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Incest मजबूरी या जरूरत

rohnny4545

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संजू अपनी मां का हाथ पकड़कर गेस्ट हाउस के कर्मचारी की आंखों के सामने ही निडर होकर उसे गेस्ट हाउस के कमरे में ले जाने लगा,,,, आराधना उस अनजान लड़के की नजर और उसकी बातों को सुनकर और साथ ही गेस्ट हाउस के काउंटर वाले कर्मचारी की निगाहों को देखकर बुरी तरह सहम गई थी,,, उसे देखकर दूसरे लोग क्या सोचते हैं उसके बारे में आज जाकर उसे पता चला था कि उसके बारे में लोग कितनी गलत सोच रखते हैं औरत के मन में क्या चलता है यह सब जाने बिना दुनिया का हर एक मर्द शायद यही सोचता है जैसा कि वह अनजान लड़का और वह कर्मचारी की प्यासी आंखों में झलक रहा था उस अनजान लड़के की बात सुन कर तो आराधना एकदम घबरा सी गई थी क्योंकि वह लड़का किसी भी सूरत में किसी भी कीमत पर उसे बिस्तर पर ले जाना चाहता था,,,, जिसके लिए आराधना बिल्कुल भी तैयार नहीं थी अगर कोई और जगह होती तो शायद आराधना उसके गाल पर थप्पड़ रसीद कर दी होती लेकिन जिस जगह पर वह खड़ी थी उस जगह पर संस्कारी औरतों का लड़कियों का कोई काम नहीं था यहां पर वही औरतें आती थी जो जिस्म का सौदा करती थी जो पैसे लेकर दूसरे मर्दों की प्यास बुझा दी थी और ऐसी आराधना बिल्कुल भी नहीं थी वह तो एक अलग अनुभव के लिए अपने बेटे के साथ धंधे वाली बनकर इस गेस्ट हाउस में आई थी जो कि अभी तक का सफर बिल्कुल एक धंधे वाली औरत की तरह ही लग रहा था क्योंकि सभी लोगों से एक धंधे वाली औरत समझ रहे थे और,,,, गेस्ट हाउस के कर्मचारी ने तो धंधे वाली औरत के रूप में ही उसकी तारीफ के पुल बांध दिया था,,, उसके मुंह से यह सुनकर कि आज तक ऐसी खूबसूरत औरत नहीं देखा इस बात को सुनकर आराधना को अंदर ही अंदर गर्व महसूस हो रहा था और ना जाने क्यों उसे ऐसा आभास हो रहा था कि अगर वहां वाकई में इस धंधे में होती तो वह दूसरी औरतों से ज्यादा पैसे कमाते इस बात का ख्याल उसके मन में आते ही उसके तन बदन में एक अजीब सी ऊर्जा पैदा होने लगी,,,,



पल भर में ही संजू अपनी मां को लेकर कर्मचारी के बताए अनुसार कमरे के बाहर आकर खड़ा हो गया था और चाबी से कमरे का लॉक खोल रहा था और आराधना वहीं खड़े होकर इधर-उधर देखते हुए थिरक रही थी उसकी गांड की थिरकन चाल बेहद मदहोश कर देने वाली थी,,, देखने वालों के होश उड़ा देती थी आराधना इस समय तो खुद संजू भी अपनी मां के रूप लावण्य को देखकर पूरी तरह से मदहोश हो चुका था वह अपने मन में ही सोच रहा था कि अगर वह अपनी मां की चुदाई ना किया होता अगर वह कोई गैर औरत होती तो सच में उसे किसी भी कीमत में चोदने के लिए तैयार हो जाता,,,,,,,, पल भर में ही कमरे का दरवाजा खुल गया और संजू मुस्कुराता हुआ अपनी मां का हाथ पकड़े हुए उसे कमरे के अंदर लेकर दाखिल हो गया,,,,, कमरे के दरवाजे को बंद करते ही आराधना की खुशी का ठिकाना ना था और उसके तन बदन में तेज ना की लहर दौड़ रही थी और पहली बार किसी गेस्ट हाउस के कमरे में आई थी जो कि बेहद सजा धजा हुआ था शायद संजु ने उसे महंगे गेस्ट हाउस में लेकर आया था,,,, आराधना चारों तरफ घूम घूम कर उस कमरे को देख रही थी,,,, हर चीज जो की सजावट के लिए कमरे में रखी हुई थी वह अपनी जगह पर बरकरार और अच्छे तरीके से रखी हुई थी कमरे की सफाई देखकर आराधना हैरान थी कमरे के बीचो बीच डबल साइज का बेड लगा हुआ था जिस पर नरम नरम गद्दे के साथ बेहद खूबसूरत फूल वाला चादर बिछी हुई थी,,,, और शायद गेस्ट हाउस के मालिक ने बेड पर फूलों वाली चादर को जानबूझकर बिछाया हुआ था क्योंकि मर्द फूल जैसी नाजुक औरत को और लड़कियों को इसी बिस्तर पर लाकर रौंद कर उनका रस चूस लेते हैं,,,,, आराधना के चेहरे पर प्रसन्नता के भाव नजर आ रहे थे क्योंकि यहां तक पहुंचते हुए उसे किसी ने देखा नहीं था और गेस्ट हाउस में प्रवेश करते समय भी कोई जान पहचान का इंसान उन दोनों को देखा नहीं था इसलिए वह निश्चिंत होकर अपनी भारी-भरकम गोल-गोल गांड को धम्म से नरम नरम गद्दे पर रखते हुए पेट के बल एकदम से लेट गई और अपने पैर को घुटनों से मोड़ ली और ऐसा करने पर तुरंत उसकी साली उसके घुटनों से होती हुई उसकी जांघों तक पहुंच गई और कमर के नीचे का हिस्सा पूरी तरह से पर्दा विहीन हो गया और उसकी नंगी गोरी गोरी टांग मतलबी जैसी मोटी चीकनी जांगे नजर आने लगी जिस पर नजर पड़ते ही संजू का लंड एकदम से खड़ा हो गया और वह अपनी मां के करीब जाकर उसके पास में बैठते हुए और उसकी मोटी मोटी जांघों पर अपना हाथ घुमाते हुए बोला,,,,।

