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Incest मजबूरी या जरूरत

Vinita

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वाह रोनी भैया क्या जबरदस्त अपडेट दिया है, बहुत समय बाद आपने इतना कामुक अपडेट आपने अपनी शैली में लिखा है, सचमुच मज़ा💦 आया ।
आपकी कहानियाँ एसे ही चलती है जैसे कोई घटनाक्रम चल रहा हो। 💯💯💯💯💯💯💯💯💯💯💯💯💯
 

rohnny4545

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वाह रोनी भैया क्या जबरदस्त अपडेट दिया है, बहुत समय बाद आपने इतना कामुक अपडेट आपने अपनी शैली में लिखा है, सचमुच मज़ा💦 आया ।
आपकी कहानियाँ एसे ही चलती है जैसे कोई घटनाक्रम चल रहा हो। 💯💯💯💯💯💯💯💯💯💯💯💯💯
Dhanyawad
 

Sunny1990

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संजू की तडप बढ़ती जा रही थी,,,,,, उसकी मां का वह रूप जो उसने अपनी आंखों से देख लिया था और वह भी पहली बार उसका पूरा नंगा बदन उसकी आंखों में वासना की चमक को और ज्यादा बढ़ा रहा था उसकी भावनाएं काबू में बिल्कुल भी नहीं थी,,, बार-बार उसकी आंखों के सामने उसकी मां का अर्ध नग्न बदन नजर आ रहा था,,, उसके बदन मे चुदास की लहर उठ रही थी,,, जब से वह अपनी मौसी की चुदाई कर लिया था तब से औरत को चोदने का उसकी तडप बढ़ती जा रही थी,,,जिसकी बदौलत वहां कॉलेज की जगह अपनी मौसी के घर जा रहा था उसे पता नहीं था कि वहां क्या होने वाला है फिर भी एक आस लेकर वह अपनी मौसी के घर जा रहा था कि उसे चुदाई करने का सुख प्राप्त हो जाएगा,,,,,।



