sexyswati
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वॉव अब तो मोहिनी भी मां को भाई से चुदाने में मदद करेंगी बहन हो तो ऐसी
बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट हैस्वप्नदोष की स्थिति में गहरी नींद में सो चुकी थी और उसे मोहिनी ही जगाई इसलिए वह झट से उठकर काम में लग गई थी लेकिन उसका काम में बिल्कुल भी मन नहीं लग रहा था क्योंकि आज तक उसने इस तरह का सपना नहीं देखी थी,,,, सपना भी एकदम हकीकत की तरह हो सकता है उसे विश्वास नहीं हो रहा था सब कुछ एकदम हकीकत ही तो लग रहा था वह बैठे-बैठे इसी बारे में सोच रही थी कि कैसे उसका बेटा उसके कमरे का दरवाजा खोल कर आया था उसके करीब बैठा था और अपने हाथों से ब्लाउज का बटन खोला था सब कुछ एकदम हकीकत मतलब कि जैसे उसकी आंखों के सामने हो रहा है,,, उसका अपने हाथों से साड़ी उतार कर अलग करना ब्लाउज के बटन खोल कर उसकी नंगी चूचियों को जोर जोर से दबा कर मुंह में लेकर पीना और साड़ी उतारने के बाद पेटीकोट की डोरी खोल कर,,, उसे उतारने की कोशिश करना है और खुद उसका हकार करते हुए अपनी भारी-भरकम गांड को हवा में उठा देना और उसके बेटे का मौके का फायदा उठाते हुए पेटीकोट के साथ पैंटी भी उतार देना पलभर में ही उसका अपने ही हाथों से नंगी कर देना,,, और अपने हाथों से ही दोनों टांगों को फैला कर टांगों के बीच आ जाना सब कुछ तो हकीकत लग रहा था और उस पल को उस एहसास को वह कैसे बोल सकती है जब अपनी चूत पर अपने बेटे की होंठों का स्पर्श महसूस की थी एकदम से झनझनाहट पूरे बदन में फैल गई थी,,, पहली बार आराधना अपनी चूत पर जवान होठो और जीभ का स्पर्श महसूस कर रही थी,,,, और फिर एक झटके में ही पूरा का पूरा लंड और चूत में डाल देना सपना होते हुए भी सब कुछ हकीकत सा लग रहा था तभी तो उसका पानी निकल गया था,,,,,।
झाड़ू लगाते समय आराधना रात के सपने के बारे में ही सोच रही थी,,, उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करें,,, पहली बार सपने में ही सही संभोग के अद्भुत सुख का एहसास उसे हुआ था एक परम तृप्ति का एहसास पहली बार उसे हुआ था और वह भी अपने बेटे के द्वारा भले ही सपने में लेकिन अकल्पनीय सुख को महसूस करके वह बार-बार गीली हो जा रही थी,,,,।
नाश्ता तैयार कर चुकी थी थोड़ी ही देर में संजू और मोहिनी दोनों नाश्ता करके कॉलेज के लिए निकल गए थे और वह से भी ऑफिस के लिए तैयार होना और थोड़ी ही देर में वह भी नाश्ता करके घर से निकल गई,,,।
दूसरी तरफ कोचिंग क्लास का कार्यभार बड़े अच्छे से चल रहा था संजू ने बहुत ही जल्दी सभी विद्यार्थियों में एक छाप छोड़ दिया था,,,, संजू जिस तरह से पढ़ाता था और समझाता था उसे देखकर मनीषा भी आश्चर्यचकित रह जाती थी उसे उम्मीद नहीं थी कि संजू इस कदर अपने काम में माहिर निकलेगा लेकिन धीरे-धीरे संजू की ही वजह से कोचिंग क्लास का नाम फैलने लगा और धीरे-धीरे और भी विद्यार्थी कोचिंग लेने के लिए आने लगे,,,, संजू का आकर्षण मनीषा के प्रति दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा था वह पढ़ाते समय तिरछी नजरों से मनीषा की तरफ देख लेता था कभी और सलवार कमीज पहनकर आती तो कभी जींस और टीशर्ट और दोनों धरा के कपड़ों में वह कयामत लगती थी,,,, कसी हुई सलवार से बाहर जाती है उसकी सुडौल और सुगठित गांड हमेशा से संजू की उत्तेजना का केंद्र बिंदु बना रहता था छातियों की शोभा बढ़ाती उसकी दोनों नौरंगिया कुर्ती में से अपनी निप्पल को भाला बनाकर कुर्ती को छेंदने के लिए बेकरार रहती थी,,,,,,, मनीषा को भी धीरे-धीरे संजू की नजरों का पता चलने लगा था वह समझ रही थी कि संजू चोर नजरों से उसे ही देखता रहता है और मनीषा भी संजू के व्यक्तित्व के आगे आकर्षित हुए जा रही थी,,,,,,, दोनों के बीच सहज रुप ही वार्तालाप होती थी बातों में किसी भी प्रकार की अश्लीलता नजर नहीं आती थी दोनों एक दूसरे के प्रति एकदम सहज थे भले ही एक दूसरे के प्रति देना आकर्षित हो रहे थे लेकिन यह बात दोनों को ही पता नहीं था,,,दोनों सिर्फ अपना काम कर रहे थे,,,,,,।
Sadhnaa
