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बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है मजा आ गयासंजू अपनी मां का हाथ पकड़कर गेस्ट हाउस के कर्मचारी की आंखों के सामने ही निडर होकर उसे गेस्ट हाउस के कमरे में ले जाने लगा,,,, आराधना उस अनजान लड़के की नजर और उसकी बातों को सुनकर और साथ ही गेस्ट हाउस के काउंटर वाले कर्मचारी की निगाहों को देखकर बुरी तरह सहम गई थी,,, उसे देखकर दूसरे लोग क्या सोचते हैं उसके बारे में आज जाकर उसे पता चला था कि उसके बारे में लोग कितनी गलत सोच रखते हैं औरत के मन में क्या चलता है यह सब जाने बिना दुनिया का हर एक मर्द शायद यही सोचता है जैसा कि वह अनजान लड़का और वह कर्मचारी की प्यासी आंखों में झलक रहा था उस अनजान लड़के की बात सुन कर तो आराधना एकदम घबरा सी गई थी क्योंकि वह लड़का किसी भी सूरत में किसी भी कीमत पर उसे बिस्तर पर ले जाना चाहता था,,,, जिसके लिए आराधना बिल्कुल भी तैयार नहीं थी अगर कोई और जगह होती तो शायद आराधना उसके गाल पर थप्पड़ रसीद कर दी होती लेकिन जिस जगह पर वह खड़ी थी उस जगह पर संस्कारी औरतों का लड़कियों का कोई काम नहीं था यहां पर वही औरतें आती थी जो जिस्म का सौदा करती थी जो पैसे लेकर दूसरे मर्दों की प्यास बुझा दी थी और ऐसी आराधना बिल्कुल भी नहीं थी वह तो एक अलग अनुभव के लिए अपने बेटे के साथ धंधे वाली बनकर इस गेस्ट हाउस में आई थी जो कि अभी तक का सफर बिल्कुल एक धंधे वाली औरत की तरह ही लग रहा था क्योंकि सभी लोगों से एक धंधे वाली औरत समझ रहे थे और,,,, गेस्ट हाउस के कर्मचारी ने तो धंधे वाली औरत के रूप में ही उसकी तारीफ के पुल बांध दिया था,,, उसके मुंह से यह सुनकर कि आज तक ऐसी खूबसूरत औरत नहीं देखा इस बात को सुनकर आराधना को अंदर ही अंदर गर्व महसूस हो रहा था और ना जाने क्यों उसे ऐसा आभास हो रहा था कि अगर वहां वाकई में इस धंधे में होती तो वह दूसरी औरतों से ज्यादा पैसे कमाते इस बात का ख्याल उसके मन में आते ही उसके तन बदन में एक अजीब सी ऊर्जा पैदा होने लगी,,,,
पल भर में ही संजू अपनी मां को लेकर कर्मचारी के बताए अनुसार कमरे के बाहर आकर खड़ा हो गया था और चाबी से कमरे का लॉक खोल रहा था और आराधना वहीं खड़े होकर इधर-उधर देखते हुए थिरक रही थी उसकी गांड की थिरकन चाल बेहद मदहोश कर देने वाली थी,,, देखने वालों के होश उड़ा देती थी आराधना इस समय तो खुद संजू भी अपनी मां के रूप लावण्य को देखकर पूरी तरह से मदहोश हो चुका था वह अपने मन में ही सोच रहा था कि अगर वह अपनी मां की चुदाई ना किया होता अगर वह कोई गैर औरत होती तो सच में उसे किसी भी कीमत में चोदने के लिए तैयार हो जाता,,,,,,,, पल भर में ही कमरे का दरवाजा खुल गया और संजू मुस्कुराता हुआ अपनी मां का हाथ पकड़े हुए उसे कमरे के अंदर लेकर दाखिल हो गया,,,,, कमरे के दरवाजे को बंद करते ही आराधना की खुशी का ठिकाना ना था और उसके तन बदन में तेज ना की लहर दौड़ रही थी और पहली बार किसी गेस्ट हाउस के कमरे में आई थी जो कि बेहद सजा धजा हुआ था शायद संजु ने उसे महंगे गेस्ट हाउस में लेकर आया था,,,, आराधना चारों तरफ घूम घूम कर उस कमरे को देख रही थी,,,, हर चीज जो की सजावट के लिए कमरे में रखी हुई थी वह अपनी जगह पर बरकरार और अच्छे तरीके से रखी हुई थी कमरे की सफाई देखकर आराधना हैरान थी कमरे के बीचो बीच डबल साइज का बेड लगा हुआ था जिस पर नरम नरम गद्दे के साथ बेहद खूबसूरत फूल वाला चादर बिछी हुई थी,,,, और शायद गेस्ट हाउस के मालिक ने बेड पर फूलों वाली चादर को जानबूझकर बिछाया हुआ था क्योंकि मर्द फूल जैसी नाजुक औरत को और लड़कियों को इसी बिस्तर पर लाकर रौंद कर उनका रस चूस लेते हैं,,,,, आराधना के चेहरे पर प्रसन्नता के भाव नजर आ रहे थे क्योंकि यहां तक पहुंचते हुए उसे किसी ने देखा नहीं था और गेस्ट हाउस में प्रवेश करते समय भी कोई जान पहचान का इंसान उन दोनों को देखा नहीं था इसलिए वह निश्चिंत होकर अपनी भारी-भरकम गोल-गोल गांड को धम्म से नरम नरम गद्दे पर रखते हुए पेट के बल एकदम से लेट गई और अपने पैर को घुटनों से मोड़ ली और ऐसा करने पर तुरंत उसकी साली उसके घुटनों से होती हुई उसकी जांघों तक पहुंच गई और कमर के नीचे का हिस्सा पूरी तरह से पर्दा विहीन हो गया और उसकी नंगी गोरी गोरी टांग मतलबी जैसी मोटी चीकनी जांगे नजर आने लगी जिस पर नजर पड़ते ही संजू का लंड एकदम से खड़ा हो गया और वह अपनी मां के करीब जाकर उसके पास में बैठते हुए और उसकी मोटी मोटी जांघों पर अपना हाथ घुमाते हुए बोला,,,,।
हाय मेरी रानी तू तो एकदम रंडी की तरह जलवा दिखा रही है,,,,
मेरे राजा तुझे खुश करने का जिम्मा जो मैंने अपने सर पर ले लिया है,,,,,,,,
है मेरी रानी गेस्ट हाउस में आते एकदम रंडी बन गई,,,,(इतना कहने के साथ ही संजू अपनी मां के ऊपर लेट गया और उसकी खूबसूरत मदहोश कर देने वाली काली काली आंखों में देखते हुए बोला,,,)
कसम से रानी आज तुझे इतना मजा दूंगा,,, तुझे ऐसी लाजवाब छिनार बनाकर चोदूंगा कि तू जिंदगी भर आज की चुदाई को याद रखेगी,,,,
देखना कहीं तेरा लंड ढीला ना पड़ जाए मेरी चूत एकदम कसी हुई है तेरे लंड को अपने अंदर लेकर उसका सारा रस निकाल लेगी,,,,
यह तो मुझे मालूम है रंडी कि तू एक नंबर की छीनार है और तेरी चूत एक नंबर की है लेकिन मेरा लंड तेरी चूत में जाते ही तेरी चूत का कचुंबर बना देगा,,,,।
(इतना सुनकर आराधना मुस्कुराने लगी और मुस्कुराते हुए बोली)
यह तो वक्त ही बताएगा मेरे राजा किसमें कितना दम है,,,,
मेरा दम देखेगी रंडी,,,,
हां रे मादरचोद,,,,, मैं भी देखना चाहती हूं कि तेरे में कितना दम है,,,,,
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हाय एकदम छीनार की तरह बोलती है रे तू,,,,
बोलूंगी ही ना मुझे तुने यहां रंडी बनाकर जो लाया है,,,
बात तो तूने सही कहीं देखी नहीं नीचे वह लड़का किस तरह पगलाया था तुझे चोदने के लिए,,,, अगर मैं ना होता तो शायद वहीं पर वह तुझे पटक कर चोद दिया होता,,,,
सच कह रहा है तू वह लड़का तो मेरे पीछे ही पड़ गया था,,,
अरे वह लड़का क्या गेस्ट हाउस के सारे कर्मचारी देखी नहीं आंख फाड़े तुम्हें ही देख रहे थे सच कह रहा हूं मम्मी सब लोगों का लंड तुम्हें देख कर खड़ा हो गया था सब लोग तुम्हारी चूत मारने के लिए तैयार थे और देखना सब के सब तुम्हारे बारे में सोच कर अपना लंड हीलाकर पानी निकाल लेंगे,,,, सच में तुम बहुत खूबसूरत लगती हो,,,,
चल रहने दे अब तो मुझे ऐसा लगता है कि अकेले कहीं चले जाओ तो अपनी इज्जत बचा पाना मुश्किल हो जाएगा,,,,
हां यह तो सच कह रही हो मौका मिलते ही तुम्हारी साड़ी उठाकर कोई भी तुम्हारी चूत में लंड डाल देगा,,,,
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धत्,,,, मुझे सिर्फ तेरा चाहिए और किसी का नहीं,,,,,
(और इतना कहने के साथ ही आराधना खुद अपने होंठ आगे बढ़ा कर अपने बेटे के होंठ पर रख दी और मौके की नजाकत को समझते हुए संजू अपनी मां के लाल लाल होठों को अपने होंठों के बीच रखकर उसके मधुर रस को चूसना शुरू कर दिया,,,,, नरम नरम गद्दे में आराधना को अपना बदन एकदम आरामदायक लग रहा था,,, और उसे अपने बेटे का लैंड अपनी दोनों टांगों के बीच चूत पर ठोकर मारता हुआ साफ महसूस हो रहा था इसीलिए तो अपने बेटे की दीवानी हो चुकी थी क्योंकि कैसे भी हालात में वह अपने लंड का स्पर्श उसकी चूत पर करा ही देता था पहले चाहे साड़ी और पेटीकोट और पेंटी के पर्दे में क्यों ना छुपी हो,,,, संजू को भी अपनी मां की चूत की गर्मी अपने लंड पर साफ महसूस हो रही थी संजू हल्के हल्के अपनी कमर हिलाता हुआ यूं ही अपनी मां को चोदने का आनंद ले रहा था और उसके लाल-लाल होठों का रसपान कर रहा था साथ ही अपना एक हाथ अपनी मां के ब्लाउज पर रखकर उसके भारी-भरकम चूचियों को ऊपर से ही दबा रहा था यह सब आराधना के होश उड़ा रहे थे,,,, उसकी चूत कामुक हरकतों से और लंड की ठोकर को अपने ऊपर महसूस करके मदन रस टपका रही थी,,,,, गेस्ट हाउस में गेस्ट हाउस के कमरे के अंदर नरम नरम गद्दे दार बिस्तर पर आराधना अपने बेटे को ऊपर लेकर उसकी कामुक हरकतों का मजा ले रही थी,,, संजू पूरी तरह से पागल हुआ जा रहा था गेस्ट हाउस में अपनी मां को लाकर वह रंडी की तरह चोदना चाहता था वहां एक अद्भुत अनुभव लेना चाहता था कि कैसे लोग पैसे देकर औरत को गेस्ट हाउस में ले जाकर उसके साथ मजाक करते हैं यह काम संजू घर पर भी रहकर अपनी मां की चुदाई कर सकता था आनंद ले सकता था लेकिन गेस्ट हाउस का मजा ही कुछ और था,,,,,।
आराधना और संजू दोनों मां बेटी के बदन में उत्तेजना की लहर कुछ ज्यादा ही असर दिखा रही थी संजू उत्तेजित बताओ अपने मां के ब्लाउज का बटन खोलने लगा था कि तभी उसे रोकते हुए आराधना बोली,,,।
रुक जा थोड़ा सब्र कर वैसे भी तुम्हें अर्धे या 1 घंटे के लिए नहीं बल्कि 4 घंटे के लिए कमरा बुक कराया है मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि तो 4 घंटे के लिए कमरा क्यों बुक करा दिया आधे घंटे में या 1 घंटे में सीताराम दोनों का काम हो सकता था,,,,
क्या मम्मी तुम भी जिंदगी में पहली बार गेस्ट हाउस का मजा लेने आई हो और इतने कम समय के लिए यह भला कैसे हो सकता है मैं आज तुम्हें जन्नत का मज़ा देना चाहता हूं रंडी बनाकर तुम्हारी चूत को रगड़ रगड़ कर चोदना चाहता हूं हर एक आसन आजमाना चाहता हूं जिसके लिए 4 घंटे पर्याप्त हैं एक घंटा नहीं,,,,,
(अपने बेटे की बात सुनकर आराधना शर्मा गई उसके गाल सुर्ख लाल हो गए और वह शर्मा कर मुस्कुराते हुए बोली)
चल बड़ा आया 4 घंटे तक चोदने वाला,,,,(इतना कहकर वह संजू को अपने ऊपर से हटाने लगी और बेड पर से नीचे उतरने लगी तो संजू बोला)
क्या हुआ,,,?
अरे मुतने जा रही हुं कबसे बड़ी जोरों की लगी हुई है,,,,
(इतना कहते हुए वह बेड पर से नीचे उतर गई जिससे उसकी कमर तक उठी हुई साड़ी अपने आप आएंगे उसके कदमों पर आ गिरी जिससे एक बेहद खूबसूरत नजारे पर पड़ता पड़ गया बेड के ठीक सामने ही बाथरूम का दरवाजा था जिसके पास जाकर बाहर बाथरूम का दरवाजा खोलने से पहले बाथरूम के हत्थे को पकड़कर अपनी नजर पीछे की तरफ घुमा कर अपने बेटे की तरफ देख कर मुस्कुराने लगी,,,, यह देखकर संजू से रहा नहीं गया और वह बोला,,)
दरवाजा खुला रखना,,,
क्यों,,,?
मैं तुम्हें पेशाब करते हुए देखना चाहता हूं,,,,।
(अपने बेटे की बातें सुनकर आराधना अपनी नजरों को गोल-गोल घुमा कर अपने बेटे की तरफ आश्चर्य से देखने लगी आराधना को इस बात का एहसास हो चुका था कि दुनिया के हर एक मर्द औरत को चाहे जितनी बार नंगी देख ले या उनकी चुदाई करके तृप्त हो जाए लेकिन उनकी हर एक अदा का मर्दो पर एक गहरा प्रभाव पड़ता है वह हर एक रुप में औरत को देखना चाहते हैं और शायद इसीलिए उसका बेटा भी इस समय उसे पेशाब करते हुए देखने की ख्वाहिश रख रहा था,,,, आज हुआ है जिस तरह की अदाकारी निभाने के लिए गेस्ट हाउस में आई थी उसे देखते हुए अपने बेटे की ख्वाहिश को नजरअंदाज कर पाना उसके लिए मुश्किल था क्योंकि आज वह एक रंडी बन कर उसके साथ आई थी और इस समय उसका काम नहीं था कि वह अपनी ग्राहक को पूरी खुशी दे उसे पूरी तरह से तृप्त कर दे और इसीलिए वह मुस्कुराते हुए बाथरूम का दरवाजा खोला और अंदर प्रवेश कर गई लेकिन दरवाजे को बंद नहीं कि वह पूरी तरह से दरवाजे को खोल दी,,,,, बाथरूम में प्रवेश करते ही उसके होश उड़ गए इतना खूबसूरत बाथरूम उसने आज तक नहीं देखी थी पूरे बाथरूम में टाइल्स लगी हुई थी और वह भी एकदम चमकती हुई जिसमें उसका खुद का अक्स नजर आ रहा था और बाथरूम के अंदर इंग्लिश टॉयलेट था जिसका उसने आज तक उपयोग नहीं की थी,,,,
कुछ देर तक वह इंग्लिश टॉयलेट को ही देखते रह गई,,,, देखकर संजू बिस्तर पर बैठा बैठा ही बोला,,,।
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क्या हुआ रानी पेशाब नहीं करोगी क्या पेशाब कहीं अटक गई हो तो बोलो लंड डालकर रास्ता साफ कर दूं ं,,,
(अपने बेटे की बातें सुनकर पीछे की तरफ देखते हुए बोली)
चल रहने दे इसके लिए तेरी जरूरत नहीं है,,,
तो करो ना मेरी जान मुझे भी कुछ दिखाओ मैं भी देखना चाहता हूं कि तुम्हारी गुलाबी छेद से पेशाब की धार कैसे फुटती है,,,,,,,
(अपने बेटे की मद भरी बातें सुनकर आराधना के तन बदन में सिहरन सी दौड़ रही थी उसे ऐसा महसूस हो रहा था कि बिस्तर पर बैठा हुआ लड़का उसका बेटा नहीं बल्कि कोई अनजान मर्द है और वह वाकई में धंधे वाली औरत है जिसके साथ वह इस तरह की गंदी बातें कर रहा है और इस समय उसकी यह बातें बेहद लुभावनी और मदहोश कर देने वाली लग रही थी,,,, अपने बेटे की बात का जवाब दिए बिना ही वह अपने क्रियाकलाप को आगे बढ़ाने में जुट गई अब तक वह अपने बेटे की संगत में बहुत ज्यादा खुल चुकी थी,,, इसलिए अपने बेटे के सामने एकदम रंडी पन पर उधर आने में उसे कोई झिझक नहीं हो रही थी बल्कि उसे तो किस तरह की हरकत करने में अजीब सा सुख प्राप्त हो रहा था एक अद्भुत सुख जिसके बारे में उसने कभी कल्पना भी नहीं की थी कल्पना से परे वह आज अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए ही गेस्ट हाउस में आई थी,,,,, अपने बेटे की बात को सुनकर सिर्फ हुआ इतना ही बोली,,,)
देखा नहीं है क्या पहले,,,,,
देखा तो बहुत बार हूं लेकिन हर एक बार कुछ नया सा लगता है जिससे पूरे बदन में सनसनी फैल जाती है,,,।
(आराधना अपने बेटे की बात सुनकर मुस्कुराने लगी और वह दीवार की तरफ मुंह करके खड़ी हो गई बाथरूम का दरवाजा पूरी तरह से खुला हुआ था ताकि उसका बेटा उसके हर एक नजारे को अपनी आंखों से एकदम साफ साफ देख सकें,,,,, अपनी मां की क्रियाकलाप को देखने के लिए संजू पूरी तरह से तैयार हो चुका था,,, आराधना अपने बेटे के सामने अद्भुत दृश्य पेश करने जा रही थी,,,,, आराधना को बड़े जोरों की पेशाब लगी हुई थी लेकिन वह अपने बेटे को अपनी तरफ से पूरी तरह से आकर्षित करते हुए एक रंडी पन दिखाने का पूरा क्रियाकलाप करने जा रही थी,,,, देखते ही देखते आराधना अपनी साड़ी को दोनों तरफ से पकड़ ली थी और उसे उंगलियों के सहारे से ऊपर की तरफ उठाना शुरू कर दी थी बाथरूम में भी ट्यूब लाइट जल रही थी जिसकी रोशनी में सब कुछ साफ नजर आ रहा था,,,, वैसे तो दोपहर का ही समय था लेकिन फिर भी बाथरूम के अंदर अंधेरा ही होता है लेकिन ट्यूबलाइट की दूधिया रोशनी में सब कुछ पर्दे पर चल रही फिल्म की तरह नजर आ रहा था देखते ही देखते आराधना अपनी साड़ी को ऊपर की तरफ उठाने लगी और पैरों से आराधना के नंगे पन का सफर शुरू हो गया और यह देखने के लिए उसका बेटा पूरी तरह से आंखें फाड़े बेड पर पैर नीचे लटकाए बैठ गया,,,,,,,
धीरे-धीरे आराधना मंजिल के करीब पहुंचने के लिए इस सफर को थोड़ा सा लंबा कर रही थी वह चाहती तो एक झटके से ही अपनी साड़ी कमर तक उठाकर अपनी नंगी गांड के दर्शन अपने बेटे को करा सकती थी लेकिन इस तरह से अपने बेटे को मंजिल तक ले जाने में मजा नहीं आ रहा था वैसे भी मंडी से ज्यादा आनंद सफर देता है और इसी के नक्शे कदम पर चलते हुए आराधना धीरे-धीरे अपनी साड़ी को उठाते हुए अपने घुटनों से पिला दी थी जिससे उसकी गोरी गोरी नंगी मांसल पींडलिया साफ नजर आ रही थी,,,, संजू को अपनी मां की गोरी गोरी पिंडलिया भी बेहद आकर्षित करती थी संजू तो बेहद खुशनसीब का जो कि अपनी मां की चूत तक आराम से पहुंच चुका था लेकिन जिसे अगर आराधना की चूत नसीब ना हो अगर उसे उसकी गोरी गोरी मांसल पिंडलिया भी मिल जाए तो वह उसी पर ही अपना लंड रगड़ रगड़ कर पानी निकाल दे,,,,,
धीरे-धीरे साड़ी ऊपर की तरफ उठा रही थी और वैसे वैसे संजू की हालत खराब हो रही थी देखते ही देखते आराधना अपनी साड़ी को अपनी मोटी चिकनी जांघों तक ला दी,,, अपनी मां को जी भर कर भाग चुका संजू भी इस मनमोहक दृश्य को देखकर बेहद उत्तेजना का अनुभव कर रहा था,,,,, मोटी मोटी चिकनी जांघें के लेके मोटे तने की समान दिखाई दे रही थी,,,,, एकदम मांसल जिस पर जीभ फिराने का मन करें,,, और वह भी एकदम मक्खन जैसा चिकना बदन आखिरकार ऐसा कौन होगा जो ऐसी खूबसूरती पर ना मर मिट जाए,,,, देखते ही देखते साड़ी दोनों नितंबों के ऊपरी छोर तक पहुंच गए जहां से उसकी लाल रंग की चड्डी साफ नजर आने लगी थी यह देखकर संजू का लंड एकदम कड़क हो गया,,,,,,, गोरे गोरे बदन पर लाल रंग की चड्डी उत्तेजना का केंद्र बिंदु बन जाता है और यह केंद्रबिंदु संजू की उत्तेजना का कारण बन रहा था वह पूरी तरह से अपने आप पर काबू करने की कोशिश कर रहा था लेकिन उसका मन और तन दोनों बेकाबू हुआ जा रहा था उसका मन कर रहा था किसी समय बाथरूम में घुस जाए और अपनी मां की चुदाई करना शुरू कर दें,,,,, लेकिन जल्दबाजी और जबरदस्ती करना बिल्कुल भी ठीक नहीं था क्योंकि वह तो गेस्ट हाउस में मजा लेने आया था उसके पास समय भी बेहद पर्याप्त था इसलिए वह निश्चिंत होकर पेंट के ऊपर सही अपने खड़े होते को दबाता हुआ अपनी मां की खूबसूरत दृश्य का आनंद लेता रहा और उसकी मां,,, धीरे-धीरे अपनी साड़ी को कमर तक उठा दी जिससे उसकी भारी-भरकम गोलाकार गांड लाल रंग की चड्डी में कैद नजर आने लगी गोरे गोरे गाल पर लाल रंग की चड्डी बेहद खूबसूरत लग रही थी,,,,, ऐसा लग रहा था कि दूधिया आसमान में नारंगी रंग का सूरज खिल गया हो,,,,,, जिसे देखकर संजू का दिल बागबान हो रहा था,,,,।
आराधना की मस्ती बढ़ती जा रही थी उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर उठ रही थी उसके अंग अंग में मीठी फुहार अपना असर दिखा रही थी,,, उसे भी मालूम था कि उसके बेटे की नजर उसकी गोलाकार गांड पर टिकी होगी जो कि इस समय चड्डी के अंदर केद थी,,,,,, आराधना भी पूरी तरह से मस्ती के सागर में डूबती चली जा रही थी अपने बेटे की आंखों के सामने अपने खूबसूरत बदन का इस तरह से नुमाइश करना उसे भी अच्छा लगने लगा था उसे बड़े जोरों की पेशाब लगी हुई थी लेकिन अपने बेटे को अपने हुस्न का जलवा दिखाने के चक्कर में वह अपने पेशाब की तीव्रता पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही थी लेकिन अब उसी से बर्दाश्त कर पाना मुश्किल हो जा रहा था तो वह अपनी कमर पर साड़ी को थोड़ा सा लपेट ते हुए अपनी लाल रंग की चड्डी को दोनों हाथों की उंगलियों में फंसा कर उसे नीचे की तरफ सरकाने लगी,,,,, यह देखकर संजू का दिल जोरों से धड़क रहा था एक खूबसूरत औरत को अपनी आंखों के सामने अपने कपड़े उतार कर अपने नंगे जिस्म की नुमाइश करते हुए देखने में जो आनंद जो मजा है वह शायद एक वही मर्द जान सकता है जिसकी आंखों के सामने कोई औरत इस तरह की प्रतिक्रिया क्रियाकलाप करें,,,, और इस समय किस्मत का धनी संजू ऐसे खूबसूरत नजारों को अपनी आंखों के सामने देख रहा था और वह भी उसकी आंख के सामने कोई गैर औरत नहीं थी बल्कि उसकी सगी मां थी जो कि बेहद खूबसूरत और हसीन थी,, कुछ ही पल में आराधना की गोलाकार गांड पर से उसका चड्डी नुमा पर्दा हटने वाला था,,, यह सोचकर ही दोनों मां-बेटे के बदन में उत्साह की लहर दौड़ उठ रही थी,,,,,
संजू की आंखों की पलकें झपकना भूल गई थी,,, वह एकटक बाथरूम के अंदर अपनी जवानी का जलवा बिखेर रही अपनी मां को ही देख रहा था ,,,,, आराधना धीरे-धीरे अपनी चड्डी को दोनों हाथों की उंगलियों से पकड़कर नीचे की तरफ सरकार ने लगी और लाल रंग की चड्डी तरबूज नुमा गांड से सरकते ही गोरा रंग उभार लिए हुए नजर आने लगा संजू से बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था उसकी आंखों के सामने गेस्ट हाउस के कमरे में उसकी मां अपने कपड़े उतार रही थी या देखकर उसका लंड पूरी तरह से टनटना कर खड़ा हो गया था,,,, लंड की नसें पूरी तरह से कड़क हो चुकी थी,,,,, और देखते ही देखते आराधना अपनी लाल रंग की चड्डी को अपनी गोल-गोल तरबूज जैसी गांड के नीचे तक उतार दी,,,,जिससे उसकी गोरी गोरी गांड उभार लिए हुए एकदम साफ नजर आने लगी,,,, और कुछ देर तक आराधना भी अपने बेटे की तड़प को और ज्यादा बढ़ाते हुए अपनी लाल रंग की चड्डी को अपने नितंबों के नीचे ले उभरे हुए स्तर पर लाकर खड़ी हो गई जिससे कमर और चड्डी के बीच का वह मदमस्त कर देने वाला नजारा उभरी हुई गांड एकदम साफ केंद्रित हो रही थी जिस पर संजू की नजर बराबर लगी हुई थी और कुछ नजारे को देखकर संजू से रहा नहीं गया और वह तुरंत अपने पेंट की चैन खोलकर अपने लंड को बाहर निकाल दिया जो की पूरी तरह से अपनी औकात में आकर खड़ा हो चुका था,,,,
आराधना बेहद उत्तेजना का अनुभव कर रही थी उसके बदन में मदहोशी शराब की तरह बह रही थी जिससे उसका पूरा वजूद महक रहा था अपने बेटे की आंखों के सामने अपनी चड्डी उतारने में किस तरह का सुख से महसूस हो रहा था उसे बयां कर पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन था आराधना अपने बेटे पर अपनी जवानी का जलवा बिखेर रही थी और अपनी अदाओं की छुरियां उसके दिल पर चला रही थी,,,,, आराधना उसी स्थिति में खड़ी होकर अपनी नजर को पीछे घुमा कर अपने बेटे की तरफ देखी और मुस्कुराने लगी यह देखकर संजू के तन बदन में आग लग गई और देखते ही देखते आराधना अपने बेटे की आंखों के सामने ही बैठ गई और अपनी भारी-भरकम गोल-गोल गांड को हवा में लहराते हुए अपनी गुलाबी छेद में से पेशाब की धारा छोड़ दी,,,,,
आराधना मुतना शुरू कर दी थी और उसकी चूत में से निकल रही पेशाब की धार के साथ सीटी की आवाज एकदम साफ संजू के कानों में पहुंचने लगी और उस आवाज को सुनकर संजू पूरी तरह से मदहोश हो गया उसका मन एकदम से अपनी मां की चूत की सीटी में खो गया और वह अपनी जगह पर खड़ा हो गया उससे बर्दाश्त कर पाना मुश्किल था आखिरकार विश्व सुंदरी मदहोश कर देने वाली जवानी से भरपूर एक औरत उसके सामने बैठकर के सामने करें और वैसे भी मर्दों की सबसे बड़ी ख्वाहिश ही होती है कि वह किसी खूबसूरत औरत को पेशाब करते हुए देख भरले लेकिन ऐसा नजारा देखने को कम ही मिल पाता है लेकिन संजू किस्मत का बड़ा तेज था जो कि अपनी आंखों के सामने इतना खूबसूरत दृश्य को देखकर उत्तेजना का अनुभव कर रहा था,,,,,, संजू से रहा नहीं गया और वह तुरंत चलते हुए बाथरूम में प्रवेश कर गया पीछे नजर घुमा कर आराधना अपने बेटे को ही देख रही थी उसका इस तरह से बाथरूम में आना उसके तन बदन में आग लगा रहा था उत्तेजना के परम शिखर पर विराजमान आराधना अपने बेटे की उपस्थिति को बाथरूम में महसूस करते ही पानी पानी हुई जा रही थी एक तरफ उसकी गुलाबी छेद से पेशाब की धार फूट रही थी तो दूसरे छेद से उसका काम रस टपक रहा था,,,, संजू अपनी मां के इस अदा का बिल्कुल भी सामना नहीं कर पा रहा था वह अपनी मां की इस कामुक अदा पर चारों खाने चित हो गया था वहां अपनी मां की मदमस्त कर देने वाली जवानी के आगे घुटने टेक दिया था,,, और तुरंत वहां अपनी लालच को रोक नहीं पाया और घुटने के बल बैठ गया और दोनों हाथों को आगे बढ़ा कर अपनी मां की मदमस्त कर देने वाली गोरी गोरी तरबूज जैसी गांड को दोनों हाथों में भर लिया और दबाते हुए उसे पेशाब करने में मदद करने लगा,,,,,, अपनी गोरी गोरी नंगी गांड पर अपने बेटे की हथेली का मजबूत स्पर्श पाते ही आराधना अपनी भावनाओं को बिल्कुल भी संभाल नहीं पाई और उसके मुख से गरमा गरम आह निकल गईंं,,,,।
अपनी मां की गोरी गोरी बड़ी बड़ी गांड को अपने दोनों हाथों में भरकर दबाते हुए संजू के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी थी उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें ,,,,, एक तरफ उसकी मां अपनी गुलाबी छेद से धार पर धार मार रही थी और दूसरी तरफ संजू उसकी मस्त गांड को मसल रहा था,,,,,
ओहहह मम्मी क्या मस्त गांड है तुम्हारी,,,, मन करता है ऐसे ही तुम्हारी गांड को दबाते दबाते मसलते मसलते पूरी उम्र गुजार दूं,,,,
सहहह आहहहह रे कमीने,,,,(लगातार पेशाब की धार मारते हुए) तेरा काम तो ऐसे ही चल जाएगा लेकिन मेरा क्या होगा जब तक मेरी चूत में तेरा जाएगा नहीं तब तक मुझे मजा नहीं आएगा,,,,
हाय मेरी रानी अपनी चूत के लिए मेरे लंड की तड़प देखकर मेरा मन तुझे चोदने को कर रहा है,,,,
तो क्या भोसड़ी वाले तू मुझे यहां गेस्ट हाउस में सिर्फ हाथ से हिलाने के लिए लाया है,,,,
मेरी भोसड़ा चोदी तेरी चूत में लंड डालकर तुझे चोदने के लिए लाया हूं मादरचोद,,,,, और जब तक तेरी चूत में लंड डालकर तेरा पानी ने निकाली तब तक मैं रुकने वाला नहीं हूं,,,,,
इतना भी बड़ा नहीं हो गया रे तू कि मेरी प्यास बुझा सके,,,, अभी भी तु बच्चा है,,,,,(आराधना की पेशाब की धार कमजोर पड़ रही थी अब रह रह कर उसकी गुलाबी छेद में से पेशाब की धार फूट रही थी,,,, और अपनी मां की गरमा गरम रंडी वाली बातें सुनकर संजू पूरी तरह से उत्तेजना से लाल हो गया था और तुरंत अपनी हथेली को अपनी मां की चूत पर रख कर उसे पूरी तरह से अपनी हथेली की आगोश में लेते हुए बोला,,,)
हरामजादी रंडी तुझे क्या मैं बच्चा दिख रहा हूं तुझे चोद कर तुझे बच्चा दे सकता हूं इतना दम है मेरे लंड में,,,,
बातों से नहीं मुझे तो तेरे लंड से ही विश्वास होगा कि तू सच कह रहा है,,,,,
यह बात है,,,,(इतना कहने के साथ ही अपनी मां की चूत की पेशाब में गीले हो चुके अपनी हथेली को अपनी मां की चूत से हटाते हुए अपनी मां की आंखों के सामने ही अपनी उंगलियों को मुंह में डालकर चाटते हुए,,,) तो आज तू मेरी मर्दानगी देखेगी आज देखना मैं तुझे कैसे रंडी की तरह चोदकर तेरी चूत का भोसड़ा बनाता हूं,,,,।
(अपने बेटे को अपने पेशाब में डूबी हुई उंगली को मुंह में डालकर चाटते हुए देख कर,, आराधना एकदम से सन्न रह गई थी आंखें फाडे अपने बेटे की हरकत को देखती रह गई थी अभी भी वह पेशाब करने की मुद्रा में बैठी हुई थी,,,, संजू पूरी तरह से उत्तेजना से भर गया था वह जल्द से जल्द,,,, अपनी मां की चूत में लंड डालकर उसे चोद देना चाहता था लेकिन उसे भी बड़े जोरों की पेशाब लगी हुई थी इसलिए वह तुरंत खड़ा हो गया और टॉयलेट पोट के सामने खड़े होकर अपने खड़े लंड को पकड़ कर पेशाब करने लगा लेकिन लंड खड़ा होने की वजह से उसके पेशाब की धार टॉयलेट पोट की जगह उसके ऊपर की तरफ जा रही थी आराधना अभी भी उसी तरह से बैठी हुई थी अपने बेटे के लंड को देखकर उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर दोड़ने लगी,,,, वह तुरंत खड़े होते हुए बोली,,,।
