तू घबरा मत किसी को कानों कान खबर नहीं होने वाला है और वैसे भी रात के अंधेरे में कमल के अंदर क्या हो रहा है यह तो बगल वाले कमरे में रहने वाले को भी नहीं पता चलता,,, समझ गया ना तु,,,
जी मौसी,,,,(इतना कहते हुए संजू मन ही मन प्रसन्न होने लगा आखिरकार प्रसन्न होता क्यों नहीं उसकी मौसी ने उसे इतना महत्वपूर्ण काम जो सौंप दी थी जो कि एक औरत सिर्फ एक प्रेमी और अपने पति को ही सौंपती है,,,, अपनी मौसी की चड्डी उतारने के लिए वह बहुत उतावला हुआ जा रहा था,,,, जल्द से जल्द वह अपने हाथों से अपनी मौसी को नंगी करना चाहता था वह अपने मन में ही सोच रहा था कि मौसी की दोनों टांगों के बीच की चड्डी के अंदर किस तरह का खजाना छुपा होगा कैसा नजर आता होगा उसका फोटो और कैसा होगा आकार कैसा होगा यही सब सोचकर वह मन ही मन उत्तेजित हुआ जा रहा था,,,क्योंकि भले ही संजू ने औरतों के दोनों टांगों के बीच के उस खजाने के बारे में कल्पना किया हो लेकिन अपनी आंखों से उसे वास्तविक में नहीं देखा था,,,,इसलिए एक औरत के दोनों टांगों के बीच की उस पतली दरार के भूगोल से संजू पूरी तरह से अनजान था लेकिन आज लग रहा था कि जैसे उसकी मौसी अपनी दोनों टांगों के बीच के उस अमूल्य खजाने से जान पहचान करा देगी,,,, तभी तो संजू अपनी मौसी की बुर से गुफ्तगू करने के लिए उतावला और बावला हुआ जा रहा था,,,,,)
अब उतारेगा भी या सोचता ही रह जाएगा,,,,
हां हां उतारता हूं,,,,(इतना कहने के साथ ही संजु अपना दोनों हाथ आगे बढ़ा दिया उत्तेजना की वजह से उसके दोनों हाथों में कंपन हो रही थी वह कहां पर आया था क्योंकि अब वह जो काम करने जा रहा था वह काम सही मायने में संजू के लिए तो बिल्कुल भी आसान नहीं था,,, क्योंकि औरतों के कपड़े उतारने में संजू का यह पहला अनुभव था और जिसमें वह धीरे-धीरे सफल भी होता आ रहा था लेकिन अब चड्डी उतारने की बारी थी और औरतों की,,, चड्डी तभी उतारी जाती है जब चोदने का पूरा मन हो,,, जिसमें मर्द अपनी उत्तेजना को शांत कर लेता है लेकिन यहां पर संजू को अभी तक ऐसा नहीं लग रहा था कि वह अपनी मौसी को चोद पाएगा इसलिए अपनी मौसी की चड्डी उतारने के बाद वह अपनी उत्तेजना को शायद संभाल सकने में समर्थ ना हो,,,और उसे अपने हाथ से ही दिन आकर अपनी उत्तेजना को शांत करना पड़ेगा लेकिन इस बात की शंका भी थी कि अपने हाथ से ही क्या उसे इतने अत्यधिक उत्तेजना में परम आनंद का अनुभव हो पाएगा कि नहीं अगर उसे अपनी मौसी की चड्डी उतारने के बाद उसकी चुदाई करने को मिल जाए तो शायद वह परम आनंद को प्राप्त कर ले,,, लेकिन फिर भी वह मन में आंस लिए हुए वह अपनी कांपती ऊंगलियो को अपनी मौसी की चड्डी पर रख दिया,,,, जैसे ही संजू की उंगलियां साधना की कमर के साथ-साथ चड्डी पर स्पर्श हुई वैसे साधना का पूरा बदन सिहर उठा और उसके मुख से हल्की सिसकारी की आवाज फूट पड़ी,,,।