ऐसे ही एक दिन संजू घर से निकल कर सीधा कोचिंग क्लास पहुंचने की जगह मनीषा के घर पहुंच गया वह सोच रहा था कि ऐसे में मौसी से भी मुलाकात हो जाएगी और मुलाकात करने के बहाने अगर मौका मिला तो मौसी के संग थोड़ी मस्ती कर लेगा वैसे भी चुदाई किया उसे काफी दिन हो गए थे इसलिए लंड अपने काबू में नहीं था,,,, साधना के घर के बाहर खड़ा होकर बेल दबाने लगा,,,, और तभी थोड़ी ही देर में दरवाजा खुला तो सामने मनीषा खड़ी थी,,, मनीषा को देखकर संजू के चेहरे पर प्रसन्नता के भाव नजर आने लगे मनीषा को देखने के बाद ऐसा लग रहा था कि मनीषा अभी कोचिंग क्लास जाने के लिए तैयार नहीं हुई थी बाल बिखरे हुए थे लेकिन बिखरे हुए बालों में उसकी खूबसूरती और ज्यादा निखर कर नजर आ रही थी,,, संजू एकटक मनीषा को ही देखता रह गया और मनीषा भी मुस्कुराते हुए बोली,,,।
अरे संजू तू यहां कोचिंग क्लास नहीं गया,,,
मैं सोचा कि तुम्हारे साथ चलूंगा इसलिए यहां आ गया इसी बहाने मौसी से भी मुलाकात हो जाएगी क्यों तुम्हें अच्छा नहीं लगा क्या मेरा यहां पर आना,,,
अरे नहीं नहीं ऐसी कोई बात नहीं है,,,
नहीं ऐसी ही बात है तभी तो दरवाजे पर ही खड़ी रखी हो अंदर आने के लिए कह नहीं रही हो,,,
अरे सॉरी,,, आओ अंदर आओ इधर आने के लिए इजाजत की जरूरत थोड़ी है यह भी तो तुम्हारा ही घर है,,,
जानता हूं दीदी तभी तो बिना बुलाए चला अाता हूं,,,,(संजू घर में प्रवेश करता हुआ पूरा संजू की आवाज सुनकर तब तक साधना भी वहीं आ गई क्योंकि काफी दिनों बाद वह संजू से मिल रही थी,,,)
अरे संजू तू बहुत दिन बाद आ रहा है ईथर का रास्ता भूल गया क्या,,,,,
अरे नहीं मौसी इसीलिए तो आया हूं कि चलो मुलाकात भी हो जाएगी,,,,।
अच्छा मम्मी जब तक तुम चाय बना दो मैं नहा कर फ्रेश होकर आ जाती हुं,,,,
(नहाने की बात सुनते ही संजू के पेंट में हरकत होने लगी और यही हाल साधना का भी होने लगा अपनी बेटी से नजरें बचाकर साधना आंखों के इशारे से उसे किचन में आने के लिए बोली,,,, और जैसे ही साधना किचन में प्रवेश की संजू धीरे से किचन के दरवाजे के पास आकर खड़ा हो गया और जैसे ही बाथरूम के बंद होने की आवाजाही तुरंत संजू बिना देर किए किचन के अंदर प्रवेश कर गया और तुरंत अपनी मौसी को अपने बाहों में भरकर उसके लाल लाल होंठों पर अपने होंठ रख कर उसके होंठों का रसपान करने लगा,,, बहुत दिनों बाद दोनों मिले थे इसलिए पलभर में ही या चुंबन एकदम गहरा होने लगा दोनों तरफ से एक दूसरे के होठों का रस चूसने का सिलसिला शुरू हो गया और इसी बीच संजू अपने दोनों हाथों को पीछे की तरफ लाकर अपनी मौसी की बड़ी-बड़ी गांड को जोर-जोर से पकड़कर दबाना शुरू कर दिया साड़ी के ऊपर से ही गांड को दबाने पर वह पूरी तरह से उत्तेजित हो गया था और आगे से उसका लंड साड़ी के ऊपर से ही साधना की चूत पर ठोकर मार रहा था,,, तुरंत ही संजू का लंड एकदम अपनी औकात में आ गया था इसलिए साधना बोली,,,।
Aradhna ki badi gaand
तेरा लंड भी मौके की नजाकत को अच्छी तरह से समझता है तभी तो देख इतनी जल्दी खड़ा हो गया है,,।
अरे मौसी तुम्हारी चूत की खुशबू सुंघ कर मेरे लंड से रहा नहीं जाता है इसलिए तो तुरंत खड़ा हो जाता है,,,(ब्लाउज के ऊपर से चूची को दबाते हुए बोला)
हम दोनों के पास 10 मिनट का समय है 10 मिनट में मनीषा नहा कर बाहर आ जाएगी इतनी देर में तुझे जो करना है कर ले,,,(साधना एकदम से संजू को आमंत्रण देते हुए बोली,,, वैसे तो एक संपूर्ण तृप्ति भरा संभोग का एहसास दिलाने के लिए 10 मिनट काफी नहीं था लेकिन संजू को अपनी मर्दाना ताकत पर पूरा विश्वास था इसलिए इस समय उसके लिए 10 मिनट भी बहुत था इसलिए वह ज्यादा देर ना करते हुए तुरंत अपनी मौसी को पकड़कर घुमा दिया और उसे किचन का फ्लोर पकड़कर नीचे झुकने के लिए बोला,,,,)
तब देर किस बात की है मेरी रानी बस अब तुम थोड़ा सा झुक जाओ फिर देखो मेरा कमाल,,,, लेकिन मनीषा ने तो चाय बनाने के लिए बोली है,,,,।
अरे बुद्धू मैं सब जानती हूं पहले स्टॉव पर देख तो ले,,,।
(स्टॉव पर नजर पड़ते ही संजू एकदम से खुश हो गया,,, क्योंकि इस समय मनीषा कोचिंग के लिए जाती थी इसलिए साधना पहले से ही चाय बनाने के लिए रख दी थी और उसका फल उसे इस रूप में मिल रहा था,,, साधना को पता था कि उसे क्या करना है वह तुरंत झुक गई और अपनी बड़ी बड़ी गांड को हवा में ऊपर की तरफ उठा दी संजू भी देर किए बिना तुरंत अपनी मौसी की साड़ी को उठाते हुए कमर पर लाकर इकट्ठा कर दिया लाल रंग की पैंटी में मौसी की गोरी गोरी बड़ी बड़ी गांड और ज्यादा खूबसूरत लग रही थी बेटी के ऊपर से ही संजू अपनी मौसी की गांड जोर-जोर से दबाते हुए उस पर चपत लगाने लगा और फिर लाल रंग की पेंटिंग अपने दोनों हाथों से नीचे की तरफ उतारते हुए घुटनों में लाकर फंसा दिया,,,।)
