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Incest मजबूरी या जरूरत

Napster

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बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
ब्लाऊज का पहला बटन खुलना मतलब संजू की पहली चुदाई अपनी सगी मौसी साधना के साथ वो भी अपनी बहन मोहिनी के कमरें में रहते
बहुत बढिया
अगले धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 

Ajju Landwalia

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संजु आज बहुत खुश था,,,,, क्योंकि जिस बारे में उसने कभी सोचा भी नहीं था आज उसके साथ सब कुछ हो रहा था,,, उसकी मौसी साधना इतनी ज्यादा कामुक औरत होगी इस बारे में उसे बिल्कुल भी पता नहीं था,,, लेकिन आज जैसे भगवान उस पर पूरी तरह से मेहरबान थे जवानी के इस उम्र में लड़को को और चाहिए भी क्या रहता है,,, खूबसूरत औरत का साथ जो उसके साथ सब कुछ करें और वही हो भी रहा था,,, भले ही धीरे-धीरे लेकिन संजू इसमें काफी उत्तेजना का अनुभव हो रहा था,,,,।


menorah with nine branches

साधना की आदत बिल्कुल भी नहीं थी रात को कपड़े उतार कर सोने की,,,, वह अपने कमरे में भी नंगी हो कर नहीं सोती थी,,,, यह तो पूरा कामचक्र साधना का ही रचा हुआ था वह संजू की उत्तेजना और उसे उकसाने के लिए ही नंगी होने कि अपनी आदत में शुमार कर रही थी,,,, जिससे संजू काफी उत्तेजित भी हो रहा था और इसी के चलते वह अपनी मौसी का ब्लाउज का बटन खुद अपने हाथों से खोल रहा था और दूसरा बटन खोलने की तैयारी में था,,,,,,। कमरे में पूरी तरह से अंधेरा छाया हुआ था मोहिनी गहरी नींद में सो रही थी बगल वाले कमरे में आराधना अपने पति का इंतजार कर रही थी उसे इस बात का बिल्कुल भी आभास नहीं था कि उसके बगल वाले कमरे में उसकी बड़ी बहन उसके बेटे से अपनी ब्लाउज का बटन खुलवा रही है,,,।
अपनी मौसी के नंगी होने का एहसास से ही संजू के लंड से बार-बार लार टपक रही थी,,, जिसकी वजह से उसका पैजामा धीरे-धीरे गीला हो रहा था,,, और यही हाल साधना का भी था,,,, उत्तेजना के मारे एक नए पन के एहसास की वजह से उसकी लाल रंग की पेंटी गीली होती जा रही थी क्योंकि उसकी बुर कुछ ज्यादा ही काम रस टपका रही थी,,,।

Sadhna Sanju k sath masti karne k liye tadap rahi thi



संजू की उंगलियां ब्लाउज के बटन के साथ-साथ साधना की बड़ी बड़ी चूची होकर भी हरकत कर रही थी बार-बार उसकी उंगलियों से साधना की चूची ब्लाउज के ऊपर से ही छु जा रही थी,,, और बटन को खोलने की मशक्कत में संजू की उंगलियों से साधना की चूचियां दब जा रही थी जिससे साधना गन गना जा रही थी,,,। साधना अपनी बातों से संजु को उलझाना चाहती थी इसलिए बोली,,,।

सच-सच बताना संजू पहले भी तूने औरत का ब्लाउज उतारा है कि नहीं,,,


नहीं नहीं मौसी ऐसा मैंने कभी नहीं किया आज पहली बार है,,,


इसका मतलब है तू कि बहुत सीधा-साधा है वरना तुझे इतना हैंडसम है कसरती बदन का मालिक है जरूर अब तक दो चार गर्लफ्रेंड बना भी लिया होता और मजे भी ले लिया होता,,,


मजे भी ले लिया होता मैं कुछ समझा नहीं मौसी,,,


अरे बुद्धू लड़के गर्लफ्रेंड क्यों बनाते हैं,,,,



violent smileys

ऊमममम मुझे तो नहीं मालूम क्योंकि मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है,,,।


पागल मौज मस्ती के लिए,,,,


मौज मस्ती के लिए,,,,
(संजू की बातों को सुनकर उसका आश्चर्य देखकर साधना समझ गई थी कि या तो संजू झूठ बोल रहा है या वाकई में एकदम बुद्धू है,,,, इसलिए साधना बोली,,)


मौज मस्ती का मतलब नहीं समझता,,,


नहीं मौसी,,,(लगभग लगभग दूसरे बटन को खोलते हुए संजू बोला,,,,)


अरे मौज मस्ती का मतलब है चुदाई,,,,(साधना एकदम से खुले शब्दों में बोल दी,,, क्योंकि साधना संजू को पूरी तरह से उत्तेजित कर देना चाहती थी ताकि उसके कहने पर संजु उसकी चुदाई कर सके,,, अपनी मौसी के मुंह से चुदाई शब्द सुनते ही संजू का लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया,,, उसे धीरे-धीरे समझ में आ गया था कि मौसी आज की रात जरूर कुछ करना चाहती है तभी तो इतने खुले शब्दों में सब कुछ बोल रही है इस बात के आभास से संजू भी उत्तेजित होने लगा और मन ही मन प्रसन्न होने लगा,,,, वहां अपनी मौसी की बात सुनकर बोला,,,)
Sanju ka man apni mausi ki gaand masalne ko kar raha tha

ivoryton playhouse


धत्,,,, यह सब मुझे नहीं मालूम,,,(तब तक संजू बातों ही बातों में साधना के ब्लाउज का दूसरा बटन भी खोल दिया था और तीसरे बटन की तरफ आगे बढ़ गया था और इस बार अपनी मौसी की बातों को सुनकर मैं पूरी तरह से उत्तेजित हो गया था और बातों ही बातों में मौके का फायदा उठाते हुए अपनी उंगलियों का दबाव अपनी मौसी की चूचियों पर बढ़ाने लगा था इसका एहसास साधना को भी अच्छी तरह से हो रहा था लेकिन वह उसे रोक बिल्कुल भी नहीं रही थी क्योंकि वह तो खुद चाहती थी कि संज6 आगे बढ़े,,,,)

तु सच में अभी कुछ भी नहीं जानता एकदम भोला भाला है,,, तभी तो तेरा यह स्वभाव मुझे बहुत अच्छा लगता है,,,


तुम भी मुझे बहुत अच्छी लगती हो मौसी,,,


क्यों तुझसे अपना ब्लाउज खुलवा रही हूं इसलिए,,,


नहीं नहीं मौसी तुम शुरू से मुझे बहुत अच्छी लगती हो,,,


तभी बाथरूम में मुझे पेशाब करते हुए देख रहा था ना,,,


क्या मौसी तुम भी बार-बार उसी बात को,,,,(इतना कहकर संजु रुक गया,,,)


तुझे ऐसा लगता है ना संजू कि कोई बड़ी बात नहीं थी लेकिन तुझे देखकर तो मेरी पैसाब ही रुक गई थी,,,।


सॉरी मौसी,,,,


कोई बात नहीं लेकिन मुझे पूरा यकीन है कि मेरी भले पेशाब रुक गई थी लेकिन तेरा लंड खड़ा हो गया होगा,,,,।
(साधना सब कुछ सीधे-सीधे बोल रही थी क्योंकि वह जान रहे थे कि संजू बहुत भोला-भाला है अगर इसी तरह से बात ही करता रह गया तो रात गुजर जाएगी और ऐसा मौका ना जाने फिर कब मिलेगा इसलिए वह इस मौके को अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहती थी इसलिए खुले शब्दों में बात कर रही थी और संजू भी अपनी मौसी के मुंह से लंड खड़ा होने की बात सुनकर एकदम सनन रह गया ,, वह अपने मन में सोचने लगा कि मौसी तो बात करके ही उसका पानी निकाल देगी,,, अपनी मौसी की इस बात को नकारते हुए बोला,,,)


नहीं नहीं मौसी यह गलत बात है ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था,,,(बातों ही बातों ने अपनी मौसी के ब्लाउज के अंतिम बटन को खोलते हुए बोला)



चल बेवकूफ मुझे बेवकूफ मत आना तीन बच्चों की मां है मर्दों की हर एक हरकत से वाकिफ हूं मुझे पेशाब करते हुए देखकर तेरा लंड खड़ा हो गया था तेरे पैंट में तंबू बना हुआ था मुझे तो इस बात का डर था कि कहीं तो बाथरूम में घुसकर मेरी चुदाई ना कर दे,,,(साधना पूरी तरह से बेशर्म हो चुकी थी और उसकी बेशर्मी भरी है बात सुनकर संजू अपने आप पर सब्र नहीं कर पा रहा था उसका मन कर रहा था कि इसी समय वह अपनी मौसी को लेटाकर उसकी चुदाई कर दे,,,।)

ममममम, मौसी मुझे नहीं मालूम कि यह सब कैसे हो गयआ था,,, मै उसके लिए माफी चाहता हूं,,,,(संजू अपनी मौसी के ब्लाउज का आखरी बटन भी खोल चुका था,,,,)


चल कोई बात नहीं मैं सब जानती हूं इस उम्र में ऐसा होता ही है तेरी जगह कोई और होता तो उसका भी हाल होता क्या करूं मेरी गोरी गोरी गांड दिखती ही ऐसी है कि किसी का भी खड़ा हो जाए,,,,


तुम सच कह रही हो मौसी,,,(साधना की खुली बातें सुनकर संजू को भी हिम्मत आने लगी थी,,,और हल्के से ब्रा के ऊपर से ही संजू अपनी मौसी की एक चुची को हल्के से दबाते हुए अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,) तुम सच में मम्मी से भी बहुत ज्यादा खूबसूरत लगती हो,,,.


