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Incest मजबूरी या जरूरत

Enjoywuth

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Agle update me Sanju is tarah se apni mummy ki lega

GIF-230406-100816शिदत से इन्तेजार है भाई।
 

rohnny4545

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संजू थिएटर में अपना और अपनी मां का पानी निकालने के बाद इंटरवल में ही अपनी मां को लेकर वह गेस्ट हाउस की ओर चल पड़ा था,,,, आराधना मन ही मन में अपने बेटे की हिम्मत की दाद दे रही थी कि थिएटर के अंदर दर्शकों के बीच वह खुद भी झड़ गया और उसे भी झाड़ दिया अपने बेटे की हिम्मत को देखते हुए वह सोच रही थी कि इतनी हिम्मत उसमें हाई कैसे पहले तो वह ऐसा ना था,,,, फिर तुरंत उसे अपनी बड़ी बहन साधना का ख्याल आ गया और उसके साथ ही वह दृश्य उसकी आंखों के सामने किसी फिल्म की दृश्य की तरह घूमने लगे जब वह आधी रात को अपनी आंखों से देखी थी कि किस तरह से उसका बेटा अपने मोटे तगड़े लंड को उसकी बड़ी बहन की चूत में डाल कर उसे चोद रहा था,,,,, उस दृश्यम के बारे में जब भी आराधना सोचती थी तब तब उसकी चूत खुद अपने रहती थी और उसमें से मदन रस टपकने लगता था,,,, वह नजारा आराधना कभी भूल नहीं सकती थी अपनी बड़ी बहन को अपने ही जवान बेटे के साथ चुदवाते हुए देखकर उस समय आराधना पर क्या बीती थी उसका बयां कर पाना मुश्किल है,,,, आराधना कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि उसे इस तरह का दृश्य देखने को मिलेगा और वह भी अपने ही बेटे और अपनी ही बड़ी बहन के द्वारा आराधना अपनी बड़ी बहन पर बहुत विश्वास करती थी एक तरह से वह बड़ी बहन कम उसे मां का दर्जा देती थी लेकिन आराधना अपनी बड़ी बहन की ऐसी कौन सी मजबूरी थी जिससे उसे अपनी प्यास बुझाने के लिए अपने ही भतीजे का सहारा लेना पड़ रहा था इस बारे में कभी समझ नहीं पा रही थी लेकिन आप उसे अच्छी तरह से समझ में आ रहा था कि एक औरत की प्यास जब उभरकर उसके दिलो-दिमाग पर छाती है तो उस पर कैसा असर करती है तब वह ना तो किसी भी रिश्ते की परवाह करती है और ना ही ,,,, उस रिश्ते के द्वारा होने वाली बदनामी के बारे में सोचती है,,,, अब जाकर आराधना को समझ में आ रहा था कि उसकी बड़ी बहन क्यों उसके घर आती थी कि उन लोगों की मदद करती थी जिसके पीछे का राज वह आप समझ चुकी थी जो कि उसके बड़े बेटे के इर्द-गिर्द घूमती थी और आराधना समझ गई थी कि उसके बेटे को पूरी तरह से मर्द बनाने में उसकी बड़ी बहन का यहां थे और यह भी सोच कर मन ही मन प्रसन्न होती थी कि एक तरह से उसकी बड़ी बहन ने उसके बेटे को मर्द बनाकर अच्छा ही काम की है वरना जो सुख इस समय बाघ हो रही है उस सुख के बारे में तो वह कभी कल्पना भी नहीं की थी,,,,,,


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जब उसका बेटा उसे थिएटर में ले जा रहा था तो आराधना यही सोच रही थी कि आज उसे बरसो बाद कोई फिल्म देखने का मौका मिलेगा और वह फिल्म देखने का लुफ्त उठा भी रही थी लेकिन उसके बेटे के मन में कुछ और चल रहा था और इसी के चलते वह उसकी चूचियों को दबाना शुरू कर दिया और ना चाहते हुए भी आराधना अपने बेटे की मदहोशी में पूरी तरह से डूबने लगी और देखते ही देखते फिल्म देखने का दोनों को होश ही नहीं रहा और वह दोनों अपनी अलग ही फिल्म बनाने लगे आराधना अच्छी तरह से समझ रही थी कि अब वह अपने कदम पीछे नहीं ले सकती थी यह सारे अनैतिक रिश्ते पूरी तरह से एक तूफान की तरह थी जो कि अपने तूफान की चपेट में उसे लेकर अपने साथ उड़ाए लिए चले जा रहे थे,,,,, लेकिन इस बात से वह इंकार भी नहीं कर सकती थी कि इस तूफान का अपना एक अलग ही मजा था जिसका वह पूरी तरह से आनंद लूट रही थी,,,,


