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Incest मजबूरी या जरूरत

sexyswati

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सब कुछ सही चलने लगा था,,,, संजू सही समय पर कोचिंग क्लास पहुंच जाता था,,, धीरे-धीरे उसे भी मजा आने लगा था,,,,, मनीषा को लगता नहीं था कि संजू अच्छी तरह से पढ़ आ पाएगा लेकिन वह जिस तरह से पढ़ाना शुरू किया था उसे देखते हुए 5 स्टूडेंट से कोचिंग क्लास शुरू हुई थी देखते ही देखते 55 विद्यार्थी हो चुके थे,,,, संजू की मेहनत और लगन देखकर मनीषा बहुत प्रभावित हो रही थी,,,, लेकिन दूसरी तरफ संजू के घर में अब सामान्य कुछ भी नहीं था संजू अपनी बहन के साथ रोज रात को अपनी रात रंगीन कर रहा था,,, मोहिनी के बदन में भी जवानी पूरी तरह से छा चुकी थी उसके अंगों में उभार कुछ ज्यादा ही बढ़ने लगा था,,,,, मोहिनी अपने भाई से चुदवाए बिना बिल्कुल भी नहीं रहती थी,,, एक तरह से मोहिनी को अपने भाई के लंड का नशा हो चुका था जब तक उसकी मोटाई की रगड़ को वह अपनी चूत की अंदरूनी दीवारों पर महसूस नहीं करती थी तब तक उसे चैन नहीं मिलता था,,,, और यही हाल आराधना का हो चुका था हालांकि वह अभी तक इस सुख को प्राप्त नहीं कर पाई थी लेकिन जिस दिन से वह रात के समय अपनी बड़ी बहन को अपने बेटे के साथ चुदवाते देखी थी तब से उसके बदन में रह रहे कर ना जाने क्यों गलत भावनाएं उमड़ने लगी थी,,,, अपने बेटे के मजबूत जांघों की रगड़ अपनी बहन की मोटी जांघों पर वह अच्छी तरह से अपनी आंखों से देख पाई थी उसका जबरदस्त कमर हिला कर प्रहार करना सब कुछ आराधना के लिए अद्भुत,,, था,,,,,, अपनी बड़ी बहन की चुदाई देखकर वह पूरी तरह से बह चुकी थी और जिंदगी में पहली बार वह अपनी आंखों से किसी औरत को चुदवाते हुए देख रही थी और वह औरत को ही नहीं बल्कि उसकी बड़ी दीदी थी और उसको चोदने वाला कोई गैर मर्द नहीं उसका ही बेटा था,,,, आराधना अभी भी नहीं समझ पा रही थी कि आखिरकार वह इस रिश्ते को क्या नाम दें,,,,, मौसी और भतीजे में इस तरह के संबंध को वह पहली बार देख रही थी,,,,,।
Aaradhna


एक तरफ उसे अपनी बड़ी दीदी और अपने बेटे की मेघनाथ हरकत की वजह से शर्मिंदगी का अहसास हो रहा था वहीं दूसरी तरफ वह ना जाने क्यों अपने बेटे की दमदार मर्दाना ताकत की तरफ आकर्षित हुए जा रही थी,,,, बार-बार आराधना की आंखों के सामने अपनी बेटी का जोर जोर से कमर हिलाना और अपनी बड़ी बहन की हर धक्के के साथ गर्म सिसकारी के साथ आनंद की अनुभूति करना यह सब याद आ रहा था,,,, आराधना इस बात को भी अपने मन में सोच कर हैरान हो रही थी कि,,,, क्या उसके बेटे का लंड उसकी बहन की चूत की गहराई तक मतलब कि उसके बच्चेदानी तक पहुंच रहा होगा अपने इस सवाल का जवाब वह खुद से ही देते हुए अपने मन को दिलासा देते हुए समझाती थी कि जरूर पहुंच रहा होगा आखिरकार उसके बेटे का लंड जरूर से कुछ ज्यादा ही लंबा और मोटा है और जिस तरह से उसकी बहन लंबी-लंबी सिसकारियां ले रही थी उसे जरूर बहुत मजा आता होगा,,,, आराधना अपने मन में यह बात सोच कर हैरान हो रही थी कि जब उसका बेटा एक उम्र दराज औरत को संतुष्टि का अहसास करा सकता है तो लड़कियों की तो हालत खराब कर देता होगा और कितनी देर तक करता है,,, इतनी देर तक की तो उसने कभी कल्पना भी नहीं की थी अपने पति के साथ संभोग करते हुए 1 मिनट या 2 मिनट तो बहुत हो गया इतने में तो उसका पति ढेर हो जाता था तो उसे सुख और संतुष्टि कहां से प्रदान कर पाता इसलिए अपने बेटे की जबरदस्त चुदाई को देखकर आराधना सोचने पर मजबूर हो गई थी और अपनी बहन को इस कामलीला में शामिल देख कर उसे समझ में नहीं आ रहा था कि परिवारिक रिश्तो में इस तरह के रिश्ते क्या सच में पनपते हैं या सिर्फ उसके ही घर पर इस कामलीला का पाप लीला चल रहा है,,,, लेकिन जाते-जाते उसकी बड़ी दीदी ने जो उससे बात कही थी उसे याद करके वह भी सोचने पर मजबूर हो जाती थी कि सच में औरतों को अपने लिए भी जीना चाहिए अपनी जरूरतों का अपने सुख का ख्याल रखना चाहिए तो क्या अपनी जरूरत किसी गैर मर्द से जिस्मानी ताल्लुकात बनाना या उनसे संभोग करके पूरी तरह से तृप्त हो जाना है अगर अपनी बहन का उदाहरण देखे तो हां जो कुछ भी उसकी बहन कह रही थी वास्तविक जीवन में औरतों को अपना लेना चाहिए,,, तभी एक औरत का जीवन सफल कहलाता है और वैसे भी वह अपनी बहन की जिंदगी में कभी भी कोई परेशानी नहीं देखी थी वह अपनी मर्जी की मालकिन थी और अपने सुख के खातिर जीबी रही थी और अपने परिवार की जरूरतों को पूरा भी कर रही थी इसलिए ना जाने क्यों आराधना को अपनी बड़ी दीदी के जीवन से कुछ सीख लेने की भावना जाग रही थी,,, लेकिन फिर भी वह अपनी बड़ी बहन की तरह हरकत करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही थी उसके आगे संस्कार और शर्म की दीवार खड़ी नजर आती थी,,, जो कि उस दीवार को लांघना शायद आराधना के बस में बिल्कुल भी नहीं था,,,,, फिर भी जब कभी भी वह उस रात वाले दृश्य को याद करती थी तब तक उसकी निप्पल तन कर खड़ी हो जाती थी बार-बार अपने बदन में उत्तेजना का अनुभव करने लगती थी,,,,
Arafhna k sapne me Sanju or aradhna


महीना गुजर चुका था लेकिन अशोक घर पर नहीं आया था धीरे-धीरे आराधना भी अशोक की चिंता करना छोड़ दी थी क्योंकि वह समझ गई थी कि वह सुधरने वाला नहीं है और एक बार फिर से‌वह अपने पिछले जीवन में झांकना या जाना बिल्कुल भी नहीं चाहती थी वह जिस तरह से जीना शुरू की थी उसमें एक तरह से उसे आनंद आ रहा था क्योंकि रात को वह चैन की नींद सोती तो थी,,,, लेकिन एक दिक्कत हो रही थी रात को जरूर और चैन की नींद सोती थी लेकिन बिस्तर पर सारी रात भर करवटें बदलती रहती थी उसे भी ना जाने क्यों एक मर्द की जरूरत पड़ने लगी थी लेकिन फिर भी वह किसी तरह से अपने आप को संभाले हुई थी,,,,।

संजू कोचिंग क्लास 4:00 बजे घर से निकल जाया करता था और 5:00 बजे के बाद उसकी मां आती थी इसलिए संजू पैदल या तो रिक्शा करके कोचिंग क्लास बहुत जाता था,,,, उसे भी कोचिंग क्लास में आनंद आने लगा था रोज नए नए चेहरे और उन्हें पढ़ाने की धुन में वह सब कुछ भूल जाता था एक तरह से वह मनीषा का मन ही मन बहुत ज्यादा शुक्रिया अदा करता था जो उसे कोचिंग क्लास में सहभागी बनाकर उसके जीवन को सुधारने में लगी थी,,, ऐसे ही एक दिन कोचिंग क्लास जाने से पहले गर्मी के कारण संजू बाथरूम में घुस गया और बाथरूम का दरवाजा बंद नहीं किया बाहर के दरवाजे पर भी चिटकिनी नहीं लगाया क्योंकि वह जानता था कि इस समय कोई आने वाला नहीं है और किसी के आने से पहले ही वह घर से चला जाता था,,,,,

इसलिए बाथरूम में घुसते ही निश्चित होकर अपने सारे कपड़े उतार कर एकदम नंगा हो गया,,,, संजू का गठीला बदन औरतों के लिए आकर्षण का कारण बना रहता था,,,, कपड़े उतार कर नंगा होने के बाद औपचारिक रूप से उसके लंड में सनसनाहट हो रही थी और वह अपने आप ही एकदम से खड़ा हो गया था,,, अपनी मौसी और अपनी बहन की चुदाई करने की वजह से अब उसे मुठ मारने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं पड़ती थी अगर मोहिनी उसका साथ ना देती तो शायद अपनी मौसी की याद में वह रोज हिला कर अपना काम चला लेता क्योंकि मौसी उसे रोज नहीं मिलती थी लेकिन मोहिनी रोज रात को उसे खुश कर देती थी इसलिए अपने खड़े लंड पर वह बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहा था और अपने बदन पर साबुन लगाने लगा था,,,,,।

दूसरी तरफ ऑफिस से जल्दी छुट्टी होने की वजह से आज आराधना जल्दी ही घर पर लौट आई थी बाहर स्कूटी खड़ी करके दरवाजे की तरफ देखी तो दरवाजा खुला हुआ था वह समझ गई कि संजू घर पर आ चुका है इसलिए धीरे से दरवाजा खोल कर अंदर प्रवेश की उसे बड़े जोरों की पेशाब लगी हुई थी इसलिए अपने पर्स को एक तरफ रख कर वह बाथरूम की तरफ आगे कदम बढ़ाई,,,, तो देखी बाथरूम का दरवाजा हल्का खुला हुआ है,,,, उसे लगा कि बाथरूम में कोई नहीं है क्योंकि अगर बाथरूम में कोई होता तो बाथरूम का दरवाजा बंद होता है इसलिए वह निश्चिंत होकर दरवाजा को पकड़ कर खोल दी और जैसे ही दरवाजा खोल ही उसकी आंखों के सामने जो दृश्य नजर आया उसे देखकर उसकी आंखें फटी की फटी रह गई उसकी नजर सीधे अपने बेटे के खड़े लंड पर गई जो कि छत की तरफ मुंह उठाकर खड़ा था आज पहली बार आराधना अपने बेटे के लंड को बेहद करीब से देख रही थी,,, पल भर के लिए उसकी आंखें अपने बेटे के लंड पर जमी की जमी रह गई,,,, पहले तो संजू दरवाजा एकाएक खुलने पर एकदम से हड़बड़ा गया था लेकिन जब देखा कि बाहर उसकी मां खड़ी है तब वह एकदम बेशर्मी पर उतर आए और अपने बदन को बिल्कुल भी ढकने की कोशिश नहीं किया क्योंकि वह ताड़ लिया था कि उसकी मां उसके लंड को ही देख रही है,,,, और वह जानबूझकर अपनी मां को अपने लंड दिखाने लगा,,,,,।

खूबसूरत जवान औरत के लिए एक जवान लड़के का मर्दाना ताकत से भरा हुआ लंड हमेशा से उसकी कमजोरी और आकर्षण का केंद्र बिंदु रहा है और उससे आराधना बिल्कुल भी अछूता नहीं थी इसलिए अपने बेटे के दमदार लंड को अपनी आंखों से देख कर उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें वह अपनी नजरों को हटा नहीं पा रही थी एक अजीब सा आकर्षण उसकी नजरों को लंड के आकर्षण में बांध कर रख दिया था,,,, तकरीबन आराधना ने इस दृश्य को केवल 15 सेकंड तक ही देखी थी लेकिन इन 15 सेकंड में हुआ है कि नहीं जिंदगी को जी चुकी थी पल भर में ही अपनी आंखों से वह तार चुकी थी कि उसके बेटे के लंड की मोटाई और लंबाई बेहद दमदार है पहले ही वह अपने बेटे के लंड की दमदार ताकत को अपनी बड़ी बहन की मदमस्त जवानी पर देख चुकी थी इसलिए उसे अपने बेटे की मर्दाना ताकत पर बिल्कुल भी साथ नहीं था,,,, लंड के इर्द-गिर्द झांठ के बाल साबुन का झाग लगा हुआ था जिससे उसका लंड और भी ज्यादा मनमोहक लग रहा था,,,, उत्तेजना के मारे आराधना का गला सूख चुका था और वह अपने सूखे हुए गले को ठीक से गिला करने की कोशिश करते हुए अपनी नजरों को ऊपर की तरफ ले गई तो उसकी चौड़ी छाती को देखकर आराधना की चूत से मदन रस की बूंद टपक गई,,,,, वह पहली बार अपने बेटे को पूरी तरह से नग्न अवस्था में देख रहे थे और पहली बार देखने के बाद उसे इस बात का एहसास हो रहा था कि उसका बेटा मर्दाना ताकत से भरा हुआ एक जवान लड़का था जिसकी बाहों में आने के लिए औरत शायद इसीलिए मचल उठती होगी और यही हाल उसकी बड़ी दीदी का भी होगा,,,,,। अपनी मां की अपने लंड पर चिपकी हुई नजरों को देखकर संजू बहुत खुश हो रहा था और अपनी मां की आंखों के सामने बेशर्मी का उदाहरण देते हुए वह अपने लंड को अपने हाथ से पकड़ कर ऊपर नीचे करके हिलाने लगा उसे देखकर आराधना की दोनों टांगों के बीच बवंडर से उठने लगा था और तुरंत उसे होश आया कि वह क्या कर रही है और तुरंत अपने बेटे को सॉरी बोल कर वापस दरवाजा बंद करके अपने कमरे में चली गई,,,,।
Sadhna ki lajawab chuchiy


संजू का काम बन चुका था वह समझ गया था कि उसकी मां भी उसके लंड की दीवानी हो गई है,,,, क्योंकि जिस तरह से वह प्यासी नजरों से देख रही थी संजू को लगने लगा था कि उसकी मां भी प्यासी है,,, और औरत के ऐसी प्यासे पन का फायदा उठाना हर एक मर्द जानता था और संजू को भी मालूम था कि उसे क्या करना है कब करना है बस वह सही मौके के इंतजार में था,,,,, मुठ मारने का उसका बिल्कुल भी विचार नहीं था लेकिन अपनी मां को इस तरह से अपना लंड देखता हुआ पागल अपने आप ही उसका दिमाग घूमने लगा था उसके मन में कल्पनाओं का तूफान उम्र रहा था और संजू उन कल्पनाओं के जंगल में अपने सपनों की राजकुमारी को ढूंढ रहा था जो कि पहले से ही बिस्तर पर पीठ के बल लेटी हुई थी एकदम नग्न अवस्था में संजू अपनी कल्पनाओं के घोड़े पर सवार होकर बिस्तर के करीब गया और घोड़े पर से कूद कर सीधे बिस्तर पर पहुंच गया अपनी मां के दोनों टांगों के बीच और बिना कुछ बोले ही अपने मोटे लंड को अपनी मां के गुलाबी छेद में डालकर अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया इस तरह की कल्पना करके संजू पूरी तरह से मस्त हुआ जा रहा था और थोड़ी ही देर में पानी का फव्वारा निकला और सामने की दीवार को गीला कर दिया थोड़ी देर में शांत होने के बाद वह दीवार पर गिरे अपने लावे को पानी डालकर साफ करने लगा और फिर रावल पहन कर बाथरूम के बाहर आ गया,,,, थोड़ी ही देर में संजू तैयार हो चुका था लेकिन दूसरी तरफ आराधना की हालत खराब हो चुकी थी वह अपने कमरे में बिस्तर पर बैठी हुई थी और अपने बेटे के बारे में सोच कर हैरान हो रही थी,,,,,,।

मम्मी मैं जा रहा हूं,,,,

(अपने बेटे की आवाज सुनकर वह एकदम से चौक गई अपने बेटे से बात करने में उसे शर्म आ रही थी मैं कुछ बोल नहीं पा रही थी तो दोबारा संजू बोला)

क्या हुआ मम्मी सो गई क्या,,,?

नहीं थोड़ी थकान है तू जा,,,

ठीक है मम्मी मैं जा रहा हूं,,,,(और अपनी मां के कमरे की तरफ मुस्कुराता हुआ देखकर संजू घर से बाहर निकल गया लेकिन आज उसकी मां जल्दी आई थी इसलिए वापस कमरे में प्रवेश करता हुआ बोला,,,,)

मम्मी आज तुम जल्दी आ गई हो क्या मैं तुम्हारी स्कूटी ले जा सकता हूं,,,,।
(संजू आराधना के कमरे में पहुंच चुका था लेकिन आराधना को होश बिल्कुल भी नहीं था वह किसी ख्यालों में खोई हुई थी लेकिन अपने बेटे की बात सुनकर जैसे कोई उसे नींद से जगाया हो एकदम से हड़बड़ाहट में बिस्तर से उठ कर खड़ी हो गई और हडबड्ते हुए बोली,,,)

कककक क्या,,,?

अरे मम्मी कहां खोई हुई हो मैं पूछ रहा हूं कि मैं क्या तुम्हारी स्कूटी ले जा सकता हूं,,,


हां हां ठीक है ले जा,,,, चाबी देख दीवार पर टंगी होगी,,,।
(इतना सुनते ही संजू एक नजर अपनी मां के ऊपर डाला तो मुस्कुराने लगा वह समझ गया था कि उसके मोटे खडे लंड न६ उसका काम कर दिया है और वह चाबी लेकर घर से बाहर आ गया और उसको की चालू करके कोचिंग क्लास की तरफ चल दिया,,,, रात को भी आराधना अपने बेटे से नजर नहीं मिला पा रही थी ,,, उससे बात करने में कतरा रही थी,,,,,,,, खाना खाने के बाद अपना सारा काम करके आराधना अपने कमरे में चली गई और संजु अपने कमरे में मोहिनी के साथ,,, शाम को अपनी मां को बेहद करीब से अपना लंड दिखाने की वजह से अभी तक उसके बदन में उत्तेजना का संचार हो रहा था इसलिए कमरे में जाते ही वह मोहिनी के कपड़ों को उतारकर उसे नंगी कर दिया और दूसरी तरफ आराधना का दिमाग काम करना बंद कर दिया था वह ना चाहते हुए भी बार-बार अपने बेटे के लंड के बारे में सोच रही थी,,,, और सोचते-सोचते उसे कब नींद आ गई उसे पता ही नहीं चला,,,,,।



तकरीबन रात को 2:00 बजे उसे ऐसा महसूस हो रहा था कि जैसे कोई उसके कमरे में है और धीरे से उसके बिस्तर पर बैठ गया उसकी आंख नहीं खुल रही थी लेकिन उसे महसूस हो रहा था देखते ही देखते उसे समझ में आने लगा कि कमरे में उसका बेटा है और वह धीरे-धीरे उसके ब्लाउज के बटन खोल रहा है आराधना उसे अपना ब्लाउज का बटन खोलने से मना कर रही थी लेकिन वह मान नहीं रहा था देखते ही देखते संजू अपनी मां के ब्लाउज के सारे बटन को खोल कर उसकी नंगी चूची को जोर जोर से दबाना शुरू कर दिया था सोने से पहले आराधना अपनी ब्रा को उतार दी थी केवल ब्लाउज पहनी हुई थी अपनी मां की बड़ी-बड़ी चुचियों को दशहरी आम की तरह वह मुंह में लेकर पी रहा था उसकी मां उसे रोकने की बहुत कोशिश कर रही थी लेकिन वह मान नहीं रहा था लेकिन संजू की इस हरकत की वजह से उसके बदन में उत्तेजना का संचार होने लगा और उसे मजा आने लगा,,,, देखते ही देखते आराधना की गरम सिसकारियां कमरे में घुसने लगी और संजू अपनी मां की चूची को पूरी तरह से निचोड़ डालना चाहता था बड़ी बड़ी चूची अपने हाथ में आया हुआ देखकर संजू की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ती जा रही थी संजू पागलों की तरह अपनी मां की चूची को मुंह में लेकर पी रहा था और आराधना उसका सर पकड़ कर जोर जोर से अपनी छाती पर दबा रही थी,,,,, देखते ही देखते संजू का हाथ उसकी साड़ी की गिठान पर पहुंच गया और उसे खोलकर साड़ी को अलग करने लगा,,,,, उत्तेजना के मारे आराधना का गला सूख रहा था लेकिन आराधना अपने बेटे की हरकत से पूरी तरह से आनंदित हो चुकी थी देखते ही देखते समझो अपनी मां की साड़ी को पूरी तरह से उसके बदन से अलग कर दिया और उसकी पेटीकोट की डोरी को खोलने लगा पेटिकोट की डोरी खुलते ही आराधना अपने आप ही अपनी गांड को हवा में ऊपर की तरफ उठा देता कि उसका बेटा बड़े आराम से उसकी पेटीकोट को उतार सकें संजू स्फूर्ति दिखाते हुए अपनी मां की पेटीकोट को पेंटी सहित पकड़कर उसे एक झटके से उतार दिया और देखते ही देखते संजू की मां बिस्तर पर पुरी तरह से नंगी हो गई,,,,, और अगले ही पल अपने बेटे की जीत को अपनी चूत पर महसूस करते ही वह एकदम से गनगना गई यह पल आराधना के लिए बेहद अद्भुत और अविस्मरणीय था आराधना इस पल में पूरी तरह से डूबती हुई अपने आपको महसूस करने लगी देखते ही देखते संजू ने अपनी जीभ से उसे पागल कर दिया,,,। देखते ही देखते आराधना पूरी तरह से मदहोश होने लगी और अपने आप ही अपने बेटे के लिए अपनी दोनों टांगों को खोल दी संजू अपने दोनों घुटनों के बल बैठकर अपनी मां की दोनों कमर तक अपना हाथ ले गया और उसे कस के पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया और उसकी आदि गांड को अपनी जांघों पर चढ़ा लिया,,,, और देखते ही देखते संजू अपने मोटे तगड़े लंड को अपनी मां की गुलाबी छेद पर रख कर एक करारा धक्का मारा और एक ही धक्के में संजू का लंड सारी अड़चनों को पार करता हुआ सीधा आराधना की बच्चेदानी से जा टकराया आराधना की चीख निकल गई और संजू ताबड़तोड़ धक्के पर धक्का लगाना शुरू कर दिया आराधना पूरी तरह से मस्त हो गई और देखते ही देखते गरम आहें भरते हुए उसका पानी निकल गया और जैसे ही उसकी आंख खुली उसके होश उड़ गए,,, उसके ऊपर संजू नहीं बल्कि वह बिस्तर पर अकेली ही थी पसीने से लथपथ वह सपना देख रही थी सपने में वह अपने बेटे के साथ संभोग रत थी अपनी छाती की तरफ नजर दौड़ाई तो ब्लाउज ज्यों का त्यों था,,, उसका एक भी बटन खुला नहीं था,,,, कमर के नीचे के हालात कुछ ठीक नहीं थे साड़ी कमर तक चढ़ी हुई थी साड़ी के नीचे उसने चड्डी नहीं पहनी थी उसकी चूत पर उसकी खुद की हथेली रखी हुई थी और उसकी चूत से मदन रस भल भला कर बह रहा था,,,, उसे समझते देर नहीं लगेगी सपने में उसे स्वप्नदोष हुआ है,,,, लेकिन आज तक ऐसा उसके साथ कभी नहीं हुआ था इस तरह का एक बार और उसके साथ कॉलेज के दिन में हुआ था और तब से लेकर आज तक आज दूसरी बार नींद में उसका पानी निकल गया था वह हैरान थी अपनी हालत पर,,,, पूरा बदन पसीने से तरबतर हो चुका था,,, अभी भी उसकी सांसे बड़ी तेजी से चल रही थी,,,, वो बिस्तर पर से उठी और अपने कपड़ों को दुरुस्त करने लगी सोने से पहले ही वह अपनी पेंटि निकाल चुकी थी और सपने में,,, उसे ऐसा ही नजर आ रहा था कि उसका बेटा खुद अपने हाथों से उसकी पेटीकोट के साथ-साथ उसकी पेंटी भी निकाल चुका था,,,, अपनी सांसो को दुरुस्त करने के बाद वह एक गिलास ठंडा पानी पी और अपने आप को शांत करने की कोशिश करने लगी बिस्तर पर बैठकर वो सपने के बारे में सोचने लगी कि इतना गंदा सपना उसे क्यों दिखाई दिया कहीं सपने में आने वाले दिनों का संकेत तो नहीं है कहीं ऐसा तो नहीं वह खुद अपने बेटे के साथ संभोग सुख प्राप्त करेगी अपनी बेटे के साथ जिस्मानी ताल्लुकात बनाएगी,,, दुनिया समाज की परवाह किए बिना मां बेटे के बीच के पवित्र बंधन को तोड़ कर वहां अपने बेटे के साथ एक औरत और मर्द का रिश्ता कायम रखेगी,,,, यह सब सोचकर वह हैरान हो जा रही थी और अपने आप को ही झूठी सांत्वना देते हुए समझा रही थी कि नहीं ऐसा वह कभी नहीं करेगी अपने बेटे के साथ इस तरह का गलत संबंध वह कभी नहीं बनाएगी,,,।