चल झूठा,,,,



नहीं मौसी मैं सच कह रहा हूं,,,,


चल अच्छा ब्लाउज उतारने में मेरी मदद कर,,,( और इतना कहने के साथ ही साधना अपने दोनों हाथों को थोड़ा सा काम कर संजू की तरफ पीछे कर दी जिससे संजू अपनी मौसी का ब्लाउज का पत्थर से पीछे की तरफ खींच मिलेगा और देखते ही देखते उसकी बांहों में से उसका ब्लाउज निकल गया और सिर्फ उसकी चुचियों को ढकने के लिए उसकी ब्रा रह गई,,,, एक औरत का ब्लाउज निकालते समय जिस तरह की उत्तेजना का अनुभव संजू कर रहा था उसे डर था कि कहीं उसका पानी ही ना निकल जाए,,,,)

चल ब्लाउज तो कर के पीछे से जरा ब्रा का हुक भी खोल देना तो,,,,

हहहह,हुक,,,,


हां पीठ पर दोनों पट्टीयों के बीच होगा जरा टटोल कर देख,,,
(इतना सुनते ही सोनू की सांसे बड़ी तेजी से चलने लगी और वह अपने दोनों हाथों को आगे बढ़ा कर अपनी हथेली को अपनी मौसी की नंगी चिकनी मखमली पीठ पर रख दिया नंगी पीठ का मखमली एहसास उसके लंड की अकड़ को बढ़ा रहा था,,, नंगी चिकनी पीठ पर अपनी हथेली घुमाने की लालच को रोकने पाया और हल्के से अपनी हथेली को अपनी मौसी की नंगी पीठ पर फिराने लगा साधना के भी अरमान में चल रहे थे एक जवान हथेली उसकी पीठ पर थिर कन कर रहे थे,,,, जिसकी वजह से उत्तेजनावश साधना की बुर पानी छोड़ रही थी,,,, साधना की सांसे ऊपर नीचे हो रही थी,,,, वह अपने आप को संभालते हुए बोली,,,।)

हुक तो खोल,,,,


हां हां मौसी,,,, खोलता हूं,,,( और इतना कहने के साथ ही संजू अपनी उंगलियों को टटोल कर जल्द ही ब्रा के हुक को पा लिया,,,, और बोला,,)

अब क्या करूं मौसी,,,,


अब दोनों पट्टी को पकड़कर एक दूसरे की तरफ खींच ऐसा करने से हुक खुल जाएगा,,,

ठीक है मौसी,,,(और इतना कहने के साथ ही जैसा साधना ने बताई थी वैसा ही संजू करने लगा और थोड़ी देर में वह अपनी मौसी के ब्रा के हुक को भी खोल दिया,,,,एक जवान लड़के से इस तरह की हरकत करवाने में साधना की उत्तेजना भी परम शिखर पर पहुंच चुकी थी,,,, मद भरे स्वर में वह बोली,,,)



हां अब ठीक है,,,(और इतना कहने के साथ ही वह अपने हाथों से अपनी ब्रा भी उतार कर रख दी,,,कमर के ऊपर साधना पूरी तरह से नंगी हो चुकी थी उसकी बड़ी-बड़ी खरबूजे जैसी चूचियां आजाद हो चुकी थी,,, संजू को मालूम था कि उसकी मौसी ब्रा उतार दी है अंधेरे में ही सही उसकी मौसी उसके बगल में कमर के ऊपर पूरी तरह से मांगी थी इस बात का अहसास से संजू की उत्तेजना पल-पल बढ़ती जा रही थी और बार-बार अपने हाथों से अपने खड़े लंड को दबाने की कोशिश कर रहा था लेकिन लंड कहां मानने वाला था,,,,,, संजु अपने मन में यही सोच रहा था कि अब आगे का काम उसकी मौसी खुद ही कर लेगी और देखते ही देखते साधना अपनी साड़ी को कमर से खोलकर उसे उतारकर बगल में रख दी,,, उसके बदन पर केवल पेटीकोट ही रह गई थी,,,)

हो गया चाची,,,


अरे नहीं रे अभी तो बाकी है,,,, जरा मेरी पेटीकोट की डोरी तो खोल दे वह डोरी तो कस के बांधी हुई होती है,,, मुझसे तो बिल्कुल भी नहीं खुल पाएगी,,,(साधना की यह बातें संजू के कानों में मिश्री खोल रही थी उसे सुनने में बेहद उत्तेजना का अनुभव रहा था और इस बात का एहसास कि वह अपने हाथों से अपनी मौसी की पेटीकोट भी उतारे का और मौका और किस्मत दोनों साथ रहा तो आज वह अपनी मौसी की पेंट उतार कर खुद उसे अपने हाथों से नंगी करने का सुख और सौभाग्य दोनों प्राप्त करेगा,,,,, संजू की किस्मत चारों तरफ से खुद ही चली जा रही थी ऐसा लग रहा था कि जैसे मौसी खुद उसके लंड पर चढ जाएगी,,, संजू को इस बात से और ज्यादा प्रसन्नता देखी अगर चुदाई नहीं होगी कर पाया तो एक औरत को अपने हाथों से नंगी करने का सौभाग्य तो प्राप्त कर ही लिया है यह भी उसके लिए कोई कम नहीं था क्योंकि इस बारे में तो कभी उसने कल्पना भी नहीं किया था,,, अपनी समस्या को दूर करते हुए वह बोला,,,)


क्या मैं पेटिकोट की डोरी खोल पाऊंगा,,!


क्यों नहींमेरे ब्लाउज का बटन खोल लिया और ब्रा का हुक खोल दिया तो डोरी क्यों नहीं खोल पाएगा जरूर खोल पाएगा,,, रुक जा मैं जरा लेट जाती हूं तब तुझे डोरी खोलने में आसानी होगी,,,, एक ब्लाउज उतारने के बाद मेरी चूचियां कितनी आजादी महसूस करन रही है वरना ब्लाउज ओबरा के अंदर कैद होकर तो ऐसा लग रहा था कि जैसे इसका दम ही निकल जाएगा,,,,(साधना की यह बातें सुनकर संजू की सांस ऊपर नीचे होने लगी,,,अपनी मौसी की बातों को सुनकर संजू का मन उसकी चुचियों को पकड़ने का कर रहा था लेकिन ऐसा कर सकने की उसके में हिम्मत बिल्कुल भी नहीं थी जबकि उसकी मौसी खुद ही जाती थी कि संजू अपने हाथों से उसकी चूची को पकड़ ले इसलिए बार-बार चूची का जिक्र कर रही थी लेकिन यह बात भी अच्छी तरह से जानती थी कि समझो आगे बढ़ने में घबरा रहा है क्योंकि औरत के साथ का अनुभव उसके पास बिल्कुल भी नहीं था अगर पहले वह औरत की संगत में आया होता तो शायद उसे अभी तक इतनी मशक्कत नहीं करनी पड़ती जिस तरह से वह लाइट चालू करवा कर उसे अपने पेंटिं की झलक दिखाई थी उसी समय संजूसब कुछ समझ जाता है और खुद अपने हाथों से उसकी पैंटी निकाल कर आगे बढ़ गया होता,,,,लेकिन धीरे-धीरे में भी साधना को बहुत मजा आ रहा था उसकी उत्तेजना पल-पल बढ़ती जा रही थी उसकी दूर पानी से तालाब बन चुकी थी और उसकी पेंटी पूरी तरह से गीली हो चुकी थी,,,। वो धीरे से पीठ के बल लेट गई और बोली,,)


अब डोरी की गीठान खोल,,,,

(इतना सुनते ही फिर से संजू का दिल जोरो से धड़कने लगा कमरे में चारों तरफ अंधेरा था कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था बस अंगुलियों से टटोलकर ही पता लगाना था,,, इसलिए समझो अपना एक हाथ आगे बढ़ा कर पेटिकोट की डोरी को टटोलने के चक्कर में,,, उसका हाथ साधना की कमर पर चला गया,,,, चिकनी मांसल कमर पर मर्दाना हाथ पड़ते ही साधना अपने आप को रोक नहीं पाई और इसकी गर्म संस्कारी छूट गई,,,।सससहहहहहह,,,,,,,, इस आवाज से पूरे कमरे में मदहोशी छा गई जल्द ही समझो अपनी गलती को सुधार ता हुआ अपने हाथ को पीछे खींच लिया,,, और अपनी हथेली को नीचे की तरफ लाकर पेटीकोट पर रखकर डोरी को टटोली रहा था कि उसकी हथेली साधना की दोनों टांगों के बीचो बीच बुर वाले हिस्से पर पहुंच गई,,, और डोरी को पकड़ने के चक्कर में संजू की हथेली का दबाव साधना की बुर वाली जगह पर बढ़ने लगा,,, साधना को यह तो नहीं पता था कि संजू यार का जानबूझकर कर रहा हूं अनजाने में लेकिन अपनी बुरके ऊपर मर्दाना हथेली का लगा हुआ है बर्दाश्त नहीं कर पाई और उसके मुख से जबरदस्त सिसकारी फूट पड़ी,,,,।

सहहहहह ,,,आहहहहहहहहह,,,,


क्या हुआ मौसी,,,,


अरे पगले तू मेरी बुर दबा रहा है डोरी तो उसके ऊपर है,,,
(अपनी मौसी के मुंह से बुर शब्द सुनते हीसंजू को इस बात का एहसास हुआ कि उसकी हथेली वाकई में उसकी मौसी की बुर के ऊपर थी वह बुरी तरह से झेंप गया,,,, और हर बढ़ाते हुए अपने हाथ को अपनी मौसी की बुर से हटाते हुए बोला,,,)

सससस,,, सॉरी मौसी मुझे बिल्कुल भी नहीं मालूम था,,


कोई बात नहीं समझे मैं जानती हूं अब जल्दी से सॉरी खोलकर मेरे पेटीकोट उतार,,,,।(ऐसा लग रहा था कि जैसे साधना के सब्र का बांध अब टूटने लगा हो उससे बर्दाश्त नहीं हो रहा था,,, वह जल्द से जल्द नंगी हो जाना चाहती थी इसलिए संजू भी जल्द ही अंधेरे में उंगलियों से टटोल ते हुए पेटिकोट की डोरी पर पहुंच गया और डोरी को पकड़कर खुश होता हुआ बोला,,)

डोरी मिल गई मौसी,,,


हां अब ठीक है अब ईसे जल्दी से खोल,,,,,(साधना का उतावलापन बढ़ता जा रहा था,, वह जल्द से जल्द संजु के हाथों से उसकी आंखों के सामने एकदम नंगी हो जाना चाहती थी,,,वैसे भी अपनी बुर पर अनजाने में ही संजू की हथेली का दबाव महसूस करते ही उसका पूरा बदन कसमसाने लगा था,,,, साधना के लिए आज की रात बेहद हसीन होने वाली थी लेकिन इस रात के हर एक पल में अजीब सा नशा महसूस हो रहा था,,, सांसो की गति बिल्कुल भी काबू में नहीं थी,,, दिल की धड़कन घोड़े की टापो की तरह बज रही थी,,,, संजू की भी हालत हर एक पल खराब होती जा रही थी उसकी जिंदगी में यह तो पहला मौका था जब वह किसी औरत के कपड़ों को अपने हाथों से उतार रहा था उसका ब्लाउज का बटन खोल रहा था पेटीकोट की डोरी को खोल रहा था,,,, इसलिए संजू के लिए यह सब पूरी तरह से असहनीय होता जा रहा था उसे लगने लगा था कि किसी भी वक्त उसका पानी छुट जाएगा,,,लेकिन किसी तरह से वह अपने आप को संभाले हुए था उसे बिल्कुल भी चिंता नहीं थी कि आज ने मोहिनी सो रही है,,,, क्योंकि कमरे में चारों तरफ अंधेरा था अगर किसी भी तरह उसकी आंख खुल भी गई तो उसे कुछ दिखाई नहीं देगा क्योंकि उसे खुद भी कुछ दिखाई नहीं दे रहा था,,,,अपने मन में सोचने लगा कि उसके हाथों से लेकर उसकी मौसी पूरी तरह से नंगी होगी तो भी वहां अपनी मौसी के नंगे पन को देखने का सुख नहीं भोग पाएगा लेकिन इस बात से,,,उसके मन में तसल्ली थी कि भले ही वह अपनी मौसी को पूरी तरह से नंगी नहीं देख पाएगा लेकिन उसके नंगे पन के एहसास के सुख को वह पूरी तरह से रोक तो सकता है अगर किस्मत अच्छी रही तो आज की रात की भावना उसी की खूबसूरत बदन को भी भोग लेगा,,, उसके लिए मट वह भगवान से प्रार्थना भी कर रहा था,,,।

