आखिरकार मां बेटे के लिए रविवार की शुभ घड़ी आ ही गई थी और किस्मत से आज आराधना का जन्मदिन भी था जिसके बारे में रात को ही खाना खाते समय आराधना ने मोहिनी और संजु को बताई थी,,, जन्मदिन की बात सुनकर संजू और मोहिनी दोनों बहुत खुश हो गए थे मोहिनी की खुशी से ज्यादा संजू की खुशी कुछ ज्यादा ही थी आखिरकार उसे रविवार का दिन अपनी जिंदगी का यादगार दिन बनाने का अवसर मिल ही गया था,,,,,,,
दूसरे दिन सुबह मोहिनी उठकर सबसे पहले संजू को चिंतित स्वर में बोली,,,।
भाई तो लगता है कि मम्मी के प्रति ध्यान नहीं दे रहा है अभी तक तूने कुछ किया नहीं कहीं ऐसा ना हो जाए कि तू हाथ मलता रह जाए और मलाई कोई और चट कर जाए,,,,
मोहिनी तू चिंता मत कर मैं इसी ताक में लगा हुआ हूं और देखना आज का दिन हम तीनों की जिंदगी का बहुत ही खूबसूरत दिन होगा आज के दिन में जरूर तेरी कहीं बात को सच कर दिखलाऊंगा,,,,,,
मम्मी को तु पटा तो लेगा ना,,,,(मोहिनी चिंता दर्शाते हुए बोली,,,)
तू चिंता मत कर मैंने मैं पूरी कोशिश में लगा हूं और आज तो झंडा गाड़ कर ही रहूंगा इसलिए मैं आज मम्मी को बाहर घुमाने का प्रोग्राम बनाया है तो कोई बहाना करके इनकार कर देना केवल मैं और मम्मी और हां शाम को देर से लौटेंगे और तू खाना मत बनाना मैं होटल से ही लेते आऊंगा केक और खाना दोनो,,,,,

भाई अगर तू सच में आज झंडा गाड़ लिया ना,,,, तो मैं मान जाऊंगी कि तू असली मर्द है,,,
अच्छा अभी तक तुझे क्या मुझ पर शक हो रहा है रोज रात को तेरी चूत में लंड डालता हूं तो भी,,,
मम्मी के डाल के दिखा,,,,,
यह बात है तब देखना आज मैं तुझे ऐसा नजारा दिखाऊंगा की तु जिंदगी भर याद रखेगी,,,,।
(आज रविवार था और उसका जन्मदिन भी था इसलिए आराधना बेहद खुश नजर आ रही थी क्योंकि आज के दिन उसे गेस्ट हाउस का अनुभव देना था और आज उसका जन्मदिन होने के नाते आज वहां अपने बेटे को अपने जन्मदिन के शुभ अवसर पर अपना खूबसूरत बदन उसे भेंट करना चाहती थी इसलिए जल्द से जल्द गेस्ट हाउस पहुंचने के लिए वह व्याकुल हुए जा रही थी इसलिए जल्दी-जल्दी वह नाश्ता तैयार कर चुकी थी,,,, मोहिनी को बिल्कुल भी शक ना हो इसलिए संजू मोहिनी को लेकर रसोई घर में गया और वहां मोहिनी के सामने ही बोला,,,,)
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मम्मी मैं सोच रहा हूं कि आज तुम्हारे जन्मदिन के शुभ अवसर पर तुम्हें बाहर घुमाने ले चलूंगा और इस जन्मदिन को एकदम यादगार बना दु,,,
(आराधना अच्छी तरह से जानती थी कि आज उसे गेस्ट हाउस जाना है लेकिन वह संजू की बात सुनकर समझ गई थी कि वह मोहिनी के सामने जानबूझकर ऐसा बोल रहा है ताकि उसे पता ना चले कि हम दोनों के बीच पहले ही सब कुछ तय हो चुका है इसलिए वह भी एकदम खुश होते हुए बोली,,,)
क्या सच में तुम उसे घुमाने ले चलेगा तब तो बहुत अच्छा रहेगा मैं तु मोहिनी,,,।
(मोहिनी का जिक्र आते ही मोहिनी पहले से ही तय की हुई बात बोली,,,)
नहीं नहीं मम्मी भैया और तुम दोनों जन जाओ मेरा आज टेस्ट है इसलिए मैं नहीं जा पाऊंगी लेकिन शाम को आते समय केक और होटल से खाना जरूर लेते आना,,,।
