अपडेट के लिये आभार
बौहुत ही शानदार पोस्ट मज़ा आ गया पढकर
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वाह भाई वाह मजा आ गया क्या मदमस्त मादक और उन्मादक अपडेट है बहुत ही जबरदस्त हैबाथरूम में अनजाने में ही हुए नग्नता के दर्शन का अंजाम धीरे-धीरे और मादकता से भरता चला जा रहा था,,,, कमरे के अंदर,,, मोहिनी संजू और साधना तीनों थे लेकिन मोहिनी गहरी नींद में सो चुकी थी साधना अपने जवान भतीजे को लेकर कुछ ज्यादा ही उत्सुक हो रही थी,,,, संजू ने अपनी मौसी को पेशाब करते हुए देख लिया था और यह बात जानते हुए भी उसकी मौसी उसे डांटने या समझाने की बजाय उस मौके का पूरी तरह से फायदा ले रही थी,,,, अच्छी तरह से जानती थी कि संजु एकदम जवान लड़का था,,,,पर जिस तरह से वह उसके सामने हरकत कर रही थी जरूर संजू अपने अंदर उत्तेजना का अनुभव कर रहा था,,, अपने नंगे बदन को दिखाने का बहाना भी उसके पास मौजूद था वह चादर ढूंढने के बहाने उससे लाइट चालू करवा कर उसे अपने नंगे पन का दर्शन करना चाहती थी जिसमें वह पूरी तरह से कामयाब हो गई थी,,,, नंगी चिकनी मोटी मोटी चाहूंगा और लाल रंग की पेंटी बड़ी बड़ी गांड को दिखाकर वह संजु के चेहरे के बदलते भाव को अच्छी तरह से पढ़ ली थी,,,, उम्र के इस पड़ाव पर पहुंचकर साधना इतना तो समझ ही गई थी कि उसकी हरकत का संजु पर किस तरह का प्रभाव पड़ रहा होगा,, वह अच्छी तरह से जान रही थी कि संजु चुदवासा हो रहा है,,, इस मौके का साधना पूरी तरह से फायदा उठा लेना चाहती थी,,,।
साधना
बेमन से ट्यूब लाइट को बंद करके संजू अपनी मौसी के बगल में आकर लेट गया लेकिन नींद कहां आने वाली थी जब बिस्तर में एक खूबसूरत जवान गर्म औरत हो तो भला एक जवान लड़के को नींद कहां आने वाली थी,,,। कुछ पल पहले अपनी आंखों से देखे गए दृश्य के बारे में सोच कर संजू का लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया था,,,, पहले बाथरूम में अनजाने में ही उसकी नजर पेशाब कर रही साधना पर चली गई जिसे देखकर वह सब कुछ भूल गया और उसे देखता ही रह गया,,,साधना की मदहोश कर देने वाली गोल-गोल बड़ी कार उसके आकर्षण का केंद्र बिंदु बन चुकी थी,,, पेशाब करते समय साधना की गुलाबी बुर से निकल रही पेशाब की धार के साथ मधुर ध्वनि किसी बांसुरी की आवाज की तरह सुनाई दे रही थी जिस आवाज को सुनकर संजू अपनी उम्र के मुताबिक ही अत्यंत उत्तेजना का अनुभव कर रहा था,,,,। साधना भी उसे उस मौके का भरपूर आनंद देते हुए उसे अपनी बड़ी बड़ी गांड का भरपुर नजारा उसे दिखा रही थी,,,, साधना अपने आप में अपने भतीजे को इतना दिलचस्पी दिखाता देख कर उसे अपनी जवानी पर गर्व होने लगा था,,,,,, की इस उम्र में भी वह जवान लड़कों को अपनी तरफ आकर्षित कर सकती थी,,,।
साधना पेशाब करते हुए