रुक मैं तेरी मदद कर दुं,,,(और इतना कहने के साथ ही वह अपनी लाल रंग की चड्डी को वापस ऊपर चढ़ा दिया और साड़ी को नीचे गिरा दी और अपने बेटे के खड़े लंड को अपनी हथेली में दबोच ली अपने बेटे के लंड की गर्मी उसे अपनी हथेली में साफ महसूस हो रही थी और उस गर्मी की तपन को आराधना अपनी चूत पर महसूस कर रही थी वह अपने बेटे के लंड को कस के पकड़ लिया और उसे थोड़ा सा नीचे करते हुए उसकी धार को टॉयलेट पोट में गिराने लगी यह देखकर संजू के तन बदन में मदहोशी छाने लगी और वह उत्तेजित होता होगा ब्लाउज के ऊपर से ही अपनी मां की चूची को दबाना शुरू कर दिया,,,,, संजू इतना ज्यादा उत्तेजित हो चुका था कि वह अपनी मां की चूची को हथेली में लेकर दशहरी आम की तरह जोर जोर से दबा रहा था जिससे उसका रस पिचकारी मार दे रहा था और ब्लाउज का आगे वाला भाग हल्का गीला होने लगा था,,,,, हालांकि इस उमर में आराधना को दूध होना नामुमकिन था लेकिन फिर भी जिस तरह से वह दबा रहा था उसे से उसमें रीसाव हो रहा था,,,, यह देखकर संजू उत्तेजित अवस्था में बोला,,,
हाय मम्मी तेरे चूची में से तो अभी भी दूध निकल रहा है,,,
तो पी लेना रोका किसने है,,,,
चली पर बिस्तर पर चल मेरी रानी वही तेरी सारी गर्मी निकालूंगा,,,,
तो ले चल इंतजार किसका है,,,
बस पेशाब निकलने का एक बार कर लो उसके बाद देख क्या करता हूं,,,,
पेशाब करते हुए तेरा लंड और भी ज्यादा मोटा और लंबा लगता है,,,,(लंड को थोड़ा सा हिलाते हुए आराधना बोली)
मोटा तगड़ा लंड लेने में ही तो तुझे मजा आता है,,,,
वह तो आएगा ही ना मेरी चुत जो थोड़ी गहरी है तो उसमें मोटा लंड और लंबा लंड ही चाहिए,,,,
और ऐसा लंड सिर्फ मेरे पास है मेरी जान,,,,
सो तो है,,,,,
(आराधना अपने बेटे को पेशाब करते हुए बड़े गौर से देख रही थी उसका सारा ध्यान सिर्फ अपने बेटे के लंबे लंड पर केंद्रित था जिसमें से पेशाब की धार निकलते समय उसका लंड और भी ज्यादा तगड़ा और मोटा लग रहा था यह देखकर आराधना की चूत फुदक रही थी और तो और उसका मन पेशाब करते हुए,,, अपने बेटे के लंड को मुंह में लेना चाहती थी ताकि उसकी पेशाब की धार को अपने गले तक उतार सके लेकिन ऐसा करने में उसे घिन्न भी महसूस हो रही थी,,, लेकिन जिस तरह से उसके बेटे ने पेशाब लगी है अपनी उंगली को मुंह में लेकर चाटा था उसे देखकर आराधना के रोंगटे खड़े हो गए थे उसे समझ में नहीं आ रहा था कि उसके बेटे ने ऐसा कैसे कर दिया शायद ही उत्तेजना और मदहोशी का असर था जो कि शराब की बोतल के नशे से भी कहीं ज्यादा नशीला था,,,,, आराधना अपने बेटे के लंड को मुट्ठी में लेकर दबा रही थी ताकि वह अपने बेटे के लंड से पकने वाली आखरी बूंद को भी उस में से निकाल सके ताकि चोदते समय उसे पेशाब ना लगे और वह जमकर उसकी चूत की सेवा कर सके,,,,,)
अब हो गया,,,,,
(और इतना कहने के साथ ही अपने लंड को पेंट में वापस डाले बिना ही वह आगे बढ़ा और फुर्ती दिखाते हुए तुरंत अपनी मां को अपनी गोद में उठा लिया,,,)
अरे अरे यह क्या कर रहा है रहने दे मैं गिर जाऊंगी,,,
अरे मेरी रानी मैंने आज तक गिरने दिया है क्या जो आज गिरा दूंगा,,,(और इतना कहने के साथ ही वह अपनी मां को पूरी तरह से गोद में उठा लिया और बाथरूम से बाहर निकलने लगा पेंट के बाहर उसका लंड पूरी तरह से अपनी औकात में खड़ा था जिस पर आराधना की गांड साड़ी सहित स्पर्श हो रही थी और आराधना को अपने बेटे के लंड का स्पर्श अपनी गांड पर साफ तौर पर महसूस हो रहा था जिसकी गर्मी उसके तन बदन में उत्तेजना की चिंगारी को और ज्यादा भड़का रही थी,,, संजू के लंड से बिल्कुल भी सब्र नहीं हो रहा था वह बार-बार ठुनकी लेता हुआ अपनी मां की गांड पर दबाव बना रहा था और देखते ही देखते संजू अपनी मां को गोद में उठाए हुए ही बिस्तर के करीब लेकर आ गया और उसी तरह से उसे बिस्तर पर गिरा दिया और धम्म करके आराधना बिस्तर पर जा गिरी लेकिन बेड पर भी छाया हुआ गद्दा इतना नर्म था कि उसे बिल्कुल भी एहसास नहीं हुआ कि उसके बेटे ने उसे बेझिझक बिस्तर पर फेंक दिया है शायद गद्दे के मुलायम पन से संजू पूरी तरह से वाकिफ था इसलिए उसने अपनी मां को बेफिक्र होकर बिस्तर पर फेंक दिया था वरना वह अपनी मां को फूलों की तरह रखता था उसे जरा भी चोट लगने नहीं देता था,,,,,
बिस्तर पर गिरते ही आराधना अपने बेटे की तरफ देखकर कामुक मुस्कान बिखेरने लगी तो संजु अपने शर्ट की बटन को खोलते हुए बोला,,,)
अब आएगा असली मजा जब मेरा लंड तेरी चूत में जाएगा,,,
बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट हैसंजू अपनी मां का हाथ पकड़कर गेस्ट हाउस के कर्मचारी की आंखों के सामने ही निडर होकर उसे गेस्ट हाउस के कमरे में ले जाने लगा,,,, आराधना उस अनजान लड़के की नजर और उसकी बातों को सुनकर और साथ ही गेस्ट हाउस के काउंटर वाले कर्मचारी की निगाहों को देखकर बुरी तरह सहम गई थी,,, उसे देखकर दूसरे लोग क्या सोचते हैं उसके बारे में आज जाकर उसे पता चला था कि उसके बारे में लोग कितनी गलत सोच रखते हैं औरत के मन में क्या चलता है यह सब जाने बिना दुनिया का हर एक मर्द शायद यही सोचता है जैसा कि वह अनजान लड़का और वह कर्मचारी की प्यासी आंखों में झलक रहा था उस अनजान लड़के की बात सुन कर तो आराधना एकदम घबरा सी गई थी क्योंकि वह लड़का किसी भी सूरत में किसी भी कीमत पर उसे बिस्तर पर ले जाना चाहता था,,,, जिसके लिए आराधना बिल्कुल भी तैयार नहीं थी अगर कोई और जगह होती तो शायद आराधना उसके गाल पर थप्पड़ रसीद कर दी होती लेकिन जिस जगह पर वह खड़ी थी उस जगह पर संस्कारी औरतों का लड़कियों का कोई काम नहीं था यहां पर वही औरतें आती थी जो जिस्म का सौदा करती थी जो पैसे लेकर दूसरे मर्दों की प्यास बुझा दी थी और ऐसी आराधना बिल्कुल भी नहीं थी वह तो एक अलग अनुभव के लिए अपने बेटे के साथ धंधे वाली बनकर इस गेस्ट हाउस में आई थी जो कि अभी तक का सफर बिल्कुल एक धंधे वाली औरत की तरह ही लग रहा था क्योंकि सभी लोगों से एक धंधे वाली औरत समझ रहे थे और,,,, गेस्ट हाउस के कर्मचारी ने तो धंधे वाली औरत के रूप में ही उसकी तारीफ के पुल बांध दिया था,,, उसके मुंह से यह सुनकर कि आज तक ऐसी खूबसूरत औरत नहीं देखा इस बात को सुनकर आराधना को अंदर ही अंदर गर्व महसूस हो रहा था और ना जाने क्यों उसे ऐसा आभास हो रहा था कि अगर वहां वाकई में इस धंधे में होती तो वह दूसरी औरतों से ज्यादा पैसे कमाते इस बात का ख्याल उसके मन में आते ही उसके तन बदन में एक अजीब सी ऊर्जा पैदा होने लगी,,,,
पल भर में ही संजू अपनी मां को लेकर कर्मचारी के बताए अनुसार कमरे के बाहर आकर खड़ा हो गया था और चाबी से कमरे का लॉक खोल रहा था और आराधना वहीं खड़े होकर इधर-उधर देखते हुए थिरक रही थी उसकी गांड की थिरकन चाल बेहद मदहोश कर देने वाली थी,,, देखने वालों के होश उड़ा देती थी आराधना इस समय तो खुद संजू भी अपनी मां के रूप लावण्य को देखकर पूरी तरह से मदहोश हो चुका था वह अपने मन में ही सोच रहा था कि अगर वह अपनी मां की चुदाई ना किया होता अगर वह कोई गैर औरत होती तो सच में उसे किसी भी कीमत में चोदने के लिए तैयार हो जाता,,,,,,,, पल भर में ही कमरे का दरवाजा खुल गया और संजू मुस्कुराता हुआ अपनी मां का हाथ पकड़े हुए उसे कमरे के अंदर लेकर दाखिल हो गया,,,,, कमरे के दरवाजे को बंद करते ही आराधना की खुशी का ठिकाना ना था और उसके तन बदन में तेज ना की लहर दौड़ रही थी और पहली बार किसी गेस्ट हाउस के कमरे में आई थी जो कि बेहद सजा धजा हुआ था शायद संजु ने उसे महंगे गेस्ट हाउस में लेकर आया था,,,, आराधना चारों तरफ घूम घूम कर उस कमरे को देख रही थी,,,, हर चीज जो की सजावट के लिए कमरे में रखी हुई थी वह अपनी जगह पर बरकरार और अच्छे तरीके से रखी हुई थी कमरे की सफाई देखकर आराधना हैरान थी कमरे के बीचो बीच डबल साइज का बेड लगा हुआ था जिस पर नरम नरम गद्दे के साथ बेहद खूबसूरत फूल वाला चादर बिछी हुई थी,,,, और शायद गेस्ट हाउस के मालिक ने बेड पर फूलों वाली चादर को जानबूझकर बिछाया हुआ था क्योंकि मर्द फूल जैसी नाजुक औरत को और लड़कियों को इसी बिस्तर पर लाकर रौंद कर उनका रस चूस लेते हैं,,,,, आराधना के चेहरे पर प्रसन्नता के भाव नजर आ रहे थे क्योंकि यहां तक पहुंचते हुए उसे किसी ने देखा नहीं था और गेस्ट हाउस में प्रवेश करते समय भी कोई जान पहचान का इंसान उन दोनों को देखा नहीं था इसलिए वह निश्चिंत होकर अपनी भारी-भरकम गोल-गोल गांड को धम्म से नरम नरम गद्दे पर रखते हुए पेट के बल एकदम से लेट गई और अपने पैर को घुटनों से मोड़ ली और ऐसा करने पर तुरंत उसकी साली उसके घुटनों से होती हुई उसकी जांघों तक पहुंच गई और कमर के नीचे का हिस्सा पूरी तरह से पर्दा विहीन हो गया और उसकी नंगी गोरी गोरी टांग मतलबी जैसी मोटी चीकनी जांगे नजर आने लगी जिस पर नजर पड़ते ही संजू का लंड एकदम से खड़ा हो गया और वह अपनी मां के करीब जाकर उसके पास में बैठते हुए और उसकी मोटी मोटी जांघों पर अपना हाथ घुमाते हुए बोला,,,,।
हाय मेरी रानी तू तो एकदम रंडी की तरह जलवा दिखा रही है,,,,
मेरे राजा तुझे खुश करने का जिम्मा जो मैंने अपने सर पर ले लिया है,,,,,,,,
है मेरी रानी गेस्ट हाउस में आते एकदम रंडी बन गई,,,,(इतना कहने के साथ ही संजू अपनी मां के ऊपर लेट गया और उसकी खूबसूरत मदहोश कर देने वाली काली काली आंखों में देखते हुए बोला,,,)
कसम से रानी आज तुझे इतना मजा दूंगा,,, तुझे ऐसी लाजवाब छिनार बनाकर चोदूंगा कि तू जिंदगी भर आज की चुदाई को याद रखेगी,,,,
देखना कहीं तेरा लंड ढीला ना पड़ जाए मेरी चूत एकदम कसी हुई है तेरे लंड को अपने अंदर लेकर उसका सारा रस निकाल लेगी,,,,
यह तो मुझे मालूम है रंडी कि तू एक नंबर की छीनार है और तेरी चूत एक नंबर की है लेकिन मेरा लंड तेरी चूत में जाते ही तेरी चूत का कचुंबर बना देगा,,,,।
(इतना सुनकर आराधना मुस्कुराने लगी और मुस्कुराते हुए बोली)
यह तो वक्त ही बताएगा मेरे राजा किसमें कितना दम है,,,,
मेरा दम देखेगी रंडी,,,,
हां रे मादरचोद,,,,, मैं भी देखना चाहती हूं कि तेरे में कितना दम है,,,,,
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हाय एकदम छीनार की तरह बोलती है रे तू,,,,
बोलूंगी ही ना मुझे तुने यहां रंडी बनाकर जो लाया है,,,
बात तो तूने सही कहीं देखी नहीं नीचे वह लड़का किस तरह पगलाया था तुझे चोदने के लिए,,,, अगर मैं ना होता तो शायद वहीं पर वह तुझे पटक कर चोद दिया होता,,,,
सच कह रहा है तू वह लड़का तो मेरे पीछे ही पड़ गया था,,,
अरे वह लड़का क्या गेस्ट हाउस के सारे कर्मचारी देखी नहीं आंख फाड़े तुम्हें ही देख रहे थे सच कह रहा हूं मम्मी सब लोगों का लंड तुम्हें देख कर खड़ा हो गया था सब लोग तुम्हारी चूत मारने के लिए तैयार थे और देखना सब के सब तुम्हारे बारे में सोच कर अपना लंड हीलाकर पानी निकाल लेंगे,,,, सच में तुम बहुत खूबसूरत लगती हो,,,,
चल रहने दे अब तो मुझे ऐसा लगता है कि अकेले कहीं चले जाओ तो अपनी इज्जत बचा पाना मुश्किल हो जाएगा,,,,
हां यह तो सच कह रही हो मौका मिलते ही तुम्हारी साड़ी उठाकर कोई भी तुम्हारी चूत में लंड डाल देगा,,,,
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धत्,,,, मुझे सिर्फ तेरा चाहिए और किसी का नहीं,,,,,
(और इतना कहने के साथ ही आराधना खुद अपने होंठ आगे बढ़ा कर अपने बेटे के होंठ पर रख दी और मौके की नजाकत को समझते हुए संजू अपनी मां के लाल लाल होठों को अपने होंठों के बीच रखकर उसके मधुर रस को चूसना शुरू कर दिया,,,,, नरम नरम गद्दे में आराधना को अपना बदन एकदम आरामदायक लग रहा था,,, और उसे अपने बेटे का लैंड अपनी दोनों टांगों के बीच चूत पर ठोकर मारता हुआ साफ महसूस हो रहा था इसीलिए तो अपने बेटे की दीवानी हो चुकी थी क्योंकि कैसे भी हालात में वह अपने लंड का स्पर्श उसकी चूत पर करा ही देता था पहले चाहे साड़ी और पेटीकोट और पेंटी के पर्दे में क्यों ना छुपी हो,,,, संजू को भी अपनी मां की चूत की गर्मी अपने लंड पर साफ महसूस हो रही थी संजू हल्के हल्के अपनी कमर हिलाता हुआ यूं ही अपनी मां को चोदने का आनंद ले रहा था और उसके लाल-लाल होठों का रसपान कर रहा था साथ ही अपना एक हाथ अपनी मां के ब्लाउज पर रखकर उसके भारी-भरकम चूचियों को ऊपर से ही दबा रहा था यह सब आराधना के होश उड़ा रहे थे,,,, उसकी चूत कामुक हरकतों से और लंड की ठोकर को अपने ऊपर महसूस करके मदन रस टपका रही थी,,,,, गेस्ट हाउस में गेस्ट हाउस के कमरे के अंदर नरम नरम गद्दे दार बिस्तर पर आराधना अपने बेटे को ऊपर लेकर उसकी कामुक हरकतों का मजा ले रही थी,,, संजू पूरी तरह से पागल हुआ जा रहा था गेस्ट हाउस में अपनी मां को लाकर वह रंडी की तरह चोदना चाहता था वहां एक अद्भुत अनुभव लेना चाहता था कि कैसे लोग पैसे देकर औरत को गेस्ट हाउस में ले जाकर उसके साथ मजाक करते हैं यह काम संजू घर पर भी रहकर अपनी मां की चुदाई कर सकता था आनंद ले सकता था लेकिन गेस्ट हाउस का मजा ही कुछ और था,,,,,।
आराधना और संजू दोनों मां बेटी के बदन में उत्तेजना की लहर कुछ ज्यादा ही असर दिखा रही थी संजू उत्तेजित बताओ अपने मां के ब्लाउज का बटन खोलने लगा था कि तभी उसे रोकते हुए आराधना बोली,,,।
रुक जा थोड़ा सब्र कर वैसे भी तुम्हें अर्धे या 1 घंटे के लिए नहीं बल्कि 4 घंटे के लिए कमरा बुक कराया है मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि तो 4 घंटे के लिए कमरा क्यों बुक करा दिया आधे घंटे में या 1 घंटे में सीताराम दोनों का काम हो सकता था,,,,
क्या मम्मी तुम भी जिंदगी में पहली बार गेस्ट हाउस का मजा लेने आई हो और इतने कम समय के लिए यह भला कैसे हो सकता है मैं आज तुम्हें जन्नत का मज़ा देना चाहता हूं रंडी बनाकर तुम्हारी चूत को रगड़ रगड़ कर चोदना चाहता हूं हर एक आसन आजमाना चाहता हूं जिसके लिए 4 घंटे पर्याप्त हैं एक घंटा नहीं,,,,,
(अपने बेटे की बात सुनकर आराधना शर्मा गई उसके गाल सुर्ख लाल हो गए और वह शर्मा कर मुस्कुराते हुए बोली)
चल बड़ा आया 4 घंटे तक चोदने वाला,,,,(इतना कहकर वह संजू को अपने ऊपर से हटाने लगी और बेड पर से नीचे उतरने लगी तो संजू बोला)
क्या हुआ,,,?
अरे मुतने जा रही हुं कबसे बड़ी जोरों की लगी हुई है,,,,
(इतना कहते हुए वह बेड पर से नीचे उतर गई जिससे उसकी कमर तक उठी हुई साड़ी अपने आप आएंगे उसके कदमों पर आ गिरी जिससे एक बेहद खूबसूरत नजारे पर पड़ता पड़ गया बेड के ठीक सामने ही बाथरूम का दरवाजा था जिसके पास जाकर बाहर बाथरूम का दरवाजा खोलने से पहले बाथरूम के हत्थे को पकड़कर अपनी नजर पीछे की तरफ घुमा कर अपने बेटे की तरफ देख कर मुस्कुराने लगी,,,, यह देखकर संजू से रहा नहीं गया और वह बोला,,)
दरवाजा खुला रखना,,,
क्यों,,,?
मैं तुम्हें पेशाब करते हुए देखना चाहता हूं,,,,।
(अपने बेटे की बातें सुनकर आराधना अपनी नजरों को गोल-गोल घुमा कर अपने बेटे की तरफ आश्चर्य से देखने लगी आराधना को इस बात का एहसास हो चुका था कि दुनिया के हर एक मर्द औरत को चाहे जितनी बार नंगी देख ले या उनकी चुदाई करके तृप्त हो जाए लेकिन उनकी हर एक अदा का मर्दो पर एक गहरा प्रभाव पड़ता है वह हर एक रुप में औरत को देखना चाहते हैं और शायद इसीलिए उसका बेटा भी इस समय उसे पेशाब करते हुए देखने की ख्वाहिश रख रहा था,,,, आज हुआ है जिस तरह की अदाकारी निभाने के लिए गेस्ट हाउस में आई थी उसे देखते हुए अपने बेटे की ख्वाहिश को नजरअंदाज कर पाना उसके लिए मुश्किल था क्योंकि आज वह एक रंडी बन कर उसके साथ आई थी और इस समय उसका काम नहीं था कि वह अपनी ग्राहक को पूरी खुशी दे उसे पूरी तरह से तृप्त कर दे और इसीलिए वह मुस्कुराते हुए बाथरूम का दरवाजा खोला और अंदर प्रवेश कर गई लेकिन दरवाजे को बंद नहीं कि वह पूरी तरह से दरवाजे को खोल दी,,,,, बाथरूम में प्रवेश करते ही उसके होश उड़ गए इतना खूबसूरत बाथरूम उसने आज तक नहीं देखी थी पूरे बाथरूम में टाइल्स लगी हुई थी और वह भी एकदम चमकती हुई जिसमें उसका खुद का अक्स नजर आ रहा था और बाथरूम के अंदर इंग्लिश टॉयलेट था जिसका उसने आज तक उपयोग नहीं की थी,,,,
कुछ देर तक वह इंग्लिश टॉयलेट को ही देखते रह गई,,,, देखकर संजू बिस्तर पर बैठा बैठा ही बोला,,,।
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क्या हुआ रानी पेशाब नहीं करोगी क्या पेशाब कहीं अटक गई हो तो बोलो लंड डालकर रास्ता साफ कर दूं ं,,,
(अपने बेटे की बातें सुनकर पीछे की तरफ देखते हुए बोली)
चल रहने दे इसके लिए तेरी जरूरत नहीं है,,,
तो करो ना मेरी जान मुझे भी कुछ दिखाओ मैं भी देखना चाहता हूं कि तुम्हारी गुलाबी छेद से पेशाब की धार कैसे फुटती है,,,,,,,
(अपने बेटे की मद भरी बातें सुनकर आराधना के तन बदन में सिहरन सी दौड़ रही थी उसे ऐसा महसूस हो रहा था कि बिस्तर पर बैठा हुआ लड़का उसका बेटा नहीं बल्कि कोई अनजान मर्द है और वह वाकई में धंधे वाली औरत है जिसके साथ वह इस तरह की गंदी बातें कर रहा है और इस समय उसकी यह बातें बेहद लुभावनी और मदहोश कर देने वाली लग रही थी,,,, अपने बेटे की बात का जवाब दिए बिना ही वह अपने क्रियाकलाप को आगे बढ़ाने में जुट गई अब तक वह अपने बेटे की संगत में बहुत ज्यादा खुल चुकी थी,,, इसलिए अपने बेटे के सामने एकदम रंडी पन पर उधर आने में उसे कोई झिझक नहीं हो रही थी बल्कि उसे तो किस तरह की हरकत करने में अजीब सा सुख प्राप्त हो रहा था एक अद्भुत सुख जिसके बारे में उसने कभी कल्पना भी नहीं की थी कल्पना से परे वह आज अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए ही गेस्ट हाउस में आई थी,,,,, अपने बेटे की बात को सुनकर सिर्फ हुआ इतना ही बोली,,,)
देखा नहीं है क्या पहले,,,,,
देखा तो बहुत बार हूं लेकिन हर एक बार कुछ नया सा लगता है जिससे पूरे बदन में सनसनी फैल जाती है,,,।
(आराधना अपने बेटे की बात सुनकर मुस्कुराने लगी और वह दीवार की तरफ मुंह करके खड़ी हो गई बाथरूम का दरवाजा पूरी तरह से खुला हुआ था ताकि उसका बेटा उसके हर एक नजारे को अपनी आंखों से एकदम साफ साफ देख सकें,,,,, अपनी मां की क्रियाकलाप को देखने के लिए संजू पूरी तरह से तैयार हो चुका था,,, आराधना अपने बेटे के सामने अद्भुत दृश्य पेश करने जा रही थी,,,,, आराधना को बड़े जोरों की पेशाब लगी हुई थी लेकिन वह अपने बेटे को अपनी तरफ से पूरी तरह से आकर्षित करते हुए एक रंडी पन दिखाने का पूरा क्रियाकलाप करने जा रही थी,,,, देखते ही देखते आराधना अपनी साड़ी को दोनों तरफ से पकड़ ली थी और उसे उंगलियों के सहारे से ऊपर की तरफ उठाना शुरू कर दी थी बाथरूम में भी ट्यूब लाइट जल रही थी जिसकी रोशनी में सब कुछ साफ नजर आ रहा था,,,, वैसे तो दोपहर का ही समय था लेकिन फिर भी बाथरूम के अंदर अंधेरा ही होता है लेकिन ट्यूबलाइट की दूधिया रोशनी में सब कुछ पर्दे पर चल रही फिल्म की तरह नजर आ रहा था देखते ही देखते आराधना अपनी साड़ी को ऊपर की तरफ उठाने लगी और पैरों से आराधना के नंगे पन का सफर शुरू हो गया और यह देखने के लिए उसका बेटा पूरी तरह से आंखें फाड़े बेड पर पैर नीचे लटकाए बैठ गया,,,,,,,
धीरे-धीरे आराधना मंजिल के करीब पहुंचने के लिए इस सफर को थोड़ा सा लंबा कर रही थी वह चाहती तो एक झटके से ही अपनी साड़ी कमर तक उठाकर अपनी नंगी गांड के दर्शन अपने बेटे को करा सकती थी लेकिन इस तरह से अपने बेटे को मंजिल तक ले जाने में मजा नहीं आ रहा था वैसे भी मंडी से ज्यादा आनंद सफर देता है और इसी के नक्शे कदम पर चलते हुए आराधना धीरे-धीरे अपनी साड़ी को उठाते हुए अपने घुटनों से पिला दी थी जिससे उसकी गोरी गोरी नंगी मांसल पींडलिया साफ नजर आ रही थी,,,, संजू को अपनी मां की गोरी गोरी पिंडलिया भी बेहद आकर्षित करती थी संजू तो बेहद खुशनसीब का जो कि अपनी मां की चूत तक आराम से पहुंच चुका था लेकिन जिसे अगर आराधना की चूत नसीब ना हो अगर उसे उसकी गोरी गोरी मांसल पिंडलिया भी मिल जाए तो वह उसी पर ही अपना लंड रगड़ रगड़ कर पानी निकाल दे,,,,,
धीरे-धीरे साड़ी ऊपर की तरफ उठा रही थी और वैसे वैसे संजू की हालत खराब हो रही थी देखते ही देखते आराधना अपनी साड़ी को अपनी मोटी चिकनी जांघों तक ला दी,,, अपनी मां को जी भर कर भाग चुका संजू भी इस मनमोहक दृश्य को देखकर बेहद उत्तेजना का अनुभव कर रहा था,,,,, मोटी मोटी चिकनी जांघें के लेके मोटे तने की समान दिखाई दे रही थी,,,,, एकदम मांसल जिस पर जीभ फिराने का मन करें,,, और वह भी एकदम मक्खन जैसा चिकना बदन आखिरकार ऐसा कौन होगा जो ऐसी खूबसूरती पर ना मर मिट जाए,,,, देखते ही देखते साड़ी दोनों नितंबों के ऊपरी छोर तक पहुंच गए जहां से उसकी लाल रंग की चड्डी साफ नजर आने लगी थी यह देखकर संजू का लंड एकदम कड़क हो गया,,,,,,, गोरे गोरे बदन पर लाल रंग की चड्डी उत्तेजना का केंद्र बिंदु बन जाता है और यह केंद्रबिंदु संजू की उत्तेजना का कारण बन रहा था वह पूरी तरह से अपने आप पर काबू करने की कोशिश कर रहा था लेकिन उसका मन और तन दोनों बेकाबू हुआ जा रहा था उसका मन कर रहा था किसी समय बाथरूम में घुस जाए और अपनी मां की चुदाई करना शुरू कर दें,,,,, लेकिन जल्दबाजी और जबरदस्ती करना बिल्कुल भी ठीक नहीं था क्योंकि वह तो गेस्ट हाउस में मजा लेने आया था उसके पास समय भी बेहद पर्याप्त था इसलिए वह निश्चिंत होकर पेंट के ऊपर सही अपने खड़े होते को दबाता हुआ अपनी मां की खूबसूरत दृश्य का आनंद लेता रहा और उसकी मां,,, धीरे-धीरे अपनी साड़ी को कमर तक उठा दी जिससे उसकी भारी-भरकम गोलाकार गांड लाल रंग की चड्डी में कैद नजर आने लगी गोरे गोरे गाल पर लाल रंग की चड्डी बेहद खूबसूरत लग रही थी,,,,, ऐसा लग रहा था कि दूधिया आसमान में नारंगी रंग का सूरज खिल गया हो,,,,,, जिसे देखकर संजू का दिल बागबान हो रहा था,,,,।
आराधना की मस्ती बढ़ती जा रही थी उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर उठ रही थी उसके अंग अंग में मीठी फुहार अपना असर दिखा रही थी,,, उसे भी मालूम था कि उसके बेटे की नजर उसकी गोलाकार गांड पर टिकी होगी जो कि इस समय चड्डी के अंदर केद थी,,,,,, आराधना भी पूरी तरह से मस्ती के सागर में डूबती चली जा रही थी अपने बेटे की आंखों के सामने अपने खूबसूरत बदन का इस तरह से नुमाइश करना उसे भी अच्छा लगने लगा था उसे बड़े जोरों की पेशाब लगी हुई थी लेकिन अपने बेटे को अपने हुस्न का जलवा दिखाने के चक्कर में वह अपने पेशाब की तीव्रता पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही थी लेकिन अब उसी से बर्दाश्त कर पाना मुश्किल हो जा रहा था तो वह अपनी कमर पर साड़ी को थोड़ा सा लपेट ते हुए अपनी लाल रंग की चड्डी को दोनों हाथों की उंगलियों में फंसा कर उसे नीचे की तरफ सरकाने लगी,,,,, यह देखकर संजू का दिल जोरों से धड़क रहा था एक खूबसूरत औरत को अपनी आंखों के सामने अपने कपड़े उतार कर अपने नंगे जिस्म की नुमाइश करते हुए देखने में जो आनंद जो मजा है वह शायद एक वही मर्द जान सकता है जिसकी आंखों के सामने कोई औरत इस तरह की प्रतिक्रिया क्रियाकलाप करें,,,, और इस समय किस्मत का धनी संजू ऐसे खूबसूरत नजारों को अपनी आंखों के सामने देख रहा था और वह भी उसकी आंख के सामने कोई गैर औरत नहीं थी बल्कि उसकी सगी मां थी जो कि बेहद खूबसूरत और हसीन थी,, कुछ ही पल में आराधना की गोलाकार गांड पर से उसका चड्डी नुमा पर्दा हटने वाला था,,, यह सोचकर ही दोनों मां-बेटे के बदन में उत्साह की लहर दौड़ उठ रही थी,,,,,
संजू की आंखों की पलकें झपकना भूल गई थी,,, वह एकटक बाथरूम के अंदर अपनी जवानी का जलवा बिखेर रही अपनी मां को ही देख रहा था ,,,,, आराधना धीरे-धीरे अपनी चड्डी को दोनों हाथों की उंगलियों से पकड़कर नीचे की तरफ सरकार ने लगी और लाल रंग की चड्डी तरबूज नुमा गांड से सरकते ही गोरा रंग उभार लिए हुए नजर आने लगा संजू से बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था उसकी आंखों के सामने गेस्ट हाउस के कमरे में उसकी मां अपने कपड़े उतार रही थी या देखकर उसका लंड पूरी तरह से टनटना कर खड़ा हो गया था,,,, लंड की नसें पूरी तरह से कड़क हो चुकी थी,,,,, और देखते ही देखते आराधना अपनी लाल रंग की चड्डी को अपनी गोल-गोल तरबूज जैसी गांड के नीचे तक उतार दी,,,,जिससे उसकी गोरी गोरी गांड उभार लिए हुए एकदम साफ नजर आने लगी,,,, और कुछ देर तक आराधना भी अपने बेटे की तड़प को और ज्यादा बढ़ाते हुए अपनी लाल रंग की चड्डी को अपने नितंबों के नीचे ले उभरे हुए स्तर पर लाकर खड़ी हो गई जिससे कमर और चड्डी के बीच का वह मदमस्त कर देने वाला नजारा उभरी हुई गांड एकदम साफ केंद्रित हो रही थी जिस पर संजू की नजर बराबर लगी हुई थी और कुछ नजारे को देखकर संजू से रहा नहीं गया और वह तुरंत अपने पेंट की चैन खोलकर अपने लंड को बाहर निकाल दिया जो की पूरी तरह से अपनी औकात में आकर खड़ा हो चुका था,,,,
आराधना बेहद उत्तेजना का अनुभव कर रही थी उसके बदन में मदहोशी शराब की तरह बह रही थी जिससे उसका पूरा वजूद महक रहा था अपने बेटे की आंखों के सामने अपनी चड्डी उतारने में किस तरह का सुख से महसूस हो रहा था उसे बयां कर पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन था आराधना अपने बेटे पर अपनी जवानी का जलवा बिखेर रही थी और अपनी अदाओं की छुरियां उसके दिल पर चला रही थी,,,,, आराधना उसी स्थिति में खड़ी होकर अपनी नजर को पीछे घुमा कर अपने बेटे की तरफ देखी और मुस्कुराने लगी यह देखकर संजू के तन बदन में आग लग गई और देखते ही देखते आराधना अपने बेटे की आंखों के सामने ही बैठ गई और अपनी भारी-भरकम गोल-गोल गांड को हवा में लहराते हुए अपनी गुलाबी छेद में से पेशाब की धारा छोड़ दी,,,,,