हाय मेरी रानी तू तो एकदम रंडी की तरह जलवा दिखा रही है,,,,


मेरे राजा तुझे खुश करने का जिम्मा जो मैंने अपने सर पर ले लिया है,,,,,,,,


है मेरी रानी गेस्ट हाउस में आते एकदम रंडी बन गई,,,,(इतना कहने के साथ ही संजू अपनी मां के ऊपर लेट गया और उसकी खूबसूरत मदहोश कर देने वाली काली काली आंखों में देखते हुए बोला,,,)

कसम से रानी आज तुझे इतना मजा दूंगा,,, तुझे ऐसी लाजवाब छिनार बनाकर चोदूंगा कि तू जिंदगी भर आज की चुदाई को याद रखेगी,,,,


देखना कहीं तेरा लंड ढीला ना पड़ जाए मेरी चूत एकदम कसी हुई है तेरे लंड को अपने अंदर लेकर उसका सारा रस निकाल लेगी,,,,


यह तो मुझे मालूम है रंडी कि तू एक नंबर की छीनार है और तेरी चूत एक नंबर की है लेकिन मेरा लंड तेरी चूत में जाते ही तेरी चूत का कचुंबर बना देगा,,,,।
(इतना सुनकर आराधना मुस्कुराने लगी और मुस्कुराते हुए बोली)

यह तो वक्त ही बताएगा मेरे राजा किसमें कितना दम है,,,,


मेरा दम देखेगी रंडी,,,,

हां रे मादरचोद,,,,, मैं भी देखना चाहती हूं कि तेरे में कितना दम है,,,,,


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हाय एकदम छीनार की तरह बोलती है रे तू,,,,

बोलूंगी ही ना मुझे तुने यहां रंडी बनाकर जो लाया है,,,


बात तो तूने सही कहीं देखी नहीं नीचे वह लड़का किस तरह पगलाया था तुझे चोदने के लिए,,,, अगर मैं ना होता तो शायद वहीं पर वह तुझे पटक कर चोद दिया होता,,,,


सच कह रहा है तू वह लड़का तो मेरे पीछे ही पड़ गया था,,,


अरे वह लड़का क्या गेस्ट हाउस के सारे कर्मचारी देखी नहीं आंख फाड़े तुम्हें ही देख रहे थे सच कह रहा हूं मम्मी सब लोगों का लंड तुम्हें देख कर खड़ा हो गया था सब लोग तुम्हारी चूत मारने के लिए तैयार थे और देखना सब के सब तुम्हारे बारे में सोच कर अपना लंड हीलाकर पानी निकाल लेंगे,,,, सच में तुम बहुत खूबसूरत लगती हो,,,,


चल रहने दे अब तो मुझे ऐसा लगता है कि अकेले कहीं चले जाओ तो अपनी इज्जत बचा पाना मुश्किल हो जाएगा,,,,


हां यह तो सच कह रही हो मौका मिलते ही तुम्हारी साड़ी उठाकर कोई भी तुम्हारी चूत में लंड डाल देगा,,,,


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धत्,,,, मुझे सिर्फ तेरा चाहिए और किसी का नहीं,,,,,
(और इतना कहने के साथ ही आराधना खुद अपने होंठ आगे बढ़ा कर अपने बेटे के होंठ पर रख दी और मौके की नजाकत को समझते हुए संजू अपनी मां के लाल लाल होठों को अपने होंठों के बीच रखकर उसके मधुर रस को चूसना शुरू कर दिया,,,,, नरम नरम गद्दे में आराधना को अपना बदन एकदम आरामदायक लग रहा था,,, और उसे अपने बेटे का लैंड अपनी दोनों टांगों के बीच चूत पर ठोकर मारता हुआ साफ महसूस हो रहा था इसीलिए तो अपने बेटे की दीवानी हो चुकी थी क्योंकि कैसे भी हालात में वह अपने लंड का स्पर्श उसकी चूत पर करा ही देता था पहले चाहे साड़ी और पेटीकोट और पेंटी के पर्दे में क्यों ना छुपी हो,,,, संजू को भी अपनी मां की चूत की गर्मी अपने लंड पर साफ महसूस हो रही थी संजू हल्के हल्के अपनी कमर हिलाता हुआ यूं ही अपनी मां को चोदने का आनंद ले रहा था और उसके लाल-लाल होठों का रसपान कर रहा था साथ ही अपना एक हाथ अपनी मां के ब्लाउज पर रखकर उसके भारी-भरकम चूचियों को ऊपर से ही दबा रहा था यह सब आराधना के होश उड़ा रहे थे,,,, उसकी चूत कामुक हरकतों से और लंड की ठोकर को अपने ऊपर महसूस करके मदन रस टपका रही थी,,,,, गेस्ट हाउस में गेस्ट हाउस के कमरे के अंदर नरम नरम गद्दे दार बिस्तर पर आराधना अपने बेटे को ऊपर लेकर उसकी कामुक हरकतों का मजा ले रही थी,,, संजू पूरी तरह से पागल हुआ जा रहा था गेस्ट हाउस में अपनी मां को लाकर वह रंडी की तरह चोदना चाहता था वहां एक अद्भुत अनुभव लेना चाहता था कि कैसे लोग पैसे देकर औरत को गेस्ट हाउस में ले जाकर उसके साथ मजाक करते हैं यह काम संजू घर पर भी रहकर अपनी मां की चुदाई कर सकता था आनंद ले सकता था लेकिन गेस्ट हाउस का मजा ही कुछ और था,,,,,।