सहहहरह आहहहरह मौसी तुम्हारी गांड बहुत मस्त है,,,ऊमममम,,,(और इतना कहने के साथ ही गांड की दोनों हाथों को अपने दोनों हाथों में पकड़ कर एक दूसरे के विरुद्ध खींचने लगा जिससे उसका गुलाबी छेद नजर आने लगा उसे देखकर संजू के मुंह में पानी आने लगा हुआ तुरंत नीचे झुक कर अपनी जीभ को साधना की चूत पर लगाकर उसे चाटने लगा,,, संजू की हरकत को देखकर साधना अपने मन में सोचने लगी कि मादरचोद को औरतों को खुश करने का हुनर अच्छी तरह से आता है और कुछ देर तक समझो अपनी मौसी की चूत को चार तरह चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी इसलिए तुरंत खड़ा हुआ और अपने पेंट को बिना उतारे उसमें से लंड को बाहर निकाल लिया,,,, और साधना की गुलाबी छेद में डालकर उसकी कमर पकड़ लिया और पहली बार से ही जबरदस्त धक्कों का प्रहार करने लगा हर धक्के के प्रहार से साधना के मुंह से आह निकल जा रही थी लेकिन यह आहह उसके आनंद की परिभाषा को बयां कर रहे थे,,, संजू बिना रुके लगातार अपनी मौसी की चूत में लंड पर रहा था उसकी रफ्तार बिल्कुल भी कम नहीं हो रही थी देखते ही देखते साधना की सांसें उखड़ने लगी और यही हाल संजू का भी हो रहा था वह जानता था कि उसका पानी निकलने वाला है इसलिए अपने दोनों हाथों को आगे बढ़ा कर ब्लाउज के ऊपर सही अपनी मौसी की चूची को जोर से पकड़ कर दबाते हुए अपनी कमर को मशीन की तरह चलाना शुरु कर दिया,,,,, और जैसे ही बाथरूम का दरवाजा खुला वैसे ही संजू ने अपना लावा अपनी मौसी की चूत में उडेलना शुरू कर दिया,,, संजू अपनी मौसी की पीठ पर ढेर हो गया वह जानता था कि बाथरूम से निकलकर मनीषा सीधे अपने कमरे में जाएगी और ऐसा ही हुआ और थोड़ी ही देर में दोनों संतुष्ट होकर अपने कपड़ों को दुरुस्त किए और खुद संजू चाय लेकर मनीषा के कमरे में आ गया तब तक मनीषा तैयार हो चुकी थी ना आने के बाद मनीषा की खूबसूरती और भी ज्यादा खुशबूदार और मनमोहक हो चुकी थी संजू तो देखता ही रह गया मनीषा जब उसे इस तरह से अपने आप को देखता हुआ पाई तो मुस्कुराते हुए ,,,।
बोली क्या हुआ,,,?
कककक कुछ नहीं,,,(मनीषा के ऐसे सवाल पर संजू एकदम से सकपकाते हुए बोला,,,)
तो ऐसे क्या देख रहा था,,,
कुछ नहीं देख रहा था कि तुम कितनी खूबसूरत लग रही है,,,
चल पागल जल्दी से चाय खत्म कर कोचिंग के लिए चलना है,,,,।
(मनीषा जानबूझकर बात को टालने की गरज से बोली थी लेकिन संजू के मुंह से अपनी खूबसूरती की तारीफ सुनकर मनीषा के गाल शर्म से लाल हो गए थे पहली बार किसी लड़के ने उसके सामने उसकी खूबसूरती की तारीफ करने की हिम्मत किया था मनीषा कुछ बोल नहीं पाई और जल्दी से चाय खत्म करके दोनों कोचिंग के लिए निकल गए,,,,,)
दूसरी तरफ मोहिनी घर पर पहुंच चुकी थी और चाय बना रही थी वह जानती थी कि उसकी मां किसी भी वक्त आ जाएगी इसलिए वह पहले से चाय बनाकर तैयार करना चाहती थी तभी बाहर गाड़ी की आवाज आई तो वह तुरंत दरवाजे पर आकर खड़ी हो गई लेकिन देखी तो आज उसकी मां किसी और की बाइक पर बैठ कर आई थी,,, मोहिनी या देखकर एकदम हैरान हो गए कि उसकी मां किसी गैर मर्द की बाइक पर बैठ कर आई थी और बाइक से उतरने के बाद उसी से हंस हंस कर बात कर रही थी और वह भी मुस्कुरा कर उसकी मां से बात कर रहा था मोहिनी यह देखकर अजीब सी बातों को सोचने लगी क्योंकि पहली बार मोहिनी अपनी मां को किसी गैर मर्द से बात करते हुए देख रही थी और वह भी मोहिनी के लिए बिल्कुल अनजान था,,,, वह आदमी तकरीबन 35 36 साल का था,,, गठीला बदन का ऐसा लग रहा था कि जैसे रोज जिम जाता था और काला चश्मा लगाया हुआ था ,,, चेहरा दाढ़ी और मूंछ से घिरा हुआ था जिसमें वह बेहद आकर्षक लग रहा था,,, मोहिनी देख रही थी कि उसकी मां उसे घर में ले आने के लिए जिद कर रही थी चाय पिलाने के लिए जिद कर रही थी,,,, मोहिनी पर अभी तक आराधना की नजर नहीं पड़ी थी इसलिए मोहिनी सोचने लगी कि वह तो हमेशा अपनी मां के घर पहुंचने के बहुत देर बाद आती थी कहीं ऐसा तो नहीं कि उसकी मां उसे घर में बुलाकर उससे चुदवाने का प्रोग्राम बना रही हो क्योंकि कुछ महीनों से वह औरतों की जरूरत को अच्छी तरह से समझने लगी थी और जब से उसने अपने पापा को किसी केयर लड़की के साथ गेस्ट हाउस में जाते हुए देखी थी तब से उसके सोचने का तरीका बदल चुका था उसे इस बात का डर था कि कहीं उसकी मां दूसरे मर्द के साथ संबंध ना बना ले क्योंकि औरतों की भी जरूरत होती है वह अपने आप को देख कर ही समझ गई थी क्योंकि वह अपनी जरूरत को समझते हुए अपने भाई के साथ शारीरिक संबंध बनाते चली आ रही थी,,,।