देखते ही देखते संजू अपनी स्कूटी को एक अच्छे से गेस्ट हाउस की पार्किंग में लेकर चला गया जोकि हाईवे के किनारे ही बनी हुई थी,,,, संजू अपनी स्कूटी को पार्क में पार्क कर रहा था तब तक आराधना स्कूटी से उतरकर चारों तरफ नजर दौड़ा कर उसे स्थल का जायजा ले रही थी,,,,, उसकी नजर गेस्ट हाउस के बाहर कोने में खड़ी कुछ लड़कियों पर गई तो उनका सज धज कर खड़ा रहना और आने जाने वालों से नैन मटक्का करना यह देखकर आराधना समझ गई कि यह लड़कियां साधारण लड़कियां नहीं की धंधे वाली थी और उन लड़कियों को देखकर आराधना मन ही मन मुस्कुराते हुए अपने आप से ही बात करते हुए बोली,,,

तुम्हें कौन सी साधारण औरत हूं आज के दिन मेरी एक धंधे वाली है जो कि अपने ही बेटे को ग्राहक बनाकर उसके साथ गेस्ट हाउस में जाकर मजे करने जा रही हैं,,,,,

अपने मन में यह ख्याल आते ही आराधना के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी ,,, संजू स्कूटी को पार कर चुका था और उसकी चाबी को उंगली में डालकर घूमाते हुए अपनी मां का हाथ पकड़ कर बोला,,,।


चल मेरी जान अंदर चल कर मजा करते हैं क्या यही खड़े रहकर चुदवाने का इरादा है क्या,,,,

संजू धीरे बोल यह क्या बोल रहा है,,,(आराधना चारों तरफ नजर दौड़ाते हुए बोली,,,,)

अरे भूल गई क्या मेरी जान इस समय तो मेरी मम्मी नहीं बल्कि धंधे वाली औरत है और मैं तेरा ग्राहक हूं समझी,,,

ओहहह,,,(अपने बेटे के कहने का मतलब को समझते हैं उसके चेहरे पर मुस्कान तैरने लगी,,,,, और दोनों गेस्ट हाउस की तरफ जाने लगे तो संजू उसे उस बिल्डिंग के पिलर के पास खड़ी करके बोला)

तुम यहीं रुको मैं काउंटर पर बात करके आता हूं,,,,
(इतना क्यों नहीं क्या चाहता ही संजू गेस्ट हाउस के काउंटर की तरफ चला गया और आराधना वहीं पिलर के पास खड़ी हो गई,,,, उसका दिल जोरों से धड़क रहा था मन में अजीब अजीब ख्याल आ रहे थे उसे इस बात का डर भी था कि कहीं कोई जान पहचान का उसे देख ना ले इसलिए साड़ी की किनारी को पकड़कर वाहन अपने चेहरे को ढकने की नाकाम कोशिश कर रही थी और इस अदा में वह और भी ज्यादा खूबसूरत और सेक्सी लग‌ रही थी,,, संजू अभी काउंटर पर बात ही कर रहा था कि तभी एक कॉलेज का लड़का आराधना को देखकर उसके पास आया और उससे बोला,,,)


हाय सेक्सी,, क्या मस्त माल है तू,,,(आराधना के चारों तरफ घुमकर उसके खूबसूरत बदन का जायजा लेते हुए वह बोला,,, उसकी हरकत और उसकी बात सुनकर आ रहा था ना घबरा रही थी,,,, उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि यह लड़का क्या कर रहा है तभी वह अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,) गांड मस्त है तेरी गोल-गोल बड़ी बड़ी चूचियों का साइज भी खरबूजे जैसा है तू तो बहुत मजा देगी बोल कितना लेगी,,,,,

क्या कह रहे हो,,,?(आराधना घबराते हुए बोली)


अरे बोलना कितना लेगी बहुत मस्त माल है तू इस उम्र में भी तु एकदम कड़क है,,,,
(आराधना एकदम घबरा गई थी उस लड़के की बात को वह समझ गई थी वह काउंटर की तरफ देख रही थी कि जल्दी उसका बेटा आ जाए उसकी हरकत को देखकर वह जवान कॉलेज का लड़का बोला)



तू घबरा क्यों रही है नई-नई है क्या इस धंधे में,,,, तू चिंता मत कर जैसा बोलेगी वैसा ही डालूंगा,,,, अच्छा एक बात बता कंडोम लगाकर करूं या बिना कंडोम के क्योंकि मुझे कंडोम लगाकर मजा नहीं आता लेकिन तुम लोग के धंधे में तुम लोग बिना कंडोम के करने नहीं देते ,,,, चल कोई बात नहीं तेरे लिए कंडोम लगाके कर लूंगा,,,,
(उस लड़के की बात सुनकर आराधना की सांसे ऊपर नीचे हो रही थी क्योंकि पहली बार कोई लड़का उसे इस तरह की बदतमीजी कर रहा था डायरेक्ट उससे गंदी गंदी बात कर रहा था लेकिन आराधना पूरी तरह से मजबूर थे वह अनजान जगह पर एक अनजान लड़के की बात सुनकर पूरी तरह से घबरा गई थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या कहें और उसकी घबराहट का फायदा उठाते हुए वह लड़का मौका देखकर उसकी बड़ी-बड़ी गांड पर हाथ फेरते हुए बोला,,,)



