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Incest मजबूरी या जरूरत

rohnny4545

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आज का दिन आराधना कभी भुलने वाली नहीं थी,,, वो कभी सपने मैं भी नहीं सोची थी कि वह अपना जन्मदिन इस तरह से मनाएगी,,,, अद्भुत सुख प्राप्त हुआ था उसे एक रंडी बनकर गेस्ट हाउस में जाकर चुदवाने में जो मजा था वह शायद घर पर भी नहीं मिला था लेकिन वह अपने बेटे के साथ संपूर्ण सुख की अनुभूति करती थी एक असली मर्द के साथ एक खूबसूरत औरत ही शोभा देती है या यूं कह लो कि एक खूबसूरत जवानी से भरी हुई औरत की बेलगाम जवानी पर एक असली मर्द ही काबू पा सकता है और वह था सिर्फ संजू जिसने गेस्ट हाउस में अपनी मां की तीन-तीन बार चुदाई करके उसे संपूर्ण सुख की अनुभूति कराया था,,,, आराधना को ऐसा ही लगा था कि उसका बेटा गेस्ट हाउस में एक ही बार करके वापस आ जाएगा लेकिन वह हैरान थी क्योंकि उसके बेटे ने 1:00 से 5:00 बजे तक गेस्ट हाउस का कमरा बुक करके रखा था 4 घंटे में उसने जो सुख उसे दिया वह कभी जिंदगी में भूलने वाली नहीं थी और सबसे ज्यादा उत्तेजना आत्मक पल उसे वह लगा था जब उसके बेटे ने अपने लंड पर उसे चढ़ा कर उसकी बड़ी बड़ी गांड पर दोनों हाथ रख कर उसे कुदने के लिए बोला था और वेटर को उसी समय कमरे में आने की इजाजत भी दे दिया था,,,,,

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उस समय आराधना शर्म से पानी-पानी हुई जा रही थी लेकिन अपने बदन में अद्भुत उत्तेजना का संचार भी महसूस कर रही थी एक अनजान मर्द के सामने एक जवान लड़के से चुदवाने में जो मजा और आनंद उसे प्राप्त हुआ था वह कभी सपने में भी सोच नहीं सकती थी उससे वेटर की निगाहों को अच्छी तरह से देख रही थी जो कि बार-बार उस के नंगे बदन पर घूम रही थी,,,,,,, संजू और उसके पति को छोड़कर आज तक किसी ने उसके नंगे बदन को अपनी आंखों से देख नहीं पाया था लेकिन संजू की जीद के आगे वह मजबूर हो चुकी थी अपने नंगे बदन को एक अनजान मर्द को दिखाने के लिए और वह भी ऐसे हालात में जब उसकी चूत में पूरा लंड घुसा हुआ था आराधना को भी निश्चित तौर पर मालूम था कि वह वेटर उसकी नंगी जवानी देखने के बाद जरूर बाथरूम में जाकर अपने हाथ से अपनी गर्मी शांत किया होगा,,,,।

आराधना फ्रेश होकर बाथरूम से बाहर आ गई थी अंधेरा हो चुका था खाना बनाने की चिंता बिल्कुल भी नहीं थी क्योंकि होटल से खाने के लिए लेकर आए थे थोड़ी ही देर में मोहिनी ने एक टेबल पर अच्छे से केक रखकर सजा दी,,,, और करीब करीब 9:00 बजे आराधना अच्छे से सज धज के मोमबत्ती को अपनी फुक से बुझाकर केक काटी और सबसे पहले केक के टुकड़े को अपनी बेटी मोहिनी के मुंह में डाल दी मोहिनी भी दांतों से हल्का सा केक काटकर खाने लगी और फिर आराधना उसके एक के टुकड़े को संजू को खिलाने लगी तो संजू अपनी मां के हाथ से उसके एक के टुकड़े को लेकर अपनी मां को खिलाने लगा और उसकी मां मुस्कुराते हुए केक को खाने लगी,,,, तीनों बहुत खुश नजर आ रहे थे लेकिन मोहिनी की उत्सुकता बढ़ती जा रही थी,,, वह इस बात को सोच कर हैरान हो जा रही थी कि आखिरकार उसका भाई रात के 12:00 बजे के बाद क्या दिखाने वाला है,,,,