आराधना जिद कर रही थी लेकिन वह जल्दबाजी में था इसलिए किसी दिन और आने का वादा करके वहां से चला गया और जैसे ही आराधना की नजर दरवाजे पर पड़ी और मोहिनी को वहां खड़ा देखी तो एकदम से खुश होते हुए बोली,,,।
अरे मोहिनी,,, तू आ जल्दी आ गई,,,
हां मम्मी आज मैं जल्दी आ गई,,,(इतना क्या करूं अपने मन में सोचने लगी कि उसकी मां उसे जल्दी आता देखकर कितना हैरान हो गई है कहीं सही मैं तो उसने प्रोग्राम नहीं बना रखी थी,,,,, और शायद वह इंसान उसे देख लिया हो इसलिए बहाना करके चला गया मोहिनी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें को एकदम हैरान हो गई थी,,,, घर में आराधना प्रवेश कर गई और मोहिनी भी मोहिनी ने चाय बना कर रखी थी इसलिए आराधना फ्रेश होने के बाद तुरंत चाय लेकर पीने लगी,,,, मोहिनी जल्द से जल्द यह बात अपने भाई को बता देना चाहती थी इसलिए रात को जब दोनों सोने के लिए कमरे में गए तब मोहिनी अपनी मां के बारे में सोच कर हैरान भी थी और ना जाने क्यों दूसरे मर्द के साथ अपनी मां की कल्पना करके उत्तेजित हो जा रही थी इसलिए अपने भाई से पहले खुद ही वह अपने कपड़े उतार कर नंगी हो गई थी और खुद अपने भाई के कपड़े उतार कर उसे नंगा कर दी थी उसका भाई भी हैरान था कि आज उसकी बहन ज्यादा ही चुदवासी हो गई है,,,, देखते ही देखते हैं मोहिनी अपने भाई के ऊपर चढ़कर अपनी गुलाबी चूत को अपने भाई के लंड को अपने हाथों से पकड़ कर उसे अपनी चूत का रास्ता दिखाते हुए,,, गरम सिसकारी लेते हुए बोली,,,।
सससहहहह आहहहह,,,,, भाई अब तुझे ही कुछ जल्दी करना होगा मम्मी के साथ,,,
क्यों क्या हुआ,,,?
आज मम्मी को उनके ऑफिस का कोई आदमी छोड़ने आया था,,,
क्या,,,?(एकदम से हैरान होते हुए) लेकिन मम्मी के पास तो उनकी स्कूटी है ना,,,
हां लेकिन मम्मी कह रही थी कि स्कूटी को 2 दिन के लिए सर्विस में कंपनी ने दी है ताकि दुरुस्त रहें,,, भाई वह आदमी हैंडसम मैंने पहली बार मम्मी को इस तरह से किसी गैर मर्द से हंस-हंसकर बातें करते हुए देखी हूं वरना मम्मी तो इतनी शर्म आती है कि किसी गैर मर्द की तरफ देखने से भी कतराती है लेकिन आज मैं मम्मी का रूप देखकर एकदम घबरा गई हूं,,,
क्या,,, अरे तू गलत समझ रही होगी,,,
नहीं भाई,,,(अपनी गोरी गोरी कहां को अपने भाई के लंड पर पटकाते हुए,,,,) मम्मी हंस हंस कर बातें कर रही थी और उसे घर में आने के लिए बोल रही थी लेकिन वह शायद मुझे देख लिया था और इसीलिए आनाकानी कर रहा था और मम्मी तो जानती है कि मैं मम्मी के आने के बाद घंटे बाद ही घर पर वापस लौटती हूं हो सकता है मम्मी ने प्रोग्राम बनाया हो घर में चुदाई का,,,,
क्या कह रही है मोहिनी,,,
हां भाई मैं सच कह रही हूं बाहर मम्मी किसी गैर से चुदवाई से अच्छा है कि तू ही मम्मी को चोदे,,, इससे बदनामी तो नहीं होगी और वैसे भी मैं मम्मी को किसी गैर मर्द के साथ देखना भी पसंद नहीं करते मुझे तो सोचकर ही कितना खराब लग रहा है कि मम्मी अगर किसी गैर मर्द के साथ चुदवाएगी तो सोच कैसा लगेगा,,, वह अपने हाथों से मम्मी के कपड़े उतारे गा उसकी चूची दबाएगा,,, उसकी चूत चाटने का और अपना लंड मम्मी के मुंह में लेकर चूसने के लिए बोलेगा और जबरदस्ती करता हुआ मम्मी को चोदेगा भी और अगर एक बार यह सिलसिला शुरू हो गया तो सोच भाई वह घर में भी आकर मम्मी को चोदकर जाएगा,,, और मम्मी को एक बार चुदाई का चस्का लग गया तो वह घर में भी बुलाकर रात को अपने कमरे में रात भर चुदवाएगी,,,,,, भाई मेरा तो सोचकर ही हालत खराब हो रहा है,,,
हां तो सच कह रही है मोहिनी अगर ऐसा हो गया तो गजब हो जाएगा,,, अगर इस बात का किसी को पता भी चल गया तो हम लोग को बदनाम हो जाएंगे,,
इसीलिए तो कह रही हूं भाई तू ही कुछ चक्कर चला कि मम्मी को कोई और चोदे ईससे पहले तू उसे अपने बस में कर ले,,,,
तू चिंता मत कर मोहिनी मैं जरूर कोई चक्कर चलाऊंगा,,,, जैसा तू सोच रही है मैं वैसा होने नहीं दूंगा,,,,(अपनी बहन की तरफ से अपनी मां के लिए हरी झंडी पाकर संजू एकदम खुश हो गया था वह समझ गया था क्या अगर वह अपनी मां की चुदाई करेगा तो उसकी बहन को बिल्कुल भी ऐतराज नहीं होगा वह खुलकर घर में मजा ले सकेगा इसलिए वह पूरी तरह से जोश में आ गया था और अपनी बहन को उसी तरह से अपनी बाहों में पकड़े हुए उसे पलट कर उसे नीचे कर दिया और अपना ऊपर आ गया और फिर घमासान चुदाई करने लगा,,,)
