Ajju Landwalia
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काव्या के साथ संजू अद्भुत और अविस्मरणीय पल गुजार कर अपने घर वापस आ चुका था लेकिन इस बारे में किसी को कानों कान तक खबर नहीं हुई थी,,, उसके बिस्तर पर आने वाली काव्य तीसरी औरत थी पहली उसकी मौसी दूसरी उसकी खुद की बहन और तीसरी मनीषा की सहेली काव्या काव्या के साथ बिताया गया एक-एक पल उसके लिए मद भरी थी जिसमें पूरी तरह से नशा छाया हुआ था वह कभी सोचा भी नहीं था कि इस तरह से कोई लड़की अपने ही घर ले जाकर उससे चुदवाएगी,,, धीरे-धीरे संजु को अपनी मर्दाना ताकत पर गर्व होने लगा था औरत को चोदने और उसको संतुष्टि प्रदान करने में उसका आत्मविश्वास बढ़ता जा रहा था उसे पूरा यकीन हो गया था कि अब वह किसी भी तरह की औरत को अपनी मर्दाना ताकत से तृप्त करने की क्षमता रखता है,,,, काव्या की गोल-गोल और बड़ी बड़ी चूची उसे अभी तक याद आ रही थी,,,,,, एक तरह से वह मन ही मन काव्या को धन्यवाद कर रहा था क्योंकि काव्या की वजह से ही मनीषा अपने प्यार का इजहार उससे कर पाई थी और वह इस बात को भी समझ गया था कि बहुत ही जल्द मनीषा भी उसके बिस्तर पर आने वाली है क्योंकि जिस तरह से उसने पहल करते हुए उसके होठों को चुंबन की थी और उसने खुद उसका सहकार देते हुए उसके होंठों का रसपान करना शुरू किया था और अपने दोनों हाथों से उसके गोल गोल नितंबों को पकड़कर दबाया था,,, यह सब उसकी जिंदगी में आने वाले सुख के लक्षण थे,,,,,, मनीषा ने जिस तरह से अपने प्यार का इजहार की थी उसे लगने लगा था कि संजू काव्या के करीब बिल्कुल भी नहीं जाएगा लेकिन वह कहां जानती थी कि संजू औरतों के मामले में चालाक हो गया है और एक तरफ उसका प्यार पाने के बावजूद भी उसे धोखा देते हुए,, काव्या के साथ संभोग सुख प्राप्त करके अपने घर आ चुका होगा,,,, इस बात से अनजान वह अपने ख्यालों में खोई हुई थी संजू उसे बहुत अच्छा लगने लगा था जिस तरह से उसने उसका साथ देते हुए कोचिंग क्लास चलाने में मदद किया था और धीरे-धीरे कोचिंग क्लास को और भी आगे लेते जा रहा था यह सब देखते हुए मनीषा उसे प्यार करने लगी थी वैसे भी संजू का व्यक्तित्व और उसकी कद काठी उसका भोला चेहरा सब कुछ मनीषा को भा गया था इसलिए वह चचेरी बहन होने के बावजूद भी संजु को किसी और से बांटना नहीं चाहती थी संजू को अपना बॉयफ्रेंड समझने लगी थी,,,।
ऐसे ही धीरे-धीरे दिन गुजरने लगे थे,,, काव्या का जब भी मन होता वह फोन करके संजू को अपने घर बुला लेती और संजू काव्या को पूरी तरह से संतुष्टि प्रदान करके खुद संतुष्ट होकर वहां से वापस आ जाता था संजू की कोशिश उसकी मां को पाने में लगातार जारी थी लेकिन आराधना अपने कदम को डगमगाने से बार-बार रोक ले रही थी वहीं दूसरी तरफ मोहिनी अपनी जवानी की खुशबू अपने भाई पर लुटा