आराधना और संजू दोनों मां बेटी के बदन में उत्तेजना की लहर कुछ ज्यादा ही असर दिखा रही थी संजू उत्तेजित बताओ अपने मां के ब्लाउज का बटन खोलने लगा था कि तभी उसे रोकते हुए आराधना बोली,,,।



रुक जा थोड़ा सब्र कर वैसे भी तुम्हें अर्धे या 1 घंटे के लिए नहीं बल्कि 4 घंटे के लिए कमरा बुक कराया है मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि तो 4 घंटे के लिए कमरा क्यों बुक करा दिया आधे घंटे में या 1 घंटे में सीताराम दोनों का काम हो सकता था,,,,


क्या मम्मी तुम भी जिंदगी में पहली बार गेस्ट हाउस का मजा लेने आई हो और इतने कम समय के लिए यह भला कैसे हो सकता है मैं आज तुम्हें जन्नत का मज़ा देना चाहता हूं रंडी बनाकर तुम्हारी चूत को रगड़ रगड़ कर चोदना चाहता हूं हर एक आसन आजमाना चाहता हूं जिसके लिए 4 घंटे पर्याप्त हैं एक घंटा नहीं,,,,,
(अपने बेटे की बात सुनकर आराधना शर्मा गई उसके गाल सुर्ख लाल हो गए और वह शर्मा कर मुस्कुराते हुए बोली)

चल बड़ा आया 4 घंटे तक चोदने वाला,,,,(इतना कहकर वह संजू को अपने ऊपर से हटाने लगी और बेड पर से नीचे उतरने लगी तो संजू बोला)

क्या हुआ,,,?

अरे मुतने जा रही हुं कबसे बड़ी जोरों की लगी हुई है,,,,
(इतना कहते हुए वह बेड पर से नीचे उतर गई जिससे उसकी कमर तक उठी हुई साड़ी अपने आप आएंगे उसके कदमों पर आ गिरी जिससे एक बेहद खूबसूरत नजारे पर पड़ता पड़ गया बेड के ठीक सामने ही बाथरूम का दरवाजा था जिसके पास जाकर बाहर बाथरूम का दरवाजा खोलने से पहले बाथरूम के हत्थे को पकड़कर अपनी नजर पीछे की तरफ घुमा कर अपने बेटे की तरफ देख कर मुस्कुराने लगी,,,, यह देखकर संजू से रहा नहीं गया और वह बोला,,)

दरवाजा खुला रखना,,,


क्यों,,,?

मैं तुम्हें पेशाब करते हुए देखना चाहता हूं,,,,।
(अपने बेटे की बातें सुनकर आराधना अपनी नजरों को गोल-गोल घुमा कर अपने बेटे की तरफ आश्चर्य से देखने लगी आराधना को इस बात का एहसास हो चुका था कि दुनिया के हर एक मर्द औरत को चाहे जितनी बार नंगी देख ले या उनकी चुदाई करके तृप्त हो जाए लेकिन उनकी हर एक अदा का मर्दो पर एक गहरा प्रभाव पड़ता है वह हर एक रुप में औरत को देखना चाहते हैं और शायद इसीलिए उसका बेटा भी इस समय उसे पेशाब करते हुए देखने की ख्वाहिश रख रहा था,,,, आज हुआ है जिस तरह की अदाकारी निभाने के लिए गेस्ट हाउस में आई थी उसे देखते हुए अपने बेटे की ख्वाहिश को नजरअंदाज कर पाना उसके लिए मुश्किल था क्योंकि आज वह एक रंडी बन कर उसके साथ आई थी और इस समय उसका काम नहीं था कि वह अपनी ग्राहक को पूरी खुशी दे उसे पूरी तरह से तृप्त कर दे और इसीलिए वह मुस्कुराते हुए बाथरूम का दरवाजा खोला और अंदर प्रवेश कर गई लेकिन दरवाजे को बंद नहीं कि वह पूरी तरह से दरवाजे को खोल दी,,,,, बाथरूम में प्रवेश करते ही उसके होश उड़ गए इतना खूबसूरत बाथरूम उसने आज तक नहीं देखी थी पूरे बाथरूम में टाइल्स लगी हुई थी और वह भी एकदम चमकती हुई जिसमें उसका खुद का अक्स नजर आ रहा था और बाथरूम के अंदर इंग्लिश टॉयलेट था जिसका उसने आज तक उपयोग नहीं की थी,,,,
कुछ देर तक वह इंग्लिश टॉयलेट को ही देखते रह गई,,,, देखकर संजू बिस्तर पर बैठा बैठा ही बोला,,,।


