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Incest मजबूरी या जरूरत

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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सुह जब मोहिनी की नींद खुली तो दोनों भाई बहन एकदम नग्न मस्तान एक दूसरे की बाहों में बाहें डाल कर सो रहे थे,,, संजू का लंड अभी भी मोहिनी की चूत के द्वार पर सर झुकाए खड़ा था मानो के जैसे सुबह की सलामी भर रहा है,,, मोहिनी की नजर अपने भाई के लंड पर गई तो आंखों में अजीब सा सुकून नजर आ रहा था,,,,, पल भर में ही रात वाला दृश्य उसकी आंखों के सामने घूमने लगा,,,, कि कैसेबेशर्म बंद कर अपने भाई को अपनी चूत के दर्शन कराइए और उसी चूत को देखकर आज उन दोनों के बीच भाई बहन का रिश्ता ना होकर एक औरत और एक मर्द का रिश्ता कायम हो चुका है लेकिन एक चुत औरत और मर्द को कितना मजा देती है इस बात का एहसास उसे अच्छी तरह से हो रहा था आज उसे एक खूबसूरत लड़की होने पर गर्व महसूस हो रहा था और उससे भी ज्यादा गर्व महसूस इस बात से हो रहा था कि मर्दों को अपने काबू में करने के लिए अपने बस में करने के लिए उसके पास नाम के ही जैसे चूत जैसी मोहिनी मंत्र है जिसका उपयोग करके वह किसी भी मर्द को अपने बस में कर सकती हैं,,,



अपने भाई के मोटे तगड़े लंड सोचो कि अभी थोड़ा सा ढीला पड़ चुका था उसे देखकर यकीन नहीं हो रहा था कि इतने मोटे लंबे लंड को अपनी चूत में बड़े आराम से ले ली थी तभी उसे एहसास हुआ कि आराम से कहा पूरा लेने के लिए उसे कितनी मुसीबत झेलनी पड़ी थी इतना दर्द हो रहा था कि पूछो मत मोहिनी अपने मन में ही सोचने लगी कि अगर उसकी बात मानती है उसका भाई अपना लंड बाहर निकाल दिया होता तो शायद ही वह अपने भाई को दोबारा अपनी चूत में लंड डालने की इजाजत दे पाती,,,अपने भाई की मनमानी से वह भी खुश नजर आ रही थी क्योंकि उसके ही चलते उसे एक औरत होने का सुख प्राप्त हो रहा था चुदाई में इतना मजा आता है वह कभी सोची भी नहीं थी,,,, मोहिनी ,अपने भाई के बगल में एक नग्न अवस्था में बैठी हुई थी उसका भाई भी एकदम नग्न अवस्था में चैन की नींद सो रहा था,,, मोहिनी को इस बात का एहसास हुआ कि चुदवाने के बाद उसे बहुत गहरी नींद लगी थी,,,, मोहिनी अपनी चूत की तरफ देखी तो अभी भी उस पर उसके भाई का चिकना माल लगा हुआ था जिसे वह अपनी हथेली रखकर साफ कर रही थी,,,,, देर हो रही थी इसलिए मैंने अपनी जगह से खड़ी हुई और एक नजर फिर से अपने भाई के नंगे बदन पर डाली तो उसके नंगे घटने बदल को देखकर एकदम मोहित हो गई,,संजू कसरत नहीं करता था कैसी उसका बदन एकदम कसरती था,आकर्षक तो वह लगता ही था लेकिन बिना कपड़ों के और भी ज्यादा आकर्षक लगता था इस बात की खबर केवल अब मोहिनी को ही था कि उसका भाई नंगा होने के बाद और भी ज्यादा खूबसूरत और आकर्षक लगता है,,,,,,,,,,।


समय हो रहा था लेकिन मोहिनी का कमरे से बाहर जाने का मन बिल्कुल भी नहीं कर रहा था,,,,वह एक बार फिर से अपने भाई के लंड को पकड़ कर देखना चाहती थी रात भर अपनी बुर में लेकर अपने जीवन का पहला संभोग कर चुकी थी,,, और यह काम क्रीड़ा था ही ऐसा खेल की एक बार से तो क्या जीवन भर मन नहीं भरता था,,,, इसीलिए मोहिनी अपनी जज्बातों के भावना में बहते हुए एक बार फिर से घुटनों के बल बैठ गई अभी भी वह अपने बदन पर वस्त्र नहीं डाली थी और वह अपना हाथ अपने भाई के खड़े लंड पर रखकर उसे अपनी हथेली में दबा ली,,,,,,,,,, उत्तेजना के मारे मोहिनी ने अपने भाई के लंड को इतनी जोर से दवाई थी किसंजू की आंख खुल गई और वहां बिल्कुल भी देर किए बिना ही अपना हाथ आगे बढ़ाकर झट से मोहिनी का हाथ पकड़ लिया,,,,,,।

