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Incest मजबूरी या जरूरत

rohnny4545

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Gaon ka maja hi alag hai bhai...Sayad wahan dono bahane rk sath sanju ja maje le aur ek nahi raha khile ya phir..Papi shadi se pahale shugraat banaye ..Ho sakata..Mami ka number lage..Dekte hai..Kya hota hai.... Hoga kya ye sab toh rohnny4545 bhai he jane..Hune toh bus maja lena hai

सच कह रहे हो दोस्त गांव को गांव होता है।
ईस तरह से संजू अपनी मां की चुदाई करता हुआ
 

rohnny4545

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Gaon ka maja hi alag hai bhai...Sayad wahan dono bahane rk sath sanju ja maje le aur ek nahi raha khile ya phir..Papi shadi se pahale shugraat banaye ..Ho sakata..Mami ka number lage..Dekte hai..Kya hota hai.... Hoga kya ye sab toh rohnny4545 bhai he jane..Hune toh bus maja lena hai
बहुत-बहुत धन्यवाद,,,, इसी तरह से कहानी से जुड़े रहीए।
आराधना अपने बेटे को तैयार करती हुई
 

MOMMY LOVER

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संजू ने बड़ी चालाकी से अपनी मां की आंखों के सामने ही अपनी छोटी बहन की चुदाई करके उसे भी इस खेल में पूरी तरह से शामिल कर लिया था और यह खेल दोनों भाई बहन मिलकर सफलतापूर्वक निपटा चुके थे,,,, संजू और मोहिनी दोनों नाटक कर रहे हैं इस बात का आभास तक नहीं हुआ आराधना को वह तो मूकदर्शक बनकर सब कुछ अपनी आंखों से देख रही थी अपनी आंखों के सामने ही अपने परिवार को वासना के सागर में डूबते हुए देख रही थी वह कभी सोची नहीं थी कि उसके परिवार में इस तरह के रिश्ते कायम हो जाएंगे बहन का भाई के साथ भाई का मां के साथ लेकिन आराधना यह सब अच्छी तरह से जानती थी कि जो कुछ भी हो रहा है सब कुछ गलत है समाज की नजर में लेकिन इस बात की संतुष्टि उसे थी कि जो कुछ भी हो रहा है वह चारदीवारी के अंदर हो रहा है पर वह भी एक दूसरे की सम्मति से जिसके बारे में बाहर वालों को कानो कान खबर तक नहीं पड़ेगी इस बात की तसल्ली से वह अपने मन को दिलासा देती थी,,,, और इस खेल का भरपूर मजा भी ले रही थी,,,,



रात की घमासान चुदाई और थकान से चूर होकर तीनों एक ही बिस्तर पर नग्न अवस्था में सो गए थे और सुबह सबसे पहले आराधना की नींद खुली थी और वह नित्यक्रम करके नहा धोकर तैयार हो गई थी और अपने कमरे में आकर अपने बेटे और अपनी बेटी को नग्न अवस्था में देखकर मंद मंद मुस्कुरा रही थी मोहिनी के नंगे बदन पर नजर डालकर वह अपने आप पर गर्व कर रही थी कि उसकी बेटी भी उसकी तरह ही खूबसूरत है,,,,, आराधना मोहिनी को जगाते हुए उसकी गोल-गोल गांड पर हाथ रखकर उसे झकझोरते हुए बोली,,,,।


उठ मोहिनी सुबह हो गई है देख तो सही तू किस अवस्था में सोई है तुम दोनों इतना थक गई कि सुबह होने का भान तक नहीं है,,,,,।

(अपनी मां की आवाज को सुनकर मोहिनी और संजू दोनों धीरे से आंख खुले तो दोनों की नजर आपस में टकरा गई दोनों को जब स्थिति का भान हुआ तो दोनों एकदम से चौंक गए मोहिनी की तो एकदम से हालत खराब हो गई वह अपनी मां की आंखों के सामने अपनी मां के बिस्तर पर अपने भाई के साथ नंगी सोई हुई थी,,,, वैदम से उठ कर बैठ गई और बिस्तर पर पड़ी चादर को अपने नंगे बदन पर डालते हुए बोली,,,।



कितना बज रहा है मम्मी मेरी तो आंख ही नहीं खुली,,,


कैसे खुलेगी रात भर मेहनत जो की हो,,,,।
(मेहनत शब्द के मतलब को मोहिनी अच्छी तरह से समझती थी इसलिए अपनी मां की बात सुनते ही उसके चेहरे पर शर्म की लालिमा छा गई और वह शरमा कर अपनी नजरों को नीचे झुका ली लेकिन संजू बिल्कुल बेशर्म बना हुआ था सुबह का समय था इसलिए औपचारिक रूप से उसके बदन की गर्मी से उसके लंड में तनाव बरकरार था,,, वह भी अपनी बहन की तरह बिस्तर पर उठ कर बैठ गया लेकिन अपने नंगे बदन को छुपाने की बिल्कुल की कोशिश नहीं कर रहा था क्योंकि वह अच्छी तरह से जानता था कि आप छुपाने लायक कुछ भी नहीं है,,,,, पर अपनी मां की बात सुनकर वह मोहिनी की तरफ मुस्कुरा कर देखते हुए बोला,,,)