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एक कमरे में आराधना और बगल वाले कमरे में साधना मोहिनी और संजू तीनो लेटे हुए थे मोहिनी तो कब का गहरी नींद में सो चुकी थी लेकिन साधना और संजू कि आंखों से नींद गायब थी,,,,, दोनो एक दूसरे के प्रति आकर्षित हुए जा रहे थे,,,,दोनों के बीच खामोशी जागृति किसी भी प्रकार का शोर शराबा बिल्कुल भी नहीं था रात का समय होने की वजह से सडको परवाहनों का आना जाना भी कम हो गया था कमरे के अंदर ट्यूब लाइट बंद करने की वजह से अंधेरा छाया हुआ था,,, साधना ही बातों के दौर को शुरु करते हुए बोली,,,।
संजू वो क्या है ना कि,, मुझे रात का कम कपड़े पहन कर सोने की आदत कभी-कभी तो में कपड़े ही नहीं पहनती हुं,,,।
क्या बात कर रही हो मौसी,,,,, मतलब कि बिना कपड़े के,,, एक दम नं,,,,,(संजू अपनी बात को पूरा नही कर पाया और अटक गया,, अपनी मौसी के सामने नंगी शब्द कहने में उसके संस्कार दीवार बनकर खड़े थे लेकिन,,,मौसी को किसी भी प्रकार की अडचन नहीं थी वह खुलकर हर शब्दों को कह सकती थी,,, इसलिए संजू के अधुरे शब्द को पूरा करते हुए वह बोली,,,)
हां संजु तु ठीक कह रहा है कभी कभी तो में अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी होकर सोती हूं,,,(अपनी मौसी की यह बातें सुनकर संजू की हालत खराब होने लगी,, उसके लंड का कडक पन और ज्यादा बढ़ने लगा,,,, उसे बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि उसकी मौसी इस तरह से खुल कर कह देगी,,,लेकिन उसकी मौसी के द्वारा कहे गए हरएक शब्द उस के कानों में मिश्री की तरह घुल रहे थे,,,।)
लेकिन मौसी ,,,, मौसा जी कुछ बोलते नहीं है,,,
वह क्या बोलेंगे उनको तो यह सब कुछ अच्छा लगता है,,,
क्या मौसा जी को यह सब अच्छा लगता है,,,
तो क्या,,,, वह तो मुझसे हमेशा कहते रहते थे कि अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी सोया करो,,,,
(साधना जानबूझकर इस तरह के गंदे शब्दों का प्रयोग कर रही थी वह संजू को पूरी तरह से उत्तेजित करना चाहती थी और ऐसा हो भी रहा था अपनी मौसी के मुंह से नंगी जैसे गंदे शब्दों को सुनकर संजू पूरी तरह से उत्तेजित हो रहा था उसका लंड टनटना कर खड़ा हो गया था,,,)
अगर कोई घर का दूसरा सदस्य देख ले तो,,,
कोई नहीं देखेगा अलग अलग कमरा है ना इसलिए,,,
हां तो ठीक है,,,, इसीलिए तुमको इस समय सोते नहीं बन रहा है,,,
हां तू सच कह रहा है,,,,,,, कमरे में मोहिनी सोई है वरना मैं अपने सारे कपड़े उतार देती,,,
क्या,,,?(आश्चर्य से संजू बोला)
तो क्या अगर कमरे में सिर्फ मैं और तू होती तो मैं अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी ही सोती क्या करूं आदत से मजबूर हो गई हुं,,,,
(साधना देखना चाहती थी कि संजू क्या कहता है संजू की तो जैसे यह सुनकर लॉटरी लग गई थी,,,अपनी मन की कल्पना करने लगा कि अगर उसके साथ मौसी अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी सोएंगी तो कैसा लगेगा,,,, ख्याल मात्र से ही वह पूरी तरह से मदहोश हो गया,,इस बात को अच्छी तरह से जानता था कि मोहिनी अगर एक बार सो जाए तो फिर वह जल्दी उठती नहीं है भले ही कितना भी शोर-शराबा क्यों ना हो वह बहुत ही गहरी नींद में सोती थी,,,उसके मन में यह ख्याल आ रहा था कि वह यह बात अपनी मौसी से बता दे लेकिन डर रहा था कि उसकी मौसी उसके बारे में क्या सोचेगी लेकिन फिर भी उसकी उत्तेजना उसके मन को अपने काबू में कर ली थी इसलिए ना चाहते हुए भी संजू घबराते हुए बोला,,,,)