(मोहिनी की बात सुनकर आ रहा था ना मन ही मन बहुत खुश हो गई क्योंकि वह औपचारिक रूप से ही मोहिनी को साथ में चलने के लिए कही थी जबकि मन में वह यही चाहती थी कि मोहिनी ना चले तो अच्छा होगा और मोहिनी उसके सोचने के अनुसार ही इनकार कर चुकी थी इसलिए आराधना बहुत खुश थी लेकिन जानबूझकर दुखी होने का नाटक करते हुए बोली,,)

मोहिनी कई वर्षों बाद तो मैं अपना जन्मदिन मनाने जा रही हूं और तू है कि चलने से इंकार कर रही है,,,
क्या मम्मी समझा करो मेरा टेस्ट है और वैसे भी तो केक शाम को कटना है ना,,,, तुम दोनों चले जाओ और हम आज अच्छी सी साड़ी पहनना और थोड़ा सज संवर कर ऐसा लगना चाहिए कि अभी-अभी विवाह करके आई हो,,,
(मोहिनी की बात सुनते ही आराधना शर्म से लाल हो गई और वह मुस्कुराते हुए मोहिनी को डांटने का नाटक करते हुए बोली)
धत् पगली तू भी ना कुछ भी बोलती रहती है,,,
कुछ भी नहीं मम्मी तुम सच में बहुत खूबसूरत हो अगर आज एकदम सज-धज कर निकलोगी तो ऐसा ही लगेगा कि जैसे कोई नई नवेली दुल्हन बाजार में घूमने के लिए निकली है,,,,,
और हां नई नवेली दुल्हन अपने बेटे के साथ घूमने निकली है ना,,,(अपनी आंखों को घुमाते हुए बोली)

भैया के साथ तुम्हारी जोड़ी मां बेटे वाली बिल्कुल भी नहीं लगती,,,
क्या,,,?(एकदम आश्चर्य जताते हुए आराधना बोली)
हां मम्मी सच कह रही हूं,,, ऐसा लगता ही नहीं है कि तुम दो बच्चों की मां हो तुम तो अभी भी एकदम नई नवेली लगती हो,,,,,,, मुझे तो इस बात का डर है कि कहीं तुम दोनों को पति पत्नी ना समझ ले,,,।
बाप रे,,,, मोहिनी चुप हो जा,,, तुझे बिल्कुल भी शर्म नहीं आती,,,,(मोहिनी जानबूझकर इस तरह की बातें अपनी मां से कर रही थी ताकि उसकी मां अपने बेटे की तरफ आकर्षित हो जाए जबकि मोहिनी इस बात से बिल्कुल अनजान थी कि दोनों मां बेटों के बीच मां बेटे का रिश्ता सिर्फ समाज के सामने देखने के लिए रह गया दुनिया के बीच पति पत्नी वाला ही संबंध स्थापित हो चुका था और आराधना मोहिनी की इस तरह की बातों को सुनकर एकदम से शर्म से पानी पानी हुए जा रही थी,,, खासकर के मोहिनी की बातों को सुनकर आराधना की चूत फुदकने लगी थी,,,,। अपनी मां की बात को सुनकर मोहिनी मुस्कुराते हुए अपनी बात के रुख को मोड़ते हुए बोली,,,)
खाना तो नहीं बनाई हो ना मम्मी,,,
नहीं सिर्फ नाश्ता तैयार की हुं,,,,
अच्छा कि क्योंकि मैं अब शाम को ही लौटुंगी इसलिए अभी नाश्ता कर लेती हूं,,,,।

(आराधना मोहिनी के सामने शर्म से पानी पानी हो जा रही थी इसलिए अपनी नजरों को झुका कर वह मोहिनी और संजू के लिए नाश्ता निकालने लगी और खुद के लिए भी क्योंकि वह जानती थी कि अभी खा लेगी तो उसके लिए भी अच्छा होगा संजू को नाश्ते की प्लेट पकड़ाते समय आराधना मंद मंद मुस्कुरा रही थी और उसके मुस्कुराने का कारण संजू अच्छी तरह से समझ रहा था थोड़ी देर में नाश्ता करके मोहिनी अपना बैग लेकर घर से बाहर निकल गई और आराधना उसके जाते ही संजू से बोली,,,)
बाप रे ये लड़की समझ में नहीं आ रहा है कैसी कैसी बातें कर रही है,,,,
ठीक ही तो कह रही है सोचो जब मोहिनी,,, हम दोनों को मां बेटा के रूप में नहीं देख रही है तो गेस्ट हाउस में हम दोनों को लोग क्या समझेंगे,,,
क्या समझेंगे,,,(धड़कते दिल के साथ आराधना बोली)
मुझे खरीददार और तुम्हें धंधे वाली समझेंगे,,,,, तब तो ठीक ही रहेगा ना किसी को बिल्कुल भी शक नहीं होगा,,,,