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क्या हुआ रानी पेशाब नहीं करोगी क्या पेशाब कहीं अटक गई हो तो बोलो लंड डालकर रास्ता साफ कर दूं ं,,,
(अपने बेटे की बातें सुनकर पीछे की तरफ देखते हुए बोली)

चल रहने दे इसके लिए तेरी जरूरत नहीं है,,,

तो करो ना मेरी जान मुझे भी कुछ दिखाओ मैं भी देखना चाहता हूं कि तुम्हारी गुलाबी छेद से पेशाब की धार कैसे फुटती है,,,,,,,
(अपने बेटे की मद भरी बातें सुनकर आराधना के तन बदन में सिहरन सी दौड़ रही थी उसे ऐसा महसूस हो रहा था कि बिस्तर पर बैठा हुआ लड़का उसका बेटा नहीं बल्कि कोई अनजान मर्द है और वह वाकई में धंधे वाली औरत है जिसके साथ वह इस तरह की गंदी बातें कर रहा है और इस समय उसकी यह बातें बेहद लुभावनी और मदहोश कर देने वाली लग रही थी,,,, अपने बेटे की बात का जवाब दिए बिना ही वह अपने क्रियाकलाप को आगे बढ़ाने में जुट गई अब तक वह अपने बेटे की संगत में बहुत ज्यादा खुल चुकी थी,,, इसलिए अपने बेटे के सामने एकदम रंडी पन पर उधर आने में उसे कोई झिझक नहीं हो रही थी बल्कि उसे तो किस तरह की हरकत करने में अजीब सा सुख प्राप्त हो रहा था एक अद्भुत सुख जिसके बारे में उसने कभी कल्पना भी नहीं की थी कल्पना से परे वह आज अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए ही गेस्ट हाउस में आई थी,,,,, अपने बेटे की बात को सुनकर सिर्फ हुआ इतना ही बोली,,,)

देखा नहीं है क्या पहले,,,,,

देखा तो बहुत बार हूं लेकिन हर एक बार कुछ नया सा लगता है जिससे पूरे बदन में सनसनी फैल जाती है,,,।

(आराधना अपने बेटे की बात सुनकर मुस्कुराने लगी और वह दीवार की तरफ मुंह करके खड़ी हो गई बाथरूम का दरवाजा पूरी तरह से खुला हुआ था ताकि उसका बेटा उसके हर एक नजारे को अपनी आंखों से एकदम साफ साफ देख सकें,,,,, अपनी मां की क्रियाकलाप को देखने के लिए संजू पूरी तरह से तैयार हो चुका था,,, आराधना अपने बेटे के सामने अद्भुत दृश्य पेश करने जा रही थी,,,,, आराधना को बड़े जोरों की पेशाब लगी हुई थी लेकिन वह अपने बेटे को अपनी तरफ से पूरी तरह से आकर्षित करते हुए एक रंडी पन दिखाने का पूरा क्रियाकलाप करने जा रही थी,,,, देखते ही देखते आराधना अपनी साड़ी को दोनों तरफ से पकड़ ली थी और उसे उंगलियों के सहारे से ऊपर की तरफ उठाना शुरू कर दी थी बाथरूम में भी ट्यूब लाइट जल रही थी जिसकी रोशनी में सब कुछ साफ नजर आ रहा था,,,, वैसे तो दोपहर का ही समय था लेकिन फिर भी बाथरूम के अंदर अंधेरा ही होता है लेकिन ट्यूबलाइट की दूधिया रोशनी में सब कुछ पर्दे पर चल रही फिल्म की तरह नजर आ रहा था देखते ही देखते आराधना अपनी साड़ी को ऊपर की तरफ उठाने लगी और पैरों से आराधना के नंगे पन का सफर शुरू हो गया और यह देखने के लिए उसका बेटा पूरी तरह से आंखें फाड़े बेड पर पैर नीचे लटकाए बैठ गया,,,,,,,

धीरे-धीरे आराधना मंजिल के करीब पहुंचने के लिए इस सफर को थोड़ा सा लंबा कर रही थी वह चाहती तो एक झटके से ही अपनी साड़ी कमर तक उठाकर अपनी नंगी गांड के दर्शन अपने बेटे को करा सकती थी लेकिन इस तरह से अपने बेटे को मंजिल तक ले जाने में मजा नहीं आ रहा था वैसे भी मंडी से ज्यादा आनंद सफर देता है और इसी के नक्शे कदम पर चलते हुए आराधना धीरे-धीरे अपनी साड़ी को उठाते हुए अपने घुटनों से पिला दी थी जिससे उसकी गोरी गोरी नंगी मांसल पींडलिया साफ नजर आ रही थी,,,, संजू को अपनी मां की गोरी गोरी पिंडलिया भी बेहद आकर्षित करती थी संजू तो बेहद खुशनसीब का जो कि अपनी मां की चूत तक आराम से पहुंच चुका था लेकिन जिसे अगर आराधना की चूत नसीब ना हो अगर उसे उसकी गोरी गोरी मांसल पिंडलिया भी मिल जाए तो वह उसी पर ही अपना लंड रगड़ रगड़ कर पानी निकाल दे,,,,,