एक बात कहूं मौसी,,,
हां हां कहो,,(एक औरत होने के नाते साधना का दिल भी जोरो से धड़कने लगा था क्योंकि वह एक जवान लड़की के सामने और वह भी अपने सगे भतीजे के सामने गंदे शब्दों का प्रयोग कर रही थी और इसी इंतजार में थी कि संजू क्या कहने वाला है,,,)
मैं कह रहा था कि अगर तुम्हें इतराज ना हो जड़ जगत तो मोहनी एकदम गहरी नींद में सोचती है समझ लो एकदम घोड़ा बेचकर,,,।
(संजू की आवाज सुनते ही साधना का मन प्रसन्नता से भर गया क्योंकि वह संजू के मुंह से यही सुनना चाहती थी,,, लेकिन अपनी प्रसन्नता जाहिर होने देना नहीं चाहती थी इसलिए बोली,,,।)
नहीं जाने दे एक रात की तो बात है कल तो मैं चली जाऊंगी,,,
नहीं नहीं मौसी,,,, रात बड़ी लंबी होती है सोना भी तो जरूरी है जब तुम्हें ठीक से नींद नहीं आएगी तो क्या फायदा अगर तुम्हें एतराज ना हो तो अपने कपड़े उतार सकती हो,,,,,
(संजू बहुत धीरे-धीरे और कांपते स्वर में बोल रहा था,, संजू की बात से साधना उत्तेजित हुए जा रही थीक्योंकि पहली बार कोई जवान लड़का उसके बेटे की उम्र का लड़का उसे अपने कपड़े उतारने के लिए बोल रहा था,,,, अब साधना ज्यादा ना नुकुर नहीं करना चाहती थी,,,,, इसलिए संजू की बात मानते हुए बोली,,)
ठीक हैअगर तुझे कोई दिक्कत नहीं है तो मैं अपने सारे कपड़े उतार देती हूं लेकिन अगर मोहिनी जाग गई तो क्या होगा और मुझे इस हाल में देख लेगी तो क्या सोचेगी और वह भी तेरे बगल में,,,,
नहीं जागेगी मौसी मैं उसे मैं उसे अच्छी तरह से जानता हूं,,,,
(संजू की बातें सुनकर साधना का भी दिल जोरों से धड़क रहा था उसे यकीन हो गया था कि संजू भी उसे नंगी देखना चाहता है उसका जवान अरमान मचल रहा था,,,, तो भला साधना क्यों पीछे हटती,,,, इसलिए वह बोली,,,)
तब तो ठीक है रुक में अपने कपड़े उतारती हूं,,,लेकिन सुबह मोहिनी के उठने से पहले ही मुझे जगा देना ताकि मैं अपने कपड़े पहन सकूं,,,,
कोई बात नहीं मौसी मैं तुम्हें जगा दूंगा,,,,
(इस वार्तालाप के चलते और साधना के कपड़े उतार कर नंगी होने की तैयारी को देखकर संजू का दिल जोरों से धड़क रहा था पजामे के अंदर उसका लंड गदर मचाया हुआ था,,,। साधना भी बिल्कुल भी देर नहीं करना चाहती थी वह अपनी साड़ी को अपने कंधे पर से उतारने लगी और अपनी ब्लाउज के बटन खोलने लगी तभी उसके मन में शरारा सूजी कुछ देर बाद वह संजू से बोली,,,)
संजू मेरे ब्लाउज का बटन नहीं खुल रहा है जरा तो खोल दे,,,
(साधना की यह बात सुनते ही जैसे संजू के हाथ कोई खजाना सोपने जा रहा हो उसके तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी,,, उसका दिल जोरो से धड़कने लगा,,, वह हकलाते शब्द में बोला,,,)
ममममम,, मैं,,,,मौसी,,,,