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थोड़ी ही देर में होटल से लाया हुआ खाना तीनों खाने लगे खाना खाते खाते 10:30 बज गया था मोहिनी इस बीच वह दोनों कहां घूमने गए थे इस बारे में पूछती रही और संजू बात को घुमाते हुए उसका ध्यान भटका रहा था लेकिन जब जब मोहिनी दिन भर वह दोनों क्या किए ऐसा पूछती थी तब तब आराधना के चेहरे पर शर्म की लालिमा छा जाती थी उसका चेहरा सुर्ख लाल हो जाता था और वह अपनी नजरों को शर्मा कर नीचे झुका देती थी आखिरकार वह अपनी बेटी की बातों का जवाब किस तरह से देती क्योंकि दिन भर वह अपने बेटे के साथ गेस्ट हाउस के कमरे में थी जहां पर सिर्फ एक रंडी जाती है एक धंधे वाली औरत जाती है,,,,,, लेकिन फिर भी संजू की बातों से बात आई गई हो गई थी अगर इस बात का आराधना को जरा सा भी आभास होता कि उसकी बेटी खुद यह चाहती है कि उसकी मां अपने ही बेटे से चुदवाया तो वह आज के सारे कार्यक्रम को अपने मुंह से अपनी बेटी को सुना देते कि कैसे उसके बेटे ने गेस्ट हाउस के कमरे में उसकी प्यास बुझा या,,,,,

खाना खाने के बाद इधर उधर की बातें करते हुए 11:00 बज गए थे और फिर आराधना संजू को इशारा करके अपने कमरे में चली गई थी,,, दूसरी तरफ संजू और मोहिनी दोनों अपने कमरे में चले गए थे,,,, कमरे में जाते ही मोहिनी संजू से बोली,,,।

भाई मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि तू मुझे 12:00 बजे के बाद क्या दिखाना चाहता है और वह भी मम्मी के कमरे में,,,

वह तो तुझे 12:00 बजने के बाद ही पता चलेगा,,,,


और अगर मुझे नींद आ गई तब क्या करेगा,,,

मैं तुझे सोने ही नहीं दूंगा,,,,

तो मुझे जगाने के लिए क्या करेगा भाई,,,?(मोहिनी मुस्कुराते हुए बोली क्योंकि मोहिनी अच्छी तरह से समझ रही थी कि उसका भाई क्या कहना चाह रहा है)

मैं क्या करूंगा,,,,(और इतना कहने के साथ ही अपने पेंट की बटन खोलने लगा और अगले ही पल अपने खड़े लंड को बाहर निकालकर हाथ में लेकर हिलाते हुए मोहिनी की तरफ आगे बढ़ाकर बोला) तुझे यह कोन खिलाऊंगा तभी तु जागती रहेगी,,,,।
(अपने भाई की हरकत को देखकर मोहिनी बहुत खुश हुई और अगले ही पल वह अपना हाथ लगाए बिना ही अपने लाल-लाल होठों को अपने भाई के लंड के करीब लेकर गई और बेहद उत्तेजना आत्मक तरीके से अपने लाल-लाल होठों को अपने भाई के लंड के सुपाड़े पर रखकर होठ से ही दबा दी,,, मोहिनी की इस कामुक हरकत पर संजू के तन बदन में उत्तेजना की चिंगारी फुटने लगी और वह तुरंत अपना हाथ मोहिनी के सर पर रख कर उस पर दबाव बनाते हुए मोहिनी को पूरा का पूरा अंदर लेने के लिए विवश करने लगा और अगले ही पल मोहिनी भी अपने भाई की बात मानते हुए आइसक्रीम कौन की तरह मोटे और लंबे लंड को पूरा का पूरा अपने लाल-लाल होठों के बीच से लेते हुए गले की गहराई तक पहुंचा दी,,,,, संजू बहुत खुश हो रहा था मजा मोहिनी को मिल रहा था लेकिन इस बात की संतुष्टि संजू को थी कि उसकी बहन उसके लंड को मुंह में लेकर चूसने अपनी ही मां के लिए तैयार कर रही है,,,,

संजू पागल होने लगा क्योंकि मोहिनी को लंड चूसने की प्रक्रिया पूरी तरह से आती थी वह इस काम में पूरी तरह से माहिर हो चुकी थी इसलिए मोहिनी रह रह कर अपने होठों का दबाव लंड पर बढ़ा देती तो कभी जीभ के किनारी से लंड की उभरी हुई नशो को कुरेद देती,,, संजू को अद्भुत सुख प्राप्त हो रहा था मोहिनी पूरी तरह से अपने भाई के जवानी के केंद्र बिंदु पर छाई हुई थी,,,, मोहिनी की चूत काफी लसलसी हो चुकी थी,,,,,, बार-बार उसकी गुलाबी छेद पानी छोड़ रही थी,,, मोहिनी अपनी कार्यक्षमता और काम शक्ति का प्रदर्शन करते हुए अपने भाई के लंड को पूरी तरह से टन टना दी थी,,,, अब संजू से सब्र करना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन था वह तुरंत अपनी बहन को खड़ी किया और खुद घुटनों के बल बैठ गया और तुरंत उसकी सलवार को एक झटके से खोले बिना ही नीचे खींच दिया उसकी सलवार पढ़ते पढ़ते रह गई थी इस कदर संजू में उत्तेजना का संचार हो चुका था,,,, मोहिनी भी अपने भाई को रोक नहीं पाई और अगले ही पल संजू उसकी चड्डी को नीचे खींचकर उसके गुलाबी छेद पर अपनी जीभ रख दिया और उसे चाटना शुरू कर दिया,,,, संजू का अपनी मां के पास जाने से पहले का यह अभ्यास था जिसमें वह किसी भी तरह से असफल नहीं होना चाहता था आज वह मोहिनी की आंखों के सामने अपनी मां की जबरदस्त चुदाई करना चाहता था और मोहिनी को दिखा देना चाहता था कि उसकी मर्दानगी के आगे उसकी मां भी घुटने टेक दि है,,,,
मोहिनी और संजू