रही थी,,,,,, अशोक धीरे-धीरे घर पर आना छोड़ दिया था संजू ए बात अच्छी तरह से जानता था कि उसके पिताजी आई आज किस्म के इंसान हो चुके हैं जब से वह अपने पिताजी को गेस्ट हाउस में किसी लड़की को ले जाते देखा था तब से वह अपने बाप से और ज्यादा नफरत करने लगा था और यही हाल मोहिनी का भी था पहले उसे अपने पापा की बहुत याद आती थी लेकिन सच्चाई जानने के बाद वह भी अपने पापा से घृणा करने लगी थी,,,,,,
ऐसे ही रविवार का दिन था रविवार का दिन होने की वजह से मोहिनी और संजू दोनों को कॉलेज नहीं जाना था दोनों देर तक कमरे में सो रहे थे और आराधना उठकर घर का काम करते हुए नहा धोकर तैयार हो गई थी और रसोई बना रही थी वही बगल वाले कमरे में नींद खुल जाने की वजह से सुबह की उत्तेजना का पूरा फायदा उठाते हुए संजू अपनी बहन के दोनों टांगों को फैला कर उसकी चूत में अपना लंड डालकर अपनी कमर हिला रहा था इस बात से आराधना बिल्कुल अनजान थी उसे अपने बेटे और अपनी बेटी पर बिल्कुल भी शक नहीं होता था यह जानते हुए भी कि एक जवान बेटा होने के बावजूद भी अपनी ही मां पर गंदी नजर रखता है तो वह अपनी बहन के साथ क्या करता होगा इस बात का ख्याल कभी भी आराधना के मन में नहीं आया था और इसी का फायदा उठाते हुए संजू और मोहिनी एक दूसरे में समाने की कोशिश कर रहे थे,,,, मोहिनी शुरू शुरू में अपना संपूर्ण दामोदार अपना संपूर्ण वजूद संजू के हाथों में सौंप देती थी लेकिन धीरे-धीरे वह चलाक होने लगी थी औरतों को अपने तरीके से किस तरह का सुख प्राप्त करना है वह समझने लगी थी इसलिए अब वह पूरी तरह से कंट्रोल अपने हाथों में रख लेती थी और आज सुबह भी वह पूरी तरह से अपने भाई पर छा जाने की कोशिश कर रही थी उसके ऊपर सवार होकर वहां पर अपनी चूची को पकड़कर खुद उसके मुंह में डाल रही थी और उसे जबरजस्ती पिला रही थी संजू को अपनी बहन का यह रवैया बहुत ज्यादा उत्तेजित कर जाता था वह भी अपनी बहन के हाथों में पूरा कंट्रोल देकर पूरी तरह से उसके हाथों की कठपुतली बन जाना पसंद करता था,,,, और उसे इसमें मजा भी आता था,,,।
सुबह के 6:15 बज रहे थे आराधना रसोई तैयार कर रही थी और संजू और मोहिनी अपने कमरे में बिल्कुल नग्न अवस्था में काम क्रीड़ा में खोए हुए थे संजू पीठ के बल लेटा हुआ था और मोहिनी उसके ऊपर सवार होकर अपनी चूची उसके मुंह में डालकर उसे अपना दूध पिला रही थी,,।
ले पी मेरे भाई ले पी,,,आहहहहह कितना मजा आता है जब तु पीता है,,,, ले दूसरा भी पी,,( पहले चूची को मुंह में से निकाल कर दूसरी चूची उसके मुंह में डालते हुए) पहले कितनी नारंगी जैसी थी तो धीरे-धीरे से खरबूजा की तरह बनाता जा रहा है,,,ऊहहहहहह निप्पल को चाट,,,आहहहहह बस मेरे भाई ऐसे ही बहुत मस्त पीता है तू,,,,ऊफफ,,,,,आहहहहहहह ,,,,