संजू मोहिनी की हरकत से एकदम तरोताजा हो गया था उसके बदन में जरा भी आलस नहीं था ऐसा लग रहा था कि जैसे वह सोया ही ना हो,,,,,, संजू ने जिस तरह से एक झटके से अपनी बहन की कलाई पकड़ लिया था उसे देखते हुए मोहिनी एकदम से घबरा गई थी और एकदम से शर्म का अनुभव करने लगी थी,,, महीने की हरकत से संजू के चेहरे पर मुस्कान तैरने लगी थी और वह मुस्कुराते हुए मोहिनी से बोला,,,।

लगता है रात को तुम्हारा मन नहीं भरा,,,,


छोड़ो ना भाई,,,,(मोहिनी अपनी कलाई अपने भाई के हाथ से छुड़ाने की कोशिश कर रही थी लेकिन उसकी हथेली में अभी भी संजू का मोटा तगड़ा लंड था जिसे वह कस के पकड़े हुए थी धीरे-धीरे उसमें भी उत्तेजना के बुलबुले फूट रहे थे,,,,)

ऐसे कैसे छोड़ दूं,,,, तुमने एक बार फिर से मेरे लंड को खड़ा कर दि हो,,, अब तो यह तुम्हारी चूत में जाकर ही रहेगा,,,,(संजु अपनी बहन की हथेली को कस के पकड़े हुए ही ऊपर नीचे करके अपनी बहन के हाथ से अपने लंड पर मुठ मरवाने लगा,,,, अपने भाई की खुली बात सुनकर और अपनी हथेली में फूल रहेअपने भाई के लंड के कारण मोहिनी के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी थी,,,)

Mohini

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नहीं भाई छोड़ मुझे जाने दे देख मम्मी के उठने का समय हो गया,,, है,,, कॉलेज भी जाना है ,,,,,(एक तरफ मोहिनी अपने भाई से उसकी कलाई छोड़ने की जिद कर रही थी क्योंकि कॉलेज जाने के लिए देर हो रही थी लेकिन एक तरफ उसका मन वहीं रुकने को कर रहा था अपने भाई के लैंड की गर्मी को वह अपनी हथेली में महसूस जरूर कर रही थी लेकिन उसकी तपन उसे अपनी चूत की फांकों के बीच महसूस हो रही थी,,, जिसकी वजह से पल भर में ही उसकी चूत काम रस छोड़ते हुए पिघलने लगी थी जिस पर संजू की नजर चली गई थी और वह मुस्कुराते हुए अपना दूसरा हाथ आगे बढ़ाकर अपनी बहन की चूत पर हथेली रखते हुए बोला,,,)

हाय मेरी प्यारी बहना तू कॉलेज जाना चाहती है लेकिन तेरी चूत मेरे लंड पर आना चाहती है,,, देख नहीं रही है कितनी चु रही है,,,।
(अपने भाई की बात और अपनी चूत की हालत को देखकर मोहिनी शर्म से लाल हो गई और वह शरमा कर अपनी नजरों को दूसरी तरफ देख ली लेकिन उसकी हथेली का कसाव संजू के लंड पर और ज्यादा बढ़ गया,,, संजू उसी तरह से अपनी बहन की हथेली पकड़े हुए अपने लंड को मुठिया रहा था,,, जिससे मोहिनी भी मस्त हुए जा रही थी,,,।)

जाने दो ना भाई मम्मी किसी भी वक्त आ जाएगी हम दोनों को कॉलेज जाने में देर हो जाएगा,,,


कोई देर नहीं हो जाएगा 10 मिनट का तो काम है कर लेने दो,,,

नहीं नहीं मुझे डर लग रहा है मम्मी आ गई तो,,,


अरे अभी मम्मी नहीं आने वाली अभी समय है,,,

Aradhna ki chuchiya

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इतना भी समय नहीं है हम दोनों के पास,,, अभी जाने दे भाई रात को फिर कर लेना,,,(मोहिनी जाने के लिए बोल रही थी लेकिन अंदर ही अंदर चाहती थी कि उसका भाई खुद ही उसकी बात ना मानते हुए उसकी चूत में अपना लंड डालते क्योंकि अपने भाई के लंड को पकड़ कर उसकी चूत लंड के लिए तड़प रही थी,,,,संजू भी अपनी बहन की बात को सुनकर इतना तो समझ गया था कि उसका भी मन कर रहा है बस घबरा रही है लेकिन फिर भी एक ही रात में दोनों भाई बहन काफी खुल गए थे क्योंकि इस समय भी दोनों नग्न अवस्था में बैठे हुए थे मोहिनी के हाथ में उसके भाई का खड़ा लंड कहां और संजू की हथेली मोहिनी की चूत पर थीऔपचारिक रूप से सुबह के समय लंड में तनाव रात की अपेक्षा कुछ ज्यादा ही होता है इसलिए मोहिनी को अपने भाई का लंड कुछ ज्यादा ही मोटा लग रहा था,,, संजू बातों में वक्त गवाना नहीं चाहता था,, अपनी बहन को खामोश करने के लिए संजू अपने होठों को अपनी बहन के होठों पर रख दीया और उसका चुंबन करने लगा,,, मोहिनी जोकि अपने आप को संभालने की कोशिश कर रही थी अपने भाई की हरकत से पूरी तरह से काम आतुर हो गई और तुरंत वह भी चुंबन में अपने भाई का साथ देने लगी,,, संजू पूरी तरह से मदहोश होने लगा वह अपनी बहन के होठों का रसपान करते हुए एक हाथ से अपनी बहन की चूची को दबाने लगा,,,रात को ही दोनों अपने अपने कपड़ों को उतारकर नंगे हो गए थे और अब तक उनके बदन पर कपड़ा नहीं था इसी का फायदा उठाते हुए संजू अपने बहन के नंगे बदन से खेलने लगा,,,,,,।