मोहिनी की मदहोश जवानी अंगड़ाई ले रही थी और अगले ही पल संजू उसे पीठ के बल लेटा कर दोनों टांगों को फैला दिया और फिर अपने आप को उसके कोमल अंग में उतारकर कमर हिलाना शुरू कर,,,, मोहिनी पागलों की तरह सिसकारी देना चाहती थी लेकिन वह नहीं चाहती थी कि उसकी गर्मागर्म सिसकारी की आवाज उसकी मां के कानों में जाए इसलिए वह अपने आप पर बहुत काबू किए हुए थी अपने भाई के लंड को वह अपनी चूत की गहराई तक महसूस कर रही थी,,,, हर धक्के के साथ उसे स्वर्ग का अनुभव रहा था वह पूरी तरह से मस्त हुए जा रही थी मदहोशी के सागर में वह पूरी तरह से डूबती चली जा रही थी और थोड़ी ही देर बाद मोहिनी का बदन अकड़ में लगा वह चरम सुख के बेहद करीब पहुंच गई थी यह देखकर संजू उसे अपनी बाहों में भर लिया,,,,,, मोहिनी की कसी हुई चूत हमेशा से संजू के लंड का रस निचोड़ लेती थी,,, संजु अपनी बहन की गुलाबी चूत का पूरी तरह से दीवाना था एक महीने की ही चूत थी जिसे वह जब चाहे तब ले सकता था जी भर कर ले सकता था बाकी अभी भी वह मोहिनी की नजर से बच कर ही अपनी मां की चुदाई करता था वैसे तो मोहिनी को इस बात का पता चल भी जाता तो अभी संजू के लिए कोई दिक्कत खड़ी नहीं होती लेकिन संजू के मन में कुछ और चल रहा था वह मोहिनी को अपने और अपनी मां के बीच के रिश्ते के बारे में कुछ दिखा कर आश्चर्यचकित कर देना चाहता था,,,, और इसी लिए इस समय वह अपनी बहन को बिना कुछ बताएं वह उसकी चुदाई कर रहा था,,, वैसे संजू को चुदाई करने की लिए उकसाने वाली उसकी बहन ही थी जिसका इस समय दोनों भरपूर आनंद ले रहे थे,,,, संजू जैसे मर्दाना लंड को अपनी चूत में पाकर मोहिनी पूरी तरह से खेल चुकी थी और भी ज्यादा खूबसूरत और जवान लगने लगी थी उसके अंगों में अद्भुत उभार आना शुरू हो गया था खास करके उसके संतरे धीरे-धीरे अपने आकार में आ रहे थे और नितंबों का आकार तो एकदम जानलेवा होता जा रहा था संजू इस बात से पूरी तरह से अपने आप पर गर्व महसूस करता था कि इतनी खूबसूरत लड़की उससे रोज चुदवाती है,,,,, हालांकि वह इस बात से भी इनकार नहीं कर सकता था कि दुनिया की सबसे खूबसूरत औरत जो कि उसकी मां थी वह भी उससे रोज चुदवाती थी और अगर उसे अपनी मां और बहन दोनों की चूत में सबसे ज्यादा नंबर देना हो तो वह बेझिझक अपनी मां की चूत को ही सबसे ज्यादा नंबर देगा,,, क्योंकि मोहिनी तो फिर भी अभी जवानी के दौर में कदम रखी थी लेकिन उसकी मां तो जवानी के उस उम्र को पार कर आई थी और दो-दो जवान बच्चों की मां होने के बावजूद भी अपने बदन को इस तरह से संभाल कर रखी थी कि जवान लड़कियां भी उसकी जवानी के आगे पानी भरती नजर आती थी उसकी चूत अभी भी मोहिनी की चूत से भी ज्यादा कसी हुई थी जिसे चोदने में संजू को अद्भुत सुख का अनुभव होता था,,,,, अपनी बहन की जवानी की अकड़ देखकर संजू को आभास हो गया था उसकी बहन पानी छोड़ने वाली है इसलिए वह अपनी बहन को पूरी तरह से अपनी बाहों में कस लिया था
और फिर पूरा जी जान लगाकर धक्के पर धक्का लगाना शुरू कर दिया,,, और कुछ ही देर में वह अपनी बहन की चूत में अपने गर्म लावा उड़ेलने लगा,,,,