आराधना मुतना शुरू कर दी थी और उसकी चूत में से निकल रही पेशाब की धार के साथ सीटी की आवाज एकदम साफ संजू के कानों में पहुंचने लगी और उस आवाज को सुनकर संजू पूरी तरह से मदहोश हो गया उसका मन एकदम से अपनी मां की चूत की सीटी में खो गया और वह अपनी जगह पर खड़ा हो गया उससे बर्दाश्त कर पाना मुश्किल था आखिरकार विश्व सुंदरी मदहोश कर देने वाली जवानी से भरपूर एक औरत उसके सामने बैठकर के सामने करें और वैसे भी मर्दों की सबसे बड़ी ख्वाहिश ही होती है कि वह किसी खूबसूरत औरत को पेशाब करते हुए देख भरले लेकिन ऐसा नजारा देखने को कम ही मिल पाता है लेकिन संजू किस्मत का बड़ा तेज था जो कि अपनी आंखों के सामने इतना खूबसूरत दृश्य को देखकर उत्तेजना का अनुभव कर रहा था,,,,,, संजू से रहा नहीं गया और वह तुरंत चलते हुए बाथरूम में प्रवेश कर गया पीछे नजर घुमा कर आराधना अपने बेटे को ही देख रही थी उसका इस तरह से बाथरूम में आना उसके तन बदन में आग लगा रहा था उत्तेजना के परम शिखर पर विराजमान आराधना अपने बेटे की उपस्थिति को बाथरूम में महसूस करते ही पानी पानी हुई जा रही थी एक तरफ उसकी गुलाबी छेद से पेशाब की धार फूट रही थी तो दूसरे छेद से उसका काम रस टपक रहा था,,,, संजू अपनी मां के इस अदा का बिल्कुल भी सामना नहीं कर पा रहा था वह अपनी मां की इस कामुक अदा पर चारों खाने चित हो गया था वहां अपनी मां की मदमस्त कर देने वाली जवानी के आगे घुटने टेक दिया था,,, और तुरंत वहां अपनी लालच को रोक नहीं पाया और घुटने के बल बैठ गया और दोनों हाथों को आगे बढ़ा कर अपनी मां की मदमस्त कर देने वाली गोरी गोरी तरबूज जैसी गांड को दोनों हाथों में भर लिया और दबाते हुए उसे पेशाब करने में मदद करने लगा,,,,,, अपनी गोरी गोरी नंगी गांड पर अपने बेटे की हथेली का मजबूत स्पर्श पाते ही आराधना अपनी भावनाओं को बिल्कुल भी संभाल नहीं पाई और उसके मुख से गरमा गरम आह निकल गईंं,,,,।
अपनी मां की गोरी गोरी बड़ी बड़ी गांड को अपने दोनों हाथों में भरकर दबाते हुए संजू के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी थी उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें ,,,,, एक तरफ उसकी मां अपनी गुलाबी छेद से धार पर धार मार रही थी और दूसरी तरफ संजू उसकी मस्त गांड को मसल रहा था,,,,,
ओहहह मम्मी क्या मस्त गांड है तुम्हारी,,,, मन करता है ऐसे ही तुम्हारी गांड को दबाते दबाते मसलते मसलते पूरी उम्र गुजार दूं,,,,
सहहह आहहहह रे कमीने,,,,(लगातार पेशाब की धार मारते हुए) तेरा काम तो ऐसे ही चल जाएगा लेकिन मेरा क्या होगा जब तक मेरी चूत में तेरा जाएगा नहीं तब तक मुझे मजा नहीं आएगा,,,,
हाय मेरी रानी अपनी चूत के लिए मेरे लंड की तड़प देखकर मेरा मन तुझे चोदने को कर रहा है,,,,
तो क्या भोसड़ी वाले तू मुझे यहां गेस्ट हाउस में सिर्फ हाथ से हिलाने के लिए लाया है,,,,
मेरी भोसड़ा चोदी तेरी चूत में लंड डालकर तुझे चोदने के लिए लाया हूं मादरचोद,,,,, और जब तक तेरी चूत में लंड डालकर तेरा पानी ने निकाली तब तक मैं रुकने वाला नहीं हूं,,,,,
इतना भी बड़ा नहीं हो गया रे तू कि मेरी प्यास बुझा सके,,,, अभी भी तु बच्चा है,,,,,(आराधना की पेशाब की धार कमजोर पड़ रही थी अब रह रह कर उसकी गुलाबी छेद में से पेशाब की धार फूट रही थी,,,, और अपनी मां की गरमा गरम रंडी वाली बातें सुनकर संजू पूरी तरह से उत्तेजना से लाल हो गया था और तुरंत अपनी हथेली को अपनी मां की चूत पर रख कर उसे पूरी तरह से अपनी हथेली की आगोश में लेते हुए बोला,,,)
हरामजादी रंडी तुझे क्या मैं बच्चा दिख रहा हूं तुझे चोद कर तुझे बच्चा दे सकता हूं इतना दम है मेरे लंड में,,,,
बातों से नहीं मुझे तो तेरे लंड से ही विश्वास होगा कि तू सच कह रहा है,,,,,
यह बात है,,,,(इतना कहने के साथ ही अपनी मां की चूत की पेशाब में गीले हो चुके अपनी हथेली को अपनी मां की चूत से हटाते हुए अपनी मां की आंखों के सामने ही अपनी उंगलियों को मुंह में डालकर चाटते हुए,,,) तो आज तू मेरी मर्दानगी देखेगी आज देखना मैं तुझे कैसे रंडी की तरह चोदकर तेरी चूत का भोसड़ा बनाता हूं,,,,।
(अपने बेटे को अपने पेशाब में डूबी हुई उंगली को मुंह में डालकर चाटते हुए देख कर,, आराधना एकदम से सन्न रह गई थी आंखें फाडे अपने बेटे की हरकत को देखती रह गई थी अभी भी वह पेशाब करने की मुद्रा में बैठी हुई थी,,,, संजू पूरी तरह से उत्तेजना से भर गया था वह जल्द से जल्द,,,, अपनी मां की चूत में लंड डालकर उसे चोद देना चाहता था लेकिन उसे भी बड़े जोरों की पेशाब लगी हुई थी इसलिए वह तुरंत खड़ा हो गया और टॉयलेट पोट के सामने खड़े होकर अपने खड़े लंड को पकड़ कर पेशाब करने लगा लेकिन लंड खड़ा होने की वजह से उसके पेशाब की धार टॉयलेट पोट की जगह उसके ऊपर की तरफ जा रही थी आराधना अभी भी उसी तरह से बैठी हुई थी अपने बेटे के लंड को देखकर उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर दोड़ने लगी,,,, वह तुरंत खड़े होते हुए बोली,,,।
रुक मैं तेरी मदद कर दुं,,,(और इतना कहने के साथ ही वह अपनी लाल रंग की चड्डी को वापस ऊपर चढ़ा दिया और साड़ी को नीचे गिरा दी और अपने बेटे के खड़े लंड को अपनी हथेली में दबोच ली अपने बेटे के लंड की गर्मी उसे अपनी हथेली में साफ महसूस हो रही थी और उस गर्मी की तपन को आराधना अपनी चूत पर महसूस कर रही थी वह अपने बेटे के लंड को कस के पकड़ लिया और उसे थोड़ा सा नीचे करते हुए उसकी धार को टॉयलेट पोट में गिराने लगी यह देखकर संजू के तन बदन में मदहोशी छाने लगी और वह उत्तेजित होता होगा ब्लाउज के ऊपर से ही अपनी मां की चूची को दबाना शुरू कर दिया,,,,, संजू इतना ज्यादा उत्तेजित हो चुका था कि वह अपनी मां की चूची को हथेली में लेकर दशहरी आम की तरह जोर जोर से दबा रहा था जिससे उसका रस पिचकारी मार दे रहा था और ब्लाउज का आगे वाला भाग हल्का गीला होने लगा था,,,,, हालांकि इस उमर में आराधना को दूध होना नामुमकिन था लेकिन फिर भी जिस तरह से वह दबा रहा था उसे से उसमें रीसाव हो रहा था,,,, यह देखकर संजू उत्तेजित अवस्था में बोला,,,
हाय मम्मी तेरे चूची में से तो अभी भी दूध निकल रहा है,,,
तो पी लेना रोका किसने है,,,,
चली पर बिस्तर पर चल मेरी रानी वही तेरी सारी गर्मी निकालूंगा,,,,
तो ले चल इंतजार किसका है,,,
बस पेशाब निकलने का एक बार कर लो उसके बाद देख क्या करता हूं,,,,
पेशाब करते हुए तेरा लंड और भी ज्यादा मोटा और लंबा लगता है,,,,(लंड को थोड़ा सा हिलाते हुए आराधना बोली)
मोटा तगड़ा लंड लेने में ही तो तुझे मजा आता है,,,,
वह तो आएगा ही ना मेरी चुत जो थोड़ी गहरी है तो उसमें मोटा लंड और लंबा लंड ही चाहिए,,,,
और ऐसा लंड सिर्फ मेरे पास है मेरी जान,,,,
सो तो है,,,,,
(आराधना अपने बेटे को पेशाब करते हुए बड़े गौर से देख रही थी उसका सारा ध्यान सिर्फ अपने बेटे के लंबे लंड पर केंद्रित था जिसमें से पेशाब की धार निकलते समय उसका लंड और भी ज्यादा तगड़ा और मोटा लग रहा था यह देखकर आराधना की चूत फुदक रही थी और तो और उसका मन पेशाब करते हुए,,, अपने बेटे के लंड को मुंह में लेना चाहती थी ताकि उसकी पेशाब की धार को अपने गले तक उतार सके लेकिन ऐसा करने में उसे घिन्न भी महसूस हो रही थी,,, लेकिन जिस तरह से उसके बेटे ने पेशाब लगी है अपनी उंगली को मुंह में लेकर चाटा था उसे देखकर आराधना के रोंगटे खड़े हो गए थे उसे समझ में नहीं आ रहा था कि उसके बेटे ने ऐसा कैसे कर दिया शायद ही उत्तेजना और मदहोशी का असर था जो कि शराब की बोतल के नशे से भी कहीं ज्यादा नशीला था,,,,, आराधना अपने बेटे के लंड को मुट्ठी में लेकर दबा रही थी ताकि वह अपने बेटे के लंड से पकने वाली आखरी बूंद को भी उस में से निकाल सके ताकि चोदते समय उसे पेशाब ना लगे और वह जमकर उसकी चूत की सेवा कर सके,,,,,)
अब हो गया,,,,,
(और इतना कहने के साथ ही अपने लंड को पेंट में वापस डाले बिना ही वह आगे बढ़ा और फुर्ती दिखाते हुए तुरंत अपनी मां को अपनी गोद में उठा लिया,,,)
अरे अरे यह क्या कर रहा है रहने दे मैं गिर जाऊंगी,,,
अरे मेरी रानी मैंने आज तक गिरने दिया है क्या जो आज गिरा दूंगा,,,(और इतना कहने के साथ ही वह अपनी मां को पूरी तरह से गोद में उठा लिया और बाथरूम से बाहर निकलने लगा पेंट के बाहर उसका लंड पूरी तरह से अपनी औकात में खड़ा था जिस पर आराधना की गांड साड़ी सहित स्पर्श हो रही थी और आराधना को अपने बेटे के लंड का स्पर्श अपनी गांड पर साफ तौर पर महसूस हो रहा था जिसकी गर्मी उसके तन बदन में उत्तेजना की चिंगारी को और ज्यादा भड़का रही थी,,, संजू के लंड से बिल्कुल भी सब्र नहीं हो रहा था वह बार-बार ठुनकी लेता हुआ अपनी मां की गांड पर दबाव बना रहा था और देखते ही देखते संजू अपनी मां को गोद में उठाए हुए ही बिस्तर के करीब लेकर आ गया और उसी तरह से उसे बिस्तर पर गिरा दिया और धम्म करके आराधना बिस्तर पर जा गिरी लेकिन बेड पर भी छाया हुआ गद्दा इतना नर्म था कि उसे बिल्कुल भी एहसास नहीं हुआ कि उसके बेटे ने उसे बेझिझक बिस्तर पर फेंक दिया है शायद गद्दे के मुलायम पन से संजू पूरी तरह से वाकिफ था इसलिए उसने अपनी मां को बेफिक्र होकर बिस्तर पर फेंक दिया था वरना वह अपनी मां को फूलों की तरह रखता था उसे जरा भी चोट लगने नहीं देता था,,,,,
बिस्तर पर गिरते ही आराधना अपने बेटे की तरफ देखकर कामुक मुस्कान बिखेरने लगी तो संजु अपने शर्ट की बटन को खोलते हुए बोला,,,)
अब आएगा असली मजा जब मेरा लंड तेरी चूत में जाएगा,,,
बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है मजा आ गयागेस्ट हाउस के कमरे में आराधना नरम नरम गद्दे पर पीठ के बल लेटी हुई थी और ठीक उसके सामने खड़े होकर संजू अपने शर्ट का बटन खोल रहा था यह नजारा बेहद आनंददायक और मादकता से भरा हुआ था क्योंकि इस नजारे को देखने पर कोई भी समझ जाएगा कि आगे क्या होने वाला है क्यों एक जवान लड़का एक खूबसूरत औरत के सामने अपनी शर्ट के बटन खुलेगा उसका सिर्फ एक ही कारण होता है कि कुछ ही देर में वह लड़का उस खूबसूरत औरत की चुदाई करने वाला है और यही क्रिया इस कमरे में शुरू हो चुकी थी आराधना के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ रही थी जिस तरह से संजू अपनी भुजाओं का बल दिखाते हुए अपनी मां को अपनी गोद में उठाकर बिस्तर पर लाकर पटक दिया था यह दर्शाता था कि संजू में पूरी तरह से मर्दानगी भरी हुई है और वह अपनी मर्दानगी भरी ताकत से किसी भी औरत का पानी निकालने में पूरी तरह से सक्षम है,,,,,
arafhna or sanju bistar par Masti karte huye
आराधना अपने बेटे को देखकर मुस्कुरा रही थी और संजू पेंट में से अपने लंड को बाहर निकाले हुए अपने शर्ट के बटन खोल रहा था अपने बेटे को पूरी तरह से नग्न अवस्था में देखना भी आराधना के लिए बेहद उत्तेजना आत्मक क्रिया बनी रहती थी क्योंकि वह अपने बेटे को नंगा देखकर पूरी तरह से उत्तेजित हो जाती थी उसकी मजबूत चोड़ी छातियां कसा हुआ बदन और ऊपर से औरत को संपूर्ण रूप से तृप्ति का एहसास दिलाने वाला उसका लंबा मोटा काला लंड जो कि अभी भी पेंट के बाहर निकलकर आराधना को ही झांक रहा था,,, देखते ही देखते संजू अपने शर्ट के बटन को एक-एक करके खोलकर पूरी तरह से अपने शर्ट को बटन से आजाद कर दिया और अपने शर्ट को उतारने लगा आराधना की नजर जैसे ही अपने बेटे की नंगी छाती पर गई उसकी चूत पानी छोड़ने लगी क्योंकि वह जानती थी कि कुछ ही पल में वह अपने बेटे की चौड़ी छाती में छिप जाएगी,,,,, आराधना का दिल जोरों से धड़क रहा था संजू अपने शर्ट उतार कर नीचे जमीन पर फेंक दिया था और अपने जिन्स का बेल्ट खोल रहा था आराधना का जोर चलने वाला बिल्कुल भी नहीं था आराधना यह देखकर और ज्यादा उत्साहित हो रही थी कि उसका बेटा आज उसे नंगी करने से पहले खुद ही नंगा हो रहा था वरना वह बिस्तर पर समझ नहीं पाती थी कि उसका बेटा कब नंगा हो जाता था और कब उसका मोटा तगड़ा लंड उसकी चूत की गहराई नापने लगता था,,, क्योंकि संजू सर्वप्रथम अपनी मां के कपड़े उतार कर उसे पूरी तरह से नंगी करने के बाद ही अपने कपड़े उतार कर उसे चोदता था,,,, देखते ही देखते संजू अपने बेल्ट को उतारकर जींस के बटन खोल कर उसे अपनी कमर से नीचे की तरफ सरकार ने लगा लेकिन ऐसा करना बिल्कुल भी संभव नहीं था,,, क्योंकि पेंट के साथ संजू अपना अंडरवियर नीचे सरका रहा था जिसमें के छेद से उसका तगड़ा मोटा लंड बाहर निकला हुआ था,,, जो कि एकदम खूंटे की तरह था और उसे नीचे झुका कर अंडरवियर का सरक पाना नामुमकिन था इसलिए संजु को यहां थोड़ी मशक्कत करनी पड़ रही थी और यह देखकर आराधना के तन बदन में उत्तेजना की चिंगारी फूट रही थी क्योंकि वह जानती थी कि उसके बेटे का लंड बेहद तगड़ा मोटा और दमदार है,,,, और यह काम आराधना भी नहीं कर पाती थी जब उसे कभी अपने बेटे के पेंट में से चैन वाली जगह से लंड बाहर निकालना पड़ता था क्योंकि उस समय संजू का लंड पूरी तरह से अपनी औकात में आकर तंबू बनाया हुआ होता था और उंगलियों का सहारा लेकर अपने बेटे के झंडू को उस छेंद से बाहर निकाल पाना आराधना के बस में बिल्कुल भी नहीं रह पाता था तब उसे जल्दबाजी में भीग ना चाहते हुए अपने बेटे के पूरे पेंट को उतारने करता था और इस समय संजू भी खुद अपनी मर्दानगी से जूझ रहा था उसे बड़ी जल्दबाजी थी अपनी मां के सामने नंगा होने की लेकिन उसका खूंटे जैसा लंड बाधा रुप बन रहा था इसलिए वह पहले जींस को उतारा और फिर अपने अंडरवियर को आगे से पकड़कर थोड़ा आगे की तरफ खींच लिया और फिर उसके छेद में से अपने लंड को एक हाथ से पकड़ कर उसे छेद में से बाहर निकालते हुए अंडरवियर को जांघों तक सरकाने के बाद पूरी तरह से मस्ती में भरकर अपने लंड को अपनी मुट्ठी में भर कर हिलाते हुए अपनी मां की तरफ देख कर बोला,,,।
aradhna apne bete k sath
ज्यादा ही लंबा है इसलिए निकालने में दिक्कत होती है,,,,
डालने में तो बिल्कुल भी दिक्कत नहीं होती,,,
कैसे होगी अपने पसंदीदा छेद में जो जाना होता है वहां तो यहां आंख बंद करके भी घुस जाता है,,,,
हां इसे तो मजा आता है लेकिन मेरी हालत खराब कर देता है ना मेरी चूत पूरी लाल कर देता है,,,,
चुदाई में तो चुत अगर लाल ना हो तो सारा कसूर लंड का ही है,,, और मैं नहीं चाहता कि मेरे लंड का नाम बदनाम हो,,,,(और इतना कहते हुए अपनी अंडरवियर को पैरों का सहारा लेकर अपने पैरों से अलग करते हुए बड़ा अपने घुटने को बिस्तर पर रखकर अपनी मां की तरफ आगे बढ़ते हुए बोला,,,) अब देखना मैं तेरी चूत कैसे लाल करता हूं,,,,
(और इतना कहने के साथ ही संजु पैरों तक फैली अपनी मां की साड़ी को ऊपर की तरफ उठाते हुए अपने होठों को अपनी मां के पेरो पर रगडना सुरु कर दिया ,,,,,।
आहहहह संजू,,,,(उत्तेजना के मारे आराधना के बदन में तनाव बढ़ने लगा उसके बदन में संकुचन होने लगा जैसे जैसे वह अपने बेटे के होंठों को अपने नंगे चिकने पैरों पर महसूस करती थी वैसे वैसे उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर उठ रही थी वह पूरी तरह से मदहोश हो जा रही थी देखते-देखते संजू अपनी मां की साड़ी को उसके घुटनों तक उठा दिया था और उसकी नंगी चिकनी पिंडलियों पर अपने होंठ रगड़ रगड़ कर उसका मजा ले रहा था,,,,, गेस्ट हाउस के कमरे के नरम नरम गद्दे पर आराधना की जवानी पूरी तरह से मचल रही थी और उसका बेटा पूरी तरह से अपनी मां को मदहोश करने में लगा हुआ था वह अपने दोनों हाथों को अपनी मां के दोनों घुटनों पर रखकर रगडते हुए उसे ऊपर की तरफ ले जा रहा था इस तरह से आराधना को भी मजा आ रहा था और संजू को भी अपनी मां की जांघों को जोर जोर से दबोचते हुए ऊपर जाने में मजा आ रहा था,,,, जैसे-जैसे साड़ी जांघों के ऊपर जा रही थी वैसे वैसे आराधना का नंगा बदन उजागर होता चला जा रहा था कमरे में पूरी तरह से जवानी की गर्मी छाई हुई थी देखते-देखते संजू अपनी मां की साड़ी को इतनी ऊपर कर दिया कि उसकी लाल रंग की चड्डी एकदम साफ नजर आने लगी और दोनों टांगो के बीच कि वह जगह जहां पर दुनिया का सबसे बेहतरीन और बेशकीमती खजाना छिपा हुआ होता है उस जगह पर गीलापन नजर आ रहा था जो कि संजू की मेहनत का नतीजा था,,,, अपनी मां की चूत के गीले पन को देखकर संजू बोला,,,।
Sanju apni ma ki chaddhi utarte huye
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वह मम्मी तेरी चूत तो पानी छोड़ रही है आज बहुत मजा आने वाला है और इतना कहने के साथ ही संजू अपनी मां की दोनों टांगों के बीच आ गया और गहरी सांस लेते हुए अपने प्यासे होठों को चड्डी के ऊपर से ही अपनी मां की चूत पर रख दिया और उसे जीभ निकालकर चाटना शुरु कर दिया आराधना की तो हालत खराब होने लगी उत्तेजना के मारे उसे अपनी चूत के अंदर चिंटीया रेंगती हुई महसूस हो रही थी,,, अपने बेटे की हरकत पर वह उत्तेजना से बिलबिला उठ रही थी राजू अपनी मां की चड्डी के ऊपर सही उसे पूरी तरह से मदहोश करने का मन में ठान लिया था वह अपनी मां की लाल रंग की चड्डी पर जीभ का दबाव बढ़ा कर उसकी चूत का पानी निकाल रहा था,,, आराधना अपनी बेलगाम जवानी पर काबू नहीं कर पा रही थी उसे लगाम नहीं लगा पा रही थी,,,, जिसके चलते वह रह रहे कर अपनी कमर को ऊपर की तरफ उठा दे रही थी और संजू उत्तेजना के मारे अपनी मां की कमर था में चड्डी कोई जीभ से चाट रहा था जिसमें उसकी चूत का काम रस लगा हुआ था,,,, आराधना चाहती थी कि उसका बेटा जल्द से जल्द उसकी चड्डी निकाल कर उसकी नंगी चूत पर अपनी जीभ लगाकर चाटे क्योंकि वह अपने आप पर काबू नहीं कर पा रही थी,,,, और शायद संजू भी अपनी मां की मदहोशी और मजबूरी को समझ गया था इसलिए वह अपनी मां की चड्डी को निकाले बिना ही उसकी चड्डी को एक किनारी से पकड़ कर दूसरे छोर पर उसकी फूली हुई चूत के किनारे टीका दिया उत्तेजना के मारे आराधना की चूत कचोरी की तरफ फूल चुकी थी इसलिए बड़े आराम से चड्डी की एक किनारे दूसरे छोर पर टिक गई,,,,,।
Sanju apni ma ki chut se khelta hua
ऐसा करते ही आराधना की मदमस्त कचोरी जैसी फूली हुई चूत एकदम से साफ नजर आने लगी जिसे देखकर संजू के मुंह में पानी आने लगा संजू से बिल्कुल भी रहा नहीं गया और वह अपनी मां की मोटी मोटी जागो को अपनी हथेली में दबाते हुए उसे हल्का सा खोल दिया और फिर अपनी प्यासे होठों को अपनी मां की चूत पर रख कर चाटना शुरू कर दिया,,,,, अपनी नंगी चूत पर अपने बेटे के प्यासे होठ का स्पर्श पाते ही आराधना के तन बदन में आग लग गया रोहा एकदम से अपनी कमर को ऊपर की तरफ उठा दी यह दर्शा रहा था की आराधना कितनी मदहोश हुए जा रही है अपने बेटे की हरकत पर,,,, आराधना काफी उत्तेजित थी इसलिए उसकी चूत से ढेर सारा काम रस निकल रहा था जिसे संजू अपनी जीभ से चाट चाट कर अपने गले के नीचे उतार रहा था चूत के काम रस का स्वाद हल्का कसैला और नमकीन था जो की पूरी तरह से संजू के लिए मालपुआ के रस से कम नहीं था जिसे वह बड़े चाव से चटकारे लगाकर चाट रहा था,,,,,,
आराधना ब्लाउज के ऊपर से ही,,, मदहोशी के आलम में अपनी बड़ी-बड़ी खरबूजे जैसी चुचियों का दबा रही थी अपने हाथ से ही मजा ले रही थी उसकी दोनों टांगों के बीच संजू पूरी तरह से छाया हुआ था और वैसे भी औरत को खुश करने के हर एक तरीके को संजू अच्छी तरह से समझ गया था वह जानता था कि किस क्रिया को करने से उसकी मां पूरी तरह से आनंदित हो जाएगी और इसीलिए वह सबसे पहले अपनी मां की चूत पर ही हल्ला बोल दिया था,,,, आराधना बिस्तर पर तड़प रही थी छटपटा रही थी अपने बेटे की जीभ को वह अपनी चूत की अंदरूनी दीवारों पर रगडती हुई महसूस कर रही थी जिससे उसकी उत्तेजना और ज्यादा बढ़ जा रही थी,,,,, संजू की हरकत इस कदर मदहोश कर देने वाली थी की आराधना से कुछ भी बोला नहीं जा रहा था बस वह गरमा गरम सिसकारियां ले रही थी जोकि संजू की उत्तेजना का प्रमुख कारण बनती जा रही थी वैसे भी मुर्दों को तब तक मजा नहीं आता जब तक की औरतों के मुख से आहहह ऊहहहह ना निकल जाए,,,,,
Aradhna apne bete ko khus karti huyi
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संजू को इस बात का एहसास हो रहा है ताकि उसकी मां की चूत से कुछ ज्यादा ही पानी निकल रहा है जोकि मदहोशी का प्रमुख कारण था उत्तेजना का सर्व प्रथम सोपान था इसलिए संजू अपनी एक उंगली को अपनी मां की चूत के अंदर प्रवेश करा दिया वैसे भी इस समय जिस तरह की उत्तेजना का अनुभव आराधना कर रही थी अपने बेटे की उंगली को ही वह अपने बेटे का लंड समझ कर आनंद ले रही थी,,, संजू अपनी मां की चूत के अंदर जीभ के साथ-साथ अपनी उंगली को भी अंदर बाहर करना शुरू कर दिया था संजू को साफ महसूस हो रहा था कि चूत के अंदर कुछ ज्यादा ही गर्मी थी जो कि उसकी उंगली में साफ महसूस हो रही थी और यह गर्मी सीधा उसके लंड पर असर कर रही थी जितनी ज्यादा गर्मी वह अपनी उंगली पर महसूस कर रहा था उसने ज्यादा कड़क उसका लंड होता चला जा रहा था,,,,
संजू को वैसे भी अपनी मां की चूत चाटने में बहुत मजा आता था पहले भी वह अपनी मां के लिए इस तरह की कल्पना कर चुका था जब जब वह वह अपने कमरे से अपने पापा की गंदी गंदी बातें अपनी मां के लिए सुनता तो अपने आप ही संजु अपनी मां को लेकर कल्पना करने लगता था,,, कई बार वह कल्पना में ही अपनी मां की चूत को चाट चुका था और सही मायने में कल्पना में जिस तरह का आनंद मिलता था उससे भी कहीं ज्यादा आनंद उसे वाकई में अपनी मां की चूत चाटने में आ रहा था,,,। लेकिन इस समय गेस्ट हाउस के कमरे में नरम नरम बीछौने पर कुछ अधूरा सा महसूस हो रहा था और संजीव अच्छी तरह से जानता था कि ऐसा क्यों हो रहा है इसलिए वह तुरंत अपने होठों को जो कि अपनी मां की चूत के काम रस में पूरी तरह से डूब आया हुआ था उसे अपनी मां की चूत से अलग किया और गहरी सांस लेते हुए अपनी मां की तरफ देखने लगा आराधना के सर के नीचे तकिया नहीं था इसलिए वह सर बिस्तर से टिका हुआ था और इस हालात में उसकी मदमस्त कर देने वाली चुचीयां जो कि ब्लाउज के अंदर कैद होने के बावजूद भी पूरी तरह से अपना जलवा बिखेर रही थी वह कुछ ज्यादा ही बड़ी और नुकीली नजर आ रही थी जिसे देखकर संजू गहरी सांस लेता हुआ बोला,,,।
Sanju is tarah se apni ma ki chut ki jhalak pakar mast ho gaya
ओहहह मेरी प्यारी रंडी आज तो तेरी चूची कुछ ज्यादा ही बड़ी लग रही है,,,,, आज तो मजा आ जाएगा मेरी रानी,,,,
ओहहह मादरचोद तूने तो मेरी हालत खराब कर दिया,,,,(चूत चटाई के मदहोशी से बाहर आते हुए आराधना बोली)
अभी तो शुरुआत हुई है मेरी रंडी अभी तो बहुत कुछ बाकी है ,,,(और इतना कहने के साथ ही जो अभी तक अधूरा लग रहा था उसे दूर करते हुए वह अपनी मां की साड़ी को खोलना शुरू कर दिया,,,, और यही संजू को अधूरापन लग रहा था वह अपनी मां को नंगी नहीं किया था और जब तक वह अपनी मां को नंगी नहीं करता तब तक उसे मजा नहीं आता था,,,, देखते ही देखते संजू अपनी मां की साड़ी को खोल कर बिस्तर के नीचे फर्श पर फेंक दिया,,,,, वह अपनी मां की पेटीकोट की डोरी खोलने वाला था कि उसकी नजर अपनी मां की भल भलाई हुई छाती पर चली गई जिसे देखते ही उसके मुंह में पानी आ गया उसकी आंखों के सामने दशहरी आम कपड़ों के अंदर पेक था जिसका स्वाद लेने के लिए उसे खोलना बेहद जरूरी था इसलिए संजू अपनी मां की पेटीकोट को छोड़कर थोड़ा सा अपने हाथों को हरकत देता हुआ आगे बढ़ाया और अपनी उंगलियों का सहारा लेकर अपनी मां के ब्लाउज का बटन खोलने लगा,,, वैसे भी संजू को अपनी मां के ब्लाउज का बटन खोलने में कुछ ज्यादा ही उत्तेजना का अनुभव होता था जिसका असर उसे अपने लंड पर बराबर महसूस हो रहा था संजू दोनों टांगों के बीच बैठा हुआ था और आगे झुक कर अपनी मां के ब्लाउज के बटन खोल रहा था और आराधना नजरों को नीचे करके अपने बेटे के लंड को देख रही थी जो कि ऊपर की तरफ उठाए खड़ा था,,,, आराधना से रहा नहीं गया और वह अपना हाथ आगे बढ़ा कर अपने बेटे के लंड को पकड़ गई जो की पूरी तरह से नंगा था नंगे लंड को अपनी हथेली में महसूस करते ही आराधना के पसीने छूटने लगे क्योंकि संजू का जवान लंड पूरी तरह से मर्दानगी से भरा हुआ था और बेहद गर्म हो चुका था जिसकी गर्मी से आराधना की चूत की मलाई पिघल रही थी,,,।
Aradhna is tarah se apni gaand dikhate huye
देखते ही देखते समझो अपनी मां के ब्लाउज के बटन को खोलकर उसे उतारने के लिए थोड़ा सा अपने हाथ को अपनी मां के पीछे लगी और पीठ पर रखकर उसे हल्के से उठाने लगा उसके बाद भी अच्छी तरह से जानती थी कि इस तरह से ब्लाउज निकलने वाला नहीं है इसलिए अभी हल्का सा अपने बदन को ऊपर की तरफ उठा लिया और संजू मौका देख कर ब्लाउज को पुष्टि मोटी गोरी गोरी बाहों से बाहर निकालने लगा,,, और अगले ही पल वह अपनी मां के ब्लाउज को भी निकाल फेंका और उसके बाद तुरंत उसे एक झटके में अपनी बांहों में भरते हुए अपने दोनों हाथ को पीछे की तरफ ले जा करके उसकी ब्रा का हुक खोलने लगा अब वह ब्रा के ऊपर से या ब्रा को ऊपर करके मजा नहीं लेना चाहता था वह पूरी तरह से अपनी मां को मादरजात नंगी करके ही उसके बदन से उसके हुस्न से खेलना चाहता था,,,, और अगले ही पल आराधना मुस्कुराते हुए अपने बेटे का साथ देते हुए अपनी ब्रा को भी अपनी बाहों में से निकलवाने में अपने बेटे की मदद करने लगी और ब्रा भी उसके बदन से जुदा हो गई कमर के ऊपर वह पूरी तरह से नंगी हो गई थी,, गदराए बदन की शोभा उसकी खरबूजे जैसी बड़ी-बड़ी चूचियां बढ़ा रही थी,,,, जोकि एकदम नुकीली निप्पल के साथ सीना ताने खड़ी थी,,,,।
हाय मेरी रंडी यह तेरी चूचियां है या तोप समझ में नहीं आता,,, मैंने आज तक किसी खूबसूरत चूचियां नहीं देखी,,,
तो जी भर कर देख ले तेरे हाथों में आने के लिए कैसे तड़प रही है,,,,
ArDhna nangi hone k baad sharmate huye
