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Incest मजबूरी या जरूरत

sunoanuj

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Jabardast update…
 

Kammy sidhu

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संजू अपनी मौसी की गर्दन पर अपनी होठ रखकर चुम्मा नो की बारिश कर रहा था साधना संजू की अद्भुत चुंबन ओं की रफ्तार को देखकर पूरी तरह से उत्तेजित व जा रही थी वह अपनी बाहों में संजू को और कस के दबाई हुई थी जिससे उसकी दोनों खरबूजे जैसी चूचियां सीधे तौर पर संजू की छातियों में रगड़ खा रही थी जिससे संजू की उत्तेजना भी बढ़ती जा रही थी संजू का लंड तुरंत खड़ा हो चुका है अभी अभी वह अपनी बहन की चुदाई करके आया था लेकिन फिर भी अपनी मौसी की गदराई जवानी की खुशबू पाकर वह पुणे उत्तेजित हो गया था और लंड में फिर से जान आना शुरू हो गई थी देखते ही देखते संजू का लंड पूरी तरह से अपनी औकात में आकर खड़ा हो गया था जो कि सीधे साड़ी के ऊपर से ही साधना की चुत पर दस्तक दे रहा था,,,,,।

ओहहह संजु तू तो मुझे पागल कर देगा,,,

और तुमने जो मुझे पागल कर दी हो उसका क्या,,,, दिन रात में तुम्हारी चूत के बारे में सोचता रहता हूं,,,, इस उम्र में भी तुम्हारी चूत का कसाव एकदम बरकरार है,,,,।


हाय राजू तु कितना अच्छा बोलता है तेरी बातें सुनकर ही चूत से पानी टपकने लगता है,,,, यह तो तेरा बड़प्पन है मेरी चूत तो पहले जैसी ही है बस तेरा लंड कुछ ज्यादा ही मोटा है,,, देखना शादी की पहली रात को अपनी बीवी के साथ आराम से पेश आना कहीं ऐसा ना हो कि पहली रात में ही अपनी बीवी की चूत फाड़ दे,,,,,,,


ओहहह मोसी,,,, तुम्हारी जैसी कर्म करने वाली औरत मिल जाएगी तो पहली रात में उसकी चूत फाड़ दूंगा,,,,


क्या मैं तुझे गर्म कर देती हूं,,,


बहुत ज्यादा मोसी अब तो तुम्हारी मौजूदगी में ही मेरा लंड खड़ा हो जाता है,,,,


हां तभी तो साड़ी फाड़ कर तेरा लंड मेरी चूत में घुसने की कोशिश कर रहा है,,,,

हाय मेरी मौसी तब यह पर्दा कैसा हटा दो सारे परदों को नंगी हो जाओ,,,,(संजू उसी तरह से अपनी मौसी की गर्दन को चुनते हुए और एक हाथ से उसकी चूची को ब्लाउज के ऊपर से ही दबाते हुए बोला,,,)

सहहहहह आहहहहह संजू तो देर किस बात की है चल कमरे में,,,,


कमरे में नहीं जा सकते मौसी,,,

क्यों,,,?


क्योंकि मोहिनी अभी अभी सोई है वह पढ़ रही थी उसकी नींद खुल गई तो गजब हो जाएगा,,,

तब तो मजा नहीं आएगा मैं तो तेरे से आज पूरी तरह से नंगी होकर चुदवाने की सोच कर ही आई थी,,,,

मैं भी यही सोच रहा था बहुत सी कि आज रात भर कमरे में तुम्हारी नंगी करके लूंगा,,,, लेकिन मोहिनी आज सोई ही नहीं,,,, लेकिन कोई बात नहीं मोसी तुम्हें इधर भी मैं बहुत मजा दूंगा,,,,, रुको मैं तुम्हारे ब्लाउज के बटन खोलता हूं,,,,
(इतना कहने के साथ ही संजू अपनी मौसी के ब्लाउज के बटन को खोलना शुरू कर दिया,,, साधना इस बात को अच्छी तरह से जानती थी कि कमरे में ना सही समझो कहीं भी उसे अद्भुत सुख देता है इस बात का एहसास उसने अपने घर पर सीढ़ियों पर ही संजू से चुदवा कर महसूस कर ली थी,,,। देखते ही देखते संजू बारी बारी से ब्लाउज के एक-एक बटन को खोलते हुए सारे बटन को खोल दिया था,,,, कमरे में से आ रही हल्की रोशनी में साधना का भजन एकदम साफ नजर आ रहा था ब्लाउज के अंदर वह लाल रंग की ब्रा पहनी हुई थी,,, समझो अपनी मौसी की भारी-भरकम छातियों को ब्रा में कैद देख कर बोला,,,)

मौसी तुम्हारी चूचियां किसी दिन ब्रा फाड़ कर बाहर आ जाएंगी,,,,

क्यों,,,?

देख नहीं रही हो कितनी बड़ी बड़ी है और तुम ब्रा इतनी छोटी सी पहनती हो,,,

छोटी ब्रा में मेरी चूचियां और ज्यादा आकर्षक लगती हैं,,,


हां मौसी यह बात तो है,,,, तभी तो तुम्हारी चूची को मुंह में लेकर पीने का मन करता है,,,


तो पीना रे मना किसने किया है,,,।
(इतना सुनते ही संजु साधना की ब्रा को पकड़कर ऊपर की तरफ कर दिया और उसकी खरबूजे जैसी चूचियां आजाद हो गई अपनी मौसी की बड़ी-बड़ी चुचियों को देखकर एक लंबी सांस लेते हुए संजू अपने दोनों हाथों में अपनी मौसी की दोनों खरबूजा को पकड़ लिया और उन्हें जोर जोर से दबाना शुरू कर दिया,,,, मानो कि जैसे उनका रस निचोड़ रहा हो,,, संजू का हाथ लगते ही साधना एकदम से गन गना गई,,,,,,,।)

सहहहह आहहहहह संजु,,,, मुंह में लेकर पी,,,,
(अपनी मौसी की आज्ञा का पालन करते हुए तुरंत अपनी मौसी की चूची को मुंह में लेकर पीना शुरू कर दिया,,,, दोनों वासना में पूरी तरह से लिप्त हो चुके थे,,,, एक तरफ मोहीनी अपने भाई से जमकर चुदवाने के बाद गहरी नींद में सो रही थी और वह भी पूरी निर्वस्त्र अवस्था में दूसरी तरफ आराधना सो रही थी उसे तो इस बात का एहसास तक नहीं था कि उसका जवान बेटा अपनी ही बहन की रोज चुदाई करता है और इस समय उसकी बड़ी बहन की जमकर चुदाई करने की तैयारी कर रहा है,,,,,,, रात के तकरीबन 2:00 बज रहे थे,,,, तभी बाहर से आ रही फुसफुस आहट की आवाज आराधना के कानों में पड़ी तो अचानक ही उसकी नींद खुल गई बगल में देखी तो उसकी बड़ी बहन बिस्तर पर नहीं थी और सोची बाथरूम गई होगी इसलिए गहरी नींद में होने के बावजूद भी वह उठ कर बैठ गई,,, लेकिन लगातार उसके कानों में फुसफुसाने की आवाज आ रही थी वह दीवार पर टांगी घड़ी की तरफ देखी थी 2:00 बज रहे थे,,,उसे थोड़ा अजीब लगा इसलिए वह धीरे से उठकर दरवाजे की तरफ जाकर देखना चाहती थी कि आखिरी आवाज किस तरह की आ रही थी और वो धीरे-धीरे दरवाजे की तरफ पहुंच गई दरवाजा खोलने की जरूरत नहीं देते और बाजा थोड़ा हल्का सा खुला हुआ था, और वह उसे थोड़े से खुले दरवाजे के बाहर देखने की कोशिश करने लगी तो हल्की हल्की रोशनी में धीरे-धीरे उसे सब कुछ साफ नजर आने लगा,,, लेकिन कुछ देर तक तो नींद में होने की वजह से उसे कुछ समझ में नहीं आया लेकिन थोड़ी ही देर में उसकी आंखों के सामने जिस तरह का नजारा दिखाई दे रहा था उसे देखकर तो उसके होश उड़ गए,,,, वह अपनी आंखों को मींजने लगी कि कहीं वह कोई सपना तो नहीं देख रही है लेकिन जो कुछ भी उसकी आंखें देख रही थी वह हकीकत थी,,,,उस नजारे को देखकर उसके पैरों तले जमीन खिसकने लगी उसे अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था आखिरकार इसमें उसका कोई दोष नहीं था कोई भी इस दृश्य को देखकर हक्का बक्का रह जाता खास करके जब उसे इस तरह की कोई उम्मीद ना,,, हो,,,,।

वह साफ तौर पर देख पा रही थी कि सामने जो दो शख्स खड़े थे एक उसकी बड़ी बहन थी और दूसरा उसका जवान बेटा था,,,,उसकी बड़ी बहन अस्त-व्यस्त कपड़ों में थी उसका ब्लाउज के बटन खुले हुए थे और ब्रा उपर की तरफ चढ़ाया हुआ था,,, और उसका जवान बेटा उसकी बड़ी-बड़ी चुचियों को मुंह में लेकर पी रहा था,,,मदहोशी और मादकता से भरा हुआ यह नजारा आराधना को होश में लाने के लिए काफी था उसकी आंखें फटी की फटी रह गई थी,,,, उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या देख रही है,,, अपनी आंखों से देख रही थी कि उसका जवान बेटा उसकी बड़ी बहन की चूचियों को दबा दबा कर पी रहा था,,, और उसके हैरानी का कारण यह था कि उसकी बहन मजे लेकर संजू को अपना दूध पिला रही थी,,,,,। इस अकल्पनीय दृश्य को देखकर आराधना पूरी तरह से गुस्से में आ गई थी,,,, वह इसी समय दरवाजा खोल कर उन दोनों के पास जाकर अपने बेटे को दो तमाचा लगाना चाहती थी और अपनी बड़ी बहन को खरी-खोटी सुनाना चाहती थी लेकिन ना जाने क्यों उसके पैर वही जम चुके थे,,,,आराधना ने अपने जीवन में इस तरह के तेरे से को कभी अपनी आंखों से देखी नहीं थी ना ही इस तरह से हकीकत में और ना ही मोबाइल में इसलिए यह सब उसके लिए एकदम अद्भुत और आश्चर्यचकित कर देने वाला था,,,,अपने बेटे को देख कर उसे यकीन नहीं हो रहा था कि यह उसका वही बेटा है जिस पर उसे बेहद नाज हुआ करता था,,,, क्योंकि आराधना कभी सोची नहीं थी कि उसका बेटा इस कदर गिरी हुई हरकत करेगा और वह भी अपनी मौसी की नंगी चूचियों को मुंह में लेकर पिएगा और वह भी आधी रात को,,,, आराधना को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि आखिरकार यह सब हो कैसे गया,,, आराधना से यह दृश्य देखा नहीं जा रहा थाउसका बेटा पागलों की तरह उसकी बड़ी बहन की चूची को दबा दबा कर पी रहा था और उसकी बड़ी बहन एकदम आनंदित होकर अपनी आंखों को बंद करके संजू की इस हरकत का मजा ले रही थी,,,,।यह देखकर आराधना के पैर थरथर कहां पर आए थे उसे खड़ा होना मुश्किल हो जा रहा था और तुरंत हिम्मत जुटाकर अपने कदमों को पीछे ले ली और बिस्तर पर आकर माथे पर हाथ रख कर बैठ गई,,,, और सोचने लगी कि यह सब क्या हो रहा है तभी उसे इस बात का एहसास हुआ कि उसका बेटा जवान हो गया है उसे वह खुद उसके पति से बचाते हुए नग्न अवस्था में दो-तीन बार देख चुका है उसके संपूर्ण नंगे बदन को देख कर उसके बेटे में औरत के नंगे पानी के आकर्षण की चमक आराधना देख चुकी थी,,,, और उसे बरसात वाली शाम की बात याद आ गई जब बरसात में दोनों पूरी तरह से भीगकर घर पर पहुंचे थे और दोनों घर पर पहुंचते ही संजू उत्तेजित होता होगा उसे अपनी बाहों में भर लिया था उसके अंगों से खेलना शुरू कर दिया था वह तो अच्छा हुआ था कि उसी समय मोहिनी आ गई थी और दोनों के बीच की मर्यादा की डोरी टूटते टूटते रह गई थी और फिर रात के समय संजु ने फिर से वही हरकत दोहराने की कोशिश की थी,,, लेकिन ऐन मौके पर आराधना अपने आप को संभाल ली थी उसे बातों को याद करके आ रहा था ना समझ चुकी थी कि उसका बेटा अब मासुम तो बिल्कुल भी नहीं था ,,,, पिछले दिनों की कुछ बातों को याद करके आराधना को समझते देर नहीं लगी थी कि उसका बेटा औरतों की संगत का मजा लेना चाहता है,,,, वह पूरी तरह से जवान हो गया था,,,, लेकिन आराधना को यह समझ में नहीं आ रहा था कि उसके बेटे और उसकी बड़ी बहन के बीच यह रिश्ता कब और कैसे स्थापित हो गया इसी को समझने की कोशिश कर रही है लेकिन उसका दिमाग काम नहीं कर रहा था कुछ देर तक बिस्तर पर बैठे रहने के बाद उसे बिल्कुल भी चैन महसूस नहीं हो रहा था वह एकदम हैरान परेशान थी,,,,वह फिर से बिस्तर पर से खड़ी हुई और धीरे से आकर दरवाजे की ओट में खड़ी हो गई और बाहर के दृश्य को देखने लगी,,,, जो कि संजू अभी भी साधना की बड़ी-बड़ी चुचियों को बारी-बारी से मुंह में लेकर पी रहा था और उसकी बड़ी बहन मजे लेकर उससे यह काम और ज्यादा उकसा उकसा कर करवा रही थी,,,,।


आहहहहह संजू जोर जोर से दबा दबा कर पी,,,आहहहह रे बहुत मजा आ रहा है ऐसे ही संजू,, आहहहहह,,,,,

