उत्तेजना से भरपूर मन करता है सारे अपडेट एक बार ही पोस्ट में आ जाए और पूरी कहानी पढ़ ले
जबसे मोहिनी अपनी सहेली रोशनी के मुंह से गेस्ट हाउस वाली बात सुनी थी और गेस्ट हाउस में क्या होता है इस बारे में जानी थी तब से उसका दिमाग काम नहीं कर रहा था मैं अपने भाई से पूछना चाहती थी कि क्या उसके पापा भी गेस्ट हाउस में उस लड़की के साथ गंदा काम कर रहे थे और वह उससे हकीकत क्यों छुपाया था,,,।
मोहिनी भी अपने भाई से साथ चुदवाना चाहती थी,,, जिसके लिए वह खुद व्याकुल हुए जा रही थी क्योंकि मोहिनी अभी अभी पूरी तरह से जवान हुई थी और उसके बदन की भी कुछ जरूरतें थी जिसे पूरा करना बेहद जरूरी था और अपने बदन की जरूरतों को पूरा करने का रास्ता मोहिनी को मिल चुका था,, और वह जब चाहे तब अपने बदन की प्यास बुझा सकती थी,,, लेकिन उससे पहले उसे अपने सवालों का जवाब चाहिए था,,,,।
रात के 11:15 बज रहे थे आराधना अपने कमरे में थी और संजू और मोहिनी एक कमरे में आराधना सो रही थी या जाग रही थी इस बारे में दोनों को पता नहीं था संजू व्याकुल था अपनी बहन को अपनी बाहों में लेकर उसके होठों का रस पीते हुए उसके बदन से एक एक करके सारे कपड़े उतार कर उसे नंगी करने के लिए,,, और मोहिनी बेकरार थी अपने सवालों का जवाब पाने के लिए कमरे में ट्यूबलाइट अभी भी चल रही थी शायद अधेरे से ज्यादा उजाले में काम क्रीड़ा करने में ज्यादा मजा आ रहा था,,,क्योंकि उजाले में दोनों एक दूसरे के बदन को उनके अंगों को एकदम साफ-साफ देख सकते रहे और वैसे भी मोहिनी पहली बार ही चुदवाई थी और वह भी ट्यूबलाइट के उजाले में इसलिए अंधेरे का अनुभव मोहिनी को बिल्कुल भी नहीं था लेकिन संजू को अंधेरे का अनुभव बराबर था क्योंकि इसी कमरे में अंधेरा करके और अंधेरे का फायदा उठाते हुए उसकी मौसी संजू के साथ शारीरिक संबंध बनाई थी और संजू भी अंधेरे में ही उसके अंगों को छूकर स्पर्श करके मसलकर टटोलकर पूरा मजा लिया था,,, एक तरह से संजू को लड़के से मर्द बनाने में पूरा हाथ उसकी मौसी का ही था,,,,, संजू का दिल जोरों से धड़क रहा था क्योंकि वह जानता था कि कुछ ही देर में वह अपनी खूबसूरत बहन को अपनी बाहों में लेने वाला है इसीलिए वह मोहिनी की तरफ मुस्कुरा कर देखते हुए बोला,,,।
एक ही रात में मोहिनी तू तो एकदम बदल गई,,,
मतलब,,,(तिरछी नजर से संजू की तरफ देखते हुए)
मतलब कि तेरे बदन से अब एकदम मादक खुशबू आने लगी है जो कि मुझे पागल बना रही है,,,
पहले नहीं आती थी क्या,,,!
पहले का तो मुझे बिल्कुल भी नहीं मालूम लेकिन कल रात से तेरी खूबसूरती तेरी जवानी का रस मेरे होठों पर लग चुका है दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़की मेरी नजर में तू ही है,,,,।
(मोहिनी अपने भाई की बात सुनकर मन ही मन प्रसन्न हो रही थी और इस बात से हैरान भी थी कि एक ही रात में उसका फाइनल आवेदन किया था क्योंकि इस तरह से उसने कभी भी बात नहीं किया था ऐसा लग रहा था कि जैसे उसकी आंखों के सामने कोई मूवी का हीरो बैठा हो और वह उसके साथ फ्लर्ट कर रहा है,,,, मोहिनी का कोई बॉयफ्रेंड नहीं था इसलिए मोहिनी अपने भाई को ही इस समय अपना बॉयफ्रेंड समझ रही थी इसलिए उसकी बातें और भी ज्यादा अच्छी लग रही थी,,,)
मतलब भाई एक रात में मैं तुझे सबसे खूबसूरत लगने लगी,,
नहीं-नहीं मोहिनी ऐसी बात नहीं है तो सच में बहुत खूबसूरत है लेकिन मैंने पहले कभी तुझे उस नजरिए से देखा ही नहीं था कल रात को मुझे पता चला कि मेरी बहन कितनी खूबसूरत है और मैं कितना भाग्यशाली हूं,,, की बेशक तेरे कॉलेज की लड़की तेरे पीछे दीवाने बनकर घूमते होंगे तुझे पाने की चाह रखते होंगे और सच कहूं अगर बुरा ना माने तो,,,
मैं बुरा नहीं मानूंगी,,,
देख नाराज मत होना मैं एक लड़का होने की हैसियत से तुझे लड़कों की आदत बताना चाहता हूं,,,
कोई बात नहीं भाई हम दोनों में किसी भी प्रकार का राज नहीं है और ना ही शर्म है इसलिए तु बता,,,
देख मोहीनी तू बहुत खूबसूरत है जवानी से भरी हुई है एकदम गोरी चिट्टी इसलिए लड़के तुझे पाने के लिए पागल होंगे मुझे पूरा विश्वास है होते हैं कि नहीं,,,(इस सवाल का जवाब वह अपनी बहन के मुंह से सुनना चाहता था,, और मोहिनी भी ज्यादा नखरा ना दिखाते हुए हां में सिर हिला दी उसका जवाब सुनकर संजू के चेहरे पर प्रसन्नता के भाव नजर आने लगे और वह अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,)
और सच कहूं तो लड़के तेरी लेने के लिए तड़पते होंगे,,,
लेने के लिए क्या लेने के लिए मैं कुछ समझी नहीं,,,(मोहिनी सब कुछ जानते हुए भी अनजान बनते हुए बोली)
मेरा मतलब है कि लड़के तुझे चोदने के लिए तड़पते होंगे और सही बताऊं तो तुझे देखकर वह लोग अपने मन में कल्पना करते होंगे कि कपड़े उतार कर तो नंगी होती होगी तब कैसी नजर आती होगी,,,, यही सोचकर अपने हाथ से मुठ मार कर अपना पानी निकाल देते होंगे,,,।
(अपने भाई की इस तरह की गंदी बातें सुनकर मोहिनी के तन बदन में उत्तेजना की लहर उठ रही थी उसकी चूत से काम रस झरने लगा था,,, वह जानबूझकर बोली,,)
मुठ,,, यह क्या होता है,,,,?
मुझे नहीं मालूम,,,
नहीं तो मुझे इस शब्द के बारे में बिल्कुल भी नहीं मालूम मैं तो पहली बार तुम्हारे मुंह से सुन रही हूं,,,
अरे मेरी बुद्धू बहन एकदम जवान हो गई है लेकिन यह सब जानती ही नहीं है तभी तो और मुझे तेरे साथ मजा आता है,,, रुक तुझे करके बताता हूं,,,,
(और इतना कहने के साथ ही बैठे-बैठे संजू अपनी पेंट की चैन खोलकर उसमें मोहिनी की आंखों के सामने ही अपना अंगूठा और उंगली डालकर अपने लंड को पकड़ कर उसे बाहर निकाल लिया और हवा में लहराते हुए उसपर अपनी हथेली रखकर ऊपर नीचे करते हुए मुठ मारने लगा और बोला,,,) देख इसे कहते हैं मुठ मारना और तेरे कॉलेज के लड़के तेरे बारे में सोचकर गंदी-गंदी कल्पना करके इसी तरह से हिला हिला कर अपना पानी निकाल देते हैं,,,।
(मोहिनी तो अपनी भाई की हरकत देखकर पूरी तरह से उत्तेजित होने लगी उसकी चुत एकदम गीली हो रही थी जिस अदा से उसके भाई ने उसकी आंखों के सामने अपने पेंट की चैन खोलकर उसने अपनी उंगलियां डालकर अपने लंड को पकड़ कर बाहर निकाला था और उसे अपने हाथ से हिलाना शुरू किया था उसे देखकर मोहिनी के तन बदन में आग लगने लगी थी वह एकदम उत्तेजित हो गई थी उसका मन कर रहा था कि इसमें अपनी सलवार की डोरी खोल कर अपनी चूत को उसके लंड पर रख दे,,, लेकिन किसी तरह से वह अपने आप को संभाल कर रखी हुई थी और अपने भाई की बात को सुनकर वह हैरान होते हुए बोली,,,)
बाप रे क्या सच में लड़के ऐसा करते हैं मेरे बारे में सोच कर,,,
तो क्या तू है ही इतनी खूबसूरत है कि तेरी चूत की कल्पना करके ना जाने कितनों का पानी निकल जाता होगा और इसीलिए तो मैं अपने आप को भाग्यशाली समझता हूं कि जिसके बारे में कॉलेज के लड़के कल्पना करके अपना पानी निकालते हैं उसी लड़की को मैं चोदता हूं उसकी चूत का रस पीता हूं उसकी चूची को मुंह में लेकर दबा दबा कर पीता हूं सोच अब मुझसे ज्यादा भाग्यशाली और कौन होगा,,,।
सच में भाई तू जैसा बता रहा है तब तो तू सच में भाग्यशाली है लेकिन यह सब तुझे कैसे पता क्या तू भी मेरे बारे में या किसी और के बारे में कल्पना करके अपने हाथ से हीलाता है मेरा मतलब है कि मुट्ठ मारता है,,,।
(अपनी बहन के इस सवाल पर संजू थोड़ा शक पका गया लेकिन फिर अपने मन में सोचा कि अब अपनी बहन से शर्म करने का कोई फायदा नहीं है क्योंकि दोनों के बीच रिश्तो की डोरी टूट चुकी थी मर्यादा की दीवार गिर चुकी थी उन दोनों के बीच भाई-बहन का नहीं बल्कि मर्द और औरत का रिश्ता कायम हो चुका था इसलिए संजू बोला,,,)
देख यह तो प्राकृतिक तौर पर है मैं अगर मुट्ठ मार कर अपना पानी नहीं निकाल लूंगा तो अपने आप ही किसी ना किसी बहाने निकल ही जाएगा और सच कहूं तो जैसा कि सब लड़कों को खूबसूरत लड़कियां खूबसूरत औरत पसंद है उसी तरह से मैं भी उन्हें देखता हूं और कभी-कभी मुझे भी यह सब करना पड़ता है,,, तुझे भी तो करना होता होगा तेरी भी चूत तो लंड मांगती होगी तब तू अपनी चूत में उंगली डालकर अपना पानी निकालती होगी सच बताना,,,।
(अपने भाई के सवाल को सुनकर मोहिनी भी हैरान हो गई थी लेकिन वह भी हिम्मत दिखाते हुए बोली)
नहीं मेरे साथ ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है मैंने आज तक इस तरह की हरकत नहीं कि मेरा मन हमेशा पढ़ाई में हीं लगा रहता था मेरी सहेलियां इस तरह की बातें करती थी लेकिन मैं कभी उन लोगों की बातों पर ध्यान नहीं देती थी,,,(मोहिनी अपने भाई को हकीकत बताना नहीं चाहती थी कि पहली बार अपने भाई के लंड को अनजाने में ही देख ली थी और तब से उसकी चूत में कंपनी मची हुई थी और वह जानबूझकर बिना चड्डी के फ्रॉक पहन कर उसे ललचा रही थी,,,,)
इसका मतलब है मम्मी के यहां सब कुछ तेरे साथ पहली बार हो रहा है,,,
तो क्या भाई अगर तू मेरी चूत अपनी जीभ से नहीं चाहता होता तो शायद यह सब कभी नहीं होता ना जाने उस समय मुझे क्या हो गया तू अपनी जीभ से मुझे पागल कर दिया था,,,, और ना चाहते हुए भी मुझे सब कुछ करना पडा,,,
(यह सब सुनकर संजु को मजा आ रहा था और संजू अपनी बहन की बातें सुनकर उसकी आंखों के सामने ही अपने खाली लंड को मुठिया रहा था जिसे मोहिनी बार-बार चोर नजरों से देख ले रही थी,,,उसका मन से अपने भाई के लंड को अपने हाथ में पकड़ कर हिलाने को कर रहा था लेकिन वह पहले अपने भाई से अपने सवाल का जवाब सुनना चाहती थी,,,, माहौल पूरी तरह से गरमा चुका थासंजू अपने लैंड को हिलाते हुए अपने होठों को मोहिनी के होठों के करीब ले जाने लगा तो मोहिनी उसके होठों पर अपनी हथेली रखकर उससे बोली,,,।
पहले भाई मेरे सवाल का जवाब दो,,,
कैसा सवाल,,,!(संजू आश्चर्य से बोला)
गेस्ट हाउस के बारे में,,,
गेस्ट हाउस के बारे में लेकिन क्या,,,?