हाय मेरी रानी तू चिंता मत कर तेरी चूचियों को दबा दबा कर लाल टमाटर की तरह कर दूंगा बहुत रस भरा है तेरी चूची में,,,,(और इतना कहने के साथ ही संजू दोनों हाथ को अपनी मां की चूची पर रखकर दबाते हुए उसे बिस्तर पर लेटाने लगा,,,,,, और फिर संजू अपनी मां की खरबूजे जैसी चुचियों से फुटबॉल कि तरह खेलने लगा,,,,,, वह अपनी मां की चूची को जोर जोर से दबाना शुरू कर दिया जिससे संजू को तो मजा आ ही रहा था उसकी मां भी पूरी तरह से आनंदित हो उठ रही थी लेकिन संजू इतनी जोर से चूची को दबा रहा था की आराधना के मुंह से आह निकल जा रही थी,,, और वैसे भी संजु का मानना यही था कि औरत के बदन से इस तरह से प्यार करना चाहिए कि उनके मुंह से आह ऊहह आऊचच निकल जाए तभी प्यार करने का असली मजा आता है इसीलिए तो संजू अपनी मां की चूचियों पर बेरहम होता जा रहा था वह उन्हें जोर जोर से दबाता हुआ उसकी खजूर जैसे निप्पल को मुंह में लेकर पीना शुरू कर दिया था उत्तेजना के मारे आराधना की चूची के निप्पल कैडबरी के चॉकलेट की तरह एकदम कड़क हो गई थी जो कि गर्मी मिलने से धीरे-धीरे पिघल कर संजू के मुंह में काम रस बन रही थी,,,,।
Aradhna nangi ho e k baad
सहहह आहररर आहहह संजू ओहहहहह मेरे राजा तुने तो मुझे पागल कर दिया है,,,,आहहहहह कितना बेरहम है रे तू कितनी बेदर्दी से दबा रहा है यह भी नहीं जानता कि दर्द हो रहा होगा,,,,
हाय मेरी रंडी,,,( चुची पर से मुंह को हटाते हुए) मुझे मालूम है कि तुझे दर्द हो रहा होगा लेकिन मजा भी बहुत आ रहा होगा तेरा चेहरा बता रहा है कि तू कितना मजा ले रही है देख कैसा लाल हो गया है,,,, आज अगर तू जोर-जोर से भी चिल्लाएगी तो भी मैं तुझे छोड़ने वाला नहीं हूं आज तेरी जबरदस्त चुदाई करूंगा जहां जहां मेरा लंड घुसेगा वहां वहां डालूंगा,,,,
हाय मेरे राजा तू तो आज सच में पागल हो गया है,,,,
तूने मुझे पागल कर दी है रंडी तेरा खूबसूरत नंगा बदन देखकर तो मुर्दे के लंड में भी जान आ जाए ,,,मैं तो जीता जागता हूं,,,, कसम से देख,,,(अपने खड़े लंड को हाथ में जोर से पकड़ते हुए,,) देख मेरी जान कैसे खड़ा है तेरी चूत में जाने के लिए,,,,,(आराधना अपने बेटे के खड़े लंड को देखकर पूरी तरह से मदहोश हो गई ऐसा लग रहा था कि जैसे उसकी आंखों के सामने उसकी पसंदीदा चीज रख दी गई हो जिसे पाने के लिए वह पूरी तरह से तड़प रही हो इस तरह से वहां अपना हाथ आगे बढ़ा कर अपने बेटे के लंड को जोर से पकड़ कर बोली,,,)
वाह मेरे राजा यह तो पूरा मुसल की तरह तैयार हो गया है,,, आज तो लगता है कि तू मेरी चूत में से डाल कर खूब अच्छे से कुटाई करेगा,,,,
Aradhna apne bete ko khus karte huye
तो क्या मेरी रानी आज तुझे जिंदगी का असली सुख दूंगा,,,(और इतना कहने के साथ ही संजू फिर से अपनी मां की दोनों चुचियों पर जुट गया,,,, संजू पागलों की तरह अपनी मां की चुचियों को मुंह में लेकर पी रहा था इस समय आराधना की चुचियां दशहरी आम से लेकर खरबूजे तक का सफर तय कर रही थी दुनिया के सबसे बेहतरीन जो की गोलाई के आकार में होते हैं सबकी उपमा इस समय आराधना की चूचियां बनी हुई थी,,,, इस दौरान संजू का लंड आराधना की दोनों टांगों के बीच पेटीकोट के ऊपर से ही उसकी चूत के ऊपर दस्तक दे रहा था बार-बार मानो की दरवाजा खोलने के लिए उसे पीट रहा हो,,,,
जितना लंड बेकरार था चूत में घुसने के लिए उससे भी कहीं ज्यादा चूत मचल रही थी उसे अपने अंदर लेने के लिए ऐसा लग रहा था कि बरसों के बाद की बिरह के बाद दोनों का मिलन होने जा रहा है,,,, और दोनों एक दूसरे को देख कर आंसू बहा रहे हो जिसे वैज्ञानिक भाषा में प्रीकम और काम रस कहा जाता है,,,,,,
संजू अपनी मां की चूचियों पर पूरी तरह से टूट चुका था आराधना बिस्तर पर लेटी लेटी मचल रही थी,,,, उसे गेस्ट हाउस में होने का कुछ ज्यादा ही उत्तेजना का अनुभव रहा था,,,,, कुछ देर तक अपनी मां की चूची से जी जान से खेलने के बाद उसे लाल टमाटर की तरह कर देने के बाद संजू धीरे-धीरे नीचे की तरफ आने लगा और आकर अपनी मां की गहरी नाभि के ऊपर स्थिर हो गया इस समय संजू के तन बदन में मदहोशी छाई हुई थी इसलिए आराधना की वह गहरी नाभि चूत की तरह नजर आ रही थी जिसे देख कर संजू के मुंह में पानी आ गया और वह अपनी जीभ निकालकर उस नाभि के अंदर डाल कर उसे गोल गोल घुमाने लगा और ऐसा करने पर आराधना का बदन पूरी तरह से कसमसाने लगा वह अंगड़ाई लेने लगी,,,, वह बिस्तर पर अंगड़ाई लेते हुए मचल रही थी और संजू अपनी ही धुन में अपनी मां की गहरी नाभि से खेल रहा था,,,,।
aradhna or Sanju
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सहहहह आहहहहह,,,संजु मेरे राजा,,,ऊममममम आहहहहह तु मुझे पागल कर दिया है,,,,आहहहहहहह,,,,,
(अपनी कमर को नरम नरम गद्दे पर ही इधर-उधर रखते हुए संजू की हरकत का मजा ले रही थी उसके मुख से निकलने वाली गरमा गरम शिसकारियों के साथ-साथ उसकी गरमा गरम बातें संजू के तन बदन में आग लगा रहे थे संजू अपनी मां की नाभि में जीभ डाले हुए ही अपनी हथेली को पेटीकोट के ऊपर सही अपनी मां की चूत पर रख दिया और उसे कसकर अपनी हथेली में दबोच लिया संजू की इस हरकत से आराधना के मुंह से आह निकल गई,,,,,, एकदम से तड़प उठी और संजू बार-बार अपनी हथेली में अपनी मां की चूत को दबोच रहा था छोड़ रहा था दबोच रहा था छोड़ रहा था ऐसा वह कई बार किया ऐसा करने से आराधना की चूत से पानी निकलना शुरू हो गया है पूरी तरह से मदहोश होने लगी उत्तेजना के परम शिखर पर पहुंच गई,,,, इस समय वह अपने बेटे के हाथों की कठपुतली बनी हुई थी वरना वह खुद अपने बेटे के लंड पर चढ़ जाती है और अपनी चूत की गर्मी शांत कर लेती,,,,,
आराधना अपने बेटे की कामलीला को देखकर पूरी तरह से मदहोश हो जा रही थी और उसे अपने बेटे पर गर्व भी हो रहा था क्योंकि वह ऐसा कोई भी कार्य बाकी नहीं रख रहा था जिससे उसके बदन में उन्माद चढ रहा हो इस समय संजू उसे कामदेव लग रहा था जो कि अपनी कामलीला से उसे पूरी तरह से विवश कर दे रहा था खुद ही उसके सामने अपनी चूत परोसने के लिए,,,,,,, आराधना की सबसे ऊपर नीचे हो रही थी और उसकी नंगी चूचियां भी सांसो की गति के साथ ऊपर नीचे होकर एक अद्भुत दृश्य खड़ा कर रही थी,,,,,, आराधना अपनी उत्तेजना पर बिल्कुल भी काबू नहीं कर पा रही थी लेकिन दूसरी तरफ संजू अपनी उत्तेजना पर पूरी तरह से काबू किए हुए था और अपनी मां को संपूर्ण सुख दे रहा था आराधना यह बात अच्छी तरह से जानती थी कि अगर उसकी जगह कोई और होता तो अब तक उसे चोद चुका होता लेकिन उसकी तरह उसे परम आनंद की अनुभूति ना करा रहा होता,,,,, क्योंकि धीरे-धीरे आराधना भी इस बात को समझ गई थी कि संभोग जल्दबाजी में नहीं बल्कि आराम से किया जाना चाहिए,,,, जल्दबाजी में किया गया संभोग ना तो पुरुष को संभोग सुख की अनुभूति करा पाता है और ना ही स्त्री को,,,,,
Aradhna ki chikni choot se pesaab ki dhaar foot te huye
आराधना तो कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि कोई इस तरह से औरत की नाभि से प्यार करता है उसे चाटता है उसे सुंघता है लेकिन संजू उन सभी मर्दों में सबसे विपरीत था वह जानता था कि औरत को किस तरह से खुश किया जाता है और खुद भी आनंद लिया जाता है औरत का हर एक अंग का कोना कोना मर्दों की उत्तेजना का कारण होता है और वह मर्द ही क्या जो औरत के हर एक अंग से मजा ना ले सके सिर्फ चूत और चूची से ही संभोग का सुख प्राप्त नहीं होता बल्कि औरत के हर एक अंग से संभोग का अद्भुत सुख प्राप्त करना चाहिए और वही संजू ही कर रहा था संजू अपनी मां की गहरी नाभि से खेलते हुए उसकी चूत से छेड़छाड़ कर रहा था जो कि बहुत ही जल्द ही पेटीकोट का ऊपरी भाग भी आराधना की चूत के काम रस से गिला हो गया था,,,, संजू से अपनी मां की तरफ देखी नहीं जा रही थी इसलिए वह नाभि से ध्यान हटाकर अपने दांत से पेटीकोट की डोरी खोलने लगा और अगले ही पर वह अपनी मां की पेटीकोट की डोरी को खोल कर पेटीकोट को ढीला कर दिया आराधना के तन बदन में आग लगी हुई थी उसका दिल जोरों से धड़क रहा था अपने बेटे की हर एक हरकत पर उसकी चूत पानी छोड़ दे रही थी,,,,, आप संजू पूरी तरह से तैयार था अपनी मां के बदन से बचे हुए कपड़े उतारने के लिए इसलिए बहुत पेटीकोट को दोनों तरफ से पकड़कर उसे नीचे की तरफ खींचने लगा तो आराधना अपनी भारी-भरकम गांड को हवा में 1 इंच जितना उठा दें ताकि उसका बेटा उसकी पेटीकोट को आराम से उतार सकें और मौका देखते ही संजू अपनी मां की पेटीकोट को उसकी मोटी मोटी जांघों से नीचे की तरफ खींच कर उसकी लंबी चिकने पैर में से बाहर निकाल कर फेंक दिया अब उसके बदन पर केवल लाल रंग की चड्डी रह गई थी जो की पूरी तरह से चूत वाली जगह पर गीली हो चुकी थी,,,, अपनी मां के नंगे बदन को ललचाए आंखों से देखते हुए संजू बोला,,,
अब देखना मेरी रानी नंगी होने के बाद तू कितनी खूबसूरत लगती है,,,(और इतना कहने के साथ ही संजू अपनी मां की चड्डी को दोनों हाथों से पकड़कर उसे नीचे की तरफ खींचना शुरू किया ही था की आराधना फिर से अपनी गांड को हवा में उठा दी और संजू अपनी मां की चड्डी को भी उतार फेंका बिस्तर में मां बेटे दोनों अब पूरी तरह से निर्वस्त्र हो चुके थे बिना कपड़ों के काम क्रीड़ा करने को तैयार,,,, आराधना का दिल जोरों से धड़क रहा था क्योंकि उसे लग रहा था कि उसका बेटा आप अपने लंड को उसकी चूत में डालकर उसकी चुदाई करेगा लेकिन संजू अभी भी पूरी तरह से अपनी मां के बदन से खेलना चाहता था,,, इसलिए वह अपनी मां की आंखों में देखते हुए उसकी दोनों टांगों के बीच घुटनों के बल बैठ गया,,,,,, आराधना को यही लग रहा था कि उसका बेटा उसकी चूत में लंड डालने के लिए जगह बना रहा है लेकिन अगले ही पल संजू अपनी मां की मोटी मोटी जांघों को दोनों हाथों में दबोच कर उसे अलग किया और अपनी हथेली उसकी कचोरी जैसी फूली चुतपर थपथपाने लगा ऐसा करने से आराधना की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ने लगी वह मचलने लगी और तभी उसकी इस मचल को उसकी तड़प को उसकी जवानी की आग को और ज्यादा बढ़ पाते हुए संजू तुरंत अपनी पैसे होठों को उसकी चूत पर रख दिया,,,,,, और आराधना एकदम से उत्तेजित होते हुए अपनी कमर को ऊपर की तरफ उठा दी और संजू तुरंत उसकी कमर को दोनों हाथों से थाम कर अपनी जीभ को उसकी चूत की गहराई में उतार दिया जो कि पूरी तरह से काम रस से लबालब भरी हुई थी,,,,, आराधना के मुंह से गरमा गरम सिसकारी फुट पड़ी,,,।
Sanju ko khus karti huyi aradhna
सहहहह आहहहहह तो मुझे मार डालेगा क्या,,,,आहहहह तूने मुझे पागल कर दिया है,,,,ऊमममम ओहहहह मेरे राजा आहहहहहहह,,,,,,
आराधना की गरमा गरम सिसकारियों का और उसकी तड़प का संजू पर बिल्कुल भी प्रभाव नहीं पड़ रहा था वह अपनी ही दुनिया में पूरी तरह से मस्त हो चुका था अपनी मां की चूत से निकले काम रस को वह मालपुआ के रस की तरह चाट रहा था,,,,, कुछ देर तक वह अपनी मां की चूत को चाटते रहा लेकिन उसे अभी भी कुछ अधूरा लग रहा था इसलिए वह गहरी सांस लेते हुए अपनी मां की चूत पर से अपना मुंह हटा लिया और फिर,,,,, मुस्कुराते आराधना को देखने लगा तो आराधना जो की पूरी तरह से कामज्वर में तप रही थी वह मदहोश होते हुए लगभग लगभग गिड़गिड़ाते हुए बोली,,,,।
आहहररह संजू मेरे राजा मुझसे रहा नहीं जा रहा है जल्दी अपने लंड मेरी चूत में डालते मुझे मेरी चूत की गर्मी बर्दाश्त नहीं हो रही हैं,,,,
Aradhna ki chudai
ऐसी भी क्या जल्दी है मम्मी अभी तो बहुत कुछ करना बाकी है,,( और इतना कहने के साथ,,, ही संजू अपनी मां के सिर के पास गया और दोनों तरफ अपने घुटने रख कर अपनी मां की दोनों टांगों के बीच झुकना शुरू कर दिया आराधना को समझ में नहीं आ रहा था कि उसका बेटा यह क्या कर रहा है लेकिन जैसे ही संजू का लंड वह अपने चेहरे पर रगड़ता हुआ महसूस कि उसे समझ में आ गया कि उसका बेटा क्या करना चाहता है,,, संजू एक अद्भुत आसन में आ चुका था जहां से वह एक साथ दो काम कर सकता था अपनी मां की चूत चाट भी सकता था और अपनी मां के मुंह में लंड दे भी सकता था,,,, लेकिन उसे अपनी मां के मुंह में लंड देने की जरूरत नहीं पड़ी क्योंकि आराधना खुद ही अपने बेटे के लंड को झट से पकड़ कर,,,, अपने लाल-लाल होठों के बीच ठुंस ली और उसे चाटना शुरू कर दी,,,, संजू भी पूरी तरह से गनगना गया,,,, संजू के बदन में हल्की सी अकड़न आ गई और वह तुरंत अपनी मां की चूत में मुंह डालकर चाटना शुरू कर दिया,,,,
इस आसन में दोनों मां-बेटे अद्भुत आनंद प्राप्त कर रहे थे दोनों एक दूसरे के अंगों से खेल रहे थे संजू था कि हलके हलके अपनी कमर को आगे पीछे करके अपनी मां को चोद रहा था और उसकी चूत का मजा ले रहा था आराधना के तन बदन में आग लग रही थी,,,, जो लंड को अपने मुंह में लेकर चूसने ही थी उसी लंड को वह अपनी चूत में जल्द से जल्द ले लेना चाहती थी लेकिन संजू था कि अभी डालने के मूड में नहीं था आराधना इस बात से हैरान भी थी कि इतनी देर से वह उसके नंगे बदन से खेल रहा था और वह भी उसके लंड को मुंह में लेकर चूसने थी लेकिन उसके लंड से पिचकारी निकलने का नाम ही नहीं ले रही थी,,, लेकिन कुछ देर बाद समय आ गया था आराधना की चूत में लंड डालने का इसलिए संजू अपने लंड को अपनी मां के मुंह में से बाहर खींचा और तुरंत अपनी मां की दोनों टांगों के बीच जगह बना लिया,,,, और उसे कमर से पकड़ कर अपने ऊपर खींच लिया ऐसा करने पर आराधना की आधी गांड उसकी जांघ पर चड़ गई यह देखकर आराधना गहरी सांस लेते हुए बोली,,,।
Aradhna ki jam k chudai karte huye
शुक्र है मादरचोद तुझे मेरी चूत का ख्याल तो आया ,,,,
हाय मेरी भोंसड़ी चोदी तेरी चूत का ख्याल तो मुझे हमेशा रहता है तभी तो मैं तेरी चुत कि ईतनी सेवा करता हूं,,,
थोड़ी कृपा और कर दे डाल दे ऐसी मेरी चूत में आज मेरी चूत का भोसड़ा बना दे अपने मोटे लंड से,,,
तू बिल्कुल भी चिंता मत कर मेरी रंडी आज तेरी चूत का भोसड़ा बना दूंगा,,,,(और इतना कहने के साथ ही संजू अपने लंड को पकड़ कर उसके टोपे को हिला हिला कर अपनी मां की चूत पर पटकने लगा ऐसा करने पर आराधना की काम भावना और ज्यादा प्रज्वलित हो रही थी वह पूरी तरह से तड़प रही थी जल्द से जल्द अपने बेटे के लंड को चूत में रहने के लिए इसलिए वह अपनी कमर को पूरा जोर लगाकर ऊपर की तरफ उछाल रही थी लेकिन इस हालात में उससे अपनी गांड भी उछाली नहीं जा रही थी लेकिन संजू अपनी मां की तड़प को अच्छी तरह से समझ गया था और वह अपनी मां को अब और ज्यादा तड़पाना नहीं चाहता था क्योंकि उसकी चूत से लावा बुरी तरह से बाहर आ रहा था,,,,, आखिरकार आराधना को जिस पल का बेसब्री से इंतजार था वहां पर आ चुका था संजू अपने मोटे लंड के सुपारी को जो कि पूरी आलू बुखारा की शक्ल में आ चुका था उसे उसके गुलाबी चूत की गुलाबी पंखुड़ियों के बीच रखकर अंदर की तरफ ठेलना शुरू कर दिया,,,, आज आराधना को अपने बेटे का लंड को ज्यादा ही मोटा नजर आ रहा था और वह यह देखने के लिए कैसे संजू उसकी चूत में अपना मोटा लंड डालता है वह हाथ की कोहनी का सहारा लेकर अपनी गर्दन को उठा लिया और नजरों को अपनी दोनों टांगों के बीच स्थिर कर ली आज आराधना को भी अपनी चूत बड़ी प्यारी लग रही थी क्योंकि वह क्रीम लगाकर उसे साफ करके एकदम चिकनी कर ली थी,,,
संजू अपने हाथ से पकड़ कर अपने लंड को सहारा देते हुए उसे अपनी मां की चूत के अंदर डालना शुरू कर दिया था और देखते ही देखते चूत की चिकनाहट पाकर संजू का मोटा लंड अंदर की तरफ सरकना शुरु कर दिया,,, जैसे-जैसे संजू का मोटा लंड आराधना की चूत में उतर रहा था वैसे वैसे आराधना का मुंह खुलता चला जा रहा था संजू अपनी सूझबूझ और अपने मर्दाना हथियार से एक साथ दोनों का मुंह खोल रहा था नीचे से चुत का और ऊपर से अपनी मां का,,,, आराधना धड़कते दिल के साथ अपने बेटे के लंड को इंच दर इंच अपनी चूत में घुसता हुआ देख रही थी,,,, जो देखकर आराधना की दिल की धड़कन आधी आधी चल रही क्योंकि इस समय संजू का लंड को ज्यादा ही मोटा लग रहा था और उसे यकीन नहीं हो रहा था कि उसके छोटे से गुलाबी छेद में इतना मोटा लंड बड़े आराम से चला जा रहा है,,,, आराधना अपने बेटे की तरफ देख रही थी और संजू अपनी मां की तरफ नहीं बल्कि अपनी मां की दोनों टांगों की तरफ उसकी चूत की तरफ देख रहा था जिसमें उसका लंड घुसा चला जा रहा था माथे पर पसीने की बूंदें उपस आई थी ऐसी वाला रूम होने के बावजूद भी एसी की ठंडक आराधना की गर्म जवानी पर पानी भर रही थी,,,,,
Aradhna ko ghodi banakar chudai karte huye
आखिरकार एक दमदार धक्के के साथ संजू अपनी मां की गर्म जवानी पर काबू पाते हुए उसकी चूत की गहराई में घुस गया और यह धक्का इतना तेज था कि लंड का सुपाड़ा सीधे जाकर आराधना के बच्चेदानी से जा टकराया और इसी के साथ आराधना के मुंह से चीख निकल गई,,, लेकिन यह चीज गेस्ट हाउस के कमरे में ही सीमित रह गई,,,, संजू का पूरा का पूरा लंड आराधना की चूत के अंदर अपना सर छुपाए बैठा था जिसे आराधना अपनी आंखों से देख कर हैरान हुए जा रहे थे और संजू अपनी मां की कमर पकड़कर मुस्कुराते हुए अपनी मां से बोला,,,।
देख मेरी रंडी कैसा मेरा लंड तेरे भोसड़ी में घुसा हुआ है आज देखना तेरी चूत का कैसे कचुंबर बनाता हूं,,,, आज मेरा लंड तेरे कुंए मैंने उतरकर तेरा पानी पीकर ही बाहर आएगा,,,,
क्यों नहीं मेरे राजा तेरा लंड मेरी चूत के कमरे में मेहमान बनकर आया है ,,,, और मैं पूरी मेहमान नवाजी कर आने के बाद ही तेरे लंड को बाहर निकलने दुंगी,,,,
वाह मेरी रानी तेरे कमरे में मुझे बहुत मजा आ रहा है लेकिन तेरा कमरा गर्म बहुत है,,,,
गरम कमरे में ही तो मजा आता है मेरे राजा तभी तो कमरे की दीवारें पिघलेंगी गर्माहट पाकर,,,,
Aradhna ko ghodi bana k
ओहहह मेरी रानी अब देखने तेरी कैसे चुदाई करता हूं,,,
(और इतना कहने के साथ ही संजू अपनी मां की कमर पकड़ कर उसे चोदना शुरू कर दिया उसका लंड अंदर बाहर होना शुरू हो गया था जो कि कोहली का सहारा लेकर आराधना बड़े साफ तौर पर देख रही थी,,,, संजू की कमर लगातार आगे पीछे हो रही थी और आराधना अपने बेटे के द्वारा चुदाई का मजा लूट रही थी,,,, नरम नरम गद्दे पर चोदने का मजा ही कुछ और होता है और यह अनुभव आराधना और संजू दोनों पहली बार ले रहे थे,,,, जबरदस्त प्रहार करते हुए संजू बोला)
बोल मेरी जान कैसा लग रहा है तुझे,,,
बहुत मजा आ रहा है मेरे राजा बस ऐसे ही अपनी कमर हिलाता,,रे,,,आहहहह आहहहरहह
तू चिंता मत कर मेरी रानी मैं ऐसे ही कमर हिलाता रहूंगा और तेरा पानी निकालता रहूंगा,,,,
संजु अपनी मां की जबरदस्त चुदाई कर रहा था,,,,, संजू इतनी तेज कमर हिला रहा था कि बेड से चूं चुंं की आवाज आ रही थी,,,, संजू का हर एक धक्का आराधना को स्वर्गा का सुख प्राप्त कर आ रहा था हर एक घंटे से उसकी बड़ी-बड़ी चूचियां पानी भरे गुब्बारे की तरह उसकी छातियों पर लौटने लग रही थी जिसे आराधना खुद अपने दोनों हाथों से पकड़ कर आराम से गद्दे पर लेट गई थी,,,,, आराधना को इसी समय का बड़ी बेसब्री से इंतजार था और वह समय आज पूरी तरह से उसकी आगोश में था आराधना गेस्ट हाउस के कमरे में नरम नरम बिस्तर पर अपने बेटे से चुदवा रही थी,,,, संजू पूरी तरह से पागल हो चुका था अपनी मां को चोदने में जो मजा संजू को प्राप्त हो रहा था यह समझ जाना तो अपनी मौसी और ना ही अपनी बहन को चोदने में उसे आया था अपनी मां को चोदते समय वह पूरी तरह से जोश से भर जाता था उसकी ही रसीली चूत उसे बहुत कसी हुई लगती थी जिसमें उसे लंड डालकर ही लाने में बहुत मजा आता था,,,,,
अपनी मां की हीलती हुई चूची देखकर संजू से रहा नहीं गया और वह दोनों हाथों से बढ़ाकर अपनी मां की चूची पकड़कर धक्के पर धक्का लगाना शुरू कर दिया,,,, जब जब संजू का लंड आराधना की चूत की गहराई में घुसता तब तब संजू के लंड के दोनों गोटे उसकी चूत के निचले स्तर पर ठोकर मारने लगते थे,,,, और आराधना अपने बेटे के दोनों गोटो को अपनी गांड पर टकराता हुआ महसूस करके मस्त हो जाती थी,,,, कुछ देर तक संजू इसी अवस्था में अपनी मां को चोदता रहा लेकिन अभी भी उसका पानी निकलने का नाम नहीं ले रहा था तो वह अपने लंड को अपनी मां की चूत से बाहर निकाल कर,,, बोला,,,।
ऊठ अब घोड़ी बन जा,,,,,,,,तुझे अब घोड़ी बनाकर चोदुंगा,,, मेरी रंडी अब मैं तेरी पीछे से लूंगा,,,,,।
(आराधना की आंखों में मदहोशी का नशा छाया हुआ था वह पूरी तरह से चुदवासी हुई थी इसलिए जैसे ही संजू ने उसे घोड़ी बनने के लिए बोला वह तुरंत उठकर अपने घुटने और कोहनी के बल बैठ गई और अपनी गोल-गोल गांड को हवा में उठा दी जिसे देख कर संजू की आंखों में वासना की चमक आ गई और वह पूरी तरह से वासा होकर तुरंत अपनी मां के पीछे जाकर खड़ा हो गया और अपनी मां की बड़ी-बड़ी गांव पर दोनों हाथों से चपत लगाने लगा,,, हर चपत के साथ आराधना के मुंह से आह निकल जा रही थी लेकिन उसे दर्द के साथ आनंद भी मिल रहा था और संजू अपनी मां की गांड को लाल कर रहा था,,,, संजू से बिल्कुल भी सब्र नहीं हो रहा था और वह तुरंत अपनी मां की गांड को दोनों हाथों से पकड़ कर उसके गुलाबी छेद को छुपकर देखने लगा तो उसे बहुत ही जल्द अपनी मां की गुलाबी छेद नजर आने लगी और वह तुरंत अपने लंड के सुपाड़े को अपनी मां की चूत के उस छेद पर लगाकर एक जोरदार धक्का लगाया और चूत का गीलापन पाकर लंड एक बार फिर से चूत के अंदर समान है और इस बार संजू अपनी मां की बड़ी-बड़ी गांड को दोनों हाथों से पकड़कर चोदना शुरू कर दिया संजू को पीछे से चोदने में बहुत मजा आता था क्योंकि उसकी सबसे आकर्षण वाली चीज उसकी आंखों के सामने रहती थी,,, और अपनी मां की गांड पर तो वह पूरी तरह से फीदा था,,,,,
एक बार फिर से कमरे के अंदर गरमा गरम सिसकारी गुंजने लगी,,,,,,, दीवार की घड़ी में 2:15 बज रहे थे और 1:30 बजे का संजू ने गेस्ट हाउस के स्टाफ से बोल कर आया था क्या लंच लेकर आ जाए लेकिन बिना कमरे से फोन किए गेस्ट हाउस के कर्मचारी खाना लेकर कमरे में नहीं जाते थे क्योंकि गेस्ट हाउस में क्या होता है यहां के कर्मचारी अच्छी तरह से जानते थे वह किसी भी तरह से अपने कस्टमर को डिस्टर्ब नहीं करना चाहते थे इसलिए अभी तक लंच नहीं आया था और दीवार में टंगे घड़ी में 2:15 बज रहे थे यह देखकर संजू अपने मन में सोचा कि अच्छा ही हुआ कि कोई आया नहीं वरना उन दोनों को डिस्टर्ब करता,,,,
संजू की कमर लगातार चल रही थी और कुछ ही देर में आराधना की सांसे बड़ी तेजी से चलने लगी,,,
ओहहहह संजू मेरे बेटे मेरे मादरचोद बेटे चोद मुझे और जोर से चोद मेरा निकलने वाला है,,,,आहहहह हरामी और जोर से पेल मुझे ,,,आहहहह आहहहहहह,,,
रुक रंडी इतनी जल्दी मत झड़ना मेरा भी होने वाला है थोड़ा रुक जा,,,,
मुझसे रुका नहीं जा रहा मेरे राजा मुझे कुछ-कुछ हो रहा है,,,
रुक जा मेरी रानी मेरी रंडी थोड़ी देर रुक जा,,,,(संजू अच्छी तरह से जानता था कि झड़ने पर उसकी मां का बस चलने वाला नहीं है इसलिए वह बड़ी तेजी से धक्के लगाने लगा था कि वह भी अपनी मां के साथ ही झड़ जाए और ऐसा ही हुआ वह भी एकदम चर्मसुख के करीब पहुंच गया,,,, दोनों की सबसे बड़ी तेजी से चलने लगी संजू अपनी मां के दोनों कंधों को पकड़कर अपनी कमर जोर जोर से हिला रहा था गांड से जांघ टकरा रही थी जिससे ठाप ठापकी आवाज आ रही थी,,,, संजू ने कसके अपनी मां के कंधों को पकड़कर उसे अपनी तरफ खींचा और अपनी कमर को आगे की तरफ ठेल दिया और अपनी मां के साथ साथ वह भी झड गया,,,,,
गेस्ट हाउस में दोनों मां बेटों की पहली चुदाई थी जो कि बेहद सफलतापूर्वक चरम सुख की प्राप्ति करते हुए दोनों मदहोश हो चुके थे,,,, संजू अपनी मां की नंगी पीठ पर सर रखकर जोर-जोर से हांफ रहा था,,, आराधना बी तकिए पर सर रखकर एकदम से ढेर हो चुकी थी,,,,
थोड़ी देर बाद सब कुछ शांत हुआ तो वह दोनों बिस्तर पर बैठकर गहरी सांस लेने लगे,,,, दोनों दूसरे को देख कर मुस्कुरा रहे थे,,,,, आराधना अपनी चूत की तरफ देखकर अपनी चूत पर हथेली रखकर बोली,,,।
हारामी देख तूने कैसी दुर्दशा कर दिया,,,, एकदम लाल कर दिया चोद चोद कर,,,,
तभी तो मजा आता है मेरी जान,,,,
(इतना कहने के साथ ही संजू नंगा ही बिस्तर पर से उठा और टेबल पर रखे फोन की तरफ आगे बढ़ गया और फोन उठा कर गेस्ट हाउस का ही नंबर डायल करके खाने का आर्डर देने लगा,,,,)
बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट हैदोनों मां बेटे गेस्ट हाउस में आकर बहुत खुश थे,,, आराधना की बहुत इच्छा थी गेस्ट हाउस में आकर चुदाई का आनंद लेने की एक नई अनुभव को प्राप्त करने की और वह इच्छा संजू ने पूरी कर दिया था वाकई में गेस्ट हाउस के कमरे में नादान धर्म गद्दे पर अपने बेटे से चुदवा कर वह पूरी तरह से तृप्त हो गई थी,,, एक अद्भुत अविस्मरणीय सुख संजु ने अपनी मां को दिया था जिसके बारे में उसने आज तक कल्पना भी नहीं की थी,,,,,,।
ArDhna apni panty utarte huye
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चुदाई की अद्भुत त्रप्ति को प्राप्त करके आराधना नंगी बीस्तर पर बैठी हुई थी,,, और संजू खाने का ऑर्डर देकर अभी भी फोन के लग ही खड़ा था,,, और वह भी पूरी तरह से नंगा,,, लंड का गर्म लावा निकल जाने के बावजूद भी,, लंड की अकड़ बराबर बनी हुई थी ऐसा लगता ही नहीं था कि कुछ देर पहले चुदाई करके पानी निकाल चुका है,,,, अपनी चूत में लेकर अपनी जवानी की मस्ती को पिघलाकर बाहर निकल चुकी आराधना की नजर अभी भी अपने बेटे के लंड पर थी अपने बेटे के लंड को देखकर उसे गर्व होता था,,,, एक औरत होने के नाते भाई इस बात को भी भली-भांति जानती थी कि उसके बेटे का लंड जिस किसी भी औरत या लड़की की चूत में जाएगा वह उसकी दीवानी हो जाएगी,,,,,, इसीलिए आराधना अपने बेटे के लंड को देख कर मुस्कुरा रही थी और उसे मुस्कुराता हुआ देखकर संजू बोला,,,,।
क्या हुआ मेरी जान,,,(अपने लंड को हाथ में पकड़ कर हिलाते हुए) मजा नहीं आया क्या,,,?