बिस्तर पर बैठ कर वह घड़ी की तरफ देखी तो 3:30 का समय हो रहा था वह एकदम से हैरान हो गई थी,,, एक बार फिर से वह‌ बिस्तर पर लेट कर सोने की कोशिश करने लगी लेकिन उसे नींद नहीं आ रही थी,,, वो सपने के बारे में सोचने लगी और एहसास करने लगी कि सपना कितना हकीकत की तरह था ऐसा लग रहा था कि जैसे अभी अभी उसका बेटा उसके कमरे में आकर उसकी चुदाई करके वापस चला गया है,,,, सपने में अपने बेटे की हरकत के बारे में सोचकर शर्म से उसके गाल लाल हो चुके थे सब कुछ हकीकत सा लग रहा था उसका कमरे में आना धीरे से बिस्तर पर बैठना और धीरे-धीरे उसके ब्लाउज के बटन खोलना बटन खोलने के बाद उसकी चूचियों को जोर जोर से दबाना,,,, उसकी मजबूत बुझाओ और हथेलियों का दबाव अभी भी अपनी चुचियों पर साफ तौर पर महसूस कर पा रही थी सब कुछ हकीकत सा लग रहा था उसके रोकने के बावजूद भी उसके बेटे ने जिस तरह से जबरदस्ती दिखाते हुए चुचियों को मुंह में लेकर पीना शुरू किया था उसके चलते नींद में भी उसके बदन में उत्तेजना का अनुभव हो रहा था,,, और धीरे-धीरे साड़ी खोलना फिर पेटीकोट की डोरी खोलना औरत और उसका साथ देते हुए उसका खुद का अपनी गांड ऊपर की तरफ उठाकर पेटिकोट के साथ-साथ पेंटि उतरवाने में उसकी मदद करना,,,, और जिस तरह से अपने प्यासे होठों को उसकी चूत पर रख कर चाटना शुरू किया था उस पर तो आराधना पूरी तरह से गदगद हो गई थी,,,,, सपने में अपने बेटे की हरकत का बिल्कुल भी विरोध ना करना आराधना को और ज्यादा शर्मसार कर रहा था,,,, और देखते ही देखते जिस तरह से उसके बेटे ने अपने दोनों हाथों को नीचे की तरफ ले जाकर उसकी कमर को पकड़ कर अपनी तरफ खींचा था और उसकी आधी गांड को अपनी जांघों पर रख दिया था उस पल को याद करके आराधना इस समय बेहद रोमांचित हो रही थी,,, और देखते ही देखते पहले ही प्रहार में अपने समूचे लंड को उसकी चूत में डालकर बच्चेदानी तक पहुंचा देना सब कुछ अद्भुत था,,, सपने के बारे में सोच कर एक बार फिर से आराधना की निप्पल तन गई थी सपना इतना हकीकत भी हो सकता है वह कभी सपने में भी नहीं सोची थी,,,, सपने में आकर उसके बेटे ने उसका पानी निकाल गया था,,,। इस बात का एहसास में वह पूरी तरह से डूब चुकी थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि उसका मन क्या कह रहा है उसका दिल क्या चाहता है उसका दिमाग क्या करवाना चाहता है इस सपने को लेकर आराधना पूरी तरह से हैरान थी उसे लगने लगा था कि यह सपना भविष्य का संकेत है कहीं ना कहीं उसके मन में भी अपने बेटे के साथ चुदवाने की आस बंधती जा रही है,,,, इसीलिए वह अपने आप को और भी ज्यादा बेचैन महसूस कर रही थी बिस्तर पर करवट बदलते बदलते कब उसकी आंख लग गई उसे पता नहीं चला,,,, सुबह जब आंख खुली तो मोहिनी उसे जगा रही थी काफी देर हो गई थी इसलिए झट से वह बिस्तर से उठ कर बैठ गई और अपने काम में लग गई,,,।
aaradhna ki garmi badhi ja rahi hai ........ ab uske bete ka paani hi isse thanda kar sakta hai

Masttttttt update
 

Sanju@

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संजू मनीषा के साथ कोचिंग , क्लास देखने के लिए स्कूटी पर बैठ कर चल दिया,,,, मनीषा स्कूटी चला रही थी और संजू पीछे बैठा हुआ था,,, घर से निकलने से पहले मनीषा कपड़े बदल ली थी,,,, एक टाइट चुस्त सलवार और हल्की सी पत्नी कुर्ती पहन ली थी और लाल रंग का दुपट्टा अपने गले में लपेट ली थी जिससे उसकी खूबसूरती और भी ज्यादा बढ़ गई थी,,, कसी हुई सलवार में उसकी मोटी मोटी जांघें अपना अलग कहर बरपा रही थी,,, कसी हुई सलवार में मनीषा की मोटी मोटी जांघों से संजू पूरी तरह से अवगत था,,,, क्योंकि पहले वह मनीषा को सिर्फ पेंटी में देख चुका था,,,।

मनीषा के पीछे बैठकर संजू को बहुत अच्छा लग रहा था,, क्योंकि बार-बार स्कुटी की रफ्तार के साथ साथ वह मनीषा के बदन से समझा रहा था और जब जब वह मनीषा के बदन से सट जाता तब तब उसके बदन में उत्तेजना की चिंगारी फूटने लगती थी,,,,,,, एक बार तो इसी तरह से एकाएक ब्रेक लगने की वजह से अपने आप को संभालने की स्थिति में संजू का हाथ मनीषा की कमर पर चला गया था संजू की इस हरकत की वजह से मनीषा के तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी थी और वह तुरंत कसमसाने लगी,,, संजू तुरंत अपना हाथ पीछे हटा लिया,,, मनीषा भी अच्छी तरह से समझ रही थी कि अनजाने में ही संजू का हाथ उसकी कमर पर आ गया था लेकिन इतने से ही संजू के बदले में जो हलचल हुई थी उसे महसूस करके संजू का लंड खड़ा हो गया था,,,,,, मनीषा को भी संजू को इस तरह से अपने पीछे बैठाना अजीब सा लग रहा था क्योंकि आज से पहले उसने कभी भी पीछे किसी जवान लड़के को नहीं बिठाई थी वह हमेशा अकेले या अपनी सहेली को साथ बिठाकर इधर से उधर जाती थी लेकिन आज पहली मर्तबा वह किसी जवान लड़के को अपनी स्कूटी पर बैठा रही थी इसलिए उसके तन बदन में भी अजीब सी हलचल हो रही थी और इस हलचल का कारण एक और था कि जिसे वह स्कूटी पर पीछे बिठा रखी थी उसने उसे अर्धनग्न अवस्था में देख चुका था,,,, जिंदगी के अनुभव से भले अभी तक मनीषा पूरी तरह से वाकिफ ना हो लेकिन,,,मर्दों की नजर से वह अच्छी तरह से वाकिफ है क्योंकि कॉलेज आते जाते समय उसे इस तरह की नजरें अपने बदन को पीछा करते हुए नजर आए जाती थी और इन सब की उसे आदत सी पड़ गई थी,,, लेकिन अपने खुद के कमरे में किसी गैर जवान लड़के की नजर अब तक उसके बदन के किसी अंग पर नहीं पड़ी थी लेकिन संजू ऐसा इकलौता शख्स था जो उसे केवल पेंटी में देख चुका था और जाहिर सी बात थी कि उसके गोरे बदन को उसकी मोटी चिकनी जांघों को संजू जरूर अपनी नजरों से देख कर मस्त हो गया होगा,,,,,,,।

उन दोनों के बीच किसी भी प्रकार की वार्तालाप नहीं हो रही थी,,,, संजू बात की शुरुआत करता है इससे पहले ही कोचिंग क्लास आ चुका था,,,,।

आ गया अपना कोचिंग क्लास,,,,(इतना कहते हुए मनीषा पार्किंग में स्कुटी ले जाकर खड़ी कर दी और संजू कोचिंग कलास को देखते हुए स्कूटी से नीचे उतर गया तब तक मनीषा स्कूटी को पार्क में पार कर दी और चाबी को हाथ में लेकर उसके चलने को घुमाने लगी और बोली,,,)

अंदर चलो दिखाती हुं,,,,( इतना कहने के साथ ही,,, मनीषा आगे आगे चलने लगी और संजु पीछे पीछे किसी खूबसूरत औरत या लड़की के पीछे चलने का एक अपना अलग ही मजा होता है और वही मजा इस समय संजू उठा रहा था,,,, कसी हुई सलवार में मनीषा की उभरी हुई गांड मटक रही थी जिसे देखकर संजू का दिल जोरों से धड़क रहा था लंड की अकड़न बढ़ती जा रही थी,,,,,,, संजू का मन अपनी मौसी की लड़की की मदमस्त कर देने वाली गांड और उसकी मादक चाल को देख कर बहक रहा था उसका मन कर रहा था कि जिस तरह से वह मनीषा की मां,,,, की गांड से खेलता है उसी तरह से उसकी लड़की की भी गांड से खेलना शुरू कर दे उसकी गांड को दोनों हाथों में भरकर दबाना शुरू कर दें लेकिन अभी ऐसा करना बिल्कुल भी ठीक नहीं था,,,, लेकिन मनीषा के पीछे चलते चलते वहां भगवान से प्रार्थना कर रहा था कि हे भगवान जैसे उसकी मां उसी से चुदवाई है उसी तरह से यह भी उससे चूदवाले तो मजा आ जाए,,,,। देखते ही देखते मनीषा सीढ़ी पर चढ़ना शुरू कर दी थी और सीढ़ियों पर एक एक कदम रखकर आगे बढ़ते हुए मनीषा की मदमस्त कर देने वाली गांड और ज्यादा उभर कर बाहर की तरफ निकल जा रही थी संजू उससे बस एक सीडी पीछे ही था मन तो कर रहा था कि अपना मुंह आगे बढ़ा कर उसकी गांड के बीचो बीच रखकर उसकी खुशबू को अपने तन बदन में उतार ले,,,, मनीषा की उभरी हुई कसी हुई कांड संजू के तन बदन में उत्तेजना की लहर को और ज्यादा बढ़ा रही थी,,,,,,,।

थोड़ी ही देर में मनीषा अपने पर्स में से चाबी निकालकर कोचिंग क्लास के ताले को खोलने लगी और ताला खोलने के बाद दरवाजा खोल कर अंदर प्रवेश करने लगी,,,,,, अंदर पहुंचते ही संजू बोला,,,,

अभी तो इस कमरे की साफ सफाई करनी पड़ेगी,,,


हां संजू तुम सही कह रहे हो,,,, इस कमरे में अभी और सफाई की जरूरत है,,,,(कमर पर अपने दोनों हाथ रखकर मनीषा बोली और ऐसा करने पर उसकी दोनों नारंगिया कुर्ती में से बाहर की तरफ कुर्ती फाड़ कर बाहर आने के लिए मचलने लगी,,,, जिस पर नजर पड़ते ही संजू का मन ललचने लगा उसके मुंह में पानी आने लगा,,,।)

तो देर किस बात की है दीदी शुरू कर देते हैं,,,


तुम सफाई करोगे,,,(मनीषा उसी अदा से आश्चर्य जताते हुए संजू से बोली,,,)

तो क्या हुआ दीदी आज से तुम्हारी हर एक काम में मैं तुम्हारी मदद करूंगा,,,,।
(संजू की यह बात सुनकर मनीषा मनी मन खुश होने लगी उसके होठों पर मुस्कान आ गई और वह बोली,,)

तो चलो फिर औ रहा झाड़ू,,,(कोने में हाथ दिखाते हुए बोली,,,,, और संजू तुरंत आगे बढ़ा और कोने में पड़ी झाड़ू को ले लिया और झाड़ू लगाना शुरू कर दिया,,,, कमरे में 10 बेंच पड़ी हुई थी,,, जिसे खींचकर एक तरफ करने की मनीषा कोशिश कर रही थी लेकिन उससे हो नहीं रहा था तो संजू उससे बोला,,,)

तुमसे नहीं होगा दीदी बेंच काफी वजन धार है एक काम करो तुम झाड़ू लगाओ मैं एक तरफ कर देता हूं,,,,।
(मनीषा यह बात अच्छी तरह से समझ गई थी कि,, उससे बेंच खींची नहीं जाएगी इसलिए मुस्कुराते हुए वह संजू के हाथों से झाड़ू ले ली और खुद लगाने लगी झाड़ू लगाते समय मनीषा झुकी हुई थी जिससे उसकी गोलाकार गांड एक अलग आकर्षण जमा रही थी,, जिसे देखकर संजू की हालत खराब हो रही थी,,, बेंच को इधर-उधर करते समय संजू की नजर झाड़ू लगाती हुई मनीषा पर ही चली जा रही थी उसकी गोल-गोल गांड देखकर संजू के मन में मनीषा को लेकर ढेर सारी भावनाएं उमड़ रही थी जो,,, मनीषा को देखकर वहां मनीषा के साथ भी वही करना चाहता था जो मनीषा की मां के साथ हुआ करता रहा था मनीषा की मां तो बड़े आराम से खुद ही आगे बढ़ कर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाई,,, लेकिन मनीषा के साथ यह कैसे होगा यह संजू के लिए,,,, सोचने का विषय था,,,, लेकिन संजु पूरी तरह से मनीषा की खूबसूरत बदन के प्रति आकर्षित हो चुका था,,,।,,,

संजू बड़े आराम से,, बड़ी-बड़ी वजनदार बेंच को इधर से उधर कर दे रहा था और उसकी ताकत को देखकर मनीषा हैरान हो रही थी संजू का व्यक्तित्व उसे भी लुभा रहा था खास करके उसका मासूम चेहरा,,,, ना जाने क्यों मनीषा अपने आप को संजू के प्रति आकर्षित होती हुई महसूस कर रही थी जैसा कि आज तक उसके साथ ऐसा कभी भी नहीं हुआ था,,,, कॉलेज में लड़कों से बात जरूर करती थी लेकिन केवल काम भर का,,, उससे ज्यादा उन लड़कों से मनीषा का किसी भी प्रकार के वास्ता नहीं रहा,,,, लेकिन संजू के प्रति ना जाने क्यों अपने आप को खींचता हुआ महसूस कर रही थी इस वजह से लगाते समय भी वह तिरछी नजरों से संजू को ही देख रही थी,,,,,,,।

दोनों के बीच पूरी तरह से खामोशी छाई हुई थी दोनों कमरे में अपना अपना काम कर रहे थे लेकिन दोनों का मन काम से ज्यादा एक दूसरे में लगा हुआ था मनीषा समझ नहीं पा रही थी कि पहली मुलाकात में यह कैसा आकर्षण है हालांकि संजू से दूसरी मुलाकात थी और पहली मुलाकात बेहद अजीबोगरीब तरीके से हुई थी जिसकी मनीषा ने और नआ तो संजू ने कभी कल्पना की थी,,,,,, संजू बेंच को इधर-उधर करते समय मनीषा को ही देख रहा था और मनीषा भी तिरछी नजर से संजू को देख रही थी लेकिन तभी मनीषा को इस बात का एहसास हुआ कि संजू की नजर उसके बदन पर किसी खास स्थान पर जमी हुई है जब वह उसकी नजरों का पीछा की तो वह एकदम से दंग रह गई उसे समझते देर नहीं लगी कि जिस तरह से वो झाड़ू लगाने के लिए झुकी हुई है संजू उसकी गांड पर ही अपनी नजरें जमाए हुए हैं,,,,, इस बात का एहसास होते ही मनीषा के तन बदन में झुरझुरी सी फेल गई,,,, पल भर में उसका दिल धक से करके रह गया,,, अब उसे समझ में नहीं आ रहा था कि संजू से नजरें कैसे मिलाए,,,,, उसके गाल शर्म से लाल हो गए,,,यह स्थिति किसी भी जवान लड़की या औरत के लिए बेहद अजीब और शर्मनाक होती है जब उसे इस बात का एहसास होता है कि कोई जवान मर्द उसके खूबसूरत अंग को उसकी गांड को नजर भर कर देख रहा है,,, दूसरी लड़कियों और औरतों की तरह मनीषा भी झाड़ू लगाते हुए यह बात अपने मन में सोच रही थी कि उसकी गांड देखकर संजू अपने मन में क्या सोच रहा होगा उसके मन में भी दूसरे लड़कों की तरह गलत विचार आ रहे होंगे,,,, और गलत विचार भी कैसे-कैसे,,,, विचारों के बारे में सोच कर ही ना जाने क्यों उसे अपनी दोनों टांगों के बीच कंपन सी महसूस होने लगी,,,,। वह अपने मन में सोच रही थी कि संजू उसकी गांड को देखकर उसकी गांड के बारे में क्या सोच रहा होगा दूसरे लड़कों की तरह वह भी तो नहीं उसे चोदने के बारे में सोच रहा होगा या तो फिर अपने मन में सोच रहा होगा कि बिना कपड़ों की व कैसी लगती होगी उसकी नंगी गोरी गोरी गांड कैसी दिखती होगी और तो और उसकी चुत पर बाल होंगे कि नहीं होंगे,,, अगर होंगे तो बालों वाली चुत कैसी नजर आती होगी,,, उस में लंड डालने में कैसा लगता होगा,,,, इन सब बातों को सोच कर ही मनीषा की चुत गीली होती हुई महसूस होने लगी तो अपने आप को असहज महसूस करने लगी,,,,,‌।

मनीषा बार-बार उसे तिरछी नजरों से देख रही थी और अपने मन में सोच रही थी कि संजू काफी हैंडसम और गठीला बदन वाला लड़का है जरूर इस की गर्लफ्रेंड की होगी और वह चुदाई का मजा भी ले चुका होगा तभी तो कैसे प्यासी नजरों से उसकी गांड देख रहा था,,,,,,,,।

देखते ही देखते पूरे कमरे की सफाई हो चुकी थी,,,, भैंस को सही करते हुए अपने हाथ को झाड़ते हुए संजू बोला,,,।

हो गया दीदी,,,


हां संजू अच्छा हुआ तूने मेरा हाथ बटा लिया,,, वरना मुझे अकेले ही साफ सफाई करनी पड़ती,,,

अरे दीदी तुम अब बिल्कुल भी चिंता मत करो,,, तुम्हारा काम करने के लिए मैं आ गया हूं,,,,।

अच्छा हुआ संजू कि मुझे तू मिल गया कोचिंग का काम भी तो संभाल लेगा और इसी तरह से मेरा साथ भी देता रहेगा,,,, पहले तो मुझे लग रहा था कि तू कोचिंग क्लास ज्वाइन करने के लिए नहीं मानेगा,,,

अरे मानता कैसे नहीं दीदी,,, किसी गैर ने तो मुझे यह प्रपोजल दिया नहीं था जो इंकार कर देता यह प्रपोजल तो आपकी तरफ से था इसलिए इंकार करने का कोई कारण ही नहीं था और वैसे भी मुझे तो तुम्हारे साथ और अच्छा लगेगा पढ़ाने में,,,,,।
(संजू की बातें मनीषा को बहुत अच्छी लग रही थी लेकिन वह बार-बार उसकी नजरिए को भी देख रही थी उसकी नजर बार बार उसकी छातियों की शोभा बढ़ा रही गोलाई पर चली जा रही थी,,,,, संजू की इस हरकत की वजह से रह-रहकर मनीषा असहजता का अनुभव कर रही थी,,, उसे समझ में नहीं आ रहा था कि जो चीज दिख नहीं रही है उसमें संजू को इतना मजा क्यों आ रहा है,,,, शायद इस बात से मनीषा अनजान थे कि मर्दों के लिए अंगों का कटाव ही उनकी उत्तेजना के लिए सर्वोपरि होता है कुर्ती में होने के बावजूद भी चुचियों की गोलाई का उठाव ही सुंदरता पर चार चांद लगाता है,,,, और वही आकर्षण मनीषा की छातियों का भी था कुर्ती में होने के बावजूद भी उसकी दोनों नारंगिया उभर कर अपना रस बिखेर रही थी,,,,,,, दोनों को कोचिंग क्लास में काफी समय२ हो गया था और इस दौरान मनीषा को बड़े जोरों की पेशाब भी लगी थी वह जानती थी कि अब पेशाब को रोक पाना मुमकिन बिल्कुल भी नहीं था अगर स्कूटी चलाएगी तो रास्ते में खड्डो पर स्कूटी का टायर को देने पर वह अपने पेशाब के प्रेशर को बर्दाश्त नहीं कर पाएगी और जरूर कुछ ना कुछ हो जाएगा और इस समय संजू के सामने बाथरूम में जाने भी उसे शर्म महसूस हो रही थी लेकिन फिर भी उसे जाना जरूरी था इसलिए वह संजू से बोली,,,,।)

