहनी हो,,,,,,,।
संजू किताबों के पन्नों को पलट रहा था लेकिन अब उसका ध्यान पढ़ाई में बिल्कुल भी नहीं था अब उसका पूरा ध्यान उसकी बहन पर केंद्रित हो चुका था जो कि उसके बगल में आकर बैठ गई थी और समय व्यतीत करने के लिए खरीद कर लाई गई किताबों को इधर-उधर करके देख रही थी,,,, और किताबों के पन्ने को पलटते हुए बोली,,,।
आज हमने जहां से भूख खरीदे थे वह बुक स्टॉल बहुत ही मानी जानी है वहां पर हर एक जात की किताबें मिल जाती है,,,,,
हां मैंने भी देखा किताबों का ढेर लगा हुआ था अच्छा हुआ तूने मुझे वह किताब की दुकान दिखा दी कभी-कभी किताबें नहीं मिलती तो मैं भी वही जाकर ले लूंगा,,,,।(संजू की नजर बात करते समय अपनी बहन की चिकनी जांघों पर थी जो कि वह अपने घुटनों को मोड़कर बातें कर रही थी इसलिए संजीव को उसकी बहन की चिकनी जांघ एकदम साफ नजर आ रही थी,,, और मोहिनी अपने भाई की नजरों को अच्छी तरह से भांप चुकी थी इसलिए संजू की नजर की वजह से मोहिनी के तन बदन में आग लग रही थी,,,। बातों ही बातों में संजू अपनी बहन से बोला,,)
सच कहूं तो मोहिनी तू फ्रॉक में बहुत खूबसूरत लगती है,,,
(अपने भाई की बात सुनकर मोहिनी एकदम से उत्साहित हो गई और अपनी खूबसूरती की बात सुनकर अंदर ही अंदर उत्तेजित भी होने लगी यह उसके लिए पहला मौका था जब कोई जवान लड़का उसकी खूबसूरती की तारीफ कर रहा था और वह भी खुद उसका सगा बड़ा भाई ,,,वैसे भी मोहिनी ने अब तक किसी लड़कों को मौका ही नहीं दिया कि कोई उसकी तारीफ कर सके क्योंकि वहां लड़कों से बातचीत बिल्कुल भी नहीं करती थी,,,, इसलिए तो पहली बार अपनी खूबसूरती की तारीफ सुनकर मोहिनी बहुत खुश नजर आ रही थी,,,)
नहीं ईतनी भी खास नहीं लगती,,, तुम झूठ बोल रहे हो,,,
अरे पागल मैं क्यों झूठ बोलूंगा तो खूबसूरत लगती है तो लगती है,,,तू नहीं जानती कभी अपने आपको आईने में देखना खुद तुझे पता चल जाएगा कि तू कितनी अच्छी लगती है,,,,,,
अपने घर में इतना बड़ा आईना ही नहीं है कि मैं अपने आपको पूरी की पूरी उसमे देख सकूं,,,
तभी तो तुझे यकीन नहीं हो रहा है मेरी नजरों से अगर देखेगी तो तुझे भी यकीन हो जाएगा,,,,।
(ऐसा कहते हुए संजु अपने मन में सोच रहा था कि उसकी बहन इतनी खूबसूरत है तो कॉलेज में जरूर लड़के इसके पीछे घूमते होंगे या यह किसी लड़के को पसंद करती हो कि या ऐसा भी हो सकता है कि दोनों के बीच दोस्ती भी हो पर दोस्ती बिस्तर तक भी पहुंच गई हो,,,अपनी बहन की खूबसूरती देखकर संजू अपने मन में यही सब सोच रहा था और भगवान से प्रार्थना भी कर रहा था कि उसकी बहन किसी के साथ शारीरिक संबंध ना बनाई हो,,,अपने भाई के मुंह से अपनी खूबसूरती की तारीफ सुनकर अपने भाई के द्वारा की गई हरकत के बारे में सोचते हुए मोहिनी पूरी तरह से उत्तेजना का अनुभव कर रही थी और अपनी चूत में से मदन रस का रिसाव होता हुआ भी महसूस कर रही थी,,, यह फन उसके लिए बेहद असमंजस से भरा हुआ था वह इस खेल में आगे बढ़ना चाहती थी लेकिन किसी भी तरह से अपनी तरफ से यह नहीं करवाना चाहती थी कि जो कुछ भी होगा वह उसकी मर्जी से होगा,,,,,,, अपने