यही कि पापा उस लड़की को गेस्ट हाउस में लेकर क्या करने के लिए गए थे,,,
(मोहिनी का यह सवाल सुनकर संजू एकदम से सकपका गयालेकिन जिस तरह से वहां पूछ रही थी संजीव को शक हो गया था कि गेस्ट हाउस के बारे में उसकी बहन को पता चल गया है इसलिए संजू मोहिनी से बोला,,,)
क्या करेगी जानकर,,,,
नहीं मैं जानना चाहती हूं,,,,,,
देख मोहिनीमैं तुझे बताना तो नहीं चाहता था लेकिन तू जिद कर रही हो तो मैं तुझे बता देता हूं कि पापा उस लड़की को देखा उसमें लेकर क्या करने के लिए गए थे,,, गेस्ट हाउस मेघंटे के हिसाब से कमरा किराए पर मिलता है जहां पर लड़के आदमी औरतों को पैसे देकर ले जाते हैं और वहां पर उनकी चुदाई करते हैं,,,,
तो क्या पापा भी,,,?(मोहिनी आश्चर्य जताते हुए बोली,,)
हां मोहिनी पापा भी उस लड़की को गेस्ट हाउस चोदने के लिए लेकर गए थे,,,
तो तू मुझे उसी दिन क्यों नहीं बताया,,,,,
तब मुझे लगता था कि तुझे यह सब बताने लायक नहीं है,,
तो आज क्यों बता रहा है,,,
क्योंकि एक ही रात में मैं समझ गया हूं कि तुझे सब कुछ बताने लायक है,,,,,, क्योंकि तू औरत और मर्द के बीच के रिश्ते को अच्छी तरह से समझने लगी है,,,,
मुझे यकीन नहीं हो रहा है कि पापा इस तरह की हरकत करेंगे,,,
मुझे भी यकीन नहीं हो रहा था लेकिन जो कुछ भी मैंने देखा और तूने देखी सब कुछ अपने आंखों से,,,,,तब जाकर मुझे इस बात का एहसास हुआ कि घर में पैसे क्यों नहीं आ रहे हैं क्योंकि पापा अपनी पूरी तनख्वाह इन्हीं सभी गंदे कामों में लुटा रहे हैं और इसीलिए उन्हें मम्मी की जरूरत महसूस नहीं होती ,, क्योंकि वह रोज-रोज नई-नई बाजारू औरतों और लड़कियों के साथ मजे जो लूट रहे हैं,,,
(संजू की बातों को सुनकर मोहिनी विचार मगन हो गई थी वह किसी सोच में डूबी हुई थी और वह थोड़ी देर बाद बोली,,)
हमें मम्मी को सब कुछ बता देना चाहिए,,,
नहीं मानी ऐसी गलती कभी मत करना,,, मम्मी अगर यह जान जाएगी तो उन्हें बहुत दुख होगा,,,
लेकिन भाई एक ना एक दिन तो उन्हें पता चल ही जाएगा,,,
जब पता चलेगा तब देखेंगे,,,, आओ हम दोनों अपनी रात हसीन करते हैं,,,(और इतना कहने के साथ ही समझे मोहिनी को अपनी बाहों में लेकर उसके होठों का रस पीना शुरु कर दिया मोहिनी भी पूरी तरह से मस्त हुए जा रही थी पल भर में उसके तन बदन में उत्तेजना के रूप में लगी और वह अपने आप ही अपने भाई के लंड पकड़ कर हीलाना शुरू कर दी,,,अपने भाई के मोटे तगड़े लंड को पकड़ कर मोहिनी को अभी भी विश्वास नहीं हो रहा था कि वह इतने मोटे लंबे तगड़े लंड को बड़े आराम से अपनी चूत में ले ली थी,,, संजू पागलों की तरह अपने बैंक के लाल लाल होठों के रस को पी रहा था और कुर्ती के ऊपर से अपनी बहन की नारंगी को पकड़कर दबा रहा था,,,, दोनों की सांसें पल भर में एकदम तेज चलने लगी,,,, संजू अपने लंड को अपनी बहन के हाथों में महसूस करते ही और ज्यादा उत्तेजित होने लगा और वह अगले ही पलअपनी बहन की कुर्ती को दोनों हाथों से पकड़कर उसे ऊपर की तरफ उठाने लगा और मोहिनी भी अपने दोनों हाथों को ऊपर की तरफ कर दी ताकि वह बड़े आराम से उसकी कुर्ति को उतार सकें,,, देखते ही देखते संजू अपनी बहन की कुर्ती को उतारकर बदन में रख दिया,,, कुर्ती के उतरते हैं संजू की आंखों के सामने गुलाबी रंग की ब्रा में अपनी बहन की दोनों नौरंगिया नजर आने लगी जिसे संजू अपने दोनों हाथों से पकड़कर दबाते हुए उसकी गर्दन को चूमने लगा,,,,।
मोहिनी अपने भाई की हरकत से पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी और अपने भाई की हरकत का पूरा मजा लूट रही थी मोहिनी तो खुद चाहती थी कि जल्दी से जल्दी उसका भाई उसे अपने हाथों से नंगी करके उसे चोदें,,,,, संजू अपनी बहन की गर्दन को चुमते हुएऔर उसकी चुचियों को ब्रा के ऊपर से दबाते हुए अपने दोनों हाथों को पीछे की तरफ लेकर आया और उसकी ब्रा का हुक खोलने लगा और कुछ ही सेकंड में वह अपनी बहन की ब्रा के हुक को खोल दिया जिससे ब्रा का कसाव दोनों संतरो पर कमजोर पड़ने लगा,,, और मोहिनी खुद अपनी ब्रा को अपनी बाहों से उतार कर एक बगल में रख दी,,, संजू अपनी बहन की तली हुई चुचियों को देखकर एकदम मदहोश होने लगा और चुचियों की शोभा बढ़ा रहे छोटी-छोटी किसमिस के दाने को संजू अपने दोनों हाथों की उंगलियों से पकड़कर हल्के से दबाते हुए बोला,,,।
सहहहहह ,,,, मोहिनी तेरी चूचियां बहुत खूबसूरत है रे कपड़ों के ऊपर से पता ही नहीं चलता था कि अंदर ही अंदर तेरी चूचियां इतनी खूबसूरत हो गई है,,,,,
आहहहह भाई धीरे से तू तो पागल हो जाता है,,,
क्या करूं मैंने तेरी खूबसूरती मुझे मदहोश कर देती है,,, पर यह तेरी चुचियां,,,(और इतना कहने के साथ ही संजु मोहिनी की चूची को अपने मुंह में लेकर पीना शुरु कर दिया,,, मोहिनी के मुंह से गर्म सिसकारी फूट पड़ी मोहिनी को भी अपने भाई को इस तरह से चूची पिलाना बहुत आनंददायक लग रहा था,,, वह मदहोश होते अपनी आंखों को बंद करके अपना एक हाथ अपने भाई के सर पर रख कर उसे अपनी चूची पर दबाने लगी अपनी बहन की मदहोशी देखकर समझो बारी-बारी से अपनी बहन की दोनों चूचियों को मुंह में लेकर पीना शुरु कर दिया मैंने कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि वह इस तरह से अपने भाई को अपना दूध पी लाएगी हालांकि,,, उसमें से अभी दूध निकलने की गुंजाइश नहीं थी लेकिन फिर भी एहसास वही होता था,,,।
मोहिनी पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी वह वापस अपनी भांग के लंड को पकड़ कर ही लाना शुरू कर दी थी और गहरी गहरी सांसे ले रही थी,,,, कुछ देर तक दोनों इसी तरह से मजा लेते रहे पंखा फूल स्पीड में चलने के बावजूद भी दोनों के माथे से पसीने की बूंदें टपक रही थी यह बोल दे जवानी की गर्मी थी जो पसीना बनकर दोनों के बदन से निकल रही थी,,,, संजू अपनी बहन के मुंह में अपना लंड देना चाहता था और मोहिनी भी यही चाहती थी अपने भाई के मोटे तगड़े लंड को अपने मुंह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसना क्योंकि उसे भी अपने भाई की लंड को चूसने में मजा आता है,,,।
अपनी बहन की चुचियों से जी भर कर खेलने के बाद संजू अपनी बहन की चूची से अलग हुआ और गहरी सांस लेते अपनी बहन की तरफ देखने लगा और खड़ा होता हुआ अपनी बहन से बोला,,,।
मोहिनी से लेकर अपनी सलवार खोल कर नंगी हो जा मुझसे अब रहा नहीं जा रहा है,,,,
(मोहिनी को ऐसा था कि उसका भाई अब उसे चोदना चाहता है इसलिए वह भी तुरंत खड़ी हुई और अपनी सलवार की डोरी खोलने लगी,,,संजू जी यह देखकर और ज्यादा उत्तेजित हो जा रहा था कि उसकी बहन अपने हाथों से अपनी सलवार उतार कर अपनी चूत को उसके आगे परोसना चाहती है,,, इसी से संजु अंदाजा लगा रहा था कि उसकी बहन को चूत में लंड लेने की कितनी तड़प है देखते ही देखते मोहिनी अपने हाथ से ही अपनी सलवार उतार कर फेंक दे और अपने भाई की आंखों के सामने लाल रंग की पैंटी में खड़ी हो गई गोरे बदन पर लाल रंग की पैंटी और भी ज्यादा खूबसूरत लग रही थी ट्यूबलाइट की दूधिया रोशनी में मोहिनी का खूबसूरत बदन और भी ज्यादा चमक रहा था,,,पल भर में ही संजू अपने कपड़े उतारकर एकदम नंगा हो गया था दोनों भाई बहन इस समय एक दूसरे की आंखों के सामने एकदम नंगे खड़े थे मोहिनी के बदन पर केवल एक छोटी सी चड्डी थी जिसे उतारने का सुख संजू अपने हाथों से जाने नहीं देना चाहता था,,और अपनी बहन के सामने घुटनों के बल बैठ कर दोनों हाथों से अपनी बहन की छोटी सी चड्डी को पकड़कर नीचे की तरफ खींच लिया और उसकी पानी से तरबतर चूत पर अपनी प्यासे होठों को रख कर चाटना शुरू कर दिया,,,अपनी भाई की हरकत पर मोहिनी पूरी तरह से तिलमिला गई वह मदहोश होने लगी और कस के अपने भाई के बालों को अपनी मुट्ठी में भींच ली और उसके होठों को और भी ज्यादाअपनी चूत पर दबाने लगी और अपनी दोनों टांगों को खोलने की कोशिश करने लगे लेकिन उसके घुटनों में अभी भी उसकी चड्डी फांसी हुई थी जिसे वह अपने पैर का सहारा लेकर धीरे-धीरे उसे अपने पैर से निकालकर एकदम मस्त होकर अपनी दोनों टांगों को फैला दी संजू भी अपनी बहन की गोल-गोल गांड को अपने दोनों हथेली में दबाकर उसकी चूत को चाटने लगा,,,,,, लेकिन संजू इस मजा को और भी ज्यादा दुगना करना चाहता था इसलिए तुरंत पीठ के बल लेट गया और अपनी बहन को उसकी गांड को अपने मुंह पर रखने के लिए बोला उसकी बहन भी पूरी तरह से उत्तेजना के सागर में डूबती चली जा रही थी इसलिए अपने भाई की बात मानते हुए अपने दोनों घुटनों को उसके कंधे के इर्द-गिर्द रखकर अपनी गोल को निकाल को अपने भाई के चेहरे पर रख दी और संजू जल्द ही अपनी बहन के गुलाबी छेद को ढूंढ कर उसमें जीभ डाल दिया,,,,मोहिनी के तन बदन में आग लगी हुई थी वह गहरी गहरी सांस ले रही थी नीचे से संजू उसे पूरी तरह से मस्त किए जा रहा था वह उत्तेजना से सरोबोर होती चली जा रही थी,,,,मोहिनी को इस बात का एहसास हो रहा था कि मंजिल से ज्यादा मजा सफर में आता है और यही उसके साथ भी हो रहा था मोहिनी जल्द से जल्द अपने भाई के लैंड को अपनी चूत में लेकर छुड़वाना चाहती थी लेकिन चूत में लंड डालने से पहले उसका भाई जिस तरह की हरकत कर रहा था उसमें तो और भी ज्यादा मजा आ रहा था उसकी आंखों के सामने दोनों टांगों के बीच छत की तरफ संजू का लंड हवा में लहरा रहा था जिसे मोहिनी अपना हाथ आगे बढ़ाकर उसे अपने हाथ में थाम ली थी और उसे हिलाना शुरू कर दी थी,,,।