हाय मेरी जान तेरी गांड पर हाथ लगाते ही मेरा लंड खड़ा हो गया मुंह में लेती है या नहीं,,,,


क्या बदतमीजी है तुझे शर्म नहीं आती इस तरह की बातें करते हुए,,,,


लगता है तो इस धंधे में नई आई है इसलिए घबरा रही हैं डर मत मैं तुझे कहीं और नहीं ले जाऊंगा इसी गेस्ट हाउस में लेकर जाऊंगा और तेरी जैसी खूबसूरत माल के लिए मैं आधे घंटे का 5000 देने को तैयार हूं जल्दी है क्या,,,,,।
(उस लड़के की बात सुनकर आराधना अब तक यह तो समझ गई थी कि वह लड़का उसे धंधेवाली समझ रहा है लेकिन इस बात से हैरान थी कि,,, वह लड़का उसके ही बेटे की उम्र का था पर एक जवान होने के नाते वह जवान लड़की की तरफ जाने की जगह उसके पास आया था और उससे गंदी गंदी बात कर रहा था और उसे आधे घंटे का ₹5000 देने को तैयार था इस उमर में भी आराधना 1 जवान लड़के को अपनी तरफ आकर्षित कर चुकी थी यह देखकर आराधना खुद हैरान थी उसे इतना तो समझ में आएगी आया था कि वाकई में उसमें अभी भी बहुत कुछ बात की है बल्कि बहुत कुछ भरा हुआ है तभी तो एक जवान लड़का लड़की को के झुंड के पास ना जा करके उसके पास आया था उसे गेस्ट हाउस में ले जाने के लिए उससे भाव तोड़ कर रहा था उसकी बात को सुनकर आराधना को गुस्सा तो आ रहा था लेकिन वह समझ रही थी कि वह लड़का उसे धंदेवाली ही समझ रहा है इसलिए इस तरह की बातें कर रहा है और उसकी बात को सुनकर उसकी चूत से पानी टपक रहा था,,,, आराधना चक्र पकड़ देख रही थी और उसे इधर उधर देखता हुआ देखकर वह लड़का फिर से अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,)



क्या हुआ रानी खामोश क्यों है ऐसा तो नहीं किसी और का इंतजार कर रही है अगर ऐसा हो तो मुझे अपना नंबर दे दे उसका काम खत्म होते ही मैं आ जाऊंगा तेरे पर मेरा दिल आ गया है तुझे चोदने का बहुत मन कर रहा है,,,, तेरी चूचियां कितनी जानलेवा है,,,(आराधना की चूचियों की तरफ देखते हुए और यह देखकर आराधना साड़ी का पल्लू ठीक करने लगी और यह देखकर वह लड़का अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला) लगता है किसी मजबूरी में इस धंधे में आई है तभी इतना शर्मा रही है मुझे बता पैसे की जरूरत है तो मैं तुझे दे दूंगा लेकिन रोज मुझसे चुद वाना पड़ेगा,,,,,

(आराधना को तो जैसे सांप सुंग गया था वह पूरी तरह से खामोश हो गई थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें काउंटर पर अभी भी संजू बातें कर रहा था यह देखकर उस लड़के से पीछा छुड़ाने के लिए आराधना भी काउंटर की तरफ जाने लगी तो वह लड़का पीछे पीछे आया और सीधा काउंटर तक आ गया,,,, और बोल)

Sanju jald se jald apni mummy ko apne lund par bithana chahta thA


बोलना कितना लेगी,,,,
(इतना सुनते ही संजु उस लड़के की तरफ देखने लगा जो कि उसकी मां से ही मुखातिब था और वह बोला)

क्या बात है भाई,,,,?