धीरे-धीरे साड़ी ऊपर की तरफ उठा रही थी और वैसे वैसे संजू की हालत खराब हो रही थी देखते ही देखते आराधना अपनी साड़ी को अपनी मोटी चिकनी जांघों तक ला दी,,, अपनी मां को जी भर कर भाग चुका संजू भी इस मनमोहक दृश्य को देखकर बेहद उत्तेजना का अनुभव कर रहा था,,,,, मोटी मोटी चिकनी जांघें के लेके मोटे तने की समान दिखाई दे रही थी,,,,, एकदम मांसल जिस पर जीभ फिराने का मन करें,,, और वह भी एकदम मक्खन जैसा चिकना बदन आखिरकार ऐसा कौन होगा जो ऐसी खूबसूरती पर ना मर मिट जाए,,,, देखते ही देखते साड़ी दोनों नितंबों के ऊपरी छोर तक पहुंच गए जहां से उसकी लाल रंग की चड्डी साफ नजर आने लगी थी यह देखकर संजू का लंड एकदम कड़क हो गया,,,,,,, गोरे गोरे बदन पर लाल रंग की चड्डी उत्तेजना का केंद्र बिंदु बन जाता है और यह केंद्रबिंदु संजू की उत्तेजना का कारण बन रहा था वह पूरी तरह से अपने आप पर काबू करने की कोशिश कर रहा था लेकिन उसका मन और तन दोनों बेकाबू हुआ जा रहा था उसका मन कर रहा था किसी समय बाथरूम में घुस जाए और अपनी मां की चुदाई करना शुरू कर दें,,,,, लेकिन जल्दबाजी और जबरदस्ती करना बिल्कुल भी ठीक नहीं था क्योंकि वह तो गेस्ट हाउस में मजा लेने आया था उसके पास समय भी बेहद पर्याप्त था इसलिए वह निश्चिंत होकर पेंट के ऊपर सही अपने खड़े होते को दबाता हुआ अपनी मां की खूबसूरत दृश्य का आनंद लेता रहा और उसकी मां,,, धीरे-धीरे अपनी साड़ी को कमर तक उठा दी जिससे उसकी भारी-भरकम गोलाकार गांड लाल रंग की चड्डी में कैद नजर आने लगी गोरे गोरे गाल पर लाल रंग की चड्डी बेहद खूबसूरत लग रही थी,,,,, ऐसा लग रहा था कि दूधिया आसमान में नारंगी रंग का सूरज खिल गया हो,,,,,, जिसे देखकर संजू का दिल बागबान हो रहा था,,,,।



आराधना की मस्ती बढ़ती जा रही थी उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर उठ रही थी उसके अंग अंग में मीठी फुहार अपना असर दिखा रही थी,,, उसे भी मालूम था कि उसके बेटे की नजर उसकी गोलाकार गांड पर टिकी होगी जो कि इस समय चड्डी के अंदर केद थी,,,,,, आराधना भी पूरी तरह से मस्ती के सागर में डूबती चली जा रही थी अपने बेटे की आंखों के सामने अपने खूबसूरत बदन का इस तरह से नुमाइश करना उसे भी अच्छा लगने लगा था उसे बड़े जोरों की पेशाब लगी हुई थी लेकिन अपने बेटे को अपने हुस्न का जलवा दिखाने के चक्कर में वह अपने पेशाब की तीव्रता पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही थी लेकिन अब उसी से बर्दाश्त कर पाना मुश्किल हो जा रहा था तो वह अपनी कमर पर साड़ी को थोड़ा सा लपेट ते हुए अपनी लाल रंग की चड्डी को दोनों हाथों की उंगलियों में फंसा कर उसे नीचे की तरफ सरकाने लगी,,,,, यह देखकर संजू का दिल जोरों से धड़क रहा था एक खूबसूरत औरत को अपनी आंखों के सामने अपने कपड़े उतार कर अपने नंगे जिस्म की नुमाइश करते हुए देखने में जो आनंद जो मजा है वह शायद एक वही मर्द जान सकता है जिसकी आंखों के सामने कोई औरत इस तरह की प्रतिक्रिया क्रियाकलाप करें,,,, और इस समय किस्मत का धनी संजू ऐसे खूबसूरत नजारों को अपनी आंखों के सामने देख रहा था और वह भी उसकी आंख के सामने कोई गैर औरत नहीं थी बल्कि उसकी सगी मां थी जो कि बेहद खूबसूरत और हसीन थी,, कुछ ही पल में आराधना की गोलाकार गांड पर से उसका चड्डी नुमा पर्दा हटने वाला था,,, यह सोचकर ही दोनों मां-बेटे के बदन में उत्साह की लहर दौड़ उठ रही थी,,,,,