संजू चाहता था कि इसी अवस्था में उसकी बहन भी उसके लंड को अपने मुंह में लेकर उसकी चूसाई करें और इसीलिए संजू उसकी पीठ पर हाथ रखकर उसे आगे की तरफ झुकने के लिए दबाव दे रहा था देखते ही देखते मोहिनी अपने भाई की बात मानते हुए झुकती चली गई और ठीक उसकी आंखों के सामने उसके भाई का लंड लहराने लगा जिसे वह अभी भी अपने हाथ में पकड़ी हुई थी और वह तुरंत अपने भाई का इशारा समझते हुए उसे अपने मुंह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चाटना शुरू कर दी दोनों भाई बहन एक दूसरे के रंगों से अत्यधिक आनंद लेने की कोशिश कर रहे थे दोनों को मज़ा भी आ रहा था मोहिनी के लिए यह आसन बिल्कुल नया था और मोहिनी पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी,,,,।
संजू अपनी कमर को नीचे से उछाल रहा था जिससे संजू का लंड मोहिनी के गले तक चला जा रहा थाहालात बद से बदतर हुए चले जा रहे थे मोहिनी की चूत बार-बार काम रस छोड़ रही थी जिससे संजू का पूरा चेहरा काम रस से डूबा हुआ नजर आ रहा था,,,मोहिनी अब जल्द से जल्द अपनी चूत में अपने भाई के लंड को ले लेना चाहती थी,,,, इसीलिए वहअपनी गोल-गोल कांड को अपनी भाई के चेहरे पर जोर जोर से रगड़ रही थी यह दर्शा रहा था कि उसे अपनी चूत में लंड लेना है और यही सही मौका भी था संजू के लिए अपनी बहन की चुदाई करने का,,,सेंटर समझ गया था कि लोहा पूरी तरह से गर्म हो चुका है और उस पर अपने लंड का हथोड़ा मारना जरूरी हो चुका था इसलिए,,, वह मोहिनी को अपने ऊपर से उठने का इशारा किया और मोहिनी भी समझ गई कि अब मंजिल पर पहुंचने का समय आ गया है इसलिए वह भी अपने भाई के ऊपर से एकदम से उठ गई और बगल में बैठ गई,,,, संजू उठते हुए अपने लंड को पकड़ कर बोला,,,।
मोहिनी तू बहुत मस्त चुस्ती है,,,देख मेरा लंड और भी ज्यादा ताकतवर हो गया है अब देखना तेरी चूत में कितनी आराम से अंदर बाहर होते हुए तेरी चूत का भोसड़ा बनाता है,,,।
ना भाई ऐसा बिल्कुल भी मत करना वरना शादी के बाद सुहागरात को मेरा पति मेरी चूत देखकर ही बेहोश हो जाएगा,,,,।
(इतना सुनते ही संजू मुस्कुरा दिया मोहिनी भी मुस्कुरा रही थी वह पीठ के बल लेट नहीं लगी और संजू अपनी बहन की दोनों टांगों के बीच जगह बनाते हुए बोला)
तू चिंता मत कर मोहिनी तेरी चूत को और भी ज्यादा मस्त बना दूंगा ताकि सुहागरात को चेक तेरा पति तेरी चूत में डालें तो एकदम मस्त होकर पहले झटके में ही पानी फेंक दें,,,
यह क्या कह रहा है भाई तुम मुझे आशीर्वाद दे रहा है या शराब दे रहा है पहले झटके नहीं अगर का पानी निकल गया तो मैं क्या करूंगी मैं तो तड़पती रह जाऊंगी,,,
तू चिंता मत कर मैं हूं ना तेरी प्यास बुझाने के लिए,,,,
(इतना कहने के साथ ही समझो अपने लंड को अपनी बहन की गुलाबी चूत पर रख कर एक झटके में उसे अंदर डाल दिया जिससे मोहिनी के मुंह से हल्की सी चीख निकल गई और संजू अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया,,, उत्तेजना के मारे मोहिनी का गला सूखने लगा,,, सूचियों का साइज नारंगी जितना था इसलिए छातियों पर जब जब धक्का लगता था तब वह हल्का सा लहरा उठता था,,, संजू को तुरंत अपनी मौसी की बड़ी-बड़ी चूचियां याद आ गई जो कि उसकी हर एक धक्के पर पानी भरे गुब्बारे की तरह छतियो पर लौटने लगती थी,,,,। लेकिन मोहिनी की चुचियों में भी नशा भरा हुआ था जिसकी मदहोशी और खुमारी संजू की आंखों में साफ नजर आ रही थी,,, संजू का लंड चूत की अंदरूनी दीवारों पर रगड़ता हुआ अंदर बाहर हो रहा था,,, और यही रगड़ मोहिनी को पागल बना रही थी उसे आनंदित कर रही थी यही एहसास उसे स्वर्ग का सुख प्रदान कर रही थी जिसके लिए वह ललाईत थी,, संजू का हर एक धक्का मोहिनी के तन बदन में अत्यधिक उत्तेजना का संचार कर रहा था,,,,,संजू गहरी गहरी सांस लेता हुआ अपनी बहन को चोद रहा था मोहिनी पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी उसकी आंखें मदहोशी में बंद थी और वह मुंह से सांस लेते हुए अपने भाई से चुदवा रही थी,,,,,
ट्यूबलाइट की रोशनी में संजु को एकदम साफ नजर आ रहा था,, कि कैसे उसका मोटा तगड़ा लंड उसकी बहन की गुलाबी चुत में अंदर बाहर हो रहा है अपनी बहन की चूत में अपने लंड को अंदर बाहर होता हुआ देखकर संजू बोला,,,।
ओहहह मोहिनी तेरी चूत में देख कैसे मेरा लंड अंदर बाहर हो रहा है,,, अपनी आंख और मोहिनी और देख अपनी आंखों से अपनी चुदाई होते हुए,,,, तू कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि मैं तेरी चूत में अपना लंड डालकर तेरी चुदाई करूंगा,,,
(संजू की मदमस्त बातों को सुनकर मोहिनी अपनी आंखों को खोलती और अपने हाथ की कोहनी का सहारा लेकर अपनी गर्दन को थोड़ा उठाकर अपनी नजरों को अपनी दोनों टांगों के बीच टीका दी,,, और अपनी आंखों से अद्भुत नजारे को देखने लगी अपनी चूत में अंदर-बाहर होते हुए अपने भाई के लंड को देखकर वह पूरी तरह से मदहोश हो गई और मदहोशी भरे स्वर में बोली,,,)
ओहहह मेरे भाई तू तो पूरा बहन चोर हो गया है,,,,आहहहह मुझे यकीन नहीं हो रहा है कि मैं अपनी चूत में तेरे लंड को ले रही हूं,,,,आहहहहह आहहहहह जोर-जोर धक्के लगा,,,आहहहहह बहुत मजा आ रहा है भाई,,,,
सहहहहह आहहहहहहह,,,, सच में मोहीनी तेरी चूत मुझे बहुत अच्छी लगती है,,,,,आहहहहह बहुत प्यारी है तू,,,, तू भी बहुत प्यासी थी अच्छा हुआ तू मुझ से चुदवाने लगी वरना तू भी अपनी प्यास बुझाने के लिए बाहर कहीं मुंह मारती फिरती जैसा कि पापा,,,,
हां भाई ,,, मुझे तो अभी भी यकीन नहीं हो रहा है कि आप आ इस तरह की हरकत करते होंगे,,,
अरे मोहिनी,,,(जोर से धक्का लगाते हुए) तू नहीं जानती,,, मर्दों की फितरत यही होती है घर में इतनी खूबसूरत औरत होने के बावजूद भी पापा दूसरी औरतों के साथ गुलछर्रे उड़ा रहे हैं,,,
हां भाई,,,आहहहह धीरे से दबा,,,(संजू द्वारा जोर से चूची दबाने पर) मां कितनी खूबसूरत है फिर भी पापा बाहर मजे ले रहे है,,,।
हां मैंने देख मैं इस बात को समझता हूं तभी तो बाहर किसी और की चुदाई करने से अच्छा है मैं तेरी चुदाई कर रहा हूं,,,अगर मैं यही काम बाहर करता तो पैसे देने पड़ते अगर गर्लफ्रेंड होती तो उसको गिफ्ट लाकर देना पड़ता अलग से खर्चा लेकिन तेरे साथ चुदाई करने में बिल्कुल भी खर्चा नहीं है बस हम दोनों का मजा ही मजा है,,,।
हां भाई यह बात तो तू सही कह रहा है लेकिन मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि हम दोनों का मन किया तो हम दोनों यह कर रहे हैं अगर मम्मी का भी तो मन करता होगा,,, वह क्या करती होगी,,,।
अब पता नहीं मम्मी दूसरी औरतों की तरह नहीं है मम्मी बहुत सीधी-सादी है इसलिए दूसरे मर्दों के बारे में सोचती नहीं होंगी लेकिन इतना तो मुझे पूरा यकीन है कि मम्मी का मन करता होगा तो वह अपनी उंगली से काम चला लेती होंगी,,,
उंगली से,,,(मोहिनी आश्चर्य से बोली,,,,चुदाई करते हुए अपनी मां का जिक्र आते ही संजू का जोश कुछ ज्यादा ही बढ़ गया था वह अपनी बहन की चूत में जोर जोर से धक्के लगा रहा था और अपनी बहन को चोदते हुए बोला)
हारे,, उंगली से मम्मी अपनी गर्मी निकालने के लिए अपनी उंगली को अपनी चूत में डालकर हिलाती होगी,,,
यह क्या कह रहा है भाई,,,
हां मोहिनी,,(मोहिनी की चूची को दबाते हुए) सभी औरतें ऐसा ही करती हैं,,,
अगर कहीं मम्मी बाहर किसी और से संबंध बना ली तो,,,
नहीं नहीं नहीं नहीं ऐसा नहीं हो सकता,,,
क्यों नहीं हो सकता भाई,,देख हम दोनों कभी सोचे थे कि इस तरह के संबंध हम दोनों के बीच बनेंगे लेकिन आज देख सब कुछ बदल गया है जरूरत के मुताबिक हम दोनों एक दूसरे का साथ दे रहे हैं,,,,
(अपनी बहन की बात सुनकर संजू का दिमाग घूम रहा था संजू के लिए यही मौका था जब अपने मन की बात हुआ है मोहिनी के सामने रखना चाहता था और वह भी एकदम अनजान बनता हुआ इसलिए वह जोश में भर कर अपनी बहन की चूत में जोर जोर से धक्के लगाते हुए बोला,,,)
मैं सोच रहा था मोहिनी कि जैसे कि मैं तो मेरी बहन है फिर भी मैं तेरी चुदाई कर रहा हूं तुझे भी जरूरत थी और मम्मी को भी जरूरत होगी अगर मैं मम्मी के साथ भी यही करु तो,,,
नहीं नहीं ऐसा नहीं हो सकता,,,
क्यों नहीं हो सकता हम दोनों के बीच तो हो गया ना,,,
नहीं संजू सोच कर हीं कितना गंदा लगता है,,,
हम दोनों के बीच में कुछ सोचकर गंदा ही लगता था ना लेकिन करने में कितना मजा आ रहा है,,,
मम्मी नहीं मानेगी,,,
अगर मम्मी की चूत में भी खुजली मचेगी तो जरुर मानेगी,,,
इसका मतलब है कि अब तु मम्मी को भी चोदेगा,,,
हां क्यों नहीं मम्मी को भी तो जरूरत पड़ती होगी पापा करो भैया तो तो देखे ही चुकी है बाहर मजा ले रहे हैं मम्मी की जरूरत कौन पूरी करेगा मुझे तो यह जिम्मेदारी लेना ही होगा,,, तुझे एतराज है क्या,,?