तुम दोनों से ज्यादा तो मुझे मेहनत करना पड़ा था,,,, तुम दोनों की चूत इतनी कसी हुई है कि मेरे लंड की हालत खराब हो गई,,,,।
(मोहिनी तो अपने भाई के मुंह से इस तरह की बातें सुनकर एकदम शर्म से पानी-पानी हो गई और थोड़ा बहुत शर्म की लालिमा आराधना के भी चेहरे पर साफ झलक रही थी लेकिन वह अपने बेटे की बात सुन कर मुस्कुरा रही थी,,,, और अपनी कमर पर हाथ रखते हुए बोली,,,)

मेरी तो ठीक है लेकिन मोहिनी की चोट पर तुझे कुछ ज्यादा मेहनत करनी पड़ गई मोहिनी का पहली बार था ना इसके लिए मम्मी की चूत कुछ ज्यादा ही कसी हुई होगी,,,,,
(मोहिनी तो अपनी मां की बात सुनकर उत्तेजना और शर्म से गदगद हुए जा रही थी,,, अपनी मां की बेशर्मी से भरी हुई रंडी वाली हरकत को तो अच्छी तरह से जानती थी लेकिन उसकी मौजूदगी में भी और पहली बार में ही उसकी मां इस तरह से बात करेगी उसे यकीन नहीं हो रहा था इसलिए सुबह-सुबह अपनी मां के मुंह से इस तरह की गंदी बात सुनकर वह हैरान भी हुए जा रही थी और अत्यधिक उत्तेजित भी हो जा रही थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें चादर के अंदर उसका पूरा बदन नंगा था, जो कि रात को उसके भाई ने अपने हाथों से उसके एक-एक कपड़े उतारकर उसे नंगी किया था,,,,, अपनी मां की बात सुनकर आग में घी डालने का काम करते हुए संजू बोला,,,,)



रात को मेरा लंड ले लेकर मोहिनी की चूत अब थोड़ी ढीली हो गई होगी,,,,,,,, क्यों मोहिनी सच कह रहा हूं ना,,,,

(मोहिनी क्या कहती उससे तो कुछ भी बोला नहीं जा रहा था भले ही वह अपने भाई के साथ पूरी तरह से खुल चुकी थी और रात को बेशर्मी की सारी हदें पार करते हुए अपनी मां के सामने भी अपने भाई के लैंड को अपनी चूत में लेकर चुदाई का अद्भुत आनंद लूट चुकी थी लेकिन फिर भी इस समय अपनी मां के सामने उसे शर्म महसूस हो रही थी इसलिए अपने भाई की बात सुनते ही वह अपने बदन पर चादर लपेटे हुए ही बिस्तर से उठने की कोशिश करते हुए बोली,,,)



बाप रे तुम दोनों की बातें सुनकर तो मुझे ना जाने क्या हो रहा है तुम दोनों बातें करो मैं जा रही हूं,,,,,(उसका इतना कहकर बिस्तर से उठना था कि संजू उसका हाथ पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींच लिया,,,, और मोहिनी सीधे जाकर संजू की गोद में गिर गई संजु पूरी तरह से नंगा था और पीछे से मोहिनी की गांड एकदम खुली हुई थी और जैसे ही अपने भाई के गोद में गिरी उसका खड़ा लंड उसकी गांड में एकदम से धंस गया और वह एकदम से चौक कर उठने को हुई लेकिन संजू अपने दोनों हाथ को उसकी कमर पर रखकर उसे कस के पकड़ लिया था और अपनी गोद में से उसे उठने नहीं दे रहा था आराधना खड़ी-खड़ी यह द्रश्य देख कर मुस्कुरा रही थी,,,, वह अपनी आंखों के सामने अपने बेटे को अपनी बहन के साथ मस्ती करते हुए देख रही थी लेकिन कुछ बोल नहीं रही थी क्योंकि अब बोलने जैसा कुछ भी नहीं था रिश्तो के बीच की मर्यादा तार-तार हो चुकी थी,,,, वह अपनी बहन की कमर को कस के पकड़ कर उसकी गोल-गोल कांड को अपने लंड पर दबाते हुए बोला,,,)



कहां चली मेरी जान सुबह-सुबह तुम्हारी गांड देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया है,,,,,


जाने दो भाई कुछ तो शर्म करो मम्मी खड़ी है,,,,

रात को मम्मी भी बिस्तर पर नंगी ही थी मैं बारी-बारी से तुम दोनों की चूत में बड़ा लंड डाल रहा था तब शर्म नहीं आ रही थी और अभी शर्म आ रही है,,,,

