संजू अपनी मां को स्कूटी पर बैठा कर निकल चुका था,,,, आसमानी रंग की पारदर्शी साड़ी में आराधना स्वर्ग से उतरी हुई अप्सरा लग रही थी जो कि अपने ही बेटे के पीछे स्कूटी पर बैठकर अपने आप को रंडी समझ रही थी क्योंकि आज वह जो कुछ करने जा रही थी वह एक रंडी ही कर सकती आज वह अपने बेटे के साथ गेस्ट हाउस में जा रही थी,,, जब से उसने अपने बेटे के मुंह से अपने पति के बारे में गेस्ट हाउस वाली बात सुनी है तब से ना जाने क्यों नाराजगी होने के बावजूद भी गेस्ट हाउस का मजा लेने के लिए उसका मन मचल रहा था और आज वह अपनी इच्छा को पूरी करने जा रही थी,,,, अपने बेटे के साथ चुदाई का सुख प्राप्त करके वह मां बेटे के बीच की सारी सीमाओं को पार कर चुकी थी सारी मर्यादा की दीवारों को गिरा चुकी थी इसलिए वह अपने बेटे से अब बिल्कुल भी शर्म और लिहाज नहीं रखती थी और ना ही आप इस बारे में सोचती थी दोनों मां बेटे के रिश्ते से बेहद दूर निकल चुके थे,,,, जहां से वापस लौट रहा आप दोनों के बस में नहीं था और वैसे भी जिस तरह का सुख हुआ दोनों भोग रहे थे उस सुख को छोड़ कर वापस आना वह दोनों चाहते भी नहीं थे दोनों एक दूसरे की बाहों में पूरी तरह से लीन हो चुके थे अपने आपको भुला चुके थे,,,,
photo hosting sites
आज का दिन आराधना के लिए भी बेहद खास था और इस खास दिन को वह और भी ज्यादा बेहतर बनाना चाहती थी आज उसका जन्मदिन था इस बात का पता जैसे ही संजू को चला था संजू के तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी थी क्योंकि आज के दिन ही वह अपनी मां को गेस्ट हाउस में ले जाने वाला था और उसके जन्मदिन के चलते वह इस दिन को एकदम से यादगार बना देना चाहता था,,,, आराधना भी पूरी तैयारी के साथ घर से निकली थी आज वह गेस्ट हाउस के कमरे में अपने बेटे को चारों खाने चित कर देना चाहती थी उसे अपनी जवानी का जलवा दिखा कर उसे घुटने टेकने पर मजबूर कर देना चाहती थी इसलिए वह आसमानी रंग की ट्रांसपेरेंट साड़ी पहन कर आई थी जिसमें से उसका पूरा वजूद झलकता था और अपनी बड़ी बड़ी चूचियों को काबू में करने के लिए अपने बेटे के द्वारा खरीदी गई ब्रा पहन कर आई थी जो कि उसके पूरे आकार को अपने काबू में करके रखती थी और उस पर से भी वह ब्लाउज भी अपनी चूची से कम साइज का पहनी थी जिसका बटन लगाने के बावजूद भी खींचा हुआ लग रहा था और ऐसा महसूस हो रहा था कि अगर जोर जोर से सांस लेना शुरू कर दे तो आराधना के ब्लाउज का बटन अपने आप ही टूट जाए,,,, अपने बेटे की फरमाइश और उसकी ख्वाहिश का ख्याल रखते हुए वह अपनी चूत पर के बाल को वीट क्रीम से साफ कर कर आई थी और तो और उस पर हल्का सा परफ्यूम भी मार दी थी ताकि उसमें से खुशबू आ सके वैसे तो दुनिया का हर एक मर्द केंद्रीय सबसे ज्यादा मादक खुशबू वाला परफ्यूम औरत की दोनों टांगों के बीच की चूत से निकलता है और खुशबू को सुंघ कर ही दुनिया का हर एक मर्द अत्यधिक उत्तेजना और तरोताजा महसूस करता है,,,,,,,