एतराज तो होना चाहिए लेकिन हम दोनों के बीच इस तरह का संबंध है एक न एक दिन मम्मी को पता चल ही जाएगा और हम दोनों के इस संबंध के बारे में मम्मी भी खामोश रहे इसलिए जरूरी है कि मम्मी के साथ भी तो संबंध बना ले तब हम तीनों मिलकर मजा लेंगे,,,
वाह मोहिनी तू तो एकदम चालाक हो गई रे,,, अपना राज भी राज बनाए रखना चाहती है,,,,
लेकिन यह सब होगा कैसे,,,?(मोहिनी अचरज भरे स्वर में बोली)
होगा जरूर होगा,,, लेकिन जब होगा तब देखा जाएगा अभी तो मैं अपने लंड को अपनी प्यारी बहन की चूत में डाल रहा हूं,,,,आहहहहह।
(दोनों पूरी तरह से मदहोश हो गए चुदाई के इस खेल में अपनी मां का जिक्र करते ही दोनों भाई बहन और ज्यादा उत्तेजना का अनुभव करने लगे थे,,, संजू अपनी बहन की चूत में धक्के पर धक्के लगा रहा था आप उसे और ज्यादा मजा आ रहा था और मोहिनी भी आनंद के सागर में गोते लगा रहे थे देखते ही देखते दोनों की सांसे बड़ी तेजी से चलने लगी और कुछ ही धकको में दोनों एक साथ झड़ने लगे,,,,)
बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है मोहिनी का कॉलेज में मन नहीं लग रहा है उसे तो कल की चुदाई याद आ रही है वह संजू के लन्ड की दीवानी हो गई है अपनी दोस्त रोहिणी से बात करने पर उसे पता चला कि गेस्ट हाउस में चुदाई के लिए जाते हैं और उसे पता चल गया है कि उसके पापा क्या करने गए हैं लेकिन वह संजू से पूछना चाहती है देखते हैं संजू उसको क्या जवाब देता है???मोहिनी के अरमानों के पर लग चुके थे,,, कॉलेज में उसका मन बिल्कुल भी नहीं लग रहा था रात में जो कुछ भी हुआ था और सुबह जो उसकी प्रतिक्रिया के रूप में हुआ था उसे याद करके मोहिनी इस समय भी अपनी चूत से काम रस निकलता हुआ महसूस कर रही थी,,,, मोहिनी अपने बदन में तरो ताजगी महसूस कर रही थीऐसा लग रहा था कि जैसे उसके भाई ने उसकी खूबसूरत बदन को किसी केद से आजाद कर दिया हो,,,,, मोहिनी कॉलेज में अपनी क्लास में बैठे-बैठे यही सोच रही थी कि वह अपने भाई के बारे में इससे पहले इस तरह की ख्यालात नहीं रखती थी उसे ऐसा ही लगता था कि उसका भाई बहुत सीधा है लेकिन रात को जिस तरह से उसने अपनी मर्दानगी दिखाया था उसे देखकर मोहिनी पानी पानी हो गई थी,,,, मोहिनी के जीवन का सर्वप्रथम लंड के दर्शन करना उसकी भाई के ही बदौलत मुमकिन हुआ था वरना उसने अब तक लंड के आकार के बारे में किसी भी प्रकार की धारणा नहीं बांधी थी,,, लंड इतना मोटा तगड़ा होता है और चूत में जाकर जिस तरह की खलबली मच आता है उसका एहसास मोहिनी को पहली बार हो रहा था,,,, मोहिनी के जीवन की यह बेहद यादगार रात थी जिसे वह कभी भी नहीं भूलने वाली थी,,,संजू ने उसे जिस प्रकार का अद्भुत सुख दिया था उसे सुख के बारे में उसने कभी कल्पना भी नहीं की थी इतना तो जानती ही थी कि लड़कियां जिस तरह से अपने बॉयफ्रेंड से चुदवाने के लिए आतुर रहती है उसे देखते हुए मोहिनी चाहती थी कि चुदवाने में बहुत मजा आता है,,, लेकिन इतना आत्मिक सुख भी मिलता होगा इसे तो वह अनुभव करने के बाद ही समझ पाई थी,,। वह बार-बार अपनी सहेली रोहिणी की तरफ देख रही थी और मन ही मन में उसे ढेर सारी दुआएं भी दे रही थी क्योंकि जो कुछ भी मुमकिन हुआ था यह सब कुछ उसके ही बदौलत हुआ था अगर वह फ्रॉक के नीचे चड्डी ना पहन कर अपनी चूत दिखा कर लड़कों को अपने बस में करने का हुनर के बारे में ना बताती तो शायद मोहिनी आज अपने भाई से संभोग सुख की अद्भुत लीला नहीं रच पाती,,, यह सब उसकी सहेली के ही बदौलत मुमकिन हुआ था,,, अपनी सहेली की युक्ति को वह अपने भाई पर आजमा कर बनी मन बहुत खुश हो चुकी थी और अपनी जवानी का मजा भी लुट रही थी,,, अपनी सहेली की बात ना मानते हुए अगर वह अपने भाई को अपनी चूत के दर्शन ना कराती तो शायद वह अब तक कुंवारी ही रहती,,,,,,,,कॉलेज में बैठे बैठे अपने भाई के लंड के बारे में सोच रही थी कि अब तक उसने कभी भी एक जवान लंड को अपनी आंखों से नहीं देखी थी और उसकी सही साइज के बारे में भी नहीं जानती थी अपने भाई के लंड को देखने के बाद सही मायने में उसे लंड के असली भूगोल के बारे में पता चला था,,,,,,, मोहिनी की आंखों के सामने बद्री से नजर आ रहा था जब उसका भाई अपने लंड को उसकी चूत में डाल कर जोर जोर से कमर हिलाता हुआ उसे चोद रहा था,,, मोहिनी उस दृश्य को याद करके पानी पानी हो रही थी,,,, उसे इस बात का एहसास हुआ था कि चूत में चाहे जितना मोटा लंड हो प्रवेश कर ही जाता है क्योंकि अपने भाई के लंड की मोटाई को देखकर उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि वह अपने भाई के मोटे लंड को अपनी चूत में आराम से ले ले कि थोड़ा बहुत दर्द सहना पड़ा था लेकिन उसके बाद वह बड़े आराम से अपने भाई की मोटे तगड़े लंड को अपनी चूत की गहराई तक ले रही थी,,,,। मोहिनी अपने ख्यालों में खोई हुई थी कि तभी रिसेस की घंटी बज गई,,,, और तब जाकर मोहिनी की तंद्रा भंग हुई,,,,।
कॉलेज की कैंटीन में रोहिणी और मोहिनी दोनों कोने वाली टेबल पर बैठई हुई थी,,, रोहिणी में ही दो दो समोसे और कोका कोला का ऑर्डर दे दी थी,,,, ऑर्डर आने में कुछ समय की देरी थी इसलिए रोहिणी मुस्कुराते मोहिनी की तरफ देख कर बोली,,,।
और सुना मोहिनी क्या चल रहा है,,,?
