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Incest मजबूरी या जरूरत

Ajju Landwalia

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Wah rohnny4545 Bhai,

Kya mast aur super hot updates di he aapne............Manisha ka bhi number lag gaya............Aaradhna aur Mohini ke sath bhi threesome ho gaya............

Ab Sanju gaanv ja raha he...........waha bhi kuch naye dhamake jarur honge................

Simply awesome Bhai

Keep posting
 

rohnny4545

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गांव जाने की सारी तैयारियां हो चुकी थी,,,, बस की टिकट कंफर्म हो चुकी थी आराम से गांव जा सके सफर का मजा मिल सके इसलिए संजू ने बस की केबिन बुक करवाई थी जिसमें तीनों आराम से जा सकते थे,,,, केबिन होने से तीनों को किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होती इसीलिए संजू ने कभी नहीं बुक करवाया था ताकि लेटे-लेटे जा सके क्योंकि सफर थोड़ा लंबा था सीट पर बैठे बैठे कमर दुखने लगती,,,,
संजू और आराधना बैग में नए-नए कपड़े और जरूरत का सामान रख रहे थे जिसमें मोहिनी मदद भी कर रही थी,,,

साधना भी अपना बैग तैयार कर चुकी थी रात 8:00 बजे की बस्ती जो कि दूसरे दिन रात को 9:00 बजे गंतव्य स्थान पर पहुंचा देती,,,, सफर में 24 घंटे से ज्यादा का समय लगने वाला था वैसे तो ट्रेन की रिजर्वेशन ही सही पसंद होती लेकिन विवाह का समय होने की वजह से रिजर्वेशन नहीं मिल पा रहा था इसलिए ना चाहते हुए भी संजू ने बस की टिकट करवाई थी,,,, लगभग लगभग सारी पैकिंग हो चुकी थी फिर भी आराधना याद कर कर के एक-एक सामान को बैग में रख रही थी ताकि गांव में जरूरत पड़ने पर इधर-उधर भागना‌ ना पड़े,,,,,

अभी दोपहर के 12:00 बज रहे थे अभी बहुत समय था बस पकड़ने में इसलिए मोहिनी सोची की आज तो वह अपनी मौसी के घर चली जाएगी तो क्यों ना अपनी सहेलियों से मिल लिया जाए,,, और यही सोचकर वह अपनी मम्मी से बोली,,,


मम्मी मैं अपनी सहेलियों से मिलकर आती हूं क्योंकि मौसी के घर चली जाऊंगी तो उनसे मिलना नहीं हो पाएगा,,,


ठीक है जा लेकिन जल्दी आ जाना अभी सफर के लिए खाना भी बनाना है,,,,


ठीक है मम्मी मैं जल्दी से आ जाऊंगी,,,,।
(इतना कहकर मोहिनी घर से बाहर चली गई और संजू और उसकी मां दोनों बैग के पास ही थक कर बैठे हुए थे,,,, दोनों पसीने से लथपथ थे आराधना के माथे से पसीना टपक रहा था और पसीने की खुशबू दे उसकी गर्दन से हो करके उसकी दोनों चूचियों के बीच की घाटी में झरने की तरह बह रही थी जिसे देखकर संजू मुस्कुराता हुआ बोला,,,)


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देखो तो सही मम्मी पसीने की बूंदें भी तुम्हारी चूचियों के बीच ही जाना चाहती हैं देखो तो सही कैसे दोनों चूचियों के बीच की घाटी में जा रही हैं,,,,।
(अपने बेटे के मुंह से इतना सुनकर आराधना सहज रूप से अपनी छातियों की तरफ देखने लगी ब्लाउज का पहला बटन खुला हुआ था इसलिए दोनों चूचियों के बीच की घाटी और भी ज्यादा गहरी और उभरी हुई नजर आ रही थी जिसमें वाकई में पसीने की बूंदे जा रही थी अपने बेटे की बात और अपनी हालत को देखकर आराधना मुस्कुराते हुए बोली,,,)
आजकल सब का ठिकाना वहीं पर है,,,