संजू की हाथों की अंगुलियां साधना के पेटीकोट की डोरी पर थी,,, संजू का दिल जोरों से धड़क रहा था और यही हाल साधना का भी था,,,, संजू अपनी मौसी की पेटिकोट की डोरी को हल्की ताकत के साथ खींचा,,, और अगले ही पल साधना की पेटिकोट की डोरी खुल गई,,, और डोरी के खुलते ही,, पेटिकोट का कसाव कमर के ऊपर से एकदम ढीला हो गया,,,, गहरी सांस लेते हुए संजू बोला,,,।


मौसी पेटिकोट की डोरी खुल गई,,,,


अब उसे नीचे की तरफ खींच,,,,,,(साधना सरल भाषा में उसे अपने पेटिकोट निकालने के लिए बोल रही थी जिसके लिए संजू पूरी तरह से तैयार था,,,,।)

ठीक है मौसी,,,(और इतना कहने के साथ ही वह जांघो पर से पेटीकोट को पकड़कर नीचे की तरफ खींचने लगा लेकिन साधना की भारी-भरकम गांड के नीचे दबी हुई पेटीकोट निकल नहीं रही थी,,, संजू बार-बार कोशिश कर रहा था खींचकर निकालने के लिए लेकिन मौसी की गांड का भारीपन कि वजह से पेटीकोट अपनी जगह से सरक नहीं रहा था,,, साधना यह बात अच्छी तरह से जानती थी और और यह देखना चाहती थी कि संजु क्या करता है,,,, जब कोशिश करने के बावजूद भी पेटीकोट नहीं निकली तो संजु बोला,,,,।)


मौसी पेटीकोट,,,, तुम्हारी गांड बड़ी है ना इसलिए,,,,


हां,,, रुक,,,, आजकल तुझे औरतों की गांड के बारे में बहुत मालूम पडने लगा है,,,ना,,,,(इतना कहने के साथ ही एक बार फिर से सजना अपनी भारी भरकम खूबसूरत काम को कमर से ऊपर की तरफ लगभग चार अंगुल उपर उठा ली,,, साधना की तरफ से इस तरह से अपनी गांड उठाना उसकी पूरी सहमति दर्शा रहा था और यह बेहद कामुक दृश्य भी था जिसके बारे में सोच कर ही संजु का लंड पानी फेंकने को तैयार था,,, लेकिन अंधेरे में संजू को कुछ नजर नहीं आ रहा था,,,,।)



नहीं नहीं मौसी ऐसी कोई बात नहीं है,,,, अब इतना तो पता चलना ही चाहिए ना,,,(पेटिकोट को नीचे की तरफ खींचता हुआ बोला और अगले ही पल वह अपनी मौसी के पेटीकोट उतार कर एक बगल में रख दिया था,,,,)

हां तु सच कह रहा है तेरी उम्र के लड़के को इतना तो समझ में आना ही चाहिए लेकिन जहां तक मैं जानती हूं कि तेरी उम्र के लड़के को बहुत कुछ समझ में आ जाता है लेकिन तुझे अभी उतना समझ में नहीं आता,,,


मुझे क्या पता मौसी,,,,


नहीं नहीं तुझे भी इन सब का ज्ञान होना जरूरी है,,,, आखिरकार तु एक मर्द है और मर्दों को मर्दों वाला काम तो आना ही चाहिए,,,। चल अब यह भी उतर गई अब बता सकता है कि मेरे बदन पर क्या रह गया है उतारने को,,,,


पेंटी,,,,(संजू तपाक से बोला)


कौन से रंग की,,,


लाल रंग की,,,,


अरे वाह तुझे कैसे पता चला,,, अच्छा जब मैं पेशाब कर रही थी तब तूने देख लिया होगा,,,


नहीं नहीं मौसी तब नहीं देख पाया था,,,


क्यों नहीं देख पाया था उतारी तो थी मैं,,,,( मादक भरे स्वर में बोली,,)

उस समय मेरा ध्यान किसी और चीज पर था ,,,।(संजू घबराते हुए बोला,,,)

अच्छा मैं समझ गई उस समय तो तेरा ध्यान मेरी गोरी गोरी गांड पर था ना,,,,
Sadhna




हां,,,मौसी,,,,(साधना की खुली बातें संजू के तन बदन के साथ साथ उसकी भावनाओं पर भी असर दिखा रहे थे,,,, अब उसे अपनी मौसी में मौसी नहीं बल्कि एक औरत नजर आने लगी थी,,,)

तब तूने मेरी पेंटी कब देखा,,,,(साधना आश्चर्य के साथ बोली,,,)

वह जब तुम चादर मांग रही थी,,, और तुमने ट्यूब लाइट जलाकर देखने के लिए बोली,,,, तभी देखा था,,,


अरे वाह संजू तेरी नजर की दाद देनी पड़ेगी देख लिया और उसका कलर भी तुझे याद रह गया,,,


अच्छी लग रही थी ना मौसी,,,


क्या अच्छी लग रही थी,,,?

पेंटी,,,,,


ओहहहह,,, तो तुझे मेरी पेंटी बहुत अच्छी लगी,,,जब तुझे मेरी पेंट इतनी अच्छी लग रही है तो पेंटी के अंदर का सामान देखकर तेरे होश उड़ जाएंगे,,,।
(साधना बेशर्मी दिखाते हैं एकदम सीधे सपाट स्वर में बोल गई अपनी मौसी की यह बात सुनकर संजू का पानी निकलते निकलते बचा वह कुछ बोल नहीं पा रहा था,,, इसलिए साधना ही अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली ,,)



क्यों संजू ठीक कह रही हो ना,,,


मुझे क्या पता मैंने देखा थोड़ी हुं,,,,


अरे क्या बात कर रहा है तूने अभी तक नहीं देखा है,,,


नहीं मौसी में सच कह रहा हुं,,,


अरे बाथरूम में मेरी तो देखा होगा जब मऐ पेशाब कर रही थी,,,


नहीं नहीं तब भी नहीं देख पाया था क्योंकि गांड के अलावा और कुछ दिख नहीं रहा था,,,।


ओहहहह,,, तब तो उसे देखने के लिए तुझे अपना दिल और दिमाग दोनों मजबूत करके रखना पड़ेगा मुझे नहीं लगता है कि तुम उस तरह का नजारा झेल पाएगा,,,।

(साधना की बातों को सुनकर संजू अपने मन में यही सोच रहा था कि जिस तरह से उसकी मौसी बातें कर रही है जरूर वह अपनी बुर दिखाना चाहती है,,,संजू इतना तो जानता ही था कि औरत के दोनों टांगों के बीच के उस अंग को क्या कहते हैं,,, उसका दिल जोरों से धड़क रहा था उसे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या बोले लेकिन फिर भी हिम्मत जुटाते हुए बोला,,,।)

झेल लूंगा,,,,, इसमें क्या हुआ,,,,
(संजू की बातें सुनकर साधना मन ही मन मुस्कुराने लगी उसकी यह बात इसे साधना समझ गई थी कि वह भी उसने जरा को देखने के लिए उत्सुक है इसलिए साधना बात को घुमाते हुए बोली,,,)

चल समय आएगा तो वह भी देखा जाएगा अभी तो तू मेरी पैंटी उतार दे तब जाकर मुझे हल्का महसूस होगा क्योंकि मेरी पैंटी बहुत कशी हुई,, हैं,,,
Sanju apne man me soch raha th ki panty utarne k bad mausi ki boor kesi lagegi


यह भी मैं उतारू,,,


क्यों तुझे जोर आ रहा है क्या,,,


नहीं नहीं मौसी ऐसी कोई बात नहीं है मुझे तो अच्छा लग रहा है,,, लेकिन अगर इस बारे में किसी को पता चल गया तो,,,


पागल हो गया क्या किसी को कैसे पता चलेगा एक तू जानता है और एक मैं,,,, किसी को कुछ भी पता नहीं चलेगा,,,।

साधना और संजु


Wow, Gazab ki update he Rohnny Bhai,

Mausi ne abdhiya tarike se seduce kiya he Sanju ko, ab aage kya hoga??

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Napster

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गजब का कामुक और उत्तेजना से भरपूर मादक अपडेट है भाई मजा आ गया
साधना मौसी क्या गजब का खेल खेल रही है संजू के साथ
संजू के हाथों से धीरे धीरे एक एक कपडे उतार कर नंगी हो रही है और संजू को उत्तेजीत करके चुदाई के लिये तयार कर रही है बडा ही मस्त
अगले धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 

rohnny4545

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बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
ब्लाऊज का पहला बटन खुलना मतलब संजू की पहली चुदाई अपनी सगी मौसी साधना के साथ वो भी अपनी बहन मोहिनी के कमरें में रहते
बहुत बढिया
अगले धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
धन्यवाद दोस्त
 

rohnny4545

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गजब का कामुक और उत्तेजना से भरपूर मादक अपडेट है भाई मजा आ गया
साधना मौसी क्या गजब का खेल खेल रही है संजू के साथ
संजू के हाथों से धीरे धीरे एक एक कपडे उतार कर नंगी हो रही है और संजू को उत्तेजीत करके चुदाई के लिये तयार कर रही है बडा ही मस्त
अगले धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
बहुत बढ़िया
 

BeingVijay

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संजु आज बहुत खुश था,,,,, क्योंकि जिस बारे में उसने कभी सोचा भी नहीं था आज उसके साथ सब कुछ हो रहा था,,, उसकी मौसी साधना इतनी ज्यादा कामुक औरत होगी इस बारे में उसे बिल्कुल भी पता नहीं था,,, लेकिन आज जैसे भगवान उस पर पूरी तरह से मेहरबान थे जवानी के इस उम्र में लड़को को और चाहिए भी क्या रहता है,,, खूबसूरत औरत का साथ जो उसके साथ सब कुछ करें और वही हो भी रहा था,,, भले ही धीरे-धीरे लेकिन संजू इसमें काफी उत्तेजना का अनुभव हो रहा था,,,,।


menorah with nine branches

साधना की आदत बिल्कुल भी नहीं थी रात को कपड़े उतार कर सोने की,,,, वह अपने कमरे में भी नंगी हो कर नहीं सोती थी,,,, यह तो पूरा कामचक्र साधना का ही रचा हुआ था वह संजू की उत्तेजना और उसे उकसाने के लिए ही नंगी होने कि अपनी आदत में शुमार कर रही थी,,,, जिससे संजू काफी उत्तेजित भी हो रहा था और इसी के चलते वह अपनी मौसी का ब्लाउज का बटन खुद अपने हाथों से खोल रहा था और दूसरा बटन खोलने की तैयारी में था,,,,,,। कमरे में पूरी तरह से अंधेरा छाया हुआ था मोहिनी गहरी नींद में सो रही थी बगल वाले कमरे में आराधना अपने पति का इंतजार कर रही थी उसे इस बात का बिल्कुल भी आभास नहीं था कि उसके बगल वाले कमरे में उसकी बड़ी बहन उसके बेटे से अपनी ब्लाउज का बटन खुलवा रही है,,,।
अपनी मौसी के नंगी होने का एहसास से ही संजू के लंड से बार-बार लार टपक रही थी,,, जिसकी वजह से उसका पैजामा धीरे-धीरे गीला हो रहा था,,, और यही हाल साधना का भी था,,,, उत्तेजना के मारे एक नए पन के एहसास की वजह से उसकी लाल रंग की पेंटी गीली होती जा रही थी क्योंकि उसकी बुर कुछ ज्यादा ही काम रस टपका रही थी,,,।