वही जो पहले चल रहा था,,,
पढ़ाई पढ़ाई और बस पढ़ाई,,,(पेपर पर अपने दोनों हाथ रखते हुए रोहिणी बोली)
तो क्या यही सब तो जरूरी है,,,
अरे मेरी जान माना यह सब जरूरी है लेकिन हम जिससे उम्र के दौर से गुजर रहे हैं उसमें बहुत कुछ जरूरी हो जाता है बॉयफ्रेंड मस्ती घूमना मूवी देखना और फिर चुदाई,,,,आहहह इस उमर में यह सब नहीं करोगी तो कब करोगी,,,,
(चुदाई शब्द सुनते ही मोहिनी की आंखों के सामने फिर से रात वाला तेरे से नजर आने लगा था)
मुझे यह सब नहीं करना,,, तू तो हम लोगों की हालत अच्छी तरह से जानती है अगर मैं यह सब करने लगी तो अपनी मां के सपने कैसे पूरे करूंगी,,,,
अरे यार वह तो सब लड़कियां करना चाहती हैं लेकिन उसके साथ भी तो कुछ जरूरी है तू इतनी खूबसूरत है कि तो उधर एक इशारा कर दे तो शायद 10 लड़के तेरे पीछे लार टपका ते घूमते रहेंगे,,,(रानी की इस बात से मोहिनी पूरी तरह से सहमत थी इस बात का एहसास उसे अच्छी तरह से था कि वह बहुत खूबसूरत थी)
मुझे इन सब बातों में बिल्कुल भी मजा नहीं आता,,,
धत् तेरी की यह तो वही हो गया,,, भैंस के आगे बीन बजाना तुझे बिल्कुल भी फर्क नहीं पड़ने वाला,,,मैं तो तुझे तेरी खूबसूरती का फायदा उठाने के लिए बोल रही थी तेरी जैसी अगर मैं खूबसूरत होती तो अब तक तो तहलका मचा दी होती,,,
तू भी पागल है रोहीणी,,,
नहीं यार मैं सच कह रही हूं,,,
(इतने में वेटर समोसे और कोल्ड ड्रिंक लेकर आ गया और टेबल पर रख कर चला गया और सोनी अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली) अरे शाली तेरे गोरे गोरे गाल कितना तेरी चूत भी एकदम गोरी होगी मक्खन मलाई,,,
अरे कुछ तो शर्म कर,,(अपने आजू-बाजू नजर डालते हुए) कोई सुन लेगा तो हम लोगों के बारे में क्या सोचेगा,,,,
यही सोचेगा कि हम दोनों प्यासी हैं और अपनी चूत में एक अच्छा सा मोटा तगड़ा लंड लेना चाहती है,,,
(रोहीणी की बात सुनते ही शर्म के मारे मोहिनी के गाल लाल हो गए और वह समोसा उठा कर खाने लगी,,,, रोहिणी भी हंसते हुए समोसा उठा ली और उसे खाना शुरु कर दी मोहिनी उसकी फ्रॉक के नीचे चड्डी ना पहनने वाली युक्ति के बारे में पूछना चाहती थी कि उसकी युक्ति काम कि,या नहीं,,, लेकिन पूछने से शर्मा रही थी फिर भी हिम्मत करके वह धीरे से बोली,,,)
अच्छा वह तेरी आइडिया का क्या हुआ कुछ बात आगे बढ़ी कि नहीं,,,
कौन सी वह चड्डी ना पहनने वाली,,,
(मोहिनी समोसे को दांत से काटते हुए हां में सिर हिला दी,)
अरे वह तो बहुत काम कर गई,,, पता है तुझे उसने मुझे शॉपिंग भी कराया इधर उधर खूब घुमाया और फिर गेस्ट हाउस भी लेकर गया,,,
गेस्ट हाउस,,,? गेस्ट हाउस महीना जहां पर ऑफिस की मीटिंग होती है,,,,(मोहिनी आश्चर्य जताते हुए बोली)
तू सच में एकदम बुद्धू है,,, गेस्ट हाउस में मीटिंग थोड़ी ना होती है गेस्ट हाउस घंटे के हिसाब से किराए पर मिलता है जिसमें कमरा होता है नरम नरम बिस्तर होता है ऐसी होती है,,, और वहां पर लड़के लड़कियों को चोदने के लिए ले जाते है,,,।
(रोहिणी की यह बात सुनते ही मोहिनी की आंखों के सामने वह दृश्य नाचने लगा जब वह अपनी आंखों से अपने पापा को एक लड़की के साथ गेस्ट हाउस के अंदर जाते हुए देखी थी,,, पल भर के लिए मोहिनी की आंखों के आगे अंधेरा छाने लगा वह रोहिणी की बात को अच्छी तरह से समझ रही थी लेकिन फिर भी वह यकीन नहीं कर पा रही थी इसलिए वह फिर से बोली,,,)
मैं तेरी बात समझ नहीं रही हूं गेस्ट हाउस मतलब वही ना जो वहां किताब की दुकान है उसी रास्ते में पडती है,,,।
हां हां वहां तीन-चार गेस्ट हाउस है और हमेशा देखने गेस्ट हाउस के बाहर लड़कियां खड़ी रहती है सज धज कर,,,
(अब मोहिनी को सब कुछ समझ में आ गया था कि उसके पापा गेस्ट हाउस में लड़की को लेकर गए थे मीटिंग के लिए नहीं बल्कि उसे चोदने के लिए उसे सारा माजरा समझ में आने लगा था क्योंकि उसके पापा उसकी मम्मी से कतराने लगे हैं,,,, घर में पैसे क्यों नहीं दे रहे हैं सारे पैसे उनकी अय्याशी में जो खर्च हो जा रहे हैं,,,, इसका मतलब उस दिन उसके भाई ने उससे झूठ बोला था उसे सब कुछ पता था लेकिन जानबूझकर वहां शायद उसे बताना नहीं चाहता था वहीं कुछ देर तक किसी ख्यालों में खोई हुई लगी तो और बड़ी उसका हाथ पकड़ कर बोली,,,)
क्या हुआ किसके याद में खो गई कहीं तुझे भी तो नहीं गेस्ट हाउस जाना है,,,
ना बाबा गेस्ट हाउस तुझे ही मुबारक मतलब तूने भी वहां पर जाकर सारे क्रिया कर्म कर ही ली,,,
हां यार लेकिन सच में बहुत मजा आया,,, उसका ज्यादा मोटा तो नहीं था लेकिन मेरी चूत की बैंड बजा दिया 3 घंटे के लिए लिया था लेकिन इन 3 घंटों में उसने मुझे कपड़े पहनने ही नहीं दिया,,,।
(रोहिणी के मुंह से ज्यादा मोटा शबद सुनकर मोहीनी की आंखों के सामने उसके भाई का खड़ा लंड नजर आने लगा जो कि ज्यादा मोटा था,,, रोहिणी की बातों को सुनकर मोहिनी बोली,,)
छी,,, कितनी गंदी है तू,,
अरे मुझे गंदी कह रही है एक बार अपनी चूत में किसी का लंड डलवा लेना तब देखना दिन-रात बस लेने का ही मन करेगा,,,
चल मेरा नहीं करने वाला,,,,(इतने में ही रिसेस पूरी होने की बेल बज गई और दोनों जल्दी-जल्दी समोसा खाकर वापस लेक्चर अटेंड करने के लिए चले गए लेकिन मोहिनी का मन अब बिल्कुल भी नहीं लग रहा था अपने पापा के चरित्र को लेकर उसे बहुत गुस्सा आ रहा था अब तो कुछ ऐसा ही लगता था कि उसके पापा शराब के नशे में सब कुछ करते हैं लेकिन अब उनका असली चेहरा मोहिनी को नजर आ गया था वह अपनी मां को सब कुछ बता देना चाहती थी लेकिन एक बार अपने भाई से बात कर लेना चाहती थी कि उसने उसे झूठ क्यों बोला था,,,,)
शाम को जब वह घर पहुंची तो संजू घर पर नहीं था इस बात से उसे गुस्सा आने लगा था क्योंकि घर पर पहुंचते ही ना जाने क्यों उसकी चूत में खुजली होने लगी थी और वह अपने भाई के लंड को एक बार फिर से अपनी चूत में देना चाहती थी लेकिन उसका भाई घर पर मौजूद ही नहीं थाउसकी मां को आने में अभी 1 घंटे का समय था इतने समय में तो वहां दोनों पूरी मस्ती कर लेते,,,, मोहिनी हाथ मुंह धो कर फ्रेश हो गई और चाय बनाने का की चायवह अपने लिए ही नहीं बल्कि संजू और अपनी मां के लिए भी बना रही थी ताकि वह दोनों के आने पर सिर्फ गर्म करके दे दे,,,,।
कुर्सी पर बैठकर मोहिनी चाय की चुस्की रह रही थी और अपने पापा के बारे में सोच रही थी कि उसके पापा इतने चरित्रहीन हो गए हैं कि घर में इतनी खूबसूरत बीवी को छोड़कर बाहर बाजारू औरतों के साथ संबंध बना रहे और पैसे लुटा रहे हैं,,,,वह इस बारे में अपनी मां से बात करना चाहती थी ताकि कैसे उसे समझ में नहीं आ रहा था,,,,
इन्हीं सब के बारे में सोचते सोचते धीरे-धीरे समय गुजर गया और उसकी मां ऑफिस से घर पर आ आ गई लेकिन अभी भी संजू घर पर वापस नहीं आया था संजू के ऊपर मोहिनी को बहुत गुस्सा आ रहा था,,, आराधना घर पहुंच कर हाथ मुंह धो कर फ्रेश हो रही थी कि तभी संजू भी आ गया,,, उसे तिरछी नजर से गुस्से में देखते हुए बोली अच्छा हुआ तुम दोनों आ गए वरना मुझे फिर से चाय गरम करनी पड़ती,,,।
(संजू मोनी की तरफ देख कर मुस्कुराया लेकिन मोहिनी गुस्से में थी और वह बनाकर रसोई घर में चली गई संजु को उसकी यह हरकत समझ में नहीं आई,, वह हाथ मुंह धो कर फ्रेश होने लगा थोड़ी ही देर में मोहिनी ने दोबारा उन लोगों के साथ चाय पीने लगी,,,। और जब तक खाना खा कर दोनों अपने कमरे में नहीं चले गए तब तक मोहिनी को संजू से पूछने का समय नहीं मिला था,,,, संजू से पूछने के लिए उसका मन व्याकुल हो जा रहा था और उसके दिल की धड़कन बढ़ने लगी थी,,, और संजू था कि मोहिनी को अपने हाथों से नंगी करके उसकी चूत का रस पीना चाहता था इसलिए उसे अपनी बांहों में भरकर उसके होंठों पर चुंबन करने के लिए जैसे ही अपने होंठ को आगे बढ़ाया मोहिनी उसे रोते हुए बोली,,,।
बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है मोहिनी को संजू ने बता दिया कि उसके पापा क्या करने गए थे गेस्ट हाउस आज रात में फिर से संजू ने मोहिनी की दमदार चुदाई कर दी है साथ में अपनी मां की चुदाई करने की बात मोहिनी को भी बता दी और मोहिनी भी इससे सहमत हो गई है देखते हैं आगे क्या होता हैजबसे मोहिनी अपनी सहेली रोशनी के मुंह से गेस्ट हाउस वाली बात सुनी थी और गेस्ट हाउस में क्या होता है इस बारे में जानी थी तब से उसका दिमाग काम नहीं कर रहा था मैं अपने भाई से पूछना चाहती थी कि क्या उसके पापा भी गेस्ट हाउस में उस लड़की के साथ गंदा काम कर रहे थे और वह उससे हकीकत क्यों छुपाया था,,,।
मोहिनी भी अपने भाई से साथ चुदवाना चाहती थी,,, जिसके लिए वह खुद व्याकुल हुए जा रही थी क्योंकि मोहिनी अभी अभी पूरी तरह से जवान हुई थी और उसके बदन की भी कुछ जरूरतें थी जिसे पूरा करना बेहद जरूरी था और अपने बदन की जरूरतों को पूरा करने का रास्ता मोहिनी को मिल चुका था,, और वह जब चाहे तब अपने बदन की प्यास बुझा सकती थी,,, लेकिन उससे पहले उसे अपने सवालों का जवाब चाहिए था,,,,।
रात के 11:15 बज रहे थे आराधना अपने कमरे में थी और संजू और मोहिनी एक कमरे में आराधना सो रही थी या जाग रही थी इस बारे में दोनों को पता नहीं था संजू व्याकुल था अपनी बहन को अपनी बाहों में लेकर उसके होठों का रस पीते हुए उसके बदन से एक एक करके सारे कपड़े उतार कर उसे नंगी करने के लिए,,, और मोहिनी बेकरार थी अपने सवालों का जवाब पाने के लिए कमरे में ट्यूबलाइट अभी भी चल रही थी शायद अधेरे से ज्यादा उजाले में काम क्रीड़ा करने में ज्यादा मजा आ रहा था,,,क्योंकि उजाले में दोनों एक दूसरे के बदन को उनके अंगों को एकदम साफ-साफ देख सकते रहे और वैसे भी मोहिनी पहली बार ही चुदवाई थी और वह भी ट्यूबलाइट के उजाले में इसलिए अंधेरे का अनुभव मोहिनी को बिल्कुल भी नहीं था लेकिन संजू को अंधेरे का अनुभव बराबर था क्योंकि इसी कमरे में अंधेरा करके और अंधेरे का फायदा उठाते हुए उसकी मौसी संजू के साथ शारीरिक संबंध बनाई थी और संजू भी अंधेरे में ही उसके अंगों को छूकर स्पर्श करके मसलकर टटोलकर पूरा मजा लिया था,,, एक तरह से संजू को लड़के से मर्द बनाने में पूरा हाथ उसकी मौसी का ही था,,,,, संजू का दिल जोरों से धड़क रहा था क्योंकि वह जानता था कि कुछ ही देर में वह अपनी खूबसूरत बहन को अपनी बाहों में लेने वाला है इसीलिए वह मोहिनी की तरफ मुस्कुरा कर देखते हुए बोला,,,।
एक ही रात में मोहिनी तू तो एकदम बदल गई,,,
मतलब,,,(तिरछी नजर से संजू की तरफ देखते हुए)
मतलब कि तेरे बदन से अब एकदम मादक खुशबू आने लगी है जो कि मुझे पागल बना रही है,,,
पहले नहीं आती थी क्या,,,!