,, तकरीबन 1 घंटा पैदल चलने के बाद वह अपने मौसी के घर पहुंच गया,,, वह ऑटो करके भी जा सकता था लेकिन,,, उसकी मौसी जा रही थी वहां तक का किराया कुछ ज्यादा था तो वापस आने में दिक्कत हो जाती है इसलिए वह पैदल ही चल दिया था,,,, संजू की मौसी का घर अच्छा खासा था क्योंकि घर में आवक काफी थी और सुकून था,,,, संजू का दिल जोरों से धड़क रहा था क्योंकि वह पहले कभी अपनी मौसी के घर अकेले या नहीं जब भी आता था अपनी मां के साथ आना था और वह भी कभी-कभार ही आया था,,,, अपनी मौसी के अलावा वह अपनी मौसी के घर में किसी से बातचीत ज्यादा किया नहीं था इसलिए थोड़ा असहज महसूस कर रहा था,,, मौसी के भी एक लड़का और एक लड़की थी जो कि उसके हम उम्र ही थे,,,,,, मेन गेट खोल कर वहां अंदर प्रवेश किया,,, उसका दिल जोरों से धड़क रहा था उसे समझ में नहीं आ रहा था कि अंदर क्या होने वाला है जिस काम के लिए वह इतनी आस लगाकर इधर आया है वह काम होगा भी या नहीं लेकिन इस बात की तसल्ली थे कि इसी बहाने वहां अपनी मौसी के दर्शन तो कर सकेगा उसके कपड़े उतार के ऊसे नंगी ना सही कपड़ों के ऊपर से तो उसके अंगों का दीदार कर पाएगा,,,, हां इस बात का मलाल रह जाएगा कि इतनी दूर आने के बावजूद भी वह अपनी मौसी के खूबसूरत बदलता लुफ्त उठा नहीं पाया ब्लाउज के ऊपर से ही उसकी चुचियों को दबा नहीं पाया,,,,,,, यही सब संजू के मन में चल रहा था,,,, और देखते ही देखते खयालों के बवंडर में उलझते हुए वह दरवाजे तक पहुंच गया,,, उसे समझ में नहीं आ रहा था कि दरवाजे पर दस्तक दे या ना दे वह सोच रहा था कि उसे यहां पर देखकर उसकी मौसी क्या सोचेगी क्योंकि पहले तो वह कभी इस तरह से अकेले आया नहीं था,,,, वह अपने मन में यह भी सोच रहा था कि उसे अपने घर पर देख कर उसकी मौसी जरूर यह सोचेगी कि वह उसे चोदने के लिए आया है,,,।यह सब सोचते हुए संजू कुछ देर तक दरवाजे के बाहर क्यों ही खड़ा रहा और अपने चारों तरफ नजर घुमाने लगा,,,, गेट के अंदर मोटरसाइकिल और स्कूटी खड़ी थी जिसे देखकर संजीव दिल और जोरो से धड़कने लगा क्योंकि मोटरसाइकिल और स्कूटी की उपस्थिति के यह साबित हो रहा था कि घर में मौसी का लड़का और लड़की दोनों मौजूद होंगे,,,यह देख कर उसे अपने अरमानों पर पानी फिरता हुआ नजर आने लगा,,,, कॉलेज मैं ना जाने के बजाज इधर आने का मकसद उसका पूरा होता हुआ नजर नहीं आ रहा था,,,उसे समझ में नहीं आ रहा था कि अब वह क्या करें यहां से वापस चला जाए या फिर मौसी से मिलकर ही जाए,,,,,,फिर वह अपने मन में ठान लिया कि आज वह मौसी से मिलकर ही जाएगा क्या पता उसकी किस्मत का ताला खुल जाए,,, यही सोचकर वह दरवाजे पर लगी बेल बजा दिया,,,,, और थोड़ी ही देर में दरवाजा खुला तो ,, संजू की आंखें फटी की फटी रह गई सामने मौसी खड़ी थी उन्होंने ही दरवाजा खोला था लेकिन इस समय जिस हालत में थी उसे देखते ही संजू के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी उसके मुंह में पानी आने लगा,,, क्योंकि साधना कपड़े धोते हुए सीधे इधर आ गई थी उसे लगा था कि शायद,,, उसकी पड़ोसन आई है इसीलिए वह इस हालत में आ गई थी साड़ी को वह थोड़ा ऊपर उठाकर कमर में खोंस रखी थी और साड़ी थोड़ा नीचे बात हुई थी जिसकी वजह से उसकी गहरी नाभि के साथ-साथ नाभि के नीचे वाला हिस्सा काफी नजर आ रहा था अगर सारी थोड़ी एक अंगूल और नीचे होती तो शायद संजू को अपनी मौसी के झांट का बाल भी नजर आने लगता,,,,संजू पल भर के लिए पूरी तरह से मस्त हो गया और अपनी मौसी की खूबसूरती के आकर्षण में एकदम से खो गया,,, संजू अपनी मौसी को ऊपर से नीचे का नजर भर कर देख रहा था साड़ी पूरी तरह से भेजी थी जिसकी वजह से उसकी छातियों से चिपकी हुई थी और ब्लाउज भी गीला हो गया था ऊपर के दो बटन खुले हुए थे आधे से ज्यादा चूचियां नजर आ रही थी,,, जिसे देखकर संजू के मुंह में पानी आ रहा था,,, पैरों की तरफ नजर ले गया तो घुटनों तक साड़ी ऊपर उठी हुई थी जिससे उसकी नंगी चिकनी पिंडलिया साफ नजर आ रही थी,,,,,, इस अवस्था में देखकर संजू पूरी तरह से उत्तेजित हो गया था संजु अपने मन में सोच रहा था,,की मौसी जितनी सेक्सी कपड़े उतार कर नंगी हो जाने के बाद दीखती है उतनी ही सेक्सी कपड़ों में इस अवस्था में भी दिख रही है,,,,संजू के मुंह से तो एक भी शब्द नहीं निकल रहे थे दरवाजा खोलने पर सामने एक जवान लड़की को देखकर तो पहले साधना भी एकदम से हड़बड़ा गई थी है कि जब यह एहसास हुआ कि सामने संजू खड़ा है तब वह मंद मंद मुस्कुराने लगी,,,, और अपनी इस अवस्था का प्रदर्शन उसकी आंखों के सामने करने में उसे अत्यधिक उत्तेजना का अनुभव रहा था उसे अच्छा लग रहा था