संजू और मोहिनी दोनों बैठे थे और बैठे-बैठे ही एक दूसरे के होंठों का रसपान कर रहे थे और एक दूसरे के अंगों से खेल रहे थे मोहिनी जो कि अभी तक अपने भाई के लंड को एक पल के लिए भी छोड़ी नहीं थी,,, संजू मौके का फायदा उठाना अच्छी तरह से जानता था और इस समय दोनों के पास समय बहुत कम था,,, संजु को अपने लंड की ताकत अच्छी तरह से मालूम थी वह जानता था कि किसी भी हाल में किसी भी सूरत में वह अपने लंड को चूत में डालने में कामयाब हो जाएगा इसलिए संजू पूरी तरह से नए आसन को आजमाते हुए अपनी बहन की दोनों टांगों के बीच हाथ डालकर उसकी गांड को अपनी हथेली मैं पकड़कर उसे ऊपर की तरफ उठाते हुए पल भर के लिए उसे अपनी गोद में उठा लिया था हालांकि अभी भी दोनों के होंठ एक दूसरे में भिडे हुए थे,,, मोहिनी तो एकदम से पल भर के लिए घबरा गई थी लेकिन संजू बड़े आराम से बैठे बैठे कि उसे अपनी गोद में उठा लिया था,,, और उसकी गुलाबी चूत पर एक नजर डाल कर,, उसे अपने लंड के सुपाड़े पर बिठाने लगा,, मोहिनी को कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि उसका भाई क्या करना चाह रहा है लेकिन जैसे ही उसे अपनी चूत पर अपने भाई का गरम लंड का सुपाड़ा महसूस हुआ उसे समझते देर नहीं लगी कि उसका भाई क्या करना चाह रहा है,, वह एकदम से मस्त हो गई,,,और तुरंत अपने भाई के कंधे पर अपना हाथ रख कर एक तरह से उसका साथ देते हुए अपनी चूत के गुलाबी छेद में अपने भाई के लंड के घुसने का इंतजार करने लगी,,,।

मोहिनी की चूत पहले से ही ढेर सारा काम रास छोड़ रही थी जिसकी वजह से उसकी चूत पूरी पानी पानी हो रही थी और उसकी चूत के गीले पन का फायदा उठाते हुए,,,संजू अपने लंड को बिना पकड़े उसकी गुलाबी चूत में डालने का प्रयास करने लगा लेकिन बार-बार लंड बुर की चिकनाहट पाकर छटक जा रहा था,,, आखिरकार मोहिनी भी अपने भाई की हरकत और लंड की गुस्ताखी को देखकर एकदम मदहोश में जा रही थी इसलिए खुद ही वह अपना हाथ नीचे की तरफ लाकर अपने भाई के लैंड को अपने हाथ से पकड़ लिया और अपनी नाजुक उंगलियों का सहारा देकर लंड के सुपाड़े को अपनी गुलाबी चूत में जाने मैं मदद करने लगी,,, मोहिनी का सहकार रंग लाने लगा,,,,देखते ही देखते वह अपनी नाजुक उंगलियों का सहारा देकर अपने भाई के लंड को अपनी चूत के अंदर उतारने लगी और जैसे-जैसे संजू अपनी बहन की कमर पकड़ कर उसे अपने लंड पर बैठाते जाता वैसे वैसे मोहिनी की चूत अपने भाई के लंड को अपने अंदर प्रवेश करती जा रही थी देखते ही देखते संजू का मोटा तगड़ा लंड मोहिनी की गहरी चूत की खाई में खो गया,,,,।

मोहिनी और संजू

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इसी मोटे तगड़े लंड को पहली मर्तबा मोहिनी की चूत लेने से इनकार कर रही थी लेकिन पहली चुदाई में मोहिनी की चूत में संजु के लंड का सांचा बन चुका था इसलिए इस बार किसी भी प्रकार की दिक्कत नजर नहीं आ रही थी,,,, संजू का लंड पूरा का पूरा मोहिनी की चूत में समा गया था और पूरा लंड अपनी चूत में ले जाने के बाद मोहिनी गहरी सांस लेते हुए संजू की आंखों में देखने लगी जिसमें अपनी ही बहन को चोदने का सुख उसे नजर आ रहा था,,,।