सीईईईईईईई,,,,,,
(यह आवाज बेहद सुरीली और मादक थी,,,, संजू इस आवाज को सुनकर पूरी तरह से उत्तेजित हो गया,,, और अपनी मौसी की चड्डी को उतारने के लिए अंगूठा चड्डी के ऊपर रखा और अपनी बाकी की तीन उंगलियों को साधना की मखमली चड्डी के अंदर सरका दिया यह एहसास संजू के साथ-साथ साधना के तन बदन में आग लगाने लगा साधना इस बात को अच्छी तरह से जानती थी कि एक मर्द औरत की चड्डी उसे चोदने के लिए ही उतारता है,,,, लेकिन यहां पर चड्डी उतारने वाला ना तो उसका प्रेमी था और ना ही उसका पति केवल उसका भतीजा था लेकिन उत्तेजना के एहसास से डूबी हुई साधना को अब धीरे-धीरे अपने भतीजे में केवल एक मर्द नजर आने लगा था जो कि इस समय उसकी चड्डी उतार रहा था,,,, संजू अपनी मौसी की चड्डी को उतारने की तैयारी में ही था कि तभी साधना बोली,,,)
जानता है संजू औरत की चड्डी कौन उतारता है,,,?
मुझे क्या पता मौसी मैं तो यह काम पहली बार करने जा रहा हूं,,,
जानती हूं पहली बार कर रहा है लेकिन सिर्फ तुझसे पूछ रही हूं,,,
नहीं नहीं मौसी मैं नहीं जानता तुम ही बता दो,,,
एक औरत की चड्डी केवल उसका प्रेमी और उसका पति ही उतारता है जानता है किस लिए,,,
नहीं तो,,,(उत्तेजना के मारे अपने सुख के गले को अपने थूक से गीला करने की कोशिश करते हुए बोला,,, जवान हो चुका संजू इतना तो जानता ही था कि एक औरत की चड्डी क्यों उतारा जाता है लेकिन वह देखना चाहता था कि अब उसकी मौसी क्या जवाब देती है।,,, इसलिए वह अपनी मौसी की चड्डी को पकड़े हुए हैं अपनी मौसी के जवाब का इंतजार करने लगा,,,।)
अरे बुद्धू इतना भी नहीं जानता,,,।
हा मौसी तुम ही बताओ ना,,, मुझे तो बिल्कुल भी अनुभव नहीं,,, है,,,।(संजू अपनी मौसी की चड्डी को पकड़े हुए बोला,,, साधना अपनी बातों से संजू को पूरी तरह से मस्त कर देना चाहती थी,,, और ऐसा हो भी रहा था साधना धीरे-धीरे पूरी तरह से खुल रही थी,,, संजू की बात सुनकर साधना को भी इस बात का एहसास हो रहा था कि संजू भी उसकी बात सुनने के लिए उत्सुक है इसलिए वह बोली,,)
तु सच में एकदम बुद्धू है,,,, इतना भी नहीं जानता,,, खूबसूरत औरत की चड्डी क्यो उतारी जाती है अरे पागल उसको चोदने के लिए,,,,,, क्योंकि बिना चड्डी उतारे तो यह काम हो नहीं सकता,,,।
( चोदना शब्द अपनी मौसी के मुंह से सुनते ही संजू के पूरे बदन में सनसनी सी दौड़ गई और उसका लंड और ज्यादा टनटना गया,,, संजू अपनी मौसी के सुर में सुर मिलाता हुआ बोला,,,)
बाप रे क्या तुम सच कह रही हो मौसी,,,(उत्तेजना के मारे संजू अपनी ऊंगलियों का कसाव अपनी मौसी की चड्डी पर बढाता हुआ बोला,,,)
तो क्या मुझे सब मालूम है क्योंकि तेरे मौसा भी यही करते हैं,,,
तुम्हारी तुम्हारी चड्डी उतारते हैं,,,(उत्तेजना भरे स्वर में संजू बोला)
तो क्या,,, उनको करना है तो उतारना तो पड़ेगा ही,,,
क्या करना है,,, मौसी,,?