Sadhna Sanju k sath masti karne k liye tadap rahi thi



संजू की उंगलियां ब्लाउज के बटन के साथ-साथ साधना की बड़ी बड़ी चूची होकर भी हरकत कर रही थी बार-बार उसकी उंगलियों से साधना की चूची ब्लाउज के ऊपर से ही छु जा रही थी,,, और बटन को खोलने की मशक्कत में संजू की उंगलियों से साधना की चूचियां दब जा रही थी जिससे साधना गन गना जा रही थी,,,। साधना अपनी बातों से संजु को उलझाना चाहती थी इसलिए बोली,,,।

सच-सच बताना संजू पहले भी तूने औरत का ब्लाउज उतारा है कि नहीं,,,


नहीं नहीं मौसी ऐसा मैंने कभी नहीं किया आज पहली बार है,,,


इसका मतलब है तू कि बहुत सीधा-साधा है वरना तुझे इतना हैंडसम है कसरती बदन का मालिक है जरूर अब तक दो चार गर्लफ्रेंड बना भी लिया होता और मजे भी ले लिया होता,,,


मजे भी ले लिया होता मैं कुछ समझा नहीं मौसी,,,


अरे बुद्धू लड़के गर्लफ्रेंड क्यों बनाते हैं,,,,



violent smileys

ऊमममम मुझे तो नहीं मालूम क्योंकि मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है,,,।


पागल मौज मस्ती के लिए,,,,


मौज मस्ती के लिए,,,,
(संजू की बातों को सुनकर उसका आश्चर्य देखकर साधना समझ गई थी कि या तो संजू झूठ बोल रहा है या वाकई में एकदम बुद्धू है,,,, इसलिए साधना बोली,,)


मौज मस्ती का मतलब नहीं समझता,,,


नहीं मौसी,,,(लगभग लगभग दूसरे बटन को खोलते हुए संजू बोला,,,,)


अरे मौज मस्ती का मतलब है चुदाई,,,,(साधना एकदम से खुले शब्दों में बोल दी,,, क्योंकि साधना संजू को पूरी तरह से उत्तेजित कर देना चाहती थी ताकि उसके कहने पर संजु उसकी चुदाई कर सके,,, अपनी मौसी के मुंह से चुदाई शब्द सुनते ही संजू का लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया,,, उसे धीरे-धीरे समझ में आ गया था कि मौसी आज की रात जरूर कुछ करना चाहती है तभी तो इतने खुले शब्दों में सब कुछ बोल रही है इस बात के आभास से संजू भी उत्तेजित होने लगा और मन ही मन प्रसन्न होने लगा,,,, वहां अपनी मौसी की बात सुनकर बोला,,,)
Sanju ka man apni mausi ki gaand masalne ko kar raha tha

ivoryton playhouse


धत्,,,, यह सब मुझे नहीं मालूम,,,(तब तक संजू बातों ही बातों में साधना के ब्लाउज का दूसरा बटन भी खोल दिया था और तीसरे बटन की तरफ आगे बढ़ गया था और इस बार अपनी मौसी की बातों को सुनकर मैं पूरी तरह से उत्तेजित हो गया था और बातों ही बातों में मौके का फायदा उठाते हुए अपनी उंगलियों का दबाव अपनी मौसी की चूचियों पर बढ़ाने लगा था इसका एहसास साधना को भी अच्छी तरह से हो रहा था लेकिन वह उसे रोक बिल्कुल भी नहीं रही थी क्योंकि वह तो खुद चाहती थी कि संज6 आगे बढ़े,,,,)

तु सच में अभी कुछ भी नहीं जानता एकदम भोला भाला है,,, तभी तो तेरा यह स्वभाव मुझे बहुत अच्छा लगता है,,,


तुम भी मुझे बहुत अच्छी लगती हो मौसी,,,


क्यों तुझसे अपना ब्लाउज खुलवा रही हूं इसलिए,,,


नहीं नहीं मौसी तुम शुरू से मुझे बहुत अच्छी लगती हो,,,


तभी बाथरूम में मुझे पेशाब करते हुए देख रहा था ना,,,


क्या मौसी तुम भी बार-बार उसी बात को,,,,(इतना कहकर संजु रुक गया,,,)


तुझे ऐसा लगता है ना संजू कि कोई बड़ी बात नहीं थी लेकिन तुझे देखकर तो मेरी पैसाब ही रुक गई थी,,,।


सॉरी मौसी,,,,


कोई बात नहीं लेकिन मुझे पूरा यकीन है कि मेरी भले पेशाब रुक गई थी लेकिन तेरा लंड खड़ा हो गया होगा,,,,।
(साधना सब कुछ सीधे-सीधे बोल रही थी क्योंकि वह जान रहे थे कि संजू बहुत भोला-भाला है अगर इसी तरह से बात ही करता रह गया तो रात गुजर जाएगी और ऐसा मौका ना जाने फिर कब मिलेगा इसलिए वह इस मौके को अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहती थी इसलिए खुले शब्दों में बात कर रही थी और संजू भी अपनी मौसी के मुंह से लंड खड़ा होने की बात सुनकर एकदम सनन रह गया ,, वह अपने मन में सोचने लगा कि मौसी तो बात करके ही उसका पानी निकाल देगी,,, अपनी मौसी की इस बात को नकारते हुए बोला,,,)


नहीं नहीं मौसी यह गलत बात है ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था,,,(बातों ही बातों ने अपनी मौसी के ब्लाउज के अंतिम बटन को खोलते हुए बोला)



चल बेवकूफ मुझे बेवकूफ मत आना तीन बच्चों की मां है मर्दों की हर एक हरकत से वाकिफ हूं मुझे पेशाब करते हुए देखकर तेरा लंड खड़ा हो गया था तेरे पैंट में तंबू बना हुआ था मुझे तो इस बात का डर था कि कहीं तो बाथरूम में घुसकर मेरी चुदाई ना कर दे,,,(साधना पूरी तरह से बेशर्म हो चुकी थी और उसकी बेशर्मी भरी है बात सुनकर संजू अपने आप पर सब्र नहीं कर पा रहा था उसका मन कर रहा था कि इसी समय वह अपनी मौसी को लेटाकर उसकी चुदाई कर दे,,,।)

ममममम, मौसी मुझे नहीं मालूम कि यह सब कैसे हो गयआ था,,, मै उसके लिए माफी चाहता हूं,,,,(संजू अपनी मौसी के ब्लाउज का आखरी बटन भी खोल चुका था,,,,)


चल कोई बात नहीं मैं सब जानती हूं इस उम्र में ऐसा होता ही है तेरी जगह कोई और होता तो उसका भी हाल होता क्या करूं मेरी गोरी गोरी गांड दिखती ही ऐसी है कि किसी का भी खड़ा हो जाए,,,,


तुम सच कह रही हो मौसी,,,(साधना की खुली बातें सुनकर संजू को भी हिम्मत आने लगी थी,,,और हल्के से ब्रा के ऊपर से ही संजू अपनी मौसी की एक चुची को हल्के से दबाते हुए अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,) तुम सच में मम्मी से भी बहुत ज्यादा खूबसूरत लगती हो,,,.


चल झूठा,,,,



नहीं मौसी मैं सच कह रहा हूं,,,,


चल अच्छा ब्लाउज उतारने में मेरी मदद कर,,,( और इतना कहने के साथ ही साधना अपने दोनों हाथों को थोड़ा सा काम कर संजू की तरफ पीछे कर दी जिससे संजू अपनी मौसी का ब्लाउज का पत्थर से पीछे की तरफ खींच मिलेगा और देखते ही देखते उसकी बांहों में से उसका ब्लाउज निकल गया और सिर्फ उसकी चुचियों को ढकने के लिए उसकी ब्रा रह गई,,,, एक औरत का ब्लाउज निकालते समय जिस तरह की उत्तेजना का अनुभव संजू कर रहा था उसे डर था कि कहीं उसका पानी ही ना निकल जाए,,,,)

चल ब्लाउज तो कर के पीछे से जरा ब्रा का हुक भी खोल देना तो,,,,

हहहह,हुक,,,,


हां पीठ पर दोनों पट्टीयों के बीच होगा जरा टटोल कर देख,,,
(इतना सुनते ही सोनू की सांसे बड़ी तेजी से चलने लगी और वह अपने दोनों हाथों को आगे बढ़ा कर अपनी हथेली को अपनी मौसी की नंगी चिकनी मखमली पीठ पर रख दिया नंगी पीठ का मखमली एहसास उसके लंड की अकड़ को बढ़ा रहा था,,, नंगी चिकनी पीठ पर अपनी हथेली घुमाने की लालच को रोकने पाया और हल्के से अपनी हथेली को अपनी मौसी की नंगी पीठ पर फिराने लगा साधना के भी अरमान में चल रहे थे एक जवान हथेली उसकी पीठ पर थिर कन कर रहे थे,,,, जिसकी वजह से उत्तेजनावश साधना की बुर पानी छोड़ रही थी,,,, साधना की सांसे ऊपर नीचे हो रही थी,,,, वह अपने आप को संभालते हुए बोली,,,।)

हुक तो खोल,,,,


हां हां मौसी,,,, खोलता हूं,,,( और इतना कहने के साथ ही संजू अपनी उंगलियों को टटोल कर जल्द ही ब्रा के हुक को पा लिया,,,, और बोला,,)

अब क्या करूं मौसी,,,,


अब दोनों पट्टी को पकड़कर एक दूसरे की तरफ खींच ऐसा करने से हुक खुल जाएगा,,,

ठीक है मौसी,,,(और इतना कहने के साथ ही जैसा साधना ने बताई थी वैसा ही संजू करने लगा और थोड़ी देर में वह अपनी मौसी के ब्रा के हुक को भी खोल दिया,,,,एक जवान लड़के से इस तरह की हरकत करवाने में साधना की उत्तेजना भी परम शिखर पर पहुंच चुकी थी,,,, मद भरे स्वर में वह बोली,,,)



हां अब ठीक है,,,(और इतना कहने के साथ ही वह अपने हाथों से अपनी ब्रा भी उतार कर रख दी,,,कमर के ऊपर साधना पूरी तरह से नंगी हो चुकी थी उसकी बड़ी-बड़ी खरबूजे जैसी चूचियां आजाद हो चुकी थी,,, संजू को मालूम था कि उसकी मौसी ब्रा उतार दी है अंधेरे में ही सही उसकी मौसी उसके बगल में कमर के ऊपर पूरी तरह से मांगी थी इस बात का अहसास से संजू की उत्तेजना पल-पल बढ़ती जा रही थी और बार-बार अपने हाथों से अपने खड़े लंड को दबाने की कोशिश कर रहा था लेकिन लंड कहां मानने वाला था,,,,,, संजु अपने मन में यही सोच रहा था कि अब आगे का काम उसकी मौसी खुद ही कर लेगी और देखते ही देखते साधना अपनी साड़ी को कमर से खोलकर उसे उतारकर बगल में रख दी,,, उसके बदन पर केवल पेटीकोट ही रह गई थी,,,)

हो गया चाची,,,


अरे नहीं रे अभी तो बाकी है,,,, जरा मेरी पेटीकोट की डोरी तो खोल दे वह डोरी तो कस के बांधी हुई होती है,,, मुझसे तो बिल्कुल भी नहीं खुल पाएगी,,,(साधना की यह बातें संजू के कानों में मिश्री खोल रही थी उसे सुनने में बेहद उत्तेजना का अनुभव रहा था और इस बात का एहसास कि वह अपने हाथों से अपनी मौसी की पेटीकोट भी उतारे का और मौका और किस्मत दोनों साथ रहा तो आज वह अपनी मौसी की पेंट उतार कर खुद उसे अपने हाथों से नंगी करने का सुख और सौभाग्य दोनों प्राप्त करेगा,,,,, संजू की किस्मत चारों तरफ से खुद ही चली जा रही थी ऐसा लग रहा था कि जैसे मौसी खुद उसके लंड पर चढ जाएगी,,, संजू को इस बात से और ज्यादा प्रसन्नता देखी अगर चुदाई नहीं होगी कर पाया तो एक औरत को अपने हाथों से नंगी करने का सौभाग्य तो प्राप्त कर ही लिया है यह भी उसके लिए कोई कम नहीं था क्योंकि इस बारे में तो कभी उसने कल्पना भी नहीं किया था,,, अपनी समस्या को दूर करते हुए वह बोला,,,)


क्या मैं पेटिकोट की डोरी खोल पाऊंगा,,!