(अपनी बड़ी बहन की जोश भरी बातों को सुनकर आराधना एकदम से हैरान हो गई उसे अपने कानों पर विश्वास नहीं हो रहा था उसकी बहन एकदम मजे ले रही थी और उसकी बात को मानते हुए संजू और भी ज्यादा जोर जोर से उसकी चूचियों को दबा रहा था और उसे मुंह में लेकर पी रहा था,,,, आराधना को समझ में नहीं आ रहा था कि वह इस दृश्य को देख या चली जाएं,,, दोनों के बीच की उम्र की सीमा का कोई मिलाप नहीं थाएक तरह से संजू उसके बेटे की उम्र का था लेकिन दोनों चीस जोशो खरोश के साथ एक दूसरे के बदन से आनंद ले रहे थे उसे देखकर आराधना पूरी तरह से हैरान थी,,,,)

ओहहहह मौसी तुम्हारी चुचियों में बहुत रस भरा हुआ है,,,, एकदम खरबूजा जैसी गोल-गोल है,,,,आहहहहह जब तक तुम्हारी चूची मुंह में लेकर पीता नहीं हूं तब तक मजा नहीं आता,,,।
(आराधना अपने बेटे की अश्लील बातें सुनकर एकदम हैरान थी और वह भी अपनी मौसी के लिए लेकिन जिस तरह की वह बातें कर रहा था उसे सुनकर आराधना को हैरानी हो रही थी और वह भी इस बात से की उसकी बातों से लग रहा था कि दोनों के बीच का संबंध काफी समय से चल रहा है,,,आराधना को अपनी बेटी की हरकत देखने में बहुत ही गंदा लग रहा था क्योंकि उसे अपने बेटे से इस तरह की उम्मीद बिल्कुल भी नहीं थी लेकिन फिर भी आराधना अपनी नजरों को हटा नहीं रही थी,,,, संजू की बात का जवाब देते हुए साधना बोली,,,)

ओहहहह मेरे संजु तेरे लिए ही तो है मेरी चूचियांकसम से मेरे राजा तेरे मौसा जी के बाद से इस चुचियों पर सिर्फ तेरा ही हाथ लगाए और सच कहूं तो तेरे मौसा से ज्यादा मजा तु दे रहा है,,,,।

(अपनी बड़ी बहन और अपने जवान बेटे की अश्लील बातें सुनकर आराधना की दोनों टांगों के बीच हलचल सी होने लगी थी अपनी बड़ी बहन का चरित्र उसे समझ में नहीं आ रहा था घर परिवार वाली होने के बावजूद भी अपनी वासना की आग बुझाने के लिए वह अपने ही भतीजे का उपयोग कर रही थी,,,और उसे इस बात का भी डर नहीं था कि अगर उसका राज खुल गया तो क्या होगा,,,,, दरवाजे की ओट में आराधना अपने आप को छुपाए हुए थी,,,धीरे-धीरे वह अपने बेटे और अपनी बड़ी बहन के बीच के इस राज को समझने की कोशिश कर रही थी रात के 2:15 बज रहे थे और ऐसे में उसकी बड़ी बहन और उसका जवान बेटा एक दूसरे के अंगों से खेल रहे थे आराधना इस बात को समझ चुकी थी कि कमरे से बाहर मिलने का पहले से ही दोनों ही तय कर लिया था वरना इस समय तो गहरी नींद में उसका बेटा सो रहा था शायद एक औरत से सुख प्राप्त करने की व्याकुलता उसे जगा रही थी,,,,,, आराधना की चमक धीरे-धीरे उस मादक दृश्य को देखकर बढ़ती जा रही थी,,,, क्योंकि उसका जवान बेटा उसकी चूचियों को बिना पकड़े अपने मुंह में बारी-बारी से लेकर पी रहा था और अपने दोनों हाथों को पीछे की तरफ लाकर उसकी बड़ी बड़ी गांड को पकड़कर दबाना शुरू कर दिया,,, था,,, शायद साड़ी के ऊपर से ही वह साधना के नंगे पन को टटोल रहा था,,,,,,)



तुम्हारी गांड बहुत बड़ी-बड़ी है मौसी बहुत ही आकर्षक लगती है,,, जब चलती हो ना तो ऐसी मटकती है कि देखकर ही लंड खड़ा हो जाता है,,,,।

मैं तेरे लिए ही अपनी गांड मटका मटका कर चलती हूं ताकि तेरा खड़ा कर सकूं और तो फिर अपने खड़े लंड को मेरी चूत में डाल सकें,,,,

(आराधना तो हैरान थी दोनों की बातों को सुनकर आराधना को अपने कानों से सुनने के बावजूद भी विश्वास नहीं हो रहा था कि उसकी बड़ी बहन और उसका जवान बेटा इस तरह की गंदी बातें एक दूसरे से बिना शर्माए कर रहे हैं,,,आराधना जो कि अपनी बहन को बहुत अच्छी औरत समझती थी आज उसकी आंखों के सामने उसका सच नजर आ रहा था,,, वह अपनी आंखों से देख पा रही थी कि उसकी बड़ी बहन अपने बदन की प्यास बुझाने के लिए अपने ही भतीजे का सहारा ले रही है,,,,देखते ही देखते आराधना की आंखों के सामने उसका जवान बेटा उसकी बड़ी बहन की साड़ी को ऊपर की तरफ उठाने लगा और अगले ही पल वह साड़ी को उठाकर साधना की कमर तक कर दिया जिससे कमर से नीचे वह पूरी तरह से नंगी हो गई बस एक छोटी सी पेंटी उसके अनमोल खजाने को छुपाए हुए थी जिसे खुद वह संजू के हांथो लुटाने को तैयार थी,,, संजू और साधना को इस बात का अहसास तक नहीं था कि दरवाजे के पीछे खड़ी होकर आराधना यह सब दृश्य अपनी आंखों से देख रही है,,,,, देखते ही देखते संजुसाधना की पेंटिंग में अपना हाथ डालते हुए उसकी चूत को टटोलने लगा जो की चूत पूरी तरह से मदन से गीली हो चुकी थी,,, पेंटी भीग चुकी थी संजू अपनी मौसी की चूत की गर्माहट को अपनी हथेली पर महसूस कर रहा था और अपनी हथेली को उसकी फूली हुई चूत पर रगड़ रहा था,,, आराधना की सांसे ऊपर नीचे हो रही थी इस दृश्य को देखते देखते वह गर्म होने लगी,,,, लाख चाहने के बाद भी वह अपनी नजरों को उस दृश्य से हटा नहीं पा रही थी,,,,, साधना की चूत पर अपनी हथेली को जोर-जोर से रगडते हुए संजू बोला,,,।)

हाय मौसी तुम तो एकदम गीली हो गई हो,,, और तुम्हारी चूत कितनी गर्म हो गई है,,,
(अपनी बेटे के मुंह से चूत और उसका गीलापन की बात सुनकर आराधना को इस बात का एहसास हुआ कि उसकी खुद की चड्डी गीली हो रही थी उस समझ में नहीं आ रहा था कि ऐसा क्यों हो रहा है जबकि वह इस दृश्य को मजे लेकर नहीं देख रही थी फिर ऐसा क्यों हो गया उसे समझ में नहीं आ रहा था शायद आराधना,,, जिंदगी की इस दौड़ में भूल चुकी थी कि वह भी एक औरत है जिसके कुछ अरमान है जरूरत है भले ही उसका दिमाग ने जिंदगी की जरूरतों को देखते हुए आराधना को उलझाए रखा लेकिन अपनी आंखों के सामने मादकता भरे दृश्य को देखकर उसके बदन की जरूरत मैं एक बार फिर से आराधना को उसके औरत होने का एहसास दिलाया था,,, और इसी एहसास के चलते उसकी खुद की चूत पानी छोड़ रही थी जिसकी वजह से उसकी चड्डी गीली हो रही थी इस अहसास से वह अजीब सी उलझन मैं पड़ गई थी उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था अपने बदन में हो रही गतिविधि को देख कर उसे अपने आप पर गुस्सा आ रहा था कि जो दृश्य वह सामने देख रही अपनी आंखों से अपनी बहन और अपने जवान बेटे के बीच नाजायज संबंध के चलते उसे गुस्सा आना चाहिए था उसी तृषा को देखकर वह खुद उत्तेजित वह जा रही है अपने बदन में उत्तेजना का अनुभव कर रही है,,,,, आराधना के बस में अब कुछ भी नहीं था वह लगातार अपनी आंखों को दरवाजे की ओर से बाहर कमरे में गडाए हुई थी,,, जहां पर पल पल मदहोशी बढ़ती जा रही थी,,, तभी आराधना के कानों ने कुछ ऐसा सुना जिसकी उसने कभी कल्पना नहीं की थी और उस शब्द को सुनकर उसके होश उड़ गए,,,,)

आहहहहह संजू तेरी हरकतों की वजह से मेरी चूत गीली हुई है और गर्म हो गई है जिसे ठंडा करना अब बस तेरे हाथ में है,,,, बस इसमें जीभ डाल कर चाट ले और ठंडी कर दे मेरी चूत को,,, संजू मेरे राजा,,,,,आहहहहहह ,,,,।
(संजू जोकि अभी भी अपनी मौसी की चूची को मन लगाकर पी रहा था और अपनी हथेली से उसकी चूत रगड़ रहा था अपनी मौसी की बात सुनते ही तुरंत वह अपने घुटनों के बल बैठ गया और अपनी बेटी को घुटनों के बल बैठ ते देखते ही आराधना की सांसे तेजी से चलने लगी क्योंकि पल भर में उसे अंदाजा हो गया था कि अब क्या होने वाला है और उसके सोचने के मुताबिक है संजू बिना कुछ बोले,,, अपने घुटनों के बल बैठ गया,,,,साधना की सांसे इतनी तेजी से चल रही थी उतनी ही अधिक तेजी से आराधना की भी सांसे ऊपर नीचे हो रही थी वह अकेलेपन के इंतजार में थी कि उसका बेटा क्या करने वाला है,,, उसे साफ साफ दिखाई दे रहा था कि उसका बेटा अपनी दोनों हथेलियों को साधना की बड़ी बड़ी गांड पर रखकर उसे जोर से दबाते हुए अपने प्यासे होठों को उसकी चूत पर रख दिया,,,, यह दृश्य देखते ही आराधना के तन बदन में आग लग गई,,,, उसे कुछ समझ में नहीं आया कि यह क्या हो रहा है,,,, अपनी उखडती सांसो को दुरुस्त करके वह फिर से उसे दृश्य मैं अपना दिलो दिमाग लगा दी संजू पागलों की तरह जीभ निकाल निकाल कर साधना की चूत को चाट रहा था उसमें लब लबाकर मदन रस नीचे टपक रहा था जिसे संजू अपनी जीभ का सहारा देकर अपने गले के नीचे गटक रहा था वह अपनी मौसी की चूत से निकला एक बूंद भी नीचे जमीन पर गिरने नहीं देना चाहता था,,,, साधना पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थी वह अपनी आंखों को बंद करके संजू के बाल को पकड़कर जोर से अपनी चूत पर दवाई हुई थी,,,, एक पल के लिए तो साधना की साड़ी कमर से नीचे गिर गई और संजू पूरी तरह से उसकी साड़ी के अंदर समा गया यह नजारा बेहद कामुकता से भरा हुआ थाऐसा लग रहा था कि साधना चोरी-छिपे एक जवान लड़के को अपनी साड़ी में घुसा कर अपनी चूत का स्वाद चखा रही है,,,,

आराधना के कानों में साधना की हल्की हल्की गर्म सिसकारी की आवाज सुनाई दे रही थी जो कि बयां कर रही थी कि उसे कितना मजा आ रहा है आज तक आराधना में इस तरह का आनंद नहीं ली थी इसलिए यह दृश्य को देखने में उसके तन बदन में अजीब सी खलबली मची हुई थी,,,,,अपनी आंखों से अपने बेटे की हरकत देखने पर भी उसे विश्वास नहीं हो रहा था जिसे वह अभी भी मासूम समझती थी वह पूरा मर्द हो चुका था और अपनी मर्दानगी से एक औरत की प्यास बुझाने में लगा था,,,,।


सहहहह आहहहहहहहहह,,,, संजू मेरे लाल पूरी जीभ डालकर चाट,,,,आहहहहहह कमरे में चलते तो और मजा आ जाता मैं पूरी नंगी होकर तुझे मजा देती,,,,, उस दिन की तरह,,,,,,।

(अपनी बड़ी बहन की यह बात सुनते ही आराधना में अंदाजा लगा ले कि उसकी बहन उस दिन वाली बात कर रही है जब उसके घर आई थी उसी रात को वह संजू के कमरे में सोई थी और उसी दिन सब कुछ हुआ था,,, आराधना का दिमाग चकरा रहा था,,,,उसे समझ में नहीं आ रहा था कि पहले पहल किसने किया होगा उसके बेटे ने या उसकी बड़ी बहन ने,,,,, यह सब ख्याल दिमाग में आते ही वह किसी ख्यालों में खोने लगती तो वह कुछ देर के लिए अपने ख्यालों को एक तरफ करके वापस अपना सारा ध्यान उन दोनों पर केंद्रित कर दे रही थी,,,, अब आराधना को साफ नजर आ रहा था कि उसकी बड़ी बहन अपनी चूत को गोल-गोल घुमाते उसके बेटे के चेहरे पर रगड़ गई थी और उसका बेटा उसकी नंगी गांड को जोर जोर से दबा रहा था,,,,आराधना को अपनी बड़ी बहन के चेहरे को देख कर ही पता लग रहा था कि वह आनंद के सागर में डूब रही है,,,,आराधना को समझ में नहीं आ रहा था कि उसका बेटा उसकी बड़ी बहन को इतना ज्यादा मजा दे रहा है कि साधना सब कुछ भूल चुकी है,,,, कुछ देर तक यह नजारा इसी तरह से चलता रहा,,,,, साधना संजू के बाल को पकड़कर उसके चेहरे को अपनी चूत से दूर करते हुए बोली)