मतलब की चुदाई,,,,
ओहहहहह,,, तो क्या मौसा जी तुम्हारी रोज चुदाई करते हैं,,,,,(संजू का दिल जोरों से धड़क रहा था औरत को इस तरह की बात करते हुए उसने कभी देखा नहीं था और ना ही सुना था और आज पहली बार अपनी मौसी को इस तरह की गंदी बातें करते हुए देखकर उसके होश उड़ते चले जा रहे थे वह मदहोशी के सागर में डुबता जा रहा था धीरे धीरे संजू भी खुली बातों का दौर शुरू कर दिया था संजू को बहुत मजा आ रहा था और संजू के मुंह से धीरे-धीरे इस तरह की बातों को सुनकर साधना को अंदर ही अंदर मजा आ रहा था,,, क्योंकि वह अच्छी तरह से जानते थे कि अगर संजू इसी तरह से खुल जाएगा तो जरूर उसके साथ कुछ कर सकने की हिम्मत जुटा पाएगा इसलिए साधना अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली,,,)
पहले करते थे जब वह पूरी तरह से जवान थे लेकिन अब उम्र के हिसाब से 15 दिन में दो-तीन बार ही हो पाता है,,,।
मतलब जवान थे तब क्यों रोज करते थे,,,।
क्योंकि तब वह जवान थे जवान शरीर था शरीर में स्फूर्ति थी और उनका वह भी बहुत काम करता था,,,
वह क्या मौसी,,,?(संजू आश्चर्य जताते हुए बोला लेकिन इतना तो जान ही किया था कि उसकी मौसी किस बारे में बात कर रही थी लेकिन फिर भी वह अपनी मौसी के मुंह से सुनना चाहता था)
अब सब कुछ मैं ही बताऊं ईतना बड़ा हो गया तुझे यह सब नहीं पता,,,
मुझे कैसे पता होगा मौसी,,,स्कूल,,,, स्कूल से घर दिन भर पढ़ाई बस यही तो रोज का काम है,,, इसीलिए इन सब बातों का समय ही नहीं मिलता और मुझे इसमें कोई इंटरेस्ट भी नहीं था,,,।
मैं तुझे पहला लड़का देख रही हूं जो औरतों में इंटरेस्ट नहीं रखता वरना दुनिया आजकल औरतों के पीछे ही पागल हुई जा रही है,,,,
अच्छा यह तो बताओ मौसी,,, किस बारे में बात कर रही थी कि ज्यादा काम करता था,,,।
अरे बुद्धू,,, मैं लंड के बारे में बात कर रही थी,,, जवानी में लंड की बहुत ताकतवर होता है उस समय तेरे मौसा रात को तीन-तीन बार करते थे और थकते नहीं थे,,, लेकिन अब उम्र की वजह से नहीं हो पाता लेकिन तेरा जरूर होगा तेरी शादी जब होगी तो तु भी अपनी औरत की दिन-रात चुदाई करता रहेगा,,,।
क्या मौसी तुम भी,,,,(ऐसा कहते हुए संजु शर्मा गया,,,और साथ ही अपने बदन में गर्मी का अनुभव करने लगा,,,। अपनी मौसी के साथ गरमा गरम बातें करने में संजु अपनी मौसी की चड्डी उतार नहीं रहा था,,,तो साधना ही बोली,,)
अरे उतारेगा भी या बातें ही करता रहेगा,,,
हां ,,,हा ,,,,, मौसी उतारता हुंं,,,,(इतना कहने के साथ ही संजू अपनी मौसी की चड्डी को नीचे की तरफ खींचने लगा,,,,,,और साधना भी उस का साथ देते हुए अपनी भारी भरकम गांड को एक बार फिर से थोड़ा सा ऊपर की तरफ उठा देता कि वह उसकी चड्डी को आराम से उतार सके,,, संजू अपनी मौसी का सहयोग पाकर,, तुरंत उसकी चड्डी को उसकी मदमस्त गांड की घेराव से दूर करती है उसे बाहर निकाल दिया,,,, पैरों से बाहर करते हुए चड्डी को देखते हुए साधना बोली,,,)