संजू की आंखों की पलकें झपकना भूल गई थी,,, वह एकटक बाथरूम के अंदर अपनी जवानी का जलवा बिखेर रही अपनी मां को ही देख रहा था ,,,,, आराधना धीरे-धीरे अपनी चड्डी को दोनों हाथों की उंगलियों से पकड़कर नीचे की तरफ सरकार ने लगी और लाल रंग की चड्डी तरबूज नुमा गांड से सरकते ही गोरा रंग उभार लिए हुए नजर आने लगा संजू से बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था उसकी आंखों के सामने गेस्ट हाउस के कमरे में उसकी मां अपने कपड़े उतार रही थी या देखकर उसका लंड पूरी तरह से टनटना कर खड़ा हो गया था,,,, लंड की नसें पूरी तरह से कड़क हो चुकी थी,,,,, और देखते ही देखते आराधना अपनी लाल रंग की चड्डी को अपनी गोल-गोल तरबूज जैसी गांड के नीचे तक उतार दी,,,,जिससे उसकी गोरी गोरी गांड उभार लिए हुए एकदम साफ नजर आने लगी,,,, और कुछ देर तक आराधना भी अपने बेटे की तड़प को और ज्यादा बढ़ाते हुए अपनी लाल रंग की चड्डी को अपने नितंबों के नीचे ले उभरे हुए स्तर पर लाकर खड़ी हो गई जिससे कमर और चड्डी के बीच का वह मदमस्त कर देने वाला नजारा उभरी हुई गांड एकदम साफ केंद्रित हो रही थी जिस पर संजू की नजर बराबर लगी हुई थी और कुछ नजारे को देखकर संजू से रहा नहीं गया और वह तुरंत अपने पेंट की चैन खोलकर अपने लंड को बाहर निकाल दिया जो की पूरी तरह से अपनी औकात में आकर खड़ा हो चुका था,,,,

आराधना बेहद उत्तेजना का अनुभव कर रही थी उसके बदन में मदहोशी शराब की तरह बह रही थी जिससे उसका पूरा वजूद महक रहा था अपने बेटे की आंखों के सामने अपनी चड्डी उतारने में किस तरह का सुख से महसूस हो रहा था उसे बयां कर पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन था आराधना अपने बेटे पर अपनी जवानी का जलवा बिखेर रही थी और अपनी अदाओं की छुरियां उसके दिल पर चला रही थी,,,,, आराधना उसी स्थिति में खड़ी होकर अपनी नजर को पीछे घुमा कर अपने बेटे की तरफ देखी और मुस्कुराने लगी यह देखकर संजू के तन बदन में आग लग गई और देखते ही देखते आराधना अपने बेटे की आंखों के सामने ही बैठ गई और अपनी भारी-भरकम गोल-गोल गांड को हवा में लहराते हुए अपनी गुलाबी छेद में से पेशाब की धारा छोड़ दी,,,,,

आराधना मुतना शुरू कर दी थी और उसकी चूत में से निकल रही पेशाब की धार के साथ सीटी की आवाज एकदम साफ संजू के कानों में पहुंचने लगी और उस आवाज को सुनकर संजू पूरी तरह से मदहोश हो गया उसका मन एकदम से अपनी मां की चूत की सीटी में खो गया और वह अपनी जगह पर खड़ा हो गया उससे बर्दाश्त कर पाना मुश्किल था आखिरकार विश्व सुंदरी मदहोश कर देने वाली जवानी से भरपूर एक औरत उसके सामने बैठकर के सामने करें और वैसे भी मर्दों की सबसे बड़ी ख्वाहिश ही होती है कि वह किसी खूबसूरत औरत को पेशाब करते हुए देख भरले लेकिन ऐसा नजारा देखने को कम ही मिल पाता है लेकिन संजू किस्मत का बड़ा तेज था जो कि अपनी आंखों के सामने इतना खूबसूरत दृश्य को देखकर उत्तेजना का अनुभव कर रहा था,,,,,, संजू से रहा नहीं गया और वह तुरंत चलते हुए बाथरूम में प्रवेश कर गया पीछे नजर घुमा कर आराधना अपने बेटे को ही देख रही थी उसका इस तरह से बाथरूम में आना उसके तन बदन में आग लगा रहा था उत्तेजना के परम शिखर पर विराजमान आराधना अपने बेटे की उपस्थिति को बाथरूम में महसूस करते ही पानी पानी हुई जा रही थी एक तरफ उसकी गुलाबी छेद से पेशाब की धार फूट रही थी तो दूसरे छेद से उसका काम रस टपक रहा था,,,, संजू अपनी मां के इस अदा का बिल्कुल भी सामना नहीं कर पा रहा था वह अपनी मां की इस कामुक अदा पर चारों खाने चित हो गया था वहां अपनी मां की मदमस्त कर देने वाली जवानी के आगे घुटने टेक दिया था,,, और तुरंत वहां अपनी लालच को रोक नहीं पाया और घुटने के बल बैठ गया और दोनों हाथों को आगे बढ़ा कर अपनी मां की मदमस्त कर देने वाली गोरी गोरी तरबूज जैसी गांड को दोनों हाथों में भर लिया और दबाते हुए उसे पेशाब करने में मदद करने लगा,,,,,, अपनी गोरी गोरी नंगी गांड पर अपने बेटे की हथेली का मजबूत स्पर्श पाते ही आराधना अपनी भावनाओं को बिल्कुल भी संभाल नहीं पाई और उसके मुख से गरमा गरम आह निकल गईंं,,,,।