संजू गहरी सांस लेते हुए लगभग लगभग एकदम प्रसन्न होते हुए अपनी बहन से बोला,,,।

देखी कितनी आराम से घुस गया,,,


हाघुस गया है लेकिन जल्दी जल्दी कर मम्मी किसी भी वक्त आ जाएगी,,,

इस बार तुझे करना होगा,,,

मैं समझी नहीं,,,


अरे पागल अपनी गांड ऊपर उठाकर नीचे बैठा ऐसा करने से तुझे भी बहुत मजा आएगा,,,


नहीं नहीं मुझसे नहीं होगा,,,(मोहिनी शर्म के मारे बोली,,, मोहिनी को यह हरकत बेशर्मी भरा लग रही थी हालांकि वहां एकदम बेशर्म होकर अपने भाई के लंड को अपनी चूत में लेकर बैठी हुई थी फिर भी इस हरकत को करने से उसे शर्म महसूस हो रही थी लेकिन फिर भी संजू उसे समझाते हुए बोला,,,)

तू चिंता मत कर मॉर्निंग कोशिश कर कर देख बहुत देर हो रही है,,,।(इतना कहने के साथ ही दोनों दीवार पर तकलीफ घड़ी की तरफ देखे तो उन लोगों के पास केवल 10 मिनट का समय रह गया था,,,मौके की नजाकत को समझते हुए और ना चाहते हुए भी संजू अपने फार्म के कंधे पर हाथ रखकर उसके कंधे का सहारा लेकर अपनी गांड को धीरे से ऊपर की तरफ उठाने लगे और जैसे-जैसे गांड ऊपर की तरफ उठ रही थी वैसे वैसे संजू का मोटा तगड़ा लंड मोहिनी की चूत से बाहर निकलता जा रहा था,,, मोहिनी को यह घर्षण अपनी चूत की अंदरूनी दीवारों में बेहद उत्तेजनात्मक और मादकता भरी लग रही थी,,,मोहिनी एकदम मस्त होते जा रही थी देखते ही देखते वह बड़े आराम से अपनी गांड को ऊपर उठाती और फिर नीचे बैठातीइस तरह की हरकत करने से उसे इस बात का एहसास होगा कि इस समय वह अपने भाई को चोद रही थी,,,देखते ही देखते यह किला मोहिनी बड़े आराम से करने का की और संजू अपनी बहन को और ज्यादा मस्त करते हुए उसकी चूची को मुंह में लेकर पीना शुरू कर दिया और दूसरे हाथ से दूसरी चूची को दबाना शुरू कर दिया इससे मोहिनी को डबल मजा मिल रहा था वह पूरी तरह से आनंद के सागर में डूबती चली जा रही थी,,,पहली रात में है मोहिनी की यह दूसरी चुदाई थी और दोनों बार में मोहिनी स्वर्ग का सुख प्राप्त कर रही थी,,,।

संजू नीचे से भी धक्के लगाने की कोशिश कर रहा था लेकिन कामयाब नहीं हो पा रहा था,,,, यह आसन संजू के लिए एकदम नया था जिसे वह अनजाने में ही आजमा रहा था और उसे बेहद आनंद की प्राप्ति हो रही थी,,,,।यह क्रिया करते करते 5 मिनट का समय बीत गया था बार-बार मोहिनी की नजर खड़ी की तरफ चली जा रही थी उसे इस बात का डर था कि कहीं उसकी मम्मी आना जाए,,,। और इसीलिए अपनी बहन के डर को खत्म करने के लिए संजू अपना दोनों हाथ अपनी बहन की गांड के नीचे रखकर उसे सहारा देकर उठाई रखा और उसी अवस्था में लेटने लगा,,, देखते ही देखते संजू अपनी बहन की चूत से अपना लंड निकाले बिना ही आसन बदल दिया था और इस समय मोहिनी पीठ के बल नीचे लेटी हुई थी और संजू अपनी बहन की चूत में लंड डाले हुए ऊपर लेटा था इस अवस्था में संजू को अपनी बहन की चूत में तेज धक्के लगाने का अवसर मिल जाता जिससे दोनों का मजा दुगना हो जाता और पीना धीमी रफ्तार पकड़े संजू एक्सीलेटर बढा दिया पहले धक्के से ही संजू अपनी बहन की तेज चुदाई करने लगा मोहिनी अपनी नजरों को उठाकर अपनी दोनों टांगों के बीच स्थिर किए हुए थी उसे साफ साफ नजर आ रहा था कि उसके भाई का मीठा तगड़ा लंबा लंड बड़े आराम से उसकी चूत की गहराई तक जा रहा था,,, मोहिनी की गर्म सिसकारी कमरे में घुसने रखी लेकिन मोहिनी अपनी कर्म सिसकारी की आवाज को एकदम काबू में किए हुए थी जिससे कमरे से बाहर उसकी आवाज नहीं जा रही थी संजू पागलों की तरह अपनी बहन की चुदाई कर रहा था,,,वह धक्के लगाते हैं कभी अपनी बहन की चूची को जोर से दबा देता तो कभी मुंह में देकर पीना शुरु कर देता ऐसा करने से मोहिनी भी मस्त हो रही थी,,,,।