भाई की बात को सुनकर वह कुछ बोली नहीं बस मुस्कुराती रही,,, अपनी बहन की प्यारी मुस्कान को देखकर संजू का दिल जोरों से धड़क रहा था संजू को अपनी बहन के लाल लाल होंठ उसकी चूत के गुलाबी पंखुड़ियां नजर आ रही थी जिसे वह कुछ दिनों पहले अपने होठों से चाटा था,, संजू का लंड पूरी तरह से अपनी औकात में आ चुका था कुछ महीनों से उसे भी चोदने को नहीं मिला हालांकि अभी तक उसने केवल अपनी मौसी की ही चुदाई किया था लेकिन अपनी मौसी को चोदने के बाद बह संपूर्ण रूप से संतुष्टि का अनुभव करता था लेकिन मौसी के बाद से किसी की भी चूत उसे चोदने को नहीं मिली थी इसलिए उसकी प्यास निरंतर बढ़ती जा रही थी और अपनी बहन की चूत चाटने के बाद तो उसकी प्यास और ज्यादा प्रज्वलित हो चुकी थी,,,,। कुछ देर तक दोनों इधर-उधर की बातें करते रहे मोहिनी जानती थी कि ज्यादा देर तक बात करने की वजह से अगर उसे नींद आ गई तो सारा मजा किरकिरा हो जाएगा इसलिए वह अपने भाई से बोली,,,)
आज मैं बहुत थक चुकी हूं मुझे नींद आ रही है,,,(नींद आने का इशारा उसके भाई की तरफ था कि अब वह पूरी तरह से उसके साथ छूट ले सकता है और इतना कहने के साथ ही मोहिनी पीठ के बल जानबूझकर अपनी टांगों को फैला कर लेट गयी हालांकि अभी तक उसकी फ्रॉक उसकी जांघों के नीचे तक आ रही थी केवल संजीव को मोहिनी की चिकनी नंगी टांगे ही नजर आ रही थी लेकिन एक जवान लड़की के लिए खूबसूरत लड़की की चिकनी टांग भी उत्तेजना का केंद्र बिंदु बन जाता है और यही संजू के साथ भी हो रहा था,,,,मोहिनी का दिल जोरों से धड़क रहा था क्योंकि वह आज दूसरी बार जानबूझकर अपने भाई को अपने चूत के दर्शन कराना चाहती थी,,,,और यही हाल संजू का भी था हालांकि संजीव को अभी तक इस बात का आभास बिल्कुल भी नहीं था कि उसकी बहन ने रोक के नीचे पैंटी नहीं पहनी है उसे ऐसा ही लग रहा था कि वह पेंटी पहनी होगी और इसी के चलते मन ही मन भगवान से प्रार्थना भी कर रहा था कि वह पैंटी ना पहनी हो तो मजा आ जाए,,,,।
कुछ देर तक मोहिनी उसी अवस्था में लेटी रही हालांकि उत्तेजना के चलते गहरी सांस के ताल के साथ-साथ उसकी चूचियां भी ताल मिला रही थी और ऊपर नीचे हो रही थी,,। यह देख कर संजू का लंड भी अपनी बहन की मदमस्त कर देने वाली जवानी को सलामी भरते हुए ठुनकी मार रहा था,,, देखते ही देखते हैं 15 मिनट जैसा गुजर गया था अभी तक मोहिनी के बदन में किसी भी प्रकार की हरकत नहीं हुई थी ज्यों की त्यों वह उसी तरह से लेटी हुई थी संजू अपनी बहन की फ्रॉक का ऊपर की तरफ उठने का इंतजार कर रहा था ताकि वह अपनी आंखों से देख सके की फ्रॉक के नीचे उसकी बहन कुछ पहनी भी है या नहीं,,, अपनी बहन की गाढ निद्रा के बारे में वहां जानता था,,, इसलिए थोड़ा बहुत निश्चिंत भी था,,,,।