(मोहिनी पूरी तरह से गर्म हो जा रही थी उसकी गरम सिसकारियां एकदम सीमित आवाज में थी जो कि कमरे से बाहर तक नहीं पहुंच पा रहे थे क्योंकि मोहिनी को मालूम था कि अगर जोर-जोर से वह सिसकारी लेना शुरू कर देगी तो उसकी मां को शक हो जाएगा इसीलिए वह अपने आप पर पूरी तरह से काबू करके आनंद ले रहे थे संजय पूरी तरह से मस्त हुआ जा रहा था अपनी बहन की इस हरकत पर वह आनंद विभोर हुआ जा रहा था उसे यकीन नहीं हो रहा था कि यह वही मोहिनी है जो पहले लड़कों से शर्म आती थी लेकिन अब देखो खुद ही उसके नंगे बदन पर बैठी हुई है और मजा ले रही है मोहिनी को इस कदर बेशर्म बनाने में भी संजू का ही हाथ था अगर संजू उसके साथ इस तरह की गलत हरकत ना करता तो शायद मोहिनी अभी भी पहले वाली ही मोहिनी रहती,,,, संजू औरतों के बदन से कैसे आनंद लेना है अच्छी तरह से जानता था वह पूरी तरह से मस्त होकर मोहिनी की चूची को दबा दबा कर पी रहा था और मोहिनी भी उसे पिला रही थी संजू का लंड पूरी तरह से खड़ा होकर मोहिनी की पीठ पर ठोकर मार रहा था जिसे अपनी पीठ पर महसूस करके मोहिनी के तन बदन में उत्तेजना की लहर उठ रही थी,,,,
इस तरह की कामुक हरकत की वजह से मोहिनी की चूत से मदन रस टपक रहा था जो की पूरी तरह से संजू के पेट को भिगो रहा था,,,,, संजीव को मोहिनी कुछ भी बोलने का मौका नहीं दे रही थी बार-बार उसके मुंह में अपनी चूचियां दे दे रही थी और संजू को अपनी बहन की चूची पीने में बहुत मजा आता था अपनी बहन की क्या संजू को किसी भी औरत की चूची पीने में बहुत मजा आता था इस तरह से उसकी उत्तेजना और ज्यादा बढ़ जाती थी,,,, कुछ देर तक मोहिनी और संजू इसी तरह से मजा लेते रहे दोनों अच्छी तरह से जानते थे कि आज छुट्टी का दिन है और उसकी मां उसे सात 7:30 बजे से पहले उठाने वाली नहीं थी इसीलिए इस मौके का वह दोनों पूरी तरह से फायदा उठा रहे थे,,,
भाई इसी तरह से तु मां की भी चूचियों को पी रहा था ना,,,, बड़ा मजा आया होगा तुझे मेरे से ज्यादा बड़ी बड़ी चूचीया है मां की,,,, काश तू मां की चूत में लंड डालकर चोद पाता तो मुझे और मजा आता,,, कोई बात नहीं तू बिल्कुल भी चिंता मत कर एक दिन देखना मम्मी खुद तुझे अपनी चूत परोस कर देगी,,,,(अपनी बात का खुद ही जवाब देते हुए मोहिनी बोल रही थी क्योंकि वह खुद संजू को बोलने का मौका नहीं दे रही थी,,, लेकिन मोहिनी के मुंह से अपनी मां का जिक्र करते हैं उसकी उत्तेजना हो ज्यादा बढ़ गई और वह अपने दोनों हाथ को पीछे की तरफ ले जाकर मोहिनी की नंगी गांड को अपनी हथेली में दबोच लिया और उसे जोर से दबाना शुरू कर दिया,,,,,, संजू के लिए अपनी उत्तेजना दबा पाना मुश्किल हुआ जा रहा था क्योंकि मोहिनी ने आराधना का जिक्र करके आग में घी डालने का काम कर दी थी,,,, इसलिए संजू पूरी तरह से उत्तेजित हो चुका था,,,, अपनी फाइल की हालत देखकर मोहिनी भी समझ गई थी कि उसका भाई एकदम से चुदवासा हो गया है,,, किस लिए वह अपने भाई के मुंह में से अपनी चूची को बाहर निकाल कर उसके ऊपर से उतर गई और उसके लंड को पकड़ कर ले जाने लगी जो कि काफी मोटा महसूस हो रहा था,,,।