हाय बस कर मेरे राजा दो बार तूने मेरा पानी निकाल दिया है,,,(अपनी बड़ी बहन की बात सुनकर आराधना को यह पता चला कि संजू ने अपनी हरकत से ही 2 बार उसकी बड़ी बहन को झाड़ चुका था यह आराधना के लिए सोचने वाली बात थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि चूत में बिना लंड डाले उसके बेटे ने उसकी बड़ी बहन का दो बार पानी कैसे निकाल दिया,,,, अगर कोई उसे किसी और से मैं यह बात कहता तो शायद उसे विश्वास नहीं होता लेकिन इस समय जो दृश्य अपनी आंखों से देख रही थी और अपनी बहन की बात को सुन रही थी उसे सुनकर आराधना के पास विश्वास करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं था,,,) अब मेरी चूत की खुजली तू अपने लंड से मिटाएगा,,,,,आहहहह बहुत दिन हो गए हैं तेरे लंड को अपनी चूत में लिए,,,,,,।

चूत में लेने से पहले मौसी एक बार अपने मुंह में लेकर इसी और ज्यादा गर्म कर दो,,,(संजू खड़े होते हुए बोला और इसी के साथ ही वह अपनी पेंट उतारने लगा देखते ही देखते संजू अंडरवियर सहित अपने पेंट को अपने घुटनों तक खींच दिया था,,,, उसका मोटा तगड़ा लंड हवा में लहराने लगा,,,, यह अद्भुत अविस्मरणीय अकल्पनीय नजारा आराधना के लिए पहली बार था वह पहली बार अपने बेटे के लंड को अपनी आंखों से देख रही थी जो की हवा में लहरा रहा था,,, आराधना की तो आंखें खुली की खुली रह गई उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह हकीकत में देख रही है या कोई सपना है,,,, तुरंत ही आराधना अपने बेटे के लैंड की तुलना अपने पति से करने लगी जिसके आगे उसके पति का लंड कुछ भी नहीं था,,,, उत्तेजना और आश्चर्य के मारे आराधना का गला सूखने लगा वह अपने थुक से अपने गले को गिला करते हुए,,अपने बेटे के लंड को देख रही थी जो कि उसका बेटा अपने हाथ में लेकर उसे ऊपर नीचे करके खिला रहा था और हिलाते समय तो उसका लंड और भी ज्यादा हाहाकार मचा रहा था,,,, साधना संजू कै लंड को दो-तीन बार अपनी चूत में ले चुकी थीइसलिए बिना आश्चर्य के अपना हाथ आगे बढ़ाकर संजू के लंड को पकड़ ली और उसे मुठीयाते हुए बोली,,,,।


हाय मेरे राजा तेरे लंड को देख लेती हूं तो फिर से जवान हो जाती हूं,,,,


तुम अभी भी पूरी तरह से जवान हो मौसी तुम्हारी चूत एकदम टाइट है लगता ही नहीं कि मैं दो दो बच्चों की मां को चोद रहा हूं,,,,(ऐसा कहते हुए संजू अपना दोनों हाथ साधना के कंधों पर रखकर उसे नीचे की तरफ दबा रहा था बैठने के लिए और साधना भी संजू के इशारे को अच्छी तरह से समझ रही थी,,, वह भी तुरंत घुटनों के बल बैठ गई यह देखकर आराधना का दिल जोरो से धड़कने लगा उसका बेटा एकदम खुलकर गंदी बात कर रहा था उसकी चूत के बारे में बातें कर रहा था उसकी चूत की तारीफ कर रहा था आराधना को समझ में नहीं आ रहा था कि उसके जवान बेटे को,, 2 2 जवान बच्चों की मां की चूत एकदम टाइट लग रही थी,,,,लेकिन अगले ही पल उसे समझते देर नहीं लगी कि उसके बेटे का लंड कुछ ज्यादा ही मोटा है शायद इसीलिए साधना की चूत उसे टाइट लग रही है,,,फिर ना चाहते हुए भी अच्छा ना कि उसके मन में ख्याल आया कि जब साधना की चूत से भी टाइट लग रही है तो अगर वह मेरी चूत में डालेगा तो क्या होगा,,,, ऐसा मन में सोचते ही आराधना का दिल धक से करके रह गया,,,, वह अपने होंठों पर हाथ रखकर मानो कि जैसे अपने आप को ही चुप रहने का संकेत दे रही हो,,,,यह ख्याल उसके मन में अनजाने में ही आया था लेकिन इस ख्याल से उसके तन बदन में अद्भुत उत्तेजना का संचार हुआ था उसकी चूत से मदन रस की बूंद टपकने लगी थी,,,। एक गहरी सांस लेकर फिर से उस धीरे से पर ध्यान केंद्रित कर दी,,,।

साधना बेझिझक संजू के लंड को अपने गले तक लेकर चूस रही थी यह देखकर आराधना की हालत खराब होती जा रही थी क्योंकि आराधना ने आज तक इस तरह की हरकत अपने मन से कभी नहीं की थी उसके पति ने जबरदस्ती ही यह काम कभी कभार कराया था,,,,,, साधना बड़ी मस्ती के साथ संजू की लंड को चूस रही थी संजू पूरी तरह से मस्त होकर साधना के रेशमी बालों में उंगली डालकर उसके सर को सहलाते हुए अपनी कमर हिला रहा था,,,, आराधना के लिए यह दृश्य को देखना बेहद गंदा और संस्कार के खिलाफ था लेकिन इस दृश्य में ना जाने कैसा आकर्षण था कि वह अपने आप को उस दृश्य को देखने से रोक भी नहीं पा रही थी,,,आराधना अपने बेटे को देख रही थी उसके चेहरे को देख रही थी उसके बेटे के चेहरे पर संतुष्टि के भाव नजर आ रहे थे उसके मन में बिल्कुल भी गिलानी नहीं थी कि जिस औरत के मुंह में वह अपना लंड डाला है वह उसकी मौसी है उसकी मां की बड़ी बहन,,,,आराधना अपने मम्मी सोचने लगी थी क्या वासना की आग बुझाने में रिश्तो के कोई मायने नहीं होते,,,फिर अपने इसी सवाल का अपने आप ही जवाब देते हुए बोली नहीं होते शायद अगर ऐसा होता तो शायद जिस तरह का दृश्य अपनी आंखों से देख रही है ऐसा कभी नहीं होता,,,,।

ओहहह मौसी पूरा अंदर तक लो अभी तुम्हारी चूत में दंगल मचाएगा,,,,आहहहहहह बहुत मजा आ रहा है मौसी एकदम चूत की तरह मजा दे रही हो,,,,आहहरहह आहहहहहह मौसी एकदम गजब,,,,।
(आराधना अपने बेटे की बात को सुनकर मदहोश में जा रही थी अपने आप ही उसकी हथेली साड़ी के ऊपर से ही चूत के ऊपर आ गई थी जिसे वह हल्के हल्के अपनी हथेली का दबाव दे रही थी,,,, कुछ देर तक यह दृश्य इसी तरह से चलता रहा पीछे मुड़कर दीवाल की तरफ आराधना देखी तो घड़ी में 3:00 बज रहे थे,,,, समय इतनी जल्दी-जल्दी बीत रहा था पता ही नहीं चल रहा था,,,,

थोड़ी देर बाद दोनों खड़े हो गए,,,


अब यहां पर कैसे लेगा संजु,,,,

(आराधना अपनी बहन की यह बात सुनकर हक्की बक्की रह गई क्योंकि वह अपनी बहन की बात के मतलब को अच्छी तरह से समझ रही थी,,,,,)

दीवार के सहारे खड़ी हो जाओ मासी अपनी गांड बाहर निकाल कर पीछे से लूंगा मैं तुम्हारी,,,।

(दोनों की वार्तालाप इतनी गरमा गरम थी की आराधना ना चाहते हुए भी,,, मदहोशी के आलम में अपनी साड़ी को धीरे धीरे करके कमर तक उठा दिया और पैंटी के ऊपर से अपनी चूत पर अपनी हथेली रख दी,,,आराधना को साफ महसूस हो रहा था कि उत्तेजना की मारी उसकी चूत कचोरी की तरह फुल चुकी थी,,,,और आराधना की आंखों के सामने ही उसकी बहन संजू के कहे अनुसार दीवाल का सहारा लेकर खड़ी हो गई थी और अपनी गांड को बाहर की तरफ निकाली हुई थी उसकी साड़ी कमर तक चढ़ी हुई थी उसकी बड़ी बड़ी गांड आराधना को एकदम साफ नजर आ रही थी संजू अपनी मौसी की बड़ी बड़ी गांड देखकर एकदम मदहोश होता हुआ उस पर जोर से दो चपत लगा दिया गांड पर पड़ी चपत की आवाज इतनी जोर से थी कि साधना बोली,,,)

पागल हो गया है क्या रे आवाज सुनकर किसी की नींद खुल गई तो गजब हो जाएगा,,,

सॉरी मौसी तुम्हारी गांड है इतनी लाजवाब कि रहा नहीं गया,,,,।

चल अब शुरू हो जा मुझसे रहा नहीं जा रहा है,,,,।


(संजू बिल्कुल भी देर किए बिना ही अपने लंड को पकड़ कर एक कदम आगे बढ़ा और अपनी मौसी की गांड को पकड़कर थोड़ा सा ऊपर अपने हिसाब से कर लिया और उसके गुलाबी छेद में अपना लंड डालने लगा,,, साधना की चूत पहले से ही पानी पानी हो गई थी इसलिए बड़े आराम से लंड का सुपाड़ा प्रवेश कर गया यह देखकर आराधना भी हैरान थी वह समझ गई कि दोनों के बीच का ही बार चुदाई हो चुकी है,,,संजू का लंड साधना की चूत में गया और आराधना मदहोश होकर अपनी पेंटी में अपना हाथ डाल दी उसकी चूत भी पूरी तरह से गीली हो चुकी थी,,,, संजू अपने लंड को धीरे-धीरे पूरा का पूरा डाल कर,,, अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया,,, आराधना जिंदगी में पहली बार चुदाई देख रही थी और वह भी अपनी बड़ी बहन की जिसे उसका ही जवान बेटा चोद रहा था संजू की कमर हिलते हुए देखकर आराधना पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी,,,वह कभी सोची भी नहीं थी कि उसका बेटा भी किसी औरत की चुदाई करेगा और मर्दों की तरह अपनी कमर आगे पीछे करके चुदाई करते हुए मजा लेगा,,, इसलिए यह दृश्य आराधना के लिए बेहद कामोतेजना से भरा हुआ था,,,,,।


सहहहहह आहहहहहह आहहहहह संजू मेरे बेटे जोर जोर से धक्का लगा,,, बहुत मजा आ रहा है रे,,,, तेरा लंड एकदम मुसल की तरह है,,,,आहहहहह।

तुम्हारी चूत भी एकदम मक्खन मलाई की तरह है मौसी,,, एकदम शट-शट जा रहा है,,, हाय तुम्हारी चूचियां,,,,(इतना कहने के साथ ही अपने दोनों हाथों को आगे की तरफ बढ़ाकर उसकी दोनों चूचियों को पकड़ते हुए,,) बहुत लाजवाब है मौसी इन्हें दबाने में पकड़ने में इतना मजा आता कि पूछो मत,,,,(ऐसा कहते हुए संतोष जोर-जोर से अपनी कमर आगे पीछे हिला रहा था आराधना तो यह देखकर पूरी तरह से बेताब हुए जा रही थी,,,उसकी उंगली कब उसकी चूत में प्रवेश करके उसे पता ही नहीं चला और वह अपनी उंगली को अंदर बाहर करने लगी,,,, अद्भुत नजारा बना हुआ था कमरे के बाहर और कमरे के अंदर कमरे के बाहर भतीजा और मौसी चुदाई में लगे हुए थे और अंदर कमरे में दरवाजे की ओट में छिप कर आराधना उत्तेजना से भरे दृश्य को देखकर अपनी चूत में उंगली अंदर बाहर कर रही थी,,,, आराधना को अपनी बहन की गर्म सिसकारियों की आवाज एकदम साफ सुनाई दे रही थी,,, उस गरमा-गरम सिसकारियों की आवाज सुनकर आराधना का मन मचल रहा था,,,, अपनी चूत में उंगली करते हुए आराधना का भी मन गरम सिसकारियां निकालने को कर रहा था क्योंकि उसे भी बहुत मजा आ रहा था,,,

सामने का दृश्य और भी ज्यादा गरमा गरम हुआ जा रहा था उन दोनों की गरमा गरम बातें और दोनों की हरकतें एकदम जानलेवा लग रही थी आराधना के दिलों दिमाग पर यह दृश्य पूरी तरह से अपनी छाप छोड़ रहा था अपने भतीजे का साथ देते हुए साधना भी अपनी बड़ी बड़ी गांड को पीछे की तरफ ठेल रही थी,,,चुदाई का अद्भुत दृश्य आराधना अपनी आंखों से देख रही थी उसे जब देखने में इतना मजा आ रहा था तो साधना को कितना मजा आ रहा होगा यही सोचकर वह हैरान थी,,,,, एक बार फिर से घड़ी की तरफ देखी तो 3:30 बज रहे थे ,,,, आराधना हैरान थी इस बात से की साधना की चुदाई करते आधा घंटे का समय बीत चुका था लेकिन उसके बेटे का पानी अभी तक नहीं निकला था जबकि वह अपना अनुभव देख रही थी महसूस कर रही थी उसके पति का जाते ही 2 मिनट में निकल जाता था,,,,आराधना को समझ में नहीं आ रहा था किसका बेटा आधा घंटा तक कैसे उसकी मौसी की चुदाई कर रहा है और तकरीबन डेढ़ 2 घंटा तो उसके जिस्म से खेलने में ही लग गया था,,,, इस बात का एहसास आराधना को और ज्यादा उत्तेजित कर रहा था और वह बड़ी तेजी से अपनी चूत में उंगली अंदर बाहर कर रही थी,,,।