क्यों ना हो मम्मी आखिरकार इतनी खूबसूरत जगह जो है,,,

उससे भी खूबसूरत जगह तो,,,(अपने चेहरे की टोढी को इशारे से अपनी दोनों टांगों के बीच नीचे की तरफ करते हुए) यहां पर है,,,,,


हाय,,, सच कह रही हो मम्मी दुनिया की सबसे खूबसूरत जगह तुम्हारी दोनों टांगों के बीच ही है,,,, उधर भी पसीना बह रहा होगा,,,,

क्यों,,,?(आराधना मुस्कुराते हुए बोली)

क्योंकि तुम्हारी चूत बहुत गर्म है इसलिए वहां ज्यादा गर्मी के साथ-साथ पसीना छूट रहा होगा,,,


नहीं ऐसा बिल्कुल भी नहीं है,,, हम औरतों का पसीना छोड़ता नहीं बल्कि हम औरतें मर्दों का पसीना छुड़ा देते हैं,,,


यह तो सच कही लेकिन सभी मर्दों के साथ ऐसा नहीं होता है टक्कर का मर्द होना चाहिए जो औरतों का खुद का पसीना छुड़ा दे जैसा कि मैं मैं हमेशा तुम्हारा पसीना छुड़ा देता हूं माना कि तुम्हारी चूत एकदम कसी हुई है लेकिन मेरा लंड भी कुछ कम नहीं है,,, एक बार तुम्हारी चूत में जाता है ना मम्मी तो तुम,,आहहहह ऊहहहह करने लगती हो,,,, मेरा लंड घुसते ही देखती है तुम्हारी चूत की हालत कैसी हो जाती है तुम्हारी चूत में छल्ला बन जाता है और कैसे कचोरी की तरह फुल जाती है,,,,


चल रहने दे अपनी मर्दानगी की महान गाथा कहने को देखता नहीं जब मैं तेरे मोटे लंड को अपनी चूत के अंदर दबा लेती हो तो कैसा तू हांफने लगता है,,,,

वह तो मम्मी इतना थोड़ा सा होगा ही ना के पास तुम इतनी खूबसूरत औरत जो हो तुम्हारा बदन इतना खूबसूरत है गदराया हुआ और तो और तुम्हारी चूत की फांके कितनी मोटी है वह तो मैं हूं कि झेल लेता हूं दूसरा कोई हो तो डालते ही झड़ जाए,,,


जैसा कि तेरे पापा,,,,


हां अभी तुमने सच कही ,,,,, पापा तो 1 2 धक्के में ही ढेर हो जाते होंगे,,,, सच मम्मी पापा को देखता था तो यकीन ही नहीं होता था कि वह तुम्हारे पति है क्योंकि तुम इतनी खूबसूरत हसीन जवान हो और पापा बिल्कुल भी तुम्हारे लायक नहीं है,,,


तू तो है ना मेरे राजा मेरे लायक,,,,

हां वह तो हूं,,,, तभी तो तुम्हें मस्त कर देता हूं,,,,


और मैं तुझे मस्त नहीं करती क्या,,,,


तुम तो मुझे पानी पानी कर देती हो,,,,(इतना कहते हुए संजू अपने होठों को अपनी मां की फोटो की तरफ आगे बढ़ने लगा दोनों इस तरह की अश्लील बातें करते हुए पूरी तरह से उत्तेजित हुए जा रहे थे,,,, देखते ही देखते दोनों मां बेटों के होठों का मिलन हो गया और संजू अपनी मां के लाल लाल होठों को अपने होंठों के बीच लेकर उसके रस को चूसना शुरू कर दिया और साथ ही अपना एक हाथ आगे बढ़ा कर ब्लाउज पर रखकर अपनी मां के खरबूजे को दबाना शुरू कर दिया,,,, पल भर में ही दोनों के बीच उन्मादक स्थिति पैदा हो गई दोनों मदहोश में जा रहे थे,,,, सफर में ले जाने के लिए एक किए हुए बैग के बगल में बैठ कर दोनों आनंद की पराकाष्ठा तक पहुंचने की कोशिश करने लगे संजू पागलों की तरह अपनी मां के लाल लाल होठों को चूस रहा था और उसकी चूची को दबा रहा था साथ ही आराधना भी कम नहीं थी वह भी अपने हाथ को अपनी बेटी के पेंट पर रखकर उसकी खड़े लंड को पेंट के ऊपर से ही जोर जोर से दबा रही थी,,,,,