ABSOLUTELY GRAND . YOU ARE A MASTER SPINNER, AND MUST SAY THAT MOST SINCERE AMONGST THE AUTHORS. YOU GOT TWO PLOTS RUNNING AND YOU DO JUSTICE WITH BOTH, NEVER DISSAPOINTING YOUR FANS. GREAT GO MATस्वप्नदोष की स्थिति में गहरी नींद में सो चुकी थी और उसे मोहिनी ही जगाई इसलिए वह झट से उठकर काम में लग गई थी लेकिन उसका काम में बिल्कुल भी मन नहीं लग रहा था क्योंकि आज तक उसने इस तरह का सपना नहीं देखी थी,,,, सपना भी एकदम हकीकत की तरह हो सकता है उसे विश्वास नहीं हो रहा था सब कुछ एकदम हकीकत ही तो लग रहा था वह बैठे-बैठे इसी बारे में सोच रही थी कि कैसे उसका बेटा उसके कमरे का दरवाजा खोल कर आया था उसके करीब बैठा था और अपने हाथों से ब्लाउज का बटन खोला था सब कुछ एकदम हकीकत मतलब कि जैसे उसकी आंखों के सामने हो रहा है,,, उसका अपने हाथों से साड़ी उतार कर अलग करना ब्लाउज के बटन खोल कर उसकी नंगी चूचियों को जोर जोर से दबा कर मुंह में लेकर पीना और साड़ी उतारने के बाद पेटीकोट की डोरी खोल कर,,, उसे उतारने की कोशिश करना है और खुद उसका हकार करते हुए अपनी भारी-भरकम गांड को हवा में उठा देना और उसके बेटे का मौके का फायदा उठाते हुए पेटीकोट के साथ पैंटी भी उतार देना पलभर में ही उसका अपने ही हाथों से नंगी कर देना,,, और अपने हाथों से ही दोनों टांगों को फैला कर टांगों के बीच आ जाना सब कुछ तो हकीकत लग रहा था और उस पल को उस एहसास को वह कैसे बोल सकती है जब अपनी चूत पर अपने बेटे की होंठों का स्पर्श महसूस की थी एकदम से झनझनाहट पूरे बदन में फैल गई थी,,, पहली बार आराधना अपनी चूत पर जवान होठो और जीभ का स्पर्श महसूस कर रही थी,,,, और फिर एक झटके में ही पूरा का पूरा लंड और चूत में डाल देना सपना होते हुए भी सब कुछ हकीकत सा लग रहा था तभी तो उसका पानी निकल गया था,,,,,।
झाड़ू लगाते समय आराधना रात के सपने के बारे में ही सोच रही थी,,, उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करें,,, पहली बार सपने में ही सही संभोग के अद्भुत सुख का एहसास उसे हुआ था एक परम तृप्ति का एहसास पहली बार उसे हुआ था और वह भी अपने बेटे के द्वारा भले ही सपने में लेकिन अकल्पनीय सुख को महसूस करके वह बार-बार गीली हो जा रही थी,,,,।
नाश्ता तैयार कर चुकी थी थोड़ी ही देर में संजू और मोहिनी दोनों नाश्ता करके कॉलेज के लिए निकल गए थे और वह से भी ऑफिस के लिए तैयार होना और थोड़ी ही देर में वह भी नाश्ता करके घर से निकल गई,,,।
दूसरी तरफ कोचिंग क्लास का कार्यभार बड़े अच्छे से चल रहा था संजू ने बहुत ही जल्दी सभी विद्यार्थियों में एक छाप छोड़ दिया था,,,, संजू जिस तरह से पढ़ाता था और समझाता था उसे देखकर मनीषा भी आश्चर्यचकित रह जाती थी उसे उम्मीद नहीं थी कि संजू इस कदर अपने काम में माहिर निकलेगा लेकिन धीरे-धीरे संजू की ही वजह से कोचिंग क्लास का नाम फैलने लगा और धीरे-धीरे और भी विद्यार्थी कोचिंग लेने के लिए आने लगे,,,, संजू का आकर्षण मनीषा के प्रति दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा था वह पढ़ाते समय तिरछी नजरों से मनीषा की तरफ देख लेता था कभी और सलवार कमीज पहनकर आती तो कभी जींस और टीशर्ट और दोनों धरा के कपड़ों में वह कयामत लगती थी,,,, कसी हुई सलवार से बाहर जाती है उसकी सुडौल और सुगठित गांड हमेशा से संजू की उत्तेजना का केंद्र बिंदु बना रहता था छातियों की शोभा बढ़ाती उसकी दोनों नौरंगिया कुर्ती में से अपनी निप्पल को भाला बनाकर कुर्ती को छेंदने के लिए बेकरार रहती थी,,,,,,, मनीषा को भी धीरे-धीरे संजू की नजरों का पता चलने लगा था वह समझ रही थी कि संजू चोर नजरों से उसे ही देखता रहता है और मनीषा भी संजू के व्यक्तित्व के आगे आकर्षित हुए जा रही थी,,,,,,, दोनों के बीच सहज रुप ही वार्तालाप होती थी बातों में किसी भी प्रकार की अश्लीलता नजर नहीं आती थी दोनों एक दूसरे के प्रति एकदम सहज थे भले ही एक दूसरे के प्रति देना आकर्षित हो रहे थे लेकिन यह बात दोनों को ही पता नहीं था,,,दोनों सिर्फ अपना काम कर रहे थे,,,,,,।
Sadhnaa