संजू धकाधक अपनी बहन को पेल रहा था और मोहिनी भी अपने भाई की चुदाई से एकदम मस्त हुए जा रही थी कि तभी दरवाजे पर दस्तक होने लगी और आराधना की आवाज कानों में पड़ी,,,।

मोहिनी,,, संजू,,, अभी तक दोनों सो रहे हो उठो जल्दी देर हो रही है,,,,(अपनी मां की आवाज सुनते हैं दोनों एक दूसरे को आश्चर्य से देखने लगे दोनों को समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें,,,)

मोहिनी,,,,, उठ जा बेटा जल्दी से,,,,
(आराधना दरवाजे पर खड़ी थी और दस्तक दे रही थी मोहिनी खेतों होश उड़ गए थे और यही हार संजू का भी था दोनों में से क्या करना है किसी को समझ में नहीं आ रहा था कि तभी मोहिनी चालाकी दिखाते हुए धीमी आवाज में बोली,,)

हां मम्मी,,,(मोहिनी ने इस तरह से बोली कि जैसे अभी अभी नींद से उठा रही हो इसलिए आराधना को बिल्कुल भी शक नहीं हुआ था वह मोहिनी की आवाज सुनकर बोली,,)

क्या कर रही हो मोहीनी बेटा यह भी कोई उठने का समय है,,,।


हां मम्मी आज देर हो गई तुम चलो मैं आती हूं,,,,

ठीक है संजू को भी जगा दें,,,


जी मम्मी,,,,
(आराधना जा चुकी संजू अपनी बहन की चालाकी से एकदम खुश हो गया था मोहिनी इशारे से ही जल्दी करने के लिए उसे बोली और इस बाहर संजु सुपर एक्सप्रेस ट्रेन की तरह अपनी कमर का इंजन चलाना शुरू कर दिया,,,संजू का लंड बड़ी रफ्तार से मोहिनी की चूत के अंदर बाहर होना था और देखते ही देखते समझो अपनी बहन को अपनी बाहों में कस लिया और जोर जोर से धक्के लगाने लगा दोनों चर्मसुख के बेहद करीब पहुंच चुके थे और थोड़ी ही देर में दोनों का पानी निकल गया,,,।


संजू जल्दी से उठी और अपनी फ्रॉक पहन कर,,, कमरे से बाहर निकल गई और अपने कपड़े पहनकर संजु भी कमरे से बाहर निकल गया,,,चाय नाश्ता करने के दौरान दोनों एक दूसरे से नजर नहीं मिला रहे थे लेकिन अंदर ही अंदर दोनों अपनी एक नई जिंदगी के लिए बेहद खुशहाल नजर आ रहे थे,,, दोनों चाय नाश्ता करने के बाद कॉलेज के लिए निकल गए और आराधना भी तैयार होकर स्कूटी लेकर ऑफिस चली गई,,,।


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Bohot khoob Rony Bhai update To ekdum dhasu, kamuk Or chudai poorn diya hai aapne,
Sanju ki To nikal padi, subah saware hi ek or round ho gaya, ab dekhte hai aaradhna ka no. Kab aata hai,
Awesome Update 👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻💥💥💥💥💥💥💥💥💥💥💯💯💯💯💯💯💯💯💯💯💥💥💥
 