संजू देखना मेरा दिया हुआ ज्ञान मुझ पर ही मत ठोक देना,,,
मैं समझा नहीं मौसी,,,(अपनी मौसी की चड्डी को एक तरफ रखते हुए बोला,,,)
अरे पागल मैं अभी अभी तुझे बताई थी ना कि एक औरत की चड्डी कौन उतारता है और क्यों उतारता है,,,।
हां हां मौसी,,,
हां तो देखना कहीं मेरी चुदाई मत कर देना,,,।
(साधना की बातों में साफ-साफ निमंत्रण था और इस बात को समझो भी धीरे-धीरे समझ में लगा था लेकिन उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी आगे बढ़ने की इसलिए वह अपनी मौसी की बात सुनकर बोला,,,)
नहीं नहीं मौसी,,,,,(थोड़ी देर शांत रहने के बाद) अब तुम बिल्कुल नंगी हो गई हो मौसी,,,,।
हारे नंगी होने के बाद देख कितना बदन हल्का लग रहा है,,, पता नहीं तु इतना टाइट कपड़े पहनकर कैसे सोता है,,, निकाल दे सारे कपड़े मेरी तरह,,,,।
नहीं नहीं मौसी मेरी आदत नहीं है ना,,,,
अरे पागल है तू एक बार कपड़े उतार कर नंगा होकर सो देख कितनी अच्छी नींद आती है,,,। आ अब बैठा क्यों है,,, आ कर लेट जा,,,।
जी मौसी,,,(और इतना कहने के साथ ही संजू तुरंत अपनी मौसी के बगल में जाकर लेट गया नंगे होने की अपनी मौसी के प्रस्ताव पर उसकी खुद की भी हामी थी लेकिन उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी,,, साधना और संजू दोनों पीठ के बल लेट आए हुए थे आपस में दोनों का बदन स्पर्श हो रहा था और अपनी मौसी के नंगे बदन का स्पर्श होते ही,,, संजू के बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी और यही हाल साधना का भी था,,, उत्तेजना के मारे उसकी बुर पानी छोड़ गई थी और साधना उत्तेजना के मारे अपनी बुर पर अपनी हथेली रख कर उसे रख कर रही थी अंधेरा होने की वजह से कुछ दिखाई नहीं दे रहा था,,, साधना इस रात को यूं ही बर्बाद होने देना नहीं चाहती थी क्योंकि वह जानती थी कि जिस तरह की आग उसने अपने भतीजे के बदन में लगाई है,,, उसे बुझा कर शांत करना भी उसका फर्ज था,,, और आज वह एक जवान लंड़ कों अपनी बुर में लेना चाहती थी जिसके लिए वह अत्यधिक उत्सुक भी थी,,,। इसलिए वह संजू से बोली,,)
संजू एक नंगी औरत के पास लेटने से तुझे कैसा लग रहा है,,,।
पता नही मौसी,,,,
क्यों क्या हुआ पता क्यों नहीं है,,,
कुछ अजीब सा लग रहा है ना जाने मुझे क्या हो रहा है,,,
तुझे क्या हो रहा है तुझे पता नहीं है,,,
पता नहीं मौसी लेकिन सांस ऊपर नीचे हो रही है माथे से पसीना टपक रहा हैं,,,।
इसका मतलब तुझे अच्छा लग रहा है,,,
तुम को कैसे मालूम,,,
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मैं सब जानती हूं एक खूबसूरत औरत के पास अगर कोई जवान लड़का इस तरह से लेट जाएं और औरत को एकदम नंगी हो तो उस लड़के का हाल भी तेरे जैसा ही होगा सभी लड़कों का हाल तेरे जैसा है क्योंकि उन्हें अच्छा लगने लगता है और भी ज्यादा बदलाव बदन में होने लगता है,,,