क्यों नहींमेरे ब्लाउज का बटन खोल लिया और ब्रा का हुक खोल दिया तो डोरी क्यों नहीं खोल पाएगा जरूर खोल पाएगा,,, रुक जा मैं जरा लेट जाती हूं तब तुझे डोरी खोलने में आसानी होगी,,,, एक ब्लाउज उतारने के बाद मेरी चूचियां कितनी आजादी महसूस करन रही है वरना ब्लाउज ओबरा के अंदर कैद होकर तो ऐसा लग रहा था कि जैसे इसका दम ही निकल जाएगा,,,,(साधना की यह बातें सुनकर संजू की सांस ऊपर नीचे होने लगी,,,अपनी मौसी की बातों को सुनकर संजू का मन उसकी चुचियों को पकड़ने का कर रहा था लेकिन ऐसा कर सकने की उसके में हिम्मत बिल्कुल भी नहीं थी जबकि उसकी मौसी खुद ही जाती थी कि संजू अपने हाथों से उसकी चूची को पकड़ ले इसलिए बार-बार चूची का जिक्र कर रही थी लेकिन यह बात भी अच्छी तरह से जानती थी कि समझो आगे बढ़ने में घबरा रहा है क्योंकि औरत के साथ का अनुभव उसके पास बिल्कुल भी नहीं था अगर पहले वह औरत की संगत में आया होता तो शायद उसे अभी तक इतनी मशक्कत नहीं करनी पड़ती जिस तरह से वह लाइट चालू करवा कर उसे अपने पेंटिं की झलक दिखाई थी उसी समय संजूसब कुछ समझ जाता है और खुद अपने हाथों से उसकी पैंटी निकाल कर आगे बढ़ गया होता,,,,लेकिन धीरे-धीरे में भी साधना को बहुत मजा आ रहा था उसकी उत्तेजना पल-पल बढ़ती जा रही थी उसकी दूर पानी से तालाब बन चुकी थी और उसकी पेंटी पूरी तरह से गीली हो चुकी थी,,,। वो धीरे से पीठ के बल लेट गई और बोली,,)


अब डोरी की गीठान खोल,,,,

(इतना सुनते ही फिर से संजू का दिल जोरो से धड़कने लगा कमरे में चारों तरफ अंधेरा था कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था बस अंगुलियों से टटोलकर ही पता लगाना था,,, इसलिए समझो अपना एक हाथ आगे बढ़ा कर पेटिकोट की डोरी को टटोलने के चक्कर में,,, उसका हाथ साधना की कमर पर चला गया,,,, चिकनी मांसल कमर पर मर्दाना हाथ पड़ते ही साधना अपने आप को रोक नहीं पाई और इसकी गर्म संस्कारी छूट गई,,,।सससहहहहहह,,,,,,,, इस आवाज से पूरे कमरे में मदहोशी छा गई जल्द ही समझो अपनी गलती को सुधार ता हुआ अपने हाथ को पीछे खींच लिया,,, और अपनी हथेली को नीचे की तरफ लाकर पेटीकोट पर रखकर डोरी को टटोली रहा था कि उसकी हथेली साधना की दोनों टांगों के बीचो बीच बुर वाले हिस्से पर पहुंच गई,,, और डोरी को पकड़ने के चक्कर में संजू की हथेली का दबाव साधना की बुर वाली जगह पर बढ़ने लगा,,, साधना को यह तो नहीं पता था कि संजू यार का जानबूझकर कर रहा हूं अनजाने में लेकिन अपनी बुरके ऊपर मर्दाना हथेली का लगा हुआ है बर्दाश्त नहीं कर पाई और उसके मुख से जबरदस्त सिसकारी फूट पड़ी,,,,।

सहहहहह ,,,आहहहहहहहहह,,,,


क्या हुआ मौसी,,,,


अरे पगले तू मेरी बुर दबा रहा है डोरी तो उसके ऊपर है,,,
(अपनी मौसी के मुंह से बुर शब्द सुनते हीसंजू को इस बात का एहसास हुआ कि उसकी हथेली वाकई में उसकी मौसी की बुर के ऊपर थी वह बुरी तरह से झेंप गया,,,, और हर बढ़ाते हुए अपने हाथ को अपनी मौसी की बुर से हटाते हुए बोला,,,)

सससस,,, सॉरी मौसी मुझे बिल्कुल भी नहीं मालूम था,,


कोई बात नहीं समझे मैं जानती हूं अब जल्दी से सॉरी खोलकर मेरे पेटीकोट उतार,,,,।(ऐसा लग रहा था कि जैसे साधना के सब्र का बांध अब टूटने लगा हो उससे बर्दाश्त नहीं हो रहा था,,, वह जल्द से जल्द नंगी हो जाना चाहती थी इसलिए संजू भी जल्द ही अंधेरे में उंगलियों से टटोल ते हुए पेटिकोट की डोरी पर पहुंच गया और डोरी को पकड़कर खुश होता हुआ बोला,,)

डोरी मिल गई मौसी,,,


हां अब ठीक है अब ईसे जल्दी से खोल,,,,,(साधना का उतावलापन बढ़ता जा रहा था,, वह जल्द से जल्द संजु के हाथों से उसकी आंखों के सामने एकदम नंगी हो जाना चाहती थी,,,वैसे भी अपनी बुर पर अनजाने में ही संजू की हथेली का दबाव महसूस करते ही उसका पूरा बदन कसमसाने लगा था,,,, साधना के लिए आज की रात बेहद हसीन होने वाली थी लेकिन इस रात के हर एक पल में अजीब सा नशा महसूस हो रहा था,,, सांसो की गति बिल्कुल भी काबू में नहीं थी,,, दिल की धड़कन घोड़े की टापो की तरह बज रही थी,,,, संजू की भी हालत हर एक पल खराब होती जा रही थी उसकी जिंदगी में यह तो पहला मौका था जब वह किसी औरत के कपड़ों को अपने हाथों से उतार रहा था उसका ब्लाउज का बटन खोल रहा था पेटीकोट की डोरी को खोल रहा था,,,, इसलिए संजू के लिए यह सब पूरी तरह से असहनीय होता जा रहा था उसे लगने लगा था कि किसी भी वक्त उसका पानी छुट जाएगा,,,लेकिन किसी तरह से वह अपने आप को संभाले हुए था उसे बिल्कुल भी चिंता नहीं थी कि आज ने मोहिनी सो रही है,,,, क्योंकि कमरे में चारों तरफ अंधेरा था अगर किसी भी तरह उसकी आंख खुल भी गई तो उसे कुछ दिखाई नहीं देगा क्योंकि उसे खुद भी कुछ दिखाई नहीं दे रहा था,,,,अपने मन में सोचने लगा कि उसके हाथों से लेकर उसकी मौसी पूरी तरह से नंगी होगी तो भी वहां अपनी मौसी के नंगे पन को देखने का सुख नहीं भोग पाएगा लेकिन इस बात से,,,उसके मन में तसल्ली थी कि भले ही वह अपनी मौसी को पूरी तरह से नंगी नहीं देख पाएगा लेकिन उसके नंगे पन के एहसास के सुख को वह पूरी तरह से रोक तो सकता है अगर किस्मत अच्छी रही तो आज की रात की भावना उसी की खूबसूरत बदन को भी भोग लेगा,,, उसके लिए मट वह भगवान से प्रार्थना भी कर रहा था,,,।

संजू की हाथों की अंगुलियां साधना के पेटीकोट की डोरी पर थी,,, संजू का दिल जोरों से धड़क रहा था और यही हाल साधना का भी था,,,, संजू अपनी मौसी की पेटिकोट की डोरी को हल्की ताकत के साथ खींचा,,, और अगले ही पल साधना की पेटिकोट की डोरी खुल गई,,, और डोरी के खुलते ही,, पेटिकोट का कसाव कमर के ऊपर से एकदम ढीला हो गया,,,, गहरी सांस लेते हुए संजू बोला,,,।


मौसी पेटिकोट की डोरी खुल गई,,,,


अब उसे नीचे की तरफ खींच,,,,,,(साधना सरल भाषा में उसे अपने पेटिकोट निकालने के लिए बोल रही थी जिसके लिए संजू पूरी तरह से तैयार था,,,,।)

ठीक है मौसी,,,(और इतना कहने के साथ ही वह जांघो पर से पेटीकोट को पकड़कर नीचे की तरफ खींचने लगा लेकिन साधना की भारी-भरकम गांड के नीचे दबी हुई पेटीकोट निकल नहीं रही थी,,, संजू बार-बार कोशिश कर रहा था खींचकर निकालने के लिए लेकिन मौसी की गांड का भारीपन कि वजह से पेटीकोट अपनी जगह से सरक नहीं रहा था,,, साधना यह बात अच्छी तरह से जानती थी और और यह देखना चाहती थी कि संजु क्या करता है,,,, जब कोशिश करने के बावजूद भी पेटीकोट नहीं निकली तो संजु बोला,,,,।)


मौसी पेटीकोट,,,, तुम्हारी गांड बड़ी है ना इसलिए,,,,


हां,,, रुक,,,, आजकल तुझे औरतों की गांड के बारे में बहुत मालूम पडने लगा है,,,ना,,,,(इतना कहने के साथ ही एक बार फिर से सजना अपनी भारी भरकम खूबसूरत काम को कमर से ऊपर की तरफ लगभग चार अंगुल उपर उठा ली,,, साधना की तरफ से इस तरह से अपनी गांड उठाना उसकी पूरी सहमति दर्शा रहा था और यह बेहद कामुक दृश्य भी था जिसके बारे में सोच कर ही संजु का लंड पानी फेंकने को तैयार था,,, लेकिन अंधेरे में संजू को कुछ नजर नहीं आ रहा था,,,,।)