हां तो सच कह रहा है मोहिनी के कहे अनुसार कहीं हम दोनों को पति पत्नी समझ लिए तो,,,
तब तो और भी अच्छा होगा पति पत्नी के बीच तो कुछ भी हो सकता है,,,,
(अपने बेटे की बात सुनकर आराधना का दिल जोर जोर से धड़क रहा था उसकी चुत फुदक रही थी,,,,,वह संजू से बोली,,,)
मैं जल्दी से तैयार हो जाती हुं,,,,
हां जल्दी करो मम्मी हमें जल्दी निकलना होगा तभी तो मजा आएगा और हां चूत के बाल साफ करना मत भुलना,,आज के दीन मुझे तुम्हारी चूत का बाल का नामोनिशान नहीं देखना है एकदम चिकनी कर देना,,,।
(इतना सुनते ही आराधना एकदम से शर्मा गई जल्दी से अपने कमरे में गई और वहां से वीट क्रीम बिल्कुल सीधे बाथरूम में घुस गई तो बाहर से संजू आवाज लगाते हुए बोला,,,)
मैं साफ कर दूं क्या मम्मी,,,
नहीं तु रहने दे मैं कर लूंगी,,, सब कुछ यहीं कर लेगा तो गेस्ट हाउस में क्या करेगा,,,,,,
करने के लिए तो बहुत कुछ है,,,
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लेकिन अभी के लिए रहने दे,,,(इतना कहने के साथ ही आराधना अपने सारे कपड़े उतार कर एकदम नंगी हो गई और बीट से क्रीम निकाल कर अपनी चूत के उपसे हुए भाग पर ढेर सारा क्रीम चुपड़ दी ,,,, अपने बेटे के साथ एक धंदेवाली के रूप में बात करते हुए वह अपने बेटे के मुंह से सुनी थी कि उसे चिकनी चूत पसंद है और उसके चूत पर हल्के हल्के बाल थे और इसीलिए वह ऑफिस से लौटते समय एक मेडिकल पर जाकर अपने लिए वीट क्रीम खरीद कर लाई थी जिसका उपयोग वह इस समय बाथरूम में कर रही थी वह भी अपने बाल को साफ करना भूल चुकी थी अच्छा हुआ कि एन मौके पर चूत के बाल की बात को संजू ने कह दिया था,,, वरना आज वह अपनी चूत के बाल साफ किए बिना ही बाप ने बेटी के साथ गेस्ट हाउस में चली जाती पर जब उसका बेटा अपने हाथों से उसके कपड़े उतार कर पूरी तरह से नंगी करता तो शायद अपनी मां की चूत पर बाल देखकर वह निराश हो जाता और वह आज के दिन खास करके अपने जन्मदिन के दिन वह अपने बेटे को बिल्कुल भी निराश नहीं करना चाहती थी वह अपने बेटे को पूरी तरह से खुश और संतुष्ट कर देना चाहती थी इसलिए उसकी बात मानते हुए वह कुछ देर तक अपनी चूत के खुले हुए हिस्से पर क्रीम लगाकर छोड़ दी थी और बाकी के हिस्से पर साबुन लगाना शुरू कर दी थी अपनी बड़ी-बड़ी खरबूजे जैसी लेकिन तनी हुई चुचियों को देखकर वह खुद अपनी चुचियों पर गर्व कर रही थी क्योंकि यह हकीकत ही था कि 2 बच्चों की मां होने के बावजूद भी उसकी चुचियों का तनाव बिल्कुल भी कम नहीं हुआ था वह एकदम तली हुई अवस्था में इस समय भी उसकी जवानी में चार चांद लगा रहे थे जिस पर खुद उसका बेटा पूरी तरह से मर मिटा था,,,,,
आज का दिन उसके लिए बेहद खास था आज के दिन वह अपने बेटे के सामने एक माह एक औरत नहीं बल्कि एक धंधे वाली औरत की तरह पॅश होने जा रही थी गेस्ट हाउस में क्या होगा कैसे होगा उसे बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था,,, लेकिन अपने बदन में हो रही हलचल को देखकर इतना तो वह समझ ही गई थी कि गेस्ट हाउस में उसे परम आनंद प्राप्त होने वाला है,,,,,, अपनी चूत पर क्रीम लगाए हुए पांच 7 मिनट हो चुके थे इसलिए वह टावल का उपयोग ना करके अपनी चड्डी उठाकर उससे अपनी चूत पर