दूसरी तरफ महीने का दिल जोरों से धड़क रहा था अपनी भावनाओं पर वह बड़ी कठिनाई से काबू कर पाई थी,,,वह खुद अपनी टांगों को घुटनों से मोड़कर अपनी फ्रॉक को कमर तक उठा देना चाहती थी ताकि उसके भाई को उसकी चिकनी चूत के दर्शन हो सके,,,, लेकिन ऐसा करने में उसे अजीब सा महसूस हो रहा था उत्तेजना से उसका पूरा बदन कसमसा रहा था,,,, बार-बार बुक स्टॉल के अंदर उसके हाथ में आई उस किताब के बारे में सोच सोच कर उसकी चूत गीली हो रही थी,,, रह-रहकर मोहिनी किताब वाले भाई की तुलना अपने भाई से कर रही थी और मन ही मन अपने भाई को गाली दे रही थी कि इससे अच्छा तो वह किताब वाला भाई था जो कि उसकी बहन के कुछ ना कहने के बावजूद भी अपनी मनमानी करते हुए उसे पूरी तरह से नंगी करके उसकी चूत में लंड डाल दिया था,,,,,
देखते ही देखते ताका झांकी में रात के 12:00 बज गए,,, दीवार पर टंगी घड़ी पर नजर जाते हीसंजू को इस बात का एहसास हुआ कि वह सिर्फ देखने ही देखने में तकरीबन 1 घंटा व्यर्थ कर चुका था उसे पूरा यकीन हो चुका था कि उसकी बहन सो चुकी है,,,,,,, अब संजू का देर हो जवाब दे रहा था,,, मोहिनी अपने भाई से किसी हरकत की उम्मीद में जाग रही थी या यूं कह लो कि उसकी तो नींद उड़ी हुई थी,,,मोहिनी को लगने लगा था कि जब तक वह किसी प्रकार की हरकत नहीं करेगी तब तक लगता है उसका भाई यूं ही सिर्फ देखता ही रहेगा और आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं कर पाएगा इसलिए मोहिनी ही गहरी नींद में होने का नाटक करते हुए अपने एक पेर को खुजाते हुए उसे घुटनों से मोड़ ली,,,, और उसके ऐसा करने परजो नजारा संजू की आंखों के सामने नजर आया उसे देखते ही उसकी आंखें फटी की फटी रह गई ऐसा लग रहा था कि जैसे मन ही मन कर रहे प्रार्थना को भगवान ने स्वीकार कर लिया हो मोहिनी के द्वारा अपना पैर मोड़ते ही उसकी फ्रॉक उसकी कमर में जाकर इकट्ठा हो गई और कमर के नीचे से वह पूरी तरह से नंगी हो गई,,, अपने भाई को अपनी चिकनी चूत के दर्शन कराने के नाते ही वह चड्डी नहीं पहनी थी और अपनी बहन को चड्डी ना पहने हुए देखकर संजू की आंखों में वासना का तूफान नजर आने लगा अपनी बहन की उत्तेजना से फूली हुई चिकनी चूत को देखकर उसके होश उड़ गए,,,,
मोहिनी काफी देर से अपने बदन में उत्तेजना का अनुभव कर रही थी और उसकी उत्तेजना के चलते रक्त का प्रवाह उसके चूत के गोलार्ध पर अधिक हो रहा था जिससे उसकी चूत तवे पर रखे हुए गरम रोटी की तरफ फूल गई थी और कचोरी की तरह नजर आने लगी थी,,,, मोहिनी का दिल जोरों से धड़क रहा था क्योंकि वह जानती थी कि जिस तरह से उसने अपने पैर को मोड़ दी है उसके भाई को उसकी नंगी चूत जरूर नजर आती होगी,,,हल्की सी आंख खोलने की भी हिम्मत इस समय मोहिनी में बिल्कुल भी नहीं थी क्योंकि वह नहीं चाहती थी कि भी किसी भी प्रकार का एहसास उसके भाई को हो कि मोहिनी जाग रही है,,,
दोनों तरफ आग बराबर लगी हुई थी संजू का लंड पेंट में गदर मचाने को तैयार था वह कभी मोहिनी के खूबसूरत चेहरे की तरफ तो कभी उसकी दोनों टांगों के बीच की खूबसूरती को देख रहा था,,,, संजू से बर्दाश्त कर पाना बेहद मुश्किल हुआ जा रहा था आज मोहिनी की चूत पर छोटे-छोटे हल्के हल्के रेशमी बाल नजर आ रहे थे उस दिन उसकी चूत पूरी तरह से चिकनी थी,,,,कुछ देर तक संजू अपनी बहन के खूबसूरत चेहरे की तरफ देखकर अंदाजा लगाने की कोशिश करने लगा कि उसकी बहन गहरी