काफी समय हो गया है अब हमें चलना चाहिए,,,

ठीक है,,,,,,,(इतना कहकर वह बेंच पर से उठ कर खड़ा हो गया मनीषा सोच रही थी कि संजू को किसी भी तरह से क्लास से बाहर निकाले तो वह खुद बाथरूम में घुस जाए लेकिन ऐसा कहने से पहले ही वह अपनी पेशाब की तीव्रता पर बिल्कुल भी काबू नहीं कर पाई और तुरंत संजू की आंखों के सामने ही बाथरूम का दरवाजा खोल कर बाथरूम में प्रवेश कर गई,,,, जितनी जल्दबाजी दिखाते हुए मनीषा बाथरूम के अंदर प्रवेश की थी उसे देखते हुए संजू समझ गया था कि ईसे जोरों की पेशाब लगी है,,,,,, संजू वहां से हटा नहीं वही बेंच पर बैठा रह गया वहां से तकरीबन 5 फीट की दूरी पर ही बाथरूम था जिसमें मनीषा प्रवेश कर गई थी प्रवेश करते ही व जल्दबाजी में दरवाजे को लॉक करके तुरंत अपने सलवार की डोरी को खोलने लगी,,,, इतनी जल्दबाजी में मनीषा ने अपनी सलवार की डोरी खोलकर पेंटी सहित उसे घुटनों तक नीचे खींच दी थी कि मानो जैसे कि जल्दबाजी में किसी से चुदवाने जा रही है,,,,, और कुछ ही सेकंड में संजू के कानों में मनीषा के पेशाब करने की धार की सु मधुर आवाज सुनाई देने लगी और वह मधुर और मादकता भरी आवाज को सुनकर संजू का लंड तुरंत खड़ा हो गया,,,, पल भर में ही संजू की सबसे बड़ी तेजी से चलने लगी उसकी 5 फीट की दूरी पर ही एक नौजवान खूबसूरत लड़की पेशाब कर रही थी और उन दोनों के बीच केवल दरवाजे का ही पड़ता था संजू अपने मन में सोचने लगा कि काश यह दरवाजा ना होता तो आज वह अपनी आंखों से एक खूबसूरत लड़की को पेशाब करते हुए देख लेता उसकी नंगी गोरी गोरी गांड को अपनी आंखों से देख कर अपने आप को भाग्यशाली समझता,,,,,।

मनीषा को इतनी तीव्रता भरी पेशाब लगी थी कि बैठते ही उसकी गुलाबी छेद से पेशाब की धार सामने की दीवार पर पहुंचने लगी जिसे देखकर खुद मनीषा हैरान थी,,, पूरे बाथरूम में उसकी चुत से आ रही सीटी की आवाज गूंज रही थी,,, जिसे सुनकर वह खुद शर्मिंदगी का अहसास कर रही थी उसे समझते देर नहीं लगी कि उसकी पेशाब की सीटी की आवाज जरूर संजू के कानों में पड़ रही होगी,,, इस बात का एहसास होते ही शर्म के मारे मनीषा के गोरे-गोरे गाल टमाटर की तरह लाल हो गए,,, वह अपने मन में सोचने लगी कि संजू क्या सोच रहा होगा कि कितनी जोर से मुतती है,,,। वह कर भी क्या सकती थी उसका क्या दुनिया में किसी का भी पेशाब की तीव्रता पर बिल्कुल भी काबू नहीं रह पाता,,,, इस समय मनीषा के लिए यह बेहद शर्मनाक स्थिति थी लेकिन यही स्थिति संजू के लिए बेहद कामुकता और मादकता भरी हुई थी इस पल को वह पूरी तरह से अपने आप में समा लेना चाहता था,,,, मनीषा की गुलाबी छेद से आ रही मधुर सीटी की आवाज में वह अपने आप को खोता हुआ महसूस कर रहा था,,,, संजू अपने मन में यही सोच रहा था कि उसके गुलाबी छेद से पेशाब की धार कैसे निकल रही होगी,,,,, चुत के भूगोल से संजू को उसकी मौसी और उसकी बहन अच्छी तरह से वाकिफ करा चुकी थी इसलिए चुत के बारे में कल्पना करना उसके लिए कोई बड़ी बात नहीं थी,,, लेकिन बाहर बेंच पर बैठा बैठा वह सोच रहा था कि मनीषा की चुत कैसी होगी बालों वाली होगी या एकदम चिकनी होगी क्या अपने आप को चुदवासी महसूस करके उसकी भी चुत कचोरी की तरह फुल जाती होगी,,,,,,, फिर वह खुद ही इस निष्कर्ष पर निकला कि मनीषा जैसी खूबसूरत जवान लड़की भला अपनी खूबसूरत चुत को बालों से क्यों ढक कर रखेगी,,, वह जरूर खुशबू वाली बीट क्रीम लगाकर अपनी चुत की सफाई करती होगी और चुत की सफाई करने के बाद उसकी गुलाबी चुत एकदम मक्खन की तरह नजर आती होगी,,,, संजू मनीषा की चुत के बारे में कल्पना करके पेंट के ऊपर से अपने लंड को दबा रहा था,,,।

थोड़ी ही देर में पानी के गिरने की आवाज आने लगी पानी के गिरने की आवाज सुनकर संजू समझ गया कि मुतने के बाद मनीषा पानी डाल रही है,,, और थोड़ी ही देर में बाथरूम का दरवाजा खुला और अपने दुपट्टे को सही करते हुए,, मनीषा बाथरूम से बाहर आ गई और दरवाजे को बंद कर दी,,,, अपनी चुत से आ रही सीटी की आवाज के कारण मनीषा संजू से नजर मिलाने से कतरा रही थी,,,, और जैसे ही वह बाथरूम से बाहर आई संजू के मुंह से अचानक ही निकल गया,,।

हो गया अब चले,,,,

(संजू का यह सहजता से पूछे जाने वाला प्रश्न मनीषा के तन बदन में अजीब सी हलचल पैदा कर गया उसके लिए संजू का यह सवाल शर्मिंदगी का अहसास दिला रहा था शर्म के मारे उसके गाल लाल हो चुके थे वह संजू से नजर मिला है बिना ही बोली,,)

हां चलो,,,।

(संजू जिस तरह से उससे पूछा था मनीषा समझ गई थी कि वह पेशाब करने के बारे में ही पूछ रहा था,,, ‌और वह शर्म के मारे रास्ते भर संजू से बात नहीं करी,,, अपने घर पर पहुंच कर संजू से बोली,,,)

कल समय पर पहुंच जाना अब तो कोई दिक्कत नहीं होगी ना पहुंचने में,,,


नहीं दीदी कोई दिक्कत नहीं होगी मैं पहुंच जाऊंगा,,,,।
(और इतना कहने के साथ ही वह अपनी स्कूटी पर बैठ गया और स्टार्ट करके एक नजर मनीषा की तरफ देख कर मुस्कुराया और एक्सीलेटर देकर आगे बढ़ गया,,,, मनीषा उसे जाते हुए देखती रही अपने मन में सोचने लगी कि अगर संजू की जगह कोई और होता तो जरूर वह‌ बाथरूम से निकलने पर उस तरह का प्रश्न पूछने पर उसके गाल पर थप्पड़ लगा दी होती लेकिन वह तो शर्म के मारे संजू से नजर तक नहीं मिला पा रही थी न जाने उसे क्या हो गया था,,,,, कुछ ही घंटों के मुलाकात में संजू की बातों ने उसकी मासूमियत भरे चेहरे ने मनीषा के दिल में अजीब सा आकर्षण बना लिया था,,,, मनीषा गेट पर खड़ी खड़ी तब तक देखती रह गई जब तक कि संजु आंखों से ओझल नहीं हो गया,,,,।

संजू की रास्ते भर मनीषा के बारे में ही सोच रहा था मनीषा की खूबसूरती उसके बदन की बनावट उसकी मनचली जवानी संजू के मुंह में पानी ला रही थी बस वह धीरे-धीरे अपनी मंजिल पर पहुंचना चाहता था और उसकी मंजिल थी मनीषा की दोनों टांगों के बीच की पतली दरार जो कि वहां बड़े आराम से उसकी मां की दोनों टांगों के बीच की पतली दरार को हासिल कर चुका था,,,, अपनी मौसी का चित्र उसके जीवन में आते ही किचन वाला दृश्य उसकी आंखों के सामने घूमने लगा,,,, अपनी हरकत पर संजु‌ को हंसी आ रही थी वह अपने मन में सोचने लगा कि वह धीरे-धीरे कितना हरामी होते जा रहा है कि किसी के होने ना होने का उसे बिल्कुल भी परवाह नहीं होता,,,, किचन में जिस तरह से उसने साधना को अपनी बाहों में भरकर अपने लंड को उसकी गांड पर रगड़ा था और जिस तरह से उसकी साड़ी कमर तक उठाकर उसकी खूबसूरत रसीली चुत को अपनी जीभ लगाकर चाटा था,,, उसे अपनी ही हिम्मत पर अपने आप को ही ‍ शाबाशी देने का मन कर रहा था लेकिन वह इस बात से अच्छी तरह से वाकिफ था कि जिस तरह की उसने हिम्मत दिखाया था कभी-कभी उसके लिए मुसीबत का कारण भी बन सकती थी,,, अपने मन में यही सब सोचते सोचते वह कब अपने घर पर पहुंच गया उसे पता ही नहीं चला,,,।
Excellent update
मनीषा और संजू का मिलन जल्दी ही होने वाला है
मनीषा भी संजू को पसंद करने लगी है
 

Sanju@

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सब कुछ सही चलने लगा था,,,, संजू सही समय पर कोचिंग क्लास पहुंच जाता था,,, धीरे-धीरे उसे भी मजा आने लगा था,,,,, मनीषा को लगता नहीं था कि संजू अच्छी तरह से पढ़ आ पाएगा लेकिन वह जिस तरह से पढ़ाना शुरू किया था उसे देखते हुए 5 स्टूडेंट से कोचिंग क्लास शुरू हुई थी देखते ही देखते 55 विद्यार्थी हो चुके थे,,,, संजू की मेहनत और लगन देखकर मनीषा बहुत प्रभावित हो रही थी,,,, लेकिन दूसरी तरफ संजू के घर में अब सामान्य कुछ भी नहीं था संजू अपनी बहन के साथ रोज रात को अपनी रात रंगीन कर रहा था,,, मोहिनी के बदन में भी जवानी पूरी तरह से छा चुकी थी उसके अंगों में उभार कुछ ज्यादा ही बढ़ने लगा था,,,,, मोहिनी अपने भाई से चुदवाए बिना बिल्कुल भी नहीं रहती थी,,, एक तरह से मोहिनी को अपने भाई के लंड का नशा हो चुका था जब तक उसकी मोटाई की रगड़ को वह अपनी चूत की अंदरूनी दीवारों पर महसूस नहीं करती थी तब तक उसे चैन नहीं मिलता था,,,, और यही हाल आराधना का हो चुका था हालांकि वह अभी तक इस सुख को प्राप्त नहीं कर पाई थी लेकिन जिस दिन से वह रात के समय अपनी बड़ी बहन को अपने बेटे के साथ चुदवाते देखी थी तब से उसके बदन में रह रहे कर ना जाने क्यों गलत भावनाएं उमड़ने लगी थी,,,, अपने बेटे के मजबूत जांघों की रगड़ अपनी बहन की मोटी जांघों पर वह अच्छी तरह से अपनी आंखों से देख पाई थी उसका जबरदस्त कमर हिला कर प्रहार करना सब कुछ आराधना के लिए अद्भुत,,, था,,,,,, अपनी बड़ी बहन की चुदाई देखकर वह पूरी तरह से बह चुकी थी और जिंदगी में पहली बार वह अपनी आंखों से किसी औरत को चुदवाते हुए देख रही थी और वह औरत को ही नहीं बल्कि उसकी बड़ी दीदी थी और उसको चोदने वाला कोई गैर मर्द नहीं उसका ही बेटा था,,,, आराधना अभी भी नहीं समझ पा रही थी कि आखिरकार वह इस रिश्ते को क्या नाम दें,,,,, मौसी और भतीजे में इस तरह के संबंध को वह पहली बार देख रही थी,,,,,।
Aaradhna


एक तरफ उसे अपनी बड़ी दीदी और अपने बेटे की मेघनाथ हरकत की वजह से शर्मिंदगी का अहसास हो रहा था वहीं दूसरी तरफ वह ना जाने क्यों अपने बेटे की दमदार मर्दाना ताकत की तरफ आकर्षित हुए जा रही थी,,,, बार-बार आराधना की आंखों के सामने अपनी बेटी का जोर जोर से कमर हिलाना और अपनी बड़ी बहन की हर धक्के के साथ गर्म सिसकारी के साथ आनंद की अनुभूति करना यह सब याद आ रहा था,,,, आराधना इस बात को भी अपने मन में सोच कर हैरान हो रही थी कि,,,, क्या उसके बेटे का लंड उसकी बहन की चूत की गहराई तक मतलब कि उसके बच्चेदानी तक पहुंच रहा होगा अपने इस सवाल का जवाब वह खुद से ही देते हुए अपने मन को दिलासा देते हुए समझाती थी कि जरूर पहुंच रहा होगा आखिरकार उसके बेटे का लंड जरूर से कुछ ज्यादा ही लंबा और मोटा है और जिस तरह से उसकी बहन लंबी-लंबी सिसकारियां ले रही थी उसे जरूर बहुत मजा आता होगा,,,, आराधना अपने मन में यह बात सोच कर हैरान हो रही थी कि जब उसका बेटा एक उम्र दराज औरत को संतुष्टि का अहसास करा सकता है तो लड़कियों की तो हालत खराब कर देता होगा और कितनी देर तक करता है,,, इतनी देर तक की तो उसने कभी कल्पना भी नहीं की थी अपने पति के साथ संभोग करते हुए 1 मिनट या 2 मिनट तो बहुत हो गया इतने में तो उसका पति ढेर हो जाता था तो उसे सुख और संतुष्टि कहां से प्रदान कर पाता इसलिए अपने बेटे की जबरदस्त चुदाई को देखकर आराधना सोचने पर मजबूर हो गई थी और अपनी बहन को इस कामलीला में शामिल देख कर उसे समझ में नहीं आ रहा था कि परिवारिक रिश्तो में इस तरह के रिश्ते क्या सच में पनपते हैं या सिर्फ उसके ही घर पर इस कामलीला का पाप लीला चल रहा है,,,, लेकिन जाते-जाते उसकी बड़ी दीदी ने जो उससे बात कही थी उसे याद करके वह भी सोचने पर मजबूर हो जाती थी कि सच में औरतों को अपने लिए भी जीना चाहिए अपनी जरूरतों का अपने सुख का ख्याल रखना चाहिए तो क्या अपनी जरूरत किसी गैर मर्द से जिस्मानी ताल्लुकात बनाना या उनसे संभोग करके पूरी तरह से तृप्त हो जाना है अगर अपनी बहन का उदाहरण देखे तो हां जो कुछ भी उसकी बहन कह रही थी वास्तविक जीवन में औरतों को अपना लेना चाहिए,,, तभी एक औरत का जीवन सफल कहलाता है और वैसे भी वह अपनी बहन की जिंदगी में कभी भी कोई परेशानी नहीं देखी थी वह अपनी मर्जी की मालकिन थी और अपने सुख के खातिर जीबी रही थी और अपने परिवार की जरूरतों को पूरा भी कर रही थी इसलिए ना जाने क्यों आराधना को अपनी बड़ी दीदी के जीवन से कुछ सीख लेने की भावना जाग रही थी,,, लेकिन फिर भी वह अपनी बड़ी बहन की तरह हरकत करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही थी उसके आगे संस्कार और शर्म की दीवार खड़ी नजर आती थी,,, जो कि उस दीवार को लांघना शायद आराधना के बस में बिल्कुल भी नहीं था,,,,, फिर भी जब कभी भी वह उस रात वाले दृश्य को याद करती थी तब तक उसकी निप्पल तन कर खड़ी हो जाती थी बार-बार अपने बदन में उत्तेजना का अनुभव करने लगती थी,,,,
Arafhna k sapne me Sanju or aradhna


महीना गुजर चुका था लेकिन अशोक घर पर नहीं आया था धीरे-धीरे आराधना भी अशोक की चिंता करना छोड़ दी थी क्योंकि वह समझ गई थी कि वह सुधरने वाला नहीं है और एक बार फिर से‌वह अपने पिछले जीवन में झांकना या जाना बिल्कुल भी नहीं चाहती थी वह जिस तरह से जीना शुरू की थी उसमें एक तरह से उसे आनंद आ रहा था क्योंकि रात को वह चैन की नींद सोती तो थी,,,, लेकिन एक दिक्कत हो रही थी रात को जरूर और चैन की नींद सोती थी लेकिन बिस्तर पर सारी रात भर करवटें बदलती रहती थी उसे भी ना जाने क्यों एक मर्द की जरूरत पड़ने लगी थी लेकिन फिर भी वह किसी तरह से अपने आप को संभाले हुई थी,,,,।

संजू कोचिंग क्लास 4:00 बजे घर से निकल जाया करता था और 5:00 बजे के बाद उसकी मां आती थी इसलिए संजू पैदल या तो रिक्शा करके कोचिंग क्लास बहुत जाता था,,,, उसे भी कोचिंग क्लास में आनंद आने लगा था रोज नए नए चेहरे और उन्हें पढ़ाने की धुन में वह सब कुछ भूल जाता था एक तरह से वह मनीषा का मन ही मन बहुत ज्यादा शुक्रिया अदा करता था जो उसे कोचिंग क्लास में सहभागी बनाकर उसके जीवन को सुधारने में लगी थी,,, ऐसे ही एक दिन कोचिंग क्लास जाने से पहले गर्मी के कारण संजू बाथरूम में घुस गया और बाथरूम का दरवाजा बंद नहीं किया बाहर के दरवाजे पर भी चिटकिनी नहीं लगाया क्योंकि वह जानता था कि इस समय कोई आने वाला नहीं है और किसी के आने से पहले ही वह घर से चला जाता था,,,,,

इसलिए बाथरूम में घुसते ही निश्चित होकर अपने सारे कपड़े उतार कर एकदम नंगा हो गया,,,, संजू का गठीला बदन औरतों के लिए आकर्षण का कारण बना रहता था,,,, कपड़े उतार कर नंगा होने के बाद औपचारिक रूप से उसके लंड में सनसनाहट हो रही थी और वह अपने आप ही एकदम से खड़ा हो गया था,,, अपनी मौसी और अपनी बहन की चुदाई करने की वजह से अब उसे मुठ मारने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं पड़ती थी अगर मोहिनी उसका साथ ना देती तो शायद अपनी मौसी की याद में वह रोज हिला कर अपना काम चला लेता क्योंकि मौसी उसे रोज नहीं मिलती थी लेकिन मोहिनी रोज रात को उसे खुश कर देती थी इसलिए अपने खड़े लंड पर वह बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहा था और अपने बदन पर साबुन लगाने लगा था,,,,,।

दूसरी तरफ ऑफिस से जल्दी छुट्टी होने की वजह से आज आराधना जल्दी ही घर पर लौट आई थी बाहर स्कूटी खड़ी करके दरवाजे की तरफ देखी तो दरवाजा खुला हुआ था वह समझ गई कि संजू घर पर आ चुका है इसलिए धीरे से दरवाजा खोल कर अंदर प्रवेश की उसे बड़े जोरों की पेशाब लगी हुई थी इसलिए अपने पर्स को एक तरफ रख कर वह बाथरूम की तरफ आगे कदम बढ़ाई,,,, तो देखी बाथरूम का दरवाजा हल्का खुला हुआ है,,,, उसे लगा कि बाथरूम में कोई नहीं है क्योंकि अगर बाथरूम में कोई होता तो बाथरूम का दरवाजा बंद होता है इसलिए वह निश्चिंत होकर दरवाजा को पकड़ कर खोल दी और जैसे ही दरवाजा खोल ही उसकी आंखों के सामने जो दृश्य नजर आया उसे देखकर उसकी आंखें फटी की फटी रह गई उसकी नजर सीधे अपने बेटे के खड़े लंड पर गई जो कि छत की तरफ मुंह उठाकर खड़ा था आज पहली बार आराधना अपने बेटे के लंड को बेहद करीब से देख रही थी,,, पल भर के लिए उसकी आंखें अपने बेटे के लंड पर जमी की जमी रह गई,,,, पहले तो संजू दरवाजा एकाएक खुलने पर एकदम से हड़बड़ा गया था लेकिन जब देखा कि बाहर उसकी मां खड़ी है तब वह एकदम बेशर्मी पर उतर आए और अपने बदन को बिल्कुल भी ढकने की कोशिश नहीं किया क्योंकि वह ताड़ लिया था कि उसकी मां उसके लंड को ही देख रही है,,,, और वह जानबूझकर अपनी मां को अपने लंड दिखाने लगा,,,,,।

खूबसूरत जवान औरत के लिए एक जवान लड़के का मर्दाना ताकत से भरा हुआ लंड हमेशा से उसकी कमजोरी और आकर्षण का केंद्र बिंदु रहा है और उससे आराधना बिल्कुल भी अछूता नहीं थी इसलिए अपने बेटे के दमदार लंड को अपनी आंखों से देख कर उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें वह अपनी नजरों को हटा नहीं पा रही थी एक अजीब सा आकर्षण उसकी नजरों को लंड के आकर्षण में बांध कर रख दिया था,,,, तकरीबन आराधना ने इस दृश्य को केवल 15 सेकंड तक ही देखी थी लेकिन इन 15 सेकंड में हुआ है कि नहीं जिंदगी को जी चुकी थी पल भर में ही अपनी आंखों से वह तार चुकी थी कि उसके बेटे के लंड की मोटाई और लंबाई बेहद दमदार है पहले ही वह अपने बेटे के लंड की दमदार ताकत को अपनी बड़ी बहन की मदमस्त जवानी पर देख चुकी थी इसलिए उसे अपने बेटे की मर्दाना ताकत पर बिल्कुल भी साथ नहीं था,,,, लंड के इर्द-गिर्द झांठ के बाल साबुन का झाग लगा हुआ था जिससे उसका लंड और भी ज्यादा मनमोहक लग रहा था,,,, उत्तेजना के मारे आराधना का गला सूख चुका था और वह अपने सूखे हुए गले को ठीक से गिला करने की कोशिश करते हुए अपनी नजरों को ऊपर की तरफ ले गई तो उसकी चौड़ी छाती को देखकर आराधना की चूत से मदन रस की बूंद टपक गई,,,,, वह पहली बार अपने बेटे को पूरी तरह से नग्न अवस्था में देख रहे थे और पहली बार देखने के बाद उसे इस बात का एहसास हो रहा था कि उसका बेटा मर्दाना ताकत से भरा हुआ एक जवान लड़का था जिसकी बाहों में आने के लिए औरत शायद इसीलिए मचल उठती होगी और यही हाल उसकी बड़ी दीदी का भी होगा,,,,,। अपनी मां की अपने लंड पर चिपकी हुई नजरों को देखकर संजू बहुत खुश हो रहा था और अपनी मां की आंखों के सामने बेशर्मी का उदाहरण देते हुए वह अपने लंड को अपने हाथ से पकड़ कर ऊपर नीचे करके हिलाने लगा उसे देखकर आराधना की दोनों टांगों के बीच बवंडर से उठने लगा था और तुरंत उसे होश आया कि वह क्या कर रही है और तुरंत अपने बेटे को सॉरी बोल कर वापस दरवाजा बंद करके अपने कमरे में चली गई,,,,।
Sadhna ki lajawab chuchiy


संजू का काम बन चुका था वह समझ गया था कि उसकी मां भी उसके लंड की दीवानी हो गई है,,,, क्योंकि जिस तरह से वह प्यासी नजरों से देख रही थी संजू को लगने लगा था कि उसकी मां भी प्यासी है,,, और औरत के ऐसी प्यासे पन का फायदा उठाना हर एक मर्द जानता था और संजू को भी मालूम था कि उसे क्या करना है कब करना है बस वह सही मौके के इंतजार में था,,,,, मुठ मारने का उसका बिल्कुल भी विचार नहीं था लेकिन अपनी मां को इस तरह से अपना लंड देखता हुआ पागल अपने आप ही उसका दिमाग घूमने लगा था उसके मन में कल्पनाओं का तूफान उम्र रहा था और संजू उन कल्पनाओं के जंगल में अपने सपनों की राजकुमारी को ढूंढ रहा था जो कि पहले से ही बिस्तर पर पीठ के बल लेटी हुई थी एकदम नग्न अवस्था में संजू अपनी कल्पनाओं के घोड़े पर सवार होकर बिस्तर के करीब गया और घोड़े पर से कूद कर सीधे बिस्तर पर पहुंच गया अपनी मां के दोनों टांगों के बीच और बिना कुछ बोले ही अपने मोटे लंड को अपनी मां के गुलाबी छेद में डालकर अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया इस तरह की कल्पना करके संजू पूरी तरह से मस्त हुआ जा रहा था और थोड़ी ही देर में पानी का फव्वारा निकला और सामने की दीवार को गीला कर दिया थोड़ी देर में शांत होने के बाद वह दीवार पर गिरे अपने लावे को पानी डालकर साफ करने लगा और फिर रावल पहन कर बाथरूम के बाहर आ गया,,,, थोड़ी ही देर में संजू तैयार हो चुका था लेकिन दूसरी तरफ आराधना की हालत खराब हो चुकी थी वह अपने कमरे में बिस्तर पर बैठी हुई थी और अपने बेटे के बारे में सोच कर हैरान हो रही थी,,,,,,।

मम्मी मैं जा रहा हूं,,,,

(अपने बेटे की आवाज सुनकर वह एकदम से चौक गई अपने बेटे से बात करने में उसे शर्म आ रही थी मैं कुछ बोल नहीं पा रही थी तो दोबारा संजू बोला)

क्या हुआ मम्मी सो गई क्या,,,?