ऐसे ही एक दिन संजू घर से निकल कर सीधा कोचिंग क्लास पहुंचने की जगह मनीषा के घर पहुंच गया वह सोच रहा था कि ऐसे में मौसी से भी मुलाकात हो जाएगी और मुलाकात करने के बहाने अगर मौका मिला तो मौसी के संग थोड़ी मस्ती कर लेगा वैसे भी चुदाई किया उसे काफी दिन हो गए थे इसलिए लंड अपने काबू में नहीं था,,,, साधना के घर के बाहर खड़ा होकर बेल दबाने लगा,,,, और तभी थोड़ी ही देर में दरवाजा खुला तो सामने मनीषा खड़ी थी,,, मनीषा को देखकर संजू के चेहरे पर प्रसन्नता के भाव नजर आने लगे मनीषा को देखने के बाद ऐसा लग रहा था कि मनीषा अभी कोचिंग क्लास जाने के लिए तैयार नहीं हुई थी बाल बिखरे हुए थे लेकिन बिखरे हुए बालों में उसकी खूबसूरती और ज्यादा निखर कर नजर आ रही थी,,, संजू एकटक मनीषा को ही देखता रह गया और मनीषा भी मुस्कुराते हुए बोली,,,।
अरे संजू तू यहां कोचिंग क्लास नहीं गया,,,
मैं सोचा कि तुम्हारे साथ चलूंगा इसलिए यहां आ गया इसी बहाने मौसी से भी मुलाकात हो जाएगी क्यों तुम्हें अच्छा नहीं लगा क्या मेरा यहां पर आना,,,
अरे नहीं नहीं ऐसी कोई बात नहीं है,,,
नहीं ऐसी ही बात है तभी तो दरवाजे पर ही खड़ी रखी हो अंदर आने के लिए कह नहीं रही हो,,,
अरे सॉरी,,, आओ अंदर आओ इधर आने के लिए इजाजत की जरूरत थोड़ी है यह भी तो तुम्हारा ही घर है,,,
जानता हूं दीदी तभी तो बिना बुलाए चला अाता हूं,,,,(संजू घर में प्रवेश करता हुआ पूरा संजू की आवाज सुनकर तब तक साधना भी वहीं आ गई क्योंकि काफी दिनों बाद वह संजू से मिल रही थी,,,)
अरे संजू तू बहुत दिन बाद आ रहा है ईथर का रास्ता भूल गया क्या,,,,,
अरे नहीं मौसी इसीलिए तो आया हूं कि चलो मुलाकात भी हो जाएगी,,,,।
अच्छा मम्मी जब तक तुम चाय बना दो मैं नहा कर फ्रेश होकर आ जाती हुं,,,,
(नहाने की बात सुनते ही संजू के पेंट में हरकत होने लगी और यही हाल साधना का भी होने लगा अपनी बेटी से नजरें बचाकर साधना आंखों के इशारे से उसे किचन में आने के लिए बोली,,,, और जैसे ही साधना किचन में प्रवेश की संजू धीरे से किचन के दरवाजे के पास आकर खड़ा हो गया और जैसे ही बाथरूम के बंद होने की आवाजाही तुरंत संजू बिना देर किए किचन के अंदर प्रवेश कर गया और तुरंत अपनी मौसी को अपने बाहों में भरकर उसके लाल लाल होंठों पर अपने होंठ रख कर उसके होंठों का रसपान करने लगा,,, बहुत दिनों बाद दोनों मिले थे इसलिए पलभर में ही या चुंबन एकदम गहरा होने लगा दोनों तरफ से एक दूसरे के होठों का रस चूसने का सिलसिला शुरू हो गया और इसी बीच संजू अपने दोनों हाथों को पीछे की तरफ लाकर अपनी मौसी की बड़ी-बड़ी गांड को जोर-जोर से पकड़कर दबाना शुरू कर दिया साड़ी के ऊपर से ही गांड को दबाने पर वह पूरी तरह से उत्तेजित हो गया था और आगे से उसका लंड साड़ी के ऊपर से ही साधना की चूत पर ठोकर मार रहा था,,, तुरंत ही संजू का लंड एकदम अपनी औकात में आ गया था इसलिए साधना बोली,,,।
Aradhna ki badi gaand
तेरा लंड भी मौके की नजाकत को अच्छी तरह से समझता है तभी तो देख इतनी जल्दी खड़ा हो गया है,,।
अरे मौसी तुम्हारी चूत की खुशबू सुंघ कर मेरे लंड से रहा नहीं जाता है इसलिए तो तुरंत खड़ा हो जाता है,,,(ब्लाउज के ऊपर से चूची को दबाते हुए बोला)
हम दोनों के पास 10 मिनट का समय है 10 मिनट में मनीषा नहा कर बाहर आ जाएगी इतनी देर में तुझे जो करना है कर ले,,,(साधना एकदम से संजू को आमंत्रण देते हुए बोली,,, वैसे तो एक संपूर्ण तृप्ति भरा संभोग का एहसास दिलाने के लिए 10 मिनट काफी नहीं था लेकिन संजू को अपनी मर्दाना ताकत पर पूरा विश्वास था इसलिए इस समय उसके लिए 10 मिनट भी बहुत था इसलिए वह ज्यादा देर ना करते हुए तुरंत अपनी मौसी को पकड़कर घुमा दिया और उसे किचन का फ्लोर पकड़कर नीचे झुकने के लिए बोला,,,,)
तब देर किस बात की है मेरी रानी बस अब तुम थोड़ा सा झुक जाओ फिर देखो मेरा कमाल,,,, लेकिन मनीषा ने तो चाय बनाने के लिए बोली है,,,,।
अरे बुद्धू मैं सब जानती हूं पहले स्टॉव पर देख तो ले,,,।
(स्टॉव पर नजर पड़ते ही संजू एकदम से खुश हो गया,,, क्योंकि इस समय मनीषा कोचिंग के लिए जाती थी इसलिए साधना पहले से ही चाय बनाने के लिए रख दी थी और उसका फल उसे इस रूप में मिल रहा था,,, साधना को पता था कि उसे क्या करना है वह तुरंत झुक गई और अपनी बड़ी बड़ी गांड को हवा में ऊपर की तरफ उठा दी संजू भी देर किए बिना तुरंत अपनी मौसी की साड़ी को उठाते हुए कमर पर लाकर इकट्ठा कर दिया लाल रंग की पैंटी में मौसी की गोरी गोरी बड़ी बड़ी गांड और ज्यादा खूबसूरत लग रही थी बेटी के ऊपर से ही संजू अपनी मौसी की गांड जोर-जोर से दबाते हुए उस पर चपत लगाने लगा और फिर लाल रंग की पेंटिंग अपने दोनों हाथों से नीचे की तरफ उतारते हुए घुटनों में लाकर फंसा दिया,,,।)