सब कुछ शांत हो चुका था 12:00 बजने वाले थे संजू बार-बार दीवार पर टंगी घड़ी की तरफ देख रहा था और मोहिनी भी घड़ी पर ही नजर टिकाई हुए थे वह भी देखना चाहती थी कि 12:00 बजे के बाद उसका भाई क्या दिखाने वाला है,,,,,, देखते ही देखते दीवार पर टंगी घड़ी में दोनों सुईया 12 बजाते हुए अपने निर्धारित स्थल पर पहुंच गई संजू का दिल जोरों से धड़क रहा था साथ ही मोहिनी के दिल की धड़कन भी बढ़ती जा रही थी संजू को अपनी जगह से उठता हुआ मोहिनी से बोला,,,।

देख मोहिनी मैं मम्मी के कमरे में जा रहा हूं दरवाजा तो मैं बंद कर दूंगा लेकिन दरवाजे की दरार में से तुझे कमरे के अंदर का सब कुछ दिखाई देगा मैं ट्यूब लाइट बंद नहीं करूंगा ताकि तुझे देखने में आसानी हो,,,


(इतना सुनते ही मोहिनी का रोम-रोम एकदम से पुलकित हो गया उसे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या होने वाला है वह यह बात बिल्कुल भी नहीं जानती थी कि उसकी मां और उसके बारे में सब कुछ हो चुका है दोनों के बीच सारे संबंध स्थापित हो चुका है इस नए रिश्ते से मोहिनी पूरी तरह से अनजान थी इसलिए उसे समझ में नहीं आ रहा था कि उसका भाई क्या कह रहा है कुछ पल के लिए तो उसे अपने कानों पर विश्वास ही नहीं हुआ इसलिए वह अपनी शंका दूर करते हुए अपने भाई से बोली,,,)

तू क्या कह रहा है भाई मैं कुछ समझ नहीं रही हूं,,,,

देख मेरी रानी तुझे समझाने का समय मेरे पास बिल्कुल भी नहीं है क्यों मैं तुझसे कहता हूं वैसा ही तू करती जा और उसके बाद ही करना तुझे वह देखने को मिलेगा जिसके बारे में तु कभी सोची भी नहीं थी ,,,,

ऐसा क्या दिखाने वाला है भाई तू,,,

चल तुझे दिखाता हूं,,, लेकिन संभाल कर बिल्कुल भी आवाज मत करना,,,
(और इतना कहने के साथ ही संजू चोर कदमों से अपने कमरे से बाहर निकला और धीरे से बिना आहट की अपनी बहन को भी कमरे से बाहर ले आया और फिर सीधा जाकर रसोई घर में से एक कटोरी ले आया जिसमें उसके हिस्से का केक पड़ा हुआ था केक को देखकर आश्चर्य जताते हुए मोहिनी बोली)

इतनी रात को,,,,

अरे चुप,,(इशारे से मोहिनी को चुप रहने को कहा क्योंकि संजू बिल्कुल भी नहीं चाहता था कि उसकी बहन जाग रही है इस बारे में उसकी मां को पता चले वरना रात का सारा कार्यक्रम खराब हो जाएगा,,,, और फिर वह दरवाजे के करीब पहुंच गया अंदर ट्यूबलाइट जल रही थी जिसकी रोशनी दरवाजे की दरार में से साफ नजर आ रही थी वह मोहिनी को रसोई घर के पास रुके रहने का इशारा किया और इशारों में ही उसे बताया कि जब वह अंदर चले जाए तब धीरे से दरवाजे के पास चली आना,,,,, संजू अच्छी तरह से जानता था कि उसकी मां उसके लिए दरवाजा खुला छोड़ दी होगी इसलिए संजू बिना आवाज किए बिना दरवाजे पर दस्तक दे धीरे से दरवाजे को धक्का दिया तो दरवाजा अपने आप खुल गया या देखकर मोहिनी भी हैरान हो गई,,,, और फिर धीरे से संजू कमरे में दाखिल हुआ और दरवाजेके लिए बोला और फिर दरवाजे को बंद कर दिया,,,, दरवाजे को बंद करते समय वह एक नजर बिस्तर पर डाल दिया था जहां पर उसे उसकी मां पेट के बल लेटी हुई नजर आ रही थी जिससे उसकी मदमस्त कर देने वाली कसी गांड साड़ी में कैद होने के बावजूद भी एकदम उभरकर नजर आ रही थी,,,, संजू दरवाजा बंद करके धीरे से कड़ी लगा दिया क्योंकि वह जानता था कि दरवाजे की दरार में से उसकी बहन को सब कुछ नजर आएगा और वह धीरे से बिस्तर पर आकर बैठ गया,,,बिस्तर पर देखते ही आराधना जो कि जाग रही थी वह ऊतेजना से कसमसाने लगी और धड़कते दिल के साथ मोहिनी चोर कदमों से चलते हुए अपनी मां के कमरे के दरवाजे के पास आ गई और दरवाजे की दरार में से अंदर देखने का प्रयास करने लगी,,,।
 