हां रे तू,,,, औरत को पेशाब करते हुए देख सकता है तो क्या उसके ब्लाउस नहीं उतार सकता,,,,(साधना की यह बात सुनते ही संजु शर्म से पानी पानी होने लगा और अपना बचाव करते हुए बोला,,,)
अनजाने में हुआ था मौसी मुझे नहीं मालूम था कि तुम बाथरूम में हो,,,,,
तुझे चला जाना चाहिए था ना फिर भी वहां खड़ा हो कर देख रहा था,,,,, मेरी गांड तुझे इतनी पसंद आ गई थी,,,,
क्या मौसी तुम भी,,,,(संजू शर्माते हुए बोला,,,, और उसे समझ में भी आ रहा था कि उसकी मौसी कितने खुले स्वभाव की है,,,आज पहली बार वह अपनी मौसी के इस रूप को देख रहा था वरना वह भी उसकी मां की तरह ही सीधी-सादी रहती थी,,,,)
ले में सच कह रही हूं,,,,,तुझे अच्छा लग रहा था तभी तो खड़ा रह गया था वरना तुरंत चला जाता,,,,,,,(साधना अपनी बातों से संजू को उकसा रही थी,,,, साधना की बातों को सुनकर संजू की सांसे ऊपर नीचे हो रही थी साधना अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली) पेशाब करते हुए मुझे ही देखा है या पहले भी किसी को देख चुका है,,,, कहीं ऐसा तो नहीं की अपनी मां को भी देख चुका है ऐसे,,,
नहीं मौसी कैसी बातें करती हो पहली बार बस तुम्हें देखा हूं,,,, और वह भी अनजाने में जानबूझकर थोड़ी,,,,
चल कोई बात नहीं बातें ही करता रहेगा या मेरे ब्लाउज का बटन भी खोलेगा,,,,
मैंने कभी खोला नहीं हुं,,,, पता नहीं मुझसे होगा भी कि नहीं,,,
अरे बुद्धू जिंदगी में हर काम हर कोई पहली बार ही करता है शादी के बाद तो तुझे यह काम करना ही होगा जो अपनी बीवी के ब्लाउज खोलने के लिए पड़ोसी को बुलाएगा,,,
क्या मौसी तुम भी मजाक करती हो,,,,
मजाक नहीं सच कह रही हूं तुझे यह सब सीखना चाहिए,,,आज अगर तू मेरे ब्लाउज के बटन खोल देगा तो भविष्य तुझे यह काम आएगा,,,,ट्यूब लाइट चालू करके मैं खुद खोल सकती हूं लेकिन बार-बार लाइट चालू बंद करने से कहीं मोहिनी जागना जाए,,,,
हां यह बात तो तुम सच कह रही हो मौसी,,
हां तो चल बटन खोल,,,,,
(साधना का कामुक दिमाग पूरी तरह से काम कर रहा था वह ब्लाउज के बटन खुलवाने के चक्कर में अपनी चूची को उसके हाथों से टटोल वाना चाहती थी,,,,यही बात संजू के मंदिर भी चल रही थी अच्छी तरह से जानता था कि ब्लाउज के बटन खोलते समय उसकी चूची से उसकी उंगलियां स्पर्श हो जाएंगी इसी बहाने वह अपनी मौसी की चूची को दबाने का सुख भी प्राप्त कर लेगा,,,,इस बात को सोचकर संजू के तन बदन में आग लग रही थी यह सब उसके साथ पहली बार हो रहा था,,, इसलिए उसकी उत्सुकता और उत्तेजना कुछ ज्यादा हद तक बढ़ चुकी थी,,,,,)
ठीक है मौसी तुम कहती हो तो,,, लेकिन अंधेरा बहुत है,,,,
तो क्या हुआ कोशिश तो कर,,,, मैं खुद कर लेती लेकिन,,, 2 दिन पहले मेरे नाखूनों में लकड़ी की फांस धंसी थी जिसकी वजह से दर्द कर रहा है वरना मैं खुद ही खोल लेती,,,