सहहहरह आहहहरह मौसी तुम्हारी गांड बहुत मस्त है,,,ऊमममम,,,(और इतना कहने के साथ ही गांड की दोनों हाथों को अपने दोनों हाथों में पकड़ कर एक दूसरे के विरुद्ध खींचने लगा जिससे उसका गुलाबी छेद नजर आने लगा उसे देखकर संजू के मुंह में पानी आने लगा हुआ तुरंत नीचे झुक कर अपनी जीभ को साधना की चूत पर लगाकर उसे चाटने लगा,,, संजू की हरकत को देखकर साधना अपने मन में सोचने लगी कि मादरचोद को औरतों को खुश करने का हुनर अच्छी तरह से आता है और कुछ देर तक समझो अपनी मौसी की चूत को चार तरह चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी इसलिए तुरंत खड़ा हुआ और अपने पेंट को बिना उतारे उसमें से लंड को बाहर निकाल लिया,,,, और साधना की गुलाबी छेद में डालकर उसकी कमर पकड़ लिया और पहली बार से ही जबरदस्त धक्कों का प्रहार करने लगा हर धक्के के प्रहार से साधना के मुंह से आह निकल जा रही थी लेकिन यह आहह उसके आनंद की परिभाषा को बयां कर रहे थे,,, संजू बिना रुके लगातार अपनी मौसी की चूत में लंड पर रहा था उसकी रफ्तार बिल्कुल भी कम नहीं हो रही थी देखते ही देखते साधना की सांसें उखड़ने लगी और यही हाल संजू का भी हो रहा था वह जानता था कि उसका पानी निकलने वाला है इसलिए अपने दोनों हाथों को आगे बढ़ा कर ब्लाउज के ऊपर सही अपनी मौसी की चूची को जोर से पकड़ कर दबाते हुए अपनी कमर को मशीन की तरह चलाना शुरु कर दिया,,,,, और जैसे ही बाथरूम का दरवाजा खुला वैसे ही संजू ने अपना लावा अपनी मौसी की चूत में उडेलना शुरू कर दिया,,, संजू अपनी मौसी की पीठ पर ढेर हो गया वह जानता था कि बाथरूम से निकलकर मनीषा सीधे अपने कमरे में जाएगी और ऐसा ही हुआ और थोड़ी ही देर में दोनों संतुष्ट होकर अपने कपड़ों को दुरुस्त किए और खुद संजू चाय लेकर मनीषा के कमरे में आ गया तब तक मनीषा तैयार हो चुकी थी ना आने के बाद मनीषा की खूबसूरती और भी ज्यादा खुशबूदार और मनमोहक हो चुकी थी संजू तो देखता ही रह गया मनीषा जब उसे इस तरह से अपने आप को देखता हुआ पाई तो मुस्कुराते हुए ,,,।
बोली क्या हुआ,,,?
कककक कुछ नहीं,,,(मनीषा के ऐसे सवाल पर संजू एकदम से सकपकाते हुए बोला,,,)
तो ऐसे क्या देख रहा था,,,
कुछ नहीं देख रहा था कि तुम कितनी खूबसूरत लग रही है,,,
चल पागल जल्दी से चाय खत्म कर कोचिंग के लिए चलना है,,,,।
(मनीषा जानबूझकर बात को टालने की गरज से बोली थी लेकिन संजू के मुंह से अपनी खूबसूरती की तारीफ सुनकर मनीषा के गाल शर्म से लाल हो गए थे पहली बार किसी लड़के ने उसके सामने उसकी खूबसूरती की तारीफ करने की हिम्मत किया था मनीषा कुछ बोल नहीं पाई और जल्दी से चाय खत्म करके दोनों कोचिंग के लिए निकल गए,,,,,)
दूसरी तरफ मोहिनी घर पर पहुंच चुकी थी और चाय बना रही थी वह जानती थी कि उसकी मां किसी भी वक्त आ जाएगी इसलिए वह पहले से चाय बनाकर तैयार करना चाहती थी तभी बाहर गाड़ी की आवाज आई तो वह तुरंत दरवाजे पर आकर खड़ी हो गई लेकिन देखी तो आज उसकी मां किसी और की बाइक पर बैठ कर आई थी,,, मोहिनी या देखकर एकदम हैरान हो गए कि उसकी मां किसी गैर मर्द की बाइक पर बैठ कर आई थी और बाइक से उतरने के बाद उसी से हंस हंस कर बात कर रही थी और वह भी मुस्कुरा कर उसकी मां से बात कर रहा था मोहिनी यह देखकर अजीब सी बातों को सोचने लगी क्योंकि पहली बार मोहिनी अपनी मां को किसी गैर मर्द से बात करते हुए देख रही थी और वह भी मोहिनी के लिए बिल्कुल अनजान था,,,, वह आदमी तकरीबन 35 36 साल का था,,, गठीला बदन का ऐसा लग रहा था कि जैसे रोज जिम जाता था और काला चश्मा लगाया हुआ था ,,, चेहरा दाढ़ी और मूंछ से घिरा हुआ था जिसमें वह बेहद आकर्षक लग रहा था,,, मोहिनी देख रही थी कि उसकी मां उसे घर में ले आने के लिए जिद कर रही थी चाय पिलाने के लिए जिद कर रही थी,,,, मोहिनी पर अभी तक आराधना की नजर नहीं पड़ी थी इसलिए मोहिनी सोचने लगी कि वह तो हमेशा अपनी मां के घर पहुंचने के बहुत देर बाद आती थी कहीं ऐसा तो नहीं कि उसकी मां उसे घर में बुलाकर उससे चुदवाने का प्रोग्राम बना रही हो क्योंकि कुछ महीनों से वह औरतों की जरूरत को अच्छी तरह से समझने लगी थी और जब से उसने अपने पापा को किसी केयर लड़की के साथ गेस्ट हाउस में जाते हुए देखी थी तब से उसके सोचने का तरीका बदल चुका था उसे इस बात का डर था कि कहीं उसकी मां दूसरे मर्द के साथ संबंध ना बना ले क्योंकि औरतों की भी जरूरत होती है वह अपने आप को देख कर ही समझ गई थी क्योंकि वह अपनी जरूरत को समझते हुए अपने भाई के साथ शारीरिक संबंध बनाते चली आ रही थी,,,।