पहले का तो मुझे बिल्कुल भी नहीं मालूम लेकिन कल रात से तेरी खूबसूरती तेरी जवानी का रस मेरे होठों पर लग चुका है दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़की मेरी नजर में तू ही है,,,,।
(मोहिनी अपने भाई की बात सुनकर मन ही मन प्रसन्न हो रही थी और इस बात से हैरान भी थी कि एक ही रात में उसका फाइनल आवेदन किया था क्योंकि इस तरह से उसने कभी भी बात नहीं किया था ऐसा लग रहा था कि जैसे उसकी आंखों के सामने कोई मूवी का हीरो बैठा हो और वह उसके साथ फ्लर्ट कर रहा है,,,, मोहिनी का कोई बॉयफ्रेंड नहीं था इसलिए मोहिनी अपने भाई को ही इस समय अपना बॉयफ्रेंड समझ रही थी इसलिए उसकी बातें और भी ज्यादा अच्छी लग रही थी,,,)
मतलब भाई एक रात में मैं तुझे सबसे खूबसूरत लगने लगी,,
नहीं-नहीं मोहिनी ऐसी बात नहीं है तो सच में बहुत खूबसूरत है लेकिन मैंने पहले कभी तुझे उस नजरिए से देखा ही नहीं था कल रात को मुझे पता चला कि मेरी बहन कितनी खूबसूरत है और मैं कितना भाग्यशाली हूं,,, की बेशक तेरे कॉलेज की लड़की तेरे पीछे दीवाने बनकर घूमते होंगे तुझे पाने की चाह रखते होंगे और सच कहूं अगर बुरा ना माने तो,,,
मैं बुरा नहीं मानूंगी,,,
देख नाराज मत होना मैं एक लड़का होने की हैसियत से तुझे लड़कों की आदत बताना चाहता हूं,,,
कोई बात नहीं भाई हम दोनों में किसी भी प्रकार का राज नहीं है और ना ही शर्म है इसलिए तु बता,,,
देख मोहीनी तू बहुत खूबसूरत है जवानी से भरी हुई है एकदम गोरी चिट्टी इसलिए लड़के तुझे पाने के लिए पागल होंगे मुझे पूरा विश्वास है होते हैं कि नहीं,,,(इस सवाल का जवाब वह अपनी बहन के मुंह से सुनना चाहता था,, और मोहिनी भी ज्यादा नखरा ना दिखाते हुए हां में सिर हिला दी उसका जवाब सुनकर संजू के चेहरे पर प्रसन्नता के भाव नजर आने लगे और वह अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,)
और सच कहूं तो लड़के तेरी लेने के लिए तड़पते होंगे,,,
लेने के लिए क्या लेने के लिए मैं कुछ समझी नहीं,,,(मोहिनी सब कुछ जानते हुए भी अनजान बनते हुए बोली)
मेरा मतलब है कि लड़के तुझे चोदने के लिए तड़पते होंगे और सही बताऊं तो तुझे देखकर वह लोग अपने मन में कल्पना करते होंगे कि कपड़े उतार कर तो नंगी होती होगी तब कैसी नजर आती होगी,,,, यही सोचकर अपने हाथ से मुठ मार कर अपना पानी निकाल देते होंगे,,,।
(अपने भाई की इस तरह की गंदी बातें सुनकर मोहिनी के तन बदन में उत्तेजना की लहर उठ रही थी उसकी चूत से काम रस झरने लगा था,,, वह जानबूझकर बोली,,)
मुठ,,, यह क्या होता है,,,,?
मुझे नहीं मालूम,,,
नहीं तो मुझे इस शब्द के बारे में बिल्कुल भी नहीं मालूम मैं तो पहली बार तुम्हारे मुंह से सुन रही हूं,,,
अरे मेरी बुद्धू बहन एकदम जवान हो गई है लेकिन यह सब जानती ही नहीं है तभी तो और मुझे तेरे साथ मजा आता है,,, रुक तुझे करके बताता हूं,,,,
(और इतना कहने के साथ ही बैठे-बैठे संजू अपनी पेंट की चैन खोलकर उसमें मोहिनी की आंखों के सामने ही अपना अंगूठा और उंगली डालकर अपने लंड को पकड़ कर उसे बाहर निकाल लिया और हवा में लहराते हुए उसपर अपनी हथेली रखकर ऊपर नीचे करते हुए मुठ मारने लगा और बोला,,,) देख इसे कहते हैं मुठ मारना और तेरे कॉलेज के लड़के तेरे बारे में सोचकर गंदी-गंदी कल्पना करके इसी तरह से हिला हिला कर अपना पानी निकाल देते हैं,,,।
(मोहिनी तो अपनी भाई की हरकत देखकर पूरी तरह से उत्तेजित होने लगी उसकी चुत एकदम गीली हो रही थी जिस अदा से उसके भाई ने उसकी आंखों के सामने अपने पेंट की चैन खोलकर उसने अपनी उंगलियां डालकर अपने लंड को पकड़ कर बाहर निकाला था और उसे अपने हाथ से हिलाना शुरू किया था उसे देखकर मोहिनी के तन बदन में आग लगने लगी थी वह एकदम उत्तेजित हो गई थी उसका मन कर रहा था कि इसमें अपनी सलवार की डोरी खोल कर अपनी चूत को उसके लंड पर रख दे,,, लेकिन किसी तरह से वह अपने आप को संभाल कर रखी हुई थी और अपने भाई की बात को सुनकर वह हैरान होते हुए बोली,,,)
बाप रे क्या सच में लड़के ऐसा करते हैं मेरे बारे में सोच कर,,,
तो क्या तू है ही इतनी खूबसूरत है कि तेरी चूत की कल्पना करके ना जाने कितनों का पानी निकल जाता होगा और इसीलिए तो मैं अपने आप को भाग्यशाली समझता हूं कि जिसके बारे में कॉलेज के लड़के कल्पना करके अपना पानी निकालते हैं उसी लड़की को मैं चोदता हूं उसकी चूत का रस पीता हूं उसकी चूची को मुंह में लेकर दबा दबा कर पीता हूं सोच अब मुझसे ज्यादा भाग्यशाली और कौन होगा,,,।
सच में भाई तू जैसा बता रहा है तब तो तू सच में भाग्यशाली है लेकिन यह सब तुझे कैसे पता क्या तू भी मेरे बारे में या किसी और के बारे में कल्पना करके अपने हाथ से हीलाता है मेरा मतलब है कि मुट्ठ मारता है,,,।
(अपनी बहन के इस सवाल पर संजू थोड़ा शक पका गया लेकिन फिर अपने मन में सोचा कि अब अपनी बहन से शर्म करने का कोई फायदा नहीं है क्योंकि दोनों के बीच रिश्तो की डोरी टूट चुकी थी मर्यादा की दीवार गिर चुकी थी उन दोनों के बीच भाई-बहन का नहीं बल्कि मर्द और औरत का रिश्ता कायम हो चुका था इसलिए संजू बोला,,,)
देख यह तो प्राकृतिक तौर पर है मैं अगर मुट्ठ मार कर अपना पानी नहीं निकाल लूंगा तो अपने आप ही किसी ना किसी बहाने निकल ही जाएगा और सच कहूं तो जैसा कि सब लड़कों को खूबसूरत लड़कियां खूबसूरत औरत पसंद है उसी तरह से मैं भी उन्हें देखता हूं और कभी-कभी मुझे भी यह सब करना पड़ता है,,, तुझे भी तो करना होता होगा तेरी भी चूत तो लंड मांगती होगी तब तू अपनी चूत में उंगली डालकर अपना पानी निकालती होगी सच बताना,,,।
(अपने भाई के सवाल को सुनकर मोहिनी भी हैरान हो गई थी लेकिन वह भी हिम्मत दिखाते हुए बोली)
नहीं मेरे साथ ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है मैंने आज तक इस तरह की हरकत नहीं कि मेरा मन हमेशा पढ़ाई में हीं लगा रहता था मेरी सहेलियां इस तरह की बातें करती थी लेकिन मैं कभी उन लोगों की बातों पर ध्यान नहीं देती थी,,,(मोहिनी अपने भाई को हकीकत बताना नहीं चाहती थी कि पहली बार अपने भाई के लंड को अनजाने में ही देख ली थी और तब से उसकी चूत में कंपनी मची हुई थी और वह जानबूझकर बिना चड्डी के फ्रॉक पहन कर उसे ललचा रही थी,,,,)
इसका मतलब है मम्मी के यहां सब कुछ तेरे साथ पहली बार हो रहा है,,,
तो क्या भाई अगर तू मेरी चूत अपनी जीभ से नहीं चाहता होता तो शायद यह सब कभी नहीं होता ना जाने उस समय मुझे क्या हो गया तू अपनी जीभ से मुझे पागल कर दिया था,,,, और ना चाहते हुए भी मुझे सब कुछ करना पडा,,,
(यह सब सुनकर संजु को मजा आ रहा था और संजू अपनी बहन की बातें सुनकर उसकी आंखों के सामने ही अपने खाली लंड को मुठिया रहा था जिसे मोहिनी बार-बार चोर नजरों से देख ले रही थी,,,उसका मन से अपने भाई के लंड को अपने हाथ में पकड़ कर हिलाने को कर रहा था लेकिन वह पहले अपने भाई से अपने सवाल का जवाब सुनना चाहती थी,,,, माहौल पूरी तरह से गरमा चुका थासंजू अपने लैंड को हिलाते हुए अपने होठों को मोहिनी के होठों के करीब ले जाने लगा तो मोहिनी उसके होठों पर अपनी हथेली रखकर उससे बोली,,,।
पहले भाई मेरे सवाल का जवाब दो,,,
कैसा सवाल,,,!(संजू आश्चर्य से बोला)
गेस्ट हाउस के बारे में,,,
गेस्ट हाउस के बारे में लेकिन क्या,,,?