चारों तरफ सन्नाटा छाया हुआ था सड़क पर किसी भी वाहन के आने-जाने की आवाज बिल्कुल भी सुनाई नहीं दे रही थी और ऐसे सन्नाटे भरी रात में केवल कमरे में साधना की हल्की हल्की गर्म सिसकारी की आवाज ही गुंज रही थी,,,,उत्तेजना और मदहोशी में अपनी ही उंगली से आराधना पानी छोड़ चुकी थी लेकिन अभी भी संजू बरकरार था आराधना को एकदम साफ नजर आ रहा था कि उसके बेटे का मोटा तगड़ा लंबा लंड उसकी बड़ी बहन की चूत में बड़े आराम से अंदर बाहर हो रहा था अपने बेटे के लंड को अंदर बाहर होता हुआ देखकर रह रह कर आराधना का भी ईमान डोलने लग रहा था,,,,

तकरीबन 10 मिनट बाद साधना की गरम सिसकारी की आवाज तेज हो गई,,,, ऐसा लग रहा था कि वह अपने चरम सुख के बेहद करीब पहुंच रही थी और यही हाल संजू का भी था,,,,


मैं झड़ने वाली हूं संजू,,,,आहहहहह मेरा होने वाला,,, है,,,आहहहहह,,,


चिंता मत करो मौसी मैं भी आने वाला हूं,,,(और इतना कहने के साथ ही वह कसके साधना की कमर को पकड़ लिया और तेज रफ्तार से धक्के पर धक्के लगाने लगा,,,,)

आहहहहह मैं तो गई आहहहहहहह संजू मैं तो गई,,,,,।
(संजीव को अपनी मौसी की चूत का कसाव अपने लंड पर बढ़ता हुआ महसूस हुआ वह समझ गया की मौसी का पानी निकल रहा है और वह भी तेज धक्के लगाते हुए झडने लगा,,, संजू अपनी मौसी की चूत में पानी निकालते हुए उसकी पीठ पर सर रखकर हांफने लगा था,,, अब आराधना के लिए वहां खड़ा रहना उचित नहीं था इसलिए वह तुरंत बिस्तर पर आ कर लेट गई और अपने कपड़े को व्यवस्थित कर ली थोड़ी देर बाद साधना भी कमरे में आई और उसके बगल में बिना कुछ आवाज कीए लेट गई,,,।
Wah bhai maja aa gaya too much romantic update bro and continue story
 

Sanju@

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शनिवार के दिन शाम को साधना अपनी छोटी बहन आराधना के घर पहुंच गई,,, वह रात को रुकने के इरादे से ही घर पर आई थी,,,,,, क्योंकि महीनों गुजर गए थे उसने अपनी चूत में संजू के लंड को नहीं ली थी,,, अपनी चूत में‌वह संजू के लंड का सांचा बना चुकी थी,,, जबसे साधना संजू से चुदवाई थी तब से समझो उसके दिलो-दिमाग पर पूरी तरह से छा चुका था इस उम्र में भी संजू ने उसकी जमकर चुदाई किया था,,,,संजु पुरी थाना से जवान था और साधना एक उम्रदराज औरत थी लेकिन फिर भी अपने बदन का कसाव बरकरार रखे हुए थी,,,दो दो जवान बच्चों की मां होने के बावजूद भी चुदवाते समय जिस तरह से उसने संजू का साथ दी थी वह काबिले तारीफ थी,,,।

शाम ढलने लगी थी ,,, अंधेरा धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था,,, साधना अपनी छोटी बहन आराधना के घर पहुंचकर दरवाजे पर दस्तक दी,,,, मोहिनी जोकि अपनी मां के साथ खाना बनाने की तैयारी कर रही थी वह उठकर जाकर दरवाजा खोलने लगी,,, दरवाजा खोलते ही अपनी मौसी को देखते ही वहां एकदम खुश होते हुए जोर से बोली,,,।

अरे मौसी आप,,,,
(इतना सुनते ही संजू जो कि अपने कमरे में किताबों के पन्नों को पलट रहा था उसका लंड ठुनकी मारने लगा,,, वह तुरंत अपने कमरे से बाहर आकर देखा तो सच में दरवाजे पर मौसी करी थी साधना और संजू दोनों की मुझे आपस में टकराई और इशारों ही इशारों में कुछ बातें होने लगी,,,, संजू तुरंत आगे बढ़कर अपनी मौसी का हाथ पकड़ लिया और उसे अंदर की तरफ खींचते हुए बोला,,,)

आओ ना मौसी बाहर क्यों खड़ी हो,,,(अपनी मौसी का हाथ पकड़ने में भी उसे अद्भुत सुख प्राप्त हो रहा था ऐसा लग रहा था कि वह अपनी मौसी का केवल हाथ ही नहीं बल्कि उसके बदन को अपनी बाहों में भर रहा हो,,,,,,)

अरे आ रही हूं कितना उतावला हो जाता है तो,,,,


क्या करूं मौसी तुम जब भी आती हो मैं कितना खुश हो जाता हूं पता है,,,,(संजू के कहने का मतलब कुछ और था जो कि साधना उसके कहने का मतलब तो अच्छी तरह से समझ रही थी और हल्के हल्के मुस्कुराती रही थी इतने में रसोईघर से आराधना भी बाहर निकल कर आ गई और अपनी बड़ी बहन को देखकर खुश हो गई,,,)

अरे दीदी आप,,,,,,

क्यों नहीं आ सकती क्या,,,?

नहीं-नहीं दीदी आप ही का घर है जब मन करे तब आओ,,,
(मोहिनी जल्दी से अंदर से कुर्सी लेकर आ गई थी जिस पर साधना बैठते हुए बोली,,,)

मोहिनी जल्दी से एक गिलास पानी लेकर आ,,,
(मोहिनी झट से पानी लेने के लिए रसोई घर में चली गई,, कभी अपने साथ में लाई हुई थी के अंदर हाथ डालकर कुछ टटोलते हुए बोली,,,)

आज क्या बना रही है आराधना,,,

कुछ नहीं दीदी अभी कुछ सोची नहीं हूं,,,

चलो अच्छा ही है,,(थेली में से पनीर निकालते हुए,) मैं अपने साथ पनीर लेकर आई हूं आज पनीर की सब्जी पूरी और खीर बना दे,,,, तेरे घर आने का सबसे अच्छा बहाना यही रहता है,,,,
( अपनी बहन के हाथ में से पनीर का पैकेट लेते हुए आराधना बोली,,,)

अरे इसकी क्या जरूरत थी दीदी तुम तो मुझे शर्मिंदा कर रही हो,,,


अरे शर्मिंदा कैसा,,, यह भी तो मेरा अपना ही घर है,,,


इसमें कोई दो राय नहीं है दीदी,,,,
(तब तक मोहिनी पानी का गिलास लेकर आ गई और साथ में कुछ बिस्किट भी साधना मोहिनी के हाथ से पानी का गिलास लेकर एक बिस्किट लेकर खाने लगी और संजू की तरफ देखी तो उसकी नजरों को अपनी भारी भरकम चुचीयों की तरफ पाकर मन ही मन मुस्कुराने लगी,,,,,)

और संजू कैसा चल रहा है,,,


कुछ खास नहीं,,,,


पढ़ाई ठीक तो चल रही है ना,,,


हां पढ़ाई एकदम ठीक चल रही है,,(इतना कहते हुए अपनी मां और बहन दोनों की नजर से बचकर वह अपना एक हाथ अपने पेंट के आगे वाले भाग पर ले जाकर अपने लंड को पकड़ कर ऊपर से ही दबा दिया यह वह साधना को दिखाने के लिए किया था,,, साधना संजू के इशारे को अच्छी तरह से समझ गई थी इसलिए वह,,, अपनी साड़ी का पल्लू लेकर उसे हवा देते हुए बोली,,,)

अरे बहुत गर्मी है रे,,, जल्दी से मेरी गर्मी मिटा दे संजू पंखा चालू कर दे,,,,।
(संजू अच्छी तरह से जानता था कि उसकी मौसी कौनसी गर्मी मिटाने की बात कर रही है वह समझ गया था कि आज भी उसकी मौसी उससे चुदवाने के लिए आई थी और वह अपनी मौसी की बात सुनकर तुरंत स्विच ऑन कर दिया और पंखा चालू हो गया,,,, दोनों की डबल मीनिंग वाली बात को ना तो मोहिनी समझ पा रही थी और ना ही आराधना इसलिए दोनों को सहज ही लग रहा था,,,,)

अच्छा दीदी में जल्दी से खाना बना देती हूं,,,, आज तो रुकोगी ना,,,

हारे तभी तो आई हूं आज शनिवार है और कल रविवार छुट्टी का दिन आखिरकार मुझे भी तो अपनी जिंदगी जीने का पूरा हक है,,,, वरना दिन भर घर का काम करते-करते तो जिंदगी गुजरते चली जा रही है,,,
(साधना की बात सुनकर आराधना अपने होठों पर नकली मुस्कान लाते हुए रसोई घर की तरफ जाने लगी और अपने मन में सोचने लगी कि उसकी दीदी जो कुछ भी कह रही थी एक दम सच कह रही थी,,,,,, आखिरकार हर एक इंसान को अपने लिए भी जीने का पूरा हक है,,, आराधना अपने आप को लेकर इस बात पर विचार विमर्श करने लगी कि आखिरकार वह कौन सी जिंदगी जी रही है अपने लिए तो वह जी ही नहीं रही है,,,। इतना सोचते हुए वह रसोई घर में पहुंच गई और खाना बनाने की तैयारी करने लगी,,, दूसरी तरफ संजू और मोहिनी दोनों अपनी मौसी के पास खड़े थे मोहिनी जो कि अभी तक अपनी मौसी के आने से खुश थी वही उसके दिमाग में तुरंत इस बात के लिए हैरानी हो गई कि उसकी मौसी के आने की वजह से अब हर रात को संजू से चुदवा नही पाएगी,,,, इसलिए मन ही मन वह दुखी होने लगी अब उसकी मौसी का घर पर आना उसे अच्छा नहीं लग रहा था लेकिन कर भी क्या सकती थी अपने मन को वह यह सोच कर मना ले गई कि कौन सा मौसी बार-बार आती है एक ही रात की तो बात है और इतना विचार करके वह भी अपनी मां का हाथ बटीने लगी,,, मोहिनी और आराधना दोनों रसोई घर में खाना बना रहे थे बाहर कुर्सी पर साधना बैठी हुई थी और उसके पास संजू खड़ा था वह तो अपनी मां और अपनी बहन के जाने का इंतजार ही कर रहा था जैसे ही वह दोनों रसोई घर में खाना बनाने लगी वैसे ही संजीव तुरंत अपना हाथ आगे बढ़ाकर ब्लाउज के ऊपर से अपनी मौसी की चुची पकड़कर दबाने लगा,,,,।साधना संजू की इस हरकत के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थी इसलिए उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर उठने लगी और वह रसोई घर की तरफ चोर नजरों से देखते हुए धीरे से बोली,,,,।)

बाप रे कितना शैतान हो गया है तू छोड़ कोई देख लिया तो गजब हो जाएगा,,,


कुछ गजब नहीं होगा मौसी और इतना कहने के साथ है कि नहीं खात ब्लाउज के अंदर डालकर ब्रा को अपनी उंगली से ऊपर की तरफ करके अपनी मौसी की नंगी चूची को पकड़कर दबा दिया,,,।

सहहहह ,,,,आहहहहह जरा भी सब्र नहीं है तुझे,,,


क्या करूं मौसी जब से तुम्हारी जवानी का रस मेरे होठों पर लगा है तब से यह प्यास बढ़ती ही जा रही है,,,


अरे वह तो ठीक है लेकिन हाथ निकाल अपना किसी ने देख लिया तो जानता है ना तु सब कुछ बंद हो जाएगा और बदनामी होगी सौ अलग,,,


मौसी तुम्हारे लिए तो मैं कुछ भी सहने के लिए तैयार हूं ऐसा कहते हो गए संजू अपना दूसरा हाथ भी अपनी मौसी के ब्लाउज में डाल दिया उसका बटन टूटते टूटते बचा,,,,

हाय दैया यह क्या कर रहा है रे मेरा ब्लाउज फाट डालेगा क्या निकाल अपना हाथ,,,,।
(संजू अपनी मौसी की बड़ी बड़ी चूचीयो का मजा लेना अच्छी तरह से जानता था और अपनी बहन की छोटी-छोटी नारंगी और अपनी मौसी की बड़ी-बड़ी खरबूजे जैसी बड़ी-बड़ी चुचियों के बीच का अंतर अच्छी तरह से समझता था उसे अपनी मौसी की चूची दबाने में और ज्यादा मजा आता था,,,, इसलिए संजू जी भर कर अपनी मौसी की चूची दवा लेने के बाद अपने दोनों हाथों को वह ब्लाउज में से बाहर निकाल लिया,,, दोनों हाथ को ब्लाउज में डालने की वजह से ब्लाउज का बटन खींच सा गया था,,,, चूचियों को दबाते समय संजू का ध्यान ब्लाउज के बटन पर भी था वह जानता था कि अगर ऐसे हालात में ब्लाउज का बटन टूट गया तो गजब हो जाएगा,,,, इसलिए वह एकदम संभाल कर अपने दोनों हाथों को ब्लाउज में से बाहर निकाला था इतनी देर में साधना भी स्तन मर्दन का आनंद ले चुकी थी जिसकी वजह से दोनों टांगों के बीच की पत्नी दरार से मदन रस टपकने लगा था,,,,)

बाप रे तू तो मार ही डालेगा कोई देख लेता तो,,,,(अपने ब्लाउज को व्यवस्थित करते हुए)

कोई नहीं देखेगा मौसी मोहिनी और मम्मी दोनों खाना बना रही है अगर वह दोनों बाहर निकलेंगे भी तो इससे पहले आहट मिल जाएगी,,,,,,,,(संजू की बात से एक हद तक साधना भी सहमति थी लेकिन वह किसी भी प्रकार का खतरा मोल नहीं लेना चाहती थी खास करके ऐसे संबंधों के बीच,,,, साधना तो अपने मन को मना रही थी जोकिंग संजू की हरकत की वजह से वह भी बावली हो गई थी लेकिन संजू मानने को तैयार नहीं था वह अपनी मौसी का हाथ पकड़कर छठ से उसे अपने पेंट के आगे वाले भाग पर रख दिया जो की पूरी तरह से खड़ा हो चुका था साधना के तन बदन में उत्तेजना की लहर तूने लगी और वहां फिर से रसोई घर की तरफ देखते हुए पेंट के ऊपर से यह संजू के लंड को जोर से पकड़ कर दबा दी,,,,, संजू एकदम मदहोश हो गया और वहां अपनी मौसी से बोला,,,।