,, और यह बात आराधना भी अच्छी तरह से जानती थी,,,, वह अच्छी तरह से जानती थी कि उसका बेटा उसकी चूत की खुशबू को बेहद पसंद करता है और उसे अपने अंदर महसूस करते ही पूरी तरह से उत्तेजित हो जाता है,, और एक बार उत्तेजित हो जाने के बाद तो उसे स्वर्ग का सुख देता है इसीलिए अपनी चूत पर परफ्यूम मारने की उसे जरूरत नहीं थी लेकिन फिर भी औपचारिक रूप से वह कुछ अलग करना चाहती थी इसलिए अपनी चूत को चिकनी करके उस पर परफ्यूम मार दी थी,,,।
अपने बेटे के साथ शारीरिक संबंध बनाने से पहले वह साड़ी के नीचे चड्डी नहीं पहनती थी चड्डी पहनने की जरूरत ही नहीं पड़ती थी ना कि अपने बेटे के साथ रिश्ता बना देने के बाद उसे इस बात का एहसास हुआ कि वाकई में मर्दों के द्वारा चड्डी उतारने में कितना आनंद और उत्तेजना का एहसास होता है और इसी एहसास के चलते वह साड़ी के अंदर चड्डी पहनने लगी थी और वह भी सिर्फ इसलिए कि उसका बेटा उसे अपने हाथों से उतारकर उसे नहीं कर सके और इसीलिए उसने अपनी बेटी के द्वारा दिलाई गई चड्डी पहन कर अपनी चूत की शोभा बढ़ा रही थी,,,,
url=
https://ibb.co/vYXWFcj]
[/ur
स्कूटी [l] रफ्तार में आगे बढ़ी चली जा रही थी अपनी मां के खूबसूरत देंह सए आ रही मादक खुशबू को अपने अंदर लेकर संजू पूरी तरह से मदहोश हुआ जा रहा था वैसे तो उसका लंड अपनी मां की उपस्थिति में ही खड़ा हो चुका था अगर उसका बस चलता तो सड़क पर ही स्कूटी रोक कर किसी कोने में ले जाकर अपनी मां की साड़ी उठाकर उसकी चूत में अपना लंड डालकर उसकी चुदाई करके शांत हो गया होता लेकिन वह अपनी उत्तेजना पर काबू करना अच्छी तरह से जानता था संयम का अभ्यास वह अच्छी तरह से कर चुका था इसीलिए तो आज इस मुकाम पर पहुंच चुका था कि इस उम्र में वह अपनी बहन अपनी मौसी के साथ-साथ अपनी मां की चुदाई कर रहा था और अपनी चचेरी बहन की सहेली को भी चोद चुका था वह दिन प्रतिदिन चुदाई के मामले में अपनी संभोग गाथा के झंडे गाड़ता चला जा रहा था,,,,, बातों के दौर को शुरू करता हुआ वह संजू बोला,,,।

मम्मी आज सच में मुझे बहुत अच्छा लग रहा है तुम स्कूटी पर मेरे पीछे बैठी हो लेकिन मुझे लगी नहीं रहे कि मेरे पीछे मेरी मम्मी बैठी है ऐसा लग रहा है कि मैं किसी जगह से एक खूबसूरत रंडी को अपनी स्कूटी पर बैठाकर गेस्ट हाउस की तरफ ले जा रहा हूं और वह भी उसे चोदने के लिए,,,।
(अपने बेटे की इस बात को उसके एहसास को सुनकर आया देना पूरी तरह से उत्तेजना से गदगद हुए जा रही थी वह मंद मंद मुस्कुरा रही थी और मुस्कुराते हुए बोली)
सच संजू मुझे भी ऐसा ही लग रहा है कि जैसे मैं तेरे साथ नहीं बल्कि अपने किसी कस्टमर के साथ बैठकर उसके साथ गेस्ट हाउस जा रही हूं जहां पर उसके सामने अपने सारे कपड़े उतार कर अपनी चूत उसके आगे परोस दूंगी और वह उसकी मर्जी के अनुसार मेरी चूत के साथ मेरे खूबसूरत दिल के साथ जो करना ही करेगा,,,,,
हाय तुम तो सच में एकदम रंडी का एहसास दिला रही हो,,,

क्या तू भी तेरे बाप की तरह रंडी को गेस्ट हाउस लेकर गया है क्या,,,?