यही कि पापा उस लड़की को गेस्ट हाउस में लेकर क्या करने के लिए गए थे,,,
(मोहिनी का यह सवाल सुनकर संजू एकदम से सकपका गयालेकिन जिस तरह से वहां पूछ रही थी संजीव को शक हो गया था कि गेस्ट हाउस के बारे में उसकी बहन को पता चल गया है इसलिए संजू मोहिनी से बोला,,,)
क्या करेगी जानकर,,,,
नहीं मैं जानना चाहती हूं,,,,,,
देख मोहिनीमैं तुझे बताना तो नहीं चाहता था लेकिन तू जिद कर रही हो तो मैं तुझे बता देता हूं कि पापा उस लड़की को देखा उसमें लेकर क्या करने के लिए गए थे,,, गेस्ट हाउस मेघंटे के हिसाब से कमरा किराए पर मिलता है जहां पर लड़के आदमी औरतों को पैसे देकर ले जाते हैं और वहां पर उनकी चुदाई करते हैं,,,,
तो क्या पापा भी,,,?(मोहिनी आश्चर्य जताते हुए बोली,,)
हां मोहिनी पापा भी उस लड़की को गेस्ट हाउस चोदने के लिए लेकर गए थे,,,
तो तू मुझे उसी दिन क्यों नहीं बताया,,,,,
तब मुझे लगता था कि तुझे यह सब बताने लायक नहीं है,,
तो आज क्यों बता रहा है,,,
क्योंकि एक ही रात में मैं समझ गया हूं कि तुझे सब कुछ बताने लायक है,,,,,, क्योंकि तू औरत और मर्द के बीच के रिश्ते को अच्छी तरह से समझने लगी है,,,,
मुझे यकीन नहीं हो रहा है कि पापा इस तरह की हरकत करेंगे,,,
मुझे भी यकीन नहीं हो रहा था लेकिन जो कुछ भी मैंने देखा और तूने देखी सब कुछ अपने आंखों से,,,,,तब जाकर मुझे इस बात का एहसास हुआ कि घर में पैसे क्यों नहीं आ रहे हैं क्योंकि पापा अपनी पूरी तनख्वाह इन्हीं सभी गंदे कामों में लुटा रहे हैं और इसीलिए उन्हें मम्मी की जरूरत महसूस नहीं होती ,, क्योंकि वह रोज-रोज नई-नई बाजारू औरतों और लड़कियों के साथ मजे जो लूट रहे हैं,,,
(संजू की बातों को सुनकर मोहिनी विचार मगन हो गई थी वह किसी सोच में डूबी हुई थी और वह थोड़ी देर बाद बोली,,)
हमें मम्मी को सब कुछ बता देना चाहिए,,,
नहीं मानी ऐसी गलती कभी मत करना,,, मम्मी अगर यह जान जाएगी तो उन्हें बहुत दुख होगा,,,
लेकिन भाई एक ना एक दिन तो उन्हें पता चल ही जाएगा,,,
जब पता चलेगा तब देखेंगे,,,, आओ हम दोनों अपनी रात हसीन करते हैं,,,(और इतना कहने के साथ ही समझे मोहिनी को अपनी बाहों में लेकर उसके होठों का रस पीना शुरु कर दिया मोहिनी भी पूरी तरह से मस्त हुए जा रही थी पल भर में उसके तन बदन में उत्तेजना के रूप में लगी और वह अपने आप ही अपने भाई के लंड पकड़ कर हीलाना शुरू कर दी,,,अपने भाई के मोटे तगड़े लंड को पकड़ कर मोहिनी को अभी भी विश्वास नहीं हो रहा था कि वह इतने मोटे लंबे तगड़े लंड को बड़े आराम से अपनी चूत में ले ली थी,,, संजू पागलों की तरह अपने बैंक के लाल लाल होठों के रस को पी रहा था और कुर्ती के ऊपर से अपनी बहन की नारंगी को पकड़कर दबा रहा था,,,, दोनों की सांसें पल भर में एकदम तेज चलने लगी,,,, संजू अपने लंड को अपनी बहन के हाथों में महसूस करते ही और ज्यादा उत्तेजित होने लगा और वह अगले ही पलअपनी बहन की कुर्ती को दोनों हाथों से पकड़कर उसे ऊपर की तरफ उठाने लगा और मोहिनी भी अपने दोनों हाथों को ऊपर की तरफ कर दी ताकि वह बड़े आराम से उसकी कुर्ति को उतार सकें,,, देखते ही देखते संजू अपनी बहन की कुर्ती को उतारकर बदन में रख दिया,,, कुर्ती के उतरते हैं संजू की आंखों के सामने गुलाबी रंग की ब्रा में अपनी बहन की दोनों नौरंगिया नजर आने लगी जिसे संजू अपने दोनों हाथों से पकड़कर दबाते हुए उसकी गर्दन को चूमने लगा,,,,।
मोहिनी अपने भाई की हरकत से पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी और अपने भाई की हरकत का पूरा मजा लूट रही थी मोहिनी तो खुद चाहती थी कि जल्दी से जल्दी उसका भाई उसे अपने हाथों से नंगी करके उसे चोदें,,,,, संजू अपनी बहन की गर्दन को चुमते हुएऔर उसकी चुचियों को ब्रा के ऊपर से दबाते हुए अपने दोनों हाथों को पीछे की तरफ लेकर आया और उसकी ब्रा का हुक खोलने लगा और कुछ ही सेकंड में वह अपनी बहन की ब्रा के हुक को खोल दिया जिससे ब्रा का कसाव दोनों संतरो पर कमजोर पड़ने लगा,,, और मोहिनी खुद अपनी ब्रा को अपनी बाहों से उतार कर एक बगल में रख दी,,, संजू अपनी बहन की तली हुई चुचियों को देखकर एकदम मदहोश होने लगा और चुचियों की शोभा बढ़ा रहे छोटी-छोटी किसमिस के दाने को संजू अपने दोनों हाथों की उंगलियों से पकड़कर हल्के से दबाते हुए बोला,,,।
सहहहहह ,,,, मोहिनी तेरी चूचियां बहुत खूबसूरत है रे कपड़ों के ऊपर से पता ही नहीं चलता था कि अंदर ही अंदर तेरी चूचियां इतनी खूबसूरत हो गई है,,,,,
आहहहह भाई धीरे से तू तो पागल हो जाता है,,,
क्या करूं मैंने तेरी खूबसूरती मुझे मदहोश कर देती है,,, पर यह तेरी चुचियां,,,(और इतना कहने के साथ ही संजु मोहिनी की चूची को अपने मुंह में लेकर पीना शुरु कर दिया,,, मोहिनी के मुंह से गर्म सिसकारी फूट पड़ी मोहिनी को भी अपने भाई को इस तरह से चूची पिलाना बहुत आनंददायक लग रहा था,,, वह मदहोश होते अपनी आंखों को बंद करके अपना एक हाथ अपने भाई के सर पर रख कर उसे अपनी चूची पर दबाने लगी अपनी बहन की मदहोशी देखकर समझो बारी-बारी से अपनी बहन की दोनों चूचियों को मुंह में लेकर पीना शुरु कर दिया मैंने कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि वह इस तरह से अपने भाई को अपना दूध पी लाएगी हालांकि,,, उसमें से अभी दूध निकलने की गुंजाइश नहीं थी लेकिन फिर भी एहसास वही होता था,,,।
मोहिनी पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी वह वापस अपनी भांग के लंड को पकड़ कर ही लाना शुरू कर दी थी और गहरी गहरी सांसे ले रही थी,,,, कुछ देर तक दोनों इसी तरह से मजा लेते रहे पंखा फूल स्पीड में चलने के बावजूद भी दोनों के माथे से पसीने की बूंदें टपक रही थी यह बोल दे जवानी की गर्मी थी जो पसीना बनकर दोनों के बदन से निकल रही थी,,,, संजू अपनी बहन के मुंह में अपना लंड देना चाहता था और मोहिनी भी यही चाहती थी अपने भाई के मोटे तगड़े लंड को अपने मुंह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसना क्योंकि उसे भी अपने भाई की लंड को चूसने में मजा आता है,,,।
अपनी बहन की चुचियों से जी भर कर खेलने के बाद संजू अपनी बहन की चूची से अलग हुआ और गहरी सांस लेते अपनी बहन की तरफ देखने लगा और खड़ा होता हुआ अपनी बहन से बोला,,,।
मोहिनी से लेकर अपनी सलवार खोल कर नंगी हो जा मुझसे अब रहा नहीं जा रहा है,,,,
(मोहिनी को ऐसा था कि उसका भाई अब उसे चोदना चाहता है इसलिए वह भी तुरंत खड़ी हुई और अपनी सलवार की डोरी खोलने लगी,,,संजू जी यह देखकर और ज्यादा उत्तेजित हो जा रहा था कि उसकी बहन अपने हाथों से अपनी सलवार उतार कर अपनी चूत को उसके आगे परोसना चाहती है,,, इसी से संजु अंदाजा लगा रहा था कि उसकी बहन को चूत में लंड लेने की कितनी तड़प है देखते ही देखते मोहिनी अपने हाथ से ही अपनी सलवार उतार कर फेंक दे और अपने भाई की आंखों के सामने लाल रंग की पैंटी में खड़ी हो गई गोरे बदन पर लाल रंग की पैंटी और भी ज्यादा खूबसूरत लग रही थी ट्यूबलाइट की दूधिया रोशनी में मोहिनी का खूबसूरत बदन और भी ज्यादा चमक रहा था,,,पल भर में ही संजू अपने कपड़े उतारकर एकदम नंगा हो गया था दोनों भाई बहन इस समय एक दूसरे की आंखों के सामने एकदम नंगे खड़े थे मोहिनी के बदन पर केवल एक छोटी सी चड्डी थी जिसे उतारने का सुख संजू अपने हाथों से जाने नहीं देना चाहता था,,और अपनी बहन के सामने घुटनों के बल बैठ कर दोनों हाथों से अपनी बहन की छोटी सी चड्डी को पकड़कर नीचे की तरफ खींच लिया और उसकी पानी से तरबतर चूत पर अपनी प्यासे होठों को रख कर चाटना शुरू कर दिया,,,अपनी भाई की हरकत पर मोहिनी पूरी तरह से तिलमिला गई वह मदहोश होने लगी और कस के अपने भाई के बालों को अपनी मुट्ठी में भींच ली और उसके होठों को और भी ज्यादाअपनी चूत पर दबाने लगी और अपनी दोनों टांगों को खोलने की कोशिश करने लगे लेकिन उसके घुटनों में अभी भी उसकी चड्डी फांसी हुई थी जिसे वह अपने पैर का सहारा लेकर धीरे-धीरे उसे अपने पैर से निकालकर एकदम मस्त होकर अपनी दोनों टांगों को फैला दी संजू भी अपनी बहन की गोल-गोल गांड को अपने दोनों हथेली में दबाकर उसकी चूत को चाटने लगा,,,,,, लेकिन संजू इस मजा को और भी ज्यादा दुगना करना चाहता था इसलिए तुरंत पीठ के बल लेट गया और अपनी बहन को उसकी गांड को अपने मुंह पर रखने के लिए बोला उसकी बहन भी पूरी तरह से उत्तेजना के सागर में डूबती चली जा रही थी इसलिए अपने भाई की बात मानते हुए अपने दोनों घुटनों को उसके कंधे के इर्द-गिर्द रखकर अपनी गोल को निकाल को अपने भाई के चेहरे पर रख दी और संजू जल्द ही अपनी बहन के गुलाबी छेद को ढूंढ कर उसमें जीभ डाल दिया,,,,मोहिनी के तन बदन में आग लगी हुई थी वह गहरी गहरी सांस ले रही थी नीचे से संजू उसे पूरी तरह से मस्त किए जा रहा था वह उत्तेजना से सरोबोर होती चली जा रही थी,,,,मोहिनी को इस बात का एहसास हो रहा था कि मंजिल से ज्यादा मजा सफर में आता है और यही उसके साथ भी हो रहा था मोहिनी जल्द से जल्द अपने भाई के लैंड को अपनी चूत में लेकर छुड़वाना चाहती थी लेकिन चूत में लंड डालने से पहले उसका भाई जिस तरह की हरकत कर रहा था उसमें तो और भी ज्यादा मजा आ रहा था उसकी आंखों के सामने दोनों टांगों के बीच छत की तरफ संजू का लंड हवा में लहरा रहा था जिसे मोहिनी अपना हाथ आगे बढ़ाकर उसे अपने हाथ में थाम ली थी और उसे हिलाना शुरू कर दी थी,,,।