एक बार मुंह में ले लो ना मौसी,,,।

धत्,,, पागल है क्या रे,,,, कहां पर बैठा है कहां पर खड़ा है इतना भी तुझे समझ में नहीं आ रहा है,,,,, अभ6 नही रात को तब तक जाकर अपने हाथ से हिला कर पानी निकाल दें ताकि रात को देर तक टिका रहे,,,,


ओहहह मौसी वह तो मैं बिना पानी निकाले ही तुम्हें 1 घंटे तक तो आराम से चोद सकता हूं,,,


अरे पागल धीरे बोल तू तो मरवाएगा,,,,।

(इतना सुनते ही संजू अपने होठों पर उंगली रख कर चुप का इशारा करते ही बोला) सॉरी मौसी,,,,

अब तू अपना काम कर मै भी जाकर रसोई घर में तेरी मां की मदद करती हूं ,,,


ठीक है मौसी,,,,,,,
(इतना कहने के साथ ही संजू अपने कमरे में चला गया और पढ़ाई करने लगा लेकिन अब उसका मन पढ़ाई में बिल्कुल भी नहीं लग रहा था मौसी को चोदने की उत्सुकता उसके मन में बढ़ती जा रही थी,,,,, कुंवारी चूत के साथ परिपक्वता से भरी हुई चूत को चोदने का अलग ही मजा है,,,,,, संजु अपने मन में यह सोच रहा था किउसके लंड के धक्के की वजह से उसकी बहन की गरम सिसकारी तो छोटे ही थी लेकिन ज्यादा मजा उसे उम्र दराज औरत की चूत में धक्के लगा कर उसकी आहहह ऊहहहह सुनने में ज्यादा मजा आता था,,,,,, इसलिए तो संजू बेकरार था अपनी मौसी की गदराई जवानी को धक्का लगाने के लिए,,,,,, दूसरी तरफ साधना आराधना के साथ बैठकर इधर उधर की बातें कर रही थी और मोहिनी और उसकी मां खाना बना रही थी,,,,थोड़ी देर में खाना बनकर तैयार हो चुका था और सब एक साथ खाना खा रहे थे तभी साधना ने अशोक का जिक्र छेड़ दी,,,, तो आराधना बिना झिझक हकीकत बयां कर दी,,,, साधना को अपनी छोटी बहन की बात सुनकर बहुत दुख हुआ लेकिन वह कर भी क्या सकती थी,,,,साधना अपनी छोटी बहन आराधना की मजबूरी अच्छी तरह से समझती थी जॉब छोड़ देने से घर में फिर से तकलीफ हो सकती थी,,, इसलिए खाना खाते खाते आराधना जिस प्रपोजल को लेकर घर पर आई थी उसे बताते हुए बोली,,,।)

संजु तुम्हारे लिए एक बहुत ही अच्छा प्रपोजल लेकर आई हूं और तुम कर भी सकते हो,,,,।
(साधना की बात सुनते ही मोहिनी आराधना और संजू तीनों आश्चर्य से साधना की तरफ देखने लगी तो वहां उन तीनों की उत्सुकता को खत्म करते हुए बोली,,)

देखो,,, मनीषा कोचिंग क्लास शुरू करने जा रही है ज्यादा बड़े पैमाने पर नहीं बल्कि अभी कुछ ही बच्चों के साथ कोचिंग शुरू कर रही है लेकिन कोचिंग में एक सहभागी की जरूरत है जो अच्छे से बच्चों को पढ़ा सके,,,।


क्या बात है दीदी मनीषा कितनी बड़ी हो गई की कोचिंग शुरू करने जा रही है यह तो बहुत खुशी की बात है,,,

अरे इससे भी खुशी की बात यह है कि मनीषा ने संजू को भी साथ में कोचिंग कराने के लिए बोली है,,, संजू होशियार है पढ़ने में भी बहुत अच्छा है 10वीं और 12वीं के बच्चों को कोचिंग करानी है,,,, इससे संजू की आमदनी भी होने लगेगी और वह इस तरह से घर में तुम्हारी मदद भी कर सकेगा,,,,।
( मनीषा का जिक्र आते ही संजू की आंखों के सामने उस दिन वाला दृश्य नाचने लगा जब उसकी मौसी उसे लेकर मनीषा के कमरे में चली गई थी और मनीषा उस समय पढ़ाई कर रही थी लेकिन केवल एक टी-शर्ट और पेंटी में उस समय संजू मनीषा को पेंटिं में देखकर हक्का-बक्का रह गया थाउस समय संजू मनीषा के बारे में कुछ ज्यादा विचार नहीं किया था क्योंकि उसे तो मौसी को चोदने की जल्दबाजी थी,,,, संजू को अपनी मौसी का यह प्रपोजल बहुत ही अच्छा लग रहा था वो किसी भी तरह से अपनी मां की मदद करना चाहता था लेकिन कर नहीं पाता था,,,, तीनों की तरफ देखकर साधना बोली,,,)

क्या संजू तु तैयार है,,,,


हां हां क्यों नहीं,,,, यह तो बहुत अच्छी बात है,,,, इस तरह से संजू मनीषा का साथ भी दे देगा और घर चलाने में मदद भी कर सकेगा,,,,(संजू के कहने से पहले ही आराधना बोलने लगी जिसमें संजू की भी सहमति थी वह भी अपना मंतव्य रखते हुए बोला)

हां हां क्यों नहीं,,,, मैं तैयार हूं,,,

चलो तब ठीक है,,, सोमवार से कोचिंग क्लास शुरू करना है शाम को 6:00 से 8:00 तक,,,, यह समय ठीक रहेगा ना संजु,,,।

जी बिल्कुल मौसी एकदम सही समय है,,,

तो सोमवार को मेरे घर पहुंच जाना वहीं से तुझे मनीषा अपने साथ कोचिंग क्लास ले जाएगी जो कि ज्यादा दूर नहीं है बस दो-तीन मिनट का ही रास्ता है,,, मेरे घर से बिल्कुल करीब है,,,
( आराधना इस बात से खुश थी कि इस तरह से उसका बेटा घर चलाने में उसकी मदद कर सकेगा मनीषा भी खुश थी,,,, खाना खाने के बाद बर्तन मांज कर झाड़ू पोछा करके सब सोने की तैयारी करने लगे,,, अशोक घर पर जल्दी आता नहीं था इसलिए,,, आराधना ने साधना को अपने साथ सोने के लिए बोली थी और साधना इनकार नहीं कर पाई थी,,, संजू का भी मन मचल कर रहे गया था दोनों एक दूसरे की तरफ तरसी आंखों से देख रहे थे,,,, लेकिन साधना ने इसका भी उपाय ढूंढ ली थी,,, वह सबकी नजर बचाकर धीरे से संजू के कानून बात डाल दी थी की आराधना के सो जाने के बाद वह कमरे से बाहर आएगी और उसी वक्त तू भी चले आना,,, संजू भी अपनी मौसी की बात की हामी भर दिया था,,,,,,।

आराधना और साधना दोनों एक कमरे में जा चुकी थी और संजू अपने कमरे में प्रवेश करते ही तुरंत दरवाजे की सिटकनी लगाकर बंद कर दिया था और अपनी बहन के होठों का रस चूसते हुए उसके सलवार की डोरी को ढीली करने लगा था,,,, अगले ही पल संजू और मोहिनी दोनों निर्वस्त्र अवस्था में गहरी सांस लेते हुए एक दूसरे में सामान्य की पूरी कोशिश कर रहे थे संजू का हर एक पक्का मोहिनी अपनी प्रबल इच्छाशक्ति से झेल ले रही थी और अपने भाई का पूरा साथ दे रही थी,,,वह खुद ही अपने भाई के मुंह को अपनी चूची पर दबा दे रही थी ताकि वह अच्छे से उसकी चूची का स्तनपान कर सके संजू भी पूरे जोश के साथ धक्के लगाते हुए अपनी बहन की चूची से खेल रहा था और थोड़ी ही देर में दोनों की सांसें तेज चलने लगी और दोनों एक साथ झड़ गए,,, कुछ देर तक संजू उसी तरह से अपनी बहन के ऊपर लेटा रहा,, संभोग की असीम सुख प्राप्ति करने के बाद थोड़ी ही देर में मोहिनी गहरी नींद में सो गई संजीव से चलाने लगा था कि वह अपने कपड़े पहन सके और वह मौसी को अपने कमरे में लाकर जमकर रात भर चुदाई कर सकें लेकिन मोहिनी उठ ही नहीं रही थी,,, अपनी बहन के नंगे पन की स्थिति को देखकर समझो समझ गया था कि ऐसे हालात में मौसी को कमरे में लाना बिल्कुल भी उचित नहीं है,,,,, वह कमरे के बाहर ही मौसी की चुदाई करने का मन में ठान लिया था,,,,,, इसलिए वह अपनी मौसी के कमरे से बाहर निकलने का इंतजार करने लगा घड़ी की तरफ देखा तो 1:00 बज रहे थे,,, संजू खड़ा हुआ और ट्यूब लाइट बंद कर दिया कमरे में अंधेरा छा गया तभी बगल वाले कमरे का दरवाजा खुलने की आवाज संजू के कानों में पड़ी तो उसके लंड में ठुनकी आना शुरू हो गया वह तुरंत अपने कमरे का दरवाजा खोल कर अपनी मां के कमरे की तरफ देखा तो,,, चोर कदमों से उसकी मौसी कमरे से बाहर निकल रही थी और धीरे से कमरे के दरवाजे बंद कर रही थी जोकि हल्का सा खुला हुआ ही था,,,,, साधना संजू के कमरे की तरफ आगे बढ़ी तो संजू को दरवाजे पर खड़ा देखकर एकदम खुश हो गई उसे इस बात की खुशी थी कि उसे चोदने का इंतजार संजू जागकर कर रहा था,,, उसे चोदने के लिए संजू की आंखों में नींद बिल्कुल भी नहीं थी,,,,।

ओहहहह संजू तू जाग रहा है मुझे तो लगा कि तू सो गया होगा,,,(संजू को अपनी बांहों में भरते हुए साधना बोली संजू की पूरी तरह से उत्तेजित होता हुआ जवाब में साधना अपनी बाहों में कस के दबा ते हुए उसकी गर्दन पर अपने होठ रखते हुए बोला,,,)

ओहहहह मौसी तुम्हें चोदने की खुशी में मुझे नींद नहीं आ रही थी,,,।
बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है
साधना अपनी चुदाई और संजू के लिए जॉब का प्रपोजल ले कर आ गई है और उसने आराधना के सामने मनीषा के साथ बच्चो को कोचिंग पढ़ाने के लिए बोला और सभी इसके लिए राजी भी हो गए अब तो लगता है मनीषा की भी जल्दी ही चुदाई होगी संजू तो अपनी मौसी को देखकर उत्तेजित हो रहा है लगता है आज की रात धमाकेदार चुदाई होने वाली है इसलिए संजू ने पहले मोहिनी की चुदाई कर ली अब देखते हैं आगे क्या होता है
 

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संजू अपनी मौसी की गर्दन पर अपनी होठ रखकर चुम्मा नो की बारिश कर रहा था साधना संजू की अद्भुत चुंबन ओं की रफ्तार को देखकर पूरी तरह से उत्तेजित व जा रही थी वह अपनी बाहों में संजू को और कस के दबाई हुई थी जिससे उसकी दोनों खरबूजे जैसी चूचियां सीधे तौर पर संजू की छातियों में रगड़ खा रही थी जिससे संजू की उत्तेजना भी बढ़ती जा रही थी संजू का लंड तुरंत खड़ा हो चुका है अभी अभी वह अपनी बहन की चुदाई करके आया था लेकिन फिर भी अपनी मौसी की गदराई जवानी की खुशबू पाकर वह पुणे उत्तेजित हो गया था और लंड में फिर से जान आना शुरू हो गई थी देखते ही देखते संजू का लंड पूरी तरह से अपनी औकात में आकर खड़ा हो गया था जो कि सीधे साड़ी के ऊपर से ही साधना की चुत पर दस्तक दे रहा था,,,,,।

ओहहह संजु तू तो मुझे पागल कर देगा,,,

और तुमने जो मुझे पागल कर दी हो उसका क्या,,,, दिन रात में तुम्हारी चूत के बारे में सोचता रहता हूं,,,, इस उम्र में भी तुम्हारी चूत का कसाव एकदम बरकरार है,,,,।


हाय राजू तु कितना अच्छा बोलता है तेरी बातें सुनकर ही चूत से पानी टपकने लगता है,,,, यह तो तेरा बड़प्पन है मेरी चूत तो पहले जैसी ही है बस तेरा लंड कुछ ज्यादा ही मोटा है,,, देखना शादी की पहली रात को अपनी बीवी के साथ आराम से पेश आना कहीं ऐसा ना हो कि पहली रात में ही अपनी बीवी की चूत फाड़ दे,,,,,,,


ओहहह मोसी,,,, तुम्हारी जैसी कर्म करने वाली औरत मिल जाएगी तो पहली रात में उसकी चूत फाड़ दूंगा,,,,


क्या मैं तुझे गर्म कर देती हूं,,,


बहुत ज्यादा मोसी अब तो तुम्हारी मौजूदगी में ही मेरा लंड खड़ा हो जाता है,,,,


हां तभी तो साड़ी फाड़ कर तेरा लंड मेरी चूत में घुसने की कोशिश कर रहा है,,,,

हाय मेरी मौसी तब यह पर्दा कैसा हटा दो सारे परदों को नंगी हो जाओ,,,,(संजू उसी तरह से अपनी मौसी की गर्दन को चुनते हुए और एक हाथ से उसकी चूची को ब्लाउज के ऊपर से ही दबाते हुए बोला,,,)

सहहहहह आहहहहह संजू तो देर किस बात की है चल कमरे में,,,,


कमरे में नहीं जा सकते मौसी,,,

क्यों,,,?