अपनी मां की गोरी गोरी बड़ी बड़ी गांड को अपने दोनों हाथों में भरकर दबाते हुए संजू के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी थी उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें ,,,,, एक तरफ उसकी मां अपनी गुलाबी छेद से धार पर धार मार रही थी और दूसरी तरफ संजू उसकी मस्त गांड को मसल रहा था,,,,,

ओहहह मम्मी क्या मस्त गांड है तुम्हारी,,,, मन करता है ऐसे ही तुम्हारी गांड को दबाते दबाते मसलते मसलते पूरी उम्र गुजार दूं,,,,


सहहह आहहहह रे कमीने,,,,(लगातार पेशाब की धार मारते हुए) तेरा काम तो ऐसे ही चल जाएगा लेकिन मेरा क्या होगा जब तक मेरी चूत में तेरा जाएगा नहीं तब तक मुझे मजा नहीं आएगा,,,,

हाय मेरी रानी अपनी चूत के लिए मेरे लंड की तड़प देखकर मेरा मन तुझे चोदने को कर रहा है,,,,

तो क्या भोसड़ी वाले तू मुझे यहां गेस्ट हाउस में सिर्फ हाथ से हिलाने के लिए लाया है,,,,


मेरी भोसड़ा चोदी तेरी चूत में लंड डालकर तुझे चोदने के लिए लाया हूं मादरचोद,,,,, और जब तक तेरी चूत में लंड डालकर तेरा पानी ने निकाली तब तक मैं रुकने वाला नहीं हूं,,,,,


इतना भी बड़ा नहीं हो गया रे तू कि मेरी प्यास बुझा सके,,,, अभी भी तु बच्चा है,,,,,(आराधना की पेशाब की धार कमजोर पड़ रही थी अब रह रह कर उसकी गुलाबी छेद में से पेशाब की धार फूट रही थी,,,, और अपनी मां की गरमा गरम रंडी वाली बातें सुनकर संजू पूरी तरह से उत्तेजना से लाल हो गया था और तुरंत अपनी हथेली को अपनी मां की चूत पर रख कर उसे पूरी तरह से अपनी हथेली की आगोश में लेते हुए बोला,,,)

हरामजादी रंडी तुझे क्या मैं बच्चा दिख रहा हूं तुझे चोद कर तुझे बच्चा दे सकता हूं इतना दम है मेरे लंड में,,,,


बातों से नहीं मुझे तो तेरे लंड से ही विश्वास होगा कि तू सच कह रहा है,,,,,


यह बात है,,,,(इतना कहने के साथ ही अपनी मां की चूत की पेशाब में गीले हो चुके अपनी हथेली को अपनी मां की चूत से हटाते हुए अपनी मां की आंखों के सामने ही अपनी उंगलियों को मुंह में डालकर चाटते हुए,,,) तो आज तू मेरी मर्दानगी देखेगी आज देखना मैं तुझे कैसे रंडी की तरह चोदकर तेरी चूत का भोसड़ा बनाता हूं,,,,।

(अपने बेटे को अपने पेशाब में डूबी हुई उंगली को मुंह में डालकर चाटते हुए देख कर,, आराधना एकदम से सन्न रह गई थी आंखें फाडे अपने बेटे की हरकत को देखती रह गई थी अभी भी वह पेशाब करने की मुद्रा में बैठी हुई थी,,,, संजू पूरी तरह से उत्तेजना से भर गया था वह जल्द से जल्द,,,, अपनी मां की चूत में लंड डालकर उसे चोद देना चाहता था लेकिन उसे भी बड़े जोरों की पेशाब लगी हुई थी इसलिए वह तुरंत खड़ा हो गया और टॉयलेट पोट‌ के सामने खड़े होकर अपने खड़े लंड को पकड़ कर पेशाब करने लगा लेकिन लंड खड़ा होने की वजह से उसके पेशाब की धार टॉयलेट पोट की जगह उसके ऊपर की तरफ जा रही थी आराधना अभी भी उसी तरह से बैठी हुई थी अपने बेटे के लंड को देखकर उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर दोड़ने लगी,,,, वह तुरंत खड़े होते हुए बोली,,,।

रुक मैं तेरी मदद कर दुं,,,(और इतना कहने के साथ ही वह अपनी लाल रंग की चड्डी को वापस ऊपर चढ़ा दिया और साड़ी को नीचे गिरा दी और अपने बेटे के खड़े लंड को अपनी हथेली में दबोच ली अपने बेटे के लंड की गर्मी उसे अपनी हथेली में साफ महसूस हो रही थी और उस गर्मी की तपन को आराधना अपनी चूत पर महसूस कर रही थी वह अपने बेटे के लंड को कस के पकड़ लिया और उसे थोड़ा सा नीचे करते हुए उसकी धार को टॉयलेट पोट में गिराने लगी यह देखकर संजू के तन बदन में मदहोशी छाने लगी और वह उत्तेजित होता होगा ब्लाउज के ऊपर से ही अपनी मां की चूची को दबाना शुरू कर दिया,,,,, संजू इतना ज्यादा उत्तेजित हो चुका था कि वह अपनी मां की चूची को हथेली में लेकर दशहरी आम की तरह जोर जोर से दबा रहा था जिससे उसका रस पिचकारी मार दे रहा था और ब्लाउज का आगे वाला भाग हल्का गीला होने लगा था,,,,, हालांकि इस उमर में आराधना को दूध होना नामुमकिन था लेकिन फिर भी जिस तरह से वह दबा रहा था उसे से उसमें रीसाव हो रहा था,,,, यह देखकर संजू उत्तेजित अवस्था में बोला,,,