कोई बात नहीं मौसी,,,,,तुम मुझ पर इतना भरोसा कर रही हो तो मैं तुम्हारे भरोसे को टूटने नहीं दूंगा,,,,(और इतना कहने के साथ ही अंधेरे में ही वह साधना के ब्लाउज की तरफ हाथ आगे बढ़ाया और अगले ही पल उसके दोनों हाथों में साधना की चुचिया आ गई ब्लाउज के ऊपर से ही सही लेकिन यह मौका संजू के लिए बेहद अनमोल और अतुलनीय था,,, संजू की दोनों हथेलियां साधना की दोनों चुचियों पर थम सी गई थी इसी मौके का साधना भी बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रही थी ब्लाउज के ऊपर से ही सही लेकिन चुचियों का नरम पन बड़े अच्छे से संजु को महसूस हो रहा था,,,। आज संजू को समझ में आया था कि ऊपर से कड़क दिखने वाली चूचियां आखिरकार कितनी नरम नरम होती हैं,,,संजू का मन ब्लाउज के ऊपर से ही सही अपनी मौसी की चूची को जोर जोर से दबाने को कर रहा था,,, संजू के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ रही थी उसकी लंड की नशों में लहू का दौरा बड़ी तेजी से हो रहा था ऐसा लग रहा था कि मानो उतेजना के मारे उसका लंड फट जाएगा,,,,,,,
एक जवान लड़के की हथेलियों को ब्लाउज के ऊपर से ही सही है अपनी चुचियों पर महसूस कर के साधना की बुर गीली होती जा रही थी,,,उसकी सांसे भी बड़ी तेजी से चल रही थी और ऊपर नीचे हो रही सांसो के साथ-साथ उसकी चूचियां भी ऊपर नीचे हो रहे थे जो कि संजय को अपनी हथेली पर साफ महसूस हो रहा था कि उसकी हथेली उसकी मौसी की चूची पर ऊपर नीचे हो रही थी,, एहसास संजू के तन बदन में आग लगा रहा था उसे समझ में नहीं आ रहा था कि आज छोटे से कमरे में क्या होने वाला है और वह भी उसकी बहन की मौजूदगी में,,,, उसकी मौसी आज सच में उसके ऊपर कयामत ढा रही थी संजू कभी सोचा नहीं था कि वह अपनी मौसी का यह मदहोश कर देने वाला रूप देखेगा,,,, सीधी साधी दीखने वाली उसकी मौसी अंदर से इतनी जबरदस्त कामदेवी की तरह होगी यह संजू कभी सोचा नहीं था,,,,।
साधना अपने मन में यही सोच रही थी कि काश संजू उसकी चूचियों को दबाना शुरू कर देते तो कितना मजा आता है इसलिए वह अपनी छातियों को और ज्यादा उतार कर अपने दोनों हाथों को पीछे की तरफ जमीन से टिका कर गहरी गहरी सांस ले रही थी वह तो अंधेरा था अगर उजाले में साधना इस तरह की हरकत करती तो शायद संजू उसके इस आमंत्रण को कब का स्वीकार कर लिया होता,,,, संजू का मन मचल रहा था उसका लालच बढ़ता जा रहा था वह अपनी मौसी की चूची को एक बार ही सही लेकिन दबाकर देखना चाहता था,,,,इसलिए बात बात में हीं वह अपनी मौसी की चूचियों को अपने दोनों हथेलियों में लेकर हल्के से दबाते हुए बोला,,,।)
मौसी पता नहीं चल रहा है कि बटन कहां है,,,,
अरे बुद्धू इससे पहले ब्लाउज देखा नहीं क्या,,,
नहीं मौसी सच में मैंने कभी गौर नहीं किया हूं,,,
सच में तु एकदम बुद्धू है,,, अरे ब्लाउज का बटन दोनों चूचियों के बीच होता है,,,, अब जल्दी कर ब्लाउज उतारने में ही तु सुबह कर देगा,,,
(साधना का उतावलापन देखकर संजू को ऐसा लग रहा था कि जैसे वह चुदवाने के लिए तड़प रही है और ब्लाउज के देर में उतरने की वजह से परेशान हो रही है,,,, साधना की बातें संजू के बदन में बार-बार उत्तेजना बढ़ा दे रही थी अपनी मौसी की बात सुनकर संजू बोला,,,)