नहीं नहीं मौसी ऐसी कोई बात नहीं है,,,, अब इतना तो पता चलना ही चाहिए ना,,,(पेटिकोट को नीचे की तरफ खींचता हुआ बोला और अगले ही पल वह अपनी मौसी के पेटीकोट उतार कर एक बगल में रख दिया था,,,,)

हां तु सच कह रहा है तेरी उम्र के लड़के को इतना तो समझ में आना ही चाहिए लेकिन जहां तक मैं जानती हूं कि तेरी उम्र के लड़के को बहुत कुछ समझ में आ जाता है लेकिन तुझे अभी उतना समझ में नहीं आता,,,


मुझे क्या पता मौसी,,,,


नहीं नहीं तुझे भी इन सब का ज्ञान होना जरूरी है,,,, आखिरकार तु एक मर्द है और मर्दों को मर्दों वाला काम तो आना ही चाहिए,,,। चल अब यह भी उतर गई अब बता सकता है कि मेरे बदन पर क्या रह गया है उतारने को,,,,


पेंटी,,,,(संजू तपाक से बोला)


कौन से रंग की,,,


लाल रंग की,,,,


अरे वाह तुझे कैसे पता चला,,, अच्छा जब मैं पेशाब कर रही थी तब तूने देख लिया होगा,,,


नहीं नहीं मौसी तब नहीं देख पाया था,,,


क्यों नहीं देख पाया था उतारी तो थी मैं,,,,( मादक भरे स्वर में बोली,,)

उस समय मेरा ध्यान किसी और चीज पर था ,,,।(संजू घबराते हुए बोला,,,)

अच्छा मैं समझ गई उस समय तो तेरा ध्यान मेरी गोरी गोरी गांड पर था ना,,,,
Sadhna




हां,,,मौसी,,,,(साधना की खुली बातें संजू के तन बदन के साथ साथ उसकी भावनाओं पर भी असर दिखा रहे थे,,,, अब उसे अपनी मौसी में मौसी नहीं बल्कि एक औरत नजर आने लगी थी,,,)

तब तूने मेरी पेंटी कब देखा,,,,(साधना आश्चर्य के साथ बोली,,,)

वह जब तुम चादर मांग रही थी,,, और तुमने ट्यूब लाइट जलाकर देखने के लिए बोली,,,, तभी देखा था,,,


अरे वाह संजू तेरी नजर की दाद देनी पड़ेगी देख लिया और उसका कलर भी तुझे याद रह गया,,,


अच्छी लग रही थी ना मौसी,,,


क्या अच्छी लग रही थी,,,?

पेंटी,,,,,


ओहहहह,,, तो तुझे मेरी पेंटी बहुत अच्छी लगी,,,जब तुझे मेरी पेंट इतनी अच्छी लग रही है तो पेंटी के अंदर का सामान देखकर तेरे होश उड़ जाएंगे,,,।
(साधना बेशर्मी दिखाते हैं एकदम सीधे सपाट स्वर में बोल गई अपनी मौसी की यह बात सुनकर संजू का पानी निकलते निकलते बचा वह कुछ बोल नहीं पा रहा था,,, इसलिए साधना ही अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली ,,)



क्यों संजू ठीक कह रही हो ना,,,


मुझे क्या पता मैंने देखा थोड़ी हुं,,,,


अरे क्या बात कर रहा है तूने अभी तक नहीं देखा है,,,


नहीं मौसी में सच कह रहा हुं,,,


अरे बाथरूम में मेरी तो देखा होगा जब मऐ पेशाब कर रही थी,,,


नहीं नहीं तब भी नहीं देख पाया था क्योंकि गांड के अलावा और कुछ दिख नहीं रहा था,,,।


ओहहहह,,, तब तो उसे देखने के लिए तुझे अपना दिल और दिमाग दोनों मजबूत करके रखना पड़ेगा मुझे नहीं लगता है कि तुम उस तरह का नजारा झेल पाएगा,,,।

(साधना की बातों को सुनकर संजू अपने मन में यही सोच रहा था कि जिस तरह से उसकी मौसी बातें कर रही है जरूर वह अपनी बुर दिखाना चाहती है,,,संजू इतना तो जानता ही था कि औरत के दोनों टांगों के बीच के उस अंग को क्या कहते हैं,,, उसका दिल जोरों से धड़क रहा था उसे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या बोले लेकिन फिर भी हिम्मत जुटाते हुए बोला,,,।)

झेल लूंगा,,,,, इसमें क्या हुआ,,,,
(संजू की बातें सुनकर साधना मन ही मन मुस्कुराने लगी उसकी यह बात इसे साधना समझ गई थी कि वह भी उसने जरा को देखने के लिए उत्सुक है इसलिए साधना बात को घुमाते हुए बोली,,,)

चल समय आएगा तो वह भी देखा जाएगा अभी तो तू मेरी पैंटी उतार दे तब जाकर मुझे हल्का महसूस होगा क्योंकि मेरी पैंटी बहुत कशी हुई,, हैं,,,
Sanju apne man me soch raha th ki panty utarne k bad mausi ki boor kesi lagegi


यह भी मैं उतारू,,,


क्यों तुझे जोर आ रहा है क्या,,,


नहीं नहीं मौसी ऐसी कोई बात नहीं है मुझे तो अच्छा लग रहा है,,, लेकिन अगर इस बारे में किसी को पता चल गया तो,,,


पागल हो गया क्या किसी को कैसे पता चलेगा एक तू जानता है और एक मैं,,,, किसी को कुछ भी पता नहीं चलेगा,,,।

साधना और संजु
Bhai grab ka update diya hai
Bas dhere dhere aage baate raho..
Maa ki baat bech bech me karte raho...
Aur mousi ko chodne ke baad Mousi se MAA ka roleplay karwa do bhai
Mousi "beta muje apni maa samaj kar chod"
 
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rohnny4545

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तू घबरा मत किसी को कानों कान खबर नहीं होने वाला है और वैसे भी रात के अंधेरे में कमल के अंदर क्या हो रहा है यह तो बगल वाले कमरे में रहने वाले को भी नहीं पता चलता,,, समझ गया ना तु,,,

जी मौसी,,,,(इतना कहते हुए संजू मन ही मन प्रसन्न होने लगा आखिरकार प्रसन्न होता क्यों नहीं उसकी मौसी ने उसे इतना महत्वपूर्ण काम जो सौंप दी थी जो कि एक औरत सिर्फ एक प्रेमी और अपने पति को ही सौंपती है,,,, अपनी मौसी की चड्डी उतारने के लिए वह बहुत उतावला हुआ जा रहा था,,,, जल्द से जल्द वह अपने हाथों से अपनी मौसी को नंगी करना चाहता था वह अपने मन में ही सोच रहा था कि मौसी की दोनों टांगों के बीच की चड्डी के अंदर किस तरह का खजाना छुपा होगा कैसा नजर आता होगा उसका फोटो और कैसा होगा आकार कैसा होगा यही सब सोचकर वह मन ही मन उत्तेजित हुआ जा रहा था,,,क्योंकि भले ही संजू ने औरतों के दोनों टांगों के बीच के उस खजाने के बारे में कल्पना किया हो लेकिन अपनी आंखों से उसे वास्तविक में नहीं देखा था,,,,इसलिए एक औरत के दोनों टांगों के बीच की उस पतली दरार के भूगोल से संजू पूरी तरह से अनजान था लेकिन आज लग रहा था कि जैसे उसकी मौसी अपनी दोनों टांगों के बीच के उस अमूल्य खजाने से जान पहचान करा देगी,,,, तभी तो संजू अपनी मौसी की बुर से गुफ्तगू करने के लिए उतावला और बावला हुआ जा रहा था,,,,,)



अब उतारेगा भी या सोचता ही रह जाएगा,,,,


हां हां उतारता हूं,,,,(इतना कहने के साथ ही संजु अपना दोनों हाथ आगे बढ़ा दिया उत्तेजना की वजह से उसके दोनों हाथों में कंपन हो रही थी वह कहां पर आया था क्योंकि अब वह जो काम करने जा रहा था वह काम सही मायने में संजू के लिए तो बिल्कुल भी आसान नहीं था,,, क्योंकि औरतों के कपड़े उतारने में संजू का यह पहला अनुभव था और जिसमें वह धीरे-धीरे सफल भी होता आ रहा था लेकिन अब चड्डी उतारने की बारी थी और औरतों की,,, चड्डी तभी उतारी जाती है जब चोदने का पूरा मन हो,,, जिसमें मर्द अपनी उत्तेजना को शांत कर लेता है लेकिन यहां पर संजू को अभी तक ऐसा नहीं लग रहा था कि वह अपनी मौसी को चोद पाएगा इसलिए अपनी मौसी की चड्डी उतारने के बाद वह अपनी उत्तेजना को शायद संभाल सकने में समर्थ ना हो,,,और उसे अपने हाथ से ही दिन आकर अपनी उत्तेजना को शांत करना पड़ेगा लेकिन इस बात की शंका भी थी कि अपने हाथ से ही क्या उसे इतने अत्यधिक उत्तेजना में परम आनंद का अनुभव हो पाएगा कि नहीं अगर उसे अपनी मौसी की चड्डी उतारने के बाद उसकी चुदाई करने को मिल जाए तो शायद वह परम आनंद को प्राप्त कर ले,,, लेकिन फिर भी वह मन में आंस लिए हुए वह अपनी कांपती ऊंगलियो को अपनी मौसी की चड्डी पर रख दिया,,,, जैसे ही संजू की उंगलियां साधना की कमर के साथ-साथ चड्डी पर स्पर्श हुई वैसे साधना का पूरा बदन सिहर उठा और उसके मुख से हल्की सिसकारी की आवाज फूट पड़ी,,,।


सीईईईईईईई,,,,,,
(यह आवाज बेहद सुरीली और मादक थी,,,, संजू इस आवाज को सुनकर पूरी तरह से उत्तेजित हो गया,,, और अपनी मौसी की चड्डी को उतारने के लिए अंगूठा चड्डी के ऊपर रखा और अपनी बाकी की तीन उंगलियों को साधना की मखमली चड्डी के अंदर सरका दिया यह एहसास संजू के साथ-साथ साधना के तन बदन में आग लगाने लगा साधना इस बात को अच्छी तरह से जानती थी कि एक मर्द औरत की चड्डी उसे चोदने के लिए ही उतारता है,,,, लेकिन यहां पर चड्डी उतारने वाला ना तो उसका प्रेमी था और ना ही उसका पति केवल उसका भतीजा था लेकिन उत्तेजना के एहसास से डूबी हुई साधना को अब धीरे-धीरे अपने भतीजे में केवल एक मर्द नजर आने लगा था जो कि इस समय उसकी चड्डी उतार रहा था,,,, संजू अपनी मौसी की चड्डी को उतारने की तैयारी में ही था कि तभी साधना बोली,,,)


जानता है संजू औरत की चड्डी कौन उतारता है,,,?