ओहहहह भाई लगता है कि तू आज मेरी चूत फाड़ डालेगा आज तो तेरा लंड और ज्यादा मोटा हो गया है,,,,।
हारे मोहिनी तुमने मम्मी का जिक्र करके मेरी हालत खराब कर दी है,,,
तू चिंता मत कर भाई मैं तेरी हालत एकदम सही कर दूंगी,,,(और इतना कहने के साथ ही मोहिनी अपने भाई के लंड को अपने लाल-लाल होठों के बीच भर ली और उसे लॉलीपॉप कि तरह चूसना शुरु कर दी,,,,,, मोहिनी भी पूरी तरह से चुदक्कड़ हो गई थी उसे भी पूरा ज्ञान हो चुका था कि मजा कैसे लिया जाता है इसलिए वह अपने भाई के लंड को पूरा का पूरा अपने गले तक उतारकर उसे चूसने का आनंद ले रही थी,,,,,, जिस समय दोनों शुरुआत किए थे दोनों इस खेल में नए-नए थे हालांकि संजू को एक बार की चुदाई का अनुभव हो चुका था और वह भी अपनी मौसी के साथ अपनी मौसी के साथ उसने औरत को खुश करने के लिए बहुत कुछ क्रियाओं को सीखा था जो कि वह अपनी बहन पर पूरी तरह से आजमा चुका था और देखते ही देखते मोहिनी खुद इस खेल में इतनी माहिर हो गई थी कि अपने भाई पर पूरी तरह से हावी हो रही थी वह उसके मोटे तगड़े लंबे लंड को बड़े आराम से अपने गले तक उतार लेती थी और उसे इतना तड़पाती थी कि कभी-कभी संजू को लगने लगता था कि उसका पानी छूट जाएगा,,,, मोहिनी उसकी तड़प और ज्यादा बढ़ाते हुए उसके लंड के बैगनी रंग के सुपाड़े को आइसक्रीम के कौन की तरह जीभ लगाकर चाट रही थी और मोहिनी के जीभ की गर्मी से धीरे-धीरे संजू का लंड आइसक्रीम के बर्फ की तरह पिघल रहा था और उसमें से लार नहीं कर रही थी जिसे मोहिनी खुद अपनी जीभ से चाट रही थी संजू हाथ की कोहनी के सहारे अपनी गर्दन को ऊपर उठाकर अपने लंड की तरफ देख रहा था और मोहिनी के खूबसूरत चेहरे की तरफ संजू अपनी बहन की तरफ देखकर समझ ही नहीं पा रहा था कि यह वही सीधी साधी भोली भाली मोहिनी है अब उसमें कितना बदलाव आ चुका था इस समय संजू को अपनी बहन में एक रंडी पन दिख रहा था जो कि एक मर्द को खुश करने के सारे तरीके को आजमा रही थी,,, मोहिनी के बाल में बकल लगा हुआ था और संजू अपना हाथ आगे बढ़ा कर उस बक्कल को खींच लिया और देखते ही देखते उसके खूबसूरत रेशमी बाल एकदम से खुल गए और खुले बालों में मोहिनी की खूबसूरती और ज्यादा बढ़ गई रह-रहकर संजू अपनी कमर को ऊपर की तरफ उछाल देता था,,,, मोहिनी अपनी हरकत से अपने भाई को पूरी तरह से पागल कर चुकी थी संजु को लगता था कि किसी भी वक्त उसके लंड का फव्वारा फूट पड़ेगा,,,,, इसलिए वह कसमसा रहा था और अपने भाई की कसम साहट को देखकर मोहिनी समझ गई कि उसका भाई पूरी तरह से गर्म हो चुका है और देखते