नींद में सो रही है या अभी भी जाग रही है,,,, लेकिन पूरी तसल्ली कर लेने के बाद संजू अपनी नजरों को अपनी बहन की दोनों टांगों के बीच करीब लेकर आया था कि वह अपनी बहन की चूत को अच्छे से देख सके,,, अपनी बहन की दोनों टांगों के बीच अपनी आंखों को ले जाने की वजह से छूत में से उठ रही मादक खुशबू तुरंत ही उसके नथुनो में पहुंचने लगी जिसकी मादक खुशबू वह बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था,,,।वह उस दिन की तरह अपनी बहन की चूत को छूना चाहता था स्पर्श करना चाहता था उसे अपने होठों से लगाकर उसकी गर्माहट को अपने अंदर उतारना चाहता था,,,उसे पूरा विश्वास था कि उस दिन की तरह आज भी सुबह अपनी बहन की चूत चाटने में कामयाब हो जाएगा,,,।
ट्यूबलाइट अभी भी चल रही थी उसकी दूधिया रोशनी में मोहिनी का गोरा बदन और भी ज्यादा चमक रहा था,,,, पेंट में टनटनाए हुए लंड को अपने हाथ से एडजस्ट करते हुए वह एक हाथ अपनी बहन की चूत की तरफ आगे बढ़ाने लगा,,,उत्तेजना के मारे उसका हाथ कांप रहा था वह जानता था कि वह क्या करने जा रहा है अपनी बहन की चूत पर हाथ रखने जा रहा है उसे छुने जा रहा है,,, जो कि एक भाई-बहन के बीच इस तरह का रिश्ता बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए था लेकिन संजू भाई बहन के रिश्ते नाते को एक तरफ रख कर आगे बढ़ रहा था ,,, और मोहिनी भी तो यही चाहती थी,,,, देखते ही देखते संजु अपने कांपते हुए हाथ को आगे बढ़ा कर अपनी बहन की चूत पर अपनी हथेली रख दिया ,,,,,एकदम गरम भट्टी की तरह तपती हुई उसमें से भरी हुई चूत पर हाथ रखते ही संजू का पूरा वजूद पिघलने लगा और यही हाल मोहिनी का भी हुआ वह अभी तक अपनी आंखों को बंद किए हुए थी जैसे ही अपने भाई की हथेली को अपनी चूत का महसूस की वैसे ही मदहोशी भरी हल्की सी आह भरते हुए जो कि उसके सिवा कोई भी नहीं सुन सकता था अपनी आंखों को हल्के से खोली,,,संजू का ध्यान उसकी दोनों टांगों के बीच ही था इसलिए मोहिनी ने तुरंत अपनी आंखों को बंद कर लिया और अपने भाई के हरकत का आनंद लेने लगी वह देखना चाहती थी कि उसका भाई और क्या करता है,,,,,।
संजू की सबसे बड़ी तेजी से चल रही थी उसके नाथुनों से निकलने वाली सांस की आवाज एकदम साफ सुनाई दे रही थी,,,,संजू की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी अपनी बहन की चूत पर उसकी पूरी हथेली रखी हुई थी एक तरह से वह अपनी बहन की चूत के गुलाबी चुत को उसके संपूर्ण भूगोल को अपनी हथेली से ढक लिया था,,,, उसकी गर्माहट को अपने अंदर महसूस करके पूरी तरह से मस्त हो चुका था उसका मन कर रहा था कि की ओर से अपनी बहन की चूत को अपनी हथेली में दबोच ले लेकिन ऐसा करने से उसकी नींद खुल सकती थी इसलिए बोला फिर भी अपनी भावनाओं पर काबू करने के बावजूद भी हल्के से वह अपनी हथेली को मुट्ठी बनाकर अपनी बहन की चूत को उसमें बीच लिया ऐसा करने पर उसे अद्भुत सुख का अहसास हो रहा था और मोहिनी भी एक दम मस्त हो गई वह तो पूरी तरह से पागल हो जा रही थी उसका दिल कर रहा था कि वह जोर-जोर से गरमा गरम सिसकारी लेते हुए अपने भाई की हरकत का मजा ले,,, लेकिन अभी वह पूरी तरह से अपने आप पर काबू किए हुए थी,,,।