नहीं थोड़ी थकान है तू जा,,,

ठीक है मम्मी मैं जा रहा हूं,,,,(और अपनी मां के कमरे की तरफ मुस्कुराता हुआ देखकर संजू घर से बाहर निकल गया लेकिन आज उसकी मां जल्दी आई थी इसलिए वापस कमरे में प्रवेश करता हुआ बोला,,,,)

मम्मी आज तुम जल्दी आ गई हो क्या मैं तुम्हारी स्कूटी ले जा सकता हूं,,,,।
(संजू आराधना के कमरे में पहुंच चुका था लेकिन आराधना को होश बिल्कुल भी नहीं था वह किसी ख्यालों में खोई हुई थी लेकिन अपने बेटे की बात सुनकर जैसे कोई उसे नींद से जगाया हो एकदम से हड़बड़ाहट में बिस्तर से उठ कर खड़ी हो गई और हडबड्ते हुए बोली,,,)

कककक क्या,,,?

अरे मम्मी कहां खोई हुई हो मैं पूछ रहा हूं कि मैं क्या तुम्हारी स्कूटी ले जा सकता हूं,,,


हां हां ठीक है ले जा,,,, चाबी देख दीवार पर टंगी होगी,,,।
(इतना सुनते ही संजू एक नजर अपनी मां के ऊपर डाला तो मुस्कुराने लगा वह समझ गया था कि उसके मोटे खडे लंड न६ उसका काम कर दिया है और वह चाबी लेकर घर से बाहर आ गया और उसको की चालू करके कोचिंग क्लास की तरफ चल दिया,,,, रात को भी आराधना अपने बेटे से नजर नहीं मिला पा रही थी ,,, उससे बात करने में कतरा रही थी,,,,,,,, खाना खाने के बाद अपना सारा काम करके आराधना अपने कमरे में चली गई और संजु अपने कमरे में मोहिनी के साथ,,, शाम को अपनी मां को बेहद करीब से अपना लंड दिखाने की वजह से अभी तक उसके बदन में उत्तेजना का संचार हो रहा था इसलिए कमरे में जाते ही वह मोहिनी के कपड़ों को उतारकर उसे नंगी कर दिया और दूसरी तरफ आराधना का दिमाग काम करना बंद कर दिया था वह ना चाहते हुए भी बार-बार अपने बेटे के लंड के बारे में सोच रही थी,,,, और सोचते-सोचते उसे कब नींद आ गई उसे पता ही नहीं चला,,,,,।



तकरीबन रात को 2:00 बजे उसे ऐसा महसूस हो रहा था कि जैसे कोई उसके कमरे में है और धीरे से उसके बिस्तर पर बैठ गया उसकी आंख नहीं खुल रही थी लेकिन उसे महसूस हो रहा था देखते ही देखते उसे समझ में आने लगा कि कमरे में उसका बेटा है और वह धीरे-धीरे उसके ब्लाउज के बटन खोल रहा है आराधना उसे अपना ब्लाउज का बटन खोलने से मना कर रही थी लेकिन वह मान नहीं रहा था देखते ही देखते संजू अपनी मां के ब्लाउज के सारे बटन को खोल कर उसकी नंगी चूची को जोर जोर से दबाना शुरू कर दिया था सोने से पहले आराधना अपनी ब्रा को उतार दी थी केवल ब्लाउज पहनी हुई थी अपनी मां की बड़ी-बड़ी चुचियों को दशहरी आम की तरह वह मुंह में लेकर पी रहा था उसकी मां उसे रोकने की बहुत कोशिश कर रही थी लेकिन वह मान नहीं रहा था लेकिन संजू की इस हरकत की वजह से उसके बदन में उत्तेजना का संचार होने लगा और उसे मजा आने लगा,,,, देखते ही देखते आराधना की गरम सिसकारियां कमरे में घुसने लगी और संजू अपनी मां की चूची को पूरी तरह से निचोड़ डालना चाहता था बड़ी बड़ी चूची अपने हाथ में आया हुआ देखकर संजू की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ती जा रही थी संजू पागलों की तरह अपनी मां की चूची को मुंह में लेकर पी रहा था और आराधना उसका सर पकड़ कर जोर जोर से अपनी छाती पर दबा रही थी,,,,, देखते ही देखते संजू का हाथ उसकी साड़ी की गिठान पर पहुंच गया और उसे खोलकर साड़ी को अलग करने लगा,,,,, उत्तेजना के मारे आराधना का गला सूख रहा था लेकिन आराधना अपने बेटे की हरकत से पूरी तरह से आनंदित हो चुकी थी देखते ही देखते समझो अपनी मां की साड़ी को पूरी तरह से उसके बदन से अलग कर दिया और उसकी पेटीकोट की डोरी को खोलने लगा पेटिकोट की डोरी खुलते ही आराधना अपने आप ही अपनी गांड को हवा में ऊपर की तरफ उठा देता कि उसका बेटा बड़े आराम से उसकी पेटीकोट को उतार सकें संजू स्फूर्ति दिखाते हुए अपनी मां की पेटीकोट को पेंटी सहित पकड़कर उसे एक झटके से उतार दिया और देखते ही देखते संजू की मां बिस्तर पर पुरी तरह से नंगी हो गई,,,,, और अगले ही पल अपने बेटे की जीत को अपनी चूत पर महसूस करते ही वह एकदम से गनगना गई यह पल आराधना के लिए बेहद अद्भुत और अविस्मरणीय था आराधना इस पल में पूरी तरह से डूबती हुई अपने आपको महसूस करने लगी देखते ही देखते संजू ने अपनी जीभ से उसे पागल कर दिया,,,। देखते ही देखते आराधना पूरी तरह से मदहोश होने लगी और अपने आप ही अपने बेटे के लिए अपनी दोनों टांगों को खोल दी संजू अपने दोनों घुटनों के बल बैठकर अपनी मां की दोनों कमर तक अपना हाथ ले गया और उसे कस के पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया और उसकी आदि गांड को अपनी जांघों पर चढ़ा लिया,,,, और देखते ही देखते संजू अपने मोटे तगड़े लंड को अपनी मां की गुलाबी छेद पर रख कर एक करारा धक्का मारा और एक ही धक्के में संजू का लंड सारी अड़चनों को पार करता हुआ सीधा आराधना की बच्चेदानी से जा टकराया आराधना की चीख निकल गई और संजू ताबड़तोड़ धक्के पर धक्का लगाना शुरू कर दिया आराधना पूरी तरह से मस्त हो गई और देखते ही देखते गरम आहें भरते हुए उसका पानी निकल गया और जैसे ही उसकी आंख खुली उसके होश उड़ गए,,, उसके ऊपर संजू नहीं बल्कि वह बिस्तर पर अकेली ही थी पसीने से लथपथ वह सपना देख रही थी सपने में वह अपने बेटे के साथ संभोग रत थी अपनी छाती की तरफ नजर दौड़ाई तो ब्लाउज ज्यों का त्यों था,,, उसका एक भी बटन खुला नहीं था,,,, कमर के नीचे के हालात कुछ ठीक नहीं थे साड़ी कमर तक चढ़ी हुई थी साड़ी के नीचे उसने चड्डी नहीं पहनी थी उसकी चूत पर उसकी खुद की हथेली रखी हुई थी और उसकी चूत से मदन रस भल भला कर बह रहा था,,,, उसे समझते देर नहीं लगेगी सपने में उसे स्वप्नदोष हुआ है,,,, लेकिन आज तक ऐसा उसके साथ कभी नहीं हुआ था इस तरह का एक बार और उसके साथ कॉलेज के दिन में हुआ था और तब से लेकर आज तक आज दूसरी बार नींद में उसका पानी निकल गया था वह हैरान थी अपनी हालत पर,,,, पूरा बदन पसीने से तरबतर हो चुका था,,, अभी भी उसकी सांसे बड़ी तेजी से चल रही थी,,,, वो बिस्तर पर से उठी और अपने कपड़ों को दुरुस्त करने लगी सोने से पहले ही वह अपनी पेंटि निकाल चुकी थी और सपने में,,, उसे ऐसा ही नजर आ रहा था कि उसका बेटा खुद अपने हाथों से उसकी पेटीकोट के साथ-साथ उसकी पेंटी भी निकाल चुका था,,,, अपनी सांसो को दुरुस्त करने के बाद वह एक गिलास ठंडा पानी पी और अपने आप को शांत करने की कोशिश करने लगी बिस्तर पर बैठकर वो सपने के बारे में सोचने लगी कि इतना गंदा सपना उसे क्यों दिखाई दिया कहीं सपने में आने वाले दिनों का संकेत तो नहीं है कहीं ऐसा तो नहीं वह खुद अपने बेटे के साथ संभोग सुख प्राप्त करेगी अपनी बेटे के साथ जिस्मानी ताल्लुकात बनाएगी,,, दुनिया समाज की परवाह किए बिना मां बेटे के बीच के पवित्र बंधन को तोड़ कर वहां अपने बेटे के साथ एक औरत और मर्द का रिश्ता कायम रखेगी,,,, यह सब सोचकर वह हैरान हो जा रही थी और अपने आप को ही झूठी सांत्वना देते हुए समझा रही थी कि नहीं ऐसा वह कभी नहीं करेगी अपने बेटे के साथ इस तरह का गलत संबंध वह कभी नहीं बनाएगी,,,।

बिस्तर पर बैठ कर वह घड़ी की तरफ देखी तो 3:30 का समय हो रहा था वह एकदम से हैरान हो गई थी,,, एक बार फिर से वह‌ बिस्तर पर लेट कर सोने की कोशिश करने लगी लेकिन उसे नींद नहीं आ रही थी,,, वो सपने के बारे में सोचने लगी और एहसास करने लगी कि सपना कितना हकीकत की तरह था ऐसा लग रहा था कि जैसे अभी अभी उसका बेटा उसके कमरे में आकर उसकी चुदाई करके वापस चला गया है,,,, सपने में अपने बेटे की हरकत के बारे में सोचकर शर्म से उसके गाल लाल हो चुके थे सब कुछ हकीकत सा लग रहा था उसका कमरे में आना धीरे से बिस्तर पर बैठना और धीरे-धीरे उसके ब्लाउज के बटन खोलना बटन खोलने के बाद उसकी चूचियों को जोर जोर से दबाना,,,, उसकी मजबूत बुझाओ और हथेलियों का दबाव अभी भी अपनी चुचियों पर साफ तौर पर महसूस कर पा रही थी सब कुछ हकीकत सा लग रहा था उसके रोकने के बावजूद भी उसके बेटे ने जिस तरह से जबरदस्ती दिखाते हुए चुचियों को मुंह में लेकर पीना शुरू किया था उसके चलते नींद में भी उसके बदन में उत्तेजना का अनुभव हो रहा था,,, और धीरे-धीरे साड़ी खोलना फिर पेटीकोट की डोरी खोलना औरत और उसका साथ देते हुए उसका खुद का अपनी गांड ऊपर की तरफ उठाकर पेटिकोट के साथ-साथ पेंटि उतरवाने में उसकी मदद करना,,,, और जिस तरह से अपने प्यासे होठों को उसकी चूत पर रख कर चाटना शुरू किया था उस पर तो आराधना पूरी तरह से गदगद हो गई थी,,,,, सपने में अपने बेटे की हरकत का बिल्कुल भी विरोध ना करना आराधना को और ज्यादा शर्मसार कर रहा था,,,, और देखते ही देखते जिस तरह से उसके बेटे ने अपने दोनों हाथों को नीचे की तरफ ले जाकर उसकी कमर को पकड़ कर अपनी तरफ खींचा था और उसकी आधी गांड को अपनी जांघों पर रख दिया था उस पल को याद करके आराधना इस समय बेहद रोमांचित हो रही थी,,, और देखते ही देखते पहले ही प्रहार में अपने समूचे लंड को उसकी चूत में डालकर बच्चेदानी तक पहुंचा देना सब कुछ अद्भुत था,,, सपने के बारे में सोच कर एक बार फिर से आराधना की निप्पल तन गई थी सपना इतना हकीकत भी हो सकता है वह कभी सपने में भी नहीं सोची थी,,,, सपने में आकर उसके बेटे ने उसका पानी निकाल गया था,,,। इस बात का एहसास में वह पूरी तरह से डूब चुकी थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि उसका मन क्या कह रहा है उसका दिल क्या चाहता है उसका दिमाग क्या करवाना चाहता है इस सपने को लेकर आराधना पूरी तरह से हैरान थी उसे लगने लगा था कि यह सपना भविष्य का संकेत है कहीं ना कहीं उसके मन में भी अपने बेटे के साथ चुदवाने की आस बंधती जा रही है,,,, इसीलिए वह अपने आप को और भी ज्यादा बेचैन महसूस कर रही थी बिस्तर पर करवट बदलते बदलते कब उसकी आंख लग गई उसे पता नहीं चला,,,, सुबह जब आंख खुली तो मोहिनी उसे जगा रही थी काफी देर हो गई थी इसलिए झट से वह बिस्तर से उठ कर बैठ गई और अपने काम में लग गई,,,।
बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है
आराधना संजू को नंगा देख लेती है उसने आज संजू के लन्ड को नजदीक से देखा है वह सोते हुए भी अपने बेटे के लन्ड के बारे में ही सोचती है लगता है अब जल्दी ही संजू और आराधना का मिलन होने वाला है
 
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rohnny4545

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स्वप्नदोष की स्थिति में गहरी नींद में सो चुकी थी और उसे मोहिनी ही जगाई इसलिए वह झट से उठकर काम में लग गई थी लेकिन उसका काम में बिल्कुल भी मन नहीं लग रहा था क्योंकि आज तक उसने इस तरह का सपना नहीं देखी थी,,,, सपना भी एकदम हकीकत की तरह हो सकता है उसे विश्वास नहीं हो रहा था सब कुछ एकदम हकीकत ही तो लग रहा था वह बैठे-बैठे इसी बारे में सोच रही थी कि कैसे उसका बेटा उसके कमरे का दरवाजा खोल कर आया था उसके करीब बैठा था और अपने हाथों से ब्लाउज का बटन खोला था सब कुछ एकदम हकीकत मतलब कि जैसे उसकी आंखों के सामने हो रहा है,,, उसका अपने हाथों से साड़ी उतार कर अलग करना ब्लाउज के बटन खोल कर उसकी नंगी चूचियों को जोर जोर से दबा कर मुंह में लेकर पीना और साड़ी उतारने के बाद पेटीकोट की डोरी खोल कर,,, उसे उतारने की कोशिश करना है और खुद उसका ‌हकार करते हुए अपनी भारी-भरकम गांड को हवा में उठा देना और उसके बेटे का मौके का फायदा उठाते हुए पेटीकोट के साथ पैंटी भी उतार देना पलभर में ही उसका अपने ही हाथों से नंगी कर देना,,, और अपने हाथों से ही दोनों टांगों को फैला कर टांगों के बीच आ जाना सब कुछ तो हकीकत लग रहा था और उस पल को उस एहसास को वह कैसे बोल सकती है जब अपनी चूत पर अपने बेटे की होंठों का स्पर्श महसूस की थी एकदम से झनझनाहट पूरे बदन में फैल गई थी,,, पहली बार आराधना अपनी चूत पर जवान होठो और जीभ का स्पर्श महसूस कर रही थी,,,, और फिर एक झटके में ही पूरा का पूरा लंड और चूत में डाल देना सपना होते हुए भी सब कुछ हकीकत सा लग रहा था तभी तो उसका पानी निकल गया था,,,,,।



झाड़ू लगाते समय आराधना रात के सपने के बारे में ही सोच रही थी,,, उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करें,,, पहली बार सपने में ही सही संभोग के अद्भुत सुख का एहसास उसे हुआ था एक परम तृप्ति का एहसास पहली बार उसे हुआ था और वह भी अपने बेटे के द्वारा भले ही सपने में लेकिन अकल्पनीय सुख को महसूस करके वह बार-बार गीली हो जा रही थी,,,,।

नाश्ता तैयार कर चुकी थी थोड़ी ही देर में संजू और मोहिनी दोनों नाश्ता करके कॉलेज के लिए निकल गए थे और वह से भी ऑफिस के लिए तैयार होना और थोड़ी ही देर में वह भी नाश्ता करके घर से निकल गई,,,।

दूसरी तरफ कोचिंग क्लास का कार्यभार बड़े अच्छे से चल रहा था संजू ने बहुत ही जल्दी सभी विद्यार्थियों में एक छाप छोड़ दिया था,,,, संजू जिस तरह से पढ़ाता था और समझाता था उसे देखकर मनीषा भी आश्चर्यचकित रह जाती थी उसे उम्मीद नहीं थी कि संजू इस कदर अपने काम में माहिर निकलेगा लेकिन धीरे-धीरे संजू की ही वजह से कोचिंग क्लास का नाम फैलने लगा और धीरे-धीरे और भी विद्यार्थी कोचिंग लेने के लिए आने लगे,,,, संजू का आकर्षण मनीषा के प्रति दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा था वह पढ़ाते समय तिरछी नजरों से मनीषा की तरफ देख लेता था कभी और सलवार कमीज पहनकर आती तो कभी जींस और टीशर्ट और दोनों धरा के कपड़ों में वह कयामत लगती थी,,,, कसी हुई सलवार से बाहर जाती है उसकी सुडौल और सुगठित गांड हमेशा से संजू की उत्तेजना का केंद्र बिंदु बना रहता था छातियों की शोभा बढ़ाती उसकी दोनों नौरंगिया कुर्ती में से अपनी निप्पल को भाला बनाकर कुर्ती को छेंदने के लिए बेकरार रहती थी,,,,,,, मनीषा को भी धीरे-धीरे संजू की नजरों का पता चलने लगा था वह समझ रही थी कि संजू चोर नजरों से उसे ही देखता रहता है और मनीषा भी संजू के व्यक्तित्व के आगे आकर्षित हुए जा रही थी,,,,,,, दोनों के बीच सहज रुप ही वार्तालाप होती थी बातों में किसी भी प्रकार की अश्लीलता नजर नहीं आती थी दोनों एक दूसरे के प्रति एकदम सहज थे भले ही एक दूसरे के प्रति देना आकर्षित हो रहे थे लेकिन यह बात दोनों को ही पता नहीं था,,,दोनों सिर्फ अपना काम कर रहे थे,,,,,,।
Sadhnaa


ऐसे ही एक दिन संजू घर से निकल कर सीधा कोचिंग क्लास पहुंचने की जगह मनीषा के घर पहुंच गया वह सोच रहा था कि ऐसे में मौसी से भी मुलाकात हो जाएगी और मुलाकात करने के बहाने अगर मौका मिला तो मौसी के संग थोड़ी मस्ती कर लेगा वैसे भी चुदाई किया उसे काफी दिन हो गए थे इसलिए लंड अपने काबू में नहीं था,,,, साधना के घर के बाहर खड़ा होकर बेल दबाने लगा,,,, और तभी थोड़ी ही देर में दरवाजा खुला तो सामने मनीषा खड़ी थी,,, मनीषा को देखकर संजू के चेहरे पर प्रसन्नता के भाव नजर आने लगे मनीषा को देखने के बाद ऐसा लग रहा था कि मनीषा अभी कोचिंग क्लास जाने के लिए तैयार नहीं हुई थी बाल बिखरे हुए थे लेकिन बिखरे हुए बालों में उसकी खूबसूरती और ज्यादा निखर कर नजर आ रही थी,,, संजू एकटक मनीषा को ही देखता रह गया और मनीषा भी मुस्कुराते हुए बोली,,,।

अरे संजू तू यहां कोचिंग क्लास नहीं गया,,,

मैं सोचा कि तुम्हारे साथ चलूंगा इसलिए यहां आ गया इसी बहाने मौसी से भी मुलाकात हो जाएगी क्यों तुम्हें अच्छा नहीं लगा क्या मेरा यहां पर आना,,,

अरे नहीं नहीं ऐसी कोई बात नहीं है,,,


नहीं ऐसी ही बात है तभी तो दरवाजे पर ही खड़ी रखी हो अंदर आने के लिए कह नहीं रही हो,,,

अरे सॉरी,,, आओ अंदर आओ इधर आने के लिए इजाजत की जरूरत थोड़ी है यह भी तो तुम्हारा ही घर है,,,


जानता हूं दीदी तभी तो बिना बुलाए चला अाता हूं,,,,(संजू घर में प्रवेश करता हुआ पूरा संजू की आवाज सुनकर तब तक साधना भी वहीं आ गई क्योंकि काफी दिनों बाद वह संजू से मिल रही थी,,,)