ही देखते मोहिनी अपने भाई के लंबे मोटे लंड को अपने मुंह में से बाहर निकाल कर खुद अपने भाई के कमर के इर्द-गिर्द अपने घुटने रख कर अपने लिए जगह बनाने लगी देखते ही देखते मोहिनी की खूबसूरत सुगठित मांसल गांड संजू के मोटे तगड़े लंड के ऊपर आ चुकी थी संजू समझ चुका था कि उसकी बहन का करने वाली है और मोहिनी तुरंत अपना एक हाथ नीचे की तरफ से जाकर अपने भाई के लंड को पकड़ लिया और धीरे से अपनी तरबूज जैसी गांड को नीचे की तरफ ले जाने लगी देखते ही देखते मोहिनी अपने हाथों से अपने भाई के लंड के सुपाड़े को रास्ता दिखाते हुए अपने गुलाबी चूत से सटा दी और गरम चूत का स्पर्श होते हैं संजू पूरी तरह से गनगना गया,,,, मोहिनी की हर एक हरकत जानलेवा साबित हो रही थी संजू पल पल चुदास की आग में जल रहा था,,,,, संजू को इस समय अपनी तरफ से कुछ नहीं करना था जो कुछ करना था मोहिनी को करना था इसलिए मोहिनी जैसे ही संजू के लंड को अपने चूत का द्वार दिखाइ,,, मोहिनी तुरंत अपनी तरबूज जैसी गांड का भार अपने भाई के भालानुमा लंड पर बढ़ाने लगी और देखते ही देखते चूत की चिकनाहट पाते ही संजू का मोटा तगड़ा लंड धीरे-धीरे करके मोहिनी की चूत में समाने लगा यह नजारा संजू अपनी आंखों से एकदम साफ देख रहा था और इस नजारे को देखकर काम विह्वल हुआ जा रहा था,,,,।
देखते ही देखते ही मोहिनी अपने अनुभव का फायदा उठाते हुए अपने भाई के मोटे तगड़े लंबे लंड को अपनी चूत की गहराई में छुपा ली और अपने भाई के लंड को पूरी तरह से गप कर लेने के बाद उसके ऊपर आसन लगाकर बैठ गई,,,, दोनों की सांसे गहरी चल रही थी कुछ देर तक मोहिनी उसी अवस्था में बैठी रही अपने भाई के मोटे तगड़े लंड की गर्माहट को अपनी चूत के अंदर महसूस करके वह पल पल मदहोश हुए जा रही थी,, मोहिनी आज अपने अनुभव से संजू को पूरी तरह से तड़पा दाल रही थी संजू का मन नीचे से धक्का लगाने को कर रहा था,,, लेकिन मोहिनी ने पूरी तरह से अपने भाई पर कब्जा जमा रखा था वह नीचे से अपनी कमर तक मिला नहीं पा रहा था लेकिन मोहिनी को इस बात का एहसास हो रहा था कि संजू धक्का लगाना चाहता है इसलिए वह बोली,,,।
आज तू कुछ नहीं करेगा भाई जो कुछ करना है मुझे करना है ,,,,(और इतना कहने के साथ ही मोहिनी धीरे से अपनी गांड को ऊपर की तरफ उठाने लगी और संजू का लंड धीरे-धीरे उसकी चूत के छेद से बाहर होने लगा देखते ही देखते संजीव को लगने लगा कि मोहिनी उसकी चूत से उसके नंबर को पूरी तरह से बाहर निकाल देंगे लेकिन जैसे ही सुपाड़ा किनारे पर आया मोहिनी तुरंत नीचे बैठ गई और इसी तरह से ऊपर नीचे करके उठक बैठक करने लगी संजु को स्वर्ग का सुख प्राप्त हो रहा था वह पूरी तरह से मदहोश हुआ जा रहा था देखते ही देखते मोहिनी की रफ्तार उठक बैठक में बढ़ने लगी और उसकी चूत से चप्प चप्प की आवाज आना शुरू हो गई संजू की सबसे बड़ी गहरी चलने लगी मोनी पूरी तरह से मदहोश में जा रही थी वह अपने भाई के कंधों को दोनों हाथों से पकड़ कर अपनी गांड को जोर-जोर से अपने भाई के लंड पर पटक रही थी ऐसा लग रहा था कि जैसे ही वह कपड़े धो रही हो,,, संजू का मोटा तगड़ा लंड बड़े आराम से सटाक सटाक करके चूत के अंदर बाहर हो रहा था,,,,,,,