लगी हुई क्रीम को साफ करने लगी और कुछ ही देर में उसे अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था उसकी चूत एकदम मक्खन की तरह मलाईदार लग रही थी ऐसा लग रहा था कि जैसे दो बच्चों की मां की चूत नहीं बल्कि एक नौजवान लड़की की खूबसूरत चूत हो और वह भी कचोरी की तरह एकदम खुली हुई अपनी चूत को देखकर खुद आराधना से रहा नहीं गया और अब अपनी हथेली से पूरी तरह से अपनी चूत को ढक लि और उसे हल्के से मसल दी ऐसा करने से उसके बदन में उत्तेजना की लहर उठने लगी और उसके मुंह से गरमा गरम सिसकारी फुट पड़ी,,,, अपनी चूत की खूबसूरती को देखकर उसे पूरा विश्वास था कि जब उसका बेटा अपनी आंखों से आज उसकी चूत को देखेगा तो चारों खाने चित हो जाएगा और उसे चाटे बिना बिल्कुल भी रह नहीं पाएगा,,,,

वह बड़े अच्छे से पूरे बदन पर साबुन लगा लगाकर मलमल करना हो रही थी वह चाहती थी कि उसके बदन से खुशबू आए जहां भी उसका बेटा अपनी जीभ लगाए वहां से उसकी खुशबू पाकर वह पूरी तरह से मस्त हो जाए वह ढेर सारा साबुन का झाग अपनी चूत पर मल रही थी ऐसा लग रहा था कि जैसे उसकी सारी खूबसूरती उसकी दोनों टांगों के बीच की पतली दरार के इर्द-गिर्द ही छुपी हुई है और एक मर्द के लिए एक खूबसूरत औरत के खूबसूरत चेहरे के बाद उस खूबसूरत औरत की दोनों टांगों के बीच की पतली दरार की खूबसूरती ही सबसे ज्यादा मायने रखती है,,, और इसीलिए आराधना कोई भी कसर छोड़ना नहीं चाहती थी अपनी चूत की खूबसूरती को बरकरार रखने में,,,,।

आखिरकार अपने बदन को घिस घिसकर नहाने के बाद वह बाथरूम से बाहर निकली लेकिन अपने नंगे बदन पर टावल लपेट ली और टावल भी कुछ खास ज्यादा बड़ी नहीं थी वह टावर को अपनी आधी चुचियों पर बांधी थी और उसकी लंबाई नीचे उसकी जांघों तक भी नहीं आती थी इस अवस्था में बाथरूम से निकलने के बाद जैसे ही संजू की नजर,,, अपनी मां पर पड़ी उसे देखकर संजू के तो होश ही उड़ गए नहाने के बाद इस अवस्था में उसकी मां और भी ज्यादा खूबसूरत और सेक्सी लग रही थी,,, इस अवस्था में अपनी मां को देखते ही संजु का लंड एकदम से खड़ा हो गया और वह अपनी जगह पर बैठा नहीं रह सका आराधना अपने बेटे के एकदम पास से उसकी तरफ देख कर मुस्कुराते हुए जा रही थी या देखकर संजू का मन एकदम से लग जा गया और वह अपनी मां के बजन पर से टावल को पकड़ कर खींच लिया अगले ही पल टुवाल के निकलते ही आराधना एकदम नंगी हो गई और नहाने के बाद उसके बदन पर टपक रही पानी की बूंदे मोती के दाने की तरह चमक रही थी,,, इसे देखकर संजू की हालत खराब हो रही थी टावर जैसे ही संजू ने आराधना के बदन पर से खींचा वैसे ही आराधना के मुंह से निकला,,।
हाय दैया यह क्या कर रहा है,,,(इतना कहने के साथ ही वह संजय के हाथ से दोबारा टूवाल को खींचने की कोशिश की तो नाकामयाब हो गई वह अपने नंगे बदन को छुपाते हुए अपने कमरे की तरफ लगभग भागते हुए जाने लगे और इस अवस्था में भागते हुए उसकी गोर गोर गाल तरबूज की तरह बाहर निकली हुई नजर आ रही थी और उस पर पानी की बूंदें टपक रही थी जिसे देख कर संजू के मुंह में पानी आ रहा था संजू अपनी जगह से खड़ा होकर अपनी मां की तरफ आगे बढ़ने ही वाला था कि आराधना अपने कमरे में घुसकर दरवाजे को बंद कर दी,,,,, और बोलो,,,.