कैसा बदलाव मौसी,,,
लंड खड़ा होने लगता है,,,
धत्त मौसी कैसी बातें करती हो,,,(संजू शर्माते हुए बोला लेकिन जो कुछ भी उसकी मौसी बोल रही थी वह बिल्कुल सच था उसका लंड पूरी तरह से अपनी औकात में आ नहीं आ चुका था,,,,, साधना और कुछ बोल पाती इससे पहले ही दरवाजा खुला और दरवाजे की आवाज सुनते ही वह संजु से बोली,,)
लगता है तेरे पापा आ गए,,,
हां मौसी,,, रोज देर से आते हैं,,,,
कोई बात नहीं अब इस समय तो ने अपने कपड़े उतार चुकी हूं कि ईस हाल में जा नहीं सकती सुबह बात करूंगी,,,।(उसका इतना कहना था कि आराधना वाले कमरे का दरवाजा खुलने की आवाज दोनों के कानों में पड़ी ,,, और थोड़ी देर बाद रमेश की आवाज आई)
अभी तक मेरा इंतजार कर रही है,,,
आप हाथ मुंह धो लीजिए मैं खाना लगाती हूं,,,
मुझे भूख नहीं है,,,(रमेश नशे में था उसकी आवाज लड़खड़ा रही थी,,,)
खा लीजिए मैंने पूरी सब्जी और खीर बनाई हुं,,,,,,
(बगल वाले कमरे में संजू और साधना दोनों बड़े गौर से बातों को सुन रहे थे,,, इतनी साफ आवाज सुनाई दे रही थी इसलिए साधना बोली,,,।)
बगल वाले कमरे की आवाज तो एकदम साफ आ रही है,,, वह दोनों क्या बातें कर रहे हैं सब कुछ सुनाई दे रहा है,,,।
हां मौसी सब कुछ साफ सुनाइ देता है लेकिन तुम चिंता मत करो इस कमरे की आवाज नहीं सुनाई देती,,,।
ओहहह तब तो ठीक है,,,, मैं तो डर ही गई थी,,,।
( तभी बगल वाले कमरे में से बर्तन की आवाज आने लगी आराधना अपनी जगह से उठकर थाली लगा रही थी,,,।)
अब जल्दी से हाथ मुंह धोकर आइए तब तक मैं खाना लगा देती हूं,,,
मुझे खाना नहीं खाना है,,, मुझे सबसे पहले तेरी लेना है,,,
यह क्या कह रहे हैं आप,,,, धीरे बोलिए,,, बड़ी दीदी आई हुई है,,,।
(अपने पापा की बात सुनकर संजू समझ गया था कि उसके पापा क्या चाहते हैं लेकिन फिर भी अनजान बनता हुआ अपनी मौसी से बोला,,,)
क्या लेने की बात कर रहे हैं मौसी,,,
अरे बुद्धू तेरे पापा तेरी मां को चोदने की बात कर रहे है मतलब की तेरी मां की बुर लेना चाहते हैं,,,,।(साधना को अच्छा मौका मिल गया था खुलकर बातें करने के लिए संजु सीधी सरल भाषा में यह बात अच्छी तरह से जानता था कि उसके पापा क्या लेने की बात कर नहीं देखी उसकी मौसी घुमा फिरा कर उसकी उत्तेजना को और ज्यादा बढ़ा दी थी ना जाने क्यों संजू के तन बदन में और ज्यादा वासना के शोले भड़कने लगे,,,, यह सब अपनी मां के बारे में खुलकर बात करने की वजह से था,,,, अपनी मौसी की बात सुनकर संजू कुछ बोला नहीं और साधना फिर से कान लगाकर सुनने लगी,,,।)
देख कुछ भी हो,,, मुझे चोदने का मन कर रहा है और आज मैं अपना लंड तेरी बुर में डाल कर ही रहुगा,,,,,
( बाप रे संजू तेरे पापा कितनी गंदी गंदी बातें कर रहे हैं,, लगता है आज वो तेरी मां की चोद कर ही रहेंगे,,)
चुप हो जाइए भगवान के लिए दीदी सो रही है अगर सुन लेगी तो क्या समझेंगी तुम्हारे बारे में,,,,