मुझे क्या पता मौसी मैं तो यह काम पहली बार करने जा रहा हूं,,,


जानती हूं पहली बार कर रहा है लेकिन सिर्फ तुझसे पूछ रही हूं,,,


नहीं नहीं मौसी मैं नहीं जानता तुम ही बता दो,,,


एक औरत की चड्डी केवल उसका प्रेमी और उसका पति ही उतारता है जानता है किस लिए,,,




नहीं तो,,,(उत्तेजना के मारे अपने सुख के गले को अपने थूक से गीला करने की कोशिश करते हुए बोला,,, जवान हो चुका संजू इतना तो जानता ही था कि एक औरत की चड्डी क्यों उतारा जाता है लेकिन वह देखना चाहता था कि अब उसकी मौसी क्या जवाब देती है।,,, इसलिए वह अपनी मौसी की चड्डी को पकड़े हुए हैं अपनी मौसी के जवाब का इंतजार करने लगा,,,।)


अरे बुद्धू इतना भी नहीं जानता,,,।



हा मौसी तुम ही बताओ ना,,, मुझे तो बिल्कुल भी अनुभव नहीं,,, है,,,।(संजू अपनी मौसी की चड्डी को पकड़े हुए बोला,,, साधना अपनी बातों से संजू को पूरी तरह से मस्त कर देना चाहती थी,,, और ऐसा हो भी रहा था साधना धीरे-धीरे पूरी तरह से खुल रही थी,,, संजू की बात सुनकर साधना को भी इस बात का एहसास हो रहा था कि संजू भी उसकी बात सुनने के लिए उत्सुक है इसलिए वह बोली,,)

तु सच में एकदम बुद्धू है,,,, इतना भी नहीं जानता,,, खूबसूरत औरत की चड्डी क्यो उतारी जाती है अरे पागल उसको चोदने के लिए,,,,,, क्योंकि बिना चड्डी उतारे तो यह काम हो नहीं सकता,,,।
( चोदना शब्द अपनी मौसी के मुंह से सुनते ही संजू के पूरे बदन में सनसनी सी दौड़ गई और उसका लंड और ज्यादा टनटना गया,,, संजू अपनी मौसी के सुर में सुर मिलाता हुआ बोला,,,)



बाप रे क्या तुम सच कह रही हो मौसी,,,(उत्तेजना के मारे संजू अपनी ऊंगलियों का कसाव अपनी मौसी की चड्डी पर बढाता हुआ बोला,,,)

तो क्या मुझे सब मालूम है क्योंकि तेरे मौसा भी यही करते हैं,,,


तुम्हारी तुम्हारी चड्डी उतारते हैं,,,(उत्तेजना भरे स्वर में संजू बोला)

तो क्या,,, उनको करना है तो उतारना तो पड़ेगा ही,,,


क्या करना है,,, मौसी,,?

मतलब की चुदाई,,,,


ओहहहहह,,, तो क्या मौसा जी तुम्हारी रोज चुदाई करते हैं,,,,,(संजू का दिल जोरों से धड़क रहा था औरत को इस तरह की बात करते हुए उसने कभी देखा नहीं था और ना ही सुना था और आज पहली बार अपनी मौसी को इस तरह की गंदी बातें करते हुए देखकर उसके होश उड़ते चले जा रहे थे वह मदहोशी के सागर में डुबता जा रहा था धीरे धीरे संजू भी खुली बातों का दौर शुरू कर दिया था संजू को बहुत मजा आ रहा था और संजू के मुंह से धीरे-धीरे इस तरह की बातों को सुनकर साधना को अंदर ही अंदर मजा आ रहा था,,, क्योंकि वह अच्छी तरह से जानते थे कि अगर संजू इसी तरह से खुल जाएगा तो जरूर उसके साथ कुछ कर सकने की हिम्मत जुटा पाएगा इसलिए साधना अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली,,,)

पहले करते थे जब वह पूरी तरह से जवान थे लेकिन अब उम्र के हिसाब से 15 दिन में दो-तीन बार ही हो पाता है,,,।


मतलब जवान थे तब क्यों रोज करते थे,,,।


क्योंकि तब वह जवान थे जवान शरीर था शरीर में स्फूर्ति थी और उनका वह भी बहुत काम करता था,,,


वह क्या मौसी,,,?(संजू आश्चर्य जताते हुए बोला लेकिन इतना तो जान ही किया था कि उसकी मौसी किस बारे में बात कर रही थी लेकिन फिर भी वह अपनी मौसी के मुंह से सुनना चाहता था)


अब सब कुछ मैं ही बताऊं ईतना बड़ा हो गया तुझे यह सब नहीं पता,,,


मुझे कैसे पता होगा मौसी,,,स्कूल,,,, स्कूल से घर दिन भर पढ़ाई बस यही तो रोज का काम है,,, इसीलिए इन सब बातों का समय ही नहीं मिलता और मुझे इसमें कोई इंटरेस्ट भी नहीं था,,,।


मैं तुझे पहला लड़का देख रही हूं जो औरतों में इंटरेस्ट नहीं रखता वरना दुनिया आजकल औरतों के पीछे ही पागल हुई जा रही है,,,,


अच्छा यह तो बताओ मौसी,,, किस बारे में बात कर रही थी कि ज्यादा काम करता था,,,।


अरे बुद्धू,,, मैं लंड के बारे में बात कर रही थी,,, जवानी में लंड की बहुत ताकतवर होता है उस समय तेरे मौसा रात को तीन-तीन बार करते थे और थकते नहीं थे,,, लेकिन अब उम्र की वजह से नहीं हो पाता लेकिन तेरा जरूर होगा तेरी शादी जब होगी तो तु भी अपनी औरत की दिन-रात चुदाई करता रहेगा,,,।


क्या मौसी तुम भी,,,,(ऐसा कहते हुए संजु शर्मा गया,,,और साथ ही अपने बदन में गर्मी का अनुभव करने लगा,,,। अपनी मौसी के साथ गरमा गरम बातें करने में संजु अपनी मौसी की चड्डी उतार नहीं रहा था,,,तो साधना ही बोली,,)



अरे उतारेगा भी या बातें ही करता रहेगा,,,

हां ,,,हा ,,,,, मौसी उतारता हुंं,,,,(इतना कहने के साथ ही संजू अपनी मौसी की चड्डी को नीचे की तरफ खींचने लगा,,,,,,और साधना भी उस का साथ देते हुए अपनी भारी भरकम गांड को एक बार फिर से थोड़ा सा ऊपर की तरफ उठा देता कि वह उसकी चड्डी को आराम से उतार सके,,, संजू अपनी मौसी का सहयोग पाकर,, तुरंत उसकी चड्डी को उसकी मदमस्त गांड की घेराव से दूर करती है उसे बाहर निकाल दिया,,,, पैरों से बाहर करते हुए चड्डी को देखते हुए साधना बोली,,,)

संजू देखना मेरा दिया हुआ ज्ञान मुझ पर ही मत ठोक देना,,,


मैं समझा नहीं मौसी,,,(अपनी मौसी की चड्डी को एक तरफ रखते हुए बोला,,,)

अरे पागल मैं अभी अभी तुझे बताई थी ना कि एक औरत की चड्डी कौन उतारता है और क्यों उतारता है,,,।


हां हां मौसी,,,


हां तो देखना कहीं मेरी चुदाई मत कर देना,,,।
(साधना की बातों में साफ-साफ निमंत्रण था और इस बात को समझो भी धीरे-धीरे समझ में लगा था लेकिन उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी आगे बढ़ने की इसलिए वह अपनी मौसी की बात सुनकर बोला,,,)




नहीं नहीं मौसी,,,,,(थोड़ी देर शांत रहने के बाद) अब तुम बिल्कुल नंगी हो गई हो मौसी,,,,।


हारे नंगी होने के बाद देख कितना बदन हल्का लग रहा है,,, पता नहीं तु इतना टाइट कपड़े पहनकर कैसे सोता है,,, निकाल दे सारे कपड़े मेरी तरह,,,,।


नहीं नहीं मौसी मेरी आदत नहीं है ना,,,,


अरे पागल है तू एक बार कपड़े उतार कर नंगा होकर सो देख कितनी अच्छी नींद आती है,,,। आ अब बैठा क्यों है,,, आ कर लेट जा,,,।


जी मौसी,,,(और इतना कहने के साथ ही संजू तुरंत अपनी मौसी के बगल में जाकर लेट गया नंगे होने की अपनी मौसी के प्रस्ताव पर उसकी खुद की भी हामी थी लेकिन उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी,,, साधना और संजू दोनों पीठ के बल लेट आए हुए थे आपस में दोनों का बदन स्पर्श हो रहा था और अपनी मौसी के नंगे बदन का स्पर्श होते ही,,, संजू के बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी और यही हाल साधना का भी था,,, उत्तेजना के मारे उसकी बुर पानी छोड़ गई थी और साधना उत्तेजना के मारे अपनी बुर पर अपनी हथेली रख कर उसे रख कर रही थी अंधेरा होने की वजह से कुछ दिखाई नहीं दे रहा था,,, साधना इस रात को यूं ही बर्बाद होने देना नहीं चाहती थी क्योंकि वह जानती थी कि जिस तरह की आग उसने अपने भतीजे के बदन में लगाई है,,, उसे बुझा कर शांत करना भी उसका फर्ज था,,, और आज वह एक जवान लंड़ कों अपनी बुर में लेना चाहती थी जिसके लिए वह अत्यधिक उत्सुक भी थी,,,। इसलिए वह संजू से बोली,,)

संजू एक नंगी औरत के पास लेटने से तुझे कैसा लग रहा है,,,।

पता नही मौसी,,,,


क्यों क्या हुआ पता क्यों नहीं है,,,


कुछ अजीब सा लग रहा है ना जाने मुझे क्या हो रहा है,,,


तुझे क्या हो रहा है तुझे पता नहीं है,,,


पता नहीं मौसी लेकिन सांस ऊपर नीचे हो रही है माथे से पसीना टपक रहा हैं,,,।


इसका मतलब तुझे अच्छा लग रहा है,,,


तुम को कैसे मालूम,,,


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मैं सब जानती हूं एक खूबसूरत औरत के पास अगर कोई जवान लड़का इस तरह से लेट जाएं और औरत को एकदम नंगी हो तो उस लड़के का हाल भी तेरे जैसा ही होगा सभी लड़कों का हाल तेरे जैसा है क्योंकि उन्हें अच्छा लगने लगता है और भी ज्यादा बदलाव बदन में होने लगता है,,,


कैसा बदलाव मौसी,,,


लंड खड़ा होने लगता है,,,




धत्त मौसी कैसी बातें करती हो,,,(संजू शर्माते हुए बोला लेकिन जो कुछ भी उसकी मौसी बोल रही थी वह बिल्कुल सच था उसका लंड पूरी तरह से अपनी औकात में आ नहीं आ चुका था,,,,, साधना और कुछ बोल पाती इससे पहले ही दरवाजा खुला और दरवाजे की आवाज सुनते ही वह संजु से बोली,,)

लगता है तेरे पापा आ गए,,,


हां मौसी,,, रोज देर से आते हैं,,,,


कोई बात नहीं अब इस समय तो ने अपने कपड़े उतार चुकी हूं कि ईस हाल में जा नहीं सकती सुबह बात करूंगी,,,।(उसका इतना कहना था कि आराधना वाले कमरे का दरवाजा खुलने की आवाज दोनों के कानों में पड़ी ,,, और थोड़ी देर बाद रमेश की आवाज आई)