नालायक तुझसे बिल्कुल भी सब्र नहीं होता,,,,
अब तुम्हारा रूप ही ऐसा है तो सब्र भला कैसे होगा,,,
गेस्ट हाउस तक पहुंचने तक तो सब्र कर ले,,,,
चलो ठीक है,,,,
(इसके बाद आराधना मुस्कुराते हुए अलमारी में से अपने पसंदीदा सबसे खूबसूरत ब्लू रंग की साड़ी निकाली जो की ट्रांसपेरेंट थी जिसमें सब कुछ नजर आता था उसे निकालकर मॉल में से खरीदी हुई अपने बेटे के द्वारा चड्डी और ब्रा निकाल और उसे पहनने लगी थोड़ी ही देर में आराधना आईने में अपने आप को देखते हुए कपड़े पहन चुकी थी लेकिन ब्लाउज की डोरी उससे बात ही नहीं जा रही थी इसलिए वह धीरे से दरवाजे के पास गई और दरवाजे को खोलकर संजू की तरफ देखकर धीरे से बोली,,,)
संजू जरा मेरे ब्लाउज की डोरी तो बांध दें,,,,
यह हुई ना बात,,,,(इतना कहने के साथ ही संजू अपनी जगह से खड़ा हो गया और सीधे अपनी मां के कमरे में पहुंच गया जहां पर उसकी मां वापस आईने के सामने जाकर खड़ी हो गई थी और संजू ठीक है अपनी मां के पीछे आकर खड़ा हो गया पीछे से ब्लाउज की खुली भी बुरी नजर आ रही थी जिसकी वजह से उसकी नंगी चिकनी पीठ पर ब्रा की हल्की सी पट्टी चिपकी हुई थी और गोरे बदन पर काले रंग की ब्रा की पट्टी और भी ज्यादा खूबसूरत लग रही थी संजू से रहा नहीं गया और संजू तुरंत ब्लाउज की डोरी बांधने की जगह तुरंत अपनी मां को पीछे से बाहों में भर लिया और उसकी गर्दन पर चुंबन करने लगा,,,, और यह देखकर आराधना बोली,,,।
ऊममम ,,,, छोड़ मुझे संजू और जो काम करने के लिए तुझे बुलाई हो वह कर,,, कभी भी शुरू हो जाता है,,(आराधना के इतने कहते-कहते संजू उसे अपनी बाहों में पूरी तरह से भर लिया था जिससे पेंट में संजू का टन टन आया हुआ लंड सीधे साड़ी के ऊपर से ही आराधना की गांड पर ठोकर मार रहा था जिसको अपनी गांड पर महसूस करके आराधना का मन भी बैठने लगा था लेकिन वह इस समय कुछ भी करने के मूड में नहीं थी,,, क्योंकि आज वह सारा मजा गेस्ट हाउस में ही लेना चाहते थे इसलिए उसे हाथ की कोहनी से दूर करने लगे मौके की नजाकत को समझते हुए संजू भी अपना मन मार कर अपनी मां के ब्लाउज की डोरी को बांधने लगा,,,,.
आराधना तैयार हो चुकी थी और बला की खूबसूरत लग रही थी,,, अपनी मां की खूबसूरती को देखकर संजू बोला,,,
मोहिनी सच कह रही थी मम्मी तुम दो बच्चों की मां लगती ही नहीं हो तुम नवी नवेली दुल्हन लग रही हो,,,
किसकी,,,?(तपाक से आराधना बोली)
मेरी,,,(संजू भी एकदम झट से उत्तर देता हुआ बोला और यह सुनकर आराधना मुस्कुराने लगी और शर्मा भी गई और शरमाते हुए बोली,,,)
अब चल जल्दी बहुत देर हो गई है,,,,
चलो वैसे भी आज का दिन तो बहुत खास है,,,,(इतना कहने के साथ ही दोनों मां-बेटे घर से बाहर निकल गए और आराधना घर बंद करके ताला लगा दी और संजू के साथ स्कूटी पर बैठकर लंबे सफर के लिए निकल गई)