क्योंकि मोहिनी अभी अभी सोई है वह पढ़ रही थी उसकी नींद खुल गई तो गजब हो जाएगा,,,

तब तो मजा नहीं आएगा मैं तो तेरे से आज पूरी तरह से नंगी होकर चुदवाने की सोच कर ही आई थी,,,,

मैं भी यही सोच रहा था बहुत सी कि आज रात भर कमरे में तुम्हारी नंगी करके लूंगा,,,, लेकिन मोहिनी आज सोई ही नहीं,,,, लेकिन कोई बात नहीं मोसी तुम्हें इधर भी मैं बहुत मजा दूंगा,,,,, रुको मैं तुम्हारे ब्लाउज के बटन खोलता हूं,,,,
(इतना कहने के साथ ही संजू अपनी मौसी के ब्लाउज के बटन को खोलना शुरू कर दिया,,, साधना इस बात को अच्छी तरह से जानती थी कि कमरे में ना सही समझो कहीं भी उसे अद्भुत सुख देता है इस बात का एहसास उसने अपने घर पर सीढ़ियों पर ही संजू से चुदवा कर महसूस कर ली थी,,,। देखते ही देखते संजू बारी बारी से ब्लाउज के एक-एक बटन को खोलते हुए सारे बटन को खोल दिया था,,,, कमरे में से आ रही हल्की रोशनी में साधना का भजन एकदम साफ नजर आ रहा था ब्लाउज के अंदर वह लाल रंग की ब्रा पहनी हुई थी,,, समझो अपनी मौसी की भारी-भरकम छातियों को ब्रा में कैद देख कर बोला,,,)

मौसी तुम्हारी चूचियां किसी दिन ब्रा फाड़ कर बाहर आ जाएंगी,,,,

क्यों,,,?

देख नहीं रही हो कितनी बड़ी बड़ी है और तुम ब्रा इतनी छोटी सी पहनती हो,,,

छोटी ब्रा में मेरी चूचियां और ज्यादा आकर्षक लगती हैं,,,


हां मौसी यह बात तो है,,,, तभी तो तुम्हारी चूची को मुंह में लेकर पीने का मन करता है,,,


तो पीना रे मना किसने किया है,,,।
(इतना सुनते ही संजु साधना की ब्रा को पकड़कर ऊपर की तरफ कर दिया और उसकी खरबूजे जैसी चूचियां आजाद हो गई अपनी मौसी की बड़ी-बड़ी चुचियों को देखकर एक लंबी सांस लेते हुए संजू अपने दोनों हाथों में अपनी मौसी की दोनों खरबूजा को पकड़ लिया और उन्हें जोर जोर से दबाना शुरू कर दिया,,,, मानो कि जैसे उनका रस निचोड़ रहा हो,,, संजू का हाथ लगते ही साधना एकदम से गन गना गई,,,,,,,।)

सहहहह आहहहहह संजु,,,, मुंह में लेकर पी,,,,
(अपनी मौसी की आज्ञा का पालन करते हुए तुरंत अपनी मौसी की चूची को मुंह में लेकर पीना शुरू कर दिया,,,, दोनों वासना में पूरी तरह से लिप्त हो चुके थे,,,, एक तरफ मोहीनी अपने भाई से जमकर चुदवाने के बाद गहरी नींद में सो रही थी और वह भी पूरी निर्वस्त्र अवस्था में दूसरी तरफ आराधना सो रही थी उसे तो इस बात का एहसास तक नहीं था कि उसका जवान बेटा अपनी ही बहन की रोज चुदाई करता है और इस समय उसकी बड़ी बहन की जमकर चुदाई करने की तैयारी कर रहा है,,,,,,, रात के तकरीबन 2:00 बज रहे थे,,,, तभी बाहर से आ रही फुसफुस आहट की आवाज आराधना के कानों में पड़ी तो अचानक ही उसकी नींद खुल गई बगल में देखी तो उसकी बड़ी बहन बिस्तर पर नहीं थी और सोची बाथरूम गई होगी इसलिए गहरी नींद में होने के बावजूद भी वह उठ कर बैठ गई,,, लेकिन लगातार उसके कानों में फुसफुसाने की आवाज आ रही थी वह दीवार पर टांगी घड़ी की तरफ देखी थी 2:00 बज रहे थे,,,उसे थोड़ा अजीब लगा इसलिए वह धीरे से उठकर दरवाजे की तरफ जाकर देखना चाहती थी कि आखिरी आवाज किस तरह की आ रही थी और वो धीरे-धीरे दरवाजे की तरफ पहुंच गई दरवाजा खोलने की जरूरत नहीं देते और बाजा थोड़ा हल्का सा खुला हुआ था, और वह उसे थोड़े से खुले दरवाजे के बाहर देखने की कोशिश करने लगी तो हल्की हल्की रोशनी में धीरे-धीरे उसे सब कुछ साफ नजर आने लगा,,, लेकिन कुछ देर तक तो नींद में होने की वजह से उसे कुछ समझ में नहीं आया लेकिन थोड़ी ही देर में उसकी आंखों के सामने जिस तरह का नजारा दिखाई दे रहा था उसे देखकर तो उसके होश उड़ गए,,,, वह अपनी आंखों को मींजने लगी कि कहीं वह कोई सपना तो नहीं देख रही है लेकिन जो कुछ भी उसकी आंखें देख रही थी वह हकीकत थी,,,,उस नजारे को देखकर उसके पैरों तले जमीन खिसकने लगी उसे अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था आखिरकार इसमें उसका कोई दोष नहीं था कोई भी इस दृश्य को देखकर हक्का बक्का रह जाता खास करके जब उसे इस तरह की कोई उम्मीद ना,,, हो,,,,।

वह साफ तौर पर देख पा रही थी कि सामने जो दो शख्स खड़े थे एक उसकी बड़ी बहन थी और दूसरा उसका जवान बेटा था,,,,उसकी बड़ी बहन अस्त-व्यस्त कपड़ों में थी उसका ब्लाउज के बटन खुले हुए थे और ब्रा उपर की तरफ चढ़ाया हुआ था,,, और उसका जवान बेटा उसकी बड़ी-बड़ी चुचियों को मुंह में लेकर पी रहा था,,,मदहोशी और मादकता से भरा हुआ यह नजारा आराधना को होश में लाने के लिए काफी था उसकी आंखें फटी की फटी रह गई थी,,,, उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या देख रही है,,, अपनी आंखों से देख रही थी कि उसका जवान बेटा उसकी बड़ी बहन की चूचियों को दबा दबा कर पी रहा था,,, और उसके हैरानी का कारण यह था कि उसकी बहन मजे लेकर संजू को अपना दूध पिला रही थी,,,,,। इस अकल्पनीय दृश्य को देखकर आराधना पूरी तरह से गुस्से में आ गई थी,,,, वह इसी समय दरवाजा खोल कर उन दोनों के पास जाकर अपने बेटे को दो तमाचा लगाना चाहती थी और अपनी बड़ी बहन को खरी-खोटी सुनाना चाहती थी लेकिन ना जाने क्यों उसके पैर वही जम चुके थे,,,,आराधना ने अपने जीवन में इस तरह के तेरे से को कभी अपनी आंखों से देखी नहीं थी ना ही इस तरह से हकीकत में और ना ही मोबाइल में इसलिए यह सब उसके लिए एकदम अद्भुत और आश्चर्यचकित कर देने वाला था,,,,अपने बेटे को देख कर उसे यकीन नहीं हो रहा था कि यह उसका वही बेटा है जिस पर उसे बेहद नाज हुआ करता था,,,, क्योंकि आराधना कभी सोची नहीं थी कि उसका बेटा इस कदर गिरी हुई हरकत करेगा और वह भी अपनी मौसी की नंगी चूचियों को मुंह में लेकर पिएगा और वह भी आधी रात को,,,, आराधना को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि आखिरकार यह सब हो कैसे गया,,, आराधना से यह दृश्य देखा नहीं जा रहा थाउसका बेटा पागलों की तरह उसकी बड़ी बहन की चूची को दबा दबा कर पी रहा था और उसकी बड़ी बहन एकदम आनंदित होकर अपनी आंखों को बंद करके संजू की इस हरकत का मजा ले रही थी,,,,।यह देखकर आराधना के पैर थरथर कहां पर आए थे उसे खड़ा होना मुश्किल हो जा रहा था और तुरंत हिम्मत जुटाकर अपने कदमों को पीछे ले ली और बिस्तर पर आकर माथे पर हाथ रख कर बैठ गई,,,, और सोचने लगी कि यह सब क्या हो रहा है तभी उसे इस बात का एहसास हुआ कि उसका बेटा जवान हो गया है उसे वह खुद उसके पति से बचाते हुए नग्न अवस्था में दो-तीन बार देख चुका है उसके संपूर्ण नंगे बदन को देख कर उसके बेटे में औरत के नंगे पानी के आकर्षण की चमक आराधना देख चुकी थी,,,, और उसे बरसात वाली शाम की बात याद आ गई जब बरसात में दोनों पूरी तरह से भीगकर घर पर पहुंचे थे और दोनों घर पर पहुंचते ही संजू उत्तेजित होता होगा उसे अपनी बाहों में भर लिया था उसके अंगों से खेलना शुरू कर दिया था वह तो अच्छा हुआ था कि उसी समय मोहिनी आ गई थी और दोनों के बीच की मर्यादा की डोरी टूटते टूटते रह गई थी और फिर रात के समय संजु ने फिर से वही हरकत दोहराने की कोशिश की थी,,, लेकिन ऐन मौके पर आराधना अपने आप को संभाल ली थी उसे बातों को याद करके आ रहा था ना समझ चुकी थी कि उसका बेटा अब मासुम तो बिल्कुल भी नहीं था ,,,, पिछले दिनों की कुछ बातों को याद करके आराधना को समझते देर नहीं लगी थी कि उसका बेटा औरतों की संगत का मजा लेना चाहता है,,,, वह पूरी तरह से जवान हो गया था,,,, लेकिन आराधना को यह समझ में नहीं आ रहा था कि उसके बेटे और उसकी बड़ी बहन के बीच यह रिश्ता कब और कैसे स्थापित हो गया इसी को समझने की कोशिश कर रही है लेकिन उसका दिमाग काम नहीं कर रहा था कुछ देर तक बिस्तर पर बैठे रहने के बाद उसे बिल्कुल भी चैन महसूस नहीं हो रहा था वह एकदम हैरान परेशान थी,,,,वह फिर से बिस्तर पर से खड़ी हुई और धीरे से आकर दरवाजे की ओट में खड़ी हो गई और बाहर के दृश्य को देखने लगी,,,, जो कि संजू अभी भी साधना की बड़ी-बड़ी चुचियों को बारी-बारी से मुंह में लेकर पी रहा था और उसकी बड़ी बहन मजे लेकर उससे यह काम और ज्यादा उकसा उकसा कर करवा रही थी,,,,।


आहहहहह संजू जोर जोर से दबा दबा कर पी,,,आहहहह रे बहुत मजा आ रहा है ऐसे ही संजू,, आहहहहह,,,,,

(अपनी बड़ी बहन की जोश भरी बातों को सुनकर आराधना एकदम से हैरान हो गई उसे अपने कानों पर विश्वास नहीं हो रहा था उसकी बहन एकदम मजे ले रही थी और उसकी बात को मानते हुए संजू और भी ज्यादा जोर जोर से उसकी चूचियों को दबा रहा था और उसे मुंह में लेकर पी रहा था,,,, आराधना को समझ में नहीं आ रहा था कि वह इस दृश्य को देख या चली जाएं,,, दोनों के बीच की उम्र की सीमा का कोई मिलाप नहीं थाएक तरह से संजू उसके बेटे की उम्र का था लेकिन दोनों चीस जोशो खरोश के साथ एक दूसरे के बदन से आनंद ले रहे थे उसे देखकर आराधना पूरी तरह से हैरान थी,,,,)

ओहहहह मौसी तुम्हारी चुचियों में बहुत रस भरा हुआ है,,,, एकदम खरबूजा जैसी गोल-गोल है,,,,आहहहहह जब तक तुम्हारी चूची मुंह में लेकर पीता नहीं हूं तब तक मजा नहीं आता,,,।
(आराधना अपने बेटे की अश्लील बातें सुनकर एकदम हैरान थी और वह भी अपनी मौसी के लिए लेकिन जिस तरह की वह बातें कर रहा था उसे सुनकर आराधना को हैरानी हो रही थी और वह भी इस बात से की उसकी बातों से लग रहा था कि दोनों के बीच का संबंध काफी समय से चल रहा है,,,आराधना को अपनी बेटी की हरकत देखने में बहुत ही गंदा लग रहा था क्योंकि उसे अपने बेटे से इस तरह की उम्मीद बिल्कुल भी नहीं थी लेकिन फिर भी आराधना अपनी नजरों को हटा नहीं रही थी,,,, संजू की बात का जवाब देते हुए साधना बोली,,,)

ओहहहह मेरे संजु तेरे लिए ही तो है मेरी चूचियांकसम से मेरे राजा तेरे मौसा जी के बाद से इस चुचियों पर सिर्फ तेरा ही हाथ लगाए और सच कहूं तो तेरे मौसा से ज्यादा मजा तु दे रहा है,,,,।