अभी तक मेरा इंतजार कर रही है,,,


आप हाथ मुंह धो लीजिए मैं खाना लगाती हूं,,,


मुझे भूख नहीं है,,,(रमेश नशे में था उसकी आवाज लड़खड़ा रही थी,,,)


खा लीजिए मैंने पूरी सब्जी और खीर बनाई हुं,,,,,,
(बगल वाले कमरे में संजू और साधना दोनों बड़े गौर से बातों को सुन रहे थे,,, इतनी साफ आवाज सुनाई दे रही थी इसलिए साधना बोली,,,।)

बगल वाले कमरे की आवाज तो एकदम साफ आ रही है,,, वह दोनों क्या बातें कर रहे हैं सब कुछ सुनाई दे रहा है,,,।


हां मौसी सब कुछ साफ सुनाइ देता है लेकिन तुम चिंता मत करो इस कमरे की आवाज नहीं सुनाई देती,,,।

ओहहह तब तो ठीक है,,,, मैं तो डर ही गई थी,,,।
( तभी बगल वाले कमरे में से बर्तन की आवाज आने लगी आराधना अपनी जगह से उठकर थाली लगा रही थी,,,।)

अब जल्दी से हाथ मुंह धोकर आइए तब तक मैं खाना लगा देती हूं,,,


मुझे खाना नहीं खाना है,,, मुझे सबसे पहले तेरी लेना है,,,

यह क्या कह रहे हैं आप,,,, धीरे बोलिए,,, बड़ी दीदी आई हुई है,,,।
(अपने पापा की बात सुनकर संजू समझ गया था कि उसके पापा क्या चाहते हैं लेकिन फिर भी अनजान बनता हुआ अपनी मौसी से बोला,,,)

क्या लेने की बात कर रहे हैं मौसी,,,


अरे बुद्धू तेरे पापा तेरी मां को चोदने की बात कर रहे है मतलब की तेरी मां की बुर लेना चाहते हैं,,,,।(साधना को अच्छा मौका मिल गया था खुलकर बातें करने के लिए संजु सीधी सरल भाषा में यह बात अच्छी तरह से जानता था कि उसके पापा क्या लेने की बात कर नहीं देखी उसकी मौसी घुमा फिरा कर उसकी उत्तेजना को और ज्यादा बढ़ा दी थी ना जाने क्यों संजू के तन बदन में और ज्यादा वासना के शोले भड़कने लगे,,,, यह सब अपनी मां के बारे में खुलकर बात करने की वजह से था,,,, अपनी मौसी की बात सुनकर संजू कुछ बोला नहीं और साधना फिर से कान लगाकर सुनने लगी,,,।)

देख कुछ भी हो,,, मुझे चोदने का मन कर रहा है और आज मैं अपना लंड तेरी बुर में डाल कर ही रहुगा,,,,,

( बाप रे संजू तेरे पापा कितनी गंदी गंदी बातें कर रहे हैं,, लगता है आज वो तेरी मां की चोद कर ही रहेंगे,,)


चुप हो जाइए भगवान के लिए दीदी सो रही है अगर सुन लेगी तो क्या समझेंगी तुम्हारे बारे में,,,,


सुन लेगी तो क्या हुआ,,, मैं तेरी दीदी की भी चुदाई कर दूंगा,,,(अपना जिक्र होते ही साधना संजू से बोली,, ब बाप रे तेरे पापा लगता है ज्यादा नशा करते हैं,,)

यह क्या कह रहे हैं आप ,,,, आप होश में बिल्कुल भी नहीं है,,,,


चल चुप कर हरामजादी तेरे से ज्यादा सेक्सी तो तेरी बड़ी बहन है उसकी बड़ी बड़ी गांड देख कर ही मेरा लंड खड़ा हो जाता है देखा भी देख तेरी बहन का जिक्र आते ही कैसे खड़ा हो गया है,,,(और इतना कहने के साथ ही रमेश अपने पेंट की चैन खोलकर अपने लंड को बाहर निकाल लिया और हिलाने लगा,,, यह देखकर आराधना बोली,,)

आपको क्या हो गया है नशे में अनाप-शनाप बोल रहे हैं,,,।


मैं सच बोल रहा हूं,,,, तेरी बहन को देखते ही मेरा मन उसका चोदने को करता है,,,।
(बाजू वाले कमरे में सुन रही साधना हक्की बक्की हो गई थी,,, लेकिन इस बात से उसे करो महसूस हो रहा था कि उसके जीजा उसकी खूबसूरती की तारीफ ही कर रहे थे भले ही उसे चोदने की बात कर रहे थे,,, अपने पापा की बात सुन रहा संजू बोला,,)

मौसी पापा तुम्हारे बारे में गंदी गंदी बातें कर रहे हैं,,,

सुन रही हु,,,अभी तेरे पापा होश में नहीं है इसलिए कुछ भी कहना ठीक नहीं है,,, सुबह में जरूर उनसे बात करुंगी,, अभी तु सिर्फ उन दोनों की बातें सुन)


भगवान के लिए चुप हो जाइए आप जो कहेंगे वह करूंगी लेकिन आवाज मत करिए,,,।
(आराधना पूरी कोशिश कर रही थी कि उसके पति शांत करने की ताकि वह ऊंची आवाज में बोल ना सके उसे इस बात का डर था कि कहीं उसकी बहन जागना जाए और उसकी बात सुन ना ले नही तो वह अपनी बहन के सामने शर्मिंदा हो जाएगी,,,)

हां तो ठीक है,,,,,, चल अपने ब्लाउज के बटन खोल,,, तेरी चूचियां बड़ी बड़ी है,,,।
(अपने पापा के मुंह से अपनी मां के लिए इस तरह की बात सुनकर गुस्सा की जगह संजू की उत्तेजना बढ़ने लगी थी वह बिना ब्लाउज के अपनी मां की कल्पना करने लगा था और आग में घी डालने का काम साधना कर रही थी वह बोली,,,) देख संजु तेरी मां की चूची बहुत बड़ी बड़ी है,, अब देखना तेरे पापा तेरी मां की चूची को जोर जोर से दबाएंगे और से मुंह में ले कर पिएंगे,,,।
(अपनी मौसी की बात सुनकर संजु कुछ बोल नहीं रहा था बस मजे ले रहा थाउसकी उत्तेजना और ज्यादा पर जा रही थी क्योंकि उसकी मौसी का नंगा बदन कोशिश पर सो रहा था उसका मन कर रहा था कि वह खुद अपना हाथ आगे बढ़ा कर अपनी मौसी की चुची पकड़कर दबाने लगे,,, लेकिन ऐसा करने की हिम्मत उसमें बिल्कुल भी नहीं थी,,, तभी उसके कानों में उसके पापा की आवाज सुनाई दी,,,)


बहुत देर कर रही है शाली,,, मेरे लिए ब्लाउज खोलने में तुझे ईतना समय लगता है,,, और अपने आशिक के लिए तुरंत नंगी हो जाती है,,,


यह आप कैसी बातें करते हैं मुझ पर इस तरह का इल्जाम मत लगाया करो वरना किसी दिन जहर खा कर मर जाऊंगी,,,


ओहहहह नखरे तो देखो,,,, अब जल्दी-जल्दी ब्लाउज उतार आज तेरा दूध पीना है,,,।
(यह सब बातें आराधना को जहर की तरह लग रही थी लेकिन बगल वाले कमरे में सुमिरन साधना और संजू दोनों को यह सब बातें ज्यादा उत्तेजना महसूस करवा रही थी वह दोनों काफी उत्तेजना का अनुभव कर रहे थे,,, रमेश की बातें साधना की बुर में और ज्यादा नमकीन भर रहे थे संजू का लंड और ज्यादा कड़क हो रहा था,,,, अपनी उत्तेजना को संजू संभाल नहीं पा रहा था बार-बार उसे अपनी मौसी का नंगा बदन छूने का मन कर रहा था,,,,,)

वाह ,,,, रे मेरी छम्मक छल्लो,,, कुछ भी कहो तेरी चूचीया लाजवाब,,, है,,,,,(और इतना कहकर रमेश आगे बढ़ा और सीधा आराधना की चूचीयो से अपना मुंह लगाकर पीना शुरु कर दिया,,,,, उसके मुंह से,,ऊममममम ऊनममममम की आवाज आ रही थी जिससे साधना समझ गई थी कि रमेश और आराधना की चूचियां पी रहा है,,,, यही बात संजू को समझाते हुए वह बोली,,,)

तुझे पता है तेरे पापा क्या कर रहे हैं,,,


क्या कर रहे हैं,,,?


तेरे पापा तेरी मां का दूध पी रहे,,,(अपनी मौसी के मुंह से अपने मम्मी और पापा के बारे में यह बात सुनते ही उसके लंड की अकड बढ़ने लगी लेकिन कुछ बोल नहीं रहा था,,, साधना अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली,,)

एक बात बता संजू,,, जैसे आज उन दोनों की बात सुनाई दे रही है ऐसे तो रोज सुनाई देती होगी तु रोज सुनता है ना,,,।

हां,,, अब काम तो बंद करके नहीं सो सकता ना,,,

मतलब रोज इसी तरह की चुदाई वाली बातें होती हैं,,,


सब कुछ होता है झगड़ा मार चुदाई,,,(अनायास ही संजू के मुंह से चुदाई शब्द निकल गया जिसे सुनकर साधना मुस्कुराने लगी,,,)

उन दोनों की चुदाई वाली बातें सुनकर तुझे भी तो कुछ कुछ होता ही होगा,,,,
(इस बात को सुनकर संजू कुछ बोला नहीं तो साधना अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली)

मैं जानती हूं तुझे भी कुछ कुछ होता होगा तेरी मम्मी पापा की बात सुनकर तू मेरी बुर पूरी गीली हो गई,,, और मुझे पूरा यकीन है कि तेरा लंड भी खड़ा हो गया होगा,, तेरी मां की बातें सुनकर,,,


नहीं नहीं ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है,,,


तू झूठ बोल रहा है मुझे पता है,,,(अब साधना से गिर के भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था बगल वाले कमरे में उसके जीजा उसकी छोटी बहन के दूध को पी रहे थे और ऐसे में उसकी उत्तेजना बढ़ना लाजमी था इसीलिए वह तुरंत अपना हाथ आगे बढ़ाकर पेंट के ऊपर से ही संजय के लंड को टटोलकर पकड़ ली और बोली,,)
झूठ बोल रहा था ना मुझसे देख तेरा भी खड़ा हो गया है,,,।
(अब संजू क्या बोलता वह तो पूरी तरह से गनगना गया,,, उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें पेंट के ऊपर से ही सही लेकिन उसके लंड को उसकी मौसी पकड़े हुए थी,,, अनुभव से भरी हुई साधना पेंट के ऊपर से ही संजू के लंड को टटोलकर अंदाजा लगा ली थी कि संजू का लंड काफी मोटा तगड़ा और लंबा है उसकी बुर फुदकने लगी थी,,)
 
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