अरे संजू तू बहुत दिन बाद आ रहा है ईथर का रास्ता भूल गया क्या,,,,,

अरे नहीं मौसी इसीलिए तो आया हूं कि चलो मुलाकात भी हो जाएगी,,,,।

अच्छा मम्मी जब तक तुम चाय बना दो मैं नहा कर फ्रेश होकर आ जाती हुं,,,,
(नहाने की बात सुनते ही संजू के पेंट में हरकत होने लगी और यही हाल साधना का भी होने लगा अपनी बेटी से नजरें बचाकर साधना आंखों के इशारे से उसे किचन में आने के लिए बोली,,,, और जैसे ही साधना किचन में प्रवेश की संजू धीरे से किचन के दरवाजे के पास आकर खड़ा हो गया और जैसे ही बाथरूम के बंद होने की आवाजाही तुरंत संजू बिना देर किए किचन के अंदर प्रवेश कर गया और तुरंत अपनी मौसी को अपने बाहों में भरकर उसके लाल लाल होंठों पर अपने होंठ रख कर उसके होंठों का रसपान करने लगा,,, बहुत दिनों बाद दोनों मिले थे इसलिए पलभर में ही या चुंबन एकदम गहरा होने लगा दोनों तरफ से एक दूसरे के होठों का रस चूसने का सिलसिला शुरू हो गया और इसी बीच संजू अपने दोनों हाथों को पीछे की तरफ लाकर अपनी मौसी की बड़ी-बड़ी गांड को जोर-जोर से पकड़कर दबाना शुरू कर दिया साड़ी के ऊपर से ही गांड को दबाने पर वह पूरी तरह से उत्तेजित हो गया था और आगे से उसका लंड साड़ी के ऊपर से ही साधना की चूत पर ठोकर मार रहा था,,, तुरंत ही संजू का लंड एकदम अपनी औकात में आ गया था इसलिए साधना बोली,,,।
Aradhna ki badi gaand


तेरा लंड भी मौके की नजाकत को अच्छी तरह से समझता है तभी तो देख इतनी जल्दी खड़ा हो गया है,,।

अरे मौसी तुम्हारी चूत की खुशबू सुंघ कर मेरे लंड से रहा नहीं जाता है इसलिए तो तुरंत खड़ा हो जाता है,,,(ब्लाउज के ऊपर से चूची को दबाते हुए बोला)

हम दोनों के पास 10 मिनट का समय है 10 मिनट में मनीषा नहा कर बाहर आ जाएगी इतनी देर में तुझे जो करना है कर ले,,,(साधना एकदम से संजू को आमंत्रण देते हुए बोली,,, वैसे तो एक संपूर्ण तृप्ति भरा संभोग का एहसास दिलाने के लिए 10 मिनट काफी नहीं था लेकिन संजू को अपनी मर्दाना ताकत पर पूरा विश्वास था इसलिए इस समय उसके लिए 10 मिनट भी बहुत था इसलिए वह ज्यादा देर ना करते हुए तुरंत अपनी मौसी को पकड़कर घुमा दिया और उसे किचन का फ्लोर पकड़कर नीचे झुकने के लिए बोला,,,,)
तब देर किस बात की है मेरी रानी बस अब तुम थोड़ा सा झुक जाओ फिर देखो मेरा कमाल,,,, लेकिन मनीषा ने तो चाय बनाने के लिए बोली है,,,,।

अरे बुद्धू मैं सब जानती हूं पहले स्टॉव पर देख तो ले,,,।
(स्टॉव पर नजर पड़ते ही संजू एकदम से खुश हो गया,,, क्योंकि इस समय मनीषा कोचिंग के लिए जाती थी इसलिए साधना पहले से ही चाय बनाने के लिए रख दी थी और उसका फल उसे इस रूप में मिल रहा था,,, साधना को पता था कि उसे क्या करना है वह तुरंत झुक गई और अपनी बड़ी बड़ी गांड को हवा में ऊपर की तरफ उठा दी संजू भी देर किए बिना तुरंत अपनी मौसी की साड़ी को उठाते हुए कमर पर लाकर इकट्ठा कर दिया लाल रंग की पैंटी में मौसी की गोरी गोरी बड़ी बड़ी गांड और ज्यादा खूबसूरत लग रही थी बेटी के ऊपर से ही संजू अपनी मौसी की गांड जोर-जोर से दबाते हुए उस पर चपत लगाने लगा और फिर लाल रंग की पेंटिंग अपने दोनों हाथों से नीचे की तरफ उतारते हुए घुटनों में लाकर फंसा दिया,,,।)

सहहहरह आहहहरह मौसी तुम्हारी गांड बहुत मस्त है,,,ऊमममम,,,(और इतना कहने के साथ ही गांड की दोनों हाथों को अपने दोनों हाथों में पकड़ कर एक दूसरे के विरुद्ध खींचने लगा जिससे उसका गुलाबी छेद नजर आने लगा उसे देखकर संजू के मुंह में पानी आने लगा हुआ तुरंत नीचे झुक कर अपनी जीभ को साधना की चूत पर लगाकर उसे चाटने लगा,,, संजू की हरकत को देखकर साधना अपने मन में सोचने लगी कि मादरचोद को औरतों को खुश करने का हुनर अच्छी तरह से आता है और कुछ देर तक समझो अपनी मौसी की चूत को चार तरह चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी इसलिए तुरंत खड़ा हुआ और अपने पेंट को बिना उतारे उसमें से लंड को बाहर निकाल लिया,,,, और साधना की गुलाबी छेद में डालकर उसकी कमर पकड़ लिया और पहली बार से ही जबरदस्त धक्कों का प्रहार करने लगा हर धक्के के प्रहार से साधना के मुंह से आह निकल जा रही थी लेकिन यह आहह उसके आनंद की परिभाषा को बयां कर रहे थे,,,
Sanju apni mausi ki chudai karte huye



संजू बिना रुके लगातार अपनी मौसी की चूत में लंड पर रहा था उसकी रफ्तार बिल्कुल भी कम नहीं हो रही थी देखते ही देखते साधना की सांसें उखड़ने लगी और यही हाल संजू का भी हो रहा था वह जानता था कि उसका पानी निकलने वाला है इसलिए अपने दोनों हाथों को आगे बढ़ा कर ब्लाउज के ऊपर सही अपनी मौसी की चूची को जोर से पकड़ कर दबाते हुए अपनी कमर को मशीन की तरह चलाना शुरु कर दिया,,,,, और जैसे ही बाथरूम का दरवाजा खुला वैसे ही संजू ने अपना लावा अपनी मौसी की चूत में उडेलना शुरू कर दिया,,, संजू अपनी मौसी की पीठ पर ढेर हो गया वह जानता था कि बाथरूम से निकलकर मनीषा सीधे अपने कमरे में जाएगी और ऐसा ही हुआ और थोड़ी ही देर में दोनों संतुष्ट होकर अपने कपड़ों को दुरुस्त किए और खुद संजू चाय लेकर मनीषा के कमरे में आ गया तब तक मनीषा तैयार हो चुकी थी ना आने के बाद मनीषा की खूबसूरती और भी ज्यादा खुशबूदार और मनमोहक हो चुकी थी संजू तो देखता ही रह गया मनीषा जब उसे इस तरह से अपने आप को देखता हुआ पाई तो मुस्कुराते हुए ,,,।

बोली क्या हुआ,,,?

कककक कुछ नहीं,,,(मनीषा के ऐसे सवाल पर संजू एकदम से सकपकाते हुए बोला,,,)

तो ऐसे क्या देख रहा था,,,


कुछ नहीं देख रहा था कि तुम कितनी खूबसूरत लग रही है,,,

चल पागल जल्दी से चाय खत्म कर कोचिंग के लिए चलना है,,,,।
(मनीषा जानबूझकर बात को टालने की गरज से बोली थी लेकिन संजू के मुंह से अपनी खूबसूरती की तारीफ सुनकर मनीषा के गाल शर्म से लाल हो गए थे पहली बार किसी लड़के ने उसके सामने उसकी खूबसूरती की तारीफ करने की हिम्मत किया था मनीषा कुछ बोल नहीं पाई और जल्दी से चाय खत्म करके दोनों कोचिंग के लिए निकल गए,,,,,)

दूसरी तरफ मोहिनी घर पर पहुंच चुकी थी और चाय बना रही थी वह जानती थी कि उसकी मां किसी भी वक्त आ जाएगी इसलिए वह पहले से चाय बनाकर तैयार करना चाहती थी तभी बाहर गाड़ी की आवाज आई तो वह तुरंत दरवाजे पर आकर खड़ी हो गई लेकिन देखी तो आज उसकी मां किसी और की बाइक पर बैठ कर आई थी,,, मोहिनी या देखकर एकदम हैरान हो गए कि उसकी मां किसी गैर मर्द की बाइक पर बैठ कर आई थी और बाइक से उतरने के बाद उसी से हंस हंस कर बात कर रही थी और वह भी मुस्कुरा कर उसकी मां से बात कर रहा था मोहिनी यह देखकर अजीब सी बातों को सोचने लगी क्योंकि पहली बार मोहिनी अपनी मां को किसी गैर मर्द से बात करते हुए देख रही थी और वह भी मोहिनी के लिए बिल्कुल अनजान था,,,, वह आदमी तकरीबन 35 36 साल का था,,, गठीला बदन का ऐसा लग रहा था कि जैसे रोज जिम जाता था और काला चश्मा लगाया हुआ था ,,, चेहरा दाढ़ी और मूंछ से घिरा हुआ था जिसमें वह बेहद आकर्षक लग रहा था,,, मोहिनी देख रही थी कि उसकी मां उसे घर में ले आने के लिए जिद कर रही थी चाय पिलाने के लिए जिद कर रही थी,,,, मोहिनी पर अभी तक आराधना की नजर नहीं पड़ी थी इसलिए मोहिनी सोचने लगी कि वह तो हमेशा अपनी मां के घर पहुंचने के बहुत देर बाद आती थी कहीं ऐसा तो नहीं कि उसकी मां उसे घर में बुलाकर उससे चुदवाने का प्रोग्राम बना रही हो क्योंकि कुछ महीनों से वह औरतों की जरूरत को अच्छी तरह से समझने लगी थी और जब से उसने अपने पापा को किसी केयर लड़की के साथ गेस्ट हाउस में जाते हुए देखी थी तब से उसके सोचने का तरीका बदल चुका था उसे इस बात का डर था कि कहीं उसकी मां दूसरे मर्द के साथ संबंध ना बना ले क्योंकि औरतों की भी जरूरत होती है वह अपने आप को देख कर ही समझ गई थी क्योंकि वह अपनी जरूरत को समझते हुए अपने भाई के साथ शारीरिक संबंध बनाते चली आ रही थी,,,।

आराधना जिद कर रही थी लेकिन वह जल्दबाजी में था इसलिए किसी दिन और आने का वादा करके वहां से चला गया और जैसे ही आराधना की नजर दरवाजे पर पड़ी और मोहिनी को वहां खड़ा देखी तो एकदम से खुश होते हुए बोली,,,।

अरे मोहिनी,,, तू आ जल्दी आ गई,,,


हां मम्मी आज मैं जल्दी आ गई,,,(इतना क्या करूं अपने मन में सोचने लगी कि उसकी मां उसे जल्दी आता देखकर कितना हैरान हो गई है कहीं सही मैं तो उसने प्रोग्राम नहीं बना रखी थी,,,,, और शायद वह इंसान उसे देख लिया हो इसलिए बहाना करके चला गया मोहिनी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें को एकदम हैरान हो गई थी,,,, घर में आराधना प्रवेश कर गई और मोहिनी भी मोहिनी ने चाय बना कर रखी थी इसलिए आराधना फ्रेश होने के बाद तुरंत चाय लेकर पीने लगी,,,, मोहिनी जल्द से जल्द यह बात अपने भाई को बता देना चाहती थी इसलिए रात को जब दोनों सोने के लिए कमरे में गए तब मोहिनी अपनी मां के बारे में सोच कर हैरान भी थी और ना जाने क्यों दूसरे मर्द के साथ अपनी मां की कल्पना करके उत्तेजित हो जा रही थी इसलिए अपने भाई से पहले खुद ही वह अपने कपड़े उतार कर नंगी हो गई थी और खुद अपने भाई के कपड़े उतार कर उसे नंगा कर दी थी उसका भाई भी हैरान था कि आज उसकी बहन ज्यादा ही चुदवा‌‌सी हो गई है,,,, देखते ही देखते हैं मोहिनी अपने भाई के ऊपर चढ़कर अपनी गुलाबी चूत को अपने भाई के लंड को अपने हाथों से पकड़ कर उसे अपनी चूत का रास्ता दिखाते हुए,,, गरम सिसकारी लेते हुए बोली,,,।

‌सससहहहह आहहहह,,,,, भाई अब तुझे ही कुछ जल्दी करना होगा मम्मी के साथ,,,

क्यों क्या हुआ,,,?

आज मम्मी को उनके ऑफिस का कोई आदमी छोड़ने आया था,,,

क्या,,,?(एकदम से हैरान होते हुए) लेकिन मम्मी के पास तो उनकी स्कूटी है ना,,,


हां लेकिन मम्मी कह रही थी कि स्कूटी को 2 दिन के लिए सर्विस में कंपनी ने दी है ताकि दुरुस्त रहें,,, भाई वह आदमी हैंडसम मैंने पहली बार मम्मी को इस तरह से किसी गैर मर्द से हंस-हंसकर बातें करते हुए देखी हूं वरना मम्मी तो इतनी शर्म आती है कि किसी गैर मर्द की तरफ देखने से भी कतराती है लेकिन आज मैं मम्मी का रूप देखकर एकदम घबरा गई हूं,,,

क्या,,, अरे तू गलत समझ रही होगी,,,


नहीं भाई,,,(अपनी गोरी गोरी कहां को अपने भाई के लंड पर पटकाते हुए,,,,) मम्मी हंस हंस कर बातें कर रही थी और उसे घर में आने के लिए बोल रही थी लेकिन वह शायद मुझे देख लिया था और इसीलिए आनाकानी कर रहा था और मम्मी तो जानती है कि मैं मम्मी के आने के बाद घंटे बाद ही घर पर वापस लौटती हूं हो सकता है मम्मी ने प्रोग्राम बनाया हो घर में चुदाई का,,,,

क्या कह रही है मोहिनी,,,


हां भाई मैं सच कह रही हूं बाहर मम्मी किसी गैर से चुदवाई से अच्छा है कि तू ही मम्मी को चोदे,,, इससे बदनामी तो नहीं होगी और वैसे भी मैं मम्मी को किसी गैर मर्द के साथ देखना भी पसंद नहीं करते मुझे तो सोचकर ही कितना खराब लग रहा है कि मम्मी अगर किसी गैर मर्द के साथ चुदवाएगी तो सोच कैसा लगेगा,,, वह अपने हाथों से मम्मी के कपड़े उतारे गा उसकी चूची दबाएगा,,, उसकी चूत चाटने का और अपना लंड मम्मी के मुंह में लेकर चूसने के लिए बोलेगा और जबरदस्ती करता हुआ मम्मी को चोदेगा भी और अगर एक बार यह सिलसिला शुरू हो गया तो सोच भाई वह घर में भी आकर मम्मी को चोदकर जाएगा,,, और मम्मी को एक बार चुदाई का चस्का लग गया तो वह घर में भी बुलाकर रात को अपने कमरे में रात भर चुदवाएगी,,,,,, भाई मेरा तो सोचकर ही हालत खराब हो रहा है,,,


हां तो सच कह रही है मोहिनी अगर ऐसा हो गया तो गजब हो जाएगा,,, अगर इस बात का किसी को पता भी चल गया तो हम लोग को बदनाम हो जाएंगे,,


इसीलिए तो कह रही हूं भाई तू ही कुछ चक्कर चला कि मम्मी को कोई और चोदे ईससे पहले तू उसे अपने बस में कर ले,,,,


तू चिंता मत कर मोहिनी मैं जरूर कोई चक्कर चलाऊंगा,,,, जैसा तू सोच रही है मैं वैसा होने नहीं दूंगा,,,,(अपनी बहन की तरफ से अपनी मां के लिए हरी झंडी पाकर संजू एकदम खुश हो गया था वह समझ गया था क्या अगर वह अपनी मां की चुदाई करेगा तो उसकी बहन को बिल्कुल भी ऐतराज नहीं होगा वह खुलकर घर में मजा ले सकेगा इसलिए वह पूरी तरह से जोश में आ गया था और अपनी बहन को उसी तरह से अपनी बाहों में पकड़े हुए उसे पलट कर उसे नीचे कर दिया और अपना ऊपर आ गया और फिर घमासान चुदाई करने लगा,,,)
 
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Kumarshiva

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स्वप्नदोष की स्थिति में गहरी नींद में सो चुकी थी और उसे मोहिनी ही जगाई इसलिए वह झट से उठकर काम में लग गई थी लेकिन उसका काम में बिल्कुल भी मन नहीं लग रहा था क्योंकि आज तक उसने इस तरह का सपना नहीं देखी थी,,,, सपना भी एकदम हकीकत की तरह हो सकता है उसे विश्वास नहीं हो रहा था सब कुछ एकदम हकीकत ही तो लग रहा था वह बैठे-बैठे इसी बारे में सोच रही थी कि कैसे उसका बेटा उसके कमरे का दरवाजा खोल कर आया था उसके करीब बैठा था और अपने हाथों से ब्लाउज का बटन खोला था सब कुछ एकदम हकीकत मतलब कि जैसे उसकी आंखों के सामने हो रहा है,,, उसका अपने हाथों से साड़ी उतार कर अलग करना ब्लाउज के बटन खोल कर उसकी नंगी चूचियों को जोर जोर से दबा कर मुंह में लेकर पीना और साड़ी उतारने के बाद पेटीकोट की डोरी खोल कर,,, उसे उतारने की कोशिश करना है और खुद उसका ‌हकार करते हुए अपनी भारी-भरकम गांड को हवा में उठा देना और उसके बेटे का मौके का फायदा उठाते हुए पेटीकोट के साथ पैंटी भी उतार देना पलभर में ही उसका अपने ही हाथों से नंगी कर देना,,, और अपने हाथों से ही दोनों टांगों को फैला कर टांगों के बीच आ जाना सब कुछ तो हकीकत लग रहा था और उस पल को उस एहसास को वह कैसे बोल सकती है जब अपनी चूत पर अपने बेटे की होंठों का स्पर्श महसूस की थी एकदम से झनझनाहट पूरे बदन में फैल गई थी,,, पहली बार आराधना अपनी चूत पर जवान होठो और जीभ का स्पर्श महसूस कर रही थी,,,, और फिर एक झटके में ही पूरा का पूरा लंड और चूत में डाल देना सपना होते हुए भी सब कुछ हकीकत सा लग रहा था तभी तो उसका पानी निकल गया था,,,,,।

झाड़ू लगाते समय आराधना रात के सपने के बारे में ही सोच रही थी,,, उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करें,,, पहली बार सपने में ही सही संभोग के अद्भुत सुख का एहसास उसे हुआ था एक परम तृप्ति का एहसास पहली बार उसे हुआ था और वह भी अपने बेटे के द्वारा भले ही सपने में लेकिन अकल्पनीय सुख को महसूस करके वह बार-बार गीली हो जा रही थी,,,,।

नाश्ता तैयार कर चुकी थी थोड़ी ही देर में संजू और मोहिनी दोनों नाश्ता करके कॉलेज के लिए निकल गए थे और वह से भी ऑफिस के लिए तैयार होना और थोड़ी ही देर में वह भी नाश्ता करके घर से निकल गई,,,।

दूसरी तरफ कोचिंग क्लास का कार्यभार बड़े अच्छे से चल रहा था संजू ने बहुत ही जल्दी सभी विद्यार्थियों में एक छाप छोड़ दिया था,,,, संजू जिस तरह से पढ़ाता था और समझाता था उसे देखकर मनीषा भी आश्चर्यचकित रह जाती थी उसे उम्मीद नहीं थी कि संजू इस कदर अपने काम में माहिर निकलेगा लेकिन धीरे-धीरे संजू की ही वजह से कोचिंग क्लास का नाम फैलने लगा और धीरे-धीरे और भी विद्यार्थी कोचिंग लेने के लिए आने लगे,,,, संजू का आकर्षण मनीषा के प्रति दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा था वह पढ़ाते समय तिरछी नजरों से मनीषा की तरफ देख लेता था कभी और सलवार कमीज पहनकर आती तो कभी जींस और टीशर्ट और दोनों धरा के कपड़ों में वह कयामत लगती थी,,,, कसी हुई सलवार से बाहर जाती है उसकी सुडौल और सुगठित गांड हमेशा से संजू की उत्तेजना का केंद्र बिंदु बना रहता था छातियों की शोभा बढ़ाती उसकी दोनों नौरंगिया कुर्ती में से अपनी निप्पल को भाला बनाकर कुर्ती को छेंदने के लिए बेकरार रहती थी,,,,,,, मनीषा को भी धीरे-धीरे संजू की नजरों का पता चलने लगा था वह समझ रही थी कि संजू चोर नजरों से उसे ही देखता रहता है और मनीषा भी संजू के व्यक्तित्व के आगे आकर्षित हुए जा रही थी,,,,,,, दोनों के बीच सहज रुप ही वार्तालाप होती थी बातों में किसी भी प्रकार की अश्लीलता नजर नहीं आती थी दोनों एक दूसरे के प्रति एकदम सहज थे भले ही एक दूसरे के प्रति देना आकर्षित हो रहे थे लेकिन यह बात दोनों को ही पता नहीं था,,,दोनों सिर्फ अपना काम कर रहे थे,,,,,,।

ऐसे ही एक दिन संजू घर से निकल कर सीधा कोचिंग क्लास पहुंचने की जगह मनीषा के घर पहुंच गया वह सोच रहा था कि ऐसे में मौसी से भी मुलाकात हो जाएगी और मुलाकात करने के बहाने अगर मौका मिला तो मौसी के संग थोड़ी मस्ती कर लेगा वैसे भी चुदाई किया उसे काफी दिन हो गए थे इसलिए लंड अपने काबू में नहीं था,,,, साधना के घर के बाहर खड़ा होकर बेल दबाने लगा,,,, और तभी थोड़ी ही देर में दरवाजा खुला तो सामने मनीषा खड़ी थी,,, मनीषा को देखकर संजू के चेहरे पर प्रसन्नता के भाव नजर आने लगे मनीषा को देखने के बाद ऐसा लग रहा था कि मनीषा अभी कोचिंग क्लास जाने के लिए तैयार नहीं हुई थी बाल बिखरे हुए थे लेकिन बिखरे हुए बालों में उसकी खूबसूरती और ज्यादा निखर कर नजर आ रही थी,,, संजू एकटक मनीषा को ही देखता रह गया और मनीषा भी मुस्कुराते हुए बोली,,,।

अरे संजू तू यहां कोचिंग क्लास नहीं गया,,,

मैं सोचा कि तुम्हारे साथ चलूंगा इसलिए यहां आ गया इसी बहाने मौसी से भी मुलाकात हो जाएगी क्यों तुम्हें अच्छा नहीं लगा क्या मेरा यहां पर आना,,,

अरे नहीं नहीं ऐसी कोई बात नहीं है,,,


नहीं ऐसी ही बात है तभी तो दरवाजे पर ही खड़ी रखी हो अंदर आने के लिए कह नहीं रही हो,,,

अरे सॉरी,,, आओ अंदर आओ इधर आने के लिए इजाजत की जरूरत थोड़ी है यह भी तो तुम्हारा ही घर है,,,


जानता हूं दीदी तभी तो बिना बुलाए चला अाता हूं,,,,(संजू घर में प्रवेश करता हुआ पूरा संजू की आवाज सुनकर तब तक साधना भी वहीं आ गई क्योंकि काफी दिनों बाद वह संजू से मिल रही थी,,,)