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Kumarshiva

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आज का दिन आराधना कभी भुलने वाली नहीं थी,,, वो कभी सपने मैं भी नहीं सोची थी कि वह अपना जन्मदिन इस तरह से मनाएगी,,,, अद्भुत सुख प्राप्त हुआ था उसे एक रंडी बनकर गेस्ट हाउस में जाकर चुदवाने में जो मजा था वह शायद घर पर भी नहीं मिला था लेकिन वह अपने बेटे के साथ संपूर्ण सुख की अनुभूति करती थी एक असली मर्द के साथ एक खूबसूरत औरत ही शोभा देती है या यूं कह लो कि एक खूबसूरत जवानी से भरी हुई औरत की बेलगाम जवानी पर एक असली मर्द ही काबू पा सकता है और वह था सिर्फ संजू जिसने गेस्ट हाउस में अपनी मां की तीन-तीन बार चुदाई करके उसे संपूर्ण सुख की अनुभूति कराया था,,,, आराधना को ऐसा ही लगा था कि उसका बेटा गेस्ट हाउस में एक ही बार करके वापस आ जाएगा लेकिन वह हैरान थी क्योंकि उसके बेटे ने 1:00 से 5:00 बजे तक गेस्ट हाउस का कमरा बुक करके रखा था 4 घंटे में उसने जो सुख उसे दिया वह कभी जिंदगी में भूलने वाली नहीं थी और सबसे ज्यादा उत्तेजना आत्मक पल उसे वह लगा था जब उसके बेटे ने अपने लंड पर उसे चढ़ा कर उसकी बड़ी बड़ी गांड पर दोनों हाथ रख कर उसे कुदने के लिए बोला था और वेटर को उसी समय कमरे में आने की इजाजत भी दे दिया था,,,,,

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उस समय आराधना शर्म से पानी-पानी हुई जा रही थी लेकिन अपने बदन में अद्भुत उत्तेजना का संचार भी महसूस कर रही थी एक अनजान मर्द के सामने एक जवान लड़के से चुदवाने में जो मजा और आनंद उसे प्राप्त हुआ था वह कभी सपने में भी सोच नहीं सकती थी उससे वेटर की निगाहों को अच्छी तरह से देख रही थी जो कि बार-बार उस के नंगे बदन पर घूम रही थी,,,,,,, संजू और उसके पति को छोड़कर आज तक किसी ने उसके नंगे बदन को अपनी आंखों से देख नहीं पाया था लेकिन संजू की जीद के आगे वह मजबूर हो चुकी थी अपने नंगे बदन को एक अनजान मर्द को दिखाने के लिए और वह भी ऐसे हालात में जब उसकी चूत में पूरा लंड घुसा हुआ था आराधना को भी निश्चित तौर पर मालूम था कि वह वेटर उसकी नंगी जवानी देखने के बाद जरूर बाथरूम में जाकर अपने हाथ से अपनी गर्मी शांत किया होगा,,,,।

आराधना फ्रेश होकर बाथरूम से बाहर आ गई थी अंधेरा हो चुका था खाना बनाने की चिंता बिल्कुल भी नहीं थी क्योंकि होटल से खाने के लिए लेकर आए थे थोड़ी ही देर में मोहिनी ने एक टेबल पर अच्छे से केक रखकर सजा दी,,,, और करीब करीब 9:00 बजे आराधना अच्छे से सज धज के मोमबत्ती को अपनी फुक से बुझाकर केक काटी और सबसे पहले केक के टुकड़े को अपनी बेटी मोहिनी के मुंह में डाल दी मोहिनी भी दांतों से हल्का सा केक काटकर खाने लगी और फिर आराधना उसके एक के टुकड़े को संजू को खिलाने लगी तो संजू अपनी मां के हाथ से उसके एक के टुकड़े को लेकर अपनी मां को खिलाने लगा और उसकी मां मुस्कुराते हुए केक को खाने लगी,,,, तीनों बहुत खुश नजर आ रहे थे लेकिन मोहिनी की उत्सुकता बढ़ती जा रही थी,,, वह इस बात को सोच कर हैरान हो जा रही थी कि आखिरकार उसका भाई रात के 12:00 बजे के बाद क्या दिखाने वाला है,,,,

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थोड़ी ही देर में होटल से लाया हुआ खाना तीनों खाने लगे खाना खाते खाते 10:30 बज गया था मोहिनी इस बीच वह दोनों कहां घूमने गए थे इस बारे में पूछती रही और संजू बात को घुमाते हुए उसका ध्यान भटका रहा था लेकिन जब जब मोहिनी दिन भर वह दोनों क्या किए ऐसा पूछती थी तब तब आराधना के चेहरे पर शर्म की लालिमा छा जाती थी उसका चेहरा सुर्ख लाल हो जाता था और वह अपनी नजरों को शर्मा कर नीचे झुका देती थी आखिरकार वह अपनी बेटी की बातों का जवाब किस तरह से देती क्योंकि दिन भर वह अपने बेटे के साथ गेस्ट हाउस के कमरे में थी जहां पर सिर्फ एक रंडी जाती है एक धंधे वाली औरत जाती है,,,,,, लेकिन फिर भी संजू की बातों से बात आई गई हो गई थी अगर इस बात का आराधना को जरा सा भी आभास होता कि उसकी बेटी खुद यह चाहती है कि उसकी मां अपने ही बेटे से चुदवाया तो वह आज के सारे कार्यक्रम को अपने मुंह से अपनी बेटी को सुना देते कि कैसे उसके बेटे ने गेस्ट हाउस के कमरे में उसकी प्यास बुझा या,,,,,