दोनों की सबसे बड़ी तेजी से चलने लगी दोनों की सांसो की आवाज कमरे में सुनाई दे रही थी दोपहर का समय था साथ में गर्मी भी पढ़े जोरों की थी इसलिए घर के बाहर सड़क पर वाहनों का शोर भी बहुत कम था और लोग अपने अपने घरों में आराम कर रहे थे इसलिए इस सन्नाटे में दोनों की गरमा गरम सिसकारी की आवाज कमरे में एकदम साफ सुनाई दे रही थी देखते ही देखते संजू अपनी मां के ब्लाउज को लगभग फाड़ने की स्थिति में उसके बटन को खोलना शुरू कर दिया जैसे-जैसे संजू अपनी मां के ब्लाउज के बटन को खोल रहा था कैसे-कैसे उसका उतावलापन और ज्यादा बढ़ता जा रहा था आराधना भी अपने बेटे की पेंट को खोलने की कोशिश कर रही थी लेकिन वह खोल नहीं पा रही थी,,,,, पेंट के अंदर संजू का लंड पूरी तरह से अपनी औकात में आ चुका था जो कि पेंट के ऊपर से कुछ ज्यादा ही मोटा तगड़ा लग रहा था जिसे आराधना अपनी हथेली में लेकर मस्त हुए जा रही थी,,,,

दोनों का प्रगाढ़ चुंबन पूरी तरह से उन्मादक स्थिति में पहुंचता चला जा रहा था दोनों के थूक और लार जीभ के द्वारा एक दूसरे के मुंह के अंदर आदान-प्रदान हो रहा था,,, उत्तेजना और गर्मी का समन्वय से आराधना का बदन पसीने से तरबतर हो चुका था,,,,, देखते-देखते संजू अपनी मां के ब्लाउज के सारे बटन को खोल दिया था और पल भर में उसकी ब्रा को ऊपर की तरफ खींच कर उसकी नंगी चूचियों पर दोनों हाथ रख कर उसे दबाने का मजा लूट रहा था पसीने से तरबतर चूचियां संजू के हाथों में छटक रही थी,,,, पसीने की वजह से चुचियों पर फिसलन थी जो कि बार-बार संजू कोशिश करता था और बार-बार फिसल जा रहा था और इस तरह से करने में आराधना को भी बहुत मजा आ रहा था,,,,,

हाय तेरी चूची कितनी मस्त है रे,,,,आहररर मन करता है कच्चा चबा जाऊं,,,,।

सहहहरह आहहहहह मादरचोद चबा जाना रोका किसने है,,,,


हाय मेरी छिनार तेरी यही अदा तो मुझे पागल कर देती है,,,,,
(और इतना कहने के साथ ही संजु अपनी मां की चूची को अपने मुंह में भर कर पीना शुरू कर दिया और आराधना भी अपने बेटे को अच्छी तरह से अपना दूध पिला सके इसलिए पीछे की तरफ अपने दोनों हाथों की हथेली का सहारा लेकर अपनी छातियों को थोड़ा ऊपर की तरफ उठा दी,,,, खरबूजे की तरह गोल-गोल बड़ी चूचियां आराधना की छातियों की शोभा बढ़ा रही थी जिसे संजू अपने हाथों से पकड़कर रोंदता हुआ उसे अपने मुंह में लेकर पी रहा था,,,, मजा ले रहा था लेकिन जिस तरह का मजा आराधना लेना चाह रही थी उसे थोड़ी दिक्कत पेश आ रही थी इसलिए वह संजू से बोली,,,)