अरे संजू तू बहुत दिन बाद आ रहा है ईथर का रास्ता भूल गया क्या,,,,,

अरे नहीं मौसी इसीलिए तो आया हूं कि चलो मुलाकात भी हो जाएगी,,,,।

अच्छा मम्मी जब तक तुम चाय बना दो मैं नहा कर फ्रेश होकर आ जाती हुं,,,,
(नहाने की बात सुनते ही संजू के पेंट में हरकत होने लगी और यही हाल साधना का भी होने लगा अपनी बेटी से नजरें बचाकर साधना आंखों के इशारे से उसे किचन में आने के लिए बोली,,,, और जैसे ही साधना किचन में प्रवेश की संजू धीरे से किचन के दरवाजे के पास आकर खड़ा हो गया और जैसे ही बाथरूम के बंद होने की आवाजाही तुरंत संजू बिना देर किए किचन के अंदर प्रवेश कर गया और तुरंत अपनी मौसी को अपने बाहों में भरकर उसके लाल लाल होंठों पर अपने होंठ रख कर उसके होंठों का रसपान करने लगा,,, बहुत दिनों बाद दोनों मिले थे इसलिए पलभर में ही या चुंबन एकदम गहरा होने लगा दोनों तरफ से एक दूसरे के होठों का रस चूसने का सिलसिला शुरू हो गया और इसी बीच संजू अपने दोनों हाथों को पीछे की तरफ लाकर अपनी मौसी की बड़ी-बड़ी गांड को जोर-जोर से पकड़कर दबाना शुरू कर दिया साड़ी के ऊपर से ही गांड को दबाने पर वह पूरी तरह से उत्तेजित हो गया था और आगे से उसका लंड साड़ी के ऊपर से ही साधना की चूत पर ठोकर मार रहा था,,, तुरंत ही संजू का लंड एकदम अपनी औकात में आ गया था इसलिए साधना बोली,,,।

तेरा लंड भी मौके की नजाकत को अच्छी तरह से समझता है तभी तो देख इतनी जल्दी खड़ा हो गया है,,।

अरे मौसी तुम्हारी चूत की खुशबू सुंघ कर मेरे लंड से रहा नहीं जाता है इसलिए तो तुरंत खड़ा हो जाता है,,,(ब्लाउज के ऊपर से चूची को दबाते हुए बोला)

हम दोनों के पास 10 मिनट का समय है 10 मिनट में मनीषा नहा कर बाहर आ जाएगी इतनी देर में तुझे जो करना है कर ले,,,(साधना एकदम से संजू को आमंत्रण देते हुए बोली,,, वैसे तो एक संपूर्ण तृप्ति भरा संभोग का एहसास दिलाने के लिए 10 मिनट काफी नहीं था लेकिन संजू को अपनी मर्दाना ताकत पर पूरा विश्वास था इसलिए इस समय उसके लिए 10 मिनट भी बहुत था इसलिए वह ज्यादा देर ना करते हुए तुरंत अपनी मौसी को पकड़कर घुमा दिया और उसे किचन का फ्लोर पकड़कर नीचे झुकने के लिए बोला,,,,)
तब देर किस बात की है मेरी रानी बस अब तुम थोड़ा सा झुक जाओ फिर देखो मेरा कमाल,,,, लेकिन मनीषा ने तो चाय बनाने के लिए बोली है,,,,।

अरे बुद्धू मैं सब जानती हूं पहले स्टॉव पर देख तो ले,,,।
(स्टॉव पर नजर पड़ते ही संजू एकदम से खुश हो गया,,, क्योंकि इस समय मनीषा कोचिंग के लिए जाती थी इसलिए साधना पहले से ही चाय बनाने के लिए रख दी थी और उसका फल उसे इस रूप में मिल रहा था,,, साधना को पता था कि उसे क्या करना है वह तुरंत झुक गई और अपनी बड़ी बड़ी गांड को हवा में ऊपर की तरफ उठा दी संजू भी देर किए बिना तुरंत अपनी मौसी की साड़ी को उठाते हुए कमर पर लाकर इकट्ठा कर दिया लाल रंग की पैंटी में मौसी की गोरी गोरी बड़ी बड़ी गांड और ज्यादा खूबसूरत लग रही थी बेटी के ऊपर से ही संजू अपनी मौसी की गांड जोर-जोर से दबाते हुए उस पर चपत लगाने लगा और फिर लाल रंग की पेंटिंग अपने दोनों हाथों से नीचे की तरफ उतारते हुए घुटनों में लाकर फंसा दिया,,,।)

सहहहरह आहहहरह मौसी तुम्हारी गांड बहुत मस्त है,,,ऊमममम,,,(और इतना कहने के साथ ही गांड की दोनों हाथों को अपने दोनों हाथों में पकड़ कर एक दूसरे के विरुद्ध खींचने लगा जिससे उसका गुलाबी छेद नजर आने लगा उसे देखकर संजू के मुंह में पानी आने लगा हुआ तुरंत नीचे झुक कर अपनी जीभ को साधना की चूत पर लगाकर उसे चाटने लगा,,, संजू की हरकत को देखकर साधना अपने मन में सोचने लगी कि मादरचोद को औरतों को खुश करने का हुनर अच्छी तरह से आता है और कुछ देर तक समझो अपनी मौसी की चूत को चार तरह चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी इसलिए तुरंत खड़ा हुआ और अपने पेंट को बिना उतारे उसमें से लंड को बाहर निकाल लिया,,,, और साधना की गुलाबी छेद में डालकर उसकी कमर पकड़ लिया और पहली बार से ही जबरदस्त धक्कों का प्रहार करने लगा हर धक्के के प्रहार से साधना के मुंह से आह निकल जा रही थी लेकिन यह आहह उसके आनंद की परिभाषा को बयां कर रहे थे,,, संजू बिना रुके लगातार अपनी मौसी की चूत में लंड पर रहा था उसकी रफ्तार बिल्कुल भी कम नहीं हो रही थी देखते ही देखते साधना की सांसें उखड़ने लगी और यही हाल संजू का भी हो रहा था वह जानता था कि उसका पानी निकलने वाला है इसलिए अपने दोनों हाथों को आगे बढ़ा कर ब्लाउज के ऊपर सही अपनी मौसी की चूची को जोर से पकड़ कर दबाते हुए अपनी कमर को मशीन की तरह चलाना शुरु कर दिया,,,,, और जैसे ही बाथरूम का दरवाजा खुला वैसे ही संजू ने अपना लावा अपनी मौसी की चूत में उडेलना शुरू कर दिया,,, संजू अपनी मौसी की पीठ पर ढेर हो गया वह जानता था कि बाथरूम से निकलकर मनीषा सीधे अपने कमरे में जाएगी और ऐसा ही हुआ और थोड़ी ही देर में दोनों संतुष्ट होकर अपने कपड़ों को दुरुस्त किए और खुद संजू चाय लेकर मनीषा के कमरे में आ गया तब तक मनीषा तैयार हो चुकी थी ना आने के बाद मनीषा की खूबसूरती और भी ज्यादा खुशबूदार और मनमोहक हो चुकी थी संजू तो देखता ही रह गया मनीषा जब उसे इस तरह से अपने आप को देखता हुआ पाई तो मुस्कुराते हुए ,,,।

बोली क्या हुआ,,,?

कककक कुछ नहीं,,,(मनीषा के ऐसे सवाल पर संजू एकदम से सकपकाते हुए बोला,,,)

तो ऐसे क्या देख रहा था,,,


कुछ नहीं देख रहा था कि तुम कितनी खूबसूरत लग रही है,,,

चल पागल जल्दी से चाय खत्म कर कोचिंग के लिए चलना है,,,,।
(मनीषा जानबूझकर बात को टालने की गरज से बोली थी लेकिन संजू के मुंह से अपनी खूबसूरती की तारीफ सुनकर मनीषा के गाल शर्म से लाल हो गए थे पहली बार किसी लड़के ने उसके सामने उसकी खूबसूरती की तारीफ करने की हिम्मत किया था मनीषा कुछ बोल नहीं पाई और जल्दी से चाय खत्म करके दोनों कोचिंग के लिए निकल गए,,,,,)

दूसरी तरफ मोहिनी घर पर पहुंच चुकी थी और चाय बना रही थी वह जानती थी कि उसकी मां किसी भी वक्त आ जाएगी इसलिए वह पहले से चाय बनाकर तैयार करना चाहती थी तभी बाहर गाड़ी की आवाज आई तो वह तुरंत दरवाजे पर आकर खड़ी हो गई लेकिन देखी तो आज उसकी मां किसी और की बाइक पर बैठ कर आई थी,,, मोहिनी या देखकर एकदम हैरान हो गए कि उसकी मां किसी गैर मर्द की बाइक पर बैठ कर आई थी और बाइक से उतरने के बाद उसी से हंस हंस कर बात कर रही थी और वह भी मुस्कुरा कर उसकी मां से बात कर रहा था मोहिनी यह देखकर अजीब सी बातों को सोचने लगी क्योंकि पहली बार मोहिनी अपनी मां को किसी गैर मर्द से बात करते हुए देख रही थी और वह भी मोहिनी के लिए बिल्कुल अनजान था,,,, वह आदमी तकरीबन 35 36 साल का था,,, गठीला बदन का ऐसा लग रहा था कि जैसे रोज जिम जाता था और काला चश्मा लगाया हुआ था ,,, चेहरा दाढ़ी और मूंछ से घिरा हुआ था जिसमें वह बेहद आकर्षक लग रहा था,,, मोहिनी देख रही थी कि उसकी मां उसे घर में ले आने के लिए जिद कर रही थी चाय पिलाने के लिए जिद कर रही थी,,,, मोहिनी पर अभी तक आराधना की नजर नहीं पड़ी थी इसलिए मोहिनी सोचने लगी कि वह तो हमेशा अपनी मां के घर पहुंचने के बहुत देर बाद आती थी कहीं ऐसा तो नहीं कि उसकी मां उसे घर में बुलाकर उससे चुदवाने का प्रोग्राम बना रही हो क्योंकि कुछ महीनों से वह औरतों की जरूरत को अच्छी तरह से समझने लगी थी और जब से उसने अपने पापा को किसी केयर लड़की के साथ गेस्ट हाउस में जाते हुए देखी थी तब से उसके सोचने का तरीका बदल चुका था उसे इस बात का डर था कि कहीं उसकी मां दूसरे मर्द के साथ संबंध ना बना ले क्योंकि औरतों की भी जरूरत होती है वह अपने आप को देख कर ही समझ गई थी क्योंकि वह अपनी जरूरत को समझते हुए अपने भाई के साथ शारीरिक संबंध बनाते चली आ रही थी,,,।

आराधना जिद कर रही थी लेकिन वह जल्दबाजी में था इसलिए किसी दिन और आने का वादा करके वहां से चला गया और जैसे ही आराधना की नजर दरवाजे पर पड़ी और मोहिनी को वहां खड़ा देखी तो एकदम से खुश होते हुए बोली,,,।

अरे मोहिनी,,, तू आ जल्दी आ गई,,,


हां मम्मी आज मैं जल्दी आ गई,,,(इतना क्या करूं अपने मन में सोचने लगी कि उसकी मां उसे जल्दी आता देखकर कितना हैरान हो गई है कहीं सही मैं तो उसने प्रोग्राम नहीं बना रखी थी,,,,, और शायद वह इंसान उसे देख लिया हो इसलिए बहाना करके चला गया मोहिनी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें को एकदम हैरान हो गई थी,,,, घर में आराधना प्रवेश कर गई और मोहिनी भी मोहिनी ने चाय बना कर रखी थी इसलिए आराधना फ्रेश होने के बाद तुरंत चाय लेकर पीने लगी,,,, मोहिनी जल्द से जल्द यह बात अपने भाई को बता देना चाहती थी इसलिए रात को जब दोनों सोने के लिए कमरे में गए तब मोहिनी अपनी मां के बारे में सोच कर हैरान भी थी और ना जाने क्यों दूसरे मर्द के साथ अपनी मां की कल्पना करके उत्तेजित हो जा रही थी इसलिए अपने भाई से पहले खुद ही वह अपने कपड़े उतार कर नंगी हो गई थी और खुद अपने भाई के कपड़े उतार कर उसे नंगा कर दी थी उसका भाई भी हैरान था कि आज उसकी बहन ज्यादा ही चुदवा‌‌सी हो गई है,,,, देखते ही देखते हैं मोहिनी अपने भाई के ऊपर चढ़कर अपनी गुलाबी चूत को अपने भाई के लंड को अपने हाथों से पकड़ कर उसे अपनी चूत का रास्ता दिखाते हुए,,, गरम सिसकारी लेते हुए बोली,,,।

‌सससहहहह आहहहह,,,,, भाई अब तुझे ही कुछ जल्दी करना होगा मम्मी के साथ,,,

क्यों क्या हुआ,,,?

आज मम्मी को उनके ऑफिस का कोई आदमी छोड़ने आया था,,,

क्या,,,?(एकदम से हैरान होते हुए) लेकिन मम्मी के पास तो उनकी स्कूटी है ना,,,


हां लेकिन मम्मी कह रही थी कि स्कूटी को 2 दिन के लिए सर्विस में कंपनी ने दी है ताकि दुरुस्त रहें,,, भाई वह आदमी हैंडसम मैंने पहली बार मम्मी को इस तरह से किसी गैर मर्द से हंस-हंसकर बातें करते हुए देखी हूं वरना मम्मी तो इतनी शर्म आती है कि किसी गैर मर्द की तरफ देखने से भी कतराती है लेकिन आज मैं मम्मी का रूप देखकर एकदम घबरा गई हूं,,,

क्या,,, अरे तू गलत समझ रही होगी,,,


नहीं भाई,,,(अपनी गोरी गोरी कहां को अपने भाई के लंड पर पटकाते हुए,,,,) मम्मी हंस हंस कर बातें कर रही थी और उसे घर में आने के लिए बोल रही थी लेकिन वह शायद मुझे देख लिया था और इसीलिए आनाकानी कर रहा था और मम्मी तो जानती है कि मैं मम्मी के आने के बाद घंटे बाद ही घर पर वापस लौटती हूं हो सकता है मम्मी ने प्रोग्राम बनाया हो घर में चुदाई का,,,,

क्या कह रही है मोहिनी,,,


हां भाई मैं सच कह रही हूं बाहर मम्मी किसी गैर से चुदवाई से अच्छा है कि तू ही मम्मी को चोदे,,, इससे बदनामी तो नहीं होगी और वैसे भी मैं मम्मी को किसी गैर मर्द के साथ देखना भी पसंद नहीं करते मुझे तो सोचकर ही कितना खराब लग रहा है कि मम्मी अगर किसी गैर मर्द के साथ चुदवाएगी तो सोच कैसा लगेगा,,, वह अपने हाथों से मम्मी के कपड़े उतारे गा उसकी चूची दबाएगा,,, उसकी चूत चाटने का और अपना लंड मम्मी के मुंह में लेकर चूसने के लिए बोलेगा और जबरदस्ती करता हुआ मम्मी को चोदेगा भी और अगर एक बार यह सिलसिला शुरू हो गया तो सोच भाई वह घर में भी आकर मम्मी को चोदकर जाएगा,,, और मम्मी को एक बार चुदाई का चस्का लग गया तो वह घर में भी बुलाकर रात को अपने कमरे में रात भर चुदवाएगी,,,,,, भाई मेरा तो सोचकर ही हालत खराब हो रहा है,,,


हां तो सच कह रही है मोहिनी अगर ऐसा हो गया तो गजब हो जाएगा,,, अगर इस बात का किसी को पता भी चल गया तो हम लोग को बदनाम हो जाएंगे,,


इसीलिए तो कह रही हूं भाई तू ही कुछ चक्कर चला कि मम्मी को कोई और चोदे ईससे पहले तू उसे अपने बस में कर ले,,,,


तू चिंता मत कर मोहिनी मैं जरूर कोई चक्कर चलाऊंगा,,,, जैसा तू सोच रही है मैं वैसा होने नहीं दूंगा,,,,(अपनी बहन की तरफ से अपनी मां के लिए हरी झंडी पाकर संजू एकदम खुश हो गया था वह समझ गया था क्या अगर वह अपनी मां की चुदाई करेगा तो उसकी बहन को बिल्कुल भी ऐतराज नहीं होगा वह खुलकर घर में मजा ले सकेगा इसलिए वह पूरी तरह से जोश में आ गया था और अपनी बहन को उसी तरह से अपनी बाहों में पकड़े हुए उसे पलट कर उसे नीचे कर दिया और अपना ऊपर आ गया और फिर घमासान चुदाई करने लगा,,,)
Ab jaldi se mission aaradhana chalu kro nhi to gadbad hone ko hai
Aaradhana aur sanju ka physical relation kuchh special create karna
 

sexyswati

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सब कुछ सही चलने लगा था,,,, संजू सही समय पर कोचिंग क्लास पहुंच जाता था,,, धीरे-धीरे उसे भी मजा आने लगा था,,,,, मनीषा को लगता नहीं था कि संजू अच्छी तरह से पढ़ आ पाएगा लेकिन वह जिस तरह से पढ़ाना शुरू किया था उसे देखते हुए 5 स्टूडेंट से कोचिंग क्लास शुरू हुई थी देखते ही देखते 55 विद्यार्थी हो चुके थे,,,, संजू की मेहनत और लगन देखकर मनीषा बहुत प्रभावित हो रही थी,,,, लेकिन दूसरी तरफ संजू के घर में अब सामान्य कुछ भी नहीं था संजू अपनी बहन के साथ रोज रात को अपनी रात रंगीन कर रहा था,,, मोहिनी के बदन में भी जवानी पूरी तरह से छा चुकी थी उसके अंगों में उभार कुछ ज्यादा ही बढ़ने लगा था,,,,, मोहिनी अपने भाई से चुदवाए बिना बिल्कुल भी नहीं रहती थी,,, एक तरह से मोहिनी को अपने भाई के लंड का नशा हो चुका था जब तक उसकी मोटाई की रगड़ को वह अपनी चूत की अंदरूनी दीवारों पर महसूस नहीं करती थी तब तक उसे चैन नहीं मिलता था,,,, और यही हाल आराधना का हो चुका था हालांकि वह अभी तक इस सुख को प्राप्त नहीं कर पाई थी लेकिन जिस दिन से वह रात के समय अपनी बड़ी बहन को अपने बेटे के साथ चुदवाते देखी थी तब से उसके बदन में रह रहे कर ना जाने क्यों गलत भावनाएं उमड़ने लगी थी,,,, अपने बेटे के मजबूत जांघों की रगड़ अपनी बहन की मोटी जांघों पर वह अच्छी तरह से अपनी आंखों से देख पाई थी उसका जबरदस्त कमर हिला कर प्रहार करना सब कुछ आराधना के लिए अद्भुत,,, था,,,,,, अपनी बड़ी बहन की चुदाई देखकर वह पूरी तरह से बह चुकी थी और जिंदगी में पहली बार वह अपनी आंखों से किसी औरत को चुदवाते हुए देख रही थी और वह औरत को ही नहीं बल्कि उसकी बड़ी दीदी थी और उसको चोदने वाला कोई गैर मर्द नहीं उसका ही बेटा था,,,, आराधना अभी भी नहीं समझ पा रही थी कि आखिरकार वह इस रिश्ते को क्या नाम दें,,,,, मौसी और भतीजे में इस तरह के संबंध को वह पहली बार देख रही थी,,,,,।
Aaradhna


एक तरफ उसे अपनी बड़ी दीदी और अपने बेटे की मेघनाथ हरकत की वजह से शर्मिंदगी का अहसास हो रहा था वहीं दूसरी तरफ वह ना जाने क्यों अपने बेटे की दमदार मर्दाना ताकत की तरफ आकर्षित हुए जा रही थी,,,, बार-बार आराधना की आंखों के सामने अपनी बेटी का जोर जोर से कमर हिलाना और अपनी बड़ी बहन की हर धक्के के साथ गर्म सिसकारी के साथ आनंद की अनुभूति करना यह सब याद आ रहा था,,,, आराधना इस बात को भी अपने मन में सोच कर हैरान हो रही थी कि,,,, क्या उसके बेटे का लंड उसकी बहन की चूत की गहराई तक मतलब कि उसके बच्चेदानी तक पहुंच रहा होगा अपने इस सवाल का जवाब वह खुद से ही देते हुए अपने मन को दिलासा देते हुए समझाती थी कि जरूर पहुंच रहा होगा आखिरकार उसके बेटे का लंड जरूर से कुछ ज्यादा ही लंबा और मोटा है और जिस तरह से उसकी बहन लंबी-लंबी सिसकारियां ले रही थी उसे जरूर बहुत मजा आता होगा,,,, आराधना अपने मन में यह बात सोच कर हैरान हो रही थी कि जब उसका बेटा एक उम्र दराज औरत को संतुष्टि का अहसास करा सकता है तो लड़कियों की तो हालत खराब कर देता होगा और कितनी देर तक करता है,,, इतनी देर तक की तो उसने कभी कल्पना भी नहीं की थी अपने पति के साथ संभोग करते हुए 1 मिनट या 2 मिनट तो बहुत हो गया इतने में तो उसका पति ढेर हो जाता था तो उसे सुख और संतुष्टि कहां से प्रदान कर पाता इसलिए अपने बेटे की जबरदस्त चुदाई को देखकर आराधना सोचने पर मजबूर हो गई थी और अपनी बहन को इस कामलीला में शामिल देख कर उसे समझ में नहीं आ रहा था कि परिवारिक रिश्तो में इस तरह के रिश्ते क्या सच में पनपते हैं या सिर्फ उसके ही घर पर इस कामलीला का पाप लीला चल रहा है,,,, लेकिन जाते-जाते उसकी बड़ी दीदी ने जो उससे बात कही थी उसे याद करके वह भी सोचने पर मजबूर हो जाती थी कि सच में औरतों को अपने लिए भी जीना चाहिए अपनी जरूरतों का अपने सुख का ख्याल रखना चाहिए तो क्या अपनी जरूरत किसी गैर मर्द से जिस्मानी ताल्लुकात बनाना या उनसे संभोग करके पूरी तरह से तृप्त हो जाना है अगर अपनी बहन का उदाहरण देखे तो हां जो कुछ भी उसकी बहन कह रही थी वास्तविक जीवन में औरतों को अपना लेना चाहिए,,, तभी एक औरत का जीवन सफल कहलाता है और वैसे भी वह अपनी बहन की जिंदगी में कभी भी कोई परेशानी नहीं देखी थी वह अपनी मर्जी की मालकिन थी और अपने सुख के खातिर जीबी रही थी और अपने परिवार की जरूरतों को पूरा भी कर रही थी इसलिए ना जाने क्यों आराधना को अपनी बड़ी दीदी के जीवन से कुछ सीख लेने की भावना जाग रही थी,,, लेकिन फिर भी वह अपनी बड़ी बहन की तरह हरकत करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही थी उसके आगे संस्कार और शर्म की दीवार खड़ी नजर आती थी,,, जो कि उस दीवार को लांघना शायद आराधना के बस में बिल्कुल भी नहीं था,,,,, फिर भी जब कभी भी वह उस रात वाले दृश्य को याद करती थी तब तक उसकी निप्पल तन कर खड़ी हो जाती थी बार-बार अपने बदन में उत्तेजना का अनुभव करने लगती थी,,,,
Arafhna k sapne me Sanju or aradhna