खाना खाने के बाद इधर उधर की बातें करते हुए 11:00 बज गए थे और फिर आराधना संजू को इशारा करके अपने कमरे में चली गई थी,,, दूसरी तरफ संजू और मोहिनी दोनों अपने कमरे में चले गए थे,,,, कमरे में जाते ही मोहिनी संजू से बोली,,,।

भाई मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि तू मुझे 12:00 बजे के बाद क्या दिखाना चाहता है और वह भी मम्मी के कमरे में,,,

वह तो तुझे 12:00 बजने के बाद ही पता चलेगा,,,,


और अगर मुझे नींद आ गई तब क्या करेगा,,,

मैं तुझे सोने ही नहीं दूंगा,,,,

तो मुझे जगाने के लिए क्या करेगा भाई,,,?(मोहिनी मुस्कुराते हुए बोली क्योंकि मोहिनी अच्छी तरह से समझ रही थी कि उसका भाई क्या कहना चाह रहा है)

मैं क्या करूंगा,,,,(और इतना कहने के साथ ही अपने पेंट की बटन खोलने लगा और अगले ही पल अपने खड़े लंड को बाहर निकालकर हाथ में लेकर हिलाते हुए मोहिनी की तरफ आगे बढ़ाकर बोला) तुझे यह कोन खिलाऊंगा तभी तु जागती रहेगी,,,,।
(अपने भाई की हरकत को देखकर मोहिनी बहुत खुश हुई और अगले ही पल वह अपना हाथ लगाए बिना ही अपने लाल-लाल होठों को अपने भाई के लंड के करीब लेकर गई और बेहद उत्तेजना आत्मक तरीके से अपने लाल-लाल होठों को अपने भाई के लंड के सुपाड़े पर रखकर होठ से ही दबा दी,,, मोहिनी की इस कामुक हरकत पर संजू के तन बदन में उत्तेजना की चिंगारी फुटने लगी और वह तुरंत अपना हाथ मोहिनी के सर पर रख कर उस पर दबाव बनाते हुए मोहिनी को पूरा का पूरा अंदर लेने के लिए विवश करने लगा और अगले ही पल मोहिनी भी अपने भाई की बात मानते हुए आइसक्रीम कौन की तरह मोटे और लंबे लंड को पूरा का पूरा अपने लाल-लाल होठों के बीच से लेते हुए गले की गहराई तक पहुंचा दी,,,,, संजू बहुत खुश हो रहा था मजा मोहिनी को मिल रहा था लेकिन इस बात की संतुष्टि संजू को थी कि उसकी बहन उसके लंड को मुंह में लेकर चूसने अपनी ही मां के लिए तैयार कर रही है,,,,

संजू पागल होने लगा क्योंकि मोहिनी को लंड चूसने की प्रक्रिया पूरी तरह से आती थी वह इस काम में पूरी तरह से माहिर हो चुकी थी इसलिए मोहिनी रह रह कर अपने होठों का दबाव लंड पर बढ़ा देती तो कभी जीभ के किनारी से लंड की उभरी हुई नशो को कुरेद देती,,, संजू को अद्भुत सुख प्राप्त हो रहा था मोहिनी पूरी तरह से अपने भाई के जवानी के केंद्र बिंदु पर छाई हुई थी,,,, मोहिनी की चूत काफी लसलसी हो चुकी थी,,,,,, बार-बार उसकी गुलाबी छेद पानी छोड़ रही थी,,, मोहिनी अपनी कार्यक्षमता और काम शक्ति का प्रदर्शन करते हुए अपने भाई के लंड को पूरी तरह से टन टना दी थी,,,, अब संजू से सब्र करना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन था वह तुरंत अपनी बहन को खड़ी किया और खुद घुटनों के बल बैठ गया और तुरंत उसकी सलवार को एक झटके से खोले बिना ही नीचे खींच दिया उसकी सलवार पढ़ते पढ़ते रह गई थी इस कदर संजू में उत्तेजना का संचार हो चुका था,,,, मोहिनी भी अपने भाई को रोक नहीं पाई और अगले ही पल संजू उसकी चड्डी को नीचे खींचकर उसके गुलाबी छेद पर अपनी जीभ रख दिया और उसे चाटना शुरू कर दिया,,,, संजू का अपनी मां के पास जाने से पहले का यह अभ्यास था जिसमें वह किसी भी तरह से असफल नहीं होना चाहता था आज वह मोहिनी की आंखों के सामने अपनी मां की जबरदस्त चुदाई करना चाहता था और मोहिनी को दिखा देना चाहता था कि उसकी मर्दानगी के आगे उसकी मां भी घुटने टेक दि है,,,,
मोहिनी और संजू