भाई,,,,आहहह जाने दो भाई,,,,(संजू की पकड़ से छूटने की नाकाम कोशिश करते हुए मोहिनी अपने भाई के लंड पर छटपटा रही थी हालांकि उसे मजा भी बहुत आ रहा था लेकिन अपनी मां के सामने जानबूझकर शर्माने का नाटक कर रही थी लेकिन इसी बीच संजू जल्दबाजी दिखाता हु आपने खड़े लंड को बहुत ही जल्द ही अपनी बहन की चूत के गुलाबी छेद पर रखकर उसकी कमर को नीचे की तरफ दबा दिया और उसकी चूत में लब लबाकर संजू का लंड घुसता चला गया और अपनी मां की आंखों के सामने शर्म और हया का ढोंग करते-करते मदहोशी में मोहिनी की आंखें बंद होने लगी वह मदहोश होने लगी उसके बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी अपने भाई के मोटे तगड़े लंड को अपनी बहन चूत की गहराई में महसूस कर के वह‌ पूरी तरह से मस्ती के सागर में गोते लगाने लगी,,,,। और संजू इसी बीच अपनी बहन की कमर को पकड़े हुए उसे ऊपर नीचे करके अपने लंड पर उठाने और बैठाने के बाद ऐसा करने पर मोहिनी की चूत में संजू का लंड अंदर बाहर होने लगा और लंड के घर्षण से चूत की अंदरूनी दीवारें पिघलने लगी और मोहिनी को आनंदित करने का की मोहिनी मदहोश होकर अपने आप ही अपनी कार को अपने भाई के लंड पर उछालना शुरू कर दी,,,, चुदाई का सुख ईतना अद्भुत और कमाल का होता है कि रिश्ते नातों की गहराई को एक तरफ करके बस आनंदित हो उठता है रिश्ता चाहे जो भी हो बस उसे चुत या बुर की जरूरत होती है लड़कियों और औरतों को लंड के पीछे का रिश्ता बिल्कुल भी दिखाई नहीं देता और ठीक है ऐसा ही लड़कों को भी चूत के पीछे का रिश्ता चाहे जैसा भी हो उसे बिल्कुल भी दिखाई नहीं देता उसे दिखाई देती है तो सिर्फ चुत,,,,।



और इस समय संजू और मोहिनी के साथ भी यही हो रहा था अपनी मां की मौजूदगी में ही संजू अपनी बहन की चूत में लंड डाल रहा था और मोहिनी भी अपनी मां की मौजूदगी में पूरी तरह से मस्त होकर अपने भाई के लंड पर कूद रही थी,,,, यह गरमा गरम नजारा देखकर खुद आराधना की चूत से पानी निकलने लगा लेकिन वह अपनी भावनाओं पर काबू करते हुए बोली,,,।

बाप रे तुम दोनों अभी भी शुरू पड़ गए जल्दी से काम खत्म करके नहा धोकर तैयार हो जाना मैं नाश्ता तैयार करती हूं,,,,,
(इतना कहने के साथ ही आराधना कमरे से बाहर निकल गई हालांकि अपनी बेटी के लंड को अपनी बेटी की चूत में अंदर-बाहर होता हुआ देखकर खुद उसकी चूत पानी छोड़ रही थी और वह खुद अपने बेटे के लंड पर उठक बैठक करना चाहती थी लेकिन वह नहा धोकर तैयार हो चुकी थी इसलिए ऐसा करना इस समय वह जरूरी नहीं समझी,,,,
आराधना की कमरे से बाहर जाते ही संजू अपनी बहन की चूत में लंड डाले हुए उसे घोड़ी बना लिया और घुटनों के बल खड़ा होकर जबरदस्त धक्का लगाना शुरू कर दिया,,, और अपनी बहन की नंगी चूची को जोर जोर से दबाते हुए बोला,,,)


तुमने तो कमाल कर दी मोहिनी रात में मम्मी को ऐसा बेवकूफ बनाई कि मम्मी को चारों खाने चित कर दी मम्मी को तो बिल्कुल भी एहसास तक नहीं हुआ कि तुम नाटक कर रही हो,,,,


भाई तुम भी तो बाद में सारी बाजी को पलट कर रख दिया,,,,


अब हमें किसी का डर नहीं है जब चाहे तब चुदाई का मजा लूट सकते हैं,,,


आहहह आहहहह तुम सच कह रहे हो,,,आहहहह भाई थोड़ा धीरे से,,,,आहहहह अब हमें किसी का डर नहीं है,,,,


हां मेरी रानी अब तेरी चूत से मुझे कोई अलग नहीं कर सकता,,,,,

(कुछ ही देर में संजू अपनी बहन की चुदाई करता हुआ,,, उसे पूरी तरह से तृप्त करता हुआ झड़ गया,,,, अब तीनों को खुला दौर मिल चुका था तीनों को किसी का डर नहीं था तीनों घर की चारदीवारी में सारे रिश्ते नाते को भूल कर एक दूसरे में समा जाते थे और बाहर समाज के सामने रिश्तेदारी निभाते थे इसी तरह से उन तीनों का जीवन अच्छी तरह से गुजरने लगा था तीनों को अब किसी बात की कमी नहीं थी ट्यूशन का काम अच्छा चल रहा था आराधना का ऑफिस का काम भी बहुत अच्छा चल रहा था आमदनी ठीक-ठाक हो जा रही थी जिससे तीनों की जरूरतें पूरी हो जा रही थी और शरीर की जरूरत भी आपस में पूरी हो जा रही थी,,,,,,, जैसे तैसे करके महीनों गुजर गए और तीनों का शारीरिक संबंध और भी ज्यादा गहरा होता चला गया बीच-बीच में संजू मौका मिलते ही अपनी मौसी की चुदाई कर देता था उसे भी पूरी तरह से तृप्ति का एहसास कराता था और मनीषा तो उसकी दीवानी हो चुकी थी खास करके उसकी मर्दानगी की,,,,,,,