अरे यार यह रंडी कितना भाव खा रही है इसको मैं आधे घंटे का 5000 देने को तैयार हूं लेकिन यह है कि कुछ बोल ही नहीं रही है अरे कम है तो बोलना मैं और दूंगा,,,,
(उस लड़के के मुंह से अपनी मां के लिए रंडी शब्द सुनकर संजू का खून खोलने लगा उसका मन कर रहा था कि एक ही मुक्के में उसका मुंह तोड़ दें लेकिन वह जानता था कि वह जिस जगह पर खड़ा है वहां पर इसी तरह से मोलभाव होते हैं और इस समय वह अपनी मां को एक धंधे वाली औरत बनाकर ही सजा पर लाया है इसलिए वह बोला कुछ नहीं और मुस्कुरा कर सिर्फ इतना बोला,,,)

Guest house k bahar Mila anjaan ladka is tarah se arFhna ko chodne ki chahta rakhta tha


भाई यह मेरे साथ है,,,
(इतना सुनकर उसका मन एकदम से उदास हो गया और वह बोला)

चल कोई बात नहीं आधे घंटे में ही तो तू बाहर आ जाएगा उसके बाद मेरा सौदा पक्का,,,


आधे घंटे में मैं नहीं आऊंगा,,,,

तो एक घंटा,,,

(उस लड़के की बात सुनकर संजू मुस्कुराता हुआ ना में सिर हिला दिया,,,, तो हैरान होता हुआ वह लड़का बोला,,,)

क्या तो कब लेकर आएगा मेरे भाई कभी मेरा नंबर लगेगा,,,,


तेरा नंबर बिल्कुल भी नहीं लगने वाला मेरे दोस्त मैं 1:00 से 5:00 तक का बुकिंग कर आया हूं और उसके बाद इसे घर ले जाकर जमकर चोदूंगा आज के दिन यह मेरे साथ ही रहेगी,,,,

(इतना सुनकर वह लड़का एकदम से हैरानहो गया और संजू की किस्मत से थोड़ा बहुत जलन करते हुए वह बोला,,,)
Wah anjan ladka arafhna ko chodna chahta thA


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1:00 से 5:00 बजे तक करेगा क्या तू भाई एक बार पानी निकलता है तो काम तो खत्म हो जाता है,,,,

मैं इसे बार-बार चोदूंगा ऐसी खूबसूरत औरत बार-बार नहीं मिलती,,,, आज तेरी किस्मत बहुत तेज है लेकिन जाते समय,,,(आराधना की तरफ देखते हुए) मुझे अपना नंबर देते जाना मैं भी तुझे पूरी रात के लिए ले जाऊंगा और जी भर कर तुझे चोदूंगा,,,,,,,
(आराधना की हालत एकदम खराब होती जा रही थी उस लड़के की गंदी गंदी बातें सुनकर वह पूरी तरह से हैरान हो चुकी थी उस लड़के की बात जहां उसे उत्तेजित भी कर रही थी वहां उसे अपने आप पर शर्म महसूस हो रही थी और इस बात से गर्व भी हो रहा था कि जवान लड़का उसकी तरह पूरी तरह से आकर्षित हो गया है,,,,, अपने ही बेटे के सामने उस लड़के के द्वारा उसे खुले तौर पर चोदने वाली बात कहकर वाह अपनी मनसा बता रहा था लेकिन इस समय उसका लड़का उसका जवाब दे सकने में असमर्थ था क्योंकि हालात ही कुछ ऐसे थे वह आराधना के लिए उस लड़के से इस जगह पर लड़ भी नहीं सकता था,,, उस लड़के की बात सुनकर संजू को गुस्सा तो बहुत आया था लेकिन फिर भी ना जाने क्यों इस समय जिस तरह की अदाकारी उसकी मां निभा रही थी उसे देखते हुए उस लड़के की बात में दम भी था इसलिए वहां उस लड़के की बात सुनकर उत्साहित होते हुए बोला,,,)

तब की तब देखेंगे,,, अभी तो मैं जा रहा हूं मौज करने,,,,
(इतना कहने के साथ ही वह काउंटर पर बैठे कर्मचारी से कमरे की चाबी लिया और उसे हिदायत देते हुए बोला)
1:30 बजे के करीब लंच मेरे कमरे में पहुंचा देना,,,)

जी सर,,,(संजू के हाथ में चाबी देते हुए उस कर्मचारी की नजर आराधना पर ही टिकी हुई थी उसकी खूबसूरत जवानी उसे पूरी तरह से मदमस्त कर रही थी खास करके उस कर्मचारी की नजर आराधना की बड़ी-बड़ी चूचियों पर टिकी हुई थी और वहां आराधना की चुचियों पर नजर गड़ाए हुए बोला) आपके कहे अनुसार में लंच आपके कमरे में भेज दूंगा,,,, वैसे सर कहां से लाए इतना बढ़िया माल इस इलाके में तो मैंने कभी इतनी खूबसूरत माल नहीं देखा,,,
(उस कर्मचारी की बात सुनकर संजू खुश होता हुआ धीरे से बोला)

बहुत खास और निजी माल है,,,,,(इतना कहकर मुस्कुराते हुए आराधना का हाथ पकड़ कर वह कमरे की तरफ जाने लगा)