अरे मादरचोद तू तो मजा ले रहा है मुझे भी तो मजा दे लंड तो बाहर निकाल,,,,

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अरे छिनार पहले बोली होती तेरे लिए ही तो खड़ा हुआ है,,,,(और इतना कहने के साथ ही संजू थोड़ा सा अपने आप को दुरुस्त किया और अपने पेंट का बटन खोल कर पल भर में है उसे अपने घुटनों का खींच कर नीचे कर दिया और अपना खड़ा लंड पकड़कर हिलाना शुरू कर दिया वह इस तरह से हरकत करते हुए अपनी मां को अपने लंड की तरफ आकर्षित कर रहा था और आराधना भी अपने बेटे के लैंड के आकर्षण में पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी और बिल्कुल भी देर किए बिना वह तुरंत अपना हाथ आगे बढ़ा कर अपने बेटे के लंड को तो कभी नहीं जो की पूरी तरह से गर्म हो चुका था मानो कि उसके लिए कोई स्वादिष्ट व्यंजन गरमा गरम परोसा जा रहा हो,,,,,,, कमरे का हालात मां बेटे दोनों के काबू में बिल्कुल भी नहीं था दोनों मदहोश हो जा रहे थे पागल हुए जा रहे थे आराधना चुदवासी हुए जा रही थी इस बात को अच्छी तरह से जानती थी कि गांव जाने पर पता नहीं है मौका मिले या ना मिले इसलिए जो मजा लेना था इसी समय ले लेना चाहती थी और यह सोचकर वह और भी खुश थी कि अच्छा हुआ कि मोहिनी चली गई उन दोनों को एकांत मिल गया वरना मोहिनी को भी भाग देना पड़ता,,,, वैसे तो आराधना को अपनी बेटी के साथ अपने बेटे से मजा लेने में किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं थी लेकिन वह अकेले में खुलकर मजा लेना चाहती थी बिना संजू को किसी से बातें,,,, और इसमें उसे बिल्कुल भी शक नहीं था कि उसका बेटा उन दोनों की जवानी का रस निचोड़ ने में पूरी तरह से सक्षम है वह अच्छी तरह से जानती थी कि उसका बेटा अपने खड़े लंड से दोनों का पानी निकालने में पूरी तरह से समर्थ है लेकिन फिर भी वह इस तरह के मजे को अकेले लेना चाहती थी वह अपने बेटे के लंड को पूरी तरह से अपनी चूत में रहना चाहती थी अंदर तक लेना चाहती थी इसलिए वह पूरी तरह से मदहोश होकर अपने प्यासे होठों को अपने बेटे के लंड की गरम सुपाड़े पर रख दी और अपने होठों का दबाव सुपाडे पर एकदम से बढा दी,,,, अपनी मां की इस हरकत पर संजू पूरी तरह से मदहोश हो गया और मदहोशी में उसकी आंखें एकदम से बंद हो गई वह अपनी कमर पर दोनों हाथ रख कर अपनी मां की हरकत का मजा लेने लगा देखते ही देखते आराधना धीरे-धीरे करके अपने बेटे के समूचे लंड को अपने मुंह में गप्प कर गई,,,, अपनी मां की इसी अदा पर उसकी इसी हरकत पर संजू चारों खाने चित हो जाता था,,,,, आराधना अपनी हरकत से अपने बेटे को तड़पाना भी अच्छी तरह से जानती थी वह संजू के लंड को अपने गले तक उतार कर कुछ देर तक उसे पूरी तरह से अपने मुंह में लेकर उसे दाएं बाएं हिलाकर झनझना देती थी,,,, और जैसे ही उसे लगने लगता था कि सांस लेने में से थोड़ी तकलीफ हो रही है वह तुरंत बाहर निकाल देती थी और संजू का लंड पूरी तरह से उसके थूक और लार में सना हुआ और भी ज्यादा मादकता लिए हुए नजर आता था,,, और फिर अपने सांसों को दुरुस्त करके आराधना फिर से उसे अपने मुंह में ले लेती थी इस तरह से संजू की तड़प अपने लंड को अपनी मां की चूत में डालने के लिए और ज्यादा बढ़ जाती थी आराधना अच्छी तरह से जानती थी कि जब जब वह अपने बेटे के साथ इस तरह की हरकत करके उसे पूरी तरह से मदहोश करती थी तब तक संजू उसे जमकर चोदता था,,,,, और ऐसा चोदता था कि उसकी चूत फैला देता था जिससे आराधना को दो-तीन दिन चलने में तकलीफ होने लगती थी लेकिन यह तकलीफ इस आनंद के आगे कुछ भी नहीं थी आराधना के लिए यह सुख थोड़ी सी तकलीफ के लिए छोड़ नहीं सकती थी,,,।
आराधना अपने बेटे को मस्त करती हुई