rohnny4545

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मोहिनी के अरमानों के पर लग चुके थे,,, कॉलेज में उसका मन बिल्कुल भी नहीं लग रहा था रात में जो कुछ भी हुआ था और सुबह जो उसकी प्रतिक्रिया के रूप में हुआ था उसे याद करके मोहिनी इस समय भी अपनी चूत से काम रस निकलता हुआ महसूस कर रही थी,,,, मोहिनी अपने बदन में तरो ताजगी महसूस कर रही थीऐसा लग रहा था कि जैसे उसके भाई ने उसकी खूबसूरत बदन को किसी केद से आजाद कर दिया हो,,,,, मोहिनी कॉलेज में अपनी क्लास में बैठे-बैठे यही सोच रही थी कि वह अपने भाई के बारे में इससे पहले इस तरह की ख्यालात नहीं रखती थी उसे ऐसा ही लगता था कि उसका भाई बहुत सीधा है लेकिन रात को जिस तरह से उसने अपनी मर्दानगी दिखाया था उसे देखकर मोहिनी पानी पानी हो गई थी,,,, मोहिनी के जीवन का सर्वप्रथम लंड के दर्शन करना उसकी भाई के ही बदौलत मुमकिन हुआ था वरना उसने अब तक लंड के आकार के बारे में किसी भी प्रकार की धारणा नहीं बांधी थी,,, लंड इतना मोटा तगड़ा होता है और चूत में जाकर जिस तरह की खलबली मच आता है उसका एहसास मोहिनी को पहली बार हो रहा था,,,, मोहिनी के जीवन की यह बेहद यादगार रात थी जिसे वह कभी भी नहीं भूलने वाली थी,,,संजू ने उसे जिस प्रकार का अद्भुत सुख दिया था उसे सुख के बारे में उसने कभी कल्पना भी नहीं की थी इतना तो जानती ही थी कि लड़कियां जिस तरह से अपने बॉयफ्रेंड से चुदवाने के लिए आतुर रहती है उसे देखते हुए मोहिनी चाहती थी कि चुदवाने में बहुत मजा आता है,,, लेकिन इतना आत्मिक सुख‌ भी मिलता होगा इसे तो वह अनुभव करने के बाद ही समझ पाई थी,,। वह बार-बार अपनी सहेली रोहिणी की तरफ देख रही थी और मन ही मन में उसे ढेर सारी दुआएं भी दे रही थी क्योंकि जो कुछ भी मुमकिन हुआ था यह सब कुछ उसके ही बदौलत हुआ था अगर वह फ्रॉक के नीचे चड्डी ना पहन कर अपनी चूत दिखा कर लड़कों को अपने बस में करने का हुनर के बारे में ना बताती तो शायद मोहिनी आज अपने भाई से संभोग सुख की अद्भुत लीला नहीं रच पाती,,, यह सब उसकी सहेली के ही बदौलत मुमकिन हुआ था,,, अपनी सहेली की युक्ति को वह अपने भाई पर आजमा कर बनी मन बहुत खुश हो चुकी थी और अपनी जवानी का मजा भी लुट रही थी,,, अपनी सहेली की बात ना मानते हुए अगर वह अपने भाई को अपनी चूत के दर्शन ना कराती तो शायद वह अब तक कुंवारी ही रहती,,,,,,,,कॉलेज में बैठे बैठे अपने भाई के लंड के बारे में सोच रही थी कि अब तक उसने कभी भी एक जवान लंड को अपनी आंखों से नहीं देखी थी और उसकी सही साइज के बारे में भी नहीं जानती थी अपने भाई के लंड को देखने के बाद सही मायने में उसे लंड के असली भूगोल के बारे में पता चला था,,,,,,, मोहिनी की आंखों के सामने बद्री से नजर आ रहा था जब उसका भाई अपने लंड को उसकी चूत में डाल कर जोर जोर से कमर हिलाता हुआ उसे चोद रहा था,,, मोहिनी उस दृश्य को याद करके पानी पानी हो रही थी,,,, उसे इस बात का एहसास हुआ था कि चूत में चाहे जितना मोटा लंड हो प्रवेश कर ही जाता है क्योंकि अपने भाई के लंड की मोटाई को देखकर उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि वह अपने भाई के मोटे लंड को अपनी चूत में आराम से ले ले कि थोड़ा बहुत दर्द सहना पड़ा था लेकिन उसके बाद वह बड़े आराम से अपने भाई की मोटे तगड़े लंड को अपनी चूत की गहराई तक ले रही थी,,,,। मोहिनी अपने ख्यालों में खोई हुई थी कि तभी रिसेस की घंटी बज गई,,,, और तब जाकर मोहिनी की तंद्रा भंग हुई,,,,।

कॉलेज की कैंटीन में रोहिणी और मोहिनी दोनों कोने वाली टेबल पर बैठई हुई थी,,, रोहिणी में ही दो दो समोसे और कोका कोला का ऑर्डर दे दी थी,,,, ऑर्डर आने में कुछ समय की देरी थी इसलिए रोहिणी मुस्कुराते मोहिनी की तरफ देख कर बोली,,,।

और सुना मोहिनी क्या चल रहा है,,,?

वही जो पहले चल रहा था,,,


पढ़ाई पढ़ाई और बस पढ़ाई,,,(पेपर पर अपने दोनों हाथ रखते हुए रोहिणी बोली)

तो क्या यही सब तो जरूरी है,,,


अरे मेरी जान माना यह सब जरूरी है लेकिन हम जिससे उम्र के दौर से गुजर रहे हैं उसमें बहुत कुछ जरूरी हो जाता है बॉयफ्रेंड मस्ती घूमना मूवी देखना और फिर चुदाई,,,,आहहह इस उमर में यह सब नहीं करोगी तो कब करोगी,,,,
(चुदाई शब्द सुनते ही मोहिनी की आंखों के सामने फिर से रात वाला तेरे से नजर आने लगा था)


मुझे यह सब नहीं करना,,, तू तो हम लोगों की हालत अच्छी तरह से जानती है अगर मैं यह सब करने लगी तो अपनी मां के सपने कैसे पूरे करूंगी,,,,