नहीं मम्मी,,,, इस तरह की हरकत करने की कभी मेरी हिम्मत ही नहीं हुई,,,, लेकिन जब से पापा को किसी औरत के साथ गेस्ट हाउस में देखा था था तब से ना जाने क्यों मेरे तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी थी मुझे भी ना जाने क्यों किसी औरत को चोदने का मन करता था पापा की ही तरह किसी औरत को किसी लड़की को गेस्ट हाउस में ले जाने का मन करता था लेकिन ऐसा कुछ हो ही नहीं पाया क्योंकि पैसे भी नहीं थे,,,, और जब पैसे आ गए तो मुझे उसकी जरूरत ही नहीं पड़ी क्योंकि तुम मिल चुकी थी,,,,
(अपने बेटे की यह बात सुनते ही आराधना की आंखों के सामने उसकी बड़ी बहन वाला दृश्य याद आने लगा जब वहां कमरे से बाहर बाथरूम की दीवार को पकड़े अपनी गांड पीछे की तरफ हवा में उठाए हुए संजू से चुदवा रही थी आराधना यह बात अच्छी तरह से जानती थी कि संजू के जिंदगी में उसके आने से पहले ही उसकी बड़ी बहन आ चुकी थी,,,, वह अपनी बड़ी बहन का जिक्र छेड़ना चाहती थी लेकिन वह मजे को किरकिरा नहीं करना चाहती थी इसलिए वह किसी भी तरह से अपने बेटे का मूड खराब नहीं करना चाहती थी इसलिए वह अपनी बड़ी बहन का जिक्र नहीं की,,,, और अपने बेटे की बात सुनकर वह बोली,,)

अच्छा ही हुआ कि मैं तेरी जिंदगी में आ गई तू मेरी जवानी का रस पीने लगा वरना अगर किसी और औरत के चक्कर में पड़ जाता तो शायद तू भी तेरे बाप की तरह निकल जाता और जो सुख मुझे इस समय मिल रहा है मैं उससे भी वंचित रह जाती,,,,
नहीं मम्मी ऐसा कभी नहीं हो सकता तुम्हारी जैसी खूबसूरत औरत तो मैंने आज तक नहीं देखा और सच बताऊं तो तुम्हें चोदने का मजा ही कुछ और है मुझे नहीं लगता कि किसी लड़की को चोदने में भी इतना ज्यादा मजा आएगा जितना कि मुझे तुम्हें चोदने में आता है क्योंकि उम्र के इस दौर में भी तुम्हारी चूत एकदम कसी हुई है मानो कि अभी-अभी चुदवाना शुरू की हो,,,,,,
(अपने बेटे की बात सुनकर खास करके उसके मुंह से अपनी जवानी की तारीफ और तकलीफ में भी अपनी चूत की तारीफ सुनकर वह पूरी तरह से मदहोश और गदगद हुए जा रही थी उसे अपने बेटे पर बहुत प्यार आ रहा था इस बात का एहसास भी उसे अच्छी तरह से था कि वह उम्र के किस दौर पर है और ऐसे दौर में एक जवान लड़का उसका इस कदर दीवाना हो चुका है इस बात का एहसास उसे और भी ज्यादा जवानी का जोश भर देता था उसे और भी ज्यादा जवान कर देता था,,,,,)

मतलब कि तुझे कसी हुई चूत अच्छी लगती है,,,,
हां इसमें कोई शक नहीं है कितना मजा आता है जब तुम्हारी कश्मीरी चूत में मेरा लंड जाता है तो ऐसा लगता है कि तुम्हारी चूत ने अपने गुलाबी होठों के बीच मेरे लंड को दबा कर रखा हुआ है और तो और तुम्हारी चूत भी कितनी मस्त फूली हुई होती है एकदम कचोरी की तरह,,,, सच कहूं तो मम्मी मुझे पहले झूठ के आकार के बारे में उसके भूगोल के बारे में कुछ भी पता नहीं था जिंदगी में पहली बार तुम्हारी चूत देखकर मैं सोचकर भूगोल को अच्छी तरह से समझ पाया हूं,,,,,