और यह वह अच्छी तरह से समझ रही थी कि संजू उसके खूबसूरत बदन को ऊपर से नीचे तक प्यासी नजरों से देख कर मस्त हो हुआ जा रहा है,,,जवान लड़के को इस उमर में भी अपने बदन की तरफ आकर्षित होता देखकर साधना को बहुत खुशी और अपने बदन पर गर्व महसूस हो रहा था,,,।वह भी कुछ देर तक उसी तरह से खड़ी होकर संजु को देखती रही उसकी हरकत पर गौर करती रही,,,लेकिन उसे समझ में नहीं आ रहा था कि संजू एकाएक घर पर क्यों आ गया क्योंकि ऐसा कभी नहीं होता था फिर उसके मन में ख्याल आया कि शायद उस रात वाली घटना से संजू का मन मचल उठा,,,है,,,।और यह ख्याल मन में आते ही उसकी भी दोनों टांगों के बीच हलचल सी होने लगी वह वहीं खड़ी खड़ी है सोचने लगी कि अगर ऐसे में वह संजू से चुदवा लेती है तो कितना मजा आता है,,,क्योंकि यह बात अच्छी तरह से जानती थी कि इत्मीनान से अत्यधिक आनंद जल्दबाजी में उतावले पन मेंचोरी छिपे में आता है पर इसका आनंद लेना चाहती थी वह चित्र से जाती थी घर पर उसके बच्चे मौजूद थे जो कि एग्जाम की तैयारी में लगे हुए थे और अपने अपने कमरे में थी उसके सास और ससुर दोनों की घर में मौजूद थे,,,,उसके खुद के कमरे में उसकी लड़की है एग्जाम की तैयारी कर रही थी कोई भी कमरा खाली नहीं था वह अपने मन में सोचने लगी कि अगर ऐसे में संजू के साथ वह चुदवाना चाहेगी तो कहां चुदवाएगी,,,,यह सोचकर थोड़ा सा परेशान हो रही थी लेकिन सब कुछ अभी दरवाजे पर खड़े खड़े ही हो रहा था दोनों एक दूसरे को देखे जा रहे थे,,,,।
Sadhna or Sanju



अजीब सा रिश्ता दोनों में बंध चुका थामौसी और भतीजे के बीच शारीरिक संबंध स्थापित हो जाने के बाद दोनों को एक दूसरे के प्रति आकर्षण भी बढ़ता जा रहा था,,,,, दोनों एक दूसरे के बीच पवित्र रिश्ते को नहीं देख पा रहे थे और संजू अपनी मौसी कि ना तो उम्र देख पा रहा था और ना ही,,, उसके बीच के पवित्र रिश्ते को बस वह अपनी मौसी को एक औरत के नजरिए से देखता था जो कि कपड़े उतारने के बाद एक औरत ही नजर आती थी जिसके साथ संभोग सुख प्राप्त कर चुका था और उसी लालच में उसके घर तक आ गया था,,,, संजू जवानी के दहलीज पर खड़ा था जवानी के जोश में उससे नादानी होना लाजमी था रिश्तो के बीच की मर्यादावह नहीं समझ पा रहा था लेकिन साधना तो एक उम्रदराज औरत थी उसे अपनी और अपने भतीजे के बीच के रिश्ते को समझना चाहिए था,,, उसे यह समझना चाहिए था कि संजू उसकी छोटी बहन का लड़का है लेकिन नहीं दोनों की अपनी अपनी जरूरतें थी साधना उम्रदराज होने के बावजूद भी कसी हुई जवानी की मालकिन थी,,,जिसके अंग अंग में से जवानी फूट रही थी जिसके कुछ अरमान थे दोनों टांगों के बीच की पतली दरार में ढेर सारी प्यास थी और संजू जवान होने के नाते वह अनुभवहीन था उसे भी अनुभव की जरूरत थी जो कि उसकी मौसी के द्वारा प्राप्त होना था और यही लालच दोनों को एक दूसरे के करीब ला रही थी,,,।

संजू और साधना दोनों दरवाजे पर काफी देर से खड़े थेदोनों के बीच किसी भी प्रकार की वार्तालाप नहीं हो रही थी दोनों की बीच की चुप्पी को साधना तोड़ते हुए बोली,,,।
Sadhna ki chudai