मोहिनी की मदहोश जवानी अंगड़ाई ले रही थी और अगले ही पल संजू उसे पीठ के बल लेटा कर दोनों टांगों को फैला दिया और फिर अपने आप को उसके कोमल अंग में उतारकर कमर हिलाना शुरू कर,,,, मोहिनी पागलों की तरह सिसकारी देना चाहती थी लेकिन वह नहीं चाहती थी कि उसकी गर्मागर्म सिसकारी की आवाज उसकी मां के कानों में जाए इसलिए वह अपने आप पर बहुत काबू किए हुए थी अपने भाई के लंड को वह अपनी चूत की गहराई तक महसूस कर रही थी,,,, हर धक्के के साथ उसे स्वर्ग का अनुभव रहा था वह पूरी तरह से मस्त हुए जा रही थी मदहोशी के सागर में वह पूरी तरह से डूबती चली जा रही थी और थोड़ी ही देर बाद मोहिनी का बदन अकड़ में लगा वह चरम सुख के बेहद करीब पहुंच गई थी यह देखकर संजू उसे अपनी बाहों में भर लिया,,,,,, मोहिनी की कसी हुई चूत हमेशा से संजू के लंड का रस निचोड़ लेती थी,,, संजु अपनी बहन की गुलाबी चूत का पूरी तरह से दीवाना था एक महीने की ही चूत थी जिसे वह जब चाहे तब ले सकता था जी भर कर ले सकता था बाकी अभी भी वह मोहिनी की नजर से बच कर ही अपनी मां की चुदाई करता था वैसे तो मोहिनी को इस बात का पता चल भी जाता तो अभी संजू के लिए कोई दिक्कत खड़ी नहीं होती लेकिन संजू के मन में कुछ और चल रहा था वह मोहिनी को अपने और अपनी मां के बीच के रिश्ते के बारे में कुछ दिखा कर आश्चर्यचकित कर देना चाहता था,,,, और इसी लिए इस समय वह अपनी बहन को बिना कुछ बताएं वह उसकी चुदाई कर रहा था,,, वैसे संजू को चुदाई करने की लिए उकसाने वाली उसकी बहन ही थी जिसका इस समय दोनों भरपूर आनंद ले रहे थे,,,, संजू जैसे मर्दाना लंड को अपनी चूत में पाकर मोहिनी पूरी तरह से खेल चुकी थी और भी ज्यादा खूबसूरत और जवान लगने लगी थी उसके अंगों में अद्भुत उभार आना शुरू हो गया था खास करके उसके संतरे धीरे-धीरे अपने आकार में आ रहे थे और नितंबों का आकार तो एकदम जानलेवा होता जा रहा था संजू इस बात से पूरी तरह से अपने आप पर गर्व महसूस करता था कि इतनी खूबसूरत लड़की उससे रोज चुदवाती है,,,,, हालांकि वह इस बात से भी इनकार नहीं कर सकता था कि दुनिया की सबसे खूबसूरत औरत जो कि उसकी मां थी वह भी उससे रोज चुदवाती थी और अगर उसे अपनी मां और बहन दोनों की चूत में सबसे ज्यादा नंबर देना हो तो वह बेझिझक अपनी मां की चूत को ही सबसे ज्यादा नंबर देगा,,, क्योंकि मोहिनी तो फिर भी अभी जवानी के दौर में कदम रखी थी लेकिन उसकी मां तो जवानी के उस उम्र को पार कर आई थी और दो-दो जवान बच्चों की मां होने के बावजूद भी अपने बदन को इस तरह से संभाल कर रखी थी कि जवान लड़कियां भी उसकी जवानी के आगे पानी भरती नजर आती थी उसकी चूत अभी भी मोहिनी की चूत से भी ज्यादा कसी हुई थी जिसे चोदने में संजू को अद्भुत सुख का अनुभव होता था,,,,, अपनी बहन की जवानी की अकड़ देखकर संजू को आभास हो गया था उसकी बहन पानी छोड़ने वाली है इसलिए वह अपनी बहन को पूरी तरह से अपनी बाहों में कस लिया था
और फिर पूरा जी जान लगाकर धक्के पर धक्का लगाना शुरू कर दिया,,, और कुछ ही देर में वह अपनी बहन की चूत में अपने गर्म लावा उड़ेलने लगा,,,,