देखते ही देखते घड़ी में 7:15 बज गए दोनों की इस काम क्रीड़ा को 1 घंटे जैसा समय हो गया था,,,,, आराधना को लगने लगा कि मोहिनी और संजू आज देर तक सो रहे हैं इसलिए वहां रसोई का काम छोड़कर उनके कमरे के बाहर आकर दरवाजा खटखटाते हुए बोली,,,।
संजू अरे मोहिनी कब तक सोते रहोगे बहुत देर हो रही है चलो जल्दी उठो,,,,।
(अपनी मां की आवाज सुनते ही दोनों एकदम से चौंक गए मोहिनी उसी तरह से अपने भाई के लैंड कर बैठी रह गई कोई जवाब ना मिलने पर आराधना फिर से उन दोनों का नाम लेकर बुलाई तो इस बार संजू नींद में होने का नाटक करते हुए बोला,,,)
क्या मम्मी आज रविवार है आज तो सोने दो,,,
7:15 बज रहे हैं कितना सोएगा जल्दी से उठ कर नहा धो लो नाश्ता तैयार हो गया,,, चलो जल्दी,,,,,
ठीक है मम्मी 10 मिनट में आया,,
10 मिनट से 1 मिनट भी ज्यादा नहीं होना चाहिए,,,(इतना कहने के साथ ही आराधना वापस रसोई घर में चली गई तो संजू मोहिनी की तरफ देख कर मुस्कुराया और उसे अपनी बाहों में लेकर तुरंत पलट गया यह देखकर मोहिनी भी हैरान हो गई अब वह नीचे और संजू ऊपर था अब पूरा कंट्रोल संजू के हाथ में आ चुका था और संजू कमर हिलाना शुरू कर दिया मोहिनी को भी मजा आने लगा संजू का लंड बड़ी तेजी से मोहिनी की चूत के अंदर बाहर हो रहा था मोहिनी बड़ी मुश्किल से अपनी सिसकारी को रोके हुए थी,,,, अपने वादे के मुताबिक संजू मोहिनी को और 5 मिनट तक चोदता रहा और घर जाने के बाद कुछ ही देर में अपने कपड़े पहन कर कमरे से बाहर आ गया और थोड़ी देर में मोहिनी भी कमरे से बाहर आ गई थी,,,,।
संजू कुछ देर तक यूं ही कुर्सी पर बैठा रहा और मोहिनी जल्दी-जल्दी बाथरूम जाकर नहा कर बाहर आ गई थी मोहिनी को देखकर संजू मुस्कुराया और वह भी उठकर बाथरूम में चला गया और नहाने के लिए अपने सारे कपड़े उतार कर नंगा हो गया बाथरूम का दरवाजा बंद कर दिया था और से मालूम था कि आप कोई आने वाला नहीं है इसलिए निश्चिंत होकर वा नहा रहा था कि तभी उसकी नजर सामने की दीवार पर बनी हुई पेंटिं पर गई और संजू उत्सुकता बस उस पेंटी को अपने हाथ में ले लिया और पेंटी को हाथ में लेते उसे समझते देर नहीं लगी कि वह पहनती उसकी मां की है और अपनी मां की पेंटिंग को हाथ में लेते हुए उसके तन बदन में एक बार फिर से उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी,,,,,
Ekdum mast update he Rohnny Bhai
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