मजा तो इतना आया कि पूछ मत मैं कभी सोची नहीं थी कि चुदवाने में इतना भी ज्यादा मजा आता है लेकिन तेरे से चुदवा चुदवा कर मुझे ईस बात का पता चल गया कि चुदवाने में बहुत मजा आता है,,,,,
Aradhna ki mast sudol gaand
मुझे भी बहुत मजा आया तेरी चूत अभी भी बहुत कसी हुई है मम्मी,,, पापा का लंड सच में बहुत छोटा था तुम्हारी चूत में जगह नहीं बना पाया लेकिन मेरा लंड सारी कसर उतार दे रहा है,,,, अब तो तेरी चूत में मेरे लंड का सांचा बन गया है,,,, अगर अब तुम पापा से चुदवाओगी तो इतना मजा नहीं आएगा,,,,
नाम मत ले उस हरामि का उसका जिक्र होते ही ना जाने क्या होने लगता है मुझे बहुत गुस्सा आता है,,,,
(अपने पापा का नाम लेते ही जिस तरह से आराधना गुस्सा दिखा रही थी उसके गुस्से को देख कर संजू मन ही मन खुश हो रहा था क्योंकि वह भी यही चाहता था कि उसकी मां उसके पापा से नफरत करें ताकि दोबारा उसके साथ शारीरिक संबंध ना बना पाए क्योंकि अब उस संजू अपनी मम्मी को अपनी प्रेमिका बना लिया था और वह यही चाहता था कि उसकी मां सिर्फ उसका ही लंड ले अपनी मां का गुस्सा देखकर तो खुश हो रहा था लेकिन फिर भी तसल्ली कर लेने के लिए वह बोला,,,)
लेकिन मम्मी कहीं आप वापस आ गए तब क्या करोगे अगर पापा तुम्हें चोदना चाहेंगे तब ।
उस हरामि को अब मैं हाथ भी लगाने नहीं दूंगी अभी तक मैं दुनिया समाज का शर्म रखती थी इसलिए मैं कुछ कह नहीं पाती थी और उससे डरती भी थी लेकिन अब मेरा डर एकदम खत्म हो गया है वह हरामी दूसरी औरतों के साथ गुलछर्रे उड़ा कर उन पर पैसे लूट आता है और हम लोगों की परवाह किए बिना छोड़कर चला गया था यह देखने के लिए कि यह लोग कैसे जीते खाते हैं लेकिन अब मैं भी उसे दिखा दूंगी कि तेरी जरूरत मुझे बिल्कुल भी नहीं है मेरा बेटा मेरे साथ है,,,,।
(इतना सुनते ही संजू एकदम से गदगद हो गया और तुरंत उस जगह से चलकर अपनी मां के पास आया और उसके खूबसूरत चेहरे को अपने दोनों हथेली में लेकर उसके लाल-लाल होठों पर अपने होठ रख कर चुंबन करने लगा अपने बेटे के दुलार से वह पूरी तरह से मस्त हो गई उसके बदन में उत्तेजना की लहर उठने लगी और अपने आप ही उसका हाथ संजू के लंड पर चला गया जिसे अपनी हथेली में लेकर मुट्ठीयाने लगी और मुठीयाते हुए होली,,,,)
Aradhna ki mast gaand ka jalwa
मैं तुझसे प्यार करने लगी हूं और वह भी एक प्रेमिका की तरह मां की तरह नहीं,,,,
मैं भी तुझसे प्यार करने लगा हूं एक मर्द की देना तेरी खूबसूरती मुझे बहुत अच्छी लगती है,,,,,(आराधना की नरम नरम हथेली में अपने मोटे लंड को महसूस करके संजु के मुंह से हल्की-हल्की आह निकल रही थी यह देखकर आराधना मुस्कुराते हुए बोली,,,)
क्या हो रहा है,,,?
तुम्हारे लंड को फिर से तैयार कर रही है यह फिर से तेरी चूत में जाकर धमाल मचा देगा,,,
तो क्या हुआ यही करने के लिए तो यहां आए हैं,,,,
ओहहह मेरी रंडी तेरी यही बातें तो मुझे उत्तेजित कर देती है देखना इस बार तेरी चूत में गया तो निकलने का नाम नहीं लेगा,,,,,,,
मैं भी यही चाहती हूं,,,,,
तो फिर देर किस बात की है,,,,
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अभी अभी तो किया है फिर से कर लेगा,,,,
मेरी मर्दानगी पर शक हो रहा है क्या देख नहीं रही हो तुम्हारे हाथ में कैसा फल फूल रहा है देख कर भी नहीं समझ पा रही हो कि यह फिर से तुम्हारी चूत में जाने के लिए तड़प रहा है,,,,
तो फिर हो जाए,,,,
हो जाए मेरी रानी लेकिन इस बार तो मेरे ऊपर तुम ही सब कुछ करोगी,,,,(अपने बेटे की बात सुनकर आराधना मुस्कुरा रही थी तो उसे मुस्कुराता हुआ देखकर संजू बोला) कर तो लोगी ना मेरे ऊपर चढ़कर,,,,
Apne bete k lund par koodti huyi
बहुत अच्छे से,,,,(आराधना मुस्कुराते हुए जवाब दी उसकी हथेली में संजू का लंड पूरी तरह से अपनी औकात में आ चुका था आराधना इस बात से हैरान भी थी कि अभी कुछ मिनट पहले ही पानी निकाला है और फिर से तैयार हो गया है,,,,, संजू को कुछ याद आया और वह बोला)
मम्मी तुम इस गेस्ट हाउस में एक रंडी बन कर आई हो धंदेवाली इसलिए बिल्कुल भी शर्माना मत,,,
क्यों क्या हुआ,,,,?( आराधना थोड़ा सा आश्चर्य जताते हुए बोली,,)
रुको मैं जैसा कहता हूं वैसा ही करते रहना बहुत मजा आएगा इतना मजा कि तुम कभी सोची नहीं होगी,,,,
Apne bete k lund se mast hoti huyi aradhna
करने क्या जा रहा है तू,,,
अरे रुको तो सही मैं बताता हूं,,,(इतना कहने के साथ ही संजु दरवाजे की तरफ गया और दरवाजे के हैंडल को पकड़कर उसे खोल दिया और बस उसी तरह से बंद कर दिया ताकि आराम से खुल जाए और संजू को दरवाजा खोलता देखकर आराधना बोली,,,)
अरे दरवाजा क्यों खोल रहा है,,,,
मजा लेने के लिए किसी को तड़पाने के लिए,,,
किसी को तड़पाने के लिए मैं कुछ समझी नहीं,,,
अरे मम्मी कुछ ही देर में वेटर खाना लेकर आ जाएगा और फिर दरवाजे पर दस्तक देगा और जब उसे यह कहेंगे कि दरवाजा खुला है लेकर आ जाओ,,,
तो,,,(आश्चर्य के साथ आराधना बोली)
तो क्या उस समय मैं नीचे रहूंगा और तुम मेरे ऊपर मेरा मोटा लैंड तुम्हारी चूत में और तुम अपनी बड़ी बड़ी गांड को मेरे लंड पर पटकती रहोगी और वह वेटर यह नजारा अपनी आंखों से देख लेगा फिर जरा तुम सोचो कि उसके दिल पर क्या गुजरेगी उसकी हालत क्या होगी वह तो पूरी तरह से पागल हो जाएगा जब एक खूबसूरत मदमस्त जवानी से भरी हुई औरत को एक मोटे तगड़े लंड पर कूदते हुए देखेगा उसके नंगे बदन को देखेगा उसकी बड़ी-बड़ी कहानी देखेगा उसका पानी तो वहीं खड़े खड़े छूट जाएगा,,,)
नहीं नहीं संजू यह तू क्या कह रहा है,,, मुझसे नहीं हो पाएगा किसी गैर मर्द के सामने नंगी,,, नहीं नहीं संजू मुझसे यह नहीं हो पाएगा बिल्कुल भी नहीं हो पाएगा,,, और मैं उसके सामने नंगी कभी नहीं,,,
Guest k bistar par chudai karta sanju
क्या मम्मी तुम भी मजा किरकिरा कर रही हो तुम यहां पर एक हाउसवाइफ एक संस्कारी औरत के तौर पर नहीं बल्कि एक धंधे वाली रंडी के तौर पर आई हो,,,, यहां गेस्ट हाउस का सआरा स्टाफ यह जानता ही है कि तुम यहां पर चुदवाने आई हो तुम चुदवाने वाली औरत हो,,, इसलिए यहां पर शर्माने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि यहां पर अगर तुम सिर्फ आराम करने के लिए भी आओगी तो सब यही सोचेंगे कि तुम अपनी चूत में लंड लेने के लिए और वह भी पैसे लेकर,,,, इसलिए तुम बिल्कुल भी डरो मत घबराओ मत सिर्फ मजा लो जैसा मैं कहता हूं वैसा ही करो देखना इतना मजा आएगा कि तुम एकदम मस्त हो जाओगी और उस वेटर को पूरी तरह से पानी-पानी कर दोगी,,,,
संजू,,,,,(मुंह बनाते हुए आराधना बोली)
Aradhna apne bete se chudwati huyi
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डरो मत मैं हूं ना बिल्कुल भी चिंता मत करो,,,,,(इतना कहने के साथ ही संजु अपनी मां की दोनों बाहों को पकड़कर उसे खड़ी किया और उसे अपनी बाहों में लेकर उसके लाल-लाल होठों को चूमने लगा ताकि उसके बदन में उत्तेजना की लहर उठने लगे और ऐसा ही हुआ संजू का खड़ा लंड सीधे जाकर उसकी चूत की गुलाबी पत्तियों के बीच रगड़ खाने लगा,,, जिसकी वजह से आराधना के बदन में फिर से उत्तेजना की लहर उठने लगी और वह अपने बेटे का साथ देने लगी,,,, संजू अच्छी तरह से जानता था कि किसी भी वक्त वेटर खाना लेकर आ जाएगा इसलिए बिल्कुल भी देर करना नहीं चाहता था और वह तुरंत दरवाजे के सामने पेड़ के ऊपर अपने दोनों पैरों को नीचे जमीन पर लटका कर लेट गया उसका लंड छत के ऊपर मुंह उठाए खड़ा था यह देखकर आराधना के भी बदन में उत्तेजना की लहर मिलेगी उसे शर्मा महसूस हो रही थी लेकिन वह भी अपने बेटे की बात मानकर वेटर के ऊपर बिजलियां गिराना चाहती थी वह देखना चाहती थी कि उसे नंगी चुदवाती हुए देख कर उस वॅटर पर क्या गुजरती है उसके नंगे बदन को देखकर वह क्या सोचता है उसकी चूत में अंदर बाहर होता हुआ मोटा तगड़ा लंड देखकर व क्या सोचता है कैसी प्रतिक्रिया दिखाता है आप यह देखने के लिए आराधना भी उत्साहित हुए जा रही थी इसलिए वह भी अपने बेटे की बात मानते हुए अपनी गांड को ठीक दरवाजे की तरफ करके अपने बेटे के ऊपर चढ गई और एक हाथ से उसके खड़े लंड को पकड़ कर अपनी चूत की गुलाबी फांकों के बीच रखकर,,,,,, अपनी भारी-भरकम गोल-गोल गांड को,,, दबाव बनाकर अपने बेटे के लंड पर रखने लगी और धीरे-धीरे चूत की चिकनाहट पाकर संजू का मोटा तगड़ा लंबा लंड खूंटा बनकर आराधना की चूत के अंदर घुसना शुरू कर दिया और देखते ही देखते आराधना अपने बेटे के ऊपर पूरी तरह से अपनी गांड रखकर बैठ गई और उसके लंड को अपनी चूत की गहराई गप्प कर गई,,,,,।
Apne bete k lund par uchalti huyi arFhna
आहहहहह सहहहहहह आराधना मेरी जान मेरी आराधना रंडी कितना मजा आ रहा है तू मेरे ऊपर चढ़ी है,,,आहहहहह बस अब अगली बार ऊपर नीचे कर देख फिर कितना मजा आता है,,,,,।(आराधना आज पहली बार अपने बेटे के मुंह से अपना नाम सुन रही थी और उसके मुंह से अपना नाम सुनकर वह और भी ज्यादा उत्तेजित हुए जा रही थी,,,, धीरे-धीरे आराधना को मजा आने लगा अपने बेटे के खूंटे जैसे लंड पर कूदने में उसे बेहद आनंद की प्राप्ति हो रही थी और इस तरह से वह अपने बेटी पर पूरी तरह से काबू करके पूरी कमान अपने हाथों में ले ली थी वह उसके कंधे पर हाथ रखकर उसे कस के पकड़े हुए अपनी गांड को बड़े जोर-जोर से उसके लंड पर पटक रही थी,,, ऐसा करने से आराधना की बड़ी-बड़ी गोरी गोरी गांड में एक अजीब सी फिर कल हो रही थी ऐसा लग रहा था मानो जिसे शांत नदी के पानी में कोई कंकर फेंक दिया हो और उसकी मगर साफ दिखाई दे रही है ठीक उसी तरह से आराधना की गांड में लहर उठा रही थी जिसे संजू अपना दोनों हाथ आगे बढ़ाकर दोनों हाथों में थामा हुआ था,,,,,
आराधना नीचे सर झुका कर अपनी काम क्रीड़ा की प्रतिक्रिया देख रही थी जो कि उसे बेहद लुभावनी और उत्तेजित कर देने वाली लग रही थी,,, बड़े आराम से वह अपने बेटे के लंड पर उठ बैठ रही थी,,,, संजू की की उत्तेजना का ठिकाना ना था वह अपनी मां की पपाया जैसी चूची को दोनों हाथ में पकड़ कर दबाता हुआ नीचे से भी धक्के लगा रहा था जिससे आराधना का मजा दुगना होता जा रहा था आराधना यह बात भूल चुकी थी की वेटर खाना लेकर आने वाला है वह पूरी तरह से अपनी मस्ती में मस्त हो चुकी थी गेस्ट हाउस के कमरे में आकर यह दूसरी बार वह चुदवा रही थी और दोनों बार में उसे अद्भुत सुख प्राप्त हो रहा था,,,, उसके मुख से लगातार गरमा गरम सिसकारी फूट रही थी,,,,।
bathroom me
सहहहह आहहहहह मेरे राजा बहुत मजा आ रहा है,,,आहहह आहहहहह आहहहरहह,ऊईईई मा,,,,,ओहहहहह
(आराधना पूरी तरह से मस्ती में चूर हो चुकी थी उसके मुंह से लगातार गरमा गरम सिसकारियां फूट रही थी और तभी अचानक दरवाजे पर दस्तक होने लगी,,,,)
सर लंच,,,,(वेटर बोला और उसकी आवाज सुनते ही आराधना के होश उड़ गए संजू की तरफ घबराहट से देखने लगी लेकिन संजू एकदम निश्चिंत बना हुआ था और वह बोला,,,)
Bathroom k andar
हां दरवाजा खुला है अंदर आकर टेबल पर रख दो,,,
(यह सुनते ही आराधना के होश उड़ गए क्योंकि वह अपनी बेटे को लंड पर बैठी हुई थी और उसका लंड पूरी तरह से उसकी चूत की गहराई नाप रहा था उसका नंगा बदन उसकी नंगी गांड सब कुछ दरवाजे के ठीक सामने ही थी वह जानती थी कि वेटर जैसे ही अंदर आएगा उसकी नजर उसके नंगे बदन पर ही पड़ेगी और उसकी चूत में घुसा हुआ उसके बेटे का लंड उसे दिखाई देगा समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या सोचेगा इस दृश्य को देखकर,,,,, जहां एक तरफ उसे घबराहट और चिंता हो रही थी वहीं दूसरी तरफ उसकी उत्सुकता भी बढ़ती जा रही थी किसी गैर मर्द को अपना नंगा बदन दिखाने में और अपनी चूत में लंड डाले हुए उसके लंड पर जोर जोर से कुदते हुए,,,, आराधना के बदन में कसमसाहट बढ़ रही थी जहां पर संजू ने उस वेटर को बेझिझक अंदर आने का न्योता दे दिया था वहीं दूसरी तरफ अपनी मां को लगातार अपने लंड पर कुदने के लिए बोल भी दिया था,,, और लगातार उसके मुख से सिसकारी भी निकलने के लिए बोला था वह देखना चाहता था कि इस तरह की गर्माहट भरी आवाज सुनकर उस वेटर की क्या हालत होती है,,,,,, संजू की आज्ञा पाकर उस वेटर ने एक हाथ में लंच लिए हुए दूसरे हाथ से दरवाजा को खोल ही दिया,,,,, और जैसे ही दरवाजा खोला उसने अपनी आंखों के सामने का मंजर देखकर एकदम से जड़वंत हो गया,,,, उसकी आंखें फटी की फटी रह गई और मुंह खुला का खुला रह गया शायद जिंदगी में उसने इस तरह का दृश्य कभी देखा नहीं था,,,, गेस्ट हाउस में काम करने पर भी इस तरह का नजारा उसकी आंखों के सामने कभी आया नहीं था जिस तरह का नजारा आज उसने अपनी आंखों से देख रहा था उसे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें उसकी आंखों के सामने एक बेहद खूबसूरत औरत एकदम नंगी होकर एक मोटे तगड़े लंड पर खोज रही थी और वह लैंड अपना चेहरा और लंबा था कि जिसे देखकर वेटर की आह निकल गई थी,,, और उसकी आंखों के सामने आराधना की चूत में वह मोटा लंबा लंड अंदर बाहर हो रहा था और लगातार उसके मुख से गरमा गरम सिसकारी की आवाज आ रही थी,,,, वेटर को तो कुछ समझ में नहीं आया कि वह क्या करें वह उसी तरह से खड़ा का खड़ा रह गया,,,।
Bathroom me ghuste hi
दूसरी तरफ संजू अपनी मां की गांड पर दोनों हाथ रख कर उसे जोर-जोर से दबाते हुए नीचे से धक्के लगा रहा था और आराधना भी अब बेझिझक उसे बेहतर के सामने ही अपनी गांड पटक रही थी हालांकि अभी तक आराधना ने उस वेटर से अपनी नजर नहीं मिलाई थी,,,,, आराधना एक अद्भुत एहसास और अनुभव से भर गई थी वह जानती थी कि उसके पीछे खड़ा होकर अनजान मर्द उसे नंगी देख रहा है और एक अनजान मर्द के सामने वह पहली बार नंगी हुई थी और वह भी चुदवाते हुए,,,,, कमरे की ऐसी भी उस वेटर की गर्मी को ठंडी नहीं कर पाई वह पूरी तरह से बेहाल हो गया था उसके माथे से पसीना टपकने लगा था संजीव जानबूझकर कुछ देर तक उस वेटर को यह दृश्यदिखा रहा था,,,,, आखिरकार हकलाहट भरे स्वर में वह वेटर बोला,,,।
ससससस,,सर आपका ऑर्डर,,,,,
थैंक्यू उस टेबल पर रख दो,,,,(और इतना कहने के साथ ही संजू जोर-जोर से अपनी कमर नीचे से ऊपर की तरफ जाने लगा उसे वेटर को जांघ से जांघ टकराने की आवाज एकदम साफ सुनाई दे रही थी और लगातार आराधना के मुंह से गरमा गरम सिसकारी फूट रही थी,,,।)
Bathroom me aradhna
special font copy paste
सहहहह सहहहरह आहहहहह मेरे राजा बहुत मजा आ रहा है,,,आहहहहहह आहहहहहह
और जोर से उछल मेरी रंडी मेरे लंड को अपनी चूत में ले ले मादरचोद,,,,।
(इस तरह की गंदी बातें और गर्म सिसकारियो की आवाज को सुनकर उस वेटर की हालत खराब होती जा रही थी उसे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा था,,,, वह खाना को टेबल पर रखते रखते आराधना की तरफ भी देख रहा था शायद उसने जिंदगी में इतनी खूबसूरत और गोरी औरत नहीं देखा था और वह भी एकदम नंगी और वह भी चुदवाते हुए आराधना की नंगी जवानी का उस वॅटर पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा था,,, संजू ने साफ तौर पर उसके पेंट के आगे वाला भाग देखा था जो कि पूरी तरह से खड़ा हो चुका था,,,,, संजू जानबूझकर उस वेटर की आंखों के सामने ही अपनी मां की बड़ी बड़ी चूची पकड़कर जोर-जोर से दबाते हुए चोद रहा था,,,, वह बेटर भी एकदम हैरान था कि उसकी आंखों के सामने ही बेझिझक एक औरत चुदवा रही थी और एक लड़का उसे चोद रहा था,,,,।
आराधना पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थी गेस्ट हाउस में आने की ख्वाहिश उसके बेटे ने पूरी कर दिया था लेकिन एक नया ही नाटक इसमें शुरू हो गया था अनजान मर्द को चुदवाते हुए दिखाने का जिसके लिए आराधना तैयार नहीं थे लेकिन अब उसे बहुत मजा आ रहा था एक अद्भुत और अजीब किस्म की खुशी उसके तन बदन में मदहोशी भर रही थी,,,, आराधना के चेहरे पर मस्ती के साथ-साथ उत्तेजना छाई हुई थी उसके इलाज लाल होठ खुले हुए थे और गरी गरी सांसद रही थी आंखों में मदहोशी और खुमारी दोनों छाई हुई थी और मदहोशी से भरी आंखों से वह उस वेटर की तरफ देखी तो वेटर की हालत एकदम से खराब हो गई,,, आराधना बिना शर्माए उस बेटर की आंखों के सामने ही अपनी बड़ी बड़ी गांड को अपने बेटे के लंड पर पटक रही थी,,,,
लेकिन अब समय आ गया था उस वेटर को वहां से दफा करने का इसलिए संजू बोला,,,,
अब तुम जा सकते हो और दरवाजे बंद कर देना,,,
जी सर,,,(वह वेटर दोनों हाथ अपने पेंट के आगे वाले भाग पर रखकर बोला उसका जाने का मन बिल्कुल भी नहीं कर रहा था अपनी आंखों के सामने अद्भुत कामलीला को देख रहा था लेकिन फिर भी उसे जाना था क्योंकि चाह कर भी वह खड़ा रह नहीं सकता था,,,, अपने मन की इच्छाओ का गला घोट कर वह वेटर कमरे से बाहर चला गया और जाते जाते एक नजर फिर से आराधना की मदमस्त गांड पर डालकर दरवाजे को बंद कर दिया और जैसे ही वह गया आराधना एकदम से अपनी रुकी हुई सांस को वापस लेते हुए बोली,,,।
Bathroom me maa bete
बाप रे संजू तू तो मुझे मार ही डालेगा,,,
कैसा लगा मेरी रानी एक अनजान मर्द के सामने लंदन लेते हुए,,,,
सच में मुझे बहुत घबराहट भी हो रही थी लेकिन मजा भी बहुत आ रहा था साले की हालत खराब हो गई थी,,,
उसकी पेंट के आगे वाला भाग देखी पूरा खड़ा का खड़ा था,,, अब देखना बाथरूम में जाकर ही लाने के बाद ही शांत होगा,,,, बस मेरी रानी अब मुझसे भी रहा नहीं जा रहा है बहुत देर से अपने आप को काबू में किए हुए हुं,,(और इतना कहने के साथ ही संजू पलंग पर लेटे हुए हैं अपनी मां को अपनी बाहों में भर लिया और तुरंत पलटी मार लिया हालांकि इस दौरान भी उसका लंड उसकी मां की चूत में घुसा हुआ था अब आराधना नीचे थी और संजू पर था इस तरह से संजू पूरी तरह से इस खेल की बागडोर अपने हाथ में लेकर मनमानी कर सकता था और यही करने लगा वह जोर जोर से धक्के लगाना शुरू कर दिया आराधना की सांसे अटक अटक जा रही थी संजू के धक्के उसका प्रहार इतनी तेज था कि आराधना पीछे की तरफ खसक जा रही थी एक बार फिर से दोनों झड़ गए,,,,
कुछ देर शांत रहने के बाद दोनों लंच करने लगे,,, दीवार पर टंगी घड़ी में 4:30 का समय हो चुका था उन दोनों के पास केवल आधा घंटा ही बचा था दोनों खाना खा चुके थे लेकिन इस आधे घंटे का उपयोग वह लोग अच्छे तरीके से करना चाहते थे आराधना को लगता नहीं था कि इस बार संजू उसकी चूत में लंड डाल पाएगा,,,, इसलिए वह बोली,,,
संजू आप हमें नहा लेना चाहिए वैसे भी कमरे का बाथरूम बहुत फर्स्ट क्लास है,,,, सावर लगा हुआ है नहाने में मजा आ जाएगा,,,,
तो चलो फिर देर किस बात की है आधे घंटे का अच्छे से समय बिताएंगे,,,।
(और इतना कहने के साथ ही संजू अपनी मां का हाथ पकड़ कर बाथरूम में लेकर चला गया दोनों अभी भी पूरी तरह से नंगे थे बाथरूम के अंदर पहुंचते ही आराधना बैठकर पेशाब करने लगे और संजू भी अपनी मां के बगल में ही खड़ा होकर पेशाब करने लगा एक दूसरे को पेशाब करते हुए देखकर दोनों के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ रही थी लेकिन आराधना को यकीन नहीं हो रहा था कि उसके बेटे का लंड फिर से खड़ा हो जाएगा इसलिए वह,,,, पेशाब करने के बाद खड़ी हुई और सावर चालू कर दी दोनों मां-बेटे शावर के नीचे नहाना शुरू कर दिया ठंडा ठंडा पानी बदन पर गिरने लगा लेकिन संजू के तन बदन में अपनी मां की मदहोश कर देने वाली जवानी की आग फिर से से लगने लगी बार-बार आराधना की गांड संजू के लंड से टकरा जा रही थी जिसके चलते संजू के लंड में फिर से जान आने लगी और देखते ही देखते संजय का लंड फिर से अपनी औकात में आ गया और इस बार संजू अपनी मां को अपनी बाहों में लेकर उसकी एक टांग ऊपर उठाया और अपनी कमर पर लपेट कर उसकी गीली चूत में डालकर चोदना शुरू कर दिया,,, संजू अपनी मां को हर तरीके से चोद रहा था पूरे बाथरूम में घुमा घुमा कर चुदाई कर रहा था कभी टॉयलेट पोट के ऊपर बैठकर उसे अपने लंड पर बैठा लेता तो कभी टॉयलेट पोट पर उसके पैर रखकर उसे झुकाकर पीछे से चोदने लगता हर तरीके से आराधना को मस्त कर रहा था आराधना भी अपने बेटे की ताकत मस्त हो चुकी थी उसे यकीन नहीं हो रहा था कि उसका बेटा फिर से उसकी चुदाई कर सकता है लेकिन जबरदस्ती चुदाई कर रहा था देखते ही देखते दोनों एक बार फिर से चरम सुख को प्राप्त कर लिए हो फिर 5:00 बजने से पहले ही अपने कपड़े पहन कर वह लोग कमरे से बाहर निकल गए,,,।
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गेस्ट हाउस का पूरा स्टाफ दोनों को ही देख रहा था क्योंकि लंच लेकर आने वाला वेटर अपने साथियों को आराधना के बारे में सब कुछ बता दिया था और उसकी बात सुनकर सब का लैंड खड़ा हो गया था लेकिन सबके बीच में से आराधना का हाथ थामे हुए संजू उसे गेस्ट हाउस से बाहर लेकर आया और स्कूटी पर बैठा कर अपने घर की ओर निकल गया,,,,, आज आराधना का जन्मदिन था और आराधना के शुभ अवसर पर संजीव ने अपनी मां के इस जन्मदिन को पूरी तरह से यादगार बना दिया था जैसा कि एक औरत के जीवन में सुहागरात का महत्व होता है वैसे ही आराधना के जीवन में उसके इस जन्मदिन का बहुत ज्यादा महत्व था वह इस जन्मदिन को कभी भूलने वाली नहीं थी,,,,
रास्ते में बाजार में संजू घर के लिए खाना पैक करवाया और एक बड़ा सा केक भी पैक करवा लिया क्योंकि घर पर केक भी काटना था,,,, कुछ ही देर में दोनों घर पर पहुंच गए लेकिन घर पर पहुंचते-पहुंचते 8:00 बज चुके थे मोहिनी इंतजार कर कर के थक चुकी थी उसे समझ नहीं आ रहा कि दोनों कहां गए लेकिन स्कूटी की आवाज घर के बाहर आते ही वह दौड़ कर दरवाजे पर गई और दरवाजा खोलकर देखने लगी तो संजू और अपनी मां को देखकर बहुत खुश हो गई,,,, आराधना घर में प्रवेश करते हुए एकदम थकी हुई लग रही थी तो वह सीधा बाथरूम में चली गई फ्रेश होने के लिए और मोहिनी उसे धीरे से बोली,,,।
क्या भाई कुछ हुआ क्या बताना,,,
मैं तुझे बोला था ना बताऊंगा नहीं लेकिन तुझे दिखाऊंगा रात को 12:00 बजे जागती रहना मैं आज तुझे जबरदस्त नजारा दिखाने वाला हूं जिसे देख कर तेरे होश उड़ जाएंगे,,,।