अशोक के जाने के बाद आराधना अपने बेटे और बेटी का प्यार पाकर बहुत खुश थी उसे किसी बात की फिक्र नहीं होती थी बीच-बीच में उसे अशोक की चिंता होती जरूर थी लेकिन अब वह अशोक को भी भूल चुके थे क्योंकि संजू भी उसे इतना प्यार और सुख देता था कि अशोक कि उसे जरूरत ही नहीं थी ऐसे ही एक दिन आराधना के मोबाइल की घंटी बजी और आराधना कॉल रिसीव करके हेलो बोली क्योंकि अनजान नंबर था,,,,।


हेलो कौन,,,?


अरे मुझे भूल गई,,,,,
(आवाज कुछ जानी पहचानी लग रही थी वैसे भी कुछ ही महीने हुए थे आराधना को मोबाइल लिए हुए,,,, इसलिए वह समझ नहीं पा रही थी कि आवाज किसकी है,,,)

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मैं माफी चाहती हूं मैं पहचानी नहीं,,,,


अरे पगली सुखदेव बोल रहा हूं,,,,


भैया,,,,,, आप,,,,, नमस्ते भैया,,,,, तबीयत कैसी है सब मजे में तो है ना बच्चे कैसे हैं,,,,


अरे पगली सब एक ही सांस में पूछ डालेगी क्या,,,, सब कुशल मंगल है सब ठीक है,,,,

बहुत दिनों बाद मुझे याद कर रहे हो,,,


क्या करूं आराधना कैसे खबर अंतर पूछता कुछ समझ में नहीं आता यह तो अच्छा हुआ कि मोबाइल है तो आज साधना से नंबर लेकर तुझे फोन किया हूं,,,, और हां लल्ली की शादी तय हो गई है,,,,

क्या बात कर रहे हो भैया हमारी बिटिया इतनी बड़ी हो गई अब शादी लायक,,,


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हां आराधना इसलिए तो फोन किया हूं,,,, 1 सप्ताह बाद शादी है इतनी जल्दबाजी में शादी तय हो गई कि कुछ कर नहीं पा रहा हूं अगर समय होता तो मैं खुद वहां आकर तुम लोगों को गांव लेकर आता लेकिन शादी की तैयारी भी करना है इसलिए फोन से आमंत्रण भेज रहा हूं,,,,, शादी से 5 दिन पहले ही तुम दोनों को परिवार सहित आना है,,,,


इतनी जल्दी,,,,


अरे पगली यह जल्दी है मेरा बस चलता तो महीना पहले से बुला लेता,,,,, कोई दिक्कत है तो बता देना,,,,


नहीं नहीं भैया कोई दिक्कत नहीं है,,,,, मैं आ जाऊंगी वैसे भी बहुत समय हो गया है गांव आए,,,,


ठीक है आराधना मैं फोन रखता हूं दूसरों लोगों को भी बुलाना है,,,,


ठीक है भैया नमस्ते,,,


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खुश रहो,,,,।
(फोन कट गया था आराधना के चेहरे पर संतुष्टि के भाव नजर आ रहे थे बरसो बाद वह गांव जाने वाली थी वह तो अपना मायका ही भूल चुकी थी क्योंकि अपनी गृहस्ती में इतना उलझ गई थी और इतना दुखी थी कि उसे कुछ समझ में नहीं आया और कब इतना समय गुजर गया उसे इस बात का अहसास तक नहीं हुआ लेकिन आज अपने भाई के फोन से पुरानी यादें ताजा हो गई थी वह तुरंत अपनी बड़ी बहन साधना को फोन लगाइ ,,)

हेलो दीदी,,, भैया का फोन आया था,,,

आराधना मुझे भी भैया का फोन आया था लल्ली की शादी तय हो गई है,,,, मैं तो बहुत खुश हूं गांव जाने के नाम से,,, कुछ दिन वहां आराम तो करेंगे,,,


सच कह रही हो दीदी मैं भी यही सोच रही थी,,,,


बात तो ठीक है लेकिन मनीषा नहीं जा पाएगी और ना ही मनीषा के पापा जा पाएंगे मनीषा का एग्जाम शुरू होने वाला है,,,,,


मेरी भी यही दिक्कत है दीदी मोहिनी का एग्जाम शुरू होने वाला है,,,,,


तो कोई बात नहीं मैं तो और संजू चलेंगे बहुत मजा आएगा वैसे भी संजू बहुत छोटा था तब गांव गया था अब गांव जाएगा तो वहां का माहौल देखकर खुश हो जाएगा,,,,


तुम ठीक कह रही हो दीदी,,,,,,


हां आराधना दो दिन बाद ही हमें निकलना होगा क्योंकि 5 दिन पहले से ही भैया हमें अपने घर देखना चाहते हैं,,,,