संजु को अपनी हथेली पर अपनी बहन की चूत का काम रस साफ तौर पर महसूस हो रहा था,,,उसे इस बात का अहसास होने लगा था कि नींद में भी उसकी बहन उत्तेजना का अनुभव कर रही है जिसकी वजह से उसकी चूत से काम रस निकल रहा है,,, संजू अपनी हथेली को अपनी बहन की चूत पर रगडना शुरू कर दिया,,, मोहिनी की हालत खराब होती जा रही थी मोहिनी से अपनी चुदासपन बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रही थी,,, ऐसा लग रहा था कि किसी भी पल उसके मुख से गरमा गरम सिसकारी की आवाज फूट पड़ेगी बड़ी मुश्किल से वह अपने आप पर काबू कर पाई थी लेकिन उसकी भाई की हरकत उसके हौसले को पस्त किए जा रही थी,,,।
संजू अपनी हरकत को आगे बढ़ाते हुए अपनी हथेली को अपनी बहन की चूत से हटाते हुए अपने बीच वाली उंगली को,,, उसकी चूत की पतली दरार को ऊपर की तरफ रखकर उसे नीचे की तरफ अपनी ऊंगली को उस गहरी पतली दरार में धंसाते हुए लाने लगा,,,मोहिनी से बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था संजू की यह हरकत पूरी तरह से जानलेवा थी मादकता के परम शिखर पर पल भर में है मोहिनी अपने आप को विराजमान महसूस करने लगी थी वह उत्तेजना के मारे अपनी कमर को ऊपर की तरफ उछाल देना चाहती थी,,,लेकिन ना जाने कौनसी ताकत है कि वह अपने आप को रोक कर रखी हुई थी हालांकि लगातार उसकी चूत से मदन रस का बहाव होना शुरु हो गया था क्योंकि इस पर उसका बिल्कुल भी काबू नहीं था,,,,,
संजू गहरी सांस लेटा हुआ लगातार अपनी उंगली को उसकी बुर की पत्नी गहरी दरार में ऊपर से नीचे नीचे से ऊपर की तरफ ले जा रहा था ऐसा करते हुए उसमें से मदन रस अमृत की धारा बनकर फूट रही थी अपनी बहन की चूत से निकल रहे काम रस को देखकर संजू के मुंह में पानी आ रहा था उसे लग रहा था कि नींद में उसकी बहन को बहुत मजा आ रहा है,,, और संजू उसके आनंद को और ज्यादा बढ़ाना चाहता था,,,, इसलिए संजू अपने प्यार से होठों को धीरे धीरे अपनी बहन की चूत की तरफ ले जा रहा था,,, अपने बदन में बढ़ती हुई कसमसाहट को देखते हुए मोहिनी अपनी आंखों को हल्के से खोल कर देखने लगी तो संजू उसकी चूत की तरफ आगे बढ़ रहा था यह देखकर मोहिनी की हालत खराब होने लगी क्योंकि उसे यकीन हो चला था कि किसी भी पल वह अपने भाई के प्यासे होठों को अपनी चूत पर महसूस कर पाएगी और उसके देखते ही देखते संजू अपने प्यासे होठों को अपनी बहन की गुलाबी चूत पर रख दिया,,,,अपनी गुलाबी चूत पर अपने भाई के होंठों का स्पर्श होते ही मोहिनी की चूची में खलबली मच गई और वह उसकी सांसो की लय के साथ ऊपर नीचे लहर मारने लगी अगर इस समय संजू की नजर अपनी बहन की छातियों पर जाती तो शायद वह फ्रॉक के ऊपर से ही अपनी बहन की चूची को दोनों हाथों से दबोच लेता,,,,।