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Enjoywuth

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Thanks for update....Aaj start ho he vaya guest house episode..Chalo aage dekte hain kya hota hai....
 

vyabhichari

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संजू थिएटर में अपना और अपनी मां का पानी निकालने के बाद इंटरवल में ही अपनी मां को लेकर वह गेस्ट हाउस की ओर चल पड़ा था,,,, आराधना मन ही मन में अपने बेटे की हिम्मत की दाद दे रही थी कि थिएटर के अंदर दर्शकों के बीच वह खुद भी झड़ गया और उसे भी झाड़ दिया अपने बेटे की हिम्मत को देखते हुए वह सोच रही थी कि इतनी हिम्मत उसमें हाई कैसे पहले तो वह ऐसा ना था,,,, फिर तुरंत उसे अपनी बड़ी बहन साधना का ख्याल आ गया और उसके साथ ही वह दृश्य उसकी आंखों के सामने किसी फिल्म की दृश्य की तरह घूमने लगे जब वह आधी रात को अपनी आंखों से देखी थी कि किस तरह से उसका बेटा अपने मोटे तगड़े लंड को उसकी बड़ी बहन की चूत में डाल कर उसे चोद रहा था,,,,, उस दृश्यम के बारे में जब भी आराधना सोचती थी तब तब उसकी चूत खुद अपने रहती थी और उसमें से मदन रस टपकने लगता था,,,, वह नजारा आराधना कभी भूल नहीं सकती थी अपनी बड़ी बहन को अपने ही जवान बेटे के साथ चुदवाते हुए देखकर उस समय आराधना पर क्या बीती थी उसका बयां कर पाना मुश्किल है,,,, आराधना कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि उसे इस तरह का दृश्य देखने को मिलेगा और वह भी अपने ही बेटे और अपनी ही बड़ी बहन के द्वारा आराधना अपनी बड़ी बहन पर बहुत विश्वास करती थी एक तरह से वह बड़ी बहन कम उसे मां का दर्जा देती थी लेकिन आराधना अपनी बड़ी बहन की ऐसी कौन सी मजबूरी थी जिससे उसे अपनी प्यास बुझाने के लिए अपने ही भतीजे का सहारा लेना पड़ रहा था इस बारे में कभी समझ नहीं पा रही थी लेकिन आप उसे अच्छी तरह से समझ में आ रहा था कि एक औरत की प्यास जब उभरकर उसके दिलो-दिमाग पर छाती है तो उस पर कैसा असर करती है तब वह ना तो किसी भी रिश्ते की परवाह करती है और ना ही ,,,, उस रिश्ते के द्वारा होने वाली बदनामी के बारे में सोचती है,,,, अब जाकर आराधना को समझ में आ रहा था कि उसकी बड़ी बहन क्यों उसके घर आती थी कि उन लोगों की मदद करती थी जिसके पीछे का राज वह आप समझ चुकी थी जो कि उसके बड़े बेटे के इर्द-गिर्द घूमती थी और आराधना समझ गई थी कि उसके बेटे को पूरी तरह से मर्द बनाने में उसकी बड़ी बहन का यहां थे और यह भी सोच कर मन ही मन प्रसन्न होती थी कि एक तरह से उसकी बड़ी बहन ने उसके बेटे को मर्द बनाकर अच्छा ही काम की है वरना जो सुख इस समय बाघ हो रही है उस सुख के बारे में तो वह कभी कल्पना भी नहीं की थी,,,,,,

जब उसका बेटा उसे थिएटर में ले जा रहा था तो आराधना यही सोच रही थी कि आज उसे बरसो बाद कोई फिल्म देखने का मौका मिलेगा और वह फिल्म देखने का लुफ्त उठा भी रही थी लेकिन उसके बेटे के मन में कुछ और चल रहा था और इसी के चलते वह उसकी चूचियों को दबाना शुरू कर दिया और ना चाहते हुए भी आराधना अपने बेटे की मदहोशी में पूरी तरह से डूबने लगी और देखते ही देखते फिल्म देखने का दोनों को होश ही नहीं रहा और वह दोनों अपनी अलग ही फिल्म बनाने लगे आराधना अच्छी तरह से समझ रही थी कि अब वह अपने कदम पीछे नहीं ले सकती थी यह सारे अनैतिक रिश्ते पूरी तरह से एक तूफान की तरह थी जो कि अपने तूफान की चपेट में उसे लेकर अपने साथ उड़ाए लिए चले जा रहे थे,,,,, लेकिन इस बात से वह इंकार भी नहीं कर सकती थी कि इस तूफान का अपना एक अलग ही मजा था जिसका वह पूरी तरह से आनंद लूट रही थी,,,,