सुन लेगी तो क्या हुआ,,, मैं तेरी दीदी की भी चुदाई कर दूंगा,,,(अपना जिक्र होते ही साधना संजू से बोली,, ब बाप रे तेरे पापा लगता है ज्यादा नशा करते हैं,,)
यह क्या कह रहे हैं आप ,,,, आप होश में बिल्कुल भी नहीं है,,,,
चल चुप कर हरामजादी तेरे से ज्यादा सेक्सी तो तेरी बड़ी बहन है उसकी बड़ी बड़ी गांड देख कर ही मेरा लंड खड़ा हो जाता है देखा भी देख तेरी बहन का जिक्र आते ही कैसे खड़ा हो गया है,,,(और इतना कहने के साथ ही रमेश अपने पेंट की चैन खोलकर अपने लंड को बाहर निकाल लिया और हिलाने लगा,,, यह देखकर आराधना बोली,,)
आपको क्या हो गया है नशे में अनाप-शनाप बोल रहे हैं,,,।
मैं सच बोल रहा हूं,,,, तेरी बहन को देखते ही मेरा मन उसका चोदने को करता है,,,।
(बाजू वाले कमरे में सुन रही साधना हक्की बक्की हो गई थी,,, लेकिन इस बात से उसे करो महसूस हो रहा था कि उसके जीजा उसकी खूबसूरती की तारीफ ही कर रहे थे भले ही उसे चोदने की बात कर रहे थे,,, अपने पापा की बात सुन रहा संजू बोला,,)
मौसी पापा तुम्हारे बारे में गंदी गंदी बातें कर रहे हैं,,,
सुन रही हु,,,अभी तेरे पापा होश में नहीं है इसलिए कुछ भी कहना ठीक नहीं है,,, सुबह में जरूर उनसे बात करुंगी,, अभी तु सिर्फ उन दोनों की बातें सुन)
भगवान के लिए चुप हो जाइए आप जो कहेंगे वह करूंगी लेकिन आवाज मत करिए,,,।
(आराधना पूरी कोशिश कर रही थी कि उसके पति शांत करने की ताकि वह ऊंची आवाज में बोल ना सके उसे इस बात का डर था कि कहीं उसकी बहन जागना जाए और उसकी बात सुन ना ले नही तो वह अपनी बहन के सामने शर्मिंदा हो जाएगी,,,)
हां तो ठीक है,,,,,, चल अपने ब्लाउज के बटन खोल,,, तेरी चूचियां बड़ी बड़ी है,,,।
(अपने पापा के मुंह से अपनी मां के लिए इस तरह की बात सुनकर गुस्सा की जगह संजू की उत्तेजना बढ़ने लगी थी वह बिना ब्लाउज के अपनी मां की कल्पना करने लगा था और आग में घी डालने का काम साधना कर रही थी वह बोली,,,) देख संजु तेरी मां की चूची बहुत बड़ी बड़ी है,, अब देखना तेरे पापा तेरी मां की चूची को जोर जोर से दबाएंगे और से मुंह में ले कर पिएंगे,,,।
(अपनी मौसी की बात सुनकर संजु कुछ बोल नहीं रहा था बस मजे ले रहा थाउसकी उत्तेजना और ज्यादा पर जा रही थी क्योंकि उसकी मौसी का नंगा बदन कोशिश पर सो रहा था उसका मन कर रहा था कि वह खुद अपना हाथ आगे बढ़ा कर अपनी मौसी की चुची पकड़कर दबाने लगे,,, लेकिन ऐसा करने की हिम्मत उसमें बिल्कुल भी नहीं थी,,, तभी उसके कानों में उसके पापा की आवाज सुनाई दी,,,)
बहुत देर कर रही है शाली,,, मेरे लिए ब्लाउज खोलने में तुझे ईतना समय लगता है,,, और अपने आशिक के लिए तुरंत नंगी हो जाती है,,,
यह आप कैसी बातें करते हैं मुझ पर इस तरह का इल्जाम मत लगाया करो वरना किसी दिन जहर खा कर मर जाऊंगी,,,
ओहहहह नखरे तो देखो,,,, अब जल्दी-जल्दी ब्लाउज उतार आज तेरा दूध पीना है,,,।