संजू अपनी मौसी के साथ जो कुछ भी सीखा था वह अपनी बहन पर आजमा रहा था और धीरे-धीरे उसे कामयाबी हासिल होती जा रही थी क्योंकि अपनी जीभ का इस्तेमाल करके वह पूरी तरह से मोहिनी पर छा चुका था मोहिनी पर उसका जादू चल चुका था,,,,,, मोहिनी के नींद का फायदा उठाते हुए संजू धीरे से मोहिनी की दोनों टांगों के बीच आ गया और जगह बनाते हुए उसकी जांघों को हल्के से खोल दिया और फिर अपनी जीभ को कुश्ती गुलाबी छेद में डालकर उसकी मलाई को चाटना शुरू कर दिया,,,,।
मोहिनी एक जवान होती लड़की थी जिसके बदन में जवानी पूरी तरह से अपना असर दिखा रही थीऔर और ऐसे दौर में जब एक जवान लड़का किसी लड़की की चूत पर अपना जीभ रखकर उसका रस चाट रहा हो तो ऐसे में उस लड़की पर क्या बीती है उसकी कैसी हालत होती है वह मोहिनी के सिवा कोई नहीं समझ पाएगा,,,, अपनी बहन की नींद का फायदा उठाते हुए संजु अपनी बहन की चूत को चाटता हुआ अपनी एक उंगली को धीरे से उसकी चूत में प्रवेश कराने लगा चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी इसलिए पहली बार में ही धीरे-धीरे करके संजू ने अपनी पूरी उंगली को अपनी बहन की चूत में डाल दिया यह मोहिनी के लिए बर्दाश्त के बाहर था हल्का दर्द के साथ-साथ पूरी उंगली अपनी बुर में प्रवेश कर जाने की वजह से जिस तरह के उत्तेजना का अनुभव अपने तन बदन में करते हुए मस्ती की हिलोरे मार रही थी मोहिनी कभी सोच भी नहीं सकती थी कि उसे इस तरह का आनंद प्राप्त होगा,,,,धीरे-धीरे मोहिनी को अपनी चुत में अपने भाई के उंगली अंदर बाहर होती हुई महसूस होने लगी और उसे ऐसा लग रहा था कि जैसे उसकी चुत में उसके भाई की उंगली ना होकर उसका लंड अंदर बाहर हो रहा है,,, यह एहसास मोहिनी को पानी पानी किए जा रही थी,,,,।
संजु को भी ऐसा लग रहा था कि अब उसे अपनी बहन के जागने का डर बिल्कुल भी नहीं है क्योंकि वह पूरी तरह से ,, वासना में लिप्त हो चुका था उसे बस आनंद मिल रहा था वह दुनिया को भूल चुका था वह अपनी बहन की चूत को चाटने में पूरी तरह से मस्त हो चुका था और अपनी हरकत से अपनी बहन को भी वासना के सागर में खींचे लिए चला जा रहा था,,,,,,,मोहिनी अपने दोनों हाथों को अपने भाई के सर पर रख कर उसे जोर से अपनी चूत पर दबा देना चाहती थी लेकिन ऐसा करने से वह डर रही थी,,,, लेकिन जिस तरह का आनंद से प्राप्त हो रहा था उसके पेट की नसें खींची चली जा रही थी जिससे उसके पेट का फूलना पिचकना बड़ी तेजी से हो रहा था जो कि बेहद आनंददायक परिस्थिति में ही होता है,,,,,,।
संजू पर पूरी तरह से वासना सवार हो चुका थावह अपनी उंगली को बड़ी तेजी से अपनी बहन की चूत में अंदर बाहर करना शुरू कर दिया था वह एक तरह से अपनी बहन की चूत को अपनी उंगली से चोद रहा था और अपनी हरकत से अपनी बहन को पूरी तरह से मस्त किया जा रहा था मोहिनी कि यह उत्तेजना बर्दाश्त के बाहर हो रही थी,,,,फच फच की आ रही आवाज संजू को बेहद मनमोहक लग रही थी वह अपने होठों को अपनी बहन की चूत से हटाकर केवल उसकी चूत में उंगली को अंदर बाहर कर रहा था,,,, तभी उसके कानों में जो कुछ भी सुनाई दिया उसे सुनकर उसके होश उड़ गए वह अपनी बहन की तरफ एकटक देखने लगा,,,,।