देखते ही देखते संजू अपनी स्कूटी को एक अच्छे से गेस्ट हाउस की पार्किंग में लेकर चला गया जोकि हाईवे के किनारे ही बनी हुई थी,,,, संजू अपनी स्कूटी को पार्क में पार्क कर रहा था तब तक आराधना स्कूटी से उतरकर चारों तरफ नजर दौड़ा कर उसे स्थल का जायजा ले रही थी,,,,, उसकी नजर गेस्ट हाउस के बाहर कोने में खड़ी कुछ लड़कियों पर गई तो उनका सज धज कर खड़ा रहना और आने जाने वालों से नैन मटक्का करना यह देखकर आराधना समझ गई कि यह लड़कियां साधारण लड़कियां नहीं की धंधे वाली थी और उन लड़कियों को देखकर आराधना मन ही मन मुस्कुराते हुए अपने आप से ही बात करते हुए बोली,,,

तुम्हें कौन सी साधारण औरत हूं आज के दिन मेरी एक धंधे वाली है जो कि अपने ही बेटे को ग्राहक बनाकर उसके साथ गेस्ट हाउस में जाकर मजे करने जा रही हैं,,,,,

अपने मन में यह ख्याल आते ही आराधना के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी ,,, संजू स्कूटी को पार कर चुका था और उसकी चाबी को उंगली में डालकर घूमाते हुए अपनी मां का हाथ पकड़ कर बोला,,,।


चल मेरी जान अंदर चल कर मजा करते हैं क्या यही खड़े रहकर चुदवाने का इरादा है क्या,,,,

संजू धीरे बोल यह क्या बोल रहा है,,,(आराधना चारों तरफ नजर दौड़ाते हुए बोली,,,,)

अरे भूल गई क्या मेरी जान इस समय तो मेरी मम्मी नहीं बल्कि धंधे वाली औरत है और मैं तेरा ग्राहक हूं समझी,,,

ओहहह,,,(अपने बेटे के कहने का मतलब को समझते हैं उसके चेहरे पर मुस्कान तैरने लगी,,,,, और दोनों गेस्ट हाउस की तरफ जाने लगे तो संजू उसे उस बिल्डिंग के पिलर के पास खड़ी करके बोला)

तुम यहीं रुको मैं काउंटर पर बात करके आता हूं,,,,
(इतना क्यों नहीं क्या चाहता ही संजू गेस्ट हाउस के काउंटर की तरफ चला गया और आराधना वहीं पिलर के पास खड़ी हो गई,,,, उसका दिल जोरों से धड़क रहा था मन में अजीब अजीब ख्याल आ रहे थे उसे इस बात का डर भी था कि कहीं कोई जान पहचान का उसे देख ना ले इसलिए साड़ी की किनारी को पकड़कर वाहन अपने चेहरे को ढकने की नाकाम कोशिश कर रही थी और इस अदा में वह और भी ज्यादा खूबसूरत और सेक्सी लग‌ रही थी,,, संजू अभी काउंटर पर बात ही कर रहा था कि तभी एक कॉलेज का लड़का आराधना को देखकर उसके पास आया और उससे बोला,,,)

हाय सेक्सी,, क्या मस्त माल है तू,,,(आराधना के चारों तरफ घुमकर उसके खूबसूरत बदन का जायजा लेते हुए वह बोला,,, उसकी हरकत और उसकी बात सुनकर आ रहा था ना घबरा रही थी,,,, उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि यह लड़का क्या कर रहा है तभी वह अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,) गांड मस्त है तेरी गोल-गोल बड़ी बड़ी चूचियों का साइज भी खरबूजे जैसा है तू तो बहुत मजा देगी बोल कितना लेगी,,,,,

क्या कह रहे हो,,,?(आराधना घबराते हुए बोली)


अरे बोलना कितना लेगी बहुत मस्त माल है तू इस उम्र में भी तु एकदम कड़क है,,,,
(आराधना एकदम घबरा गई थी उस लड़के की बात को वह समझ गई थी वह काउंटर की तरफ देख रही थी कि जल्दी उसका बेटा आ जाए उसकी हरकत को देखकर वह जवान कॉलेज का लड़का बोला)

तू घबरा क्यों रही है नई-नई है क्या इस धंधे में,,,, तू चिंता मत कर जैसा बोलेगी वैसा ही डालूंगा,,,, अच्छा एक बात बता कंडोम लगाकर करूं या बिना कंडोम के क्योंकि मुझे कंडोम लगाकर मजा नहीं आता लेकिन तुम लोग के धंधे में तुम लोग बिना कंडोम के करने नहीं देते ,,,, चल कोई बात नहीं तेरे लिए कंडोम लगाके कर लूंगा,,,,
(उस लड़के की बात सुनकर आराधना की सांसे ऊपर नीचे हो रही थी क्योंकि पहली बार कोई लड़का उसे इस तरह की बदतमीजी कर रहा था डायरेक्ट उससे गंदी गंदी बात कर रहा था लेकिन आराधना पूरी तरह से मजबूर थे वह अनजान जगह पर एक अनजान लड़के की बात सुनकर पूरी तरह से घबरा गई थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या कहें और उसकी घबराहट का फायदा उठाते हुए वह लड़का मौका देखकर उसकी बड़ी-बड़ी गांड पर हाथ फेरते हुए बोला,,,)