आराधना जिद कर रही थी लेकिन वह जल्दबाजी में था इसलिए किसी दिन और आने का वादा करके वहां से चला गया और जैसे ही आराधना की नजर दरवाजे पर पड़ी और मोहिनी को वहां खड़ा देखी तो एकदम से खुश होते हुए बोली,,,।
अरे मोहिनी,,, तू आ जल्दी आ गई,,,
हां मम्मी आज मैं जल्दी आ गई,,,(इतना क्या करूं अपने मन में सोचने लगी कि उसकी मां उसे जल्दी आता देखकर कितना हैरान हो गई है कहीं सही मैं तो उसने प्रोग्राम नहीं बना रखी थी,,,,, और शायद वह इंसान उसे देख लिया हो इसलिए बहाना करके चला गया मोहिनी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें को एकदम हैरान हो गई थी,,,, घर में आराधना प्रवेश कर गई और मोहिनी भी मोहिनी ने चाय बना कर रखी थी इसलिए आराधना फ्रेश होने के बाद तुरंत चाय लेकर पीने लगी,,,, मोहिनी जल्द से जल्द यह बात अपने भाई को बता देना चाहती थी इसलिए रात को जब दोनों सोने के लिए कमरे में गए तब मोहिनी अपनी मां के बारे में सोच कर हैरान भी थी और ना जाने क्यों दूसरे मर्द के साथ अपनी मां की कल्पना करके उत्तेजित हो जा रही थी इसलिए अपने भाई से पहले खुद ही वह अपने कपड़े उतार कर नंगी हो गई थी और खुद अपने भाई के कपड़े उतार कर उसे नंगा कर दी थी उसका भाई भी हैरान था कि आज उसकी बहन ज्यादा ही चुदवासी हो गई है,,,, देखते ही देखते हैं मोहिनी अपने भाई के ऊपर चढ़कर अपनी गुलाबी चूत को अपने भाई के लंड को अपने हाथों से पकड़ कर उसे अपनी चूत का रास्ता दिखाते हुए,,, गरम सिसकारी लेते हुए बोली,,,।
सससहहहह आहहहह,,,,, भाई अब तुझे ही कुछ जल्दी करना होगा मम्मी के साथ,,,
क्यों क्या हुआ,,,?
आज मम्मी को उनके ऑफिस का कोई आदमी छोड़ने आया था,,,
क्या,,,?(एकदम से हैरान होते हुए) लेकिन मम्मी के पास तो उनकी स्कूटी है ना,,,
हां लेकिन मम्मी कह रही थी कि स्कूटी को 2 दिन के लिए सर्विस में कंपनी ने दी है ताकि दुरुस्त रहें,,, भाई वह आदमी हैंडसम मैंने पहली बार मम्मी को इस तरह से किसी गैर मर्द से हंस-हंसकर बातें करते हुए देखी हूं वरना मम्मी तो इतनी शर्म आती है कि किसी गैर मर्द की तरफ देखने से भी कतराती है लेकिन आज मैं मम्मी का रूप देखकर एकदम घबरा गई हूं,,,
क्या,,, अरे तू गलत समझ रही होगी,,,
नहीं भाई,,,(अपनी गोरी गोरी कहां को अपने भाई के लंड पर पटकाते हुए,,,,) मम्मी हंस हंस कर बातें कर रही थी और उसे घर में आने के लिए बोल रही थी लेकिन वह शायद मुझे देख लिया था और इसीलिए आनाकानी कर रहा था और मम्मी तो जानती है कि मैं मम्मी के आने के बाद घंटे बाद ही घर पर वापस लौटती हूं हो सकता है मम्मी ने प्रोग्राम बनाया हो घर में चुदाई का,,,,
क्या कह रही है मोहिनी,,,
हां भाई मैं सच कह रही हूं बाहर मम्मी किसी गैर से चुदवाई से अच्छा है कि तू ही मम्मी को चोदे,,, इससे बदनामी तो नहीं होगी और वैसे भी मैं मम्मी को किसी गैर मर्द के साथ देखना भी पसंद नहीं करते मुझे तो सोचकर ही कितना खराब लग रहा है कि मम्मी अगर किसी गैर मर्द के साथ चुदवाएगी तो सोच कैसा लगेगा,,, वह अपने हाथों से मम्मी के कपड़े उतारे गा उसकी चूची दबाएगा,,, उसकी चूत चाटने का और अपना लंड मम्मी के मुंह में लेकर चूसने के लिए बोलेगा और जबरदस्ती करता हुआ मम्मी को चोदेगा भी और अगर एक बार यह सिलसिला शुरू हो गया तो सोच भाई वह घर में भी आकर मम्मी को चोदकर जाएगा,,, और मम्मी को एक बार चुदाई का चस्का लग गया तो वह घर में भी बुलाकर रात को अपने कमरे में रात भर चुदवाएगी,,,,,, भाई मेरा तो सोचकर ही हालत खराब हो रहा है,,,
हां तो सच कह रही है मोहिनी अगर ऐसा हो गया तो गजब हो जाएगा,,, अगर इस बात का किसी को पता भी चल गया तो हम लोग को बदनाम हो जाएंगे,,
इसीलिए तो कह रही हूं भाई तू ही कुछ चक्कर चला कि मम्मी को कोई और चोदे ईससे पहले तू उसे अपने बस में कर ले,,,,
तू चिंता मत कर मोहिनी मैं जरूर कोई चक्कर चलाऊंगा,,,, जैसा तू सोच रही है मैं वैसा होने नहीं दूंगा,,,,(अपनी बहन की तरफ से अपनी मां के लिए हरी झंडी पाकर संजू एकदम खुश हो गया था वह समझ गया था क्या अगर वह अपनी मां की चुदाई करेगा तो उसकी बहन को बिल्कुल भी ऐतराज नहीं होगा वह खुलकर घर में मजा ले सकेगा इसलिए वह पूरी तरह से जोश में आ गया था और अपनी बहन को उसी तरह से अपनी बाहों में पकड़े हुए उसे पलट कर उसे नीचे कर दिया और अपना ऊपर आ गया और फिर घमासान चुदाई करने लगा,,,)