ठीक है दीदी संजू के आते ही जाने की तैयारी शुरू कर देती हूं लेकिन एक दिक्कत है,,,


कैसी दिक्कत,,,,


मोहिनी,,,,


अरे बुद्धू मैं भी जानती हूं मोहिनी को मेरे घर पर छोड़ देना मनीषा के साथ,,,,


हा दीदी यह ठीक रहेगा,,,,, मनीषा के साथ मोहिनी को छोड़कर मैं निश्चिंत हो जाऊंगी,,,,

चल ठीक है आराधना मैं रखती हूं तैयारी भी करना है 2 दिन का ही समय भी है,,,,


हां दीदी मैं भी संजू से बात कर लूं,,,,


ठीक है,,,(इतना कहकर साधना फोन काट दि)

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cool_rock21

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Kya rohan bhai....three some incest ka ek scene dene ke baad wapas mohini ke character ko side kar rahe ho, teeno ma beta beti ke kuch wild scenes do bhai... plsss... un teeno ko unofficial honeymoon me le jao shimla just like another story:yippi:
 
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rohnny4545

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आराधना गांव जाने के नाम पर बहुत खुश थी और वह भी अपने भाई के लड़की की शादी में जा रही थी बरसों बाद वह घर के किसी सदस्य की शादी में गांव जा रही थी इसलिए खुशी लाजमी थी,,,,,, बहुत जल्द ही उसे तैयारी भी करनी थी शादी में पहनने के लिए नई साड़ी नए कपड़े चाहिए थे इसलिए खरीदी करना भी जरूरी था,,, गांव जाने की बात केवल आराधना और साधना को ही मालूम था आराधना को इस बात से तसल्ली थी कि उसकी बड़ी बहन भी साथ में थी वरना अकेले वहां इतना सफर नहीं कर सकती थी लेकिन वह संजू को भी लेकर जाना चाहती थी क्योंकि संजू अगर साथ में रहेगा तो अच्छा ही रहेगा,,,,,।

आराधना मोहिनी और संजू को रात को खाना खाते समय बताई की लल्ली की शादी में गांव जाना है,,,, इतना सुनते ही संजू और मोहिनी दोनों एकदम खुश हो‌गए क्योंकि गांव जाना होने भी अच्छा लगता था लेकिन कुछ वर्षों से किसी को भी मौका नहीं मिला था गांव जाने का और अब मामा की लड़की में वह लोग शामिल होना चाहते थे लेकिन तभी मोहिनी को याद आया उसका तो एग्जाम है और वो एकदम से निराश हो गई बोली,,,,।

ओहहह नो,,,, मेरा तो एग्जाम है मैं तो नहीं जा पाऊंगी,,,

मुझे मालूम था मोहिनी क्योंकि तुम 3 दिन पहले ही मुझे बताई थी इसलिए तो मुझे चिंता हो रही है कि मैं जाऊंगी कैसे,,,,, वैसे तो बड़ी दीदी भी जा रही है और उन्हें बताया था कि मनीषा के एग्जाम है मनीषा शादी में नहीं जा पाएगी,,,,,,

मैं तो चलूंगा मम्मी कोचिंग का काम मनीषा ही संभाल लेगी,,,,,


चलो यह तो अच्छा हुआ कि तू चलने को तैयार है,,, तू साथ रहेगा तो अच्छा रहेगा,,,,,

मौसी भी चल रही है मम्मी,,,

हां बड़ी दीदी भी जा रही है मतलब कि यह तय हो गया कि हम तीनों को चलना है,,,,


यह तो ठीक है मम्मी लेकिन मोहिनी घर में अकेले कैसे रहेगी,,,,


मोहिनी मनीषा के साथ रहेगी दोनों को एक दूसरे का साथ मिल जाएगा,,,


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हां जी ठीक रहेगा मम्मी मनीषा दीदी के साथ मुझे भी रहने का मौका मिल जाएगा,,,,(मोहिनी एकदम से खुश होते हुए बोली,,,)

वैसे निकलना कब है,,,,?(संजु निवाला मुंह में डालते हुए बोला,,,)

भैया तो जल्दी ही बुलाए हैं 2 दिन बाद निकलते हैं,,,,


हां यह ठीक रहेगा मम्मी तो मैं कल ही हम तीनों की बस की टिकट बुक करवा देता हूं क्योंकि रिजर्वेशन ट्रेन का मिलने से रहा क्योंकि सीजन ही शादी का चल रहा है तो टिकट मिल नहीं पाएंगी बस से सही रहेगा,,,,


हां तु ठीक कह रहा है,,,, हम लोगों को गांव में 15 दिन लग जाएगा मोहिनी तू अपना ख्याल ठीक से रखना वैसे तो मनीषा के साथ किसी भी तरह की तुझे परेशानी नहीं आएगी लेकिन फिर भी मैं बता देती हूं कि पढ़ाई में ध्यान देना और अच्छे मार्क्स लाना,,,,


तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो मम्मी,,,,

(तीनों खाना खा चुके थे,,,,,,, बैठकर गांव जाने की तैयारी करने की बात कर रहे थे उन्हें कपड़े खरीदना था जिसके लिए कल मार्केट जाना था तीनों को बातें करते करते रात के 12:00 बज गए थे संजू अपनी जगह से उठा और बाथरूम में पेशाब करने के लिए चला गया और उसी समय मोहिनी को बड़े जोरों की पेशाब लगी,,,, उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें वह जब अपने आप पर बिल्कुल भी काबू नहीं कर पाई तो बाथरूम के बाहर ही,,, जहां पर बर्तन धोया जाता था और पानी निकलने के लिए जुगाड़ बना हुआ था वहीं पर मोहिनी खड़ी होकर अपनी सलवार की डोरी खोल कर तुरंत सलवार को नीचे घुटनों तक कर दी और अपनी मां की आंखों के सामने ही अपनी गोल गोल गांड दिखाते हुए बैठ गई और पेशाब करने लगी,,,,, आराधना मोहिनी की गोरी गोरी और गदराई गांड देखकर एकदम मदहोश हो गई,,,, ऐसा उसके साथ पहले बिल्कुल भी नहीं होता था,,, लेकिन जब से बिस्तर पर अपने बेटे और अपनी बेटी का साथ पाई थी तब से उसे भी औरतों के अंगों के प्रति आकर्षण होने लगा था और इस समय मोहिनी की गोरी गोरी गांड देखकर उसके मुंह में पानी आ रहा था,,,, वह अपने मन में सोचने लगी कि 15 दिन के लिए गांव जा रही है 15 दिन तक वह मजा नहीं ले पाएगी क्यों ना जो दो रात बची है उसी में मजा लिया जाए,,,,,।


मन में यही सोचकर उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ देने की उसकी चूत से पानी झरने लगा और देखते ही देखते मोहिनी पर साफ करके उठ कर खड़ी हो गई और अपनी सलवार को ऊपर उठा पाती इससे पहले बाथरूम का दरवाजा खुला और संजू बाहर आ गया और देखा तो मोहिनी की नंगी गांड देख कर उसके मुंह में पानी आ गया और वह मुस्कुराता हुआ एक चपत अपनी बहन की गांड पर लगा दिया,,,, जिससे वो एकदम से उछल गई और अपनी सलवार को कमर तक उठाते हुए बोली,,,।

क्या भैया तुम भी मैं तो एकदम से डर गई,,,,


चल कमरे में अभी और तुझे डराऊंगा,,,,

कमरे में मुझे डर नहीं लगता,,,,


क्यों डर नहीं लगता,,,


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कमरे में तुम जो मेरे साथ रहते हो,,,,


तो चल फिर देर किस बात की है,,,(इतना कहने के साथ ही संजु मोहिनी की कलाई पकड़ कर उसे अपने कमरे की ओर ले जाने लगा तभी आराधना बोली,,,,)

तुम दोनों मेरे कमरे में चलो वहीं पर मजा करते हैं वैसे भी 15 दिन तक कुछ करने को मिलेगा नहीं,,,,।
(इस बात से संजू एकदम से हैरान होता हु आराधना की तरफ देखा और बोला)

15 दिन तक कुछ भी नहीं करने को मिलेगा तब तो गांव जाने का कोई फायदा नहीं है तुम तो जानती हो मम्मी तुम्हारी चूत के बिना मुझे नींद नहीं आती,,,,


यही तो 15 दिन तक मुझे भी तो यहां अकेले रहना है मेरा क्या होगा तुम दोनों ने मिलकर जो मेरे बदन में नशा भरा है वह अगर नहीं मिलेगा तो मेरा तो बुरा हाल हो जाएगा,,,,


गांव में शादी का माहौल है सब रिश्तेदार नाती आस-पड़ोस के लोग घर में इकट्ठा रहेंगे तो मौका कहां मिलेगा इसीलिए तो कहती हूं कि दो रात है तो रात में मजा कर लो,,,,
Mohini kurti utarte huye


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हां यह आइडिया तो बिल्कुल ठीक है,,,(मोहिनी एकदम से खुश होते हुए बोली,,, तीनों में अब बिल्कुल भी शर्म नहीं रह गई थी तीनों एक दूसरे की हाजिरी में ही एक दूसरे से मजाक और मस्ती किया करते थे एक दूसरे के अंगों को अपने हाथों से पकड़ कर दबा दिया करते थे और ऐसा करने में तीनों को अलग ही मजा मिलता था चारदीवारी के बाहर दुनिया वालों के लिए समाज वालों के लिए वह तीनों मां बेटे भाई बहन थे लेकिन चारदीवारी के अंदर केवल औरत और मर्द थे जो एक दूसरे से आनंद के सिवा और कुछ नहीं चाहते थे,,,,,,


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आराधना संजु मोहिनी को लेकर अपने कमरे में दाखिल हो गई और खुद ही दरवाजा बंद करके कभी लगा दी यह जानते हुए भी कि घर में उन तीनों को सिवा और कोई भी नहीं है और कोई आने वाला नहीं है लेकिन फिर भी एहतियात के तौर पर वह दरवाजा बंद करके कड़ी लगाती थी क्योंकि बंद दरवाजे के अंदर यह खेल खेलने में कुछ ज्यादा ही मजा आता है,,,,, कमरे में प्रवेश करते ही संजू से रहा नहीं गया और संजू तुरंत अपनी मां को उसका हाथ पकड़कर अपनी तरफ खींच लिया और उसे अपनी बाहों में भर लिया वह पीछे से अपनी मां को अपनी बाहों में फंसा हुआ था उसकी बड़ी बड़ी गांड उसके खड़े लंड पर एकदम टनटना रहा था,,,, आराधना अपनी गांड पर अपने बेटे के लंड की चुभन को महसूस करके पूरी तरह से मस्त हो गई और जो क्रिया उसके बेटे ने उसके साथ किया था वही क्रिया को दोहराते हुए वह मोहिनी की कलाई पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींच ली और उसे वह खुद अपने पीछे से उसे अपनी बांहों में भर लिया और उसकी छोटी छोटी चूची को कुर्ती के ऊपर से ही दबाते हुए बोली,,,,।