हाय मेरी जान तेरी गांड पर हाथ लगाते ही मेरा लंड खड़ा हो गया मुंह में लेती है या नहीं,,,,


क्या बदतमीजी है तुझे शर्म नहीं आती इस तरह की बातें करते हुए,,,,


लगता है तो इस धंधे में नई आई है इसलिए घबरा रही हैं डर मत मैं तुझे कहीं और नहीं ले जाऊंगा इसी गेस्ट हाउस में लेकर जाऊंगा और तेरी जैसी खूबसूरत माल के लिए मैं आधे घंटे का 5000 देने को तैयार हूं जल्दी है क्या,,,,,।
(उस लड़के की बात सुनकर आराधना अब तक यह तो समझ गई थी कि वह लड़का उसे धंधेवाली समझ रहा है लेकिन इस बात से हैरान थी कि,,, वह लड़का उसके ही बेटे की उम्र का था पर एक जवान होने के नाते वह जवान लड़की की तरफ जाने की जगह उसके पास आया था और उससे गंदी गंदी बात कर रहा था और उसे आधे घंटे का ₹5000 देने को तैयार था इस उमर में भी आराधना 1 जवान लड़के को अपनी तरफ आकर्षित कर चुकी थी यह देखकर आराधना खुद हैरान थी उसे इतना तो समझ में आएगी आया था कि वाकई में उसमें अभी भी बहुत कुछ बात की है बल्कि बहुत कुछ भरा हुआ है तभी तो एक जवान लड़का लड़की को के झुंड के पास ना जा करके उसके पास आया था उसे गेस्ट हाउस में ले जाने के लिए उससे भाव तोड़ कर रहा था उसकी बात को सुनकर आराधना को गुस्सा तो आ रहा था लेकिन वह समझ रही थी कि वह लड़का उसे धंदेवाली ही समझ रहा है इसलिए इस तरह की बातें कर रहा है और उसकी बात को सुनकर उसकी चूत से पानी टपक रहा था,,,, आराधना चक्र पकड़ देख रही थी और उसे इधर उधर देखता हुआ देखकर वह लड़का फिर से अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,)

क्या हुआ रानी खामोश क्यों है ऐसा तो नहीं किसी और का इंतजार कर रही है अगर ऐसा हो तो मुझे अपना नंबर दे दे उसका काम खत्म होते ही मैं आ जाऊंगा तेरे पर मेरा दिल आ गया है तुझे चोदने का बहुत मन कर रहा है,,,, तेरी चूचियां कितनी जानलेवा है,,,(आराधना की चूचियों की तरफ देखते हुए और यह देखकर आराधना साड़ी का पल्लू ठीक करने लगी और यह देखकर वह लड़का अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला) लगता है किसी मजबूरी में इस धंधे में आई है तभी इतना शर्मा रही है मुझे बता पैसे की जरूरत है तो मैं तुझे दे दूंगा लेकिन रोज मुझसे चुद वाना पड़ेगा,,,,,

(आराधना को तो जैसे सांप सुंग गया था वह पूरी तरह से खामोश हो गई थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें काउंटर पर अभी भी संजू बातें कर रहा था यह देखकर उस लड़के से पीछा छुड़ाने के लिए आराधना भी काउंटर की तरफ जाने लगी तो वह लड़का पीछे पीछे आया और सीधा काउंटर तक आ गया,,,, और बोल)


बोलना कितना लेगी,,,,
(इतना सुनते ही संजु उस लड़के की तरफ देखने लगा जो कि उसकी मां से ही मुखातिब था और वह बोला)

क्या बात है भाई,,,,?

अरे यार यह रंडी कितना भाव खा रही है इसको मैं आधे घंटे का 5000 देने को तैयार हूं लेकिन यह है कि कुछ बोल ही नहीं रही है अरे कम है तो बोलना मैं और दूंगा,,,,
(उस लड़के के मुंह से अपनी मां के लिए रंडी शब्द सुनकर संजू का खून खोलने लगा उसका मन कर रहा था कि एक ही मुक्के में उसका मुंह तोड़ दें लेकिन वह जानता था कि वह जिस जगह पर खड़ा है वहां पर इसी तरह से मोलभाव होते हैं और इस समय वह अपनी मां को एक धंधे वाली औरत बनाकर ही सजा पर लाया है इसलिए वह बोला कुछ नहीं और मुस्कुरा कर सिर्फ इतना बोला,,,)