सब कुछ शांत हो चुका था 12:00 बजने वाले थे संजू बार-बार दीवार पर टंगी घड़ी की तरफ देख रहा था और मोहिनी भी घड़ी पर ही नजर टिकाई हुए थे वह भी देखना चाहती थी कि 12:00 बजे के बाद उसका भाई क्या दिखाने वाला है,,,,,, देखते ही देखते दीवार पर टंगी घड़ी में दोनों सुईया 12 बजाते हुए अपने निर्धारित स्थल पर पहुंच गई संजू का दिल जोरों से धड़क रहा था साथ ही मोहिनी के दिल की धड़कन भी बढ़ती जा रही थी संजू को अपनी जगह से उठता हुआ मोहिनी से बोला,,,।

देख मोहिनी मैं मम्मी के कमरे में जा रहा हूं दरवाजा तो मैं बंद कर दूंगा लेकिन दरवाजे की दरार में से तुझे कमरे के अंदर का सब कुछ दिखाई देगा मैं ट्यूब लाइट बंद नहीं करूंगा ताकि तुझे देखने में आसानी हो,,,
(इतना सुनते ही मोहिनी का रोम-रोम एकदम से पुलकित हो गया उसे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या होने वाला है वह यह बात बिल्कुल भी नहीं जानती थी कि उसकी मां और उसके बारे में सब कुछ हो चुका है दोनों के बीच सारे संबंध स्थापित हो चुका है इस नए रिश्ते से मोहिनी पूरी तरह से अनजान थी इसलिए उसे समझ में नहीं आ रहा था कि उसका भाई क्या कह रहा है कुछ पल के लिए तो उसे अपने कानों पर विश्वास ही नहीं हुआ इसलिए वह अपनी शंका दूर करते हुए अपने भाई से बोली,,,)

तू क्या कह रहा है भाई मैं कुछ समझ नहीं रही हूं,,,,

देख मेरी रानी तुझे समझाने का समय मेरे पास बिल्कुल भी नहीं है क्यों मैं तुझसे कहता हूं वैसा ही तू करती जा और उसके बाद ही करना तुझे वह देखने को मिलेगा जिसके बारे में तु कभी सोची भी नहीं थी ,,,,

ऐसा क्या दिखाने वाला है भाई तू,,,

चल तुझे दिखाता हूं,,, लेकिन संभाल कर बिल्कुल भी आवाज मत करना,,,
(और इतना कहने के साथ ही संजू चोर कदमों से अपने कमरे से बाहर निकला और धीरे से बिना आहट की अपनी बहन को भी कमरे से बाहर ले आया और फिर सीधा जाकर रसोई घर में से एक कटोरी ले आया जिसमें उसके हिस्से का केक पड़ा हुआ था केक को देखकर आश्चर्य जताते हुए मोहिनी बोली)

इतनी रात को,,,,

अरे चुप,,(इशारे से मोहिनी को चुप रहने को कहा क्योंकि संजू बिल्कुल भी नहीं चाहता था कि उसकी बहन जाग रही है इस बारे में उसकी मां को पता चले वरना रात का सारा कार्यक्रम खराब हो जाएगा,,,, और फिर वह दरवाजे के करीब पहुंच गया अंदर ट्यूबलाइट जल रही थी जिसकी रोशनी दरवाजे की दरार में से साफ नजर आ रही थी वह मोहिनी को रसोई घर के पास रुके रहने का इशारा किया और इशारों में ही उसे बताया कि जब वह अंदर चले जाए तब धीरे से दरवाजे के पास चली आना,,,,, संजू अच्छी तरह से जानता था कि उसकी मां उसके लिए दरवाजा खुला छोड़ दी होगी इसलिए संजू बिना आवाज किए बिना दरवाजे पर दस्तक दे धीरे से दरवाजे को धक्का दिया तो दरवाजा अपने आप खुल गया या देखकर मोहिनी भी हैरान हो गई,,,, और फिर धीरे से संजू कमरे में दाखिल हुआ और दरवाजेके लिए बोला और फिर दरवाजे को बंद कर दिया,,,, दरवाजे को बंद करते समय वह एक नजर बिस्तर पर डाल दिया था जहां पर उसे उसकी मां पेट के बल लेटी हुई नजर आ रही थी जिससे उसकी मदमस्त कर देने वाली कसी गांड साड़ी में कैद होने के बावजूद भी एकदम उभरकर नजर आ रही थी,,,, संजू दरवाजा बंद करके धीरे से कड़ी लगा दिया क्योंकि वह जानता था कि दरवाजे की दरार में से उसकी बहन को सब कुछ नजर आएगा और वह धीरे से बिस्तर पर आकर बैठ गया,,,बिस्तर पर देखते ही आराधना जो कि जाग रही थी वह ऊतेजना से कसमसाने लगी और धड़कते दिल के साथ मोहिनी चोर कदमों से चलते हुए अपनी मां के कमरे के दरवाजे के पास आ गई और दरवाजे की दरार में से अंदर देखने का प्रयास करने लगी,,,।
Fantastic update👍👍👍👍
 

rohnny4545

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kya ek garam aur kamuk kahaani hain ye!
ekdom lajawab aur behad exciting writings
Dhanyawad

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