सहहहहह आहहहहहहह,,,,,,,(संजू की आंखें फटी की फटी रह गई जब इस तरह की गरम सिसकारी की आवाज अपनी बहन के मुंह से आती हुई सुनाई दिया और वह उसकी तरफ देखने लगा दोनों की नजरें आपस में टकरा गई संजू को समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें,,, और मोहिनी प्यासी नजरों से अपने भाई की तरफ देख रही थी उसके लिए भी यह मौका बिल्कुल सही था आगे बढ़ने का ना कि उसे रोककर सवाल जवाब करने का ऐसा करने से वह खुद का मजा किरकिरा कर लेती,,,,संजू और मोदी दोनों एक दूसरे को देख रहे थे संजू की उंगली अभी-अभी मोहिनी की चूत के अंदर फंसी हुई थी जिसे संजू बाहर निकालना भूल गया था संजू की आंखों में डर था कि कहीं उसकी बहन नाराज ना हो जाए लेकिन मोहिनी की आंखों में ना तो दर्द था और ना ही अफसोस बस एक गुहार थी जो कि संजु को आगे बढ़ने के लिए बोल रही थी,,, शायद संजू नजरों की भाषा को नहीं समझ पाता था वरना अपनी बहन की नजरों को पढ़कर हुआ उसकी चूत में अपनी उंगली नहीं बल्कि अपना लंड डाल दिया होता,,,,।
संजु को समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें,,,यह तो वहां अच्छी तरह से जानता था कि उसकी बहन गहरी नींद में सोती है लेकिन जाग जाएगी इतना उसे विश्वास बिल्कुल भी नहीं था लेकिन संजू की नजरों में मोहिनी जाग चुकी थी,,, जबकि वह सोई ही नहीं थी,,,,संजू असर से अपनी बहन की तरफ देख रहा था उसे यकीन था कि उसकी बहन गुस्सा करेगी नाराज होगी उसे भला-बुरा कहेगी और वह उसी के इंतजार में था लेकिन मोहिनी अपना हाथ आगे बढ़ाकर उसके सिर पर रख दिया और उसके बाल को कस के पकड़ कर उसके होंठों को अपनी चूत पर धंसा दी,,, यह क्या संजू तो पूरी तरह से चौक गया उसे तो बिल्कुल भी यकीन नहीं था कि , मोहिनी यह हरकत करेगी उसे तो लग रहा था कि मोहिनी उसे भला बुरा कहा कि भाई बहन के रिश्ते की दवाई देगी लेकिन सब कुछ संजू की नजर में उल्टा होता हुआ नजर आ रहा था गरम सिसकारी लेते हो उसकी बहन उसके बाल को पकड़कर उसके होठों को अपनी चूत पर दबा दी थी यह मोहिनी की तरफ से संजू के लिए खुला निमंत्रण था बस फिर क्या था संजू भला कैसे पीछे हटने वाला था,,,।अपनी बहन की इजाजत आते ही संजू पागलों की तरह अपनी बहन की चूत को चोदना शुरु कर दिया हालांकि अभी भी उसकी उंगली मोहिनी की चूत के अंदर बसी हुई थी जिसे वह उसकी चूत चाटते हुए भी अपनी उंगली को अंदर बाहर करके उसे मजा दे रहा था,,,।
अब मोहिनी के लिए सफर का कोई दायरा नहीं था भावनाओं पर काबू करना जरूरी बिल्कुल भी नहीं था,,, इसलिए उसके मुख से गर्म सिसकारी फूटना शुरू हो गई थी अपनी बहन के मुख से गरमा गरम सिसकारी की आवाज सुनकर संजू की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ रही थी,,।वह पागलों की तरह अपनी बहन की चूत चाट रहा था ऐसा लग रहा था कि जैसे कटोरी में उसके लिए खीर रखी हुई हो,,,,।
सहहहहह आहहहहह ,,,ओहहहह भाई यह क्या कर रहा है,,,,आहहहह ना जाने कैसा लग रहा है,,,, तूने तो मुझे पागल कर दिया रे,,,,सहहहहहह आहहहहहहह,,,,, यह कब किया तूने,,,,।