हाय मम्मी तेरे चूची में से तो अभी भी दूध निकल रहा है,,,

तो पी लेना रोका किसने है,,,,

चली पर बिस्तर पर चल मेरी रानी वही तेरी सारी गर्मी निकालूंगा,,,,


तो ले चल इंतजार किसका है,,,


बस पेशाब निकलने का एक बार कर लो उसके बाद देख क्या करता हूं,,,,

पेशाब करते हुए तेरा लंड और भी ज्यादा मोटा और लंबा लगता है,,,,(लंड को थोड़ा सा हिलाते हुए आराधना बोली)

मोटा तगड़ा लंड लेने में ही तो तुझे मजा आता है,,,,


वह तो आएगा ही ना मेरी चुत जो थोड़ी गहरी है तो उसमें मोटा लंड और लंबा लंड ही चाहिए,,,,


और ऐसा लंड सिर्फ मेरे पास है मेरी जान,,,,

सो तो है,,,,,
(आराधना अपने बेटे को पेशाब करते हुए बड़े गौर से देख रही थी उसका सारा ध्यान सिर्फ अपने बेटे के लंबे लंड पर केंद्रित था जिसमें से पेशाब की धार निकलते समय उसका लंड और भी ज्यादा तगड़ा और मोटा लग रहा था यह देखकर आराधना की चूत फुदक रही थी और तो और उसका मन पेशाब करते हुए,,, अपने बेटे के लंड को मुंह में लेना चाहती थी ताकि उसकी पेशाब की धार को अपने गले तक उतार सके लेकिन ऐसा करने में उसे घिन्न भी महसूस हो रही थी,,, लेकिन जिस तरह से उसके बेटे ने पेशाब लगी है अपनी उंगली को मुंह में लेकर चाटा था उसे देखकर आराधना के रोंगटे खड़े हो गए थे उसे समझ में नहीं आ रहा था कि उसके बेटे ने ऐसा कैसे कर दिया शायद ही उत्तेजना और मदहोशी का असर था जो कि शराब की बोतल के नशे से भी कहीं ज्यादा नशीला था,,,,, आराधना अपने बेटे के लंड को मुट्ठी में लेकर दबा रही थी ताकि वह अपने बेटे के लंड से पकने वाली आखरी बूंद को भी उस में से निकाल सके ताकि चोदते समय उसे पेशाब ना लगे और वह जमकर उसकी चूत की सेवा कर सके,,,,,)

अब हो गया,,,,,
(और इतना कहने के साथ ही अपने लंड को पेंट में वापस डाले बिना ही वह आगे बढ़ा और फुर्ती दिखाते हुए तुरंत अपनी मां को अपनी गोद में उठा लिया,,,)

अरे अरे यह क्या कर रहा है रहने दे मैं गिर जाऊंगी,,,

अरे मेरी रानी मैंने आज तक गिरने दिया है क्या जो आज गिरा दूंगा,,,(और इतना कहने के साथ ही वह अपनी मां को पूरी तरह से गोद में उठा लिया और बाथरूम से बाहर निकलने लगा पेंट के बाहर उसका लंड पूरी तरह से अपनी औकात में खड़ा था जिस पर आराधना की गांड साड़ी सहित स्पर्श हो रही थी और आराधना को अपने बेटे के लंड का स्पर्श अपनी गांड पर साफ तौर पर महसूस हो रहा था जिसकी गर्मी उसके तन बदन में उत्तेजना की चिंगारी को और ज्यादा भड़का रही थी,,, संजू के लंड से बिल्कुल भी सब्र नहीं हो रहा था वह बार-बार ठुनकी लेता हुआ अपनी मां की गांड पर दबाव बना रहा था और देखते ही देखते संजू अपनी मां को गोद में उठाए हुए ही बिस्तर के करीब लेकर आ गया और उसी तरह से उसे बिस्तर पर गिरा दिया और धम्म करके आराधना बिस्तर पर जा गिरी लेकिन बेड पर भी छाया हुआ गद्दा इतना नर्म था कि उसे बिल्कुल भी एहसास नहीं हुआ कि उसके बेटे ने उसे बेझिझक बिस्तर पर फेंक दिया है शायद गद्दे के मुलायम पन‌ से संजू पूरी तरह से वाकिफ था इसलिए उसने अपनी मां को बेफिक्र होकर बिस्तर पर फेंक दिया था वरना वह अपनी मां को फूलों की तरह रखता था उसे जरा भी चोट लगने नहीं देता था,,,,,



बिस्तर पर गिरते ही आराधना अपने बेटे की तरफ देखकर कामुक मुस्कान बिखेरने लगी तो संजु अपने शर्ट की बटन को खोलते हुए बोला,,,)

अब आएगा असली मजा जब मेरा लंड तेरी चूत में जाएगा,,,
 
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Rahul007

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Another super sexy update! Just mind blowing and dick blasting writings!
 
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