(अपनी बड़ी बहन और अपने जवान बेटे की अश्लील बातें सुनकर आराधना की दोनों टांगों के बीच हलचल सी होने लगी थी अपनी बड़ी बहन का चरित्र उसे समझ में नहीं आ रहा था घर परिवार वाली होने के बावजूद भी अपनी वासना की आग बुझाने के लिए वह अपने ही भतीजे का उपयोग कर रही थी,,,और उसे इस बात का भी डर नहीं था कि अगर उसका राज खुल गया तो क्या होगा,,,,, दरवाजे की ओट में आराधना अपने आप को छुपाए हुए थी,,,धीरे-धीरे वह अपने बेटे और अपनी बड़ी बहन के बीच के इस राज को समझने की कोशिश कर रही थी रात के 2:15 बज रहे थे और ऐसे में उसकी बड़ी बहन और उसका जवान बेटा एक दूसरे के अंगों से खेल रहे थे आराधना इस बात को समझ चुकी थी कि कमरे से बाहर मिलने का पहले से ही दोनों ही तय कर लिया था वरना इस समय तो गहरी नींद में उसका बेटा सो रहा था शायद एक औरत से सुख प्राप्त करने की व्याकुलता उसे जगा रही थी,,,,,, आराधना की चमक धीरे-धीरे उस मादक दृश्य को देखकर बढ़ती जा रही थी,,,, क्योंकि उसका जवान बेटा उसकी चूचियों को बिना पकड़े अपने मुंह में बारी-बारी से लेकर पी रहा था और अपने दोनों हाथों को पीछे की तरफ लाकर उसकी बड़ी बड़ी गांड को पकड़कर दबाना शुरू कर दिया,,, था,,, शायद साड़ी के ऊपर से ही वह साधना के नंगे पन को टटोल रहा था,,,,,,)



तुम्हारी गांड बहुत बड़ी-बड़ी है मौसी बहुत ही आकर्षक लगती है,,, जब चलती हो ना तो ऐसी मटकती है कि देखकर ही लंड खड़ा हो जाता है,,,,।

मैं तेरे लिए ही अपनी गांड मटका मटका कर चलती हूं ताकि तेरा खड़ा कर सकूं और तो फिर अपने खड़े लंड को मेरी चूत में डाल सकें,,,,

(आराधना तो हैरान थी दोनों की बातों को सुनकर आराधना को अपने कानों से सुनने के बावजूद भी विश्वास नहीं हो रहा था कि उसकी बड़ी बहन और उसका जवान बेटा इस तरह की गंदी बातें एक दूसरे से बिना शर्माए कर रहे हैं,,,आराधना जो कि अपनी बहन को बहुत अच्छी औरत समझती थी आज उसकी आंखों के सामने उसका सच नजर आ रहा था,,, वह अपनी आंखों से देख पा रही थी कि उसकी बड़ी बहन अपने बदन की प्यास बुझाने के लिए अपने ही भतीजे का सहारा ले रही है,,,,देखते ही देखते आराधना की आंखों के सामने उसका जवान बेटा उसकी बड़ी बहन की साड़ी को ऊपर की तरफ उठाने लगा और अगले ही पल वह साड़ी को उठाकर साधना की कमर तक कर दिया जिससे कमर से नीचे वह पूरी तरह से नंगी हो गई बस एक छोटी सी पेंटी उसके अनमोल खजाने को छुपाए हुए थी जिसे खुद वह संजू के हांथो लुटाने को तैयार थी,,, संजू और साधना को इस बात का अहसास तक नहीं था कि दरवाजे के पीछे खड़ी होकर आराधना यह सब दृश्य अपनी आंखों से देख रही है,,,,, देखते ही देखते संजुसाधना की पेंटिंग में अपना हाथ डालते हुए उसकी चूत को टटोलने लगा जो की चूत पूरी तरह से मदन से गीली हो चुकी थी,,, पेंटी भीग चुकी थी संजू अपनी मौसी की चूत की गर्माहट को अपनी हथेली पर महसूस कर रहा था और अपनी हथेली को उसकी फूली हुई चूत पर रगड़ रहा था,,, आराधना की सांसे ऊपर नीचे हो रही थी इस दृश्य को देखते देखते वह गर्म होने लगी,,,, लाख चाहने के बाद भी वह अपनी नजरों को उस दृश्य से हटा नहीं पा रही थी,,,,, साधना की चूत पर अपनी हथेली को जोर-जोर से रगडते हुए संजू बोला,,,।)

हाय मौसी तुम तो एकदम गीली हो गई हो,,, और तुम्हारी चूत कितनी गर्म हो गई है,,,
(अपनी बेटे के मुंह से चूत और उसका गीलापन की बात सुनकर आराधना को इस बात का एहसास हुआ कि उसकी खुद की चड्डी गीली हो रही थी उस समझ में नहीं आ रहा था कि ऐसा क्यों हो रहा है जबकि वह इस दृश्य को मजे लेकर नहीं देख रही थी फिर ऐसा क्यों हो गया उसे समझ में नहीं आ रहा था शायद आराधना,,, जिंदगी की इस दौड़ में भूल चुकी थी कि वह भी एक औरत है जिसके कुछ अरमान है जरूरत है भले ही उसका दिमाग ने जिंदगी की जरूरतों को देखते हुए आराधना को उलझाए रखा लेकिन अपनी आंखों के सामने मादकता भरे दृश्य को देखकर उसके बदन की जरूरत मैं एक बार फिर से आराधना को उसके औरत होने का एहसास दिलाया था,,, और इसी एहसास के चलते उसकी खुद की चूत पानी छोड़ रही थी जिसकी वजह से उसकी चड्डी गीली हो रही थी इस अहसास से वह अजीब सी उलझन मैं पड़ गई थी उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था अपने बदन में हो रही गतिविधि को देख कर उसे अपने आप पर गुस्सा आ रहा था कि जो दृश्य वह सामने देख रही अपनी आंखों से अपनी बहन और अपने जवान बेटे के बीच नाजायज संबंध के चलते उसे गुस्सा आना चाहिए था उसी तृषा को देखकर वह खुद उत्तेजित वह जा रही है अपने बदन में उत्तेजना का अनुभव कर रही है,,,,, आराधना के बस में अब कुछ भी नहीं था वह लगातार अपनी आंखों को दरवाजे की ओर से बाहर कमरे में गडाए हुई थी,,, जहां पर पल पल मदहोशी बढ़ती जा रही थी,,, तभी आराधना के कानों ने कुछ ऐसा सुना जिसकी उसने कभी कल्पना नहीं की थी और उस शब्द को सुनकर उसके होश उड़ गए,,,,)

आहहहहह संजू तेरी हरकतों की वजह से मेरी चूत गीली हुई है और गर्म हो गई है जिसे ठंडा करना अब बस तेरे हाथ में है,,,, बस इसमें जीभ डाल कर चाट ले और ठंडी कर दे मेरी चूत को,,, संजू मेरे राजा,,,,,आहहहहहह ,,,,।
(संजू जोकि अभी भी अपनी मौसी की चूची को मन लगाकर पी रहा था और अपनी हथेली से उसकी चूत रगड़ रहा था अपनी मौसी की बात सुनते ही तुरंत वह अपने घुटनों के बल बैठ गया और अपनी बेटी को घुटनों के बल बैठ ते देखते ही आराधना की सांसे तेजी से चलने लगी क्योंकि पल भर में उसे अंदाजा हो गया था कि अब क्या होने वाला है और उसके सोचने के मुताबिक है संजू बिना कुछ बोले,,, अपने घुटनों के बल बैठ गया,,,,साधना की सांसे इतनी तेजी से चल रही थी उतनी ही अधिक तेजी से आराधना की भी सांसे ऊपर नीचे हो रही थी वह अकेलेपन के इंतजार में थी कि उसका बेटा क्या करने वाला है,,, उसे साफ साफ दिखाई दे रहा था कि उसका बेटा अपनी दोनों हथेलियों को साधना की बड़ी बड़ी गांड पर रखकर उसे जोर से दबाते हुए अपने प्यासे होठों को उसकी चूत पर रख दिया,,,, यह दृश्य देखते ही आराधना के तन बदन में आग लग गई,,,, उसे कुछ समझ में नहीं आया कि यह क्या हो रहा है,,,, अपनी उखडती सांसो को दुरुस्त करके वह फिर से उसे दृश्य मैं अपना दिलो दिमाग लगा दी संजू पागलों की तरह जीभ निकाल निकाल कर साधना की चूत को चाट रहा था उसमें लब लबाकर मदन रस नीचे टपक रहा था जिसे संजू अपनी जीभ का सहारा देकर अपने गले के नीचे गटक रहा था वह अपनी मौसी की चूत से निकला एक बूंद भी नीचे जमीन पर गिरने नहीं देना चाहता था,,,, साधना पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थी वह अपनी आंखों को बंद करके संजू के बाल को पकड़कर जोर से अपनी चूत पर दवाई हुई थी,,,, एक पल के लिए तो साधना की साड़ी कमर से नीचे गिर गई और संजू पूरी तरह से उसकी साड़ी के अंदर समा गया यह नजारा बेहद कामुकता से भरा हुआ थाऐसा लग रहा था कि साधना चोरी-छिपे एक जवान लड़के को अपनी साड़ी में घुसा कर अपनी चूत का स्वाद चखा रही है,,,,

आराधना के कानों में साधना की हल्की हल्की गर्म सिसकारी की आवाज सुनाई दे रही थी जो कि बयां कर रही थी कि उसे कितना मजा आ रहा है आज तक आराधना में इस तरह का आनंद नहीं ली थी इसलिए यह दृश्य को देखने में उसके तन बदन में अजीब सी खलबली मची हुई थी,,,,,अपनी आंखों से अपने बेटे की हरकत देखने पर भी उसे विश्वास नहीं हो रहा था जिसे वह अभी भी मासूम समझती थी वह पूरा मर्द हो चुका था और अपनी मर्दानगी से एक औरत की प्यास बुझाने में लगा था,,,,।


सहहहह आहहहहहहहहह,,,, संजू मेरे लाल पूरी जीभ डालकर चाट,,,,आहहहहहह कमरे में चलते तो और मजा आ जाता मैं पूरी नंगी होकर तुझे मजा देती,,,,, उस दिन की तरह,,,,,,।

(अपनी बड़ी बहन की यह बात सुनते ही आराधना में अंदाजा लगा ले कि उसकी बहन उस दिन वाली बात कर रही है जब उसके घर आई थी उसी रात को वह संजू के कमरे में सोई थी और उसी दिन सब कुछ हुआ था,,, आराधना का दिमाग चकरा रहा था,,,,उसे समझ में नहीं आ रहा था कि पहले पहल किसने किया होगा उसके बेटे ने या उसकी बड़ी बहन ने,,,,, यह सब ख्याल दिमाग में आते ही वह किसी ख्यालों में खोने लगती तो वह कुछ देर के लिए अपने ख्यालों को एक तरफ करके वापस अपना सारा ध्यान उन दोनों पर केंद्रित कर दे रही थी,,,, अब आराधना को साफ नजर आ रहा था कि उसकी बड़ी बहन अपनी चूत को गोल-गोल घुमाते उसके बेटे के चेहरे पर रगड़ गई थी और उसका बेटा उसकी नंगी गांड को जोर जोर से दबा रहा था,,,,आराधना को अपनी बड़ी बहन के चेहरे को देख कर ही पता लग रहा था कि वह आनंद के सागर में डूब रही है,,,,आराधना को समझ में नहीं आ रहा था कि उसका बेटा उसकी बड़ी बहन को इतना ज्यादा मजा दे रहा है कि साधना सब कुछ भूल चुकी है,,,, कुछ देर तक यह नजारा इसी तरह से चलता रहा,,,,, साधना संजू के बाल को पकड़कर उसके चेहरे को अपनी चूत से दूर करते हुए बोली)

हाय बस कर मेरे राजा दो बार तूने मेरा पानी निकाल दिया है,,,(अपनी बड़ी बहन की बात सुनकर आराधना को यह पता चला कि संजू ने अपनी हरकत से ही 2 बार उसकी बड़ी बहन को झाड़ चुका था यह आराधना के लिए सोचने वाली बात थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि चूत में बिना लंड डाले उसके बेटे ने उसकी बड़ी बहन का दो बार पानी कैसे निकाल दिया,,,, अगर कोई उसे किसी और से मैं यह बात कहता तो शायद उसे विश्वास नहीं होता लेकिन इस समय जो दृश्य अपनी आंखों से देख रही थी और अपनी बहन की बात को सुन रही थी उसे सुनकर आराधना के पास विश्वास करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं था,,,) अब मेरी चूत की खुजली तू अपने लंड से मिटाएगा,,,,,आहहहह बहुत दिन हो गए हैं तेरे लंड को अपनी चूत में लिए,,,,,,।

चूत में लेने से पहले मौसी एक बार अपने मुंह में लेकर इसी और ज्यादा गर्म कर दो,,,(संजू खड़े होते हुए बोला और इसी के साथ ही वह अपनी पेंट उतारने लगा देखते ही देखते संजू अंडरवियर सहित अपने पेंट को अपने घुटनों तक खींच दिया था,,,, उसका मोटा तगड़ा लंड हवा में लहराने लगा,,,, यह अद्भुत अविस्मरणीय अकल्पनीय नजारा आराधना के लिए पहली बार था वह पहली बार अपने बेटे के लंड को अपनी आंखों से देख रही थी जो की हवा में लहरा रहा था,,, आराधना की तो आंखें खुली की खुली रह गई उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह हकीकत में देख रही है या कोई सपना है,,,, तुरंत ही आराधना अपने बेटे के लैंड की तुलना अपने पति से करने लगी जिसके आगे उसके पति का लंड कुछ भी नहीं था,,,, उत्तेजना और आश्चर्य के मारे आराधना का गला सूखने लगा वह अपने थुक से अपने गले को गिला करते हुए,,अपने बेटे के लंड को देख रही थी जो कि उसका बेटा अपने हाथ में लेकर उसे ऊपर नीचे करके खिला रहा था और हिलाते समय तो उसका लंड और भी ज्यादा हाहाकार मचा रहा था,,,, साधना संजू कै लंड को दो-तीन बार अपनी चूत में ले चुकी थीइसलिए बिना आश्चर्य के अपना हाथ आगे बढ़ाकर संजू के लंड को पकड़ ली और उसे मुठीयाते हुए बोली,,,,।