महीना गुजर चुका था लेकिन अशोक घर पर नहीं आया था धीरे-धीरे आराधना भी अशोक की चिंता करना छोड़ दी थी क्योंकि वह समझ गई थी कि वह सुधरने वाला नहीं है और एक बार फिर से‌वह अपने पिछले जीवन में झांकना या जाना बिल्कुल भी नहीं चाहती थी वह जिस तरह से जीना शुरू की थी उसमें एक तरह से उसे आनंद आ रहा था क्योंकि रात को वह चैन की नींद सोती तो थी,,,, लेकिन एक दिक्कत हो रही थी रात को जरूर और चैन की नींद सोती थी लेकिन बिस्तर पर सारी रात भर करवटें बदलती रहती थी उसे भी ना जाने क्यों एक मर्द की जरूरत पड़ने लगी थी लेकिन फिर भी वह किसी तरह से अपने आप को संभाले हुई थी,,,,।

संजू कोचिंग क्लास 4:00 बजे घर से निकल जाया करता था और 5:00 बजे के बाद उसकी मां आती थी इसलिए संजू पैदल या तो रिक्शा करके कोचिंग क्लास बहुत जाता था,,,, उसे भी कोचिंग क्लास में आनंद आने लगा था रोज नए नए चेहरे और उन्हें पढ़ाने की धुन में वह सब कुछ भूल जाता था एक तरह से वह मनीषा का मन ही मन बहुत ज्यादा शुक्रिया अदा करता था जो उसे कोचिंग क्लास में सहभागी बनाकर उसके जीवन को सुधारने में लगी थी,,, ऐसे ही एक दिन कोचिंग क्लास जाने से पहले गर्मी के कारण संजू बाथरूम में घुस गया और बाथरूम का दरवाजा बंद नहीं किया बाहर के दरवाजे पर भी चिटकिनी नहीं लगाया क्योंकि वह जानता था कि इस समय कोई आने वाला नहीं है और किसी के आने से पहले ही वह घर से चला जाता था,,,,,

इसलिए बाथरूम में घुसते ही निश्चित होकर अपने सारे कपड़े उतार कर एकदम नंगा हो गया,,,, संजू का गठीला बदन औरतों के लिए आकर्षण का कारण बना रहता था,,,, कपड़े उतार कर नंगा होने के बाद औपचारिक रूप से उसके लंड में सनसनाहट हो रही थी और वह अपने आप ही एकदम से खड़ा हो गया था,,, अपनी मौसी और अपनी बहन की चुदाई करने की वजह से अब उसे मुठ मारने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं पड़ती थी अगर मोहिनी उसका साथ ना देती तो शायद अपनी मौसी की याद में वह रोज हिला कर अपना काम चला लेता क्योंकि मौसी उसे रोज नहीं मिलती थी लेकिन मोहिनी रोज रात को उसे खुश कर देती थी इसलिए अपने खड़े लंड पर वह बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहा था और अपने बदन पर साबुन लगाने लगा था,,,,,।

दूसरी तरफ ऑफिस से जल्दी छुट्टी होने की वजह से आज आराधना जल्दी ही घर पर लौट आई थी बाहर स्कूटी खड़ी करके दरवाजे की तरफ देखी तो दरवाजा खुला हुआ था वह समझ गई कि संजू घर पर आ चुका है इसलिए धीरे से दरवाजा खोल कर अंदर प्रवेश की उसे बड़े जोरों की पेशाब लगी हुई थी इसलिए अपने पर्स को एक तरफ रख कर वह बाथरूम की तरफ आगे कदम बढ़ाई,,,, तो देखी बाथरूम का दरवाजा हल्का खुला हुआ है,,,, उसे लगा कि बाथरूम में कोई नहीं है क्योंकि अगर बाथरूम में कोई होता तो बाथरूम का दरवाजा बंद होता है इसलिए वह निश्चिंत होकर दरवाजा को पकड़ कर खोल दी और जैसे ही दरवाजा खोल ही उसकी आंखों के सामने जो दृश्य नजर आया उसे देखकर उसकी आंखें फटी की फटी रह गई उसकी नजर सीधे अपने बेटे के खड़े लंड पर गई जो कि छत की तरफ मुंह उठाकर खड़ा था आज पहली बार आराधना अपने बेटे के लंड को बेहद करीब से देख रही थी,,, पल भर के लिए उसकी आंखें अपने बेटे के लंड पर जमी की जमी रह गई,,,, पहले तो संजू दरवाजा एकाएक खुलने पर एकदम से हड़बड़ा गया था लेकिन जब देखा कि बाहर उसकी मां खड़ी है तब वह एकदम बेशर्मी पर उतर आए और अपने बदन को बिल्कुल भी ढकने की कोशिश नहीं किया क्योंकि वह ताड़ लिया था कि उसकी मां उसके लंड को ही देख रही है,,,, और वह जानबूझकर अपनी मां को अपने लंड दिखाने लगा,,,,,।

खूबसूरत जवान औरत के लिए एक जवान लड़के का मर्दाना ताकत से भरा हुआ लंड हमेशा से उसकी कमजोरी और आकर्षण का केंद्र बिंदु रहा है और उससे आराधना बिल्कुल भी अछूता नहीं थी इसलिए अपने बेटे के दमदार लंड को अपनी आंखों से देख कर उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें वह अपनी नजरों को हटा नहीं पा रही थी एक अजीब सा आकर्षण उसकी नजरों को लंड के आकर्षण में बांध कर रख दिया था,,,, तकरीबन आराधना ने इस दृश्य को केवल 15 सेकंड तक ही देखी थी लेकिन इन 15 सेकंड में हुआ है कि नहीं जिंदगी को जी चुकी थी पल भर में ही अपनी आंखों से वह तार चुकी थी कि उसके बेटे के लंड की मोटाई और लंबाई बेहद दमदार है पहले ही वह अपने बेटे के लंड की दमदार ताकत को अपनी बड़ी बहन की मदमस्त जवानी पर देख चुकी थी इसलिए उसे अपने बेटे की मर्दाना ताकत पर बिल्कुल भी साथ नहीं था,,,, लंड के इर्द-गिर्द झांठ के बाल साबुन का झाग लगा हुआ था जिससे उसका लंड और भी ज्यादा मनमोहक लग रहा था,,,, उत्तेजना के मारे आराधना का गला सूख चुका था और वह अपने सूखे हुए गले को ठीक से गिला करने की कोशिश करते हुए अपनी नजरों को ऊपर की तरफ ले गई तो उसकी चौड़ी छाती को देखकर आराधना की चूत से मदन रस की बूंद टपक गई,,,,, वह पहली बार अपने बेटे को पूरी तरह से नग्न अवस्था में देख रहे थे और पहली बार देखने के बाद उसे इस बात का एहसास हो रहा था कि उसका बेटा मर्दाना ताकत से भरा हुआ एक जवान लड़का था जिसकी बाहों में आने के लिए औरत शायद इसीलिए मचल उठती होगी और यही हाल उसकी बड़ी दीदी का भी होगा,,,,,। अपनी मां की अपने लंड पर चिपकी हुई नजरों को देखकर संजू बहुत खुश हो रहा था और अपनी मां की आंखों के सामने बेशर्मी का उदाहरण देते हुए वह अपने लंड को अपने हाथ से पकड़ कर ऊपर नीचे करके हिलाने लगा उसे देखकर आराधना की दोनों टांगों के बीच बवंडर से उठने लगा था और तुरंत उसे होश आया कि वह क्या कर रही है और तुरंत अपने बेटे को सॉरी बोल कर वापस दरवाजा बंद करके अपने कमरे में चली गई,,,,।
Sadhna ki lajawab chuchiy


संजू का काम बन चुका था वह समझ गया था कि उसकी मां भी उसके लंड की दीवानी हो गई है,,,, क्योंकि जिस तरह से वह प्यासी नजरों से देख रही थी संजू को लगने लगा था कि उसकी मां भी प्यासी है,,, और औरत के ऐसी प्यासे पन का फायदा उठाना हर एक मर्द जानता था और संजू को भी मालूम था कि उसे क्या करना है कब करना है बस वह सही मौके के इंतजार में था,,,,, मुठ मारने का उसका बिल्कुल भी विचार नहीं था लेकिन अपनी मां को इस तरह से अपना लंड देखता हुआ पागल अपने आप ही उसका दिमाग घूमने लगा था उसके मन में कल्पनाओं का तूफान उम्र रहा था और संजू उन कल्पनाओं के जंगल में अपने सपनों की राजकुमारी को ढूंढ रहा था जो कि पहले से ही बिस्तर पर पीठ के बल लेटी हुई थी एकदम नग्न अवस्था में संजू अपनी कल्पनाओं के घोड़े पर सवार होकर बिस्तर के करीब गया और घोड़े पर से कूद कर सीधे बिस्तर पर पहुंच गया अपनी मां के दोनों टांगों के बीच और बिना कुछ बोले ही अपने मोटे लंड को अपनी मां के गुलाबी छेद में डालकर अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया इस तरह की कल्पना करके संजू पूरी तरह से मस्त हुआ जा रहा था और थोड़ी ही देर में पानी का फव्वारा निकला और सामने की दीवार को गीला कर दिया थोड़ी देर में शांत होने के बाद वह दीवार पर गिरे अपने लावे को पानी डालकर साफ करने लगा और फिर रावल पहन कर बाथरूम के बाहर आ गया,,,, थोड़ी ही देर में संजू तैयार हो चुका था लेकिन दूसरी तरफ आराधना की हालत खराब हो चुकी थी वह अपने कमरे में बिस्तर पर बैठी हुई थी और अपने बेटे के बारे में सोच कर हैरान हो रही थी,,,,,,।

मम्मी मैं जा रहा हूं,,,,

(अपने बेटे की आवाज सुनकर वह एकदम से चौक गई अपने बेटे से बात करने में उसे शर्म आ रही थी मैं कुछ बोल नहीं पा रही थी तो दोबारा संजू बोला)

क्या हुआ मम्मी सो गई क्या,,,?

नहीं थोड़ी थकान है तू जा,,,

ठीक है मम्मी मैं जा रहा हूं,,,,(और अपनी मां के कमरे की तरफ मुस्कुराता हुआ देखकर संजू घर से बाहर निकल गया लेकिन आज उसकी मां जल्दी आई थी इसलिए वापस कमरे में प्रवेश करता हुआ बोला,,,,)

मम्मी आज तुम जल्दी आ गई हो क्या मैं तुम्हारी स्कूटी ले जा सकता हूं,,,,।
(संजू आराधना के कमरे में पहुंच चुका था लेकिन आराधना को होश बिल्कुल भी नहीं था वह किसी ख्यालों में खोई हुई थी लेकिन अपने बेटे की बात सुनकर जैसे कोई उसे नींद से जगाया हो एकदम से हड़बड़ाहट में बिस्तर से उठ कर खड़ी हो गई और हडबड्ते हुए बोली,,,)

कककक क्या,,,?

अरे मम्मी कहां खोई हुई हो मैं पूछ रहा हूं कि मैं क्या तुम्हारी स्कूटी ले जा सकता हूं,,,


हां हां ठीक है ले जा,,,, चाबी देख दीवार पर टंगी होगी,,,।
(इतना सुनते ही संजू एक नजर अपनी मां के ऊपर डाला तो मुस्कुराने लगा वह समझ गया था कि उसके मोटे खडे लंड न६ उसका काम कर दिया है और वह चाबी लेकर घर से बाहर आ गया और उसको की चालू करके कोचिंग क्लास की तरफ चल दिया,,,, रात को भी आराधना अपने बेटे से नजर नहीं मिला पा रही थी ,,, उससे बात करने में कतरा रही थी,,,,,,,, खाना खाने के बाद अपना सारा काम करके आराधना अपने कमरे में चली गई और संजु अपने कमरे में मोहिनी के साथ,,, शाम को अपनी मां को बेहद करीब से अपना लंड दिखाने की वजह से अभी तक उसके बदन में उत्तेजना का संचार हो रहा था इसलिए कमरे में जाते ही वह मोहिनी के कपड़ों को उतारकर उसे नंगी कर दिया और दूसरी तरफ आराधना का दिमाग काम करना बंद कर दिया था वह ना चाहते हुए भी बार-बार अपने बेटे के लंड के बारे में सोच रही थी,,,, और सोचते-सोचते उसे कब नींद आ गई उसे पता ही नहीं चला,,,,,।



तकरीबन रात को 2:00 बजे उसे ऐसा महसूस हो रहा था कि जैसे कोई उसके कमरे में है और धीरे से उसके बिस्तर पर बैठ गया उसकी आंख नहीं खुल रही थी लेकिन उसे महसूस हो रहा था देखते ही देखते उसे समझ में आने लगा कि कमरे में उसका बेटा है और वह धीरे-धीरे उसके ब्लाउज के बटन खोल रहा है आराधना उसे अपना ब्लाउज का बटन खोलने से मना कर रही थी लेकिन वह मान नहीं रहा था देखते ही देखते संजू अपनी मां के ब्लाउज के सारे बटन को खोल कर उसकी नंगी चूची को जोर जोर से दबाना शुरू कर दिया था सोने से पहले आराधना अपनी ब्रा को उतार दी थी केवल ब्लाउज पहनी हुई थी अपनी मां की बड़ी-बड़ी चुचियों को दशहरी आम की तरह वह मुंह में लेकर पी रहा था उसकी मां उसे रोकने की बहुत कोशिश कर रही थी लेकिन वह मान नहीं रहा था लेकिन संजू की इस हरकत की वजह से उसके बदन में उत्तेजना का संचार होने लगा और उसे मजा आने लगा,,,, देखते ही देखते आराधना की गरम सिसकारियां कमरे में घुसने लगी और संजू अपनी मां की चूची को पूरी तरह से निचोड़ डालना चाहता था बड़ी बड़ी चूची अपने हाथ में आया हुआ देखकर संजू की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ती जा रही थी संजू पागलों की तरह अपनी मां की चूची को मुंह में लेकर पी रहा था और आराधना उसका सर पकड़ कर जोर जोर से अपनी छाती पर दबा रही थी,,,,, देखते ही देखते संजू का हाथ उसकी साड़ी की गिठान पर पहुंच गया और उसे खोलकर साड़ी को अलग करने लगा,,,,, उत्तेजना के मारे आराधना का गला सूख रहा था लेकिन आराधना अपने बेटे की हरकत से पूरी तरह से आनंदित हो चुकी थी देखते ही देखते समझो अपनी मां की साड़ी को पूरी तरह से उसके बदन से अलग कर दिया और उसकी पेटीकोट की डोरी को खोलने लगा पेटिकोट की डोरी खुलते ही आराधना अपने आप ही अपनी गांड को हवा में ऊपर की तरफ उठा देता कि उसका बेटा बड़े आराम से उसकी पेटीकोट को उतार सकें संजू स्फूर्ति दिखाते हुए अपनी मां की पेटीकोट को पेंटी सहित पकड़कर उसे एक झटके से उतार दिया और देखते ही देखते संजू की मां बिस्तर पर पुरी तरह से नंगी हो गई,,,,, और अगले ही पल अपने बेटे की जीत को अपनी चूत पर महसूस करते ही वह एकदम से गनगना गई यह पल आराधना के लिए बेहद अद्भुत और अविस्मरणीय था आराधना इस पल में पूरी तरह से डूबती हुई अपने आपको महसूस करने लगी देखते ही देखते संजू ने अपनी जीभ से उसे पागल कर दिया,,,। देखते ही देखते आराधना पूरी तरह से मदहोश होने लगी और अपने आप ही अपने बेटे के लिए अपनी दोनों टांगों को खोल दी संजू अपने दोनों घुटनों के बल बैठकर अपनी मां की दोनों कमर तक अपना हाथ ले गया और उसे कस के पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया और उसकी आदि गांड को अपनी जांघों पर चढ़ा लिया,,,, और देखते ही देखते संजू अपने मोटे तगड़े लंड को अपनी मां की गुलाबी छेद पर रख कर एक करारा धक्का मारा और एक ही धक्के में संजू का लंड सारी अड़चनों को पार करता हुआ सीधा आराधना की बच्चेदानी से जा टकराया आराधना की चीख निकल गई और संजू ताबड़तोड़ धक्के पर धक्का लगाना शुरू कर दिया आराधना पूरी तरह से मस्त हो गई और देखते ही देखते गरम आहें भरते हुए उसका पानी निकल गया और जैसे ही उसकी आंख खुली उसके होश उड़ गए,,, उसके ऊपर संजू नहीं बल्कि वह बिस्तर पर अकेली ही थी पसीने से लथपथ वह सपना देख रही थी सपने में वह अपने बेटे के साथ संभोग रत थी अपनी छाती की तरफ नजर दौड़ाई तो ब्लाउज ज्यों का त्यों था,,, उसका एक भी बटन खुला नहीं था,,,, कमर के नीचे के हालात कुछ ठीक नहीं थे साड़ी कमर तक चढ़ी हुई थी साड़ी के नीचे उसने चड्डी नहीं पहनी थी उसकी चूत पर उसकी खुद की हथेली रखी हुई थी और उसकी चूत से मदन रस भल भला कर बह रहा था,,,, उसे समझते देर नहीं लगेगी सपने में उसे स्वप्नदोष हुआ है,,,, लेकिन आज तक ऐसा उसके साथ कभी नहीं हुआ था इस तरह का एक बार और उसके साथ कॉलेज के दिन में हुआ था और तब से लेकर आज तक आज दूसरी बार नींद में उसका पानी निकल गया था वह हैरान थी अपनी हालत पर,,,, पूरा बदन पसीने से तरबतर हो चुका था,,, अभी भी उसकी सांसे बड़ी तेजी से चल रही थी,,,, वो बिस्तर पर से उठी और अपने कपड़ों को दुरुस्त करने लगी सोने से पहले ही वह अपनी पेंटि निकाल चुकी थी और सपने में,,, उसे ऐसा ही नजर आ रहा था कि उसका बेटा खुद अपने हाथों से उसकी पेटीकोट के साथ-साथ उसकी पेंटी भी निकाल चुका था,,,, अपनी सांसो को दुरुस्त करने के बाद वह एक गिलास ठंडा पानी पी और अपने आप को शांत करने की कोशिश करने लगी बिस्तर पर बैठकर वो सपने के बारे में सोचने लगी कि इतना गंदा सपना उसे क्यों दिखाई दिया कहीं सपने में आने वाले दिनों का संकेत तो नहीं है कहीं ऐसा तो नहीं वह खुद अपने बेटे के साथ संभोग सुख प्राप्त करेगी अपनी बेटे के साथ जिस्मानी ताल्लुकात बनाएगी,,, दुनिया समाज की परवाह किए बिना मां बेटे के बीच के पवित्र बंधन को तोड़ कर वहां अपने बेटे के साथ एक औरत और मर्द का रिश्ता कायम रखेगी,,,, यह सब सोचकर वह हैरान हो जा रही थी और अपने आप को ही झूठी सांत्वना देते हुए समझा रही थी कि नहीं ऐसा वह कभी नहीं करेगी अपने बेटे के साथ इस तरह का गलत संबंध वह कभी नहीं बनाएगी,,,।

बिस्तर पर बैठ कर वह घड़ी की तरफ देखी तो 3:30 का समय हो रहा था वह एकदम से हैरान हो गई थी,,, एक बार फिर से वह‌ बिस्तर पर लेट कर सोने की कोशिश करने लगी लेकिन उसे नींद नहीं आ रही थी,,, वो सपने के बारे में सोचने लगी और एहसास करने लगी कि सपना कितना हकीकत की तरह था ऐसा लग रहा था कि जैसे अभी अभी उसका बेटा उसके कमरे में आकर उसकी चुदाई करके वापस चला गया है,,,, सपने में अपने बेटे की हरकत के बारे में सोचकर शर्म से उसके गाल लाल हो चुके थे सब कुछ हकीकत सा लग रहा था उसका कमरे में आना धीरे से बिस्तर पर बैठना और धीरे-धीरे उसके ब्लाउज के बटन खोलना बटन खोलने के बाद उसकी चूचियों को जोर जोर से दबाना,,,, उसकी मजबूत बुझाओ और हथेलियों का दबाव अभी भी अपनी चुचियों पर साफ तौर पर महसूस कर पा रही थी सब कुछ हकीकत सा लग रहा था उसके रोकने के बावजूद भी उसके बेटे ने जिस तरह से जबरदस्ती दिखाते हुए चुचियों को मुंह में लेकर पीना शुरू किया था उसके चलते नींद में भी उसके बदन में उत्तेजना का अनुभव हो रहा था,,, और धीरे-धीरे साड़ी खोलना फिर पेटीकोट की डोरी खोलना औरत और उसका साथ देते हुए उसका खुद का अपनी गांड ऊपर की तरफ उठाकर पेटिकोट के साथ-साथ पेंटि उतरवाने में उसकी मदद करना,,,, और जिस तरह से अपने प्यासे होठों को उसकी चूत पर रख कर चाटना शुरू किया था उस पर तो आराधना पूरी तरह से गदगद हो गई थी,,,,, सपने में अपने बेटे की हरकत का बिल्कुल भी विरोध ना करना आराधना को और ज्यादा शर्मसार कर रहा था,,,, और देखते ही देखते जिस तरह से उसके बेटे ने अपने दोनों हाथों को नीचे की तरफ ले जाकर उसकी कमर को पकड़ कर अपनी तरफ खींचा था और उसकी आधी गांड को अपनी जांघों पर रख दिया था उस पल को याद करके आराधना इस समय बेहद रोमांचित हो रही थी,,, और देखते ही देखते पहले ही प्रहार में अपने समूचे लंड को उसकी चूत में डालकर बच्चेदानी तक पहुंचा देना सब कुछ अद्भुत था,,, सपने के बारे में सोच कर एक बार फिर से आराधना की निप्पल तन गई थी सपना इतना हकीकत भी हो सकता है वह कभी सपने में भी नहीं सोची थी,,,, सपने में आकर उसके बेटे ने उसका पानी निकाल गया था,,,। इस बात का एहसास में वह पूरी तरह से डूब चुकी थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि उसका मन क्या कह रहा है उसका दिल क्या चाहता है उसका दिमाग क्या करवाना चाहता है इस सपने को लेकर आराधना पूरी तरह से हैरान थी उसे लगने लगा था कि यह सपना भविष्य का संकेत है कहीं ना कहीं उसके मन में भी अपने बेटे के साथ चुदवाने की आस बंधती जा रही है,,,, इसीलिए वह अपने आप को और भी ज्यादा बेचैन महसूस कर रही थी बिस्तर पर करवट बदलते बदलते कब उसकी आंख लग गई उसे पता नहीं चला,,,, सुबह जब आंख खुली तो मोहिनी उसे जगा रही थी काफी देर हो गई थी इसलिए झट से वह बिस्तर से उठ कर बैठ गई और अपने काम में लग गई,,,।
aaradhna ki garmi badhi ja rahi hai ........ ab uske bete ka paani hi isse thanda kar sakta hai