पहली बार जब देखा था तो तुझे कैसा लगा था,,,
पूछो मत मम्मी मन तो कर रहा था कि खुद ही उसमें घुस जाऊं चूत की खूबसूरती तो दुनिया की किसी भी चीज की खूबसूरती के मुकाबले बेहद अतुलनीय है जिसकी तुलना किसी भी खूबसूरती से करना मुश्किल है और यह सच ही है मर्दों को दुनिया में सबसे ज्यादा खूबसूरत और प्रिय औरत की चूत ही लगती है,,,,, और तुम्हें क्या पसंद है,,,,।
(खुली सड़क पर दोपहर के समय यातायात कम ही चल रहे थे और ठंडी हवा बह रही थी हालांकि धूप ज्यादा थी लेकिन ठंडी हवा में धूप का एहसास नहीं हो रहा था देखते ही देखते संजू की स्कूटी कुछ ज्यादा ही दूर पहुंच चुकी थी और जानबूझकर संजू अपनी मां को स्कूटी पर बैठाकर शहर से दूर ले जा रहा था ताकि वहां पर कोई उसे पहचान ना सके संजू बड़े आराम से स्कूटी चला रहा था,,,, वैसे उसे जल्दी भी थी लेकिन कहीं और पहुंचने की अपने बेटे की बात सुनकर आराधना शरमा गई क्योंकि वह जानती थी कि उसे क्या कहना है आप उसे अपने बेटे के सामने शर्म महसूस होती नहीं थी लेकिन फिर भी औपचारिक रूप से वह एक औरत थी और संजू उसका बेटा होने के बावजूद भी एक मर्द था और उसके सामने इस तरह की बात करने में थोड़ा बहुत झिझक तो होती ही थी लेकिन इस समय वह जिस कार्य को करने के लिए उसकी स्कूटी के पीछे बैठी थी उस चरित्र में उसे बेशर्म बनना लाजमी था इसलिए वह अपने बेटे की सवाल का जवाब देते हुए बोली ,,,।)

तुझे हम औरतों का जो चीज पसंद है वैसे मुझे भी जैसा कि सभी औरतों को मर्दों का पसंद होता है मुझे भी तेरा लंड पसंद है सच में जब तक मैंने तेरे लंड को अपनी आंखों से देखी नहीं थी तब तक मैं तेरे पापा के लंड के हीं आकार की कल्पना क्या करती थी मुझे ऐसा ही लगता था कि दुनिया में सभी मर्दों का लंड तेरे पापा की तरह ही होगा लेकिन मेरा अनुमान मेरी धारणा मेरा सोचना सब कुछ गलत साबित हुआ जब मैं पहली बार तेरे लंड को अपनी आंखों से देखी,,, मेरे तो होश ही उड़ गए थे मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा था कि किसी का लंड ईतना मोटा लंबा और तगड़ा हो सकता है,,,,, और तेरी लंड को अपनी चूत में लेकर मैं तो पूरी तरह से निहाल हो गई थी,,,,,
सच मम्मी तुम्हें मेरा लंड बहुत अच्छा लगा था,,,