बहुत ही कामुक गरमागरम अपडेट है संजू मोहिनी को चुदाई करके उसे अच्छे से केक खिला कर उसे अपनी मां की चुदाई दिखाने के लिए दरवाजे के पास ले आता है देखते हैं अब मोहिनी क्या करती है क्या दोनो मां बेटी एक साथ इस खेल में शामिल होती है या नहीआज का दिन आराधना कभी भुलने वाली नहीं थी,,, वो कभी सपने मैं भी नहीं सोची थी कि वह अपना जन्मदिन इस तरह से मनाएगी,,,, अद्भुत सुख प्राप्त हुआ था उसे एक रंडी बनकर गेस्ट हाउस में जाकर चुदवाने में जो मजा था वह शायद घर पर भी नहीं मिला था लेकिन वह अपने बेटे के साथ संपूर्ण सुख की अनुभूति करती थी एक असली मर्द के साथ एक खूबसूरत औरत ही शोभा देती है या यूं कह लो कि एक खूबसूरत जवानी से भरी हुई औरत की बेलगाम जवानी पर एक असली मर्द ही काबू पा सकता है और वह था सिर्फ संजू जिसने गेस्ट हाउस में अपनी मां की तीन-तीन बार चुदाई करके उसे संपूर्ण सुख की अनुभूति कराया था,,,, आराधना को ऐसा ही लगा था कि उसका बेटा गेस्ट हाउस में एक ही बार करके वापस आ जाएगा लेकिन वह हैरान थी क्योंकि उसके बेटे ने 1:00 से 5:00 बजे तक गेस्ट हाउस का कमरा बुक करके रखा था 4 घंटे में उसने जो सुख उसे दिया वह कभी जिंदगी में भूलने वाली नहीं थी और सबसे ज्यादा उत्तेजना आत्मक पल उसे वह लगा था जब उसके बेटे ने अपने लंड पर उसे चढ़ा कर उसकी बड़ी बड़ी गांड पर दोनों हाथ रख कर उसे कुदने के लिए बोला था और वेटर को उसी समय कमरे में आने की इजाजत भी दे दिया था,,,,,
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उस समय आराधना शर्म से पानी-पानी हुई जा रही थी लेकिन अपने बदन में अद्भुत उत्तेजना का संचार भी महसूस कर रही थी एक अनजान मर्द के सामने एक जवान लड़के से चुदवाने में जो मजा और आनंद उसे प्राप्त हुआ था वह कभी सपने में भी सोच नहीं सकती थी उससे वेटर की निगाहों को अच्छी तरह से देख रही थी जो कि बार-बार उस के नंगे बदन पर घूम रही थी,,,,,,, संजू और उसके पति को छोड़कर आज तक किसी ने उसके नंगे बदन को अपनी आंखों से देख नहीं पाया था लेकिन संजू की जीद के आगे वह मजबूर हो चुकी थी अपने नंगे बदन को एक अनजान मर्द को दिखाने के लिए और वह भी ऐसे हालात में जब उसकी चूत में पूरा लंड घुसा हुआ था आराधना को भी निश्चित तौर पर मालूम था कि वह वेटर उसकी नंगी जवानी देखने के बाद जरूर बाथरूम में जाकर अपने हाथ से अपनी गर्मी शांत किया होगा,,,,।
आराधना फ्रेश होकर बाथरूम से बाहर आ गई थी अंधेरा हो चुका था खाना बनाने की चिंता बिल्कुल भी नहीं थी क्योंकि होटल से खाने के लिए लेकर आए थे थोड़ी ही देर में मोहिनी ने एक टेबल पर अच्छे से केक रखकर सजा दी,,,, और करीब करीब 9:00 बजे आराधना अच्छे से सज धज के मोमबत्ती को अपनी फुक से बुझाकर केक काटी और सबसे पहले केक के टुकड़े को अपनी बेटी मोहिनी के मुंह में डाल दी मोहिनी भी दांतों से हल्का सा केक काटकर खाने लगी और फिर आराधना उसके एक के टुकड़े को संजू को खिलाने लगी तो संजू अपनी मां के हाथ से उसके एक के टुकड़े को लेकर अपनी मां को खिलाने लगा और उसकी मां मुस्कुराते हुए केक को खाने लगी,,,, तीनों बहुत खुश नजर आ रहे थे लेकिन मोहिनी की उत्सुकता बढ़ती जा रही थी,,, वह इस बात को सोच कर हैरान हो जा रही थी कि आखिरकार उसका भाई रात के 12:00 बजे के बाद क्या दिखाने वाला है,,,,
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थोड़ी ही देर में होटल से लाया हुआ खाना तीनों खाने लगे खाना खाते खाते 10:30 बज गया था मोहिनी इस बीच वह दोनों कहां घूमने गए थे इस बारे में पूछती रही और संजू बात को घुमाते हुए उसका ध्यान भटका रहा था लेकिन जब जब मोहिनी दिन भर वह दोनों क्या किए ऐसा पूछती थी तब तब आराधना के चेहरे पर शर्म की लालिमा छा जाती थी उसका चेहरा सुर्ख लाल हो जाता था और वह अपनी नजरों को शर्मा कर नीचे झुका देती थी आखिरकार वह अपनी बेटी की बातों का जवाब किस तरह से देती क्योंकि दिन भर वह अपने बेटे के साथ गेस्ट हाउस के कमरे में थी जहां पर सिर्फ एक रंडी जाती है एक धंधे वाली औरत जाती है,,,,,, लेकिन फिर भी संजू की बातों से बात आई गई हो गई थी अगर इस बात का आराधना को जरा सा भी आभास होता कि उसकी बेटी खुद यह चाहती है कि उसकी मां अपने ही बेटे से चुदवाया तो वह आज के सारे कार्यक्रम को अपने मुंह से अपनी बेटी को सुना देते कि कैसे उसके बेटे ने गेस्ट हाउस के कमरे में उसकी प्यास बुझा या,,,,,
खाना खाने के बाद इधर उधर की बातें करते हुए 11:00 बज गए थे और फिर आराधना संजू को इशारा करके अपने कमरे में चली गई थी,,, दूसरी तरफ संजू और मोहिनी दोनों अपने कमरे में चले गए थे,,,, कमरे में जाते ही मोहिनी संजू से बोली,,,।
भाई मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि तू मुझे 12:00 बजे के बाद क्या दिखाना चाहता है और वह भी मम्मी के कमरे में,,,
वह तो तुझे 12:00 बजने के बाद ही पता चलेगा,,,,
और अगर मुझे नींद आ गई तब क्या करेगा,,,
मैं तुझे सोने ही नहीं दूंगा,,,,
तो मुझे जगाने के लिए क्या करेगा भाई,,,?(मोहिनी मुस्कुराते हुए बोली क्योंकि मोहिनी अच्छी तरह से समझ रही थी कि उसका भाई क्या कहना चाह रहा है)
मैं क्या करूंगा,,,,(और इतना कहने के साथ ही अपने पेंट की बटन खोलने लगा और अगले ही पल अपने खड़े लंड को बाहर निकालकर हाथ में लेकर हिलाते हुए मोहिनी की तरफ आगे बढ़ाकर बोला) तुझे यह कोन खिलाऊंगा तभी तु जागती रहेगी,,,,।
(अपने भाई की हरकत को देखकर मोहिनी बहुत खुश हुई और अगले ही पल वह अपना हाथ लगाए बिना ही अपने लाल-लाल होठों को अपने भाई के लंड के करीब लेकर गई और बेहद उत्तेजना आत्मक तरीके से अपने लाल-लाल होठों को अपने भाई के लंड के सुपाड़े पर रखकर होठ से ही दबा दी,,, मोहिनी की इस कामुक हरकत पर संजू के तन बदन में उत्तेजना की चिंगारी फुटने लगी और वह तुरंत अपना हाथ मोहिनी के सर पर रख कर उस पर दबाव बनाते हुए मोहिनी को पूरा का पूरा अंदर लेने के लिए विवश करने लगा और अगले ही पल मोहिनी भी अपने भाई की बात मानते हुए आइसक्रीम कौन की तरह मोटे और लंबे लंड को पूरा का पूरा अपने लाल-लाल होठों के बीच से लेते हुए गले की गहराई तक पहुंचा दी,,,,, संजू बहुत खुश हो रहा था मजा मोहिनी को मिल रहा था लेकिन इस बात की संतुष्टि संजू को थी कि उसकी बहन उसके लंड को मुंह में लेकर चूसने अपनी ही मां के लिए तैयार कर रही है,,,,
संजू पागल होने लगा क्योंकि मोहिनी को लंड चूसने की प्रक्रिया पूरी तरह से आती थी वह इस काम में पूरी तरह से माहिर हो चुकी थी इसलिए मोहिनी रह रह कर अपने होठों का दबाव लंड पर बढ़ा देती तो कभी जीभ के किनारी से लंड की उभरी हुई नशो को कुरेद देती,,, संजू को अद्भुत सुख प्राप्त हो रहा था मोहिनी पूरी तरह से अपने भाई के जवानी के केंद्र बिंदु पर छाई हुई थी,,,, मोहिनी की चूत काफी लसलसी हो चुकी थी,,,,,, बार-बार उसकी गुलाबी छेद पानी छोड़ रही थी,,, मोहिनी अपनी कार्यक्षमता और काम शक्ति का प्रदर्शन करते हुए अपने भाई के लंड को पूरी तरह से टन टना दी थी,,,, अब संजू से सब्र करना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन था वह तुरंत अपनी बहन को खड़ी किया और खुद घुटनों के बल बैठ गया और तुरंत उसकी सलवार को एक झटके से खोले बिना ही नीचे खींच दिया उसकी सलवार पढ़ते पढ़ते रह गई थी इस कदर संजू में उत्तेजना का संचार हो चुका था,,,, मोहिनी भी अपने भाई को रोक नहीं पाई और अगले ही पल संजू उसकी चड्डी को नीचे खींचकर उसके गुलाबी छेद पर अपनी जीभ रख दिया और उसे चाटना शुरू कर दिया,,,, संजू का अपनी मां के पास जाने से पहले का यह अभ्यास था जिसमें वह किसी भी तरह से असफल नहीं होना चाहता था आज वह मोहिनी की आंखों के सामने अपनी मां की जबरदस्त चुदाई करना चाहता था और मोहिनी को दिखा देना चाहता था कि उसकी मर्दानगी के आगे उसकी मां भी घुटने टेक दि है,,,,
मोहिनी और संजू
मोहिनी की मदहोश जवानी अंगड़ाई ले रही थी और अगले ही पल संजू उसे पीठ के बल लेटा कर दोनों टांगों को फैला दिया और फिर अपने आप को उसके कोमल अंग में उतारकर कमर हिलाना शुरू कर,,,, मोहिनी पागलों की तरह सिसकारी देना चाहती थी लेकिन वह नहीं चाहती थी कि उसकी गर्मागर्म सिसकारी की आवाज उसकी मां के कानों में जाए इसलिए वह अपने आप पर बहुत काबू किए हुए थी अपने भाई के लंड को वह अपनी चूत की गहराई तक महसूस कर रही थी,,,, हर धक्के के साथ उसे स्वर्ग का अनुभव रहा था वह पूरी तरह से मस्त हुए जा रही थी मदहोशी के सागर में वह पूरी तरह से डूबती चली जा रही थी और थोड़ी ही देर बाद मोहिनी का बदन अकड़ में लगा वह चरम सुख के बेहद करीब पहुंच गई थी यह देखकर संजू उसे अपनी बाहों में भर लिया,,,,,, मोहिनी की कसी हुई चूत हमेशा से संजू के लंड का रस निचोड़ लेती थी,,, संजु अपनी बहन की गुलाबी चूत का पूरी तरह से दीवाना था एक महीने की ही चूत थी जिसे वह जब चाहे तब ले सकता था जी भर कर ले सकता था बाकी अभी भी वह मोहिनी की नजर से बच कर ही अपनी मां की चुदाई करता था वैसे तो मोहिनी को इस बात का पता चल भी जाता तो अभी संजू के लिए कोई दिक्कत खड़ी नहीं होती लेकिन संजू के मन में कुछ और चल रहा था वह मोहिनी को अपने और अपनी मां के बीच के रिश्ते के बारे में कुछ दिखा कर आश्चर्यचकित कर देना चाहता था,,,, और इसी लिए इस समय वह अपनी बहन को बिना कुछ बताएं वह उसकी चुदाई कर रहा था,,, वैसे संजू को चुदाई करने की लिए उकसाने वाली उसकी बहन ही थी जिसका इस समय दोनों भरपूर आनंद ले रहे थे,,,, संजू जैसे मर्दाना लंड को अपनी चूत में पाकर मोहिनी पूरी तरह से खेल चुकी थी और भी ज्यादा खूबसूरत और जवान लगने लगी थी उसके अंगों में अद्भुत उभार आना शुरू हो गया था खास करके उसके संतरे धीरे-धीरे अपने आकार में आ रहे थे और नितंबों का आकार तो एकदम जानलेवा होता जा रहा था संजू इस बात से पूरी तरह से अपने आप पर गर्व महसूस करता था कि इतनी खूबसूरत लड़की उससे रोज चुदवाती है,,,,, हालांकि वह इस बात से भी इनकार नहीं कर सकता था कि दुनिया की सबसे खूबसूरत औरत जो कि उसकी मां थी वह भी उससे रोज चुदवाती थी और अगर उसे अपनी मां और बहन दोनों की चूत में सबसे ज्यादा नंबर देना हो तो वह बेझिझक अपनी मां की चूत को ही सबसे ज्यादा नंबर देगा,,, क्योंकि मोहिनी तो फिर भी अभी जवानी के दौर में कदम रखी थी लेकिन उसकी मां तो जवानी के उस उम्र को पार कर आई थी और दो-दो जवान बच्चों की मां होने के बावजूद भी अपने बदन को इस तरह से संभाल कर रखी थी कि जवान लड़कियां भी उसकी जवानी के आगे पानी भरती नजर आती थी उसकी चूत अभी भी मोहिनी की चूत से भी ज्यादा कसी हुई थी जिसे चोदने में संजू को अद्भुत सुख का अनुभव होता था,,,,, अपनी बहन की जवानी की अकड़ देखकर संजू को आभास हो गया था उसकी बहन पानी छोड़ने वाली है इसलिए वह अपनी बहन को पूरी तरह से अपनी बाहों में कस लिया था
और फिर पूरा जी जान लगाकर धक्के पर धक्का लगाना शुरू कर दिया,,, और कुछ ही देर में वह अपनी बहन की चूत में अपने गर्म लावा उड़ेलने लगा,,,,
सब कुछ शांत हो चुका था 12:00 बजने वाले थे संजू बार-बार दीवार पर टंगी घड़ी की तरफ देख रहा था और मोहिनी भी घड़ी पर ही नजर टिकाई हुए थे वह भी देखना चाहती थी कि 12:00 बजे के बाद उसका भाई क्या दिखाने वाला है,,,,,, देखते ही देखते दीवार पर टंगी घड़ी में दोनों सुईया 12 बजाते हुए अपने निर्धारित स्थल पर पहुंच गई संजू का दिल जोरों से धड़क रहा था साथ ही मोहिनी के दिल की धड़कन भी बढ़ती जा रही थी संजू को अपनी जगह से उठता हुआ मोहिनी से बोला,,,।
देख मोहिनी मैं मम्मी के कमरे में जा रहा हूं दरवाजा तो मैं बंद कर दूंगा लेकिन दरवाजे की दरार में से तुझे कमरे के अंदर का सब कुछ दिखाई देगा मैं ट्यूब लाइट बंद नहीं करूंगा ताकि तुझे देखने में आसानी हो,,,
(इतना सुनते ही मोहिनी का रोम-रोम एकदम से पुलकित हो गया उसे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या होने वाला है वह यह बात बिल्कुल भी नहीं जानती थी कि उसकी मां और उसके बारे में सब कुछ हो चुका है दोनों के बीच सारे संबंध स्थापित हो चुका है इस नए रिश्ते से मोहिनी पूरी तरह से अनजान थी इसलिए उसे समझ में नहीं आ रहा था कि उसका भाई क्या कह रहा है कुछ पल के लिए तो उसे अपने कानों पर विश्वास ही नहीं हुआ इसलिए वह अपनी शंका दूर करते हुए अपने भाई से बोली,,,)
तू क्या कह रहा है भाई मैं कुछ समझ नहीं रही हूं,,,,
देख मेरी रानी तुझे समझाने का समय मेरे पास बिल्कुल भी नहीं है क्यों मैं तुझसे कहता हूं वैसा ही तू करती जा और उसके बाद ही करना तुझे वह देखने को मिलेगा जिसके बारे में तु कभी सोची भी नहीं थी ,,,,
ऐसा क्या दिखाने वाला है भाई तू,,,
चल तुझे दिखाता हूं,,, लेकिन संभाल कर बिल्कुल भी आवाज मत करना,,,
(और इतना कहने के साथ ही संजू चोर कदमों से अपने कमरे से बाहर निकला और धीरे से बिना आहट की अपनी बहन को भी कमरे से बाहर ले आया और फिर सीधा जाकर रसोई घर में से एक कटोरी ले आया जिसमें उसके हिस्से का केक पड़ा हुआ था केक को देखकर आश्चर्य जताते हुए मोहिनी बोली)
इतनी रात को,,,,
अरे चुप,,(इशारे से मोहिनी को चुप रहने को कहा क्योंकि संजू बिल्कुल भी नहीं चाहता था कि उसकी बहन जाग रही है इस बारे में उसकी मां को पता चले वरना रात का सारा कार्यक्रम खराब हो जाएगा,,,, और फिर वह दरवाजे के करीब पहुंच गया अंदर ट्यूबलाइट जल रही थी जिसकी रोशनी दरवाजे की दरार में से साफ नजर आ रही थी वह मोहिनी को रसोई घर के पास रुके रहने का इशारा किया और इशारों में ही उसे बताया कि जब वह अंदर चले जाए तब धीरे से दरवाजे के पास चली आना,,,,, संजू अच्छी तरह से जानता था कि उसकी मां उसके लिए दरवाजा खुला छोड़ दी होगी इसलिए संजू बिना आवाज किए बिना दरवाजे पर दस्तक दे धीरे से दरवाजे को धक्का दिया तो दरवाजा अपने आप खुल गया या देखकर मोहिनी भी हैरान हो गई,,,, और फिर धीरे से संजू कमरे में दाखिल हुआ और दरवाजेके लिए बोला और फिर दरवाजे को बंद कर दिया,,,, दरवाजे को बंद करते समय वह एक नजर बिस्तर पर डाल दिया था जहां पर उसे उसकी मां पेट के बल लेटी हुई नजर आ रही थी जिससे उसकी मदमस्त कर देने वाली कसी गांड साड़ी में कैद होने के बावजूद भी एकदम उभरकर नजर आ रही थी,,,, संजू दरवाजा बंद करके धीरे से कड़ी लगा दिया क्योंकि वह जानता था कि दरवाजे की दरार में से उसकी बहन को सब कुछ नजर आएगा और वह धीरे से बिस्तर पर आकर बैठ गया,,,बिस्तर पर देखते ही आराधना जो कि जाग रही थी वह ऊतेजना से कसमसाने लगी और धड़कते दिल के साथ मोहिनी चोर कदमों से चलते हुए अपनी मां के कमरे के दरवाजे के पास आ गई और दरवाजे की दरार में से अंदर देखने का प्रयास करने लगी,,,।
बहुत ही कामुक और उत्तेजना से भरपूर अपडेट हैमोहिनी का दिल बड़े जोड़े से धड़क रहा था उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि उसका भाई उसकी मां के कमरे में आधी रात को क्या करने गया है वैसे तो उसे थोड़ा बहुत शक हो रहा था कि,,, इतनी रात को एक जवान लड़का एक खूबसूरत औरत के कमरे में क्या करने जाएगा लेकिन फिर भी उसे इस बात का,,, आशंका बिल्कुल भी नहीं था कि उसके भाई और उसकी मां के बीच चल रहा है उसे अभी भी ऐसा ही लग रहा था कि दोनों के बीच किसी भी प्रकार का संबंध नहीं है सिवाय मां बेटे के और मोहिनी यही चाहती थी कि दोनों के बीच शारीरिक संबंध स्थापित हो जाए ताकि उसकी मां बाहर अपनी इज्जत किसी और को ना सौंप दें क्योंकि उसे इस बात का डर था कि बाहर अगर ऐसा हो गया तो उसके परिवार के साथ साथ उसकी मां का भी जीवन नर्क हो जाएगा,,,,, इस बात की उत्सुकता उसके मन में थी कि अंदर कमरे में क्या होने वाला है इसलिए वह दरवाजे की दरार में अपनी नजर टीका कर,,, कमरे के अंदर का नजारा देखने लगी ट्यूबलाइट की रोशनी में उसे सब कुछ साफ नजर आ रहा था इस बात की खुशी थी कि अंदर ट्यूब लाइट जल रही थी वरना उसे कुछ नजर नहीं आता उसे साफ दिखाई दे रहा था कि बिस्तर पर उसकी मां लेटी हुई थी और उसका भाई बिस्तर पर जाकर बैठ गया था उसके हाथ में केक वाला कटोरा भी था जिसे वह धीरे से टेबल पर रख दिया था,,,,।
मोहिनी का दिल जोरों से धड़क रहा था कुछ देर पहले ही उसकी चूत में उसके भाई का मोटा लैंड जाकर धमाल मचा कर बाहर आया था इसलिए अभी भी उसे अपनी चूत की अंदरूनी दीवारों में अपने भाई के लंड की मोटाई महसूस हो रही थी जिसकी वजह से उसके बदन में उत्तेजना अभी भी बरकरार थी,,, मोहिनी अपने मन में यही सोच रही थी कि आगे क्या होने वाला है तभी उसे बिस्तर पर हलचल सी महसूस हुई और आराधना करवट लेकर पेट के बल लेट गई जिसकी वजह से,,,, उसकी मदमस्त उभरी हुई गांड ऊपर की तरफ हो गई जिस पर संजू की नजर पड़ते ही वासना की चमक उभरने लगी और वह अपने आप को रोक नहीं पाया हुआ अच्छी तरह से जानता था कि दरवाजे की दीवार में से उसकी बहन अंदर के इस नजारे को देख रही होगी और यही तो वह दिखाना चाहता था इसलिए संजू के होठों पर वासना भरी मुस्कान तैरने लगी,,, अगले ही पल वह अपने आप को रोक नहीं पाया और अपना हाथ आगे बढ़ा कर अपनी मां की उभरी हुई गांड पर रखकर उसे जोर से दबोच लिया जिससे आराधना के मुंह से हल्की सी आह निकल गई और इस नजारे को देखकर मोहिनी की तो आंखें फटी की फटी रह गई उसे अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था वह अपनी आंखों को मल मल कर अंदर की तरफ के नजारे को देखने लगी,,,,,, वह अपने आप से ही बातें करते हुए बोली,,,।
ये में क्या देख रही हूं,,, कहीं मैं सपना तो नहीं देख रही हूं मुझे तो अपनी आंखों पर भरोसा ही नहीं हो रहा है यह अंदर चल कर आ रहा है,,,,,
(मोहिनी का दिल जोरों से धड़क रहा था वह हैरान थे कि उसकी मां बिल्कुल भी संजु को रोक नहीं रही थी और संजू कहां तभी भी उसकी मां की गांड के ऊपर था संजू अपनी हथेली में जोर-जोर से अपनी मां की गांड को लेकर दबा रहा था या देखकर मोहिनी की दोनों टांगों के बीच सिरहन सी दौड़ने लगी और फिर मोहिनी अपने मन में सोचने लगी कि क्या यही उसका भाई दिखाना चाहता था इसके बारे में तो उसने कभी कल्पना भी नहीं की थी अगर यही सही है तो यह तो बहुत ज्यादा सही है यही तो वह चाहती थी,,,, वह बड़े गौर से अंदर के दृश्य को देखने लगी,,, संजू अपनी मां की गांड को जोर जोर से मसल रहा था और आराधना अपने बेटे की हरकत से पूरी तरह से मस्त हुए जा रही थी मोहिनी यह देखकर हो ज्यादा हैरान हो गई कि उसकी मां नजर उठाकर संजू की तरफ देख कर मुस्कुरा रही थी यह मुस्कुराहट मोहिनी के लिए किसी पहेली से बिल्कुल भी कम ही थी,,,, मोहिनी इस बात से हैरान थी कि अपने बेटे की इस तरह की गंदी हरकत के बावजूद भी हो कुछ बोल नहीं रही थी बल्कि मुस्कुरा रही थी ऐसा तो तभी होता है जब औरत और मर्द के बीच बहुत कुछ हो चुका होता है कहीं ऐसा तो नहीं कि उसकी भाभी और उसकी मां के बीच भी शारीरिक संबंध स्थापित हो गया हो जैसा कि उसके खुद के बीच ऐसा हो गया है अगर ऐसा ना होता तो उसकी मां उसका हाथ रख देती यू संजू भी आधी रात को अपनी मां के कमरे में जाने की हिम्मत ना करता और उसकी गांड पर हाथ रखकर दबाने की जरूरत भी ना करता तो यह सब क्या था यह सब क्या हो रहा है मोहिनी की सोच के बिल्कुल परे था,,,, फिर उसे अपने भाई की बात याद आई कि वह बड़े आत्मविश्वास से कह रहा था कि 12:00 बजे वह कुछ दिखाना चाहता है तो क्या वह पूरी तरह से इस बात से आश्वस्त था कि वह अपनी मां के साथ कुछ भी करेगा उसकी मां उसे कुछ नहीं बोलेगी,,,,,,, या फिर आज जन्मदिन के दिन भाई ने मां को पूरी तरह से अपने आत्मविश्वास में ले लिया है आखिरकार वह भी तो एक औरत है उनकी भी तो कोई जरूरत है महीनों से अपने पति से मिली नहीं है उनकी चूत में भी तो आज लगता होगा जैसा कि उसकी खुद की चूत में रोज रात को लगता था और उसी आपको बुझाने के लिए उसे अपने बेटे का सहारा लेना पड़ रहा है,,,,
मोहिनी को अपने मन में उठ रहे किसी भी सवाल का जवाब ठीक तरह से मिल नहीं रहा था अपने मन में उठ रहे बवंडर को वह किसी भी हाल में दबा नहीं पा रही थी अपने प्रश्न के उत्तर को वह किसी से अब पूछ भी नहीं सकती थी और उसके प्रश्न का हल सिर्फ यही था कि वह चुपचाप अंदर के नजारे को देखती जाए और उसी नजारे में ही उसके प्रश्नों का उत्तर भी छिपा हुआ था इसीलिए अपने मन को शांत करके वह अंदर के नजारे को देखने लगी जो कि बेहद दिलचस्प बनता जा रहा था,,,,, अभी तक दोनों के बीच किसी भी प्रकार की वार्तालाप नहीं हो रही थी वरना मोहिनी के कानों में इन दोनों की आवाज जरूर सुनाई देती मोहिनी बड़े गौर से देख रही थी उसकी मां अभी भी नजर उठाए संजू की तरफ देख कर मुस्कुरा रही थी और संजू की हथेली उसकी गदराई गांड की दोनों फांकों पर बारी-बारी से घूम रही थी,,,, मोहिनी का दिल जोरों से धड़क रहा था,,, मोहिनी को साफ दिखाई दे रहा था कि उसकी मां के होठों पर लाल लाल लिपस्टिक लगी हुई थी जो कि खाते समय उसकी मां के होठों पर लिपस्टिक नहीं लगी हुई थी यह देख कर मोहिनी की आंखों में आश्चर्यजनक चमक रही थी वह समझ नहीं पा रही थी,,,, लेकिन इतना तो उसे समझ में आ रहा था कि संजू और उसकी मां के बीच जरूर कुछ चल रहा है और जरूर उसकी मां भी संजू का इंतजार कर रही होगी तभी तो संजू की आत्मविश्वास के साथ 12:00 बजे उसके कमरे में आराम से चला गया था और कमरे का दरवाजा भी खुला हुआ था उसमें कड़ी नहीं लगी थी अगर ऐसा कुछ भी ना होता तो उसकी मां दरवाजे की कड़ी लगाकर दरवाजा बंद करके सो रही होती लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं था आराधना भी जाग रही थी,,,,,।
तभी संजू नीचे की तरफ झुका और अपनी मां के लाल लाल होठों पर अपने होंठ रख दिया या देखकर मोहिनी के तन बदन में उत्तेजना की लहर उठने लगी संजू अपनी मां के होठों पर चुंबन कर रहा था यह देख कर मोहिनी की चूत से पानी गिरने लगा पहली बार वह अपनी मां की कामलीला को देख रही थी जो कि अभी शुरुआत थी संजू के चुंबन का जवाब आराधना चुंबन से ही दे रही थी वह भी मदहोश होकर अपने बेटे के होंठ को अपने होंठ के बीच लेकर चूसना शुरू कर दी थी और संजू अपने हाथ का करतब दिखाता हुआ अपनी मां की गांड से खेल रहा था जो कि साड़ी के अंदर कैद होने के बावजूद भी अपना पूरा उभार दिखा रही थी,,,,,,,
देखते ही देखते संजू आराधना का चुंबन एकदम प्रगाढ होता जा रहा था जिसे देखकर मोहिनी मदहोश हुए जा रही थी,,,,, तभी दोनों के बीच बातचीत शुरू हो गई जो कि मोहिनी को एकदम साफ सुनाई दे रही थी,,,
तुम सोई नहीं थी मम्मी,,,
नहीं रे मुझे नींद कहां आ रही थी,,, तेरा ही इंतजार कर रही थी इसीलिए तो दरवाजा खुला छोड़ दी थी मुझे मालूम था कि तू जरूर आएगा,,,
ऐसा क्यों,,,,,?