अरे संजू तू इधर क्या कर रहा है,,,।

वो,,वो,,,, मैं यहां से गुजर रहा था तो सोचा की मौसी से मिलता चलूं,,,,


अच्छा किया कि तू मिलने आ गया वरना तू तो आता ही नहीं है,,, आ,, अंदर आ,,(इतना सुनते ही संजू अंदर आ गया और साधना दरवाजा बंद करते हुए अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली),, वो क्या है ना कि मैं कपड़े धो रही थी इसलिए ऐसे हालत में आ गई,,,,


घर पर कोई नहीं है क्या मौसी,,,,(इस सवाल के मतलब को साधना अच्छी तरह से समझ रही थी वह भी मन में इस बात से दुखी थी की इस समय घर पर सभी लोग मौजूद थे कोई भी कमरा खाती नहीं था इसलिए उदास होते हुए बोली,,)

,, नहीं रे सब लोग घर पर ही हैं बच्चों की एग्जाम शुरू होने वाली है इसलिए दोनों तैयारी कर रहे हैं सांस ससुर अपने कमरे में है,,,।
(जिस रूखे पन से साधना ने संजू के सवाल का जवाब देती संजू अच्छी तरह से समझ रहा था कि इस बात का दुख उसकी मौसी को भी है,,,,,, दोनों एक दूसरे को सवालिया नजरों से देख रहे थे,,अब क्या करें कैसे करें हालांकि दोनों ने अपने मन की बात अभी तक बयां नहीं की थी लेकिन दोनों के मन में वही एक ही बात चल रही थी चुदाई,,,,जिसके लिए मौका और जगह की जरूरत थी जो कि दोनों उन दोनों के पास बिल्कुल भी नहीं था,,, साधना अपने मन में कोई ना कोई रास्ता सोच ही रही थी इसलिए एक बहाने से उसे मिलाने के लिए अपने सास-ससुर के कमरे में ले गए और वहां से फिर,,, अपने बेटे अमन के कमरे में जहां पर दोनों एक दूसरे से हाय हेलो किए और अमन वापस अपने एग्जाम की तैयारी में लग गया इसके बाद साधना संजु को,,, मनीषा के कमरे में ले गई जो कि अपने कमरे में एग्जाम की तैयारी कर रही थी दरवाजा खुला था साधना दरवाजा खोल कर संजू को भी अंदर लेकर आई लेकिन मनीषा जिस हाल में थी साधना को भी बिल्कुल भी एहसास नहीं था वह केवल छोटी सी पेंटी और टी-शर्ट में बिस्तर पर बैठकर पढ़ रही थी,,,, दरवाजा खुलते ही मनीषा की नजर जैसे ही पीछे गई तो अपनी मां के साथ संजू को आया देखकर वो एकदम से शर्मा गई,,, लेकिन एकदम सहज होते हुए संजू से हाय हेलो की संजू तो उसे देखता ही रह गया वह भी अपनी मां की तरह बेहद खूबसूरत गोरी चिट्टी थी,,,, टी-शर्ट ना उसके दोनों नारंगीया उभरी हुई नजर आ रही थी जिसकी निप्पल भी टी-शर्ट के ऊपरी सतह पर झलक रही थी,,,,। साधना समझ गई कि उसे इस हाल में संजू को या नहीं लेकर आना चाहिए था और इशारे में मनीषा भी अपनी मां को यही समझाते हुए बोली,,,।
Sanju Sadhna ki chudai karta hua


क्या मां मुझे पढ़ने दो एग्जाम की तैयारी करना है,,,,


ठीक है तू पढ़ाई कर,,, छत पर कपड़े सूखने के लिए डालना है अच्छा रहने दे मैं संजू को लेकर चली जाती हूं,,,, और हां मैं तेरे लिए कॉफी भिजवाती हु,,, नहीं नहीं मैं खुद लेकर आती हूं और इतना कहकर संजू को लेकर कमरे से बाहर निकल गई संजू के तन बदन में मनीषा के खूबसूरत बदन को और उसका पहनावा देखकर एकदम उत्तेजना,,, से भर गया लेकिन कुछ बोल नहीं रहा था,,,,।