ठीक है मौसी अभी उतारता हूं,,,(इतना कहने के साथ ही वह अपनी अंगुलियों को टटोलते हुए आखिरकार जैसा साधना ने कही थी उसी तरह से दोनों चूचियों के बीच उसे ब्लाउज का बटन मिल गया और बटन के पाते ही वह खुश होता हुआ बोला,,,)
तुम बिल्कुल ठीक कह रही थी मौसी दोनों के बीच में ही बटन था,,,
हां अब जल्दी से बटन खोल,,,,
बस बस मौसी हो गया और वहां ब्लाउज का पहला बटन और अपनी जिंदगी का सबसे पहला ब्लाउज खोलने जा रहा था और वह भी खुद की अपनी सगी मौसी की,,, उसके लंड की तरफ बढ़ती जा रही थी एकदम लोहे के रोड की तरफ तन कर खड़ा हो गया था,,,,, चोदना भले ही उसे आता नहीं था और अब तक उसने सीखा भी नहीं था इन सब चीजों में उसे अब तक किसी भी प्रकार की उत्सुकता नजर नहीं आती थी लेकिन फिर भी अगर उसकी मौसी उसे अपने ऊपर चढ़ने के लिए कहती तो अब तक वह कब का चल गया होता और अपनी मौसी की चुदाई भी कर दिया होता क्योंकि इतना तो वह जानता ही था कि लंड को औरत के किस अंग में डाला जाता है भले ही उसने औरत के उस कोमल अंग को अभी तक देखा नहीं था,,, संजू अपनी मौसी के ब्लाउज के बटन खोलने में पूरी तरह से जुट गया था और पहले बटन को बड़ी उत्सुकता के साथ खोलने की कोशिश कर रहा था लेकिन बटन बहुत कसा हुआ था इसलिए वह बटन को खोलने की कोशिश करते हुए बोला,,,।
बहुत कशी हुई है मौसी,,,।
हारे मैं जानती हूं मेरी चूचियां बड़ी बड़ी है ना इसलिए चुचियों के साईज से कम नाप का ही ब्लाउज पहनती हु इसलिए ज्यादा कसी हुई और तंग लगती है,,,।(साधना अपनी चुचियों के बारे में एकदम खुल कर बोल रही थी बिना शर्माए बेझिझक और यही अदा संजु को पूरी तरह से मस्त कर रही थी संजू भी अपनी मौसी के सुर में सुर मिलाता हुआ बोला,,,)
हां मौसी तुम्हारी बहुत बड़ी बड़ी लग रही है,,,
मर्दों को बड़ी बड़ी ही अच्छी लगती है,,,, तुझे कैसी अच्छी लगती है,,,,(इस सवाल से वह संजू के मन की भी बात जान लेना चाहती थी,,, लेकिन संजू जवाब देने में शर्मा रहा था वह कुछ बोला नहीं बस बटन खोलने में लगा रहा,,)
अरे बोल ना शर्मा क्यों रहा है अब मुझसे कैसी शर्म,,,,
तुम्हारे जैसी,,,(एकदम तपाक से जवाब देते हुए बोला)
ओहहह,,,,हो,,, लगता है मेरी पसंद आ गई है,,,,
ऐसी बात नहीं है मौसी,,,
चल मैं सब अच्छी तरह से समझती हूं कैसी बात है,,,,, तू जल्दी कर संजू अभी तक एक बटन भी नहीं खोल पाया है,,
बस बस मौसी खुल गया ,,,(और इतना कहने के साथ ही वह अपनी मौसी के ब्लाउज का पहला बटन अपने हाथों से खोल दिया एक औरत के ब्लाउज का बटन खोलते समय उसके तन बदन में जिस तरह की उत्तेजना और हलचल का अनुभव हो रहा था और खोलने के बाद इस तरह की संतुष्टि का अहसास हो रहा था वहां शब्दों में बता पाना शायद संभव नहीं था,,,, संजू बहुत खुश था पहला बटन खुल जाने के बाद साधना बोली,,,)
बस अब इसी तरह से सारे बटन खोल दे,,
(साधना की बात सुनकर संजू का जोश बढ़ने लगा और आत्मविश्वास के वह दूसरे बटन को खोलने की तैयारी करने लगा,,,,)