क्यों अच्छा नहीं लगेगा एक औरत को क्या चाहिए पेट की भूख के साथ-साथ टंकी भी भूख होती है उसे मिटाने के लिए एक साथी की जरूरत पड़ती है एक मर्द की जरूरत पड़ती है अभी तक तेरे पापा के साथ रहकर मुझे यही लग रहा था कि मैं एक आदमी के साथ में लेकिन तेरे से मिलने के बाद मुझे पता चला कि असली मर्द क्या होता है तेरे लंड को अपनी चूत में लेकर मुझे एहसास हुआ कि असली चुदाई क्या होती है जो कि तेरे ही द्वारा मुझे प्राप्त हो रही है,,,,

हाय मम्मी तुम्हारी यह बातें तो मुझे पागल कर देंगे मुझे इस बात की खुशी हुई कि मेरा साथ पाकर तुम भी खुश हो और इसी खुशी को दुगुनी करने के लिए ही मैं तुम्हें गेस्ट हाउस लेकर जा रहा हूं,,,,।
(दोनों मां बेटों के बीच हो रही गरमा-गरम वार्तालाप के चलते संजू के लंड के साथ-साथ आराधना की चूत भी गीली हो चुकी थी,,, वैसे भी जिस राह पर दोनों मां-बेटे चल रहे थे उस राह पर एक दूसरे के अंगों में कठोरपन आना लाजमी था,,,,)
हम लोग काफी दूर आ चुके हैं संजु,,,(सड़क के दोनों ओर नजर घुमाते हुए आराधना को दी तो संजू भी बोला)
जिस काम को करने जा रहे हैं उस काम के लिए हमेशा हर से बाहर ही आना जरूरी है क्योंकि यहां कोई पहचानने वाला नहीं है और शहर के अंदर अगर कोई हमें गेस्ट हाउस में जाते हुए देख लेगा तो गजब हो जाएगा,,
तू सच कह रहा है संजू वैसे भी अब तू औरतों के मामले में बहुत ज्यादा चलाक होता जा रहा है औरतों को किस तरह से संभालना है तुझे अच्छी तरह से आता है,,,,
कोई काम में माहिर हो चाहे ना हो लेकिन औरतों के मामले में मर्दों को हमेशा चालाक होना चाहिए वरना उसके हाथ से निकलकर औरत किसी और के हाथ में जाने में देर नहीं लगाती,,,,
यह बात तो तु सच कह रहा है,,,,,,।
(अपनी मां की बात सुनते ही संजू हाईवे के सड़क के किनारे से अपनी स्कूटी को दूसरी और संभाल कर लेते हुए जाने लगा तो आराधना बोली,,,)
आ गया क्या गेस्ट हाउस,,,,
गेस्ट हाउस को बाद में चलेंगे उससे पहले मैं तुम्हें फिल्म दिखाने ले चलता हूं,,,,(और इतना कहने के साथ ही संजू अपनी स्कूटी को एक बड़े से थिएटर के अंदर ले जाने लगा बरसों बाद आराधना आज किसी थिएटर में आई थी इसलिए वह बहुत खुश नजर आ रही थी थिएटर को पार्किंग मैं खड़ी करके संजू आराधना को एक पेड़ के नीचे खड़ा करके टिकट लेने लगा और जल्द ही वह दो टिकट लेकर आ गया और उत्सुकता बस आराधना बोली,,,)
क्या संजू तू मुझे थिएटर लेकर आ गया,,,
तो क्या मम्मी तुम्हें मैं आज फिल्म दिखाने ले कर आया हूं उसके बाद हम दोनों गेस्ट हाउस चलेंगे,,,,
लेकिन फिल्म कौन सी है,,,,
अरे बहुत अच्छी मूवी है चलो तो सही अंदर पता चलेगा,,,,
(इतना कहकर संजू अपनी मां का हाथ पकड़े हुए उसे थिएटर के अंदर ले जाने लगा ,,,, टिकट चेकर से टिकट चेक करा कर वह एक कोने की सीट पर जाकर बैठ गया,,,, थिएटर में भीड़ बहुत कम थी और यही तो संजू चाहता भी था,,,,