क्योंकि,,,(ऐसा कहने के साथ ही आराधना बिस्तर पर से उठ कर बैठ गई और मुस्कुराते हुए बोली) आज मेरा जन्मदिन है और मैं अच्छी तरह से जानती हूं कि तू मेरे जन्मदिन को यादगार बना देगा,,,,
ओहहह मम्मी तुम कितनी अच्छी हो,,,(और इतना कहने के साथ ही बिस्तर पर बैठे-बैठे ही संजू अपनी मां को अपनी बाहों में लेकर उसके होठों पर फिर से अपने होठों को रखकर चुंबन करने लगा,,,,,(यह देखकर मोहिनी का गला सूखने लगा जिस तरह से दोनों बातें कर रहे थे मोहिनी को लगने लगा था कि इन दोनों के बीच पहले से ही कुछ चल रहा है बस उसे इस बात का अंदाजा नहीं था उसे उन दोनों पर शक नहीं हुआ था वरना एक ही दिन में कोई औरत इतना नहीं खुल सकती और वह भी अपने ही बेटे के साथ,,,, जहां मोहिनी अपने भाई और अपनी मां के बीच इस तरह के रिश्ते को देखकर हैरान थी वहीं इस रिश्ते से वह बहुत खुश हुई थी क्योंकि वह समझ गई थी कि घर में ही जब भूख मिटने लगे तो कोई बाहर क्यों मुंह मारता फिरेगा,,,, दोनों के बीच कुछ मिनट तक यह चुंबन चलता रहा इसके बाद आराधना अपने होठों को पीछे लेते हुए टेबल पर नजर डालते हुए बोली,,,)
तूने अभी तक केक नहीं खाया,,,,
हां मैं संभाल कर रखा हूं क्योंकि इस केक को मैं नहीं तरीके से खाना चाहता हूं,,,,
नई तरीके से मैं कुछ समझी नहीं,,,
अरे बहुत जल्द ही समझ जाओगी,,,, लेकिन यह क्या आज की रात तो तुम्हारे जन्मदिन को स्पेशल बनाने वाली रात है और तुम हो कि अभी भी साड़ी पहन कर बैठी हो,,,)
तो क्या करूं साड़ी उतार कर नंगी हो जाऊं,,,
(अपनी मां की इस तरह की बात सुनकर मोहिनी का दिल धक से करके रह गया,, वह कभी सोची नहीं थी कि अपनी मां के मुंह से इस तरह की बातें सुनने को उसे मिलेंगे उसने आज तक अपनी मां के मुंह से गंदी बात कभी सपने में भी नहीं सुनी थी लेकिन आज तो हद हो गई थी अपनी मां की हरकत और उसके मुंह से गंदी बात को सुनकर मोहिनी के तन बदन में आग लग रही थी,,,, अब मोहिनी को एहसास हो गया कि मजा कुछ ज्यादा आने वाला है इसलिए उसकी भी उत्सुकता पड़ने लगी और वह उसी तरह से दीवार की दरार में आंख गड़ाए अंदर कमरे के दृश्य को जी भर कर देखने की कोशिश करने लगी अपनी मां की बात सुनकर संजू बोला,,,)
नंगी तो मैं तुम्हें करूंगा मेरी रानी लेकिन,,,, पहले दूसरे कपड़े तो पहन लो,,,।
(अपने भाई की बात सुनकर एक बार फिर से मोहिनी आश्चर्यचकित हो गई दोनों मां-बेटे इस तरह से बातें कर रहे थे जैसे दोनों के बीच मां बेटे का रिश्ता ही नहीं बल्कि दोनों के बीच प्रेमी-प्रेमिका का रिश्ता हो बेझिझक संजू अपनी मां से गंदी बातें कर रहा था जिसे सुनकर मोहिनी के तन बदन में अजीब सी लहर उठ रही थी उसे समझते देर नहीं लगी कि या 1 दिन का खेल नहीं है बल्कि इसके लिए कई दिन पहले से प्रैक्टिस शुरू है,,,,,)
मैं कुछ समझी नहीं तु क्या बोल रहा है,,,!
अरे मम्मी उस दिन मॉल में से जो नाईट ड्रेस खरीद कर लाई हो उसे पहन लो किस दिन के लिए रखी हो आज बहुत ही स्पेशल दिन है आज मुझे भी तो पहन कर दिखाओ कैसी लगती हो,,,,
अरे नहीं संजू आखिर तू उतार ही देगा तो पहनने से क्या फायदा,,,,
अरे मैं भी तो देखूं उस छोटी सी नाइट ड्रेस में तुम कैसी दिखती हो,,,, मुझे तो बहुत मजा आएगा तुम्हें छोटे से ड्रेस में देखने में,,,,
(दरवाजे के बाहर खड़ी हुई तो कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि यह दोनों कौन सी नाइट ड्रेस के बारे में बातें कर रहे हैं नाइट ड्रेस के बारे में मोहिनी को कुछ भी पता ही नहीं था इसलिए वह भी देखने के लिए उत्सुक हो गई कि ऐसा कौन सा नाइट ड्रेस दोनों मां-बेटे ने मिलकर खरीद लिया है जिसे पहनने के लिए संजु जिद कर रहा है,,,)
क्या संजू अभी थोड़ी देर में तो उतार कर नंगी कर देगा ऐसे ही मजा ले ले,,,,
वह तो मैं कैसे भी ले लूंगा लेकिन मैं भी देखना चाहता हूं,,,, छोटे से ट्रांसपेरेंट नाईट ड्रेस में तुम्हारी खूबसूरती का जलवा,,,
तु मानेगा नहीं,,,,
बिल्कुल भी नहीं मानूंगा आखिरकार आज तुम्हारा जन्मदिन है इस दिन को तो बेहतर बना लो,,,
बना तो लिया है गेस्ट हाउस में ले जाकर अब कितना बेहतरीन और यादगार बनाएगा,,,
(गेस्ट हाउस का नाम सुनते ही मोहिनी के जैसे कान के पास कोई ने बम फेंक दिया हो वह एकदम से चौंक गई गेस्ट हाउस यादगार जैसे शब्द सुनकर उसे समझ में नहीं आ रहा था कि यह सब क्या हो रहा है लेकिन इतना तो शक होने लगा था कि गेस्ट हाउस जैसी जगह पर क्या होता है और शायद या दोनों गेस्ट हाउस में जाकर क्या करके आए हैं इस बात को सोचकर ही मोहिनी की चूत और भी ज्यादा गुलाबी होने लगी उसके बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी,,,)
वह तो दिन यादगार था लेकिन रात को और भी ज्यादा रंगीन बनाना है,,,
तू सच में नहीं मानेगा,,,
बिल्कुल भी नहीं,,,, जाओ जल्दी से जाकर वह छोटी सी नाइट ड्रेस पहन लो,,,,
क्या संजू तू भी,,,,
(इतना कहकर वह बिस्तर से नीचे उतरने लगी वह भले ही अपने बेटे की बात पर आनाकानी कर रही थी लेकिन उसका भी मन अंदर से कर रहा था कि वह भी अपने बेटे के सामने छोटी सी नाइट ड्रेस को पहने वह भी देखना चाहती थी कि नाईट ड्रेस में उसका गोरा बदन कैसा लगता है उसके सुडौल बदन पर महंगी नाईट ड्रेस कैसी लगती है और यही मोहिनी भी देखना चाहती थी उसके दिल की धड़कन बड़ी तेजी से चल रही थी उसे इस बात का अहसास होने लगा था कि उसकी पैंटी एक बार फिर से गीली हो रही है,,,,, आराधना बिस्तर पर से नीचे उतरी और अलमारी खिलाफ जाकर खड़ी हो गई और अलमारी खोलने लगी मोहिनी को साफ नजर आ रहा था कि इस समय संजू की नजर उसकी मां की बड़ी-बड़ी गांड पर ही टिकी हुई थी मोहिनी इस बात से बिल्कुल भी अनजान नहीं थी कि संजू सबसे ज्यादा उत्तेजित गांड देखकर ही होता है और वह कई बार संजू को अपनी मां की गांड निहारते हुए देखी थी,,,, मोहिनी के तन बदन में कसमसाहट बढ़ती जा रही थी,, देखते ही देखते आराधना अलमारी में से एक छोटा सा पैकेट निकाली और अलमारी बंद करके उस पैकेट के खोलने लगी देखते-देखते पैकेट खोलने के बाद उसमें से एक बहुत ही खूबसूरत लाल रंग की नई ड्रेस निकालकर अपने हाथ में ले ली जिस पर नजर पड़ते हैं मोहिनी के अरमान भी मचलने लगे मोहिनी साफ देख पा रही थी कि वह नाइट्रिस पूरी तरह से पारदर्शी थी जिसमें से कुछ भी छुपने वाला नहीं था,,, अब तो मोहिनी की दिल की धड़कन और बढ़ने लगी वह भी अपनी मां को इस छोटे से नाईट ड्रेस में देखना चाहती थी उसके अंगों को देखना चाहती थी,,,, संजू बिस्तर पर बैठे-बैठे ही अपनी मां के हाथ से उस नाईट ड्रेस को ले लिया और उसे अपने हाथों से खोल कर हवा में लहराते हुए बोला,,,)
how to find out the size of your monitor
वाह मम्मी इसमें तुम और भी ज्यादा खूबसूरत लगोगी अब बिल्कुल भी देर मत करो कपड़े उतार कर फेंक दो और इसे पहन लो,,,,
तुझे तो सब कुछ आसान लगता है पता है कितनी शर्म आती है तेरे सामने कपड़े उतारने में,,,,
ओहहह हो,,,, मेरी रानी को शर्म आती है,,,, अब ज्यादा नखरे मत करो जल्दी से उतारो,,,,
(मोहिनी अपने भाई के मुंह से अपनी मां के लिए रानी शब्द सुनकर पूरी तरह से चौक गई थी इस तरह के शब्दों का प्रयोग वह रात को उसके लिए भी कर चुका था जब उसका लंड उसकी चूत में घुसा हुआ होता था,,,,, मोहिनी अपनी मां की तरफ देख रही थी जो कि संजू की बात सुन कर भी मुस्कुरा रही थी और समझो की आंखों के सामने ही अपने कंधे पर से साड़ी का पल्लू नीचे गिरा दी और अपनी ब्लाउज के बटन खोलने लगी यह देखकर मोहिनी की चूत काम रस फेंकने लगे क्योंकि उसे इस तरह के दृश्य अपनी आंखों से देखे जाने का बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी लेकिन जो कुछ भी उसकी आंखों के सामने दिख रहा था वह बिल्कुल हकीकत ही था दरवाजे की दरार में से मोहिनी को ट्यूबलाइट की सफेद रोशनी में सब कुछ नजर आ रहा था मोहिनी की मां बेझिझक बेशर्म बनकर अपने बेटे की आंखों के सामने ही अपने साड़ि को कंधे पर से नीचे गिरा कर अपने बेटे की आंखों के सामने ही अपने ब्लाउज के बटन खोल रही थी मोहिनी को अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था,,,, लेकिन उसे पूरा विश्वास हो चुका था कि उसके भाई और उसकी मां के बीच जरूर बहुत कुछ चल रहा था देखते ही देखते आराधना अपने बेटे की आंखों के सामने एक-एक करके अपनी ब्लाउज के सारे बटन खोल दी और ब्लाउज के दोनों पल्ले अलग होते ही लाल रंग की ब्रा में कैद उसकी गोरी गोरी छोटी नजर आने लगी जोकि छोटी सी ब्रा में बेहद बड़ी लग रही थी आराधना अपनी बाहों में से अपने ब्लाउज को उतार कर नीचे जमीन पर फेंक दी और साड़ी को खोलने लगी,,,, इस तरह के दृश्य को देखकर जो मोहिनी की हालत खराब हो गई जा रही थी तो संजू की तो पूछो मत संजू की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी और वह अपने हाथ से अपनी मां की साड़ी पकड़कर खींचने लगा और उसकी मां गोल गोल घूमने लगी उसे अपने बेटे की यह हरकत बहुत ही ज्यादा लुभावनी लग रही थी संजू दोनों हाथों से अपनी मां की साड़ी खींच रहा था और आराधना दोनों हाथों को ऊपर करके गोल गोल घूम कर मुस्कुरा रही थी और अगले ही पल उसकी साड़ी भी उसकी कमर से उतर गई,,,, संजू अपनी मां की साड़ी को नीचे जमीन पर फेंक दिया और इस समय आराधना कमरे के अंदर ट्यूबलाइट की रोशनी में पेटिकोट और ब्रा में खड़ी थी,,,, आराधना के तन बदन में उत्तेजना की लहर उठने लगी थी दिन भर अपने बेटे के लंड को चूत में लेकर अपनी गर्मी शांत करने के बावजूद भी एक बार फिर से उसके बदन में अपने बेटे के लंड लेने की इच्छा बढ़ने लगी थी,,,,,
वह अपने हाथों से पेटिकोट की डोरी खोलने लगी और पेटीकोट की डोरी खोलते ही वह अपने पेटीकोट को ढीला कर दी और तुरंत उसे अपनी कमर से छोड़ दी नीचे उसके कदमों में गिरने के लिए कदमों में पेटीकोट के गिरते ही वह पैरों का सहारा लेकर जोर से पेड़ मारी और पेटीकोट बिस्तर के नीचे चला गया,,,,,, मोहिनी की तो आंखें फटी की फटी रह गई थी अपनी मां के रूप लावण्य को देख कर,,, मोहिनी यह बात अच्छी तरह से जानती थी कि उसकी मां बहुत खूबसूरत है लेकिन उसका बदन इतना तराशा हुआ होगा और वह भी इस उम्र में वह कभी सोची नहीं थी लेकिन इस समय अपनी मां को अपनी आंखों के सामने लाल रंग की ब्रा और पेंटी में देखकर मोहिनी की आंखें चकाचौंध हुए जा रही थी और यही हाल संजू का भी था मोहिनी साफ तौर पर देख पा रही थी कि अपनी मां को देखते हुए संजू पेंट के ऊपर से ही अपने लंड को दबा रहा था,,,,, मोहिनी के लिए भी अदृश्य बेहद उन्माद से भरा हुआ था वह पहली बार देख रही थी कि कोई बेटा अपनी मां को इस हालत में देखकर अपने लंड को सहला रहा था अपने मन में उसे चोदने की कामना कर रहा था और जिस तरह का दोनों के बीच मेलजोल चल रहा था तालमेल बिछा हुआ था उसे देखते हुए बहुत ही जल्द दोनों बिस्तर पर संभोग सुख लेते हुए नजर आने वाले थे,,,,, अपनी मां को लाल रंग की ब्रा और पेंटी में देखकर संजू बोला,,,,)
वाह इसे कहते हैं खूबसूरती इसे कहते हैं खूबसूरत औरत जिसे देखकर ही लंड खड़ा हो जाए,,,,(पेंट के ऊपर से ही अपने लंड को मसलते हुए बोला यह देखकर मोहिनी की चूत फुदकने लगी,,,, और आराधना अपने बेटे के मुझे अपनी खूबसूरती की तारीफ सुनकर इतराने लगी,,,,, और अपना हाथ आगे बढ़ा कर बोली,,,)
ला अब दे नाईट ड्रेस,,,,
अभी नहीं पहले ब्रा और पेंटी उतार कर नंगी तो हो जाओ,,,
नहीं बिल्कुल भी नहीं तेरे कहने पर मैं सब कुछ कर रही हूं लेकिन मुझे भी तभी मजा आता है जब तू अपने हाथ से मेरी ब्रा और पेंटी उतारता है,,,
ओहहहह यह बात है तो लो,,,(इतना कहने के साथ ही संजू नाईट ड्रेस को आगे बढ़ा दिया और उसकी मां मुस्कुराते में नई ड्रेस को ले ली लेकिन मोहिनी की तन बदन में आग लगा दी मोहिनी को अपने कान पर विश्वास नहीं हो रहा था उसकी मां अपने बेटे को ब्रा और पेंटी उतारने वाली बात बोल रही थी जिसका मतलब साफ था कि संजू बहुत बार अपनी मां की ब्रा और पेंटी उतार चुका है,,, यह सोचकर जहां उसके तन बदन में आग लग रही थी वहीं दूसरी तरफ अपने भाई पर उसे गुस्सा आ रहा था वह बाहर बार उसे अपनी मां को पटाने के लिए बोलती रही और उसका भाई ना जाने कब अपनी मां को पटाकर यहां तक पहुंच चुका था लेकिन उसे बताया नहीं था फिर वह अपने मन में सोचने लगी कि शायद इसीलिए नहीं बताया था वह मुझे दिखाना चाहता था और अपने वादे के मुताबिक वह मुझे दिखा भी रहा था,,, नाईट ड्रेस को अपने बेटे के हाथ से लेकर आराधना उसे पहनने लगी और यह देखकर संजू बार-बार दरवाजे की तरफ देख कर अपने लंड को पेंट के ऊपर से ही दबा रहा था क्योंकि वह जानता था कि मोहिनी दरवाजे के पीछे खड़ी होकर सब कुछ देख रही है अगले पल आराधना उस नाइट ड्रेस को पहनकर एकदम से स्वर्ग से उतरी हुई अप्सरा लग रही थी नाईट ड्रेस बहुत ही छोटी थी मुश्किल से उसकी पेंटी उसमें छुपा रही थी जांघों से भी ऊपर तक उसकी लंबाई थी और ऊपर से पारदर्शी थी जिसमें से कुछ भी छुपाने लायक नहीं था सब कुछ साफ नजर आ रहा था अपनी मां की खूबसूरती को देखकर संजू से रहा नहीं गया और वह बिस्तर से एकदम से खड़ा हो गया और अपनी मां के चारों तरफ चक्कर लगाते हुए बोला,,,)
वाह कमाल हो गया मैं कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मेरी मां इस कपड़े में इतनी ज्यादा खूबसूरत लगेगी सच में मम्मी तुम तो फिल्मों की हीरोइन को भी पीछे छोड़ दिया इतनी खूबसूरत और इतनी सेक्सी लग रही हो कि पूछो मत इस हालत में अगर तुम्हें कोई देख ले तो उसका पानी जरूर अपने आप ही निकल जाए,,,,,(अपनी मां के चारों तरफ गोल गोल घूम करवा चक्कर लगाते हुए बोल रहा था और मोहिनी अपने भाई की बात सुनकर पूरी तरह से उसके पक्ष में थी क्योंकि वह भी अपनी आंखों से देख पा रही थी कि उसकी मां छोटे से नाईट ड्रेस में बहुत ही ज्यादा खूबसूरत लग रही थी किसी फिल्म की हीरोइन लग रही थी लेकिन आराधना थोड़ा शर्म आ रही थी क्योंकि पहली बार वह इस तरह का ड्रेस पहनी थी,,,,, अपने बेटे की बात सुनकर वह सिर्फ इतना बोली)
संजू मुझे शर्म आ रही है,,,,
ओहह मेरी रानी शर्म शब्द तुम्हारे मुंह से बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता तुम अच्छी तरह से जानती हो कि हम दोनों सर में संस्कार रिश्ते नाते सब कुछ बहुत पीछे छोड़ आए हैं तुम्हें याद है ना आज गेस्ट हाउस में तुम कैसे अपनी बड़ी बड़ी गांड को मेरे लंड पर कुदा रही थी और उस वेटर की हालत खराब कर रही थी देखी नहीं थी उसका भी खड़ा हो गया था,,,,
बाप रे याद मत दिला संजू सब तेरी ही कारस्तानी थी मैं तो शर्म से मरी जा रही थी लेकिन जिस तरह के हालात थे मैं अपने आप को छुपा भी नहीं पा रही थी,,,,,
लेकिन मजा बहुत आया था ना,,,
हारे तु सच कह रहा है मजा तो बहुत आया था,,,,
(अपनी मां और अपने भाई की बात सुनकर मोहिनी पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी अपनी मम्मी और अपने भाई की बात सुनकर उसे इतना तो समझ में आ गया था कि वह डर की मौजूदगी में भी वह दोनों चुदाई का खेल जारी रखे थे,,, यह सोचकर ही मोहिनी की तन बदन में अजीब सी हलचल हो रही थी उसे अपनी कानों पर तो विश्वास नहीं हो रहा था लेकिन जो कुछ भी वह दोनों कह रहे थे उसमें सच्चाई थी,,, संजू अपनी मां को एकटक देखते हुए उसके दोनों हाथ की हथेली में अपनी हथेलियों को फंसा कर जोर से अपनी तरफ खींचा और उसकी मां एकदम से उसकी तरफ खींची चली आई और उसके सीने से लग गई संजू तुरंत उसे अपनी छाती से लगाकर उसकी ना राम-राम चुचियों को अपनी छाती पर महसूस करके तुरंत अपने दोनों हथेलियों को उसकी फली फूली गांड पर रखकर दबाना शुरू कर दिया जो कि लाल रंग की पैंटी में कैद थी,,,, और गर्दन पर गहरी सांस लेते हुए बोला,,)
ओहहह मेरी रानी इस ड्रेस में तुम्हारा कुछ भी छुपा हुआ नहीं है सब कुछ दिख रहा है,,,
इसीलिए तो तुने लिया है,,,,,
मैं जानता था इसमें तुम बहुत खूबसूरत लगोगी,,,,,(इतना कहने के साथ ही संजू एक बार फिर से अपने होंठ को अपनी मां के लाल लाल होंठ पर रख दिया और उसे चूसना शुरू कर दिया,,,,, आराधना भी पूरी तरह से मस्त हो गई और अपने बेटे का साथ देने लगी एक तरफ जहां संजू की दोनों हथेलियां आराधना की गांड पर थी तो दूसरी तरफ आराधना अपना हाथ नीचे की तरफ लाकर संजू के पेंट का बटन खोल रही थी यह देख कर मोहिनी की चूत में चीटियां रेंगने लगी,,,, अपनी मां की हरकत को देखकर मोहिनी को समझते देर नहीं लगेगी उसकी सोच से भी कहीं ज्यादा आगे निकल गई है उसकी मां लेकिन फिर भी इस समय वह अपनी मां की हरकत का भी मजा ले रही थी,,,, वह अच्छी तरह से जानती थी कि एक संस्कारी औरत के अंदर एक रंडी औरत भी छुपी हुई होती है बस उसे निकालने आना चाहिए और वही काम संजीवनी किया था अपनी मां के रंडी पन को एकदम से बाहर निकाल कर उसे खुशी से जीना सिखाया था और यही तो मोहिनी भी चाहती थी इस बात को सोच कर वो खुश हो रही थी कि अच्छा हुआ कि कमरे के अंदर बाहर अपने मम्मी और अपने भाई को देख रही है अगर ऐसा ना होता तो उसकी मम्मी की जगह कोई गैर मर्द होता तब वह इस तरह के दृश्य को बर्दाश्त नहीं कर पाती,,,, आराधना बड़ी फुर्ती दिखा रही थी शायद उसे अपने बेटे के लैंड को मुंह में लेने की बहुत जल्दी थी और देखते ही देखते पेंट की बटन खोल कर चैन को नीचे सरका करवाना जींस को नीचे की तरफ करने लगी जिसे संजू खुद अपने हाथ का सहारा देकर उसे नीचे की तरफ खींचकर घुटनों में फंसा दिया था और अंडरवियर के ऊपर से ही आराधना अपने बेटे के लंड को पकड़कर दबाना शुरू कर दी जिस पर संजू के लंड का काम रस लगा हुआ था और अंडरवियर आगे से गीली हो चुकी थी,,,,, जो कि यह पूरी तरह से प्राकृतिक था क्योंकि जिस तरह से उत्तेजित अवस्था में औरत अपना काम रस छोड़ती है उसी तरह से मर्द भी उत्तेजित अवस्था में अपना काम रस छोड़ते हैं,,,,,
मोहिनी अपनी मां को कमलीलa dekhte huye
पारदर्शी नाईट ड्रेस के ऊपर से ही संजू अपनी मां की खरबूजे जैसे चुचियों का मजा ले रहा था और आराधना चड्डी के ऊपर से अपने बेटे का लंड को जोर जोर से दबा रही थी उसे अपने बेटे का लंड दबाने में बहुत मजा आ रहा था,,,,, जिससे संजू की काम इच्छा बढ़ने लगी उसके मन में कुछ और चल रहा था इसलिए वहां अपनी मां के कंधों को दोनों हाथों से पकड़ कर उसे नीचे की तरफ दबाव देकर उसे नीचे बिठाने लगा आराधना को पता था कि उसका बेटा क्या करवाना चाहता है इसलिए आराधना धीरे-धीरे नीचे घुटनों के बल बैठ गई उसकी आंखों के सामने संजू की चड्डी में तना हुआ उसका मोटा तगड़ा लंड था जोकि खुंटे की तरह नजर आ रहा था,,,,, आराधना घुटनों के बल बैठी हुई थी उसकी बड़ी बड़ी गांड दरवाजे की तरफ थी जिसे देखकर खुद मोहिनी के मुंह में पानी आ रहा था लाल रंग की कसी हुई पेंटिं मैं अपनी मां की गदराई गांड देखकर मोहिनी की चूत पानी पानी हो रही थी,,,,, अपनी मां की अवस्था को देखकर मोहिनी को समझते देर नहीं लगी कि उसकी मां क्या करने वाली है और वह मुस्कुराते हुए अपने बेटे की आंखों में देखते हुए,,,, उसके अंडरवियर को दोनों हाथों से पकड़ कर उसे थोड़ा सा आगे की तरफ खींची क्योंकि वह जानती थी कि सीधे-सीधे अंडरवियर को नीचे की तरफ ले जाने से अंडरवियर नहीं निकल सकता क्योंकि संजू का लंड खुंटे की तरह आगे की तरफ तना हुआ था इसलिए आराधना अपने बेटे की अंडरवियर को आगे की तरफ खींच कर उसे लंड से बाहर निकाल कर नीचे की तरफ सरकाने लगी,,,, अपनी मां की इस बेशर्मी पर मोहिनी पूरी तरह से फिदा हो गई,,,,,,,, जिस तरह की हरकत आराधना निकली थी उसे देखते हुए मोहिनी को अपनी मां एक रंडी लग रही थी,,,,,
मोहिनी का दिल जोरों से धड़क रहा था 12:00 बजे से शुरू हुआ या खेल 1:00 बजने को हो गया था लेकिन अभी इस खेल की शुरुआत भर हो रही थी,,,, अभी ना जाने कितने घंटे यहां खड़ा रहना होगा इस बात को सोचकर वह परेशान तो बिल्कुल भी नहीं हो रही थी क्योंकि उसकी भी नींद उड़ चुकी थी इस तरह के मादक दृश्य को देखकर जिसमें एक नशा भरा हुआ था आराधना अपने बेटे के लंड को अपने मुट्ठी में भरकर उसे मुट्ठीयाने लगी,,,, और अगले ही पल आइसक्रीम के कौन की तरह अपने बेटे के सुपाड़े को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दी,,,,, यह नजारा देखकर मोहिनी की सांस अटक गई उसे अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था कि सीधी-सादी संस्कारी औरत के अंदर एक रंडी भी छुपी हुई हो सकती है खास करके उसे अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था क्योंकि सामने कमरे के अंदर रंडी पन दिखाने वाली कोई औरत नहीं उसकी मां थी,,,, संजू का लंड को ज्यादा ही लंबा और मोटा था इस बात से मोहिनी अनजान बिल्कुल भी नहीं थी क्योंकि हर रात वह उसे अपने मुंह और चूत दोनों में लेती थी इसीलिए वह बड़े गौर से कमरे के नजारे को देख रही थी,,,।
Aradna or sanju
on net
देखते ही देखते संजू की आंखें अपने आप बंद होने लगी और मोहिनी को इस बात का अहसास हो गया कि उसकी मां,, संजू के लंड को पूरा का पूरा मुंह में लेकर चूसने क्योंकि संजू के चेहरे के हाव-भाव तभी इस तरह से बदलते थे जब पूरा का पूरा लंड गले तक उतरता है यह देखकर मोहिनी एकदम हैरान हो जा रही थी क्योंकि अपनी मां के भोले चेहरे को देखकर उसे कभी यकीन ही नहीं हुआ कि उसकी मां इस तरह की भी हरकत कर सकती है,,,,,।
आहहहह आहहहह ओहहहह मम्मी आहहहहह बहुत मजा आ रहा है मम्मी,,,(अपनी कमर को आगे पीछे करके खिलाता हुआ) ओ मेरी रंडी बहुत मजा आ रहा है तू तो मेरी रानी है आज देखना तुझे कैसा चोदता हूं,,,,आहहहहह ईहहहह पूरा गले तक ले,,, हां ऐसे ही मेरी जान बहुत मजा दे रही है तू,,,ऊमममममम,,,,,,(संजू अद्भुत सुख प्राप्त करता हुआ दरवाजे की तरफ देख कर अपना हाथ ऊपर उठाकर अंगूठा दिखाते हुए मजा ले रहा था और फिर दरवाजे की तरफ अपनी उंगली से भी बनाकर अपने आप को विजेता घोषित कर रहा था वह अच्छी तरह से जानता था कि मोहिनी सब कुछ देख रही है और अपने भाई की हरकत देखकर मोहिनी की हालत खराब होती जा रही थी,,,,, आराधना की बड़ी बड़ी गांड दरवाजे की तरफ तोप की तरह ऊपर की तरफ उठकर इधर उधर हील रही थी,,, जिसे देखकर मोहिनी का भी मन डोल रहा था संजू दोनों हाथों से अपनी मां का सिर पकड़ कर अपनी कमर को थोड़ा तेजी से हिलाना शुरू कर दिया एक तरह से वह अपनी मां के मुंह को ही चोद रहा था मोहिनी अच्छी तरह से जानती थी कि उसकी मां अपने लाल-लाल होठों के बीच अपने बेटे के लंड को लेकर उसे बहुत सुख दे रही है उसे बहुत मजा दे रही है और यह एहसास मोहिनी की तन बदन में आग लगा रहा था और मोहिनी भी ,,,, जल्दी से अपने हथेली को अपनी चूत पर कपड़े के ऊपर से ही रखकर दबाने लगी,,,,,
Sanju
रात के सन्नाटे में जहां सब लोग गहरी नींद में सो रहे थे वही इस घर में मां बेटे और बेटी तीनों की नींद हराम हो चुकी थी तीनों की आंखों में नींद कोसों तक दूर नजर नहीं आ रही थी,,,, मां बेटे दोनों अपने जन्मदिन को पूरी तरह से यादगार बनाने में लगे हुए थे शुरू शुरू में आराधना को लंड को मुंह में लेने में बड़ी दिक्कत और घिन्न होती थी लेकिन अब वह बड़े मजे लेकर उसे मुंह में लेकर चुस्ती थी और तब तक चुसती थी जब तक कि संजू खुद उसे बाहर ना निकालें,,,,