अरे यार वह तो सब लड़कियां करना चाहती हैं लेकिन उसके साथ भी तो कुछ जरूरी है तू इतनी खूबसूरत है कि तो उधर एक इशारा कर दे तो शायद 10 लड़के तेरे पीछे लार टपका ते घूमते रहेंगे,,,(रानी की इस बात से मोहिनी पूरी तरह से सहमत थी इस बात का एहसास उसे अच्छी तरह से था कि वह बहुत खूबसूरत थी)

मुझे इन सब बातों में बिल्कुल भी मजा नहीं आता,,,

धत् तेरी की यह तो वही हो गया,,, भैंस के आगे बीन बजाना तुझे बिल्कुल भी फर्क नहीं पड़ने वाला,,,मैं तो तुझे तेरी खूबसूरती का फायदा उठाने के लिए बोल रही थी तेरी जैसी अगर मैं खूबसूरत होती तो अब तक तो तहलका मचा दी होती,,,


तू भी पागल है रोहीणी,,,

नहीं यार मैं सच कह रही हूं,,,
(इतने में वेटर समोसे और कोल्ड ड्रिंक लेकर आ गया और टेबल पर रख कर चला गया और सोनी अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली) अरे शाली तेरे गोरे गोरे गाल कितना तेरी चूत भी एकदम गोरी होगी मक्खन मलाई,,,

अरे कुछ तो शर्म कर,,(अपने आजू-बाजू नजर डालते हुए) कोई सुन लेगा तो हम लोगों के बारे में क्या सोचेगा,,,,


यही सोचेगा कि हम दोनों प्यासी हैं और अपनी चूत में एक अच्छा सा मोटा तगड़ा लंड लेना चाहती है,,,
(रोहीणी की बात सुनते ही शर्म के मारे मोहिनी के गाल लाल हो गए और वह समोसा उठा कर खाने लगी,,,, रोहिणी भी हंसते हुए समोसा उठा ली और उसे खाना शुरु कर दी मोहिनी उसकी फ्रॉक के नीचे चड्डी ना पहनने वाली युक्ति के बारे में पूछना चाहती थी कि उसकी युक्ति काम कि,या नहीं,,, लेकिन पूछने से शर्मा रही थी फिर भी हिम्मत करके वह धीरे से बोली,,,)

अच्छा वह तेरी आइडिया का क्या हुआ कुछ बात आगे बढ़ी कि नहीं,,,


कौन सी वह चड्डी ना पहनने वाली,,,
(मोहिनी समोसे को दांत से काटते हुए हां में सिर हिला दी,)

अरे वह तो बहुत काम कर गई,,, पता है तुझे उसने मुझे शॉपिंग भी कराया इधर उधर खूब घुमाया और फिर गेस्ट हाउस ‌भी लेकर गया,,,

गेस्ट हाउस,,,? गेस्ट हाउस महीना जहां पर ऑफिस की मीटिंग होती है,,,,(मोहिनी आश्चर्य जताते हुए बोली)


तू सच में एकदम बुद्धू है,,, गेस्ट हाउस में मीटिंग थोड़ी ना होती है गेस्ट हाउस घंटे के हिसाब से किराए पर मिलता है जिसमें कमरा होता है नरम नरम बिस्तर होता है ऐसी होती है,,, और वहां पर लड़के लड़कियों को चोदने के लिए ले जाते है,,,।
(रोहिणी की यह बात सुनते ही मोहिनी की आंखों के सामने वह दृश्य नाचने लगा जब वह अपनी आंखों से अपने पापा को एक लड़की के साथ गेस्ट हाउस के अंदर जाते हुए देखी थी,,, पल भर के लिए मोहिनी की आंखों के आगे अंधेरा छाने लगा वह रोहिणी की बात को अच्छी तरह से समझ रही थी लेकिन फिर भी वह यकीन नहीं कर पा रही थी इसलिए वह फिर से बोली,,,)


मैं तेरी बात समझ नहीं रही हूं गेस्ट हाउस मतलब वही ना जो वहां किताब की दुकान है उसी रास्ते में पडती है,,,।

हां हां वहां तीन-चार गेस्ट हाउस है और हमेशा देखने गेस्ट हाउस के बाहर लड़कियां खड़ी रहती है सज धज कर,,,

(अब मोहिनी को सब कुछ समझ में आ गया था कि उसके पापा गेस्ट हाउस में लड़की को लेकर गए थे मीटिंग के लिए नहीं बल्कि उसे चोदने के लिए उसे सारा माजरा समझ में आने लगा था क्योंकि उसके पापा उसकी मम्मी से कतराने लगे हैं,,,, घर में पैसे क्यों नहीं दे रहे हैं सारे पैसे उनकी अय्याशी में जो खर्च हो जा रहे हैं,,,, इसका मतलब उस दिन उसके भाई ने उससे झूठ बोला था उसे सब कुछ पता था लेकिन जानबूझकर वहां शायद उसे बताना नहीं चाहता था वहीं कुछ देर तक किसी ख्यालों में खोई हुई लगी तो और बड़ी उसका हाथ पकड़ कर बोली,,,)