(यह सब बातें आराधना को जहर की तरह लग रही थी लेकिन बगल वाले कमरे में सुमिरन साधना और संजू दोनों को यह सब बातें ज्यादा उत्तेजना महसूस करवा रही थी वह दोनों काफी उत्तेजना का अनुभव कर रहे थे,,, रमेश की बातें साधना की बुर में और ज्यादा नमकीन भर रहे थे संजू का लंड और ज्यादा कड़क हो रहा था,,,, अपनी उत्तेजना को संजू संभाल नहीं पा रहा था बार-बार उसे अपनी मौसी का नंगा बदन छूने का मन कर रहा था,,,,,)
वाह ,,,, रे मेरी छम्मक छल्लो,,, कुछ भी कहो तेरी चूचीया लाजवाब,,, है,,,,,(और इतना कहकर रमेश आगे बढ़ा और सीधा आराधना की चूचीयो से अपना मुंह लगाकर पीना शुरु कर दिया,,,,, उसके मुंह से,,ऊममममम ऊनममममम की आवाज आ रही थी जिससे साधना समझ गई थी कि रमेश और आराधना की चूचियां पी रहा है,,,, यही बात संजू को समझाते हुए वह बोली,,,)
तुझे पता है तेरे पापा क्या कर रहे हैं,,,
क्या कर रहे हैं,,,?
तेरे पापा तेरी मां का दूध पी रहे,,,(अपनी मौसी के मुंह से अपने मम्मी और पापा के बारे में यह बात सुनते ही उसके लंड की अकड बढ़ने लगी लेकिन कुछ बोल नहीं रहा था,,, साधना अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली,,)
एक बात बता संजू,,, जैसे आज उन दोनों की बात सुनाई दे रही है ऐसे तो रोज सुनाई देती होगी तु रोज सुनता है ना,,,।
हां,,, अब काम तो बंद करके नहीं सो सकता ना,,,
मतलब रोज इसी तरह की चुदाई वाली बातें होती हैं,,,
सब कुछ होता है झगड़ा मार चुदाई,,,(अनायास ही संजू के मुंह से चुदाई शब्द निकल गया जिसे सुनकर साधना मुस्कुराने लगी,,,)
उन दोनों की चुदाई वाली बातें सुनकर तुझे भी तो कुछ कुछ होता ही होगा,,,,
(इस बात को सुनकर संजू कुछ बोला नहीं तो साधना अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली)
मैं जानती हूं तुझे भी कुछ कुछ होता होगा तेरी मम्मी पापा की बात सुनकर तू मेरी बुर पूरी गीली हो गई,,, और मुझे पूरा यकीन है कि तेरा लंड भी खड़ा हो गया होगा,, तेरी मां की बातें सुनकर,,,
नहीं नहीं ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है,,,
तू झूठ बोल रहा है मुझे पता है,,,(अब साधना से गिर के भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था बगल वाले कमरे में उसके जीजा उसकी छोटी बहन के दूध को पी रहे थे और ऐसे में उसकी उत्तेजना बढ़ना लाजमी था इसीलिए वह तुरंत अपना हाथ आगे बढ़ाकर पेंट के ऊपर से ही संजय के लंड को टटोलकर पकड़ ली और बोली,,)
झूठ बोल रहा था ना मुझसे देख तेरा भी खड़ा हो गया है,,,।
(अब संजू क्या बोलता वह तो पूरी तरह से गनगना गया,,, उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें पेंट के ऊपर से ही सही लेकिन उसके लंड को उसकी मौसी पकड़े हुए थी,,, अनुभव से भरी हुई साधना पेंट के ऊपर से ही संजू के लंड को टटोलकर अंदाजा लगा ली थी कि संजू का लंड काफी मोटा तगड़ा और लंबा है उसकी बुर फुदकने लगी थी,,)