ओहहह मोहिनी देखना तेरी चूची भी बड़ी बड़ी हो जाएगी तो भी बहुत मस्त लगने लगेगी,,,,।

ओहहहह मम्मी ने भी यही चाहती हूं कि मेरी चूची भी तुम्हारी चूची की तरह हो जाए क्योंकि तुम्हारी क्योंकि मुझे बहुत अच्छी लगती है बड़ी-बड़ी एकदम कैसी हुई,,,

हो जाएगी मेरी रानी जब तेरा भाई से मुंह में लेकर पिएगा ना तब तेरी चूची भी मेरी तरह हो जाएगी,,,,(ऐसा बोलते हुए आराधना अपनी बेटी की कुर्ती को ऊपर की तरफ उठाकर उसे नंगी करने लगी और मोहिनी भी अपनी मां का साथ देते हुए अपने दोनों हाथों को ऊपर उठाकर कुर्ती को निकलवाने में उसकी मदद करने लगी और देखते ही देखते आराधना मोहिनी की कुर्ती को निकाल कर बिस्तर पर फेंक दिया और उसकी ब्रा के हुक को खोलना शुरू कर दी और पीछे संजू अपनी मां की साड़ी की गीठान को खोलकर उसे धीरे-धीरे उतारना शुरू कर,,,, दिया,,, और देखते ही देखते संजू अपनी मां की साड़ी को खोलकर नीचे जमीन पर फेंक दिया और उसके ब्लाउज के बटन को खोलने लगा,,,,।

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तीनों अपने अपने तरीके से मजा ले रहे थे समझो देखते ही देखते अपने हाथों से अपनी मां के कपड़े उतार कर उसे पूरी तरह से नंगी कर दिया था और आराधना ब्रा का हुक खोलने के बाद मोहिनी की बाहों में से उसके ब्रा को निकाल कर बाहर फेंक दी थी और उसकी सलवार की डोरी को एक झटके से खींचकर उसकी सलवार को ढीली कर दी है उसे नीचे की तरफ उतारने लगी जोकि मोहिनी खुद ही अपने कपड़े उतार कर नंगी होने के लिए उतावली होने लगी देखते ही देखते मोहिनी संजू और आराधना कमरे के अंदर पूरी तरह से नग्न अवस्था में हो गए संजू का लंड पूरी तरह से अपनी औकात में खड़ा था जिसे आराधना घुटनों के बल बैठ कर उसे पकड़कर अपने मुंह में ले कर रही थी और आराधना भी अपनी मां के बगल में बैठ कर अपने नंबर का इंतजार कर रही थी जो की आराधना खुद उसे यह शुभ अवसर देते हुए अपने हाथों से अपने बेटे के लंड को पकड़ कर अपनी बेटी के मुंह में डालकर उसे चूसने के लिए दे रही,,, थी,,,,।

एक साथ दो दो मादरजात नंगी औरतों को अपना लंड चूस वाकर संजू पूरी तरह से आसमान में उड़ने लगा था वह अपनी कमर को हल्के हल्के आगे पीछे करके हिलाता हुआ अपनी आंखों को बंद करके अपने दोनों हाथों को अपनी मां और अपनी बहन के सर पर रख कर उन पर दबाव देता हुआ अपने लंड की तरफ खींच रहा था,,,,, कुछ देर तक इसी तरह से मजा लेने के बाद संजू अपनी बहन को बिस्तर पर लिखकर पर लेटा कर उसकी दोनों टांगों को फैला कर उसकी चिकनी चूत पर अपने होंठ लगाकर उसकी मलाई को चाटने शुरू कर दिया और आराधना अपनी दोनों टांगों को मोड़कर घुटनों के बल होकर अपनी चूत को मोहिनी के होठों पर रखकर उसे रगड़ना शुरु कर दी मोहिनी भी मौके की नजाकत को समझते हुए,,,, अपनी जीभ को बाहर निकालकर अपनी मां की मोटी मोटी जागो को दोनों हाथों से पकड़कर अपनी मां की चूत चाटना शुरू कर दी,,,,