(मोहिनी गरमा गरम सिसकारी लेते हुए एक ही सांस में सारे सवाल पूछ डाल रही थी जिसका जवाब वह खुद जानती थी लेकिन संजू उसके सवालों का जवाब देना जरूरी नहीं समझ रहा था क्योंकि इस समय वहां पर हद महत्वपूर्ण काम को अंजाम दे रहा था,,,,संजू समझ गया था कि मोहिनी अब पूरी तरह से उसके काबू में आ गई है अब वह किसी को कुछ भी बोलने वाली नहीं है उसके साथ वह कुछ भी करेगा वह उसे करवाने के लिए तैयार नहीं की इसलिए अपनी बहन की चूत से अपने होठों को हटा कर,, अपनी बहन की आंखों में देखते हुए बोला,,,)
मोहिनी तेरी चूत बहुत रसीली है,,,,।
सहहहहहह (मोहिनी एकदम मस्त होते हुए) मम्मी को पता चल गया तो,,,
किसी को कुछ भी पता नहीं चलेगा,,,,(अपनी बहन की रजामंदी पाकर अपना एक हाथ आगे की तरह बढ़ाकर फ्रॉक के ऊपर से ही अपनी बहन की चूची को पकड़ लिया यह पहली बार था जब अपनी बहन की चूची को पकड़ रहा था,,, कपड़ों के ऊपर से तो वह बहुत बार अपनी बहन की चूची को देखकर की ललच कर रह गया था लेकिन आज उसे मौका मिल रहा था अपनी बहन की चूची का रस निकालने का जिसका बाप पूरा फायदा उठाते हुए जोर जोर से दबा रहा था,,,।
सहहहह आहहहहह धीरे से भैया,,,,आहहहहह
कोई बात नहीं मोहिनी अभी मजा भी बहुत आएगा,,,,।
(मोहिनी पूरी तरह से मस्त हुए जा रही थी वह चाहती थी कि उसका भाई उसकी चूत का और चटाई करें इसलिए खुद ही अपना हाथ आगे बढ़ाकर फिर से उसके बाद को कस के पकड़ कर उसके मुंह को अपनी चूत पर दबा दी और इस बार भी संजू मोहिनी के भरोसे पर खरा उतरता हुआ उसकी मलाई को चाटना शुरू कर दिया,,,, मोहीनी पुरी तरह से तड़प रही थी,, अपनी चूत में लंड डलवाने के लिए लेकिन यह बात अपने भाई से कहने में उसे शर्म महसूस हो रही थी वह तड़प रही थी मचल रही थी कसमसा रही थी,,, एक तरह से अपने भाई को इशारा दे रही थी कि बस चूत चटाई बहुत हो गया अब चूत पेलाई होना चाहिए,,,,। संजू भी मौके की नजाकत को अच्छी तरह से समझता था यह ज्ञान उसे अपनी मौसी से प्राप्त हुआ था क्योंकि उसकी मौसी जब कभी भी इसी तरह से तड़पती थी तो उसके लंड को अपनी चूत में डलवा कर ठंडी हो जाती थी और इस समय मोहिनी को भी यहीं चाहिए था,,,,। संजू मोहिनी की दोनों टांगों के बीच से उठता हुआ गहरी गहरी सांस लेकर मोहिनी को देख रहा था मोहिनी अभी भी पीठ के बल लेटी हुई थी उसकी आंखों में शर्म नजर आ रही थी शर्मा और उत्तेजना के मारे उसके गोरे गोरे गाल टमाटर की तरह लाल हो चुकी थी संजू अपनी बहन को पूरी तरह से नंगी देखना चाहता था इसलिए उसका हाथ पकड़ कर उसे उठाने लगा और अगले पर उसकी बहन भी उसकी तरह ही बैठ गई,,,,संजू आगे बढ़ने से पहले एक बार फिर से मोहीनी की इजाजत ले लेना चाहता था इसलिए बोला,,,।
मोहिनी इस खेल में आगे बढ़ना चाहती हो,,,
(मोहिनी बोली कुछ नहीं बस शर्म से हां में सिर हिला दी यह देख कर संजू के तन बदन में उत्तेजना की लहर द१ड़ने लगी क्योंकि वह समझ गया था कि आज की रात वह अपनी बहन की चूत पर कामयाबी हासिल कर लेगा,,,संजू अपना दोनों हाथ आगे बढ़ाकर उसकी फ्रॉक पर हाथ रखकर उसे उत्तर की तरफ उठाते हुए बोला,,,)
इसके लिए तुम्हें अपने कपड़े उतारने होंगे,,,(और इतना सुनते ही मोहिनी बिल्कुल भी देर किए बिना अपने दोनों हाथों को ऊपर की तरफ उठा दी,,,)