बाप रे यह बच्चे भी ना पढ़ने के चक्कर में कोई भी काम नहीं करते अच्छा हुआ तू आ गया कपड़े डालने में मुझे मदद मिल जाएगी लेकिन दुख में तेरे लिए और मनीषा के लिए कॉफी बना देती हूं,,,।
Sadhna or Sanju

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नहीं रहने दीजिए मौसी मैं चाय नाश्ता करके आया हूं मैं कॉफी नहीं पीता,,,,।
(संजू की बात सुनकर संध्या अपने मन में सोचने लगी कि बेटा तुझे तो मैं अपना दूध खुद तेरे मुंह में डालकर पी लेना चाहती हूं लेकिन क्या करूं यहां मौका ही नहीं है,,, फिर भी वह बोली,,) ठीक है तू रुक मैं जल्दी से कॉफी बनाकर मनीषा के कमरे में पहुंचा कर आती हूं,,,,(और इतना कहने के साथ ही व रसोई घर में चली गई और कॉफी बनाने लगी थोड़ी देर में वहां कॉफी का मग कुछ ज्यादा ही भर कर अपनी बेटी के कमरे में लेकर गई वह जानबूझकर कॉफी का मग भरकर पहुंचाई थी ताकि वह कॉफी पीती रही हो कमरे से बाहर ना आए,,,,,। कॉफी को कमरे में लेकर पहुंचते ही मनीषा थोड़ा सा गुस्सा दिखाते हुए बोली,,)

क्या मम्मी तुम भी देखती नहीं हो कि मैं किस हालत में हूं बस लेकर चली आती हूं


बेटा इसमें तो तेरी गलती है मुझे क्या मालूम था कि तो छोटी सी चड्डी पहन कर पढ़ाई कर रही है,,,।


ठीक है ठीक है,,, लाओ कॉफी दो,,,
(साधना कॉफी देकर कमरे से बाहर आ गई,,, और संजू को लेकर बाथरूम की तरफ आ गई क्योंकि ढेर सारे कपड़े बाल्टी में रखे हुए थे,,,, संजू के मन में उत्तेजना का बवंडर उठ रहा था मैं किसी भी हालत में अपनी मौसी को चोदना चाहता था लेकिन उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या कहें फिर भी हिम्मत जुटाकर वह अपनी मौसी से बोला,,,)

तुम बहुत खूबसूरत हो मौसी,,,
(संजू के मुंह से अपनी खूबसूरती की तारीफ सुनकर वह संजू की तरफ देखने लगी और बोली,,)

इतनी दूर से मेरे घर तु यह कहने के लिए आया है,,, ऐसा तो बिल्कुल भी नहीं है तेरे मन में कुछ और चल रहा है तु यहां एक बहाने से आया है,,,(साधना मुस्कुराते हुए बोली संजू को समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या बोलेअच्छी तरह से जानता था कि साधना जो कुछ भी अपने मन में सोच रही है वही सच है वह किसी और बहाने से किसी और मकसद से इधर आया था साधना के भी तन बदन में उत्तेजना की चिंगारियां फुट रही थी संजू के मोटे तगड़े लंबे लंड को अपनी बुर में लेकर वह और भी ज्यादा प्यासी होती जा रही थी,,,उस दिन से लेकर आज तक उसी से बर्दाश्त नहीं हो रहा था वह दिन-रात संजू के बारे में ही सोच रहे थे और आज संजु उसकी आंखों के सामने था संजू के शर्मीले पन के स्वभाव को अच्छी तरह से समझ रही थी वह इतनी हिम्मत दिखाकरउसके घर तक आया था यही बहुत था अब आगे साधना को हिम्मत दिखाना था इसलिए वहां संजू से बोली,,)


संजू तेरे में बहुत दम है उस दिन की रात में कभी भूल नहीं पाती मुझे बहुत मजा आया था तुझे आया था कि नहीं,,

संजू बोला कुछ नहीं बस आने से हिला दिया क्योंकि अपनी मौसी की बात सुनकर उसकी उत्तेजना बढ़ती जा रही थी साधना चोर नजरों से उसकी पेंट की तरफ देखी तो उसमें तंबू बनाना शुरू हो गया था साधना समझ गए कि मामला कुछ गंभीर है,,,
Superb
 
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