कुछ देर तक संजू भी अपनी कमर हीलाकर मजा लेता रहा,,,, फिर अपने आप ही अपने लंड को अपनी मां के लाल लाल होठों को बीच से बाहर निकाल लिया,,,,, और अपनी मां के गाल थपथपाते हुए उसे शाबाशी देते हुए बोला,,,
आराधना अपने बेटे को मस्त करते हुए
वाह मजा आ गया बड़ा कमाल का चुस्ती है तू तू मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसकर इसकी धार बढ़ा दी है अब देखना तेरे कैसी चूत में धमाल मचाता है,,,, इतना कहने के साथ ही संजु अपनी मां की दोनों बाहों को पकड़कर उसे खड़ी किया और उस छोटे से पारदर्शी नाइट ड्रेस को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर ऊपर की तरफ उठा दिया और आराधना भी अपने दोनों हाथों को ऊपर करके नाईट ड्रेस को निकलवाने में अपने बेटे की मदद करने लगी अगले ही पल नाइट्रस उसके बदन से अलग हो चुका था और संजू उसे भी नीचे फेंक दिया था,,,। अब आराधना लाल रंग की ब्रा और पेंटी में अपने बेटे की आंखों के सामने खड़ी थी संजू उसे बिस्तर पर चलने के लिए नहीं बोला बल्कि खुद उसे अपनी गोद में उठा लिया और एक बार फिर से उसे बिस्तर पर पटक दिया,,,, संजू की ताकत को देखकर आराधना की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ने लगी थी दरवाजे के पीछे छुप कर देख रही इस नजारे को मोहिनी,,, प्यासी नजरों से देख रही थी,,,।
Aradna apne bete k lnd se kelti huyi
बिस्तर पर गिरी आराधना अपने आपको व्यवस्थित करके अपनी दोनों टांगों को बिस्तर पर खोल दी थी क्योंकि वह जानती थी कि उसका बेटा अब क्या करने वाला है दोनों पैर बिस्तर के नीचे थे और उसकी सोचने के मुताबिक ही संजू आगे बढ़ा और लाल रंग की पैंटी को बिना उतारे उसके एक किनारी को खींचकर चूत के ऊभरे हुए दूसरे भाग पर टिका दिया,,,,, जिससे आराधना की मक्खन जैसी चूत एकदम उपस्कर बाहर आ गई जिस पर मोहिनी की नजर पड़ते ही उसे समझते देर नहीं लगी कि क्रीम लगाकर उसकी मां ने चूत को सांफ की है शायद अपने बेटे के लिए ही,,,,,
संजू अपनी मां को चूत में उंगली करते हुए
चिकनी गुलाबी चूत को देखकर संजू के मुंह में पानी आ गया और वह अपने आप को रोक नहीं पाया अपनी उत्तेजना को और ज्यादा बढ़ाते हुए संजू अपनी हथेली को पूरी की पूरी अपनी मां की चूत पर रख ढंक लिया और उसपर अपनी हथेली को गोल-गोल दबाकर रगड़ने लगा जिससे आराधना की सिसकारी फूट पड़ी,,,,,, संजू से सब्र कर पाना बड़ा मुश्किल हुआ जा रहा था वह अच्छी तरह से जानता था कि मोहिनी सब कुछ देख रही है इसलिए वह तुरंत अपने प्यासे होठों को अपनी मां की चूत पर रख कर चाटना शुरू कर दिया चूत से उठ गई मादक खुशबू उसके तन बदन में मदहोशी का नशा भर रही थी संजू अपनी जीभ से चाट चाट कर उसके काम रस को पी रहा था रह रह कर संजू अपनी जीभ को अपनी मां की चूत की गहराई में डालकर उसकी मलाई को चाट रहा था आराधना से रहा नहीं जा रहा था उसकी आंखों में खुमारी छा रही थी उसके बदन में मदहोशी पूरी तरह से कब्जा जमाए हुए थे वह पूरी तरह से उत्तेजना के सागर में गोते लगा रहे थे अपने बेटे के साथ मस्ती करते हुए वह सारे रिश्ते नाते को एक तरफ रख दी थी उसे केवल एक ही रिश्ता नजर आ रहा था मर्द और औरत का,,,,,।
Aradna apni gaand
सहहहह आहहहहह मेरे बेटे पूरी जीभ डालकर चाट बहुत मजा आ रहा है रे तुझे बहुत मस्त चूत चाटना आता है,,,,आहहहह आहहहहह दैयारे मर गई आहहहह ऊमममममम ओहहहह संजु ऊफफफ ओहहहहह ,,,,,राज्जा,,,,आहहहहहह
अपनी मां की गरमा गरम सिसकारियों की आवाज को सुनकर खुद मोहिनी मदहोश हुए जा रही थी और वह तुरंत अपनी सलवार को खोल कर उसे अपने पैरों से बाहर निकाल लिया और अपनी नंगी चूत पर अपनी हथेली रखकर दबाना शुरू कर दी,,,,, संजू अपनी मां को पूरी तरह से मस्त कर रहा था उसे अद्भुत सुख दे रहा था देखते ही देखते दीवार पर टांगी घड़ी में 2:00 चुके थे,,,,,, अगर दूसरा कोई होता तो कब से आराधना को चोद चाद कर अलग हो गया था लेकिन कमरे के अंदर दूसरा कोई और नहीं संजू था मर्दाना ताकत से भरा हुआ संजू जोकि संभोग की इस प्रक्रिया को पूरी तरह से आनंद ले रहा था वह इस संभव की लीला को पुस्तिका के अभ्यास कर्म की तरह पढ़ रहा था उसके भूगोल को समझ रहा था उसके शब्दों के अर्थ को समझ कर आगे बढ़ रहा था तभी तो इम्तिहान में उत्तीर्ण होने की आशंका कई गुना बढ़ जाती है और यही संजू के साथ भी होता था संजू जिस किसी भी औरत के साथ संभोग करता था उसे संपूर्ण सुख प्रदान करने के बाद ही अलग होता था चाहे जितना समय लग जाए जब तक संतुष्टि प्राप्त नहीं होती थी तब तक वह उसमें जूता रहता था और इस समय भी वह अपनी मां के कमरे में अपनी मां के साथ वही कर रहा था आराधना के बदन में आग लगी हुई थी वह जल्द से जल्द अपने बेटे के लंड को अपनी चूत की गहराई में महसूस करना चाहती थी लेकिन संजू अपनी मां के बदन से खेल नहीं बल्कि खिलवाड़ कर रहा था वह अपनी मर्जी से अपनी मां का उपभोग कर रहा था उसे किसी भी प्रकार की जल्दबाजी नहीं थी उसे बस मजा आना चाहिए था और दूसरे को मजा देना आता था इसके सिवा उसे कुछ नहीं आता था तभी तो होगा आराधना पर पूरी तरह से काबू कर पाया था अपनी जीभ से कुरेद कुरेद पर वह अपनी मां की चूत की मलाई को चाट रहा था,,, और आराधना अपने बेटे की मर्दाना ताकत के आगे पूरी तरह से सीधी हो चुकी थी चारों खाने चित होकर वह बिस्तर पर लेटी हुई थी अभी तो संभोग का असली सुख असली खेल बाकी था लेकिन आराधना अपने बेटे की चूत चटाई से पानी फेंक दी थी,,,, जिसे बड़े चाव से मीठी खीर समझ कर संजू अपनी जीभ से चाट गया था,,,,,।
SAnju or arafhna bistar par maja karte huye
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ओहहहह राजू मेरे बेटे मेरे राजा मुझसे रहा नहीं जा रहा है मेरी चूत में आग लगी हुई है अब जल्दी से मेरी चूत में अपना लंड डाल दे मुझे चोद संजू मुझे चोद,,, फाड़ दे मेरी चूत को अपने लंड से,,,आहहहह मेरे राजा,,,, बस अब जल्दी कर मुझसे रहा नहीं जाता,,,,
मोहिनी अपनी मां की विवशता को अच्छी तरह से समझ रही थी जानती है कि जब औरत की चूत पानी फेंक देती है तो कितना तड़पति है लंड लेने के लिए और यही उसकी मां के साथ हो रहा था उसकी मां को अब लंड की जरूरत थी मोटे तगड़े लंड की,,,,, शायद संजू भी अच्छी तरह से समझ गया था कि अब उसकी मां को क्या चाहिए इसलिए वह भी तुरंत अपनी मां की दोनों टांगों के बीच से उठकर खड़ा हुआ और अपना कुर्ता निकाल कर फेंक दिया और टांगों में फंसी हुई पेंट और चड्डी को भी निकाल कर एकदम नंगा हो गया लेकिन अभी भी अपनी मां को नंगी करना बाकी था इसलिए उसकी चड्डी को दोनों छोर से पकड़ कर उसे नीचे की तरफ खींचने लगा और आराधना अपने बेटे का साथ देते हुए अपनी भारी-भरकम गांड को हवा में उठा दी जिससे उसके बेटे को चड्डी उतारने में आसानी हो अकेले ही संजू अपनी मां की चड्डी उतार कर अपनी मां को नंगी कर चुका था ना कि अभी भी दोनों खरबूजा को छुपाने के लिए ब्रा बदन पर थमी हुई थी लेकिन इस समय जिस तरह के हालात है इस समय संजू की नजर अपनी मां की चूचियों पर ना होकर उसकी दोनों टांगों के बीच की गुलाबी दरार पर केंद्रित हो चुकी थी और वाकई में इस समय एक मर्द को यही चाहिए कि औरत की दोनों टांगों के बीच की पतली दरार पर ज्यादा ध्यान दें,,,।
बिस्तर पर आराधना चारों खाने चित लेटी हुई थी दोनों टांगों को फैला कर क्योंकि वह जानती थी कि किसी भी वक्त उसके बेटे का लंड उसकी चूत में घुस जाएगा लेकिन दूसरी तरफ संजू यह भी जानता था कि इस नजारे को पूरी तरह से उसकी बहन दरवाजे के बाहर खड़ी हो कर देख रही है इसीलिए वह अपने लंड को अपनी बहन को दिखाने के लिए पानी से पानी पीने के लिए दरवाजे के पास गया जहां पर उसकी बहन को उसका लंड साफ टनटनाया हुआ दिख रहा था जिसे देखकर खुद मोहिनी की चूत में पानी आ गया था,,,,, पानी पीकर अपने सूखे गले को गिला करने के बाद वापस संजू बिस्तर के पास पहुंच गया और बिस्तर पर पैर का घुटना रखकर आगे बढ़ते हुए अपनी मां की मोटी मोटी जान को अपने दोनों हाथों से पकड़कर फैला दिया जिससे उसकी गुलाबी चूत उभर कर एकदम आंखों के सामने आ गई,,, जिसे देखकर संजू के मुंह में पानी आ गया और वह फिर अपनी मां को कमर से पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया जिससे उसकी मजबूत जांघों पर उसकी मां की आधी गांड टिक गई और बाकी नीचे की तरफ लहराने लगी इस मुद्रा में आराधना की चूत ठीक संजू के लंड के सामने थे और संजू अपने लंड को अपने हाथ से पकड़ कर उसके टोपे को अपनी मां की गुलाबी चूत पर पटक रहा था,,, जब-जब चूत पर लंड का टोपा पडता था,,, तब तब आराधना के मुंह से कराहने की आवाज आ जाती थी,,,।
आहहह ऊहहहहह ओहहहह संजु उमममम क्या कर रहा है लग रही है,,,,
चिंता मत कर मेरी रानी जब अंदर जाएगा तो मजा भी इतना ही देगा,,,
तो डालना तडपा क्यों रहा है,,,,
हाय मेरी रानी,,,, मैं कहां तड़पा रहा हूं तड़पा तो तू रही है अपनी चूत दिखा कर,,,,,,,,आहहहहह ,,,(लंड को चूत पर रगडते हुए,,,,)
तेरे लिए ही तो खोल कर रखी हूं डालता क्यों नहीं है,,,
हाय मेरी जान तेरी यही तड़प देखने के लिए तुम्हारा जा रहा हूं,,,, अब देखना मैं कैसे तुझे चोदता हूं,,,तु एकदम मस्त हो जाएगी,,,
(मोहिनी तो अपनी मां और अपने भाई की गंदी बातें सुनकर पूरी तरह से मस्त हुए जा रही थी यहां तक कि वह अपनी चूत को अपनी हथेली से रगड़ रगड़ कर लाल कर दी थी उसमें से काम रस टपक रहा था उसका भी मन कर रहा था कि इसी समय अभी कमरे के अंदर चली जाए और अपनी मां से पहले अपने भाई के लंड को अपनी चूत में ले ले,,, लेकिन अभी ऐसा मुमकिन बिल्कुल भी नहीं था,,,, बिस्तर का खेल मोहिनी को दरवाजे के बाहर खड़ी रह कर भी ट्यूबलाइट की दूधिया रोशनी में सब कुछ साफ दिखाई दे रहा था,,,, संजू अपने वादे के मुताबिक अपने लंड के कड़क सुपाड़े को अपनी मां की कोमल चूत में डालना शुरू कर दिया चूत पहले से ही पनियाई हुई थी इसलिए लंड को चूत में डालने में बिल्कुल भी दिक्कत नहीं हुई यह देखकर मोहिनी भी हैरान थी और उसका शक और भी ज्यादा पक्का हो चुका था कि यह खेल 1 दिन का नहीं बल्कि महीनों का है,,,, वरना इस बात को तो वह अच्छी तरह से जानती थी कि संजू का लंड कुछ ज्यादा ही मोटा हो और लंबा है इतनी आसानी से किसी की भी चूत में पहली बार में घुसने वाला नहीं था जो कि उसकी मां ने पहली बार में ही अपने बेटे के लंड को पूरा का पूरा अपनी चूत में ले ली थी,,,,
अब मोहिनी को उसकी मां अनाड़ी नहीं बल्कि पक्की खिलाड़ी नजर आ रही थी क्योंकि उसकी चूत में पूरी तरह से संजु का लंड घुस चुका था और वह अपने दोनों पैरों को अपने बेटे की कमर में लपेट कर उसे अपनी तरफ खींच रही थी संजू धीरे-धीरे अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया था क्योंकि उसका लंड आराधना की चूत की गहराई नापना शुरू कर दिया था,,, आराधना अपने बेटे के लंड का मजा बहुत बार ले चुकी थी यहां तक की आज अपने जन्मदिन के दिन गेस्ट हाउस में तीन तीन बार जमकर चुदवाई थी लेकिन फिर भी इस समय ऐसा लग रहा था कि जैसे वह पहली बार ले रही हो,,,,,, अब संजू अपनी मां को चोदना सुन कर दिया था और घड़ी में अढी बज रहा था,,, मोहिनी इस बात से हैरान थी कि 12:00 बजे जो खेल शुरू हुआ था उसकी असली शुरुआत अढी बजे हो रही थी,,,,,।
संजू की कमर हिला शुरू हो चुकी थी संजू का मोटा तगड़ा गडरा देना की चूत में अंदर बाहर होना शुरू हो गया था और इसी के साथ ही आराधना की गरम सिसकारीयो का दौर भी शुरू हो गया था,,,,, हर धक्के के साथ आराधना के चेहरे का भाव बदल रहा था आराधना को अद्भुत सुख मिल रहा था अपने बेटे की लंड को वह अपनी चूत की अंदरूनी दीवारों में रगड़ता हुआ अंदर बाहर होता हुआ महसूस कर रही थी जिससे उसके आनंद में निरंतर बढ़ोतरी होती जा रही थी संजू अपनी मां की लाल लाल ब्रा को पकड़कर उसकी चूची को दबा रहा था,,,, जो कि इस तरह से कुछ कम ही नजर आ रही थी इसलिए वह तुरंत अपने दोनों हाथों को अपनी मां के नीचे ले गया और उसे हल्के से उठाने की कोशिश करने लगा आराधना भी अच्छी तरह से समझ गई कि उसका बेटा क्या करने वाला है इसलिए थोड़ा सा अपने कौन है का सहारा लेकर अपने बदन को ऊपर की तरफ उठा ली और संजू अपना हाथ पीछे की तरफ ले जाकर अपनी मां के ब्रा का हुक खोलने लगा जिसमें उसे जल्द ही कामयाबी हासिल हो गई,,,, हुक के खुलते ही ब्रा का कसाव चूचियों पर से ढीला पड़ गया और अगले ही पल संजू उसे अपनी मां की बाहों में से निकाल कर नीचे फेंक दिया अब आराधना भी संजू की तरह एकदम नंगी हो चुकी थी संजू बिल्कुल भी देर किए बिना अपनी मां की चूची को दोनों हाथों से पकड़ लिया और से जोर-जोर से दशहरी आम की तरह दबाना शुरू कर दिया जिससे आराधना के आनंद में वृद्धि हो रही थी क्योंकि संजू नीचे से भी और ऊपर से भी उसे रगड़ रहा था,,,,,।
आराधना अपनी नजरों को अपनी दोनों टांगों के बीच टीका कर अपने बेटे के लंबे मोटे लंड को अपनी चूत की गहराई में अंदर बाहर होता हुआ देख रही थी जिसे देख कर उसके चेहरे की लाली और भी ज्यादा बढ़ती जा रही थी,,,,, मोहिनी पहली बार अपनी मां को चुदवाते हुए देख रही थी और वह भी अपने ही सगे बेटे से इसकी खुशी मोहिनी से ज्यादा और किसी को भी नहीं थी आज मोहिनी के मन की हो गई थी मोहिनी यही चाहती थी कि उसका भाई उसकी मां को भी चोदे जिसमें उसका दो फायदा था एक तो उसकी मां किसी गैर से शारीरिक संबंध नहीं बनाती है और दूसरा यह कि अगर उसकी मां उसके भाई और उसको रंगे हाथों पकड़ लेती तो मोहीनी के पास भी अपने बचाव के लिए ठोस कारण मिल जाता जिससे आराधना का मुंह बंद हो जाता है और इसी तरह से घर के तीनों लोगों का आपस में ही मजा लेते रहते,,,,
ब्रा के निकलते ही संजू पूरी तरह से अपनी मां की चूचियों पर टूट पड़ा था एक तरफ से वह जोर-जोर से अपनी कमर हिलाता हुआ अपने लंबे लंड को अपनी मां की चूत में फेल रहा था और दूसरी तरफ उसकी बड़ी-बड़ी चूचियों को दशहरी आम कितना दबा दबा कर उसका रस निचोड़ रहा था,,,, पंखा चालू होने के बावजूद भी दोनों के माथे से पसीना टपक रहे थे क्योंकि दोनों मेहनत भी बराबर कर रहे थे,,,,।
आहहह आहररर मेरी रानी तुझे चोदने में बहुत मजा आता है मुझे यकीन नहीं होता की दो दो जवान बच्चों की मां होने के बावजूद भी तेरी चूत इतनी कसी हुई है,,,।
(मोहिनी अपने भाई के मुंह से इतनी गंदी बात सुनकर शर्म से पानी पानी हो जा रही थी भले ही उसकी आंखों के सामने उसका भाई अपनी ही मां को चोद रहा था लेकिन उसके मुंह से इस तरह की गंदी बातें सुनकर मोहिनी को शर्म महसूस हो रही थी लेकिन मजा भी बहुत आ रहा था)
तेरे लिए ही कसी हुई है तेरे बाप के पास इतना मोटा और लंबा लंड नहीं था तभी तो मेरी चूत की प्यास बुझा नहीं पाता था और सच कहूं तो मुझे तो पता ही नहीं था कि कितना लंबा और मोटा लंड भी होता है वरना तेरे पापा का तो इतना छोटा था तेरे से ज्यादा ही था और पतला चूत में जाते ही दो-तीन मिनट में पानी फेंक देता था मुझे तो पता ही नहीं चलता था कि औरत को भी इतना मजा आता है,,,,
(अपनी मां की बात सुनकर मोहिनी हैरान हो गई थी उसे अब जाकर पता चला था कि उसकी मां को उसके पापा से बिल्कुल भी सुख नहीं मिला था चुदाई क्या होती है जुदाई का असली सुख क्या होता है इन सब से उसकी मां बिल्कुल अनजान थी उसकी मां को असली सुख उसका भाई दे रहा था इस बात से मोहिनी को गर्व महसूस होने लगा,,,,)
मैं हूं ना तेरी मस्त चूत की सेवा के लिए देखना मैं दिन-रात तेरी चूत की सेवा करते रहूंगा तुझे इतना पेलुगा कि तू दिन रात मेरे लंड को अपनी चूत में लेकर पड़ी रहेगी,,,,(ऐसा कहते हुए संजू जोर जोर से धक्के लगा रहा था कुछ देर तक संजू इसी तरह से अपनी मां को चोदता रहा लेकिन उसका पानी इतनी जल्दी निकलने वाला नहीं था क्योंकि अपनी बहन मोहिनी की चूत में वहां पूरा गर्म लावा गिरा कर आया था इसलिए दोबारा गिरने में थोड़ा समय लगने वाला था इसलिए वह अपनी मां की चूत में से अपना लंड बाहर निकाला और उसे घोड़ी बन जाने के लिए बोला,,,,, आराधना पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी एक पल के लिए भी वह अपने बेटे के लंड को अपनी चूत से अलग नहीं होने देना चाहती थी इसलिए अपने बेटे की बात मानते हैं जल्दी से वह घोड़ी बन गई और अपनी गांड हवा में उठा दी संजू इस मुद्रा में अपनी मां को चोदने के लिए बिस्तर से नीचे उतर गया,,,, और अपनी मां की बड़ी बड़ी गांड देखकर वह उस पर चपत लगाने से अपने आप को रोक नहीं पाया और दोनों हाथों से उसकी गोरी गोरी गाल पर थप्पड़ लगाने लगा जिससे पल भर में ही उसकी गोरी गोरी गाल टमाटर की तरह लाल हो गई हर थप्पड़ के साथ उसके मुंह से आह निकल जाती थी लेकिन गांड पर थप्पड़ पड़ने का मजा ही कुछ और था इस बात का एहसास उसे भी अच्छी तरह से था,,,,,
लंड को हाथ में पकड़ कर दरवाजे की तरफ दिखाकर जोर-जोर से हिलाते हुए मुस्कुरा कर एक बार फिर से वह अपनी मां के गुलाबी छेद में डाल दिया और चोदना शुरू कर दिया पीछे से चुदवाने का एक मजा और ज्यादा था कि इस तरह से वह अपनी मां की गांड को दोनों हाथों से दबा दबा कर चोद पाता था,,,, किसका मजा खुद आराधना भी अच्छी तरह से लेती थी अपनी मां की कमर को पकड़कर भर जोर-जोर से अपनी कमर हिलाने लगा और अपने दोनों हाथ आगे बढ़ा कर अपनी मां के लटक रही पपैया को पकड़ लिया और जोर जोर से दबाना शुरू कर दिया,,,, पूरे कमरे में आराधना की गरम सिसकारियां गुंज रही थी जोकि मोहिनी के कानों में एकदम साफ सुनाई दे रही थी अपनी मां की गर्म सिस कारीयो की आवाज सुनकर मोहिनी से भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था और वहां एक साथ दो उंगली अपनी चूत में डाल कर अंदर बाहर कर रही थी उसका मन तो बहुत कर रहा था कि दरवाजा खोलकर अंदर घुस जाए और अपनी मां का साथ दे लेकिन वह अपने आप को संभाले हुए थी,,,,,।
संजू की कमर बड़ी तेजी से चल रही थी और आराधना के बदन में अकड़न बढ़ने लगी थी दोनों चरम सुख के करीब पहुंच रहे थे,,,, आराधना को लग रहा था कि इसी तरह से घोड़ी बनाकर चोद कर दोनों झड़ जाएंगे लेकिन तभी संजू ने अपने लंड को बाहर निकाला और बिस्तर पर पीठ के बल लेट गया और अपनी मां को अपने ऊपर चढ़ने के लिए बोल दिया दोनों चरम सुख के इतने करीब थे की आराधना से बिल्कुल भी रहा नहीं गया और वह तुरंत अपने बेटे के इर्द-गिर्द अपना घुटना रखकर यह खास नीचे की तरफ लाकर अपने बेटे के लंड को पकड़ लिया और उसे गुलाबी छेद में दिखाकर अपनी भारी-भरकम गांड को लंड के ऊपर उसका दबाव बनाते हुए उसे अंदर लेने लगी आराधना की गांड दरवाजे के ठीक सामने थी इसलिए मोहिनी को सब कुछ साफ नजर आ रहा था अपनी मां की नंगी जवानी देख कर खुद मोहिनी के मुंह में पानी आ रहा था क्योंकि मोहिनी के अंग से कुछ ज्यादा ही तरह से और कसा हुआ उसकी मां का अंग था मोहिनी साफ तौर पर देख रही थी कि उसकी मां अपनी बड़ी बड़ी गांड को अपने बेटे के मोटे तगड़े लंड पर जोर जोर से पटक रही थी अपनी मां का यह रूप देखकर मोहिनी के मुंह में पानी आ गया था और वह अपनी उंगली को जोर-जोर से अपनी चूत में अंदर बाहर करके अपना पानी भी निकाल देना चाहती थी इस समय मोहिनी को अपनी मा एक रंडी की तरह लग रही थी पहली बार में ही अपनी मां को पूरी तरह से नग्न अवस्था में देख रही थी उसका नंगा बदन स्वर्ग से उतरी हुई अप्सरा जैसा दिख रहा था उसकी खूबसूरती के आगे वह खुद भी कुछ नहीं थी,,,, अपनी मां की बड़ी बड़ी गांड देखकर मोहिनी अपने मन में यह सोच रही थी कि अगर संजू की जगह कोई और दूसरा लड़का या आदमी उसकी मां को नंगी देख ले तो शायद बिना चोदे वह रह नहीं पाएगा,,,,,
फच्च फुच्च,,, फच्च फुच्च की आवाज लगातार चूत और लंड के संगम से आ रही थी जो कि बेहद मधुर और कामोत्तेजना बढ़ाने वाली आवाज थी,,,, आराधना के भारी-भरकम बदन का दमखम झेलना पाने की वजह से पलंग में से भी चरण बाहर की आवाज आ रही थी,,,,,, देखते-देखते आराधना आदि की तरफ झुकी और संजू के कंधे पर दोनों हाथ रख कर अपनी गांड को जोर-जोर से उछालते हुए मजा लेते हुए बोली,,,।
आहहह संजू आहहहहह मेरे राजा मेरा निकलने वाला है,,,आहहह आहहहह बहुत मजा आ रहा है राजा,,,,
मेरा भी निकलने वाला है मेरी रानी मुझसे भी रहा नहीं चल रहा है,,,,(इतना कहने के साथ ही संजु नीचे से भी अपनी कमर ऊपर की तरफ उछाल से लगा दोनों किसी से कम नहीं थे दोनों पीछे नहीं हटना चाहते थे दोनों एक दूसरे पर भारी पड़ना चाहते थे इसलिए दोनों तरफ से कोशिश हो रही थी और देखते ही देखते दोनों की सांसें बड़ी तेजी से चलने लगी और आराधना एक बार बड़ी जोर से अपनी गांड को ऊपर की तरफ उठाई और इतनी जोर से अपने बेटे के लंड पर पटकी की पूरा का पूरा उसके ऊपर बैठ गई वो तो अच्छा हुआ कि संजू का लंड उसकी चूत के अंदर था जो की गहराई तक पहुंच गया था अगर बाहर होता तो शायद आराधना की भारी-भरकम गांड का वार वह सह नहीं पाता और टूट जाता,,,, आराधना अपने बेटे के लंड को अपनी चूत की गहराई में लेकर अपनी बड़ी बड़ी गांड को गोल-गोल घुमा रही थी और पानी छोड़ रही थी संजू भी अपनी मां की चूचियों को दोनों हाथों से दबोच ता हुआ अपना पानी निकाल रहा था,,,,
और बाहर खड़ी मोहिनी का भी हल्की आह के साथ पानी निकल गया,,, घड़ी में 3:00 बज के 15 मिनट हो रहा था कब इतना समय बीत गया मोहिनी को भी पता नहीं चला अभी भी उसकी मां अपने बेटे के ऊपर नंगी लेटी हुई थी और संजू का लंड अभी भी उसकी चूत में था अब इससे ज्यादा देख पाना मोहिनी के बस में नहीं था क्योंकि उसका भी पानी निकल चुका था और जैसा हुआ चाहती थी वैसा हो चुका था वह मुस्कुराते हुए अपने कमरे में गई और बिस्तर पर लेट गई और ना जाने कब तक दोनों मां बेटों का खेल चलता रहा मोहिनी को पता नहीं चला सुबह जब मोहिनी की नींद खुली तो संजू बिस्तर पर नहीं था यह धीरे से कमरे से बाहर आए तो अभी भी आराधना के कमरे का दरवाजा बंद था ,,,, वह धीरे से वापस अपनी मां के कमरे के दरवाजे तक पहुंची और उसमें से अंदर की तरफ देखने लगी तो अभी भी उसकी मां उसी मुद्रा में ही उसके ऊपर लेटी हुई थी दोनों उसी मुद्रा में सो चुके थे इस समय वह अपनी मां को इस अवस्था में जगाना नहीं चाहती थी,,,, क्योंकि इस अवस्था में जगह कर वह अपनी मां को किसी भी तरह से शर्मिंदा नहीं करना चाहती थी इसलिए वह खुद भी अपने कमरे में जाकर लेटे रहने का बहाना करने लगे थोड़ी देर बाद बगल वाले कमरे से हड़बड़ाहट की आवाज आने लगी और तुरंत कुछ देर बाद संजू बाहर आया और कमरे का दरवाजा खोल कर देखा तो मोहिनी जानबूझकर सोने का नाटक कर रही थी उसे ऐसा करने के लिए आराधना ने हीं बोली थी मोहिनी को सोता हुआ देखकर संजू धीरे से कमरे से बाहर निकला और अपनी मां को धीरे से कान में बोला,,,।
चिंता मत करो मम्मी मोहिनी अभी सो रही है,,,
बाप रे बाल बाल बचे,,,,,
(अपनी मां के मुंह से इतना सुनकर मोहिनी मन ही मन में मुस्कुराने लगी और फिर खुद उसकी मां उसे जगाने के लिए दरवाजे पर दस्तक देने लगी)
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