क्या हुआ किसके याद में खो गई कहीं तुझे भी तो नहीं गेस्ट हाउस जाना है,,,


ना बाबा गेस्ट हाउस तुझे ही मुबारक मतलब तूने भी वहां पर जाकर सारे क्रिया कर्म कर ही ली,,,


हां यार लेकिन सच में बहुत मजा आया,,, उसका ज्यादा मोटा तो नहीं था लेकिन मेरी चूत की बैंड बजा दिया 3 घंटे के लिए लिया था लेकिन इन 3 घंटों में उसने मुझे कपड़े पहनने ही नहीं दिया,,,।
(रोहिणी के मुंह से ज्यादा मोटा ‌शबद सुनकर मोहीनी की आंखों के सामने उसके भाई का खड़ा लंड नजर आने लगा जो कि ज्यादा मोटा था,,, रोहिणी की बातों को सुनकर मोहिनी बोली,,)

छी,,, कितनी गंदी है तू,,

अरे मुझे गंदी कह रही है एक बार अपनी चूत में किसी का लंड डलवा लेना तब देखना दिन-रात बस लेने का ही मन करेगा,,,


चल मेरा नहीं करने वाला,,,,(इतने में ही रिसेस पूरी होने की बेल बज गई और दोनों जल्दी-जल्दी समोसा खाकर वापस लेक्चर अटेंड करने के लिए चले गए लेकिन मोहिनी का मन अब बिल्कुल भी नहीं लग रहा था अपने पापा के चरित्र को लेकर उसे बहुत गुस्सा आ रहा था अब तो कुछ ऐसा ही लगता था कि उसके पापा शराब के नशे में सब कुछ करते हैं लेकिन अब उनका असली चेहरा मोहिनी को नजर आ गया था वह अपनी मां को सब कुछ बता देना चाहती थी लेकिन एक बार अपने भाई से बात कर लेना चाहती थी कि उसने उसे झूठ क्यों बोला था,,,,)

शाम को जब वह घर पहुंची तो संजू घर पर नहीं था इस बात से उसे गुस्सा आने लगा था क्योंकि घर पर पहुंचते ही ना जाने क्यों उसकी चूत में खुजली होने लगी थी और वह अपने भाई के लंड को एक बार फिर से अपनी चूत में देना चाहती थी लेकिन उसका भाई घर पर मौजूद ही नहीं थाउसकी मां को आने में अभी 1 घंटे का समय था इतने समय में तो वहां दोनों पूरी मस्ती कर लेते,,,, मोहिनी हाथ मुंह धो कर फ्रेश हो गई और चाय बनाने का की चाय‌वह अपने लिए ही नहीं बल्कि संजू और अपनी मां के लिए भी बना रही थी ताकि वह दोनों के आने पर सिर्फ गर्म करके दे दे,,,,।

कुर्सी पर बैठकर मोहिनी चाय की चुस्की रह रही थी और अपने पापा के बारे में सोच रही थी कि उसके पापा इतने चरित्रहीन हो गए हैं कि घर में इतनी खूबसूरत बीवी को छोड़कर बाहर बाजारू औरतों के साथ संबंध बना रहे और पैसे लुटा रहे हैं,,,,वह इस बारे में अपनी मां से बात करना चाहती थी ताकि कैसे उसे समझ में नहीं आ रहा था,,,,
इन्हीं सब के बारे में सोचते सोचते धीरे-धीरे समय गुजर गया और उसकी मां ऑफिस से घर पर आ आ गई लेकिन अभी भी संजू घर पर वापस नहीं आया था संजू के ऊपर मोहिनी को बहुत गुस्सा आ रहा था,,, आराधना घर पहुंच कर हाथ मुंह धो कर फ्रेश हो रही थी कि तभी संजू भी आ गया,,, उसे तिरछी नजर से गुस्से में देखते हुए बोली अच्छा हुआ तुम दोनों आ गए वरना मुझे फिर से चाय गरम करनी पड़ती,,,।
(संजू मोनी की तरफ देख कर मुस्कुराया लेकिन मोहिनी गुस्से में थी और वह बनाकर रसोई घर में चली गई संजु को उसकी यह हरकत समझ में नहीं आई,, वह हाथ मुंह धो कर फ्रेश होने लगा थोड़ी ही देर में मोहिनी ने दोबारा उन लोगों के साथ चाय पीने लगी,,,। और जब तक खाना खा कर दोनों अपने कमरे में नहीं चले गए तब तक मोहिनी को संजू से पूछने का समय नहीं मिला था,,,, संजू से पूछने के लिए उसका मन व्याकुल हो जा रहा था और उसके दिल की धड़कन बढ़ने लगी थी,,, और संजू था कि मोहिनी को अपने हाथों से नंगी करके उसकी चूत का रस पीना चाहता था इसलिए उसे अपनी बांहों में भरकर उसके होंठों पर चुंबन करने के लिए जैसे ही अपने होंठ को आगे बढ़ाया मोहिनी उसे रोते हुए बोली,,,।
 
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