Masttttttt update
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
21,353
56,734
259
स्वप्नदोष की स्थिति में गहरी नींद में सो चुकी थी और उसे मोहिनी ही जगाई इसलिए वह झट से उठकर काम में लग गई थी लेकिन उसका काम में बिल्कुल भी मन नहीं लग रहा था क्योंकि आज तक उसने इस तरह का सपना नहीं देखी थी,,,, सपना भी एकदम हकीकत की तरह हो सकता है उसे विश्वास नहीं हो रहा था सब कुछ एकदम हकीकत ही तो लग रहा था वह बैठे-बैठे इसी बारे में सोच रही थी कि कैसे उसका बेटा उसके कमरे का दरवाजा खोल कर आया था उसके करीब बैठा था और अपने हाथों से ब्लाउज का बटन खोला था सब कुछ एकदम हकीकत मतलब कि जैसे उसकी आंखों के सामने हो रहा है,,, उसका अपने हाथों से साड़ी उतार कर अलग करना ब्लाउज के बटन खोल कर उसकी नंगी चूचियों को जोर जोर से दबा कर मुंह में लेकर पीना और साड़ी उतारने के बाद पेटीकोट की डोरी खोल कर,,, उसे उतारने की कोशिश करना है और खुद उसका ‌हकार करते हुए अपनी भारी-भरकम गांड को हवा में उठा देना और उसके बेटे का मौके का फायदा उठाते हुए पेटीकोट के साथ पैंटी भी उतार देना पलभर में ही उसका अपने ही हाथों से नंगी कर देना,,, और अपने हाथों से ही दोनों टांगों को फैला कर टांगों के बीच आ जाना सब कुछ तो हकीकत लग रहा था और उस पल को उस एहसास को वह कैसे बोल सकती है जब अपनी चूत पर अपने बेटे की होंठों का स्पर्श महसूस की थी एकदम से झनझनाहट पूरे बदन में फैल गई थी,,, पहली बार आराधना अपनी चूत पर जवान होठो और जीभ का स्पर्श महसूस कर रही थी,,,, और फिर एक झटके में ही पूरा का पूरा लंड और चूत में डाल देना सपना होते हुए भी सब कुछ हकीकत सा लग रहा था तभी तो उसका पानी निकल गया था,,,,,।

झाड़ू लगाते समय आराधना रात के सपने के बारे में ही सोच रही थी,,, उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करें,,, पहली बार सपने में ही सही संभोग के अद्भुत सुख का एहसास उसे हुआ था एक परम तृप्ति का एहसास पहली बार उसे हुआ था और वह भी अपने बेटे के द्वारा भले ही सपने में लेकिन अकल्पनीय सुख को महसूस करके वह बार-बार गीली हो जा रही थी,,,,।

नाश्ता तैयार कर चुकी थी थोड़ी ही देर में संजू और मोहिनी दोनों नाश्ता करके कॉलेज के लिए निकल गए थे और वह से भी ऑफिस के लिए तैयार होना और थोड़ी ही देर में वह भी नाश्ता करके घर से निकल गई,,,।

दूसरी तरफ कोचिंग क्लास का कार्यभार बड़े अच्छे से चल रहा था संजू ने बहुत ही जल्दी सभी विद्यार्थियों में एक छाप छोड़ दिया था,,,, संजू जिस तरह से पढ़ाता था और समझाता था उसे देखकर मनीषा भी आश्चर्यचकित रह जाती थी उसे उम्मीद नहीं थी कि संजू इस कदर अपने काम में माहिर निकलेगा लेकिन धीरे-धीरे संजू की ही वजह से कोचिंग क्लास का नाम फैलने लगा और धीरे-धीरे और भी विद्यार्थी कोचिंग लेने के लिए आने लगे,,,, संजू का आकर्षण मनीषा के प्रति दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा था वह पढ़ाते समय तिरछी नजरों से मनीषा की तरफ देख लेता था कभी और सलवार कमीज पहनकर आती तो कभी जींस और टीशर्ट और दोनों धरा के कपड़ों में वह कयामत लगती थी,,,, कसी हुई सलवार से बाहर जाती है उसकी सुडौल और सुगठित गांड हमेशा से संजू की उत्तेजना का केंद्र बिंदु बना रहता था छातियों की शोभा बढ़ाती उसकी दोनों नौरंगिया कुर्ती में से अपनी निप्पल को भाला बनाकर कुर्ती को छेंदने के लिए बेकरार रहती थी,,,,,,, मनीषा को भी धीरे-धीरे संजू की नजरों का पता चलने लगा था वह समझ रही थी कि संजू चोर नजरों से उसे ही देखता रहता है और मनीषा भी संजू के व्यक्तित्व के आगे आकर्षित हुए जा रही थी,,,,,,, दोनों के बीच सहज रुप ही वार्तालाप होती थी बातों में किसी भी प्रकार की अश्लीलता नजर नहीं आती थी दोनों एक दूसरे के प्रति एकदम सहज थे भले ही एक दूसरे के प्रति देना आकर्षित हो रहे थे लेकिन यह बात दोनों को ही पता नहीं था,,,दोनों सिर्फ अपना काम कर रहे थे,,,,,,।

ऐसे ही एक दिन संजू घर से निकल कर सीधा कोचिंग क्लास पहुंचने की जगह मनीषा के घर पहुंच गया वह सोच रहा था कि ऐसे में मौसी से भी मुलाकात हो जाएगी और मुलाकात करने के बहाने अगर मौका मिला तो मौसी के संग थोड़ी मस्ती कर लेगा वैसे भी चुदाई किया उसे काफी दिन हो गए थे इसलिए लंड अपने काबू में नहीं था,,,, साधना के घर के बाहर खड़ा होकर बेल दबाने लगा,,,, और तभी थोड़ी ही देर में दरवाजा खुला तो सामने मनीषा खड़ी थी,,, मनीषा को देखकर संजू के चेहरे पर प्रसन्नता के भाव नजर आने लगे मनीषा को देखने के बाद ऐसा लग रहा था कि मनीषा अभी कोचिंग क्लास जाने के लिए तैयार नहीं हुई थी बाल बिखरे हुए थे लेकिन बिखरे हुए बालों में उसकी खूबसूरती और ज्यादा निखर कर नजर आ रही थी,,, संजू एकटक मनीषा को ही देखता रह गया और मनीषा भी मुस्कुराते हुए बोली,,,।

अरे संजू तू यहां कोचिंग क्लास नहीं गया,,,

मैं सोचा कि तुम्हारे साथ चलूंगा इसलिए यहां आ गया इसी बहाने मौसी से भी मुलाकात हो जाएगी क्यों तुम्हें अच्छा नहीं लगा क्या मेरा यहां पर आना,,,

अरे नहीं नहीं ऐसी कोई बात नहीं है,,,


नहीं ऐसी ही बात है तभी तो दरवाजे पर ही खड़ी रखी हो अंदर आने के लिए कह नहीं रही हो,,,

अरे सॉरी,,, आओ अंदर आओ इधर आने के लिए इजाजत की जरूरत थोड़ी है यह भी तो तुम्हारा ही घर है,,,


जानता हूं दीदी तभी तो बिना बुलाए चला अाता हूं,,,,(संजू घर में प्रवेश करता हुआ पूरा संजू की आवाज सुनकर तब तक साधना भी वहीं आ गई क्योंकि काफी दिनों बाद वह संजू से मिल रही थी,,,)

अरे संजू तू बहुत दिन बाद आ रहा है ईथर का रास्ता भूल गया क्या,,,,,

अरे नहीं मौसी इसीलिए तो आया हूं कि चलो मुलाकात भी हो जाएगी,,,,।

अच्छा मम्मी जब तक तुम चाय बना दो मैं नहा कर फ्रेश होकर आ जाती हुं,,,,
(नहाने की बात सुनते ही संजू के पेंट में हरकत होने लगी और यही हाल साधना का भी होने लगा अपनी बेटी से नजरें बचाकर साधना आंखों के इशारे से उसे किचन में आने के लिए बोली,,,, और जैसे ही साधना किचन में प्रवेश की संजू धीरे से किचन के दरवाजे के पास आकर खड़ा हो गया और जैसे ही बाथरूम के बंद होने की आवाजाही तुरंत संजू बिना देर किए किचन के अंदर प्रवेश कर गया और तुरंत अपनी मौसी को अपने बाहों में भरकर उसके लाल लाल होंठों पर अपने होंठ रख कर उसके होंठों का रसपान करने लगा,,, बहुत दिनों बाद दोनों मिले थे इसलिए पलभर में ही या चुंबन एकदम गहरा होने लगा दोनों तरफ से एक दूसरे के होठों का रस चूसने का सिलसिला शुरू हो गया और इसी बीच संजू अपने दोनों हाथों को पीछे की तरफ लाकर अपनी मौसी की बड़ी-बड़ी गांड को जोर-जोर से पकड़कर दबाना शुरू कर दिया साड़ी के ऊपर से ही गांड को दबाने पर वह पूरी तरह से उत्तेजित हो गया था और आगे से उसका लंड साड़ी के ऊपर से ही साधना की चूत पर ठोकर मार रहा था,,, तुरंत ही संजू का लंड एकदम अपनी औकात में आ गया था इसलिए साधना बोली,,,।

तेरा लंड भी मौके की नजाकत को अच्छी तरह से समझता है तभी तो देख इतनी जल्दी खड़ा हो गया है,,।

अरे मौसी तुम्हारी चूत की खुशबू सुंघ कर मेरे लंड से रहा नहीं जाता है इसलिए तो तुरंत खड़ा हो जाता है,,,(ब्लाउज के ऊपर से चूची को दबाते हुए बोला)

हम दोनों के पास 10 मिनट का समय है 10 मिनट में मनीषा नहा कर बाहर आ जाएगी इतनी देर में तुझे जो करना है कर ले,,,(साधना एकदम से संजू को आमंत्रण देते हुए बोली,,, वैसे तो एक संपूर्ण तृप्ति भरा संभोग का एहसास दिलाने के लिए 10 मिनट काफी नहीं था लेकिन संजू को अपनी मर्दाना ताकत पर पूरा विश्वास था इसलिए इस समय उसके लिए 10 मिनट भी बहुत था इसलिए वह ज्यादा देर ना करते हुए तुरंत अपनी मौसी को पकड़कर घुमा दिया और उसे किचन का फ्लोर पकड़कर नीचे झुकने के लिए बोला,,,,)
तब देर किस बात की है मेरी रानी बस अब तुम थोड़ा सा झुक जाओ फिर देखो मेरा कमाल,,,, लेकिन मनीषा ने तो चाय बनाने के लिए बोली है,,,,।

अरे बुद्धू मैं सब जानती हूं पहले स्टॉव पर देख तो ले,,,।
(स्टॉव पर नजर पड़ते ही संजू एकदम से खुश हो गया,,, क्योंकि इस समय मनीषा कोचिंग के लिए जाती थी इसलिए साधना पहले से ही चाय बनाने के लिए रख दी थी और उसका फल उसे इस रूप में मिल रहा था,,, साधना को पता था कि उसे क्या करना है वह तुरंत झुक गई और अपनी बड़ी बड़ी गांड को हवा में ऊपर की तरफ उठा दी संजू भी देर किए बिना तुरंत अपनी मौसी की साड़ी को उठाते हुए कमर पर लाकर इकट्ठा कर दिया लाल रंग की पैंटी में मौसी की गोरी गोरी बड़ी बड़ी गांड और ज्यादा खूबसूरत लग रही थी बेटी के ऊपर से ही संजू अपनी मौसी की गांड जोर-जोर से दबाते हुए उस पर चपत लगाने लगा और फिर लाल रंग की पेंटिंग अपने दोनों हाथों से नीचे की तरफ उतारते हुए घुटनों में लाकर फंसा दिया,,,।)

सहहहरह आहहहरह मौसी तुम्हारी गांड बहुत मस्त है,,,ऊमममम,,,(और इतना कहने के साथ ही गांड की दोनों हाथों को अपने दोनों हाथों में पकड़ कर एक दूसरे के विरुद्ध खींचने लगा जिससे उसका गुलाबी छेद नजर आने लगा उसे देखकर संजू के मुंह में पानी आने लगा हुआ तुरंत नीचे झुक कर अपनी जीभ को साधना की चूत पर लगाकर उसे चाटने लगा,,, संजू की हरकत को देखकर साधना अपने मन में सोचने लगी कि मादरचोद को औरतों को खुश करने का हुनर अच्छी तरह से आता है और कुछ देर तक समझो अपनी मौसी की चूत को चार तरह चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी इसलिए तुरंत खड़ा हुआ और अपने पेंट को बिना उतारे उसमें से लंड को बाहर निकाल लिया,,,, और साधना की गुलाबी छेद में डालकर उसकी कमर पकड़ लिया और पहली बार से ही जबरदस्त धक्कों का प्रहार करने लगा हर धक्के के प्रहार से साधना के मुंह से आह निकल जा रही थी लेकिन यह आहह उसके आनंद की परिभाषा को बयां कर रहे थे,,, संजू बिना रुके लगातार अपनी मौसी की चूत में लंड पर रहा था उसकी रफ्तार बिल्कुल भी कम नहीं हो रही थी देखते ही देखते साधना की सांसें उखड़ने लगी और यही हाल संजू का भी हो रहा था वह जानता था कि उसका पानी निकलने वाला है इसलिए अपने दोनों हाथों को आगे बढ़ा कर ब्लाउज के ऊपर सही अपनी मौसी की चूची को जोर से पकड़ कर दबाते हुए अपनी कमर को मशीन की तरह चलाना शुरु कर दिया,,,,, और जैसे ही बाथरूम का दरवाजा खुला वैसे ही संजू ने अपना लावा अपनी मौसी की चूत में उडेलना शुरू कर दिया,,, संजू अपनी मौसी की पीठ पर ढेर हो गया वह जानता था कि बाथरूम से निकलकर मनीषा सीधे अपने कमरे में जाएगी और ऐसा ही हुआ और थोड़ी ही देर में दोनों संतुष्ट होकर अपने कपड़ों को दुरुस्त किए और खुद संजू चाय लेकर मनीषा के कमरे में आ गया तब तक मनीषा तैयार हो चुकी थी ना आने के बाद मनीषा की खूबसूरती और भी ज्यादा खुशबूदार और मनमोहक हो चुकी थी संजू तो देखता ही रह गया मनीषा जब उसे इस तरह से अपने आप को देखता हुआ पाई तो मुस्कुराते हुए ,,,।

बोली क्या हुआ,,,?

कककक कुछ नहीं,,,(मनीषा के ऐसे सवाल पर संजू एकदम से सकपकाते हुए बोला,,,)

तो ऐसे क्या देख रहा था,,,


कुछ नहीं देख रहा था कि तुम कितनी खूबसूरत लग रही है,,,

चल पागल जल्दी से चाय खत्म कर कोचिंग के लिए चलना है,,,,।
(मनीषा जानबूझकर बात को टालने की गरज से बोली थी लेकिन संजू के मुंह से अपनी खूबसूरती की तारीफ सुनकर मनीषा के गाल शर्म से लाल हो गए थे पहली बार किसी लड़के ने उसके सामने उसकी खूबसूरती की तारीफ करने की हिम्मत किया था मनीषा कुछ बोल नहीं पाई और जल्दी से चाय खत्म करके दोनों कोचिंग के लिए निकल गए,,,,,)

दूसरी तरफ मोहिनी घर पर पहुंच चुकी थी और चाय बना रही थी वह जानती थी कि उसकी मां किसी भी वक्त आ जाएगी इसलिए वह पहले से चाय बनाकर तैयार करना चाहती थी तभी बाहर गाड़ी की आवाज आई तो वह तुरंत दरवाजे पर आकर खड़ी हो गई लेकिन देखी तो आज उसकी मां किसी और की बाइक पर बैठ कर आई थी,,, मोहिनी या देखकर एकदम हैरान हो गए कि उसकी मां किसी गैर मर्द की बाइक पर बैठ कर आई थी और बाइक से उतरने के बाद उसी से हंस हंस कर बात कर रही थी और वह भी मुस्कुरा कर उसकी मां से बात कर रहा था मोहिनी यह देखकर अजीब सी बातों को सोचने लगी क्योंकि पहली बार मोहिनी अपनी मां को किसी गैर मर्द से बात करते हुए देख रही थी और वह भी मोहिनी के लिए बिल्कुल अनजान था,,,, वह आदमी तकरीबन 35 36 साल का था,,, गठीला बदन का ऐसा लग रहा था कि जैसे रोज जिम जाता था और काला चश्मा लगाया हुआ था ,,, चेहरा दाढ़ी और मूंछ से घिरा हुआ था जिसमें वह बेहद आकर्षक लग रहा था,,, मोहिनी देख रही थी कि उसकी मां उसे घर में ले आने के लिए जिद कर रही थी चाय पिलाने के लिए जिद कर रही थी,,,, मोहिनी पर अभी तक आराधना की नजर नहीं पड़ी थी इसलिए मोहिनी सोचने लगी कि वह तो हमेशा अपनी मां के घर पहुंचने के बहुत देर बाद आती थी कहीं ऐसा तो नहीं कि उसकी मां उसे घर में बुलाकर उससे चुदवाने का प्रोग्राम बना रही हो क्योंकि कुछ महीनों से वह औरतों की जरूरत को अच्छी तरह से समझने लगी थी और जब से उसने अपने पापा को किसी केयर लड़की के साथ गेस्ट हाउस में जाते हुए देखी थी तब से उसके सोचने का तरीका बदल चुका था उसे इस बात का डर था कि कहीं उसकी मां दूसरे मर्द के साथ संबंध ना बना ले क्योंकि औरतों की भी जरूरत होती है वह अपने आप को देख कर ही समझ गई थी क्योंकि वह अपनी जरूरत को समझते हुए अपने भाई के साथ शारीरिक संबंध बनाते चली आ रही थी,,,।

आराधना जिद कर रही थी लेकिन वह जल्दबाजी में था इसलिए किसी दिन और आने का वादा करके वहां से चला गया और जैसे ही आराधना की नजर दरवाजे पर पड़ी और मोहिनी को वहां खड़ा देखी तो एकदम से खुश होते हुए बोली,,,।

अरे मोहिनी,,, तू आ जल्दी आ गई,,,


हां मम्मी आज मैं जल्दी आ गई,,,(इतना क्या करूं अपने मन में सोचने लगी कि उसकी मां उसे जल्दी आता देखकर कितना हैरान हो गई है कहीं सही मैं तो उसने प्रोग्राम नहीं बना रखी थी,,,,, और शायद वह इंसान उसे देख लिया हो इसलिए बहाना करके चला गया मोहिनी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें को एकदम हैरान हो गई थी,,,, घर में आराधना प्रवेश कर गई और मोहिनी भी मोहिनी ने चाय बना कर रखी थी इसलिए आराधना फ्रेश होने के बाद तुरंत चाय लेकर पीने लगी,,,, मोहिनी जल्द से जल्द यह बात अपने भाई को बता देना चाहती थी इसलिए रात को जब दोनों सोने के लिए कमरे में गए तब मोहिनी अपनी मां के बारे में सोच कर हैरान भी थी और ना जाने क्यों दूसरे मर्द के साथ अपनी मां की कल्पना करके उत्तेजित हो जा रही थी इसलिए अपने भाई से पहले खुद ही वह अपने कपड़े उतार कर नंगी हो गई थी और खुद अपने भाई के कपड़े उतार कर उसे नंगा कर दी थी उसका भाई भी हैरान था कि आज उसकी बहन ज्यादा ही चुदवा‌‌सी हो गई है,,,, देखते ही देखते हैं मोहिनी अपने भाई के ऊपर चढ़कर अपनी गुलाबी चूत को अपने भाई के लंड को अपने हाथों से पकड़ कर उसे अपनी चूत का रास्ता दिखाते हुए,,, गरम सिसकारी लेते हुए बोली,,,।

‌सससहहहह आहहहह,,,,, भाई अब तुझे ही कुछ जल्दी करना होगा मम्मी के साथ,,,

क्यों क्या हुआ,,,?

आज मम्मी को उनके ऑफिस का कोई आदमी छोड़ने आया था,,,

क्या,,,?(एकदम से हैरान होते हुए) लेकिन मम्मी के पास तो उनकी स्कूटी है ना,,,


हां लेकिन मम्मी कह रही थी कि स्कूटी को 2 दिन के लिए सर्विस में कंपनी ने दी है ताकि दुरुस्त रहें,,, भाई वह आदमी हैंडसम मैंने पहली बार मम्मी को इस तरह से किसी गैर मर्द से हंस-हंसकर बातें करते हुए देखी हूं वरना मम्मी तो इतनी शर्म आती है कि किसी गैर मर्द की तरफ देखने से भी कतराती है लेकिन आज मैं मम्मी का रूप देखकर एकदम घबरा गई हूं,,,

क्या,,, अरे तू गलत समझ रही होगी,,,


नहीं भाई,,,(अपनी गोरी गोरी कहां को अपने भाई के लंड पर पटकाते हुए,,,,) मम्मी हंस हंस कर बातें कर रही थी और उसे घर में आने के लिए बोल रही थी लेकिन वह शायद मुझे देख लिया था और इसीलिए आनाकानी कर रहा था और मम्मी तो जानती है कि मैं मम्मी के आने के बाद घंटे बाद ही घर पर वापस लौटती हूं हो सकता है मम्मी ने प्रोग्राम बनाया हो घर में चुदाई का,,,,

क्या कह रही है मोहिनी,,,


हां भाई मैं सच कह रही हूं बाहर मम्मी किसी गैर से चुदवाई से अच्छा है कि तू ही मम्मी को चोदे,,, इससे बदनामी तो नहीं होगी और वैसे भी मैं मम्मी को किसी गैर मर्द के साथ देखना भी पसंद नहीं करते मुझे तो सोचकर ही कितना खराब लग रहा है कि मम्मी अगर किसी गैर मर्द के साथ चुदवाएगी तो सोच कैसा लगेगा,,, वह अपने हाथों से मम्मी के कपड़े उतारे गा उसकी चूची दबाएगा,,, उसकी चूत चाटने का और अपना लंड मम्मी के मुंह में लेकर चूसने के लिए बोलेगा और जबरदस्ती करता हुआ मम्मी को चोदेगा भी और अगर एक बार यह सिलसिला शुरू हो गया तो सोच भाई वह घर में भी आकर मम्मी को चोदकर जाएगा,,, और मम्मी को एक बार चुदाई का चस्का लग गया तो वह घर में भी बुलाकर रात को अपने कमरे में रात भर चुदवाएगी,,,,,, भाई मेरा तो सोचकर ही हालत खराब हो रहा है,,,


हां तो सच कह रही है मोहिनी अगर ऐसा हो गया तो गजब हो जाएगा,,, अगर इस बात का किसी को पता भी चल गया तो हम लोग को बदनाम हो जाएंगे,,


इसीलिए तो कह रही हूं भाई तू ही कुछ चक्कर चला कि मम्मी को कोई और चोदे ईससे पहले तू उसे अपने बस में कर ले,,,,


तू चिंता मत कर मोहिनी मैं जरूर कोई चक्कर चलाऊंगा,,,, जैसा तू सोच रही है मैं वैसा होने नहीं दूंगा,,,,(अपनी बहन की तरफ से अपनी मां के लिए हरी झंडी पाकर संजू एकदम खुश हो गया था वह समझ गया था क्या अगर वह अपनी मां की चुदाई करेगा तो उसकी बहन को बिल्कुल भी ऐतराज नहीं होगा वह खुलकर घर में मजा ले सकेगा इसलिए वह पूरी तरह से जोश में आ गया था और अपनी बहन को उसी तरह से अपनी बाहों में पकड़े हुए उसे पलट कर उसे नीचे कर दिया और अपना ऊपर आ गया और फिर घमासान चुदाई करने लगा,,,)
Bohot Kamuk update Bhai, sanju àpni mosi ki beti ko or wo use pasand karne lage hai, or lapa lap apni mosi ki choot bhi maar aaya sanju, idhar mohini ko aisa lagta hai ki uski ma kisi or se set hai, or us se chudne ke liye use ghar pe laai thi, dekhte hai sanju ko aaradna kab chodne deti hai.
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