संजू चाहता था कि इसी अवस्था में उसकी बहन भी उसके लंड को अपने मुंह में लेकर उसकी चूसाई करें और इसीलिए संजू उसकी पीठ पर हाथ रखकर उसे आगे की तरफ झुकने के लिए दबाव दे रहा था देखते ही देखते मोहिनी अपने भाई की बात मानते हुए झुकती चली गई और ठीक उसकी आंखों के सामने उसके भाई का लंड लहराने लगा जिसे वह अभी भी अपने हाथ में पकड़ी हुई थी और वह तुरंत अपने भाई का इशारा समझते हुए उसे अपने मुंह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चाटना शुरू कर दी दोनों भाई बहन एक दूसरे के रंगों से अत्यधिक आनंद लेने की कोशिश कर रहे थे दोनों को मज़ा भी आ रहा था मोहिनी के लिए यह आसन बिल्कुल नया था और मोहिनी पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी,,,,।
संजू अपनी कमर को नीचे से उछाल रहा था जिससे संजू का लंड मोहिनी के गले तक चला जा रहा थाहालात बद से बदतर हुए चले जा रहे थे मोहिनी की चूत बार-बार काम रस छोड़ रही थी जिससे संजू का पूरा चेहरा काम रस से डूबा हुआ नजर आ रहा था,,,मोहिनी अब जल्द से जल्द अपनी चूत में अपने भाई के लंड को ले लेना चाहती थी,,,, इसीलिए वहअपनी गोल-गोल कांड को अपनी भाई के चेहरे पर जोर जोर से रगड़ रही थी यह दर्शा रहा था कि उसे अपनी चूत में लंड लेना है और यही सही मौका भी था संजू के लिए अपनी बहन की चुदाई करने का,,,सेंटर समझ गया था कि लोहा पूरी तरह से गर्म हो चुका है और उस पर अपने लंड का हथोड़ा मारना जरूरी हो चुका था इसलिए,,, वह मोहिनी को अपने ऊपर से उठने का इशारा किया और मोहिनी भी समझ गई कि अब मंजिल पर पहुंचने का समय आ गया है इसलिए वह भी अपने भाई के ऊपर से एकदम से उठ गई और बगल में बैठ गई,,,, संजू उठते हुए अपने लंड को पकड़ कर बोला,,,।
मोहिनी तू बहुत मस्त चुस्ती है,,,देख मेरा लंड और भी ज्यादा ताकतवर हो गया है अब देखना तेरी चूत में कितनी आराम से अंदर बाहर होते हुए तेरी चूत का भोसड़ा बनाता है,,,।
ना भाई ऐसा बिल्कुल भी मत करना वरना शादी के बाद सुहागरात को मेरा पति मेरी चूत देखकर ही बेहोश हो जाएगा,,,,।
(इतना सुनते ही संजू मुस्कुरा दिया मोहिनी भी मुस्कुरा रही थी वह पीठ के बल लेट नहीं लगी और संजू अपनी बहन की दोनों टांगों के बीच जगह बनाते हुए बोला)
तू चिंता मत कर मोहिनी तेरी चूत को और भी ज्यादा मस्त बना दूंगा ताकि सुहागरात को चेक तेरा पति तेरी चूत में डालें तो एकदम मस्त होकर पहले झटके में ही पानी फेंक दें,,,
यह क्या कह रहा है भाई तुम मुझे आशीर्वाद दे रहा है या शराब दे रहा है पहले झटके नहीं अगर का पानी निकल गया तो मैं क्या करूंगी मैं तो तड़पती रह जाऊंगी,,,
तू चिंता मत कर मैं हूं ना तेरी प्यास बुझाने के लिए,,,,
(इतना कहने के साथ ही समझो अपने लंड को अपनी बहन की गुलाबी चूत पर रख कर एक झटके में उसे अंदर डाल दिया जिससे मोहिनी के मुंह से हल्की सी चीख निकल गई और संजू अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया,,, उत्तेजना के मारे मोहिनी का गला सूखने लगा,,, सूचियों का साइज नारंगी जितना था इसलिए छातियों पर जब जब धक्का लगता था तब वह हल्का सा लहरा उठता था,,, संजू को तुरंत अपनी मौसी की बड़ी-बड़ी चूचियां याद आ गई जो कि उसकी हर एक धक्के पर पानी भरे गुब्बारे की तरह छतियो पर लौटने लगती थी,,,,। लेकिन मोहिनी की चुचियों में भी नशा भरा हुआ था जिसकी मदहोशी और खुमारी संजू की आंखों में साफ नजर आ रही थी,,, संजू का लंड चूत की अंदरूनी दीवारों पर रगड़ता हुआ अंदर बाहर हो रहा था,,, और यही रगड़ मोहिनी को पागल बना रही थी उसे आनंदित कर रही थी यही एहसास उसे स्वर्ग का सुख प्रदान कर रही थी जिसके लिए वह ललाईत थी,, संजू का हर एक धक्का मोहिनी के तन बदन में अत्यधिक उत्तेजना का संचार कर रहा था,,,,,संजू गहरी गहरी सांस लेता हुआ अपनी बहन को चोद रहा था मोहिनी पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी उसकी आंखें मदहोशी में बंद थी और वह मुंह से सांस लेते हुए अपने भाई से चुदवा रही थी,,,,,
ट्यूबलाइट की रोशनी में संजु को एकदम साफ नजर आ रहा था,, कि कैसे उसका मोटा तगड़ा लंड उसकी बहन की गुलाबी चुत में अंदर बाहर हो रहा है अपनी बहन की चूत में अपने लंड को अंदर बाहर होता हुआ देखकर संजू बोला,,,।
ओहहह मोहिनी तेरी चूत में देख कैसे मेरा लंड अंदर बाहर हो रहा है,,, अपनी आंख और मोहिनी और देख अपनी आंखों से अपनी चुदाई होते हुए,,,, तू कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि मैं तेरी चूत में अपना लंड डालकर तेरी चुदाई करूंगा,,,
(संजू की मदमस्त बातों को सुनकर मोहिनी अपनी आंखों को खोलती और अपने हाथ की कोहनी का सहारा लेकर अपनी गर्दन को थोड़ा उठाकर अपनी नजरों को अपनी दोनों टांगों के बीच टीका दी,,, और अपनी आंखों से अद्भुत नजारे को देखने लगी अपनी चूत में अंदर-बाहर होते हुए अपने भाई के लंड को देखकर वह पूरी तरह से मदहोश हो गई और मदहोशी भरे स्वर में बोली,,,)
ओहहह मेरे भाई तू तो पूरा बहन चोर हो गया है,,,,आहहहह मुझे यकीन नहीं हो रहा है कि मैं अपनी चूत में तेरे लंड को ले रही हूं,,,,आहहहहह आहहहहह जोर-जोर धक्के लगा,,,आहहहहह बहुत मजा आ रहा है भाई,,,,
सहहहहह आहहहहहहह,,,, सच में मोहीनी तेरी चूत मुझे बहुत अच्छी लगती है,,,,,आहहहहह बहुत प्यारी है तू,,,, तू भी बहुत प्यासी थी अच्छा हुआ तू मुझ से चुदवाने लगी वरना तू भी अपनी प्यास बुझाने के लिए बाहर कहीं मुंह मारती फिरती जैसा कि पापा,,,,
हां भाई ,,, मुझे तो अभी भी यकीन नहीं हो रहा है कि आप आ इस तरह की हरकत करते होंगे,,,
अरे मोहिनी,,,(जोर से धक्का लगाते हुए) तू नहीं जानती,,, मर्दों की फितरत यही होती है घर में इतनी खूबसूरत औरत होने के बावजूद भी पापा दूसरी औरतों के साथ गुलछर्रे उड़ा रहे हैं,,,
हां भाई,,,आहहहह धीरे से दबा,,,(संजू द्वारा जोर से चूची दबाने पर) मां कितनी खूबसूरत है फिर भी पापा बाहर मजे ले रहे है,,,।
हां मैंने देख मैं इस बात को समझता हूं तभी तो बाहर किसी और की चुदाई करने से अच्छा है मैं तेरी चुदाई कर रहा हूं,,,अगर मैं यही काम बाहर करता तो पैसे देने पड़ते अगर गर्लफ्रेंड होती तो उसको गिफ्ट लाकर देना पड़ता अलग से खर्चा लेकिन तेरे साथ चुदाई करने में बिल्कुल भी खर्चा नहीं है बस हम दोनों का मजा ही मजा है,,,।
हां भाई यह बात तो तू सही कह रहा है लेकिन मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि हम दोनों का मन किया तो हम दोनों यह कर रहे हैं अगर मम्मी का भी तो मन करता होगा,,, वह क्या करती होगी,,,।
अब पता नहीं मम्मी दूसरी औरतों की तरह नहीं है मम्मी बहुत सीधी-सादी है इसलिए दूसरे मर्दों के बारे में सोचती नहीं होंगी लेकिन इतना तो मुझे पूरा यकीन है कि मम्मी का मन करता होगा तो वह अपनी उंगली से काम चला लेती होंगी,,,
उंगली से,,,(मोहिनी आश्चर्य से बोली,,,,चुदाई करते हुए अपनी मां का जिक्र आते ही संजू का जोश कुछ ज्यादा ही बढ़ गया था वह अपनी बहन की चूत में जोर जोर से धक्के लगा रहा था और अपनी बहन को चोदते हुए बोला)
हारे,, उंगली से मम्मी अपनी गर्मी निकालने के लिए अपनी उंगली को अपनी चूत में डालकर हिलाती होगी,,,
यह क्या कह रहा है भाई,,,
हां मोहिनी,,(मोहिनी की चूची को दबाते हुए) सभी औरतें ऐसा ही करती हैं,,,
अगर कहीं मम्मी बाहर किसी और से संबंध बना ली तो,,,
नहीं नहीं नहीं नहीं ऐसा नहीं हो सकता,,,
क्यों नहीं हो सकता भाई,,देख हम दोनों कभी सोचे थे कि इस तरह के संबंध हम दोनों के बीच बनेंगे लेकिन आज देख सब कुछ बदल गया है जरूरत के मुताबिक हम दोनों एक दूसरे का साथ दे रहे हैं,,,,
(अपनी बहन की बात सुनकर संजू का दिमाग घूम रहा था संजू के लिए यही मौका था जब अपने मन की बात हुआ है मोहिनी के सामने रखना चाहता था और वह भी एकदम अनजान बनता हुआ इसलिए वह जोश में भर कर अपनी बहन की चूत में जोर जोर से धक्के लगाते हुए बोला,,,)
मैं सोच रहा था मोहिनी कि जैसे कि मैं तो मेरी बहन है फिर भी मैं तेरी चुदाई कर रहा हूं तुझे भी जरूरत थी और मम्मी को भी जरूरत होगी अगर मैं मम्मी के साथ भी यही करु तो,,,
नहीं नहीं ऐसा नहीं हो सकता,,,
क्यों नहीं हो सकता हम दोनों के बीच तो हो गया ना,,,
नहीं संजू सोच कर हीं कितना गंदा लगता है,,,
हम दोनों के बीच में कुछ सोचकर गंदा ही लगता था ना लेकिन करने में कितना मजा आ रहा है,,,
मम्मी नहीं मानेगी,,,
अगर मम्मी की चूत में भी खुजली मचेगी तो जरुर मानेगी,,,
इसका मतलब है कि अब तु मम्मी को भी चोदेगा,,,
हां क्यों नहीं मम्मी को भी तो जरूरत पड़ती होगी पापा करो भैया तो तो देखे ही चुकी है बाहर मजा ले रहे हैं मम्मी की जरूरत कौन पूरी करेगा मुझे तो यह जिम्मेदारी लेना ही होगा,,, तुझे एतराज है क्या,,?
एतराज तो होना चाहिए लेकिन हम दोनों के बीच इस तरह का संबंध है एक न एक दिन मम्मी को पता चल ही जाएगा और हम दोनों के इस संबंध के बारे में मम्मी भी खामोश रहे इसलिए जरूरी है कि मम्मी के साथ भी तो संबंध बना ले तब हम तीनों मिलकर मजा लेंगे,,,
वाह मोहिनी तू तो एकदम चालाक हो गई रे,,, अपना राज भी राज बनाए रखना चाहती है,,,,
लेकिन यह सब होगा कैसे,,,?(मोहिनी अचरज भरे स्वर में बोली)
होगा जरूर होगा,,, लेकिन जब होगा तब देखा जाएगा अभी तो मैं अपने लंड को अपनी प्यारी बहन की चूत में डाल रहा हूं,,,,आहहहहह।
(दोनों पूरी तरह से मदहोश हो गए चुदाई के इस खेल में अपनी मां का जिक्र करते ही दोनों भाई बहन और ज्यादा उत्तेजना का अनुभव करने लगे थे,,, संजू अपनी बहन की चूत में धक्के पर धक्के लगा रहा था आप उसे और ज्यादा मजा आ रहा था और मोहिनी भी आनंद के सागर में गोते लगा रहे थे देखते ही देखते दोनों की सांसे बड़ी तेजी से चलने लगी और कुछ ही धकको में दोनों एक साथ झड़ने लगे,,,,)