आराधना आज संजू पर पूरी तरह से छा चुकी थी एक तरह से,,, आज वह अपने बेटे को पूरी तरह से मस्त कर देना चाहती थी और खुद भी मस्त हो जाना चाहती थी कुछ देर तक इसी तरह से वह अपने बेटे को लंड चुसाई का आनंद देती रही,,,, लेकिन अब उसकी चूत में भी खुजली मच रही थी वह भी अपने बेटे के आगे अपनी चूत परोस कर उसकी सेवा का आनंद लेना चाहती थी,,,, इसलिए वह घुटनों के बल बैठ गई और अपनी साड़ी को धीरे-धीरे कमर तक उठाते वह साड़ी के अंदर कुछ भी नहीं पहनी थी वह साड़ी के अंदर पूरी तरह से नंगी थी यह देखकर संजू के तन बदन में आग लग गई और वह बोला भी,,,।
आराधना अपने बेटे के सामने अपनी गांड परोसती हुई


मम्मी आज तुमने चड्डी नहीं पहनी हो,,,,


नहीं रे आज बिल्कुल भी नहीं पहनी हुंं,(ऐसा कहते हुए आराधना सूटकेस के ऊपर टांग फैला कर बैठ गई जिसमें से कपड़े निकाल कर वह बैग में भर रही थी सूटकेस पूरी तरह से मजबूत थी ,,,, आराधना बड़े आराम से सूटकेस पर दोनों टांगे फैला कर बैठ गई थी और अपने बेटे को अपनी चूत दिखा कर उसके मुंह में पानी ला रही थी आराधना इस बात को अच्छी तरह से जानती थी कि वीआईपी की सूटकेस होने की वजह से उसकी सूटकेस पर उसकी वजन का कोई भी असर पड़ने वाला नहीं था,,,,, इसलिए वह निश्चिंत होकर अपनी टांगे पसार कर बैठी थी संजू तो अपनी मां की चूत देखकर एकदम मदहोश हो गया,,, उसे अच्छी तरह से मालूम था कि उसे क्या करना और वह तुरंत अपनी घुटनों के बल ही आगे बढ़ा और अपनी मां की मोटी मोटी जांघों पर अपनी हथेली रखकर उसकी लप-लपाती हुई चूत पर अपने होंठ रख कर से चाटने शुरू कर दिया संजू पागलों की तरह अपनी मां की चूत को चाट रहा था उसमें मदन रस भरा हुआ था जिसे वह अपनी जीभ से चाट कर गले के नीचे उतार रहा था अपने बेटे की हरकत पर आराधना गहरी गहरी सांस लेते हुए सिसकारी छोड़ रही थी दोनों पूरी तरह से मस्त हो चुके थे संजू का लंड पूरी तरह से तैयार था अपनी मां की चूत में जाने के लिए और वह धीरे से अपने होठों को अपने मां की चूत से अलग किया और अपने लंड को अपनी मां की चूत में डालने की तैयारी करने ही वाला था कि दरवाजे पर दस्तक होने लगी,,,,,,, दरवाजे पर दस्तक की आवाज को सुनकर दोनों एक दूसरे को देखते हुए यह सोचने लगी कि शायद दरवाजे पर मोहिनी है इसलिए दोनों निश्चिंत हो गए और दोबारा संजू अपने लंड को पकड़ कर अपनी मां की चूत की तरफ़ आगे बढ़ने लगा लेकिन फिर से दस्तक की आवाज हुई और आवाज आई,,,,
संजू अपनी मां की चूत में डालने की तैयारी में

दरवाजा खोल,,,,
(इतना सुनते ही दोनों एकदम से घबरा गए)
 
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