भाई यह मेरे साथ है,,,
(इतना सुनकर उसका मन एकदम से उदास हो गया और वह बोला)

चल कोई बात नहीं आधे घंटे में ही तो तू बाहर आ जाएगा उसके बाद मेरा सौदा पक्का,,,


आधे घंटे में मैं नहीं आऊंगा,,,,

तो एक घंटा,,,

(उस लड़के की बात सुनकर संजू मुस्कुराता हुआ ना में सिर हिला दिया,,,, तो हैरान होता हुआ वह लड़का बोला,,,)

क्या तो कब लेकर आएगा मेरे भाई कभी मेरा नंबर लगेगा,,,,


तेरा नंबर बिल्कुल भी नहीं लगने वाला मेरे दोस्त मैं 1:00 से 5:00 तक का बुकिंग कर आया हूं और उसके बाद इसे घर ले जाकर जमकर चोदूंगा आज के दिन यह मेरे साथ ही रहेगी,,,,

(इतना सुनकर वह लड़का एकदम से हैरानहो गया और संजू की किस्मत से थोड़ा बहुत जलन करते हुए वह बोला,,,)

1:00 से 5:00 बजे तक करेगा क्या तू भाई एक बार पानी निकलता है तो काम तो खत्म हो जाता है,,,,

मैं इसे बार-बार चोदूंगा ऐसी खूबसूरत औरत बार-बार नहीं मिलती,,,, आज तेरी किस्मत बहुत तेज है लेकिन जाते समय,,,(आराधना की तरफ देखते हुए) मुझे अपना नंबर देते जाना मैं भी तुझे पूरी रात के लिए ले जाऊंगा और जी भर कर तुझे चोदूंगा,,,,,,,
(आराधना की हालत एकदम खराब होती जा रही थी उस लड़के की गंदी गंदी बातें सुनकर वह पूरी तरह से हैरान हो चुकी थी उस लड़के की बात जहां उसे उत्तेजित भी कर रही थी वहां उसे अपने आप पर शर्म महसूस हो रही थी और इस बात से गर्व भी हो रहा था कि जवान लड़का उसकी तरह पूरी तरह से आकर्षित हो गया है,,,,, अपने ही बेटे के सामने उस लड़के के द्वारा उसे खुले तौर पर चोदने वाली बात कहकर वाह अपनी मनसा बता रहा था लेकिन इस समय उसका लड़का उसका जवाब दे सकने में असमर्थ था क्योंकि हालात ही कुछ ऐसे थे वह आराधना के लिए उस लड़के से इस जगह पर लड़ भी नहीं सकता था,,, उस लड़के की बात सुनकर संजू को गुस्सा तो बहुत आया था लेकिन फिर भी ना जाने क्यों इस समय जिस तरह की अदाकारी उसकी मां निभा रही थी उसे देखते हुए उस लड़के की बात में दम भी था इसलिए वहां उस लड़के की बात सुनकर उत्साहित होते हुए बोला,,,)

तब की तब देखेंगे,,, अभी तो मैं जा रहा हूं मौज करने,,,,
(इतना कहने के साथ ही वह काउंटर पर बैठे कर्मचारी से कमरे की चाबी लिया और उसे हिदायत देते हुए बोला)
1:30 बजे के करीब लंच मेरे कमरे में पहुंचा देना,,,)

जी सर,,,(संजू के हाथ में चाबी देते हुए उस कर्मचारी की नजर आराधना पर ही टिकी हुई थी उसकी खूबसूरत जवानी उसे पूरी तरह से मदमस्त कर रही थी खास करके उस कर्मचारी की नजर आराधना की बड़ी-बड़ी चूचियों पर टिकी हुई थी और वहां आराधना की चुचियों पर नजर गड़ाए हुए बोला) आपके कहे अनुसार में लंच आपके कमरे में भेज दूंगा,,,, वैसे सर कहां से लाए इतना बढ़िया माल इस इलाके में तो मैंने कभी इतनी खूबसूरत माल नहीं देखा,,,
(उस कर्मचारी की बात सुनकर संजू खुश होता हुआ धीरे से बोला)

बहुत खास और निजी माल है,,,,,(इतना कहकर मुस्कुराते हुए आराधना का हाथ पकड़ कर वह कमरे की तरफ जाने लगा).

रोनी भाई, आराधना को खूब जमकर चूदवाओ, गेस्ट हाउस में। आराधना पूरा रंडिपना करे। कमरे के अंदर ब्लू फिल्म चले। और वो किसी भोजपुरी सेक्सी गाने पे डांस करे। अंदर रण्डी और ग्राहक का ही रोल रखना
 

Mass

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Wonderul update Rohnny Bhai...
 
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