बेहद उन्मादक और मदहोश कर देने वाला दृश्य आराधना के कमरे में रचा जा रहा था,,,, एक तरफ संजू अपनी बहन की चूत चाट रहा था और दूसरी तरफ मोहिनी अपनी मां की चूत चल रही थी आराधना गरमा गरम सिसकारी लेते हुए अपने हाथों से अपनी बड़ी बड़ी चूची को दबा रही थी और समझो भी दोनों हाथों को आगे बढ़ाकर अपनी बहन के नारंगी को पकड़कर उसका रस निचोड़ रहा था,,,,,, कुछ देर तक आराधना अपनी बेटी के चेहरे पर ही अपनी चूत कोरा करती रही और अपनी चूत की मलाई से उसके चेहरे का फेशियल करती रही और फिर अपनी बड़ी बड़ी गांड को घुटनों के बल पीछे की तरफ लाकर अपने बेटे की आंखों के सामने कर दी और संजू पागलों की तरह अपनी बहन की चूत चाटते हुए अपनी मां की बड़ी बड़ी गांड को दोनों हाथों से पकड़ कर बारी बारी से अपनी मां और बहन दोनों की चूत को चाटना शुरू कर दिया और आराधना अपनी छाती पर लटकती हुई पपिया जिसे चूची का एक हाथ से पकड़ कर अपनी बेटी के मुंह में डालकर उसे पीने के लिए इशारा करने लगी और मदहोशी में मोहिनी भी अपनी मां की दोनों चूची को हाथ में पकड़ कर उसे बारी-बारी से अपने मुंह में लेकर पी रही थी,,,,
Sanju mohini ko god me uthakar

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गरमा गरम शिसकारियों से पूरा कमरा गूंज रहा था यही तो सबूत था तीनों की आनंददायक काम क्रीड़ा का मां बेटी दोनों अपने संजू के लंड के लिए तड़प रही थी वह दोनों जल्द से जल्द संजू के लंड को अपनी चूत में लेकर तृप्त हो जाना चाहती थी,,,, और संजू सर्वप्रथम अपनी मां की चूत को अग्रिमता देते हुए अपने मोटे और लंबे लंड को अपनी मां की चूत के छेद पर रखकर एक हल्का सा प्रहार किया और चूत की चिकनाहट पाकर लंड सटासट अंदर की तरफ घुस गया और संजू अपनी मां की कमर को पकड़े अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया 20-25 धक्के लगाया था कि फिर अपनी मां की चूत से अपने लंड को बाहर निकालकर अपनी बहन की चूत के मुहाने पर रख दिया और उसकी कमर को पकड़ कर एक धक्का मारा और पूरा का पूरा लंड उनकी चूत में समा गया इस तरह से बारी-बारी से संजू अपनी मां और बहन दोनों को चोद रहा था दोनों एक ही बिस्तर पर संजू की चुदाई का मजा लूट रही थी,,,, आराधना और मोहिनी अच्छी तरह से जानते थे कि 15 दिन तक शायद हो सकता है उन्हें लंड के दर्शन तक ना हो इसीलिए वह दोनों पूरी तरह से इस शुभ अवसर का मजा ले लेना चाहते थे और यह काम क्रीड़ा का खेल सुबह 4:00 बजे तक चला और फिर गहरी नींद में तीनों एक ही बिस्तर पर सो गए,,,,।


दूसरे दिन सुबह जल्दी से उठ गई और नहा धोकर तैयार हो गए आराधना को जल्दी ऑफिस पहुंचने का और अपनी छुट्टी के लिए अर्जी देना था और जाते-जाते आराधना संजू से कह दी थी कि अपनी मौसी से पूछकर परसों की टिकट निकलवा ले,,,,,, और शाम को आकर खरीदी करने के लिए भी जाना था,,,,,,, संजू ने ठीक वैसा ही किया अपनी मौसी को फोन करके वह तीन टिकट बस की कंफर्म करवा दिया था,,,,,,



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15 दिन की छुट्टी लेकर आ रहा था ना शाम को जल्दी घर आ गई हो और संजू के साथ खरीदी करने के लिए निकल गई शादी में पहनने के लिए उसने नई-नई 2 साड़ियां और कुछ कपड़े ली संजू ने भी अपने लिए कपड़े खरीदे पैसों की चिंता अब उन्हें बिल्कुल भी नहीं थी इसलिए निश्चिंत होकर वालों खरीदी कर रहे थे,,,,, आराधना अपनी बेटी के साथ शारीरिक संबंध का रिश्ता बनाकर उसके साथ पूरी तरह से खुल चुकी थी इसलिए बाजार में सबसे नजर बचा कर जब कभी भी दूर जाना होता था तो वह एक बीवी और प्रेमिका की तरह ही संजू की कमर में अपने दोनों हाथ डाल देती थी और,,, खरीदी करते-करते शाम ढल चुकी थी अंधेरा हो चुका था इसलिए लौटते समय खुशी के मारे आराधना अपने बेटे से एकदम से चिपक कर बैठी हुई थी जो कि अशोक की नजर में यह आ चुका था क्योंकि शाम को अशोक भी बाजार में ही था,,,,, अपनी बीवी को इतना निश्चिंत और खुश देखकर और अपने बड़े बेटे के साथ इस तरह से चिपक कर बैठी हुई देखकर अशोक की शंक६ एकदम द्रढ हो गई वह समझ गया कि जरूर उन दोनों के बीच कुछ चल रहा है और वह गुस्से से आगबबूला हो गया लेकिन इस समय वह अपने घर पर जा नहीं सकता था क्योंकि वह भी किसी औरत के साथ ही बाजार में घूम रहा था,,,,।
 
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