हाय मेरे राजा तेरे लंड को देख लेती हूं तो फिर से जवान हो जाती हूं,,,,


तुम अभी भी पूरी तरह से जवान हो मौसी तुम्हारी चूत एकदम टाइट है लगता ही नहीं कि मैं दो दो बच्चों की मां को चोद रहा हूं,,,,(ऐसा कहते हुए संजू अपना दोनों हाथ साधना के कंधों पर रखकर उसे नीचे की तरफ दबा रहा था बैठने के लिए और साधना भी संजू के इशारे को अच्छी तरह से समझ रही थी,,, वह भी तुरंत घुटनों के बल बैठ गई यह देखकर आराधना का दिल जोरो से धड़कने लगा उसका बेटा एकदम खुलकर गंदी बात कर रहा था उसकी चूत के बारे में बातें कर रहा था उसकी चूत की तारीफ कर रहा था आराधना को समझ में नहीं आ रहा था कि उसके जवान बेटे को,, 2 2 जवान बच्चों की मां की चूत एकदम टाइट लग रही थी,,,,लेकिन अगले ही पल उसे समझते देर नहीं लगी कि उसके बेटे का लंड कुछ ज्यादा ही मोटा है शायद इसीलिए साधना की चूत उसे टाइट लग रही है,,,फिर ना चाहते हुए भी अच्छा ना कि उसके मन में ख्याल आया कि जब साधना की चूत से भी टाइट लग रही है तो अगर वह मेरी चूत में डालेगा तो क्या होगा,,,, ऐसा मन में सोचते ही आराधना का दिल धक से करके रह गया,,,, वह अपने होंठों पर हाथ रखकर मानो कि जैसे अपने आप को ही चुप रहने का संकेत दे रही हो,,,,यह ख्याल उसके मन में अनजाने में ही आया था लेकिन इस ख्याल से उसके तन बदन में अद्भुत उत्तेजना का संचार हुआ था उसकी चूत से मदन रस की बूंद टपकने लगी थी,,,। एक गहरी सांस लेकर फिर से उस धीरे से पर ध्यान केंद्रित कर दी,,,।

साधना बेझिझक संजू के लंड को अपने गले तक लेकर चूस रही थी यह देखकर आराधना की हालत खराब होती जा रही थी क्योंकि आराधना ने आज तक इस तरह की हरकत अपने मन से कभी नहीं की थी उसके पति ने जबरदस्ती ही यह काम कभी कभार कराया था,,,,,, साधना बड़ी मस्ती के साथ संजू की लंड को चूस रही थी संजू पूरी तरह से मस्त होकर साधना के रेशमी बालों में उंगली डालकर उसके सर को सहलाते हुए अपनी कमर हिला रहा था,,,, आराधना के लिए यह दृश्य को देखना बेहद गंदा और संस्कार के खिलाफ था लेकिन इस दृश्य में ना जाने कैसा आकर्षण था कि वह अपने आप को उस दृश्य को देखने से रोक भी नहीं पा रही थी,,,आराधना अपने बेटे को देख रही थी उसके चेहरे को देख रही थी उसके बेटे के चेहरे पर संतुष्टि के भाव नजर आ रहे थे उसके मन में बिल्कुल भी गिलानी नहीं थी कि जिस औरत के मुंह में वह अपना लंड डाला है वह उसकी मौसी है उसकी मां की बड़ी बहन,,,,आराधना अपने मम्मी सोचने लगी थी क्या वासना की आग बुझाने में रिश्तो के कोई मायने नहीं होते,,,फिर अपने इसी सवाल का अपने आप ही जवाब देते हुए बोली नहीं होते शायद अगर ऐसा होता तो शायद जिस तरह का दृश्य अपनी आंखों से देख रही है ऐसा कभी नहीं होता,,,,।

ओहहह मौसी पूरा अंदर तक लो अभी तुम्हारी चूत में दंगल मचाएगा,,,,आहहहहहह बहुत मजा आ रहा है मौसी एकदम चूत की तरह मजा दे रही हो,,,,आहहरहह आहहहहहह मौसी एकदम गजब,,,,।
(आराधना अपने बेटे की बात को सुनकर मदहोश में जा रही थी अपने आप ही उसकी हथेली साड़ी के ऊपर से ही चूत के ऊपर आ गई थी जिसे वह हल्के हल्के अपनी हथेली का दबाव दे रही थी,,,, कुछ देर तक यह दृश्य इसी तरह से चलता रहा पीछे मुड़कर दीवाल की तरफ आराधना देखी तो घड़ी में 3:00 बज रहे थे,,,, समय इतनी जल्दी-जल्दी बीत रहा था पता ही नहीं चल रहा था,,,,

थोड़ी देर बाद दोनों खड़े हो गए,,,


अब यहां पर कैसे लेगा संजु,,,,

(आराधना अपनी बहन की यह बात सुनकर हक्की बक्की रह गई क्योंकि वह अपनी बहन की बात के मतलब को अच्छी तरह से समझ रही थी,,,,,)

दीवार के सहारे खड़ी हो जाओ मासी अपनी गांड बाहर निकाल कर पीछे से लूंगा मैं तुम्हारी,,,।

(दोनों की वार्तालाप इतनी गरमा गरम थी की आराधना ना चाहते हुए भी,,, मदहोशी के आलम में अपनी साड़ी को धीरे धीरे करके कमर तक उठा दिया और पैंटी के ऊपर से अपनी चूत पर अपनी हथेली रख दी,,,आराधना को साफ महसूस हो रहा था कि उत्तेजना की मारी उसकी चूत कचोरी की तरह फुल चुकी थी,,,,और आराधना की आंखों के सामने ही उसकी बहन संजू के कहे अनुसार दीवाल का सहारा लेकर खड़ी हो गई थी और अपनी गांड को बाहर की तरफ निकाली हुई थी उसकी साड़ी कमर तक चढ़ी हुई थी उसकी बड़ी बड़ी गांड आराधना को एकदम साफ नजर आ रही थी संजू अपनी मौसी की बड़ी बड़ी गांड देखकर एकदम मदहोश होता हुआ उस पर जोर से दो चपत लगा दिया गांड पर पड़ी चपत की आवाज इतनी जोर से थी कि साधना बोली,,,)

पागल हो गया है क्या रे आवाज सुनकर किसी की नींद खुल गई तो गजब हो जाएगा,,,

सॉरी मौसी तुम्हारी गांड है इतनी लाजवाब कि रहा नहीं गया,,,,।

चल अब शुरू हो जा मुझसे रहा नहीं जा रहा है,,,,।


(संजू बिल्कुल भी देर किए बिना ही अपने लंड को पकड़ कर एक कदम आगे बढ़ा और अपनी मौसी की गांड को पकड़कर थोड़ा सा ऊपर अपने हिसाब से कर लिया और उसके गुलाबी छेद में अपना लंड डालने लगा,,, साधना की चूत पहले से ही पानी पानी हो गई थी इसलिए बड़े आराम से लंड का सुपाड़ा प्रवेश कर गया यह देखकर आराधना भी हैरान थी वह समझ गई कि दोनों के बीच का ही बार चुदाई हो चुकी है,,,संजू का लंड साधना की चूत में गया और आराधना मदहोश होकर अपनी पेंटी में अपना हाथ डाल दी उसकी चूत भी पूरी तरह से गीली हो चुकी थी,,,, संजू अपने लंड को धीरे-धीरे पूरा का पूरा डाल कर,,, अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया,,, आराधना जिंदगी में पहली बार चुदाई देख रही थी और वह भी अपनी बड़ी बहन की जिसे उसका ही जवान बेटा चोद रहा था संजू की कमर हिलते हुए देखकर आराधना पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी,,,वह कभी सोची भी नहीं थी कि उसका बेटा भी किसी औरत की चुदाई करेगा और मर्दों की तरह अपनी कमर आगे पीछे करके चुदाई करते हुए मजा लेगा,,, इसलिए यह दृश्य आराधना के लिए बेहद कामोतेजना से भरा हुआ था,,,,,।


सहहहहह आहहहहहह आहहहहह संजू मेरे बेटे जोर जोर से धक्का लगा,,, बहुत मजा आ रहा है रे,,,, तेरा लंड एकदम मुसल की तरह है,,,,आहहहहह।

तुम्हारी चूत भी एकदम मक्खन मलाई की तरह है मौसी,,, एकदम शट-शट जा रहा है,,, हाय तुम्हारी चूचियां,,,,(इतना कहने के साथ ही अपने दोनों हाथों को आगे की तरफ बढ़ाकर उसकी दोनों चूचियों को पकड़ते हुए,,) बहुत लाजवाब है मौसी इन्हें दबाने में पकड़ने में इतना मजा आता कि पूछो मत,,,,(ऐसा कहते हुए संतोष जोर-जोर से अपनी कमर आगे पीछे हिला रहा था आराधना तो यह देखकर पूरी तरह से बेताब हुए जा रही थी,,,उसकी उंगली कब उसकी चूत में प्रवेश करके उसे पता ही नहीं चला और वह अपनी उंगली को अंदर बाहर करने लगी,,,, अद्भुत नजारा बना हुआ था कमरे के बाहर और कमरे के अंदर कमरे के बाहर भतीजा और मौसी चुदाई में लगे हुए थे और अंदर कमरे में दरवाजे की ओट में छिप कर आराधना उत्तेजना से भरे दृश्य को देखकर अपनी चूत में उंगली अंदर बाहर कर रही थी,,,, आराधना को अपनी बहन की गर्म सिसकारियों की आवाज एकदम साफ सुनाई दे रही थी,,, उस गरमा-गरम सिसकारियों की आवाज सुनकर आराधना का मन मचल रहा था,,,, अपनी चूत में उंगली करते हुए आराधना का भी मन गरम सिसकारियां निकालने को कर रहा था क्योंकि उसे भी बहुत मजा आ रहा था,,,

सामने का दृश्य और भी ज्यादा गरमा गरम हुआ जा रहा था उन दोनों की गरमा गरम बातें और दोनों की हरकतें एकदम जानलेवा लग रही थी आराधना के दिलों दिमाग पर यह दृश्य पूरी तरह से अपनी छाप छोड़ रहा था अपने भतीजे का साथ देते हुए साधना भी अपनी बड़ी बड़ी गांड को पीछे की तरफ ठेल रही थी,,,चुदाई का अद्भुत दृश्य आराधना अपनी आंखों से देख रही थी उसे जब देखने में इतना मजा आ रहा था तो साधना को कितना मजा आ रहा होगा यही सोचकर वह हैरान थी,,,,, एक बार फिर से घड़ी की तरफ देखी तो 3:30 बज रहे थे ,,,, आराधना हैरान थी इस बात से की साधना की चुदाई करते आधा घंटे का समय बीत चुका था लेकिन उसके बेटे का पानी अभी तक नहीं निकला था जबकि वह अपना अनुभव देख रही थी महसूस कर रही थी उसके पति का जाते ही 2 मिनट में निकल जाता था,,,,आराधना को समझ में नहीं आ रहा था किसका बेटा आधा घंटा तक कैसे उसकी मौसी की चुदाई कर रहा है और तकरीबन डेढ़ 2 घंटा तो उसके जिस्म से खेलने में ही लग गया था,,,, इस बात का एहसास आराधना को और ज्यादा उत्तेजित कर रहा था और वह बड़ी तेजी से अपनी चूत में उंगली अंदर बाहर कर रही थी,,,।

चारों तरफ सन्नाटा छाया हुआ था सड़क पर किसी भी वाहन के आने-जाने की आवाज बिल्कुल भी सुनाई नहीं दे रही थी और ऐसे सन्नाटे भरी रात में केवल कमरे में साधना की हल्की हल्की गर्म सिसकारी की आवाज ही गुंज रही थी,,,,उत्तेजना और मदहोशी में अपनी ही उंगली से आराधना पानी छोड़ चुकी थी लेकिन अभी भी संजू बरकरार था आराधना को एकदम साफ नजर आ रहा था कि उसके बेटे का मोटा तगड़ा लंबा लंड उसकी बड़ी बहन की चूत में बड़े आराम से अंदर बाहर हो रहा था अपने बेटे के लंड को अंदर बाहर होता हुआ देखकर रह रह कर आराधना का भी ईमान डोलने लग रहा था,,,,

तकरीबन 10 मिनट बाद साधना की गरम सिसकारी की आवाज तेज हो गई,,,, ऐसा लग रहा था कि वह अपने चरम सुख के बेहद करीब पहुंच रही थी और यही हाल संजू का भी था,,,,


मैं झड़ने वाली हूं संजू,,,,आहहहहह मेरा होने वाला,,, है,,,आहहहहह,,,


चिंता मत करो मौसी मैं भी आने वाला हूं,,,(और इतना कहने के साथ ही वह कसके साधना की कमर को पकड़ लिया और तेज रफ्तार से धक्के पर धक्के लगाने लगा,,,,)

आहहहहह मैं तो गई आहहहहहहह संजू मैं तो गई,,,,,।
(संजीव को अपनी मौसी की चूत का कसाव अपने लंड पर बढ़ता हुआ महसूस हुआ वह समझ गया की मौसी का पानी निकल रहा है और वह भी तेज धक्के लगाते हुए झडने लगा,,, संजू अपनी मौसी की चूत में पानी निकालते हुए उसकी पीठ पर सर रखकर हांफने लगा था,,, अब आराधना के लिए वहां खड़ा रहना उचित नहीं था इसलिए वह तुरंत बिस्तर पर आ कर लेट गई और अपने कपड़े को व्यवस्थित कर ली थोड़ी देर बाद साधना भी कमरे में आई और उसके बगल में बिना कुछ आवाज कीए लेट गई,,,।
बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है
संजू और साधना दोनो घर की सीढ़ियों पर चुदाई में लगे हुए हैं निडर होकर लेकिन आराधना की नीद खुल जाती है और अपने पास साधना को न पाकर और फुसफुसाने की आवाज सुनकर वह देखती है कि साधना संजू से बड़े मजे लेकर चूद रही है वह संजू और साधना को खरी खोटी सुनाना चाहती है लेकिन उनकी चुदाई देखकर उत्तेजित हो जाती है और अपने हाथ से अपनी बुर को सहलाती है और पानी छोड़ देती है साधना और आराधना दोनो शांत होकर सो जाती है देखते हैं अब आराधना क्या करती है
 
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